द मैट्रिक्स आई एम 100% शर कि ये फ्रेज आपने आज तक कहीं ना कहीं प तो सुना ही होगा न्यू थरी इ ंग िस वन क्रेयर स्प फर्द सजेस्टिंग वी आर लिविंग इन सिमुलेशन मेड अफ प्य थॉट ए इन वी आर लिविंग इन ए सुपर कपुटर बट राद एथिंग यू डू एंड सी एंड टे एथ इट जस्ट इंफॉर्मेशन इन एन आइडिया अ व द टोटली फेक अ इजरी वल्ड द पपल इनसा थ द देर लिविंग अ नर्मल [संगीत] बा g बा t क् आ क् सस एन आई दक् ब सम स इ यू अ फस
टी इ बी प्रोजे ट एड और इसके बारे में यह भी सुना होगा कि हमारी लाइफ को किसी और के द्वारा कंट्रोल किया जा रहा है और यह जो स्टेटमेंट है इसके बारे में कि हमारी लाइफ को किसी और के द्वारा कंट्रोल किया जा रहा है ये सुनने में काफी फिल्मी लगता है लेकिन ये जो कुछ भी है जो हमें सुनने में फिल्मी लगता है यह और कुछ नहीं बल्कि इस दुनिया की कड़वी सच्चाई है और यह जो सच्चाई है यह ठीक उस कड़वी दवा की तरह होती है जो टेस्ट में तो काफी कड़वी होती
है लेकिन हमारी हेल्थ के लिए वो जरूरी होती है यानी कि अगर तो आपको इस मीडियो गटी से निकलना है तो आपको इस सच्चाई को एक्सेप्ट करना ही पड़ेगा कैसी सच्चाई यही कि तुम एक गुलाम होनी हो सभी की तरह तुम एक कैद में पैदा हुए हो एक बंधन में बंधे हो जिसे ना तुम देख सकते हो ना छू सकते हो ट्स वाई मोस्ट लोग इस कड़वी सच्चाई के करीब पहुंचने से पहले ही पीछे हट जाते हैं और इस सब को एक कंस्पिरेशन थ्योरी बोल के कंपलीटली इग्नोर कर दिया जाता है और इस कड़वी सच्चाई
को इग्नोर करना बिल्कुल ऐसा ही है कि मैं बीमार ही मर जाऊंगा लेकिन यह कड़वी दवा तो नहीं लूंगा क्यों क्योंकि यह कड़वी है जो कि अगर असलियत में देखा जाए तो यह बेवकूफी है और कुछ नहीं और यही सेम बेवकूफी रियल लाइफ में ज्यादातर लोग करते हैं द मैट्रिक्स जिसमें हमारा पूरा इकोसिस्टम शामिल है जिसमें हमारे एजुकेशन सिस्टम से लेकर जुडिशरी सिस्टम सिनेमा सोशल मीडिया न्यूज मीडिया इंडस्ट्री म्यूजिक इंडस्ट्री फूड इंडस्ट्री एंड द गवर्नमेंट इट सेल्फ एवरीथिंग इज इंक्लूडेड और इस लिस्ट में ऐसे-ऐसे नेम्स तक है जिनको यहां पर ओपनली डिस्कस तक नहीं किया
जा सकता और अब तक मैंने जितने भी नेम्स लिए और नहीं लिए उन सबसे बनता है हमारा इकोसिस्टम यानी कि एक ऐसा माहौल एक ऐसी झूठी दुनिया जिसमें रूल्स एंड लॉज बनाए जाते हैं क्यों ताकि मेजॉरिटी ऑफ द पॉपुलेशन को एक स्लेव बनाया जा सके और यह एक ऐसा सिस्टम क्रिएट किया गया है जिसके नीचे मेजॉरिटी ऑफ द पॉपुलेशन अपनी पूरी जिंदगी स्ट्रगल करती रहती है और इस पूरे मैट्रिक्स के ट्रैप में फंसाने की शुरुआत हमारे लिए तभी से हो जाती है जब हम स्कूल जाना शुरू करते हैं और यह सिलसिला ऑन एन एवरेज भी
देखें तो 25526 साल तक चलता है और इसके बाद भी 5-6 साल तक गवर्नमेंट जॉब की एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी करते-करते कुल मिलाकर अपनी जिंदगी के 30 से 32 साल इसमें लग चुके होते हैं और उसके बावजूद भी आपको वो जॉब जिसके लिए आपने अपनी जिंदगी के 30 से 32 साल दिए दिए वह जॉब मिलेगी भी या नहीं उसकी कोई गारंटी नहीं है इसी चलते जो है मारे फिर रहे हैं बेरोजगार फिर रहे हैं भैया के जैसे कि उम्र हो गया अभी 32 साल बता रहे हैं ऐसा ही 32 साल 35 साल तक लोग लगा
रहता है 35 साल जो आदमी अपनी जिंदगी का दे देगा अपना जवानी बर्बाद कर देगा सोचिए अगर उसको नौकरी नहीं हुआ उसको कहीं जॉब नहीं मिला तो व आदमी क्या करेगा और बात यूपीएससी एग्जाम तक ही सीमित नहीं है मोस्टली गवर्नमेंट एग्जाम्स की वजह से अगर और देखा जाए तो अल्टीमेटली देश के यंगस्टर्स की जिंदगिया बर्बाद हो रही है दुनिया के किसी देश में जवानी उस तरह नहीं बर्बाद हो रही सरकारी नौकरी के पीछे जैसे भारत में हो रही है क्या कुछ नहीं कर सकते थे ये युवा अगर इन्होंने अपनी जवानी के स्वर्णम वर्षों का
सही इस्तेमाल किया होता और उस सही इस्तेमाल की जगह इनकी जवानी जा रही है मुखर्जी नगर में डिप्रेशन में लौटते हुए यूपीएससी एक चक्रव्यू जैसा है कि आप एक बार एंटर कर गए तो आपको बाहर या तो आप सक्सेसफुली निकलोगे या तो फिर आप चक्र में रह जाओगे तो आपको उससे निकलना बहुत इंपोर्टेंट है आईम नो दिस जर्नी हैज नथिंग पॉजिटिव फॉर मी मेरे लिए कुछ भी पॉजिटिव नहीं निकला इफ आईल गेट चांस टू रीड इट आई विल प्रोबेबली नेवर डू इट मैंने खुद ने भी अपना पूरा सर्कल खत्म कर दिया था मेरे पास फ्रेंड्स
भी नहीं बचे थे मैं कहीं बाहर जाती भी नहीं थी मुझे नहीं पता था कि बाहर में मौसम क्या है क्या नहीं है मुझे नहीं पता होता था इस बारे में और ऊपर से मेंटली इतना ज्यादा हम बर्डन ले लेते हैं कि मेंटली भी कहीं ना कहीं हम सफर कर रहे होते हैं एक सर्टेन एज में जाकर अभी मैं खुद सोचती हूं कि उस टाइम पर मैं इतनी ज्यादा एक्टिव थी ह्यूमर था अभी वो नहीं रहा एक तरह से मैं बहुत ज्यादा सीरियस पर्सन बन चुकी हूं और ऐसी ही लाइफ यंगस्टर्स की बनाने के लिए
मास मीडिया द्वारा हमें आज दिन तक कांस्टेंटली ब्रेन वश किया जा रहा है पर कोचिंग वाले विज्ञापन दे दे के दे दे के 10 लाख लोगों से आवेदन करवा लेते हैं 9 लाख लोग जिनको आवेदन करना भी नहीं चाहिए था वो सिर्फ इसलिए उस रेस में घुस जाते हैं क्योंकि उन पर विज्ञापनों की वर्षा कर दी गई और ऐसा माहौल बना दिया गया कि ये तो यूपीएससी ही तो धर्म है सोशल मीडिया प ऐसा माहौल बना दो फिल्मों में ऐसा माहौल बना दो यूपीएससी ही तो सब कुछ है बट ऑनेस्टली इन माय ओपिनियन गवर्नमेंट शो
को ही एंड गोल बना लेना और अपनी पूरी जिंदगी उसी में निकाल देना और जिंदगी में और कुछ भी ना करना ये बोलने में भी कितना बोरिंग साउंड कर रहा है ये एक्चुअल में आज देश के यंगस्टर्स की लाइफ है जो कई-कई सालों से तैयारी कर रहे हैं इस उम्मीद में कि शायद उनका अगली बार सिलेक्शन हो जाएगा या हुआ भी एग्जाम देने के बाद पता चला कि एग्जाम देके आए बढ़िया से तैयारी करके गए हुए थे अच्छा से एग्जाम दिए पता चला कि पेपर ही उसका लीक हो गया और इस सब के चलते ऐसे
सरकमस्टेंसस बनते हैं वो खुद चाक करर भी इस सब से बाहर नहीं आ सकते क्योंकि उन्होंने अपना टाइम ही इतना इन्वेस्ट कर दिया है इसमें जब आपने तैयारी शुरू करी आप कितने साल के थे सर उस समय हम 18 साल के थे और अभी अभी हम 30 साल के हो गए हैं 30 साल के हो गए पिछले 12 सालों में आपने अपनी जिंदगी में क्या किया जिंदगी में सारी चीज छूट गया सर घर परिवार रिश्तेदार सारे छूट गए हम लोग को बहुत हीन भावना से देखते हैं लोग जो भी देखते हैं हम लोग को बहुत
हीन भावना से परिवार रिश्तेदार तना बात नहीं करते सर और मैं दो साल से गांव में भी नहीं गया अभी तक क दुख है सर क्या बोलूं मैं अपने दुख और पीड़ा को किसी पा सामना नहीं कर सकता हूं सर बहुत संघर्ष से पढ़ा ट्यूशन पढ़ा पढ़ा के मैं 2012 से ट्यूशन पढ़ा पढ़ा के अभी तक मैं पढ़ाई किया हूं और मैं कुछ भी हासिल नहीं कर पाया और मैं कुछ भी हासिल नहीं कर पाया लेकिन घूम फिर के वही बात आ जाती है फर्क किसे पड़ता है जिसके पास पावर है तो है बाकी सब
मरो इस सिस्टम के नीचे बिकॉज द एंटायस इज करप्ट और इस सबका परिणाम भुगतना पड़ता है देश के लोगों को और वह परिणाम है बेरोजगारी नौकरियां उपलब्ध नहीं करीब दो करोड़ से ज्यादा श्रमिकों ने काम छोड़ दिया ये हमारे देश में बेरोजगारी की सच्चाई बेरो ी सबसे बड़ी समस्या और दूसरा यह कि नौकरिया तो है लेकिन योग्यता नहीं कि भारत में ऐसे लोगों की तादाद बढ़ गई है जिन्होंने नौकरी ढूंढने की कोशिश करनी ही बंद कर दी है एआई के एडवांस होने के कारण कई लोगों की नौकरी जा रही है और यह हाल तो तब
है लोगों की जब व पढ़ाई में अपनी 25 से 30 साल लगा चुके हैं इसके बावजूद भी उन्हें सर्वाइवल तक के लिए मजदूरी करनी पड़ रही है सबसे ज्यादा मैं एजुकेटेड हूं जो कि ग्रेजुएट भी हूं और प्लस में कंप्यूटर कोर्सेस भी है मतलब हर चीज की मुझको नॉलेज है नहीं मैंने तब नहीं सोचा था लाइफ में कभी कि मुझे यह काम करना पड़ेगा मैं प्रेजेंट टाइम बिगबास्केट में काम करता हूं जिसमें ऑर्डर डिलीवर करने पड़ते हैं जो जिसमें ग्रोसरी का सामान आता है दूध और कई और इस सबसे बढ़ती है लाइफ में टेंशन फ्रस्ट्रेशन
और हो भी क्यों ना इमेजिन तुमने अपनी जिंदगी के 25 से 30 साल लगा दिए एक जॉब पाने के लिए और इसके बावजूद तुम्हारे हाथ कुछ नहीं लगा और इस जज तक एक इंसान को सब कुछ छोड़ छाड़ के अपनी फैमिली को फाइनेंशियलीईएक्सप्रेस वाले वीडियोस बुक्स पढ़ पढ़ के कहीं ब्रेन वश हो गई और इसी इल्यूजन में रहते हो कि ये भगवान तुम्हारे लिए कुछ करने वाला है यह यूनिवर्स जो तुम सोचोगे वो लाकर देगा ट्रस्ट मी इन सब नॉनसेंस बातों को सबसे पहले तो यह दिमाग से निकाल दो कि यूनिवर्स तुम्हारे लिए कुछ लाकर
भी देने वाला है क्योंकि तुम्हारे जैसे इस दुनिया में बिलियंस भरे पड़े हैं और तुम्हारी कोई इंपॉर्टेंस नहीं है यह कड़वी सच्चाई है मेरी बात सुनो तुम्हें ऐसा सोचना चाहिए कि शायद ऊपर वाला तुम्हें पसंद नहीं करता उसे तुम कभी पसंद नहीं थे हो सकता है उसे तुमसे नफरत हो तुम्हारे साथ इससे भी बुरा हो सकता था अच्छा हमें उसकी जरूरत नहीं है प्लीज मुझे छोड़ दो प्लीज पहले तुम्हें हार माननी होगी डर को भगाना होगा ये स्वीकार करना होगा कि किसी दिन तुम मरने वाले हो तुम नहीं जानते कैसे महसूस होता है जब हम
सब कुछ खो देते हैं तब कुछ भी करने को आजाद होते [संगीत] हैं ठीक है ठीक है और इसको जितना जल्दी एक्सेप्ट कर लोगे उतना जल्दी लाइफ में आगे बढ़ जाओगे और मैट्रिक्स को स्केप करने के लिए जो तुम्हारे पास सबसे पावरफुल वेपन है जो कि मनी से भी लाख गुना ज्यादा पावरफुल है वो है आपका यह समय यानी कि आपकी प्राइम एज और आपकी इसी गोल्डन एज में एक पॉसिबिलिटी है कि तुम इस मैट्रिक्स को स्केप कर जाओगे अगर तो आपको किसी ने भी इस टाइम पीरियड के अंदर सही डायरेक्शन में गाइड कर दिया
या फिर आप इस टाइम पीरियड को सही डायरेक्शन में यूटिलाइज करते हो तो चांसेस बहुत ज्यादा हाई है कि आप इस मैट्रिक्स को स्केप कर जाओगे और फिर क्या अपनी पूरी जिंदगी फुल पोटेंशियल पर जिओगे और ये सिर्फ और सिर्फ तभी पॉसिबल है जब आप अपने इन गोल्डन इयर्स को सही डायरेक्शन में यूटिलाइज करते हो और इंपोर्टेंट बात ये है कि स्ट्रेटेजी के साथ उससे भी इंपोर्टेंट यह है कि सही माइंडसेट के साथ लेकिन यह सब कैसे करना है क्या करना है और क्या नहीं करना है एवरीथिंग वह सब डिस्कवर करने में समझने में और
सब कुछ ऑर्गेनाइज करने में मुझे ऑलमोस्ट ऑलमोस्ट एक साल लग गया और फाइनली इस डॉक्यूमेंट्री के एंड तक वह सब कुछ रिवील होने वाला है बम लान गमें े वव ड देर गे व दे हैड फ ड न वां ए [संगीत] प्रेम बीच हो जाती है जब हम स्कूल जाना शुरू करते हैं और जो एजुकेशन के नाम पर जो स्कूल कॉलेजेस में जो पढ़ाया जाता है रियलिटी में 95 पर इंफॉर्मेशन जो हमें पढ़ाई के नाम पर जो पढ़ाई जाती है वो रियल लाइफ में कभी काम ही नहीं आती है लेकिन क्या आपने कभी ऐसा सोचा
है कि क्यों हमें ऐसी चीजें पढ़ाई जाती हैं जो हमें कभी रियल लाइफ में कभी काम ही नहीं आती अब इसका सिंपल आंसर यही है कि कि दिस एंटायस सिस्टम इज क्रिएटेड्रॉअर्नेविगेटर करेगा बिल्कुल भी नहीं और अगर ऐसा रियलिटी में हो जाए तो पैसे की वैल्यू ही खत्म हो जाएगी और ऐसा तो कभी होगा भी नहीं दैट्ची लाइन को दोबारा से रिपीट कर रहा हूं दिस एंटायस सम इज क्रिएटेड्रॉअर्नेविगेटर अपनी-अपनी वजह हैं इसको जस्टिफाई करने के लिए कि वो क्यों नहीं कर पा रहा या फिर वो क्यों नहीं कर सकता जो वो करना चाहता है
इट्स नॉट बिकॉज कि तुम में काबिलियत नहीं है नॉट बिकॉज कि तुम मेहनती नहीं हो इट्स नॉट बिकॉज कि तुम स्मार्ट नहीं हो इट्स ऑल बिकॉज कि तुम्हें पैदा होते ही तुम्हें उस पक्षी की तरह एक ऐसे सिस्टम का पार्ट बना दिया गया जिसका मकसद ही हमें मीडियो कर रखना है अब आई नो यह बातें आपके लिए नई है और कुछ लोगों को यह बातें चुप भी रही होंगी लेकिन क्या कर सकते हैं सच्चाई जो है सो है और जब मैंने इस एजुकेशन सिस्टम के बारे में खुद से और जानने की कोशिश करी तो जो
मैंने ऑब्जर्व किया वो काफी डिस्टर्बिग था बट एट द सेम टाइम आई ओपनिंग भी था वो ऐसी सच्चाई है ना जो हमारे सामने होते हुए भी हम उसको अवॉइड करते रहते हैं और जब तक अवॉइड करते हैं तब तक हम खुद से ठोक रिखा करना सीख लेते बट वही बात है ना जब पछताने से क्या होगा जब ये जो आपकी गोल्डन एज है जो ये आपका समय है ये बीत चुका होगा और फिर रिग्रेट करने के अलावा तुम्हारे पास कुछ बचेगा भी नहीं और इसीलिए इट्स बेटर कि तुम उस रियलिटी को आज ही देख लो
और कोई ढंग का डिसीजन आज ही लो ना कि आज से 5 साल बाद तो चलो अब बात करते हैं मेरी उन ऑब्जर्वेशंस की सो लेट्स डाइव इनटू डीपर इन टू द रियलिटी ऑफ द सिस्टम फर्स्ट ऑब्जर्वेशन जैसे कि हमारा एजुकेशन सिस्टम कितना अपडेटेड है और कितना नहीं है अगर आपको यह जानना है तो सिंपली अपने चारों तरफ देखो और अब आप जो कुछ भी देख पा रहे होंगे अब चाहे वो कुछ भी हो फैन हो बेड हो खिड़की हो दरवाजा हो यानी कि कुछ भी हो और अभी आपने जो कुछ भी देखा वो आज
से 5 साल पहले 10 साल पहले 15 साल पहले अलग हुआ करते थे राइट यहां तक कि आज का जो फैशन सांस है वो भी आज से 5 साल पहले अलग हुआ करता था और इतना भी दूर क्यों जाना है यहां तक कि जिस फोन में आप यह वीडियो देख रहे हो वह भी आज से 10 साल पहले कुछ इस तरह की हुआ करते थे और जो रिसेंट जो टेक्नोलॉजी है यानी कि चजी पीटी उसके आने के बाद तो दुनिया में मानो रेवोल्यूशन ही आ चुका है एल ू ड थ वी डन थिंक दे कुड
डू एंड दिस इ ग बी वन ऑ द ग्रेटेस्ट बूस्ट ट प्रोडक्टिविटी इन द हिस्ट ऑफ आवर स्पी आई नेवर थ द वी वड बी एबल टू बी डूइंग द ंग डंग वि ए ब अलो वि और अगर आप में थोड़ा सा भी दिमाग है तो आपको इस सब से यह साफ-साफ क्लियर हो जाएगा कि समय के साथ दुनिया की हर चीज बदली है लिटरली हर चीज बदली है बट गैस होट जो हमारे लिए जो सबसे जरूरी है यानी कि हमारी एजुकेशन वही आउटडेटेड हो तो उससे तो हम क्या ही एक्सपेक्ट कर सकते हैं नथिंग
बट स्लेवरी हां सुनने में कड़वा जरूर है लेकिन सच यही है और यह जो सच्चाई है यह ठीक उस कड़वी दवा की तरह है जिसको जितना जल्दी एक्सेप्ट करोगे जितना जल्दी लोगे इस काली गोली को उतना जल्दी लाइफ में आगे बढ़ पाओगे अदर वाइज इसी बीमारी में करोगे यानी कि इसी मीडियो केटी में मरोगे और इसीलिए यह कभी भी उम्मीदें मत लगाना कि ये सिस्टम कभी बदलेगा भी मतलब कि ये जैसा है यह वैसा ही रहने वाला है आपको यह मानकर चलना है और अब जो तुम्हारे पास जो चैलेंज है वो यही है कि तुम
कैसे इसी सिस्टम को यूज करके इसी से निकलोगे और यह सब कैसे करोगे यह सब इस डॉक्यूमेंट्री के एंड तक आपको सब समझ आ जाएगा अगर हम अकडम की बुक्स को देखें तो जो उनमें जो इंफॉर्मेशन होती है वो आज से 10 साल पहले भी वही थी 15 साल पहले भी वही थी और इसमें सरप्राइज होने वाली बात नहीं है अगर आप आज से 20 साल पहले की भी बुक्स देखोगे तो ऑलमोस्ट ऑलमोस्ट वही पैटर्स मिलेंगे आपको पैटर्न से मेरा मतलब है कि जो फंडामेंटली जो इंफॉर्मेशन है जो नॉलेज है वो सेम है अब कुछ
लोग यह भी बोल सकते हैं कि इतने सालों में काफी चेंजेज भी तो हुए हैं ऐसा थोड़ी ना है बेसिक चेंजेज हुए हैं लेकिन उन चेंजेज को हम चेंज कंसीडर ही नहीं कर सकते बिकॉज जो चेंजेज हुए हैं वह इतने स्लो और ना के बराबर है अगर वो ना भी हुए होते तो इनसे कोई फर्क नहीं पड़ता और मजे की बात यह है अगर वह चेंजेज हुए भी हैं तो भी कोई किसी को फर्क नहीं पड़ा और इसीलिए तो हम इस सिस्टम को क्रिटिसाइज कर रहे हैं तो आपसे मेरा एक सिंपल क्वेश्चन है हमारे लिए
एजुकेशन कितनी इंपॉर्टेंट है अब आप ओबवियसली बोलेंगे कि हमारे लिए एजुकेशन बहुत ही ज्यादा जरूरी है इनफैक्ट ये नेसेसरी है इस दुनिया में इस सिस्टम में जीने के लिए राइट ओके तो जैसे कि यह है 12थ क्लास की इंग्लिश की बुक जिसमें एक चैप्टर है डीप वाटर जो कि हमारी सो कॉल्ड एजुकेशन है अब जरा सोच के देखो अगर इस चैप्टर की जगह पर कोई भी चैप्टर हो जैसे कि फॉर एग्जांपल द नोवल तो अब बताओ तुम्हारी लाइफ में कोई बदलाव आता बिल्कुल भी नहीं इनफैक्ट ये तुम्हें फर्क भी नहीं पड़ता कि कौन सा चैप्टर
तुम बस हमेशा की तरह टॉप करने के लिए पढ़ते या फिर सिर्फ पास करने के लिए पढ़ते और तुम्हें लिटरली कोई फर्क ही नहीं पड़ता कि कौन सा क्या चैप्टर ऐड हो रहा है कौन सा क्या चैप्टर रिमूव हो रहा है अब क्वेश्चन ये आता है कि तुम्हें फर्क क्यों नहीं पड़ता क्योंकि ये एक्चुअल एजुकेशन है ही नहीं अगर ये एक्चुअल में एजुकेशन होती तो उसमें से एक भी चैप्टर हटता तो तुम्हारी लाइफ में काफी कुछ मिसिंग रहता और जिसकी कमी तुम्हें तब तक महसूस होती जब तक कि तुम इसे सीख ना लो यह बिल्कुल
ऐसा ही है कि तुम्हारे आसपास के लोग बिल्कुल हिंदी इंग्लिश में बिल्कुल सही से पढ़ पा रहे हैं लेकिन तुम ही नहीं पढ़ पा रहे हो तो ओबवियसली इसकी कमी तुम्हें तब तक महसूस होगी जब तक कि तुम खुद से पढ़ना नहीं सीख जाते और जो कुछ भी मैंने कुछ देर पहले बताया उस सबसे यह प्रूव हो जाता है कि जो हमें पढ़ाई के नाम पर जो पढ़ाया जाता है जो हम पर थोपा जाता है वो एक्चुअल एजुकेशन है ही नहीं इनफैक्ट हमारे एजुकेशन सिस्टम है ना तो कोई एजुकेशन है और ना ही कोई सिस्टम
है और मेरे ओपिनियन में जो एक्चुअली में जो सबसे ज्यादा पढ़ाना जरूरी है मतलब हर इंसान को इन सब्जेक्ट में नॉलेज होनी ही चाहिए स्पेशली उस इंसान को जो अपनी लाइफ में कुछ बड़ा करना चाहता है बट वो नॉलेज आपको कभी नहीं दी जाएगी क्यों क्योंकि जिस तरह से पूरा सो कॉल्ड सिस्टम डिजाइंड है तो इससे तो सबसे पहले तो उम्मीद ही छोड़ दो तो जो एक्चुअल एजुकेशन है जो होनी ही चाहिए लेट्स डाइव इन टू [संगीत] डीपर और यह जो सब्जेक्ट है यह अपने आप में काफी सारे सब्जेक्ट्स को कंबाइन करके एक अकेली सब्जेक्ट
कंप्लीट होती है जिसमें आपकी सबसे पहले तो वर्किंग स्किल्स आपकी नॉलेज सोशल स्किल्स प्रेजेंटेशन स्किल्स और वन ऑफ द मोस्ट इंपोर्टेंट प्रेशर को हैंडल करने की एबिलिटी और इसके अलावा भी इसमें बहुत कुछ होता है और इन सारी सब्जेक्ट का या स्किल्स का बेस है आपका एक्सपीरियंस उन सभी में मतलब कि आपको उन सभी सब्जेक्ट में नॉलेज तो है लेकिन क्या आपके पास उन सभी सब्जेक्ट में एक्सपीरियंस है जो कि 99 पर लोगों को नहीं होता और यह चीज आपने खुद ने भी नोटिस करी होगी कि लोगों के पास नॉलेज तो बहुत सारी होती है
लेकिन उनके पास एक्सपीरियंस नहीं होता सो द लेसन इज कि आपके पास उन सभी सब्जेक्ट में एक्सपीरियंस होना ही चाहिए अगर तो आपको पैसा कमाना है तो पैसा कमाने से मेरा मतलब है कि अंधा पैसा और जब आपको इन सभी सब्जेक्ट में एक्सपीरियंस होगा तो आपका जो कॉन्फिडेंस होगा ना वह आपके बिहेवियर में दिखेगा ना कि तुम्हें यह दिखाना पड़ेगा कि मैं कॉन्फिडेंट हूं अब मुझे नहीं लगता कि आप इस बात की गहराई को देख पा रहे हो या नहीं बट यह एक ऐसी स्टेज होती है जब सक्सेस आपको चेज करती है ना कि आप
सक्सेस को चेज करते हो और ओबवियसली मनी तो उसकी बाय प्रोडक्ट है ही फिर बट शर्त है कि आपके पास उन सभी सब्जेक्ट में एक्सपीरियंस भी हो और साथ ही साथ आप मेहनती भी हो और यही सेम चीज हमें बिलियन मिलियनेयर के साथ रियल लाइफ में होते हुई देख देखने को मिलती है गौतम मनी है लस्ट अराउंड हाफ ऑफ हि पर्सनल फच मतलब कि भले ही वह कितने भी करोड़ों के नुकसान में आ जाए लेकिन इसके बावजूद भी व कुछ ही समय में उसी लेवल पर फिर से चले जाते हैं या इवन उससे भी आगे
निकल जाते हैं पता है क्यों क्योंकि उनके पास होता है एक्सपीरियंस हर एक उस सब्जेक्ट में जिसकी मैंने अभी बात करी और मैं एक्सपीरियंस पर इसीलिए एमफसा कर रहा हूं क्योंकि इसी एक्सपीरियंस की वजह से बिलियनर्स मिलियनेयर जीरो प आने के बावजूद भी कुछ ही समय में टॉप पर चले जाते हैं वेल्थ कैसे क्रिएट करते हैं जिसमें आप पैसों के लिए काम नहीं करते बल्कि पैसा आपके लिए काम करता है और यह आपको तभी पता चलता है जब आप पहले वाले सब्जेक्ट में यानी कि पैसा कैसे कमाते हैं इसमें मास्टर बन जाते हो अदर वाइज
तो यह सब वेल्थ क्रिएट करना यह सब एक ख्वाब है ख्वाब देखने में कोई बुराई नहीं है लेकिन सिर्फ ख्वाब ही देखना इसमें बुराई है और यह मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि ख्वाब देखने को ख्वाब दिखाने को आजकल लोगों ने मोनेटाइजेशन का रास्ता बना लिया है पैसा कमाने का रास्ता बना लिया है लफ अट्रैक्शन मेनिफेस्टेशन एफर्मेशन इनको एक्सप्लोइट कर कर कर करके आपको बिल्कुल ही ब्रेन वश कर दिया है और इससे हमारी ये दो लेसन निकल कर आते हैं कि पहला तो यह है कि सबसे पहले तो इन गुरुओं को देखना सबसे पहले तो
बंद कर दो लॉ ऑफ अट्रैक्शन और दूसरा लेसन यह है कि वेल्थ क्रिएट करने से पहले आपको सबसे पहले तो पैसा कैसे कमाते हैं इसमें मास्टर बनना पड़ेगा यानी कि क्या पैसा कैसे कमाते हैं इसमें मास्टर बनना पड़ेगा और जब आप पैसा कैसे कमाते हैं इसमें मास्टर बन जाओगे तो वेल्थ कैसे क्रिएट करते हैं इस रास्ते तक तुम खुद पहुंच जाओगे जब आपको न्यूट्रिशन के बारे में अच्छी खासी नॉलेज होती है तो आपको यह सब पता होता है कि क्या खाना है क्या नहीं खाना है कितना खाना है और कब नहीं खाना है यह सब
आपको पता होता है जिसके चलते तुम हेल्थी रहते हो और इवन लंबी उम्र तक जिओगे और जैसा कि कहते भी है कि पहला सुख निरोगी काया यानी कि वेल्थ इज द ग्रेटेस्ट वेल्थ और इसी के क्लोज में बढ़ते हैं हमारे चौथे सब्जेक्ट में व्हिच इज जब आपको सेल्फ केयर के बारे में बेसिक अंडरस्टैंडिंग भी होती है तो आप अपनी बॉडी की और अपनी माइंड की उतनी ही केयर भी करते हो कैसे सही हैबिट्स अपना के जैसे कि एक्सरसाइजस इनफ स्लीप मेडिटेशन माइंडफुल और भी बहुत कुछ और ये सब आप तभी कर पाओगे जब आपकी बॉडी
और माइंड दोनों फिट रहेंगे जिसको कि हमने तीसरे सब्जेक्ट में काफी अच्छे से डिस्कस किया हुआ है मैंने जितनी भी एक्टिविटीज को मेंशन किया है ये काफी पावरफुल टूल है अगर तो तुम इनको यूज करते हो अपनी बॉडी को और माइंड को स्ट्रांग बनाने के लिए एक बार के लिए चलो भूल जाओ कि तुम्हें लाइफ में सक्सेसफुल बनना है तो क्या लोगों से बातें नहीं करोगे क्या क्या तुम नहीं चाहते कि लोग तुम्हें रिस्पेक्ट करें और जब तुम कुछ बोलो तो लोग तुम्हें ध्यान से सुने ना कि तुम्हें इग्नोर करें और तुम्हें बिल्कुल भी शर्म
ना आए नए लोगों से बात करने में फ्रेंड्स बनाने में अच्छे से बात करने में कम्युनिकेशन कर पाने में मतलब क्या तुम नहीं चाहते ये सब चीजें आई एम 100% श्यर कि आपका आंसर भी 100% हां ही होगा अगर तो आपका थोड़ा सा भी दिमाग किसका नहीं हुआ है तो और इसीलिए ऑथर डेल का ने की कि यह वर्ल्ड फेमस बुक मैं आपको हाईली रिकमेंड करता हूं इसको कभी भी पैसे जोड़ कर या जब भी तुम्हें लगे कि तुम परचेस कर सकते हो तो प्लीज इसको जरूर से परचेस करना और पढ़ना मतलब कि कोई भी
एक लेसन उठाओ उसको रियल लाइफ में में अप्लाई करो और उसमें मास्टर बन जाओ और फिर जैसे ही कॉन्फिडेंस आएगा तो धीरे-धीरे बाकी चीजें होंगी तो उनको भी अप्लाई कर लेना ट्रस्ट मी अगर तो तुम इतना भी कर लेते हो तो तुम खुद बाद में सोचोगे कि मैंने पहले क्यों नहीं पढ़ी ये बुक कुछ होशियार लोग होंगे जो अभी जाएंगे youtube3 टक टक टक सर्च करके और देख डालेंगे और फिर सोचेंगे कि बुक परचेस करने की जरूरत ही क्या है जरूरत है तो सुनो जो सरीज होती हैं सॉर्ट्स होती हैं रील होती हैं ये तुम्हारी
लाइफ में एक परसेंट भी वैल्यू ऐड नहीं करते और ट्रस्ट मी जैसे कि मैंने बताया कि किस तरह से पूरी बुक को पढ़ना है और सिर्फ एक लेसन को उठाना और वो बाकी सब कुछ जो मैंने बताया है अभी अगर तो तुम उस तरीके से करते हो तो तुम्हारी लाइफ में एक्चुअल में चेंजेज आएंगे खैर आगे बढ़ते हैं तो जिन भी सब्जेक्ट की हमने बात करी है ये कुछ ऐसे सब्जेक्ट है जिनको कहने को तो बिल्कुल बेसिक्स है लेकिन अक्सर हम यह भूल जाते हैं कि बेसिक्स ही फंडामेंटल होते हैं जिनको हमें इस सिस्टम के
अंदर तो कभी भी नहीं पढ़ाया जाता यह तो काफी दूर की बात हो गई असलियत पता है क्या है असलियत तो यह है कि आज के दिन स्कूल जाने वाले बच्चे 12थ कंप्लीट करने के बाद तक भी 12 सालों में इंग्लिश ठीक से पढ़ लिख तक नहीं सकते कैसा क्या एग्जाम एग्जाम तो ठीक गया इंग्लिश का था ना चार लाइन इंग्लिश में इंग्लिश में क्या एग्जाम दे रहे हैं आप लोग कैसा गया एग्जाम इंग्लिश में चार लाइन भी कैसा गया एग्जाम अच्छा गया इंग्लिश में कुछ नो नो नोनो और यह गलती स्टूडेंट की नहीं है
बल्कि टीचर्स की है और अगर एक्चुअल में देखा जाए तो यह गलती और किसी की नहीं बल्कि इस पूरे एजुकेशन सिस्टम की है और दूसरी साइड ऐसे भी लोग है जिन में मैं खुद शामिल हूं जिन्होंने र मूवीज से इंग्लिश सीखी है लिटरली 12 सालों में भी टीचर्स एक लैंग्वेज तक नहीं सिखा पा रहे बच्चों को 12 साल कोई एक एक आप अगर स्किल पे लगा दो आप फाड़ के रख दोगे आप खत्म कर दोगे और उस एज में ठीक है मतलब जिसको इस फील्ड में जाना है वो जाएगा जिसको मैथमेटिशियन बनना है वो बनेगा
जिसको केमिस्ट बनना है वो बनेगा लेकिन पूरी दुनिया को नहीं बनना ना आधी से ज्यादा दुनिया के पास जॉब नहीं है किसी ने जॉब लेना नहीं सिखाया आपको स्कूल में किसी ने बात करनी नहीं सिखाई किसी ने किसी ने बात करनी नहीं सिखाई आपको बात करनी नहीं सिखाते आपको कन्वर्स इन इंग्लिश या ये सब ड्रामे हैं बहुत बड़े-बड़े ड्रामे हैं लेकिन किसी ने बेसिक चीजें नहीं सिखाई और वहीं अगर इसके अपोजिट अगर किसी इंसान को 12 साल के लिए सिर्फ एक स्किल सीखने के लिए लगा दिया जाए तुम्हें नहीं लगता कि वो इंसान 12 साल
में नेशनल लेवल या इंटरनेशनल लेवल पर जीत सकता है ऑफकोर्स जीत सकता है और 12 साल अपने आप में काफी लंबा समय होता है जिसमें एक स्किल में टॉप 1 पर में भी आया जा सकता है और वंस अगेन मैं यह बात रिपीट कर रहा हूं कि 1 पर में भी आया जा सकता है जिसकी ओबवियसली अपनी एक कॉस्ट है और फिर रही बात पैसे कमाने की जिसमें सबका इंटरेस्ट रहता है तो किसी भी फील्ड में अगर तुम टॉप 1 पर में हो चलो 1 पर को भी छोड़ दिया जाए तो इवन अगर तुम किसी
भी फील्ड के अंदर टॉप 10 में भी आते हो इसके बावजूद भी देयर इज नो लिमिट कि तुम कितना पैसा कमा सकते हो और उस फील्ड में तुम कितना कुछ अचीव कर सकते हो लिटरली देयर इज नो लिमिट सिर्फ इतना कहा जा सकता है कि इतना आप इस सिस्टम के थ्रू सात जन्मों में भी नहीं कर पाओगे दैट्ची और यह सब किसको ही बुरे लगते हैं और अभी-अभी हमने जो कुछ भी डिस्कस किया वह सब एक एक्सट्रीम इंफॉर्मेशन थी जिसे बिल्कुल आप ऐसे समझो कि यह करंट की वायर है जिसको अगर आप सही यूज करो
तो इसके काफी फायदे हैं आपके लिए राइट और वही अगर आप इसको थोड़ा भी गलत इंटरप्रेट करते हो यानी कि इसको गलत समझते हो तो यह तुम्हारी जान भी ले सकता है आई होप कि आप समझ पाए होंगे कि मैं क्या कहना चाह रहा हूं और मैं आपसे पर्सनली यही कह रहा हूं कि यह सब रिलाइज करना भी जरूरी है बट इससे पहले सबसे इंपोर्टेंट बात अगर आप इस वीडियो को यहां तक ध्यान से देख रहे हो तो मैं आपको पहले ही अवेयर कर देता हूं कि आपके थिंकिंग में यह दो बड़े चेंजेज आ सकते
हैं जो शायद तुम्हें खुद को भी पता ना चले तो फर्स्ट चेंज जो आपके थिंकिंग में आ सकता है कि अभी तक जो कुछ भी इस डॉक्यूमेंट्री में एक्सप्लेन किया गया है या फिर जो कुछ भी एक्सप्लेन आगे किया जाएगा आप उस सब को समझोगे और लाइफ में सही डिसीजन लेकर आगे बढ़ जाओगे मींस के जो भी डिसीजंस लोगे वो सारे कैलकुलेटेड होंगे और वो सब तुम्हारी लाइफ के हिसाब से होंगे ना कि उस फलाने के हिसाब से कि उसने यह किया तो वो वो बन गया तो मैं भी यह करके वो बन जाऊंगा ऐसा
नहीं होता है रियल लाइफ में और ये जो बेवकूफी है ना यह लाइफ में कभी भी मत करना अब जो दूसरा चेंज है ना यह अगर बाय चांस भी तुम्हारे साथ होता है तो यह बिल्कुल भी मत होने देना और वोह जो चेंज है जो तुम्हारी थिंकिंग में आ सकता है वो यह है कि तुम इस सबको इको सिस्टम को मैट्रिक्स को सोशल मीडिया को एजुकेशन सिस्टम को सरकार को सबको इन सब को ब्लेम करोगे इन सबको गाली दोगे जैसा कि बहुत लोग करते हैं और अपने अंदर ही अंदर एक नफरत पैदा कर लोगे कि
यह सब फ्रॉड है अब ऐसा नहीं है कि ये सिस्टम करप्ट नहीं है यह तो है ही अब है तो है अब आगे क्या क्या मतलब इसी को गाली देकर देकर यहीं पे सड़ ही रहना है या फिर आगे भी बढ़ना है लाइफ में तो अब जो चैलेंज है तुम्हारे सामने वो यही है कि तुम्हें इस सिस्टम से होकर ही गुजरना पड़ेगा अगर तो तुम किसी एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी कर रहे हो तो करते रहो नो प्रॉब्लम एक बार स्टेबिलिटी लाओ लाइफ में सबसे पहले तो जो पैसों के लेकर जो चिकचिक होती है सबसे पहले
तो इससे ऊपर उठ जाओ और यह बात याद रहे कि जॉब मिलने के बाद उसी में सेटल नहीं हो जाना है वहीं पे मैट्रिक्स को स्केप करने की हमारी इस पूरी जर्नी में हमारा जो अल्टीमेट गोल है वो ये होना चाहिए कि हम कैसे फाइनेंसियल फ्रीडम को अचीव करें एंड ऑलवेज रिमेंबर कि मैट्रिक्स स्केप करने से मतलब होता कि आपके पास एटलीस्ट इतने पैसे हो कि तुम्हें कोई भी चीज खरीदने से पहले यह सोचना ना पड़े इन शॉर्ट पैसों की वजह से तुम्हारी लाइफ में कोई भी चिकचिक होनी ही नहीं चाहिए और ये एक मात्र
एक ऐसी स्टेज होती है जिससे मोर देन 95 पर पॉपुलेशन कभी ऊपर उठ ही नहीं पाती है यानी कि क्या वो मैट्रिक्स में ही फंसे रह जाते हैं लेकिन फिलहाल तो हमारे प्रेजेंट की बात करते हैं अभी जो लाइफ में जो पैसों की जो ये दिक्कत है ना सबसे पहले तो इसको कनकर करना पड़ेगा हमें यानी कि सबसे पहले तो हमें फाइनेंशियलीईएक्सप्रेस जाएंगे ये हर एक इंसान के लिए अलग-अलग है कोई शुरू में बिजनेस करेगा तो कोई शुरू में गवर्नमेंट जॉब करेगा तो कोई प्राइवेट जॉब करेगा लेकिन इन सब का सिर्फ एक ही गोल है
यानी कि क्या फाइनेंशियल फ्रीडम लेकिन फाइनेंशियल फ्रीडम अचीव करने में लगने वाला है आपका प्राइसलेस समय जिस समय को शायद आप सोशल मीडिया पर स्क्रॉल कर करके कर करके बर्बाद कर रहे हो सोशल मीडिया अपने आप में ना तो बुरा है ना ही अच्छा है ध्यान में रखने वाली बात यह है कि हमें सोशल मीडिया से दूर नहीं भागना है बल्कि हम इसको यूज करेंगे लाइफ में आगे बढ़ने के लिए और वो सब आप कैसे करोगे इसके लिए हमें सोशल मीडिया को समझना पड़ेगा और सोशल मीडिया के बारे में जितने भी डीप इंसाइट्स हैं वह
सब आप नेक्स्ट चैप्टर में समझ [संगीत] जाओगे सोशल मीडिया के बारे में आई थिंक तुमने आज तक काफी वीडियोस तो ओबवियसली देख ली होंगी कि किस तरह यह इसके एडिक्शन में हमें फंसा देता है और हम ना चाहते हुए भी इस पे समय बर्बाद करते रहते हैं वेल अगर आपके इतने बेसिक्स भी क्लियर है तो आगे इस चैप्टर में जो कुछ भी एक्सप्लेन होगा आप उसको आसानी से समझ जाओगे क्योंकि इस चैप्टर में जो कुछ भी एक्सप्लेन किया जाएगा वो डीप इनसाइट्स होंगी सोशल मीडिया के बारे में जिनसे एक्चुअल में आपकी हेल्प होगी वेल इसके
लिए आपको पूरे ध्यान से सुनना होगा जो कुछ भी एक्सप्लेन किया जाएगा आप एक सिनेरियो इमेजिन करो कि आपके पास ये दो चॉइसेज हैं पहली चॉइस तुम्हारे पास यह है कि तुम्हें कुछ नहीं करना है बस पूरे दिन में अपने मोबाइल को स्क्रॉल करते रहना है मतलब अपने मोबाइल में कभी सोशल मीडिया स्क्रॉल कर रहे हो कभी गेम्स देख रहे हो मतलब कुछ भी यूज कर रहे हो पूरे दिन में और इसके बदले में तुम्हें हर महीने ₹5000000 मिलते हैं और अब बात करते हैं दूसरी चॉइस की तो दूसरी चॉइस यह है कि तुम्हें चार
पा साल तक कड़ी मेहनत कर होगी दिन रात एक करना होगा और इसके बाद अगर तो तुम्हारा सिलेक्शन होता है तो इसके बाद ही तुम्हें हर महीने 0000 मिलते हैं तो अब बताओ तुम कौन सा ऑप्शन चूज करोगे पहला या दूसरा विदाउट एनी डाउट कोई भी इंसान फर्स्ट ऑप्शन ही चूज करेगा और ठीक इसी तरह हमारा दिमाग चुनता है कि हमसे क्या करवाना है और क्या नहीं तुम खुद ही सोचो ना जो खुशी जो एंटरटेनमेंट जो अचीवमेंट वाली फीलिंग तुम्हें हर रोज सिर्फ फोन स्क्रॉल करके मिल जाती है तो तुम वही अचीवमेंट वाली फीलिंग के
लिए तुम सालों मेहनत क्यों करोगे या फिर यह भी कह सकते हैं कि तुम्हारा दिमाग उस अचीव वाली फीलिंग के लिए तुमसे सालों मेहनत क्यों कराएगा जबक उसे फोन स्क्रॉल करके ही सब कुछ मिल जाता है या फिर और भी सिंपल करने के लिए कह सकते हैं कि अगर तुम्हें कोई चीज अभी फ्री में मिल रही है तो तुम उसके लिए सालों मेहनत क्यों करोगे वह जो अचीवमेंट वाली फीलिंग होती है ना जो सक्सेसफुल होने के बाद मिलती है एग्जैक्ट वही अचीवमेंट वाली फीलिंग हमारे दिमाग को हर रोज चीप तरीके से मिल जाती है और
इसीलिए काफी लोग जो स्टॉक की वीडियो संदीप महेश्वरी की या फिर और भी मोटिवेशनल स्पीकर्स की वीडियो देखते रहते [संगीत] हैं और यह चीज तुम ने भी नोटिस करी होगी कि मोटिवेशनल वीडियोस को सक्सेस स्टोरीज को देखने के बाद में कैसे रोंगटे से खड़े हो जाते हैं दैट्ची हरे पे स्माइल भी आती है और हमें ना मतलब एक अच्छा सा फील हो रहा होता है और वो इसलिए होता है क्योंकि हमारे दिमाग को ना अनकॉन्शियसली ये लग रहा होता है कि ये तो मैं हूं मतलब कि मैं सक्सेसफुल बन रहा हूं और यह जो सक्सेसफुल
होने की जो फीलिंग है यानी कि अचीवमेंट वाली ये जो फीलिंग है यह हमें मोबाइल के जरिए इतने इजी तरीके से मिल जाती है कि हमारा दिमाग फिर बार-बार इसी के लिए क्रेव करता रहता है तो फिर हम ना मतलब क्या करते हैं अनकॉन्शियसली हम और भी ज्यादा पॉडकास्ट सुनने लगते हैं ऐसी वीडियोस देखते हैं सेल्फ इंप्रूवमेंट की वीडियोस देखने लगते हैं मोटिवेशनल वीडियोस देखने लगते हैं ऐसे पेजेस को फॉलो करने लगते हैं मतलब 50 न की सारी नॉलेज लेना चाहते हो एक समय पे और ये जितनी भी वीडियोस होती है ना जिसमें सेल्फ इंप्रूवमेंट
बुक समरी मोटिवेशनल वीडियोस ये जितने भी कंटेंट होते हैं जो सो कॉल्ड फील गुड या फिर और पॉजिटिविटी कंटेंट होता है इससे घटिया चीज तुम्हारे लिए या फिर तुम्हारे दिमाग के लिए कुछ हो ही नहीं सकती क्योंकि जब हम ऐसा कंटेंट देखते हैं ना हमारे दिमाग को अनकॉन्शियसली ये लग रहा होता है कि तुम तो भाई लाइफ में फाड़ रहे हो तुम लाइफ में सक्सेसफुल बन रहे हो और फिर इसी के चलते हमारे अनकॉन्शियस माइंड को लगता है कि हमारी लाइफ जो है सेफ एंड सिक्योर है क्यों क्योंकि हम तो प्रोग्रेस कर रहे हैं हां
वो बात अलग है हम असलियत में नहीं कर रहे हैं ये मतलब थोड़ा माइंड का पैराडॉक्स इसको समझने का ट्राई करना क्योंकि आपके लिए बहुत जरूरी है और रही बात सोशल मीडिया की तो हम इसमें फंसते ही क्यों हैं इसका एक रीजन तो मैंने आपको बता दिया अब दूसरा रीजन यह है कि सोशल मीडिया को डिजाइन ही इतने एडिक्टिव तरीके से किया गया है कि इसके ट्रैप में कोई भी फंस जाएगा अगर तो आप बिना किसी पर्पस के मतलब ऐसे ही यूज़ करते हो सोशल मीडिया को तो यह तुम्हें इतनी स्मूथली इसके ट्रैप में फंसाए
कि तुम हर रोज इस पे आओगे और अपना समय बर्बाद करके जाओगे दैट्ची नहीं है ओबवियसली बेनिफिट्स हैं बट जैसा कि मैंने कुछ देर पहले कहा अगर तो आप सोशल मीडिया को बिना किसी पर्पस के मतलब बस ऐसे ही यूज करते हो टाइम पास के लिए यूज़ करते हो तो सोशल मीडिया के जो बेनिफिट्स हैं वो तो गए भाड़ में सिर्फ और सिर्फ आप अपना समय बर्बाद करोगे इसपे और कुछ नहीं और इसीलिए इस सब से ये प्रूव हो जाता है कि तुम्हारा दिमाग पूरी तरह से फक्ड अप हो चुका है या फिर यह कहे
कि इस पूरे सिस्टम ने तुम्हारे दिमाग को फक्ड अप कर दिया है और जिसका कंट्रोल तुम्हारे हाथ में है ही नहीं या फिर यह भी कह सकते कि जो कंट्रोल है वो सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे ही हाथ में है बस देरी है तो यह सब रियलाइफ करने की तो अब बात करते हैं ऐसे प्रैक्टिकल सोलूशंस की जिससे आप सोशल मीडिया को कंकर कर लोगे ना कि इसे छोड़कर भागोगे मतलब सोशल मीडिया को आप यूज करोगे अपने बेनिफिट्स के लिए अब मैं ना तो यह कहूंगा कि सोशल मीडिया बिल्कुल ही छोड़ दो और मैं ना ही
यह कहूंगा कि टाइमर लगा के यूज करो एप्स डिलीट कर दो आईडी लॉग आउट कर दो ये वो ट्रस्ट मी इन सब नॉनसेंस बातों से कुछ नहीं होता है और लास्ट में मैं सिर्फ इतना ही कहूंगा कि ये जो मैं आपको मेथड बताने जा रहा हूं ये 100% वर्किंग है तो वो क्या है तो ध्यान से सुनो तो सबसे पहली बात आपसे मेरी यही है कि तुम इतने तो रिस्पांसिबल बन जाओ इतने तो खुद गे मास्टर बन जाओ कि सोशल मीडिया तुम्हें यूज ना कर सके अब इसका सिर्फ 100% वर्किंग मेथड सिर्फ यही है कि
तुम जब भी सोशल मी एप्स को ओपन करो तो खुद से हर बार यह पूछो कि क्या ये एक्चुअल में ओपन करना जरूरी है या फिर बस मैं ऐसे ही ओपन कर रहा हूं और ऐसे यूज करने से मतलब है कि तुम्हें यूज नहीं करना है और या फिर आपका आंसर हां आए तो ओबवियसली आपको यूज करना है ऐसे में आप अपने दिमाग को एक्चुअल में यूज करते हो ना कि आपका दिमाग आपसे ट्रिक कर रहा होता है बल्कि आप अपने दिमाग को अपने दिमाग से ही ट्रिक कर रहे होते हो समझ रहे हो मतलब
इसको पीछे करके सुनो इसको ध्यान से समझो और इसी मेथड को अगर हम नेक्स्ट लेवल पर लेकर जाएं यानी कि इसके एडवांस लेवल तक को यूज करें तो वो यह होगा तुम सिर्फ और सिर्फ कुछ ही कंटेंट क्रिएटर्स का कंटेंट कंज्यूम करो यानी कि कहने का मतलब यह है कि कंटेंट बिल्कुल लिमिटेड कंज्यूम करो और वो कंटेंट क्रिएटर ना ऐसे होंगे जो आपको लगता है कि आप जिनसे एक्चुअल में कुछ सीखते हो या फिर एंटरटेन होते हो क्योंकि आप जितना कम कंटेंट कंज्यूम करोगे आप उतना ही क्लियर सोच पाओगे और आप जितना क्लियर सोच पाओगे
तो जो कुछ भी आप सीखो ग वीडियोस से या फिर रियल लाइफ से या फिर कहीं से भी तो आप उस नॉलेज को असल जिंदगी में अप्लाई भी कर पाओगे और फिर अप्लाई कर पाओगे तो ओबवियसली ग्रोथ तो होगी ही आपकी और यही तो आपको चाहिए और जैसा कि वन ऑफ द ग्रेटेस्ट फिलोसोफर कन्फ्यूशियस ने भी कहा है कि जो इंसान खुद को कंट्रोल कर लेता है यानी कि जिसका मन उसके कंट्रोल में होता है वो पूरी दुनिया को भी कंकर कर सकता है कुछ ऐसे लोग होते हैं ना जो शायद आप में से भी
कुछ ऐसे लोग होंगे जो दिन भर तुम्हारी लाइफ इतनी तो कंफर्टेबल है कि तुम्हारे पास मतलब कि अच्छा खाना है रहने को घर है एक स्मार्टफोन है और ओबवियसली उसमें हर महीने रिचार्ज भी करा सकते हो और इनके अलावा भी तुम्हारी लाइफ में 500 लग्जरी हैं जिनको तो हम काउंट ही नहीं कर रहे और इस पूरे बिहेवियर से हमारी बॉडी और माइंड को सिग्नल जाता है कि हम सर्वाइवल के एस्पेक्ट में सेफ एंड सिक्योर हैं और हम इंसान ना मतलब कि बायोलॉजिकली ही इस तरह डिजाइंड है कि जब भी हमारा सर्वाइवल सेफ एंड सिक्योर रहता
है तो हम अनकॉन्शियसली कंफर्टेबल हो जाते हैं और ये जो कंफर्ट है ये और कुछ नहीं बल्कि ये वही ट्रैप है जिसमें हम सबको फंसाया गया है ना कि अगर तो तुम्हारी लाइफ कुत्तों जैसी है मतलब कि अपने मोबाइल में रिचार्ज कराने के लिए भी सोचना पड़ रहा है और इनके अलावा भी तुम्हारी लाइफ में 50 प्रॉब्लम है और इसके बावजूद भी तुम इसी अपनी सिट लाइफ में कंफर्टेबल हो जा रहे हो यानी कि मीम्स देख रहे हो बे फजूल का टाइम वेस्ट कर रहे हो फोन चलाने में दोस्त तयारी में या फिर जो कुछ
भी मतलब कि अपना समय बर्बाद कर रहे हो अगर तो तुम ऐसा कर रहे हो अभी अपनी जिंदगी झंड होते हुए भी और इसी में कंफर्टेबल हो जा रहे हो तो इसका सिंपल मतलब है कि तुम इन्हीं प्रॉब्लम्स को इसी सीट लाइफ को बार-बार न्योता दे रहे हो यह सब कर कर के यह बिल्कुल ऐसा है कि तुम्हें पता है कि अगर तुम्हें इस बैल को लाल कपड़ा दिखाऊंगा तो यह मेरे को मारेगा लेकिन इसके बावजूद तुम उसको लाल कपड़ा दिखाते हो क्यों क्योंकि यह करने में तो मजा आ रहा है ना फिर बेल मार
ही क्यों ना दे तो फिर करो मुझे आज ना तो कल या फिर एक ना एक दिन यह बैल तुम्हें जरूर मार देगा और इस कहानी में जो यह बैल था वह था हमारा यह पूरा सिस्टम यह द मैट्रिक्स जो तुम्हें कंफर्ट बेचता है फिल्मों का नसों का सोशल मीडिया का कपड़ों का एडल्ट कंटेंट का मतलब दुनिया भर की सारी चीजें किसके लिए सिर्फ मजे लूटने के लिए मजे करने के लिए सिर्फ कंफर्ट को चेंज करो बस वो भी सिर्फ आसानी से और यह सब तुम्हें आसानी से मिल जाता है या फिर तुम इसी के
ख्वाब देखते रहते हो और इसी में तुम अपनी लाइफ बर्बाद कर देते हो या फिर यह भी कह सकते हैं कि ये तुम्हारी लाइफ बर्बाद कर देता है अब क्वेश्चन ये आता है कि तुम्हारी लाइफ बर्बाद करना ही क्यों चाहता है क्योंकि इसी से तो पैसे बनते हैं एंड [संगीत] [संगीत] दैट्ची या फिर ये भी कह सकते हैं कि ये सब तुम अनकॉन्शियसली इसलिए कर रहे हो क्योंकि तुम ऑलरेडी ब्रेन वॉशड हो ये सब करने के लिए और इसीलिए ये तुमने भी देखा होगा कि मिडिल क्लास फैमिलीज में हमारे पास हजार प्रॉब्लम्स होते हुए भी
बेकार लाइफ होते हुए भी लाइफ में जो पैसों की जो चिकचिक होती रहती है जो दिक्कत है इस सब के बावजूद भी क्योंकि ये एक टाइम के बाद रोज का हो जाता है तो हम इसको अनकॉन्शियसली अवॉइड करने लगते हैं यानी कि उस सबको अवॉइड करके जो घटिया लाइफ है जो सेरियल लाइफ है हम उसी में ना मतलब कि कंफर्टेबल हो जाते हैं क्यों क्योंकि ऐसा तो कोई रीजन है ही नहीं ना कि मतलब कि मुझे तो इस मीडियो गटी से निकलना ही है है ऐसा तो कोई बर्निंग डिजायर जो तुम्हारी कांस्टेंटली जो दिमाग के
अंदर चलता रहता है जो चैन से बैठने ही नहीं देता ऐसा तो कुछ है ही नहीं और यह सिर्फ तभी हो सकता है जब तुम्हारा सर्वाइवल खतरे में या फिर यही तुम्हारी अर्जेंसी बन जाए कि लाइफ में कुछ करना है या फिर मुझे गरीब नहीं रहना है क्योंकि इतिहास गवाह है कि जब भी किसी के सर्वाइवल प बात आई है तो वह हमेशा जीतता है एक बार के लिए आपके गोल्स फेल हो सकते हैं आपने जो ड्रीम देखे थे वो टूट सकते हैं लेकिन अगर तो आपकी सरवाइवर प बात आती है या फिर आपकी अर्जेंसी
प बात आती है तो आप उसको हमेशा पूरा करोगे ही करोगे और ये मैं अपने आप से नहीं कह रहा हूं इसका इतिहास गवाह है एलेक्जेंडर द ग्रेट जिसकी अर्जेंसी थी कि मुझे पूरी दुनिया पर राज करना है पूरी दुनिया को कनकर करना है तो उसने किया भी और कहानियों में ऐसा कहा भी जाता है अब मेरे को नहीं पता कि कितना सच है या फिर कितना झूठ है लेकिन कहानियों में कहा जाता है कि अलेक्जेंडर द ग्रेट इतना पागल था कि व अगर तो व पूरी दुनिया पर राज नहीं करता तो वह शायद मर
ही जाता वह इतना पागल था हमारे सिपाही अच्छी तरह से सब देख चुके हैं सिकंदर उस परस जाने का कोई रास्ता नहीं और मैं जितने मुल्कों से गुजरता हूं मेरे हर ख्वाब से उतना ही दूर होता जाता हूं शादी सिलसिला मरने तक चले फिर भी मैं इसी ख्वाब की तलाश में आगे तक बढ़ता ही जाता हूं कहां है घर इसीलिए जो उसकी अर्जेंसी थी व उसके सर्वाइवल से कनेक्ट थी और इसीलिए उसने पूरी दुनिया पर राज किया या फिर साइंटिस्ट स्टीफन किंग जिनकी अर्जेंसी थी कि वो साइंस वर्ल्ड में कुछ करेंगे इवन उनकी बॉडी 21
इयर्स की उम्र में पैरालाइज हो जाती है लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने अपनी अर्जेंसी को पूरा किया मतलब समझ रहे हो उनकी पूरी बॉडी पैरालाइज होने के बावजूद भी उन्होंने वो कर दिखाया जो शायद आज 99 पर लोग नहीं कर सकते और स्टीफन हॉकिंग वो सब इसीलिए कर पाई क्योंकि वो उनकी अर्जेंसी थी ना कि उनका कोई गोल्स था या फिर उनका कोई ड्रीम था वो उनकी अर्जेंसी थी और अगर प्रेजेंट की बात करें तो इलन मस्क और उसकी अर्जेंसी यही है कि वो पूरी दुनिया को बदल देगा मतलब कि इंसानों के लिए कुछ अच्छा
काम करेगा और वो इसी में लगा भी हुआ है और वो दिन दूर नहीं होगा जब न मस्क भाई साहब अपनी अर्जेंसी को भी कंप्लीट कर लेंगे फर सोर्स ऑफ स्ट्रेंथ नीड टू स पर्सर थ दिस एंड ट कीप गोइंग वि द प्रोजेक्ट टेक ट कंप्लीशन एस स्ट्रेंथ आ ज रिली नट हाउ आई थक अब थिंग आई मीन फ मीट सिपली दिस दिस इ समथिंग दैट इ इपोर्ट ट गट डन एंड व शड जस्ट कीप डंग इट और डा ट्रांग एंड आई आई डट नीड स क्योंकि जब आपकी कोई चीज अर्जेंसी होती है ना तो
आपको मेहनत करनी नहीं पड़ती वो बस हो जाती है और आज से 35 साल पहले किसी की अर्जेंसी थी कि व पूरे बॉलीवुड पर राज करेगा तो गेस करो कौन हो सकता है ओबवियसली शाहरुख [संगीत] खान एक्चुअली जिस दिन मैं मुंबई में पहली बार आया ज मैं फर्स्ट टाइम यहां पर आया था तो मेरे पास वापस जाने के पैसे नहीं थे ना पैसे थे ना कपड़े धुले हुए थे और मुझे वापस जाना था मुंबई बहुत साल पहले की बात दिल्ली मैं वहां खड़ा हो के मैंने ऐसा बोला था कि यार ये सिटी ने मुझे बहुत
परेशान कर दिया है एकदम सड़क पे ले आया मैं सड़क प सोता था तो मैंने कहा यार मैं एक दिन आऊंगा और सिटी को ऑन करूंगा मतलब आप एक पैटर्न इन सब में नोटिस कर रहे हो उन सभी की वो अर्जेंसी थी जो वो करना चाहते थे ना कि उनका गोल था या फिर ड्रीम था कि वो यह करना चाहते हैं वो करना चाहते हैं वो उनकी अर्जेंसी थी और वो भी काफी हद तक उनके सर स वाइवल से कनेक्टेड था और अर्जेंसी होने की वजह से वो लोग इतने ज्यादा ऑबसेस्ड थे अगर तो उनकी
अर्जेंसी पूरी नहीं होती तो शायद मर ही जाते वो लोग इतने ऑबसेस्ड थे तो आप समझ सकते हो मैं इसी बात को बार-बार दोहरा रहा हूं ताकि ये तुम्हारे दिमाग के अंदर जाए कि आप अपनी अर्जेंसी डेवलप करो ना कि सिर्फ गोल या फिर ड्रीम बनाओ जब बात आती है हमारी जान के ऊपर हमारी सर्वाइवल की बात आती है तो हम 99.99% केसेस में हम हमारी अर्जेंसी को पूरा कर ही लेते हैं फिर चाहे कुछ भी हो किसी भी तरह से हम हमारी अर्जेंसी को पूरा कर लेते हैं एक बार के लिए इमेजिन करो अगर
तो तुम्हारे साथ भी कुछ ऐसा हो जाए कि जो तुम्हारे गोल्स हैं वो अर्जेंसी बन जाए और अगर तो और भी ज्यादा एक्सट्रीम में जाए यानी कि आपके फेल होने के चांसेस ही ना छोड़ें तो उसी अर्जेंसी को कनेक्ट करना पड़ेगा तुम्हारे सर्वाइवल से और अगर तो ऐसा कुछ हो जाए ना रियल लाइफ में तो ऐसा हो ही नहीं सकता कि तुम सक्सेसफुल ना बनो क्योंकि इस केस में जो बाजी है ना वो तुम्हारी जान की लगी है और खुद की जान किसको प्यारी नहीं होती है ये कुछ ऐसा दिखेगा अगर इसे दिखाया जाए तो
और ये जो बंदा है जो अंगारों पर खड़ा है ऐसा कुछ चाहिए तुम्हें अपनी लाइफ में जो तुम्हें चैन से बैठने ही ना दे अब मतलब अब बोलो क्या इस बंदे को आलस आएगा क्या ये बोलेगा कि मेरा मन नहीं कर रहा मैं थोड़ी देर बाद जाऊंगा या फिर कुछ भी बहाने मारेगा बिल्कुल भी नहीं मारेगा क्यों क्योंकि इस बार जो बाजी है ना वो उसके सर्वाइवल से कनेक्ट है उसकी जान की बाजी लगी है अगर तो ये कुछ देर भी और रुका तो यह यहीं पे मर जाएगा और ऐसे ही केस में अर्जेंसी को
पूरा होना ही पड़ता है और इतना ज्यादा पागलपन हमारी लाइफ में सक्सेसफुल बनने के लिए या फिर इतनी ज्यादा अर्जेंसी हमारी लाइफ में इसीलिए नहीं आ पाती है क्योंकि हमारा जो समाज है जो सोसाइटी है उसमें हम एक मिडिल क्लास नामक एक स्टैंडर्ड में रह रहे हैं और मिडिल क्लास में हमें भले ही कर्ज लेकर या फिर किसी भी तरह से इतना तो प्रोवाइड किया जाता है मतलब हमें समय से पहले और औकात से ज्यादा हमारे मां-बाप मतलब हमें सब कुछ प्रोवाइड करते हैं हमें वो सारी कंफर्ट देने की पूरी कोशिश करते हैं और देते
भी हैं जो उनकी औकात से भी बाहर है लेकिन सच्चाई पता है क्या है सच्चाई तो यह है कि तुम्हारी लाइफ ऑलरेडी ही सिट है तुम्हारी लाइफ ऑलरेडी ही मीडियो करर है और ये जो कड़वी सच्चाई है ना ये हमें एक्चुअल में कभी रियलाइफ ही नहीं होती क्योंकि जो कंफर्टेबल लाइफ मिडिल क्लास में या फिर लोअर मिडिल क्लास फैमिलीज में हमें दी जाती है और वो जो कंफर्ट होता है ना वो हमारे लिए काफी सालों तक एक प्रोटेक्शन का काम करता है उस आग से या फिर उन अंगारों से बचने के लिए अब ऐसा थोड़ी
ना है कि वहां पर आग नहीं है आग है व कंफर्ट दिया जाता है उसकी वजह से हमें वह आग कभी महसूस ही नहीं होती है और जैसे-जैसे हमारी एज बढ़ती है तो व जो आग है जो अंगारे हैं वह हमें महसूस होने लगते हैं और स्पेशली अगर तो आप एक लड़के हो तो आप इस बात से रिलेट करोगे कि जैसे-जैसे ऐज बढ़ती है उतने ही ज्यादा हम पे प्रेशर भी आते हैं रिस्पांसिबिलिटीज भी आती हैं तो अब बारी आती है कि तुम्हें क्या करना है वो करने के लिए जो तुम करना चाहते हो तो
ध्यान से सुनो तुम्हें कॉन्शियसली यानी कि जानबूझकर तुम्हें हर रोज अपनी दिनचर्या में यह खुद को बार-बार याद दिलाओ कि तु तुम्हें कुछ कर करना है और तुम्हारी जो लाइफ है ये कितनी मीडियो करर है तुम्हारी लाइफ कितनी सिट है मतलब कि तुम गरीबी में फंसे हुए हो तुम्हारी क्या इतनी भी औकात नहीं है कि तुम 1 लाख का फोन तक ले सको ढंग की गाड़ी तक ले सको तुम्हारी कोई औकात नहीं है क्या तुमको मतलब इस तरह से सोचना है और ऐसी सोच सोच कर खुद को इनसिक्योर करना होगा इसका सिंपल मतलब यही है
कि तुमको ये खुद को बार-बार याद दिलाते रहना पड़ेगा कि तुम कोई रईस के बेटे नहीं हो तुम कोई मुकेश अंबानी के पोते नहीं हो जो तुम्हारी लाइफ इजी होने वाली है तुम्हें कॉन्शियसली हर रोज अपनी दिनचर्या में ये खुद को बार-बार याद दिलाते रहना पड़ेगा कि तुम्हें कुछ करना है लाइफ में और एक बात मैं आपको भी बता देता हूं कि पूरे पूरे दिन सोचते बैठते नहीं रहना है पूरे दिन के किसी भी छोटे से टाइम पीरियड में आंखें खोलकर ये देखा करो ये खुद को बताया करो कि तुम्हारी लाइफ कितनी हार्ड है और
आगे भी हार्ड ही होने वाली है अगर तो ऐसा ही चलता रहा तो मतलब कि मजे कर रहे हो जिंदगी में बस अगर ऐसे चलता रहा तो कुछ नहीं होने वाला है और ऐसी मूवमेंट्स को याद किया करो जिनसे मतलब कि तुम्हें गुस्सा आता है और ऐसे ही मूवमेंट्स हर एक इंसान की लाइफ में होते हैं और ये मूवमेंट्स वो होते हैं जो मतलब की दुपति नस होती है और इसी नस को तुम्हें हर रोज तुम्हें खुद से दबाना पड़ेगा ताकि तुम्हें पता चलता रहे कि तुम्हें इस घटिया लाइफ से निकलना भी है और अपने
अंदर ना मतलब ईगो इशू से डेवलप करो ऐसे सोचा करो कि तुम्हारी पूरे परिवार को इस गरीबी के माय जाल से तुम्हारे अलावा और कोई नहीं निकाल सकता दैट्ची है या फिर एक ऐसा ट्रिगर पॉइंट है हर एक इंसान के अंदर वो उससे ऐसे-ऐसे काम करवा देता है जो उसने कभी सोचे भी नहीं थे अब गलत काम भी आप समझ सकते हो अच्छे काम भी आप समझ सकते हो और बिना ईगो के लाइफ में कुछ बड़ा हासिल करना यह बिल्कुल नामुमकिन है और हां जब तुम हर रोज कांस्टेंटली खुद को याद दिलाते रहो कि तुम्हें
इस घटिया लाइफ से इस मीडियो का लाइफ से निकलना है और फिर इसके बाद जब तुम तुम्हारी पढ़ाई करोगे तो फिर जो मन करेगा या फिर फोकस लगेगा वो एक अलग ही एनर्जी होगी और वो एनर्जी ऐसी होगी ना कि मुझे इस घटिया जिंदगी से मुझे खुद भी निकलना है और मेरे परिवार को भी निकालना है अदर वाइज तो मैं इसी मीडियो गटी में ही मर जाऊंगा आपको ऐसे सोचना है और ऐसे में ना आप एक एंट्रेंस एग्जाम को करेक्ट करने के लिए नहीं पढ़ रहे हो उसे क्यों क्योंकि इस बार जो बाजी है ना
वो जान की लगी है और जैसा कि तुम्हें पता है जब बात आती है सर्वाइवल के ऊपर या फिर अर्जेंसी के ऊपर तो हमेशा हमारी अर्जेंसी ही जीतती है आर यू द बेस्ट फुटबॉलर इन द वर्ल्ड राइट नाउ आई थिंक सो यस इन माय माइंड आम लज द बेस्ट इज योर कंपिटिशन आल्सो यंगर एक्टर्स लाइक रबीर इमरान नो आई डोंट हैव एनी कंपशन आईड बी वेरी ऑनेस्ट आईव नॉट कम हियर टू कंपीट आईव कम हियर टू रूल बेस्ट एवर आई एम द मोस्ट ब्रुटल विश ए मोस्ट रूफलेस चैपिन ज एवर बन दे नो वन क
स्टॉप मी लि इ अ ककर नो आम एलेंडर हीज नो अलेक्सेंडर एम द बेस्ट एवर दे नेवर बन एनीबडी आम सनी लिन आम जक न देस नो वन लाइक आम फ र क् न कबी न ट न टम एंडी न द नेक्स्ट मथ ब ली वन थिंग इ ू आई विल बी चप वन आई प्रॉमिस आई प्रॉमिस बट टू बी नेस्ट इस लेवल पर अपने दिमाग को रिप्रोग्राम करना काफी मुश्किल है बट नामुमकिन नहीं है इसके लिए तुम्हें वैसा ही एगोस्टिक एरोगेंट पागल सनकी और स्मार्ट एक्चुअल में बनना पड़ेगा क्योंकि तुम कितना ही फेक कर
लोगे तुम्हें एक्चुअल में वैसा बनना ही पड़ेगा एंड वंस यू चेंज वन थिंग दैट इज योर माइंड सेट यह सब कुछ बदल जाएगा और यह जो कुछ भी है यह तुम्हारे साथ एक्चुअल में होने लगेगा और इसीलिए जो अगला चैप्टर है वह पूरा माइंड सेट के बारे में है [संगीत] [संगीत] [संगीत] [संगीत] [संगीत] h [संगीत]