Acharya Prashant left me Speechless with these Gita Insights @ShriPrashant

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Prakhar ke Pravachan
Master the Most Useful Human Skill: https://bit.ly/3Vdu64A Listen to this podcast and other episodes...
Video Transcript:
जी प्रणाम मैं बहुत खुश हूं मेरे को आपसे फिर से मिलने को मिला आचार्य जी मैं इस पॉडकास्ट मेरा पर्पस इस पॉडकास्ट के साथ ये है इंटरनेट पे या दुनिया में ै हम बच्चों के लिए मैं बेसिक से एडवांस तक एक आदमी को भगवत गीत की अंडरस्टैंडिंग आपके थ्रू पहुंचा सकू इतनी जल्दी तो कितना हो जाएगा देखेंगे कोशिश करते हैं ठीक है ठीक है चलो वहां से शुरू करते हैं जहां से सबको पता ही है ठीक है ताकि लोगों को बिल्कुल शुरू करने में आसानी रहे ठीक है जब गीता की बात आती है तो हम
सबसे पहले नाम लेते हैं कर्म के सिद्धांत का द लॉ ऑफ कर्मा यस ठीक है तो अगर कोई मुझसे कहे कि बिल्कुल तुरंत एक दो मिनट के अंदर बता दो कि भगवत गीता का सेंटर क्या है तोव यह है कि द लॉ ऑफ कर्मा इज नॉट एट ऑल अबाउट कर्म कर्म मतलब एक्शन उसी को अंग्रेजी में हम कर्मा बोल तो जिसको हम लॉ ऑफ कर्मा बोलते हैं वो एक्शन के बारे में बिल्कुल नहीं है वो एक्टर के बारे में अगर कोई इतना समझ गया तो गीता का उसको संदेश मिल गया जो लॉ ऑफ कर्मा है
जिससे जुड़ी फिर हम बहुत सारी और बातें बोल देते हैं कर्मफल कह देते हैं कार्मिक अकाउंट कह देते हैं कार्मिक बैलेंस कह देते हैं य सब चलता है बिल्कुल बिल्कुल बिल्कुल उन सबके सेंटर में यही रहता है लॉ ऑफ कर्मा और ये जो कर्मा शब्द है कर्म ये जो कर्मा शब्द है ये सबसे ज्यादा गीता से जुड़ा हुआ है जी ठीक है और लोग सोचते हैं कि इसका अर्थ है एक्शन अच्छे एक्शन बुरे एक्शन अच्छे एक्शन करोगे तो उसका अच्छा कर्म फल मिलेगा आज अगर तुम्हें दुख मिल रहा है तो इसका मतलब तुम्हारा जो पिछला
कार्मिक बैलेंस है वो नेगेटिव था और आज तुम उसको न्यूट्रलाइज कर रहे हो यह सब धारणाएं चलती है ये मिथ्स है तो गीता अगर समझनी है तो यही देख लेना है कि जो लॉ ऑफ कर्मा है उसमें कर्मा जैसी कोई चीज है ही नहीं लॉ ऑफ कर्मा इज नॉट अबाउट द कर्म इट इज अबाउट कर्ता कर्ता मींस एक्टर ठीक है करने वाला द डूर सो लॉ ऑफ कर्मा इज नॉट अबाउट द डीड इट इज अबाउट द डूर ठीक है अब ये बात कहां तक जाती है अभी तक ऐसा लग रहा होगा जैसे टिकल हो रही
है बिल्कुल बकुल शुरू में बोर हो गए होंगे हमारे नहीं जिनको सुनना फस गए होंगे ब तो कर्म बाहर की चीज होता है ना कर्म बाहर की चीज चीज होता है तो हमें नहीं पता कि जो बाहर हो रहा है वह क्यों हो रहा है ठीक है इट्स जस्ट अ मूवमेंट इन टाइम एंड स्पेस ठीक है उसको अच्छा या बुरा नहीं बोला जा सकता ना उसको मेजर करने से भीतर हमें किसी तरीके का इलुमिया पीस मिल जाएगा जो पूरा फील्ड होता है विजडम लिटरेचर का सेल्फ नॉलेज का वो इसीलिए होता है ना कि भीतर जो
इतनी गड़बड़ चलती रहती है आदमी परेशान रहता है खोपड़ा एकदम गड़बड़ गड़बड़ रहता है उसको हम ठीक कर सके गीता कह रही है बहुत सारी बातें कह रही 18 अध्याय 700 श्लोक है पर चकि हमें जल्दी में करना है इसीलिए बिल्कुल उसका सेंटर है उसको पकड़ रहा हूं गीता कह रही है बाहर बाहर आप क्या कह रहे हो उसको देखना जरा कम करो और उसको अगर देखना भी है तो किस तरीके से देखना है वो मैं आगे बताऊंगा आप याद दिलाना आप बाहर क्या कर रहे हो इससे ऑब्सेस ना बंद करो आप भीतर कैसे हो
जरा इस पर ध्यान दो क्योंकि हमें नहीं पता कि जो कर्म है वो आ कहां से रहा है आप कर्म को देखोगे मैं उदाहरण के लिए मैं इसको ऐसे नीचे रखता हूं लिड को और यह मैंने उठाया दिस माइट लुक लाइक अ रेगुलर हार्मलेस एक्शन बट व्ट इफ आई पिक इट अप एंड यू नो डू समथिंग एक्सट्रीमली नाटी आई थ्रो ऑन सम बडी फेस व्हाट एवर राइट ठीक है कुछ भी तो हम नहीं कह सकते कि बात क्या चल रही है इसी तरीके से यह भी तो हो सकता है ना कि मैं मैं डायबिटीज का
पेशेंट हूं मुझे मना करा रहा है शुगर के लिए और मैं फिर भी उठाकर इसको सिप कर रहा हूं और वो चीज सिर्फ एक्शन को देख के पता नहीं चलेगी तो गीता मूलता यह बोलती है किय जो बाहर बाहर जो चल रहा है इसको बोलते हैं स्थूल जगत द ग्रॉस वर्ल्ड चच इज परसेप्टिबल थ्रू द सेंसेस कह इससे जो तुम्हारा इनफैचुएशन है जो पैदा होते और आंखें बस ऐसे बाहर की ओर देखना शुरू कर देती हैं इसको जरा कम करो भाई क्योंकि बाहर जो चल रहा है तुमको तो अपने भीतर जीना है हमको ऐसा लगेगा
अभी हम इस हॉल में जी रहे हैं द फैक्ट इज यू आर लिविंग इन योर ओन इनर वर्ल्ड एंड आई एम लिविंग इन माय ओन इनर वर्ल्ड और अगर भीतर पेन है तो बाहर के पेन से ज्यादा खतरनाक होता है बकुल और बाहर का पेन टॉलरेबल हो जाता है अगर भीतर पेन ना हो ऐसा भी होता है कई बार कि बाहर पेन होता है पर भीतर से हम जॉय फुल हो तो लॉ ऑफ कर्मा यह है कि कर्म नहीं कर्म के सेंटर को देखो सेंटर माने वो कर्म कहां से आ रहा है हम कर्म कहां
से आ रहा है व्हाट इज द स्टेट ऑफ द एक्टर द डूर हम यही जो एक्टर या डूर है ये हम है य हमें उसको सेल्फ बोलते हैं या आई या ईगो वो सब एक है एक्टर डूर एक्सपीरियंस सेल्फ आई ईगो सब एक है द सब्जेक्ट द सब्जेक्ट ये सब एक है ये सब एक और हमारा सारा ध्यान किस पर रह जाता है यह कैसा है वह कैसा है मैं लग कैसा रहा हूं मैं अच्छे काम कर रहा हूं कि नहीं कर रहा हूं कुछ डू है मैं उनको फॉलो कर रहा हूं मैं डोंट्स को
अवॉइड कर रहा हूं ना यह सब एक्शन के लेवल पर बातें हैं कर्म के लेवल पर गीता कहती है कर्म की चिंता करना छोड़ दो जो एक्टर है डूर है करता है सेल्फ है उसको देखना शुरू कर दो उसको देखना शुरू कर दिया तो बाहर जो भी तुम करोगे उसकी फिक्र करने की जरूरत ही नहीं गो फ्लाई फ्रीली जो भी करोगे वो मस्त होगा सो ट्स द रीजन वाय मोस्ट पीपल आई फेल्ट ओवर दिस डेके प्रोबेबली रिफ्यूज टू अंडरस्टैंड द गीता इट्स सबकॉन्शियस थिंग कोई नहीं बोलेगा कि मैं जानबूझ के गीता नहीं समझना चाहता लेकिन
शायद हमारे भीतर कुछ बैठा है जो गीता एंड न आई से गीता ट सिनोनिम विथ विजडम लिटरेचर ल काइंड ऑफ विजडम इनपुट्स हम उसको समझना नहीं चाहते क्योंकि अगर उसको सम तो हमें खुद को देखना पड़ेगा सेल्फ ऑब्जर्वेशन बकुल और अगर खुद को देखेंगे तो बहुत सारी चीजें जो हमने बाहर खड़ी कर रखी है अपनी जो बिलीफ बना रखी है अपने मोड्स ऑफ एक्शन बना रखे हैं हमको दिखाई देगा वह सब हलो है व हलो है ठीक है और उससे भी ज्यादा एक और खतरनाक बात होगी जब बाहर आपने कोई स्ट्रक्चर खड़ा कर रखा होता
है ना एक्शन का तो काम करना आसान हो जाता है मुझे पता है कि मुझे क्या करना है मुझे क्या करना है मुझे सारे रूल्स फॉलो करने है मुझे सारे डू फॉलो करने हैं मेरी पर्सनालिटी के हिसाब से जो चीज मैच करती है मुझे वो करनी है और कुछ-कुछ काम है जो मुझे नहीं करने हैं वो काम इसलिए भी नहीं करने हो सकते हैं क्योंकि वह सोशली डिसएप्रूव्ड है या हो सकता है वह काम मैं इसलिए नहीं करूं क्योंकि मेरी पर्सनल लाइकिंग नहीं है द मोमेंट यू स्टॉप बदरि फॉर एक्शन यू लीव द एक्टर टू
एक्ट फ्रीली हम देर इज अ ट्रिमेंडस वैक्यूम एंड इट स्केरस द हेल आट ऑफ यू राइट आपको नहीं पता कि आपको करना क्या है और आप पूरे तरीके से मुक्त हो भी से कुछ भी करने के लिए हम तो जो सहारा होता है ना कि पहले से ही एक गाइडलाइन मिली हुई है एक डायरेक्टिव मिला हुआ है अब बेटा ये कर लो इतने साल के हो गए हो अब सुबह उठे हो तो यह कर लो अब सोशल कंपनी में हो तो यह कर लो अब यूनिवर्सिटी में हो तो यह कर लो वर्क प्लेस में हो
तो यह कर लो वो जो सहारे हैं वो छिन जाते हैं सो दैट द रीजन प्रोबेबली आई सेड वी रिफ्यूज टू अंडरस्टैंड गीता एंड विजडम इट्स अबाउट अस इट्स नॉट अबाउट आवर एक्शंस इन द फर्स्ट प्लेस एंड इफ वी आर राइट हां राइट मैं एक बार क्योंकि आपने पूरा सार दिया मैं एक बार बताता हूं मैं क्या समझा आप मेरे को बताना कि नहीं आपका ये कहना है कि गीता का सार है जिसको पॉपुलर लोग लॉ ऑफ कर्मा कहते हैं हम और लॉ ऑफ कर्मा कर्म के बारे में है ही नहीं कर्ता के बारे में
और इसका एक बहुत अच्छा एग्जांपल यह हो सकता है कि जब अर्जुन कृष्ण से पूछ रहे हैं कि मैं युद्ध लड़ूं कैसे बात युद्ध की है ही नहीं बात अर्जुन के मन की है बहुत बढ़िया बहुत बढ़िया ये बात मैं सही समझा परफेक्ट और जो मैं ये लॉ ऑफ कर्मा के मॉडर्न मेनिफेस्टेशन देखता हूं ना ये बेसिकली स्वर्ग नर्क की जो बहुत हेवन हेल की प्रिलिमनरी बेसिक थिंकिंग की एक्सटेंशन ही है कि तूने कुछ गलत किया होगा इसलिए तेरे साथ और वो जो थिंकिंग है वो आती है जो एक्टर है हां उसकी इग्नोर से सी
ना नाउ वी आर टेकिंग द होल थिंग वन नॉच हायर यस यस मैं भीतर से कुछ हूं मैं मैं दिस सेल्फ दिस मी द सब्जेक्ट यू सेड मैं कुछ हूं और मैं जानता नहीं मैं कौन हूं पर मैं एक्सपीरियंस करता हूं कि मैं हूं मैं बोलता हूं मेरे मैं ऐसे बोलता हूं मैं अब यहां पे कोई मैं तो है नहीं यहां पे हम सर्जरी कर ले सीटी स्कैन एमआरआई एक्स कुछ कर लो यहां पे कोई मैं नहीं निकलेगा अच्छा साहब यहां भी निकल सकता है यहां निकल सकता है कहीं नहीं निकलने वाला कुछ नहीं निकलने
वाला पर हमें लगता है हमें एक्सपीरियंस होता है कि मैं हूं या यहां पे है मैं हूं मैं हूं कहां है मैं कहां है मैं बताओ मैं कहां है ठीक ठीक बात वी एक्सपीरियंस इट बट वी डू नॉट नो ऑफ इट बिल्कुल वी हैव नो आईडिया वेयर दैट इज स्प्रिंगिंग अप फ्रॉम ठीक है हमें नहीं मालूम और बच्चा पैदा होता है ठीक वही से उसको उसी समय से एक मैं की फीलिंग रहती है नोट द वर्ड फीलिंग इट्स एन एक्सपीरियंस इ फीलिंग उसको अच्छे से पता होता है कि अगर यहां प वो लेटा हुआ है
पालने में क्रिडल में आप क्रिडल में ऐसे मारोगे वो शायद नहीं रोए पर आप उसके पांव पर ऐसे कर दोगे रोना शुरू कर देगा तो उसको पता होता है कि मैं हूं और मैं यह बॉडी हूं आई एम द बॉडी तो यह फंडामेंटल इल्यूजन इसको कहा जाता है अहम दे हासमी आई एम द बॉडी अब मैं हूं और मैं बॉडी हूं और मैं लगातार भीतर से फील कैसा कर रहा होता हूं कोई भी बच्चा पैदा होता है तो क्या करता है हंसता है जॉय फुल होता है क्या करता है रोता है रोता है इंसान को
भी देखो तो पूरी जिंदगी बेचैन ही रहता है कभी वो परेशान है कभी एंबिशियस है कभी उसको कोई सक्सेस मिल भी गई तो उसको ही डर लगा हुआ है कि छू जाए हा बिल्कुल बकुल पहले तो कोई चीज हाथ नहीं आती अब हाथ आ गई तो अब ये इनसिक्योरिटी रहती है कि वो चली ना जाए बिल्कुल तो भीतर एक लगातार बेचैनी बनी रहती है सो इट वुड बी वेरी सेफ एंड लॉजिकल टू से वी आर प्रोसीडिंग स्टेप बाय स्टेप कि यह जो मैं है इसका ही दूसरा नाम बेचैनी है ठीक है क्योंकि कभी ऐसा होता
नहीं कि मैं है पर बेचैन नहीं है क्या कभी ऐसा होता है एक्सेप्ट फॉर वेरी रेयर मोमेंट्स ऑफ जॉय हा रेर मूमेंट ऑफ इमर्शन इन सम काइंड ऑफ इंटिमेसी राट उन मोमेंट्स में शायद एक फ्लीटिंग ग्लिम्स मिलती है कि मैं है पर बेचैन नहीं है वरना अगर मैं है इफ आई एम इफ आई एम च यू कैन कॉल कॉशसनेस अगर मैं हूं मैं कॉन्शियस हूं तो मैं साथ ही साथ थोड़ा सा रेस्टस भी हूं इफ आईम कॉन्शियस आई एम रेस्टस इफ आई एम रेस्टस व्ट विल आई डू द लॉजिकल थिंग इ टू लुक फॉर सम
सलूशन टू माय रेस्टस कोई एंटीडोट कोई एंटीडोट मिल जाए कोई थेरेपी मिल जाए कोई फिलर मिल जाए मैं खोजता हूं इनकी मदद से फिलर्स को क्योंकि मेरे पास कोई ऑप्शन नहीं है बच्चा पैदा होते ही उसने क्या बोला था आई एम द बॉडी बॉडी इफ आई एम द बॉडी हाउ विल आई लुक फॉर सॉल्यूशन टू माय रेस्टस थ्रू द बॉडी बिल्कुल इफ आई एम द बॉडी देन द बॉडी इज ऑल आई हैव ऑल आई हैव बीन ल आई एम सो इफ आई हैव टू लुक फॉर सलूशन टू माय रेस्टस आई विल लुक फॉर दैट थ्रू
द बॉडी थ्रू द बॉडी दिस इज द बॉडी दिस इज द बॉडी दिस इज द बॉडी तो मेरे को ये देखी और ये मेरे को काफी अच्छी लग रही है वाओ सो ग्लिजी तो मेरे को लगेगा मैं इसको पालू अपनी जिंदगी में ले आऊं मैं इसको अपनी जिंदगी में ले आऊं मैं उसको जिंदगी में ले आऊं मैं उसको ले आऊं 100 चीजें मैं एक्युमटिका जिसको मैं अपनी लाइफ बोलता हूं वो तो शायद खत्म भी हो जाएगी एंड एंड आई विल रिमन अनफुलफिल्ड सो देन वी कम अप विद दैट चच यू स्पोक ऑफ स्वर्ग नर्क आफ्टर
लाइफ आफ्टर लाइफ कि इसको खींचते चले जाओ इस अकाउंट को और जो कंजमेट फिजिक्स हा कर लूगा हा हा कि वो अत्यंत जो प्लेजर है वो मेरे को मर के मिलेगा वो मर के मिलेगा सो व्हाट यू आर डूइंग इज यू आर ट्रांग इटलाइज दैट च एनीवे डज नॉट एजिस्ट काफी शेडी सी चीज है वो जिसको ईगो बोलते हैं हा है ना उसका कुछ पता नहीं है नहीं है कहां है बस वो वोई उसको माया बोलते हैं कि प्रतीत तो होती है आभास होता है अनुभव होता है एक्सपीरियंस होता है पर है नहीं वो वो
जो है नहीं जो है ही नहीं हम उसको मोटला इज करना चाहते हैं यह बोल के कि मरने के बाद वो किसी और लोक में पहुंच जाएगी बिल्कुल माने हम मर जाएंगे वो नहीं मरेगी क्या नहीं मरे जो है ही नहीं हां और जो है जो है उसका हमें कुछ पता नहीं उसकी तो हम बात ही नहीं करना चाहते और उसकी तरफ हमें गीता ले जाती है वो जो है दैट चच रियली इज उपनिषद कहते हैं आई एम दैट दैट चच रियली इज तत्वम असे उसकी तो हम बात ही नहीं करना चाहते क्योंकि उस समय
बहुत डर लगता है उस समय बहुत डर लगता है बकल तो यह जो पूरा कंजमेट हम अपने आप को फुलफिल कर सके ले लेकिन वो कौन है भीतर जो अनफुलफिल्ड है ये हमें पता नहीं इसीलिए हमें ये भी नहीं पता कि कौन सा कंजमेट ऑन अ वेरी रूथ अस माइंडसर्रे आ जाता है क्योंकि कंजमपट्टी करने वाला कौन हैय मत देखो जी इन द एंटायस म लिटरेचर इज अबाउट नोइंग द एक्टर नॉट अबाउट डिटरमिनिंग द एक्शन हम इफ समबीत इज डिटरमिनिंग योर एक्शन दैट फेलो इज रेगुलेटिंग यू बिल्कुल दैट फेलो इज ट्राइट बिकम योर मास्टर ये
करो ये नहीं करो ऐसा करना चाहिए वैसा नहीं करना चाहिए दैट्ची डज दैट व्ट द एस्टेब्लिशमेंट डज दैट व्हाट द मीडिया डज बिल्कुल ट्स वट ऑल द फो क्लोरस डू ऐसा करो तो अच्छा है ऐसा नहीं करो तो बुरा है अध्यात्म का मतलब जो होता है व होता है सेल्फ नॉलेज स्पिरिचुअलिटी नहीं होता स्पिरिचुअलिटी का संबंध तो किसी स्पिरिट वगैरह से हो गया अध्यात्म में कोई स्पिरिट नहीं होती आत्म आत्म माने मैं मैं मैं को जानना और मैं माने वो नहीं वो जो अल्टीमेट मैं है द फाइनल मैं च इज कॉल्ड द ग्रेट सेल्फ आत्मा
वो नहीं यह जो भीतर ईगो बैठा है अहम अहंकार अध्यात्म का मतलब होता है आत्मज्ञान और आत्मज्ञान का मतलब होता है अहंकार को जानना उसके झूठ की खोज करना सच की खोज करना नहीं झूठ की खोज करना और ये हम जितनी बातें अभी बोल रहे हैं ये सब गीता है ये सब गीता है पोरली गीता है ये पोरली गीता है मैं आचार्य जी एक बार फिर से कैच अप करने की कोशिश करता हूं आप मेरे को बताना सही समझा कि नहीं तो मेरे को ये बात समझ में आती है इंसान को पता नहीं वो तो
है कौन उसने कभी अपने से तो पूछा नहीं तो जो उसको दुनिया देती रहती है वो अपने मर्ज मिटाने के लिए उसे खाता रहता है यही शायद जो हमारा एंटरटेनमेंट कंजमेट सारे कंजमेट्स एक तरीके से अपनी चिंता अहम की चिंता और अहम और चिंता दो साथ में चीजें आती है आपने कहा अहम को दबाने के तरीके हैं चाहे वो रील स्क्रोलिंग है चाहे वो चाय पीना है हम खुद को भूल जाना चाहते हैं क्योंकि खुद को हमने मुड़ के कभी देखा नहीं और जो मर्ज है वो खुद में है ऐसा है जैसे कि आप 100
तरह की दवाइयां खा रहे हो और डायग्नोसिस हुआ नहीं है डायग्नोसिस हुआ नहीं है मुड़ के देखा ही नहीं है पेसिस हुआ नहीं और उस मुड़ के देखने को गीता उस बारे में बात करती है गीता सिर्फ उसी बारे में बात करती है गीता आपको नहीं बताएगी कपड़े क्या वहनो गीता आपको नहीं बताएगी खाना क्या खाओ गीता नहीं कहेगी कि शादी करो कि नहीं करो करो तो कैसे करो पैसा कमाओ कि नहीं कमाओ ऐसे समझो ना ठीक ठीक कृष्ण को अगर अर्जुन से सिर्फ युद्ध ही कराना होता तो उनका जो पूरा क्रेडिट था और एक
तरह से उनकी जो साइकोलॉजिकल फर वांट ऑफ बेटर वर्ड डोमिनेंस थी अर्जुन के ऊपर वो यह भी कह सकते थे कि अर्जुन लड़ो खत्म खत्म यह 700 श्लोक है इसमें कृष्ण कर क्या रहे हैं अर्जुन को नहीं बार-बार बोल रहे कि लड़ो वो अर्जुन को बता रहे हैं अर्जुन तुम कौन हो अर्जुन तुम कौन हो और इस फेथ के साथ बता रहे हैं कि अगर अर्जुन समझ गया कि अर्जुन कौन है अर्जुन के इल्यूजंस क्लियर हो गए तो अर्जुन अपने आप राइट एक्शन कर देगा मुझे उसको राइट एक्शन प्रिस्क्रुटनी ऑफ ऑफ लिबरलिज्म राइट हम आई
विल नॉट पुश यू टुवर्ड्स अ सर्टेन काइंड ऑफ एक्शन आई विल जस्ट क्लियर योर मिसकनसेप्शन एंड देन आफ्टर दैट आई आई हैव फेथ दैट यू विल डू व्हाट इज राइट राइट इन फैक्ट व्हाट एवर यू डू विल बी राइट वंस यू आर इंटरनली क्लियर वंस द एक्टर उसने अपना मन देख लिया है अब उसको छोड़ दो अब उसको मत बताओ कि तू यह कर तू वो कर अब वो तुम्हारे बताने से सुनने वाला भी नहीं है हां हां हां जो खुद को जानना शुरू कर देता है ना वो बड़ी ठसक वाला आदमी हो जाता है
रिबेलियस आदमी हो जाता है थोड़ा सा हां हां वो फिर बहुत सुनता नहीं किसी की नॉट बिकॉज ही हैज ईगो ईगो की वजह से नहीं अहम की वजह से नहीं हां हां हां तो वो एटीट्यूड प्रॉब्लम वाली बात नहीं है बात ये है कि मुझे दिख रहा है कि ये पानी है आप मुझे बार-बार बोलो भी ये केरोसीन है मैं मानूंगा ही नहीं तो मैं कैसे मानूं मैं कोशिश करूं तो भी नहीं मान सकता वोली बात आ जाती है मैं समझ गया और आपने एक बड़ी इंटरेस्टिंग बात करी थी कि जैसे हम युद्ध वाली एनालॉजी
ले रहे थे कि फिर चाहे अर्जुन युद्ध करे और युद्ध भी अपने रिश्तेदारों से करें पर क्योंकि एक्टर खुद को जान चुका है कर्म समझ चुका है तो उसका जो इंटरनल वर्ल्ड है वो एट पीस रहेगा और मैटर वो करता है लोग यह बात रिलाइज नहीं करते कि तुम फसे हुए यहां हो फॉर लैक ऑफ अ बेटर जियोग्राफी तुम यहीं फसे हुए हो तुम जी इसी में सकते हो तुम्हारे पास पा करोड़ रुपए हो रप हो तुम्हें जीना इसी के अंदर है हां आराम आ जाएगा पैसे से पर क्या पता चिंता आ जाए और ज्यादातर
चिंता ही आती है क्योंकि आदमी जितना पाता है उतना डर पैदा करता है खोने का तो ये मैंने नोटिस किया आचार्य जी किसी को समझा पाना कि एट द एंड ऑफ द डे आप फंसे हुए अपने इनर वर्ल्ड में ही हो यह बड़ा मुश्किल काम है कृष्ण य अर्जुन को कैसे समझाते हैं कृष्ण पहला काम तो यह करते हैं कि युद्ध की बात करना बंद कर देते हैं पहले अध्याय में ही अर्जुन अपनी तरफ की सारी कहानी कृष्ण को बता देते हैं और अर्जुन जो कहानी बताते हैं बहुत इंटरेस्टिंग बात है गीता के सारे अध्यायों
से आपने कोट्स पढ़ी होंगी जी जी दूसरे से लेकर के 18 त यहां पर ये हुआ यय हुआ पहले अध्याय से कोई कोट शायद नहीं पढ़ी होगी पहला अध्याय सबसे फाउंडेशन है क्योंकि उसमें पता चलता है कि बीमारी क्या है अर्जुन की दो तरह की बीमारियां है और अर्जुन का क्रेडिट यह है कि अर्जुन अपनी दोनों बीमारियां बिल्कुल खोल के रख देते हैं सामने पहली यह है कि यह सब तो मेरे ब्लड रिलेटिव्स है ठीक है आई एम द बॉडी बॉडी इज ब्लड एंड दे आर ब्लड रिलेटिव्स हाउ डू आई फायर एट देम मेरी अतीत
के इनके साथ यादें जुड़ी हुई है और पलानी 50 चीजें हैं तो यह हो गया बायोलॉजिकल कंडीशनिंग कि मैं शरीर से तो इनसे जुड़ा ही हुआ हूं एक ये चीज हो गई और जो दूसरी चीज होती है वो होती है सोसाइटी के लेवल प माइंड के लेवल प पता है क्या बोल रहे है अर्जुन अर्जुन बोल रहे हैं कि अगर यह लड़ाई हो गई तो जितने क्षत्रिय हैं वो सब मर जाएंगे जितने क्षत्रिय व मर जाएंगे तो उनकी जो पत्नियां हैं वो फिर जाकर के जो दूसरे वर्ण के लोग हैं उनसे संबंध बनाएंगी अभी देखो
क्या चल रहा है ये किस लेवल की थिंकिंग है यह सोशल कंडीशनिंग है जैसी आज है वैसी उस समय प चल रही थी गीता आज भी रिलेवेंट है जी तो अगर सारे पुरुष मर गए राइट देन हु विलन रिस्ट्रेन द वमन रिस्ट्रेन रिस्ट्रेन दन कटस द कंसर्न बिकॉज दे विल देन गो एंड मीट विथ पीपल ऑफ सो कॉल्ड लोअर वर्ना उसको मोटे तौर पय भी कह सकते हो कि दूसरी के साथ जाक मंगल करेंगी तो बच्चे पैदा होंगे जो बच्चे पैदा होंगे वह कहलाएंगे वर्ण शंकर वर्ण शंकर मतलब कि एक मां एक वर्ण की है
और बाप दूसरे वर्ण का है और बाप वो भी निचले वर्ण का है और जो वर्ण शंकर होता है यह जो साधारण संस्कृति होती है जो जो लोक संस्कृति होती है पॉपुलर कल्चर उसमें वर्ण शंकर अच्छा नहीं माना जाता और जो कहानिया है बोलती है कि वो जो मर गए पुराने लोग द एसेस्टार पितर उनकी आत्माएं सब घूम रही हैं और उनको तर्पण अर्पण करना पड़ता है द होली ऑफि जोक श्रा वग जानते हो जी बिल्कुल तो वो बच्चे करते हैं बिल्कुल बिल्कुल बिल्कुल और य जो वर्ण शंकर बच्चे पैदा होंगे जब यह ऑफर करेंगे
तो व जो आत्माएं घूम रही है वह स्वीकार नहीं करेंगी व स्वीकार नहीं करेंगी तो भूखी प्यासी रह जाएंगी दिस आर द आर्गुमेंट ट अर्जुन इ फॉरवर्डिंग टू कृष्ण सो नाउ नो व्हाट द गीता इज फॉर हम दूसरे अध्याय से लेकर 18वें अध्याय तक बस पहले अध्याय को काटने की कोशिश करी गई है ये कॉन्टेक्स्ट है ये बैकग्राउंड है बैकग्राउंड ये है कि अर्जुन कह रहे हैं पहली बात आई एम फिजिकली वेरी अटैच राइट दे आर माय ब्लड रिलेटिव्स राट पहली बात फिजिकल अटैचमेंट दूस जिसको हम फिजिकल कंडीशनिंग भी बोल सकते हैं जी जी उस
तरह की कंडीशनिंग सब तरीके के एनिमल्स में पाई जाती है ठीक है ना वल्स डोंट अटैक देयर ओन पैक्स या ठीक है तो वो फिजिकल कंडीशनिंग है मदर इज अटैच टू द चाइल्ड चाइल्ड फिजिकल कंडीशनिंग जी और दूसरी है सोशल कंडीशनिंग जो चीजें आपने सुन ली आपके दिमाग में भर दी गई कि मेरी मेरी महिलाओं का क्या होगा व्हाट विल हैपन टू ऑल द वमन एज इफ द मेन आर सपोज टू पस द वमन एंड द मेमन विल गो एंड मिंगल विथ यू नो पीपल ऑफ द अदर का एंड अदर वर्ना एंड सच थिंग्स एंड
देन यू एक्सटेंड द स्टोरी उसके बाद बच्चे पैदा हो जाएंगे उनके वो बच्चे पैदा हो जाए तोव बच्चे जब जाकर के शद वगैरह करेंगे तो उससे जितनी पितरों की आत्माएं व अतृप्त रह जाएंगी क्य स्वीकार नहीं करेंगी अब कृष्ण य सब सुन रहे और कृष्ण कह रहे बाप रे बाप यह तो कितना जबरदस्त लोड है इसके दिमाग में कैसे लड़ेगा हा इस लोड के साथ तो हो चुकी लड़ाई और इसीलिए फिर अर्जुन कह रहे हैं कि मेरे से नहीं उठाया जा रहा आई कैन नॉट फाइट यह जो कुरुक्षेत्र का मैदान है वो एक सिंबल है
जिंदगी के मैदान का पहला चैप्टर बोल रहा है जिंदगी की लड़ाई लड़ सकते जब तक तुम फिजिकल कंडीशनिंग और मेंटल कंडीशनिंग के लोड से दबे हुए हो यह गीता है अरे वाह जिंदगी की लड़ाई नहीं लड़ पाओगे जीतना वगैरह बहुत दूर की बात है कृष्ण अर्जुन को कभी नहीं कह रहे कि तुम्हें जीतना है नॉट वंस कोई मोटिवेशन नहीं है वहां पर जीतना है यह करना है वो करना है इससे दबे हुए हो और इससे दबे हुए हो अब तुम भले ही सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर हो टॉप क्लास स्किल्स है तुम्हारी वर्टन से एमबीए करके आए हो
यूल स्टिल फेल यू आर द नंबर वन आर्चर यू विल स्टिल फेल बिकॉज इसका और इसका तुमने ख्याल नहीं करा फिजिकल कंडीशनिंग सोशल कंडीशनिंग दे विल बॉग यू डाउन सो द एनटायर गीता चैप्टर टू टू चैप्टर 18 इज अबाउट रिडिंग अर्जुन ऑफ द बैगेज ऑफ द बॉडी एंड द माइंड एंड देन अर्जुन डज व्ट ही हैज टू फिर कृष्ण को बोलना नहीं पड़ता है कि इसको ऐसे करो उसको ऐसे करो वैसे करो कृष्ण तो खुद सारथी बन के बैठे हैं लड़ाई तो अर्जुन को करनी है वो अपना कर लेते हैं फिर उसके बाद तो बायोलॉजी
एंड कल्चर बायोलॉजी एंड कल्चर ये दो ऑब्स्ट्रक्शन है ये दो ऑब्स्ट्रक्शन टू द पाथ ऑफ आप इसको सिंपलिस्टिक कह सकते हो रिलाइजिंग द सेल्फ अ सिंपल फुलफिल्ड लाइफ अ सिंपल फुलफिल्ड लाइफ व्हाई गो इन टू एजोटिक राइट ठीक है बिल्कुल सिंपल फुलफिल्ड लाइफ जो आदमी ढूंढ रहा है ना बिल्कुल उसकी एक ऑब्स्ट कल तो यह है कि उसकी बॉडी कुछ डिमांड करती है और दूसरा है कि कल्चर कुछ प्रेशर डालता है और अर्जुन उसके प्रतीक है एक सेंस में परफेक्ट और कृष्ण किस चीज के प्रतीक है इन द वर्ल्ड इट सेल्फ इट इज पॉसिबल टू
बी एसोसिएटेड विद एंटिटीज और फोर्सेस दैट कैन ब्रिंग यू लुमिनेशन हम जैसे ये दुनिया है इस दुनिया ने शरीर दिया ये शरीर एक बॉन्डेज हो गया फिजिकल कंडीशनिंग ये दुनिया है इसी दुनिया ने सोशल कंडीशनिंग कर दी दूसरी बॉन्डेज हो गई उसी तरीके से इसी दुनिया में ये पॉसिबल है कि तुमको इलुमिया अब ये चॉइस तुम्हारी है कि तुम संगति कैसे करते हो ड यू चूज फॉर कंपनी अब ये कितनी इंपोर्टेंट बात है बहुत इंपोर्टेंट बात है इतने सारे लोग वहां इकट्ठा है हु हैज चोजन अर्जुन हु हैज चोजन कृष्ण फॉर कंपनी अर्जुन स्पेसिफिकली एंड
नॉट ओनली हैज ही चोजन कृष्ण फॉर कंपनी ही हैज रिफ्यूज्ड ऑल अदर कंपनी यस अर्जुन नहीं जा रहे हैं युधिष्ठिर से पूछने युधिष्ठिर का नाम है धर्मराज हम पर धर्म के बारे में पूछने वो युधिष्ठिर के बारे में नहीं जा रहे हम हम लड़ाई के पीछे बहुत बड़ा कारण द्रौपदी है द्रौपदी का अपमान हुआ है और यह सब है और द्रौपदी से शरीर का भी रिश्ता है मन का भी रिश्ता है वह द्रौपदी से भी बात नहीं करने जा रहे यह सारी बात अर्जुन सिर्फ और सिर्फ कृष्ण से कर रहे हैं और इतनी मजेदार बात
है अगर हम यह माने कि ज्यादातर जो गीता की बातचीत हुई है वह एक्चुअली मैदान में हुई है ठीक है ये भी मान लो कि सिर्फ उसका जो क्रक्स है वो वहां पर हुआ था बाद में उसको विस्तार देकर के लिख दिया गया वेदव्यास के द्वारा ठीक है लेकिन वो जो भी बातचीत हो रही है अगर उसका कुछ हिस्सा भी मैदान में हो रहा है तो आधे घंटे तो चली होगी बिल्कुल हम कह रहे हैं नहीं चली 15 दिन एक घंटा दो घंटा चली वहां पर बड़े से बड़े विद्वान भी मौजूद हैं वहां भीष्म पिता
मौजूद है कोई पूछने नहीं आ रहा कि ये दोनों क्या बात कर रहे हैं एक बार को इमेजिन करो दोनों तरफ सेनाएं खड़ी हुई है लड़ने के लिए तैयार है और अर्जुन और कृष्ण की बातचीत कोने में नहीं हो रही है अर्जुन अध्याय एक में कृष्ण से कह रहे हैं कि केशव मेरा जो रथ है वो दोनों सेनाओं के बीचोबीच ले चलो अब ये इधर खड़े हैं वो उधर खड़े हैं ऐसे ही होता था अरेंजमेंट पहले इधर ये सब है उधर वो है जैसे टैंक बैटल होता है ना बिल्कुल वैसे ही बीच में ले जाकर
के वो रथ को खड़ा कर दिया है द चैरिटहम ट्स व्ट क्रष्ण रिप्रेजेंट्स देयर इज द पॉसिबिलिटी ऑफ लुमिनेशन एंड लिबरेशन राइट इन दिस वर्ल्ड बट यू हैव टू बी वेरी चूज अबाउट द कंपनी यू कीप हा यू हैव टू चूज द राइट वन एंड ओनली द राइट वन आई हैव अनदर क्वेश्चन फिर तो कृष्ण के सारथी सारथी स्पेसिफिकली होने का भी कुछ पर्पस है क्योंकि होने को तो कृष्ण उनके बड़े भाई भी हो सकते जैसे युधिष्ठिर सारथी एक स्पेसिफिक रिलेशनशिप है जिसमें थोड़ी बराबरी है पर थोड़ी ऊंचाई भी है और एक साथ है कि
जो होगा अब मैं तुम्हारे साथ रथ पे हूं मैदान में तो यह सारथी का भी एक प्रतीक है कुछ वो यही प्रतीक है कैटालिस्ट कैटालिस्ट द नॉन डोअर सारथी तुम्हारे लिए लड़ेगा नहीं करना सब तुम्हें है हां यू नो हाउ द कैटालिस्ट वर्क्स राइट इट इज प्रेजेंट इन द रिएक्शन बट डज नॉट पार्टिसिपेट इट्स जस्ट प्रेजेंट एंड इट स्पीड्स इट अप इट स्पीड्स इट अप बट नॉट एज अ पार्टिसिपेंट जस्ट थ्रू द प्रेजेंस कृष्ण सारथी की तरह मौजूद है पर शस्त्र नहीं उठाएंगे लड़ना तो बेटा तुम्हें ही है जो करोगे तुम करोगे मैं नॉन डूर
हूं मैं अकता हूं लेकिन मजे की बात यह है कि कुछ नहीं करते हुए भी सब कुछ मैं ही करता हूं अगर देखो तो पूरा युद्ध होता ही नहीं अगर कृष्ण नहीं होते लेकिन कृष्ण ने कुछ भी नहीं करा युद्ध में एक तीर नहीं चलाया कुछ करा क्या वो जो वाली एक बात है थोड़ा सा वो छोड़ दो वो भीष्म के ऊपर वो उठा के उसको हटाओ पर कृष्ण ने अपने आप कुछ नहीं करा युद्ध से पहले ही युद्ध से पहले उन्होंने बोल दिया था ये सेना तो मेरी सारी उधर चली गई कौरवों की तरफ
चली गई मैं तुम्हारे साथ हूं और मैं पहले ही वचन दे रहा हूं कि मैं शस्त्र नहीं उठाऊंगा जी लाइट का यह काम होता है हमने कहा ना हु इज कृष्ण द लुमिनेटर राइट जैसे अब हम यहां बात कर रहे हैं हमारी बातचीत में यह पानी कुछ कर रहा है हम पिएंगे जी है ना वो एक पार्टिसिपेंट है वो भीतर जाएगा गले को ठीक करेगा एक रिएक्शन होगा एक्चुअली उसके भीतर जाने से ये इंस्ट्रूमेंट हां ये इंस्ट्रूमेंट्स भी कुछ कर रहे हैं सब कुछ है जो कुछ कर रहा है लाइट कुछ कर रही है क्या
वो सिर्फ प्रेजेंट है हां लेकिन लाइट के प्रेजेंट होने से लाइट के इलुमिया पानी यहां से हट जाए ये बातचीत रुकेगी नहीं ठीक है ये लाइट किसी वजह से गायब हो जाए हमारी बातचीत तुरंत रुक जाएगी सो ट्रुथ इज लाइक लाइट इन योर लाइफ इट डज नॉट एक्टिवली डू एनीथिंग बट इट्स प्रेजेंस इनेबल्स यू टू डू ऑल द ग्रेट थिंग्स आई सी इट नॉट एक्ट इन इटफ इट नॉट एन एक्टर इन इट सेल्फ इट्स द नेबलर कैटालिस्ट उत्प्रेरक ठीक है यह बात मैं समझ गया अब और मैं इसका हिस्टोरिकल या लिटरेरी कांटेक्ट भी समझ गया
जहां यह हो रहा है और जो कैरेक्टर्स के साथ हो रहा है यह मेरी लाइफ में अर्जुन कौन है या एक आम आदमी के जीवन में एक मॉडर्न कॉन्टेक्स्ट में एक मैंने देखा है कई बार जो आध्यात्मिक टीचर्स होते हैं वो मैनेजमेंट प्रिंसिपल्स एक्सट्रैक्ट करते हैं मेरे को लगता है हमेशा लाइफ प्रिंसिपल्स आर मच मोर इंटरेस्टिंग एंड आई एम वंडरिंग कि इसके साथ कोई इज देयर अ मॉडर्न अंडरस्टैंडिंग ऑफ दिस ये कहां हो रहा है मेरी लाइफ में कहां है कृष्ण मेरी लाइफ में और कहां है अर्जुन मेरी लाइफ में और कहां है महाभारत मेरी
लाइफ में नहीं कृष्ण कहां है वो तो बात की बात होती है पहले ये देखना होता है कि मेरी जिंदगी में भी फिजिकल कंडीशनिंग और सोशल कंडीशनिंग सुपर इंपॉर्टेंट रोल प्ले कर रहे हैं सुपर इंपॉर्टेंट एंड अनडिजर्व्ड एंड नीडलेस ठीक है एंड ट्स व्ट मेक्स इट क्वाइट क्वाइट सीरियस राइट अनडिजर्व्ड ठीक है अननेसेसरी एंड यट इंपॉर्टेंट मेरी जिंदगी में तो यही हो रहा है ना बॉडी मुझे बोलती है कुछ काम करने चाहिए मैं वो काम करने के लिए निकल पड़ता हूं सोसाइटी मुझे बोलती है कुछ काम करने चाहिए मैं वो काम करने निकल पड़ता हूं
जी और इस पूरी चीज में बेवकूफ मैं ही बनता हूं लाइफ इज शॉर्ट कोई 50 साल कोई 80 साल जिएगा और उतना व जो शॉर्ट ड्यूरेशन है कुछ शरीर की मांगे पूरे करने में निकल जाता है और कुछ समाज की आज्ञा मानने में निकल जाता है तो पहले मुझे देखना होगा कि मैं अर्जुन हूं जब मैं गीता पढ़ाता हूं तो मैं बहुत समय शुरू में सबको यह समझाने में लगाता हूं कि तुम देखो ो कि तुम अर्जुन हो और अगर तुम अर्जुन नहीं हो तो कृष्ण का तुम्हारे लिए कोई वजूद नहीं है पहले तो तुम
साफ देखो कि तुम अर्जुन और जब मैं देखता हूं कि मैं भी अर्जुन की तरह ही फंसा हुआ हूं इसमें और इसमें जी इसमें और इसमें तो फिर ये यह संभावना पैदा होती है कि मैं उन सब सोर्सेस से जरा मुंह फेर लूं जिन्होंने मुझे एनीवे बॉन्डेज दी हुई है ठीक है मैं अर्जुन हूं मैंने देखा तो फिर मैं ये भी देखूंगा ना कि ये मेरे कचड़ा जो है ये कहां से आया हम हम जहां से कचड़ा आया अब मैं वहीं जाकर दोबारा नहीं खड़ा होंगा क्योंकि मैं देख रहा हूं कि इस कचड़े ने मेरी
हालत खराब कर दी है जी अर्जुन कह रहे हैं कि मैं खड़ा हो रहा हूं तो मेरी टांगे काप रही है दैट काइंड ऑफ स्ट्रांग मैन कहता है मेरा दिमाग जो है व सुन्न हो गया मैं सोच नहीं पा रहा हूं मेरी खाल जल रही है मेरे हाथ से छूट रहा है और व ऐसे धम्म से बैठ जाते हैं रथ पर य डिसग्रेस है एक जबरदस्त योद्धा के लिए जब आप देखते हो कि आपको इस डिसग्रेसफुल पोजीशन में कुछ सोर्सेस ने कुछ ताकतों ने डाला है तो आप उन ताकतों से फिर किनारा कर लेते हो
उनको उनको आप रिजेक्ट करते हो दैट रिजेक्शन इज एट द सेंटर ऑफ गीता वेदांत ऑल विजडम दैट रिजेक्शन इज कॉल्ड नेति नेति नॉट दिस नॉट दैट नॉट दिस नॉट दैट कुछ भी नहीं कुछ भी नहीं ना ये ना ये ना ये ना ये ना यह ना यह ना वो लोग भले हैं जिन्होंने मेरे दिमाग को राइट की तरफ कंडीशन करा ना वो लोग मेरे दो दोस्त जिन्होंने मेरे दिमाग को लेफ्ट की तरह कंडीशन करा जिन्होंने भी मुझे कंडीशन करा उन्होंने मुझे बेड़ियां ही पहनाई है अब कोई इधर से मुझे जंजीर बांध दे कोई मेरे इस
हाथ में जंजीर बांध दे दोनों मेरे दोस्त नहीं हो सकते जी सिर्फ इसलिए कि किसी ने मेरे बाए हाथ प बेड़ी लगाई किसी ने दाए हाथ प हथकड़ी लगाई किसको बोल दूं कौन मेरा दोस्त है मैं सबको रिजेक्ट करूंगा दिस नेति नेती दिस दिस रिजेक्शन ऑफ ऑल सोर्सेस ऑफ बेज एंड द वन विदन हु इज वेरी अमिनेबल टू एक्सेप्टिंग बॉन्डेज दैट इज एट द सेंटर ऑफ डिस्कवरिंग कृष्ण कृष्ण एक्चुअली अपने आप में कोई व्यक्ति नहीं है कृष्ण अपने आप में कोई वस्तु नहीं है जब अर्जुन बाकी हर चीज को रिजेक्ट करने लग जाते हैं तो
उसके बाद जो क्लीन एमटी प्योरिटी बचती है उसको कृष्ण बोलते हैं सो कृष्ण इन द हाईएस्ट सेंस इज नॉट वन पर्टिकुलर सोर्स और इवन इफ यू वांट टू टेक कृष्ण एस समथिंग और सबब यू हैव टू पास थ्रू अ रिगर अस प्रोसेस ऑफ निगेशन फर्स्ट फर्स्ट ऑफ ऑल रिजेक्ट ऑल नॉनसेंस अदर वाइज इवन इफ कृष्ण इ सिटिंग राइट इन फ्रंट ऑफ यू यू विल नॉट बी एबल टू रिकॉग्नाइज हिम और रिस्पेक्ट हिम वैल्यू हिम पहला काम तो ये होना चाहिए कि मैंने जिन सबको अपने लिए वैल्युएबल समझ रखा है मुझे दिखाई दे कि उन्होंने मुझे
बस हथकड़ियां दी हैं और जब मैं उनको रिजेक्ट करने लग जाता हूं तब मुझे समझ में आता है कि शायद मेरी जिंदगी में ही मेरे सर्किल में ही पबिटी मौजूद थी पर मैंने उसको कभी रिस्पेक्ट नहीं दी एक सवाल है सॉरी अचार जी मैं क्योंकि आपने एक बात बोली वो बड़ा रेडिकल ख्याल है कि मेरे को सबने बेड़िया बांध रखी है और मेरे को लगता है ऐसी बात सुनते मेरे दिमाग में आता है पर मेरे मां बाप ने या मेरे आप समझ लो कोई तो होगा इसने बड़ नहीं बांधी होगी इट इ अ वेरी एक्सट्रीम
वे टू थिंक इज इट नॉट सो देखो थोड़ा टची हो जाता है जब हम अपने मां बाप की बात करते हैं क्योंकि हमारा उनसे इज्जत का और प्यार का रिश्ता है तो उनकी नहीं बात करते हम अपनी बात करते ठीक है एक लड़का एक लड़की हो सकते हैं आपको प्रकृति रिप्रोडक्शन के लिए प्रोक्रिएशन के लिए काबल बना देती है आप 16 18 साल के होते हो तभी से आप 16 के हो 18 के हो आप 26 के हो आप 30 के हो इसी जज में आमतौर बच्चे होते हैं 35 के हो मैक्सिमम जी एक 25
साल का लड़का या लड़की कितने होशियार होते हैं कुछ नहीं आप अपनी ऑडियंस को जानते होगे मैं तो अपने को भी इतना समझता हूं मूर्ख हूं मैं अब अगर बच्चे पैदा हो जाते हैं तो आप भगवान हो गए क्या नहीं लेकिन यही चल रहा है ना कल्चर में हां हां हां हां यही चल रहा है ना सोचो अगर मैंने अपने आप को पेरेंट बना लिया तो रियलिटी दिख जाती है तो रियलिटी दिख जाती है पर अगर ऐसे सोचोगे कि हमारे पेरेंट्स हैं तो फिर ना थोड़ा सा मेंटल फॉग आ जाएगा जी जी जी साफ दिखाई
नहीं पड़ता तो पेरेंट्स ये नहीं सोचो अपनी सोचो कि मैं ही पेरेंट हूं अगर मैं आज पेरेंट हूं और मैंने दो बच्चे पैदा कर दिए हैं और मैं उन बच्चों से बोल रहा हूं देखो मैं भगवान हूं अब वो बच्चे तो बेचारे मेरे छोटे-छोटे डिपेंडेंट हैं मैं अगर उनको बोलूंगा मैं भगवान हूं तो उनको बेचार को मानना पड़ेगा जी ये गलत बात है ना मैं समझ गया गलत बात है मैं अगर उनका भगवान बन रहा हूं तो मैं उनको बॉन्डेज ही दे रहा हूं तो पेरेंट्स भी बॉन्डेज ही देते हैं मैं समझ गया आदमी क्योंकि
एक बहुत मास वैक्यूम है एक एबिस है जैसे कई जगह कहा गया है उसकी जगह आदमी सहारा एक्सेप्ट कर लेता है और उसको भी नहीं पता होता बच्चा होता है है ना उसकी कंडीशनिंग ऐसी होती है कि अब 3 साल का बच्चा क्या निगेशन करेगा उसको क्या पता लगना है कि यह सहारा बनता जा रहा है या जो भी है तो मैं आपकी बात समझ गया पर अच्छा ठीक है अगर मैं यह समझ जाऊं कि मेरे आसपास ऐसी ताकतें हैं कॉन्शियस और अनकॉन्शियस इदर विलफुल और इग्नोर एट ऑफ देर ओन पावर जो मेरे को एक
तरीके से कंडीशन कर रही है जो मेरे को बांध रही है एक तरीके से और मेरे को उस बारे में नहीं पता अब क्या महाभारत इनको जो महाभारत का इ महाभारत अ सिंबल ऑफ ब्रेकिंग फ्रॉम दोस पावर्स क्या वो उसका प्रतीक है यस अच्छा तो ये मेरी जंग कहां लड़ी जा रही है भीतर भीतर और ये हर हर क्षण लड़ी जा रही है अगर आप चाहो तो नहीं तो आप सरेंडर कर सकते हो घुटनों प आ जाओ क्यों लड़ना है दुनिया में ज्यादातर लोग भीतर की कोई जंग नहीं लड़ रहे हां हां हां हां वो
भीतर बिल्कुल एकदम पड़े हुए हैं बेहोश उन्हें कोई जंग नहीं लड़नी हां वो जंग कोई लड़ते भी है तो बाहर लड़ते हैं एक दूसरे का सर फोड़ दिया लट चला दिया गाली गलौज कर दी तो जंग है भीतर तो कंफ्लेक्स में ही गुथ म गुत्ता है जी भीतर सफरिंग बहुत है लेकिन भीतर कोई राइट वर्दी बैटल नहीं है द बैटल अगेंस्ट वनसेल्फ वो भीतर नहीं है एंड दैट इन अनदर वे इज एट द कोर ऑफ गीता द बैटल राइट अगेंस्ट योरसेल्फ हाउ डू आई बिगिन टू फील इट क्योंकि मैं ये बोल देता हूं और शायद
10 लाख आदमी ये सुन ले 10 लाख आदमी में से मैं समझता हूं 8 लाख आदमी को तो समझ नहीं आना 1 लाख आदमी को उनकी कोई डेफिनेशन है वो उस परिभाषा में आपकी बातों को जोड़ लेंगे और भैया हम तो कितने अकलमंद है चलो फिर एक सवाल पूछता हूं अभी कल परसों में ही मैंने पूछा था जी आप के सामने भी रखता हूं अगर किसी ने नहीं बताया होता कि क्या करना है जी तो आप आज जो कुछ कर रहे हो इसमें से कितना परसेंट कर रहे होते मेरे को नहीं पता आई हैव नो
आईडिया हाउ वुड आई नो एंड इफ यू हैव नो आईडिया देन व्हाट इज इट दैट पुशेज यू टू डू ऑल द थिंग्स दैट यू आर करेंटली डूइंग आई वुड इवन से आई हैव नो आईडिया आई थिंक आई एम पुल्ड इन टू इट देन हाउ डू यू फील अबाउट इट कि मुझे पता भी नहीं है कि मैं जो कर रहा हूं क्यों कर रहा हूं पर मैं करे जा रहा हूं और मेरे पास एक ही जिंदगी है और मैं अपना टाइम एनर्जी ऐसी चीजों को दे रहा हूं जिनका मुझे कुछ पता ही नहीं है अ आई
कैन गिव यू सम आंसर जैसे इट इज बेटर देन पार्टिंग मतलब मैं एक नशे से ऊपर वाला नशा कर रहा हूं मैं ऐसा कह सकता हूं अ अब वो ये वाला नशा हो सकता है करियर का न मैं क्वेश्चन पूछ रहा हूं जी जी जी हां किसी ने नहीं बताया होता कि पार्टी स्टैंड्स फॉर मौज ठीक है तो क्या हम पार्टी भी कर रहे होते शायद मतलब मैं टेस्ट कर करके देख रहा होता किसमें मौज आ रही है फिर जी और वो टेस्ट कर कर के देखना ही जिंदगी है जो हमसे छीन ली गई तो
जो यह ताकत है ये डर की ताकत है जो छीन रही है हमसे वो खुद डरे हुए हैं वो चाहते नहीं कि कोई आए जो रिवील कर दे कि एक अलग अल्टरनेट फुलफिल्ड लाइफ पॉसिबल थी हम अगर हम दोनों ही बहुत ऐसे जीने के आदि हो गए हैं और यह यहां पर बैठे हैं यह बिल्कुल बेधड़क खुल्ला जी रहे हो तो सच बताओ हम दोनों को कैसा लगेगा हम डराने जाएंगे इनको हम उसे डराने जाएंगे हम जलसी से जल के मर जाएंगे बिल्कुल बिल्कुल बिल्कुल और खासकर तब अगर हम दोनों बुड्ढे हो गए हैं हम
हम कहेंगे हमने तो जिंदगी खराब कर ली रिकवरी का भी कोई चांस नहीं है और ये मौज मार रहा है समझ में आ रही हम पूरी कोशिश करेंगे कि इसको भी खुल के नहीं जीने दें बिल्कुल यही होता है जैसे जिन लोगों ने क्रिकेट खेलते हुए शीशे तोड़े होते हैं दूसरों के घरों प वही रोक रहे होते हैं बच्चों को बाद में पार्कों में ना ये वही साइकोलॉजी है हां जिन्होंने ऐसे समझ लो एकदम बंधी हुई जिंदगी जी होती है उनके सामने आप थोड़ी भी फ्रीडम अगर दिखाओ तो उनको बहुत ज्यादा बुरा लगता है और
वो कहते हैं कि कल्चर नहीं है तुम में बदतमीज हो तुम हर जनरेशन ऐसा कैसे कहती है कि यह जनरेशन तो बिल्कुल हां क्योंकि पिछली जनरेशन आमतौर पर ऐसा रहा इन द कोर्स ऑफ हिस्ट्री कि पिछली जनरेशन अगली जनरेशन से ज्यादा बॉन्डेज में रही होती है राइट विद द एडवें इन टेक्नोलॉजी एंड थॉट लिबरल थ थॉट जी हर सबसीक्वेंट जनरेशन पिछली जनरेशन से थोड़ी ज्यादा फ्रीडम में जीती है जी कांस्टीट्यूशनल फ्रीडम इकोनॉमिक फ्रीडम फ्रीडम ऑफ थॉट ये सब रहता है जी तो पिछली जनरेशन इन जनरल आई एम जनरलाइजिंग देयर कैन बी एक्सेप्शन यस यस तो
पिछली जनरेशन इन जनरल अगली जनरेशन को यही बोल रही होती है कि बदतमीज लोग हैं इन पे कोई सेल्फ कंट्रोल नहीं है जहां देखो ये उल्टा-पुल्टा करते रहते हैं ये अलग बात है कि पिछली जनरेशन को उनसे पिछली जनरेशन भी सेम यही बात बोल रही थी तब एमटीवी को गाली देते थे अब instagram2 साल बाद अगर क्लाइमेट चेंज वगैरह ने हमको छोड़ दिया और इनके बच्चे हुए तो ये अपने बच्चों को यही बोल रहे होंगे कि इनमें कल्चर नहीं है और इनमें कोई डिसिप्लिन नहीं है जी सिर्फ जन एक्स से जेनवा जेन वाय से जेनजी
जेनजी से जेन अल्फा यही चेंज होता जाता है सेंटेंस रिमेंस द सेम सेंटेंस रिमेंस द सेम राइट तो एक्चुअली ये टेस्ट कर पाना कि मेरे अंदर एक जंग है वो आप थ्रू ट्रायल ए एरर करते हो थ्रू ट्रायल एंड एरर करते हो थ्रू मे बी एक बार के लिए सबको हटाओ मैं अपना जीवन सोच के देखता हूं मैं समझ के देखता हूं मेरे को किस चीज में इंटरेस्ट है और इसी प्रोसेस को शायद यूथ कहते हैं क्योंकि आदमी ग गलती करते जाता है ये नहीं करते जाता है और उसके थ्रू विजडम अवाय करता है आपको
गलती करने की भी अनुमति नहीं होती ना जी जी जी समझ वो आप नहीं अलाव करते कि गलती करो जी आप समझ रहे तो आपको एक बहुत रिजिल फ्रेमवर्क दे दिया जाता है उसी रिजिम वर्क में डिफाइन हो जाता है ये कर लोगे तो तुम सक्सेसफुल हो ये कर लोगे तो तुम एक फेलियर हो जो सक्सेसफुल भी है वो उसी फ्रेमवर्क के भीतर सक्सेसफुल है वो जो फ्रेमवर्क है वह एक होली ग्रिल है जिसको वायलेट करने की आपको परमिशन नहीं है ज्यादातर लोगों को पता भी नहीं है कि वोह एक ऐसे एक ग्रिल के भीतर
इनकेज्ड है कि कि ऐसे जैसे होता है ना कि जेल के भीतर फ्रीडम मिली हुई है ज्यादातर लोगों को पता भी नहीं है कि उनकी जो पूरी फ्रीडम है वो एक जेल के भीतर की फ्रीडम है जैसे वो जोक है ना कि एक मछली दूसरे से कहती है पानी कैसा है कौन सा पानी कौन सा पानी कौन सा पानी पता ही नहीं हम पानी में या इससे भी आगे बढ़ा सकते हो कि एक्वेरियम के भीतर दो मछलियां है और दोनों एक्वेरियम को ही सागर समझ रही है जी जी जी उनको पता भी नहीं है कि
वो एनके है क्योंकि बचपन से वो पैदा ही एक्वेरियम में हुई थी और जो अकेली मछली है या कह लो पाच सात और मछलियां है जिसकी वो कंपनी कर सकती है उन्होंने भी कभी सागर नहीं देखा तो यह सब एक दूसरे को क्या बता रही है एक्वेरियम ही सागर है जी सो दैट द वे वी लिव ये तो बात हो गई लिबर्टी की और एक्सप्लोरेशन की अब एक कंसोलिडेशन भी है जिसके बारे में मेरे ख्याल से जो पहला श्लोक है जहां यदा यदाई धर्मस्य और धर्म धर्म वर्ड निकल के आता है गीता में वो धर्म
एक लेवल ऑफ कंसोलिडेशन एक रास्ता होगा ना या वो अनेक रास्ते हैं फिर एवरीथिंग राइट कम्स अंडर द अंब्रेला ऑफ धर्मा ठीक है एवरीथिंग दैट इज राइट कम्स अंडर द अंब्रेला ऑफ धर्मा बिकॉज धर्म इज जस्ट वन थिंग ठीक है देखो ऐसे समझो अभी तक जो हमने बात करी 100 बातें होती नहीं है अध्यात्म में ठीक है 100 बातें अगर आपको पता चल रही है तो फिर आप उनके बीच की सेंट्रल यूनिटी नहीं देख पा रहे हो हमने बात करी कि हमारी सारी समस्या यह है कि भीतर कुछ है जिसके साथ हम पैदा होते हैं
जी हमें जिंदगी भर उसका पता नहीं होता लेकिन उसको पेसिफाई करने के लिए उसको फुलफिल करने के लिए हम हाथ पांव चलाते रहते हैं वो हाथ पांव चलाने से कुछ होता है नहीं आदमी ऐसे ही पैदा होता है बेचैन और ऐसे ही तड़पता हुआ मर जाता है हां कुछ लोग इस बात को एक्सेप्ट करते हैं और कुछ ड्रामा करने में इतने माहिर हो जाते हैं कि वो कहते हैं नहीं साहब हम तो खुश हैं हम तो फुलफिल्ड हैं वो खुद ही को बेवकूफ बनाते वो खुद को ही बेवकूफ बना लेते हैं ठीक है तो धर्म
क्या होगा फिर खुद को ना बेवकूफ बनाना बस यही खुद को सच बोलना बस यही धर्म है यही धर्म है यही धर्म का चक्र है यही बस यही धर्म है कोई चक्र वगैरह कुछ नहीं बस यही धर्म है धर्म सारा किसके लिए है मन के लिए मन नहीं मैं मैं मैं मैं मैं के लिए अहम के लिए फॉर द ईगो द सेल्फ द सब्जेक्ट उसकी हालत क्या है बेचैन बेचैन तो धर्म क्या हुआ जो बेचैनी खत्म करे बस यही धर्म है ठीक है और उसको फिर पता करने का तरीका भी अंतरिक ही होगा क्योंकि तभी
तो मेरी बेचैनी इज द लिटमस टेस्ट अब ये बताओ धर्म के नाम प जो बाकी सब चल रहा है वो क्या है पॉलिटिक्स वो पॉलिटिक्स ऑफ थॉट है है ना वो पॉलिटिक्स ऑफ स्पिरिट है वो क्योंकि मेरे को लगता है किसी भी टाइप की लार्ज स्केल कंसेंट जो है जिस परे सब लोग अग्री करते हैं ना मैं हमेशा कहता हूं जैसे मैं इंटरनेट के सिलसिले में कभी अंश को बोलूंगा जो सब देख रहे हैं ना उससे उल्टी तरफ मुड़ जाओ क्योंकि वो पक्का कचरा है तभी सब देख रहे हैं मास कंजंपुरावैम दैट्ची फ्लॉक इन वन
पर्टिकुलर डायरेक्शन हा हमारा अभी तक जहां इवोल्यूशन पहुंचा है ना जी जी वी आर हार्ड वायर्ड फॉर फूलिशनेस यस हमारा कोई इवोल्यूशन फाइनल तो हो नहीं गया हम कोई फिनिश प्रोडक्ट तो है नहीं अभी ताजा ताजा जंगल से निकले हैं कल ही कल ही निकले हैं जंगल से चार सेकंड पहले ठीक है तो इतनी हमें नहीं अभी बुद्धि आ गई है और जो द एबिलिटी फॉर सेल्फ ऑब्जर्वेशन है वो हमारी बहुत अंडर डेवलप्ड है एंड दैट इज द रीजन बिहाइंड ऑल ह्यूमन सफरिंग सो इज दिस कंप्लीशन ऑफ डेवलपमेंट मोक्ष जैसे गीता में भी मोक्ष का
कांसेप्ट है देखो अगर उसको मैं कहूं कि डेवलपमेंट का प्रोसेस एक दिन मोक्ष तक पहुंचा देगा तो ये मोक्ष दो कौड़ी का हो गया ना क्योंकि इसमें ना तो कोई स्ट्रगल इवॉल्वड है ना कोई चॉइस जी आप एक ट्रेन पर बैठे थे ट्रेन मोक्ष तक पहुंच गई वो काहे की ट्रेन है वो एवोल्यूशन की ट्रेन है इवॉल्व होते होते ट्रेन ने आपको मोक्ष तक पहुंचा दिया आप तो ट्रेन में सो रहे थे आपने क्या किया कोई स्ट्रगल नहीं की कोई मेहनत नहीं करी तो वह मोक्ष बेकार होगा मोक्ष का मतलब हो होता है जो भी
आपकी कंडीशन है अच्छी है बुरी है भीतर से कितनी आपको बेज है बाहर से आपकी कितनी मजबूरिया है उन सबके बावजूद स्ट्रगल करना सो मोक्ष इज वरफेन मोक्ष इज ऋण क्षेत्र कुरुक्षेत्र मोक्ष का मतलब ही यही है कि अपने एनिमी को फाइट करना है जो भीतर है उससे जो लिबर्टी मिलती है वो जो एनिमी को फाइट करना उसके लिए हमने अभी एक वर्ड यूज किया था क्या वर्ड था वो नेति नेति नेती नेती नेती नेती तो वो एक तो होती है फिजिकल स्लॉटरिंग ऐसे मार दिया और एक होती है कि वो जो भीतर थे जो
मुझ पर चढ़ के बैठे हुए थे मैंने उनको निगेटिव को देखने का एक तरीका हो सकता अवर गॉड्स हैव फीट ऑफ क्ले वो सारे गॉड्स हैं और वो बहुत ज्यादा ऐसा लग रहे थे ओवर पावरिंग है टावरिंग है एंड देन आई गो एंड लुक एट देर फाउंडेशन आई नॉक राइट एट देर फीट एंड आई डिस्कवर दे फीट ऑफ क्ले इनकी तो बुनियाद ही नहीं है गॉड्स मतलब ल द फोर्सेस टावर अपन अस बस वेरी इंटरेस्टिंग वेरी इंटरेस्टिंग मेरे को आई डिन मीन टू ब्रिंग दिस अप बट मेरे को याद है मैं शायद अष्टावक्र महा गीत
ओशो के जो लेक्चर सीरीज है उसके पहले 45 मिनट में वो भगवत गीत की बात भी करते हैं और वो एक बात बोलते हैं जो कि मैं आपकी बात सुन रहा हूं तो मेरे को लग रहा है कि उसके थोड़ी कंट्रक्शन में हो सकती है क्योंकि आपने एक बहुत ही कंसोलिडेटेड ऑब्जेक्टिव अंडरस्टैंडिंग दी है मैं पकड़ सकता हूं आज गीता को मेरे को पता है कि इसका अर्थ क्या है इस पूरी किताब का 800 श्लोकों का 700 700 श्लोक होगा उश कहते हैं कि अष्टावक्र वो अष्टावक्र के गीत के बारे में बात करें अष्टावक्र का
गीत जो है ना वो बिल्कुल गणित सत्य है उसमें कोई इंटरप्रिटेशन का स्कोप नहीं है जो कृष्ण का गीत है ना जो भगवत गीत है वो काव्य है उसमें लोग राजनीति ढूंढ लेते उसमें सब अपनी इंटरप्रिटेशन बना लेते हैं ऐसा क्यों होता है और इज दैट नॉट काउंटर प्रोडक्टिव देन क्योंकि सब उसमें कन्वेनिएंट अपने आप को एल्बो कर लेते हैं हां कर लेते हैं लेकिन उसी वजह से भगवत गीता फिर प्रसिद्ध भी हो पाई हम मैं इस समय पर भगवत गीता और अष्टावक्र गीता एक साथ पढ़ा रहा हूं ठीक है कठ उपनिषद भगवत गीता अष्टावक्र
गीता और शून्यता सप्तती और सोंग्स ऑफ सेजेस जी और लाउ जू जी तो एक कंसोलिडेटेड कोर्सेस में सबको पढ़ा रहा हूं तो अष्टक गीता भी भगवत गीता भी है लेकिन वह जो हमारी पूरी सीरीज है उसका नाम है गीता समागम उसका नाम हम अष्टावक्र समागम दे देंगे हम तो लोग आएंगे नहीं क्यों किसी को पता ही नहीं है किसी को पता नहीं है दूसरी बात वो इतनी ऑयर है इतनी साफ है कि उसमें तुम्हें एंटरटेनमेंट नहीं मिलेगा हां हां हां हां आई डोंट मीन टू इंप्ला दैट भगवत गीता इज एंटरटेनमेंट नो नो वी आर एबल
टू फाइंड एंटरटेनमेंट इन दैट राइट अष्टावक्र गीता इतनी नीट है इतनी क्लीन है एमगी के लिए पर्सनल इंटरप्रिटेशन के लिए वो कोई जगह ही नहीं छोड़ती और बात को इतना सरल करके सामने रख देती है कि आप ऐसे बैठ जाते हो कहते हो अब बचा क्या कि इस पे मैं लडू किस बात पे और अष्टगंध गीत क्या है मेरे को पता नहीं रिभु गीता अष्टावक्र गीता के बाद भी अगर कुछ बच गया होगा तो रिभु गीता उसको साफ कर देगी अच्छा ये तो मैंने कभी सुना ही नहीं मैंने अष्टावक्र की ऐ आप पढ़ो तो सही
मैं पढ़ूंगा ये जोय जो क्वालिटी ऑफ टेक्स्ट है कि जैसे अष्ट गीत बिल्कुल ऐसे शुरू होती है सुन भाई खत्म कर दे अब किताब बंद यही है बस एक एक ही सूत्र बहुत है अगर समझ में आ गया तो देखो सूत्र तो भगवत गीता का भी एक बहुत है जी बात बस यह आ जाती है कि कृष्ण वहां पर एक पर्सन की तरह बोल रहे हैं जी पर बोल रहे हैं उसके बिहाव पर जो इर्स है ठीक है तो इसने यह जो पर्सन वाले लोग हैं ना इनको स्कोप दे दिया है यह कहने का कि
सम हेवनली गॉड हैज डिसेंडेड एंड इज लेक्चरिंग राइट अष्टावक्र गीता में उस तरह के कोई बात ही नहीं है अष्टा होकर गुरु खड़े हो गए हैं वो कह रहे हैं साहब आप अधिक से अधिक मुझे ज्ञानी बोल सकते हो ठीक है सामने जनक बैठे हुए हैं वो कह रहे हैं मैं क्या हूं मैं स्टूडेंट हूं मैं सीकर हूं बात करने आया हूं और थोड़ी सी बात आगे चलती है आप पाते हो कि उसमें आप मुश्किल से दूसरे चौथे अध्याय तक पहुंचते हो प्रकरण तक अटकता में जनक और अष्टावक्र की बातों में अंतर करना मुश्किल हो
जाता है कि कौन कौन है जनक है कॉट अप या राइट राइट राइट तो वहां पर किसी तरह का कोई मिस्टिसिजम या मेटा फिजिकल एलिमेंट आप नहीं कर पाओगे गेम ठीक तो इस तरह से अष्टक गीता बच गई किसी भी तरह के करप्टेड इंटरप्रिटेशन से उन्होंने स्कोप नहीं छोड़ा था ठीक टू ह्यूमन बीइंग्स आर टॉकिंग बट दे टॉकिंग ऑफ द हाईएस्ट पॉसिबल राट टस गीता फॉर यू इन भगवत गीता व्ट इ हैपनिंग इ कृष्ण मैं करके बात करते हैं ठीक है उदाहरण के लिए वह कह देते हैं कि मेरा विराट रूप देखो सब प्राणी मुझ
में प्रवेश कर रहे हैं जी या व कह देते हैं मैं हाथियों में अरावत हूं मैं शस्त्र भारियो में राम हूं अब वहां पर जो है यह समझ में नहीं आता लोगों को कि जब कृष्ण मैं कह रहे हैं तो मैं माने यह पर्सन ये जो बॉडी बैठी है या मैं से उनका अर्थ है द ग्रेट सेल्फ आत्मा तो जिसको जैसे मन में आया उसने वैसे इंटरप्रेट कर लिया इसलिए भगवत गीता के इतने तरीके के इंटरप्रिटेशन हुए हैं और ज्यादातर वो करप्टेड इंटरप्रिटेशन ही है क्योंकि लोगों ने अपने पर्सनल बायस उसमें जम के घुसे ड़
हैं इंटरप्रिटेशन तो छोड़ दो वो जो भगवत गीता तुम्हें ज्यादातर मिलेगी फ्लोट करती हुई उसमें जो उसका अन्वय है जो शब्दार्थ है कि जो संस्कृत का शब्द है उसके सामने जो हिंदी का लिखा है वो तक गड़बड़ कर देते हैं क्योंकि पर्सनल बायस है और हम अहंकारी इतने बड़े होते हैं कि अपने पर्सनल बायस को कृष्ण के शब्द से भी ऊपर रख देते हैं वो आप अष्टावक्र गता में नहीं कर सकते वो आप रिभु गीता में नहीं कर सकते तो वो ज्यादा क्लीन है पर चूंकि हम उनके साथ छेड़खानी नहीं कर सकते तो हमारा उनमें
कोई इंटरेस्ट भी नहीं है हमारा इंटरेस्ट उसी चीज में है जिसको हम अपने हिसाब से मैनिपुलेट कर सके हम ऐसे ही लोग हैं भाई हम बहुत गड़बड़ लोग है हम लोग हां हां हम हमें पता ही नहीं लगता हम अपना बेवकूफ कब बना रहे होते हैं आप आचार्य जी बहुत ना द लैंग्वेज यू यूज टू डिस्क्राइब इ सो डीप फिलोसॉफिकल एटलीस्ट आज मैंने आपकी बहुत बातें सुनी है कई बार आप कावे मोड में भी होते हो कि मेरे को लग रहा है जब सुन रहे होंगे ना लोग उने समझना पड़ेगा कि भाई इसको पकड़े कैसे
बात को तो एम आई अंडरस्टैंडिंग दिस प्रॉपर्ली क्योंकि भगवत गीत में कृष्ण फ्रॉम अ कॉन्टेक्स्ट स्पेस एक कंटेक्सुअल बात कर रहे हैं लोग उसमें अपना मतलब जोड़ के उसको एक तरफ दूसरी तरफ ले जाते हैं हां कृष्ण हैज टेकन द लिबर्टी हम ऑफ स्पीकिंग नॉट मरली एज द रिप्रेजेंटेटिव ऑफ द ट्रुथ ब बट एस ट्रुथ इट सेल्फ हम हम दैट लिबर्टी अष्टावक्र जज नॉट टेकन नॉट टेकन एंड बिकॉज कृष्ण ज टेकन दैट लिबर्टी दैट आल्सो पुट्स भगवत गीता इन अनदर सेंस अबब अष्टावक्र गीता क्योंकि वेदांत का आखिरी सूत्र तो यही है ना कि अहम ब्रह्मास्मि
हम अंततः अगर मैं निडर होकर के बेखौफ होकर के बेधड़क होकर नहीं कह पा रहा हूं कि मैं ही वह हूं तो फिर मैंने क्या सीखा और कृष्ण वह काम भगवत गीता में कर देते हैं वो कह देते हैं मैं वो हूं वर्ड बिल्कुल बिल्कुल मामे एकम शरणम व्रज वो यह नहीं कहते सत्य की शरण में जाओ वो क्या कहते हैं मेरी शरण में आओ और सिर्फ मेरी शरण माम एकम मेरी और मात्र मेरी ही शरण में आओ बिल्कुल यह काम अष्टावक्र नहीं करते यह काम निषद के ऋषि भी नहीं करते कि वो कहते कि
आई एम नॉट जस्ट स्पीकिंग ऑन बिहा ऑफ द ट्रुथ आई एम द ट्रुथ इट सेल्फ राइट एंड ट्स द पॉसिबिलिटी भगवत गीता पॉइंट्स एट व्हाई नॉट लिव फॉर द मूमेंट व्हाई नॉट लिव फॉर द द लेवल द प्लेन इन व्च यू कैन विदाउट हेसिटेशन एंड विदाउट हिपोक्रिटस इट सेल्फ मैं वही हूं अे वही केवलम यही यही वेदांत के अंतिम सत्य हैं तो वह जो आखिरी बात है वह कृष्ण गीता में कह जाते हैं मैं वही हूं जब कृष्ण कह जाते हैं मैं वही हूं तो जिनको वेदांत समझ में नहीं आया उनको लग रहा है कि
वह कहते हैं किय जो बॉडी है यह जो एंबॉडी पर्सन है यह वही है अब यह बहुत गुढ़ बात है कि कैसे एक एंबॉडी पर्सन इंपर्सनल ट्रुथ को कह सकता है मैं वही हूं पर वो तो कहना पड़ेगा और यही बात उपनिषद आपको कहते हैं कि तत्वम तुम वही हो उससे नीचे तुम कुछ रह गए तो तुमने अपनी जिंदगी बर्बाद कर ली हम यू हैव टू राइज टू द प्लेन वेर यू कैन से दैट आई एम नो मोर व्हाट रिमेंस इज दैट ओनली दैट व्हिच इज दैट बिकॉज इट इज अन नेमबो उसको बस बोलते हैं
दैट तत राइट राइट मैं समझ गया आपकी बात ये अ इट इज ये इतना लैंग्वेज के साथ इलज हो जाता है ट्रुथ के बारे में बात करना ना वो शब्द सच हो जाता है सच छूट जाता है हाथ से वो आपने मैंने आपको ही बोलते सुना था कि वो जो उंगली पॉइंट कर रही होती है ना सच की तरफ उसी को लोग सच समझ लेते हैं इन स्टोरी है तो एक बार मैं इस आज इस पूरे डिस्कशन का एक बार एक समरी करता हूं आप मेरे को बताना बेसिकली अर्जुन मैं हूं अगर मैं जान जाऊं
कि मैं अपनी बॉडी और माइंड से कंस्ट्रेंड हूं उसके बाद मैं महाभारत की के युद्ध में उतर सकता हूं अगर मैं अपने मन के अपने आप को सच बताना मैं उतरा हुआ हूं उतरा हुआ हूं पर मैं भगोड़ा हूं पर मैं भाग रहा हूं भाग रहा हूं मेरे को अब लड़ना है मेरे दम ही नहीं है राइट बैटल फाइट करने का क्योंकि मैं खुद को सच नहीं बताना मैं दो कौड़ी के बैटल लड़ने को तैयार हूं मैं किसी से बहस कर लूंगा मैं किसी को ट्रोल कर दूंगा ये मेरे लाइफ के बैटल्स है जी हां
बिल्कुल बिल्कुल मैं कमेंट सेक्शन में और गाड़ी से चल्ला दूंगा हा मैं गाड़ी से चिल्ला दूंगा मैं हॉर्न मार रहा हूं मैं ये सब कर लूंगा हां लेकिन जो असली बैटल है जिसमें पौरुष आपका चैलेंज्ड होता है जी जी जी उन बैटल्स में तो मेरी जिसे बोलते हैं ना हवा सरक जाती है वो मेरा दम नहीं है तो गीता कहती है इंसान बनो ठीक है दम दिखाओ राइट बैटल फाइट करने का और दम दिखाओ छोटे-छोटे बैटल्स को इग्नोर करने का इग्नोर द स्मॉल बैटल्स एंड फाइट द राइट वन एंड ओनली द राइट वन एंड आप
व्हेन यू स्टार्ट फाइटिंग दैट तो छोटी बैटल्स इन एनी केस डिसोल्व होती चली जाती है आपके दिमाग में ही नहीं आती कि ये लड़ने लायक है अब मैं इन बैटल्स प निकलता हूं और मैं जब इन बैटल्स प निकलता हूं तो नेती नेती जो है नॉट दिस नॉट दैट थ्रू एक्सपीरियंस एंड टेस्ट आई कीप रिलाइजिंग नहीं नहीं ये नहीं ये भी नहीं ये भी सच नहीं यह भी परम सच नहीं है और इस प्रोसेस में मैं कहीं ना कहीं पहुंचता चला जाता हूं अब सपोज मैंने यह एक पूरी जिंदगी लगा के चाहे दो साल में
चाहे 50 साल में मैं वहा पहुंच जाता हूं उसके बाद क्या होता है पचना नहीं होता कुछ नहीं है पहुंचने जैसा ये भी एक थोड़ा सा मिथ है कि देर इज अ पॉइंट और डेस्टिनेशन टू बी अराइव एट कुछ नहीं है कनूस मूवमेंट एंड सो दिस इ एक्ट ऑफ कंटीन्यूअस मूवमेंट कनूस मूवमेंट लिबरेशन इ कंटीन्यूअस मूवमेंट टर्ड्स रेशन इट इज नॉट अ पॉइंट नॉट अ डेस्टिनेशन टू कम टू एंड सो द कांसेप्ट ऑफ मोक्ष या लिबरेशन इज देन अ मिथल एक ऑलमोस्ट लाइक अ बेट की तुम उधर जाते रहो ये बेट नहीं है ये ये
बताने के लिए है कि ये संभव है कि तुम इतने डेडिकेटेड हो जाओ यू फॉल सो मैडली इन लव दैट यू इग्नोर ऑल अदर डायरेक्शंस एंड मूव ओनली इन द डायरेक्शन ऑफ लिबरेशन कंटीन्यूअसली जो ऐसा ऐसा पागल हो गया एक अर्थ में पागल या इतना वो इमर्स हो गया इतना डेडिकेटेड डिवोेडली बरेटेड बोल सकते हैं कि जिसने लिबरेशन को प्रतिपल की अपनी यात्रा बना लिया हम उसको लिबरे बोल देंगे तभी शायद कहते हैं कि जागना है तो ये क्षण भी बहुत है आपको पूरी जिंदगी कुछ करने की और जागने के बाद सोया भी जा सकता
है दोबारा तो इसीलिए जर्नी को कंटीन्यूअस होना पड़ेगा लिबरेशन इज नॉट लाइक अटेनिंग अ ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट कि अब बत्ती ऑन हो गई है कि साहब आपको अब बीटेक की या पीएचडी मिल गई है तो अब इसके बाद जिंदगी भर आपके पास य डिग्री रहेगी वो वैसा कुछ नहीं है राट तो आपकी एक यात्रा है व यात्रा चल रही है चल रही है व यात्रा रुक भी सकती है एट द सेम टाइम वो यात्रा अगर कभी शुरू नहीं हुई तो आज भी शुरू हो सकती है जो लगातार उस यात्रा पर चल रहा है उसको हम एस
यूफेमिस्म कह सकते हैं कि लिबरे समझ गया समझ गया एक आपने अभी जिस तरह इस बात को समझा रहे थे कि ऑलमोस्ट ए लव उसमें भी एक वो है ना देरर म्यूजिकलिटी टू इट ऐसी एनर्जी जो आपको बिल्कुल खींचे चले जाए उस डायरेक्शन में सो इंटरेस्टिंग आचार्य जी मेरा य फाइनल सवाल है मैं पूछना चाहता हूं अगर मेरे को आपको एक एडवाइस देनी है फ्रॉम दिस डिस्कशन एक पॉइंटेड थिंग ट आई शुड कीप इन माय माइंड एक चाबी की तरह जो ताले खोल सके वो क्या है वच योर एक्शन सी र दे आर कमिंग फ्रॉम
खुद ही बोला आपने कि मासेज तो सब कंडीशन ही है और उसके लिए दोष भी नहीं दे सकते हम पैदा ही ऐसे होते हैं जी जी अपने आप को देखो कि कितना कुछ है जो बिल्कुल वैसा ही है किसी ना किसी फॉर्म में जो सब में मौजूद है और अगर आप सब कुछ वही कर रहे हो काफी कुछ वही कर रहे हो जो सब कर रहे हैं आपके थॉट्स एम्स डिजायर्स एंबीशंस ज्यादातर वैसे ही हैं जैसे सबके हैं तो फिर मामला तो आप सोते रह गए मतलब सो रहे हो ट्रेन चल रही है आप सो
रहे हो ट्रेन कहीं ले जा रही है आपको कहां ले जा रही है आपको पता भी नहीं है आपको ये भी नहीं पता ट्रेन में आपको डाला किसने आप बस ट्रेन में सो रहे हो वन डे द ट्रेन विल रीच समर वन डे यू विल बी टोल्ड ू टू अन बोर्ड टाइम ट डट टाइम या राइट आचार्य जी निश एक देर इ समथिंग अबाउट इंपर्सनल एक्शन निष्काम डिजायरस एक्शन या मोटिव एक्शन इसका क्या अर्थ है और इसका क्या रोल है मेरी लाइफ में जैसे हमने कहा ना कि इट्स अबाउट द एक्टर जी तो ऐसे ही
जब हम बोलते हैं निष्काम कर्म तो ऐसा लगता है हम किसी खास कर्म की बात कर रहे हैं आप किसी से बोलो डिजायरस एक्शन या मोटिव एक्शन निष्काम कर्म यह भी पॉपुलर कल्चर में काफी प्रवल टर्म है निष्काम कर्म लेकिन इसमें कर्म लगा हुआ है तो ऐसा लगता है बात किसी खास एक्शन की हो रही है निष्काम कर्म का संबंध कर्म से नहीं है या कर्म से उसका संबंध सेकेंडरी है निष्काम कर्म का संबंध डूर से है करने वाला कौन है अगर जो डूर है व वही है जो जो नेचर में जन्म लेता है बॉडी
के साथ जो पैदा हो जाता है मैं बोलता है तो जो कुछ भी करेगा वह डिजायरस होके ही करेगा बिल्कुल उसकी ऑप्शन नहीं है उसके ऑप्शन नहीं है वो डिजायरस होके करेगा और वो जिधर को भी जाएगा अपनी डिजायर के साथ उधर उसकी वो डिजायर पूरी हो नहीं सकती हम हम हम थोड़ा सा कॉम्प्लिकेटेड होगा पर मैं उसको बता बोलता हूं ठीक ठीक द वे इट इज अंडरस्टूड इज यू आर रेस्टस नॉट बिकॉज यू लैक इन समथिंग हम हम बट बिकॉज यू हैव समथिंग एक्स्ट्रा किसी चीज की कमी आपको रेसले नहीं कर रही है हम
हम हम किसी चीज का अभाव नहीं है की अतिरिक्त आपको रेस्टस कर रही है अभाव नहीं है हम अधिकता है हां अभाव नहीं है जी अधिकता है हां हां हां हा बड़ा रेडिकल लेकिन हमको क्या लगता है कि अभाव है कमी है आज दुनिया में किसी के पास भी जाओ तो कहता है फलानी चीज की कमी है कमी है चाहे वह बात पर्सन के लेवल पर हो या सोसाइटी के लेवल या नेशन के लेवल पर सबको यही है कि अभी कुछ कम है आगे कुछ आगे हासिल करेंगे और विजडम यह समझने में है जो गीता
का और दुनिया भर के सारे विजडम लिटरेचर का जो परपट है वो यह है कि कमी नहीं है बाबा कुछ एक्स्ट्रा पकड़ लिया है तुमने एक्स्ट्रा क्या पकड़ लिया है यह इल्यूजन की कमी है अच्छा ठीक है तो यह सर्कुलर सी बात हो गई मैंने नाक य पकड़ ली अपनी है ना आई एम ओके आई एम ओके राट बट ऑन टॉप ऑफ दिस कोर दैट इज ओके राइट आई हैव ऑस्के माय सेल्फ विद अ फीलिंग दैट आई एम नॉट ओके ओके यह मैं हूं ठीक ठीक ठीक ठीक मैं ओके हूं जी जी जी पर इसके
ऊपर मैंने ऐसे एक आवरण डाल लिया है एक कवरिंग डाल ली उसको माया बोलते हैंको माया बोलते उसको माया बोलते हैं उसका कॉज इग्नोर है आत्मज्ञान की कमी अच्छा क्योंकि मैंने खुद को जाना नहीं ठीक है तो मैं पैदा हुआ पैदा होता ही हूं मैं इस इस इस एनवेलप के साथ हम आई एम नॉट ओके आई एम नॉट ओके सो सो आई एम ओके विद इन बट आई एम एनवेलप्ड बाय द फीलिंग दैट आई एम नॉट ओके सो व्ट एम आई गोइंग टू डू नाउ आई विल गो एंड फेच दिस इन टू माय लाइफ एंड
ड इट टू माय लाइफ आई विल ऐड दैट टू माय लाइफ दिस दैट रिलेशनशिप्स मनी पावर प्रेस्टीज ऑल काइंस ऑफ नंबर्स पॉसिबल मैं सब ऐड करूंगा तो ये जो एनवेलप था ये क्या होगा ये और और बड़ा हो जाएगा और बड़ा हो जाएगा तो मेरी जो नॉट ओके की फीलिंग है वो क्या होगी और ज्यादा हो जाएगी बड़ी हो जाएगी तो मेरी टेंडेंसी टू एक्युमटिका हटाना है तुम्हें उसमें ऐड नहीं करना पर आम आदमी की जो जिंदगी है वो एडिटिव होती है बकुल हम ड करने के प्रोसेस में लगे रहते हैं जबक जिंदगी मिली है
रिड्यूस करने के लिए हा तो करना क्या है वो काम करने होते हैं जो हमें रिड्यूस करने में मदद करें फॉर एग्जांपल दिस डिस्कशन दैट वी आर हैविंग राट इफ इट इज फ्रूटफुल इट विल रिड्यूस समथिंग विदन यू राइट इफ दिस डिस्कशन इज फ्रूटफुल इट विल रिड्यूस समथिंग विदन यू यू विल वक आउट लाइटर नॉट हेविर नॉट हेयर अनबर्डन अनबर्डन यू हैव बीन रिड्यूस्ड राइट यू हैव बीन रिड्यूस्ड सो द पर्पस ऑफ लाइफ इज रिडक्शन नॉट एडिशन हां समझ रहे हो बात को पर हम ऐड करते चलते हैं दिस इज कॉल्ड डिजायर अच्छा अगर आप
अगर आप इसको सेंटर नहीं बना रहे अगर आप इसको एनवेलप को अपना सेंटर बना रहे हो आप इस एनवेलप के द्वारा डिक्टेटेड हो तो आप क्या करोगे लगातार ऐड करने के लिए व्याकुल रहोगे उसको डिजायर बोलते हैं ऑल डिजायर इज इज अबाउट चेंजिंग समथिंग हम हम बिकमिंग समबीत यू सी द फूटिलिटी ऑफ दैट न यू सी द फूटिलिटी ऑफ दैट देन यू ऑपरेट फ्रॉम अ कोर दैट इज ऑलरेडी फुलफिल्ड न आई एम नॉट ऑपरेटिंग फ्रॉम अ पॉइंट ऑफ लैक ऑफ फुलफिलमेंट राइट राइट राट राट आई एम ऑपरेटिंग फ्रॉम अ पॉइंट दैट इज ऑलरेडी फुलफिल्ड हा
नाउ व्हाट यू डू देन यू डोंट डू एनीथिंग दैट विल ब्रिंग यू फुलफिलमेंट बिकॉज यू आर फुलफिल्ड आम ओके ऑलरेडी फुलफिल्ड ना आईम रेडी ओके सो आईम नॉट वर्किंग टू गेट ओके देन यू ऑफ डांस डांस विदाउट एनी एक्सपेक्टेशन फॉर रिजल्ट्स ना दैट इज निष्काम कर्म और डिजायरस एक्शन तो लेट मी सी इफ आई अंडरस्टैंड मैं एक एग्जांपल लेता हूं सपोज मेरा घर है मैं हमेशा सोचता रहा हूं कि इस घर में इस सोफे की कमी है या इस लाइट की कमी है तो मैं हमेशा व्याकुल रहूंगा और खरीदता रहूंगा जितना और खरीदूंगा उतनी और
कमी लगेगी उतनी और कमी लगेगी और खरीदता रहूंगा अगर मैं एक स्टेप पीछे लेके देखूं कि ये तो परिपूर्ण है अपने में काफी है तो फिर मेरे को कुछ खरीदने की जरूरत हां घर में हो सकता है कुछ खरीदना पड़े ठीक ठीक ठीक इट्स अबाउट सीइंग कि घर खाली है जी तो भी मैं इसमें फंसा रहूंगा डिजायर में और मैं घर को बहुत भर लू मैं तो भी फंसा रहूंगा अगर घर का एग्जांपल लो तो उसमें एक खतरा है लोग सोचेंगे अगर हमने घर खाली कर लिया तो लोड भी खाली हो गया हम लोड उनका
लोड उनका भी नहीं खाली होता जिन्होंने घर भर लिया और लोड उनका भी नहीं खाली होता जो घर छोड़ छाड़ के जंगल में चले गए ठीक जंगल में जाने से लोड हट नहीं जाता नहीं हटता इट्स अबाउट सीइंग दैट दीस थिंग्स हैव नो डायरेक्ट बेयरिंग ऑन फुलफिलमेंट हां इनफैक्ट अगर मैं घर छोड़ भी रहा हूं तो वो भी एक तरह का एडिशन है नाउ आई एम एडिशनल नट क्रेडिटेड टू से आई एम अ रिनंसीएट या कि मैं तो त्यागी हूं सीवी पॉइंट मिल गया सीवी पॉइंट मिल गया ना तू तो घर में अपने सामान रख
के बैठा है मैं तो त्यागी हूं सीवी पॉइंट तो उससे होना नहीं है सो इट्स अबाउट सीइंग दैट यू आर ऑलरेडी ओके एंड देयर इज नथिंग इन द वर्ल्ड दैट कैन ंडर यू ओके आई हैव अ प्रैक्टिकल पुशबैक मेरे को जैसे क्या है मैं किसी को बात बोलूंगा ना सड़क प वो बोलेगा भाई पर बिल्स पे करने हैं घर में पैसा होना चाहिए करो हां तो क्या फिर उस उस डिजायर की और काम हां बिल पे करो हां पर बिल पे करने से तुम ओके नहीं हो जाओगे और बिल पे नहीं किया चोरी चकारी कर
ली उससे भी तुम ओके नहीं हो जाओगे हां जो एक्सपेक्टेशन है कि ये यहां कुछ करके या कुछ ना करके मैं ओके हो जाऊंगा वो एक्सपेक्टेशन हटा दो कि बिल तो पे कर लो बिल कर लो पे पर उसमें आंसर मत ढूंढो पर वो बिल पे करने को इतनी इंपॉर्टेंस मत दे दो कि मैंने बिल पे कर दिया तो जिंदगी संवार ली या मैंने बहुत बड़ी गाड़ी का बिल पे कर दिया है अब मैं ले आया मैंने पाक कर लिया अपने पोर्च में तो अब मैं बहुत बड़ा आदमी बन गया तुम गाड़ी रख लो तो
भी नहीं हो जाओगे तुम गाड़ी बेच दो तुम तो भी नहीं हो जाओगे हा हा ठीक है ना गाड़ी में कोभी था ही नहीं इट्स अबाउट सीइंग कि इसका रिश्ता गाड़ी से था ही नहीं है ही नहीं इसका रिश्ता ना गाड़ी रखने से है ना गाड़ी बेचने से है इसका रिश्ता ना तो शादी कर लेने से है ना ब्रह्मचारी बन जाने से हां तुम बाहर की दुनिया में कुछ हिला लो उससे यह नहीं होगा द मोमेंट यू सी यू आर हियर नाउ फ्रॉम हियर यू आर फ्री टू डू व्हाट एवर यू वांट टू दैट फ्री
एक्शन इज कॉल्ड डिजायरस एक्शन हम एब्सलूट फ्री एक्शन सो फ्री दैट इट स्कर्स आई फील यू ए आ आई अंडरस्टैंड दिस आइडिया इंटेलेक्चुअली हाउ डू आई एक्सपीरियंस दिस बाय नॉट कल्ट वेटिंग फॉल्स होप्पो पस हां अभी जिनसे होप रखी हुई है उनको ठोक बजा के देखो ये पूरी कर सकते हैं क्या इस दुनिया में प्रखर एक चीज नहीं है जिसकी औकात हो कि तुमसे वादा करे और वादा पूरा भी कर दे फॉल्स होप हैं सारी सब फॉल्स होप है यू मीन एवरीथिंग एवरीथिंग वो उस चीज की गलती नहीं है चीज धोखेबाज नहीं है तुम उससे
जो मांग रहे हो उस बेचारे की हैसियत ही नहीं है देने की य यू यू हैव यू हैव योर गर्ल हां यू नो इट्स नॉट यो हर कंपनी और हर बॉडी दैट यू रियली वांट या देयर इज समथिंग बियोंड दैट दैट यू आर एक्सपेक्टिंग फ्रॉम हर एंड बेचारी शी इज इनकैपेबल ऑफ डिलीवरिंग दैट एंड व्हेन शी विल नॉट डिलीवर दैट देन यू विल फील रंग सेम फ्रॉम दैट साइड शी टू विल फील रंग क्योंकि वो तो में देख रही है अच्छा बढ़िया मस्त बं है यार बॉडी डी अच्छी है और सक्सेसफुल हो रहा है चैनल
चल रहा है कुर्ता शर्ता है पढ लिया ड्यूड लग रहा है बढ़िया बंदा है हो सकता है ऊपर ऊपर ऐसे सोच रही हो अपनी फ्रेंड से बात करे तो बोले सही बंदा मिल गया लेकिन उसको भी नहीं पता वो कुछ और चाह रही है ह्यूमन बीइंग है वो जो चाह रही है वो प्रखर की औकात नहीं उसको देने की वो भी यही फील करेगी कि मेरे साथ इंजस्टिस हो गया समझ आ रही है नात बिल्कुल समझ रहा हूं कि एक कोई कुछ खालीपन है सामने वाला भर दे यही प्रक्रिया है नीति नीति की कि आपकी
जिससे भी उम्मीद है जरा उसके पास जाओ हम गाते हैं जब काम भरा हो आंख में तब सच नजर नहीं आता है काम माने डिजायर डिजायर जिससे भी बहुत आपको उम्मीद उम्मीद हो रही है ना जिससे डिजायर का रिश्ता बहुत हो गया हो उससे जरा दो टूक बात करो पोल खुल जानी है इसीलिए जिनसे हमारा डिजायर का रिश्ता होता है हम उन्हें कभी अच्छे से एक्सप्लोर नहीं करते सोच के देखना सो ट्रू इट हर्ट्स नहीं आप बिल्कुल सही कह रहे हो क्योंकि वहां पे हम सच नहीं जानना चाहते वहां हमारा सेल्फिश एक वो इंटेंशन होता
है ना कि डिजायर खत्म होए पर ये बात तो आप बिल्कुल सही कह रहे हो क्योंकि मेरे को लगता है जो ये मॉडर्न रोमांस और रोमांस की ब्रेकिंग है ना इट इज एन आस्किंग मेरे को दो मेरे को दो मेरे को दो मेरे को दो तुम्हारे पास नहीं है तुम्हारे पास नहीं है तुम्हारे पास नहीं है ही और शी इज नॉट होल्डिंग बैक या उसके पास है ही नहीं है ही नहीं जो तुम चाह रहे हो वो उसके पास नहीं है वो तुम्हारे पास है जब मैं ऐसी बातें सुनता हूं ना कि शादी के बाद
आदमी ये कहता है वो आदमी औरत इंटरेस्टेड है अपनी प्री वेडिंग शूट में और पोस्ट वेडिंग शूट में मैं कहता हूं तुम रैपर ढूंढ रहे थे कि गिफ्ट ढूंढने आए थे पर गिफ्ट भी गिफ्ट में भी कुछ ऐसा खास है नहीं जो तुम ढूंढ रहे हो है ना आदमी उसकी चका चंद में खोया रह जाता है और फिर कभी याद आती है कि ये तो एंड एंड फ्रीडम फ्रॉम दैट फाल्स एक्सपेक्टेशन चच इज व्हिच इज गोइंग टू वेरी सीरियसली हर्ट यू इज नॉट डिफिकल्ट राइट यू जस्ट हैव टू एक्सप्लोर द फैक्ट हम हम हम ने
गाड़ी है कि लड़की है कि नौकरी है कि पैसा है जो भी है तुम्हारे अरे जा कर के उसका फैक्ट तो देखो हम और जब फैक्ट देखोगे तो दिख जाता है कि है नहीं वहां नहीं है और जब ऐसे मल्टीपल डिसपिटर पता है क्या बोलते हैं निराश निर्मम भव वो कहते हैं गो थ्रू अ सीरीज ऑफ कंटीन्यूअस डिसपिटर निराशा हम एंड गो थ्रू अ सीरीज ऑफ कंटीन्यूअस फीलिंग ऑफ ऑफ लैक ऑफ ओनरशिप मानेस पजेसिवनेस निर्ममता नॉट माइन सी दैट कि कुछ भी नहीं हो सकता तुम्हारा अब निराश होने को हम अपने कल्चर में खासकर जो
जो पेपी कल्चर है जो स्पंकी जो यह पूरा मोटिवेट वाला गेम है पॉजिटिविटी पॉजिटिविटी का जो गेम है उसमें हम निराश होने को बहुत बुरी बात बोलते हैं जबकि निराश होना गीता में बहुत सेंट्रल बात है गीता बोलती है निराश हो जाओ क्योंकि जहां जहां तुमने आशा बांध रखी है वहां तुम्हें धोखा मिलना है उसकी औकात नहीं तुम्हारी आशा पूरी पूरी करने की हम और कैसे पता चलेगा जाओ और उसको टेस्ट करो टेस्ट आस्क द राइट क्वेश्चंस सो दिस दिस डायलेक्टिकल स्पिरिट द स्पिरिट ऑफ इंक्वायरी इज एट द हार्ट ऑफ गीता पूछो जानो पता करो
इंक्वायर आस्क डोंट बिलीव डोंट बिलीव भगवत गीता फोरबिड्स एनी काइंड ऑफ बिलीव सिस्टम नो यू आर नॉट सपोज टू बिलीव इन एनीथिंग नॉट इवन इन गॉड नो ट्रुथ इज बिगर देन एनी गॉड गो एंड इंक्वायर हम और जब आप इंक्वायर करते हो तो फॉल्स होप गिर जाती हैं जो बचता है वो है निष्काम निष्काम माने डिजायरस और ये जो ये जो एक निराशा से दूसरी निराशा का सब ये मेरा एक पर्सनल थ्योरी रही है पता नहीं कितनी अकलमंद है मेरे को लगता है कि ऐसा नहीं होता कि मैं मरता हूं फिर दोबारा पैदा होता हूं
और वो रीबर्थ है वो इसी जीवन में कई बार हो जाता है कि एक कोई उम्मीद थी वो मेरा ग्रैंड विजन था वो टूट गया अब मैं दूसरा ही आदमी निकला हूं दूसरे एंड पे मैं 2 साल पहले और था 4 साल पहले और था क्या रीबर्थ यही है दो तरीके से जी पनल लेवल पर भी होती है और एग्रीगेट लेवल पर भी है पर्सनल लेवल पर जो कहा वो मोर और लेस सही है मैं जो हूं हम मेरा सेंटर वही रहता है बस एक तरफ मेरी उम्मीद टूटी मैं दूसरी तरफ चालू हो जाता हूं
तो जो पुरानी ही चीज थी उसने रीबर्थ ले ली है पर किसी और तरीके से ठीक है पहले मेरी उम्मीद ये थी हां मेरे पास पैसा हो जाएगा जी तो मुझे चैन मिल जाएगा हां हां अब वो पैसे से मिला नहीं तो अब मैं जा रहा हूं फेम खरीदने हम अब मुझे फेम मिल जाएगी तो मुझे चैन मिल जाएगा ये रीबर्थ ही है जो पुराना वाला था वो तो चला गया अब वो पैसे से नहीं उम्मीद रख रहा पर वो फेम से उम्मीद रख रहा है तो ये कंटीन्यूअस साइकिल है रीबर्थ का ये ये तो
है विदन वन लाइफ टाइम राइट द अदर रीबर्थ इज ऑफ द काइंड कि समझ लो पेड़ होता है उसमें से पत्ता गिरता है जी जो पत्ता गिर गया वह कभी दोबारा नहीं आता पर पत्ते दोबारा आते रहते हैं हां सो वनस यू आर गन यू विल नॉट रिटर्न बट मेनी मेनी मोर लाइक यू एंड इन फाइना नंबर लाइक यू विल कीप रिकरिंग माय मिस्टेक्स विल कंटिन्यू टू हैपन इन अदर पीपल यस यू कुड से दैट कि मेरे जो ये बिहेवियर पैटर्स है हां ये चलते रहे आज जो आप गलती कर रहे हो 10000 साल पहले
कोई कर चुका है हां हां हां हा और आज जो कर रहे हो 10000 साल बाद भी कोई करेगा अ ब्यूटीफुल लैक ऑफ ओरिजनलिटी ब्यूटीफुल लैक ऑफ ओरिजनलिटी और कृष्ण अर्जुन से बोलते हैं अर्जुन तुझे कुछ याद नहीं है ये मैं तुझे कोई पहली बार थोड़ी बता रहा हूं यह जो मैं तुझे अभी बातें बोल रहा हूं ना ये मैं तुझे बहुत बार पहले बोल चुका हूं वो नाम ले बताते हैं अच्छा मनु का नाम लेते हैंक का नाम लेते हैं स्वान का नाम लेते हैं कहते यह सब थे बस बात यह है कि तुझे
कुछ याद नहीं है तो यह कंटीन्यूअस साइकिल है जहां पहले जो गलती करी थी वही तुम आज फिर कर रहे हो दो इट्स नॉट एस इफ द पर्सन है टेकन रीबर्थ जो पत्ता गिर गया वो पत्ता अब नहीं वापस आएगा लेकिन उसी जैसे कई पत्ते आएंगे जो लहर गिर गई वो लहर नहीं वापस आएगी पर उसी तरह की उसी सागर से दूसरी लहरें उठेंगी सो दैट इज रिइनकारनेशन एट द एग्रीगेट लेवल मेरे को को पता है क्या समझ में आया है आचार्य जी कि ना अगर हम टाइम स्केल थोड़ा जूम आउट करें और सेल्फ की
आइडेंटिफिकेशन इंसान लहर हो गई और उस सेंस में आप पर्सनल और इंपर्सनल जो दो वर्ड्स हमने यूज किए ना उसकी वो डेफिनेशन थोड़ी ऐसी हो जाती है वो कोहेरेंट हो जाते हैं उसको और अंदर करना है हां बताओ ना तुम्हारी बॉडी सागर है जी तुम्हारी जो सेल है हां तो सेल आते जाते रहते हैं वो बर्थ रीबर्थ चलता रहता है पर जो सेल आया है अगला वो पिछड़ वाले जैसा ही है हां पिछले वाले जैसा है पर पिछले सेल का कोई रीबर्थ नहीं हो गया राइट तो पिछले सेल की कोई जीवात्मा निकल के नए वाले
में नहीं घुस गई कि तुम मरोगे तो तुम्हारी जीवात्मा निकल के किसी दूसरे में घुस जाएगी तो सेल्स है सेल्स लगातार इतनी देर में हमने बात करी इतनी देर में हजारों लाखों सेल्स हमारे मर गए उतने ही पैदा भी हो गए ये लगातार जो है ये पुनर्जन्म चल रहा है अब मैं समझा ठीक है ठीक है आचार्य जी थैंक यू सो मच मेरे को बड़ा मजा आया
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