Expert Eye Doctor - Chashme, Vision Aur Phone Screen Hacks, Save Eyesight Now | Dr. Rahil | TRS

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Ranveer Allahbadia
डॉ. राहिल चौधरी जी को Social Media पे Follow कीजिए :- YouTube : https://www.youtube.com/@Eye7Chaudh...
Video Transcript:
आई प्रॉब्लम्स देश भर में बहुत ज्यादा बढ़ रहे हैं मोतियां बंद करके कैटक करके एक प्रॉब्लम है जो ऑलमोस्ट सबको होनी है अगर आपने ठीक नहीं करा तो पूरी लाइफ के लिए विजन जो है वो खराब हो जाएगी बच्चे के बॉडी में भी कैटरेक्ट हो सकता है हो सकता है इनफैक्ट द यंगेस्ट पेशेंट दैट आई ऑपरेटेड फॉर कैटरेक्ट वाज टू मंथ्स ओल्ड तो स्क्रीन टाइम को लेकर कुछ रूल्स होने चाहिए बच्चों के लिए और जो यंग एडल्ट्स हैं उनके लिए भी कुछ स्क्रीन टाइम गाइडलाइंस दे दीजिए देखो कांटेक्ट लेंस जो है ना बहुत खराब चीज
है नो साइंटिफिक एविडेंस ये एक आय डॉक्टर कह रहे हैं यस कांटेक्ट लेंस से आंखों में अल्सर बन जाते हैं दैट इज व्हाई आई टेल ऑल माय पेशेंट्स कि कंटक्ट लेंस को अवॉइड करो ब्लू लाइट फिल्टर्स का एक बहुत बड़ा ट्रेंड है दुनिया भर में आजकल ब्लू लाइट फिल्टर ग्लासेस ये बेकार चीज है इट्स नॉट गुड इट्स नॉट गुड ब्लू लाइट फिल्टर ग्लासेस साइंटिफिकली हैव नो रोल राद वी से इट वर्क्स इन अ नेगेटिव वे एज अ डॉक्टर सबसे क्रेजी लफड़ा आपने क्या देखा है आई फ्लू का एपिडेमिक आया था सबकी आंखें लाल हो रही
थी आंखों में इंफेक्शन हो रही थी तो एक था कि आई फ्लू हो रहा है तो अपनी आंख में चूना डाल लो हैं और मैं बता रहा हूं इतने पेशेंट्स मैंने देखे ना वो चूना डाल-डाल के अपनी आंखों को जला के आ रहे थे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इज वर्किंग इन सच अ वे कि हम आपकी रेटिना की फोटो खींच के वी कैन ऑलमोस्ट प्रिडिक्ट कि ये ये प्रॉब्लम्स का रिस्क आपको आगे जाके हो जाएगा सम पीपल से कि हनी डाल लो रोज वाटर डाल लो घी डाल लो शहद डाल लो इससे चश्मे का नंबर हट जाएगा
ऐसा स्टडीज में मिला है कि सम प्रोडक्ट्स कुड आल्सो हैव स्टेरॉइड मुझे मेडिकल कन्वर्सेशन इतने कूल क्यों लगते हैं क्योंकि आप लोगों से पता चलता है कि कुछ भी पॉसिबल है आज की दुनिया में साइंटिफिकली [संगीत] स्पीकिंग दोस्तों ऑफल्स सब्जेक्ट है ऑफल्स और आज हमारे देश के एक टॉप आई डॉक्टर जो एक लेसिक सर्जन भी है जो चश्मों के प्रॉब्लम को आपकी बॉडी से निकाल देते हैं ऐसे एक इंसान आ चुके हमें आंखों के बारे में ज्यादा सिखाने के लिए कि चाहे आप बच्चे हो या आप बूढ़े हो आपकी आंखों में प्रॉब्लम ऑलरेडी है यह
है 2024 में जीने का नतीजा तो आज बायोलॉजी के बारे में ज्यादा जानिए आंखों के बारे में एजुकेशन प्राप्त कीजिए डॉक्टर राहिल चौधरी के साथ बढ़िया मेडिकल कन्वर्सेशन है टीआरएस पर एंजॉय एंड कीप लर्निंग [संगीत] [प्रशंसा] आज के मेडिकल बायोलॉजी और बॉडी स्पेशल में फिर से आपका स्वागत है और आपका स्वागत है डॉक्टर साहब थैंक यू सो मच फॉर इनवाइटिंग मी डॉक्टर राहिल चौधरी का स्वागत है आप टेक्निकली स्पीकिंग एक सुपर स्पेशलाइज आई डॉक्टर हो हां सुबह से रात तक लोगों के चश्मा हटाने के ऑपरेशन करता हूं सो दैट इज माय सुपर स्पेशलिटी इट्स कॉल्ड
लेसिक सुपर स्पेशलिटी और रिफ्रैक्टिव सर्ज वी विल टॉक अबाउट इट अ बहुत कुछ पूछना है आपसे क्योंकि आजकल लोग बायोलॉजी के बारे में ज्यादा जान रहे मेडिकल इंडस्ट्री मेडिकल प्रोफेशन के बारे में ज्यादा जान रहे एंड आई फील कि फाइनली डॉक्टर्स को सेलिब्रेट किया जा रहा है इसलिए मैं पहले तो आपसे ये कहना चाहूंगा स्पेशली आफ्टर को हां 100% लोग डॉक्टर्स की इंपॉर्टेंस जान चुके हैं ये समझ चुके कि आप साइंस के योद्धा हो और एक और चीज कहना चाहूंगा पहले कि आप बहुत से दिख र हो आई विल टेक यू थ्रू व्हाट आई एम
वेयरिंग सो जो मैंने पहना हुआ है ना दिस इज द ओटी स्क्रब्स हम तो ये हम कपड़े पहनते हैं जब हम किसी का ऑपरेशन करने वाले होते हैं सो जैसे नॉट ऑल सुपर हीरोज वेयर केप्स सम वेयर द ओटी स्क्रब सो व्हेन वी वेयर दिस यूनिफॉर्म वी फील डबली ट्रिपली पावरफुल एक रिस्पांसिबिलिटी फील होती है एब्सलूट दैट यू आर गोइंग टू मेक अ डिफरेंस इन सम बडी लाइफ कोई ऑपरेशन है कोई इंसान देख नहीं पा रहा उसको ऑपरेशन करेंगे वो दोबारा देख पाएगा इट्स अ बिग फील पॉजिटिविटी एंड अचीवमेंट जो आपने कहा कि आपने सुपर
स्पेशलिटी की हुई है बट एक्चुअली पहले आप एमबीबीएस करते हो फिर आई थिंक आप एमडी करते हो उसके बाद स्पेशलिटी सुपर स्पेशलिटी होती है तो एमबीबीएस में पूरे बॉडी के बारे में सीखते हो एमडी के बारे में एक स्पेसिफिक पार्ट और फिर स्पेशलिटी या सुपर स्पेशलिटी में उस स्पेसिफिक पार्ट का स्पेसिफिक पार्ट एटली करेक्ट बहुत बेसिक सवाल है पहले एटलीस्ट मैंने य नोटिस किया है कि आई प्रब प्रल देश भर में बहुत ज्यादा बढ़ रहे हैं करेक्ट ट से ए डॉक्टर आपने नोटिस किया यस स्पेशली आफ्टर को हम देख रहे हैं कि जो चश्मा या
जो ग्लासेस का इंसीडेंस है वह बहुत ज्यादा बढ़ गया है एंड एवरी ईयर हम लोग देख रहे हैं कि दो से 3 पर इंसीडेंस जो है चश्मे का वह बढ़ते जा रहा है तो आंखों में चश्मे होने की प्रॉब्लम को हम लोग मायोपिया कहते हैं एंड अगर हम इस तरह की कंट्रीज में देखें चाइना हो गया कोरिया हो गया सिंगापुर हो गया जापान हो गया इन सब कंट्रीज में ऑलमोस्ट 70 टू 80 पर लोगों की आंखों में चश्मा लग गया है और अब स्लोली स्लोली ये इंसीडेंस इंडिया में भी बढ़ रहा है और वेस्टर्न कंट्रीज
में भी धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है सो यूजुअली पीपल आस्क कि भाई ऐसा क्या हो गया कि एकदम से ये सब चीजें बढ़ रही है भाई जब हम लोग स्कूल में थे सो यू वुड हैव रिलाइज्ड कि अगर क्लास में 50 बच्चे होते थे तो तीन-चार लोगों की आंख में चश्मा लगा होता था हम एंड नाउ वी सी कि ऑलमोस्ट आधी क्लास को चश्मा लगा हुआ है सो व्हाट हैज हैपन सडन तो इसमें ना देखो चश्मा आने के ना दो-तीन कारण होते हैं तो पहला कारण तो होता है जेनेटिक्स कि भाई अगर हमारी पेरेंट्स की
आंख में चश्मे का नंबर है तो बच्चों की आंख में आ सकता है बट यू विल फाइंड कितने सारे पेरेंट्स ऐसे जिनकी आंख में चश्मा नहीं है फिर भी उनके बच्चों की आंख में आ गया हम तो दो बड़े इंपॉर्टेंट रीजन सामने आ रहे हैं पहला रीजन आ रहा है ये जो एक्सेसिव काम हम करते रहते हैं मोबाइल फोन कंप्यूटर लैपटॉप्स में देखो क्या होता है कि हमारी जो आई है ना इट इज डिजाइंड टू सी डिस्टेंस दूर का देखने के लिए बनी है नाउ व्हेन यू आर कंटीन्यूअसली ऑन मोबाइल्स कंप्यूटर लैपटॉप्स आप अपनी आंखों
को फोर्स करते हैं नियर का देखने के लिए तो जब आप फोर्स करते हैं तो आंख में कुछ इस तरह के चेंजेज आते हैं कि आंख की जो लेंथ है वो लंबी हो जाती है आंख की लेंथ लंबी हो जाती आई बॉल जो है वो लोंगे हो जाती है लंबी हो जाती है मतलब ओरिजनली गोल होता और उसे स्ट्रेच किया जाता है या सो व्हेन यू आर लुकिंग एट मोबाइल्स एंड कंप्यूटर्स आपके आंखों में इस तरह की स्ट्रेचिंग होगी इस तरह के चेंजेज आएंगे कि आई बॉल का साइज जो है वो लंबा हो जाएगा लोंगे
हो जाएगा और आंख में माइनस का नंबर चढ़ जाता है एंड दिस जज बीन फाउंड इन लॉट ऑफ रिसर्चस स्पेशली कुछ डॉक्टर्स आए थे अमेरिका यूरोप से वेरी हाईफाई बिग डॉक्टर्स वो दिल्ली में आए थे एंड दिल्ली के जो टॉप स्कूल्स है वहां पे गए थे जी एंड दे व्हाट दे रिलाइज वाज दैट एवरी वन किड जो चश्मा पहन रहा था उसके साथ एक ऐसा बच्चा है जिसको पता भी नहीं है कि उसकी आंख में चश्मे का नंबर है हम सो दिस इज द मैग्निटिया हो सो और बहुत सारी प्रॉब्लम्स आंख में होनी शुरू हो
जाती है अगर बचपन में आपको नहीं पता चला हां सो अगर आपने बच्चे की आंखें चेक नहीं कराई है आंख में चश्मे का नंबर है और उसको चश्मा नहीं मिल रहा तो उससे एक सेट ऑफ प्रॉब्लम्स और हो सकती है जैसे जैसे सबसे पहले तो एक जब तो स्कूल में जाएगा वो परफॉर्म नहीं कर पाएगा उसको दिखेगा नहीं तो कितनी बारी टीचर्स कंप्लेन करते हैं कि आपका बच्चा परफॉर्म नहीं कर रहा पता लगता है किई वो तो बोर्ड ही नहीं देख पा रहा क्या परफॉर्म करेगा एंड देन व्हाट हैपेंस इज कि अगर आपकी आंख में
चश्मा है एंड यू आर नॉट गिविंग करेक्ट पावर तो ये जो नंबर है ना ये जल्दी जल्दी बढ़ता जाता है हम सो इट इज वेरी इंपॉर्टेंट कि सही पावर बच्चे को मिले ताकि वो नंबर भी ना बढ़े और प्लस पावर नहीं होगी वो काम वाम करेगा तो पूरे दिन उसको सिर दर्द हेडेक आईएक्स इस तरह की प्रॉब्लम आनी शुरू हो जाएंगी चश्मे का नंबर चढ़ क्यों रहा है सो आई टोल्ड यू एक तो जेनेटिक्स रीजन है देन आई टोल्ड यू कि एक्सेसिव वर्क ऑन मोबाइल एंड कंप्यूटर उससे चढ़ जाता है एक और चीज मिली है
हमें कि अगर आपका सन का एक्सपोजर धूप का एक्सपोजर स्पेशली बच्चों में अगर कम है तो भी चश्मे का नंबर चढ़ जाता है सो यू वुड रिलाइज की जो सिंगापुर जैसी कंट्रीज है वहां पर इन्होंने स्कूल में मैंडेटरी कर दिया है कि बच्चों को डेढ़ से दो घंटे आउटडोर एक्टिविटीज में सन में जाना ही है सो दैट दैट इंसीडेंस इज लोर्ड भाई इफ यू आर वर्किंग अगेंस्ट द नेचर आप धूप में नहीं जा रहे हो रात को लेट लेट तक काम कर रहे हो मोबाइल कंप्यूटर्स है उससे ब्लू लाइट निकल रही है आपका स्लीप साइकिल
खराब हो रहा है सो अल्टीमेटली स्टार्टिंग में तो कुछ नहीं होगा बट व्हेन इट बिकम क्रॉनिक तो प्रॉब्लम्स तो आएंगी ना पता है डॉक्टर क्योंकि हम इतने सारे वीडियो बनाते हैं इन्फोटेनमेंट रिलेटेड हेल्थ रिलेटेड मेरे रिसर्च के थ्रू मैंने काफी कुछ जाना है बॉडी के बारे में पर मेरा ये ये मानना है कि अब क्योंकि बहुत सारे लोग इंटरनेट को पहली बार यूज कर रहे हैं लोग अब जान रहे हैं ब्लू लाइट होती क्या है मोबाइल फोन यूसेज से होता कि आपकी आंखों में एक स्टडी की गई थी जहां ये नोटिस किया गया कि अगर
आप फोन यूज कर रहे हो या लैपटॉप यूज कर रहे हो और अगर आपको अपनी खुद की आय को रेस्ट देनी है उस यूसेज के बीच तो एवरी हाफ एन आवर टू 40 मिनट्स आपको बाहर जाकर लॉन्ग डिस्टेंस व्यूइंग करनी चाहिए यानी कि किसी पहाड़ को देखना चाहिए या दूर के बिल्डिंग को देखना चाहिए या क्लाउड्स को देखना चाहिए ताकि आपके आंखों को रेस्ट मिल जाए अभी बायोलॉजिकली स्पीकिंग प्लीज करेक्ट मी फम रंग पर मान लो अगर और ये मैं ऑडियंस को भी कहूंगा आपकी उंगली आपके सामने रखो और उंगली पर फोकस करो फिर जो
उंगली के उस पार है दूर है आपसे उस पर फोकस करो फिर आपकी उंगली आउट ऑफ फोकस हो जाती है आपको दो उंगली दिखती है फिर वापस अपनी उंगली को देखो फिर वापस वो दूर वाली चीज को देखो बेसिकली यहां क्या हो रहा है कि आपके आंखों के अंदर मसल्स होते हैं जो पुश और पुल कर रहे हैं उस वजह से आंखों का फोकस बदल रहा है एंड मायोपिया कंडीशन यानी कि चश्मों की कंडीशन बेसिकली यही वन ऑफ द कॉसेस इज दैट वो मसल्स वीक हो जाते हैं अ थोड़ा सा स्लाइटली स्लाइटली आई विल जस्ट
ड इन टू दैट श्यर सो सबसे पहले ये जो बताया कि भाई कुछ टाइम मोबाइल कंप्यूटर के बाद ब्रेक लो एंड लुक एट अ डिस्टेंस दिस इज अ साइंटिफिकली प्रोवन थिंग इसको हम लोग कहते हैं 2022 रूल ओके दिस रूल और दिस एक्टिविटी इज अडॉप्टेड कि आपकी आंखों में स्ट्रेन ना बने डिजिटल स्ट्रेन ना बने डिजिटल स्ट्रेन सो आई विल जस्ट एलेबोरेट ऑन दैट देखो क्या होता है व्हेन यू आर लॉन्ग आर्ज ऑन द स्क्रीन सो व्हेन यू आर लुकिंग एट द स्क्रीन हमारी आंखों का जो ब्लिंक रेट है वो कम हो जाता है मतलब
घूरते रहते हो जब आप स्क्रीन पे कंटीन्यूअसली फोकस्ड हो सो अ नॉर्मल पर्सन इज ब्लिंकिंग अबाउट 16 टू 18 टाइम्स इन अ मिनट बट व्हेन यू आर फोकसिंग ऑन द स्क्रीन तो आपका ये जो झपक का रेट है ब्लिंक रेट है ये कम होके आठ से नौ बार रह जाता है सो जब आप ब्लिंक कम कर रहे हो तो हमारी आंखों में जो टियर्स बन रहे हैं वो आंख में ठीक से फैल नहीं रहे मतलब आप हर किसी की आंखों में मॉइश्चर रहता हैनी र स हमारी आंखों में ऊपर वाले ने आंसू बनाए हैं बट
आंसू तो बन रहे हैं लेकिन हमारे लिट्स का काम है कि जब हम ब्लिंक करते हैं तो आंसू हमारी आंखों प फैल जाता है सो व्हेन यू आर ब्लिंकिंग लेस ये आंसू आंखों प ठीक से फैल नहीं रहे तो आंखों में ड्राइनेस की प्रॉब्लम आनी शुरू हो जाती है सो अक्सर यू विल सी जो लंबे समय त मोबाइल कंप्यूटर प काम करते हैं दे कंप्लेन कि हमारी आंखें सूखी सूखी लगती है इरिटेशन लगती है लाल हो जाती है चुबन चुबन लगती है तो ये सारे सिम्टम्स हैं आंखों पे ड्राइनेस आने के ठीक है तो इसके
लिए हम थोड़ा सा अभी आई विल डिस्कस अबाउट द 2020 तो इसके लिए दो-तीन सॉल्यूशंस होते हैं सेकंड क्या होता है कि व्हेन यू आर लॉन्ग गाज ऑन द स्क्रीन तो जैसे मैंने आपको बताया कि हमारी आंखें जो हैं दे आर डिजाइंड टू सी डिस्टेंस दूर का देखने के लिए बनी है अब जब आप पास का देखते हो तो हमारी आंखों को अंदर की तरफ मुड़ना पड़ता है जिसको हम लोग कहते हैं कन्वर्जेंस तो मोड़ने के लिए मसल्स यूज होती हैं एंड जब हम पास का देखते हैं तो हमारी आंखों के अंदर भी कुछ मसल्स
हैं जो हमारी लेंस को मोटा पतला कर सकती है तो वो भी काम में आती है लेंस को थोड़ा सा मोटा करती है ताकि आप पास का देख पाओ अब आप जब लंबे समय तक उसको देखे जा रहे हो तो कुछ टाइम बाद ये मसल्स थक जाएंगी भाई इट इज समथिंग लाइक ग्लास आपने यूं पकड़ लिया तो इनिशियली तो सब ठीक है कुछ टाइम बाद हाथ थक जाएगा एंड यू कांट होल्ड दैट ग्लास अगेन तो कुछ टाइम बाद मसल हमारी थक जाएंगी और आपको स्ट्रेन आना शुरू हो जाएगा सो इसके लिए व्हाट वी रिकमेंड इज
202020 रूल व्हिच मींस हर 20 मिनट में 20 सेकंड का ब्रेक लो और 20 फुट दूर देखो 20 फुट हां 20 फुट दूर का मतलब एक तरह से डिस्टेंस हो गया ओके पर 20 फुट काफी होते है तो 20 फुट एक तरह से डिस्टेंस हो गया दूर हो गया तो 20 फुट का मतलब ऐसा नहीं है कि भाई 20 फुट पास है 20 फुट को हम डिस्टेंस ही मानते हैं क्योंकि 20 फुट के बाद जो लाइट रेज है वो प लल हो जाती है ओके साइंटिफिक राइट सो 20 फूट दूर देखो उस टाइम हम बोलते
हैं कि थोड़ा सा आंखों को ब्लिंक करो ताकि टियर्स फैले थोड़ा सा हम बोलते हैं ज्यादा इरिटेशन हो रही है तो आंखों में लुब्रिकेटिंग ड्रॉप्स को डाल दो तो आजकल मार्केट में अवेलेबल है रिफ्रेश टयर्स टीजी करके अवेलेबल है यूज इट थ्री टू फोर टाइम्स इन डे बट अगर ऐसा हो रहा है कि आप मोबाइल कंप्यूटर यूज करते हो और 51 मिनट में आपको आंखों में दर्द होना शुरू हो जाता है दैट मींस कि आपकी मसल्स जो है वो कमजोर है अब उन मसल्स को स्ट्रेंथ करना है तो वो जो आप एक्सरसाइज बता रहे हो
ना कि उसको डबल करना है फिर उसको देखो फ्यूज करो एंड देन काउंट टिल 10 दिस एक्सरसाइज इज बेसिकली जो आपकी मसल्स हैं उनकी ट्रेनिंग कर रही है सो इट इज समथिंग लाइक बॉडी वीक है भाई आज मैं सपोज 500 मीटर भाग सकता हूं मेरे को 20 मेरे को सपोज 2 किलोमीटर भागना है सो आई हैव टू डू दैट जिमिंग आई हैव टू ट्रेन माय बॉडी मसल्स को स्ट्रांग करना है सो अगर आपका 10 मिनट में मसल्स थक जाती है सो यू डू दिस एक्सरसाइजस आंखों की मसल स्ट्रेंथ हो जाएंगे और आपकी प्रॉब्लम खत्म हो
जाएगी सो दीज आर द थिंग्स वी चेक कोई आता है ना मैं पास पेशेंट की डॉक्टर सा मोबाइल कंप्यूटर में काम करते हैं कुछ टाइम बाद आंखों में दर्द हो रहा है सिर में दर्द हो रहा है तो ये तीन चार चीजें हम लोग चेक करते हैं यूजुअली इन्हीं में से कोई ना कोई प्रॉब्लम निकलती है हम तो बेसिकली मतलब आपको अपनी आंखों के मसल्स को वर्क करना है हां मतलब कुछ लोगों की तो स्ट्रांग होंगी कुछ लोगों की वक हो जेनेटिकली नहीं जेनेटिकली नहीं कुछ लोगों की नॉर्मल होंगी सो दे कैन टेक दैट स्ट्रेन
कुछ लोगों की स्ट्रेन नहीं ले पा रही उनकी हमें एक्सरसाइज करनी है बट प्रैक्टिकली स्पीकिंग 2024 पर्सपेक्टिव है जो हम बच्चों में देख रहे हैं और बच्चों में अक्सर उनकी बॉडी हेल्दी होती है नेचर स्पीकिंग अगर बच्चों की आंखें भी कमजोर हो रही है मतलब एज अ सोसाइटी हम सारों की आंखें कमजोर हो रही है फेयर टू से या फेयर टू से ये सच है कि जितना आप दूर देखें मतलब 20 फीट के बदले मान लो आप 100 फीट दूर देख रहे हो तो आपकी आंखों में ज्यादा रेस्ट फील होती है डू यू थिंक अब
20 फीट के बियोंड देख लोगे सो इट इज योर डिस्टेंस तो 20 फीट पे देखो 30 पे देखो 40 पे देखो 100 पे देखो इंफिनिटी पे देखो दे विल रिलैक्स योर आइज ओके ताकि लोग थोड़ा सा ज्यादा जग जाए इस पॉडकास्ट में मैं आपको पूछना चाहूंगा कि अगर आपने किसी का आईबॉल ऐसे फाड़ दिया उनकी स्कल से और काटा उस आईबॉल को तो आईबॉल के अंदर क्याक होता है व बहुत कुछ होता है आईबॉल के अंदर तो ओके केस केस बी केस बी को पहले आंसर करो अगर आपने बस आईबॉल को ऐसे दबा दिया तो
क्या क्या निकलेगा देखो आईबॉल जो हमारी आईबॉल ठोस रहती है ना गोल रहती है ये इसलिए रहती है कि हमारे आंख के अंदर एक प्रेशर है हमारे आंख के अंदर कंटीन्यूअसली पानी बनता है और पानी निकलता है उससे हमारी आंख के अंदर एक प्रेशर रहता है यूजुअली 15 16 मिलीमीटर ऑफ मरकरी का होता है और वो आंख हमारी ठोस रहती है तो आपने आंख को निकाल लिया पहले तो वो पानी वानी बनना बंद हो जाएगा तो थोड़ा तो प्रेशर कम हो जाएगा सॉफ्ट वैसे हो जाएगी और अगर आपने उसको दबा दिया यूं तो हमारी आंख
के अंदर एक जेल होता है जिसको हम विट्रेस जेल कहते हैं वो सारा बाहर आ जाएगा और कुछ आंख के अंदर लेंस होता है कुछ और पानी होता है व सब बाहर आ जाएगा ओके अभी इसे ज्यादा गहराई से समझने के लिए क्या ये सच है कि जो हमारे कैमरा होते हैं जो एसएलआर होते हैं बेसिकली आंखों के स्ट्रक्चर पर बेस किए गए एब्सलूट करेक्ट टू से तो जो हम कह रहे हैं कि नियर फार के लिए आंखों का फोकस बदलना चाहिए उसी तरह कैमरे में जब हम फोकस बदलते हैं लॉजिक और फिजिक्स सेम ही
है एब्सलूट सेम ओके नाउ गो ऑन सी व्हाट इज कैमरा कैमरा में एक लेंस है वो लेंस लाइट आती है लेंस पिक्चर बनाता है और पीछे एक रील है जहां पे पिक्चर बन जाती है राइट सेम फिनोम इन ह्यूमन आई आल्सो ह्यूमन आई में भी एक लेंस है लाइट आएगी लेंस से पास होगी और जो फिल्म है आईग उसको हम लोग कहते हैं रेटिना तो लाइट लेंस से होते हुए आंख का जो पीछे का पर्दा होता है रेटिना वहां पे फोटो बना देती है और वो फोटो हमारी आंख में एक नर्व होती है ऑप्टिक नर्व
उससे ब्रेन कनेक्ट होता है और हम उसको देख पाते हैं अच्छा जैसे यू सी कैमरा ऑटोफोकस है सो दे कैन फोकस दूर का दे कैन फोकस पास का ऐसी हमारी आई का भी जो लेंस है इट इजन ऑटोफोकस लेंस सो रिमेंबर वी वर डिस्कसिंग कि मसल्स हैं जो लेंस को मोटा पतला कर सकती है सिमिलरली ये जो लेंस है मोटा पतला होके इट्स एन ऑटोफोकस इसीलिए हम दूर का भी देख सकते हैं पास का भी देख सकते हैं बट व्हेन यू क्रॉस द एज ऑफ़ 40 45 तो ये ऑटोफोकस मैकेनिज्म आंख का खत्म हो जाता
है वाह सो देन यू नीड पढ़ने के लिए चश्मा चाहिए होता है हर इंसान का 40 45 साल के बाद पढ़ने का चश्मा आ जाएगा वो क्यों आ रहा है क्योंकि जो हमारी आंख में सॉफ्ट लेंस है जो अपने को शेप को चेंज कर सकता था दूर का पास का ऑटोफोकस लेंस था वो एज के साथ हार्ड हो जाता है तो वो हार्ड हो गया अब वो शेप चेंज नहीं कर सकता तो आप दूर का देख पा रहे हो पास के लिए आपको चश्मा पहनना पड़ता है तो हजार साल पहले जब चश्मे होते ही नहीं
थे तब लोग 40 के एज में पहुंच कर क्या करते थे लोग जीते थे 40 तक तब 40 50 की एज होती होगी लेकिन क्या करो 40 के बाद धुला दिख रहा है नजदीक का तो यू हैव टू लिव विद इट लि जब चश्मे वशम तो अब कुछ टाइम पहले आया ना जब पहले नहीं होता था ऐसी कितनी सारी आंखों की बीमारियां होती थी उनका इलाज नहीं हो पाता था मोतिया बंद करके कैटक करके एक प्रॉब्लम है जो ऑलमोस्ट सबको होनी है उसका ट्रीटमेंट नहीं हो पाते थे तो ये सब धीरे-धीरे करके चीजें एडवांस हुई
है ऑलमोस्ट सबको होनी है य स गिव यू वेरी सिग्निफिकेंट स्टेटमेंट शर गिवन अ लंग इनफ लाइफ एवरी बडी विल हैव कैटरेक्ट मोतिया ब देखो क्या होता है कि जैसे हमारी उम्र बढ़ती है तो हमारी बॉडी में चेंजेज आ रहे हैं बाल सफेद हो जाते हैं सिमिलरली बढ़ती उम्र के साथ जो हमारे आंखों के अंदर लेंस होता है उसके प्रोटींस डी नेचर हो जाते हैं एंड धीरे-धीरे वो वाइट होना शुरू हो जाता है तो ये जो नेचुरल लेंस जो नेचर ने क्लियर बनाया ट्रांसपेरेंट बनाया शीशे की तरह साफ बनाया ये जो बढ़ती उम्र के साथ
सफेद हो जाता है इस प्रॉब्लम को हम लोग कहते हैं कैटरेक्ट एंड कैटरेक्ट का सिर्फ एक ही सलूशन है ये भी बहुत जरूरी है हमें समझना क्योंकि वी फाइंड लॉट ऑफ मिसली दिंग एडवर्टाइजमेंट कई बारी हम लोग देखते हैं कुछ ड्रॉप्स आ गए जिससे कैटरेक्ट ठीक हो सकता है कोई गोलियां आ गई कुछ लोग कहते हैं योगा कर लो आंखों की मसाज कर लो कैटक ठीक हो जाएगा कुछ भी साइंटिफिकली प्रोवन नहीं है आज की डेट में भी कैटरेक्ट या मोतिया बंथ का सिर्फ एक ही इलाज है कि ऑपरेशन से वोह जो आंख के अंदर
लेंस वाइट हो गया सफेद पड़ गया उसको निकाल दो और उसकी जगह पर एक नया साफ सुथरा लेंस डाल दो राइट तो ये जो कुछ ड्रॉप्स वगैरह आ गए हैं जो क्लेम करते हैं कि हम कैटक को रिवर्स कर द द या कैट को ठीक कर देंगे इट इज साइंटिफिकली नॉट पॉसिबल क्योंकि आप एजिंग को नहीं रोक सकते ना ऐसी कोई दवाई आज तक नहीं बनी कि एजिंग रुक जाए आप बढ़ने से रुक जाओ तो अगर आप बुढ़ापे को नहीं रोक सकते तो बुढ़ापे से होने वाली जो प्रॉब्लम है उसको कैसे रोक लोगे ओके सॉरी
की पॉडकास्ट के इस स्टेज में ही मैं यह सवाल पूछ रहा हूं पर ये जो कैटक का ऑपरेशन है आप उस ऑपरेशन के बारे में बता सकते हो कि आंखों को काटते कैसे हैं ये वो देखो कैटरेक्ट सर्जरी जो है ना टाइम के साथ बहुत ज्यादा एडवांस हो गई है तो पहले जो ट्रक सर्जरी होती थी उसमें हम क्या करते थे कि आई जो है उसमें एक बड़ा सा कट लगाया और आंख के अंदर जो वाइट लेंस हो गया उसको निकाल दिया और एक नया लेंस डाल दिया पर कट कहां आंख के ऊपर या आईब्रो
के नीचे नहीं सो ये इफ यू लिफ्ट दिस एंड यू सी दिस ब्लैक पोर्शन हां इसके ऊपर लगेगा कट ओके लेकिन इट वाज अ बिग कट तो लेंस को हम लोग साबुत निकालते थे तो इतना बड़ा कट लगता था तो उसमें स्टिचेस लगते थे रिकवरी स्लो होती थी और बहुत ज्यादा रिबिन अच्छी भी नहीं होती थी आई बॉल में स्टिचेस आईबॉल में स्टिचेस और वो भी कुछ पहले टाइम में स्टील के स्टिचेस लगते थे अब ये सब एडवांस सूचर नायलॉन वगैरह आ गए हैं सो नाउ व्हाट हैपेंड की टाइम के साथ टेक्नोलॉजी एडवांस हो गई
सो इसके बाद एक फेको इमल्स फिकेशन करके टेक्नोलॉजी आई और अब जो आ गई है दैट इज द लेजर बेस्ड टेक्नोलॉजी सो अब जो कैटक के ऑपरेशंस है इनमें कोई दर्द नहीं है कोई इंजेक्शन नहीं है कोई टांका नहीं है कोई कोई ब्लेड नहीं है कोई पट्टी नहीं है कोई हॉस्पिटलाइजेशन नहीं है एनेस्थीसिया होती है ओनली ड्रॉप्स मतलब इंसान जगा य वेक नाइस एंड अवेक सब कुछ सुन सकते हो देख सकते हो डॉक्टर के हाथ वात चल रहे हैं बट आपको फील कुछ नहीं होता फील होता क्या है फिर कुछ भी फील नहीं होता बस
ऐसा लगता है कि आंख प हल्का सा प्रेशर लग रहा है पेन नो पेन एब्सलूट जीरो पेन एंड द मैजिक इज ओनली ड्रॉप्स तो ड्रॉप डाली 10 मिनट के लिए आंख सुन हो गई 10 मिनट में ऑपरेशन भी हो गया ऑपरेशन सारा लेजर से होना है तो रिकवरी इंस्टेंट है आज करा कल से दिखना शुरू दो दिन के बाद अपने काम प लग जाओ फिर भी वी आर द ब्लाइंड कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड और इंडिया और उसका कारण है कैटरेक्ट बिकॉज हमारे कंट्री में इतने ज्यादा पेशेंट्स है कैटरेक्ट के एंड एज डॉक्टर्स हम बहुत कम
है और ये जेनेटिकली एक प्रॉब्लम है भारत में कैटरेक्ट नहीं कैटरेक्ट इज एन एज रिलेटेड प्रॉब्लम पर हमारे देश में ज्यादा कैटरेक्ट है हमारी पॉपुलेशन ज्यादा है ना ओके वैसे सो वी है द पॉपुलेशन इज हाई एंड डॉक्टर्स हमारे कम है हमारी देश में करीब 25526 हज ही आंखों के डॉक्टर्स हैं एंड हमें रिक्वायर्ड है डेढ़ लाख आंखों के डॉक्टर्स टू मैच द करंट डिमांड टू मैच द करंट बर्डन ऑफ कैटरेक्ट सो इतना बड़ा गैप है तो बहुत सारे लोग करा नहीं पाते प्लस देर इज द टेक्नोलॉजीज आर नॉट अवेलेबल अक्रॉस द लेंथ एंड ब्रेथ
ऑफ कंट्री तो इंफ्रास्ट्रक्चर की भी कमी है डॉक्टर्स की भी कमी है एंड वी बिकम द ब्लाइंड कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड अगर आप वेस्टर्न कंट्रीज देखो अमेरिका यूरोप वगैरह तो वहां पे जो ब्लाइंडिंग का सबसे मेन कारण है दैट इज डायबिटिक रेटिनोपैथी कि हमारे जो आंक का पर्दा होता है उसमें डायबिटीज की वजह से नुकसान हो गया दैट इज इन अमेरिका एंड यूरोपियन डेवलप नेशंस इन आवर कंट्री अनफॉर्चूनेटली इट इज कैटरेक्ट और कैटक को 100% ठीक करा जा सकता है 10 मिनट के ऑपरेशन से बट बिकॉज द बर्डन इज सो मच देन वी आर लगिंग
बिहाइंड कितना महंगा होता है वो ऑपरेशन कैटक्स सजी तो हमारी कंट्री में फ्री में भी होती है इट कैन रेंज फ्रॉम फ्री एंड इट कैन गो अप टू ₹ लाख एन आई आल्सो इन अ प्राइवेट इन अ प्राइवेट इट विल डिपेंड कि आप कैटरेक्ट में लेंस कौन सा डलवा रहे हो कौन सी टेक्नोलॉजी से करा रहे हो सो यू हैव बेसिक लेंसेशन यू हैव एडवांस्ड लेंसेशन सेस भी हैं कि हमने आपका कैटक ऑपरेशन करा और आपको चश्मा भी नहीं पहनना दूर के लिए भी नहीं पहनना बीच के लिए भी नहीं पहनना पास के लिए भी
नहीं पहनना सो देर आर वेरिएबल लेंसेक्स एंड इनके परम्यूटेशन कॉमिनेशन से इट कैन रेंज बिटवीन फ्री टू ऑलमोस्ट 2 लाख पर आई मतलब उस एक सर्जरी से एक्चुअली आंखों का नंबर भी चला जा सकता है हम आजकल टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस हो गई है कि कैटरेक्ट सर्जरी में हमने जो लेंस डाला वो इस तरह से हम कैलकुलेट कर लेते हैं कि कैटरेक्ट तो ठीक हो ही गया साथ-साथ चश्मा भी ठीक हो गया तो डॉक जब मेरा खुद का आय ऑपरेशन हुआ था आई फील कि इट रियली चेंज माय लाइफ क्योंकि मैं मीडिया प्रोफेशनल हूं मैं टेली
प्रोमट और पढ़ पा रहा था व्हिच वाज अ बिग डील फॉर मी पर मैंने देखा कि आई हेट सेइंग दिस पब्लिकली बट पीपल स् ट्रीटिंग मी डिफरेंटली इन अ नाइस वे तो आई फेल्ट कि मेरी पूरी लाइफ बदल गई उस आय ऑपरेशन की वजह से और एक और चीज कहना चाहूंगा कि आय ऑपरेशन से मेरी बहुत फटती थी पहले बहुत डरता था आइज को लेकर जब आई कुडंट इवन वेयर कांटेक्ट लेंस क्योंकि मेरी आइज बहुत ज्यादा सेंसिटिव थी यूजुअली लोग ऐसा सोचते हैं कि चश्मा हटाने का ऑपरेशन वो लोग करा रहे हैं जो अच्छा दिखना
चाहते हैं सो ये जो चश्मा हटाने के ऑपरेशन है ना ये यूजुअली पोट्रे करे जाते हैं एज कॉस्मेटिक सर्जरीज कि इनकी जरूरत नहीं है आप अच्छा दिखना चाहते हो तो करवा लो बट मोर दन दैट इट इज अ काइंड ऑफ विजुअल रिहैबिलिटेशन फॉर पेशेंट भा आप ये सोचो कि एक बंदे का तीन चार का भी चश्मा अगर लगा हुआ है तो 24 घंटे उसको चश्मा पहन के रखना है अगर वो चश्मा नहीं पहनता तो आधा विजन उसका हैंडी कैप हो जाता है सो इट इज मेनली फॉर इंप्रूविंग योर लाइफ फॉर एडिंग कन्वीनियंस अब मान लो
कोई क्रिकेट खेलना चाहता है फुटबॉल खेलना चाहता है स्पोर्ट्स करना चाहता है नहीं कर सकता चश्मे के साथ स्विमिंग करनी है नहीं कर सकता चश्मे के साथ सो इट्स अ बिग बर्डन एंड हर्ड इन योर लाइफ सो इट इज मोर फॉर योर कन्वीनियंस राद देन कॉस्मेटिक हां कॉस्मेटिक करा रहे हैं लोग एंड देन वी सी कि काफी सारे बच्चे जो गवर्नमेंट जॉब्स में जाना चाहते हैं अब आपको आर्मी में जाना है पुलिस में जाना है चश्मा पहन के थोड़ी चोर का पीछा करोगे यू हैव टू फाइट ऑन द बॉर्डर चश्मा पहन के तो बर्डन हो
गया ना एक हर्डल हो गया सो ऑल दीस गवर्नमेंट जॉब्स इनमें भी मैंडेटरी है कि आप बिना चश्मे के आओ सो लॉट ऑफ पीपल आर गेटिंग दिस प्रोसीजर्स डन टू क्लियर द गवर्नमेंट जॉब्स आल्सो एंड जस्ट नाम काम का ये सर्जरी है मतलब क्योंकि हम ऑपरेशन थिएटर में कर रहे हैं सो वी कॉल इट अ सर्जरी बट यू नो यू गन थ्रू इट इट इज नथिंग लाइक अ सर्जरी कोई दर्द नहीं है कोई इंजेक्शन नहीं है कोई टांका नहीं है कोई ब्लेड नहीं है कोई पट्टी नहीं है कोई हॉस्पिटलाइजेशन नहीं है बस इट्स अ वक
इन वक आउट आए 10 मिनट में ऑपरेशन हो गया अगले दिन विजन क्लियर हो गई दो दिन बाद अपने काम प लग जाओ तो इसमें क्या हुआ लाइक वी र डिस्कसिंग अबाउट स्माइल तो ये जो चश्मा हटाने की टेक्नोलॉजीज है ना दे आर अबाउट 30 इयर्स ओल्ड नाउ तो 3035 साल का हमारे पास एक्सपीरियंस एंड डाटा भी है एंड इट इज बीइंग रिफाइंड ओवर द टाइम जैसे i 11 के बाद 12 आ गया जो लेटेस्ट आ गया है दैट इज बाय द नेम ऑफ सिल्क सिल्क या तो सिल्क स्टैंड्स फॉर स्मूथ इंसीजन लेंटिक केराटो मालवेसिस
इट इज एन एडवांसमेंट ऑफ दस स् माइल प्रोसीजर ओनली एंड बेसिकली ना ये जब नए-नए प्रोसीजर्स आते हैं तो इसमें क्या हो जाता है कि टाइम के साथ द टेक्नोलॉजी इज बीइंग रिफाइंड तो क्वालिटी बेटर हो रही है सो व्ट द विजन क्वालिटी दैट यू गेट विथ स्माइल एंड लेसिक उनसे बेटर क्वालिटी कंटूरा सिल्क में मिल जाती है अब द रिकवरी इज बिकमिंग ऑलमोस्ट इंस्टेंट सो वी से आज ऑपरेशन का सोचो कल करा लो परसों से अपने काम प लग जाओ एंड सेफ्टी इज बीइंग इंक्रीजड ओवर द टाइम सो नाउ वी से कि कॉम्प्लिकेशंस का
चांसेस जो है दे आर जीरो मैं बस ये कहना चाहूंगा ऑडियंस को कि लिटरली ऑलमोस्ट पेन फील ही नहीं होता बट साइकोलॉजिकली थोड़ा सा स्केरी हो सकता है कुछ लोगों के लिए आपको बस खुद के दिमाग को कंकर करना है स इट इज द फियर ऑफ दैट वर्ड मेरा सर्जरी होने वाला है मेरा ऑपरेशन होने वाला है व भी आंख में ऑपरेशन हो रहा है इतना डेलिकेट टिशू तो फियर ऑफ सर्जरी है लेकिन कुछ करना थोड़ी है लेजर ऐसे भी सर्जरीज है जो लेजर टच भी नहीं करते माक को बस लेजर डाल दिया और चश्मा
रिया हां आई थिंक इन सर्जरीज को लेकर ना लोग डरते हैं उस मशीन की साइज को देखकर कि यार यह पूरी मशीन मेरे आंखों पर मशीन इतनी सी आंख और आवाज आती है उस मशीन से बट एक्चुअली कुछ फील नहीं होता एट द मोस्ट पता क्या फील हो रहा था मुझे कि बस कुछ आंखों के साथ हो रहा है और साइकोलॉजिकली मुझे बस शांत रहना था उस सुबह मैंने अच्छी सी मेडिटेशन करी सर्जरी के लिए गया कुछ फील नहीं हुआ एंड लिटरली जब आप दो-तीन दिन बाद उठते हो सुबह और आपको दुनिया दिखती है चश्मों
के बना मैजिकल इट्स मैजिकल एक्सपीरियंस बहुत अच्छी फीलिंग होती है कि आपको डिस्टेंस वाली चीजें इन फोकस दिख रही है इट्स प्रोबेबली वन ऑफ़ द बेस्ट फीलिंग्लेस के बाद एंड द ब्यूटी इज दैट इट इज इंस्टेंट इट्स मैजिकल आज करा कल हट गया आपका एंड पसोस यू आर बैक टू फुल फ्लेच इड दैट इज द ब्यूटी ऑफ द एडवांस प्रोसीजर्स जब हम प्रोसीजर्स की बात कर रहे हैं ऑडियंस के लिए हमेशा मैं कॉस्ट के बारे में भी पूछता हां कॉस्ट बताएंगे कॉस्ट बता दो सर यूजुअली क्या होता है द ओनली इशू विद दस सर्जरीज आर
कि जब भी किसी पेशेंट को य ऑपरेशन कराना है तो यूजुअली उसको अपनी पॉकेट से खर्च बनना पड़ता है क्या होता है जैसे हमारे कुछ गवर्नमेंट पैनल्स हैं सीजीएचएस ईसीएचएस दीज पैनल्स डोंट कवर द सर्जरीज वो कहते हैं ये तो कॉस्मेटिक है जी इंसान अच्छा दिखने के लिए करा रहा है तो हम लोग कवर नहीं करेंगे आयुष्मान भारत है गोल्डन कार्ड वो भी कवर नहीं करता जैसे कॉस्मेटिक है इंश्योरेंस है वो भी यूजुअली कवर नहीं करती वो कहते चलो हाई नंबर होगा सात आठ का नंबर है तो कवर कर देंगे छोटे नंबर तो आप कॉस्मेटिक
ले कर आ रहे हो तो यूजुअली पेशेंट को अपनी पॉकेट से खुद पे करना पड़ता है हां सस प्राइवेट हॉस्पिटल जैसे हम लोग भी है वी गव ईएमआई सर्विसेस लेकिन गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में एम्स को अगर हम छोड़ द तो गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में ये अवेलेबल ही नहीं है सो बिकॉज द बर्डन कम ऑन द पेशेंट सो दिस इज अ वेरी सेंसिटिव मैटर कि इनकी कॉस्ट कितनी है देखो पुरानी टेक्नोलॉजीज जो लेसिक वगैरह है वो तो 20 25000 में हो जाता है बट ये जो एडवांस टेक्नोलॉजीज है कंटूरा हो गया सिल्क हो गया इन सबकी कॉस्ट करीब
एक से लेके 1 20 मतलब 1 लाख के करीब आपकी पड़ जाती है तो यू एक्सपेक्ट कि 1 लाख का खर्चा तो आएगा ही आएगा अगर चश्मे का नंबर हटना है मैक्स 1.2 मार्क्स 1.2 1.3 डिपेंडिंग ऑन द डॉक्टर ऑन द लोकेशन ऑफ द हॉस्पिटल अब यू गेट डन इन मुंबई और दिल्ली थोड़ा सा ज्यादा होगा मेरा मानना ये है कि ये एक बॉडी अल्टरेशन है और आपको कॉस्ट के बारे में सोचना नहीं चाहिए अब्सोल्युटली नॉट बल्कि ये सोचना चाहिए कि आप कौन से डॉक्टर के पास जा रहे होई अगर ₹ 20 हज एक्स्ट्रा देके
आप बेटर क्वालिटी विजन ले सकते हो बेटर सेफ्टी ले सकते हो तो व्हाई नॉट और अगर अभी अफोर्ड नहीं कर सकते तो रुको कुछ साल पैसों को इकट्ठा करो क्योंकि ये बहुत बढ़िया सेल्फ इन्वेस्टमेंट होती है अकॉर्डिंग टू मी एंड इन द लॉन्ग रन यू आर स्पेंडिंग मोर मनी ऑन ग्लासेस ट ले प्रोसीजर एंड इट इज परमानेंट दैट इज द ब्यूटी ऑफ इट आल्सो मैं फिर भी यह कहना चाहूंगा कि वो जो फीलिंग जनरेट हुई मेरे दिमाग में दिल में ऑपरेशन के बाद देर इज नथिंग दैट ज मैच्ड इट इन माय लाइफ बहुत क्रेजी फीलिंग
होती है जब आप पूल में जाते हो चश्मों के बिना आपको सब दिखता है आप पानी के अंदर जा सकते हो यू कैन सी थिंग्स दैट फीलिंग इज अनमैचेबल आपको लगेगा कि आपका बचपन लौट गया सो यू वुड एग्री विद मी ना इट इज लेस ऑफ कॉस्मेटिक मोर फॉर कन्वीनियंस कंफर्ट एंड विजुअल रिबिट इवन मोर सो क्योंकि मैं मीडिया प्रोफेशनल हूं तो मेरी लाइफ में और भी इंपैक्ट हुआ है एस प्रोफेशनल यू नीड दैट हां अ लॉट लाइक इट्स बीन द बेस्ट मेडिकल डिसीजन ऑफ माय लाइफ ट्स व्ट आई विल डेफिनेटली से अ ताकि लोग
ज्यादा समझे इस सर्जरी के बारे में एगजैक्टली सर्जरी की बायोलॉजी के बारे में बताओ कि हो रहा क्या है इन सर्जरीज में लेजर यूज क्यों होता है इसमें सी लेट अस अंडरस्टैंड कि ये जो लेजर्स है ये चश्मा हटा कैसे रहे हैं ट तो ये जो सारे लेजर्स हैं ये हम लोग करते हैं हमारी आंखों का जो काला हिस्सा होता है जिसको हम कॉर्निया कहते हैं काली पुतली कहते हैं आंख का शीशा कहते हैं उसपे करा जाता है मतलब जो कलर्ड हिस्सा होता है नहीं वो आपको अभी सामने से तो काला लग रहा है लेकिन
इट इज अ ट्रांसपेरेंट स्ट्रक्चर इसको कॉर्निया कहते हैं हम तो हमारी आगे ना आंखों के ये जो काला हिस्सा है ना दिस इज नॉट काला काला आ रहा है हमारी आंख में एक आयरस है उसका कलर है तो आप देखो किसी का काला है किसी का भूरा है किसी का ग्रे है किसी का ब्लू होता है किसी का ग्रीन होता है सो दैट इज द कलर ऑफ आइरिस हम ये जो है उसके आगे वाला हिस्सा है जिसको कॉर्निया या काली पुतली आंख का शीशा कहते हैं दैट इज अ ट्रांसपेरेंट स्ट्रक्चर तो ये सारे प्रोसीजर्स हमारे
कॉर्निया पे होते हैं एंड व्हाट वी आर डूइंग इज कि कॉर्निया का एक कर्वेचर है उस कर्वेचर को हम इस तरह से चेंज कर देते हैं कि चश्मे का नंबर ठीक हो जाता है राइट तो अब इसको करने के लिए अलग-अलग लेजर्स हैं जो कंटूरा है और वो लेसिक है ये एक तरह से सिमिलर तरीके से काम करते हैं जहां पर हम लेजर से थोड़ा टिश्यू को बर्न करके कर्व करते हैं एक मिनट कैन वी टेक वन स्टेप बैक कि जिन लोगों के चश्मे होते हैं एक्चुअली उनके कॉर्निया में लफड़ा क्या है नहीं कॉर्निया में
कोई लफड़ा नहीं है ओके जिनके चश्मे का नंबर है उनकी आंख का साइज लंबा है जक आई टोल्ड यू स्टार्टिंग में तो अब क्या हो रहा है आंख का साइज लंबा है तो आंख में जो लाइट आ रही है वो पर्दे से पहले फोकस हो गई क्योंकि पर्दा तो पीछे हो गया अब आपको आंख स्ट्रक्चर में इस तरह का चेंज करना है कि ये जो फोकस यहां पे रह गया ये उठ के यहां पे आ जाए हम हाउ डू यू डू दैट कि जो आंखों का सामने वाला स्ट्रक्चर है उसके कर्वेचर को थोड़ा मॉडिफाई कर
दिया ये आंखों का जुगाड़ कर रहे है हां जुगाड़ कर र है लेकिन बहुत ही तरीके से जुगाड़ कर रहे है ताकि पूरी लाइफ को टेंशन ना हो हां मतलब सेफ बायोलॉजिकल जुगाड़ है कि आपकी आपके कैमरे का फोकस मैकेनिज्म थोड़ा सा खराब हो गया इसलिए आपको चश्मों की जरूरत होती है और यहां जो आपका लेंस फिल्टर उस फिल्टर को मैनिपुलेट करके बायोलॉजिकली सेफली आप अपने फोकस मैकेनिज्म को अंडर फुल कंप्यूटर कंट्रोल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर कंट्रोल इतना रिफाइन तरीके से हम उसको मोल्ड कर देते हैं किय चश्मे का नंबर हट जाता है अब इसको करने
के लिए दे आर डिफरेंट काइंड ऑफ लेजर्स तो जो लेसिक एंड कंटूरा वाले लेजर है दे आर बर्निंग लेजर्स बर्निंग में मतलब ले मैन लैंग्वेज बर्निंग है लेजन कहते हैं उसको तो हम जो टिश्यू को थोड़ा सा बर्न करके अबले करके कर्व को चेंज कर देते हैं और जो स्माइल टेक्नोलॉजी है जिसका एडवांस वर्जन सिल्क आ गया दैट इज अ कटिंग लेजर तो उसमें हम आंग के अंदर एक थोड़ा सा टिशू का पीस काट के निकाल देते हैं साउंड्स वेरी स्केरी बट इट इट्स अ पीस ऑफ केक हैपेंस इन वन मिनट एंड नेक्स्ट चश्मा हट
जाता है पेनलेस होता है पेनलेस नो पेन नो इंजेक्शन नो स्टिच नो ब्लेड नो बैंडेज नो फ्लैप नो हॉस्पिटल वक इन वक आउट आए 10 मिनट में बाहर चले गए कल चश्मा हट गया वर्सस अपने काम प लगो वुड यू से कि एज एन आइस आपका एक जॉब यह भी रहता है कि आपके पेशेंट को आपको शांत रखना है अ ये सबसे बड़ा जॉब है देख सी क्या होता है कि व्हेन यू आर ऑपरेटिंग जितना पेशेंट रिलैक्स रहेगा उतना वो सर्जन की बात को फॉलो कर पाएगा सो व्हेन वी आर डूइंग योर सर्जरी हम लोग
चाहते हैं कि आपकी आंखों की मूवमेंट कम से कम हो सो वी आस्क यू टू लुक अ लाइट ऑन टॉप हां थोड़ा बहुत मूवमेंट हो जाए मशीन इज कैलिब्रेन इन अ वे कि वो ट्रैक कर लेती है बट एक्सेसिव मूवमेंट होगा तो सम टाइम द रिजल्ट्स कैन वेरी हाफ अ डाटर हियर एंड देयर सो देन वी हैव टू डू सम टच अप प्रोसीजर्स उसको थोड़ा सा फाइन ट्यून करना पड़ता है बट इफ यू आर नाइस एंड रिलैक्स्ड आराम से आप सर्जरी करा रहे हो डॉक्टर के इंस्ट्रक्शन सुन रहे हो तो 99.99% में तो कुछ नहीं
होता इट इज फॉवर कभी आपको एक मुश्किल पेशेंट मिला है जो बहुत चिल्ला रहा था बहुत सारे मुश्किल पेशेंट्स मिले हैं कई पेशेंट तो ऐसे ही मिलते हैं डॉक्टर हम करा ही नहीं सकते आप हमें बेहोश करके कर दो बट द द स्केयर ऑफ सर्जरी सो मच कि पीपल टेंड टू गेट वेरी पैनिक एट टाइम्स कभी बेहोश किया है किसी को बहुत सारों को बेहोश किया है एक माहौल ऐसा है ना आप हॉस्पिटल में आ रहे हो लद ट्राई टू मेक इट अ डिफरेंट एनवायरमेंट थोड़े फ्रेगरेंस लगाई हुई है नाइस अ ह्यूमरस और मे बी
यू नो फील गुड अ कंटेंट ऑन द टीवी बट जब आप ऑपरेशन थिएटर में जाते हो द वर्ड ऑपरेशन इज अ स्केयर इन इट सेल्फ स्पेशली आंखों में ऑपरेशन हो रहा है तो दे आर पीपल हु विल पैनिक कुछ लोगों को पैनिक से बचाने के लिए थोड़ा सा एंटी एंजाइटी टैबलेट्स दे देते हैं बट अगर ज्यादा ओवरली पैनिक हो रहा है तो वी हैव दिस फैसिलिटी कि स डेट कर दिया या बेहोश ही कर दिया तो पेशेंट को पता नहीं चलता कि ऑपरेशन कब हो गया पर एक बेहोश पेशेंट के आय को आप ऑपरेट कर
सकते हो हां उसको पकड़ के करना पड़ता है देन दे इज अ डिफरेंट वे टू डू इट क्या वे होती है भाई अगर कोई पेशेंट कॉन्शियस है तो वो तो आपकी इंस्ट्रक्शंस को सुन रहा है ना सो ही कैन लुक एट द लाइट ही कैन कीप हिज आइज स्ट्रेट अब मान लो कोई बेहोश हो गया तो उसकी तो आइज अब रोल्ड अप है ना सो देन देयर आर स्पेसिफिक इंस्ट्रूमेंट्स मतलब अंडरटेकर की तरह काइंड ऑफ ओके वाइट वाइट सो उसमें कुछ स्पेसिफिक इंस्ट्रूमेंट्स है मतलब यू कैन देन होल्ड द आईन ऑपरेट बिकॉज़ यू स्टिल नीड
दैट स्टेबिलिटी फॉर द लेजर टू वर्क प्रॉपर्ली आपके लिए मुश्किल होता है ये इज इट अननोइंग अब तो इतने ऑपरेशन कर लिए इतने ऑपरेशन कर लिए इतने ऑपरेशन कर रहे हैं तो अब तो स्पाइनल लेवल पे ऑपरेशन होते हैं आइस के भाई यू हैव डन सो मेनी थाउज ए थाउज लक्स ऑफ सर्जरीज सो नाउ इट इज इतनी प्रैक्टिस हो गई है दैट यू आर ऑलमोस्ट ऑपरेटिंग एट अ स्पाइनल लेवल ओ ओके ओके ओके एंड द स्टाफ इज ट्रेन इट्स अ रूटीन जॉब फॉर देम सो 99 पर तो हम बट आराम से कर देते हैं कभी
कभार ए आद पेशेंट में कुछ इशू आता है जहां पे वी हैव टू पुट अ माइंड कि इसको कैसे करना है ठीक करना है सो दैट इज पार्ट ऑफ लाइफ और इशू यही है कि पेशेंट की फट जाती है वहां बहुत ज्यादा दैट्ची है क्योंकि पता है ओके मैं खुद का पर्सपेक्टिव समझाता हूं आपको एक लाइट दिखती है उस लेजर के अंदर आपको बस वहां देखना और डॉक्टर की बातें सुननी है और हो जाएगा हां खुद के बॉडी और मन को हल्के से शांत रखना है मैं मुझे याद है मैं ना मेरे सारे फेवरेट क्रिकेटर्स
का नाम याद रख रहा था कि हां 2003 की वर्ल्ड कप टीम ये थी और डॉक्टर सर्जरी करते जा रहे नहीं आई थिंक वी आर गिविंग ओवर एमफसिस ऑन द पैनिकी पार्ट मतलब 99.99% तो स्मूथली हो जाता है ना वनस इन अ वाइल कोई आ जाता है जो बहुत ज्यादा पैनिक हो रहा है उसको थोड़ा सा डेट डेट करके करना पड़ता है बट रूटीन अफेयर में नहीं ऐसा होता स्पेशली मैं क्या कर रहा हूं मतलब मैंने थोड़ा बहुत वीडियोस बेस्ट डिसीजन ऑफ़ माय लाइफ इसलिए दैट व्हाई आई एम हाइलाइटिंग दिस बेस्ट डिसिजन ऑफ़ माय लाइफ
टू बिकम अ लेसिक सुपर स्पेशलिस्ट यह क्यों कह रहे हो क्यों बिकॉज़ इट्स अ वेरी रिवडिंग सर्जरी सी इट्स अ काइंड ऑफ सर्जरी व्हिच हैज अ वाउ इफेक्ट देखो आंखों में कोई भी ऑपरेशन कर लो आंख में सूजन बनती है और टाइम के साथ विजन क्लियर होती है नाउ लेसिक या जो लेजर वाले प्रोसीजर्स है द ब्यूटी इज़ कि आज कराओ कल विज़न परफेक्ट हो जाती है सो इट्स अ वेरी सेटिस्फेक्ट्री एक्सपीरियंस पेशेंट के लिए भी कि यार अच्छा हां ऑपरेशन हुआ अगले दिन क्लियर हो गई एंड फॉर द डक्टर आल्सो बिकॉज पेशेंट कम्स इन
विथ द स्माइल की कल तक कुछ नहीं दिख रहा था आज सुबह सब कुछ दिख रहा है सो री रिवडिंग फॉर द सर्जन आल्सो न यू सी र पेशेंट इतने खुश है सेटिस्फाइड है फोटो खिंचवा के जा रहे हैं थैंक्स करके जा रहे हैं सो दैट इज वेर यू गेट ट मोटिवेशन की भाई य य डू गुड वर्क हम ना आईज को फॉर ग्रांटेड ले लेते हैं ए एस ह्यूमन बीइंग्स एक्चुअली जो भी डेटा दुनिया में है उसमें से बहुत सारा डटा हमारी आई के थ्रू हमारे ब्रेन में एंटर हो रहा है एंड य रिलाइज
दैट आफ्टर द सर्जरी हम अ थोड़ा पोस्ट सर्जिकल केयर के बारे में भी बताइए कि आई थिंक टू थ्री डेज का ही पोस्ट सर्जिकल केर रहता है ज्यादा विद द लेटेस्ट टेक्नोलॉजीज सिल्क वाली जो है उसमें 24 आवर्स का है आज कर रहा कल से अपने काम पे लग जाओ फिर भी वी टेल पेशेंट्स कि टेक इट इजी ऐसा कोई रश नहीं है लाइफ में इट्स अ सर्जरी यू अंडरवेंट एंड ट्रीट इट लाइक अ सर्जरी दो-तीन दिन थोड़ा सा रिलैक्स हो जाओ बॉडी को सेट होने दो नए सिस्टम के साथ एंड देन गेट बैक टू
योर वर्क सो आई टेल ल मैं पेशेंट्स की आज ऑपरेशन करा फ्राइडे ऑपरेशन कराओ सैट संडे छुट्टी लो मंडे से अपने काम पे लग जाओ हम अच्छा इसके बाद पोस्ट टॉप में बेसिकली पेशेंट्स को थोड़ा दवाइयां डालना होता है तो ये जो सारी लेजर सर्जरीज है इनका जो मेन साइड इफेक्ट है दैट इज ड्राइनेस ये आंखों में सूखापन बनेगा और उसको ठीक होने में दो-तीन महीने लगते ही लगते हैं सो यू हैव टू बी प्रिपेयर्ड कि लद दो दिन बाद अपने काम पे लग गए लेकिन दो-तीन महीने तक दिन में तीन-चार बार ड्रॉप्स को डालना
पड़ेगा हम वेरी स्मॉल प्राइस टू पे वेरी वेरी स्मॉल आई थिंक लोग इसलिए भी डरते हैं लेसिक से क्योंकि एक अमन है कि वो कुछ हेलो इफेक्ट होता है मेरे साथ नहीं हुआ था आई डिन फील इट देखो लेसिक व्हेन इट स्टार्टेड इट द टेक्नोलॉजी वाज इटन इन्फेंस अभी तो आई थी ना तो उस टाइम पे तो साइड इफेक्ट ज्यादा ही होते थे रात के टाइम की विजन थोड़ी डिस्टर्ब होती थी रात को आप गाड़ी वाड़ी चला रहे हो थोड़ा लाइट फैलती थी जिसको ग्लेयर स्टार बस्ट कहते हैं या हेलो दिखते थे लाइट के अराउंड
थोड़ा छल्ला सा दिखता था बट ऑल दी साइड इफेक्ट्स आर थिंक ऑफ पास्ट नाउ लेसिक तो आजकल ज्यादा करते ही नहीं है वी हैव मूव्ड ऑन टू कंटूरा एंड सिल्क तो ये वाली प्रॉब्लम्स इन जो नई टेक्नोलॉजीज है ना इनमें ऑलमोस्ट जीरो हो गई है अ ये सच है कि अगर आपने लेसिक जो सबसे बेसिक फॉर्म ऑफ सर्ज जो आपने कहा कि 203 हजार की होती है अगर वो करी तो मैंने सुना कि 5 10 साल बाद फिर से करनी होती है इज इट ट्रू अ इट विल वेरी पर्सन टू पर्सन लेसिक में हां लेसिक
करा लो स्माइल करा लो सिल्क करा लो कंटूरा करा लो कुछ भी करा लो आईसीएल करके भी होता है एनी प्रोसीजर दैट यू गो थ्रू यू यूजुअली मैक्सिमम लोगों को कुछ नहीं होता वंस इट इज डन इट इज विद यू फॉवर परमानेंट है बट है तो ह्यूमन बॉडी ना एंड ह्यूमन बॉडी कैन चेंज इट सेल्फ इट्स अ लिविंग टिशू ब्रीद कर रही है आंख ब्लड वेसल्स है सो एट टाइम्स वेरी रेयरली वी सी कि कुछ लोगों का नंबर थोड़ा बहुत आ गया मान लो किसीने पांच छ का नंबर हटाया था 1015 साल सब कुछ बढ़िया
नि उसके बाद थोड़ा सा आधा पौना नंबर आंख में आ गया तो अगर ऐसा हो भी जाता है तो नथिंग टू पैनिक गो बैक टू योर डॉक्टर थोड़ा सा लेजर डाल के उसको टच अप करके ठीक कर दो तो उसको सॉल्विंग दैट इशू इज अ पीस ऑफ केक मुझे अगेन याद नहीं पर जब मैं उस ऑपरेशन के बारे में पढ़ रहा था मेरे खुद के ऑपरेशन के लिए कॉर्निया थिकनेस का एक फैक्टर होता है मतलब आपका कॉर्निया का थिकनेस थोड़ा सा होना चाहिए ज्यादा करेक्ट कॉर्नियल थिकनेस जो है ना दैट इज वन ऑफ द इंपोर्टेंट
फैक्टर जो हमें देखना होता है चश्मा हटाने के लिए देखो यह जो सारे लेजर ऑपरेशंस है यह कॉर्निया का कर्वेचर चेंज कर रहे हैं जैसे मैंने बताया तो ये चेंज कर कैसे रहे हैं कुछ कॉर्निया को हटा के तो मैंने बताया जैसे बर्न करके भी हटा सकते हैं और थोड़ा कट करके भी हटा सकते हैं सो यू नीड अ मिनिमम कॉर्नियल थिकनेस जिसको मैं पतला कर सकता हूं और कॉर्निया को मोल्ड कर सकता हूं सो अगर कॉर्निया बहुत पतला होगा देन वी डोंट वांट टू डू लेजर सर्जरीज कितने लोगों में बहुत पतला होता है अबाउट
10 पर ओनली 10 पर और ये जेनेटिक ट्रेट होती है जने यू बन विद इट ओके पतले कोर्निया का मतलब यह नहीं कि आंख खराब है या अब नॉर्मल है पतले कॉर्निया का मतलब ये है कि लेजर से हम चश्मा नहीं हटा सकते क्योंकि कॉर्निया को लेजर में हम और पतला करेंगे नाउ यू ऑलरेडी हैव अ थिन कॉर्निया य बोन विद इट उसको और पतला करा सो देर कुड बी अ पॉसिबिलिटी कि आप सेफ्टी लिमिट के नीचे चले जाओ और फिर कॉम्प्लिकेशन आ जाएगी तो जो इस तरह के पेशेंट्स होते हैं ना जिनका कॉर्निया पतला
होता है या जिनका नंबर बहुत हाई है जैसे ये जो लेजर्स है ये आठ नंबर तक का चश्मा हटा सकते हैं पर चश्मे का नंबर तो 30 भी हो सकता है 25 भी हो सकता है अभी आई ऑपरेटेड द पेशेंट हु हैज माइनस ट्टी चश्मे काथा तो दिखता क्या है कुछ नहीं दिखता इतना मोटा चश्मा पहनते हैं वो लाइफ बिल्कुल यूजलेस हो जाती है चश्मे से छोटा-छोटा दिखता है साइड की नजर खराब हो जाती है उनके लिए तो एक लाइफ चेंजिंग एक्सपीरियंस हो जाता है लाइफ यू टर्न हो जाता है जब किसी का 30 नंबर
का चश्मा हटाते हैं बट 30 नंबर फॉर्म कैसे होता है आ गया ह्यूमन बॉडी ह्यूमन बॉडी में कुछ भी हो सकता है ह्यूमन बॉडी किसी को समझ थोड़ी आई है आज तक एज डॉक्टर्स आल्सो वी जस्ट नो 20 पर अबाउट ह्यूमन बॉडी 80 पर तो पता ही नहीं है गॉड हैज मेड इट एंड गॉड डिड नॉट गिव अस एनी मैनुअल टू रीड ह्यूमन बॉडी को ट्रीट ऐसे करना है सो व्हाट एवर वी आर डूइंग ना दिस इ ल एविडेंस बेस्ड इतने सालों में जो हमने डॉक्टर्स ने सीखा पढ़ा ह्यूमन बॉडी के बारे में अंडरस्टैंडिंग हुई
वही नॉलेज आगे पास ऑन हो रही है उसी को डेवलप करते जा रहे हैं सो आल जस्ट कम टू दैट पॉइंट कि तो ये लेजर जो है आठ नंबर तक हटाएंगे अब किसी का 9 10 15 20 30 का नंबर है उनको कैसे हटाओ ग सो देन दे अनदर टेक्नोलॉजी जिसको आईसीएल कहते हैं सो आईसीएल इज लाइक अ कांटेक्ट लेंस तो बक लेंस हम आंखों के ऊपर लगा रहे हैं आईसीएल एक लेंस होता है जिसको परमानेंटली आंख के अंदर डाल देते हैं तो एक तरह से पावर जो आप बाहर पहन रहे थे वो आंख के
अंदर आ गई और बाहर से चश्मा पहनने की जरूरत नहीं है ये भी बहुत पॉपुलर टेक्नीक है एंड इट्स ऑल यूएसएफडी अप्रूव्ड ये ग्लास होता मटेरियल इट मेड ऑफ अ स्पेशल मटेरियल कॉल्ड कलामर इट्स अ वेरी स्मल इट्स अ फ्लेक्सिबल मटेरियल इट्स मेड ऑफ अ स्पेशल मटेरियल कॉल्ड कलामर फ्लेक्सिबल मटेरियल है छोटे से इंसीजन से आंख के अंदर चला जाता है एंड इट्स अ बायो कंपैटिबल मटेरियल दैट मीन इट कैन स्टे इन योर आइफ फॉर 100 इयर्स और कोई प्रॉब्लम नहीं होती कोई रिएक्शन नहीं होता सो जो इनका चश्मे का नंबर छोटा है वो लेजर्स
करेंगे जिनका चश्मे का नंबर हाई है या कॉर्निया की थिकनेस कम है या आंखों में ड्राइनेस ज्यादा है क्योंकि लेजर ड्राइनेस करेंगे या आंखों में कुछ केरेट कोनस की प्रॉब्लम तो ऐसी कुछ कंडीशंस होती है जहां पे फिर हम लेजर से चश्मा नहीं हटाते फिर आंख के अंदर लेंस डाल के जिसको आईसीएल कहते हैं उससे चश्मा हटाया जाता है मब मुझे मेडिकल कन्वर्सेशन इतने कूल क्यों लगते हैं क्योंकि आप लोगों से पता चलता है कि कुछ भी पॉसिबल है आज आज की दुनिया में साइंटिफिकली स्पीकिंग हां आई नो अभी फ्यू इयर्स बैकस दिस वाज ऑलमोस्ट
अ ड्रीम फ्यू इयर्स बैक मतलब हाउ लॉन्ग बैक अबाउट 20 इयर्स बैक 2003 2004 तब इतना डेवलपमेंट नहीं था मतलब आज की स्टेज में तो बहुत ज्यादा हम लोग टेक्नोलॉजी में एडवांस हो चुके हैं फिर भी हम कहते हैं अगर 100 लोग चश्मा हटवा चाहेंगे तो 100 में से 80 लोग ही हटा सकते हैं 20 को अभी पहनना पड़ेगा सो मेनी थिंग्स अबाउट ह्यूमन बॉडी और शायद 10 साल में वो 20 भी हटा मेबी वी आर होप फुल एवरीडे टेक्नोलॉजी ंस अ जो आपने कहा कि 10 पर पॉपुलेशन की कॉर्निया बहुत पतली होती है सो
दे कांट गो फॉर दिस प्रोसीजर्स नो वो जो 90 पर बचे है दे कैन गो फॉर इट तो हां 90 पर मे बी द अदर रिपोर्ट्स कम गुड देखो किसी को चश्मा हटाना है ना उसको कुछ तरह के क्राइटेरियास फुलफिल करने होंगे तो एक तो बेसिक क्राइटेरिया है कि हमारी एज 18 से ऊपर होनी चाहिए चश्मे का जो नंबर है वो पिछले छ महीने से स्टेबल होना चाहिए छोटा-मोटा वेरिएशन हो गया आधे पौने का 25 का डजन मैटर बट मोर और लेस इट शुड बी स्टेबल जो लेडीज हैं दे शुड नॉट बी प्रेग्नेंट ऑन न
ब्रेस्ट फीडिंग अच्छा कुछ ऐसी दवाइयां आप ना खा रहे हो जिससे बॉडी का इम्यून इम्युनिटी या इम्यून रिस्पांस जो अल्टर हो जाएगा जैसे स्टेरॉइड्स होते हैं इम्यूनो सुप्रेस होते हैं लपस जैसे लपस वाले नहीं कराएंगे ठीक है अच्छा साथ में आपकी आंख में और कोई मेजर प्रॉब्लम नहीं होनी चाहिए मेनली चश्मे का नंबर ही होना चाहिए सो वंस यू फुलफिल दिस क्राइटेरियास फिर आप एक हॉस्पिटल में जाते हो जहां पे ये ऑपरेशंस हो सकते हैं उस हॉस्पिटल में भी आप आपके 1215 तरह के टेस्ट होंगे दोज ऑल दोस टेस्ट शुड कम नॉर्मल एंड देन यू
आर अ फिट कैंडिडेट फॉर द सर्जरी वहां पे भी कोई भी ऊपर नीचे टेस्ट हो गया वी बेटर अवॉइड द सर्जरी बट यूजुअली ऐसे लफड़े नहीं होते भाई आजकल कम है लेकिन किसी कोई मिलेगा तो उसको मना करना इज अ बेटर ऑप्शन मतलब जबरदस्ती नहीं करना मतलब अगर आपका डॉक्टर बोल रहा है कि आप सर्जरी मत कराओ चश्मा पहन लो सो डोंट डू दिस कि इस डॉक्टर ने मना कर दिया दूसरे डॉक्टर के पास करा लिया मतलब देयर इज अ रीजन व्हाई ही इ सेइंग नो तो रिपोर्ट से पता लग जाता है हु इज अ
फिट कैंडिडेट एंड हु वुड हैव प्रॉब्लम्स लेटर ऑन इन लाइफ तो मान लो किसी ने वो एक बार ये ऑपरेशन कर लिया और फिर 10 साल बाद नंबर वापस आ गया फिर से कॉर्नियल थिकनेस टेस्ट करना होता ये जो वापस आने का मतलब है ना ये वापस का मतलब ये नहीं कि पूरा नंबर आ गया मान लो किसी ने पांच नंबर हटवाया 10 साल बाद अगर कुछ नंबर आएगा तो आधा या पौना ऐसी फ्लकचुएशन होती है ये नहीं कि 10 साल बाद पांच नंबर वापस आ गया अच्छा आधा पौना नंबर आया तो थोड़ा सा टिश्यू
हटाना कोई मेजर तो हटाना नहीं हल्का सा लेजर डाल के उसको पॉलिश कर दिया और ठीक कर दिया बट दिस इज लाइक द रेयरेस्ट ऑफ द रेयरेस्ट केसे 99.99% में नहीं होता एंड बिकॉज़ वी हैव सो मच ऑफ ट्रस्ट इन दिस टेक्नोलॉजीज सो आई वांट टू टेल यू दिस मतलब एज अ पॉपुलेशन एज द नंबर ऑफ पीपल आई डॉक्टर्स और आई डॉक्टर्स के बच्चों ने सबसे ज्यादा चश्मा हटाने के लेसक वगैरह के ऑपरेशंस कराए हैं बिकॉज़ वी डू इट एवरी डे एंड वी नो दैट इट्स अ वेरी सेफ एंड वेरी रिलायबल टेक्नोलॉजी तो आई डॉक्टर
ने तो बहुत ही लोगों ने कराया उन्होंने अपने बच्चों का भी कराया है अ कंटूरा विजन और सिल्क सिल्क या अ इनमें टेक्नोलॉजिक स्पीकिंग और बायोलॉजिकली स्पीकिंग मॉडर्न चीज है क्या मतलब हाउ इज इट बेटर देन स्माइल ओके सो बेसिकली द बेसिक प्रिंसिपल इज स्टिल द सेम भाई गाड़ी को चलना तो चार पहियों पे ही है नाउ इट कैन बी अ हंडा सिटी इट कैन बी अ फिर एक स्पॉट साइज होता है स्पॉट डिस्टेंस होता है उसको कम कर दिया है व्हिच हेल्प्स बेटर रिकवरी फिर देर अ अलग टेक्नोलॉजिकल चेंजेज एक बाय कॉन्वेक्स लेंटिक बना
रहे हैं सो इट्स द नेचुरल शेप ऑफ़ द लेंटिक जैसे हमारे कैमरा के लेंस बाय कॉन्वेक्स होता है सो इट प्रोड्यूस अ बेटर पिक्चर सो द सेम टेक्नोलॉजी दे आर ओनली रिफाइनिशिव थिंग इज़ बिकमिंग बेटर एंड बेटर एंड ज्यादा प्रेसीजन के साथ सर्जरी हो पा रही है भाई यू कंपेयर आज की भाई दोनों honda's हो पर आपके स्टोरीज आपके पर्सपेक्टिव्स अब तक लोगों ने जाने नहीं है एंड स्पेशली आफ्टर कोविड पीपल व रिलाइज दैट हाउ इंपोर्टेंट डॉक्टर्स आर एंड आई वांट टू टेल यू जो हमारे इंडिया का मेडिकल सिस्टम है ना दैट इज द मोस्ट
रोब इन द वर्ल्ड आप डेवलप नेश में जाओगे ना अमेरिका वगैरह में आंखों की प्रॉब्लम है आंखों के डॉक्टर से मिलने के लिए एक एक दो दो महीना लग जाता है और अगर चश्मा हटवा चाहते हो तो एक एक दो दो साल की वेटिंग है वहां पे मेडिकल सिस्टम होता क्या है मतलब क्या नहीं मेडिकल सिस्टम में क्या होता है कि हम जो इंडिया का मेडिकल सिस्टम है इट्स अ डायरेक्ट सिस्टम आंखों में प्रॉब्लम है तो आंखों के डॉक्टर से जाकर आप मिल सकते हो ट्रीटमेंट ले सकते हो जो अमेरिकन सिस्टम्स है या जो यूरोपियन
सिस्टम्स है इनका क्या प्रॉब्लम है कि आपको आंखों में अगर प्रॉब्लम हो रही है तो सबसे पहले आपको एक जनरल डॉक्टर से मिलना पड़ता है ये गवर्नमेंट ने डिसाइड किया दैट इज हाउ द सिस्टम इज मेड जनरल डॉक्टर को अगर लगता है कि आंखों के डॉक्टर की रिक्वायरमेंट है तो वह आंखों के डॉक्टर के पास रेफर करेगा अगर उस आंखों डॉक्टर को लगता है कि एक सुपर स्पेशलिस्ट आई डॉक्टर की रिक्वायरमेंट है तो वो आगे रेफर करेगा सो देर आर सो मेनी स्टेप्स और उस स्टेप्स में काफी टाइम पे चीजें डिले भी हो जाती है
तो वी हैव सो मेनी पेशेंट्स अमेरिका से आ रहे हैं यूके से आ रहे हैं कनाडा से आ रहे हैं ऑस्ट्रेलिया से आ रहे हैं सो अभी एक लड़की आई थी यूके से तो मैंने उससे पूछा कि भाई व्हाई डिड यू स्पेसिफिकली चूज टू फ्लाई डाउन टू दिल्ली वहां पे भी तो ये सर्जरीज होती हैं तो शी टोल्ड मी कि वहां पे एनएचएस है जो यूके का हेल्थ सिस्टम जो है वहां पे अगर आपको लेसिक से चश्मा हटवा है तो 2 साल की वेटिंग है या एंड द कॉस्ट इज क्रेजी 4000 6000 पाउंड्स इस तरह
की कॉस्ट है वहां पे 6 लाख 4 लाख 6 लाख इस तरह की कॉस्ट है वहां पे एंड इंडिया में इट इज ऑलमोस्ट न सवथ तो इंडिया में ये सेम ऑपरेशन आपके लाख रुपए में हो जाते हैं राद थाईलैंड वगैरह में भी जो कॉस्ट है इन सब सर्जरीज की ज्यादा है इंडिया में इट इज मच चीपर एंड इंडियन डॉक्टर्स बिकॉज इतना पॉपुलेशन है हम वी गेट सो मच ऑफ प्रैक्टिस दे कंसीडर्ड द बेस्ट इन द वर्ल्ड सो व्हेन समबे अमेरिका ऑल दिस कंट्रीज टू फॉर दिस प्रोसीजर्स इन इंडिया एक तो उनकी जो ये ट्रेवल होता
है एक तरह से फ्री हो जाता है बिकॉज आपका सर्जरी कॉस्ट इतना कम हो गया एंड सेम लेवल ऑफ क्वालिटी सेफ्टी एंड एंड द प्रोफेशनलिज्म यू गेट इन इंडिया आल्सो या शायद बेटर बेटर बिकॉज इंडियन डॉक्टर्स हैव दैट एक्सपीरियंस व्हिच प्रोबेबली द फॉरेन डॉक्टर्स डोंट हैव बिकॉज ऑफ द पॉपुलेशन इतनी पॉपुलेशन है इतना जो रेयरेस्ट ऑफ द रेयरेस्ट प्रॉब्लम भी है वो हम इतना देख लेते हैं जो उन्होंने कभी देखी नहीं होती सिर्फ किताबों में पढ़ी होती है ये इंडियन मिलिट्री भी कहती है कि क्योंकि हमारी टेरेन इतनी ज्यादा कॉम्प्लेक्शन को एक्सपीरियंस मिल जाता है
और किसी भी जॉब में अगर आपको बेटर प्रोफेशनल बनना है बेसिकली आपको ज्यादा एक्सपीरियंस की जरूरत होती है ना कि सिर्फ थियोरेटिकल नॉलेज जो भारत में हमारी पॉपुलेशन की वजह से हो रहा है मेडिकल इंडस्ट्री आई थिंक इसे ही मेडिकल टूरिज्म कहता है यस इसको मेडिकल टूरिज्म फिर बहुत ज्यादा इंडिया में डेवलप हो रहा है बिकॉज यू हैव ऑल द फैसिलिटी एट ऑलमोस्ट वन 6 110 ऑफ कॉस्ट तो सारे लोग जो है वो उड़ के इंडिया आ जाते हैं अपना ऑपरेशन कराने के लिए ये इंडस्ट्री ग्रो कर रही है ओ ह्यूज बिलियंस एंड इट इज
प्रिडिक्टेड टू ग्रो ऑलमोस्ट 10 टाइम्स इन द नेक्स्ट फोर टू फाइव इयर्स डॉक्टर्स की कमी है बट भारत में बहुत कमी है दैट वीर डिस्कसिंग कि पॉपुलेशन इज सो मच दैट द टोटल लद वी आर प्रोड्यूस मैक्सिमम डॉक्टर्स कैटक की सर्जरी लाइक वी आर टॉकिंग सबसे ज्यादा इंडिया में होती है फिर भी हमारी पॉपुलेशन इज सो ह्यूज दैट वी आर नॉट एबल टू टेक केयर ऑफ द बर्डन पर ये कमी क्यों है फिर भाई कॉलेजेस कम है इंफ्रास्ट्रक्चर कम है अभी गवर्नमेंट इज वर्किंग मोर न्यू कॉलेजेस आर कमिंग इन सीट्स आर इंक्रीजिंग एमबीबीएस की बढ़
रही है एमएस की बढ़ ही है स्लोली स्लोली वी विल बी एबल टू ब्रिज द गैप इतना दूर नहीं है हो जाएगा सब ठीक पता विराट कोहली ने जब पहली बार बैट उठाई थी तो आई एम श्यर कि उनके दिल में कुछ फील हुआ था कि हां शायद मैं आगे जाकर क्रिकेटर बनूंगा उसी तरह जो लोग डॉक्टर बनते हैं एक्चुअली पहली बार उनके दिल में होता क्या है व मेरी तो इंस्पिरेशन मेरे पेरेंट्स हैं बोत ऑफ देम आर डॉक्टर्स फादर इज एन आई डॉक्टर ओनली तो जब से पैदा हुआ आई लिव इन दैट एनवायरमेंट उसी
एनवायरमेंट में ग्रो करा है वही टर्मिनोलॉजी सुनी है सब कुछ सुना है तो ऑटोमेटिक आई डेवलप्ड अ पैशन फॉर इट दैट इज़ माय जर्नी टुवर्ड्स ऑप्टम जीी बट बाकी मतलब इट्स अ प्रोफेशन दैट यू लव बीइंग इन इट्स अ वाइट कॉलर प्रोफेशन इट्स अ प्रोफेशन दैट कम्स विद लॉट ऑफ रिस्पेक्ट सो पहले टाइम पे तो यही होता था ना कि किसी प्रोफेशन में जाना है तो डॉक्टर बन जाओ लॉयर बन जाओ इंजीनियर बन जाओ इनिशियली द द ट्रेंड वाज लाइक दैट नाउ वी हैव मल्टीपल स्ट्रीम्स ओपनिंग अप लेकिन एज अ 90 किड हमारे लिए तो
तीन चार प्रोफेशन आर कंसीडर्ड एज द द प्रोफेशन टू बी इन एक्चुअली डॉक्टर इंजीनियर लॉयर सीए चार प्रोफेशन है वाइट कॉलर प्रोफेशन अ ये जो एमबीबीएस टू एमडी टू सुपर स्पेशलाइजेशन की जर्नी होती है कितनी मुश्किल होती है टाइम वाइज आई एम शोर 1215 साल की जर्नी है मुश्किल नहीं है यू एंजॉय इट मतलब इफ यूव एंटर्ड विद लॉट ऑफ पैशन एंड द पैशन टू लर्न अबाउट ह्यूमन बॉडी देन यू विल एंजॉय इट इफ यू एंटर्ड फोर्सफुली पेर नेने धक्का मार दिया चल डॉक्टर बना दो इसको यार इसका करियर सेट हो जाएगा कुछ हो जाएगा
देन यू विल गेट फेड अप बिक इट्स सच अ कॉम्प्लिकेटेड सिस्टम दैट यू रियली नीड योर हार्ट एंड सोल टू अंडरस्टैंड ह्यूमन बॉडी मतलब बायोलॉजी की पैशन होनी चाहिए पैशन होना चाहिए भा कि ट्रीट करना है किसी को सीखना है ह्यूमन बॉडी ऊपर वाले ने बनाई है सच अ कॉम्प्लेक्टेड लविंग इट इफ यू आर फुली इनटू इट मलब इफ यू आर डूइंग इट फोर्सफुली जस्ट फॉर द सेक ऑफ डिग्री कि मेरे को डॉक्टर की डिग्री मिल जाए मेरा प्रोफेशनल थोड़ा अपलिफ्टमेंट हो जाए यू विल बी अ फेलर मतलब या तो पैशन के लिए करो या
मत करो या अरेंज मैरिज के लिए 90 पर वही हो रहा है आजकल है ओके बैक टू आइज डॉक्टर क्योंकि एक्चुअली ये वाली जो नॉन आई रिलेटेड कन्वर्सेशन है मैं इंफाइटिंग बना सकता हूं पर लोग यहां आंखों के बारे में जानने के लिए आए हैं स्पेशली जो टीनएजर लेट अस गिव देम सम गुड इनसाइट्स हाउ टू टेक केयर ऑफ आई टीनेजर्स और यंग प्रोफेशनल्स क्योंकि देखो ऑनेस्टली मेरी पर्सनल सजेशन ये है कि एक एम रखना चाहिए स्माइल सर्जरी का अगर आपके चश्मे है क्योंकि आई जननली फील कि लाइफ बदल जाती है और मैं अभी भी
फैशन ओरिएंटेड ग्लासेस पहनता हूं अ यू नो टू फ फॉर द सेक ऑफ क्लोथ्स बट चश्मों के बिना जो आपकी लाइफ हो जाती है इट इज मोर कन्वेनिएंट तो मेरा मानना ये है जस्ट अ पर्सनल ओपिनियन कि एक टारगेट होना चाहिए लाइफ में टू बी एबल टू अफोर्ड द सर्जरी इसलिए मेहनत करो आज अ बट लेट्स टॉक अबाउट पीपल हु एक्चुअली कांट अफोर्ड इट एंड पीपल हुू आर यंग मे बी अ गुड प्लेस टू स्टार्ट इज जस्ट बेसिक्स की बचपन में क्या करना चाहिए क्योंकि बहुत सारे पेरेंट्स भी यह पॉडकास्ट सुन रहे हैं तो स्क्रीन
टाइम को लेकर कुछ रूल्स होने चाहिए बच्चों के लिए और जो यंग एडल्ट्स उनके लिए भी कुछ स्क्रीन टाइम गाइडलाइंस दे दीजिए सी सबसे पहले ना प्रॉब्लम यह हो जाती है कि बच्चों का आंखों का चेकअप नहीं होता सो वी टेल ऑल आवर पेशेंट्स की साल में एक बार चेक करा लिया करो बट कोई नहीं आता यूजुअली पेशेंट तभी आएगा जब उसकी आंख में प्रॉब्लम होगी पर साल में एक बार चेक क्यों करना है एक रूटीन चेकअप हो जाता है देर आर सो मेनी प्रॉब्लम जिनको अर्ली स्टेज प हम डिटेक्ट कर सकते हैं टाइमली ट्रीटमेंट
कर सकते हैं ज्यादा लंबी चल गई हो प्रॉब्लम तो परमानेंट विजन लॉस हो सकता है सो वी रिकमेंड कि साल में एक बार करा लो राइट बट वी ऑल अंडरस्टैंड कोई आएगा नहीं मतलब टेक आर एग्जांपल जब तक हमारी बॉडी में कोई प्रॉब्लम नहीं होती यूजुअली वीी आर नॉट गोइंग टू डॉक्टर्स घर पे ही रहते हैं ना अपना करते रहते हैं सो वी से कि कि चलो ठीक है हर साल नहीं आ पा रहे देर आर सम इंपोर्टेंट माइल स्टोस इतने में तो एटलीस्ट चेक करा लो सो सबसे पहला माइलस्टोन होता है जब बच्चा नया-नया
पैदा हुआ होता है देर आर सो मेनी प्रॉब्लम्स आंखों की पर्दे की प्रॉब्लम है रेटिनोब्लास्टोमा स्क्विंट वगैरह अगर किसी की आंख में कैटरेक्ट है तो इनिशियल स्टेजेस में उनको ठीक करना बहुत जरूरी है अगर आपने ठीक नहीं करा तो पूरी लाइफ के लिए विजन जो है वो खराब हो जाएगी बच्चे के बॉडी में भी कैटरेक्ट हो सकता है हो सकता है यंग से यंग नवजात शिशु अभी पैदा हुआ और आंख में कैटरेक्ट है इनफैक्ट द यंगेस्ट पेशेंट दैट आई ऑपरेटेड फॉर कैटरेक्ट वाज टू मंथ्स ओल्ड टू मंथ्स पीपल हैव डन इट इवन बिफोर आल्सो 20
28 डेज 30 डेज में भी लोगों ने ऑपरेट करा हुआ है एंड द अर्ली यू ऑपरेट वी द बेटर इट इज बिकॉज यू सी क्या होता है जब नया-नया बच्चा पैदा हुआ है ना तो उसकी आंखों की डेवलपमेंट हो रही है अब आप सोचो उसकी आंख के अंदर का लेंस वाइट है तो आंख में लाइट जा रही है लेकिन पर्दे तक तो पहुंच नहीं पा रही तो जब आंख ने देख देखा ही नहीं कभी आंख में लाइट गई नहीं प्रॉपर्ली तो आंख पूरी लाइफ के लिए कमजोर रह जाएगी प्रॉब्लम को हम लोग लेजी आई या
अमला एपिया कहते हैं सो लाइक वी र डिस्कसिंग कुछ माइलस्टोंस है पहला माइलस्टोन है बच्चा पैदा हुआ एक बार तो चेक करा लो फिर जब तक बच्चे की एज 18 साल हो जाती है तब तक साल में एक बार चेक कराना थोड़ा सा इंपॉर्टेंट है क्योंकि उस टाइम पे आई डिवेलप हो रही है चश्मे का नंबर अगर चढ़ रहा होगा तो चढ़ना शुरू हो जाएगा सो यू नीड करेक्ट प्रिस्क्रिप्शन ग्लासेस गलत चश्मा पिना होगे तो पूरे दिन स दर्द आंखों में दर्द रहेगा चश्मे का नंबर जल्दी-जल्दी बढ़ेगा देन आफ्टर द दैट वी से कि अ
40 इयर्स के बाद चेक अप्स आर वेरी इंपोर्टेंट 40 इयर्स के बाद आंखों में कुछ सर्टेन प्रॉब्लम्स हो सकती है ग्लूकोमा की प्रॉब्लम हो सकती है अगर डायबिटीज है तो आंख के पर्दे में खराबी आ सकती है कैट ट्रैक की प्रॉब्लम हो सकती है ग्लूकोमा क्या होता है ग्लूकोमा एक कंडीशन होती है जिसमें आंखों के अंदर का जो प्रेशर होता है वो बढ़ जाता है एंड ग्लूकोमा इज कॉल्ड साइलेंट थीफ ऑफ साइट तो क्या होता है ये प्रेशर बढ़ जाता है लेकिन यूजुअली पेशेंट को पता नहीं चलता कि प्रेशर बढ़ा है क्योंकि इसका कोई सिम्मम
नहीं बनता हल्के बहुत सिम्टम्स बनते हैं कि थोड़ा सा हेडेक हो रहा है थोड़ा सा आईएक हो रहा है तो उनको लगता है या शायद मैं थक गया हूं मोबाइल कंप्यूटर पे ज्यादा काम कर गया आई एक आई में हल्का सा पेन हो रहा सिर में हल्का सा पेन हो रहा बट यूजुअली इट इज अ सिमम लेस डिजीज और ये ग्लूकोमा क्या करता है जब प्रेशर बढ़ता है ना तो हमारी आंख के पीछे जो नस होती है जिसको ऑप्टिक नर्व कहते हैं ये बढा हुआ प्रेशर उसको डैमेज करना शुरू कर देता है एंड धीरे-धीरे विजन
आपकी डाउन होती जाती है बट ये इतना स्लो प्रोसेस है कि आपको पता ही नहीं चलता कि आपकी विजन डाउन हो रही है और जब एक सर्टेन स्टेज के बाद आ जाती है तो आपको लगने लगता है मुझे धुंधला दिख रहा है नाउ यू गो सी अ डॉक्टर कि मेरे को धुंधला दिख रहा है चेक करा पता लगा रे आपकी आंख में तो ग्लूकोमा या कॉलम होती है और जो नजर आपकी कम हो गई उसको नहीं वापस ला सकते जो बच गई है उसको बचा सकते हैं दैट इज वई किसी के फैमिली में अगर हिस्ट्री
हो ग्लूकोमा या काले मोतिया की तो उसके लिए बहुत इंपॉर्टेंट है कि चार्स के बाद अपनी आंखों का चेकअप कराए जेनेटिक डिजीज हैय इट इज वी फाइंड ट मोस्ट प्रोबेबली ये जेनेटिक्स से लिंक्ड है तो अगर पेरेंट्स की आंख में ग्लूकोमा है तो अ वेरी हाई चांस कि बच्चों की आंख में आ जाएगा अगर ओवरऑल आपकी लाइफस्टाइल हेल्दी है मतलब डायट साफ है एक्सरसाइज हो रही है आप स्लीप पर फोकस कर रहे हो एटस एटस कैन यू सेफगार्ड योरसेल्फ फ्रॉम आई प्रॉब्लम्स टू अ लार्ज डिग्री या आई प्रॉब्लम सेफगार्ड फ्रॉम सम प्रॉब्लम्स नॉट ऑल प्रॉब्लम्स
देखो आंखों की ना हजार तरह की बीमारिया है उसमें कुछ बीमारियां लाइफ स्टाइल रिलेटेड है राइट जैसे हम यह बात कर रहे थे कि मोबाइल कंप्यूटर से चश्मे का नंबर चढ रहा है ब्लू लाइट फिल्टर के क्या-क्या हार्म्स है या कुछ लोग आंखों में काजल लगा लेते हैं कुछ लोग ऐसे मिलते हैं जो आंखों को कंटिन्यू धोते रहते हैं कुछ लोग ऐसे मिलते हैं कि आंख की नजर कम हो रही है गाजर हरी सब्जियां खाना शुरू कर देते हैं तो ये कुछ प्रॉब्लम ना लाइफ स्टाइल ओरिएंटेड हो जाती है जैसे डायबिटीज लाइफस्टाइल की प्रॉब्लम है
उसका असर आपकी आंखों में भी आएगा किडनी में भी आएगा हर जगह आएगा ऐसे ही हाइपरटेंशन लाइफ स्टाइल ओरिएंटेड प्रॉब्लम है आंखों में उसका असर आएगा मोबाइल कंप्यूटर में लंबे समय तक काम कर रहे हो लाइफ स्टाइल ओरिएंटेड प्रॉब्लम है उससे आंखों में चेंजेज आएंगे ड्राइनेस हो जाएगा चश्मे का नंबर हो जाएगा तो कुछ प्रॉब्लम्स कैन बी अवॉयडेड बाय मोडिफाइंग योर लाइफस्टाइल बट नॉट ऑल ऑफ देम मतलब ये जो मोबाइल कंप्यूटर का स्क्रीन टाइम रिलेटेड प्रॉब्लम है वही रूल है वो 20 2020 हांट्स स्पेशली जो बच्चे हैं उनका तो मोबाइल कंप्यूटर का टाइम आपको थोड़ा
रिस्ट्रिक्टर चाहिए सो इफ आई हैव टू टेल यू आइडली इट इज टू टू थ्र आवर्स इन अ डे एंड दो-तीन घंटे का या दो घंटे का सन का एक्सपोजर अगर हो जाए तो यू कैन मे बी प्रिवेंट चश्मे का नंबर आने के लिए अच्छा आज की डेट में ना अगर चश्मे का नंबर आ गया है तो उसको बढ़ने से भी हम रोक सकते हैं सो अगर किसी का नंबर मान लो पांच पहुंचना था तो उसको हम दो या तीन पर रोक सकते हैं हाउ बाय सर्टेन लाइफस्टाइल मॉडिफिकेशन मोबाइल कंप्यूटर कम करो सनलाइट में जाओ देर
इज अ स्पेशल काइंड ऑफ अ ड्रॉप जिसका नाम है ट्रोपिन माइल्ड डाइल्यूशन में 01 में यूज करते हैं हम रात को सोने से पहले डालते हैं बट स्ट्रिक्टली मतलब डॉक्टर से पूछ के डालना ऐसा नहीं कि पॉडकास्ट सुन के डाल देना एंड देन देर आर स्पेशल काइंड ऑफ ग्लासेस जिससे हमारा जो रेटिना होता है पेरिफेरल स्टिमुलेशन वगैरह में कुछ चेंजेज करते हैं और उससे चश्मे का नंबर बढ़ने से रुक जाता है उसको मायो स्मार्ट करके आता है सो वी हैव द टेक्नोलॉजी कि अब हम जेनेटिक काउंसलिंग भी कर सकते हैं कि बच्चों के आंख में
चश्मे का नंबर आएगा कि नहीं आएगा अगर आ गया है तो उसको बढ़ने से भी रोक सकते हैं और अगर लग गया है तो उसको परमानेंटली हटा भी सकते हैं परमानेंटली हटा सकते हैं प्रोसीजर्स के तो लेजर्स एंड आईसीएल नेचुरल टेक्निक्स होते हैं अगर आपका फ या 75 जितना नंबर ये ना बड़ा इंपोर्टेंट है इसको क्लियर करना फॉर द ऑडिएंसेस देखिए क्या होता है कि चश्मे का नंबर लाइक वी र डिस्कसिंग क्यों आया आंख का साइज बड़ा हो गया अब कोई भी ऐसी चीज है कि अगर मान लीजिए आपकी हाइट 6 फुट हो गई कैन
यू गिव मी एनी मेडिसिन या एनी इंजेक्शन या कोई एक्सरसाइज योगा से मैं छह को पांच नहीं कर सकता ना छह को पांच करने के लिए पैरों को काटना पड़ेगा सिमिलरली क्या चल रहा है ये बट कुछ मिस लीडिंग चीजें इंटरनेट पर हमें मिल जाती है सम पीपल से कि भाई आप ये एक्सरसाइज कर लो इधर देखो उधर देखो तो चश्मे का नंबर हट जाएगा कुछ लोग कहते हैं यार सुबह उठ के आंखों में हनी डाल दो हनी डाल दो रोज वाटर डाल लो घी डाल लो शहद डाल लो इससे चश्मे का नंबर हट जाएगा
कुछ मार्केट में ड्रॉप्स भी आ रही है जिसमें बड़ा बड़ा लिख देते हैं वो कि एक ड्रॉप बनाई और उसमें लिख उसमें एक ड्रॉप में आई एम नॉट टेकिंग नेम्स एक ड्रॉप में इन्होंने बनाया जिसमें इन्होंने शहद डाल दिया रोज वाटर डाल दिया जिंजर का रस डाल दिया नींबू डाल दिया अदरक का रस डाल दिया एंड उसके ऊपर वह लिख देते हैं इसमें 95 पर प्रॉब्लम्स आपकी ठीक हो जाएगी चश्मे का नंबर ठीक हो जाएगा मोतिया बिन ठीक हो जाएगा काला मोतिया ठीक हो जाएगा ऐसी प्रॉब्लम्स जिनका मेडिसिन में कोई इलाज ही नहीं है रेटिनोपैथी
की प्रॉब्लम्स ऑप्टिक न्यूराइज वगैरह कहते सब ठीक हो जाएगी ये 2024 में हो रहा है इतना एडवर्टाइजमेंट होता है उन ड्रॉप्स वगैरह का कि पीपल ब्लाइंड फॉलो इट तो लोगों ने अपनी रूटीन ही बना ली है कि रात को सोने से पहले एक एक ड्रॉप डाल के सो रहे हैं एंड लॉन्ग में इन ड्रॉप्स का नुकसान होना शुरू हो जाता है कुछ ऐसा स्टडीज में मिला है कि सम प्रोडक्ट्स कुड आल्सो हैव स्टेरॉइड्स इन देम एंड इफ यू कीप यूजिंग दोस स्टेरॉइड्स इन योर आई फॉर लॉन्ग टर्म तो आंखों में कैटरग या ग्लूकोमा का प्रॉब्लम
आ जाता है सो ये थोड़ा सा मिस लीडिंग हो रहा है मतलब वी आर नॉट सेइंग कि आयुर्वेदिक एंड होम्योपैथी इज रंग भाई इट्स आल्सो साइंस इट जज बीन देयर इन अ कंट्री फॉर क्वाइट सम टाइम थाउजेंड्स ऑफ इयर्स एंड आई एग्री कि कि कुछ ऐसी प्रॉब्लम्स है क्रॉनिक प्रॉब्लम्स है जिनका ट्रीटमेंट आयुर्वेदा एंड होम्योपैथी में ही है एलोपैथिक या मॉडर्न मेडिसिन में नहीं है बट ये जो मिस लीडिंग दवाइयां आ गई है ना जो बोलते हैं कि भाई मतलब ये जो इस तरह की प्रॉब्लम है जो ठीक हो ही नहीं सकती उसको भी आप
ठीक कर दोगे विद दिस ड्रॉप्स ये थोड़ा सा प्रॉब्लम हो रही है मतलब कुछ लोग डालते रहते हैं फिर प्रॉब्लम ठीक नहीं होती देन दे कम टू अ डॉक्टर एंड देन दे से कि डॉक्टर हम तो वो ड्रॉप डाल रहे थे तब से उसमें लिखा था ठीक हो जाएगा लेकिन ठीक हुआ नहीं बीमारी अब बढ़ गई है तो अब य कम फॉर द सॉल्यूशन पर इन प्रॉब्लम्स का रूट कॉज है लैक ऑफ एजुकेशन लैक ऑफ एजुकेशन एंड ओवर एंड मिस लीडिंग मार्केटिंग एंड एडवर्टाइजमेंट पर मतलब यह एज मेडिसिन ए सप्लीमेंट्स बेचे जा रहे हैं तो
आई वुड अजूम कि गवर्नमेंट का एक छापा रहेगा फॉर सेफ नहीं ए सप्लीमेंट्स आप बेच तो रहे हो बट उसमें आप यह सब लिख देते हो ना भाई सपोज किसी की आंख में मोतियाबिंद की प्रॉब्लम है कैटक की प्रॉब्लम है अब आप उस दवाई में लिख देते हो कि मोतियाबिंद का इलाज बिना ऑपरेशन के हो जाएगा आप यह दवाई डाल लो मोत्या बिंद का साइंटिफिक एविडेंस आज तक कोई नहीं है कि बिना ऑपरेशन के वो ठीक हो सकता है पर आपने उस ड्रॉप में लिख दिया अब किसी के आंख में प्रॉब्लम हो रही है उसने
कहीं एडवर्टाइजमेंट देखी कि मोतिया बिन का इलाज बिना ऑपरेशन के हो जाएगा आप ये ड्रॉप डाल लो वो ड्रॉप डालनी शुरू कर दी फिर अर्ली स्टेज में तो ऑपरेशन हो नहीं पाया कंटीन्यूअस ड्रॉप डाले जा रहा है फिर लेट स्टेज आ गई जितना स्टेज लेट हो जाएगी उतना डिफिकल्ट हो जाएगा उसको ऑपरेशन करना उतना डिफिकल्ट हो जाता है बेटर आउटकम्स देना तो ये एक साइकल बन जाता है सो बेसिकली पीपल नीड टू गेट अ वेयर कि भाई वी अंडरस्टैंड दैट इट्स होम्योपैथी एंड आयुर्वेदा इज अ साइंस दे हैव सॉल्यूशंस टू सम प्रॉब्लम्स बट देयर आर
सम प्रॉब्लम जिनका सलूशन नहीं है एंड इट इज बेटर टू एक्सेप्ट एंड गो टुवर्ड्स द मॉडर्न मेडिसिन जहां पे इसका सलूशन हो सकता है एज अ डॉक्टर सबसे क्रेजी लफड़ा आपने क्या देखा है आई फ्लू का एपिडेमिक आया था सबकी आंखें लाल हो रही थी आंखों में इंफेक्शन हो रही थी ओके तो एक चूना डाल डाल के अपनी आंखों को जला के आ रहे थे एंड देन आ सेड कि भाई क्यों आपने ऐसा करा देन दे सेड कि हमने वो एक वीडियो देखा था सी दिस इ दिस इज एगजैक्टली द प्रॉब्लम ऑफ सोशल मीडिया यू
आर नॉट एबल टू डिफरेंशिएबल कंटेंट बायोलॉजिकली स्पीकिंग जब आप आंख में चूना डालते हो जल जाएगी ना आंख सेंसिटिव स्ट्रक्चर है ना आंख की काली पुतली आगे कॉर्निया को क्या होता है जल जाएगा कॉर्निया अबरेज हो जाएंगी एपिथीलियम हो जाएगा पेन होगी वाटरिंग होगी लाली होगी उसमें इंफेक्शन हो जाएगा तो अल्सर बन जाएंगे आय हाय हाय आंखों पे अल्सर कांटेक्ट लेंस से आंखों में अल्सर बन जाते हैं दैट इज व्हाई आई टेल ऑल माय पेशेंट्स की कंटक्ट लेंस को अवॉइड करो तो बेसिकली आप कह रहे हो कि बायोलॉजिकली स्पीकिंग रिवर्सल पॉसिबल नहीं मतलब यू हैव
टू अंडरस्टैंड कि कोई आयुर्वेदिक ड्रॉप कोई होमोपैथिक ड्रॉप कोई योगा कोई एक्सरसाइज कोई गोली कोई जड़ीबूटी आंखों से चश्मे का नंबर नहीं हटा सकती अगर आंख का चश्मे का नंबर हटाना है तो लेजर वाला ऑपरेशन कराना पड़ेगा या आंख के अंदर आईसीएल डालना पड़ेगा यही तरीका नंबर हटाने का सम मे क्लेम कि हमने हटा दिया है इन ड्रॉप से हटा दिया बट आई एम यट टू सी अ पेशेंट जिसने इन सब ड्रॉप से चश्मे का नंबर हटवा लिया हो और बायोलॉजिकली स्पीकिंग कोई साइंट पॉसिबल बायोलॉजिकली स्पीकिंग द आई है एलोंगटेड हाउ कैन ड्रॉप शर्टन द
आई हम भी जब चश्मा हटा रहे हैं तो आई को छोटा थोड़ी कर रहे हैं आगे का जो स्ट्रक्चर है उसको इस तरह से मोल्ड कर रहे हैं कि फोकसिंग ठीक हो जाए तो ये जो मित है ये आया कहां से ये मित आया एडवर्टाइजमेंट से कि नंबर कम कर दो दवाई बेचनी है आपने एक दवाई बना दी और उस दवाई के ऊपर आपने 95 पर आंखों की प्रॉब्लम लिख दी ये दवाई डालो आप इस दवाई में प्याज का रस है अदरक का रस है नींबू का रस है रोज वाटर है हनी है इस दवाई
से आपकी यह प्रॉब्लम ठीक हो जाएगी ये प्रॉब्लम ठीक हो जाएगी ये ये प्रॉब्लम करके सामने लिख दिया अब लोग देखते हैं ऐड देखते हैं अरे इससे ये प्रॉब्लम ठीक होती है मार्केट में जाते हैं डालते रहते हैं जब प्रॉब्लम ठीक नहीं होती बढ़ जाती है तो डॉक्टर के पास आते हैं रेटिना का जो टिश्यू है जो आपके आंखों की फिल्म है जहां इमेजेस फॉर्म होते हैं अ दैट इज द ओनली पार्ट ऑफ द बॉडी व्हिच शेयर्स टिशू विद द ब्रेन यानी कि जो टिशू न्यूरल टिशू जो है हां वो सिर्फ आपकी ब्रेन में और
आपकी आंखों में नहीं ऐसा नहीं है मतलब जो द नर्व है हमारी उसमें शीट्स आ रही है न्यूट्रल टिश्यू की तो ऐसा नहीं है बट आई में हम यह कर सकते हैं कि आई इज द ओनली स्ट्रक्चर जिसमें हम यह जो ब्लड वेसल्स है ना बॉडी की इसको देख सकते हैं जैसे हमारी पूरी बॉडी में ब्लड वेसल्स है बट इफ आई हैव टू लुक एट द ब्लड वेसल्स देन आई कैन लुक एट द रेटिना ऑफ द आई तो वहां पे ब्लड वेसल्स दिख जाते हैं एंड ब्लड वेसल्स को जब आप देखते हैं तो उससे आप
कई सारी जो बीमारियां है उसको अर्ली स्टेज प डायग्नोज कर सकते हैं जैसे डायबिटीज की प्रॉब्लम है एंड आजकल तो इसमें इतना काम हो रहा है विद दिस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कमिंग इन दैट देर विल बी अ टाइम इन फ्यू इयर्स कि मॉल में ऐसी मशीनें लग जाएंगी कि आप जाओ आपकी आंख की फोटो खींचें और आपको बता देंगे ये ये प्रॉब्लम्स हो सकती है आपको इस इस प्रॉब्लम के आप रिस्क पे हो मतलब एक आपका जो मायोपिया का नंबर है वो भी डायग्नोज किया जा सकता है मायोपिया का नंबर डायग्नोज करना तो दो मिनट का
काम है एक क्लिक ऑफ अ बटन में पता लग जाता है बट नाउ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इज वर्किंग इन सच अ वे की हम आपकी रेटिना की फोटो खींच के वी कैन ऑलमोस्ट प्रिडिक्ट कि ये ये प्रॉब्लम्स का रिस्क आपको आगे जाके हो जाएगा रेटिना की फोटो लेके बिकॉज रेटिना में ब्लड वेसल्स को हम देख पाएंगे ना पूरी बॉडी में सिर्फ रेटिना में देख सकते हैं तो जो ब्लड वेसल्स की इमेजिंग करते हैं हम उससे हमें बहुत सारे क्लूज मिल जाते हैं कि बॉडी में प्रॉब्लम क्या हो रही है जब आप आय को डाक्टर दिखती कैसी
है ट पतला सा टिश्यू है बहुत ही पतला सा ट्रांसपेरेंट टिशू कलर क्या ट्रांसपेरेंट ओके उसके पीछे जो और स्ट्रक्चर्स है उनका कलर आ जाता है बट रेटिना इट सेल्फ इज ट्रांसपेरेंट एंड इट्स मेड ऑफ नर्वस टिशू नर्वस टिश्यू मतलब बेसिक नर्व्स है वहां जो आपके ब्रेन से लिंक्ड है या ओके क्या आपने कभी स्कल का फ्रैक्चर देखा जिसकी वजह से हां बहुत सारे जो रोड ट्रैफिक एक्सीडेंट्स के पेशेंट्स होते हैं तो उनकी जब ज्यादा चोट लग जाती है तो ये सब ऑर्बिट ऑर्बिट फ्रैक्चर हो गया आइज फट गई फिर उनको वल हैव टू ठीक
करना पड़ता है उसको ऑपरेशन से और अंदर घुस के कैसे ठीक करता है आईबॉल को रटना के ऑपरेशन भी तो रोज ही करते हैं मतलब अ किसी का ये स्कल क्रैक हो चुका है और उस क्रैक्ड बोन की वजह से आईबॉल थोड़ा डैमेज हो सकता है ये यूएफसी फाइटर्स के साथ होता है यूएफसी फाइट ऑर्बिटल इंजरी वो भी होता है प्लस रोड ट्रैफिक एक्सीडेंट्स में बहुत मिलता है हमें तो सर्जिकली स्पीकिंग कट कहां मारते हो आप नहीं देखो दे देर इज अ वे टू डू सर्जरी मतलब जो हम रेटिना की सर्जरीज कर रहे हैं वो
बिल्कुल माइक्रो पोर्ट्स बना के कर रहे हैं सो तीन पोर्ट्स बनाते हैं छोटे-छोटे और से इंस्ट्रूमेंट जाते हैं रेटिना की सर्जरी हो जाती है सिमिलरली कैटक की जो सर्जरी हो रही है माइक्रो पोर्ट से हो रही है सो 90 पर सर्जरी तो उन पोर्ट्स से हो सकती है कुछ ऐसी सिचुएशन आ जाए कि पोर्ट्स नहीं बना पा रहे हैं कुछ आंख इस तरह से डैमेज हो गई देन मे बी वी कैन पुट कट्स तो यूजुअली हम ये जो कॉर्निया का लिबल एरिया होता है यहां पे कट्स मार के वी एंटर द आय कॉर्निया का लिबल
एरिया मतलब मतलब जो कॉर्निया और वाइट पोशन के बीच का एरिया है ना दैट्ची होता है जब आप आय के अंदर हो फंक्शन एज अ सर्जन आप बस अपना काम कर रहे हो इ वेरी डेलिकेट टिश्यू सो यू हैव टू कीप योर हैंड्स लाइट एंड डेलिकेटली जाना पड़ता है आंख के अंदर अब मेरा सवाल समझ गए लाइक आई वाज वा एबल टू आर्टिकुलेट इट बट आप समझ गए कि मैं क्या बोल डर लगता इनिशियली तो डर लगेगा ही व्हेन यू आर स्टार्टिंग बट देन व्हेन इट बिकम द रूटीन अफेयर देन यू गट यूज्ड टू इट
एक गुड सर्जन बनने के लिए आपके हाथों को शांत होना रहता है स्पेशली इन ऑपथाल्मिक बिकॉज इट्स अ माइक्रो सर्जरी ना सो यू आर आपको 1 मिलीमीटर की जगह से काम करना पड़ता है सो यू नीड लॉट ऑफ स्टेबिलिटी इन योर हैंड्स बट दैट इज गॉड गिफ्टेड आई मीन यू कांट डू समथिंग अबाउट इट मतलब इफ यू हैव स्टेबल हैंड देन यू कुड बी अ बेटर सर्च हर किसी की आंख अंदर से सेम ही दिखती है सेम है सबकी आंख व्हाट इज द डिफरेंस सबकी आंख सेम है पर थोड़ा साइज का डिफरेंस हो सकता है
कलर का डिफरेंस हो सकता है बट द स्ट्रक्चर्स आर स्टिल द सेम अ कल जो आपका आयरस का कलर है एक्चुअली इट्स पर्पसलेस राइट मतलब कुछ है नहीं मतलब अगर इसका कलर का इंपोर्टेंस है तो जिसके जिनके आंखे ब्लू होती है वर्सेस हा वैसे कोई फर्क नहीं पड़ता ब्लू हो ग्रीन हो ब्राउन हो वैसे कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन एक प्रॉब्लम होती है जहां पे कलर नहीं होता एल्ब निज्म करके एक प्रॉब्लम होती है तो उसमें क्या होता है फिर पेशेंट को ना लाइट बहुत सेंसिटिव लगती है बिकॉज दिस इज आल्सो ब्लॉकिंग इट इज कंट्रोलिंग
द लाइट दैट इज एंटरिंग योर आई ये जो आयरस है ना हमारा ये इसकी ये कैमरे के अर्चर की तरह है ये अपना साइज छोटा बड़ा छोटा बड़ा कर सकता है तो यू वुड रिलाइज कि हमारे आंखों का जो प्यूप होता है जो छोटा सा छेद होता है जिससे आंख अंदर जाती है व्हेन यू आर इन ब्राइट लाइट तो प्यूप छोटा होता है व्हेन यू आर इन डार्क लाइट तो प्यूप बड़ा हो जाता है सो दिस इज कंट्रोलिंग द अमाउंट ऑफ लाइट दैट इज एंटरिंग योर आई सो सो दैट इज द रोल ऑफ आयस क्योंकि
अगर क्योंकि अगर कंट्रोल नहीं हुआ तो आपकी रेटिना जल सकती है जल सकती है प्लस देन आपको ब्राइट लगेगा ना भाई यू आर इन द ब्राइट सनलाइट अगर प्यूप आपका डाइलेटेड है तो ज्यादा लाइट आंख में जाएगी तो आपको चौन लगेगी जैसे आप नींद से उठते हो सुबह-सुबह तो अभी तो रात थी आंखें बंद थी प्यूप डाइलेटेड था अब आप सुबह उठे सडन लाइट आ रही है तो यू टेंड टू डू दिस टिल द टाइम योर बॉडी अडेप्ट्स एंड प्यूप छोटा करती है बस सेम सिमट हम लॉजिक यही है कि आप सन को घूर कर
क्यों नहीं देख सकते नहीं सन को तो देखना ही नहीं है घूर के लोग ऐसे करते हैं सन को घूर के देखने से सोलर रेटिनोपैथी करके एक प्रॉब्लम हो जाती है सन को देख लो आप सूरज ग्रहण को देख लो तो जो रेज निकल रही है ना यूवी रेज वगैरह ये आपके पर्दे को जला देती है और परमानेंट डैमेज हो जाता है तो सन को तो डायरेक्ट कभी देखना ही नहीं है पर जो सेटिंग सन या राइजिंग सन है वो भी नहीं ई डोंट लुक एट द सन डायरेक्टली इफ यू लुक एट द सन डायरेक्टली
देयर विल बी अ डैमेज टू योर आइस इवन इफ इट इज सेटिंग सन राइजिंग सन और अ फुल ब्लोन सन मतलब द इवन इफ यूर लुकिंग एट द सेट सन सन रेज तो आ ही रही है ना लद द रेज आर लेस बट दे स्टिल देर सो डोंट लुक एट द सन डायरेक्टली मत देखो वो इतना सुंदर दिखता है एक बारी देख लिया मतलब एक बारी भी नहीं देखना एक्चुअली ब यूवी रेज एंटर हो सकता है व से या या सो राद लुक एट द स्काई एंड क्लाउड मतलब ओके लुक एट द स्काई म इवन
इफ इट इ क्लाउडीबीईटी इवन लुक एट द सेटिंग सन डायरेक्टली इट्स नॉट अ गुड हैबिट डम आ द आइडियल केस सिनेरियो डोंट लुक एट द स्काई टू मच फॉर टू लॉन्ग नो नो नो स्पेशली डायरेक्टली लुकिंग एट द सन शु म मतलब इवन एट 4 पीएम 5 पीएम 6 पीएम जो कहते हैं देखो तो बहुत नीचे है सन बहुत डेल लाइट है थोड़ा बहुत आपने देख लिया तो इतना डैमेज नहीं होगा ब्राइट सन को देखोगे तो ऑफकोर्स डैमेज ज्यादा होगा बट डोंट टेक दैट चांस ना मतलब व्हाई अननेसेसरीली सन से रिलेटेड डैमेज केसेस आप देखते
ह बहुत सारे कितने सारे पेशेंट्स आते हैं सोलर रेटिनोपैथी हो जाती है सन को डायरेक्ट देख लिया सूरज ग्रहण को डायरेक्ट देख लिया पर्दा जल गया विजन कम हो गई आंखों के सामने एक डार्क स्पॉट आ गया देन दे कम टू द ओपीडी की ऐसा ऐसा हो गया बट यू रियली कांट रिवर्स इट यू कांट रिवर्स इट बिकॉज योर रेटिना डम डमेज अ किस एज में होता है ये किसी भी एज में सन में देख लो इट्स नॉट ला किसी भी हो सकता है पर एज के साथ आपकी रेटिना ज्यादा वीक नहीं होती अनलाइक मतलब
इतना वो नहीं है कि मतलब एज एज किसकी एज ज्यादा है उसको ज्यादा डैमेज है इसकी कम है उसको कम डैमेज है मल यूजुअली बोथ ऑफ देम विल हैव डैमेज इफ यू लुक एट द सन पर जब आप सन को देख रहे होते हो आपकी आंखों में दर्द फील होता है एंड उस दर्द की वजह से यूजुअली य टर्न अवे हां देखो सनलाइट वैसे ही बहुत ब्राइट है राइट सो योर बॉडी विल हैव दिस काइंड ऑफ एक्शन दैट योर बॉडी विल स्टार्ट स्क्विटिंग आईज कम हो जाएंगी मतलब दे इट विल ट्राई व्हाट एवर इट कैन
डू टू अवॉइड दैट ब्राइट लाइट कमिंग टू योर आइज बॉडी भी तो अपना करेगी ना रिएक्ट उसपे मतलब उस रिएक्शन के पीछे भी बॉडी की इंटेलिजेंस होती होती है यार मत देख न गुड इट्स नॉट गुड ज्यादा लोगों को शौक होता है सोलर एक्लिप्स देखने का सोलर एक्लिप्स वगैरह देखने का बहुत शौक होता है लोगों को तो वो देखते रहते हैं एक्लिप्स हो रहा है उतने उनका रेट ना जल जाता है सो इवन इफ यू हैव टू लुक एट द सन और मे बी यू वांट टू लुक एट अ सोलर एक्लिप्स लुक इट थ्रू अ
फिल्टर देर आर प्रॉपर फिल्टर गॉगल्स होते हैं फिल्टर वाले यूवी प्रोटेक्शन वाले होते हैं दे स्पेशल फिल्म्स दैट यू कैन टेक इफ यू वांट टू हैव अ लुक एट दैट बट इट इज बेटर अवॉइड व्हाट डू यू फील अबाउट डार्क ग्लासेस जनरली स्पीकिंग डार्क ग्लासेस देखो क्या हो रहा है कि अगर तो यू आर वेयरिंग इट ओनली फॉर स्टाइल तो देखो डार्क ग्लासेस भी ना अलग-अलग टाइप्स के आते हैं एक तो है जिसमें बस एक शीशा है जिसको डार्क करा हुआ है सो व्हेन यू वेयर दैट करीब 90 पर लाइट आपकी ब्लॉक हो जाती है
एंड यू फील कंफर्टेबल इन ब्राइट लाइट फिर एक कैटेगरी आती है डार्क ग्लासेस की जिसमें यूवी प्रोटेक्शन लगी होती है यूवी फिल्टर दैट इज बेनिफिशियल बिकॉज सन से यूवी लाइट निकल रही है एंड यूड वांट कि वो यूवी लाइट आंख में ना जाए लॉजिक यही है जिसकी बात हमने अभी करी ओके राइट एंड प्लस डार्क जब आप ब्राइट लाइट में निकलते हो तो आंखों के अराउंड पिगमेंटेशन हो सकती है डार्क सर्कल्स वगैरह बन सकते हैं सो दैट इज अनदर बेनिफिट डार्क गॉगल जब आप पहनते हो सो यू कैन अवॉइड दैट पिगमेंटेशन वगैरह थोड़ा डार्क नहीं
होती स्किन बिकॉज ये जो आंखों की स्किन होती है ना इट्स अ वेरी थिन स्किन इट टेंड्स टू गेट डार्क वेरी फास्ट प्लस आई थिंक इंडियन जेनेटिक्स के अकॉर्डिंग हमारी स्किन ज्यादा डार्क हो जाती है हम तो वैसे ही टेंशन में रहते हैं गोरे नहीं है गोरे नहीं है मेरे एक फ्रेंड मिले थे उनके कजिन एक आई स्पेसिफिक प्लास्टिक सर्जन है हम ये आई स्पेसिफिक प्लास्टिक सर्जन एक नई फील्ड बन चुकी है और उन्होंने मुझसे कहा कि जब उन्होंने पढ़ाई करी थी तो ही थॉट कि ही विल हैव टू सेटल डाउन इन एल लॉस एंजलिस
क्योंकि वहां मतलब लोग कसमेटिक सर्जरी लोग ज्यादा कराते हैं बट ऐसा कुछ है नहीं सी जैसे वी वर टॉकिंग अबाउट स्पेशलिटी ज इन आई सो लाइक आई टोल्ड यू मेरी स्पेशलिटी चश्मा हटाना एंड कैटरेक्ट प ऑपरेशन करना ऐसी एक ग्लूकोमा की स्पेशलिटी है एक रेटिना की स्पेशलिटी है एक बच्चों की स्पेशलिटी जहां पे स्विंटन के ट्रीटमेंट होते हैं एक कॉर्निया की स्पेशलिटी है ऐसे ही आंखों की एक प्लास्टिक सर्जरी की भी स्पेशलिटी है उस स्पेशलिटी को हम लोग कहते हैं ऑकुलोप्लास्टी तो जो ऑक्यू पलास्टिक सर्जन होते हैं वो आई की कॉस्मेटिक अपीयरेंस को ठीक करते
हैं तब शेप चेंज करते हैं हां सो बेसिकली दे आर डीलिंग विद ऑपरेशंस ऑफ लिड्डी नीचे हो ऊपर हो या आंख के अराउंड कुछ और स्ट्रक्चरल इशू हो तो ये वहां प्र ऑपरेशन होता है सो देन नाउ इट इज अ टोटली डिफरेंट स्पेशलिटी ऑल टूगेदर उसम स्पेशलिटी करके देन यू कैन डू दिस लिड सर्जरी याय सब बोटॉक्स वगैरह जो होते दे आर फ ऑ लस प्लास्टिक सर्जन ऑफ आ ऑक पलास्टिक सर्जन बम्बे ल्ली में आजकल बहुत सारे लोग रहे बहुत पॉपुलर हो रहे हैं स्पेशली नन इंट्रोडक्शन ऑफस बोटॉक्स एंड ल न यू कैन गेट रिड
ऑफ द फाइन लाइ ए बिकमिंग वेरी पॉपलर यह जो आय प्लास्टिक सर्जरी होती है या आय के आसपास जो कॉस्मेटिक प्रोसीजर होते हैं सेफ होते है आइस के लिए वेरी सेफ सी अल्टीमेटली य हैव टू अंडरस्टैंड ट ल द माइक्रो सर्जरी ल डन अंडर माइक्रोस्कोप ब दे ल वेरी सेफ प्रोसीजर मतलब जो भी कुछ हो रहा है इट बीन प्रॉपर्ली बैकड अप बाय रिसर्च एंड एंड ल द एकेडमिक पार्ट ऑफ इट एंड दे ल टेस्टेड एंड बीन देयर फॉर अ वाइल नाउ दे आर अभी कांटेक्ट लेंस के बारे में बात करेंगे मैं डरता था नेली
मैंने कभी लाइफ में पहनी नहीं है क्योंकि बस ऑकवर्ड लगता था मुझे मेरी आंखें सेंसिटिव है आई थिंक कुछ कुछ लोग होते हैं जिनकी आंखों में सेंसिटिविटी ज्यादा होती है आई एम वन ऑफ दोस पीपल मेरी आंखें मेरे दिल की तरह है आई विल पुट सम लाइट नट शर देखो कांटेक्ट लेंस जो है ना बहुत खराब चीज है ये एक आय डॉक्टर कह रहे है यस गो ऑन क्यों खराब है लेट अस अंडरस्टैंड साइंटिफिकली शर सी कंटक्ट लेंस को आप आंखों के ऊपर चिपका लेते हो कहां पर चिपकाते हो ये जो आंखों का काला पार्ट
है जिसको कॉर्निया काली पुतली आंखों का शीशा कहते हैं उस डिस्कशन हो रही है वहां पर आप चिपका लेते हो अब ये जो कॉर्निया है ये ऑक्सीजन कैसे ले रहा है कॉर्निया में हमारे ब्लड वेसल्स नहीं है तो हमारी पूरी बॉडी में ब्लड वेसल्स है बट कॉर्निया में नहीं है तो पूरी बॉडी का ऑक्सीजन सप्लाई तो हमारा ब्लड कर देता है पर कॉर्निया में ब्लड वेसल्स नहीं है तो कॉर्निया जो अपना ऑक्सीजन है ये हवा से लेता है ब कॉर्निया भी सांस लेती है सास लिविंग टिश्यू है सांस ले रहा है अपने आप को हील
कर रहा है अपने आप को चेंज कर रहा है इट्स अ लिविंग टिश्यू और ये जो सांस ले रहा है ये हवा से सांस ले रहा है डायरेक्ट ऑक्सीजन ले रहा है अब आपने आंख के ऊपर एक कांटेक्ट लेंस चिपका दिया अब आप जितना मर्जी बोल लो कि ऑक्सीजन परमेबल है ऑक्सीजन परमेबल है कुछ लेवल ऑफ ऑक्सीजन तो आपने रोक दिया ना सो आंखों के कॉर्निया में हाइपोस होना शुरू हो जाता है ऑक्सीजन कम होना शुरू हो जाता है जब ये ऑक्सीजन कम होता है तो दो-तीन प्रॉब्लम्स आनी शुरू हो सकती है आंख में सूजन
बन सकती है जो आपकी आंखों का डिफेंस मैकेनिज्म है वो कम हो सकता है तो मान लीजिए आपके कांटेक्ट लेंस में इंफेक्शन थी आपने ठीक से साफ नहीं करा उसको अपनी आंख प लगा लिया तो बहुत जल्दी आंख में इंफेक्शन हो जाती है और अल्सर्स बन जाते हैं राइट तो अब आपने जब ऑक्सीजन को डिप्लीट कर दिया एक नेचुरल स्ट्रक्चर से तो ये सब प्रॉब्लम्स आनी शुरू हो जाएंगी स्टार्टिंग में तो क्या होगा आपने कांटेक्ट लेंस हटाया तो ये प्रॉब्लम रिवर्स हो गई अगले दिन आपने फिर पहना फिर प्रॉब्लम शुरू होनी होगी और लॉन्ग टर्म
में जब ये होता जाएगा तब आपको सिम्टम्स आने शुरू हो जाएंगे फिर आपकी आंख में इरिटेशन हो रही है खुजली हो रही है लाली हो रही है चुबन हो रही है और कुछ लोग तो ऐसे ऐसे काम कर लेते हैं कंटक्ट लेंस पहन के सो जाते हैं अब आप सोचो कांटेक्ट लेंस आपने लगाया है उससे पहली ऑक्सीजन कम हो गई फिर आप सो गए आंख बंद करके उससे और ऑक्सीजन कम हो गई तो आंखों में बहुत ज्यादा डैमेज हो जाता है सो आई एज अ डॉक्टर टेल एवरीबॉडी में जाना है चलो ठीक है एक्सेप्टेबल आपने
पहना उसको भी आप अच्छे से क्लीन करके पहनो एंड प्रेफर बली यूज अ डेली डिस्पोजेबल कांटेक्ट लेंस पहना और रात को फेंक दिया क्यों क्यों डेली डिस्पोजेबल बिकॉज डेली डिस्पोजेबल में हाइजीन बेटर रहेगा ना खोला आपने और लगा लिया मंथली डिस्पोजेबल वाले जो हैं उनको तो आपने प्रॉपर्ली क्लीन करना है और रख दिया अंदर फिर अगले दिन उठाया फिर उसको क्लीन करा और फिर लगाया मे बी यू कुड नॉट मेंटेन द हाइजीन प्रॉपर्ली कांटेक्ट लेंस में इंफेक्शन रह गई वो इंफेक्शन आपके आंख में चली गई और आंख में ड्रेडेड कॉम्प्लिकेशंस हो जाती है मतलब वी
सी पेशेंट्स हु र कंटक्ट मेंस रेगुलरली आंख में अल्सर हो गया और नजर पूरी लाइफ के लिए खराब हो जाती है ये देखा आपने देखे रोज देखते हैं हम एवरी डे वी सी एंड सो मेनी पेशेंट्स ू कम टू अस फॉर दिस लेसिक एंड एंड सिल्क कंटूरा प्रोसीजर्स दे हैव देर इनिशियल कंप्लेंट कि डॉक्टर साहब कंटक्ट लेंस पहनते हैं कांटेक्ट लेंस से कंफर्ट ही नहीं आ रहा रोज आंख लाल हो रही है चुबन हो रही है जलन हो रही है पानी हो रहा है सो यू वांट टू गेट रिड ऑफ दिस प्रॉब्लम सो कांटेक्ट लेंस
वर्स्ट छोटे बच्चों को 18 साल या 19 साल की उम्र तक चश्मा पहनना चाहिए एंड देन ऑप्ट फॉर द एडवांस सर्जरी ब डोंट हैव योर डिपेंडेंसी न कंटक्ट लेस ल्स एक फैशन पर्सपेक्टिव से अगर आपने सही वाले चश्मे पहने यू कैन लुक गुड वि स् एब्सलूट आई थंक इट्स इन लाइक एक जो मैंने कहा कि मेरे ऑपरेशन के बाद एक अलग फील हुई थी द थिंग इ देर वास एडवांटेजेस इवन टू वेयरिंग स्पेक्स मतलब ये थोड़ा ब्रोस ब्रो लॉजिक है बट अ आई फेल्ट कि एक मिस्टीरियस रा फॉर्म हो जाती है आपकी व्हेन यू आर
वेयरिंग द राइट ग्लासेस एंड इट हेल्प्स यूू आउटफिट स देयर आर एडवांटेजेस टू दैट एज वेल सम पीपल से कि चश्मा पहनने से बंदा ज्यादा इंटेलिजेंट लगता है हां इट्स ट्रू लोग मेरा ज्यादा रिस्पेक्ट करते थे तब आई फील सम टाइम्स वी टेल पीपल दैट इवन इफ यू वेयर अ जरो नंबर ग्लासेस इट इज एन एडेड प्रोटेक्शन टू योर आइज आइज एक्सपोज्ड है ना कुछ उड़ता हुआ आ गया कुछ चोट लग गई आंख में तो एक थोड़ा सा बैरियर है फॉर प्रोटेक्शन या बट ये जो ये चल गया है ना आजकल ब्लू लाइट फिल्टर ग्लासेस
ये बेकार चीज है इट्स नॉट गुड इट्स नॉट गुड ये समझाओ पहले ये लॉजिक ये समझाओ कि ब्लू लाइट होती क्या है अ क्योंकि ये ब्लू लाइट फिल्टर्स का एक बहुत बड़ा ट्रेंड है दुनिया भर में आजकल एंड दिस इ एक्चुअली द फर्स्ट टाइम हियरिंग समवन सेइंग नो सो आई एम क्यूरियस टू नो कि व्हाई अ टू द ब्लू लाइट का टॉपिक इतना ज्यादा फैल चुका है कि आजकल लोग अपने रूम में रेड लाइट इंस्टॉल करने लगे हैं एज अ फॉर्म ऑफ हेल्पिंग स्लीप एटस एट इट नॉट हेल्प इन एनीवे लेट अस अंडरस्टैंड की ब्लू
लाइट का ह्यूमन बॉडी पे क्या रोल है ब्लू लाइट होती क्या है ब्लू लाइट होती है मोबाइल कंप्यूटर्स या जो सन है ट्यूब लाइट्स वगैरह है इससे लाइट निकल रही है इसमें एक स्पेशल फ्रीक्वेंसी है जिसको हम ब्लू लाइट कहते हैं ब्लू कलर की लाइट है बेसिकली अंडरस्टैंड इन वेरी लेम एंड टर्म्स अब इस ब्लू लाइट का हमारे ह्यूमन बॉडी में क्या रोल ल है क्यों हम इससे बचना चाह रहे हैं व्हाई डू वी नीड ऑल दिस फिल्टर्स देखो ब्लू लाइट का ह्यूमन बॉडी में एक रोल है कि ये स्लीप वेक साइकल को कंट्रोल करता
है जिसको हम सर्के दिय रिदम कहते हैं तो क्या होता है जब सूरज उगता है सुबह तो आसमान में या एनवायरमेंट में सन आ गया सन में ब्लू लाइट है ब्लू लाइट बढ़ गई जब ये ब्लू लाइट बढ़ी और हमारी आंखों में ब्लू लाइट गई तो हमारी बॉडी में एक हार्मोन होता है मेलाटोनिन वो कम हो जाता है जब ये कम हो जाता है तो बॉडी में एनर्जी आ जाती है यू फील एक्टिव कि दिन हो गया सुबह हो गया काम प लग जाओ और जब सन सेट हो जाता है तो एनवायरमेंट में ब्लू लाइट
कम हो गई आपकी बॉडी में मेलाटोनिन बढ़ता है एंड यू स्टार्ट प्रिपेयरिंग टू कॉल ऑफ द डे नींद आनी शुरू हो जाती है अब आपको रेस्ट करना है अब क्या हो रहा है कि जब रात के टाइम सन सेट हो गया तो ब्लू लाइट कम हो गई आपकी बॉडी में मेलाटोनिन बढ़ना चाहिए पर आप बैठे हुए हो अपने मोबाइल कंप्यूटर पे और मोबाइल कंप्यूटर से भी ब्लू लाइट निकल रही है सो आपकी बॉडी को एक फॉल्स सिग्नल जाता है कि ब्लू लाइट तो भी मेरी आंखों में आ रही है सो इट इज डे टाइम तो
मेलाटोनिन लेवल्स कंफ्यूज हो जाते हैं हां सो मेलाटोनिन को जो बढ़ना था बिकॉज ऑफ द सेटिंग सन वो बढ़ा ही नहीं क्यों नहीं बढ़ा क्योंकि मोबाइल फोन से ब्लू लाइट निकल रही है और आपकी बॉडी को ये सिग्नल जा र है कि अरे ब्लू लाइट तो अभी भी आ रही है इट इज स्टिल डे टाइम सो क्या होता है लोगों को रात को सोने में प्रॉब्लम हो जाती है तो कंटीन्यूअसली टसल टोबल करते रहते हैं लेट सोते हैं लेट उठते हैं ठीक है तो इसका जो सलूशन बनाया वो ब्लू लाइट फिल्टर ग्लास बना दिया कि
भैया आप मोबाइल कंप्यूटर यूज कर रहे हो ये चश्मा पहन लेना इससे ब्लू लाइट आपकी ब्लॉक हो जाएगी दिस वाज द द आइडिया बिहाइंड लॉन्चिंग ब्लू लाइट क्लासेस बट इसमें क्या हो रहा है कि चलो रात के टाइम पे तो यू नीड दैट फिल्टर बट मॉर्निंग के टाइम पे तो नहीं चाहिए ना आपको सो मॉर्निंग के टाइम प जब आप फिल्टर पहन रहे हो वो तो आपने ब्लू लाइट सारी ही ब्लॉक कर दी सो यू आर इंटरफेयरिंग विद योर रि ऑफ द बॉडी पर रात के टाइम डज इट वर्क डज इट एक्चुअली ब्लॉक आउट ब्लू
लाइट जैसे मोबाइल फोन कंप्यूटर में आपको ब्लू लाइट को रोकना है दैट इज द परपस ब्लू लाइट को अगर आपने रोकना है तो ब्लू लाइट फिल्टर सॉफ्टवेयर वी हैव ऑल आवर मोबाइल फोन कंप्यूटर लैपटॉप्स हैव दैट सॉफ्टवेयर इनबिल्ट जस्ट स्विच ऑन द ब्लू लाइट फिल्टर सॉफ्टवेयर एंड यू आर एबल टू फिल्टर आ ब्लू लाइट तो उसके लिए आपको एडिशनल फिल्टर क्यों लगाना है ठीक है अच्छा कुछ लोग ऐसा सोचते हैं कि ब्लू लाइट फिल्टर को पहनने से आपकी आंखों में स्ट्रेन कम बनेगा सो यूज यू विल सी कि आप क्यों पहनते हो वो कहते हैं
कि डॉक्टर साब वो लंबे समय तक मोबाइल कंप्यूटर प काम करना होता है तो हमें ऐसा लगता है कि इसको पहन के स्ट्रेन कम होगा नो साइंटिफिक एविडेंस आंखों में स्ट्रेन क्यों पड़ रहा है इट इज नॉट बिकॉज ऑफ ब्लू लाइट इट इज बिकॉज व्ट वी डिस्कस अलिया कि आपकी मसल्स यूज हो रही है वो मसल्स टाइम से थक जाती है तो स्ट्रेन बनता है या आंखों का ब्लिंक रेट कम है तो ड्राइनेस आ रही है तो ब्लू लाइट फिल्टर का ना आपको स्ट्रेन से बचा रहा है अच्छा ना आपको ब्लू लाइट फिल्टर करके कोई
एडिशनल एडवांटेज मिल रहा है कुछ लोगों को लगता है कि जो कंप्यूटर मोबाइल से ब्लू लाइट निकल रही है ये आंखों को डैमेज कर देगी तो उसके लिए ब्लू लाइट फिल्टर पहन लेते हैं तो इससे कई गुना ज्यादा ब्लू लाइट तो सन से निकल रही है सो मोबाइल फोन कंप्यूटर की अगर आपने थोड़ी सी ब्लू लाइट रोक भी ली उससे यू हैव नो एडेड एडवांटेज सो ब्लू लाइट फिल्टर एक तो आपको कोई उसमें आई स्ट्रेन में हेल्प नहीं कर रहा ब्लू लाइट फिल्टर से आप ब्लू लाइट का डैमेज नहीं बचा पा रहे अपनी सर्केट रिदम
आपने और स्पॉइल कर दी और उसको आपने बचाना है तो आप ब्लू लाइट फिल्टर सॉफ्टवेयर ऑन कर लो सलूशन यही है सो ब्लू लाइट फिल्टर ग्लासेस साइंटिफिकली हैव नो रोल राद वी से इट वर्क्स इन अ नेगेटिव वे क्योंकि अब आप सुबह उठ रहे हो यू नीड दैट ब्लू लाइट टू फील एक्टिव आपने वह चश्मा पहन लिया ब्लू लाइट को फिल्टर कर दिया तो आपने बॉडी के हार्मोंस एंड एक्टिविटी एंड एक्टिव को कुछ हद तक रिस्ट्रिक्टर दिया ना सो लेट योर आइज बी नेचुरल एंड इफ यू फील कि मोबाइल कंप्यूटर की ब्लू लाइट से यू
आर हैविंग दोस शूज सोने में देन स्विच ऑन द ब्लू लाइट फिल्टर फिल्टर ऑन दैट व्हाई ड यू नीड दैट फिल्टर ऑन योर आइज मुझे ये बायोलॉजी क्लास याद है रॉड्स एंड कोन्स रोड्स का रोल होता है नाइट विजन के लिए या कोन्स का रोल होता है कलर्स के लिए पहले रोड्स एंड कोन समझा दो कि एगजैक्टली होते क्या है और फिर ये बीटा कैरोटीन से लिंक कैसे होता है बेसिकली रॉड्स एंड कोन्स जो है ना हमारे आंखों के फोटोरिसेप्टर्स है तो जो हमारी आंखों में लाइट जा रही है वो इन रॉड्स एंड कोनस की
हेल्प से पिक्चर बनती है तो रॉड्स जो है वो वो बेसिकली इंटेंसिटी ऑफ लाइट के लिए है जैसे आप बर्ड्स होती हैं जो चिड़िया जो होती है उनकी आंखों में रॉड्स बहुत ज्यादा होती है तो आप देखेंगे हल्का सा सूरज उकता है एंड दे गेट अप और चीची चीची करना शुरू कर देते हैं और जो कोन्स होते हैं दे आर बेसिकली फॉर कलर तो ये विटामिन ए की कमी होती है ना दिस हैज दिस इफेक्ट ये सब रेटिना में होते है रेटिना की अलग-अलग लेयर्स है उसमें एक लेयर रॉड्स एंड कोन फोटोरिसेप्टर्स की होती है
तो इस एरिया को ये विटामिन ए की डेफिशियेंसी आ जाती है कि रात के टाइम पे विजन कम होगी मॉर्निंग के टाइम आपको दिख रहा है यही इतना ही लॉजिक है कि अगर विटामिन ए की कमी है बॉडी में फिर वहां डैमेज हो सकता है तो एक सर्टेन लेवल तक का विटामिन ए होना चाहिए आपकी बॉडी अच्छा ज्यादा भी नहीं लेना टॉक्सिंस में प्रॉब्लम्स हो सकते है ओवरऑल बॉडी में विटामिन ए की टॉक्स हो गई ना तो ओवर डोज इज आल्सो नॉट गुड अंडर इज आल्सो नॉट गुड देर इज अ लिमिट हाउ मच यू शुड
टेक बट विटामिन ए का मतलब ये नहीं है कि दैट इट इज अ यूनिवर्सल मेडिसिन टू ट्रीट ऑल योर आई प्रॉब्लम्स जैसे वो निकल गई एक दवाई निकाल द सब इससे ठीक हो जाओगे गलत है गाजर खाओगे सारी प्रॉब्लम ठीक हो जाएगी गलत है कुछ साइंटिफिकली प्रूवन सप्लीमेंट्स है जिनकी वजह से आंखों को बेनिफिट्स मिलते है थोड़े बहुत बट इतना कोई साइंटिफिकली प्रोवन है नहीं इट्स मेनली अबाउट गुड डाट बेसिकली ना क्या होता है आंखों की हेल्थ के लिए ना आपको बहुत ज्यादा कुछ करना ही नहीं है सम पीपल हैव दिस हैबिट कि वो सुबह
उठके आंखों पर पानी के छप के मारते रहते हैं दो चार घंटे में पानी से आंखों को धोते रहते हैं दैट इज अ वेरी बैड हैबिट क्या होता है हमारी आंखों में टियर्स है उस टियर में एक ऑयल की भी लेयर है अब आप क्या कर रहे हो बार-बार जब आंखों को धो रहे हो तो आप उन टियर्स को वश आउट कर देते हो तो आंखों में ड्राइनेस की प्रॉब्लम आ जाती है सो यू डोंट नीड ऑल दिस वाशिंग एंड ऑल ये लोग कहते हैं हम आंखों को साफ रखना चाहते हैं कि आंखों में कोई
प्रॉब्लम ना हो जो हमारे आंखों में आंसू है उसमें अपने आप ही यसे जो माइक्रो ऑर्गेनिस्ट म वगैरह है एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज ऑलरेडी उसमें है सो यू डोंट नीड एनी एडिशनल थिंग्स टू टेक केयर ऑफ इट और कोई ऐसे गलतफहमियां लाइफ स्टाइल फैक्टर्स जिनकी वजह से लोगों की आय हेल्थ खराब या बेहतर होती है एक प्रैक्टिस हमारे इंडिया में बहुत चलती है आंखों में काजल लगाने की स्पेशली बच्चों की आंखों में काजल लगाने की तो सबसे पहला तो क्वेश्चन यह है कि बच्चों की आंख में काजल लगाना क्यों है मतलब व्हाट इज द पर्पस ऑफ पुटिंग
दैट काजल अगर आप उसको लगा रहे हो यह सोच के कि नजर नहीं लगेगी या इवल आई से बचेगा तो आंख में क्यों लगाने की जरूरत है उ टीका आप कहीं पे भी लगा दो अगर आप इसको यह सोच के लगा रहे हो कि बच्चे की आंखों में कोई फायदा होगा इस काजल से या सूरमा से तो यह बिल्कुल गलत बात है इससे और नुकसान हो जाएगा रार हम लोग यह देखते हैं पहले बहुत होता था अब कम हो गया इंसीडेंस कि ये जो काजल की पेंसिल्स होती थी अलग-अलग लोग शेयर करते थे बच्चों में
शेयर होती थी तो बच्चों की आंखों में ना ट्रेकोमा करके एक प्रॉब्लम है वो हो जाती थी हां क्या होता ट्रेकोमा क्ले माइडलर होती है एक तरह की वो बहुत कॉमनली मिलती थी हमें अब तो चलो इंसीडेंस बहुत कम हो गया तो काजल को बच्चों की आंखों में लगाने का परपस तो सिर्फ एक ही समझ आता है कॉस्मेटिक कि बच्चे अच्छे दिखेंगे थोड़ी सी आंखें बड़ी-बड़ी लगती है तो इनिशियली मत लगाओ ना जो इनिशियल चार पांच साल है बच्चों के जब आंखें सेंसिटिव है व्हाई डू यू वांट टू पुट सच केमिकल्स ऑन टू द आई
इन काजल वगैरह में कभी-कभी लेड होता है लेड से अपनी आंखें खराब हो जाती है बॉडी में चला गया उसकी टॉक्स हो जाती है सो बेटर अवॉइड इट काजल सूरमा बच्चों की आंख में लगाने का कोई फायदा नहीं है अवॉइड इट बच्चे वैसे भी क्यूट ही दिखते हैं आई डोंट नो कि क्यों जबरदस्ती आपने हर आंखों में लगा के उनकी आंखों को लाल इरिटेट इंफेक्शन हो गई बहुत सारी प्रॉब्लम हो सकती है काफी सारे इंडिया स्पेसिफिक प्रॉब्लम्स आपने ब्रिंग अप करे हैं एक मैं और बताता हूं प्रॉब्लम बहुत कॉमनली मिलती है लोग की आदत होती
है आंख में ना रोज वाटर डाल देते हैं शहद डाल देते हैं कुछ शहद हनी ये बहुत बहुत कॉमन है ये मतलब इट माइट कम टू यू एज सरप्राइज बट इट इज अ वेरी कॉमन प्रैक्टिस इन इंडिया रोज वाटर गुलाब जल डालने की प्रैक्टिस तो बहुत ही कॉमन है देखो क्या इशू हो रहा है कि ये जो रोज वाटर आप मार्केट से खरीद लेते हो ना दिस इज नॉट स्टेरा इल ये वाटर है ये वाटर इन्होंने बना दिया चलो थोड़ा बहुत ब आंखों में डालने के लिए यू नीड स्टेरा इल स्टराइल मतलब उसमें कोई इंफेक्शन
ना हो या जब मैन्युफैक्चर हुआ तो उसमें यूवी से या किसी और मेथड से उसको स्टराइल करके उसके अंदर के माइक्रो ऑर्गेनिस्ट बैक्टीरिया वगैरह को किल करा गया कीटाणु मिटा रहे हैं कीटाणु हटा दिया बेसिकली तो ये जो दवाइयां होती है ना दे आ स्टराइल इसमें बैक्टीरिया वगैरह नहीं होते बट ये जो आप मार्केट से रोज वाटर खरीद लेते हो स्टराइल थोड़ी है उसको अपनी आंखों में डाल देते हो तो फै तो कुछ होता नहीं उससे इंफेक्शन और हो जाती है तो रोज वाटर हनी घी वी का कोई रोल नहीं है यू डोंट नीड एनी
एडिशनल सप्लीमेंट्स फॉर योर आई जस्ट लेट योर आइज बी नेचुरल और ठीक रहेंगे पूरी लाइफ कोई प्रॉब्लम नहीं है ये सब करते रहोगे ना जुगन बाजी और खराब हो जाएगी और लोग करते हैं करते हैं आंखें बंद करके करते हैं इसलिए ऑफल मलज की जरूरत है हमारे देश में तो इतने कम है आई एम होपिस ही कन्वर्सेशन के थ्रू लोग मेडिकली एजुकेटेड हो जाए अ आई थिंक काफी ज्यादा मेडिकल एजुकेशन दिया आज के एपिसोड में ये ऑलमोस्ट पॉडकास्ट का एंड है मुझे एक चीज बहुत अच्छी लगी कि आपका खुद का एक गिस वर्ल्ड रिकॉर्ड है
जिसके बारे में बात करी नहीं आज हमने तो बता दीजिए क्योंकि ऑडिस हुक टिल दिस पॉइंट सो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बी मेड फॉर लेसिक व जो चश्मा हटाने की स्पेशलिटी है मेरी सो वी डिड 250 लेसिक प्रोसीजर्स इन अ डे एक दिन में 250 लोगों का ऑपरेशन करा हर घंटे में 10 से ज्यादा सो हनली वन पर्सन कैन नॉट डू इट इट्स नॉट पॉसिबल ना एक बंदा 50 ऑपरेशन कैसे कर सकता है एक ह्यूमन लिमिट भी तो है सो वी वर अ टीम ऑफ सिक्स डॉक्टर्स और हमने मिल के इन 24 आवर्स वी ऑपरेटेड 250
पेशेंट्स एंड दैट वाज द गिनीज रिकॉर्ड वी मेड तो इससे पहले जो रिकॉर्ड था दैट वाज इन कोरिया सो देयर फिगर वाज 242 सो दैट इज हाउ गिनीज पीपल गेव अस 250 का फिगर देखो क्या है बेसिकली सर्जरी की ड्यूरेशन इज वेरी लेस 5च से 10 मिनट का ऑपरेशन है सो इट्स डूबल सो इट्स नॉट अ वेरी बिग थिंग कि 250 हो गए मतलब सुनने में लग रहा है 250 ऑपरेशन कर दिए बट एक्चुअली इट इज नॉट एन ऑपरेशन इट्स अ प्रोसीजर यहां पे आपको लाइट ही तो डालनी है फॉर 10 सेकंड्स एंड 10 मिनट
में पूरा ऑपरेशन हो जाता है पर आपके एनर्जी लेवल्स अफेक्ट होते हैं हर सर्जरी के साथ ओबवियसली बट चलो इट इज अ माइक्रो सर्जरी एंड योर बॉडी इज नॉट मूविंग टू मच बिकॉज यू आर सिटिंग इन जस्ट माइक्रो मूवमेंट्स ऑफ़ द हैंड्स ओनली बट देन देयर इज अ लिमिट ऑफ हाउ मच यू कैन फोकस दैट इज व्हाई टीम ऑफ सिक्स डॉक्टर्स कि मतलब पेशेंट सेफ्टी इज नॉट टू बी कॉम्प्रोमाइज्ड रिकॉर्ड बने ना बने ट्स अ डिफरेंट थिंग लट टुगेदर मतलब बट द पेशेंट एंड द डॉक्टर हैव टू बी अटेंट एंड सी टू इ द द
क्वालिटी इज नॉट कॉम्प्रोमाइज मतलब पेशेंट की सर्जरी में नहीं कमी आ सकती ड रिकॉर्ड बन गया अच्छी बात है नहीं बना चलो वी मेड एन अटेंप्ट ट्स आल्सो बिग थिंग मुझे ये वाली पूरी डॉक्टर्स की सीरीज हमारी बहुत अच्छी लग रही है लिवर डॉग को आप जानते हो वो आए थे शो पर रिसेंटली और उनके साथ हमने ऑर्गन डोनेशन और ट्रांसप्लांटेशन के बारे में बहुत बात करी कि एक्चुअली इंडिया में बहुत कंफ्यूजन है ऑर्गन डोनेशन और ट्रांसप्लांटेशन को लेकर एंड लिवर के अलावा आइज भी आई थिंक कॉर्निया स्पेसिफिकली एक बहुत ऑर्गन डोनेशन स्पेसिफिक बॉडी पार्ट
है या तो दो सवाल है पहला सवाल अ हेल्दी लोगों के पर्सपेक्टिव से कि आई डोंट माइंड डोनेटिंग माय बॉडी पार्ट्स एट द एंड ऑफ माय लाइफ आई थिंक इट्स सर्विस अ तो हमारे लिए क्या एडवाइस है एंड जनरली जिनके आंखों के प्रॉब्लम्स है उनके लिए क्या एडवाइस है स्पेसिफिक टू ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन एंड डोनेशन सी द ब्यूटी ऑफ आई डोनेशन इज दैट यह डोनेशन जो है यह आपको मरने के बाद करना होता है सो व्हेन यू आर अलाइव देन यू कांट डोनेट योर आइस जैसे बाकी ऑर्गन वगैरह जो है आपने किडनी विडनी का सपोज बात
करा सो दैट हैज टू बी टेकन आउट फ्रॉम अ लाइव पर्सन एंड ट्रांसप्लांटेड इनटू अ लाइव पर्सन आई का जो डोनेशन है जब बंदा मर जाता है तो अपनी आंखों को डोनेट करता है तो अगर आप मर गए हो और आपकी इस बॉडी को जलाना है या दफनाना है तो अपनी आंखों का कर दो ताकि किसी के काम आ जाए इससे बड़ा पुण्य का काम तो और हो नहीं सकता फिर भी हमारी कंट्री में इसको लेकर इतना ज्यादा सुपरस्टिशन है कि पीपल जनरली डोंट डू दिस सुपरस्टिशन क्यों सुपरस्टिशन ऐसा है कि लोगों को लगता है
आंखें दान करने से आत्मा को नहीं शांति मिलेगी कुछ लोगों को लगता है कि भाई अगले जन्म में अंधा पैदा हो जाएंगे या हम ऊपर भगवान के पास जाएंगे तो हम एक्सेप्ट ही नहीं करेगा भा आधी बॉडी के साथ आ गए ये सब बातें सुपरस्टिशस है मतलब अगर आप अपनी आंखों का दान कर दो जिससे कोई दूसरा बंदा दोबारा देख सकता है तो आई थिंक उससे बड़ी चीज और कोई नहीं हो सकती और हमारी कंट्री में लाखों लाखों लाखों लोग हैं जो दोबारा देख सकते हैं अगर उनको डोनेट करी हुई आंख मिल जाए भगवान खुश
हो जाएंगे इस चीज को लेकर आ हां भगवान को भी अच्छा लगेगा कि आप द बिगेस्ट पार्ट इज कि आप ये सोचो कि आपके मरने के बाद आपकी बॉडी का एक पीस दूसरी के बॉडी में जिंदा है सो आप तो अमर हो गए ना एक तरह से और उसी कनिया को वो आगे भी डोनेट कर सकता है वही पेशेंट एक और इंसान की आंख में लग सकता है कोनया जिंदा रहती है ब आपने अगर अटैच कर दिया तो वो जिंदा रहेगी तो इसमें दो तीन चीज इंपोर्टेंट है कि अगर किसी को डोनेट करना है तो
डेथ के तीन से चार घंटे में डोनेशन हो जानी चाहिए उसके बाद कोनिया डेट हो जाता है और यह जो ट्रांसप्लांट होना ये तीन चार दिन में दूसरे की आंख में लग जाना चाहिए सो इट्स अ वेरी फास्ट प्रोसेस राइट दूसरा क्या इशू हो रहा है कि देखो अब लो डोनेट कम कर रहे हैं और डिमांड बहुत ज्यादा है तो लद वी अवॉइड टॉकिंग अबाउट दिस हम लोग कोशिश करते हैं कि इस बारे में बात ही ना करें लेकिन अनफॉर्चूनेटली ना चाहते हुए भी ब्लैक मार्केटिंग एंड ऑर्गन ट्रैफिकिंग शुरू हो गया है भाई अगर ह्यूमन
बीइंग्स की ऑर्गन ट्रैफिकिंग हो सकती है तो ऑर्गन्स की तो हो ही सकती है ना और फिर इसको ब्लैक मार्केट में बेचा जाता है बोली लगाई जाती है लद दैट इज द सैड पार्ट ऑफ द ऑर्गन ट्रांसप्लांट एंड आई डोनेशन बट आई थिंक इट्स अ बन फॉर द पेशेंट मतलब कोई अंधा इंसान दोबारा देख पाया दूसरे की आ मिल गई तो उससे बड़ी चीज और कुछ हो ही नहीं सकती और डोनेट करना बड़ा आसान है या तो आपने अपनी लाइफ में प्लेज कर लिया कि भाई मेरे आपने फॉर्म भर लिया कि मेरे मरने के बाद
आंखों को डोनेट कर देना या अगर आपने कुछ भी नहीं करा है तब आल्सो यू कैन गिव अ कॉल टू द आई बैंक और जब आपकी डेथ हो गई तो आपके जो फैमिली वगैरह है वो उनको बुला के डोनेशन करवा सकते हैं ब आई थिंक वी एवरी वन ऑफ अस मस्ट डोनेट आर आइ मुझे अंधेपन के बारे में बात करना है एक्चुअली अंधापन भी अलग-अलग टाइप्स का होता है हां तो ये मैं क्लियर कर देता हूं देखिए कि आई डोनेशन में हम लोग आंख का सिर्फ आगे वाला हिस्सा जिसको कॉर्निया काली बुद्धी से बात कर
रहे ने टाइम से सिर्फ उस पार्ट को हम ट्रांसप्लांट करते हैं पूरी आंख नहीं होती ट्रांसप्लांट तो इसका मतलब अगर आपका अंधापन कॉर्निया या काली पुतली से हो रहा है वो हम ठीक कर देंगे बट अगर आंखों में अंधापन किसी और प्रॉब्लम की वजह से है वो उनी डोनेशन से ठीक हो सकता कितने टाइप के प्रॉब्लम होते हैं भा आंखों में अंधापन तो किसी भी लेवल प हो सकता है आपका लेंस खराब हो गया तो अंधापन आ गया पर्दा खराब हो गया तो अंधापन आ गया नस खराब हो गई तो अंधापन आ गया लेकिन जो
अंधापन आपके कॉर्निया की वजह से आ रहा है कॉर्निया सफेद हो गया आप देख नहीं पा रहे उसको हम आई डोनेशन से ठीक कर सकते जो बूढ़ों में होता है यूजुअली नहीं किसी में भी हो सकता है चोट लग गई आंख में एसिड गिर गया केमिकल गिर गया सीमेंट गिर गया कोनिया बर्न हो गया वाइट हो गया अल्सर हो गया था कोनिया खराब हो गया तो उसमें हो सकता है एंड यूजुअली लोग ये पूछते हैं डॉक्टर साहब पूरी आंख को निकाल के नहीं लगा सकते दूसरी आंख कि भाई कुछ भी प्रॉब्लम हो ठीक हो जाए
वेल अभी तक पॉसिबल नहीं था और अभी कुछ टाइम पहले फर्स्ट टाइम एक ऐसा केस हुआ है जहां पर पूरी आंख को ट्रांसप्लांट करा गया एंड द रिजल्ट्स आर पॉजिटिव सो मे बी इन फ्यूचर वी विल हैव द कैपेसिटी की पूरी आंख को निकाल के दूसरी आंक पूरी की पूरी साबुत साबुत लगा दी आई एम अजूम य जो आई बॉल ट्रांसप्लांट के बारे में आप बात कर रहे हो वहां द ऑप्टिक नर्व इ स्टिल ऑफ द रिसीवर राइट व्हेन यू टेक आउट द बॉल एस अ टोटल सो यू विल कट द ऑप्टिक न एंड टेक
इट आउट ना ओके बिकॉज यू सी दिस इज द बॉल एक से ऑप्टिक नर्व निकल रही है जो ब्रेन तक जा रही है सो नाउ व्हेन यू हैव टू डिटैच द बॉल यू हैव टू कट द ऑप्टिक नर्व आल्सो सो इट कम्स आउट विद द ऑप्टिक नर्व एंड देन दैट इज अटैच टू द रिसिपिएंट फिर उनकी वो ब्रेन की नर्व जो नर्व है उससे ये वाली नर्व को अटैच कर देते हैं कैसे ये अभी एक ही बारही हुआ है मतलब ऐसा हो नहीं रहा था अभी तक अभी दो चार महीने पहले एक जगह पे ऐसा
हुआ है एंड द रिजल्ट्स लुक पॉजिटिव अभी तक तो हम सिर्फ कॉर्निया जो होता था आगे का शीशा सिर्फ उसको ट्रांसप्लांट करते थे मतलब शायद 10 या 20 साल में वड हैव ब्लाइंडनेस केसेस कैन बी क्योर्ड और अब एक बायोनिक आई भी करके आ रही है सो इट इज एन आर्टिफिशियल आई जो हम आंख प लगा सकते हैं और वो आर्टिफिशियल आई को आपने रेटिना से अटैच कर दिया ये कुछ इस तरह का सिस्टम बनाया दैट यू कैन सी अगेन और अगर बायोनिक आय आ गई आ गई है इट इज इन द अर्ली स्टेजेस अभी
और जैसे-जैसे टाइम के साथ ही एडवांस हो जाएगी वी विल हैव वन मोर अल्टरनेटिव फॉर ब्लाइट पेशेंट्स और शायद एक और पॉसिबिलिटी ये हो सकती है कि टोनी स्टार्क की तरह आयरन मैन विजन हो जाएगी और क्या कि आप किसी को देखो उनकी पूरी प्रोफाइल दिख जाएगी आपको एक्सरे के बाद आगे दिख रहा है उसी का पूरा केमिकल स्ट्रक्चर दिख रहा है मतलब ऑगमेंटेड रियलिटी एआर इनसाइड आइस सो नाउ कैटरेक्ट सर्जरी आल्सो एआई बेस्ड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को यूज करके करते हैं हम जैसे इलन मस्क का एक न्यूरा लिंक टेक्नोलॉजी अभी वो निकल के आ रही
है कि कंप्यूटर ब्रेन इंटर द ब्रेस या थॉट्स को मैप कर सकते हो आप यू कैन ट्रांसफर द थॉट्स फ्रॉम वन पर्सन टू अदर हां ऐसी बहुत सारी चीजें आ रही है इट लुस वेरी फैसटिकट एक्चुअली कमर्शियली कब अवेलेबल होगी दैट इज द बिगर क्वेश्चन हाउ डू यू फील कि 20 30 साल बाद 2050 में आपको ऐसे टाइप के सर्जरी शायद करने होंगे ऑफकोर्स करने को मिलेगी एंड इ विल बी इविल बी इल बी नाइस एंड एक्साइटिंग एंड एंड ् म सी व्हाट इज हैपनिंग इज की लाइक वी र डिस्कसिंग की ह्यूमन बॉडी इ सो
कॉम्प्लिकेटेड एंड वी स्टिल डोंट नो सो मच अबाउट द ह्यूमन बॉडी इटस अ बिग मिस्ट्री जैसे यूनिवर्स के बारे में सब कुछ नहीं जानते ह्यूमन बॉडी के बारे में सब कुछ नहीं जानते तो एज आर अ इनसाइट्स एंड एंड द एजुकेशन अराउंड द ह्यूमन बॉडी इ इंक्रीजिंग तो वी आर एबल टू हैव न्यू प्रोसीजर्स एंड बेनिफिट आ पेशेंट तो धीरे धीरे करके मतलब हो रही है एडवांसमेंट हो रही है मेडिकल फील्ड में वो तो चलती रहेंगी दिस पार्ट ऑफ एवोल्यूशन एक और ब्लाइंडनेस रिलेटेड सवाल है कि जो आपने कहा कि अगर आईबॉल ट्रांसप्लांट्स कॉमन हो
गए दुनिया भर के डॉक्टर्स ने सीख लि आईबॉल ट्रांसप्लांट्स तो ऑल केसेस ऑफ ब्लाइंडनेस कैन बी कर्ड या इन ल प्रोबेबिलिटी यस क्योंकि ब्लाइंडनेस आंखों का ही प्रॉब्लम होता है एक्चुअली पूरे आईबॉल ट्रांसप्लांट के बहुत ज्यादा पता नहीं है ना अभी क्योंकि अभी एक ही तो केस हुआ है तो जैसे जैसे नंबर ऑफ केसेस बढ़ेंगे और ज्यादा रिसर्च होगी पेपर सामने आएंगे क्या-क्या प्रॉब्लम्स है वो सामने आएंगे सो वी विल हैव मोर इंफॉर्मेशन एंड इनसाइट्स टू वर्क अराउंड इ तो फिर हम इसको और रिफाइन करेंगे प्रोसीजर को जब मैंने मेरी खुद की वो आई सर्जरी
करी थी जेन लाइफ बदल गई उसके बाद एंड ट्स व आई रिलाइज द इंपोर्टेंस ऑफ आइज चच इज व्ट ज ब्रॉट मी टू टुडेज पॉडकास्ट ऑल आ से थैंक यू डॉक्टर व्ट यू डूइंग फॉर सोसाइटी आल्सो ये एक बहुत बहुत इंपॉर्टेंट ऑर्गन है और बहुत कम लोग इस ऑर्गन को समझते हैं आई थिंक कि आज हमारे कन्वर्सेशन के थ्रू लोग समझे आंखों को होप सो तो एनी साइनिंग ऑफ नोट्स डॉक्टर राल चौधरी साइनिंग ऑफ नोट्स दोज ऑफ यू हु आर प्लानिंग टू बिकम डॉक्टर्स आई थिंक इट इज द बेस्ट प्रोफेशन टू बी इन बिकॉज डॉक्टर
एक ऐसा प्रोफेशन है दैट इट्स वेरी फुलफिलिंग तो यू सी जब कोई अंधा इंसान का रेशन करते हो एंड दैट पेशेंट इज एबल टू सी अगेन तो पेशेंट तो खुश होता ही है बट उससे ज्यादा खुशी डॉक्टर को मिलती है बिकॉज ही फील्स दैट ही जज मेड डिफरेंस इन सम बडी ज लाइफ सो आई थिंक इट इज अ वेरी नोबल प्रोफेशन एंड अ वेरी कूल प्रोफेशन टू बी इन मत इट कम्स विद लॉट ऑफ रिस्पेक्ट एंड लॉट ऑफ एकेडमिक्स आल्सो सो यू हैव टू बी सीरियस व्हेन यू वांट टू बिकम अ डॉक्टर बट आई थिंक
इट इट्स अ ब्यूटीफुल प्रोफेशन टू बी इन ओके डॉक्टर चौधरी थैंक यू मजा आ गया आपके साथ बहुत कुछ सीखा एंड आई एम श्यर दिस विल इंपैक्ट सोसाइटी दोस्तों भर-भर के रील्स और शॉर्ट्स बनाओ बस ये कहना चाहता हूं थैंक यू गाइ डन वंडरफुल टू बी हियर तो दोस्तों ये था आज का पॉडकास्ट बहुत मजा आया बहुत कुछ सीखा एज इज द केस विद ऑल माय मेडिकल कन्वर्सेशन डॉक्टर्स मेरे फेवरेट गेस्ट हैं अब इस फेज में क्योंकि मुझे पता है कि आप लोगों को भी ऐसे कन्वर्सेशन बहुत ज्यादा जबरदस्त लगते हैं प्लीज इस एपिसोड को
लेकर फीडबैक दीजिए और मुझे यह बताइए कि और कौन से सब्जेक्ट्स कवर होने चाहिए हमारे मेडिक डिल सीरीज में लॉट्स टू लर्न ऑन टीआरएस सपोर्ट करते जाइए और हमारे सारे मेडिकल एपिसोड्स को कंज्यूम कीजिए दोस्तों लट् ऑफ लव टू यू गाइस वल सी यू वेरी बरी सून [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत]
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