[संगीत] गाइस एक कहावत है जो कि आपने जरूर सुनी होगी बचपन में अभी कभी भी कि आपके आसपास जो आपको दिखता है ना वह होता नहीं है एंड जो आपको नहीं दिखता है वह आपके इर्दगिर्द ही मौजूद होता है एंड यह जो कहावत है ना यह आज की इस कहानी से बहुत ही ज्यादा रिलेट करती है यह जो आज की कहानी है ना आपको एकदम ज्यादा ध्यान से सुननी पड़ेगी यह बहुत ज्यादा खौफनाक तो है ही लेकिन बहुत ज्यादा मिस्टीरियस भी है कि जिसके साथ यह सारा हादसा हुआ था उसे तो कभी यह सारी चीज
का इतना ज्यादा पावर नहीं मिला कि वो समझ सके कि यह मिस्ट्री क्या है वो उे कभी सॉल्व नहीं कर पाया लेकिन यह कहानी मुझे पूरी तरीके से पता है और यह मैं अभी आपको सुनाने वाला हूं आप इसको अगर पूरा सुनोगे तो शायद से आप इस मिस्ट्री को सॉल्व तो जरूर कर सकते हो लेकिन इस कहानी को अंत तक देखना अगर आप नहीं देखोगे तो इस कहानी के बहुत सारे ऐसे की डिटेल्स हैं जो आप मिस कर सकते हो तो अंत तक देखिए गाइज ये जो कहानी आज मैं आपको सुनाने वाला हूं यह हमारे
देश के उस कोने की है जिसे जन्नत कहलाया जाता है जन्नत आपने सही समझा यह कहानी होने वाली है कश्मीर के बारे में हमारे देश में हर एक इंसान ने कभी ना कभी एक चीज तो जरूर सुनी होगी कहीं कभी ना कभी जरूर सोची होगी कि जिस जगह को जन्नत कहलाया जाता है वहां पर जहन्नम जैसी हरकतें क्यों होती है इतनी वायलेंस क्यों होती है इतना खून खराबा क्यों होता है वह सारी कहानियां तो आपने सुनी होगी लेकिन आज जो कश्मीर की कहानी मैं आपको सुनाने वाला हूं वह खौफनाक के भी परे है सबसे खतरनाक
है सबसे खौफनाक ये एक ऐसे शख्स के बारे में होने वाली है जो कश्मीर में कई सालों बाद आया था इस शख्स का नाम है यूसुफ इस इंसान के साथ एक बार कोई घटना नहीं घटी कई बार घटी है एंड उसके साथ आपको भी खौफ महसूस होगा एक बार नहीं कई बार अब यह वीडियो शुरू करने से पहले ऐसे ही और हॉरर मिस्टीरियस एंड हिस्टोरिकल वीडियोस देखने के लिए सब्सक्राइब कर दीजिए इस चैनल को अब यह कहानी शुरू होती है यह कहानी है साल 2010 की जब यूसुफ नाम का शख्स जो कि 40 साल साल
का था वह न्यूयॉर्क से इंडिया की तरफ आ रहा था अपने माता-पिता को मिलने के लिए वह कई सालों बाद मिलने वाला था अपने मां-बाप से तो वह बहुत ही ज्यादा एक्साइटेड था क्योंकि कई सालों पहले यूसुफ जो था वह आउट ऑफ इंडिया चले गया था क्योंकि उसके मॉम डैड की जो फाइनेंशियल स्टेटस था जो फाइनेंशियल हालत थी व बहुत ही ज्यादा खराब था तो उस वजह से उसको मजबूरन आउट ऑफ इंडिया जाना पड़ा एंड उसने न्यूयॉर्क में जाके अपनी सारी स्टडीज कर ली थी वो हर बार आने की कोशिश करता था इंडिया में लेकिन
वो कभी आ नहीं पाता था उसके मां-बाप से भी उसकी इतनी ज्यादा कॉल पर बातचीत नहीं होती लेकिन एक बार की बात है जब उसको एक कॉल आया कि तुम्हारे पिता की तबीयत बहुत ज्यादा खराब है फिर यूसुफ ने सोचा कि अभी मुझे इतना ज्यादा वक्त नहीं गवाना चाहिए क्या पता कुछ भी हो सकता है फिर बिना वक्त गवाए उसने इंडिया की एक टिकट बुक कर ली वो इंडिया में पहुंच गया न्यू दिल्ली एयरपोर्ट एंड वहां से बिना वक्त गवाए उसने एक और एक गाड़ी बुक कर ली जो कि कश्मीर की तरफ जा रही थी
अब फाइनली यूसुफ कश्मीर में पहुंच चुका था उसने देखा कि अभी कश्मीर पिछले 20 साल में बहुत ही ज्यादा बदल गया था क्योंकि वह 20 साल पहले गया था अमेरिका एंड 20 साल में बहुत चीजें बदल चुकी थी व यही सारी चीजों में सोच रहा था कि क्या 20 साल पहले जो मैं घर छोड़ के गया था क्या अभी भी वह सेम टू सेम है क्या मेरे जो दोस्त है वह आज भी मुझे वहीं पर मिलेंगे जहां पर हम लोग रुका करते थे जहां पर हम लोग खेला करते थे क्योंकि उसने सारे दोस्तों को बता
के रखा था कि हां मैं कश्मीर में आने वाला हूं उसके पास वक्त बहुत ज्यादा कम था वो बस पाछ दिनों के लिए ही आया था कश्मीर उसे वापस जाना था लेकिन उसे बहुत सारे लोगों से मिलना था अब यूसुफ की गाड़ी फाइनली यूसुफ के घर की तरफ मुड़ चुकी थी एंड यूसुफ जाते-जाते यह सारी चीजें देख रहा था कि उसका जो मोहल्ला है जो उसने 20 साल पहले छोड़ा था वो अभी भी वैसे का वैसा ही है सारे दुकान वैसे के वैसे सारे घर वैसे के वैसे उसने देखा कि जिस दुकान से वह बचपन
में बिस्किट वगैरह चॉकलेट वगैरह लिया करता था वोह आज भी वैसे का वैसा ही है एंड आज के समय में उस दुकानदार का बेटा उस दुकान को चला रहा है वो यह सब कुछ देख के बहुत ज्यादा खुश हुआ अभी उसका एक्साइटमेंट और भी ज्यादा बढ़ गया था क्योंकि अब वो फाइनली उसकी जो गाड़ी थी वो उसके घर के सामने आक रुक गई वो अपने घर के पास गया उसने नॉक किया लेकिन किसी ने भी दरवाजा खोला नहीं उसने और ज्यादा नॉक किया किसी ने भी दरवाजा खोला नहीं फिर और भी बहुत ज्यादा भी भीड़
आने लग गई थी आसपास यूसुफ के क्योंकि यूसुफ वही लड़का था जिसने 20 साल पहले अपने मां-बाप से झगड़ कर इंडिया को छोड़ा था और अमेरिका चला गया था लोग उसको घुर घुर के देख रहे थे यूसुफ भी बहुत ज्यादा अनकंफर्ट बल होने लग गया उसने बोला यह क्या है यार घर पे अभी कोई भी नहीं है मैं एक काम करता हूं शाम में वापस आ जाऊंगा एंड वह फिर अपने घर से वापस जाने के लिए मुड़ गया वह जैसे ही मुड़ा ना पीछे से दरवाजा अपने आप खुल गया उसे लगा कि शायद से हवा
चल रही है इसके लिए वह अपने आप खुल गया होगा ठीक है उसने अपने सारे बैग्स लिए एंड वह घर के अंदर चला गया फिर वह जैसे ही अंदर गया अपना सामान लेकर उसने अपना सामान नीचे फेंका और उसने अपनी मां को आवाज लगाई दो-तीन बार आवाज लगाई लेकिन इस बार एक आवाज दूसरी तरफ से यूसुफ की तरफ आई और यह आवाज उसकी मां की ही थी यह आवाज आ रही थी पहले माले से फर्स्ट फ्लोर से यूसुफ भागता हुआ गया फर्स्ट फ्लोर प एंड उसने देखा कि उसकी मां उसके पिता के बाजू में बैठी
हुई है एंड उन दोनों की हालत बहुत ही ज्यादा खराब है दोनों बहुत ज्यादा बीमार है लेकिन इतनी ज्यादा बीमार होने के बावजूद यूसुफ की मां ने यूसुफ को गले लगाया उन दोनों की हालत देखकर यूसुफ भी बहुत ज्यादा इमोशनल हो गया था कि यह सब कुछ क्या हो गया इन दोनों को शायद से उसे रिग्रेट भी महसूस हो रहा था लेकिन स्टिल वो थोड़ा खुश भी था कि अभी फाइनली वो भले कुछ समय के लिए लेकिन अपने मां-बाप के साथ रह सकता है लेकिन यूसुफ यह नहीं जानता था कि उसकी पहली रात उस घर
में बहुत ही ज्यादा खौफनाक हो ये उसकी पहली रात थी उस घर में एंड वो अपने घर पर पानी भरने के लिए बस नीचे ही उतरा था उस समय उसने देखा कि उसके राइट साइड से ना खिड़की की तरफ कुछ तो आवाज आई कुछ हवाएं नहीं चल रही थी लेकिन वहां से आवाज आई वो एक खिड़की से दूसरी खिड़कियों की तरफ व आवाज गूंज रही थी फिर उसने थोड़ा ध्यान से देखने की कोशिश करी उसने देखा कि दोनों हाथों के फिंगरप्रिंट्स उस विंडो के ऊपर थे वो ध्यान से देख सकता था उसने और थोड़ा ध्यान
से देखा तो देखा कि सारे विंडोज पे वह हाथों के निशान हैं जैसे कि कोई तो इंसान है कोई तो शख्स है जो कि बाहर इतने रात के अंधेरे में खड़ा है और अंदर झांकने की कोशिश कर रहा है यह सब कुछ देखकर यूसुफ बहुत ही ज्यादा घबरा गया था उसके हाथ से उसके पानी की बोतल नीचे गिरी एंड यूसुफ फर्स्ट फ्लोर पर भाग गया अपने माता-पिता के पास जैसे ही अगली सुबह हुई यूसुफ अपने कमरे से निकलकर अपने माता-पिता के कमरे की तरफ गया और उसने अपनी मां को यह सारी बात बताई कि मां
मैं आधी रात को जब नीचे पानी की बोतल में पानी भर रहा था उस वक्त मैंने देखा कि हमारे विंडो पर हमारी खिड़कियों पर दो हाथों के निशान थे एंड मुझे ऐसा भी महसूस हुआ कि कोई तो इंसान है जो बाहर इतनी रात के अंधेरे में हमारे घर के तरफ झांक रहा था मुझे बहुत ज्यादा डर लग गया उस वक्त फिर यूसुफ की मां ने यूली बात कही कि वह हमारे ही घर के पड़ोस में रहता है एक आदमी जिसकी शादी हो जाने के बाद उसकी बीवी का इंतकाल हो गया था मर ग मर गई
थी उसकी बीवी तो उसी के बाद से उसका जो मानसिक संतुलन में कुछ सही नहीं है वह आसपास बस घूमता रहता है चाहे रात हो या दिन फिर यह सुनने के बाद यूसुफ बहुत ज्यादा काम डाउन हो गया था कि नहीं यह कोई लाइक ऐसे दूसरी दुनिया की चीज नहीं थी यह एक इंसान ही था उसे बहुत ज्यादा रिलीफ मिल गया था इनफैक्ट अग अगली रात में तो उसने उसके घर से बाहर जाकर उसको ढूंढने की भी कोशिश करी थी एंड उसी दिन यूसुफ को उसके एक दोस्त की पार्टी इन्विटेशन मिली एंड क्योंकि यूसुफ इतने
सालों बाद आया है कश्मीर में उसको अपने दोस्तों का कोई भी मौका नहीं मिला था अब तक तो फाइनली उसे लगा कि इस पार्टी में जब मैं जाऊंगा तो मेरे सारे दोस्त हो गए वहां पे मैं जाऊंगा यहां पे एंड ये पार्टी का इन्विटेशन कुछ शाम के बाद का था जब योली बात यूसुफ ने अपने माता-पिता को बताई तो यूसुफ के जो पिता थे उन्होंने यूसुफ को एक बत कान खोल के सुनने को कही थी कि कुछ भी हो जाए तू जहां पर भी जा रहा है तू चाहे पार्टी में जा रहा है या कहीं
प भी जाए बस रात को 12:00 बजने से पहले घर पे आ जाना वरना कुछ तो गलत हो सकता है यूसुफ ने कहा अरे यार मुझे वैसे ही बहुत ज्यादा लेट हो रहा है आप अभी निकलने से पहले ये सारी ऐसे अपशगुन वाली बातें क्यों कर रहे हो फिर यूसुफ ने बोला हां हां मैं ध्यान रखूंगा एंड वो घर से बाहर निकल गया फिर यूसुफ जैसे उस पार्टी में गया वह अपने सारे दोस्तों से मिलने लग गया उस उन लोगों ने जम के पार्टी करी बहुत ज्यादा एंजॉय किया लेकिन अभी भी पार्टी खत्म नहीं हुई
थी एंड यूसुफ ने अपने घड़ी की तरफ देखा उसने देखा कि रात के 12:00 बज चुके हैं लेकिन स्टिल उसे ऐसा लग रहा था कि अभी तो रात के 12:00 बजे है लेकिन फिर भी पार्टी एंड नहीं हुई है कोई भी अभी तक नहीं निकला मैं निकलूंगा तो शायद से इन लोगों को थोड़ा बहुत बुरा लग सकता है तो मैं यहीं पर रुकता हूं फिर यूसुफ का एक दोस्त आया उसके पास दानिश उसके सारे दोस्तों को थोड़ा तो अजीब लग रहा था लेकिन दानिश उसके पास आया और उसने बोला कि भाई शायद से तुझे यहां
पे नहीं रुकना चाहिए आधी रात तक तुझे घर चले जाना चाहिए फिर यूसुफ को थोड़ा सा रूड लगा उसने बोला कि ऐसा क्यों बोल रहा है फिर दानिश ने यूसुफ को एक कहानी सुनाई दानिश ने कहा कि यूसुफ तू जिस रास्ते से आया है ना मेरे घर के तरफ उसके बीच में एक रास्ता आता है एक ब्रिज आता है जिसका नाम है गौ केडल ब्रिज तू जब अभी यहां से निकलेगा भी ना तभी भी तेरे को उस ब्रिज के जरिए ही जाना पड़ेगा तो यूसुफ ने बोला ठीक है हां तो फिर दानिश ने कहा कि
जिस ब्रिज से तू अी जाने वाला है ग केडल ब्रिज उसका एक बहुत पुराना इतिहास है और वह इतिहास कुछ इस तरीके का है वहां पर साल 1990 में 50 लोग मारे गए थे एक ही रात में और यह भी बताया जाता है कि आज भी जब आधी रात में उस जगह से कोई भी गुजरता है तो फिर उस इंसान को उस शख्स को उन प्रेत आत्माओं की आवाजें सुनाई देती है वहां पर भटकते हुए दिखते हैं यह सारी बातें सुनकर यूसुफ एकदम जोर का हंस पड़ा उसे लगा अरे भाई क्या तू यह सारी गन
कहानियां मुझे सुना रहा है मैं इतने सालों बाद आया हूं तो फिर तू ऐसा क्यों स्वागत कर रहा है मेरा फिर दानिश ने काफी सीरियसली कहा कि यह कहानी सच्ची है मेरे दोस्त यह कहानी घटती है कई लोगों के साथ हुआ है यह सारी चीजें फिर यूसुफ ने कहा भाई मेरे साथ होगी तब मैं देख लूंगा अभी पार्टी एंजॉय करते हैं फिर यूसुफ ने इस कहानी को मन गणन मान के इसको इग्नोर किया एंड अब रात के : बज चुके थे सब घर जा चुके थे सिर्फ बच गया था तो यूसुफ अब अब रात के
3:00 बजे यूसुफ अपने गाड़ी में बैठा क्योंकि उस वक्त पार्टी में वहां पर कोई था ही नहीं और वो वहां से निकला रास्ते भर यूसुफ के दिमाग में यही जो उसके दोस्त दानिश ने बात कही थी वही घूम रही थी बार-बार कि शायद हो सकता है कि गौ केडल रोड में ऐसा कुछ हादसा हो सकता है उसके साथ ंड अभी गौ केडल ये जो ब्रिज था वो आ ही रहा था अभी उसके नजरों के सामने एंड उससे देखा कि ब्रिज के कोने में एक छोटी बच्ची खड़ी है एंड वो रो रही है फिर उसके बाद
यूसुफ को थोड़ा लगा कि भाई यह क्या है लाइक इतने आधी रात में 3:00 बज रहे हैं यार यह लड़की इतने शमशान जगह पे एक ब्रिज प खड़ी होकर रो क्यों रही है फिर उसको लगा कि नहीं यार शायद हो सकता है कि ये कोई प्रेत आत्मा हो लेकिन यूसुफ अपने उसूलों का एकदम पक्का था उसको लग रहा था कि नहीं यह सारी कहानी मन गणन है मैं इसकी मदद कर देता हूं वो बस सोच ही रहा था इसके बारे में कि वह अभी गाड़ी रोकेगा लेकिन गाइस आप सबको पता है कि आधी रात में
जब 3:00 बज रहे हो रास्ते में शमसान है वीराना है अंधेरा है और आपको वहां पर जब कोई मिल जाता है किसी से मुलाकात हो जाती है तो इंसान है या कोई प्रेत आत्मा उसका कोई भी चांस नहीं होता है अब यूसुफ ने अपना एक पक्का फैसला कर लिया था कि उसको अभी अपनी गाड़ी रोक देनी थी उसने वह गाड़ी को रोक दिया जैसे ही उसने गाड़ी रोका तो वह जो बच्ची की आवाज आ रही थी रोने की वो अचानक से बंद हो गई एंड उसे ना महसूस हो रहा था कि कोई तो अभी ना
उसकी गाड़ी की तरफ तो आरहा है कदमों की आवाज आ रही थी उसे उसने अपने विंडो की तरफ देखा तो उसे एक चीज महसूस हो रही थी कि कोई तो उसके शीशे की तरफ बढ़ रहा है उसने जैसे ही विंडो को नीचे किया उसके आंखों के सामने एक छोटी सी बच्ची खड़ी थी फिर यूसुफ गाड़ी से बाहर उतरा एंड उसने उस लड़की के पास जाकर पूछा कि आप रो क्यों रहे थे जब से फिर उस बच्ची ने कहा कि मेरे मॉम डैड मुझे नहीं मिल रहे हैं माता-पिता नहीं मिल रहे हैं मैं बहुत समय से
उन्हें ढूंढ रही हूं लेकिन उनकी आवाज मुझे जरूर आती रहती है वह मुझे आवाज जरूर लगाते रहते हैं फिर यूसुफ ने कहा कि आवाज कहां से आती है आपको जरा मुझे वो बताओगे फिर उस लड़की ने एक तालाब की तरफ अपनी उंगली का इशारा किया जो कि उस ब्रिज को लग के ही था यूसुफ और वह बच्ची उस तालाब के तरफ गए एंड देखा तो उस तालाब के ऊपर दो लोगों की डेड बॉडीज तैर रही थी उन दो डेड बॉडीज को तैरते हुए देखकर यूसुफ बहुत ज्यादा शौक हो गया तो उसकी आंखें बड़ी हो गई
थी एंड व जल्दी से जल्दी अपने सारे कपड़े उतार के वो उस तालाब के अंदर कूदने जा रहा था कि तभी उस लड़की ने यूसुफ का हाथ पकड़ लिया एंड उसने बोला कि इन दोनों को तो आप बचा लोगे लेकिन बाकियों का क्या फिर यूसुफ ने बोला आपका मतलब फिर उस लड़की ने उस तालाब के ऊपर इशारा किया यूसुफ ने जब उस तालाब के ऊपर देखा तो देखा कि अभी वहां पर दो डेड बॉडीज नहीं है कम से कम 40 से 50 डेड बॉडीज तैर रही थी यूसुफ बहुत ही ज्यादा शॉक्ड हो गया था उसको
अब समझ में आ गया था कि यह सारी चीजें असली नहीं है वह अपने गाड़ी के ओर भागा बहुत तेजी से भागा अपने गाड़ी के अंदर जाकर बैठ गया एंड वो कैसे-कैसे करके वहां से निकलने लगा लेकिन उसने एक और एक चीज देखी कि पूरे रास्ते पर खून है सिर्फ खून फिर वह जैसे ही अपने घर के तरफ पहुंचा वह भागते हुए अपने घर की तरफ गया ए उसे बहुत ज्यादा दरवाजे को पीटने लग गया लेकिन दरवाजा कोई नहीं खोल रहा था और ज्यादा उसने पीटना शुरू किया लेकिन फिर भी दरवाजा किसी ने नहीं खोला
यह कश्मीर है इतनी ज्यादा ठंड थी वहां पर और वह अकेला उस वक्त इतनी रात के अंधेरे में वह अपने दरवाजे के बाहर खड़ा था कांप रहा था वहीं उसने देखा कि दूर से कोई तो इंसान चलते हुए आ रहा है एंड वह उसके घर के तरफ आ रहा था एंड उसने उस यूसुफ को इग्नोर करके उस घर के खिड़कियों के पास चला गया व एंड खिड़की के पास से वह अंदर वापस से झांकना शुरू कर दिया उसने फिर यूसुफ को लग गया कि यह वही इंसान होगा जो हर रात को आकर हमारी खिड़कियों से
अंदर झांकता है फिर उस शख्स के पास यूसुफ गया बहुत ज्यादा एग्रेसिवली पूछा कि यह सब कुछ तुम क्या कर रहे हो इतने दिनों से मैं देख रहा हूं कि तुम आ रहे हो यहां पर आके झाक के जा रहे हो तुम यहां पे कर क्या रहे हो तुम पागल हो तुम सर फि रहे हो इसलिए मैं तुम्हें छोड़ रहा हूं लेकिन बताओ तुम यहां पर क्या कर रहे हो फिर उस इंसान ने बहुत घोर के देखा उसको यूसुफ ने बोला कि ऐसे घोर के क्या दिख र हो ये मेरे मां-बाप का का घर है
आप यहां पे ऐसे झांक नहीं सकते हो फिर उस इंसान ने बोला कि कौन से मां-बाप किस किन लोगों की बातें कर रहे हो आप फिर यह सब कुछ सुनने के बाद यूसुफ ने कुछ देर तक कुछ बोला ही नहीं फिर उसके बाद उस इंसान ने यूसुफ को कहा कि कई दिनों से हम देख रहे हैं काफी लोग देख रहे हैं कि जब घर में 20 साल से कोई भी नहीं रह रहा है फिर भी आप यहां पे आके बेल बजा रहे हो फिर भी आप आके यहां पर दरवाजा खटखटा रहे हो दिन रात अपने
आप से ही यहां पे बातें करते रहते हो वो भी इतने अंधेरे में घर के अंदर कुछ भी नहीं है फिर भी आप यह सब कुछ क्यों कर रहे हो इसी कुछ रीजन के वजह से इसी कुछ फिक्र के वजह से जो यहां के मोहल्ले वाले हैं वह डर के मारे उन्होंने मुझे य वाली बात कही है कि आप यहां पे आके निगरानी रखो कि आपको कुछ हो ना जाए आप यह सारी चीजें क्या कर रहे हो इसके लिए मैं आपके घर में झांक रहा था ये सब बातें सुनने के बाद यूसुफ ने बस इतना
ही कहा कि आप झूठ बोल रहे हो ऐसा नहीं हो सकता फिर उस आदमी ने यूसुफ को एक जगह प शांति से बिठाया कहा कि शायद से आप 20 साल से यहां पर नहीं हो इसलिए आप इस इन बातों से अनजान हो उस आदमी ने कहा कि आज से 20 साल पहले आपके मां-बाप एक प्रोटेस्ट का हिस्सा थे यहां पे कश्मीर में एंड उस प्रोटेस्ट में 50 से 100 लोगों की मौत हुई थी सब लोगों को गोलियों से छन्नी कर दिया था और सब लोगों की मौत हो गई थी उस समय एंड बताया जाता है
कि उस जगह पे गौ केडल ब्रिज पर आज भी उन लोगों की प्रेत आत्माएं भटकती है रोती है चीखती है चिल्लाती है मदद मांगती है एंड कोई भी अगर उनकी पुकार सुन लेता है तो फिर उनको बहुत ज्यादा घिनौनी चीजें सुननी पड़ती है बहुत ही घिनौनी चीजें देखनी पड़ती है और जहां तक बात रही आपके मां-बाप की तो आप जिनसे इतने समय से बात कर रहे हो वह शायद से आपके मां-बाप ही है लेकिन वह जिंदा नहीं उनकी आत्माएं है जिससे आप बात कर रहे हो एंड वह और भी ज्यादा जीवित महसूस कर रहे हैं
आपसे मिलने के बाद लेकिन एक बात का आप ध्यान रखो और एक बात कान खोल के सुन लो कि आपके आसपास आपको जो भी दिख रहा है जो जो भी आपको लोग दिख रहे हैं वह जिंदा नहीं है यूसुफ यह सारी कन्वर्सेशन के दौरान सारे लिंक्स और डॉट्स को जोड़ने में लग गया था उसको ऐसा लग रहा था कि वह इंसान गलत है यूसुफ उस इंसान को गलत प्रूफ करने के पीछे ही पड़ा हुआ था लेकिन ऐसा कुछ हो ही नहीं रहा था क्योंकि यह सारी बातें सच थी जो भी उस इंसान ने बातें कही
थी हर एक बात एकदम सच थी यूसुफ यह सारी बातों को एक बुरा सपना समझ के भूल जाना चाहता था लेकिन उसके मां-बाप को खोने का दुख व बिल्कुल भी सहन नहीं कर पा रहा था तो वापस से वह न्यूयॉर्क की तरफ चला गया एंड गाइस लिटरली आज भी यली बात कही जाती है कि कश्मीर का वह ब्रिज गौ केडल ब्रिज आज भी उतना ही ज्यादा खौफनाक है यह कहानी तो साल 2010 की है लेकिन आज साल 2024 में भी वह ब्रिज उतना ही ज्यादा खौफनाक है आधी रात में वहां पर कोई भी नहीं भटकता
है यली बात कही जाती है ना कि अगर कहीं पर भी किसी भी इंसान की मौत हुई हो उसकी कोई इच्छा अधूरी रह गई हो तो वह कभी भी उस इलाके को छोड़ता नहीं है ए अगर आप भी कभी किसी इलाके में ऐसे पहुंच गए हो और आपको ऐसी कोई इतिहास पता है कि हां यहां पर किसी की मौत हुई है कई सालों पहले उसकी कोई ना कोई इच्छा अधूरी रह गई थी तो वहां से निकल जाइए जितना जल्दी हो सके निकल जाइए चाहे वह आपका घर क्यों ना हो वरना हो सकता है कि वह
अपनी अधूरी इच्छा आपके जरिए पूरी करनी चाहे