इलन मस्क नेटवर्थ 190 बिलियन डॉलर्स जेफ बेजॉस नेटवर्थ $ बिलियन डॉल मुकेश अंबानी पर्सनल नेटवर्थ 110 बिलियन डॉलर्स लेकिन अगर मैं आपसे कहूं कि इस दुनिया में एक ऐसा इंसान भी था जिसकी पर्सनल नेटवर्थ इन तीनों लोगों की कंबाइन नेटवर्थ से भी ज्यादा थी तो क्या आप यकीन करोगे मैं बात कर रहा हूं जॉन डी रॉकफेलर की एक ऐसा आदमी जिसकी पर्सनल नेटवर्थ आज तक कोई भी बीट नहीं कर पाया जॉन डी रॉकफेलर एक ऐसा वक्त था जब यह आदमी पूरी अमेरिका की ऑयल सप्लाई का 90 पर कंट्रोल करता था यहां तक कि उस वक्त
पर अमेरिका की सभी ऑयल रिफाइनरी रेल रोड्स गैस पाइपलाइंस हर एक चीज पर इस आदमी का इतना कंट्रोल था कि आप सोच भी नहीं सकते एक बहुत ही गरीब फैमिली में पैदा हुआ लड़का जिसके पास रहने को घर नहीं खाने को खाना नहीं और पहनने को कपड़े नहीं आखिर उसने सिर्फ 15 सालों में ऐसा क्या कर दिखाया कि वो इस दुनिया का सबसे अमीर और सबसे पावरफुल आदमी बन जाता है यहां तक कि रॉकफेलर एक वक्त पर इतना पावरफुल बन जाता है कि यूएस का प्रेसिडेंट तक उसको अपना दुश्मन डिक्लेयर कर देता है ऑयल से
लेकर मीडिया तक और यहां तक कि अमे में अगला प्रेसिडेंट कौन बनेगा यह सारी चीजें रॉकफेलर के कंट्रोल में थी पर कैसे रॉकफेलर आखिर इतने कम वक्त में इतना पावरफुल कैसे बन गया आखिर क्या है वह रॉकफेलर का सच जो किसी को मालूम ही नहीं है टाइकून जॉन डी रफलर द वर्ल्ड फर्स्ट [प्रशंसा] [संगीत] बिर हि नेट वर्थ इज नाउ ओवर 50 मिलियन और 225 बिलियन ट [संगीत] डे यह कहानी शुरू होती है साल 1839 में जब एक किसान परिवार में जॉन डी रॉकफेलर इस आदमी का जन्म होता है अब फैमिली किसान तो थी मगर
उनकी फाइनेंशियल कंडीशन कुछ खास नहीं थी यहां तक कि इतनी खराब थी कि उनके पास रहने को ढंग का घर और खाने को रोटी भी नहीं होती थी अब जैसे हर बच्चे के बाप की जिम्मेदारी होती है कि वह परिवार का ध्यान रखे उसी तरीके से जॉन के पिता की भी थी मगर जॉन के पिता मिस्टर विलियम एवरी रॉकफेलर इन सारी चीजों से बहुत दूर थे ऐसा इसलिए था क्योंकि विलियम से चाहे कुछ भी काम करवा लो एथलेटिक्स हिप्नोसिस स्कैम फ्रॉड इल्लीगल चीजें बेचना कुछ भी लेकिन उससे बस खेत में काम नहीं होता था यहां
तक कि एक बार जॉन के पिता एक कंपटीशन में भालू जीतते हैं और फिर उसी भालू को ट्रेन करकर वो लोगों के सामने दिखाते थे ताकि उस से वो पैसे कमा पाए अब जॉन के पिता उल्टे सीधे काम करके पैसे तो खूब कमा लेते थे लेकिन जब भी बात जिम्मेदारी उठाने की आती थी तो वो गायब हो जाते थे और इसी चीज की वजह से जॉन के घर की हालत इतनी खराब हो जाती है कि कई बार तो उसकी मां और बहन को भूखा सोना पड़ता था अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये जॉन
के पिता हर बार गायब कहां हो जाते थे तो देखो दरअसल ये आदमी दो जिंदगियां जीता था विलियम की एक जिंदगी तो फैमिली वाली थी मगर अपनी दूसरी जिंदगी के अंदर वो एक कॉर्न आर्टिस्ट थे अगर हिंदी भाषा में बोलूं तो एक ठग विलियम रॉकफेलर अलग-अलग शहरों में जाके अपना नाम बदलकर डॉक्टर विलियम लिविंगस्टन रख लेते थे जिसके बाद वो लोगों को फेक टॉनिक और अलग-अलग नकलियत वाइयांपलायम का फार्मिंग में हाथ बटा नहीं लगे ताकि फार्मिंग से भी कुछ ज्यादा पैसे आ पाए और ये करते-करते ना जॉन को हार्ड वर्क की इंपॉर्टेंस समझ में आती
है और जब तक वो 10 साल के होते हैं वो अलग-अलग तरीके के काम करके पैसे कमाना शुरू कर देते हैं अब धीरे-धीरे परिवार की गाड़ी ट्रैक पर आ रही थी जॉन भी ठीक-ठाक पैसे कमा रहे थे लेकिन तभी एक खबर आती है और वो खबर ये थी कि जॉन के पिता मिस्टर विलियम रॉकफेलर को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया था और अरेस्ट किस लिए किया था क्योंकि उनके ऊपर एक लड़की को सेक्सुअली असोल्ट करने के चार्जेस लगाए गए थे अब भले ही कोर्ट में ये चार्जेस प्रूव नहीं हो पाते मगर बदनामी बहुत ज्यादा होती
है इसलिए जॉन और उसके परिवार को वह शहर छोड़कर दूसरी जगह जाना पड़ता है अब वैसे तो इतना सब कुछ करने के बाद एक आम आदमी सुधर जाता है मगर हमारे डॉक्टर साहब नहीं सुधरे वो जेल से निकलते हैं और एक अलग शहर में जाकर दूसरी शादी कर लेते हैं जिसके बाद जॉन और उसके परिवार की हालत पहले से और भी ज्यादा खराब हो जाती है एक बात पूछूं आपसे क्रिप्टो स्टॉक्स इन्वेस्टिंग फ्यूचर एंड ऑप्शंस क्या ये सारी चीजें आपको भी एक्साइट करती हैं क्योंकि इन्वेस्टिंग जो है ना वो बहुत सारे लोगों के लिए बहुत
ही कॉमन और डिपेंडेबल सोर्स बन गया है एक साइड इनकम मर्न करने का पर इन्वेस्ट और ट्रेड करने के लिए आखिर सही प्लेटफार्म कौन सा है ये कैसे पता लगेगा तो देखो इस बारे में जब मैंने अपनी थोड़ी सी रिसर्च करी तो मेरे को कॉइन डेपो मिला जो कि आपको पैसिव इनकम अर्न करने का एक सिंपल तरीका देता है और वो भी बिना किसी ट्रेडिंग या फिर मार्केट को वॉच करे देखो कॉइन डेपो को जो चीज यूनिक बनाती है वो है उसके हाई इंटरेस्ट रेट्स ऑन इट्स क्रिप्टो सेविंग्स अकाउंट सर्विस जो कि ये इंश्योर करता
है कि आपको अपने क्रिप्टो और स्टेबल कॉइंस के ऊपर 12 पर से लेकर 24 पर पर एनम तक का प्रॉफिट मिल सकता है सिंपल है आपका पैसा यहां पर रुके नहीं बल्कि और भी ग्रो करेगा अब यहां पे बात यह कि इन सभी मामलों में बहुत सारे लोगों का सबसे बड़ा कंसर्न होता है सिक्योरिटी तो इसके लिए कइन डेपो प्रोवाइड करता है एंटरप्राइज ग्रेड मल्टी लेयर सिक्योरिटी सिस्टम जो आपको देता है द मोस्ट एडवांस सिक्योरिटी एंड सेफ्टी मेजर्स ऑन द मार्केट विद पार्टनर्स एज गुड एज फायर ब्लॉक्स जो कि बनाते हैं आपके इन्वेस्टमेंट को 100%
इंश्योर्ड विद इजी विड्रोल्स तो स्टार्ट इन्वेस्टिंग विद कॉइन डेपो आपको बस एक अकाउंट क्रिएट करना है और मेरा ये जो मैंने आपको बोनस कूपन कोड दे रखा है इसको जरूर से यूज कीजिएगा क्योंकि इससे आपको मिलेगा $10 का बोनस वो भी एकदम फ्री में सो यू कैन हेड स्टार्ट बाय क्लेम कॉइन डेपो का $10 का बोनस द लिंक इज इन द डिस्क्रिप्शन एंड कमेंट बॉक्स जॉन डी रॉकफेलर कुछ बच्चे ना वक्त से पहले मैच्योर हो जाते हैं और वो इसीलिए क्योंकि जिंदगी उनको वक्त से पहले बहुत कुछ दिखा देती है जॉन को यह समझ में
आ गया था कि अब उसको अपने पूरे परिवार का ख्याल खुद ही रखना पड़ेगा इसलिए वह सबको लेकर क्लीवलैंड जो कि ओहायो में एक जगह है वहां पर शिफ्ट हो जाता है वो बहुत कोशिश करते हैं और तब जाकर उनको हिट एंड टर्टल नाम की एक कंपनी के अंदर एज अ बुक कीपर की जॉब मिलती है अब सैलरी तो बहुत बहुत ही कम थी मगर वो तब भी बहुत खुश होते हैं इनफैक्ट वो आगे चलकर 26 सितंबर इस दिन को एक छुट्टी रखते हैं क्योंकि इस दिन को वो एज अ जॉब डे सेलिब्रेट करते हैं
क्योंकि ये वही दिन था जब उनकी पहली जॉब लगी थी अब काम छोटा था मगर जॉन को सीखने को बहुत कुछ मिलता है कि एक बिजनेस आखिर चलता कैसे किन-किन चीजों से एक बिजनेस स्ट्रांग होता है कंपटीशन से कैसे डील किया जाता है जॉन को अपने आसपास ही सब कुछ सीखने को मिलता है उस जमाने में जॉन ने एक वक्त पर $4000 का चेक पकड़ कर ये कहा था कि एक वक्त आएगा जब मैं अपने बॉस से भी ज्यादा कमाऊ जब जॉन ये करता है तो उसके आसपास के लोग उसका बहुत मजाक उड़ाते हैं मगर
किसी को नहीं पता था कि एक वक्त ऐसा भी आएगा जब जॉन के लिए $4000 कोई मायने ही नहीं रखेंगे जॉन ने 50 सेंट से अपना सफर शुरू किया था और अब वो पहुंच चुके थे $50 पर मंथ जो उस वक्त पर लोगों के लिए एक बहुत बड़ी बात हुआ करती थी और जॉन का उस वक्त पर भी एक रूल था कि चाहे वो कितना भी कमाए वो अपनी अर्निंग का 10 पर हर महीने चैरिटी में डोनेट करते थे अब जॉन जिस कंपनी में काम करते थे आगे चलकर जब उस कंपनी के फाउंडर की डेथ
हो जाती है तो जॉन उस कंपनी के अंदर एक सीनियर अकाउंटेंट की पोस्ट पर पहुंच जाते हैं और यही वो वक्त था जब उन्होंने इस कंपनी को बैंकर पट होने से भी बचाया अब जॉन को नौकरी करते हुए कई साल हो गए थे और उसने इन कई सालों के अंदर बहुत सारा पैसा इकट्ठा कर लिया था और अब बारी आती है एक बड़ा रिस्क लेने की इसलिए यहीं से जॉन का जो बिजनेस का सफर था वो शुरू होता है जब जॉन अकाउंटेंट की पोस्ट पर काम कर रहे थे तो उस वक्त उनकी मुलाकात मॉरिस क्लार्क
नाम के एक आदमी से होती है मॉरिस एक केमिस्ट था जिसको केमिकल्स और मर्चेंट गुड्स के बिजनेस के बारे में काफी ज्यादा नॉलेज थी इसलिए जॉन और मॉरिस ये दोनों लोग $2000 डालकर क्लार्क एंड रॉकफेलर नाम की अपनी एक कंपनी शुरू करते हैं और यह जो कंपनी थी यह मर्चेंट गुड्स जैसे कि आटा दाल चावल राइस इन सारी चीजों के होलसेल में डील करती थी जब जॉन और मॉरिस ने ये कंपनी शुरू करी थी तो स्टार्ट करने के पहले साल के अंदर ही उन्होंने $5 लाख का रेवेन्यू कर लिया था जिसमें से $400 का वो
लोग प्रॉफिट कमाते हैं और उसके अगले साल जो वो प्रॉफिट करते हैं वो था $17000 अब ये सुनने में बहुत छोटा लग रहा होगा लेकिन ये बात है 18611 सेंट के अंदर-अंदर पूरे घर का राशन जाता था मगर धीरे-धीरे इन दोनों लोगों का वक्त बदलता है और अमेरिका के अंदर सिविल वॉर शुरू हो जाती है अब जैसे ही ये वॉर शुरू होती है तो जितने भी मर्चेंट गुड्स थे यानी कि आटा दाल चावल मीट इन सभी चीजों के प्राइसेस एकदम से बढ़ जाते हैं अब उस वक्त पर इस चीज से किसी को फायदा हो या
ना हो लेकिन क्लार्क एंड रॉकफेलर की जो कंपनी थी उन्होंने इस चीज का फायदा उठाकर खूब पैसा कमाया क्योंकि अब सामान के प्राइसेस बढ़ चुके हैं और ये लोग जितना ज्यादा सामान बेचेंगे उतना ही ज्यादा ये लोग कमीशन कमा रहे थे अब आप में से बहुत सारे लोग सोच रहे होंगे कि आखिर जॉन हर साल अपने बिजनेस को डबल कैसे कर लेता था इसके पीछे की क्या कहानी है तो देखो इसका सिंपल सा कारण था कि जॉन का जो बिजनेस करने का स्टाइल है वो हमेशा से बहुत ही अग्रेसिव रहा है वो किसी भी कंपीटीटर
को मार्केट में टिकने ही नहीं देता था और जॉन ये सब कुछ कर कैसे पाता था बहुत सारे पैसों की मदद से अब आप सोचोगे कि आखिर ये पैसा कहां से आ रहा था तो दरअसल जॉन करता ये था कि उसकी कंपनी की जो इन्वेंटरी थी उसकी वैल्यू बहुत ज्यादा हुआ करती थी तो वो अपनी इस इन्वेंटरी के नाम पर बैंक से लोन उठा लेता था और फिर इसी लोन के पैसे का इस्तेमाल करके वो मार्केट में अपने सामान को बहुत ही कम प्राइसेस प बेचता था जिससे कि कुछ ही वक्त में उसका जितना भी
कंपटीशन है वो मार्केट से बाहर हो जाता था वो सर्वाइव ही नहीं कर पाते थे तो जॉन अकेला मार्केट में प्लेयर बन जाता था जो कि उस सामान को वहां पर बेच रहा है मगर कुछ ही वक्त में जॉन को यह एहसास हो जाता है कि ये जो मर्चेंट गुड्स का बिजनेस है इसको वह बहुत लंबे टाइम तक नहीं कर सकता क्योंकि फ्यूचर में उसको इसका बहुत बड़ा स्कोप नहीं दिख रहा था उन्हें इससे कमीशन तो ठीक-ठाक आता था लेकिन अब उनको तलाश थी एक ऐसे बिजनेस की जो उन्हें इससे भी ज्यादा पैसा कमा कर
दे और आगे चलकर वो बिजनेस बनता है ऑयल आज की अगर हम बात करें तो हम सभी लोग बिजली से चलने वाली ट्यूब लाइट्स में बैठते हैं लेकिन ये बात हो रही है 1860 की उस वक्त पर ना तो बिजली थी और ना ही ट्यूबलाइट थी उस जमाने में ना लोग लैंटर्न का इस्तेमाल करते थे अपने घर में रात को रोशनी करने के लिए और ये जो लैंटर्न होते थे ये केरोसीन से चलते थे मगर क्योंकि उस वक्त ऑयल की डिस्कवरी बहुत ही कम हुई थी और बहुत ही कम क्वांटिटी में ऑयल मिलता था इसलिए
उस वक्त यह चीज भी ज्यादा लोग अफोर्ड नहीं कर पाते थे मगर फिर अचानक से उन्हीं दिनों एक बहुत बड़ी ब्रेकिंग न्यूज़ आ आती है एडविन ड्रेक इस नाम के बंदे को पेंसिल्वेनिया के अंदर ऑयल डिस्कवर होता है और वो ऑयल डेरेक एक मशीन होती है उसका इस्तेमाल करके वहां पर ऑयल को निकाल रहा होता है अब देखो जो क्रूड ऑइल होता है उसको जब तक प्रोसेस ना किया जाए तब तक उसकी एज सच कोई बहुत ज्यादा वैल्यू नहीं होती है पर उस वक्त पर एक बंदा था जिसका नाम था सैमुअल एंड्रूज जो कि एक
इन्वेस्टर ढूंढ रहा था ताकि वो अपनी एक ऑयल रिफाइनरी सेटअप कर पाए और यहीं पर सैमुअल और जॉन की मुलाकात होती है क्योंकि जॉन के पास अच्छा खासा पैसा तो था मगर वो तलाश कर रहा था एक ऐसी अपॉर्चुनिटी जो उसको बहुत ज्यादा अच्छे रिटर्न्स निकाल कर दे इसलिए जैसे ही सैमुअल जॉन को अपनी ऑयल रिफाइनरी का आईडिया पिच करते हैं तो जॉन तुरंत हां कर देते हैं पर जॉन ने सैम्यूल को यहां क्यों करी उस वक्त पर तो रिफाइनरी और भी लोग सेटअप कर रहे थे तो देखो इसका जो मेन कारण था वो था
केरोसीन क्रूड ऑयल से बहुत सारे डेरिवेटिव प्रोडक्ट्स निकलते हैं जिसको फ्रैक्शन और डिस्टलेशन के प्रोसेस से निकाला जाता है मगर उस वक्त पर जो केरोसीन था वो इन क्रूड ऑयल के डेरिवेटिव प्रोडक्ट्स में से सबसे ज्यादा वैल्यूएबल्स इसलिए क्योंकि जो केरोसीन होता है वो ज्यादा देर तक जलता भी है और ज्यादा लाइट भी एमिट करता है तो लोगों के लिए उसको लैंटर्न के अंदर इस्तेमाल करना बहुत ही ज्यादा यूज़फुल था इसलिए हर कोई उस वक्त पर अपने घर पर केरोसिन लैंप्स का इस्तेमाल कर रहा था एंड इसी चीज का फ्यूचर पोटेंशियल देखते हुए जॉन सैमुअल
को $4000 का लोन देते हैं ताकि वो अपनी ऑयल रिफाइनरी सेटअप कर पाए लेकिन यह जो ऑयल का बिजनेस था इसके अंदर एक बहुत बड़ी दिक्कत थी और उस दिक्कत का नाम था द लक ड्राइवर्स जब सारे ऑयल वेल्स खाली हो जाती थी तो एक क्रूड ऑयल बैरल का जो प्राइस था वो $14 तक पहुंच जाता था लेकिन जब सार लोग ड्रिलिंग कर रहे होते थे और सभी ऑयल वेल्स में बहुत सारा ऑयल होता था तो ये जो प्राइस था वो नीचे गिर के सिर्फ 40 सेंट्स पर ऑयल बैरल पे पहुंच जाता था और इसी
वजह से जो सबसे बड़ी दिक्कत होती थी वो ये कि जो केरोसिन के प्राइसेस होते थे वो मार्केट में बहुत ही ज्यादा फ्लक्ट करते थे तो आखिर मार्केट में ये केरोसिन किस प्राइस पर बिकेगा उसके ऊपर किसी का कंट्रोल ही नहीं था इसलिए कुछ वक्त के बाद जो जॉन के पुराने पार्टनर थे मॉरिस वो अपना पूरा का पूरा स्टेक इस ऑयल रिफाइनरी में जॉन को बेच देते हैं अब जब ऐसा होता है तो जॉन को जरूरत थी अपनी इस कंपनी को एक नया नाम देने की और वो इस कंपनी का नाम रखते हैं स्टैंडर्ड ऑयल
अब जब जॉन अपनी इस कंपनी को स्टैंडर्ड ऑयल के नाम से रीब्रांड कर रहे थे तो उस वक्त पर उनकी मुलाकात एक आदमी से होती है जिसका नाम था हेनरी फ्लैग अब ये जो हेनरी था इसके अंदर एक खास बात थी कि वैसे तो वो जॉन की तरह ही डिसिप्लिन और हार्ड वर्किंग था लेकिन जब बात बिजनेस की आती है तो वो बिजनेस को एक वॉर की तरह देखता था जिसके अंदर जीतने का एक ही तरीका है कि दुश्मन को पूरी तरीके से खत्म कर दो अब इस तेल के बिजनेस में इतने वक्त तक काम
करने के बाद जॉन और हेनरी फ्लैग इन दोनों को ये समझ में आता है कि जो तेल स्टैंडर्ड ऑयल बना रही है वैसा ही सेम केरोसीन तो मार्केट में बाकी कंपनीज भी बेच रही हैं तो ऐसी कंडीशन के अंदर इस मार्केट पे हम लोग तभी राज कर सकते हैं जब हम कंपटीशन को जड़ से उखाड़ कर फेंक दें और यहीं से जो जॉन की जिंदगी है वो एक नया मोड लेती है एक ऐसा मोड जिसने उसकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी अब देखो चाहे आप जमीन से कितना भी ऑयल निकाल लो लेकिन उसका तब
तक कोई फायदा नहीं है जब आप उसको रिफाइनरी के अंदर रिफाइन करके अलग-अलग जगहों पर ट्रांसपोर्ट करके कस्टमर्स तक ना पहुंचा दो और 1800 ये जो जमाना था उस वक्त पर ट्रांसपोर्ट का मतलब था ट्रेन क्योंकि उस वक्त पर ना ऑयल और स्टील जैसे जो प्रोडक्ट्स हैं उनको एक जगह से दूसरी जगह पर ट्रांसपोर्ट करने का ट्रेन से ज्यादा सस्ता और फास्ट तरीका कोई और था ही नहीं मतलब कि यहां पर मोटी मोटी कहानी ये थी कि आने वाले वक्त में जिसने भी ट्रेन के ऊपर कब्जा जमा लिया वो पूरी ऑयल इंडस्ट्री को कंट्रोल कर
लेगा क्योंकि जो ऑयल है वो ट्रांसपोर्ट तो ट्रेन से ही होता है अब उस वक्त पर ना जो अमेरिका का पूरा रेल नेटवर्क था उसको ये तीन बड़ी कंपनीज चलाती आती थी पहली कंपनी थी न्यूयॉर्क सेंट्रल दूसरी कंपनी थी एरी रेल रोड और जो तीसरी और इनमें से सबसे पावरफुल कंपनी थी वो थी पेंसिल्वेनिया रेल रोड कंपनी मगर जब जॉन ये सारा कुछ हेनरी के साथ मिलकर चला रहे थे तो उस वक्त पर एक न्यूज़ आती है वो न्यूज़ ये थी कि जो पेंसिल्वेनिया रेलरोड कंपनी है वो क्लीवलैंड के अंदर अपने ऑपरेशंस बंद करने जा
रही है अब देखो ये वो वक्त था जब क्लीवलैंड ऑयल ड्रिलिंग का सबसे बड़ा हब हुआ करता था मगर इसके बावजूद भी क्योंकि अब क्लीवलैंड से पेंसिल्वेनिया रेल रोड अपने ऑपरेशंस बंद करके जा रही थी तो कई सारी जो नई रिफाइनरी सेट होने वाली थी वो क्लीवलैंड में अपनी रिफाइनरी सेटअप नहीं करते हैं मगर जब यह सब होता है तो इसका सबसे बड़ा झटका लगता है बाकी दो रेलरोड कंपनीज को जो कि न्यूयॉर्क सेंट्रल और एरी रेल रोड थे क्योंकि वो लोग तो अभी भी क्लीवलैंड में काम कर रहे थे मगर क्लीवलैंड के अंदर जो
बाकी रिफाइनरी थी अब वो शट डाउन हो रही थी क्यों क्योंकि सबसे बड़ी रेलरोड कंपनी शहर छोड़कर जा चुकी थी पर यहीं पर ना जॉन एक बहुत बड़ा मूव खेलते हैं वो एरी रेलरोड और न्यूयॉर्क सेंट्रल इन दोनों कंपनीज के साथ अपनी जो ट्रांसपोर्टेशन डील है उसको रिनेगन रॉकफेलर कहते हैं कि वह अपना सारा का सारा माल इन दोनों कंपनीज के थ्रू ही भेजा जाएंगे यहां तक कि जो वह माल अभी तक भेजते थे वह उससे भी ज्यादा माल इन दोनों कंपनीज के थ्रू भिजवाए लेकिन इसके बदले में उनको अपनी पूरी ट्रांसपोर्टेशन शिपमेंट के ऊपर
75 का डिस्काउंट चाहिए अब ये सिचुएशन ऐसी हो गई थी कि ना चाहते हुए भी इरी रेल रोड्स और न्यूयॉर्क सेंट्रल इन दोनों कंपनीज को क्लीवलैंड के अंदर सरवाइव करने के लिए जॉन डी रॉकफेलर की ये कंडीशन माननी पड़ती है क्योंकि दोनों ही कंपनीज को बिजनेस की सख्त जरूरत थी और जॉन डी रॉकफेलर से ज्यादा बिजनेस उन्हें कोई भी और प्लेयर मार्केट में दे ही नहीं सकता था जो न्यूयॉर्क सेंट्रल था वो जॉन डी रॉकफेलर के जो ऑयल बैरल्स थे उनको $1.6 पर ऑयल बैरल पर शिप करते थे जबकि व बाकी सारे के सारे ऑयल
शिपमेंट्स के लिए $2.75 चार्ज करते थे बाकी प्लेयर्स से अब इसी की वजह से जो जॉन को सबसे बड़ा फायदा होता है वो यह कि जो क्रूड ऑयल उनकी रिफाइनरी तक इन ऑयल रिग से आना होता है उन सारी शिपमेंट्स के ऊपर उनको अच्छा खासा डिस्काउंट मिल जाता है तो उनके लिए जो यह ऑयल है क्रूड ऑयल उसका प्राइस बहुत कम हो गया है और जाहिर सी बात है कि जब उनको क्रूड ऑयल का प्राइस कम पड़ता है तो वो मार्केट के अंदर जो उनका केरोसीन बिकता है उसको भी कम प्राइस पर बेच सकते थे
क्योंकि उनकी कॉस्ट कम हो गई जिसकी वजह से जो बाकी कंपीटीटर्स थे वो उनकी कंपनी के साथ कंपीट ही नहीं कर पा रहे थे इसलिए अब जो जॉन के पास एडवांटेज थी वो पूरी मार्केट में किसी भी और कंपीटीटर के पास नहीं थी और यही वो जगह है जहां पर शुरू होती है इस दुनिया की सबसे बड़ी ऑयल की प्राइस वॉर अब जो क्रूड ऑयल था वो जॉन की कंपनी को सबसे सस्ता पड़ता था तो उसकी कंपनी जो केरोसिन बनाकर मार्केट में बेचती थी उसके प्राइसेस भी वो सबसे ज्यादा कम रखते थे इनफैक्ट धीरे-धीरे एक
वक्त ऐसा आता है जब जॉन की कंपनी स्टैंडर्ड ऑयल अपने केरोसीन के प्राइसेस इतने कम कर देती है कि कोई भी और दूसरी कंपनी उनके इन प्राइसेस से कंपीट ही नहीं कर पा रही थी जिसकी वजह से या तो वो कंपनी बंद हो जाती थी या फिर इतने लॉस में चली जाती थी कि उस कंपनी के पास अपने एसेट्स को बेचने के अलावा कोई चारा ही नहीं बचता था और मार्केट में इसी सिचुएशन का फायदा उठाकर जॉन डी रॉकफेलर जितनी भी कंपनीज जो बर्बाद हो रही थी उन सबको बहुत ही सस्ते रेट में खरीद के
अपने स्टैंडर्ड ऑयल के एंपायर के अंडर जोड़ लेता था लेकिन वो कहते हैं ना कि एवरी एक्शन हैज एन इक्वल एंड अपोजिट रिएक्शन क्योंकि यहां पर भी ऐसा ही कुछ होता है ये सारा कुछ करते-करते जॉन डी रॉकफेलर ने ऑयल के प्राइसेस इतने कम कर दिए थे कि अब ये जो ऑयल की पूरी मार्केट थी यही क्लैप्स होने वाली थी और अगर बाय चांस ऐसा हो जाता तो सबसे ज्यादा जो नुकसान होता वो जॉन डी रॉकफेलर की कंपनी स्टैंडर्ड ऑयल को ही होता इसलिए अपनी इस प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए वो पेंसिल्वेनिया रेल रोड
के जो चेयरमैन थे मिस्टर टॉम स्कॉट उनसे एक मीटिंग करने पहुंचते हैं अब ये जो मीटिंग थी इसके अंदर जॉन डी रॉकफेलर वंडर बिल्ट टॉम स्कॉट और उनका चाइल्डहुड प्रॉडिजिट एंड्रू कार्नेगी ये सारे लोग मिलकर एक रेलवे डील को रिनेगन रॉकफेलर का ये कहना था कि उनकी कंपनी स्टैंडर्ड ऑयल पेंसिल्वेनिया रेल रोड्स इरी रेल रोड्स और न्यूयॉर्क सेंट्रल ये सारे लोगों को मिलकर आपस में एक अलायंस बना लेनी चाहिए अब ये जो अलायंस बनती है इसके अंदर एक डील सेट होती है कि जॉन की कंपनी स्टैंडर्ड ऑयल ये जो तीन रेल रोड कंपनीज हैं इन्हीं
के थ्रू अपना ऑयल सप्लाई करा करेगी जिसके बदले में ये तीनों रेल रोड कंपनीज जॉन की कंपनी को 50 पर डिस्काउंट देंगे उनके शिपमेंट कॉस्ट के ऊपर लेकिन इसी डील का एक और हिस्सा भी था और वो हिस्सा यह था कि ये तीनों कंपनीज जो जॉन के कॉम्पिटेटिव भी है कि जॉन जो थे वो अपने कॉम्पिटेशन को जड़ से खत्म करना चाहते थे इसलिए उन्होंने इसी डील के अंदर एक और कंडीशन रख दी और वो कंडीशन ये थी कि अगर इन तीनों में से कोई भी कंपनी उसके किसी भी कंपीटीटर का माल शिप करती है
तो इन कंपनीज को उसका 50 पर भी जॉन की कंपनी को देना पड़ेगा तो मतलब अगर इन तीन कंपनीज के थ्रू कोई और अपना माल शिप भी करवाता है तो इनडायरेक्टली उससे भी जॉन को प्रॉफिट हो रहा था मगर दिक्कत ये होती है कि धीरे-धीरे जब ये बात बाकी ऑयल रिफाइनिशिव कत में ये सारे प्रोटेस्ट इतने ज्यादा बढ़ जाते हैं कि इन रेल रोड कंपनीज को इस पूरी डील को ही कैंसिल करना पड़ता है उस वक्त पर पूरे क्लीवलैंड के अंदर टोटल 26 ऑयल रिफाइनरी थी जिसमें से जॉन ने 22 ऑइल रिफाइनरी को कंगाल करके
अपने स्टैंडर्ड ऑयल के अंडर जोड़ लिया था अब यहां पर जॉन के पास सबसे ज्यादा ऑयल रिफाइनरी का कंट्रोल भी था और सबसे पावरफुल मैन पावर भी थी एंड इन्हीं सब चीजों का इस्तेमाल करके वो अपनी सारी की सारी ऑयल रिफाइनरी की टेक्नोलॉजी को एक नेक्स्ट लेवल पर ले जाते हैं ताकि उनकी कॉस्ट कम से कम रह पाए और प्रॉफिट को मैक्सिमाइज किया जा सके और ये सब कुछ इतना एग्रेसिवली किया जाता है कि सिर्फ 10 साल के अंदर-अंदर स्टैंडर्ड ऑयल पूरे साल के 1 मिलियन बैरल ऑयल से भी ज्यादा ट्रांसपोर्ट कर रहा था मगर
एक सेकंड आखिर इतने कम वक्त के अंदर ये सब कुछ हुआ कैसे तो देखो दरअसल ये सारा कुछ पॉसिबल होता है जॉन डी रॉक फिलर की एग्रेसिव बिजनेस स्ट्रेटेजी के चलते जैसे सबसे पहले तो जॉन ने जितनी भी रिफाइनरी थी और जितने भी ऑयल बैरल्स थे इन सारी चीजों को बहुत ही सस्ते रेट पर खरीद कर स्टोर कर लिया जिससे हुआ ये कि अगर कोई गलती से ऑयल निकाल भी लेता है तो उसके पास ना तो रिफाइनिशिव वो चाहकर भी उस पूरे ऑयल को ट्रांसपोर्ट ही नहीं कर सकता प्लस जो इनसाइड इंफॉर्मेशन रॉकफेलर को इन
तीन कंपनी से मिलती थी वो उसका इस्तेमाल करके अपने केरोसिन के प्राइसेस इतने कम कर देता था कि जितने भी कंपीटीटर्स थे मार्केट में वो रॉकफेलर से कंपीट ही नहीं कर पाते थे यहां तक कि एक वक्त ऐसा भी आ गया था कि स्टैंडर्ड ऑयल को लोग ऑक्टोपस कहने लगे थे पर यहां पर भी एक ट्विस्ट आता है अब एक तरफ तो जॉन अपने बिजनेस को बहुत ही स्पीड से एक्सपेंड कर रहे थे मगर वहीं पर दूसरी तरफ 18 सितंबर 18735 जाते हैं और ये जो दिन था ना इसको आज भी लोग हिस्ट्री में ब्लैक
थर्सडे के नाम से जानते हैं अब जब ये सब कुछ होता है तो दिक्कत ये आती है कि इन बैंक्स के क्लैप्स होने की वजह से ऑयल के प्राइसेस भी कोलैक्स कर जाते हैं क्यों क्योंकि अब लोगों के पास ऑयल खरीदने के पैसे ही नहीं थे तो अभी तक जो मार्केट के अंदर ऑयल के प्राइसेस आसमान छू रहे थे वो एकदम से जमीन पर आ जाते हैं प्राइसेस इतने नीचे आ जाते हैं कि जहां पर एक बैरल वाटर की कीमत 50 सेंट हुआ करती थी वहीं पर एक बैरल ऑयल बिकता था सिर्फ 40 सेंट के
अंदर मतलब कि पानी से भी सस्ता तेल बिक रहा था लेकिन जब ये सब कुछ हो रहा था तो इसके बीच में भी जॉन एक बहुत बड़ी अपॉर्चुनिटी देखते हैं अभी तक जॉन क्लीवलैंड ओहायो के अंदर जितनी भी रिफाइनरी थी उनको तो कंट्रोल कर ही रहे थे मगर इस बैंक कोलैक्स की वजह से जो बाकी शहर है जैसे कि पिट्सबर्ग न्यूयॉर्क इन सारे शहरों के अंदर भी जो ऑयल रिफाइनर्स थी उन सबकी हालत बहुत टाइट हो गई थी इसलिए जॉन इस मौके का फायदा उठाकर फिलाडेल्फिया पिट्सबर्ग न्यूयॉर्क ये जितने भी बाकी के शहरों के अंदर
रिफाइनरी थी इन सारी की सारी रिफाइनरी को कोडियो के दाम पर खरीद लेते हैं मगर मार्केट में इतना सब कुछ कुछ करने के बाद भी स्टैंडर्ड ऑयल और भी तरीके ढूंढ रहा था जिससे कि वो अपने कॉस्ट को कम कर पाए और प्रॉफिट्स को और ज्यादा बढ़ाया जा सके और ऐसा करने के लिए अब जॉन ने रेल रोड्स की बजाय अलग-अलग शहरों में पाइपलाइंस तक सेटअप करनी शुरू कर दी ताकि अब जितनी भी ऑयल रिग्स हैं जहां पर ये सारा का सारा ऑयल ड्रिल होता है वहां से ये सारा का सारा क्रूड ऑयल उसकी रिफाइनरी
तक पाइपलाइन के थ्रू आ जाए और जैसे ही ये ऑयल उसकी रिफाइनरी में पहुंचे तो इस ऑयल को रिफाइन करके जो केरोसीन बनता है वो उसको तुरंत पैक करके कस्टमर्स तक पहुंचा दें जिससे कि जॉन को एक और फायदा होता है कि अभी तक जो उनकी रेल रोड्स के ऊपर डिपेंडेंसी थी अब वो सारी डिपेंडेंसी भी कम हो जाती है और उनकी कॉस्ट भी बहुत कम हो जाती है लेकिन अब जो वक्त था वो बहुत तेजी से बदल रहा था और ये जो ऑयल की इंडस्ट्री थी इसके अंदर भी अब काफी चेंजेज आने वाले थे
जैसे कि जो सबसे पहला चेंज आता है वो था लाइट बल्ब का इन्वेंशन एडिसन ने लाइट का बल्ब इन्वेंट करके जो लोगों की केरोसिन लैंप्स के ऊपर डिपेंडेंसी थी वो पूरी डिपेंडेंसी ही खत्म कर दी इसलिए पहले जो मार्केट के अंदर केरोसिन की डिमांड ऑल टाइम हाई पर थी वो अब नीचे आने लगी थी फिर जो दूसरा चेंज आता है वो ये कि नॉर्दर्न ओहायो के अंदर अब बहुत सारा ऑयल मिलने लगा था जिसकी वजह से जो ऑयल की सप्लाई थी वो मार्केट में बहुत ज्यादा बढ़ जाती है और जैसा कि आपको पता है कि
मार्केट के अंदर जब किसी पर्टिकुलर प्रोडक्ट की सप्लाई बहुत ज्यादा हो जाती है मगर उसकी डिमांड नहीं बढ़ती तो उसके जो प्राइसेस हैं वो नीचे आने शुरू हो जाते हैं और केरोसीन के साथ भी ये सेम चीज होती है पर जब भी ऑयल इंडस्ट्री के अंदर कोई भी प्रॉब्लम आती है तो जॉन डी रॉकफेलर उसके अंदर हमेशा एक अपॉर्चुनिटी खोजते थे और इस वक्त भी उनको एक अपॉर्चुनिटी मिलती है जो स्टैंडर्ड ऑयल है वो अभी अभी तक तो सारी रिफाइनरी को कंट्रोल कर ही रहा था पर जैसे ही ऑयल मार्केट में कंडीशंस बदलती है तो
स्टैंडर्ड ऑयल वर्टिकल इंटीग्रेशन करना शुरू करता है मतलब कि अब सिर्फ रिफाइनरी ज नहीं बल्कि ऑयल रिक्स ट्रांसपोर्टेशन पैकेजिंग और यहां तक कि डिस्ट्रीब्यूशन हर एक चीज के अंदर स्टैंडर्ड ऑयल अपना हाथ जमा रहा था अब अमेरिका में इस वक्त पर ना एक और चीज बदलती है कि जितने भी जो अमीर लोग थे वो सारे के सारे लोग कार से ट्रेवल करने लगे थे मगर उस वक्त पर अमेरिका में जितनी भी कार्स चलती थी ये सारी कार्स चलती थी गैसोलीन से दरअसल जब आप क्रूड को रिफाइन करके उसमें से केरोसिन निकालते हो तो गैसोलीन एक
वेस्ट प्रोडक्ट की तरह निकलता है और सिंपल सी बात है कि जितनी भी स्टैंडर्ड ऑयल की रिफाइनरी थी वहां पर तो सबसे ज्यादा केरोसिन निकलता था तो अब जो गैसोलीन था उसके ऊपर भी स्टैंडर्ड ऑयल ने अपना कंट्रोल जमा लिया अब रॉकफेलर की जिंदगी में ये वो पॉइंट आ चुका था कि उन्होंने इतना पैसा कमा लिया था कि उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था कि आखिर वो करें क्या वो इस वक्त पर अमेरिका के सबसे अमीर आदमी बन जाते हैं और अब उनका काम था कि वो अपनी इस वेल्थ को मेंटेन करके रख पाए
और उनकी लाइफ के इसी मोमेंट में उनकी मुलाकात एक चर्च प्रीस्ट से होती है जिसका नाम था फ्रेडरिक गेट्स अब जॉन गेट्स को यह जिम्मेदारी देते हैं कि वोह इस पैसे को सही तरीके से इन्वेस्ट करें ताकि आगे चलकर यह पैसा और भी ज्यादा ग्रो करें जिसको ध्यान में रखते हुए अब गेट्स जॉन का पैसा अलग-अलग इंडस्ट्रीज में इन्वेस्ट करने लगते हैं ताकि आगे चलकर अगर ऑयल इंडस्ट्री में कोई चेंज भी आता है तब भी रॉकफेलर की जो वेल्थ है उसके ऊपर कोई असर ना पड़े जैसे कि एक सबसे बड़ी इन्वेस्टमेंट जो उन्होंने रॉकफेलर के
लिए करी थी वो यह था कि उन्होंने मसाबी माउंटेन रेंज को खरीद लिया ये दरअसल एक 120 किमी लंबी भी माउंटेन रेंज थी जहां पर अमेरिका में मिलने वाले सबसे हाई क्वालिटी के आयरन ओर्स थे अब ये इन्वेस्टमेंट इतनी वैल्युएबल इसलिए थी क्योंकि जो आयरन ओर है वो उस वक्त पर और यहां तक कि आज भी एक बहुत ही हाई वैल्यू प्रोडक्ट को बनाने के लिए इस्तेमाल होता है और उस प्रोडक्ट का नाम है स्टील स्टील बनाने के लिए जो सबसे ज्यादा एसेंशियल रॉ मटेरियल यूज होता है वो होता है आयरन ओर अब जॉन के
पास स्टैंडर्ड ऑयल का 30 पर शेयर था यहां तक कि जो कार की इंडस्ट्री थी वो भी बहुत स्पीड से बूम कर रही थी जिस वजह से आने वाले टाइम में जो उनकी कंपनी के प्रॉफिट थे वो एकदम दुगने हो चुके थे और फ्रेडरिक गेट्स जिन्होंने उनका पैसा अलग-अलग जगह पर इन्वेस्ट किया था उन्होंने भी उनको खूब पैसे कमा कर दिए अब ये सारा कुछ चल ही रहा था कि जॉन की जिंदगी में एक बहुत बड़ी मुसीबत आकर खड़ी हो जाती है और उस मुसीबत का नाम था यूएस के प्रेसिडेंट रूजवेल्ट और एक जर्नलिस्ट ईडा
टार बेल दरअसल ईडा टार बेल के जो फादर थे वो एक ऑयल रिफाइनर थे जो कि जॉन की वजह से बैंकर पट हो जाते हैं और क्योंकि इस सबके बाद उनके पास कोई चारा नहीं बचा था तो उन्होंने अपनी जान ले ली थी इसलिए ईडा अपने फादर का बदला लेने के लिए जॉन के अगेंस्ट हर एक न्यूज़पेपर के अंदर अलग-अलग तरीके के आर्टिकल्स और बहुत सारी ऐसी चीजें डालती थी जिससे कि वो उनके सीक्रेट्स दुनिया के सामने ला पाए उसके हर एक आर्टिकल के अंदर जॉन की कंपनी के सीक्रेट एलायंसेज शेडी डील्स गवर्नमेंट ऑफिशल्स और
पॉलिटिशियन को रिश्वत देना ये सारी चीजें एक्सपोज की जाती थी अब जहां पर ईडा अपने आर्टिकल्स के थ्रू जॉन के पीछे पड़ी हुई थी वहीं पर प्रेसिडेंट रूजवेल्ट जॉन के अगेंस्ट एक अलग ही खेल खेल रहे थे प्रेसिडेंट रूजवेल्ट अपनी पावर का इस्तेमाल करके स्टैंडर्ड ऑयल के ऊपर मोनोपलाइजेशन प्रेडेटरी प्राइसिंग सीक्रेट ओनरशिप ऐसे कई सारे एलिगेशंस लगवा हैं एंड फाइनली 15th में 1911 को जाकर ये सारे के सारे एलिगेशंस सच साबित होते हैं जिसके बाद फेडरल कोर्ट ये ऑर्डर देता है कि स्टैंडर्ड ऑयल को डिजॉल्ड्रिंग कंपनी को तोड़कर कई सारी छोटी-छोटी कंपनीज बनाई जाएंगी ताकि
ये जितना भी कुछ ऑयल इंडस्ट्री के अंदर चल रहा है ये सब कुछ आगे फ्यूचर में जाकर रिपीट ना हो मगर यूएस गवर्नमेंट का ये मूव दरअसल जॉन के लिए और भी ज्यादा फायदेमंद साबित होता है क्योंकि जैसा कि मैंने आपको पहले बताया कि जॉन डी रॉकफेलर के पास स्टैंडर्ड ऑयल का 30 पर शेयर था तो जब स्टैंडर्ड ऑयल को डिजॉल्ड्रिंग हैं एंड आगे चलकर जब ये कंपनी साइज में बड़े होने लगती है और स्टॉक मार्केट पर लिस्ट होती है तो जॉन का जो शेयर था उसकी वैल्यू बहुत ज्यादा तरीके से मल्टीप्लाई कर जाती है
और ऐसा होने के बाद जॉन पहले से भी ज्यादा पैसे कमाते हैं पर इन सारी चीजों के बाद मैं आपसे एक सवाल पूछना चाहता हूं कि आपको क्या लगता है जॉन ने ये जितना भी कुछ किया क्या ये सब कुछ करना सही था क्योंकि आज अगर हम इंडि की बात करें तो ऐसे कई बिजनेस ग्रुप्स हैं जो कि ये सेम चीज प्रैक्टिस कर रहे हैं और इस लेवल पर कर रहे हैं कि आने वाले टाइम में यह चीज एक बहुत ही खतरनाक रूप ले सकती है अब यह क्यों और कैसे हो पा रहा है अगर
आप भी इस बात को जानना चाहते हो तो यह राइट वाली वीडियो देख लेना