मिडिल क्लास का इंसान सिर्फ एक तरीके से करोड़ों रुपए कमा सकता है और नहीं वो हार्ड वर्क माइंडसेट स्मार्टनेस पैसा इनफ्लुएंस कनेक्शन या फिर NEET, JEE या यूपीएससी इनमें से कुछ भी नहीं है उस साइंटिफिक तरीके को यूज करके चंडीगढ़ के एक लड़के ने 416 करोड़ बना लिए हैं एक Pakode bechne वाला 25000 करोड़ का मालिक बन गया और तो और एक मिडिल क्लास स्कूल ड्रॉप आट लड़के ने इस साल मे में 4416 करोड़ कमा शुरू में तो मुझे भी लगा कि इनकी किस्मत की वजह से एक बार हो गया होगा पर जब मैंने पूरे
6 महीने तक हजारों आर्टिकल सैकड़ों इंटरव्यूज और दसियों बुक्स खंगाले तब ये बात समझ में आई कि इसके पीछे एक प्रॉपर लॉजिकल मेथड है इस डॉक्यूमेंट्री में हम उसी मेथड को कई एक्सट्रीमली इंटरेस्टिंग रियल लाइफ एग्जांपल्स के थ्रू समझेंगे जिससे आप चाहे कोई भी नौकरी करते हो या स्टूडेंट ही क्यों ना हो आज से ही उस मेथड को अप्लाई करके मिडिल क्लास से मिलियनेयर बनने के रास्ते पर चल पड़ोगे साथ ही आपके लिए दो छोटे से गिफ्ट्स भी हैं और नहीं ये कोई क्लिक बेट या जेनरिक ज्ञान नहीं है ये एक प्योर प्रैक्टिकल रैशनल और
प्रूवन मेथड है जिसकी पहली कड़ी है स्पेसिफिक नॉलेज अब ये किस बला का नाम है इसे समझने के लिए हमें चलना होगा आसाम जहां डिब्रूगढ़ के Agrasen अकेडमी में कुछ साल पहले हम जैसा ही एक मिडिल क्लास घर का लड़का 10थ की पढ़ाई कर रहा था उसके भी पेरेंट्स इंडिया के हर मिडिल क्लास पेरेंट्स की तरह डांटते रहते थे कि पढ़ ले जेई क्रैक कर ले और कुछ बन जा उधर उसकी दिली इच्छा थी कि इस मिडिल क्लास के फाउंडेशन से खुद को और अपनी फैमिली को जल्द से जल्द बाहर निकाले पर उसका पढ़ाई में
तो मन ही नहीं लग रहा था बल्कि एक दूसरी चीज में बहुत इंटरेस्ट था कंप्यूटर्स उसने अपने घर में बड़े पुराने लैपटॉप को उठा लिया और डिसाइड किया कि वो स्कूल जाना ही छोड़ देगा और खुद से ही कोडिंग करके ऐप डेवलपमेंट का काम करेगा आप समझ ही सकते हो उसके घर में क्या रिएक्शन रहा होगा इस बार खैर उसने जैसे-तैसे अपने पेरेंट्स को मनाया बट अब यह समस्या आ गई कि उसे सिखाएगा कौन क्योंकि कॉलेज तो दूर स्कूल तक तो वो जा नहीं रहा था आसाम जैसी जगह में कोई मेंटर मिलना भी पॉसिबल नहीं
था तो इसके लिए उसने सहारा लिया youtube ka ा ए भी एए whatsapp-web ये लाखों लोगों तक पहुंच गया उस ऐप का नाम है टेक्स और उस लड़के का नाम है कश्चन बगिया और अभी कुछ ही मंथ पहले वर्डप्रेस के फाउंडर मैट पलन वग ने इस ऐप को एक्वायर किया है पूरे 50 मिलियन डॉलर यानी कि लगभग 44116 करोड़ में इस मिडिल क्लास लड़के के पास कुछ भी नहीं था ना कोई बड़ी जमा पूंजी थी ना कोई बड़ी डिग्री ना कोई गॉडफादर था ना ही कोई एक्सपीरियंस ऐसा भी नहीं था कि वो पिछले 10-15 साल
से इस प्रोजेक्ट में काम कर रहा हो हार्डली दो से तीन साल लगे उसे अपने बेडरूम में बैठकर इस ऐप को डेवलप करने में और खुद को इंडिया के रिचेस्ट लोगों में में शामिल करने में और ऐसा वह क्यों कर पाया स्पेसिफिक नॉलेज के दम पर उसने एक ऐसी प्रॉब्लम पकड़ी जो करोड़ों लोगों को अफेट करती है और उसको सॉल्व करने के लिए जितनी नॉलेज चाहिए थी उसे एक्वायर करने में जुट गया मैड जिन्होंने इस ऐप को खरीदने के लिए 50 बिलियन डॉलर खर्चे वो खुद वर्डप्रेस के फाउंडर हैं वो प्लेटफार्म जिस पर दुनिया की
करोड़ों वेबसाइट बनती और रन करती क्या उनके पास ऐसी एक्सपर्टाइज्ड में ऐसा कोई और इंजीनियर नहीं था जिसे वोह ₹ च करोड़ देकर यह ऐप बनवा ले और अपने पैसे बचा लें जवाब है नहीं किशन ने दिन रात ट्रायल एंड एरर कर कर के ऐप को डिप्लॉयड टेस्ट कर कर के ऐसी स्पेसिफिक नॉलेज एक्वायर कर ली थी जो ना सिर्फ उस ऐप को बनाने बल्कि उसे रन करने के लिए भी क्रिटिकल थे और मैट को यह बात बहुत अच्छे से पता है इसीलिए उन्होंने इस ऐप को एक्वायर करने के बाद किशन को अपने साथ सैन
फ्रांसिस्को में ही रख लिया है इसे रन करने के लिए यही होता है स्पेसिफिक नॉलेज इसके और भी कुछ कंपोनेंट्स हैं जिन्हें हम एक-एक करके कई इंटरेस्टिंग एग्जांपल्स के साथ समझेंगे पर उसके पहले एक और अमेजिंग ट्रू स्टोरी क्या आपको पता है स्टीव जॉब्स उसको उन्हीं की बनाई कंपनी से धक्के मार के बाहर निकाल दिया गया था स्टीव जॉब्स एक नॉर्मल सी मिडिल क्लास फैमिली को बिलोंग करते थे और कॉलेज ड्रॉप आउट होने के बाद अपनी गाड़ी बेचकर मिले पैसों से स्टीव ने apple-system को बेइज्जत करके कंपनी से बाहर निकाल दिया इसके बावजूद स्टीव ने
हार नहीं मानी एज ए फाउंडर उनके पास apple's के बिना डूबने के कगार पर आ गई थी इसके सॉल्यूशन के लिए apple's ने ये ऑफर एक्सेप्ट किया और अपने रहते बिलियन डॉलर की कंपनी बना दी है अब ऐसा तो नहीं है कि स्टीव के जाने के बाद एल में कोई अच्छा इंजीनियर ही नहीं बचा था बल्कि उनसे कहीं ज्यादा काबिल इंजीनियर्स अब भी मौजूद थे फिर क्यों स्टीव को वापस बुलाना पड़ा वही रीजन स्पेसिफिक नॉलेज अपने शाप ब्रेंस और मेहनत के दम पर स्टीव ने इनोवेशन टेक्नोलॉजी और बिजनेस के वो क्रिटिकल एस्पेक्ट सीख लिए थे
जो उनके अलावा इस पूरी दुनिया में किसी को नहीं आते थे और यही वजह है कि इतनी बड़ी कंपनी अपना ईगो साइड करके उनके सामने छुप गए देखो आप बेतहाशा अमीर तभी बन पाओगे जब बहुत सारे लोग खुशी-खुशी आपको पैसा ने और इसके लिए दो चीजें चाहिए एक तो लोगों की जेब से पैसा निकले और दूसरा आपकी जेब में जाए लोग अपनी जेब से पैसा तभी निकालेंगे जब उनका कोई क्रिटिकल प्रॉब्लम सॉल्व होगा जितनी ज्यादा क्रिटिकल प्रॉब्लम उतना ज्यादा पैसा और जितनी ज्यादा यूनिवर्सल प्रॉब्लम होगी उतने ज्यादा लोग अपना पैसा निकालेंगे वो सारा पैसा निकल
के आपकी जेब में तभी जाएगा जब सिर्फ आप उस प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए रिक्वायर्ड स्पेसिफिक नॉलेज रखते हो 1959 में तमिलनाडु के छोटे से गांव में दो मजदूरों के घर एक लड़का पैदा हुआ जिसका नाम रखा गया वेल मनी उसने जैसे ऐसे करके बड़े मुश्किलों से अपनी बीएससी की डिग्री पूरी करी और फिर भाबा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में लैब असिस्टेंट की छोटी सी पोस्ट पर नौकरी करने लग गया वो दिन भर लैब में काम करता और शाम को मिले वक्त में पढ़ाई करता नौकरी करते-करते ही उसने एमएससी और फिर थायराइड बायोकेमिस्ट्री में डॉक्टरेट
की डिग्री ली जिसके बाद वो लैब असिस्टेंट से साइंटिस्ट के पोस्ट पर आ गया लैब टेक्नीशियन के अपने टेनर में उसे इतना ज्यादा एक्सपीरियंस हो चुका था कि उसे इंडिया की एक बहुत बड़ी प्रॉब्लम समझ आ गई अन ऑर्गेनाइज्ड एंड अनरिलायबल मेडिकल टेस्टस उसने इसी को सॉल्व करने की सोची और 1996 में थायरोकेयर के नाम से अपना पहला लैब डाला आज थायरोकेयर इंडिया का सबसे बड़ा डायग्नोस्टिक ब्रांड है अपनी वाइफ के दुनिया से चले जाने के बाद मिस्टर ए वेलुमनी ने अपनी कंपनी से एग्जिट लिया और आपको पता है उन्हें अपनी स्टेक के बदले में
कितने रुपए मिले पूरे 4500 करोड़ भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में उनसे भी ज्यादा काबिल कई और साइंटिस्ट थे पर उनमें से कोई भी इतना बड़ा एंपायर नहीं खड़ा कर पाया पता है क्यों क्योंकि यह मैटर नहीं करता कि आप रिच बैकग्राउंड से हैं या पुअर अपने कॉलेज की पढ़ाई की है या ड्रॉप आउट हो आप दिन रात मेहनत कर रहे हो या फिर स्मार्ट तरीके से सिर्फ कुछ आवर्स फोकस्ड वर्क कर रहे मैटर सिर्फ यह करता है कि आपके पास लोगों की प्रॉब्लम सॉल्व करने के लिए स्पेसिफिक नॉलेज है या नहीं और अगर है तो
फिर दुनिया का तमाम पैसा आपकी कदमों में झुकने के लिए तरसता है आपके मन में अभी कई सवाल होंगे लाइक ये स्पेसिफिक नॉलेज हासिल कैसे करते हैं किस लेवल के नॉलेज को स्पेसिफिक नॉलेज की कैटेगरी में डाला जाएगा और सबसे इंपॉर्टेंट बात आप खुद अपने फील्ड में इसे कैसे इंप्लीमेंट कर सकते हो या फिर कहीं आपको फील्ड तो नहीं चेंज करनी पड़ेगी इन सब सवालों के जवाब हम इस वीडियो में एक-एक करके समझेंगे एल की बैंकर पसी डॉ देवी शेट्टी की डेरिंग मुकेश अंबानी को मिले धोखे और इलन मस्क ट्रेड सीक्रेट से लेकर एक मिडिल
क्लास स्टूडेंट के इंडिया की सबसे बड़ी कंपनी बनाने तक ऐसी कई इंटरेस्टिंग रियल लाइफ स्टोरीज हैं आगे इस वीडियो में जो हमें अमीर बनने का तरीका समझाएंगे स्पेसिफिक नॉलेज एक ऐसा नॉलेज है जो आपको स्कूल और कॉलेजेस में नहीं सिखाया जा सकता क्योंकि कॉलेज वाले अगर आपको कोई चीज सिखा सकते हैं तो किसी और को भी वो चीज सिखा सकते हैं उसके इसम वो स्पेसिफिक नहीं रह जाता अगला बंदा आपको कभी भी रिप्लेस कर सकता है ये स्कूल कॉलेजेस से मिलने वाले नॉलेज के एक स्टेप ऊपर का नॉलेज है जिसे किसी डिग्री या रिज्यूमे से
मेजर नहीं किया जा सकता देखो डिग्री बहुत इंपॉर्टेंट है बट वो सिर्फ यहां तक लाती है यहां से यहां लेवल अप करने के लिए आपको चाहिए स्पेसिफिक नॉलेज जब आप अपने अंदर की जेनन क्यूरिसिटी से कुछ एक्स्ट्रा सीखने की कोशिश करते हो जो एक्सपीरियंस लोग हैं उनसे मिलते हो सवाल करते हो अपने फील्ड के प्रॉब्लम्स देखते हो उनको सॉल्व करने का ट्राई करते हो आपका स्पेसिफिक नॉलेज अपने आप बढ़ता है आज जो भी सैलरी आपको कंपनी दे रही है वो सिर्फ इसलिए दे रही है क्योंकि अगर उससे ₹1 भी कम देगी तो आप जॉब छोड़कर
चले जाओगे वरना उनका बस चले तो वो इससे भी आधी सैलरी में आपसे काम करा लें बट वहीं अगर आपने अपना नॉलेज बेस इतना बढ़ा लिया कि आप कंपनी के क्रिटिकल एसेट ब गए तो वह झक मारकर आपकी सैलरी बढ़ाएंगे आमन गुप्ता जेबीएल में काम करते थे अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर उन्होंने अपनी कंपनी के सेल्स एक्सपो नेसली बढ़ा दिए थे जब वो सैलरी इंक्रीमेंट करवाने अपने सीनियर के पास पहुंचे तो उन्होंने मना कर दिया जवाब में उन्होंने कहा बॉस मार्केट में मिलते हैं आज बोट 2 बिलियन डॉलर की वैल्यूएशन रखती है और
अमन की खुद के नेटवर्थ 700 करोड़ से ज्यादा है और जो इपी क्लाइन उन्होंने अपने बॉस को बोली इसको बोलने का कॉन्फिडेंस उन्हें वहीं से आया कि वो हेडफोन इंडस्ट्री के अंदर बहुत सॉलिड स्पेसिफिक नॉलेज एक्वायर कर चुके थे अगर यह बात नहीं होती तो वो भी नॉर्मल एंप्लॉयज की तरह छोटा सा इंक्रीमेंट लेकर चुप हो जाते हैं और अपने खून पसीने से जेबल को ही अमीर बनाते रहते हैं आपने कभी यह सोचा कि आपके शहर में 10 मेडिसिन स्पेशलिस्ट हैं फिर भी किसी एक के पास ही मरीजों की लाइन क्यों लगी रहती है 10
हलवाई हैं फिर भी किसी एक के पास ही भीड़ क्यों होती है 10 टीचर्स हैं बट एक के ही कोचिंग में सारे बच्चे क्यों जाना चाहते हैं इन सब लोगों ने अपने हार्ड वर्क एक्सपीरियंस और स्मार्टनेस के दम पे ऐसा नॉलेज और प्रॉब्लम सॉल्विंग कैपेसिटी डेवलप कर ली है जो किसी और के पास नहीं है अब यहां एक और बात समझने वाली है कि यूं तो आप अपना स्वेस नॉलेज किसी भी फील्ड में एक्वायर कर सकते हो बट आपको कोई एक फील्ड चुनना पड़ेगा ताकि आप अपनी एनर्जी प्रॉपर्ली फोकस कर सको अब वो कौन सा
फील्ड होगा यह दो चीजों पर डिपेंड करता है पहला तो यह कि आपका इंटरेस्ट किस फील्ड में है दूसरा ऐसी कौन सी प्रॉब्लम है जिसका सॉल्यूशन दुनिया अभी तक नहीं ढूंढ पाई इन दोनों बातों को अच्छी तरह समझने के लिए हमें कुछ साल पीछे चलना पड़ेगा जब लॉन मस् सिर्फ एक नॉर्मल इंजीनियर हुआ करते थे ईयर 2000 की बात है इंटरनेट तब पॉपुलर इज होना स्टार्ट ही हुआ था लन जो उस वक्त महज 29 इयर्स के थे कुछ ही समय पहले उन्होंने अपनी पहली कंपनी जिप ट पूरे 307 मिलियन डॉलर में बेची थी टू के
थ्रू लन न्यूजपेपर्स को ऑनलाइन डायरेक्टरी और मैप्स अवेलेबल कराते थे उन्हें उस कंपनी को डेवलप करके यह बात समझ में आ चुकी थी कि इंटरनेट इज द फ्यूचर और जल्द ही लोग अपनी सारी शॉपिंग ऑनलाइन करने लग जाएंगे और उस चीज में दुनिया को जो सबसे बड़ी दिक्कत आएगी वो होगी पेमेंट्स की उस टाइम पर कोई भी ऐसा मेथड नहीं था जिससे ऑनलाइन पेमेंट किया जा सके लन ने इस प्रॉब्लम को पकड़ा क्योंकि एक तो ये दुनिया भर की दिक्कत थी जिसका कोई सॉल्यूशन अवेलेबल नहीं था दूसरा ये उनकी एरिया ऑफ एक्सपर्ट जो कि उन्होंने
जिप टू के टाइम एक्वायर की थी उससे अलाइन हो रहा था कुछ ही समय में उन्होंने x.com लॉन्च की जो कि बाद में पीटर थेल की कंपनी के साथ मर्ज होकर बनी बहुत महंगी है एक आम आदमी का इसको अफोर्ड करना इंपॉसिबल है उसी समय रनी नाम के एक 21 दिन के बच्चे की ओपन हार्ट सर्जरी की जरूरत थी पूरे देश में कोई ऐसा सज्जन नहीं था जो इसे करने के लिए तैयार हो उन्होंने इस ऑपरेशन को करने का बीड़ा उठाया उनको अपने एक्सपर्टाइज्ड सिव कवरेज दी जिस वजह से डॉट देवी शेट्टी को अपने ड्रीम
प्रोजेक्ट के लिए फंडिंग मिल गई जो कि था पूरे इंडिया के लिए अफोर्डेबल हार्ट एंड हेल्थ केयर बाय द नेम ऑफ नारायणा हेल्थ इंडिया के वस्ट ट्रे नेटवर्क के शेड्यूल और लोकेशन ट्रेसिंग की प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए पांच दोस्तों ने मिलकर एक ऐप बनाया वयर इज माय ट्रेन जिसे भी ना मिले अगर जवाब ना में आता है तो फिर आपको अपना फील्ड चेंज करने के बारे में सोचना पड़ेगा और अगर आपके दिल से हां निकलती है तो आप अपने ही फील्ड में अपनी स्पेसिफिक नॉलेज को एनहांस करने में लग जाओ और ऐसा प्रॉब्लम
ढूंढो जिसके सॉल्यूशन पूरी दुनिया की जिंदगी आसान बना द यहां पर आप एक सवाल कर सकते हो हमारे पास तो ऐसा कोई प्रॉब्लम ही नहीं है जो पूरी दुनिया को हंट करता हो और उसको सॉल्व करके हम अमीर बन जाएं देखो पहली बात तो यह कि अभी भी दुनिया के बहुत सारे प्रॉब्लम सॉल्व होने बचे हैं आज जो भी टेक्नोलॉजी आप देख रहे हो किस जमाने में वो सब एक बड़ी-बड़ी प्रॉब्लम्स हुआ करते थे जो फोन आप यूज कर रहे हो वो एक ब्रेक थ्रू लशन था जिसके दम पर स्टीव जॉब्स अरबपति बन गए अपने
लैपटॉप में विंडोज यूज कर रहे हो उसको डिजाइन करके बिल गेट्स रिचेस्ट पर्सन ऑन अर्थ बन गए हैं आपने कोई ना कोई डायबिटीज का पेशेंट देखा होगा जो इंसुलिन लेता है इंसुलिन के इन्वेंशन से पहले डायबिटीज को कंट्रोल करना इंपॉसिबल था इस प्रॉब्लम को सॉल्व करके एली लिली नाम की कंपनी दुनिया के 10वीं सबसे वैल्युएबल कंपनी बन गई टेस्ला से भी ऊपर और दूसरी बात यह है कि ऐसा बिल्कुल जरूरी नहीं है कि आप हमेशा पूरी दुनिया के ही प्रॉब्लम सॉल्व करो सिर्फ पूरे इंडिया की प्रॉब्लम सॉल्व करके ही आप बहुत ज्यादा रिच बन सकते
हो बाहर दुनिया तक जाने की चौर नहीं है इनफैक्ट आप अपने स्टेट या अपनी सिटी के हाइपर लोकल प्रॉब्लम सॉल्व करके भी रिच बन सकते हो और मोस्ट ऑफ द केसेस में आपको एकदम नया बिल्कुल आउट ऑफ द बॉक्स आइडिया पूछने की भी जरूरत नहीं है जो एजिस्टिफाई स्कूल में एक बहुत ही मामूली मिडिल क्लास का लड़का पढ़ता था उसका एक ही एम था कि कैसे भी करके बस जेई क्लियर कर ले उसने जी तोड़ तैयारी करी दिन रात मेहनत करी और जेई क्रैक किया उसकी ऑल इंडिया रैंक आई थी 49 आईआईटी दिल्ली में उसने
कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग उठाई वहां भी खूब मेहनत करी और इंजीनियरिंग खत्म होते ही 2005 में टेक्स पेन नाम की कंपनी में उसे प्लेसमेंट मिल गया पर उसके दिमाग में तो कुछ और ही प्लानिंग चल रहे थे कुछ महीनों के बाद उसे amazononline.in इंडिया में भी स्टार्ट किया जा सकता है वहां पर उसकी मुलाकात उसके ही कॉलेज आईआईटी के एक बैचमेट से हुई तो उन्होंने मिलकर ई-कॉमर्स की बारीकी को समझा एक-एक पार्ट कैसे फंक्शन करता है प्रॉब्लम्स कैसे सॉल्व किए जाते हैं बिजनेस कैसे एक्सपें किया जाता है ये सब उन्होंने सीखा और जब लग गया कि
दे हैव अक्वायर्ड ऑल द स्पेसिफिक नॉलेज दे नीड दे केम टू इंडिया 2007 में इंडिया आकर बेंगलोर में एक छोटे से फ्लैट में उन्होंने अपनी कंपनी स्टार्ट की उन लड़कों के नाम थे सचिन और बिन्नी बंसल और उनकी बनाई कंपनी का नाम था बताए आज 40 बिलियन डॉलर्स की वैल्युएशन रखने वाली ये कंपनी शुरू कितने में हुई थी मात्र ₹ लाख में और अगेन वैल्यूज ₹ लाख की नहीं है वैल्यू है उस स्पेसिफिक नॉलेज की जो उन्होंने [संगीत] amazonaws.com कार्ड के फाउंडर सचिन बंसल भारत पे के एनीर ग्रोवर और ब्लिंकड के अरविंदर डिंडा के बीच
कॉमन बात क्या है पता है यह सभी आईटी दिल्ली से ग्रेजुएट हैं और वो भी एक ही बैच से इनफैक्ट ऐसे सैकड़ों एग्जांपल्स हैं जिन्होंने आईआईटी आईएएम और इवन एम से डिग्री ली और उसके बाद अपना बिजनेस स्टार्ट करके दे गॉट एक्सट्रीमली रिच जो एक्चुअली में टैलेंटेड और हार्ड वर्किंग लोग हैं वो दोनों चीजों के लिए समय और एनर्जी निकाल लेते हैं उनका जो मेन कैरियर है या फिर जॉब है वो उसे पसू करते रहते हैं और अंदर ही अंदर अपने स्पेसिफिक नॉलेज को और धार देते रहते हैं अभी हम आगे मुकेश अंबानी के रिवेंज
सागा की बात करेंगे बट उसके पहले एक बात समझना जरूरी है कि एथिकली ईमानदारी से रिच होना बिल्कुल पॉसिबल है मैं मानता हूं कि आज केट में माहौल इतना नेगेटिव हो गया है कि आपको ये बात थोड़ी अजीब लगी हो है हर तरफ करप्शन फैला हुआ है आए दिन नए स्कैम्स निकल के आ रहे हैं जिन एग्जाम्स को पहले पवित्र समझा जाता था उन पर भी पाप के दाग लग रहे हैं पर इसका मतलब यह नहीं कि आप भी वैसे ही बनने की ठान लो नहीं वो रास्ता एक डेड एंड की तरफ ही जाता है
आज नहीं तो कल उसमें एक्सट्रीम पनिशमेंट झेलना पड़ता ही है इस वीडियो में यह जो फ्रेमवर्क मैं आपके साथ डिस्कस कर रहा हूं इसका यही मकसद है कि आप बिना किसी गलत तरीके के यूज किए अमीर बन सको इनफेक्टिव फ्रेमवर्क बेईमानी वाले रास्तों पर अप्लाई भी नहीं होगा एक और इंपॉर्टेंट बात जो अक्सर लोग इग्नोर कर देते हैं बीइंग वेल्थी इज ए पॉजिटिव सम गेम ऐसा नहीं है कि आपको अमीर बनने के लिए अगले को गरीब बनाना पड़ेगा आप भी अमीर बन सकती हो अगला इंसान भी अमीर बन सकता है जब सब मिलकर बड़ी-बड़ी प्रॉब्लम
सॉल्व करने लगेंगे तो एवरीवन विल बेनिफिट इनफैक्ट अगर आप एक्चुअली में अमीर बनने का माददा रखते हो तो इसके लिए पहले आपके कस्टमर्स को अमीर बनना पड़ेगा तभी तो जब आप उनकी प्रॉब्लम सॉल्व करो वो आपको पैसे दे दे पाएंगे आपको कभी भी कंपटीशन से डरना नहीं है apple's और microsoft's ने दुनिया भर से मदद मांगी हर जगह से निराशा ही हाथ लगे वह बैंकर पसी डिक्लेयर करने ही वाले थे कि खुद बिल गेट्स ने उनसे बात करी और 150 मिलियन डॉलर्स दिए है कि आपने अपने शहर में देखा होगा कि सारे सराफा दुकान एक
जगह होते हैं सारे कपड़ों की शॉप्स एक जगह पर होती हैं आपको पता ही होगा कि कोका कोला का जो फार्मूला है वो एक सीक्रेट है एक बार कोक के दो एंप्लॉयज ने उस फॉर्मूले को कंपटीशन आ जाए आपको फर्क नहीं पड़ेगा उल्टा उससे आपको बूस्ट ही मिलेगा वहीं अगर किसी का स्पेसिफिक नॉलेज जेनुइन नहीं है सिर्फ लक के दम पर वो अमीर बन जाता है तो इट्स जस्ट अ मैटर ऑफ टाइम इवेंचर लक विल रन अवे अलोंग विद देयर अर्निंग्स इसी बात का प्रूफ है वो फैक्ट कि अगर आप दुनिया के टॉप 1 पर
अमीर लोगों का पैसा लेकर बाकी सब में बराबर डिस्ट्रीब्यूटर दो तो भी कुछ सालों बाद वही लोग फिर से अमीर बन जाएंगे पर बात सिर्फ इतनी नहीं है करोड़पति बनने के लिए हमें एक और क्रिटिकल एस्पेक्ट को समझना पड़ेगा जिसके लिए हमें नन अदर देन मिस्टर मुकेश अंबानी की एक अनटोल्ड स्टोरी को जानना होगा बात 2002 की है जब reliance1 साल बाद 28 दिसंबर 2003 को मुकेश के पिता धीरू भाई अंबानी की बर्थ एनिवर्सरी पर इफोम ने अपनी सेवाएं शुरू की इसकी जोरदार मार्केटिंग की गई मुकेश ने यह ऐलान किया कि उनके कॉल्स 50 पैसे
के पोस्ट कार्ड से भी सस्ते होंगे आज से 20 साल पहले उस जमाने में यह बहुत बड़ी बात थी तब लोगों के पास बहुत मुश्किल से मोबाइल फोस हुआ करते थे इंडिया में सिर्फ एक व ही थे जो इतना आगे की सोच लेके चल रहे थे मुकेश जी जान लगा के इस कंपनी को सं मारते रहे पर फिर 2 साल के अंदर ही यह कंपनी उनसे छीन ली गई 2005 में reliance1 बेन अंबानी ने अपने छोटे बेटे को reliance1 कम को छोड़ना बहुत बुरा लगा पर उससे भी ज्यादा बड़ा झटका उन्हें तब लगा जब उन्हें
नॉन कंपलीट क्लॉज साइन करना पड़ा यानी कि अगले 10 साल तक वो टेलीकॉम सेक्टर में नहीं उतर सकते थे उनका दिल बैठ गया आखिर ये उनके पिता की आखिरी ख्वाहिश थी जिसे खुद पूरा करना वोह अपना फर्ज समझते थे कोई और होता तो चुपचाप बैठ जाता पर इस सेटबैक के बाद मुकेश ने जो किया वो यह दिखाता है कि व्हाई ही इज वर्दी ऑफ द 8 लाख करोड़ र नेटवर्थ ही इज हैविंग टुडे उन्होंने अपनी एक छोटी सी बट सीक्रेट टीम बनाई उसके साथ मिलक 10 साल बाद की प्लानिंग में झुट गया पूरे 10 साल
तक दिन-रात प्लानिंग प्लॉटिंग की गई फंड्स कलेक्ट किए गए रिसोर्सेस एक्वायर किए गए टेलीकॉम सेक्टर के सारे प्लेयर्स की हर एक चाल पर कड़ी नजर रखी गई इस बार व खिलाड़ी बनने नहीं बल्कि पूरा खेल अपनी मुट्ठी में करने आए थे और इतने एफर्ट से उनको समझ में आ गया कि इस सेक्टर के लूप होल्स क्या है ही गॉट होल्ड ऑफ दैट स्पेसिफिक नॉलेज और जैसे ही 10 साल पूरे हुए ठीक 2015 में उन्होंने jio's हैं तो j को कोई क्यों ही लेगा और उससे भी बड़ी बात उनके खुद के सगी भाई जिनके पास 10
साल पहले तक एग्जैक्ट उनके जैसे रिसोर्सेस थे ने इस सेक्टर में अपनी कंपनी डुबा दी थी लॉन्च के दिन तक भी किसी को खबर नहीं थी कि वो क्या मास्टर स्ट्रोक चलने वाले हैं उन्होंने सारा डाटा फ्री कर दिया और इस बात ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया लोगों ने लाइन लग लग के उनके सिम्स खरीदे हर किसी के कांटेक्ट के नाम के आगे जुड़ गया बहुत बड़ा प्रॉब्लम ढूंढ चुके थे डेटा के कॉस्टली होने का जिसको सॉल्व करते ही एवरीवन वाज रेडी टू पे हिम उनके पास ये स्पेसिफिक नॉलेज भी आ चुका था
कि कैसे इंडिया में डाटा को सस्ता किया जाए ताकि हर कोई अपनी जेब से पैसा निकाल के उन्हें ही दे उनके पास डिस्ट्रीब्यूशन भी था उन्होंने पूरे देश में एक साथ अपना नेटवर्क चालू किया था ताकि वे हर किसी की प्रॉब्लम सॉल्व करके प्रॉफिट ले सक फिर भी उन्हें 10 साल वेट करना पड़ा क्योंकि ये जो टाइम वाला फैक्टर होता है ये कई बार हमारे हाथ में नहीं होता बिकमिंग रिच टेक्स टाइम य विल हैव टू बी पेशेंट ऑन द आउटसाइड बट इनसाइड की वर्किंग रेस्टस दिन-रात आप सही डायरेक्शन में स्मार्ट तरीके से एफर्ट्स करते
रहोगे तो आपको पता भी नहीं चलेगा और आप अमीर बन जाओगे उस दिन दुनिया आपको ओवरनाइट सक्सेस कहेगी और आप उनकी तरफ देखकर मुस्कुरा भर दोगे वीडियो के स्टार्टिंग में मैंने दो छोटे-छोटे गिफ्ट्स की बात करी थी उनके बारे में कुछ ही सेकंड में बात करता हूं बट उसके पहले एक इंपॉर्टेंट बात अमीर बनने की इस जर्नी में आपको और भी कुछ चीजों की जरूरत पड़ेगी मिडिल क्लास से बिलोंग करके भी अपने स्पेसिफिक नॉलेज के दम पे जनरेट किए आइडियाज को आप एग्जीक्यूट कर सकें उसके लिए आपको फंड्स की जरूरत पड़ेगी साथ ही आपको अपना
लक भी खुद क्रिएट करना सीखना पड़ेगा जैसा कि हर अमीर इंसान करता है आपको बॉटल नेक लेवरेज और फ्रीफोल जैसे कुछ कंसेप्ट सीखने पड़ेंगे जो कि स्ट्रेटजी के बाकी बचे हुए पार्ट्स हैं यह सारी बातें मैं आपसे अगले वीडियो में डिस्कस करूंगा जो कि इस सीरीज का सेकंड पार्ट है और बहुत जल्द रिलीज होगा सो प्लीज डू सब्सक्राइब द चैनल और अगर आपको मेरी बातें जरा भी हेल्पफुल लगी तो प्लीज एक कमेंट जरूर छोड़ के जाना आई विल रिप्लाई टू देम ऑल और जो पहला गिफ्ट है वो है अब तक के डिस्कस की हुए प्रिंसिपल्स
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