Ramayan 14000yrs old ?? | Scientific dating by Nilesh Oak

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Prachyam
Discover with Nilesh Oak an insightful analysis of how religious fanaticism impacted India's ancient...
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जैसे कि कुतुब मिनार से लेकर बहुत सारे जगह ये ज्ञानवापी यह रिलीजस फेनेटिसिजम में ऐसी चीजों को नष्ट किया गया पुरानी चीजों को राम जन्मभूमि की भी हम बात करें तो मुस्लिम लोगों ने भी उनको भी समझ में आ गया यह समझने वाली बात है साक्ष्य तो है लेकिन फिर जो लेफ्ट हिस्टोरियन है उन्होंने अपना धंधा चलाने के लिए वह करते रहे तो यह हमें समझने की बात है कि रियल एनीमीज कौन है अमेरिका ऑल अदर कंट्रीज टॉक अबाउट द ग्रैंड नरेट जो उनके पास है नहीं उसके बारे में व बढ़ा चढ़ा के ग्रैंड नैरेटिव
करते हैं हमारा यह भाग्य है कि हमें व करने की जरूरत भी नहीं है जो है हमारे ग्रंथों में है हमारे भूमि पर पड़ा हुआ है स्थल पुराण में है पुराण में है हमारे गुरु परंपरा में है उसको सिर्फ समझो उसका अध्ययन करो उसके बारे में बात करो तो हमें कोई अनत कोई जुगाड़ करने की जरूरत ही नहीं [संगीत] है मैंने जब रामायण का संशोधन किया और यह काल निर्णय किया कि व 12209 बीसी में हो गया तो अनेक लोगों ने य प्रश्न पूछा कि आपके पहले तो बहुत बहुत बड़े-बड़े लोग होके गए उन्होंने प्रयत्न
किया उनको सफलता भी नहीं मिली उसमें क्या आपको यह विश्वास कहां से लगता है कि आपने जो किया है वह करेक्ट है और बाकी लोगों का करेक्ट नहीं है किसके कारण आपको विश्वास होता है इट कम्स वो इससे आता है कि जिसको वैज्ञानिक भाष में क्लींचिंग एविडेंस कहते हैं या डिसाइसिव एविडेंस और क्रुशल एविडेंस कहते हैं एक एविडेंस है तो भी आपको एक संभ्रम हो सकता है लेकिन जैसे कि जिक्स पजल की हम बात करते हैं या क्रॉसवर्ड पजल की कि सब मैच हो रहा है सब जगह लेंथ हमें मिल रहे है और सब सॉल्व
हो रहा है तो हमें लगता है कि हमने बराबर किया है वैसे सिमिलर स्टाइल में जब हम भगवान राम का जन्मदिन का उत्सव करते हैं तो चैत्र शुक्ल नवमी और वसंत ऋतु आता है और वाल्मीकि रामायण में जो वर्णन है वह वर्णन चैत्र मास के है जब भगवान राम का जन्म हो रहा है या भगवान राम का जब राज्याभिषेक होने वाला था तब भी चैत्र था और तब भी वही देते थी उनके उनके जो जन्मदिन है उसके ऊपर करने का दशरथ राजा का प्लान था तो दशरथ राजा जो वर्णन कर रहे हैं वोह कैसा वर्णन
कर रहे चैतम श्री मानम मास पुण्य पुष्पित कानन यह चैत्र महीने का ऑस्पी शियस बड़ा सौभाग्यशाली समय आ गया है ऐसा समय है कि पूरे जो वन है वो फूलों से भरे हुए हैं ना वन फूल से कब भरते हैं वह तो जियोग्राफी पे डिसाइड होता है कौन स जगह पे लेकिन हम अभी अयोध्या का यह वर्णन है तो उसमें वर्णन करें तो हम कहेंगे कि वसंत ऋतु में होगा लेकिन वसंत ऋतु में तो आज हो रहा है अभी उसके लिए हमें खगोल शास्त्र एस्ट्रोनॉमी समझनी पड़ेगी बिकॉज आज तो रामायण नहीं हुआ है तो हमें
पीछे जाएंगे 2000 साल पहले रामायण हुआ है क्योंकि तब भी वसंत ऋतु था तो हमें विश्वास है कि 2000 साल पहले भी नहीं हुआ है बहुत सारा साक्ष्य है तो उसके पीछे जाना है तो शिशिर ऋतु आएगा उल्टा जो संपा चलन उल्टा चलता है शिशिर ऋतु में फूल नहीं आते ठंडी में फूल नहीं आएंगे फूलों से वन ये नहीं होंगे प्रफुल्लित नहीं होंगे उसके पीछे हेमंत रूत आता है ठंडी है उसमें भी नहीं होंगे तो उसके पीछे जाते जाते हमें शरद ऋतु का समय आता है कि वह हो सकता है टेंटेटिव प्रोबेबिलिटी ना ये प्रोबेबिलिटी
की बात नहीं है बिकॉज हम फिर उसमें देखेंगे वाल्मीकि रामायण में तो पूरे वर्णन है यू नो य भवत लाइक पूरा आकाश में मेघ छाए है त्य नंदन सो जो पीकॉक है मोर मयूर वो नृत्य कर रहे हैं ये शरद ऋतु का वर्षा ऋतु का वर्णन है लेकिन अभी तो हो नहीं सकता वसंत ऋतु हो नहीं सकता और कोई यह कह रहा है कि वसंत ऋतु ही होना चाहिए तो वो आदमी को व वो प्रसंग कोय मान्य करना पड़ेगा कि कम से कम उनको 26000 इयर्स पीछे जाना पड़ेगा तो वही तो उनका ऑब्जेक्शन है कि
भाई आप पीछे क्यों जा रहे हो तो आज नहीं रामायण हुए तो कम से कम 26000 इयर्स उनके आर्गुमेंट से जाना पड़ेगा वो जा नहीं सकते ऐसे बहुत सारे मूर्ख लोग हैं कि जो मेरे साथ बहस करते रहते हैं सोशल मीडिया में ऐसे नाउ ये एक हुआ तो ये बोले ठीक है थोड़ा सा है लेकिन सबसे और तीन मैं आपको बताऊंगा और फोर्थ जो है वो एकदम फाइनल स्टैंप कर देता है जब रामायण में ऐसा वर्णन आता है कि राम लक्ष्मण सीता पंचवटी में नासिक में आ गए और उधर वो रहने लगे तो हेमंत ऋतु
का समय आ गया ऐसा वाल्मीकि रामायण में वर्णन आता है और लक्ष्मण पूरे दिन का वर्णन करता है 24 आवर्स में क्या हो रहा है हेमंत ऋतु में सूर्योदय के पहले से लेकर सूर्योदय उसके बाद आफ्टरनून दोपहर होना सनसेट होना और पूरा नेक्स्ट डे तो वो वर्णन में जब सनसेट का समय आता है तो लक्ष्मण कहता है निवृत्त आकाश शयना पुष्य नीता हिमा रुणा सिंपलीसिटी में कि सूर्य का जो सूर्यास्त हो रहा है वह पुष्य नक्षत्र पर हो रहा है और यह जो समय है वह हेमंत ऋतु का समय है अभी जिनको खगोल शास्त्र वन
ओ वन बोलते ना बेसिक एक नॉलेज एकत्र आप उन्होंने लाया तर्कशास्त्र लाया ज्ञानिक बुद्धि लाया तो पता चलता है कि यह जो वर्णन है यह वर्णन 11000 बीसी से लेकर 177000 बीसी तक ही सत्य हो सकता है उसके बाद में नहीं हो सकता उसके पहले नहीं हो सकता यह दूसरा एविडेंस तीसरा एविडेंस जब अंगत सीता के शोध में साउथ दक्षिण दिशा में जा रहे हैं और वह कब निकले आपको याद होगा कि वर्षा ऋतु में वाली को मारने के बाद राम लक्ष मण किष्किंदा के बाहर रुके थे पूरा वर्षा ऋतु में और वर्षा ऋतु होने
के बाद शरद ऋतु आ गया तो सब वानर एकत्र आने लगे और व शरद ऋतु के एंड में वो ढूंढने सीता को ढूंढने को निकले वाल्मीकि रामायण में यह वर्णन आते है कि शिशिर ऋतु चला गया हेमंत ऋतु चला गया इतना ही नहीं वसंत ऋतु आ गया और सुग्रीव ने सिर्फ एक महीने का समय दिया था तो बहुत बार वर्णन आते है कि एक महीने का समय चला गया चला गया हम क्या करेंगे नाउ ये समय में अंगत कहते हैं अंगत फ्रस्ट्रेट हो गए बोलते मैं नहीं जाऊंगा किष्किंदा मैं तो इधर ही बैठ के उपवास
करके मेरा आयुष्य एंड कर देता हूं तो उसी समय वह कहते हैं वयम अश्वासन संख्या व्यवस्थित प्रस्तुता सोप जातित किमत कार्य उत्तरमुखी चैत्र महीना शरद ऋतु में आना और हेमंत ऋतु में सूर्यास्त पुष्य नक्षत्र में होना यह आप जिक्सो पजर जैसा फिक्स करोगे ना तो 10000 यर से लेकर 15000 यर बीसी तक का समय आता है नाउ फाइनली उसमें से क्लींचिंग एविडेंस उस समय ध्रुव तारा कौन था अभी का ध्रुव तारा को हम पोलरिस कहते हैं ध्रुव मत्स कहते हैं उसमें से पोलरिस तब का ये तारा नहीं था ये क्यों होता है एस्ट्रोनॉमी के कारण
होता है तो तब का जो वर्णन है रामायण इतना स्वच्छ क्लियर वर्णन देता है कि भाई ध्रुवतारा कौन है रामायण के समय का उसका नाम है ब्रह्म राश यानी कि अभिजीत यानी कि मॉडर्न एस्ट्रोनॉमी में वेगा वेगा ऐसा कहते हैं उसको उसका वर्णन है ब्रह्म राश विशुद्ध शुद्ध परमर अर्च मंत प्रकाशनते ध्रुवम सर्वे प्रदक्षिणाम सप्त श यह ब्रह्म राशि ध्रुवतारा है उसको प्रदक्षिणा कर रहे हैं अगेन एस्ट्रोनॉमी 10 व खगोल शास्त्र 10 व आंख बंद करके आप कह सकते हैं ओपन करने की भी जरूरत नहीं है ब्रह्म राशि जरूत आ रहा है और यहां से
हमें पीछे जाना है 12000 बीसी एगजैक्टली 14000 इयर्स अगो दैट इज वन ब्रह्म राशि वाज अ पोल स्टार उसी समय ऐसा होता है एस्ट्रोनॉमी में कि जो अगस्त्य का तारा है उसको इंग्लिश में कनोपस बोलते हैं वह दक्षिण में पोल स्टार बन जाता है और उसका वर्णन भी वाल्मीकि रामायण में आता है जो दक्षिण पार्टी को कहा है दक्षिण साइड में जाने वारा पार्टी को आपको अगस्त्य देखना है अगस्त्य का तारा तो आपको ऑल द वे भारत के दक्षिण कॉर्नर प जाना पड़ेगा उतना ही नहीं उधर का महेंद्र पर्वत के ऊपर चढ़ना पड़ेगा तभी आपको
अगस्त्य दिखेगा आज तो अगस्त दिल्ली से दिखता है लेकिन तब कन्याकुमारी तक जाना पड़ेगा कन्याकुमारी के भी नहीं चलेगा उधर माउंटेन पर चढ़ना पड़ेगा क्यों बिकॉज वो भी पोल स्टार हो चुका है अगेन आ बंद करके देखिए 12000 बीसी यह चार हो गए ना प्रश्न यह उठता है तो जो ब्र जो ब्रह्म राशि का जो साक्ष्य है उससे समझता है कि 10000 बीसी से लेकर 14000 बीसी तक इतना ही य एकदम लिबरल होके बोल रहा हूं अदर वाइज तो 11000 से लेकर 13000 तक की बात है इतना इतना सॉलिड एविडेंस है तो लास्ट में जो
स्टांग स्टंपिंग का एविडेंस आता है उसमें से 12209 मैंने कैसा निकाला तो जब लक्ष्मण और सब लोग किष्किंदा से निकल रहे हैं इस लंका की तरफ आर्मी लेके तब वह निमित्त का वर्णन करते हैं निमित्त यानी कि जो नित्य चीजें हैं वह एक कोई विशेष घटना हमें बतानी है तो हम उनको उसका वर्णन करते हैं जैसे हम पूजा करते हैं तो उस दिन का वर्णन करते हैं से उसको निमित्त का नित्य का निमित्त बन जाता है तो उसके वर्णन में ऐसा आता है कि नैऋत्य नैर त्या नाम नक्षत्र अभि पड़ते जो नैऋत्य नक्षत्र नैऋत्य देवता
है मूल नक्षत्र का मूलम [संगीत] मूलवण्य तो आता है और मूल नक्षत्र को सिर्फ मूल नक्षत्रों को पीड़ा दे रहा है और बाकी सब जो 600 से ज्यादा जो साक्ष्य है रामायण की वो यह जो डेट आता है 12209 बीसी को उसको सपोर्ट करते हैं इंग्लिश में उसको कोबरे बोलते हैं इसी के कारण मैं आत्मविश्वास के साथ कह सकता हूं कि 12209 बीसी द करेक्ट दूसरी कोई भी तारीख करेक्ट हो ही नहीं सकती दिस रिमेंस माय ओपन चैलेंज भागवत पुराण में भी कृष्ण बोलते हैं कि ऐसा कोई एक चीज पर कोई कोई बात होती नहीं
हमें विज्ञान में भी हम ट्रायंगुलेशन कहते हैं एक्सप्लेनेशन प्रेडिक्शन टेस्टिंग व तीनों एकत्र आना जरूरी है कृष्ण भगवान तो उसके आगे जाकर कहते है कि य ट्रायंगुलेशन भी सफिशिएंट नहीं है वह तो बोलते है क्वाड्रन होना चाहिए श्रुति प्रत्यक्ष तिय अनुमान चतुष्टय प्रमाणे शु अनुव स्थाना विकल्पा स विरते श्रुति प्रत्यक्ष अनुमान तिय प्रत्यक्ष और अनुमान मीस विज्ञान हो गया लेकिन हमारे न के स्ट्रक्चर में हम और भी डिमांड करते हैं सॉलिड एविडेंस की श्रुति भी होनी चाहिए तिय भी होना चाहिए इतिहास भी होना चाहिए और राम जन्मभूमि के संबंध में यह चारों बातें एकत्र आती
है सिर्फ वज्ञान नहीं जैसे कि पुराने लोगों ने लिए हुए रिपोर्ट्स पुराने हमारे ऋषि ने लिखे हुए कमेंट्रीज वाल्मीकि रामायण प व कंसिस्टेंटली अयोध्या कहां है बता रहे हैं वो कंसिस्टेंटली पंचवटी कहां है बता रहे हैं तो यह आस्था और एकत्र आ जाती है राम जन्मभूमि के रिक्लेमेशन में अभी जो रिक्लेम हो रहा है उससे हमें अनेक बातों के लिए स्फूर्ति आती है कि एक पूरा भारतीय लोग एकत्र आ गए एक पर्टिकुलर चीजों में और उसका हम उपयोग कैसा कर सकते हैं जैसे कि ग्रैंड नरेट तो एक बात हो गई ऐसा ही एक एग्जांपल देता
हूं कि जब अपोलो 11 मून पर लैंड हुआ तो मून पर लैंड हुआ तो क्या मून में जाकर हम रहना तो नहीं था लेकिन उससे क्या हुआ सिर्फ अमेरिका को नहीं पूरा विश्व में हर एक जो ह्यूमन बीइंग है आदमी है उसको लगा कि यह जो मैं सक्स फुट के आसपास का आदमी हूं ऐसा कर सकते हैं कि टेक्नोलॉजी के माध्यम से हम एक दूसरे ग्रह पर जा सकते हैं उससे कुछ बहुत कुछ हुआ यू नो एक्चुअली नील आर्मस्ट्रांग सेड कि वन फीट ऑन द मून वन लॉन्ग लीप ऑफ अ मैनकाइंड एंड दैट इज अ
करेक्ट वन यही अ यही एंगल से हमें यह जो राम जन्मभूमि का रिक्लेमेशन है उसको देखना चाहिए कि वो उससे हम स्फूर्ति ले और अलग-अलग जो हमारे चीजें हैं जो टेक्नोलॉजी है इनोवेशन है बिजनेस इनोवेशन है प्रॉब्लम सॉल्विंग है उसमें हमारे जो युवा पीढ़ी है ब सभी सब लोगों को बट विशेषता युवा क्योंकि उनके पास समय है उन्होंने सिर्फ रेस्टिंग ऑन द लॉरल्स ना करके हर एक ने अपना अपना जो उनको अच्छा लगता है स्वधर्म जिसको कहते हैं जिसमें उनकी रुचि हो उसमें होके कोई मुझे इनोवेशन करना है कोई मुझे ब्रेक थ्रू करना है और
यह ब्रेक थ्रू हो सकता है तपो वलम ही केवलम उसमें होता ही है जब तो भगवत गीता में ऐसा है कि उप दृष्टा हनुमंता च भरता भोक्ता महेश्वरम यह इवोल्यूशन ऑफ अ भगवान रियलाइफ दृष्टा मीन आप कुछ तो ऐसा टाइम वेस्ट कर रहे हैं तो भगवान देखते रहता है बेटा तू मूर्ख है तो खेलते रहे अनुमंथाई अच्छा करने लगते हैं तो वह अनुमति देता है अनुमति कैसे देता है एक हमारे पेरेंट्स समय पैट करते हैं सिमिलरली ही डज समथिंग आपको लगता है कि आई एम ऑन द राइट ट्रैक अनु अंता च भरता देन वो आपके
साथ प्रोटेक्टर हो बन जाते हैं बहुत सारे आपके मदद लोगों से मदद आने लगती है भोक्ता वो आपके साथ काम करने लगते हैं देर आर मेनी गुड पीपल लाइक माइंडेड पीपल कम टुगेदर दे स्टार्ट वर्किंग विथ यू एंड देन महेश्वरा यू अचीव योर ऑब्जेक्टिव तो यह उसका राम जन्मभूमि का महत्व है सिर्फ वो मंदिर बनाने का नहीं मंदिर तो बनाना ही चाहिए लेकिन बाकी क्षेत्रों में भी लोगों ने काम करने की जरूरत है [संगीत] ब
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