आज का ये जो एज ग्रुप है आप लोगों का मतलब 18 साल के आसपास इस एज ग्रुप में सबसे बड़ी जो प्रॉब्लम आती है और जो एक सबसे कॉमन क्वेश्चन है दैट इज टाइम मैनेजमेंट कि अपने टाइम को कैसे मैनेज करें तो कोई आप में से बताना चाहेगा कि टाइम मैनेजमेंट में प्रॉब्लम क्यों आती है पहले यह बताओ कितनों को यह प्रॉब्लम है टाइम मैनेजमेंट की तो कोई एक्सप्लेन करना चाहेगा कि एगजैक्टली क्या प्रॉब्लम आ रही है टाइम मैनेजमेंट की हमारे पास क्लियर गोल्स नहीं होते हर दिन का क्लियर टारगेट नहीं होता कि हमें करना
क्या है तो सर उस वजह से हम टाइम मैनेजमेंट नहीं कर पाते और इधर-उधर की चीजों में डिस्ट्रक्ट होके रह जाते हैं अगर मान लो आपके पास में क्लियर गोल भी है क्लियर टारगेट भी है और अगर आपने अपना पूरा शेड्यूल भी बना लिया है कि मेरे को अपने टाइम को इस तरीके से मैनेज करना है इतने बजे उठना है इतने बजे ये करना है इतने बजे वो करना है व्हाट एवर ऐसा आप सबने कभी ना कभी ट्राई जरूर किया होगा या जो टाइम मैनेजमेंट के ऊपर कोर्सेस है उसमें भी यही सिखाते हैं कि अपने
टाइम को इस तरीके से आप डिवाइड कर दीजिए यह करिए वो करिए इस तरीके से आप मैनेज करिए क्या वो एक्चुअल में काम करता है सर इट वर्क्स टू सम एक्सेंट मतलब सर वो एक दिन काम करेगा दो दिन काम करेगा उसके बाद हम वापस अपनी डेली लाइफ में आ जाते क्योंकि सर हम थोड़े से लेजी हैं थोड़े से लेजी है सबर बहुत लेजी है बहुत लेजी है जिस वजह से वो नहीं हो पाता और आप कह रहे हो थोड़ा सा काम करता है इन अदर वर्ड्स वो काम नहीं करता है क्योंकि अगर एक दो
दिन काम करता है तो उससे कुछ होने वाला नहीं है अगर आपने अपने एक दो दिन टाइम को मैनेज कर भी लिया तो उससे कोई लाइफ आपकी चेंज नहीं हो जाएगी आपको सलूशन यह चाहिए कि किस तरीके से परमानेंटली अपने टाइम को आप मैनेज कर पाए राइट यस सर हम सबके मा माइंड में क्या बैठा हुआ है या फिर क्या हमको सिखाया गया है स्कूल में कॉलेज में घर पर या फिर और भी जो लोग टाइम मैनेजमेंट के ऊपर क्लासेस कंडक्ट कर रहे हैं या सिखा रहे हैं कोर्सेस दे रहे हैं या जो बुक्स है
उसमें भी क्या कहा गया है कि आप अपने शेड्यूल को मैनेज करिए यह बिल्कुल ऐसा हो गया कि एक बीमारी है उसके सिम्टम्स को मैनेज करिए जबकि कोई भी बीमारी है कैसे ठीक होती है उसके सिमटम्स को मैनेज करके या बीमारी के कॉज को मैनेज करके कॉज को मैनेज करके तो आज हम कॉज की बात करेंगे आज जड़ से उसको सॉल्व करने की बात करेंगे तो जड़ क्या है कि जो भी आपको करना पड़ रहा है उसमें पेन है और जो आपका कंफर्ट जोन है उसमें प्लेजर है तो हम क्या कोशिश करते हैं इसको छोड़ा
जाए और इसको किया जाए कितने लोग रिलेट कर पा रहे हैं मेरे से सब कर पा रहे हैं अब यहां पे फेलियर के जो चांसेस है वो बहुत ज्यादा है ऑलमोस्ट 100% है कि आप फेल होगे क्योंकि आप पता है क्या करने की कोशिश कर रहे हो जैसे मान लो कोई इंसान है उसको दारू पीने की आदत है पिछले 20-30 साल से अब वो एकदम से किसी दिन सुबह उठे और अल्कोहल मैनेजमेंट के ऊपर कोई वीडियो देखे या किताब पढ़े और कहे बस आज से ही मैं छोड़ दूंगा वो कितने टाइम तक कर पाएगा एक
दिन दो दिन तीन दिन उसके बाद में क्या होगा वो और ज्यादा बुरी तरीके से टूट करके पड़ेगा अल्कोहल के ऊपर फिर जब यह चीज दो या तीन बार या पांच बार हो जाएगी तो उस इंसान का कॉन्फिडेंस ही खत्म हो जाएगा और वो दोबारा ही कर की कोशिश भी नहीं करेगा ऐसा भी होता है आप लोगों के साथ में कि मतलब एक बार टाइम मैनेज करने की कोशिश करी दो बार करी चार बार करी उसके बाद में ऐसी स्टेज आ गई जब अपने ऊपर से कॉन्फिडेंस खत्म हो गया फिर आप कैसे एक्ट करते हो
जब तक कोई डेडलाइन नहीं आ जाती है जब तक बिल्कुल गले के ऊपर आकर के तलवार नहीं लटकती है तब तक आप हिलते ही नहीं हो अपनी जगह से यानी पता है कि एग्जाम में एक हफ्ता रह गया है अब अगर नहीं करा तो बहुत जूते पड़ेंगे तब आप पढ़ना शुरू करते हो एक्चुअल में तब तक प्रोक्रेस्टिनेट करते हो ठीक कह रहा हूं गलत कह रहा हूं सब रिलेट कर पा रहे हैं अब इसका सलूशन क्या है सोचो दिमाग लगाओ कि हम अपने टाइम को मैनेज करने की कोशिश कर रहे हैं शेड्यूलिंग कर रहे हैं
वह सब कर रहे हैं लेकिन फंडामेंटली जो प्रॉब्लम है व वही की वही है टाइम मैनेज होता कैसे है या फिर कोई ऐसा काम जिसको करने में इंटरेस्ट नहीं है वह होता कैसे है उसके दो तरीके हैं एक यह है कि मजबूरी हो तब हो जाता है फॉर एग्जांपल घर में आपके बहुत प्रॉब्लम है मान लो फाइनेंशियल प्रॉब्लम है खाने पीने के भी पैसे नहीं है अब आपको कहा जाए कि तुम्हें यह काम करना है तो वहां पर यह सवाल नहीं उठेगा कि उस काम में मजा आता है नहीं आता है क्योंकि आपको अपने घर
वालों से प्यार है तो वह करना ही पड़ेगा बट ऐसी सिचुएशन में कितने लोग होते हैं बहुत कम बट अब मजे की बात क्या है कि अगर आपका फैमिली बैकग्राउंड ऐसा है कि आपको खाने पीने की टेंशन नहीं है रहने के लिए घर मिला हुआ है पहनने के लिए बढ़िया कपड़े मिले हुए हैं अब क्यों काम करोगे अब जरूरत क्या है काम करने की प्रॉब्लम की जड़ समझ रहे हो जैसे बाहर कुछ कंट्रीज में क्या होता है कि जैसे ही आपकी एज 18 साल हो जाती है तो आपको कहा जाता है कि आप जाओ अपना
कुछ काम धंधा करो पार्ट टाइम जॉब करो अपना खुद का कमाओ और खाओ हम एक पॉइंट तक तुम्हारा ध्यान रखेंगे उसके बाद में तुम्हें इंडिपेंडेंटली अपना ध्यान रखना है इंडिया में ऐसा होता है क्या यहां क्या होता है आप 25 साल के भी हो जाते हो तब भी आपकी मम्मी आ करके आपको कहती है बेटी खाना नहीं खाया ले बच्चा उसको एक बच्चे की तरह ट्रीट किया जा रहा है उसके डिसीजन में पेरेंट वड है कि तुम्हें यह करना है यह नहीं करना है हम बैठे हैं हम डिसाइड करेंगे कि क्या करना है क्या नहीं
करना है तो वह बच्चा बच्चा ही रह गया है वह 25 साल का देखने में आदमी है लेकिन अंदर से बच्चा है ऐसे बनना चाहते हो ये सीरियस इशू है बहुत अगर आप समझ पा रहे हो तो आई एम नॉट शर कितने समझ पा रहे हैं कितने नहीं समझ पा रहे कि ये प्रॉब्लम कितनी बड़ी है कि दो तरह के लोग हैं एक है जिनके गले पर तलवार लटक रही है तो उनको इस सेशन की जरूरत नहीं है वो कुछ ना कुछ कर ही लेंगे यानी मान लो घर में लोग प्यास से तड़प रहे हैं
तो पानी का कहीं ना कहीं से जुगाड़ कर ही लेंगे लेकिन जिनको खाने पीने की रहने की पहनने की किसी चीज की कोई टेंशन नहीं है वो अपने टाइम को कैसे मैनेज करें क्योंकि एक्चुअल में उनकी लाइफ में कोई बहुत बड़ी प्रॉब्लम नहीं है गले पर कोई तलवार नहीं लटक रही है लेकिन फिर भी उनको कुछ तो करना ही है ना इंडिपेंडेंट होने के लिए और एक तरफ है वो काम जो बहुत ही इंटरेस्टिंग है जिसमें मजा आता है यानी देखने में स्टोरीज अपलोड करने में फिर उस परे देखने में किसने लाइक किया किसने नहीं
किया किसने कमेंट किया किसने नहीं किया या और जिनको आप फॉलो कर रहे हैं वहां पर क्या हो रहा है या आजकल ये youtube0 हैं उनका सिर्फ एक ही काम है आपकी अटेंशन को ग्रैब करना ग्रैब करना किसी भी तरीके से बाय हुक और बाय क्रुक मतलब वो लोग जो इस चीज को स्टडी कर रहे हैं पढ़ रहे हैं समझ रहे हैं सीख रहे हैं क्या कि आपकी अटेंशन को ग्रैब कैसे करना है एडवरटाइजर्स भी यही कर रहे हैं मतलब चारों तरफ से ऐसे लोग जो कि एक्सपर्ट है अपने-अपने काम में वह हर तरीके से
कोशिश कर रहे हैं आपको ग्रैब करने के लिए जिससे कि आपका इंटरेस्ट आए उन लोगों में उसके लिए वो कुछ भी हरकतें करने को तैयार है जिससे कि आप लोग उनको देखो यानी क्या दिया आपने अपना उनको टा और यह मैं नहीं बोल रहा हूं डेटा बोल रहा है इंडिया के अंदर ऑन एन एवरेज एक इंसान पाच से छ घंटे सोशल मीडिया पर टाइम स्पेंड कर रहा है या कर रही है यह रियलिटी है अब मन में कुछ भी बोलते रहो कुछ भी सोचते रहो दैट इज नॉट इंपोर्टेंट इस रियलिटी से हमको डील करता है
तो एक तरफ है पूरी की पूरी दुनिया जो आपकी अटेंशन को ग्रैब करना चाहती है आपके टाइम को कैप्चर करना चाहती है और जिसने आपकी टाइम को कैप्चर कर लिया उसने आपके पैसे को भी कैप्चर कर लिया क्योंकि आज नहीं तो कल वो आपको कुछ ना कुछ बेच के ही जाएगा या जाएगी वो आपको पता भी नहीं लगेगा चाहे आप उसको अफोर्ड कर सकते हो या नहीं कर सकते हो आप एक ब्लाइंड फॉलोअर की तरह सिर्फ उस इंसान को फॉलो करोगे और जो वह कहेगा करने के लिए वो जा कर के करने लग जाओगे उसके
लिए औरों से लड़ने लग जाओगे द हाइट ऑफ फूलिशनेस ऐसा हो रहा है या नहीं हो रहा है मतलब बिल्कुल ऐसे देख लो कि आप एक वॉर हो रही है जहां पर अकेले आप खड़े हो और आपके चारों तरफ लाखों करोड़ों लोग हैं जो आपसे लड़ रहे हैं आपके टाइम के लिए आप अपने टाइम को बचाने की कोशिश कर रहे हो और आपको लग रहा है कि मैं उन लाखों लोगों से जीत जाऊंगा यानी सोशल मीडिया कंपनीज जिसके पीछे एक ऐसा एल्गोरिथम काम कर रहा है जो डिजाइंड है आपकी अटेंशन को ग्रैब करने के लिए
इन्फ्लुएंस जिसका एक ही टारगेट है आपकी अटेंशन को ग्रैब करना टेलीविजन जिसका एक ही टारगेट है आपकी टेंशन को ग्रैब करता मूवीज और पता नहीं क्या-क्या कितने तरह के एंटरटेनमेंट कितने तरह के प्लेजरस जिसका एक ही टारगेट है आपको किसी तरीके से ग्रैब करना तो ये छोटी प्रॉब्लम नहीं है अगर इस प्रॉब्लम को आप समझ जाओगे तो ये पहला स्टेप है इस प्रॉब्लम को सलूशन निकालने के लिए अगर समझा ही नहीं मेरी बातों को जैसे आप में से मान लेते हैं आधे से ज्यादा लोगों को समझ ही नहीं आ रहा मैं बोल क्या रहा हूं
उनके ऊपर से जा रही है तो वो पता है कैसे हैं वो पपेट्स है उनका अपनी लाइफ के ऊपर कोई कंट्रोल नहीं है वह जिंदगी भर ऐसे जिएंगे कि कहीं कोई और होगा जो बैठ कर के उनको कठपुतली की तरह नचाता रहेगा और उनको पता भी नहीं होगा अगर इस प्रॉब्लम को आपने देख लिया है कि ये प्रॉब्लम कितनी बड़ी है तो दिस इज द फर्स्ट स्टेप टू फाइंडिंग द सॉल्यूशन टू दिस पर्टिकुलर प्रॉब्लम मतलब हो क्या रहा है आप लोग के माइंड को ऐसा बना दिया गया है इसको मैं बोल सकता हूं रील्स जनरेशन
शॉर्ट्स जनरेशन कि आपको सब कुछ कुछ सेकंड्स में चाहिए 20 सेकंड में 30 सेकंड में एक मिनट में उससे ज्यादा में बोर होने लग जाते हो अभी जैसे यहां पे कुछ लोग हैं जो अनकंफर्ट बल हो रहे हैं उनकी बॉडी लैंग्वेज देखो क्यों क्योंकि आदत ही नहीं है अटेंशन स्पैन ऑलमोस्ट जीरो हुआ पड़ा है डीप किसी प्रॉब्लम को समझने की हमारे अंदर जो एक एबिलिटी होनी चाहिए जिसको क्रिटिकल थिंकिंग बोलते हैं वो जीरो मतलब आप में और जानवरों में ऊपर ऊपर से देखने में फर्क है बट डीप विदन कोई फर्क नहीं है इन मेजॉरिटी ऑफ
द केसेस क्योंकि जानवर भी पेन और प्लेजर के अकॉर्डिंग एक्ट कर रहा है आप भी ऐसे ही एक्ट कर रहे हो बुरा तो नहीं लग रही मेरी बातें सु मैं रियलिटी के बेसिस पर बातें कर रहा हूं थोड़ी सी कड़वी लगेंगी लेकिन सुन लो आपके भले के लिए ही है एक तरफ है प्लेजरस जो आपका ध्यान खींच रहे हैं दूसरी तरफ है पेन यानी कि जो आपको करना पड़ रहा है जिसको करने में एक्चुअल में को इंटरेस्ट नहीं है लेकिन क्योंकि आपके घर वाले कह रहे हैं कि ये करो इस एंट्रेंस को क्रैक करो इस
कॉलेज में एडमिशन लो फिर उसके बाद में यहां से डिग्री लो फिर यह करो फिर वो करो व्हाट एवर दैट थिंग इज उसको करने में इंटरेस्ट नहीं है हां वो होने के बाद जो मिलेगा जो सबकी तारीफें मिलेंगी जो पैसा मिलेगा जैसा लाइफस्टाइल मिलेगा उसमें इंटरेस्ट है बट जो दो चार पाच साल तक करना पड़ेगा उसमें इंटरेस्ट नहीं है और आप क्या करने की कोशिश कर रहे हो एक तरफ जो प्लेजरस का पूरा का पूरा भंडार है जिसको कंफर्ट जोन बोल सकते हैं आप उसको छोड़ कर के पेन की दुनिया में जा रहे हो तो
यह काम नहीं करेगा इन 99 पर ऑफ द केसेस 1 पर की मैं बात नहीं कर रहा जैसे 1 पर में कौन आ गया जिसकी आदत बन गई है बचपन से ही पढ़ाई लिखाई करने की या टॉप करने की तो अब उसके लिए एक ईगो इशू बन गया है कि मैंने पिछले 10 साल से टॉप किया है अब मैं अपना नाम खराब नहीं कर सकता या नहीं कर सकती अब मुझे आगे भी टॉप ही करता है उसके लिए कुछ भी करना पड़े मैं करने को तैयार हूं मतलब ध्यान से देखोगे उसके साथ में भी क्या
जुड़ा एक फियर है जिसकी वजह से वह ड्रिवन है तो इस कैटेगरी की मैं बात नहीं कर रहा इस कैटेगरी में मुश्किल से एक पर लोग होते हैं अगर एक क्लास में 100 बच्चे होते हैं तो उसमें से एक दो बच्चे ही ऐसे होते हैं बाकी बच्चे कहां होते हैं जो बीच में कहीं पर होते हैं तो अब उन लोगों के लिए क्या सलूशन है अपने बेसिक नेचर के हिसाब से एक् करो मतलब क्या जिसमें मजा आता है वो तो करने में कोई दिक्कत नहीं है ना मजा किससे कनेक्ट होता है इंटरेस्ट से तो अभी
आपका जो इंटरेस्ट है वो कुछ ऐसी चीजों में है जो कि प्रोडक्टिव नहीं है जो आपको हेल्प नहीं कर रही है आपकी ब्रेन को और शार्प नहीं कर रही है आपको डल बना रही है क्या हो अगर कुछ ऐसी चीजों में आपका इंटरेस्ट डेवलप हो जाए जिसका डायरेक्टली आपकी पढ़ाई से कोई कनेक्शन नहीं है यानी वो पेनफुल दुनिया से कोई कनेक्शन नहीं है लेकिन उस पेन को सहने में वो आपको हेल्प करेगा यानी आपको ऐसा बना देगा कि आप बड़े से बड़े लाइफ के पेन को सह सको या बड़ी से बड़ी प्रॉब्लम को सॉल्व कर
सको यह वाला जो स्टेप स्प है इसके बारे में बहुत कम लोग बात करते हैं और अगर मेरे सेशंस को ध्यान से सुनोगे ध्यान से समझोगे मेरा सारा फोकस इसी पे होता है देखो दुनिया में क्या बात करते हैं आपके नंबर कम आ रहे हैं तो घर वाले पेरेंट्स ये वो दुनिया क्या कहेगी पढ़ते क्यों नहीं हो पढ़ लो मतलब दुनिया में क्या प्रॉब्लम है कि लोग आकर के आपको सीधा बता रहे हैं कि तू ये कर तो ये करने से ये हो जाएगा यानी कि नंबर नहीं आ रहे पढ़ाई करो तो नंबर आ जाएंगे
एज इफ कि आपको पता ही नहीं है यह तो आपको पता है पहले से बट कुछ ऐसा है जिसके बारे में कहीं कोई बात ही नहीं कर रहा है वह क्या है कि क्या आप अपने आप को इतना कैपेबल बना सकते हो कि आप इंडिपेंडेंटली सोच पाओ अपनी क्रिटिकल थिंकिंग को डेवलप कर पाओ अपनी लाइफ के जो सही और गलत के जो फैसले हैं वह खुद ले पाओ अगर आप अभी यह जो प्लेजर वाली कैटेगरी है वहीं पर रहो अपने कंफर्ट जोन में ही रहो बस अपने जो इंटरेस्ट है उसको डिस्कवर करो कि और मुझे
किन-किन चीजों में इंटरेस्ट है जिसमें मुझे मजा आता है चाहे उसका उससे कोई कनेक्शन ना हो जो आप अपने करियर के लिए कर रहे हो सर हाउ टू फाइंड इंटरेस्ट एगजैक्टली ट्स व्ट आई वाज अबाउट टू से देखना ध्यान से सुनना ध्यान से समझना यहां तक प्रॉब्लम समझ आ गई प्रॉब्लम क्या है कि अगर आप सीधा छलांग मारोगे प्लेजर से पेन की तरफ तो फेल हो जाओगे क्या हो अगर आप प्लेजर में ही रहो बस जिन चीजों में आपको इंटरेस्ट आ रहा है उसको बदल दो और कुछ ऐसे काम करो जिसमें आपको इंटरेस्ट आए बल्कि
जो आप कर रहे हो अभी उससे और ज्यादा इंटरेस्ट आए और उससे कुछ ऐसा हो जाए जो लाइफ में सबसे इंपॉर्टेंट है पढ़ाई लिखाई सबसे इंपॉर्टेंट नहीं है जैसा आपके दिमाग में भरा जा रहा है या किसी एग्जामिनेशन को क्रैक करना सबसे इंपॉर्टेंट नहीं है जॉब मिलना सबसे इंपॉर्टेंट नहीं है सबसे इंपॉर्टेंट है कि आप एक ऐसे इंसान बन सको कि लाइफ में किसी भी प्रॉब्लम को सॉल्व कर सको एंड गोल आपको क्लियर हो गया कि एक ऐसा इंसान बनना है जिसकी थिंकिंग एबिलिटीज बहुत कमाल की हो तो क्या हो अगर इस तरह आप कंटेंट
कंज्यूम करने लग जाओ जिससे आपकी थिंकिंग एबिलिटीज इंप्रूव हो वो कैसे होंगी ऐसे लोग की कंपनी में आकर के और कोई तरीका ही नहीं है ऐसे लोगों की कंपनी में कैसे आओगे या तो ऐसे लोगों की बुक्स पढ़ो या ऐसे लोगों का कंटेंट कंज्यूम करो ऐसे लोगों की वीडियोस देखो और फिर उस तरीके से पेपर पेन लेकर के चीजों को समझने की कोशिश करो लद इसका आपके करियर से आपकी पढ़ाई से डायरेक्ट कोई कनेक्शन नहीं है बट इसका आपकी पर्सनालिटी से बहुत बड़ा कनेक्शन जैसे फॉर एग्जांपल पॉलिटिक्स एक ऐसा टॉपिक है जिसका वैसे तो आपकी
लाइफ से डायरेक्ट कनेक्शन है बट आप लोगों को यह गलत फहमी है कि अगर मैं मान लो कॉमर्स बैकग्राउंड से हूं तो मेरी लाइफ का जो डायरेक्ट कनेक्शन है वह है कॉमर्स में अगर मैं सीए कर रहा हूं तो सीए में मेरा होता या नहीं होता है उसके बाद में मेरा क्लियर होता है नहीं होता है उसके बाद में कहीं जॉब लगती है या नहीं लगती है इस सब से मेरी लाइफ का डायरेक्ट कनेक्शन है लेकिन पॉलिटिक्स का मेरी लाइफ से कोई डायरेक्ट कनेक्शन नहीं है क्या ये सच है कितने एग्री करते हैं कि पॉलिटिक्स
का आपकी से कनेक्शन है डायरेक्ट कितने लोग ऐसे हैं आप में से जो यह कह सकते हैं कि पॉलिटिकली वी आर अवेयर ऑफ व्हाट एवर इज गोइंग ऑन इन आवर कंट्री और अक्रॉस द ग्लोब नॉट इवन अ सिंगल पर्सन क्या ये इंटरेस्टिंग है या नहीं है पॉलिटिक्स का दूसरा मतलब क्या होता है लड़ाई दो ग्रुप्स के बीच में दो पार्टीज के बीच में और लड़ाई में तो आपका वैसे ही बहुत इंटरेस्ट है उसको कंज्यूम कर रहे हो जिसका एक्चुअल में कोई बेनिफिट नहीं हो रहा है क्योंकि वो लड़ाई एक्चुअल नहीं है सिर्फ दिखाने के लिए
है मतलब के नकली लड़ाई है असली लड़ाई देखो ना देखो पॉलिटिक्स में पूरी दुनिया में क्याक हो रहा है अगर पॉलिटिक्स में आपका इंटरेस्ट है तो अगर नहीं है तो साइकोलॉजी को स्टडी करो क्या पता उसमें इंटरेस्ट आ जाए अब आप कहोगे मैं कॉमर्स स्टूडेंट हूं सर क्या बोल रहे हो साइकोलॉजी को क्यों स्टडी करूं इसी को तो कहते हैं पर्सनालिटी यानी अपने इंटरेस्ट के हिसाब से आगे बढ़ो लाइफ में आपका इंटरेस्ट आप को गाइड करेगा कि अगला स्टेप आपकी लाइफ में क्या होगा एक नशे को जिसकी आपको लत पड़ गई है एकदम से नहीं
छोड़ सकते और सोशल मीडिया से बड़ा कोई नशा नहीं है इसको छोड़ने का जो रास्ता है वह भी सोशल मीडिया ही है यानी अभी जो नशा आप कर रहे हो वह आपको और आपकी ब्रेन को और डल कर रहा है आपको बेवकूफ बना रहा है एक दूसरे तरह का नशा है जो आपको समझदार बनाता है पहले तो इस पर एक बहुत बड़ा क्वेश्चन मार्क है कि समझदार कौन होता है और बेवकूफ कौन होता है सबसे आसान तरीका बताऊं समझदार बनने का कि जो भी आप मानते हो फॉर एग्जांपल पॉलिटिक्स में आप अगर डायरेक्टली नहीं भी
स्टडी करते हो क्या हो रहा है क्या नहीं हो रहा आपके घर में तो बातें होती होंगी तो आपको पता तो है मोटा मोटा कि क्या हो रहा है तो आपके घर वालों का एक स्टैंड पॉइंट होगा एक व्यू होगा कि हम इस पार्टी को सपोर्ट करते हैं हम इस इंसान को सपोर्ट करते हैं और इसको नहीं करते हैं वैसा ही व्यू आपका बन चुका होगा आपको पता भी नहीं होगा क्योंकि एनवायरमेंट में आप पले बड़े हो तो वो जो आपका व्यू है उसका अपोजिट व्यू जहां पर भी है जिसका भी है उस कंटेंट को
कंज्यूम करो इससे आपकी क्रिटिकल थिंकिंग एबिलिटीज डेवलप होंगी जिस तरह की इंफॉर्मेशन आपको फीड करी जा रही है अगर उसको सुन कर के आप बोल रहे हो तो एक तोते में और आप में क्या फर्क है क्या इसको क्रिटिकल थिंकिंग बोलेंगे या फिर एक ऐसा इंसान जो कि एक सिचुएशन की दोनों साइड्स को देख सके जिसको एटलीस्ट इतना पता हो जो मैं बोल रहा हूं कि हर सिचुएशन की दो साइड होती हैय भी नहीं पता बहुत लोगों को लाइफ को कैसे देखते हैं ब्लैक और वाइट यह अच्छा है यह बुरा है यह सही है यह
गलत है ऐसा कुछ नहीं होता है अगर यह बात आपको समझ आ रही है इतनी सी भी दिस इज द बिगिनिंग ऑफ द डेवलपमेंट ऑफ क्रिटिकल थिंकिंग इस दुनिया में बहुत तरह की इंफॉर्मेशन है अभी जो आप कंज्यूम कर रहे हो वह आपको नीचे गिरा रहा है अगर कुछ ऐसा आप कंज्यूम करो जो इंटरेस्टिंग भी हो लेकिन आपको ऊपर उठाए आपको मतलब आपकी थिंकिंग को तो एक बार आपकी थिंकिंग ऊपर उठ गई तो क्या आप अपने बेस पर ये डिसीजन ले सकते हो कि मुझे क्या करना है और क्या नहीं करना है स इज इट
इंपॉर्टेंट कि जो भी हमारा इंटरेस्ट है वो हम जो मेन कैरियर वाली फील्ड है वो अलग फील्ड है और हमारा इंटरेस्ट अलग फील्ड में है तो सर इसमें सर कांट्रडिक्शन हो जाता है कि हमारे यहां पे कैरियर हमारा अलग तरफ पे जा रहा है बट हमारा इंटरेस्ट एक दूसरी साइड में है तो यहां पे समझ में नहीं आता कि सर इंटरेस्ट पे जाएं या फिर कैरियर पे जा टाइम किसको ज्यादा दे इंटरेस्ट को ज्यादा टाइम दे या फिर करियर वाली चीज में ज्यादा टाइम दे पहले इंटरेस्ट पे जाओ क्योंकि सीधा करियर पर जाओगे और अगर
वो करियर में आपका इंटरेस्ट नहीं है तो गारंटीड फेल होगे उस करियर में आपका जिस चीज में इंटरेस्ट है उसी से रिलेटेड करियर होना चाहिए बट यह आइडियल सिनेरियो है हमारे यहां पर ऐसा बहुत केसेस में नहीं होता है क्योंकि आपके इंटरेस्ट को तो कोई समझता ही नहीं है बस आपको बताया जाता है कि आपको यह करना है फिर आप भी उस रास्ते पर चलने लग जाते हो बाद में समझ आता है कि यह मेरे लिए नहीं है लेकिन तब तक बहुत देर हो जाती है क्योंकि अब तो कॉलेज में फीस चली गई अब तो
करना ही पड़ेगा ऐसे ही होता है य सर तो मैं क्या कह रहा हूं इस स्टेप पे जाने से पहले एक स्टेप है जिसको आप मिस कर रहे हो दैट इज डिस्कवरी ऑफ योर इंटरेस्ट तो अब आपके पास में दो रास्ते हैं एक ये है कि आप एजुकेशन सिस्टम को ब्लेम करो इसके लिए क्योंकि हमारा एजुकेशन सिस्टम ऐसा नहीं है जहां पे कि आपके इंटरेस्ट को एक्सप्लोर किया जाए डिस्कवर किया जाए उसके हिसाब से आपको करियर चूज करने के लिए एंकरेज किया जाए ऐसा नहीं है ना नो सर इट्स ऑल अबाउट क्रैमिंग कि रट लो
रट लो और फिर रट करके जा करके लिख दो और रटने से क्या होता है दिमाग और डल हो जाता है डेवलप नहीं होती आपकी थिंकिंग एबिलिटीज बल्कि जहां बुक में जो लिखा हुआ है उससे अलग आप कुछ भी लिखते हो या कुछ भी बोलते हो या कुछ भी पूछते हो तो आपको चुप करा दिया जाता है कि जो किताब में लिखा है वही सच है अच्छा किताब किसने लिखी है किसी इंसान ने तो लिखी है तो उससे गलती नहीं हो सकती क्या लेकिन इसकी तो गुंजाइश ही नहीं है हमारे एजुकेशन सिस्टम में तो अब
एक ऑप्शन यह है कि आप बैठ कर के एजुकेशन सिस्टम को ब्लेम करो बट उससे आपको कुछ मिलने वाला नहीं है दूसरा ऑप्शन क्या है जिसकी मैं बात कर रहा हूं जोके सिस्टम नहीं कर रहा आपके घर वाले नहीं कर रहे टीचर्स नहीं कर रहे दुनिया नहीं कर रही आप खुद करो मतलब क्या अपने इंटरेस्ट को डिस्कवर करो एक्सप्लोर करो यहां पर जो लिखा हुआ है डिस्कवर योरसेल्फ खुद को डिस्कवर करो फिर उसके हिसाब से करियर चूज करो अगर इस रास्ते से चलोगे तो शॉर्ट टर्म में हो सकता है थोड़ी दिक्कत भी आ जाए लेकिन
लॉन्ग टर्म में लाइफ उससे बहुत बेटर हो जाएगी जिस रास्ते पर अभी आप चल रहे हो