नमस्कार मैं रवीश कुमार म से मोदी और म से मार्क एक म से दो अलग-अलग नाम दो अलग-अलग देश मार्क बोल रहे हैं और मोदी चुप हैं कनाडा के होने वाले प्रधानमंत्री हैं मार्क कार्नी साफ-साफ कह दिया कि अमेरिका को कनाडा की इज्जत करनी पड़ेगी मोदी भारत के 10 साल से प्रधानमंत्री हैं उससे भी अधिक समय हो गए ट्रंप ने भारत के बारे में अनाप शनाप बातें कहीं लेकिन मां से मोदी चुप रहे और व से विदेश मंत्री या जय से जयशंकर लंदन में टहलते नजर आए उन्होंने रविवार सुबह ट्वीट किया कि लंदन में मॉर्निंग
वॉक कर रहा हूं कमाल है ट्रंप ने भारत का अपमान किया और विदेश मंत्री टहलने दौड़ने का फोटो ट्वीट कर रहे हैं क्या देश यही जानना चाहता है कि विदेश मंत्री आज कहां टहल रहे हैं या ट्रंप के फालतू बयानों पर उनका क्या कहना है ट्रंप के इस बयान पर अभी तक भारत सरकार का आधिकारिक जवाब नहीं आया है संसद में इस पर बहस हो पाती उससे पहले वोटर लिस्ट के मुद्दे पर बहस फंस गई राज्यसभा के उपसभापति ने वोटर लिस्ट पर चर्चा की मांग खारिज कर दी तो विपक्षी दलों ने सदन से वक आउट
कर दिया संसद में बधाई दी जा रही है और ट्रंप के बयान पर चुपी है क्या भारत का स्वाभिमान केवल क्रिकेट में है यही राष्ट्रीय एकजुटता साहस ट्रंप के बयान के समय क्यों नहीं देखी जा रही हैट आई जॉइन द हाउस टुडे टू फेलिसिटेट द इंडियन मेंस क्रिकेट टीम फॉर देर विक्ट्री इन द आईसीसी चैंपियन ट्रॉफी 2025 ट्रंप ने कनाडा के बारे में अनाप शनाप बातें कहीं कनाडा ने खूब जवाब दिया कनाडा के लोगों ने जवाब दिया है यही नहीं अपना पद छोड़ रहे जस्टिन ट्रूडो ने भी ट्रंप को जवाब दिया सवाल है कि जब
म से मार्क बोल सकते हैं तो म से मोदी ट्रंप को लेकर क्यों नहीं बोल पा रहे हैं ट्रंप को जवाब दे देने से मार्क कार्नी की कनाडा में लोकप्रियता बढ़ गई है लेकिन भारत में बिना जवाब दिए ही प्रधानमंत्री मोदी लोकप्रिय माने जाते हैं रोड शो में एक लड़का उन्हें देखकर रोने ही लगा ऐसी लोकप्रियता फ्री में मिल रही हो तो ट्रंप कुछ भी बोलते जाएं जवाब देने की भी क्या जरूरत है जरा चेक कीजिए अपने कनाडा अपने स्वाभिमान की बात कर रहा है whatsapp2 नहीं बोल सके वह बात तरह-तरह से मोदी मोदी करने
वाले रामदेव ने बोल दी रामदेव ने क्या बोला है उस पर आने की हड़बड़ी मत कीजिए इंतजार कीजिए रामदेव कोई ट्रंप विरोधी नहीं है हम बताएंगे कि क्यों नहीं है लेकिन पहले इस सवाल को ठीक से रखना चाहते हैं कि शनिवार का मामला है ट्रंप ने भारत को बेनकाब करने वाली बात कह दी अभी तक प्रधानमंत्री मोदी ने विदेश मंत्रालय ने वाणिज्य मंत्रालय ने औपचारिक तौर पर जवाब क्यों नहीं दिया खुलेआम कहा है ट्रंप ने कि भारत टैरिफ कम करने वाला है क्योंकि अमेरिका ने बेनकाब कर दिया और हम है कि चुप हैं 8 मार्च
को विदेश मंत्रालय के प्रेस वार्ता में जब ब्लूमबर्ग के सुधीरंजन सेन ने विदेश सचिव से ट्रंप के बयान पर प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने रूटीन सा जवाब दिया कहा कि अमेरिका से आने वाले बयानों में काफी रुचि है लेकिन अभी मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता हूं क्योंकि यह बातचीत अभी चल रही है टैरिफ पर नहीं बोल सकते थे तो अपनी तरफ से बेनकाब करने वाली बात पर ही कुछ कह देते मगर नहीं कहा इन सो फार एज द क्वेश्च रिलेटेड टू ट्रेड एंड टैरिफ आर कंसर्न आई थिंक इन सो फार आई मीन आई नो
देर इज अ लट ऑफ इंटरेस्ट इन द स्टेटमेंट्स कमिंग आउट ऑफ द यूनाइटेड स्टेट्स आई विल नॉट गेट इनटू दैट एट दिस पॉइंट इन टाइम बिकॉज दिस आर ऑन गोइंग डिस्कशन सो इट वड नॉट बी राइट टू गेट इनटू इट बट आई वुड ओनली पॉइंट यू अ टुवर्ड्स द फैक्ट दैट वी हैव इन रिसेंट टाइम्स एंटर्ड इनटू अ बायलट ट्रेड एग्रीमेंट्स व्च आर बेस्ड ऑन टैरिफ लिबरलाइजेशन विद सेवरल पार्टनर्स अ देयर आर ऑन गोइंग डिस्कशंस विद सेवरल अदर पार्टनर्स ऑन दीज इश्यूज नाउ एंड आई थिंक द ऑन गोइंग डिस्कशन शुड बी सीन इन दैट कॉन्टेक्स्ट
एज वेल विदेश सचिव से लेकर सूत्रों को भी यही बयान दोहराने के काम पर लगा दिया गया है यह सूत्र कौन है जो फालतू की बात कर रहे हैं वह भी बेनकाब करने वाली बात पर नहीं बोल रहे टैरिफ वाली बात पर बोल रहे हैं कि अभी फाइनल नहीं हुआ है ट्रंप तो पब्लिक में बोल गए कि भारत ने टैरिफ कम कर दिया तो आप भी पब्लिक में बोलिए तो यह खबर सूत्रों के हवाले से क्यों छप रही है वाणिज्य मंत्री वाशिंगटन गए थे इसी काम के लिए वहां किससे मिले कोई फोटो तक नहीं डाला
नकाब करने की बात कर रहे हैं और यहां लोग सूत्रों के कंधे पर बैठकर खबरों को मैनेज कर रहे हैं ऐसा नहीं है कि रामदेव ट्रंप विरोधी हैं बिल्कुल नहीं नवंबर के महीने में उन्होंने ट्रंप के बारे में जो कहा है आप सुन लेंगे तो आपकी आंखों में आंसू ओवरफ्लो करने लग जाएगा विद्या कसम सातों विद्या की कसम रामदेव ने कहा था 8 नवंबर को दो समाचार एजेंसियों एनआईपीआर देव ने कहा था कि डोनाल्ड ट्रंप एक सनातन समर्थक भारत और भारतीयता प्रेमी व्यक्तित्व हैं और उसमें प्रचंड जोश है जैसे हम भारत में राष्ट्रवाद को सर्वोपरि
मानते हैं तो डोनाल्ड ट्रंप का राष्ट्रवाद अमेरिका और अमेरिकन फर्स्ट है और यह विचार राष्ट्र धर्म राष्ट्र सहित राष्ट्र प्रेम सर्वोपरि है उसके वह ध्वजवाहक है तो अब पूरी दुनिया में यही नारा गूंज रहा है कि अपने देश को सर्वोपरि मानकर जो आगे बढ़ेगा वही राजनीति करेगा वही शासन करेगा वही कुछ नया इतिहास गढ़े इसलिए राष्ट्रवाद के इस नए दौर का स्वागत है और सनातन के गौरव का अभिनंदन है ट्रंप का अभिनंदन है वह अमेरिका और अमेरिकी फर्स्ट का जो नारा लेकर चल रहे हैं जो कई प्रकार के आईडियोलॉजिकल कॉलोनाइजेशन के स्वप्न संजोए बैठे थे
मुझे लगता है उनके लिए भी एक बहुत बड़ा सबक है सनातन समर्थक भारत और भारतीयता प्रेमी व्यक्तित्व राष्ट्रवाद के ध्वजवाहक ट्रंप का अभिनंदन इतना सुनकर तो ट्रंप को सबसे पहले सीधे शपथ लेने के बाद हरिद्वार जाना था रामदेव के आश्रम में अब भी देर नहीं हुई है चैट जीपीटी से रामदेव के इस बयान का इंग्लिश अनुवाद किया जा सकता है एस जयशंकर सीधे अमेरिका जाएं और ट्रंप को रामदेव का यह बयान तुरंत सुनाएं अक्टूबर महीने से ही विदेश मंत्री अमेरिका के चक्कर लगा रहे हैं कितनी बार गए ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में तो सबसे
आगे बैठ गए है कितनी तारीफ हुई कि भारत का उदय हो गया आगे की सीट मिल गई इनफीरियर कॉम्प्लेक्शन क्या हो सकता था लेकिन प्रधानमंत्री मोदी का वाकई टाइम शानदार चल रहा है कुछ करें कुछ ना करें कोई फर्क नहीं पड़ता इसलिए जनता ने मान लिया कि जयशंकर आगे की सीट पर हैं तो ट्रंप के लिए भारत भी आगे है तो दो लाइन इस पर भी बोल देते कि ट्रंप ने भारत के बारे में गलत बोला है जयशंकर ने नहीं कहा इसलिए कहा कि जयशंकर को रामदेव का बयान लेकर अमेरिका जाना चाहिए ट्रंप रामदेव को
जैसे सुनेंगे कहते हुए कि उन्हें सनातन समर्थक भारतीयता प्रेमी व्यक्तित्व कह रहे हैं यकीन मानिए ट्रंप चरणों में लेट जाएंगे पसर जाएंगे और माफी मांगने लग जाएंगे कि हम तो कुंभ भी नहीं गए महाराज इलाहाबाद के लड़कों की बाइक पर बैठकर संगम भी नहीं नहाए तब भी आप हमें सनातन समर्थक कह रहे हैं रामदेव जी ने मेरा अभिनंदन किया है और मैं हूं कि भारत को बेनकाब कर रहा हूं माफी मांगते मांगते ट्रंप कहते कि मुझे कुछ भी कहो सनातन समर्थक मत कहो निष्ठुर कहो निर्दय कहो निरामिष कहो मगर सनातन समर्थक मत कहो काश हमारे
पास रामदेव के बयान का कॉपीराइट होता तो हम आपको उनका वीडियो पूरा सुनाते आपका मासूम हिंदू मन क्या इतना भोला है कि ट्रंप को सनातन समर्थक बताकर भी आपको ठगा जा सकता है कैसे-कैसे तर्क दिए जा रहे हैं सब प्रधानमंत्री मोदी की सुख सुविधा में गढ़े जा रहे हैं कि आपको हंसी नहीं आती आनी भी नहीं चाहिए जब लोग आपको इसी लेवल का समझने लग जाएं तो हंसना बंद कर देना चाहिए खुश होना चाहिए कि रामदेव आपको ठीक से समझ रहे हैं आप जो हैं जितना है जो भी है वही समझ रहे हैं यही हिंदू
सुख है मतलब खाने के लिए पैसे नहीं मुफ्त अनाज पर निर्भर है नौकरी नहीं लेकिन खुश है कि ट्रंप अपने सनातन समर्थक हैं इसी में भाई लोग खुश किए जा रहे हैं लेकिन ट्रंप ने हमारी खुशी बिगाड़ दी है इंडिया चार्जेस अस मैसिव टफ्स मैसिव यू कै इवन सेल एनीथिंग इनटू इंडिया इट्स ऑलमोस्ट इट्स ऑलमोस्ट रिस्ट्रिक्टिव इट इज रिस्ट्रिक्टिव यू न वी डू वेरी लिटल बिजनेस इनसाइड देव अग्री बाय द वे दे वा कट दे रिफ्स वे डाउन नाउ बिकॉज सम बडी फाइनली एक्सपोजिंग देम फर व्ट देव डन नवंबर से मार्च आ गया चार महीने
में रामदेव को अब उसी सनातन समर्थक ट्रंप में क्या-क्या दिख गया आतंकवाद तक दिख गया है टेरिफ टेररिज्म आइडल जिकल कॉलोनाइजेशन की बात करने वालों को सबक गिना रहे थे लेकिन अब कह रहे हैं कि इंटेलेक्चुअल कॉलोनाइजेशन का एक नया दौर शुरू हो गया नागपुर में जो उन्होंने कहा उसकी भी कॉपीराइट नहीं लेकिन उनका बयान इंटरनेट पर मौजूद है मैं उनके ही श्रीमुख से अवतरित शब्दों का वाचन कर रहा हूं जिसमें रामदेव कहते हैं हमने पॉलिटिकल कॉलोनाइजेशन भी देखा इकोनॉमिक कॉलोनाइजेशन भी देखा और इंटेलेक्चुअल कॉलोनाइजेशन का एक नया दौर दुनिया में चल रहा है इसी
के बीच जब से अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप का उदय हुआ है उन्होंने टैरिफ टेररिज्म का एक नया विश्व कीर्तिमान रच दिया है पूरी दुनिया के गरीब और विकसित देशों को जिस तरह से वे डरा रहे हैं धमका रहे हैं उन्होंने लोकतंत्र की मर्यादाओं की धज्जियां उड़ा दी हैं ना डब्ल्यूटीओ को मान रहे हैं ना यूएनओ को मान रहे हैं वर्ल्ड बैंक आईएमएफ को अपने अकॉर्डिंग चला रहे हैं अपने डॉलर की इतनी कीमत बढ़ा दी जो दूसरे गरीब और विकासशील देश हैं उनकी करेंसी की कीमत इतनी घटा दी है यह एक तरह का आर्थिक आतंकवाद है
यह टैरिफ टेररिज्म है यह दुनिया को एक अलग दौर में लेकर जा रहे हैं एक तरफ ट्रंप दूसरी तरफ पुतिन उदर शी जिनपिंग और किम जंग का तो भरोसा ही नहीं क्या करेगा ऐसे तमाम परिस्थितियां दुनिया में भयावह बनी हुई हैं ऐसे में भारत को शक्तिशाली बनाना होगा विकसित बनाना होगा नहीं तो पूरी दुनिया को एक महाविनाश की तरफ कुछ शक्तिशाली मुल्क ले जाना चाहते हैं लगता है रामदेव रविश कुमार ऑफिशियल के वीडियो ज्यादा देखने लगे हैं रामदेव से भी नहीं रहा गया और नहीं सहा गया जो रामदेव काला धन वापस नहीं आने पर चुप
रह गए मीडिया ने कितना पूछा कितना सुनाया आप कहते थे मोदी जी काला धन लाने की कोशिश में लगे हैं रामदेव फिर भी चुप रहे इधर-उधर कुछ बोलकर निकल गए डॉलर के आगे रुपए के और कमजोर होने पर चुप रह गए बड़े मुद्दों पर मोदी सरकार से सवाल नहीं किया वो रामदेव कम से कम ट्रंप से सवाल तो कर कर रहे हैं ट्रंप के साथ-साथ पुतिन शी जिनपिंग और किम जंग सबको ललकार रहे हैं बस उनसे भी प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर कुछ नहीं कहा गया समझ सकते हैं 2013 में रामदेव मोदी के लिए समर्थन
मांगा करते थे ट्रंप के बयान पर उन्होंने मोदी जी की चुप्पी का जिक्र तक नहीं किया सवाल ही पूछ लेते क्या डर गए हैं क्यों डर गए हैं हम हैं योग से ही फूंक कर हवा में उड़ा देंगे ट्रंप को लेकिन भारत को बेनकाब करने की बात करने वालों को हम कतई पसंद नहीं करेंगे जब तक भारत में ईडी है तब तक भारत में डीडी है डीडी मतलब दूरदर्शन नहीं डरपोक डेमोक्रेसी डर के मारे लोग बोल नहीं रहे डर के मारे गोदी मीडिया पूछ नहीं रहा डर के मारे रामदेव भी नहीं बोल रहे मोदी जी
आप चुप क्यों हैं टैरिफ टेररिज्म ट्रंप को इतना भी बोल देना कम नहीं वैसे इसके बाद तो रामदेव को सीधा नागपुर से नोएडा जाना चाहिए था अर्णव के चैनल में एंकर को कंधे पर बिठाकर गोल गल घूमना चाहिए था कि आज हमने ट्रंप को सुना दिया वाइट हाउस मेरे सुनाने के बाद पीला पड़ गया है डर के मारे सनातन समर्थक ट्रंप को हमने टैरिफ टेररिज्म कह दिया तो यह सब नौटंकी चल रही है आपके भारत में अब आपको दो राजनेताओं का किस्सा सुनाने वाला हूं आप डग फोर्ड कनाडा के ओंटेरिगा के तहत सुदूर इलाकों में
बसे 15000 घरों और व्यवसायों को इंटरनेट मुहैया कराया जाना था मगर अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के जवाब में प्रीमियर डक पोर्ट ने उस करार को रद्द कर दिया [संगीत] है उन्होंने अमेरिकी कंपनियों पर ओंटारियो में खुलने वाले कांट्रैक्ट्स पर बिडिंग करने पर प्रतिबंध लगा दिया है यानी अमेरिकी कंपनी टेंडर में भाग नहीं ले सकेंगी स्टारलिंग के नए करार को रद्द करने से मौजूदा ग्राहकों पर असर नहीं पड़ेगा लेकिन सुदूर इलाकों में अब यह नहीं पहुंच पाएगा हालांकि वहां के लोगों की मांग थी कि स्टारलिंग को आने दीजिए डक फोट ने कहा हमें लंबी लड़ाई
के लिए तैयार रहना चाहिए हर तरह के औजार के इस्तेमाल के लिए तैयार रहना चाहिए मना ही कर दिया डग फोर्ट ने मस् को लेकिन भारत ने क्या किया भारत के संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान देखिए हम नहीं कहते जो कनाडा ने किया वही और वैसे ही भारत भी करे लेकिन भारत तो किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दे रहा जो भी खबरें आ रही हैं उससे यही पता चल रहा है कि ट्रंप की घुड़की के बाद मस्क और ट्रंप की हर बात में हां जी हां जी किया जाने लगा है डग फोर्ड मस्क से
करार खत्म कर रहे हैं और ज्योतिरादित्य सिंधिया क्या कर रहे हैं नवंबर में ही सूचना एवं प्रसारण मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था हम स्टारलिंग समेत किसी को भी लाइसेंस देने के लिए तैयार है उन्हें बस हमारे मानकों को मानना होगा हमें देखना होगा कि सुरक्षा के सभी पैमाने निभाए जाएं इसका एक तय फॉर्मेट है अगर आप सब कुछ सही से करते हैं तो लाइसेंस मिल जाता है उस समय उन्हो उन्होंने कहा था स्टर्लिंग सुरक्षा मानकों पर काम कर रहा है व नवंबर का बयान था रामदेव ने भी नवंबर में ट्रंप को सनातन समर्थक बोला
था लेकिन मार्च में टैरिफ टेररिज्म से जोड़ दिया तो ज्योतिरादित्य सिंधिया को क्या करना चाहिए अब क्या कहना चाहिए उनके नवंबर वाले बयान को लेकर रिपब्लिक टीवी के कार्यक्रम में मंत्री जी से पूछा गया कि आपने ऐसा कहा था भारत में चिंता व्यक्त की जा रही है सवाल का मतलब यही रहा होगा कि अगर मस्क स्टार लिंक लेकर आएंगे तो जिओ का क्या होगा airtelbank.com की बात इस जवाब का ध्यान से सोचिए क्या मतलब निकला ट्रंप की बात का जवाब नहीं दिया जा रहा और ताली बजवाई जा रही है हम किसी से डरते नहीं पूछा
जा रहा है कि क्या मस्क को उनकी ही शर्तों पर आने देंगे या अपनी शर्तें भी लगाएंगे तो जवाब दे रहे हैं हम किसी से डरते नहीं आइए जो करना है सेवा कीजिए क्या-क्या तर्क घुमा रहे हैं बताइए मस्क जो टेस्ला के लिए शोरूम खोल चुके हैं उसके लिए क्या करार हुआ अब अमेरिका से आने वाली कारों पर टैरिफ नीति क्या होगी मस्क को क्या आश्वासन दिया गया है सवाल का जवाब नहीं आता लेकिन सीना तानने वाली बात सुना दी जाती है कि हम किसी से डरते नहीं तो फिर ट्रंप ने जो कहा कि भारत
को बेनकाब कर दिया है उस पर जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं 4 मार्च के टाइम्स ऑफ इंडिया में पंकज डोबल की रिपोर्ट छपी है इस रिपोर्ट के अनुसार टेक एंड इंफ्रा नाम के हैंडल ने जब ट्वीट किया तो जवाब में 7 मार्च को मस्क ने उस पर लिख दिया फेयर कंपटीशन वुड बी मच अप्रिशिएट अब देखिए मस्क खुलकर बोल रहे हैं लेकिन भारत की इतनी बड़ी-बड़ी संचार कंपनियां मस्क की तरह खुलकर नहीं बोल रही हैं अमेरिका और कैनेडा दोस्त रहे हैं दोनों के बीच 150 सालों से अच्छे रिश्ते हैं दोनों के बीच द्विपक्षीय समझौता
दुनिया के सबसे विस्तृत और व्यापक समझौतों में गिना जाता है दोनों देशों के बीच बॉर्डर पार करना बिल्कुल आ है दोनों के बीच दुनिया का सबसे लंबा ऐसा बॉर्डर है जहां सैनिक नहीं होते भारत और पाकिस्तान या चीन जैसे हालात नहीं फिर भी जब अमेरिका ने टैरिफ के नाम पर कनाडा को धमकाना शुरू किया तो खबरें आने लगी कि आम लोग अमेरिका छुट्टी मनाने के प्लान कैंसिल कर रहे हैं कनाडा की सरकारों ने जवाब देने में जरा भी देर नहीं लगाई फिर भारत क्यों चुप [संगीत] है कनाडा के होने वाले प्रधानमंत्री मार्ग कार्नी ने कहा
है कि कनाडा कभी भी किसी भी तरह से किसी भी रूप में अमेरिका का हिस्सा नहीं बनेगा कार्नी ट्रंप के विरोध के लिए जाने जाते हैं लिबरल पार्टी से प्रधानमंत्री पद के दावेदार के रूप में उन्हें 85 फीस मत मिला है इसी से पता चलता है कि ट्रंप के खिलाफ मुखरता से बोलने वाले नेता कनाडा के लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं कनाडा को अमेरिका का 51 वां राज्य बनाने की धमकी के जवाब में कार्नी ने कहा कनाडा कभी भी अमेरिका का हिस्सा नहीं बनेगा अमेरिका कनाडा के लोगों के संसाधन उनका पानी जमीन और
देश लेना चाहता अगर अमेरिका कामयाब हो गया तो हमारे जीवन जीने के तरीके को बर्बाद कर देगा जो हम बनाते हैं और बेचते हैं उस पर ट्रंप नाजायज टैरिफ लगा रहे हैं वे कनाडा के कामगारों परिवारों उद्योगों पर हमला कर रहे हैं हम उन्हें कामयाब नहीं होने देंगे कनाडा की जवाबी कारवाई जायज है और तब तक जारी रहेगी जब तक अमेरिका फ्री और फेयर ट्रेड पर कोई ठोस वादा नहीं करता अमेरिका को हमारी इज्जत करनी होगी इतना खुलकर कहा है मार्क कार्नी ने और हमारे विदेश मंत्री लंदन में टहल रहे हैं प्रधा प्रधानमंत्री सूरत में
रोज शो करने चले जाते हैं अगर अमेरिका के दबाव में भारत का कृषि बाजार खोला गया तो क्या भारत के किसान बर्बाद नहीं हो जाएंगे क्या आप जानते हैं कि अमेरिका में किसानों को कितनी सब्सिडी मिलती है लाखों करोड़ रुपए की सब्सिडी मिलती है उसके दम पर जब वे अपना माल यहां बेचेंगे तो भारत के कृषि उत्पादक यानी किसान कहां टिक पाएंगे अमेरिका भारत से कह रहा है कि वह अपनी अर्थव्यवस्था को और खोलता जाए टैरिफ हटाए नहीं तो जवाबी टैरिफ लगा देगा दूसरी तरफ वही अमेरिका जब कनाडा पर टैरिफ लगाता है तो कनाडा भी
टैरिफ लगा देता है लेकिन अभी तक भारत के किसान अंधेरे में हैं उन्हें पता नहीं सरकार क्या करेगी और बातचीत किस पर हो रही है चीन ने भी अपने किसानों को बचाने के लिए अमेरिका से आयात होने वाले गेहूं मक्का चिकन कपास पर 10 से 15 फीस टैरिफ लगा दिया है यह भी घोषणा की है कि ज्वार सोयाबीन पर्क बीफ सीफूड फल सब्जी और डेरी उत्पादों पर 10 फी टैरिफ लगेगा भारत क्या करेगा अभी तक सभी सरकारों ने खेती के बाजार को अचानक से नहीं खो बोलने दिया सब सतर्क रहे और संवेदनशील रहे उन्हें पता
है कि भारत का गरीब किसान अमेरिका के आलसी और सब्सिडी पर पलने वाले किसानों का मुकाबला नहीं कर पाएगा क्या इस पर कोई बहस है देश में नहीं है किसानों के हित पर क्या असर पड़ने वाला है इस पर कोई बहस नहीं इसलिए टैरिफ को लेकर बहस पब्लिक में होनी चाहिए पब्लिक को पता होना चाहिए कि किस पर बात हो रही है किस पर सहमति हो गई है और किस पर नहीं बाकी तो देश में सब ठीक-ठाक है फगुआ खेलिए होली मनाइए और ट्रंप को भी मुर्गा छाप रंग लगाना ना भूले चंपई नहीं तो हरियर
का धर के रगड़ देना है अबकी फागुन में उनको रंग छुड़ाते छुड़ाते वाइट हाउस में ट्रंप साहब परेशान हो जाएंगे नमस्कार मैं रवीश कुमार