झाल कि अब आप योगनिद्रा के लिए तैयार हो जाइए कि शव आसन मिले चाहिए को सिर से पैर तक एक सीध में रखें [संगीत] अपने पैरों में थोड़ा अंतर रखें कि दोनों हाथ कमर के बगल में सीधे रखें की तीलियां ऊपर की ओर खुली रहें हैं कि एक बार अच्छी तरह से अ कि शरीर की स्थिति को व्यवस्थित कर लीजिए को पूरी तरह आराम की स्थिति में आई है को योगनिद्रा का अभ्यास शुरू हो जाने के बाद कि शरीर को किसी तरह भी हिलाना-डुलाना नहीं है कर दो कि अ आंखें बंद रखिए है और जब
तक खुले को ना कहा जाए आंखें न खोलें कि अब गहरी श्वास लीजिए है और अनुभव कीजिए है कि शारीरिक 220 मानसिक थकान दूर होती जा रही है कि शरीर सिद्ध कि शरीर विश्राम में जो अलार्म विश्राम [संगीत] लुट कि केवल विश्राम की धार ना कोई जगाइए कि मैं ठीक वैसे कि मानो आप रात सोने के लिए बिस्तर पर जा रहे हैं कि चक्र शरीर शिथिल हो जाता है तब तक नींद आने लगती है कर दो कि हर आपको अभी सोना नहीं है को पूरी तरह जागरूक रहना है और याद रहे हैं अभी सोना नहीं
है को जागृत रहना है कि अब आप संकल्प करें मैं सॉन्ग नहीं कि मैं जागृत रहूंगा कि मैं सॉन्ग नहीं मैं जागृत रहूंगा कि मेरी निर्देशों का बौद्धिक विश्लेषण नहीं करना यह विचार नहीं करना मैं सिर्फ आदेश का पालन को पूरी तरह से मानसिक विश्राम पाने के लिए कि तुम सोच छोड़ दो आप सिर्फ मेरी आवाज़ को सुनते रहना है है और जैसा कहुं करते जाना [संगीत] कि यदि अभ्यास के बीच कोई विचार आए अनिल दें यहां पर निर्देशों का पालन करते रहेंगे मैं अपने आप को शाम और स्थिर रखें [संगीत] और पूरी तरह साम
कर दो में लेटते ही योगनिद्रा प्रारंभ नहीं करनी है मैं अभी सिर्फ विश्राम का अनुभव ल कर दो तो हाथ-पैर इस गर्दन ढूढ़ कि शरीर क्षेत्र विश्वास गहने कर दो मेरे सारे शरीर को आंतरिक रूप से शिथिल करें अ कर दो मैं अपनी चेतना को सिर से पैर तक घुमाइए है और मानसिक मन ही मन जय हो ओम का उच्चारण करें कि पूर्ण स्थिति कि शरीर के प्रति जागरूक और मन ही मन ओम कहे कि मानसिक ओम कर दो कि भीतर चले गए कि संपूर्ण शरीर का निर्वहन करें संपूर्ण शरीर इस [संगीत] कि आप योगनिद्रा
का अभ्यास करने जा रहे हैं को फिर से एक बार संकल्प करें कि मैं सजग हूं है और मैं योगनिद्रा का अभ्यास करने जा रहा हूं मैं को फिर से धो रहा है कि मैं सजग हूं कि मैं योगनिद्रा का अभ्यास करने जा रहा हूं मैं [संगीत] में अभियोग निद्रा का अभ्यास शुरू होता है कि यह समय है का संकल्प करने का आ कि ऐसा संकल्प हैं जो आपके विकास एवं रचनात्मक बहाव से प्रेरित हो कि यह संकल्प कि आपके स्वभाव वह प्रकृति के अनुकूल छोटा सरल और स्पष्ट भाषा में होना चाहिए कि जो भी
संकल्प छूने उसे तीन बार कह मन हिम्मत को योगनिद्रा में किए गए यह संकल्प कि निश्चित पूरे होंगे और आत्मविश्वास के साथ संकल्प करें और सुनाओ है अब हम चेतना को क्रमशः कि शरीर के विभिन्न भागों में तेजी से घुमाएंगे है कि जितना संभव हो सके तो है उतनी जल्दी से चेतना को शरीर के एक भाग से दूसरे भाग में ले जाना है शरीर के इन अंगों का नाम और मानसिक रूप से दोहराइए हैं और साथ ही शरीर के उस भाग के प्रति सजग हो जाएं मैं अपने आपको संयत बनाए रखिए है इधर एकाग्रता का
अभ्यास नहीं करना है मैं सिर्फ शक है कि अब आप अपने दाहिने हाथ पर अपनी मानसिक सजगता को ले जाइए दाहिना हाथ है दाएं हाथ का अंगूठा है की पहली अंगुली दूसरी उंगली और तीसरी अंगुली कि चौथी अंगुली को हथेली की हथेली के प्रति सजग हो जाओ हथेली का पिछला भाग ए रिप्लाई की कहानी कौन-कौन से नीचे की पूजा करनी से ऊपर की पूजा कि कल यह का बगल है दाईं कमर है कि दाया नितंब दाएं जांघ में एक नया घुटना है दाईं तीन दिल्ली कि दायां टखना अ की पीढ़ी कि दाएं पैर का तलवा
कि पंजाब है दाएं पैर का अंगूठा अ की पहली अंगुली और दूसरी उंगली कि तीसरी अंगुली कि चौथी अंगुली कि बाएं हाथ पर अब मैं अपनी सजगता को ले जाइए कि बाएं हाथ का अंगूठा की पहली अंगुली और दूसरी तीसरी अंगुली चौथी अ कि बाएं हाथ की हथेली को हथेली का पिछला भाग कल आई थी की कहानी एक पोनी से ऊपर की पूजा आ कौन-कौन से नीचे की बांध आप पूरी बात है से कंधा की बातें बगल कि बाइक मच है दाईं जांघ बायां घुटना अ और बाएं पिंडली अ में रखना है मैं तेरी से
बाएं पैर का तलवार है में पेश का पंजाब का अंगूठा की पहली अंगुली और दूसरी उंगली तीसरी अंगुली के साथ ही उंगली [संगीत] कि अब अपनी पीठ पर पूरी तरह सजग होना है में पीठ का दायां हिस्सा है कि दाया नितंब बानी तमिल कि मैं भयभीत की रीढ़ की हड्डी में पीठ का पूरा भाग 2 मैं अपनी चेतना को सिर के ऊपर के भाग पर लाइए मैं सिर्फ ऊपरी भाग है मैं मानता हूं यह सिरका दायां हिस्सा बायां हिस्सा मस्तक अ है दाईं बम बाएं बॉम्ब वो ब्लू मध्य दाईं आंख कि बाईं आंख [संगीत] कुछ
नहीं दुकान कि बायां कान कि दाइयां गाल भाइयों गाल कि नाइट कि नासिकाग्र अ ऊपर का होम्स के नीचे का हॉट थोड़ी कि गला [संगीत] है दाईं छाती अ कि बाकी छाती कि इच्छा थी का मध्य भाग MP3 [संगीत] कि अब पूरा दायां पैर पूरा बाएं पैर [संगीत] है दोनों पर्दे के साथ कर दो को पूरा दबाया हाथ को पूरा बाय यहां कि दोनों हाथ ठीक साथ है और पूरी पीठ [संगीत] कि दोनों नितं कि रीड कि कंडोम के पीछे का भाग के सामने का भाग है हैं पेट छाती है को पूरा सामने का पीछे
का भानगढ़ एक साथ को पूरा शरीर पूरा शरीर एक साथ को पूरा अच्छी तरह साथ अ [संगीत] अपने पूरे शरीर में एक बार फिर से चेतना को घुमाओ मत कि दया बहस बयान आंख कि दायां घुटना बाय-बाय है दाईं जांघ बाय जाऊंगा है पेट का सीना कि कंधे की पीठ ने कि गर्दन कि छोरी है थे फोर्ट का नाटक कि आखिर मात्रा में मां सरस्वती नई दिल्ली के पांव की ईद है कि ऋषि देव पर नाथ इस क्षेत्र [संगीत] ए हार्ट तो फिर नीचे आ जाइए दाएं पांव का अंगूठा अ और बाएं पांव का अंगूठा
है कि दोनों पैरों की अंगुलियां का सीना है का निचला हॉट और उपर का घूंट को अन खोलें के मस्तक है आज से शुरू तो फिर से पूरा शरीर इस को पूरा शरीर [संगीत] कि शरीर का पूरा अगला हिस्सा को पूरा का हक शरीर का पूरा पिछला हिस्सा आइडिया जो जमीन को छू रही है इस गुट ने जो जमीन को छू रहे हैं ये दोनों नेता हम जो जमीन को छू रहे हैं में पीठ जो जमीन को छू रही है के गानों का पिछला हिस्सा बाएं-दाएं जो जमीन को छू रहा है ये दोनों बातें जो
जमीन को छू रही हैं के सिर का पिछला भाग जो जमीन कुछ हो रहा है कि अब पूरे पिछले भाग को सर से लेकर पांव की एड़ियों तक मैं एक बार में है और सुनाओ [संगीत] कि अब आप अपनी श्वास पर ध्यान रखें के प्रति जागरूक हूं 134 तस्वीर बहस और जा रही है [संगीत] कि आप श्वास ले रहे हैं और विश्वास छोड़ रही हैं और विश्वास की लहरों बदले नहीं आ और विश्वास की लेग को बदलना बिल्कुल नहीं [संगीत] आप अपने स्वास्थ्य को देखते जाए मैं अपनी चेतना को श्वास-प्रश्वास पर लगाए रखें को देखते
जाएं कि स्वान देखते जाएं है सजग रहें सोना नहीं [संगीत] कि नींद में नहीं जाना कि स्वात देखते रहिए कर दो कि अब साधु अपनी सजगता को है पेट में ले आइए कि नाभि के उतार-चढ़ाव आ का ख्याल करें कि आपकी नाभि ऊपर ऊपर नीचे हो रही है कि हर श्वास प्रश्वास के साथ यह फैलती और संकुचित होती है कि इस क्रिया को देखते रहे कर दो आज भी ध्यान रखिए आप सज्जाद हैं आधे सजग है कि मेरी आवाज को सुनते रहना के निर्देशों का पालन करते रहना कर दो हैं अब अपने विश्वास को कि
सत्ता इससे एक तक उल्टा गिनना शुरू करो कि नाभि के ऊपर उठने के साथ 27 गिने है ना भी नीचे आए सत्ता स्किन है कि नाभि के ऊपर उठने के साथ 26 है ना भी नीचे आए 26 कि इस प्रकाश गिनती गिनते जाएं और मानसिक रूप से गिनते-गिनते जाएं है ना भी को देखते रहे और उल्टी गिनती गिनते रहे हैं कि अगर गिनती भूल जाएं है तो फिर सत्ता इससे शुरू करना है कि गिनती गिनते हुए पूर्ण सजग रहें है और देखते रहें है कि मैं गिनती गिन रहा हूं मैं मैं लगातार अभ्यास करें कि
गिनती में कोई गलती ना हो जय हिंद कर दो कर दो कर दो [संगीत] कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो [संगीत] कर दो [संगीत] कर दो [संगीत] कर दो कर दो कर दो और सुनाओ कर दो [संगीत] कर दो कि अब ना भी की गति के साथ और विश्वास की गिनती गिनना बंद करें कि भाड़ अपने ध्यान को छाती पर ले आइए कि शादी की तरफ ध्यान ले आइए अब कि हर श्वास प्रश्वास के साथ जो आपकी इच्छा थी ऊपर नीचे होती है कि छाती पर ध्यान रखते हुए कि अब ठीक
पहले की ही तरह सत्ता इससे एक तक उल्टी गिनती बनेंगे कि शादी उठने के साथ 27 नीचे अध्याय 27 अच्छा जी उठने के साथ 26 के नीचे आई 26 इसी प्रकार एक तक गिनते जाएंगे [संगीत] और मानसिक रूप से गिनती गिनते जाएं आधे घंटे हो जाए फिर 27 से शुरू करें का अभ्यास के साथ अपनी चेतना को जोड़ दें कि स्वच्छता पूर्वक करें [संगीत] कर दो कर दो MP3 [संगीत] कर दो [संगीत] कर दो कर दो [संगीत] कर दो [संगीत] कर दो कर दो कर दो और सुनाओ कर दो [संगीत] कर दो हेलो दोस्तों मैं
हूं कर दो है अब आप गिनती गिनना रोके कि नासिका छिद्रों में चेतना को ले आएं [संगीत] कि जो श्वास-प्रश्वास अपना से ले रहे हैं और छोड़ रहे हैं कि उसके प्रति सजग हो जाओ कर दो और सुनाओ कि वीरवार अब मैं मैं आपको मानसिक दर्शन क्यूट लेकर चल रही हूं कि मैं अलग-अलग चीजों और प्रतीकों का नाम बोलूंगी में आ उन प्रतीक उनका दक्षिण अपने अनुभव सजगता भावना कल्पना आदि सभी स्तरों पर जितना संभव हो सके करें कि यदि आप दृश्यों को सहज था से देखते हैं हैं तो या आपके विश्राम में और गहराई
लाइक आया कि अगर आप दृश्यों को न देख पाएं है तो इसका अर्थ अभी और विश्राम की आवश्यकता है [संगीत] में सुनिए हैं और अपनी भावना की कल्पना के अनुभव से मैं इन्हें अपने मानसिक पटल पर देखने की चेष्टा करें में जलती हुई मोमबत्ती की में जलती हुई मोमबत्ती अ कि फैला हुआ रेगिस्तान कि फैला हुआ रेगिस्तान में में बर्फ से ढका हुआ पहाड़ और सूर्योदय का समय एक अत्यंत सुंदर दृश्य कि सूर्य उदय का दृश्य कि नीला समंदर इस कि नीला समंदर है कि बर्फ से ढके हुए पहाड़ में बर्फ से ढके हुए पहाड़
कर दो कि सूर्यास्त के समय उड़ते हुए पक्षी है कि सूर्यास्त के समय उड़ते हुए पक्षी है तो बादल है है नीले आकाश में उतरते हुए बादल कर दो आज रात में आकाश में तारे [संगीत] आज रात में आकाश में तारे से वैज्ञानिक पूर्णमासी का चंद्रमा अ में पूर्णमासी का चंद्रमा है वो मुस्कुराते हुए शिव वो मुस्कुराते हुए बुद्ध वो मुस्कुराते हुए सदगुरुदेव है [संगीत] कर दो मैं समंदर की लहरें थीं एक अनंत तूफानी समुद्र की लहरें [संगीत] कि हरी घास कि लंबी मुझे पेड़ के लंबे-ऊंचे पेड़ है और पेड़ों के मध्य हुए 21 मार्ग
निकल रहा है कि अब तुम अपने आप को इस मार्ग पर चलते हुए कि घास पर चलते हुए देखो को नर्म घास तुम्हारी पैरों से लग रही है अब आधे होते जा रहे हैं कि तुम चलते जा रहे हो कि इस लंबे मार्ग पर [संगीत] कि जो ऊंचे-ऊंचे वृक्षों के साथ घिरा है तुम चलते जा रहे हो कि नीला आसमान कि मुझे पेड़ कि हरी घास ठंडे या पवन के झोंके से शरीर को लग रहे हैं [संगीत] कि दूसरे एक मंदिर दिख रहा है [संगीत] एक दूसरे के एक मंदिर दिख रहा है कि तुम चलते
जा रहे हो इस मंदिर के करीब पहुंचे मंदिर की दो सीढ़ियों पर कि चाइना शुरू किया है की पहली सीढ़ी है और दूसरी सीढ़ी बड़े इसे चबूतरे पर खड़े हो इस मंदिर के भीतर से प्रकाश शाह कि प्रकाश आ रहा है अगरबत्ती की सुगंध है कि घी के दीपक की सुगंध है कि नाक तक आ रही है और सुनाओ कि तुम चलना शुरू करते हो इस मंदिर के द्वार पर पहुंचे हैं को भी तरस भगवान शिव की प्रतिमा है [संगीत] कि विश्व की ध्यानस्थ प्रतिमा कि काले पत्थर से बनी शिव की प्रतिमा [संगीत] की मूर्ति
के सामने को फुल है अगर व्यक्ति जल रही है कि घी का दीपक जल रहा है कि तुम भावपूर्ण हो कि हां जोड़ते हो को नमन करते हो कि जब माता तुम जमीन पर लगाते हो तो जमीन धनी है है यह ठंडक पूरे शरीर में चली गई को पूरा शरीर शीतल ठंडा हो गया है कि तुम प्रणाम करके उठते हो इस मंदिर के बाहर पाते हो का ब्यान की मुद्रा में वहीं बैठ गए हो और सुनाओ है इधर सूर्य देवता सर तक आ गए कि गर्मी बढ़ गई है कि गर्मी बहुत बढ़ गई है कि
शरीर को ताप लग रहा है कि शरीर गर्म होता जा रहा है को पसीना आ को पसीना बहने लगा है कि तुम भी किए जा रहे हो पसीने में है शरीर गर्म होता जा रहा है [संगीत] और फिर तुम्हारी आंखें बंद है 220 मन ही मन कि तुम ॐ का उच्चारण करते हो जय हो ओम मां हुआ है अजय को कर दो हैं अब अपने संकल्प को इधर आओ है वहीं संकल जो अब व्यास के शुरू में किया था अ पूजा गुप्ता के साथ के अपने संकल्प को तीन बार दौरा [संगीत] कि महंगाई सहित तीन
बार अपने उसी संकल्प को दोहराया कर दो कि अब सभी प्रयासों को शिथिल करो जो मन को बहिर्मुख बनाओ के स्वास्थ्य पर ध्यान लगाओ [संगीत] कि आपका शरीर पूर्ण विश्राम की स्थिति में जमीन पर लेटा है मैं अपनी चेतना को सिर से पैर तक घुमाव लुट कि जमीन और अपने लेटे हुए शरीर के प्रति सजग हो जाओ और मानसिक रूप से जिस कमरे में लेटे हो कि उसके प्रति जागरूक हो जाओ मैं अपनी वातावरण के प्रति जागरूक हो जाओ और भी कुछ समय लेते रहें आंखें बंद ही रखें [संगीत] कि अब थोड़ा अपने शरीर को
हिलाएं फेस बहुत धीरे-धीरे शरीर को तानिए कि जल्दबाजी में कुछ नहीं है कि शरीर को तानिए कि अब धीरे से उठकर बैठ जाएं आप अपनी आंखें खोलने को योगनिद्रा का अभ्यास पूरा हुआ कर दो [संगीत]