दोस्तों क्या आप जानते हैं की दुनिया में सबसे अनरेटेड चीज कॉन्फिडेंस है जी हां कॉन्फिडेंस के बड़े में हम सब जानते हैं पर कभी उसे पर चर्चा नहीं करते इस हर जीत की दुनिया में कॉन्फिडेंस का महत्व समझना बहुत जरूरी है अगर आप अपनी मंजिल पन चाहते हो तो कॉन्फिडेंस को अपना बेस्ट फ्रेंड बनाना जरूरी है इंसान को जैसे खाना पीना सोना जरूरी है वैसे ही राइट अमाउंट ऑफ कम्युनिकेशन स्किल प्रॉपर बॉडी लैंग्वेज होना भी बहुत जरूरी है कॉन्फिडेंस सिर्फ आप कैसे बात करते हैं या अपने आप को कैसे प्रेजेंट करते हैं इतना ही नहीं
होता बल्कि आप दूसरे लोगों से कैसे संबंध बनाए रखते हो यह भी आपके कॉन्फिडेंस का एक बहुत बड़ा हिस्सा होता है सुन रहे हैं डी कॉन्फिडेंस प्रोजेक्ट जिसे लिखा है डॉक्टर रॉब यंग ने और जिसको अड़प किया है सागर खान ने लिखी है जो की एक जान मैन ब्रिटिश साइकोलॉजिस्ट और एक बिजनेस स्पीकर भी हैं वर्ल्ड की कई साड़ी यूनिवर्सिटी और स्कूल में उन्हें आमंत्रित किया जाता है वह कॉन्फिडेंस को एक अलग ही नजर से देखते हैं रॉब कहते हैं की सबसे पहले आप अपने कॉन्फिडेंस को परखना सीखो एक से 10 की स्केल में आप
अपने कॉन्फिडेंस लेवल को रेट करें अगर आप अपने घर से बाहर निकालने से बीज के चाहते हैं ऑफिस में ठीक से दोस्त नहीं बना पाते अपने पुराने दोस्तों से भी आपका मिलन जलने का मां नहीं करता तो आप अपने आप को एक रेटिंग देंगे मगर दूसरी तरफ अगर आप बहुत ही ज्यादा कॉन्फिडेंट इंसान हैं जो जैसा मां चाहे जी चाहे वैसा करें अपने दिल की बातें सुनकर अपनी दम पे कम बड़ा रहा हो तो आप अपने आप को 10 की रेटिंग दे सकते हैं प्रॉप का ऐसा मानना है की अगर आप खुद को एक ही
रेटिंग देते हैं तो आपको अच्छी संगत की बहुत जरूर है इतना लोग कॉन्फिडेंस होने से आप जिंदगी में छोटी-छोटी चीज भी हासिल नहीं कर पाएंगे और वो कहते हैं ना की 10 की रेटिंग होना भी कोई अच्छी बात नहीं है 10 की रेटिंग यानी आपने कॉन्फिडेंस भारत पड़ा है तो वो कभी-कभी ओवर कॉन्फिडेंस भी बन सकता है दोस्त आपने अपने ऑफिस में दोस्तों को देखा होगा की कई लोग अपने ही मनमानी करते हैं और वो जो जो करते हैं उन्हें सब सही लगता है की मैं तो भाई ऐसे ही करूं अब ऐसे लोगों को अगर
आप बदलना भी चाहें तो आप बादल नहीं पाएंगे क्योंकि वो अपने ही गली के सिकंदर होते हैं वो बदलना ही नहीं चाहते किसी और की एडवाइस सुनते मगर दूसरे कान से तुरंत अलविदा भी कर देते रॉब कहते हैं की ऐसे लोगों का कुछ नहीं हो सकता वो जिंदगी में खुद को इंप्रूव और ग्रा ही नहीं कर पाएंगे ऐसे ओवर कॉन्फिडेंट लोग अक्सर शब्दों से नहीं बदलते उन्हें हडसन की जरूर होती है जब तक कुल्हाड़ी अपने पैरों पे नहीं मार लेंगेl ठोकर नहीं का लेते तब तक इनके बर्ट में कोई चीज नहीं आता अगर आप बहुत
ही अंदर कॉन्फिडेंट या ओवर कॉन्फिडेंट हैं तो आप ध्यान से सुनिएगा आप ये बात तो जान गए की दोनों ही चीज आपके लिए अच्छी नहीं है ड्रॉप कहते हैं की आप में थोड़ा बहुत डर होना स्वाभाविक है तो अपना कॉन्फिडेंट लेवल एक या 10 पे होने से अच्छा वो पांच से साथ के बीच हो तो जिंदगी बेहतर कर शक्ति है दोस्तों आप भी झिझक होकर बा रही है दोस्तों क्योंकि इस समरी में सही गलत के मेन और फायदे सब बताए गए रॉबिंस किताब के जारी आपको अपने अंदर की शेर को जागने के लिए प्रोत्साहित करते
हैं वो कहते हैं की कॉन्फिडेंस पन कोई मुश्किल बात नहीं है आपके भीतर जो कुछ भी हो रहा है वो बादल सकता है अगर आप बादल जाए तो याद रखना जो कुछ भी हो यह सब दिमाग का खेल है आपका दिमाग आपसे कई आगे की सोचता है वो आपको बेहतर बताना चाहता है आपको जिंदगी समझ अपनी आगे की अच्छाइयां बुराइयां डर सभी के बड़े में सोचता है और कुछ लोग ज्यादा ही पॉजिटिव या ज्यादा ही नेगेटिव होते हैं तो उसके अनुसार सोच भी बादल शक्ति है कोई ज्यादा डरता है तो कोई ज्यादा ही अच्छा सोचता
है रॉब कहते हैं की ये ध्यान में रखना जरूरी है की ये सब दिमाग का खेल है और आपका दिमाग आपसे बढ़कर नहीं है आप अपने हरकतों से उसे एक दिशा दे सकते हो अपना कॉन्फिडेंस अपनी कम्युनिकेशन के जारी आप अपने ब्रेन को मॉडल कर सकते हो अपने बड़े में जब आप अच्छा बोलते हो तब आप अपने बड़े में अच्छा सोने भी ग जाते हो इस किताब में कई साड़ी ऐसी टेक्निक्स और ऐसे एग्जांपल्स हैं जैसे आप कॉन्फिडेंस की दुनिया समझ पाओगे कॉन्फिडेंस से भर देने के लिए लिखा है हम सीखेंगे की कैसे आप अपने
अंदर कॉन्फिडेंस जगह सकते हैं अपनी सोच कंट्रोल में रखकर आप कैसे पॉजिटिव थॉट्स को बढ़ावा दे सकते हैं कॉन्फिडेंस के पन्नों को समझकर आप अपनी जिंदगी कैसे रंगीन बना सकते हैं हमारे भीतर हो रहे रियल प्रॉब्लम्स को कैसे टिकल करना है उन प्रॉब्लम से आगे बाढ़ अपने आप को कैसे बेहतर बनाना है हम ये सीखेंगे अपने रिलेशनशिप कॉन्फिडेंस से कैसे हैंडल किया जा सकता है और इन्हीं रिलेशनशिप को सक्सेसफुल बनाने में अक्सर जब हम मासूम हुआ करते थे की कॉन्फिडेंस हमारी जिंदगी का कितना बड़ा हिस्सा होगा हम तो कैसे भी रहते थे कैसे भी खाता
थे जो दिल किया वो करते थे अगर आइसक्रीम खानी होती थी तो हमें अपनी मम्मी को कैसे मानना है ये भी आता था ना अगर क्रिकेट खेलने वक्त हमें बैटिंग करनी होती थी अपने दोस्तों को हम माना ही लेते थे वो तो बचपन था दोस्तों पर अब हम बड़े हो गए अब हम बहुत हिचकिचाते हैं बहुत सोचते हैं हमारा बचपन भाग चुका है हम डर डर के जीते हैं बहुत ही सेफ खेलने हैं पर अब ये सब नहीं होगा धीरे-धीरे ही क्यों ना हो पर अंदर के डर को मिटाना होगा कॉन्फिडेंस को अपनी जिंदगी में
बेस्ट फ्रेंड बनाकर आपको अपने दिमाग को बेहतर करना होगा नन्हे मुन्नी से थे तब कैसे खुला परिंदों की तरह जीते थे हम अब कॉन्फिडेंस के जारी हम इस बचपन को जगन जाएंगे तो चलिए मेरे साथ इस गाने वाले सफर पर शुरू करते हैं हमारी दुनिया में लोग कई मेंटल प्रॉब्लम से गुजरते हैं और कहानी उनका कॉन्फिडेंस लो हो जाता है वह कहते हैं की वह अपने हर किसी पेशेंट को थेरेपी सजेस्ट करते हैं उनका ऐसा मानना है की बातें करने से मानसिक शक्ति बढ़नी है आप स्ट्रांग इंसान बने लगता हो जब आप अपनी फीलींगस एक्सप्रेस
करते हो तब आप शांत महसूस करते हो आपको सुकून मिलता है इसीलिए थेरेपी आपकी जिंदगी में बहुत आवश्यक है अगर आपको कॉन्फिडेंस ज्यादा ही लूं है तो आप थेरेपी लेने से हिचकिचाना मत थेरेपी से आप बेहतरीन महसूस करोगे पर इस दुनिया में सब डॉक्टर से अच्छे नहीं होते कई लोग बस अपने फायदे की सोचते हैं किसी इंसान को सही दवाई देकर उसका प्रॉपर इलाज करने से अच्छा वह उन्हें महंगी दवाइयां और ट्रीटमेंट लेने की ड्राई देते हैं चलिए थेरेपी की दुनिया का एग्जांपल देखने हैं अपने ऑफिस में अपनी टीम से भी ठीक से बात नहीं
कर पाते थे प्रेजेंटेशन के वक्त कॉन्फ्रेंस रूम में वह इसके चाहते थे वह बहुत होने लगे इसी वजह से एक दिन उन्होंने थेरेपी लेने की थान ली फिर डॉक्टर डोरोथी ने जैक की साड़ी बातें सनी और उसे शान बैठने के लिए कहा जैक अपनी आंखें बैंड कर सोफे पर आराम से बैठ गया फिर डॉक्टर ने जैक के लिए म्यूजिक प्ले किया इस म्यूजिक में नेचर की आवाज़ थी बारिश हो रही थी पंछी गुनगुना रहे थे इससे जैक की सोने की स्पीड शांत हो गई साथ ही साथ डॉक्टर ने उसे अपनी बिन हाथ की इंडेक्स फिंगर
से अपने दाएं हाथ के वाश में तप करने के लिए कहा लगभग 1 घंटे तक जाएगा अपने हाथों पर तप करते-करते म्यूजिक सुन रहा है डॉक्टर दौड़ती ने जैक से कहा की हाथ पर तप करने से हम शांत हो जाते हैं प्रॉपर फॉक्स करने लगता हैं अब रा इस एग्जांपल में हमें कहना चाहते हैं की हर कोई चीज जो आपका थैरेपिस्ट आपसे कहे वो सच नहीं होती जैक को 1 घंटे बाद शांति तो मिली पर अब उसे लगा की वो हाथ पर तप करने से मिलती है रॉब कहते हैं की यह थेरेपी में म्यूजिक बेहतर
फूल करता है कोई उंगली नहीं आजकल के डॉक्टर को थेरेपी का टी तक नहीं पता और चले आए हैं डॉक्टर बने चेहरा इंसान एक डिग्री से थैरेपिस्ट नहीं बन जाता उन्हें भी एक्सपीरियंस की जरूर है सिर्फ किताब में दिए गए तौर-तरीकों से जिंदगी बेहतर नहीं बंटी दोस्तों एक पेशेंट को दिल से समझना भी जरूरी होता है ना रो अब कहते हैं की थेरेपी कल है पर हमारी मॉडर्न दुनिया में ये कल मामूली सी हो गई है इसकी वैल्यू समझना बहुत मुश्किल हो गया है रॉबिंस किताब के जारी आपको थेरेपी का महत्व समझना चाहते हैं वो
कहते हैं की थेरेपी में जो जो टेक्निक्स उसे होती हैं उन सब टेक्निक्स को सबसे पहले टेस्ट किया जाता है किसी किताब में लिखी गई टेक्निक भी वैलिड है और अगर डॉक्टर को पता करना हो की कोई टेक्निक सही है की नहीं तो उन्हें वो टेस्ट करनी पड़ती है अब हाथ पे उंगली से तप करने वाली टेक्निक कोई पकड़ लो डॉक्टर अगर इस टेक्निक को टेस्ट करना चाहते हैं तो उन्हें लोगों के साथ एक्सपेरिमेंट करना होगा अक्सर डॉक्टर एक्सपेरिमेंट करने के लिए 100 लोगों को बुलेट हैं टोटल दो रूम होते हैं 50 लोग एक रूम
में बैठे म्यूजिक सुनते हैं नेचर के साउंड सुनते हैं तो दूसरी तरफ कुछ लोग पूरे 1 घंटे के लिए सिर्फ हाथ पर तप करते रहते हैं एक्सपेरिमेंट के बाद उन लोगों की टेस्टिंग होती है पहले कई सारे सवाल किया जाते हैं इसे डॉक्टर को पता चला है की उनका करंट स्टेट ऑफ मन कैसा है प्रॉपर एविडेंस के बिना टेक्निक को आजमाना सही बात नहीं है इससे आप उसे पेशेंट का मजाक ही उदा रहे हो डॉक्टर रॉब खुद अपने पेशेंट को वही टेक्निक सजेस्ट करते हैं जो की साइंस अप्रूव ये किताब एक्सपेरिमेंट और ऐसा कई सारे
एग्जांपल से भारी हुई है दिस इसे आपको अच्छी सलाह मिलेगी आपकी थॉट्स आपकी फीलींगस आपके बिहेवियर को कंट्रोल में करने के लिए आपको कई सारे प्रैक्टिकल सॉल्यूशंस मिलेंगे हम सीखेंगे की कैसे आप नई-नई टेक्निक्स को उसे कर अपनी और अपने आसपास के लोगों की जिंदगी बादल सकते हैं आप अपना कॉन्फिडेंस कंट्रोल में रखना सीखेंगे और उसे कॉन्फिडेंस के जारी अपनी लाइफ में बेहतर कैसे बनाना है ये भी जानेंगे ये किताब उन सभी लोगों के लिए जो अपनी पर्सनल ऑफ क लाइफ को बैलेंस रखना चाहते हैं अगर आप कोई आर्टिस्ट हो डांसर हो और आप फॉर्म
करते समय अपना बेस्ट देना चाहते हो तो ये समझ रही है आप ही के लिए अगर आपको अपना खुद का बिजनेस चालू करना है पर आप कहानी ना कहानी कुछ मिस कर रहे हो आपको लगता है की आप में उतना जज्बा नहीं है है तो आप यह सुनते रहिए हमें कॉन्फिडेंस के नतीजा को समझना और उससे सुलझाना बहुत जरूरी है की आपका कोई दोस्त बहुत इमोशनल है वह बहुत छोटी-छोटी बटन पर नाराज होकर रन लगता है कुछ लोग होते हैं ना ऐसे जो पर्सनल और प्रोफेशनल चीजों के बीच डिफरेंस नहीं देख पाते ऑफिस में अगर
आपकी बस ने आपके कम के बड़े में बड़ा का दिया तो आप उसे पर्सनली लेने लगता हो कभी दोस्तों के साथ होकर अगर किसी ने आपका मजाक उदय तो आप नाराज हो जाते हो आप नाराज की दिखाई नहीं पर अकेले में सफर करते समय जब आप खुद पर हुए मजाक के इंसल्ट के बड़े में सोचते हैं तो इसका मतलब आपका इमोशनल कॉन्फिडेंस लो है आपको बड़ा लगता है और आप दिखाई नहीं आपके चेहरे पर नाराजगी की एक बूंद तक नजर नहीं आई इसीलिए कॉन्फिडेंस को समझना आपके लिए बहुत जरूरी है हेलो दोस्तों मेरा नाम है
देवांग तिवारी और आप सुन रहे हैं डॉक्टर रॉब यंग की लिखी हुई तो कॉन्फिडेंस प्रोजेक्ट के बड़े में जिसको आप किया है सागर खान नहीं करनी आज हम जानेंगे ह्यूमन बिहेवियर के कुछ इंपॉर्टेंट एलिमेंट्स इन एलिमेंट से यह पता चला है की आपको कॉन्फिडेंस एक्जेक्टली कैसा है क्या आप वो इंसान हो जो पब्लिक में कॉन्फिडेंट है पर अकेले में अपने पर्सनल रिलेशनशिप संभल नहीं का रहे या फिर आप वो हो जो तोर त्रिकोण से किसी भी चीज की किस्मत को पलट सकता है डॉक्टर रॉब कॉन्फिडेंस को दो सिलेक्शंस में डिवाइड करते हैं एक है इनवार्ड
इमोशनल कॉन्फिडेंस और दूसरा है आउटवार्ड सोशल कॉन्फिडेंस रॉब मानते हैं की कॉन्फिडेंट दिखाना और कॉन्फिडेंट होना दोनों में बहुत बड़ा फर्क है आप इनमें से दोनों चीज कर सकते हैं पर कभी-कभी जिंदगी में संकट आने से आपको कॉन्फिडेंस लो हो जाता है आपको अगर पब्लिक में कॉन्फिडेंट रहना है और ठीक से बोलना नहीं आता तो शायद आप सोशली कॉन्फिडेंट इंसान नहीं है आप हमेशा छोटी-छोटी बटन पर बहुत सोने लगता हैं भी अचीव नहीं कर पाते ओवर थिंकिंग एक बहुत बड़ा रीजन होता है कॉन कम होने का लोग क्या कहेंगे यह सुनने में सबके सामने अच्छा
कैसे नजर ए सकता हूं मैं मेरी जब चली गई तो मैं एग्जाम में फेल हो गया तो ये साड़ी चीज हैं इनके बड़े में सोच कर आप अपना वक्त जय कर रहे हैं रोजमर्रा की जिंदगी में हम अक्सर पीछे पद जाते हैं कोई ना कोई चीज हमें दुख पहुंचती चाहे वो किसी ने किया मजाक या अपने पास से जुड़ी कोई सब बात इस किताब में डॉक्टर रॉब ने कहा है की आप चिंता ना करें मैं आपको सबसे अच्छी सलाह दूंगा कॉन्फिडेंस के फायदे मेन नतीजा इरादे जानकर आप में उम्मीद पैदा हो जाएगी दूसरी तरफ रा
भी ऐसा ही कहते हैं कॉन्फिडेंस को लोग कई और नाम से भी जानते हैं कुछ लोग इसे सिंग कहते हैं तो कुछ इसे साइकोलॉजिकल नाम जन से अच्छा कॉन्फिडेंस को समझना जरूरी है इन टर्म्स को आप ध्यान से समझ लो आगे जाकर इस किताब में हम अपनी कॉन्फिडेंस को स्ट्रांग करना सीखेंगे जिसे आप छोटी-छोटी बटन पर रोना छोड़ देंगे आपकी इमोशनल स्ट्रैंथ बढ़ाने की सलाह डॉक्टर रोबिन देते हैं अपना आउटपुट सोशल कॉन्फिडेंस स्ट्रांग करने से आप खुद अपनी स्किल स्ट्रैटेजिस और एटीट्यूड को मॉडल कर आप खुद को इन हाथ कर सकोगे सोशल कॉन्फिडेंस स्ट्रांग होने
से आपको कई साड़ी ऑपच्यरुनिटीज भी मिल जाति हैं दोस्तों जैसे की अगर आप अपना कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हो ऐसे शांत बेटे कुछ नहीं होने वाला बाहर निकाल कर लोगों से फ्री होकर बात करिए अपने और उनके बिजनेस की बात करेंगे तो नेटवर्क बनेगा जब आपका इंप्रेशन अच्छा होगा तब लोग आपके बिजनेस से भी अट्रैक्ट होंगे रॉब पहले चैप्टर में यही कहते हैं की पर्सनालिटी होना बहुत जरूरी है जरा सोचिए आपकी लाइफ में कितनी ऐसे लोग हैं जो आपको याद रखें उन दोस्तों या रिश्तेदारों से आप भले ही आज बात ना करते हो और
उनका चरित्र आपको इंप्रेस करता है उनकी पर्सनालिटी लोगों के बीच छ जाति है कुछ लोग अच्छे एटीट्यूड होने के करण आपके दोस्त भी बन जाते हैं क्यों का तो एटीट्यूड और नेचर एकदम नहीं होता वह शॉर्ट टेंपर्ड होते हैं पर वह जी तरीके से गुस्सा करते हैं शायद हमें वो बड़ा मजेदार लगता है और इसी करण हमने याद रखते हैं दोस्तों इन दोनों एग्जांपल्स में आम गया है आप जान सकते हो कॉन्फिडेंस जी हां उन्हें खुद पर भरोसा था वो जो भी कर रहे थे और करना चाहते थे उन्होंने वही किया कोई अगर किसी से
अच्छा बर्ट कर रहा है यानी उसके संस्कार हो वैसे और वो बिना हिट के चाहे बड़े ही नमी से लोगों से बात करें उन्हें अच्छा फूल करता है तो दूसरी तरफ कोई अगर ज्यादा ही गुस्सा करता तो हम कभी उसके दोस्त नहीं बनेंगे पर वो जो भी करता है वह सच्चे दिल से करता है अट्रैक्शंस अपने के लिए गुस्सा नहीं करता वह पहले से ही ऐसा है गुस्सैल है इसीलिए वह हमेशा गुस्सा करता है इस दुनिया से डर के वो भोला इंसान नहीं बना दोस्तों क्या आप मेरा पॉइंट समझ रहे हैं हम बात कर रहे
हैं इन्हें सेल्फ की ऊपर का एग्जांपल कॉन्फिडेंस की नजर से थोड़ा अजीब जरूर लगता है पर मैं जो कहना चाहता हूं उसे पॉइंट को समझिए जो आदमी बाहर गुस्सा करता है उसने शायद कुछ गलत होते देखा हो तो उसका जो मां हुआ उसने वह सामने खड़े इंसान को का दिया फिर हो सकता है की घर जाकर उसे कल कर कर माफी भी मांगे पर समझना यह है की उसे पहले गुस्सा आया था तो वो चुप नहीं रहा उसने वहीं सभी के सामने अपनी प्रॉब्लम से डाउट्स को टेल किया गलती इसकी हो या उसकी उसे वक्त
उसे जो सही लगा उसने वो किया फिर बाद में घर जाकर उसने यह नहीं सोचा की यार शायद मैं आज इंसान को वहीं के वहीं चुप कर देता तो फिर शायद ऐसा नहीं करता वो कहना यह चाहता हूं की अगर आप अपनी जिंदगी में ज्यादा सोचते रहेंगे तो सोचते ही र जाएंगे कभी आगे नहीं बाढ़ पाएंगे छोटे-छोटे कम ही क्यों ना हो पर आगे बढ़ाना जरूरी है हम सी कॉन्फिडेंस के मुद्दे पर जानेंगे की इमोशनली स्ट्रांग इंसान बने के लिए एक्जेक्टली किस चीज की जरूर होती है दोस्तों अगर लाइफ लॉन्ग कॉन्फिडेंस पन है तो आसन
बात नहीं पर वो मुश्किल भी नहीं है धीरे-धीरे लाइफ में बिहेवियर में छोटे मोटे चेंज कर आप कॉन्फिडेंस की जड़ मजबूत कर सकते हैं और अगले एपिसोड में हम इसी जड़ की मजबूरी पर चर्चा करेंगे ऐसी क्या चीज है इन सब शूज में जो बाकियों में नहीं है इन शूज में तो भारत होता है ड्रामा और ओवर एक्टिंग हम देखते वक्त पता चला है की यह सब कहानी ना कहानी थोड़ा फेक तो है पर फिर भी हम इसे देखते रहते हैं ऐसा क्यों ऐसी क्या खास बात है ओवर कॉन्फिडेंस में जो पुरी दुनिया को ट्रैक
करती है कोई जादू राज है क्या एक सिंपल साइकोलॉजी चलिए चर्चा करते हैं हेलो दोस्तों एक बार फिर से स्वागत है मेरा नाम है दीवान तिवारी और आप सुन रहे हैं डॉक्टर रॉब यंग की लिखी हुई डी कॉन्फिडेंस प्रोजेक्ट किया है सागर खान लेकर मैं इस किताब से कहना चाहते हैं की ओवर कॉन्फिडेंस अक्सर इग्नोर हो जाता है हमें पता होता है की वो और कॉन्फिडेंस है पर हमारा ध्यान नहीं जाता क्योंकि हम उसके ऊपर कभी इतना सोचते ही नहीं ये सारे नाम का लड़का तुम्हें अपना नाम बताता है और उसका अंदाज देखकर ही लोगों
की हंसी छठ जाति है पर सामने बैठे जज सीधा मुंह पर उसे इंसल्ट नहीं करते बल्कि वह भी इस सर्कस का पार्ट हो जाते हैं वो भी अक्षय की हां में हां मिलकर उसे बढ़ावा देते हैं अक्षय खुश होकर अपना गाना शुरू करता है उसकी आवाज इतनी भेसूरी होती है की लोग अपनी हंसी कंट्रोल नहीं कर पाते सामने बैठे जज भी आपस में अक्षय पर आने वाले हैं पर अक्षय अपनी आवाज बेसुरी होते हुए भी क्यों इतना ग रहा है दोस्तों अक्षय बहुत ओवर कॉन्फिडेंट है उसे लगता है की वह दुनिया का सबसे बेस्ट सिंगर
है लेकिन हकीकत में इन जोकरो को देखकर हमें खुशी भी मिलती है हमारा मूड बंता है हम उसे इंसान का सारे आम मजाक उड़ने में भी हिचकिचा नहीं पाएंगे ओवर कॉन्फिडेंट लोगों की बात ही कुछ ऐसी होती है वो अक्सर एंटरटेनिंग होते हैं उन्हें देखकर कहानी ना कहानी हम हंसते क्योंकि हम जानते हैं की हमारी सोच इनके जैसी नहीं है हम कभी भी अपनी जिंदगी में और कॉन्फिडेंट नहीं होंगे पर रॉब कहते हैं की ये सच नहीं है हमें भी कहानी ना कहानी और कॉन्फिडेंस भारत होता है और वो ऐसे फुट फुट के बाहर कभी
नहीं जाता हमारे समाज में अक्सर लोग यह सोचते रहते हैं की हमारा कॉन्फिडेंस इतना लो क्यों है की हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में और कॉन्फिडेंस अक्सर नजर आता है पर हमारा उसे पर कभी ध्यान ही नहीं जाता थोड़ा सरप्राइजिंग लगता है ना यह सोचकर की हमारी जिंदगी में भी ओवर कॉन्फिडेंस भारत हुआ है हम बातों-बातों में खेलने खेलने कभी कभी कुछ ऐसा का देते हैं जो हमारे काबिल भी नहीं होता जैसे आप किसी को अगर सलाह देते हैं तो वहां शायद आपका और कॉन्फिडेंस नजर ए जाता है अगर कोई दोस्त किसी चीज में कामयाब नहीं
होता तभी आप ज्यादा अच्छा फूल करने लगता हो यह सोचकर की शायद मैं उसकी जगह पर होता तो बेहतर परफॉर्म कर पता छोटी-छोटी चीजों में अगर आप अपना बिहेवियन नोटिस करोगे तभी शायद आपको अपने अंदर ओवर कॉन्फिडेंस नजर आएगा आप सिर्फ कॉन्फिडेंस ही नहीं बल्कि अपने अंदर की फीलींगस अपने बिहेवियर को भी नोटिस किया करिए इससे आप अपने आप को बेहतर समझ पाओगे डॉक्टर रॉब कहते हैं की हमें अपने आदतों को भी रीड करना चाहिए आप किसी कागज पर सेक्शंस बनाया उन सेक्शंस में कुछ भी लिख सकते हैं जैसे की एक्सरसाइज अब एक्सरसाइज क्षेत्र में
आप 100 में से खुद को कितने परसेंटेज देंगे 10 20 50 90 कितने अब कई सारे क्षेत्र से कागज पर बना कर अपने आप को पराख सकते हैं और हां अगर आप अपने आप को रेट कर ही रहे हैं बैठे-बैठे मेंटली तो नीचे कमेंट में भी लिख डालिए जरा हम भी जान की हमारे लिस्नर्स अपने आप को क्या समझते हैं की हम जब भी किसी भी चीज को लिख लेते हैं तो वह हमें याद हो जाति है तो अगर आप अपने बिहेवियर को रेट करेंगे और शायद ऐसा भी हो सकता है की और कॉन्फिडेंस में
आप अपने आप को कुछ ज्यादा ही रेट कर ले नजर लगभग ए ही जाएगा तो दोस्तों इस एपिसोड में इतना ही हमने और कॉन्फिडेंस को बहुत डेन मार लिए पर अगले एपिसोड में हम इसी और कॉन्फिडेंस की खासियत को भी समझेंगे कॉन्फिडेंस के कुछ ऐसे एग्जांपल्स के ऊपर चर्चा करेंगे जिससे आप अपने और कॉन्फिडेंस को अप्रिशिएट करने लगोगे कॉलेज में टीचर ने स्टूडेंट को अचानक सरप्राइज टेस्ट दिया सब स्टूडेंट को एक टॉपिक पर स्पीच देने के लिए कहा सब स्टूडेंट थोड़े बेचैन हो गए उनमें एक लड़का था रोहित बहुत ओवर कॉन्फिडेंट था उसे लगता था
की वो अपनी जिंदगी में कुछ भी कर सकता है उसके कॉलेज में उसने एक बार अपनी फुटबॉल टीम को हारने से बच्चा लिया था अपने दम पर रोहित ने लगातार तीन गोल मारे और अपनी फुटबॉल टीम को जीता दिया तो हमेशा से ही होशियार रहा था उसके दोस्त कम थे पर उसकी हरकतें लोगों को अट्रैक्ट करती थी उसमें जज्बा भारत था उसका खून ग्राम था उसे जल्दी से गुस्सा भी आता था पर अब टीचर ने जब स्टूडेंट को सरप्राइज दिया तब रोहित अपना हाथ उठाने में बिल्कुल भी नहीं है टीचर टॉपिक दिया था ग्लोबल वार्मिंग
रोहित को बस इतना पता था की ग्लोबल वार्मिंग हमारी दुनिया के लिए अच्छा नहीं है ग्लोबल वार्मिंग क्यों होता है और कैसे होता है 10 सेकंड तो क्लासरूम में खामोशी छी हुई थी फिर जाकर रोहित थोड़ा सोने लगा और उसने धीरे-धीरे खुद ही फिगर आउट कर लिया की ग्लोबल और वार्मिंग इस शब्द के क्या अर्थ हो सकते हैं सिंपली तो है क्या मुश्किल है इस टॉपिक पर बात करना कुछ वक्त गुर्जर रहा पर फिर जब रोहित ने बोलना शुरू किया तब सब ध्यान से सुनते रहे सबको पता चल गया की ग्लोबल वार्मिंग क्या होती है
लगभग एक मिनट तक रोहित स्पीच देता रहा जैसे ही स्पीच खत्म हुई सब ने तालियां हुई थी रोहित खुश हुआ अब क्लास के बाद टीचर ने रोहित से कहा की तुमने बाकियों को कन्वेंस कर दिया की तुम्हें उसका जवाब पता है पर तुम मुझे नहीं बैक सकते तुमने अपने ही मां से कुछ मीनिंग माना कर उसे टॉपिक पर स्पीच दे दी तुम गलत नहीं बोल रहे थे पर तुम एकदम सही भी नहीं थे फिर टीचर ने कहा की मुझे तुम्हारा कॉन्फिडेंस पसंद है तुम जी तरीके से लोगों को अपने वाश में कर लेते हो वह
बहुत ही अच्छा है लेकिन तुम्हारी स्किल को तुम और बेहतर बना सकते हो उसने टीचर की साड़ी बटन पर सर झुका कर कहा की हां टीचर आप बिल्कुल सही हो मुझे ग्लोबल वार्मिंग नहीं आता था मैंने हाथ इसलिए नहीं उठाया क्यों मुझे ग्लोबल वार्मिंग के स्पीच देनी थी या बाकी स्टूडेंट के सामने होशियार दिखाना था मैंने हाथ इसलिए उठाया क्योंकि मैंने कभी भी अपनी जिंदगी में कोई स्पीच नहीं दी थी मैं हमेशा लोगों के सामने बात करने से डरता था मेरे पसीने छठ जाते थे पर मैंने आज थान लिया था की अपने डर को भगाना
है इसीलिए मैंने ज्यादा नहीं सोचा और हां तो उठा दिया ये सुनकर टीचर हैरान हो गए उन्होंने कहा ये तुम्हारी पहले स्पीच थी और वो भी इतनी अच्छी अरे वह तुम्हारे कॉन्फिडेंस की तो दादा देनी पड़ेगी टीचर का कंप्लीमेंट सुनकर रोहित बहुत खुश हुआ पर अंदर ही अंदर वह जानता था की यह सिर्फ उसके सीखने का जज्बा नहीं बल्कि उसके अंदर बस ओवर कॉन्फिडेंस था अब तो ओवर कॉन्फिडेंस की वजह से इतनी कंप्लीमेंट तक मिला इस एग्जांपल से मैं यह कहना चाहता हूं की ओवर कॉन्फिडेंस हमेशा बड़ा नहीं होता दोस्तों उसके अपने भी फायदे होते
हैं कुछ लोग डर डर के जीते हैं बहुत ज्यादा सोचते हैं अपनी जिंदगी में ज्यादा कुछ बन नहीं पाते और उन सब की वजह ये दरी होता है रोहित भारत और बाकी एक्टिविटीज में होशियार था और कभी उसने ऐसी स्पीच नहीं दी थी उसने बिना सोच अपना हाथ उठाकर अपने दिल में वासी आज को और गम किया रोहित जानता था की वो अगर अपने आप को किसी सिचुएशन में दाल दे तो वो सिचुएशन का राजा बन सकता है रोहित हमेशा सोचता है की वो कुछ भी कर सकता है वो किसी भी ऊंचाई को हासिल कर
सकता है अब अल जिंदगी में वो इतना मोस्टली स्ट्रांग तो नहीं है पर उसके अंदर आज तो भारी है वो लोगों को दिखाना चाहता है की वो कितना अच्छा है वो लोगों से कितना बेहतर है देखा जाए तो बाहर से ये एक बहुत बुरी और सेल्फी बहुत ग शक्ति है पर रोहित की जिंदगी को अगर परख जाए तो उसने अब तक कई साड़ी ऐसी चीजों पर हाथ उठाया है अब वो अपने आप को और काफी समझना है और आप अपने बड़े में क्या सोचते हैं इस पर भी आपको कॉन्फिडेंस लेवल मटर करता है अब जैसे
रहते हो सोते हो खाता हो उन सब चीजों पर भी आपका कॉन्फिडेंस लेवल डिपेंड करता है चलिए देखते हैं कुछ ऐसे एग्जांपल्स जो आपको अपना कॉन्फिडेंस मॉल करने में मदद कर सकते हैं हेलो दोस्तों मेरा नाम है देवांग तिवारी और आप सुन रहे हैं डॉक्टर रोबिन की लिखी हुई डी कॉन्फिडेंस प्रोजेक्ट जिसे अड़प किया है सागर खान दे रहे हैं डॉक्टर रॉब अपने अगले एग्जांपल में कहते हैं की दुनिया में लोग बहुत डर के जीते हैं रोजमर्रा की छोटी-छोटी चीजों से भी उनका दिल तेजी से धड़कने लगता है जैसे हमने पिछले एपिसोड में जाना की
कुछ लोग पब्लिक में ठीक से बोल नहीं पाते हैं और अगर उन्हें कोई स्पीच देने के लिए कहा जाए वो बहुत ही हिचकिचाने लगता हैं पर जब वह स्टेज के सामने बोलना शुरू करते हैं तो उनका डर भाग जाता है इस एग्जांपल से हमें पता चला है की डर की पैदाइश ज्यादा सोने से होती है यानी की सर का सर गेम आपके मन सेट के अंदर ही है रॉब कहते हैं की ओवर थिंकिंग हमारे लिए लोग कॉन्फिडेंस का एक बहुत बड़ा करण बन शक्ति है इस दूसरे एग्जांपल से हम कुछ और नया सीखेंगे रवि एक
बहुत ही ज्यादा माना लो यार 15 साल से वह गवर्नमेंट के लिए कम करता था और कम करते समय एक्सपीरियंस उसका बढ़ता गया और साथ ही साथ उसका प्रमोशन तक फिर देखते लॉयर इंडस्ट्री में लोग उसे जन लगे उसे पहचान लगे उसके और उसके केसेस के बड़े में चर्चा होने लगी सरकारी लॉयर होकर उसने सभी तरह की केसेस को सॉल्व कर दिया और आलम तो यह हो गया था जब की जब रवि साहब कोर्ट में इंटर करते थे तब सबकी नजर उन पर ही पद जाति थी कोर्ट का कीमती वक्त बर्बाद ना कर वो बड़े
होशियारी सपना कैसे सॉल्व कर पता पब्लिक में पार्टी में उसे बात करना बहुत पसंद था वो लोगों के सामने बड़े ही कॉन्फिडेंस से बात कर पता था और यह बात है सिर्फ लॉयर इंडस्ट्री से रिलेटेड नहीं होती थी वो किसी भी मुद्दे पर कितनी भी डर तक बात कर सकता था अपनी जिंदगी में कमाया एक्सपीरियंस वह खुलेआम अपनी जूनियर्स को खुशी से बताता था जूनियर लॉयर्स रवि की बात सुनकर इनफोकस हो जाते थे रवि की बटन का असर उनके कम में भी दिखा जूनियर्स रवि से बहुत मोटिवेट हो जाते थे अब रवि की प्रोफेशनल लाइफ
तो बड़े ही ऐश्वर्या राय और इज्जत से चल रही थी पर दिन भर कम कर रवि जब रात को घर आता था तब वह कहानी मायूस राहत था उसकी बीबी यह मायूसी हमेशा नाजामदास कर देती थी बीबी को लगता था की शायद ही किसी कम का प्रेशर हो क्योंकि रवि कभी कभी खुश रहते थे तो कभी-कभी दुखी हो जाते थे अब इसका मतलब तो ये किसी कम का ही प्रेशर होगा ऐसा भी भी ना समझ ले| पर फिर एक दिन कोर्ट रूम में रवि बेहोश हो गए उन्हें हॉस्पिटल ले जय गया मामला कुछ सीरियस नहीं
था उनकी सेठ ठीक-ठाक ही थी और फिर डॉक्टर ने कहा था की यह बेहोशी की वजह उनका स्ट्रेस है डॉक्टर ने कहा की आप बहुत ज्यादा सोचते हो अभी कम का प्रेशर है या आपके पर्सनल लाइफ में कोई प्रॉब्लम चल रही है यह मुझे नहीं पता पर अब आपको थोड़ा धीमे धीमे कम बढ़ाने की मैं राय देता हूं आप घर जाकर थोड़ा आराम कीजिए और शांति से सोचिए डॉक्टर की यह बात सुनकर रवि की बीबी थोड़ा सोच में पद गई उसे लड़की स्ट्रेस सिर्फ कम का नहीं है क्योंकि रवि को तो 15 साल हो गए
कम करते हुए और पिछले कुछ मीना से ही उनका स्ट्रेस बढ़ता हुआ दिखे रहा है फिर जाकर रवि को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज मिला और रवि घर पर कुछ दिन आराम करने के लिए रेस्ट करने लगे रवि की बीबी ने उससे एक रात पूछ ही लिया की आपकी ऐसी हालात की वजह क्या है जब आप मुझे सही-सही बताइए आप मुझे अपनी प्रॉब्लम शेर करोगे तो आपको भी अच्छा लगेगा अब अपनी बीबी की बात सुनकर रवि चकना र सके तो उन्होंने बताया अपने मां में छुपाया सारे राज उन्होंने अपनी तिजोरी से बाहर निकले और खुलेआम अपनी बीबी
को बता दिए रवीना ने कहा की कई सालों से वही कम करते ए रहे हैं वही लोग वही कम वही कोर्ट बस इतनी जिंदगी हो गई है मेरी कुछ नयापन ना होने की वजह से मैं कहानी ना कहानी जिंदगी से तक चुका था ऐसा ग रहा था की किसी ने मुझे मेरी आजादी ही छन ली एक तरफ मैं अपने ही गली का राजा था पर दूसरी तरफ मुझे वही गली अब सुनसान सी लगे लगी थी लोग मेरे बड़े में चर्चा तो कर रहे थे पर अब लोगों की चर्चा सुनते सुनते 15 साल हो गए तो
वह मेरे लिए कुछ नई बात नहीं थी अब यह सब कहते कहते रवि की आंखों में आंसू ए गए उसके आवाज में एक नमीजी छ गई फिर बड़े शांत आवाज में उसने कहा की मुझे कहानी ना कहानी क्रिमिनल लॉयर बने की चाहते लॉयर इंडस्ट्री में जब 5 साल पूरे हुए तब मैं और सीखना चाहता था पढ़ना चाहता था फिर मैंने दूसरे लॉयर्स के पास जाकर सिफारिश की थी की मुझे क्रिमिनल केसेस पर कम करना उन्होंने फिर मुझे खुद एक मौका दिया वहां की लोग मुझे जानते थे इसलिए मुझे मेरा पहले कैसे भी मिल गया उसे
लॉयर ने कहा था की एल कैसे में सीधा आपको नहीं सोप सकता इसीलिए पहले कुछ केसेस आप मेरे साथ बैठकर सॉल्व करो आप मुझे जस्ट करो अब उसे लॉयर की बात सुनकर मैं भी खुश था तो मैं उनके पास कम करने चला गया और फिर धीरे-धीरे मुझे एहसास हुआ की यहां पर लोग मुझे नहीं जानते मैं जब उसे ऑफिस में इंटर करता हूं तब मुझे कोई मुड़कर नहीं देखा और कहानी ना कहानी मैं वो मिस कर रहा था एक अनजान सी जगह पर मुझे मेरा पुराना समय याद आने लगा वह जगह मेरे लिए थी ही
नहीं पता था पर मैंने वैसा नहीं किया मैं डर गया और अपने ही लोगों में मैंने अपनी जिंदगी जीने की थान ली पर फिर भी कहानी ना कहानी मुझे बीच-बीच में धक्के आते रहे मैं क्रिमिनल लॉयर बने की बहुत सोचता था पर फिर से नई शुरुआत करना वह भी ऐसे समय पर मुझे ठीक नहीं लगा रवि की बीबी ये सब बातें सुनकर खामोश हो गए उसने कहा की तुमने मुझे ये बात कभी बताई क्यों नहीं मैं तुम्हारी मदद कर शक्ति थी मेरे चाचा भी तो लॉयर है और वह तो मैं अच्छी तरीके से जानते भी
हैं उनके साथ कम करके तुम खुश हो जाते हो और साथ ही साथ बहुत कुछ सिख भी पाते अपने किसी दुख दर्द को अंदर दबे रखना से वो दुख दर्द अच्छा नहीं हो जाता बल्कि तुम उसे छुपाई रखते हो इसीलिए वो और ज्यादा गहरा होता जाता है और तुम्हें उसका बहुत पछतावा होता है रवि की बीबी ने अपने पति को हौसला दिया और कहा की देखो रवि इस सफर में तुम अकेले नहीं हो मैं तुम्हारे साथ हूं तो अब तुम्हारा वक्त और किस्मत बदलना सिर्फ तुम्हारा कम नहीं है बल्कि अब इस सफर में मैं भी
तुम्हारे साथ जुड़ चुकी हूं सबसे पहले तो तुम कुछ हफ्ते शांति से सोचना और बहुत आराम करना फिर हम मेरे चाचा के पास जाकर तुम्हारी बारिश करेंगे और मैं जानती हूं की वह आपके कम को बढ़ावा जरूर देंगे बदलाव ना होने के करण रवि घुट-घुट के मा तो रहा था लोगों के सामने वो एक शेर जैसा नजर आता था पर अकेले में वो एक चूहा की तरह र रहा था इस एग्जांपल से हमें यह पता चला है की बदलाव लाना बहुत जरूरी है धीरे-धीरे ही क्यों ना हो पर गो होना बहुत जरूरी है अगर आप
किसी लूप में अट गए हैं दोस्तों तो वहां से बाहर निकालना बहुत मुश्किल हो जाता है और ये सारे संकट आपकी सोच और आपके कॉन्फिडेंस को बहुत हैंपर करते हैं मगर आप बचपन से लेकर आज तक आपने लगभग कितने दोस्त बना लिए हैं जरा ध्यान से सोचिए और यह भी सोचना की उनमें से कितने दोस्त आज तक आपसे जुड़े हुए हैं दोस्तों कई तरह के होते हैं कुछ लोग आपसे हमेशा जुड़े रहते हैं मगर कुछ दोस्त ऐसे होते हैं जो कभी कभी हमसे बात करते हैं लेकिन जब भी वो बात करते हैं ना तो थोड़ा
बेहतर महसूस होता है क्योंकि यह वाले दोस्त हमेशा नहीं रहते या मिलते पर इन दोस्तों से हमारा रिश्ता बहुत ही अटूट सा बन चुका होता हमें उनसे हमेशा बात करने की जरूर ही नहीं पड़ती हम जब उनसे मिलते हैं तब खुला आम किसी भी मुद्दे पर कितनी भी डर बात कर सकते हैं और यह बातें ऐसी होती हैं जो हम हमारे पार्टनर हमारी फैमिली के साथ भी नहीं कर पाते ऐसी दोस्ती हर किसी को नहीं मिलती पर जिसे मिलती है वो इस दुनिया में सबसे खुशनसीब इंसान होता है चलिए इसकी वजह जानते हैं स्वागत है
दोस्तों मेरा नाम है देवांग तिवारी और आप सुन रहे हैं डॉक्टर रॉब यंग की डी कॉन्फिडेंस प्रोजेक्ट जिसे अधत किया है सागर खान भी करने दोस्तों मैंने जो इस एपिसोड की शुरुआत में सवाल किया था क्या उसका जवाब आपको मिल गया बताइए अब तक लगभग कितने दोस्त बनाए हैं आपने प्लीज 50 आप क्या सोचते हैं अपनी जिंदगी में कितने दोस्त होना जरूरी है की क्वांटिटी से ज्यादा मटर करती है क्वालिटी तो यही कैसे आपकी दोस्तों में भी अप्लाई होता है क्वालिटी फ्रेंडशिप आप सबसे ज्यादा दोस्त बनाने से अच्छा ऐसे दोस्त बनाया जिसके साथ रहकर आप
बहुत फ्री महसूस कर सकें डॉक्टर रॉब का ऐसा मानना है की आप जी तरह के दोस्त बनाते हैं वह भी आपके कॉन्फिडेंस को इफेक्ट करते हैं उनकी ताकत उनकी अच्छाइयां ये साड़ी हमारे अंदर भी कहानी ना कहानी उतार जाते हैं इस कॉन्फिडेंस प्रोजेक्ट को अगर सक्सेसफुल बनाना है तो क्वालिटी दोस्त बनाया अपने आसपास ऐसे लोग रखें जो आपको प्रोत्साहित करें और आपकी जिंदगी जीने में और मजा आए चलिए कुछ और त्रिकोण के बड़े में जानते अब ये तोर तरीके आपको अपना कॉन्फिडेंस मॉल करने में और उसे स्ट्रांग करने में बहुत हेल्प करेंगे दो रॉब कहते
हैं की सबसे पहले तरीका यह है की आप अपने अंदर कोई भी बात छुपा के मत रखिए मतलब वह ऐसा कहना चाहते हैं की अगर आप अपने दोस्तों से बातें कर रहे हो तो खुलेआम बात करो इसकी जाना मत इसका सबसे पहले करण यह है की जब आप एकदम खुला होकर बात करोगे तब आपका मां साफ होगा आपके दिमाग पर से प्रेशर है जाएगा आपका कम हो जाएगा और आपको पता भी नहीं होगा की आप कब रिलैक्स्ड हो गए अक्सर हम हमारे परिवार या अपने पार्टनर से चीज छुपाते हैं डॉक्टर इसका करण यह बताते हैं
की आप उन लोगों के साथ हमेशा रहते हो इसीलिए शायद उनसे खुलकर बात नहीं कर पाते वो क्या कहेंगे वो क्या सोचेंगे इन सब चीजों के बड़े में आप 50 बार सोने लगता हैं पर दूसरी तरफ वो इंसान जो आपको कभी-कभी मिलता है उससे आप बात करने में नहीं इसकी चाहते तो इसकी वजह यह है की वो इंसान आपको हमेशा नहीं मिलता वो हमेशा आपके साथ नहीं होता इसीलिए शायद खुलेआम उससे बातें कर पाते हैं आप अपने नोटिस किया होगा की जब हम कहानी ट्रैक पर जाते हैं या किसी के साथ ट्रैवल करते हैं तो
हम ज्यादा फ्री होकर बात करते हैं उन लोगों से हमारा कुछ दोनों या कुछ पलों का ही रिश्ता होता है यह जन के बाद भी हम उनसे बेजा खुलकर बातें कर पाते हैं रोग कहते हैं की इंसानों की खासियत तो यही पास बैठे इंसान से दो शब्द नहीं बोल पाते पर दूर खड़े इंसान को देख चिल्लाने का मां बहुत करता है हमारा दिमाग ऐसे ही बना है दोस्तों इसमें कोई शुरुआत नहीं है पर एग्जांपल से हमें यह समझ में आता है की सिर्फ दूर खड़े हुए इंसान को देख चिल्लाने की कोई जरूर जायज नहीं है
और पास खड़े इंसान से अनजान रहना भी कोई सही बात नहीं रॉब कहते हैं की दोस्त कैसे भी हो पर वो हमें हमसे बेहतर पर रख सकते हैं हमसे बेहतरीन नजर और नजरिया उनके पास होता है वो भी शायद अपने आप को इतना फर्क नहीं पाते पर इंसानों को दूसरों के लिए ही बनाया गया ऐसा लगता है ऐसा होता है ना की हम कितने आराम से दूसरों को देखकर ओपिनियन और कमेंट्स बहुत आराम से पास कर लेते हैं थोड़ा जजमेंट हो जाते हैं खुद से बेहतर हम किसी और को बेहतर जान लेते हैं किसी की
कमियां किसी की खामियां हमें तुरंत दिखे जाति है रॉक कहते हैं की लोगों को लोगों की जरूर है बात करना साथ घूमने फिर एक दूसरे के साथ वक्त गुजरा बहुत जरूरी है साथ बहुत गुर्जर कर खट्टी मीठी बातें करना बहुत आवश्यक है रॉब कैसा मानना है कई दोस्त ऐसे होते हैं जिन्हें अपने दोस्तों से खुलेआम बात करने में बेचैनी होती है इसके बहुत से करण हो सकते हैं पहले करण यह है की आप किसी और के मुंह से अपने ऊपर की हुई अच्छी बुरी बातें सा नहीं सकते फिर ये सुनकर शायद आप अपने दोस्तों पर
ही उंगली उठा लो इसीलिए इन सब चीजों से दूर रहना ही आप पसंद करते हो पर फिर भी अगर आप खुला आम लोगों से बात करें उनका नजरिया लेना चाहते हैं तो डॉक्टर कहते हैं की आप अपने दोस्तों को सामने बिठाकर उनसे खुलेआम बात करिए और उनका नजरिया सुनने से अच्छा आप उन्हें किसी कागज पर अपनी सोच उतारने के लिए कहीं और जब आपकी दोस्त अपना नजरिया किसी कागज पर उतार दे तो उनसे कहना की अपना नाम ना लिखे इससे क्या होगा की आपको नजरिया तो पता चल जाएगा और यह नजरिया किसका है ये आप
पहचान नहीं पाएंगे इस तरीके से आप अपने दोस्तों से जुड़े भी रहेंगे और उनकी गोपनीयता और नाइनटी भी बनाए रखेंगे उनका नजरिया आप बाढ़ भी सकोगे और तो और अपने दोस्तों के प्रति आपके मां में कोई मनमुटाव भी पैदा नहीं होगा क्योंकि उसने मेरे बड़े में ऐसा लिखा था ये तो ऐसा सोचता है शुरुआत में थोड़ा सा अजीब शर्ट पतासा ग सकता है लेकिन दोस्तों यह तरीका दुनिया में काफी स्वागत है और सबसे बेस्ट माना जाता है बल्कि कई साड़ी यूनिवर्सिटीज ने रिसर्च और एक्सपेरिमेंट कर इन तोर त्रिकोण को आजमाने की राय भी दी है
तो अगर आपकी जिंदगी दोस्तों से भारी हुई है तो किस बात का इंतजार कर रहे हैं भैया क्यों इतना स्ट्रेस ले रहे हैं फोन उठाइए और अपने दोस्तों से बात करिए अपने रोजमर्रा की जिंदगी में हम इतने तक जाते हैं की एक कप चाय भी हमारे नसीब में नहीं होती पर दुनिया में कई सारे डॉक्टर और खुद रब ने भी कहा है की अगर हमें जिंदगी में ऊंचाई पर पहुंचाना है तो कहानी ना कहानी ब्रेक तो लेना होगा आप भी जानते हैं की एक साथ हम पूरा पहाड़ तो नहीं चढ़ पाएंगे कहानी ना कहानी आराम
करने की जरूर तो होती है ना अरे किसी पिक्चर में इंटरवल तो होता ही है ना वैसे ही अपनी जिंदगी में भी ऐसे इंटरवल को अपनाना सीखें 10 कम आगे बढ़ाना है तो पांच कम बाद रुक के दो बूंद पानी पी लेंगे कोई तुम्हें मारेगा नहीं थोड़ा र जानते हैं की इस दुनिया में कॉन्फिडेंस के टाइप्स होते हैं जी हां कॉन्फिडेंस सिर्फ आपके हाल-चाल पर डिपेंड नहीं होता बल्कि कॉन्फिडेंट रहने के कई और तोर तरीके होते हैं आप जिसे हम दिल खोलकर लोगों से बात कर पाते हो यह सिर्फ कॉन्फिडेंस नहीं होता आप अपनी जिंदगी
में कैसे इंसान बन्ना चाहते हो इस हिसाब से आपका कॉन्फिडेंस टाइप चेंज होता है चलिए सीखने हैं और जानते हैं की कॉन्फिडेंस के कितने और टाइप्स होते हैं हेलो दोस्तों एक बार फिर से स्वागत है मेरा नाम है देवांग तिवारी और आप सुन रहे हैं डॉक्टर रा यंग की लिखी हुई डी कॉन्फिडेंस प्रोजेक्ट की बुक्स मेरे इस समरी को लिखा है सागर ने शुरुआत के एपिसोड में हमने जाना की दो तरह के कॉन्फिडेंस होते हैं इनवर्टर कॉन्फिडेंस और आउटपुट सोशल कॉन्फिडेंस आप अपने बड़े में क्या सोचते हो और आप अपनी इतनी इज्जत करते हो इससे
आपका इनवार्ड इमोशनल कॉन्फिडेंस लेवल डिसाइड होता है अगर आपको कोई गलती से बड़ा का दे और आप मायूस हो जो तो इसका मतलब समझ लेना की आपका इमोशनल कॉन्फिडेंस लो है आप बहुत मासूम किम के इंसान हूं इसीलिए आपका कॉन्फिडेंस लेवल लो है आपका इमोशनल कॉन्फिडेंस लो होने के करण आप खुला आम किसी से बात नहीं कर पाते जब आपको कॉन्फिडेंस लोग हो जाता है कब आपके कम्युनिकेशन स्किल भी ठीक से कम नहीं करते पर दूसरी तरफ अगर आपका इमोशनल कॉन्फिडेंस हाय है तो आप अपने आप से खुश रहते हो आप अकेले में बेचैन नहीं
होते आप अपनी खुद की कंपनी एंजॉय करने लगता हो और तो और खुला आम लोगों से बात करने में अब बिल्कुल भी नहीं इसकी चाहते जब आपको कॉन्फिडेंस हाय होता है तब आपकी कम्युनिकेशन स्किल तो आर पर हो जाति कॉन्फिडेंस हाय होने का सबसे बड़ा नतीजा यह होता है की रोजमर्रा की जिंदगी आसन हो जाति है आपका इमोशनल कॉन्फिडेंस लेवल आपकी जिंदगी में आपकी बहुत मदद करता है अगर आपका कम बिजनेस रिलेटेड है तो इमोशनल कॉन्फिडेंस हाय होने की वजह से आपको वहां भी कामयाबी नसीब हो शक्ति है रोबिन कहते हैं की यह साड़ी चीज
जो आपके अंदर हो रही हैं इस सब आपके दिमाग का खेल है जी हां दोस्तों यह दिमाग बहुत ही चालक है इसे काबू में रखना बहुत मुश्किल होता है आजकल की मॉडर्न दुनिया में तो अपने दिमाग को किसी जगह पर फॉक्स रखना और मुश्किल हो गया अब इस दुनिया में कॉन्फिडेंस बढ़ाएं तो बड़ा है कैसे याद रखना है दोस्तों की दिए दिमाग आपको गहराई दिखा सकता है अगर आप अपने आप को कंट्रोल कर सके और धीरे-धीरे छोटे-छोटे कम बढ़कर अच्छाई की तरफ बढ़ाने की कोशिश करें तो यही दिमाग आपको ऊंचाई तक लेकर जा सकता है
चलिए सीखने हैं की अपने आप को और ताकतवर कैसे बनाएं दो रोबिन कहते हैं की किसी भी चीज को सही तरह कैसे अप्रोच करना है यह सीखना चाहिए अपने इमोशंस को अपनी फीलींगस को कन्वर्ट करना सीखना चाहिए इसका मतलब हम एग्जांपल से समझते हैं पर आज के दिन उसे डांस करने का मां नहीं कर रहा वह आज के दिन बहुत आलसी महसूस कर रहा है सुबह से लेकर दोपहर तक दोपहर को उसे कुछ खाना खाने का मां हुआ तब उसने बाहर से खाना मंगाया वह रोज अपना खाना खुद बनाता था आज के दिन उसका आलस
बहुत बाढ़ चुका था अंदर ही अंदर वह अपने आप को कहता था आज मुझे डांस करना है पर उसका दिमाग उसके साथ कुछ अलग इस जगह पर सो गया जब शाम को राहुल की आंख खली तब उसे उल्टी जैसा महसूस होने लगा बाहर के खाने का असर उसे पर दिखाना शुरू हो गया फिर अब तो उसे अपने बिस्तर से उतना ही पड़ा मजबूरी में उसे यहां वहां कम बढ़ाने ही पड़े फिर जाकर उसका पेट हल्का हुआ अब तक सूरज दल चुका था शाम हो चुकी थी और राहुल कहानी ना कहानी टांग हो चुका था क्योंकि
दिन भर वो बस बिस्तर पर लेट रहा उसे कहानी ना कहानी बहुत दुख हो रहा था फिर आखिरकार रात 9:00 बजे उसने थान ली कमरे के बाहर निकाला और अपनी टेरेस पर जाकर नाचे लगा जो चीज वह सुबह से करना चाहता था वह अब जाकर पुरी हो रही थी सुबह उठकर वह अगर डांस करता था तो उसका मां खुश राहत था और दिन भर वो दूसरे कम करने में बीजी हो जाता था पर अब वह पछतावे में नाच रहा था और धीरे-धीरे उसे मजा आने लगा उसका मूड बादल गया और धीरे-धीरे उसके चेहरे पर खुशी
जान लगे आपका तो चले हम बात करना कोई मुश्किल बात नहीं है अगर आप बहुत ही अकेला रहना पसंद करते हो तो फिर भी डॉक्टर कहते हैं की आपको लोगों की संगत में रहना चाहिए उनकी संगत में रहने से आप अनजाने में कई साड़ी चीज सिख लेते हैं वह चीज कुछ अच्छी होती हैं तो कुछ बुरी होती है पर हम अगर अपने जिंदगी को कंसंट्रेट इंप्रूव करना चाहते हैं तो लोगों से बात करना आपके लिए बहुत आवश्यक है हेलो दोस्तों मेरा नाम है देवांग तिवारी और आप सुन रहे हैं डॉक्टर रोबिन की लिखी हुई डी
कॉन्फिडेंस प्रोजेक्ट अक्सर हम हमारी जिंदगी में कुछ ऐसे लोगों से मिलते हैं जो कुछ अलग ही किम का एटीट्यूड लेकर घूमते हैं जैसे अगर आपने किसी बड़े सेलिब्रिटी को देखा हो तो आप उनके बात करने के तोर तरीके और उनकी बॉडी लैंग्वेज से बहुत कुछ सिख सकते हैं पर अगर अपनी पर्सनल जिंदगी में अगर आप अपने आसपास के लोगों से ही बात करने में तो यह एपिसोड आपके लिए बनाएं चलिए जानते हैं की लोगों से बात करना क्यों हमारे फ्यूचर के लिए इंपॉर्टेंट हो सकता है और साथ ही साथ यह भी जानेंगे की शुरुआत कैसे
करनी है इसकी सबसे पहले चीज यह है की अगर आप इंट्रोवर्ट हो या समझना है की हमेशा अकेले-अकेले रहने से और लोगों को इग्नोर करने से कुछ नहीं होने वाला दो रस्सी यह नहीं कहते की आप अपना लाइफस्टाइल ही चेंज कर दो वह का रहे हैं की आप अपना नजरिया बाली जैसे मां लो की अगर आप हमेशा एक ही तरीके का खाना खाता हो रोटी और सब्जी बस आपने अपनी जिंदगी में और कुछ खाया ही नहीं हूं तो आपको पता कैसे चलेगा आखिर हम सब स्वाद के मारे हैं अच्छा खाना बिल्कुल किसी नहीं जगह पे
घूमने जैसा ही तो है जैसे नई जगह पर घूमने से हम बेहतर इंसान बन सकते हैं वैसे ही लोगों से बात करके लोगों को असर हम पर भी पड़ता है रॉब कहते हैं की अगर आप लोगों से बात नहीं कर का रहे हो तो शुरुआत अपने लोगों से करो आपके बचपन के दोस्त आपके भाई बहन से ओपनली बात करना शुरू कीजिए आप उनसे अपनी प्रॉब्लम शेर कर सकते हैं अपने लोगों से बात करने में हम ज्यादा नहीं चाहते इसीलिए शुरुआत अपने लोगों से कीजिए बाहर निकालना जरूरी है डॉक्टर कहते हैं की हमें अपना रोज पॉजिटिव
रखना चाहिए पॉजिटिव अप्रोच होने से लोग आपसे भी अट्रैक्ट हो सकते हैं अच्छा बात करने वाले लोग आजकल मिलते ही कहां है तो अगर आप हर किसी समस्या को एक पॉजिटिव अंदाज से देखते हैं तो आपके आसपास खड़े लोग भी आपसे बहुत कुछ सिख सकते हैं और साथ ही साथ उनसे बात कर आप उनकी कई साड़ी चीज सिख सकते हैं उनसे इनडायरेक्ट अडॉप्ट कर सकते हैं आपकी पॉजिटिव अप्रोच होने से आपका दिमाग भी बेहतर सोने लगेगा और फिर लोगों से बातें करने में आपको बहुत आसानी होगी डॉक्टर केयर नहीं की अपनी जिंदगी में हमेशा एक
गुड लिस्नर बने की कोशिश कीजिए अगर अपनी अपनी धुन में लोगों से बातें करते जाओगे तो एक पॉइंट के बाद लोगों का इंटरेस्ट तो छठ ही जाएगा तो इसीलिए उन्हें जो पसंद है उन चीजों के ऊपर बात करना बहुत जरूरी है यानी की उनके इंटरेस्ट की बातें यह बात समझ लीजिए दोस्तों की अली कभी एक हाथ से नहीं बजती अगर आप कोई अटूट रिश्ता बनाना है तो आपको एक गुड लिस्नर बदनाम बहुत जरूरी है डॉक्टर ने इस किताब में लोगों से बात करने के लिए कई साड़ी प्रैक्टिकल सॉल्यूशंस दिए हैं क्योंकि कुछ लोग आसानी से
बात नहीं कर पाते उन्हें मदद की जरूर होती है तो इन प्रैक्टिकल सॉल्यूशंस को आजम कर आप लोगों से बात कर सकते हैं अच्छा दोस्तों क्या आप सब जानते हैं की हम लोगों से बात क्यों नहीं कर पाते क्यों हम अनजाने से घंटा बात कर पाते हैं पर अपनों से दो शब्द भी ठीक से नहीं कहा जाता और अगर आप ऐसे इंसान हैं जो रात-रात भर जगत राहत है तो आप में एक अलग ही एटीट्यूड जन्म लेट है जब दुनिया सो रही होती है तब आप मुझे कुछ लोग जाके रहते हैं आपको शायद रात का
मौसम और रात की शांति रोमानी लगती होगी आपके दिमाग में अलग ही धुन बजाने लगती है और आप उसे समय को बहुत ही एंजॉय करने लगता हो की कुछ लोग होते हैं जिन्हें दिन पसंद होता है और कुछ लोग होते हैं जिन्हें रात ज्यादा पसंद आई है अब इन लोगों का कॉन्फिडेंस भी अलग-अलग होता है डॉक्टर ऐसा कहते हैं की अगर कोई रात में अकेले रहना पसंद करता है तो वह इंसान भी बहुत कॉन्फिडेंट है कोई अगर लोगों जब बातें नहीं करता तो इसका मतलब यह नहीं की वह कॉन्फिडेंट नहीं है अगर आप अपने आप
में खुश र सकते हो तो यह बहुत बड़ी बात है कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अकेला रहना पसंद नहीं करते क्योंकि वो अपने थॉट्स कंट्रोल ही नहीं कर पाते वो बेचैन हो जाते तो फिर अब सवाल ऐसा उठाता है की अगर आपको रात में जगन पसंद है तो लोगों से बात करना जरूरी है क्या डॉक्टर रॉब बड़ी सिंपल शब्दों में सवाल का जवाब देते हैं और कहते हैं की मैं अकेले रहने के और लोगों से बात करने के अपने-अपने फायदे होते हैं अगर आप एक पॉजिटिव इंसान हो तो आप जो भी रास्ता अपना लो
वो आपके लिए अच्छा ही होगा इस दुनिया में दोस्तों ऐसे भी लोग होते हैं जो अकेले रहकर बहुत गो करते हैं और अगर कोई इंसान उन्हें कुछ हल्का सा बड़ा भी का दे तो मैं उसे हो जाते हैं और उनकी बटन को असर आपकी कॉन्फिडेंस पर हो जाता है तो इसीलिए सबसे प्रैक्टिकल सॉल्यूशन ऐसा है की आप अगर अपने आसपास कुछ ऐसे लोग बनाए रखें जो आपकी हर कम को बढ़ावा देने के साथ-साथ आपको उसे कम की कमियां और खामियां भी बताएं दूसरे लोगों की हॉकी बटन का असर आपके दिमाग पर कभी नहीं होगा समझ
रहे हैं ना मेरी बात समझना यह है की लोगों से बातें करना कोई बुरी बात नहीं है अभी आपके पास अपनी अपनी वजह होगी जिससे आप लोगों से बातें नहीं करना चाहते पर दुनिया में लोग इतने भी बुरे नहीं हैं यार कुछ और पांच लोगों ने बड़ा का भी दिया तो सभी लोगों से दूर रहना सही तो नहीं है आखिरकार लोगों को लोगों की जरूर है हम कितने भी अकेले रहने पर कभी ना कभी हमें लोगों की जरूर तो पड़ती है ना शुरुआत में बातें करने से आप थोड़ा हिचकी जाओगे पर धीरे-धीरे आपके आदत हो
जाएगी और जैसे मैंने पहले भी कहा की लोगों की संगत का असर आप पर बहुत पड़ता है आप अगर एक गुड लिस्नर बनकर रहेंगे तो उन्हें भी आपसे बातें करने में दिलचस्प होगी और देखते ही देखते आप बादल जाओगे तो अब किस चीज का इंतजार कर रहे हो दोस्तों अब बिना इसकी चाय शुरुआत करने की बड़ी है छोटे-छोटे कम आगे बढ़ाओ और अपने आप को बदलते हुए देखो अगर आप शंकर नाम का एक इंसान सुबह सुबह तैयार होकर घर से बाहर निकलता है और तब उसके नए स्त्री के व्हाइट शर्ट पर कबूतर पोट्टी कर देता
है सुबह-सुबह शंकर खोजना और फिर कबूतर ने उसे पर पोट्टी करने के बाद उसका मूड पूरा खराब कर दिया उसने सोचा की आज का दिन तो खराबी हो गया और ताज्जुब की बात ये थी की आज उसके नए जब का पहले दिन था तो इस वजह से वो और दुखी हुआ वो अब सोचते सोचते आधे रास्ते ए चुका था और वक्त तेजी से गुर्जर रहा था उसका पहले दिन था इसीलिए वो ऑफिस के लिए लेट भी नहीं होना चाहता था फिर ट्रैफिक होने की वजह से उसने टैक्सी लेना ठीक नहीं समझा तो वो पैदल पैदल
अपने ऑफिस की तरफ चला रहा रास्ते पर चलते चलते ही उसे कई सारे ख्याल आने लगे वो पहले सोचता रहा की मैं कैसे अपने ऑफिस में जाकर लोगों को सॉरी कहूंगा फिर जैसे रास्ता मोड उसकी सोच बादल गई वो थोड़ा ओवर थिंक करने लगा और वह सोचता रहा की अगर मुझे पहले ही दिन ऑफिस से निकाल दिया जाए तो क्या होगा मेरे घरवाली मेरे बड़े में क्या सोचेंगे मुझे आगे जाकर कोई जब मिलेगी भी या नहीं ये जब बड़ी मुश्किल से मिली है ऐसे कई सारे सवाल उसके दिमाग में मां रहे जब तक वो ऑफिस
पहुंच तब तक उसका बदन ग्राम हो चुका था जैसे वो ऊपर चढ़ रहा था उसके दिल की धड़कन तेजी से बाढ़ रही थी जैसे उसने ऑफिस का दरवाजा खोल तो खड़ा का खड़ा र गया वो जगह पर फीस हो गया उसे लगा उसके बस सामने डंडा लेकर खड़े होंगे और उसे पर बहुत चिल्लाएंगे पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ सब अपने कम में बीजी थे और शंकर ने थोड़ी चैन की सांस ले ली फिर कोई और अपने पर उंगली उठा दे उससे अच्छा शंकर ने खुद ही अपने बस को जा कर सब सच बताने की
थान ली उसके बस ने साड़ी बातें ध्यान से सनी और कहा की ठीक है यार होता राहत है कल से ध्यान रखना अपनी बस की बात सुनकर शंकर बहुत शांत हो गया ये गहरी सांस ली उसने उसके सर से जैसे अचानक से मेड्रिड हुए बादल छ रही है बेचैनी थी सब उड़ गई उसने वॉशरूम में जाकर अपना मुंह धोया और अपने ही ऊपर हंस पड़ा कमल है ना दोस्तों इस एग्जांपल से हमें पता चला है की हम कितना ज्यादा खुद ही के दिमाग में कहानी कर लेते हैं कभी-कभी प्रॉब्लम इतनी बड़ी होती भी नहीं जितना
बड़ा मुंह से बना लेते हैं जब आप अपने बड़े में ज्यादा बड़ा सोने लगता हो तो इसका मतलब आपका दिमाग हेल्दी नहीं है जी हां दोस्त जब आप नेगेटिव सोचते हो तब आपका दिमाग स्टा बुरी सोच अक्सर कॉन्फिडेंस को इफेक्ट कर देती है डॉक्टर रॉब अपनी किताब में कहते हैं की नेगेटिव को कंट्रोल करना बहुत मुश्किल है क्योंकि बड़ा सोचना यह तो एक बहुत ही बेसिक ह्यूमन टेंडेंसी है रॉक कहते हैं की हम नेगेटिविटी को पुरी तरह हटा तो नहीं सकते पर उसे लिमिट में रखना सिख सकते हैं चलिए अब सीधा इस समस्या को सुलझाना
कैसे उसकी तरफ बढ़ते हैं अब मैं आपके सामने कुछ पॉइंट फंक्शन करूंगा उतनी कौन सी चीज हैं आपने कितनी बार अपने बड़े में कहानी हैं यह सोचिएगा सबसे पहले पॉइंट मैं उतना अच्छा नहीं हूं जितना की मैं सोचता हूं अक्सर हम बड़ा होने पर ऐसा सोचते हैं दोस्तों एग्जाम में फेल हो जैन या किसी कंपटीशन में हर जाए तो एक पॉइंट पर मैं शायद उतना अच्छा ही नहीं हूं मैं तो वो थी नहीं हूं ये थोड़ा ही जाता है इसी के साथ-साथ मैं बड़ा दोस्त हूं मैं एक बड़ा बेटा हूं मैं बड़ा आप हूं यह
साड़ी चीज भी आपको नहीं करनी चाहिए अपने बड़े में कुछ भी बड़ा बोलोगे तो उसका असर आपके दिमाग के ऊपर हो गई जैसे मैंने पहले भी कहा की आप जो अपने बड़े में सोचते हो या बोलते हो वो आपकी बॉडी लैंग्वेज में दिखाई देता है और अगर आपका बॉडी लैंग्वेज प्रॉपर हो है तो आप कॉन्फिडेंट नजर आते हो और अगर वह खराब हो तो आपको कोई नोटिस नहीं करेगा तो अपनी बॉडी लैंग्वेज सुधारना जरूरी है और दोस्तों भी अपनी बुराई की है या कभी किसी ने आपको बड़ा कहा है आप जानते हो की कोई अगर
आपको बड़ा कहे तो उसका सर आप पर कितना होता है हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में कई लोग हमें बहुत कुछ बड़ा का देते हैं तो आने मार देते हैं पर हम उन सब चीजों पर ध्यान नहीं देते डॉक्टर कहते हैं की सबसे ज्यादा यह मेन नहीं करता की दूसरे हमारे बड़े में क्या सोचते हैं बल्कि सबसे ज्यादा ये मेन रखना है की हम अपने बड़े में क्या सोचते हैं जैसे हमने पिछले एपिसोड में भी जाना की जो हमें सोचते हैं वह हम बन जाते हैं इसीलिए अपने बड़े में जब आप बड़ा सोचते हो तो आपके
साथ भी बड़ा ही होने के चांसेस होते हैं तो इसी समस्या को सुलझाने के लिए डॉक्टर रॉब हमें एक और तरकीब बताते हैं इस तरह की जारी हम किसी भी समस्या को आसानी से उलझा सकते हैं और उससे पहले दोस्तों मैं बता डन वो कहते हैं की हम रोज मारे की जिंदगी में थोड़े से बदलाव करके कॉन्फिडेंस को आसानी से अचीव कर सकते हैं अपने आप को परख कर हम किसी भी जंगल के राजा बन सकते हैं है तो अब आते हैं हमारी सबसे बड़ी समस्या पर जैसे हम गिल्ट के नाम से भी जानते हैं
गिल्ट यानी पछतावा जब हम अपने बड़े में कुछ बड़ा सोचते हैं जैसे की मैं एकदम बुद्धू मेरे से कुछ भी नहीं होगा और मैं जिंदगी में सिर्फ एक लूजर बन के रहूंगा मेरा नसीब ही खराब है ये साड़ी चीज जब आप खुद से कहते हो तो आप कहो पछतावा होता है और उसे पस्तावे का असर आपके दिमाग पर होता है तो ये सब ना होने के लिए डॉक्टर रा में एक बड़ी खूबसूरत तरकीब बता दें वो कहते हैं की जब आप खुद से ऐसी बातें करते हो तो बस पारक लेना की कौन सा शब्द आपको
सबसे ज्यादा दर्द पहुंचना है जैसे की मां लो आपने कहा की मैं एकदम बुद्धू हूं या मैं एक लूजर हूं तब आपको शायद बुद्धू या लूजर ये शब्द पहुंच सकता है डॉक्टर हमें कहते हैं की ऐसे शब्द अगर आपको परेशान करें तो आप उन शब्दों को बार-बार दोहराया करो जैसे की अगर आपको बुद्ध इस शब्द बहुत दर्द हो जाता है तो आप बार-बार यही शब्द बनाते रहना और 30 सेकंड बाद शब्द का असर खत्म हो जान लगेगा चलिए आज बा के देखिए अब आप मिलेगी वह भाई ऐसे थोड़ी होता है उसका मतलब थोड़ी बादल जाएगा
डॉक्टर इसका उत्तर ऐसा देते हैं की जब आप कोई शक बार-बार दोहराते हो तो उसका मतलब नहीं बदलेगा पाव शब्द का असर जो आप पर हो रहा था वो अब कम हो जाएगा क्योंकि बार-बार दौरानी से आप ये सोने लगोगे की मैं क्या कर रहा हूं मैं ये सब बार-बार क्यों रहा हूं इससे क्या होगा तो दोस्तों यही थॉट आपका पैटर्न ब्रेक करेगा कुछ समझे समझ लूं की आपका दिन अच्छा नहीं जा रहा और दिन के अंत में आप कुछ अच्छा सा आइसक्रीम का लेना चाहते हैं और तभी आपका मूड बादल जाता है क्योंकि आइसक्रीम
खाने से आपके दिमाग पर असर होता है और उससे आपका जो दिन भर कर गुस्सा है या पछतावा है वो दूर है जाता है डॉक्टर रॉबस्ट थ्योरी को एक्सेप्टेंस थ्योरी भी कहते हैं एक बार अगर आप अपने आप को एक्सेप्ट कर लोग फिर बाकी कोई भी आपको नीचे नहीं खींच पाएगा आप उसे गहराई में कभी गिरोगे ही नहीं डॉक्टर रॉक कहते हैं की आप अपने बड़े में जो भी सोचते हो वो बस एक मां गार्डन कहानी है हम अक्सर खूब ज्यादा ही सोचते हैं पर हमें अपने सारे थॉट्स पर भरोसा नहीं करना क्योंकि दिन के
अंत में वह बस एक थॉट है जो आप अपने बड़े में सोचते हो उसे सच में हुआ तो नहीं और होगा भी नहीं अगर आप पॉजिटिव रहना सिख जाओगे ध्यान रखना डॉक्टर रॉब ने कहा था की जो आप बोलते हो जो आप सोचते हो वही आप बंदे हो डॉक्टर रॉब में एक और तरीका बताते हैं जिससे हम इस दाल से बैक सकें वो कहते हैं की जब जब आपको नेगेटिव थॉट्स आए तब तब आप खुद से बातें करना जैसे की मैं बहुत बड़ा इंसान हूं और मुझे कुछ नहीं होगा या मुझे लोग इस जिंदगी में
हमेशा रुलाते रहेंगे अगर ऐसे कुछ ख्याल आपके मां में ए रहे हैं तो आप उसे सुधारने के लिए का सकते हैं की यह सारे खेल बकवास है मैं ऐसा इंसान बिल्कुल भी नहीं बस आज का दिन बड़ा है इसीलिए मुझे सारे थॉट्स ए रहे हैं हमने क्या किया समझ आई तो देखा आपने की हमने क्या किया आप समझ पे हमने अपने आपको मेनिफेस्ट किया बस आपको इतना ही करना है और कुछ नहीं आपको अपने विचारों से झगड़ना नहीं है उनको टैकल नहीं करना है उनसे बिल्कुल भी नहीं लड़ना है बस और टेंपरेरी थॉट्स है ऐसा
समझना डॉक्टर आप कहते हैं की हमको खुद को रखने की जरूर है एक बार खुद को रखने की आदत ग गई तो धीरे-धीरे नेगेटिव थॉट्स कम हो ही जाएंगे जब भी कोई चीज या कोई सवाल आपके दिमाग पर कब्जा कर रहा हो और आपको गहराई की तरफ खींच रहा हूं तो आप अपने आप से कुछ सवाल करना कुछ ऐसे सवाल जो उसे पैटर्न को ब्रेक कर दें आप अपने आप से पूछना की एक खयाल क्या सच में मेरे लिए इंपॉर्टेंट है क्या इसके बड़े में सोने से मैं पास में चला जाऊंगा क्या मैं और दुखी
फूल करूंगा जब आप रोज मा रहा की जिंदगी में अपने आप से सारे सवाल करने लगेंगे और इसकी आदत दाल लेंगे तो आपकी बुरे विचार आप कभी टांग नहीं कर पाएंगे इस तरीके को डॉक्टर साहब डिलीवरी डिस्ट्रक्शन कहते हैं आप अपना थॉट ब्रेक करना सिख जाएंगे कोई भी इंसान दुनिया का कोई भी ताकत आपको नहीं रॉक पाएगी इस दुनिया में कहानी साड़ी चीज हैं जो आपको अपना थॉट ब्रेक करने में मदद कर शक्ति हैं जैसे की आप कोई गाना सुन सकते हो अपनी पुरानी तस्वीर देख सकते हो या बाहर जाकर कुछ खेल खेल सकते हैं
कोई भी चीज जो आपका मां बनाए रखें वो आपको प्रोफेशन पर्सनल लाइफ में अगर आप लोगों से बात करने से चाहते हो तो आप याद रखना की आपको पन क्या है आपकी मंजिल क्या है जब आप अपनी मंजिल दिमाग में रखकर लोगों से बात करोगे तो आप ज्यादा कॉन्फिडेंट नजर आओगे आपका आउटवार्ड सोशल कॉन्फिडेंस इससे ही बढ़ेगा नमस्कार दोस्तों मैं हूं आपका दोस्त और होस्ट देवांग तिवारी और आप सुन रहे हैं डॉक्टर रोबिन की लिखी हुई तो कॉन्फिडेंस प्रोजेक्ट इस समरी को अड़प किया है सागर खान भी करने हमने अभी तक जाना की अपना इमोशनल
सोशल कॉन्फिडेंस कैसे बढ़ाना है डॉक्टर रॉब की कई सारे तोर तरीके आप जरूर आजमाइएगा और हमें बताइएगा नीचे कमेंट में लिखने की कौन से तरीके वाकई आपकी कम है चलिए बढ़ते हैं कॉन्फिडेंस लेवल दोस्तों हमने यह जरूर सुना होगा की उम्मीद पर दुनिया कायम है पर ये उम्मीद ही कभी-कभी आपको दुख पहुंचती है आप अगर ऑफिस में कम कर रहे हो और आपको प्रमोशन नहीं मिला तो आप ज्यादा दुखी हो जाते हो क्योंकि आप इस दुनिया से बहुत उम्मीद रखते हो बहुत एक्सपेक्ट करते हो पर अगर आप जानते हो की आप एक नेगेटिव किम की
इंसान हो तो उम्मीद रखना शायद आपके लिए अच्छा नहीं होगा क्योंकि उम्मीद और नेगेटिविटी की कभी नहीं बंटी आपका दिमाग अगर पॉजिटिव है और आप अगर अपनी मंजिल अपने के लिए भूखे हो तो ही आपकी उम्मीद आपको तोहफा देगी अगर आप लोगों के सामने एक अच्छा इंप्रेशन बनाना चाहते हैं तो याद रखना आप उनके बड़े में कुछ नेगेटिव ना सोचा क्योंकि जब हम किसी इंसान से बात करने जाते हैं तो ये सोचते रहते हैं की वो इंसान हमारी बटन पर कैसे रिएक्ट करेगा वो हमसे बात करने में इंटरेस्टेड भी हो या नहीं वो हमसे बर
तो नहीं हो जाएगा जब आप ऐसी नेगेटिव चीजों के बड़े में सोचते हो तो आपको कॉन्फिडेंस लो हो जाता है इसलिए जब भी आप किसी इंसान से मिलो तो उनके बड़े में कुछ भी नेगेटिव मत सोचना दोस्तों हम अक्सर एक चीज के ऊपर थिंक करके उसे चीज का मजा ही बिगाड़ देते हैं थोड़ा शांति से रहना भी जरूरी है ज्यादा सोने से जिंदगी में कुछ नहीं होता थोड़ा शांति बनाए रखोगे तो पॉजिटिव अपने सांप तुम्हारी गली में घूमने आएगी और कॉन्फिडेंस अपने आप की घर के आपकी जिंदगी बादल देगा और साथ ही साथ डॉक्टर रॉबीस
किताब के मध्य से यह भी कहते हैं की अगर आपको अपना कॉन्फिडेंस बढ़ाना है तो सबसे पहले आप एक गुड लिस्नर बनिए होते हैं ना उसे कुछ लोग जो सुनने से ज्यादा फैट फैट फैट बोलते ही रहते हैं उनको इस में मजा आता है और अगर आप उन सुनने वालों में से एक बन जाओगे तो आपको ही ज्यादा नॉलेज मिलेगी आप डिफरेंट लगोगे उनकी बातें सुनकर आप उनका भरोसा काम लोग डॉक्टर का देंगे जब भी आप दूसरों के लिए अच्छा करते हो दूसरों की बातें सुनते हो तो आपके अंदर कहानी ना कहानी एक अच्छी फीलिंग
पैदा होती है आपको लगता है की आपको कुछ अच्छा कर रहे हैं इसीलाल के एंजायटी जो है वो कम हो जाति है जी हां दोस्तों किसी के लिए भी अच्छा करना आपका अपना स्ट्रेस कम कर सकता है डॉक्टर रॉबिंस किताब से हमें अपना स्ट्रेस कंट्रोल में रखना के लिए कई सारे तरीके बताते हैं उनमें से एक तरीका ऐसा भी है आप अगर स्ट्रेस में हो तो एक शॉट बाल हाथ में पकड़ लो और उसे लगभग 30 सेकंड तक क्विज करते रहना इससे आपकी बॉडी में केमिकल रिलीज होता है जैसे आप रिलैक्स फूल करते हो कभी-कभी
हम बहुत चिंता करते हैं इस सोच में की दूसरों से क्या बात करनी है तो रॉक कहते हैं की हमें अगर यह ना पता हो की लोगों से क्या बात करनी है तो आप शुरुआत में उनसे उनके बड़े में सवाल किया करो उनसे पूछो की वो क्या करते हैं उन्हें क्या पसंद है और ऐसे सवाल करना जिनका आंसर यस और नो में ना हो उनके जवाब अगर लंबे होंगे तो आप उनसे और सवाल कर पाओगे और अगर कोई आपसे बात करना चाहे तो आप भी छोटे-छोटे जवाब मत देना जैसे की मां लो कोई आपसे पूछता
है की आप क्या करते हो और आपने कहा की मैं टीचर हूं तो अब बात आगे बढ़ाना मुश्किल हो जाएगी तो इसकी जगह डॉक्टर कहते हैं की आप थोड़ा डिटेल में जवाब देना जिसे सामने वाला आपसे और बातें कर पे आप खाओगे की मैं एक टीचर हूं और टीचर बने की सबसे खास बात यह है की मैं बच्चों को पढ़ा सकता हूं और साथ ही साथ मैं उनसे भी सीखना हूं जब आप डिटेल में सवाल जवाब करने का तरीका समझ जाओगे तो लोगों से बात करने में आपको आसानी होगी और अगर वो इंसान और आपकी
ख्याल मिलती जलती हो तब तो बात बन ही गई समझो डॉक्टर रॉक कहते हैं की जब तक आप लोगों से बात नहीं करोगे तब तक आप उन्हें जान नहीं पाओगे और आपकी पर्सनालिटी भी वो फर्क नहीं पाएंगे लोगों को अपने जैसे लोग पसंद है ये तो सभी जानते हैं सबको अपने बड़े में बात करना पसंद है तो आप अगर लोगों से उनकी अपनी पसंदीदा चीजों के बड़े में बात करोगे तो आपको भी उनसे बात करने में आसानी होगी रॉब का ऐसा मानना है की आपको अगर लोगों से रिश्ता बढ़ाना है तो उनसे हमेशा बात करने
की जरूर नहीं है अगर वो किसी से बात कर रहे हो तो आप उनकी बटन पर रिएक्ट किया करो उनकी नजर आप पर नहीं होगी पर उनका दिमाग आपके रिएक्शन नोटिस जरूर करेगा और क्या प्रोटेक्टिव बन रहा है अक्सर लड़कियों से कोई अनजान लड़का बात करने जाता है तो वह ऐसा पोस्चर पकड़ लेती हैं अपनी जिंदगी में खूब ट्रैवल करना था की आपको एक्सपीरियंस मिले डॉक्टर कहते हैं की ज्यादा से ज्यादा एक्सपीरियंस होने के साथ आपके चेहरे का डर है जाता है साइकोलॉजी के अनुसार जब आप ट्रैवल करते हो तो आप प्रेजेंट में जीने लगता
हो और आप फ्यूचर की चिंता करना बैंड कर देते हो इससे आपकी उम्मीदें कम होगी आपकी नेगेटिविटी है जाएगी और ट्रैवल करने से जो आपको एक्सपीरियंस आएगा उससे आपको कॉन्फिडेंस तो बढ़ता ही जाएगा साथ ही साथ लोगों से बात करने के लिए आपके पास बहुत कुछ होंगे बहुत सारे किस आप दूसरों से अपने ट्रैवल एक्सपीरियंस से शेर करें उनसे जल्द से जल्द अच्छा रिश्ता बना पाएंगे डॉक्टर रॉब कहते हैं की हमेशा अपने आप को चैलेंज करते रहना चाहिए वो चैलेंज फिजिकल भी हो सकता है और मेंटल भी फिजिकल चैलेंज में आप फिटनेस पे ध्यान रखोगे
और अगर आपको अपने आप को मेंटली चैलेंज करना है तो नए-नए लोगों से मिलिए अच्छे लोगों से मिलकर आप अपनी अच्छाइयां और अपनी नॉलेज बढ़ाएंगे और पूरे लोगों से मिलकर आप लोगों को हैंडल करना सीखेंगे अगर कोई आपसे बदतमीजी से बात कर रहा है तो शुरुआत में आपको थोड़ा दर्द हो सकता है पर अगर आपको एक्सपीरियंस ए गया तो आप उसे आराम से हैंडल कर लेंगे फिर कोई भी नेगेटिव बात आपको तक नहीं करेगी तो बस दोस्तों यही थी डॉक्टर रोबिन के लिए हुई तो कॉन्फिडेंस प्रोजेक्ट जिसे अड़प किया था सागर खान ने आपका यह
होस्ट हो दोस्त दीवान फिर हाजिर होगा एक नई फैमिली के साथ कमेंट करके जरूर बताइएगा क्या आपको कैसा लगा मिलते हैं किसी और विषय पर और साथ भारते हैं आगे तब तक के लिए सुनते रहिए