हां जी वेलकम बैक गाइस वैसे तो यह हमारा पूरा चैनल ही डिजिटल मार्केटिंग के ऊपर है हजारों वीडियोस हम लोगों ने डिजिटल मार्केटिंग के ऊपर इस चैनल के ऊपर बना दिए हैं बट बहुत सारे लोगों को अभी भी डाउट आता है कि सर बेसिक जो डिजिटल मार्केटिंग की समझ है वो हमें नहीं है डिजिटल मार्केटिंग क्या है इसको बिजनेस ओनर्स किस तरीके से यूज करते हैं इसके अंदर डिफरेंट डिफरेंट क्या-क्या एक्टिविटीज होती हैं एसईओ क्या है एसईओ कैसे किया जाता है एसईओ का मतलब क्या होता है उससे क्या रिजल्ट्स हमें आते हैं ऐड्स क्या होते
हैं डस से हमें क्या फायदा मिलता है और भी बहुत सारी जो बेसिक टर्मिनोलॉजी हैं उनकी समझ लोगों को नहीं होती है तो यह वाला जो कंप्लीट ट्यूटोरियल है यह हमने इसी पर्पस से बनाया है ताकि आपको एक बेसिक अंडरस्टैंडिंग हो जाए कि आखिर डिजिटल मार्केटिंग क्या होती है और इसके अंदर डिफरेंट डिफरेंट कौन-कौन सी एक्टिविटीज होती हैं और प्रैक्टिकली उन एक्टिविटीज को एजेंसीज या डिजिटल मार्केटर्स किस तरीके से करते हैं तो ये वाला ट्यूटोरियल बिगिनर्स के लिए बहुत ही यूजफुल है आपको जरूर देखना चाहिए और साथ ही साथ उन बिजनेस ओनर्स के लिए बहुत
यूजफुल है जो डिजिटल मार्केटिंग स्टार्ट करना चाह रहे हैं अपनी बिजनेस के लिए और उनको फंडामेंटल जो नॉलेज है वो चाहिए तो अगर आप इस वीडियो को देख रहे हैं और किसी बिगनर को ये ट्यूटोरियल शेयर करना चाहते हैं तो उसको भी शेयर कर सकते हैं और अगर किसी बिजनेस ओनर को शेयर करना चाहते हैं तो उसको भी शेयर कर सकते हैं चलिए शुरू करते हैं इस ट्यूटोरियल को व्हाट इज डिजिटल मार्केटिंग या डिजिटल मार्केटिंग क्या है जब भी हमें डिजिटल मार्केटिंग को फंडामेंटल लेवल पर समझना होता है हमें यह समझ में आता है कि
डिजिटल मार्केटिंग को फंडामेंटली दो लोग समझना चाहते हैं एक तो वो लोग जो डिजिटल मार्केटिंग की फील्ड में अपना करियर बना ना चाहते हैं कुछ स्टूडेंट्स हैं जो चाहते हैं कि हम डिजिटल मार्केटिंग को सीखें और उसके बेसिस पर हमें कहीं पर जॉब लगे और हम अपना करियर जो है वो उस फील्ड में बनाए उनको जो डिजिटल मार्केटिंग सीखने की जरूरत होती है ना वो टेक्निकल लेवल पर होती है क्योंकि उनको इंप्लीमेंट करना है उस चीज को किसी प्रोजेक्ट के लिए राइट सो एक तो ये लोग हो गए दूसरे लोग वो होते हैं जो स्मॉल
बिजनेस ओनर्स हैं या मीडियम स्केल के बिजनेस ओनर्स हैं उन्हें डिजिटल मार्केटिंग को फंडामेंटली या बेसिक तरीकों से डिजिटल मार्केटिंग को इसलिए समझना है ताकि वो ये समझ सके कि डिजिटल मार्केटिंग को वो किस तरीके से अपने बिजनेस में अप्लाई कर सकते हैं कौन सी ऐसी एजेंसीज होती है कंपनीज होती हैं जो डिजिटल मार्केटिंग की सर्विसेस प्रोवाइड करती हैं हमारे बिजनेस के लिए किस टाइप के डिजिटल मार्केटिंग सर्विसेस ठीक रहेंगी क्या हमारे बिजनेस के लिए डिजिटल मार्केटिंग ठीक है भी या नहीं है और जो एजेंसी डिजिटल मार्केटिंग सर्विसेस प्रोवाइड करती है वो कितना चार्ज करती
हैं उनकी जो प्राइसिंग स्ट्रेटेजी होती हैं वो किस तरीके की होती हैं तो हमें ये समझ में आता है कि जब हम डिजिटल मार्केटिंग को समझने की कोशिश करते हैं तो जनरली दो तरीके के लोग हैं जो डिजिटल मार्केटिंग को समझना चाहते हैं आज के इस पर्टिकुलर वीडियो में हम बात करने वाले हैं बिजनेस ओनर के पॉइंट ऑफ़ व्यू से कि एक बिजनेस ओनर को डिजिटल मार्केटिंग में क्या-क्या चीजों के बारे में पता होना चाहिए या डिजिटल मार्केटिंग में हम लोग बिजनेस ओनर के नजरिए से समझने की कोशिश करेंगे थ्रू आउट इस प्लेलिस्ट के अंदर
ये वाला जो पहला वाला वीडियो है हमारा ये इस प्लेलिस्ट का पहला वीडियो जहां पर हम लोग व्हाट इज डिजिटल मार्केटिंग की बात करेंगे और उसके बाद जो डिफरेंट डिफरेंट चीजें होती हैं डिजिटल मार्केटिंग के अंदर उनको हम लोग डिटेल में कवर करेंगे आगे आने वाले वीडियोस में तो कोशिश करेंगे बड़ी आसान भाषा में समझने की कोशिश करें कि आखिर डिजिटल मार्केटिंग क्या है और स्मॉल बिजनेस ओनर तक ये बात पहुंचाने की कोशिश करें उनको समझाने की कोशिश करें कि वो अपने बिजनेसेस में डिजिटल मार्केटिंग का जो यूज है वो किस तरीके से कर सकते
हैं और अपने बिजनेस को किस तरीके से ग्रो कर सकते हैं अगर आप कोई टेक्निकल पर्सन मतलब डिजिटल मार्केटिंग को टेक्निकली जो है वो अप्लाई करना चाहते हैं या इस फील्ड में आप ऑलरेडी काम कर रहे हैं उस पर्टिकुलर केस में यह वाली प्लेलिस्ट आपके लिए उतनी ज्यादा इंपॉर्टेंट नहीं है बट अगर आपको लगता है कि आपको किसी को इस टाइप से जानकारी देनी है या आपके नेटवर्क में कोई लोग हैं जिनको आपको लगता है कि अगर उनको इस टाइप के वीडियो शेयर किए जाए तो उनकी जो नॉलेज है उसमें कुछ इजाफा होगा उनको कुछ
बेनिफिट होगा तो डेफिनेटली आप शेयर कर सकते हैं जो टेक्निकल पर्सन हैं आई मीन टू से जो प्रैक्टिस कर रहे हैं डिजिटल मार्केटिंग को और मेरे चैनल को फॉलो करते हैं उनके लिए ऑलरेडी प्लेलिस्ट वाले सेक्शन के अंदर बहुत सारे जो वीडियोस हैं वो इन द फॉर्म ऑफ कोर्सेस जो हैं जैसे एसओ की बात करें जरिए से डिजिटल मार्केटिंग को उसे किस तरीके से समझना है राइट सो अगर मैं बात करूं व्हाट इज डिजिटल मार्केटिंग की और डेफिनेशन मैं आपको बताऊं तो इट इज जस्ट लाइक अ नॉर्मल मार्केटिंग जहां पर जो हमारे प्रोडक्ट्स या सर्विसेस
हैं उनको हम डिजिटल चैनल्स के थ्रू जो है वो प्रमोट करते हैं पहले क्या होता था कि हम बिल बोर्ड्स के थ्रू प्रमोट कर रहे हैं हमने एक चौराहे के ऊपर एक बड़ी सी होल्डिंग लगवा दी लोग जो वहां से गुजर रहे हैं वो लोग देख रहे हैं उस होल्डिंग को इस तरीके से हमारे प्रोडक्ट्स या हमारी जो सर्विसेस हैं उनका प्रमोशन होता था भाई देखिए प्रमोशन वही वहीं होना है जहां भीड़ है राइट प्रमोशन हमेशा वहीं किया जाता है जहां पर भीड़ है तो आज के टाइम में आपको भी पता है कि भीड़ कहां
पर है भीड़ है सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के ऊपर भीड़ है सारी इंटरनेट के ऊपर तो जो इंटरनेट के ऊपर भीड़ है ना आज हमारे पास डिफरेंट डिफरेंट वेज है जहां पर हम उन लोगों के सामने थ्रू सोशल मीडिया चैनल्स थ्रू facebooksignup.in है कि आज हम हमारी जो मार्केटिंग है वो डिजिटल मीडियम के थ्रू कर रहे हैं जिसमें फिर कुछ टेक्निकल इंप्लीमेंटेशन जो है उनकी इंपॉर्टेंस बढ़ जाती है क्योंकि बहुत सारे लोगों को ना प्रमोट करें दिस इज बेसिकली अ बेसिक डेफिनेशन ऑफ डिजिटल मार्केटिंग तो और अगर थोड़ा सा प्रेसा इज करने की कोशिश करेंगे तो
रिचिंग द टारगेट ऑडियंस थ्रू सोशल मीडिया सर्च इंजन सर्च इंजन मतलब google3 में टॉप फाइव पोजीशंस में वहां पर दिखा सकते हैं तो दैट इज बेसिकली थ्रू एसओ तो वो सारी चीजें करना या करवाना कम्स अंडर द डिजिटल मार्केटिंग एफर्ट्स मोबाइल डिवाइसेज के थ्रू आप उनको रीच कर सकते हैं और भी बहुत सारी डिफरेंट डिजिटल टेक्नोलॉजीज हैं जिनके थ्रू आप जो है वो अपनी डिजिटल मार्केटिंग कर सकते हैं तो यह क्लियर हो गया कि आखिर डिजिटल मार्केटिंग क्या है दूसरी बात अगर मैं आज के टाइम में कुछ बेनिफिट्स की बात करूं कि फायदे क्या हैं
डिजिटल मार्केटिंग के तो इट इज कॉस्ट इफेक्टिव देखिए कॉस्ट इफेक्टिव का मतलब यहां पर बिल्कुल ये नहीं है कि ये सस्ती चीज है अब जैसे फॉर एग्जांपल अगर आपको दिल्ली में एडवर्टाइज ंग करवानी है और आप लखनऊ में बैठे हुए हो आपको दिल्ली में एडवर्टाइज ंग करवानी है तो आपको क्या करना पड़ेगा वहां की किसी ऑफलाइन एजेंसी से कनेक्ट करना पड़ेगा अगर मैं ऑफलाइन एडवर्टाइज की बात कर रहा हूं वहां आपको बिलबोर्ड्स जो है वो प्रिंट करवाने या आपको होल्डिंग कोई लगवानी या अखबार में आपको कोई एडवर्टाइजमेंट देना है तो आपको बेसिकली क्या करना पड़ेगा
वहां की कोई लोकल एजेंसी को या अपने शहर की कोई लोकल एजेंसी को आपको कनेक्ट करना पड़ेगा उनसे बोलना पड़ेगा कि भाई ये फला फला हमारी रिक्वायरमेंट है और जो है हमारा जो ऐड है वहां आ जाए अब आप इस बात को समझिए कि कम्युनिकेशन में कितना टाइम लगना है आप इस बात को समझिए कि उन सारी चीजों को करने में कितना पैसा लगेगा रिसोर्सेस लगेंगी तो ये सारी चीजें हैं राइट वहीं पर अगर मैं बात करूं कि आपको होता है उसमें कोई पैसे नहीं लग रहे और आप 000 से भी अगर आप शुरुआत करना
चाहे तो आप कर सकते हैं ₹ से भी आप शुरुआत करना चाहे तो आप कर सकते हैं इसका मतलब ये नहीं होता है कि आप 1000 या ₹ से ही शुरुआत करते हैं बेसिकली इसका प्रॉपर ना मीडिया प्लान बनता है अकॉर्डिंग टू योर बिजनेस जो एजेंसीज हैं या हम लोग जो हैं वो आपके बिजनेस को प्रॉपर्ली एनालाइज करते हैं समझने की कोशिश करते हैं कि इसको किस तरीके से हम डिजिटली जो है वो लेकर जा सकते हैं और अगर हमें google's रन करना है तो google's के ऊपर एप्रोक्सीमेटली कितनी कॉस्ट आ सकती है एक क्लिक
वगैरह को हम लोग एनालाइज करते हैं कि एक क्लिक पे अगर इतने पैसे आपको देने पड़ सकते हैं तो उसके बेसिस पे आपको कितनी जो कॉस्ट है वो ऑन एन एवरेज आएगी आपको पर डे के हिसाब से इस तरीके से हम लोग कुछ एस्टिमेशन करते हैं उसको हम लोग मीडिया प्लान बोलते हैं तो जो डिफरेंट डिफरेंट डिजिटल मार्केटिंग एजेंसीज है वो इस टाइप से कुछ प्रिडिक्शंस जो है वो करती है और एक मीडिया प्लान बनाती है ₹1 ₹2000000 आपका कोई एक छोटा बिजनेस है लेट से कोई ट्यूशन आपका इंस्टिट्यूट है तो उस पर्टिकुलर केस में
आपको बहुत बड़ी एजेंसीज की तरफ जाने की जरूरत नहीं है या तो आप किसी फ्रीलांसर की मदद लेना चाहते हैं तो आप किसी फ्रीलांसर की मदद ले लें वो बहुत ही कम पैसे में आपका काम जो है वो कर देगा मतलब जहां पर सुई से काम चल रहा है वहां तलवार निकालने की कोई जरूरत नहीं है राइट सो अगर आपको 5 7 8 किलोमीटर के रेडियस में जो है वो ऐड्स चलाने हैं तो फिर आप एजेंसी की तरफ ना जाएं शुरुआत में अगर आपका बजट जो है वो कम है और आपको लगता है कि भाई
00 000 00 00 800 में भी आपको कुछ सफिशिएंट छोटी-मोटी लीड्स मिल जा रही है और उनसे आपका काम चल रहा है तो आप फ्रीलांसर की तरफ जा सकते हो एजेंसी तो बहुत ज्यादा आपसे पैसा चार्ज कर लेगी राइट तो कॉस्ट इफेक्टिव का मतलब ये नहीं है कि सस्ते में सारा काम हो जाएगा कॉस्ट इफेक्टिव का मतलब ये है कि जब हम कंपेयर करते हैं ऑफलाइन एडवरटाइजिंग को और उसके आने वाले रिजल्ट को जो हम कंपेयर करते हैं ऑनलाइन एडवर्टाइज ंग को अगर सही तरीके से करी गई और उसके आने वाले रिजल्ट्स को तो काफी
कॉस्ट इफेक्टिव होती है और शुरुआत करना मतलब रेजिस्टेंस जो है वो बहुत कम है टारगेटेड ऑडियंस भाई आज हमने होल्डिंग लगा दी चौराहे पे हमें नहीं पता है कि कितने मेल्स देख रहे हैं कितने फीमेल्स देख रहे हैं बट जब हम डिजिटल मार्केटिंग करते हैं अगर हम google's रन कर रहे हैं या facebook's कितने हुए कितने लोगों ने ऐड देखा कितने लोगों ने क्लिक किया किस लोकेशन से देखा किस जेंडर के लोग देख रहे हैं देखने के बाद क्या कर रहे हैं वेबसाइट पे आके क्या कर रहे हैं कितनी देर वेबसाइट के ऊपर रुक रहे
हैं किन लोकेशन से आ र हैं ऐसी बहुत सारी जो मैट्रिसेज हैं उनको आप एनालाइज कर सकते हैं राइट सो टारगेट कर सकते हो ऑडियंस को उनके इंटरेस्ट के बेसिस पे उनके बिहेवियर के बेसिस पे facebooksignup.in बहुत ज्यादा आसान है वरना अगर आपको दुबई में वहां पर फिजिकली या जो हमारे पुराने तरीके थे ट्रेडिशनल मेथड्स है एडवर्टाइज ंग करने के तो आप खुद ही सोच सकते हो कितनी बड़ी समस्या जो है वो खड़ी हो सकती है बट इन सब चीजों में देखिए जब भी कोई बिजनेस ओनर डिजिटल मार्केटिंग को ऐसे समझता है कि भाई ये
सारी चीजें डिजिटल मार्केटिंग में है ये मुझे करनी चाहिए और ये तो आसान लग रहा है बट उसके बाद जब वो किसी एजेंसी के पास जाता है या किसी फ्रीलांसर के पास जाता है तो कई बार उसको ना सही इंफॉर्मेशन नहीं मिलती है तो आप अगर इस वीडियो को पूरा ध्यान ध्यान से देखेंगे तो आपको चीजें पता हो जाएंगी आपको क्लेरिटी हो जाएगी ताकि अगर आप किसी एजेंसी के पास जाए और फ्रीलांसर के पास जाए तो आपको सही इंफॉर्मेशन मिल जाए बाद में उनको लगता है कि डिजिटल मार्केटिंग बेकार है राइट किसी भी फ्रीलांसर ने
अगर कुछ काम थोड़ा सा गड़बड़ कर दिया मैं फ्रीलांसर्स के अगेंस्ट यहां पर नहीं हूं मैं केवल एक आपको बता रहा हूं एक चीज कि आपको पता होना चाहिए कि मैं जो काम करवाने जा रहा हूं वो एक्चुअली क्या काम करवाने जा रहा हूं और इसीलिए इस प्लेलिस्ट को जो है वो बनाया गया है सो ग्लोबल रीच आपको मिलती है पर्सनलाइजेशन जो है वो आपको मिल जाते हैं मतलब जिस पर्सन को आप जिस टाइप के ऐड्स दिखाना चाहे वो आप दिखा सकते हैं इंक्रीजड इंगेजमेंट्स आपको होता है तो ये सारे कुछ बेनिफिट्स हैं जो डिजिटल
मार्केटिंग के बेनिफिट्स सबसे बड़ा बेनिफिट जो है वो मैं अगर आपको मोटे-मोटे तौर प बताऊं तो यही है आप हमेशा वहीं पर अपनी मार्केटिंग करते हैं जहां पर ज्यादातर लोग होते हैं तो आज मैं आपको डिजिटल मार्केटिंग करनी है इसको बेनिफिट के पॉइंट ऑफ व्यू से नहीं बताना चाहता हूं कि ये फायदा है इसलिए डिजिटल मार्केटिंग करो आज ना नीड हो चुकी है डिजिटल मार्केटिंग के आपके पास और कोई चारा ही नहीं है क्योंकि लोग सोशल मीडिया के ऊपर हैं लोग डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के ऊपर है राइट इसके बाद अगर मैं फ्यूचर ट्रेंड्स की बात करूं
कि डिजिटल मार्केटिंग किस डायरेक्शन में जा रही है तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस देखिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जिस तरीके से पेनिट्रेट कर रहा है डिजिटल मार्केटिंग के अंदर इससे एक चीज तो क्लियर है कि आने वाले टाइम में बहुत सारे ऐसे टूल्स आने वाले हैं जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के ऊपर काम करेंगे जो कि हमारी डिजिटल मार्केटिंग के जो एफर्ट्स है ना उनको और ज्यादा एनरिच करेंगे ये भी बिल्कुल सच है कि जैसे-जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ज्यादा डिजिटल मार्केटिंग में इवॉल्व होता जाएगा वैसे-वैसे कंपटीशन भी बढ़ता जाएगा कंपटीशन दोनों के लिए बढ़ेगा देखिए फॉर एग्जांपल आप
कोई बिजनेस ओनर हैं और आप डिजिटल मार्केटिंग कर रहे हैं और जिसमें आप एआई को बहुत अच्छे तरीके से यूज़ नहीं कर रहे एआई के पोटेंशियल को यूज़ नहीं कर रहे बट वहीं पर आपका कंपीटीटर है जो एआई के पोटेंशियल को यूज़ कर रहा है डेफिनेटली उसको एज मिलेगी उसी तरीके से अगर कोई लर्नर है जो डिजिटल मार्केटिंग सीख रहा है इसलिए क्योंकि उसे भविष्य में जॉब करनी है राइट या खुद से टेक्निकली जो है वो भी चाहता है कि मैं अपने बिजनेस को प्रमोट करूं और या फिर कोई ऐसे भी हो सकते जो सोच
रहा है कि भाई हम अपनी एजेंसी खोलनी उनके लिए भी इंपॉर्टेंट है कि अगर वो आज के टाइम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अडॉप्ट नहीं करेंगे और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की स्ट्रेंथ को समझ के कि किस तरीके से हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड जो हमारे टूल्स हैं उनको स्ट्रेटजिकली उनको सिस्टमिकली किस तरीके से हम हमारे डिजिटल मार्केटिंग स्ट्रेटेजी में यूज़ कर सकते हैं अगर आप ये नहीं करेंगे ये नहीं समझेंगे तो आपके भी जो सपने हैं वो सपने ही रह जाएंगे क्योंकि ना इट्स अ रिलेटिव रेस डिजिटल मार्केटिंग या कोई भी टेक्निकल फील्ड जो
आप देखते हैं ना इट्स अ रिलेटिव रेस मतलब अगर आप कुछ नहीं कर रहे हैं ना तो पीछे वाला आपको ओवरटेक करके आगे निकल जाएगा फिर आप बोलोगे कि यह फील्ड खराब है फील्ड नहीं खराब है आपने अपने को अपने टाइम के साथ ना अपडेट नहीं किया सो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विल बी अ गुड थिंग फ्यूचर ट्रेंड के पॉइंट ऑफ व्यू से वॉइस सर्च ऑप्टिमाइजेशन क्योंकि बहुत सारे वॉइस बेस्ड जो डिवाइसेज हैं वो आ चुके हैं चैट बॉट्स का बोलबाला रहेगा इनफ्लुएंसर मार्केटिंग आज ही के टाइम में आप देख रहे हो कितनी ज्यादा पॉपुलर हो गई
है कौन ब्रांड जो है आज के टाइम में बड़े-बड़े स्टार्स को हायर करना चाहेगी लाखों की फीस कौन देगी जब इनफ्लुएंसर्स 5000 6000 8000 में उनके प्रोडक्ट को उनकी सर्विसेस को टारगेट ऑडियंस तक बड़ी आसानी से पहुंचा पा रहे हैं राइट एर और v आर जो है ये भी ब्लेंड होंगे डिजिटल मार्केटिंग के साथ और इंटरेक्ट कंटेंट जो है ना वो यूज़ होगा डिजिटल मार्केटिंग ये सारी चीजें ना अब होनी शुरू भी हो गई है मैं आपको बहुत ही बेसिक लेवल पर बता रहा हूं इसलिए मैं इन सब चीजों को यहां पर दिखा रहा हूं
आपको बट ये सारी चीजें आज के टाइम में डिजिटल मार्केटिंग के अंदर इंटीग्रेट हो गई जो लोग प्रैक्टिकली कर रहे हैं वो इन सब चीजों का जो इस्तेमाल है वो कर रहे हैं आगे बढ़ते हैं समझने की कोशिश करते हैं कि डिजिटल मार्केट में और कौन-कौन सी चीजें आती हैं सबसे पहले हम लोग बात करेंगे सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन की देखिए एसओ क्या होता है जैसे मैं यहां पर जाता हूं और मैं googlethalli.com पर दिख रहे हैं अब आप खुद ही समझिए कि कौन बंदा है जो नीचे आएगा यहां पर थर्ड पेज के ऊपर जाएगा राइट
थर्ड पेज के ऊपर जाएगा या फोर्थ पेज के ऊपर जाएगा और वहां पर जाकर वेबसाइट पर क्लिक करके वेबसाइट के ऊपर जाएगा और वहां से फिर कॉल करेगा इंक्वायरी करेगा ऐसा तो होने वाला नहीं है आज के टाइम में लोगों के पास टाइम ही कम है तो लोग क्या करते हैं शुरुआत के जो टॉप थ्री टॉप फोर टॉप फाइव रिजल्ट्स होते हैं उन्हीं में से जो है वो कॉल कर लेते हैं या इंक्वायरी कर लेते हैं तो आप एज अ बिजनेस ओनर चाहते हैं कि भाई कुछ स्पेसिफिक क्वेरीज के ऊपर ये जो यहां पर यूजर
टाइप करता है ना इसको हम लोग क्वेरीज बोलते हैं है तो आप क्या चाहते हैं कि कुछ स्पेसिफिक क्वेरीज के ऊपर मेरी भी वेबसाइट ना सर्च इंजन के अंदर रैंक करें दिस google2 बोला जाता है सर्च इंजन रिजल्ट पेज बोला जाता है तो जब भी कोई क्वेरी करता है यहां पर एसआरपी के अंदर जो कुछ रिजल्ट्स हैं वो पॉप अप होते हैं तो यहां पर क्या हो रहा है कि जब ये रिजल्ट्स यहां पर पॉप अप हो रहे हैं आप भी चाहते हो कि मेरी भी कोई एक वेबसाइट हो अब आपने सोच लिया कि भाई
वेबसाइट होना एक बिजनेस होनर के लिए बड़ी कॉम्प्लिकेटेड चीज है बड़ी महंगी चीज होगी कोई महंगी चीज नहीं एक बेसिक सी एक पेज की वेबसाइट आपकी बड़ी आसानी से अच्छी वेबसाइट आपकी 10 12 15000 में बन जाएगी ठीक है इंक्लूडिंग होस्टिंग डोमेन और यह सारी चीजें आपकी बड़ी आसानी से बन जाएगी बट ये आपको करना पड़ेगा वेबसाइट आपके पास होनी चाहिए क्योंकि जब हम डिजिटल मार्केटिंग की बात करते हैं तो जो शुरुआत होती है डिजिटल मार्केटिंग की या जो डिजिटल प्रेजेंस की शुरुआत होती है ना वो आपके बिजनेस की एक वेबसाइट से ही होती है
तो वेबसाइट होना कंपलसरी है यहां पर मैंने बहुत ही स्मॉल केस माना है कि भाई इससे शुरुआत हो सकती है बट डिपेंडिंग ऑन द नेचर ऑफ योर बिजनेस जो वेबसाइट है उसकी थोड़ी सी कंपलेक्सिटी बढ़ सकती है मतलब अगर आप चाहते हैं कि मेरे को audi0 में आपको audi0 800 की कॉस्ट जरूर कम है बट वो आपकी जो समस्या है ना उसका समाधान भी नहीं कर पाएगी आपको अगर 10 लोगों को बिठाना है आठ लोगों को बिठाना है छह लोगों को बिठाना है तो आपको बड़ी एसयूवी ही चाहिए तो उस बात को समझिए तो वेबसाइट
8100 में बन जाती है इसका मतलब ये नहीं है कि वो वेबसाइट आपके भी काम आ जाए 100% आपकी रिक्वायरमेंट के हिसाब से राइट सो एसओ क्या होता है एसओ में आपकी जो वेबसाइट होती है उसको कुछ स्पेसिफिक क्वेरीज के ऊपर यहां रैंक कराने की कोशिश करी जाती है तो बहुत सारी आज के टाइम में मार्केट में एसईओ एजेंसीज हैं राइट जो इस टाइप से जो सर्विसेस है वो प्रोवाइड करती हैं जहां पर आप कुछ क्वेरीज अगर आपके टाइप करेंगे तो आपकी जो वेबसाइट है वो यहां पर ऊपर आएगी बट उसमें कुछ एफर्ट्स करने पड़ते
हैं जैसे एसओ में कुछ टास्क होते हैं ऑन पेज होता है ऑफ पेज होता है ऑफ पेज में बहुत सारे बैक लिंक्स बनाए जाते हैं बैकलिंक्स की क्वालिटी को ध्यान रखा जाता है वेबसाइट के टेक्निकल एस्पेक्ट्स को ध्यान रखा जाता है एसओ के पॉइंट ऑफ़ व्यू से ये सारी चीजें करी जाती हैं तो ये सारी चीजें जो है वो एजेंसीज आपके लिए कर सकती हैं फ्रीलांसर कोई जो एसईओ में एक्सपर्ट होगा वो आपके लिए सारी चीजें कर सकता है तो यह एसओ की जो एक सर्विस है वो आप ले सकते हैं या एसओ में आप
एफर्ट जो है वो डाल सकते हैं अपनी वेबसाइट को रैंक करना में इसमें थोड़ा सा टाइम लगता है आपको इंस्टेंट जो रिजल्ट्स हैं वो एसओ में देखने को आपको नहीं मिलेंगे उसके बाद जो सेकंड चीज होती है दैट इज बेसिकली facebook's ट्यूशन अगर मैं टाइप कर रहा हूं तो कई बार आप देखते होगे कि यहां पर आपको इस टाइप से ऐड्स दिखाई देते हैं जैसे ये आप देख रहे हो ना अभी हमें नीचे दिख र हैं ये क्योंकि मेरी क्या सर्च हिस्ट्री वगैरह रही हुई है उसके बेसिस पर वो googlethalli.com दिख रहा है ये सारी
टेक्निकल अ चीजें हैं बट जब आप अपना ऐड यहां पर दिखाना चाहते हैं जैसे फॉर एग्जांपल कोई क्वेरी हो और यहां सर्च इंडिन रिजल्ट पेज में ऐड दिखे तो ये वाला जो ऐड होता है हमारा ये कहलाता है हमारा google's रन किए जा सकते हैं इसी तरीके से आपने देखा होगा डिफरेंट डिफेंट वेबसाइट्स के ऊपर अगर आप जाते हैं तो वहां पर आपको डिस्प्ले एड्स दिखते हैं फोटोज वगैरह दिखते हैं वो भी सो डिपेंडिंग ऑन द बिजनेस कि किस टाइप के बिजनेस के लिए कौन से ऐड्स ठीक रहेंगे वो ऐड्स जो है वो रन किए
जाते हैं सो डिजिटल मार्केटिंग के अंदर google's और facebooksignup.in चला ये एक ऐड है यहां देखिए छोटा सा स्पों सर्ड लिखा हुआ है इसी तरीके से अगर मैं नीचे आ जाऊं यहां पर तो देखो यहां पर प्राइव का भी एक ऐड चल रहा है स्पॉन्सर्ड ऐड चल रहा है और ये ऐड मेरे को क्यों दिख रहा है अगर आपको इसको समझना है तो आप यहां पर भी जाकर चेक कर सकते हैं व्हाई आई एम सीइंग दिस ऐड आखिर को एक ऐड दिख रहा है इसी तरीके से आप देखेंगे कि आपको डिफरेंट डिफरेंट जो हैं वो
ऐड्स दिखाई देंगे जैसे यहां पर एक हमें एक और ऐड जो है वो स्पंस करके यहां पर हमें एक और ऐड दिख रहा है अ यहां पर और नीचे अगर आप देख सकते हैं आप अपने जो है facebooksignup.in facebooksignup.in प्लेटफॉर्म का नहीं यूज़ कर रहे होते हैं जैसे मैंने instagram's नहीं रन कर रहे हैं और उसके थ्रू हम लोग जो है वो ट्रैफिक अपनी वेबसाइट के ऊपर ले जा जाना चाह रहे हैं या अपने सोशल मीडिया को हम लोग ग्रो करना चाहते हैं दैट इज बेसिकली ऑर्गेनिक तो सोशल मीडिया मार्केटिंग में ऑर्गेनिक और पेड दोनों
ही चीजें होती हैं देन अगर मैं बात करूं कंटेंट मार्केटिंग होती है देखिए डिजिटल मार्केटिंग का जो बेस है ना वो कंटेंट मार्केटिंग है क्योंकि डिजिटल मार्केटिंग में कुछ भी आप करने जाओगे ना कंटेंट की आपको जरूरत ही होगी तो जब आपका प्राइमरी जो बेस ऑफ मार्केटिंग है वो कंटेंट होता है देन दैट इज बेसिकली कॉल्ड एज कंटेंट मार्केटिंग जैसे फॉर एग्जांपल आप ऑर्गेनिकली ब्लॉग को जो है वो प्रमोट कर रहे हैं ठीक है दैट इज अगेन अ पार्ट ऑफ कंटेंट मार्केटिंग अगर मैं अपने वीडियोस को youtube3 हो गया तो इस तरीके से फर्द सब
डिविजंस भी होते हैं बट देयर इज वन वे व्हिच इज कॉल्ड एज कंटेंट मार्केटिंग अगेन जिसको हम लोग डिजिटल मार्केटिंग के अंदर एक्टिविटीज के फॉर्म में करते हैं देन देयर इज ईमेल मार्केटिंग आप लोग अपना जीमल वगैरह देखते होंगे तो आप देखते होंगे कि उसके अंदर आपको डिफरेंट डिफरेंट टाइप्स के जो ईमेल्स हैं वो आते रहते हैं रेगुलर बेसिस पे तो ईमेल मार्केटिंग में क्या होता है कि बहुत सारे ईमेल मार्केटिंग के टूल्स ना आज मार्केट में अवेलेबल है जैसे मेल चिंप मैं कुछ अगर एग्जांपल लेना चाहूं मेल चिंप है ठीक है सेंड इन ब्लू
है ठीक है एक्टिव कैंपेन एक टूल है ऐसे बहुत सारे जो मार्केट के अंदर टूल्स हैं वो ईमेल मार्केटिंग के टूल्स जो हैं वो अवेलेबल हैं और ईमेल मार्केटिंग ना बोल के अगर मैं आज के टाइम में आपको ये बोलूं ईमेल ऑटोमेशन तो ज्यादा बेहतर रहेगा राइट सो ईमेल ऑटोमेशंस बना दिए जाते हैं कि भाई हमारे मेरे पास ना ऑटोमेटिक ईमेल्स आते जाएं ऑटोमेटिक ईमेल्स मतलब अपने आप नहीं आएंगे उनको हम डिफरेंट डिफरेंट सोर्सेस से हम लोग कैप्चर करते हैं जिसको हम लोग बोलते हैं कि चाहे हम ईमेल मार्केटिंग के लिए जो लीड्स है उनको
कैप्चर कर रहे हैं लीड मैग्नेट्स के थ्रू उनको हम लोग कैप्चर कर रहे हैं तो हमारे पास ईमेल्स आते जाते हैं वो ईमेल्स हमारे ईमेल मार्केटिंग ईमेल मतलब ईमेल एड्रेस वो हमारे ईमेल मार्केटिंग टूल्स के अंदर चले आते हैं वहां पर हम लोग पहले से ही ना सारे ईमेल्स वगैरह बनाकर पहले से ही रख लेते कि पहले ये वाला ईमेल जाएगा फिर ये वाला ईमेल जाएगा फिर ये वाला ईमेल जाएगा तो वहां पर हमें बेहतर कॉपीराइटर की जरूरत पड़ती है ईमेल सीक्वेंस बनाने वाले पर्सन की जरूरत पड़ती है ऑटोमेशन समझने वाले पर्सन की जरूरत पड़ती
है और उस पर्टिकुलर ईमेल मार्केटिंग टूल को टेक्निकली चलाने में परफेक्ट ऐसा पर्सन हो जिसकी हमें जरूरत पड़ती है आप चाहे तो अपने लेवल में भी कर सकते हैं थोड़ी सी चीजें अगर आप समझते हैं तो आप अपने लेवल पर भी कर सकते हैं बट अगर बहुत सारी चीजें कोई अपने लेवल पर नहीं करना चाहता है तो फिर वो एजेंसी को अपना जो काम है वो दे सकता है तो ईमेल मार्केटिंग इज देयर मोबाइल मार्केटिंग इज वेरी मच रिलेटेड टू ऐप बेस्ड मार्केटिंग अगर आपके पास कोई ऐप है उसको प्रमोट करना चाहते हैं उसके इंस्टॉल्स
बढ़ाना चाहते हैं तो उसको भी ऑर्गेनिकली और पेड दोनों मेथड से जो है वो बढ़ाया जाता है दैट इज बेसिकली मोबाइल मार्केटिंग उसके बाद वीडियो मार्केटिंग वीडियो मार्केटिंग को हम लोगों ने आज के टाइम में बिल्कुल अलग इसलिए रखा हुआ है क्योंकि अगर मैं youtube0 राइट वीडियो मार्केटिंग इसी तरीके से बहुत सारे रील्स के प्लेटफॉर्म या रील टाइप के जो वीडियोस होते हैं उनके प्लेटफॉर्म्स आप देखते हो तरीके से हमको प्लान करना है सो दैट वी कैन गेट मैक्सिमम रीच क्या उसके अराउंड हम लोग ऐड चला सकते हैं दीज आर द डिफरेंट थिंग्स दैट वी
कवर इन टू द वीडियो मार्केटिंग ये सारी चीजें हमारी वीडियो मार्केटिंग के अंदर आती है देन एफिलिएट मार्केटिंग लेटस से आपने कोई प्रोडक्ट पकड़ा और उसको आप प्रमोट कर रहे हैं अफिट कमीशन है वोह देगा दिस इज बेसिकली कॉल्ड एज एफिलिएट मार्केटिंग बट एक्चुअली इसको इंप्लीमेंट बहुत सारे बिज़नेस ओनर्स नहीं कराते हैं जब हम बिजनेस ओनर्स की बात करते हैं तो एसओ सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन facebooksignup.in तरीके से ना हो कि उसे एफिलिएट मार्केटिंग करनी है ठीक है तो हर बिजनेस में बेसिकली अफिट मार्केटिंग का इस्तेमाल नहीं होता है भाई आपका कोई प्रोडक्ट है आप हर
वक्त ये नहीं चाहोगे कि मेरा प्रोडक्ट जो है वो एफिलिएट्स की तरफ बिके बट काफी पॉपुलर हो गई आजकल जितने भी सास प्रोडक्ट्स हैं जिनको हम लोग सॉफ्टवेयर एज अ सर्विस प्रोडक्ट बोलते हैं उसमें एफिलिएट मार्केटिंग होती है अगर आप देखें तो amazononline.in बेसिक से आपको जो कमीशन है वो उससे मिलेगा बट अगेन एफिलिएट मार्केटिंग इज समथिंग जो बेसिकली नॉर्मल बिजनेसेस जिसकी सर्विसेस हम जैसी एजेंसी से नहीं लेते देन देयर इज इनफ्लुएंसर मार्केटिंग जिसको मैंने अभी आपको बताया कि आज के टाइम में कोई भी बड़े स्टार्स को हायर करना नहीं चाहता लाखों की फीस कोही
नहीं देना चाहेगा बड़े-बड़े टीवी स्टार्स को या फिल्म स्टार्स को क्या चाहेंगे कि भाई एक पर्सन है ना ये फाइनेंस की बहुत अच्छी बात करता है यह पर्सन है ना ये मेकअप की बहुत अच्छी बात करता है मेकअप ट्यूटोरियल्स बहुत अच्छे बनाता है और इसके कुछ 10-15 हज फॉलोअर्स हैं चलो इससे कनेक्ट करते हैं और इससे हम हमारा जो मेकअप का प्रोडक्ट है उसको प्रमोट करने को बोलते हैं मेकअप क्योंकि ये मेकअप के अराउंड ब्यूटी के अराउंड जो है वो गाइडेंस देता है और उसको कुछ ं 000 00 हम दे सकते हैं एंड दिस प्राइस
एक्चुअली डिपेंड्स ऑन कि उसकी फॉलोइंग कितनी है एज वेल एज उसके ऊपर इंगेजमेंट कितना आ रहा है लोग कितना उसको पसंद करते हैं उसकी अथॉरिटी क्या है बहुत सारे वेरिएबल फैक्टर्स होते हैं जिसके बीच जिसको ध्यान में रख के फिर जो बिजनेस ओनर है और जो इन्फ्लुएंस है ना उनमें कुछ बातचीत होती है नेगोशिएशन होते हैं और उसके बेसिस पर फिर डील होती है अच्छा इस चीज को फ फैसिलिटेट करने के लिए अब बहुत सारी ऐसी कंपनीज आ गई हैं जो इन्फ्लुएंस करस और ब्रांड्स के बीच में टाई अप कराती हैं और उनके परसेंटेज के
बेसिस पर फिर वो कुछ जो अमाउंट है वो चार्ज अ करती है राइट तो इस तरीके से उनका भी बिजनेस मॉडल होता है जैसे-जैसे अपॉर्चुनिटी मार्केट में आती है जैसे-जैसे किसी भी चीज की डिमांड मार्केट में होती है उसके अराउंड बिजनेसेस बनना कोई बड़ी बात नहीं है उसके अराउंड बिजनेसेस बन जाते हैं और डिजिटल मार्केटिंग के अंदर तो काफी जल्दी डिमांड के बेसिस पर जो बिजनेसेस हैं वो बन जाते जैसे मैं एक एग्जांपल अगर आपको बताऊं तो के अंदर आप एक से ज्यादा लिंक नहीं डाल सकते राइट तो एक लिंक के अंदर ही मल्टीपल लिंक्स
डाले जा सके इसके लिए बहुत सारे मार्केट के अंदर टूल्स हैं कि आप ये वाला लिंक ले लो और इस लिंक के अंदर आप मल्टीपल लिंक्स को यूज करोगे तो आप अपने सो इनफ्लुएंसर मार्केटिंग इज वन थिंग जिसका भी आज के टाइम में बिजनेसेस जो है वो बहुत अच्छे तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं अगर मैं चैलेंजेबल मार्केटिंग की फील्ड में भी चैलेंजेबल होती है इसकी टेक्नोलॉजी इसकी अप्रोच इसकी स्ट्रेटेजी अ प्लेटफॉर्म्स के एल्गोरिथम ये कांस्टेंट इवॉल्व करते रहते हैं चेंज करते रहते हैं तो आप ये नहीं सोच सकते कि जो स्ट्रेटेजी मेरी एक साल
पहले काम कर रही थी वो आज भी काम करेगी जो तो चैलेंजेबल है ना वो बेहतर है जैसे किसी ने भी अपना ऐड अकाउंट खोला और अपने ऐड्स चलाने शुरू कर दिए तो कंपटीशन तो बढ़ ही जाएगा तो कंपटीशन भी है इस फील्ड में मतलब ये चीज मैं दोनों के रिस्पेक्ट में कहूंगा बिजनेस ओनर के पॉइंट ऑफ व्यू से भी कंपटीशन है उसको भी नहीं इग्नोर किया जा सकता एज वेल एज जो लर्नर है ना उनके पॉइंट ऑफ व्यू से भी है ठीक है बहुत सारी जगहों पर ना आपको प्रॉपर इंफॉर्मेशन नहीं मिलती है यह
भी एक बहुत बड़ी प्रॉब्लम है क्योंकि अगर आप इंटरनेट के ऊपर जाएं ना तो डिजिटल मार्केटिंग को ठीक तरीके से एक्सप्लेन करने का कंटेंट आपको बहुत ज्यादा नहीं मिलेगा है ना तो बहुत ही अच्छे कोई ब्लॉग्स हैं बहुत ही अच्छे कोई अ चैनल्स हैं जो आपको एक्चुअली डिजिटल मार्केटिंग बताते हैं वरना वो डिजिटल मार्केटिंग बताते बताते कहीं और ही चले जाते हैं ठीक है कुछ और ही बात करने लगते हो मेक मनी ऑनलाइन की बात करने लगते हैं उसकी बात करने तो ठीक है वो भी एक अलग चीज है बट एक्चुअली अगर हम बिजनेस ओनर
के पॉइंट ऑफ व्यू से डिजिटल मार्केटिंग की बात करें तो वो चीज एक सेपरेट चीज है राइट तो कई बार एक प्रॉपर इंफॉर्मेशन आपको नहीं मिल पाती जिससे भी चैलेंज बढ़ जाता है डिजिटल मार्केटिंग समझने में सीखने में और उसको इंप्लीमेंट करने में उसके बाद अगर मैं सर्विस प्रोवाइडर्स की बात करूं तो भाई कहां से मिलेगी डिजिटल मार्केटिंग की सर्विसेस तो जनरली आज के टाइम में डिजिटल मार्केटिंग की बहुत सारी एजेंसीज जो हैं वो अवेलेबल हैं ठीक है मतलब एजेंसीज आज आपको हर शहर में मिल जाएंगी डिजिटल मार्केटिंग की जो आपको बेसिकली किस टाइप की
सर्विसेस प्रोवाइड करती है लीड जनरेशन बहुत ही कॉमन है कि आपका बिजनेस ऐसा है जिसमें लीड्स की आपको जरूरत पड़ती है लेट्स से आप कोई रियल एस्टेट की ब्रोकर फर्म हो तो उसमें आपको लीड्स की जरूरत पड़ेगी तो लीड्स जनरेट करके आपको देती हैं बहुत सारी कंपनीज राइट बट इसका भी पूरा प्रॉपर इको सिस्टम होता है लैंडिंग पेज बनता है अकाउंट्स बनते हैं बजट डिसाइड होगा उसके बेसिस पे आपको लीड जनरेशन की जो सर्विसेस हैं वो दी जाएंगी अब देखो आपको एज अ बिजनेस ओनर समझना है कि अगर आपकी कोई ई-कॉमर्स वेबसाइट है तो आप
लीड जनरेशन नहीं करने लगोगे राइट ई-कॉमर्स की वेबसाइट है तो आप क्या कोशिश करोगे कि मेरे वेबसाइट के ऊपर से ही जो है ना वो सेल हो तो अगर आपका कोई ई-कॉमर्स का बिजनेस है तो आप कोई लैंडिंग पेज नहीं बनाओगे आप क्या करोगे अगर आपका ई-कॉमर्स का बिजनेस है तो आप शफाई के ऊपर वेबसाइट बनाओगे या व कॉमर्स के ऊपर आप अपनी वेबसाइट बनाओगे राइट और उससे फिर अपने प्रोडक्ट्स को प्रमोट करोगे ऐसे कि लोग भाई प्रोडक्ट को देखें और खरीदें ताकि आपको वहां से जो है वो डिजायर्ड आरओ यानी रिटर्न ऑन आड स्पेंड
मिल सके तो ये भी समझने की जरूरत है एजेंसी ओनर्स को भी ये चीजें समझने की जरूरत है कि भाई जो बिजनेस है ना उसी को उसी के टाइप ऑफ सर्विसेस जो है वो प्रोवाइड करी जाए मतलब इस बात को ऐसे समझना पड़ेगा जिसको जिस चीज की जरूरत है ना उसको वही चीज जो है वो प्रोवाइड करनी पड़ेगी परफॉर्मेंस मार्केटिंग में जनरली जहां पर आप आरओ के ऊपर जो है वो गेम खेलते हैं मतलब मैंने इतना पैसा लगाया उसे इतना रिटर्न आया दैट इज बेसिकली परफॉर्मेंस मार्केटिंग परफॉर्मेंस मार्केटिंग करने के लिए जो आपके डाटा की
समझ है ना वो बहुत ही स्ट्रांग होनी चाहिए तो ऐसी बहुत सारी डिजिटल मार्केटिंग एजेंसीज है जो परफॉर्मेंस मार्केटिंग करती है जनरली हम लोग डी टू सी ब्रांड्स के लिए परफॉर्मेंस मार्केटिंग करते हैं बहुत सारे हम लोग जो है टॉप के इंडिया के अगर इंस्टीट्यूट्स की बात करें तो उनके लिए हम लोग लीड जनरेशन करते हैं बहुत सारे हम लोग कंसल्टेंट्स के लिए जो है वो लीड जनरेशन कर रहे हैं बहुत सारे हम लोग जो है वो क्लीनिक्स के लिए डिफरेंट डिफरेंट टाइप्स के जैसे हेयर क्लीनिक हो गया ठीक है उनके लिए भी हम लोग
कर रहे हैं डेंटल क्लीनिक हो गया उनके लिए भी हम लोग कर रहे हैं तो इस टाइप से डिफरेंट डिफरेंट बिजनेसेस हैं जिनके लिए हम लोग लीड जनरेशन करते हैं ऐसी बहुत सारी मार्केट में आपको डिजिटल मार्केटिंग की एजेंसीज मिलेंगी जो लीड जनरेशन करेंगी वेब डेवलपमेंट आल्सो इज अ सर्विस जो डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी के अंदर होती अच्छा अगेन डिपेंडिंग ऑन लाइक कि आपकी क्या रिक्वायरमेंट है उसके बेसिस पे वेब डेवलपमेंट होता है यानी वेबसाइट बनाई जाती है टू बी वेरी प्रेसा इज अगर मैं यहां पर आपको बताने की कोशिश करूं अगर आपकी बहुत ही ऐसी
कुछ रिक्वायरमेंट है जहां पर आपको बहुत सारा कुछ कस्टम चाहिए तो फिर कस्टम कोडेड वेबसाइट बनती है ठीक है अगर आपकी बेसिक एक वेबसाइट बननी है तो वर्डप्रेस पे बन जाती है तो इस टाइप से डिफरेंट डिफरेंट टेक्नोलॉजीज हैं जहां पर वेब डेवलपमेंट जो है वो होता है और अगेन वो भी डिजिटल मार्केटिंग की सर्विसेस होती हैं सोशल मीडिया मैनेजमेंट प्रॉपर आपके जो सोशल मीडिया के अकाउंट्स है उनको मैनेज करना ऑनलाइन रेपुटेशन मैनेजमेंट कि भाई कहां पर आपके नेगेटिव रिव्यूज आ रहे हैं कहां पर आपके पॉजिटिव रिव्यूज आ रहे हैं पीआर कब करना है वो
सारी चीजें लोकल बिजनेस मैनेजमेंट के भी बहुत सारी सर्विसेस जो मैंने अभी आपको यहां पर मैं वापस ना मैथ्स ट्यूशन नियर मी अगर मैं टाइप करता हूं तो आप देख रहे हो ना यह वाला यह वाली जो लिस्टिंग आप यहां पर देखते हैं इसको मैनेज करने के भी जो है बहुत सारी एजेंसीज हैं आप google2 स मार्केटिंग लीड जनरेशन और एसईओ का ये मेजर सर्विसेस हम लोग प्रोवाइड करते हैं और इनको करने के लिए जो वेब डेवलपमेंट की जरूरत होती है वो भी हम लोग करते हैं राइट अगर मैं कॉस्ट ऑफ सर्विसेस की बात करूं
तो अगर आप एजेंसी के पास जाएंगे तो जनरली देखिए लीड जनरेशन की सर्विसेस ये मंथली टाइप की सर्विसेस होती है 20000 25000 पर मंथ से स्टार्ट हो सकती हैं परफॉर्मेंस मार्केटिंग की सर्विसेस भी 25000 30000 पर मंथ से स्टार्ट हो सकती है अगर मैं वेबसाइट की बात करूं तो वर्डप्रेस की वेबसाइट ना एक 20000 में भी बन सकती है आपकी 2 लाख में भी बन सकती है 3 लाख में भी बन सकती है तो इट इज वेरी सब्जेक्टिव कि आपको क्या-क्या चीजें उस वेबसाइट के अंदर चाहिए बट फिर भी एक एग्जांपल के तौर पे मान
लेते हैं आपकी कोई कोचिंग इंस्टिट्यूट है और बहुत ही बेसिक सी आपको वेबसाइट बनानी है 5 सात आठ पेजेस की की तो आप ये मान के चले कि 35 टू 40000 के बीच में आपकी जो वेबसाइट है वो एप्रोक्सीमेटली रेडी हो जाती है ठीक-ठाक वेबसाइट आपकी रेडी हो जाती है फ्रीलांसर के पास जाएंगे तो देखिए कोई आपका काम 5000 में भी कर दे 6000 में भी कर दे 10000 में कर दे दैट इज अ डिफरेंट थिंग बट थोड़ी सी देख लीजिएगा मैं आपको स्टैंडर्ड थोड़े से रेट्स बता रहा हूं जो थोड़े से मीडियम डिजिटल मार्केटिंग
एजेंसीज हैं या एवरेज या एव एवरेज डिजिटल मार्केटिंग एजेंसीज हैं या कोई वेब डेवलपमेंट की भी कंपनी तो व आपसे एप्रोक्सीमेटली इतना चार्ज करेगी मैं थोड़े से कंपनी के रिस्पेक्ट में आपको बता रहा हूं फ्रीलांस का तो कोई देखिए रेट नहीं होता है वो कुछ भी आपसे चार्ज कर सकते हैं राइट सो सोशल मीडिया मैनेजमेंट भी आपके मंथली होता है डिपेंडिंग ऑन द पोस्ट एंड ऑल पोस्ट किस तरीके की हो रही है अच्छा पोस्ट में भी ऐसा होता है ना कि डिफरेंट डिफरेंट लोगों का डिफरेंट डिफरेंट टेस्ट होता है मतलब काफी सब्जेक्टिव है ठीक है
एक जो पोस्ट है उसकी कॉस्ट मैं केवल आपसे एप्रोक्सीमेट चीजें बता रहा हूं ₹ भी हो सकती है और एक पोस्ट की जो कॉस्ट है व 1000 भी हो सकती है डिपेंडिंग ऑन किस टाइप की पोस्ट आपको समझ में आ रही है किस टाइप की पोस्ट में आपको मजा आ रहा है देन देयर इज़ ओ आरएम यह भी जो होता है ना यह मंथली बेसिस पे होता है और इसका प्रॉपर ना पैकेज होता है आप डिफरेंट डिफरेंट वेबसाइट्स पे भी जाकर इस चीज़ को चेक कर सकते हैं जैसे आपने ओ आरएम एजेंसी इन इंडिया टाइप
करिए बहुत सारी डिफरेंट डिफरेंट वेबसाइट्स आएंगी उन वेबसाइट्स पे भी जाके आप चेक कर सकते हैं कि उनका पैकेजेस क्या है तो इस तरीके से जो डिफरेंट डिफरेंट एजेंसीज होती हैं व आपसे पैसा चार्ज करती हैं और डिजिटल मार्केटिंग में एक्चुअली फॉर अ बिजनेस ओनर यह सारी चीजें आपको समझनी आनी चाहिए इसके बाद हम लोग यह तो एक केवल ओवरव्यू था आप लोगों के लिए कि व्हाट इज डिजिटल मार्केटिंग बिजनेस ओनर्स को हम लोग कोशिश कर रहे हैं कि बहुत आसान भाषा में समझा सकें कि आखिर डिजिटल मार्केटिंग क्या है और अपने बिजनेस में वो
डिजिटल मार्केटिंग को किस तरीके से यूज़ कर सकते हैं और डिजिटल मार्केटिंग के अंदर जो बहुत सारे डिफरेंट डिफरेंट एक्टिविटीज होती है बहुत सारे डिफरेंट डिफरेंट चीजें होती हैं और बहुत सारी सब फील्ड्स होती हैं डिजिटल मार्केटिंग के अंदर उनका क्या मतलब होता है और किस तरीके से एजेंसीज उनकी सर्विसेस प्रोवाइड करती है तो आज के इस वीडियो में हम लोग सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन को डिटेल में समझने वाले हैं कि आखिर सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन क्या होता है और इसके अंदर कौन-कौन से डिफरेंट डिफरेंट एक्टिविटीज होती हैं जो एज अ अ बिज़नेस ओनर आपको पता होना
चाहिए जब आपकी कोई वेबसाइट होती है और उसको आप स्पेसिफिक सर्च इंजंस के अंदर रैंक करना चाहते हैं कुछ स्पेसिफिक कीवर्ड्स के ऊपर तो बेसिकली एजेंसीज क्या टास्क करती हैं और उसके एवज में आपसे क्या जो है वह चार्ज करती है तो जिन लोगों को यह नहीं पता है कि आखिर सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन क्या होता है मैं आपको बता दूं तो यहां पर जैसे आप लोग देख सकते हो सर्च इंजन में मैंने एक क्वेरी करी हुई है यहां पर बेस्ट डेंटिस्ट इन लखनऊ और यहां पर अगर आप देखो तो सर्च इंजन रिजल्ट पेज में बहुत
सारे जो रिजल्ट्स हैं वो पापुलेट हो रहे हैं राइट ये जो रिजल्ट आप देख रहे हो जहां पर स्पों सर्ड लिखा हुआ है ये एक स्पों सर्ड लिखा हुआ है ये एक स्पंस लिखा हुआ है ये वाले रिजल्ट आपको यहां पर दिख रहे हैं ये इसलिए दिख रहे हैं क्योंकि ये वाली जो डिफरेंट डिफरेंट ब्रांड्स हैं ये google's रन कर रही हैं जिसमें उनके जो रिजल्ट्स हैं वो यहां पर दिख रहे हैं राइट बट अगर मैं बात करूं ऑर्गेनिक रिजल्ट्स की जिसमें google's का इस्तेमाल नहीं हो रहा है सर्च इंजन रिजल्ट पेज में कोई भी
अपने लिस्टिंग को या वेबसाइट को रैंक कराने के लिए दिखाने के लिए तो यहां पर आपको ऊपर जो रिजल्ट्स दिख रहे हैं ये हमारे जो रिजल्ट्स आ रहे हैं यह वजह से आ रहे हैं googlegroups.com प्राइमरी अ सिग्नल की बात करूं तो दैट इज़ बेसिकली लोकेशन सो फॉर एग्जांपल लखनऊ के मैं एक स्पेसिफिक लोकेशन के अंदर हूं और कोई डेंटिस्ट ने उसी लोकेशन के एड्रेस के बेसिस पर अपनी जो लिस्टिंग है वह बनाकर रख और अगर कोई पर्सन या यूज़र उस लोकेशन के अंदर रहकर यह सर्च करता है डेंटिस्ट नियर मी या डेंटिस्ट इन दैट
एरिया देन देयर इज़ हाई प्रोबेबिलिटी कि उस वाले पर्सन की जो लिस्टिंग जो उसने उस एरिया में की हुई थी व यहां पर दिख जाए राइट सो इस तरीके से यह बात कर रहे हैं वो अगर आप यहां पर आकर देखें तो आप देख सकते हैं यहां पर आपको एक वेबसाइट दिख रही है अब अगर आप यहां पर ध्यान से देखें तो मैंने क्वेरी कौन स डाली थी बेस्ट डेंटिस्ट इन लखनऊ तो अगर आप इस वेबसाइट को ध्यान से देखेंगे तो आप समझ जाएंगे कि हमने जो क्वेरी करी थी बेस्ट डेंटिस्ट इन लखनऊ वही देखिए
यहां पर ये वेबसाइट का टाइटल होता है बेसिकली वेब पेज का ये टाइटल होता है और नीचे जो आप देख रहे हैं वो डिस्क्रिप्शन होता है तो आप देख सकते हैं यहां पर जो वेब पेज के टाइटल में बेस्ट डेंटिस्ट इन लखनऊ इसका मतलब इस वेबसाइट ओनर ने अपने टाइटल की मदद से स्पेसिफिक वेब पेज किस बारे में है तो इसी तरीके से डिफरेंट डिफरेंट एक्टिविटीज वेबसाइट के ऊपर करी जाती है सो दैट हम google's इन लखनऊ ये टाइटल में पड़ा हुआ है टॉप डेंटल क्लीनिक्स इन लखनऊ ये टाइटल में पड़ा हुआ है बेस्ट डेंटिस्ट
इन लखनऊ ये टाइटल में पड़ा हुआ है तो आपको ये बात देखकर समझ में आ जाती होगी कि भाई यहां पर जो बहुत सारे डिफरेंट डिफरेंट जो टाइटल्स हमें दिख रहे हैं डिफरेंट डिफरेंट वेबसाइट्स के उसमें हम क्या देख रहे हैं कि जो हमने क्वेरी डाली हुई है वही वाला जो कीवर्ड है वो यहां पर है सो दीज आर द डिफरेंट थिंग्स दैट एजेंसीज डू राइट कि वो टाइटल को ऑप्टिमाइज करते हैं डिस्क्रिप्शन को ऑप्टिमाइज करते हैं अगर मैं वेबसाइट को भी ओपन करके दिखाऊं तो आप देखेंगे कि जैसे अगर यहां पर आप आकर देखें
तो यहां पर लिखा हुआ है डेंटिस्ट इन लखनऊ राइट इसी तरीके से अगर आप यहां पर आएंगे तो देख सकते हैं डेंटल क्लीनिक इन लखनऊ इसी तरीके से अगर और नीचे आएंगे आप तो बेस्ट डेंटिस्ट इन लखनऊ तो इसका मतलब क्या है कि ये वाला वेब पेज अगर वेब पेज को रीड करता है इंडेक्स करता है तो google2 इन लखनऊ के लिए ऑप्टिमाइज किया गया क्योंकि इस पेज पे उसी के बारे में जो है सारी इंफॉर्मेशन है तो ये सारी जो डिफरेंट डिफरेंट एक्टिविटीज करी जाती हैं कि भाई हमें जो कीवर्ड है उसको प्रॉपर्ली स्टफ
करना है या कीवर्ड को हमें मैप कराना है हमारी इंटेंट से और उसके अकॉर्डिंग हमें हमारा जो कंटेंट है वो वेब पेज के ऊपर लिखना है ये सारी की सारी एक्टिविटीज जो है वो ऑन पेज के अंदर आती है बट ऑन पेज केवल इतना ही नहीं है तो जब भी कोई पर्सन आपकी वेबसाइट का एसईओ करता है तो एक चीज करता है कि आपके कंटेंट को भी ऑप्टिमाइज करता है उसमें बहुत सारी चीजें आ जाती हैं वो मैं अभी आपको बताऊंगा तो वो जो ऑप्टिमाइजेशन होता है दैट इज बेसिकली कॉल्ड एज ऑन पेज ऑप्टिमाइजेशन राइट
तो यहां पर जैसे आपने एग्जांपल समझा तो आपको समझ में आ गया होगा कि भाई किस तरीके से जो है इसको रैंक कराने की कोशिश करी जा रही है एसआरपी क्या होता है और बेसिकली एसईओ क्या होता है अब आप खुद ही समझ लीजिए कि अगर कोई पर्सन बेस्ट डेंटिस्ट इन लखनऊ को सर्च कर रहा है और इसका सर्च वॉल्यूम बहुत ज्यादा है मान लिया यह लखनऊ के अंदर यह वाले जो कीवर्ड है हर महीने एप्रोक्सीमेटली मान के चलते हैं हम कि 5000 बार जो है वो सर्च हो रहा है आपके पास डिफरेंट डिफरेंट टूल्स
होते हैं उसमें जाकर आप एक्चुअल रिसर्च कर सकते हैं कि ये वाला जो कीवर्ड है ये वाली जो क्वेरी है कितने मर्तबा जो है वो सर्च हो रही है कितने बार जो है वो सर्च हो रही है google2 आपको चीजें पता चल जाती है तो उसके बेसिस पर फिर हम डिसाइड करते हैं कि भाई इस वाले कीवर्ड को हम टारगेट करेंगे और इसके ऊपर जो हम हमारा वेब पेज है वो हम रैंक करने की कोशिश करेंगे तो आप खुद ही समझिए कि अगर इसकी सर्च वॉल्यूम बहुत ही अच्छी है तो कितना ज्यादा पोटेंशियल है राइट
अगर हम अपनी वेबसाइट को रैंक करा ले गए टॉप थ्री में टॉप फाइव में भी तो भी बहुत सारा ट्रैफिक हमारे वेब पेज के ऊपर आ सकता है एंड इवेंचर फाइंड कि जो इंफॉर्मेशन है वो करेक्ट है तो फिर वो जो लीड वगैरह है वहां पर सबमिट करेंगे या आपकी वेबसाइट पे अगर दूसरे कॉल टू एक्शन है लेट्स से चैट का कॉल टू एक्शन है कॉल का कॉल टू एक्शन है तो वो फिर वो कॉल टू एक्शन जो है वो करेंगे तो दिस इज बेसिकली द पर्पस ऑफ एसईओ इसलिए आप एसईओ करते हो राइट बट
एसईओ में क्या होता है कि आप अपने एक वेबसाइट कहीं से भी बनवा ली उसका कोई स्ट्रक्चर नहीं था उसको बनाते वक्त एसईओ के जो फंडामेंटल्स हैं उनका ध्यान नहीं रखा गया कोई भी पेज किसी भी तरीके से बना दिया गया है कोई भी जो एसईओ की अप्रोच होती है उसको फॉलो नहीं किया गया है राइट सो उस वेबसाइट का अगर आप एसईओ कराने जाएंगे किसी एक्सपर्ट के पास जाएंगे तो पहले तो कहेगा कि आप अपनी वेबसाइट को पूरा फ ठीक से थोड़ा ना स्ट्रक्चर करिए उसके बाद मतलब पेजेस वगैरह थोड़े ठीक से बनाइए पेजेस
यूआरएल वगैरह जो हैं वो ठीक से बनाए जाएंगे और उसके बाद जो है वो एसओ का काम जो है वो शुरू होगा तो आप ये समझ लीजिए कि आप अगर कोई वेबसाइट लेकर आते हैं और आप ये सोचते हैं कि भाई जिस तरीके की ये वेबसाइट है शायद इसी वेबसाइट के ऊपर एसओ का काम हो जाए तो ऐसा नहीं है कई बार ऐसा होता है कि वेबसाइट के ऊपर हमें बहुत ज्यादा काम करने की जरूरत पड़ती है कई बार ऐसा भी होता है कि हम लोग पूरी की पूरी जो वेबसाइट है उसको रिवैंप करा देते
हैं क्योंकि वो एसओ के अकॉर्डिंग नहीं होती और उसके बाद हम उसका उसके ऊपर जो है वो एसओ का काम शुरू करते हैं अब अगर मैं काम की बात करूं कि एक्चुअली क्या-क्या एक्टिविटीज होती है तो देखिए तीन तरीके की मेजर एक्टिविटीज जो है वो परफॉर्म की जाती है एक होता है ऑन पेज एक होता है ऑफ पेज और एक होता है टेक्निकल एसईओ ऑफ पेज के अंदर हमारे बैक लिंक्स आते हैं मतलब आपके जो वेबसाइट का लिंक होता है ना जैसे ये वाली वेबसाइट अगर आप देखेंगे तो ये कोई एक वेबसाइट है जिसका ये
होम पेज है तो इसका एक लिंक है तो हम लोग इस लिंक को उठाकर डिफरेंट डिफरेंट वेबसाइट्स के ऊपर जाकर जो है वो पेस्ट करते हैं जिससे बट बहुत सारे लोगों को अभी भी ये नहीं पता है कि केवल बैक लिंक्स बनाने से काम नहीं चलता है क्वालिटी बैक लिंक्स आज के टाइम में आपको बनाने पड़ते हैं बैक लिंक्स के ऊपर मैंने एस वाली जो अगर आप हमारी प्लेलिस्ट देखेंगे तो बहुत ही डिटेल वीडियोस मैंने बैक लिंक्स के ऊपर बनाए हुए हैं वो आप देख सकते हैं यहां पर केवल हम लोग फंडामेंटल्स की बात कर
रहे हैं ऑन पेज एसओ के अंदर बहुत सारी चीजें होती है जैसे मैंने आपको बताया था कि वेबसाइट के ऊपर आप चेंजेज करते हो तो कीवर्ड सर्च करोगे कीवर्ड को कंटेंट में ऑप्टिमाइज करोगे टाइटल टैग्स होते हैं मेटा डिस्क्रिप्शंस होते हैं ये सारे ऑप्टिमाइज किए जाते हैं हेडर टैग्स ऑप्टिमाइज किए जाते हैं इंटरनल लिंकिंग पे काम किया जाता है साइट स्ट्रक्चर के ऊपर आर्किटेक्चर के ऊपर काम किया जाता है इमेज जो होती है ना उसके लिए भी बहुत सारे रूल्स एंड रेगुलेशंस है आप ऐसे समझिए इमेज को ऑप्टिमाइज किया जाता है इमेज का ऑल टैग
जो है वो लगाया जाता है यूआरएल स्ट्रक्चर परमा लिंक इनको ठीक किया जाता है कोशिश करी जाती है कि जो आपकी वेबसाइट है वो मोबाइल रिस्पांसिस हो उसकी पेज स्पीड जो है वो अच्छी हो मतलब मोबाइल के ऊपर भी ठीक तरीके से आपकी वेबसाइट ओपन हो रही है या नहीं क्योंकि मोबाइल से बहुत ज्यादा ट्रैफिक आता है और फल के लिए प्रॉपर्ली ऑप्टिमाइज्ड हो स्कीमा मार्कअप्स होते हैं रिच स्निप का इंप्लीमेंटेशन किया जाता है कंटेंट की क्वालिटी ऑडिट होती है और उसकी रिलेवेंट फॉर द कीवर्ड्स और द इंटेंट ऑफ कीवर्ड्स दैट वी वांट टू रैंक
फॉर उसको मैच करा जाता है यूजर का एक्सपीरियंस कैसा है मतलब पेज पे आ गए तो पता चला फॉन्ट बहुत पासपास है बटन पे टैप करने की स्पेस ही नहीं है तो वो यूजर एक्सपीरियंस किस तरीके का है एंगेजमेंट सिग्नल्स हमें किस तरीके से मिल रहे हैं ये सारी चीजों को चेक करते हुए ऑन पेज जो है वो एजेंसीज आपकी वेबसाइट के ऊपर कर है उसके बाद अगर मैं ऑफ पेज की बात करूं तो ऑफ पेज के अंदर ये जितनी भी चीजें आप देख रहे हैं ना ये सारी डिफरेंट डिफरेंट लिंक बिल्डिंग की ही स्ट्रेटेजी
है जैसे किसी वेबसाइट के ऊपर अगर आपको लिंक लगाना होता है तो ऐसा तो है नहीं कि किसी वेबसाइट के ऊपर नॉर्मली जाएंगे वहां जाकर लिंक लगा देंगे ऐसा नहीं होता है वहां पर या तो कोई आप आर्टिकल लिखेंगे उस आर्टिकल के बीच में लिंक लगाएंगे जाकर या तो किसी वेबसाइट के ऊपर पहले से कोई आर्टिकल लिखा हुआ है उनसे बात करेंगे मुझे बीच में लिंक लगाना है वहां जाकर आप लिंक लगा देंगे और उसमें भी बहुत सारी चीजों को आप चेक करेंगे कि भाई जिस वेबसाइट से हम लोग लिंक ले रहे हैं वो वेबसाइट
पावरफुल है या नहीं है या वो उस वेबसाइट से हमें लिंक लेना चाहिए या नहीं लेना चाहिए तो ऐसे बहुत सारे वेरिएबल जो है वो प्ले करते हैं जब आप एसओ के पॉइंट ऑफ व्यू से बैक लिंक्स बनाते हैं अब क्योंकि डिफरेंट डिफरेंट टाइप्स ऑफ़ बैक लिंक्स होते हैं जैसे मैंने आपको एक एग्जांपल बताया कि इमेज वाला बैक लिंक हो गया इमेज लगाएंगे उसके साथ बैक लिंक लगा देंगे आर्टिकल लगाएंगे उसके साथ एक बैक लिंक लगा देंगे कहीं पर हम हमारे बिजनेस की पूरी की पूरी इंफॉर्मेशन डालते हैं वहां पर जाकर लिंक लगाकर चले आएंगे
तो इस तरीके से देयर आर डिफरेंट वेज कहीं पर इंफोग्राफिक्स सबमिट हो रहा है वहां पर जाकर लिंक जो है वो अपना छोड़ आएंगे इंफोग्राफिक भी लगाएंगे और लिंक प लगा देंगे तो बहुत सारी ऐसी वेबसाइट्स हैं जो इंफोग्राफिक्स अपलोड करने का ऑप्शन आपको प्रोवाइड करेंगी तो वहां पर भी जाकर आप लोग अपना बैक लिंक जो है वो लगा सकते हैं तो देयर आर डिफरेंट वेज थ्रू व्हिच यू कैन बेसिकली एक्वायर अ बैक लिंक और ये सारी चीजें हम लोग ऑफ पेज के अंदर करते हैं सो हमें भी काफी रिसर्च करनी पड़ती है कि जब
एक वेबसाइट हमारे पास आती है तो हम प्रॉपर ऑडिट करते हैं कि यह वाली वेबसाइट के अंदर अभी तक जो ऑफ पेज एक्टिविटीज है वो कौन-कौन सी हो चुकी हैं और हमारे पास अभी और कौन से स्कोप हैं ऑफ पेज एक्टिविटीज करने के लिए और यह वेबसाइट अगर इन स्पेसिफिक कीवर्ड्स के ऊपर यहां पर रैंक कर रही है तो कितने बैक लिंक्स हमें और ज्यादा बनाने हैं किस फ्रीक्वेंसी से बनाने हैं ये सारी चीजें हम लोग ऑडिट करते हैं और हमें समझ में आता है कि इस टाइप के बैक लिंग्स हमें बनानी चाहिए जिससे कि
हमारी जो वेबसाइट है वो ठीक से रैंक हो सकती या और ज्यादा उसकी जो रैंकिंग है वो इंप्रूव हो सकती है इसके बाद कुछ स्टेप्स हम लोग टेक्निकल एसईओ के पॉइंट ऑफ व्यू से करते हैं अब इसके लिए आपको जो सर्च इंजन के एल्गोरिथम्स वगैरह है उसके बारे में पता होना चाहिए साइट स्ट्रक्चर भी टेक्निकल एसईओ का एक पार्ट है थोड़ा बहुत इसका एलिमेंट हम लोग ऑन पेज में भी कर लेते हैं पर टेक्निकल एसईओ का बेसिकली पार्ट है यूआरएल स्ट्रक्चर फॉर टेक्निकल एसईओ मोबाइल ऑप्टिमाइजेशन रिस्पांसिस डिजाइन साइड स्पीड परफॉर्मेंस ऑप्टिमाइजेशन स्ट्रक्चर डेटा ऑप्टिमाइजेशन एमएल
साइट मैप्स ये सारी चीजें इसलिए इंपॉर्टेंट होती है कि आपकी वेबसाइट कई बार ना इंडेक्स वगैरह नहीं हो रही होती है तो इंडेक्सिंग के इश्यूज को सॉल्व करना ऐसे बहुत सारी डिफरेंट डिफरेंट चीजें हैं जिनको हम डिफरेंट डिफरेंट चीजों के अराउंड जो है वो सॉल्व करते हैं कैनॉनिकलाइजेशन इश्यूज एचटीटीपी एंड एसएसएल इंटरनेशनल एसईओ जब आपको करना होता है तो एचआरए फ्लैंग टैग्स और ये सारी बहुत सारी चीजें आपको इंप्लीमेंट करने की जरूरत जरूरत पड़ती है टेक्निकल एसओ में ये भी आ जाता है कि भाई आपकी वेबसाइट को आपको तो अगर आप एज अ बिजनेस ओनर
देख रहे हैं और आपकी एक वेबसाइट है तो रिपोर्टिंग बिकम वेरी इंपॉर्टेंट राइट रिपोर्टिंग में जनरली दो चीजें इवॉल्व होती हैं एसओ के प्रोजेक्ट्स में जिनकी रिपोर्ट्स हम लोग भी प्रोवाइड करते हैं वन इज रैंकिंग रैंकिंग की एक रिपोर्ट होती है कि आपकी जो रैंकिंग है जो हम लोगों ने कीवर्ड डिसाइड किए थे उनके हिसाब से जो पेजेस की रैंकिंग है वो कहां पर है और किस तरीके से इंप्रूव हो रही है या रैंकिंग्स में किस तरीके से डाउनफॉल आ रहा है या इंक्रीमेंट हो रहा है वो एक प्रॉपर रैंकिंग की रिपोर्ट होती है और
कौन-कौन से और नए-नए पोटेंशियल कीवर्ड्स जो हैं वो निकल के आ रहे हैं राइट उस उसके अलावा एक बैक लिंक्स की रिपोर्ट होती है जो कि इंपॉर्टेंट होती है क्योंकि आपको समझना होता है कि मेरे जो बैक लिंक्स है वो क्वालिटी बन रहे हैं या नहीं बन रहे हैं जिस टाइप के बैक लिंक्स को हमने कमिट किया था वो बन रहे हैं या नहीं बन रहे है उसके अलावा अगर मैं बात करूं तो एक और रिपोर्ट जो है वो बना के दे दी जाती है ट्रैफिक की रिपोर्ट बनाकर दे दी जाती है कि किस तरीके
से आपकी वेबसाइट के ऊपर जो ट्रैफिक है वो आ रहा है अब ये सारी रिपोर्ट्स बनाना इतना टफ नहीं है रैंकिंग की रिपोर्ट बनाने के लिए देयर आर मेनी टूल्स राइट बैक लिंक्स जो आप बनाते हो जिस वक्त आप बैकलिंक्स बना रहे होते हो उसी वक्त जो है वो आपने बैकलिंक्स का डेटाबेस बनाते हो मतलब जब हम लोग किसी वेबसाइट के ऊपर बैक लिंक बनाते हैं तो उसको नोट कर दिया जाता है वो मैं आपको शीट जो है वो स्क्रीनशॉट वगैरह में दिखा दूंगा तो आपको पता चल जाएगा कि जब हम लोग बैक लिंक्स बनाते
हैं तो किस तरीके से उसका जो डेटाबेस है वो भी हम लोग तैयार रखते हैं ट्रैफिक की अगर मैं बात करूं तो आज हमारे पास कीवर्ड को रैंक कराना या सेट ऑफ कीवर्ड्स को रैंक कराना अगर आपने डिफरेंट डिफरेंट कीवर्ड्स को ले रखा है क्योंकि हमें जो प्रोजेक्ट की प्राइसिंग करनी होती है बेसिकली इस बेसिस पे हम करते हैं कि हमारा एफर्ट कितना जो है वो लग रहा है तो अगर अब जो कीवर्ड्स हैं उनको रैंक करना डिफिकल्ट है मतलब बहुत ही हाईली कंपटिंग है तो जाहिर सी बात है हमारे रिसोर्सेस ज्यादा लगेंगी बैक लिंक्स
हमें ज्यादा बनाने पड़ेंगे बहुत सारी चीजें हैं तो उसके बेसिस पे हम लोग डिसाइड करते हैं कि प्राइसिंग ऑफ प्रोजेक्ट क्या होगी मैं मोटा मटी अगर आपको बताना चाहूं पांच से सात एवरेज कीवर्ड्स का मतलब मैंने यहां पर पांच से साथ प्राइमरी कीवर्ड्स जो है उनको सेलेक्ट करके रखा है जब आपके पांच से सात प्राइमरी कीवर्ड्स होते हैं ना तो क्योंकि आप इन कीवर्ड्स के लिए ऑप्टिमाइज करते हैं अपने पांच से सात पेजेस को जब मैं प्राइमरी कीवर्ड बोल रहा हूं व्हिच मींस दैट वन प्राइमरी कीवर्ड फॉर वन वेब पेज राइट सो अगर हम एक
प्राइमरी कीवर्ड को एक पेज के लिए टारगेट कर रहे हैं तो उसके साथ कुछ सेकेंडरी कीवर्ड्स भी होते हैं और साथ ही साथ आपका जब पेज के ऊपर हम उस कीवर्ड के लिए ऑप्टिमाइजेशन करते हैं तो हाईयर चांसेस होते हैं कि दूसरे उसी टाइप के इंटेंट वाले कीवर्ड्स के ऊपर भी आपका जो वेब पेज है वो रैंक होने लगे तो इसका मतलब ये नहीं कि फाइव और सेवन कीवर्ड्स ही होंगे बहुत सारे डिफरेंट डिफरेंट कीवर्ड्स जो है वो ऑटोमेटिक इंक्लूड हो जाते हैं बट जब हम स्टार्ट करते हैं तो फाइव टू सेवन प्राइमरी कीवर्ड्स हम
लोग इस तरीके से स्टार्ट करते हैं या आप इसको ऐसे मान लें कि फाइव टू सेवन पेजेस को हम लोग टारगेट करके जो है वो काम कर रहे हैं अब इसकी जो प्राइसिंग है वो एप्रोक्सीमेटली अगर मैं बताऊं कि एवरेज डिफिकल्टी सारी चीजें एवरेज कंसीडर करके मानूं मैं अगर तो 3 से 35000 प्लस जीएसटी के अराउंड जो है वो चार्जेस होते हैं एज एन एजेंसी ये अलग-अलग एजेंसीज के अलग हो सकते हैं मैं आपको अपने अनुभव से है वो चीजें बता रहा हूं अब एसओ के अंदर ऐसा नहीं है कि आपको टूल्स की जरूरत नहीं
पड़ती हम लोगों को एज एन एजेंसी टूल्स की जरूरत पड़ती है अब टूल्स कॉस्टली भी है जैसे अगर मैं दो बहुत ही पॉपुलर जो टूल्स हैं इंडस्ट्री में उनकी मैं बात करूं एक हो गया हमारा एएम रश एक हो गया हमारा एचएफ ये बहुत ही पॉपुलर जो टूल्स हैं वो है इंडस्ट्री के अंदर अगर आप इनकी जो कॉस्टिंग देखेंगे अगर हम पर मंथ के हिसाब से बात करें तो क्योंकि ये सारे टूल्स ना सब्सक्रिप्शन बेसिस पे होते हैं और आपसे पर मंथ के बेसिस पे ही चार्ज करते हैं तो अगर मैं इनकी प्राइसिंग की बात
करूं तो एप्रोक्सीमेट इनकी प्राइसिंग ₹1000000 पर मंथ हो अगर आप एज एन इंडिविजुअल सोचे तो अच्छी खासी प्राइसिंग है ये बट हमारे लिए ये उतना महंगा नहीं है इसलिए नहीं महंगा है क्योंकि हम बहुत सारे प्रोजेक्ट्स के ऊपर साथ में काम कर रहे होते हैं तो हम उस चीज को एवरेज आउट कर लेते हैं राइट सो अगर मैं वापस आ जाऊं यहां पर एसओ टूल्स के ऊपर तो एसओ टूल्स की आपको इसलिए जरूरत पड़ती है क्योंकि बहुत सारी चीजें आपको टूल्स की मदद से करनी होती है जैसे यहां पर आप देख सकते हैं मैंने बहुत
सारी चीजें लिखी हुई है इसलिए हमें जो है एसओ टूल्स की जो है वो जरूरत पड़ती है राइट अब ये सारी जितने भी चीज जनरली आपके दो-तीन टूल्स के अंदर हो जाती है मैंने यहां पर इतने सारे इसलिए लिखे हैं कि आपको पता चले कि बहुत सारी चीजों के लिए हमें टूल्स की जरूरत पड़ती है जैसे कीवर्ड रिसर्च हो गया ऑन पेज ऑप्टिमाइजेशन के टूल्स होते हैं बैक लिंक की प्रोफाइल के एनालिसिस के टूल्स होते हैं बट ये सारे एक दो टूल्स के अंदर ही हो जाते हैं रैंक ट्रैकिंग टेक्निकल एसओ लोकल एसईओ कंटेंट ऑप्टिमाइजेशन
मोबाइल ऑप्टिमाइजेशन कंपीटीटर की फुल फ्लेज एनालिसिस करनी है एक बेसिक साइट ऑडिट करनी है एरर चेकिंग करनी है तो इसके लिए हमारे टूल्स होते हैं ठीक है सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टूल्स भी होते हैं एसओ के पॉइंट ऑफ़ व्यू से लिंक बिल्डिंग के के भी डिफरेंट टूल्स होते हैं एनालिटिक्स एंड रिपोर्टिंग टूल्स स्कीमा मार्कअप टूल्स जनरेट वगैरह करने के लिए मतलब बहुत छोटी-छोटी चीजें होती है जैसे टाइटल जनरेटर है डिस्क्रिप्शन जनरेटर छोटी-छोटी चीजें होती है जिनकी हम लोगों को जरूरत पड़ती है राइट बट वेबसाइट के अकॉर्डिंग हम लोग डिसाइड कर लेते हैं कि किस चीज के
थ्रू हम लोग जाएंगे जैसे अगर आपकी वर्डप्रेस की वेबसाइट है तो योश प्लगइन है या रैंक मैथ प्लगइन है उसका यूज हो जाता है उससे बहुत सारी चीजें जो है वो इजली हो जाती है इसका मतलब ये नहीं कि सारा काम वो टूल ही कर देगा दिमाग तो हमें अपना लगाना पड़ेगा एसओ के अंदर एक बहुत ही बड़ा चैलेंज आता है जिसको आपको फैक्चर चाहिए बहुत सारे लोगों को मैंने देखा है वह इस चीज को समझते नहीं है कि एल्गोरिथमिक अपडेट्स कभी भी आ सकती है अगर एल्गोरिदम अपडेट हो रहा है तो कई बार ऐसा
होता है कि टर्बुलेटर किंग के अंदर बट आपकी वेबसाइट फिर से ठीक हो जाएगी उसमें कोई टेंशन लेने की जरूरत नहीं अगर आपने अपनी वेबसाइट के ऊपर जेनुइन वर्क किया हुआ है क्योंकि जब एल्गोरिदम की अपडेट आती है तो इसलिए आती है ताकि वो सर्च इंजन को और बेटर कर सके और जो एक यूजर है जो सर्च करर है उसको और बेटर रिजल्ट्स करर दे सके तो आपने अगर पहले कभी जैसे मैंने यहां पर बताया ब्लैक हैट वगैरह किया हुआ है या ग्रे हैट किया हुआ है या आपको लगता था कि भाई पहले यह वाली
टेक्नीक काम करती थी ब्लैक हैट की तो अभी भी करेगी तो टाइम के साथ एल्गोरिथमिक अपडेट्स आते हैं और उसमें फिर आपकी वेबसाइट का जो डाउनफॉल है वो होगा तो आप जितना भी काम अपनी मेन वेबसाइट के ऊपर करवाते हैं तो आपको अगर खतरों से नहीं खेलना है तो कोशिश ये करें कि सारे के सारा ना जेनुइन वर्क करें और ब्लैक हैट वगैरह के चक्कर में ना पड़े क्योंकि लॉन्ग टर्म के लिए ब्लैक हैट बहुत ज्यादा सरवाइव करेगा नहीं राइट सो आशा करता हूं आपको बहुत सारी चीजें क्लियर हो गई होंगी एसओ के पॉइंट ऑफ
व्यू से कि आखिर सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन क्या होता है क्या डिफरेंट डिफरेंट चीजें इसके अंदर करी जाती हैं और ये पूरी चीजें किस तरीके से काम करती हैं हम लोग बात करने वाले हैं कि आखिर google's क्या है किस तरीके से google's के कैंपस बनाए जाते हैं किस तरीके के google's के जो हमारे ऐड्स हैं वो दिखते हैं और क्या हम लोग कर सकते हैं विद द हेल्प ऑफ आज के इस पर्टिकुलर वीडियो के अंदर गाइ जब कभी भी किसी प्लेटफॉर्म स्पेसिफिक होकर हम यह समझने की कोशिश करते हैं कि इस प्लेटफॉर्म के थ्रू जो
हमारे ऐड्स हैं वो किस तरीके से चल सकते हैं तो दो चीजें हमारे दिमाग में आती है सबसे पहले यह कि आखिर ये जो प्लेटफॉर्म है google's का मान लेते हैं इस एग्जांपल में ये जो प्लेटफॉर्म है इसके थ्रू जो हम लोग एड्स रन करेंगे वो ऐड्स कहां पर दिखाई देंगे और किस तरीके से दिखाई देंगे तो जब हम google's की बात करते हैं सो google's प्लेटफॉर्म के थ्रू जब आप अपने एड्स रन करते हैं ये बेसिकली दो जगहों पर दिखाई देते हैं एक स्पेस जिसको हम लोग बोलते हैं google2 पर आपके ऐड्स दिख रहे
हैं जैसे फॉर एग्जांपल google2 आपका दिखता है व्हिच मींस दैट कि प्र के ऊपर जो है वो आपका ऐड दिख रहा है इसी तरीके से अगर प् स्टोर के ऊपर आपका ऐड दिखता है क्योंकि प् स्टो भी यह google3 पर्सन की वेबसाइट है तो यहां पर google's की मदद से जो एडवरटाइजर्स हैं वो google's को दिखाते हैं तो एडसेंस इनेबल्ड वेबसाइट कभी कुछ ना कुछ अर्निंग हो जाती है और जो एडवर्टाइज पैसा google's को देता है उसी में से google3 जो है वो जो है इन पब्लिशर्स को इन वेबसाइट ओनर्स को दे देता है क्योंकि
यह google's हैं वो अपनी वेबसाइट के ऊपर दिखा रहे हैं तो इस तरीके से तो इन वेबसाइट्स के ऊपर google's दिखाई देंगे और google's की बात करते हैं तो हमारा ऐड दो जगहों पर दिखेगा एक google3 के ऊपर और एक google2 स ब्रांड है लेट्स से मैं कुछ फॉर एग्जांपल कुछ पॉट्स मैं बेचता हूं या मैं कोई सरम बेच रहा हूं या लेट्स से मैं कोई कुर्ती बेच रहा हूं मैं कोई टीशर्ट बेच रहा हूं मेरा कोई डी टूसी बिजनेस है उस पर्टिकुलर केस में मेरी वेबसाइट रेडी हो मैं चाहता हूं कि google's के थ्रू
मैं अपनी जो प्रोडक्ट्स है या वेबसाइट है उसको प्रमोट करूं ज्यादा द से ऑर्डर्स या लीड्स डिपेंडिंग ऑन नेचर ऑफ द बिजनेस वो हम लेकर आए तो आपको सबसे पहले क्या करना होता है आपको google's के ऊपर अपना जो अकाउंट है वो बनाना होता है तो आप सीधे जाते हो ads.com के ऊपर ये google's की ऑफिशियल वेबसाइट है इसके ऊपर आप जाकर आपकी जो google's रन कर रहा हूं इसलिए आपको इस टाइप का जो डैशबोर्ड है वो दिखाई दे रहा है बट आपके केस में ये ब्लैंक होगा अगर आपने सारा वगैरह सेटअप वगैरह करके जो
अपना अकाउंट है वो रेडी कर रखा है एक और चीज मैं आपको बताना चाह रहा हूं क्योंकि यह वाली जो सीरीज है हम बिगिनर्स के लिए बना रहे हैं ऐसे में जो google's है ना उसको चलाने के लिए टेक्निकल एक्सपर्टाइज्ड चलाते हैं तो आप अपने फंड्स भी डालते हैं ठीक है google's को प्रॉपर्ली मैनेज किया जाए तो अगर आप बिल्कुल बिगनर हैं और कुछ भी नहीं जानते हैं तो थोड़ी सी मुश्किल आपको आएगी या तो आप किसी एजेंसी को हायर कर ले या तो पहले प्रॉपर्ली इस चीज को सीख लें उसके बाद जो है व
आप एड्स रन करना शुरू करें क्योंकि आप कंपीट कर रहे होंगे कंपीटर भी होंगे तो ऐसे में आपका जो बजट है वो बर्न हो जाएगा तो ऐसा नहीं कि सिंपली आपने अकाउंट बना दिया और एड्स चलने शुरू हो जाएंगे आपको थोड़े बहुत बेसिक्स और फंडामेंटल्स जो चीजें हैं वो क्लियर होनी चाहिए तभी आप बेहतर तरीके से ऐड्स चला पाएंगे अदर वाइज आप किसी एजेंसी के पास चले जाए बहुत सारे मार्केट में फ्रीलांसर्स भी उनसे भी आप सर्विस ले सकते हैं खुद अगर सीख के करना चाहते हैं तो उसका भी ऑप्शन है कहीं कोर्स करना चाहे
वो कर सकते हैं youtube's की मदद से एड्स रन करते हैं तो जो हम कंप्लीट एड्स का सेटअप करते हैं उसको हम लोग बेसिकली कैंपेन बोलते हैं तो आप जो यहां पर ब्लू कलर का बटन देख रहे हो आप इसके ऊपर क्लिक करेंगे न्यू कैंपेन के ऊपर जब आप क्लिक करेंगे तो आप देखेंगे आपको डिफरेंट डिफरेंट टाइप्स के कैंपस बनाने के ऑप्शन दिखेंगे आपके पास सर्च कैंपेन बनाने का ऑप्शन है परफॉर्मेंस मैक्स डिस्प्ले तो यहां पर हम लोग प्रॉपर्ली जो है वो कैंपस बनाते हैं जैसे मैंने इसको सेलेक्ट किया और इसके बाद मैं कंटिन्यू करूंगा
तो आप देखोगे कैंपेन रिलेटेड मेरे को बहुत सारी जो सेटिंग्स हैं वो यहां पर देखने को मिलेंगी जैसे मेरे को बिडिंग क्या रखनी है कैंपेन रिलेटेड कुछ सेटिंग्स हैं मैं किन कीवर्ड्स के ऊपर बिड करना चाहता हूं अगर मैं सर्च कैंपेन रन कर रहा हूं तो ये सारे डिफरेंट डिफरेंट सेटिंग्स आपको मिलेंगी तो एक-एक चीज की समझ आपको होना जरूरी है तभी आप बेहतर तरीके से google's रन कर सकते हैं सो यह तो था बेसिकली कि google's के ऊपर अकाउंट कहां से बनना है और डैशबोर्ड किस तरीके से दिखता है उसके बाद अगर मैं बात
करूं तो अभी ना google's आपको ₹2000000 फ्री में दे रहा है मतलब वंस यू विल स्पेंड 2000000 फ्रॉम न्यू अकाउंट ऑन google's google's विल बी गिविंग यू एडिशनल ₹2000000 टू स्पेंड ₹2000000 और आपको एक्स्ट्रा दे रहेगा सो दैट आप और ज्यादा खर्च करो सो दिस इज बेसिकली एन इनकरेजमेंट फ्रॉम google2 था बट अभी काफी टाइम से ₹2000000 चल रहा है तो अगर आप सोच रहे हैं अपने बिज़नेस को google's के ऊपर लेकर जाने के लिए तो दिस इज द राइट टाइम अभी अगर आप 000 खर्च करते हैं तो फिर ₹2000000 का एडिशनल बोनस भी आपको
मिल जाता है इन द न्यू ऐड अकाउंट्स राइट कमिंग बैक टू अवर स्लाइड ओवर हियर सो नाउ पहला क्वेश्चन का हम लोगों को आंसर मिल गया कि हमारा ऐड कहां पर दिखता है बट दूसरा जो पॉइंट है दैट इज बेसिकली कि हमारा ऐड किस तरीके का दिखता है सो आप google's के थ्रू डिफरेंट डिफरेंट टाइप्स के ऐड्स चला सकते हैं फिर इन ऐड्स के अंदर भी बहुत सारे सारी डिफरेंट डिफरेंट टाइप्स की सेटिंग्स होती है ऑप्टिमाइजेशन होता है बिकॉज़ इट्स अ रियल टाइम एडवर्टाइज इंग नेटवर्क इट्स अ रियल टाइम एडवर्टाइज नेटवर्क कि जैसे फॉर एग्जांपल
अगर मैं google2 इन दिल्ली डेंटिस्ट इन दिल्ली अगर मैं यहां पर टाइप करूंगा तो आप देख सकते हो यहां पर आपको बहुत सारे जो एड्स हैं वो दिख रहे हैं फाइन सो अगर आपकी ये ब्रांड है देन यू आर कंपटिंग विद अदर ब्रांड्स फॉर दिस कीवर्ड टू अपीयर ऑन पोजीशन नंबर वन सो इट्स बेसिकली रियल टाइम सो अगेन अगर मैं यहां पर डेंटिस्ट इन डेली टाइप करूं तो एक बार फिर से जो है वो कंप्लीट ऑक्शन होगा और जो भी एडवर्टाइज उस ऑक्शन में विन करेगा उसका ऐड जो है वो पोजीशन नंबर वन और फिर
उसी टाइप से जो पोजीशंस है वो आगे फरदर डिसाइड होती है सो बेसिकली इट्स अ रियल टाइम प्लेटफॉर्म दूसरी अगर मैं बात करूं कि डिफरेंट डिफरेंट टाइप्स ऑफ एड्स आप कौन से चला सकते हो तो हमारे सर्च ऐड्स होते हैं जैसे अगर कोई भी पर्सन google's अकाउंट के अंदर जैसे अगर आप यहां पर जाएंगे जो मैंने अभी आपको डेमो में दिखाने की कोशिश करी हुई थी तो अगर मैं किसी भी कैंपेन के अंदर जाऊंगा तो वहां पर डिफरेंट डिफरेंट ऐड ग्रुप्स होते हैं और उन डिफरेंट डिफरेंट ऐड ग्रुप्स के अंदर अगर हम बात करें तो
हमें डिफरेंट डिफरेंट जो कीवर्ड्स हैं वो देखने को मिलेंगे जैसे अगर मैं यहां पर जाऊं तो मैं देख सकता हूं मुझे डिफरेंट डिफरेंट जो कीवर्ड्स हैं वो यहां पर देखने को मिल रहे हैं सो वी आर बेसिकली बिडिंग ऑन दीज कीवर्ड्स इसका सीधा सा मतलब यह है कि हम ये चाहते हैं कि अगर कोई भी पर्सन ये वाला स्पेसिफिक कीवर्ड टाइप करें तो हमारा ऐड जो है वो दिखाई दे इसी तरीके से हम लोगों को पूरा प्रॉपर जो ऐड आपने अभी वहां पर देख खा वो हमें प्रॉपर यहां पर जो ऐड है वो प्रॉपर बनाना
पड़ता है ठीक है उसके भी अपने बहुत सारे एलिमेंट्स होते हैं और उनकी भी अपनी कुछ बेस्ट प्रैक्टिसेस होती हैं अगेन वो सारी चीजें आप तभी सीख पाएंगे जब आप टेक्निकली जो है वो google's को सीखते हैं उसके बाद अगर मैं बात करूं डिस्प्ले एड्स तो आप बहुत सारी डिफरेंट डिफरेंट वेबसाइट्स के ऊपर जाते होंगे तो जैसे आपको यहां पर एक ऐड दिख रहा है यहां पर आपको एक ऐड दिख रहा है यहां पर आपको ऐड दिख रहा है दीज आर द डिफरेंट ऐड्स जो कि किसी भी वेबसाइट के ऊपर दिखते हैं ये हमारे डिस्प्ले
ऐड्स होते हैं तो डिस्प्ले ड जब रन किए जाते हैं तो उसमें कुछ ऑडियंस को टारगेट किया जाता कि मैं ये चाहता हूं कि मेरा जो ऐड है वो इस टाइप के लोगों को दिखे या फिर मैं ये चाहता हूं कि जो लोग ऑलरेडी हमारी वेबसाइट के ऊपर आ चुके हैं उनको हमारा ऐड दिखे इसी तरीके से जैसे मैंने यहां पर सर्च की जो बात करी थी तो जब आप अपना सर्च ऐड्स रन करते हैं और कोई भी पर्सन आपके ऐड के ऊपर क्लिक करता है तो दे बेसिकली गो टू योर लैंडिंग पेज ठीक है
तो एक लैंडिंग पेज होता है जो बनाया जाता है जहां से लीड्स वगैरह जो है वो कैप्चर करी जाती है या फिर अगर कोई आपका डी टूसी बिजनेस है तो वहां पर फिर जो आपके प्रोडक्ट पेजेस होते हैं या जो कैटेगरी पेजेस होते हैं वहां पर ट्रैफिक जो है वो ड्राइव किया जाता है और उसके बाद कन्वर्जंस होते हैं तो हमें कन्वर्जंस वगैरह सी चीजें भी google's के बारे में पता होगा तो हमारे पास सर्च ऐड्स होते हैं डिस्प्ले ड जैसे मैंने आपको बताया अब डिस्प्ले ऐड्स में रिमार्केटिंग की भी ऑडियंस जो है वो रखी
जा सकती है जैसे मैंने आपको अभी बताया था कि अगर कुछ लोग हमारी वेबसाइट के ऊपर आए या कुछ लोग जो हमारी वेबसाइट के ऊपर आए हैं बट ये एक्टिविटी नहीं करी है इस टाइप से डिफरेंट डिफरेंट टाइप्स ऑफ ऑडिएंसेस हम लोग google's के अंदर ही बना सकते हैं जैसे मैं अगर आपको यहां पर दिखाऊं तो अगर आप टूल्स एंड सेटिंग्स में जाएंगे तो यहां पर आपको ऑडियंस मैनेजर दिखेगा इसके के अंदर आप डिफरेंट डिफरेंट टाइप्स ऑफ ऑडिएंसेस जो है वो आप बना सकते हैं और उनको फिर आप अपना डिस्प्ले ऐड्स दिखा सकते हैं इसी
तरीके से हमारे शॉपिंग ऐड्स भी होते हैं ये बेसिकली ई-कॉमर्स वेबसाइट्स के लिए या डी टूसी बिजनेसेस के लिए होते हैं जैसे अगर मैं यहां पर टाइप करूं मोबाइल कवर और मैंने एक क्वेरी करी तो आप देख रहे हो ये जितने भी आपको एड्स यहां पर दिख रहे हैं ये सारे के सारे जो एड्स हैं ये आपके शॉपिंग एड्स हैं अब शॉपिंग एड्स को रन करने के लिए कुछ और रिक्वायरमेंट्स है जैसे अपलोड करनी होती उस फीड की मदद से फिर आपके जो google's हैं वो रन हो रहे होते हैं तो इस तरीके से आपके
शॉपिंग ऐड्स भी यहां पर दिखाई देंगे कुछ स्पेसिफिक क्वेरीज के ऊपर किस तरीके से आपने अपनी फीड को ऑप्टिमाइज किया है उसके बेसिस पर देन अगेन दीज टाइप्स ऑफ़ एड्स आर फॉर डी टूसी बिजनेसेस या फिर उन बिजनेसेस के लिए जो ई-कॉमर्स बिजनेस कर रहे हैं देन देयर आर ऐप इंस्टॉल एड्स तो कई बार अगर आपके पास कोई एप्लीकेशन है और आपको उसके इंस्टॉल्स को इंक्रीज करना है देन यू हैव द ऑप्शन ऑफ रनिंग पप इंस्टॉल्स एड्स तो अगर आप अपने कैंपस के ऊपर वापस जाए जैसे मैं यहां पर दिखाऊं आपको प्लस करेंगे कैंपस के
ऊपर वापस जाएंगे तो आप देख सकते हैं पप प्रमोशन का वी हैव अ सेक्शन वी हैव अ कंप्लीट कैंपेन सेटअप फॉर ऐप प्रमोशन अगर आपकी ऐप है आपको इंस्टॉल्स बढ़ाने हैं आपके अंदर आपको इंगेजमेंट्स बढ़ाने हैं तो वो सारी चीजें आप लोग कर सकते हो विद द हेल्प ऑफ दिस कैंपेन सो यू नीड टू आइडेंटिफिकेशन करना इसी तरीके से वीडियो एड्स है अब वीडियो एड्स तो बहुत ही आप लोगों ने एक्सपीरियंस किए होंगे ये वाला हमारा जो वीडियो वीडियो है यही देख रहे होंगे तो शुरुआत में आपको कुछ स्किपेबल ऐड्स जो है वो दिखाई दिए
होंगे अब स्किपेबल एड्स भी हम लोग डिफरेंट डिफरेंट ऑडिएंसेस के ऊपर चला सकते हैं डिपेंडिंग ऑन वेबसाइट विजिटर्स मतलब रिमार्केटिंग ऑडियंस के ऊपर हम चला सकते हैं हम कोल्ड ऑडियंस के ऊपर टारगेटिंग करना चाहे वो कर सकते हैं इंटरेस्ट के बेसिस पे करना चाहे वो कर सकते हैं कीवर्ड स्पेसिफिक अगर हम करना चाहे तो वो भी कर सकते हैं बहुत सारे डिफरेंट डिफरेंट टाइप्स ऑफ ऑडिएंसेस क्रिएट करने का हमें ऑप्शन जो है वो मिलता है पर एड्स होता है और अलग-अलग पर्पसस के लिए हम लोग अलग-अलग टाइप से जो स्क्रिप्ट्स बनाकर वीडियो एड्स बनाते हैं
और उनको फिर रन करते हैं तो एक चीज आपको समझनी पड़ेगी आपको यह पता होना चाहिए कि आखिर google's क्या है और आपको ये समझ में आना चाहिए कि हम लोग जो google's के डिफरेंट डिफरेंट कैंपस हैं उनको किस तरीके से अपने गोल के अकॉर्डिंग अलाइन करें ऐसा नहीं कि आपको एड्स बनाने आ गए तो बस आपने शुरुआत करी और एड्स बनाने शुरू कर दिए देयर हैज टू बी सम स्ट्रेटेजी देयर हैज टू बी सम केपीआर है और इन केपीआर के ऊपर हम काम करने जा रहे हैं सर्च ऐड्स हम इसलिए चला रहे हैं सो
दैट हमारा ऐड इन कीवर्ड्स के ऊपर दिखे अगर इन कीवर्ड्स के ऊपर हमारा ऐड दिखेगा तो भाई यहां पर मान के चलते हैं कि एक कीवर्ड की क्लिक के लेट्स से हम ₹10 दे रहे हैं और 10 क्लिक्स अगर हमारे पास आती है तो ₹1000000 देने के बाद 10 क्लिक्स आने के बाद जो विजिटर्स हमारी वेबसाइट के ऊपर जाते हैं उनमें से 1 परसन जो है वो लीड भर रहा है तो ₹1000000 की मेरे पास एक लीड आ रही है अब ये क्या लीड प्रॉफिटेबल है क्या ₹1000000 की अगर 10 लीड्स आती जब जाकर मेरा
एक कन्वर्जन होता है तो मतलब एक कन्वर्जन की कॉस्ट कन्वर्जन का यहां पर मतलब लीड की बात मैं नहीं कर रहा हूं लीड तो हमारी ₹1 में आ गई दैट्ची से जो हमें एक्चुअल बिजनेस मिना मिला वो बिजनेस तब मिला जब हमारे पास 10 लीड आ गए थे मतलब एक लीड ₹1 की थी तो 10 लीड हमारी 000 की हो गई तो ₹1 का जो हमने एक कस्टमर जो है वो हमारे पास आया ₹1 का हमने कस्टमर एक्वायर किया और उसको कुछ सर्विसेस या प्रोडक्ट दी तो उस बेसिस पे क्या हम प्रॉफिटेबल हैं या नहीं
प्रॉफिटेबल है तो ये सारी चीजें एनालाइज करना भी बहुत ही ज्यादा इंपॉर्टेंट होता है तो google's की आज के टाइम में अगर आप बिजनेस होनर है तो बहुत सारे ऐसी एजेंसीज हैं जो google's की आपको सर्विसेस दे सकते हैं वी आर आल्सो एज एन एजेंसी प्रोवाइड द सर्विसेस ऑफ google2 स्पेंड ठीक-ठाक है लेट्स से आपका एड स्पेंड अगर 5 लाख प्लस है पर मंथ तो मैं अगर आपको ऑन एन एवरेज बताना चाहूं तो 10 पर ऑफ मीडिया बाइंग जो है वो एजेंसीज चार्ज करती हैं 10 पर ऑफ द मीडिया बाइंग का मतलब दे विल बी
चार्जिंग अराउंड 50 000 पर मंथ ठीक है फॉर एन ऐड स्पेंड ऑफ़ ₹ लाख एप्रोक्सीमेटली या फिर कुछ एजेंसीज जो हैं वो अगर आपका बजट इतना नहीं है तो फिर मंथली बेसिस पे भी चार्ज कर सकती हैं ये अमाउंट लेट्स से 121000 से लेकर 30 40 35000 के बीच में हो सकता है मैं ₹1000000 यहां पर रख सकता हूं राइट कोई जो फ्रीलांसर्स होंगे वो हो सकता है आपका अकाउंट 10000 में ही मैनेज कर लें लेट्स से आप ढ़ दो लाख स्पेंड कर रहे हो तो आपका अकाउंट 10000 में भी मैनेज कर सकते हैं बट
आपको एक्चुअली पता होना चाहिए कि आप क्यों चला रहे हैं तो थोड़ी बहुत जानकारी एज अ बिजनेस ओनर हमें होनी चाहिए ताकि जब हमारे सामने रिपोर्ट्स आए तो हम समझ सक कि हां क्या मतलब है और हम हमारी जो एजेंसी है या हमारे जो फ्रीलांसर है उसके साथ स्ट्रेटेजिक पार्ट में इवॉल्व हो सके अगर आप google's को टेक्निकली सीखना चाहते हैं फिर आपको इसमें डूबना पड़ेगा क्योंकि आज के टाइम में वो नहीं होने वाला है राइट क्योंकि बहुत सारी चीजें जो है वो टाइम के साथ बहुत तेजी से बदल रही हैं तो अगर आप कुछ
सीखते हैं google's में आज के टाइम में तो डेफिनेटली आपको मदद मिलेगी अपने जो एजेंसी उससे कम्युनिकेट करने में उनके साथ स्ट्रेटजीजर पेट करने में क्या चीजें चल रही है उसको समझने में बट अगर आप ये सोचे कि होल सोल आप ही सारे कैंपेन्स को टेक्निकली मैनेज कर पाएंगे तो बहुत मुश्किल है एक आद कैंपेन आप चला भले पाए बट स्केलिंग वगैरह में या दूसरी जो टेक्निकल स्ट्रेटेजिक पार्ट होता है उसमें आप जरूर फंस जाएंगे या तो फिर बिल्कुल एक्टिवली आप उसमें डूब ही जाएं मतलब एज अ बिल्कुल प्रोफेशनल ही जो है वो आपको उसमें
डूबना पड़ेगा एजेंसी के साथ बेनिफिट यह होता है कि जैसे फॉर एग्जांपल हम लोग हैं तो बहुत सारे क्लाइंट्स का हमारा एक्सपीरियंस है तो उस एक्सपीरियंस का बेनिफिट आपको मिल जाता है या बिजनेस ओनर्स को जो है वो मिल जाता है तो आई बिलीव अभी आपको ये समझ में आ गया होगा कि google's क्या है किस तरीके से काम करते हैं बहुत सारे लोगों को ये भी डाउट आता है कि सर लिए इसको पीपीसी मॉडल भी कहा जाता है अगर आप सर्च कैंपस रन कर रहे हैं तो पीपीसी मॉडल्स के ऊपर काम करते हैं इसी
तरीके से आप डिस्प्ले कैंपस रन कर रहे हैं तो डिस्प्ले कैम पेंस के अंदर ऐसा नहीं है कि जब आपकी क्लिक्स आएंगी तभी आपको चार्ज करना है वहां पर दूसरा जो बिडिंग मेथड है वो यूज़ हो रहा होता है व्हिच इज सीपीएम सीपीएम इज बेसिकली व्हेन यू आर चार्जड ऑन द बेसिस ऑफ 1000 इंप्रेशंस तो उसके बेसिस पे आप चार्ज अब आप सोचोगे कि ठीक है मैं बिडिंग बहुत कम रखता हूं मैं पैसा बहुत कम लगा के रखता हूं जब क्लिक आएगा तभी हमारा पैसा कटेगा वरना कटेगा ही नहीं तो मैं ना अपनी बिडिंग को
बड़ा लो कर देता हूं आपने थोड़ी सी चालाकी करी बट उस पर्टिकुलर केस में आपके इंप्रेशंस भी डेड हो जाएंगे ऑलमोस्ट म आप देखोगे थोड़े टाइम के बाद कि आपको इंप्रेशन ही नहीं दिख र मतलब अगर आप ये सोच रहे हो कि भाई मेरे को जो क्लिक है ना वो ₹ में आए मैं एक अपर लिमिट लगा देता हूं कि ₹ में मेरे को क्लिक आए अब जब आएगी अगर ₹ में तो अच्छी बात है अगर नहीं आएगी ₹ में तो कोई दिक्कत की बात नहीं हमारा पैसा तो नहीं खर्च हो रहा है तो इसका
मतलब ये नहीं है कि google3 कि जो आपने बिडिंग रखी हुई है उसके बेसिस पे इंप्रेशंस कराता जाएगा और इंप्रेशंस कराने के आपसे कोई पैसा नहीं लेगा बट जब क्लिक आएगा तभी आपसे पैसा लेगा अब यहां पर एक बड़ी इंटरेस्टिंग चीज है जिन लोगों ने वीडियो को यहां तक देखा होगा उनको बड़ी ही इंटरेस्टिंग चीज यहां से पता चलेगी वो ये है कि google2 के ऊपर एक्चुअली क्लिक आता है तो सीपीसी के बेसिस पर मतलब कॉस्ट पर क्लिक के बेसिस पर जो आपका अमाउंट है वो कटता है बट आप यह समझ लो कि अगर मैं
अपनी बिडिंग को बहुत कम कर लूं तो आप ऑक्शन में इंप्रेशन ही नहीं जीत पाओगे तो आपको इंप्रेशन ही नहीं मिलेंगे तो अगर आपकी गलतफहमी ये थी कि हम सीपीसी बिड को बहुत कम रखेंगे और बहुत सारे हमारे इंप्रेशंस मिलते जाएंगे क्योंकि google2 बहुत कम रख दी चाहे वो मैनुअल बिडिंग के अंदर हो चाहे व ऑटोमेटेड बिडिंग के अंदर हो अगर वोह सीपीसी बिड बहुत कम हुई मैनुअल बिडिंग के अंदर तो खुद ही कंट्रोल करते हैं आप ऑटोमेटेड के अंदर आप नहीं कंट्रोल करते हैं बट अगर वह सीपीसी कम हुई तो बेसिकली आपको भी इंप्रेशन
नहीं मिले क्योंकि आप ऑक्शन को जीत नहीं पाओगे तो यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि ठीक है सीपीसी कम कर दी क्लिक आएगी तो पैसा देंगे वरना इंप्रेशन तो आ ही रहे इंप्रेशन भी नहीं आएंगे ऑटोमेटेड बिडिंग है मैनुअल बिडिंग है अब इन सब चीजों को अगर डिटेल में समझना है तो जो हमारी google's की प्लेलिस्ट है उसको भी आप फॉलो कर सकते हैं उसमें इन सारी चीजों को हम लोगों ने बहुत ही डिटेल में कवर किया है वरना ओवरव्यू के पॉइंट ऑफ व्यू से आई बिलीव google's आपको समझ में आ गया होगा कि [संगीत]
google's क्या होते हैं और एज एन एजेंसी हम लोग किस तरीके से facebooksignup.in एड्स किस तरीके से रन होते हैं क्या-क्या चीजों का इंवॉल्वमेंट होता है देन दिस वीडियो इज फॉर यू बिल्कुल बेसिक से हम लोग समझने की कोशिश करेंगे कि उनको आप रन कर सक क्योंकि कई बार मैंने ऐसा देखा है कि बहुत सारे लोग जिनको ऐड अकाउंट्स के सेटअप वगैरह की उतनी नॉलेज नहीं होते वो किसी भी तरीके से अपने ऐड्स शुरू तो कर देते हैं बट बाद में फिर उसको मैनेज वगैरह करने में एक्सेसेस वगैरह देने में उनको काफी प्रॉब्लम आती है
क्योंकि उन्हें ये नहीं पता है कि ऐड अकाउंट्स को किस तरीके से स्ट्रक्चर करना है किस तरीके से बिजनेस मैनेजर के अंदर रखना है किस तरीके से जो डिफरेंट डिफरेंट एसेट्स होते हैं जैसे जो आपकी ऑडिएंसेस होती हैं जो आपके पिक्सल्स होते हैं जो आपके पेजेस होते हैं उनको किस तरीके से शेयर करना है सो इन सब चीजों के लिए जरूरी है कि आपको facebooksignup.in वो होनी चाहिए फाइन वैसे अगेन ये काफी टेक्निकल सब्जेक्ट है अगर आपको इसमें मास्टरी करनी है तो आपको काफी टेक्निकल साइड पे इसको समझना पड़ेगा आपको कोई 10-15 मिनट का वीडियो
देखकर या आधे घंटे का कोई वीडियो देखकर आप ऐड मुझे दिख रहा है इसी तरीके से अगर मैं और नीचे आ जाऊं तो लेट्स सी यहां पर देखो मुझे एक ऐड दिख रहा है इसी तरीके से अगर मैं और स्क्रॉल करूंगा तो मैं देखूंगा कि फीड में मुझे और भी बहुत सारे जो डिफरेंट डिफरेंट ऐड्स हैं जैसे एक ये ऐड है ये मुझे दिख रहा है अब कभी भी अगर आप इस ऐड के ऊपर क्लिक करेंगे और यहां पर अगर आप जाएंगे एंड यहां पर क्लिक करेंगे व्हाई एम आई सीइंग दिस ऐड तो आपको एक
ब्रीफ आईडिया लग जाता है कि आखिर एडवरटाइजर हूं मैं उन लोगों को ऐड दिखाना चाहता हूं जिनको डिजिटल मार्केटिंग में इंटरेस्ट है जिनको मार्केटिंग में इंटरेस्ट है या जिनको मार्केटिंग की बुक्स में इंटरेस्ट है तो मैं टारगेटिंग करूंगा तो दैट इज बेसिकली एडवर्टाइज चॉइस कि एक एडवर्टाइज ने टारगेटिंग करी हुई कि इन लोगों को ऐड दिखाना चाहता है उसी तरीके से कई बार मैं बहुत सारे इंटरेक्शंस करता हूं जिससे कि जो ू मेटा फॉर बिजनेस वांट्स टू शो एड्स टू ठीक है जो उन्होंने टारगेटिंग करी है एंड व्हाट आर योर एक्टिविटीज वेयर यू इंटरेक्ट विद
द कंटेंट अबाउट एड्स एंड मार्केटिंग एंड मोर सो अगर आप इसके ऊपर क्लिक करेंगे तो आपको बिल्कुल एग्जैक्ट तो नहीं बट हां इनका ऐड आपको क्यों दिख रहा है उसकी इनसाइट्स मिल जाएंगी बट आपको दिख रहा है इसका मतलब ये नहीं है कि जिस वजह से ये आपको ऐड दिख रहा है उसी वजह से सभी को दिखो जैसे फॉर एग्जांपल एक पर्सन है जो कुछ ऐसे टारगेटिंग कर रहा है एक एडवर्टाइज है जो ऐसे टारगेटिंग कर रहा है कि मेरे को उन लोगों को ऐड दिखाना है जिनको स्पोर्ट्स में इंटरेस्ट हो और साथ ही साथ
जिनको को nike's देखते हैं जो आपको यहां पर दिखते रहते हैं जैसे एक और यहां पर हमें एक ऐड दिख रहा है ठीक है क्योंकि मेरा इंटरेस्ट डिजिटल मार्केटिंग की तरफ ज्यादा है मैं डिजिटल मार्केटिंग के ऐड्स वगैरह से इंटरेक्ट करता रहता हूं उसी टाइप के पेजेस ग्रुप्स को मैं लाइक करता हूं तो उसी टाइप के जो ऐड्स हैं मुझे वहां पर दिख रहे होते हैं और भी बहुत सारे रीजंस होते हैं यहां पर ऐड्स दिखने के हो सकता है कोई रिमार्केटिंग का ऐड दिख रहा हो जैसे मैं यहां पर भी क्लिक करके आपको दिखाता
हूं अब ये सब चीजें आपको समझनी बहुत ज्यादा जरूरी है जैसे एडवर्टाइज ने क्या किया है देखिए यहां पर लिखा हुआ है इंटरेक्ट विद देयर यहां मैं उनकी वेबसाइट पे ऑफिशियल वेबसाइट के ऊपर गया होंगा तो वेब बेस्ड जो ऑडियंस होती है उसको बनाकर ये हमको ऐड दिखा रहे हैं तो इस तरीके से आपको भी डिफरेंट डिफरेंट टाइप्स के ऐड्स दिखते होंगे और यही वो facebooksignup.in स्टोरीज में जब आपका ऐड दिखता है तो instagram's को जो है वो एज अ प्लेसमेंट जो है वो लिया जाता है तो होती है नॉर्मली आप जो है वो बना
लेते हैं सो इट्स फ्री ऑफ कॉस्ट बट जब आप एड्स रन करते हैं तो आपको जो पैसा है जो आपको अमाउंट है वो आपको देना होता है facebook's नहीं होती है बिल्कुल बेसिक चीज है बहुत सारे लोगों को पता होगा बट क्योंकि मैं बिल्कुल बेसिक बता रहा हूं इसलिए मैं आपको ये बता रहा हूं सेकंड जो इंपोर्टेंट चीज है वो आपके पास एक यहां पर अपना नाम मेंशन करूं जैसे मैं उमर तस्कीन मेंशन करता हूं ये वाली जो आप एक प्रॉपर्टी देख रहे हो दिस इज बेसिकली अवर पेज सो देयर आर टू थिंग्स एक होती
है हमारी प्रोफाइल और एक होता है हमारा पेज ये वाला हमारा पेज है और जो पहले मैंने आपको दिखाया था दैट इज प्रोफाइल सो लोग बनाएंगे अगेन ये ऐड अकाउंट्स होते हैं जो पेजेस होते हैं ये दूसरे जो प्रोफाइल ओनर्स हैं दूसरे जो लोग जो facebooksignup.in अलग से रन करना पड़ेगा उसका कोई अलग मैनेजर अकाउंट होता है ऐसा बिल्कुल नहीं है instagram's भी आप एक तरीके से facebooksignup.in आपको एक बिजनेस मैनेजर बनाना पड़ता है ये इस टाइप से हमारा एक बिजनेस मैनेजर बिजनेस मैनेजर के अंदर डिफरेंट डिफरेंट पीपल होते हैं डिफरेंट डिफरेंट पेजेस होते हैं
मैं सारे पेजेस आपको दिखा नहीं सकता हूं यहां पर बट डिफरेंट डिफरेंट पेजेस होते हैं हमारे उसके बाद डिफरेंट डिफरेंट ऐड अकाउंट्स होते हैं उन ऐड अकाउंट से आप बेसिकली ऐड्स रन करते जो आपके एड्स अकाउंट का डैशबोर्ड होता है ना वो इस टाइप से होता है तो जितने भी आप कैंपस बनाते हैं जितने भी आप एडवर्टाइजमेंट रन करते हैं वो सारे हमारे इन एड्स अकाउंट से ही रन होते हैं जैसे ही मैं यहां पर क्रिएट के ऊपर क्लिक करूंगा आप देखोगे यहां पर डिफरेंट डिफरेंट मुझे ऑप्शंस दिख रहा हैं मैं सेल्स टाइप का कैंपेन
पेन जो है वो चला सकता हूं अगर मुझे लीड जनरेट करनी है तो डिफरेंट टाइप्स ऑफ कैंपस जो है वो हम चला सकते हैं तो देयर आर सो मेनी ऑप्शंस व्हिच आर एक्चुअली टेक्निकल अगर आपको ये सारी चीजें सीखनी है तो मैंने facebooksignup.in हैं राइट सो कई बार आपने य भी देखा होगा कि आपका अगर कोई पेज होता है तो आप देखते हो कि नीचे ना उसको बूस्ट पोस्ट करने का ऑप्शन आता है प्रमोट करने का ऑप्शन का आता है जहां पर आप उसके ऊपर क्लिक करते हो कुछ बेसिक बेसिक से इंफॉर्मेशन मांगता है आपसे
पेमेंट डिटेल्स मांगता है और आपके जो ऐड्स हैं उनको रन करना शुरू कर देता है उनकी जो रीच है वो जो है वो आपको मिलने लगती है कि बहुत सारे इंप्रेशंस आने लगे दैट इज बेसिकली बूस्टिंग मेथड वो जो होता है ना वो मेथड बहुत ही स्मॉल बिजनेस ओनर्स के लिए बनाया गया है उसमें आपको बहुत ज्यादा सेटअप की जरूरत नहीं पड़ती है जल्दी जो अपने ऐड्स है ना उनको फायर कर सके बहुत ही कॉम्प्लिकेटेड सेटअप वगैरह में आप फंसे ना रह जाएं तो उसने वो एक इजी मेथड आपको दे रखा है बट आपको एक्चुअली
वो इजी मेथड जो है वो फॉलो नहीं करना है प्रोफेशनली जब ऐड्स रन किए जाते हैं तो इस चीज की समझ होनी चाहिए कि आपको प्रॉपर बिजनेस मैनेजर जो है वो बनाना है और उसके बाद जो उसके अंदर एड्स अकाउंट आपको बनाने हैं पेजेस के एक्सेस लेने हैं फिर वहां से प्रॉपर्ली जो एड्स है वो आपको रन करना है ताकि जो मैनेजमेंट है वो प्रॉपर हो सके बूस्ट पोस्ट में आपको बहुत ज्यादा सेटिंग्स वगैरह का ऑप्शन मिलता नहीं है तो वो चीज रेकमेंडेड नहीं है प्रोफेशनली ही रिकमेंडेबल नहीं है बट जहां पर हम एक्सपर्टाइज्ड से
कंपीट कर रहे होते हैं बहुत सारी चीजों की टेस्टिंग हमें करनी होती है वेरिएशंस टेस्ट करने होते हैं ऐसे में एडवांस्ड ऑप्शंस चाहिए होते हैं देन ये वाला जो मैंने आपको दिखाया था ये वाला जो ऑप्शन ये वाला जो डैशबोर्ड है यहीं से फिर वो आप सारी चीजें जो है वो बड़ी आसानी से मैनेज कर पाते हैं फाइन इसके अलावा अगर मैं प्रॉपर सेटअप एंड इंप्लीमेंटेशन की बात करूं जहां पर बहुत सारे लोग गलतियां करते हैं देखिए अब यहां पर आपको समझना है कि एक चीज होती है पिक्सल पसल इज बेसिकली अ कोड एक जावा
स्क्रिप्ट का छोटा सा कोड होता है बिल्कुल कोडिंग टाइप की एक स्क्रिप्ट होती है आसान भाषा में अगर आप समझना चाहे उसको हम लोग वेबसाइट के ऊपर लगा देते हैं जिससे कि अगर हमारी वेबसाइट पे कोई आ रहा है तो उसकी जो ऑडियंस है वो facebooksignup.in हमें करना चाहते हैं प्रॉपर आपको रिसर्च करनी पड़ेगी कंपटीसन परर जैसे कंपटीसन करने के लिए उनकी ऐड कॉपी बेसिकली समझने के लिए एक हमारे पास facebook's हैं वो यहां पर दिख जाएंगे जो भी रन हो रहे होंगे से मुझे थोड़ा सा आईडिया लग जाएगा कि लोग किस टाइप के ऐड
जो है वो रन करें इसी तरीके से अगर कोई पेज कोई ऐड रन कर रहा है और उसको मेरे को समझना है जैसे फॉर एग्जांपल मैं यही सेलेक्ट कर लेता हूं अगर ये वाला पेज कोई ऐड रन कर रहा है तो पेज वाइज भी आप ऐड्स देख सकते हैं कि ये जो एड्स हैं वो कौन से ऐड्स रन किए जा रहे हैं यहां पर राइट तो इस तरीके से आप एनालिसिस करते हैं अगेन ये टेक्निकल पार्ट है फाइन सो ये सारी चीजें बहुत ज्यादा जरूरी हैं प्रॉपर आपकी जो ऑडियंस रिसर्च है वो होनी चाहिए जैसे
अगर मैं आपको यहां पर दिखाऊं जैसे अगर हम लोग यहां पर आ जाएं मैं अगर किसी नए एक कैंपेन को बनाने की कोशिश जैसे मुझे लीड्स चाहिए राइट तो लीड्स कैंपेन अगर मैं बनाने की कोशिश करूंगा तो आप देखोगे यहां पर कैंपेन रिलेटेड बहुत सारे ऑप्शंस आ रहे हैं सारी सेटिंग्स हम लोगों को करनी होती है उसके बाद एड सेट का एक लेवल होता है एड सेट लेवल में अगर हमें ट्रैफिक वेबसाइट पे भेजना है मतलब हमारे ऐड को देखे पर्सन क्लिक करने के बाद वेबसाइट जाए देन वी कैन सेलेक्ट वेबसाइट अगर आप नीचे आएंगे
तो यहां पर आप देखेंगे आपको ऑडियंस टारगेट करने के ऑप्शंस यहां पर देखने को मिलते हैं बट वहीं पर अगर आप देखें तो डेली बजट सेट करने का कितना पैसा आप स्पेंड करना चाहते हो हो उसका आपको ऑप्शन मिलता है कौन सा पिक्सल आपको सेलेक्ट करना है जो मैंने अभी आपको पिक्सल के बारे में बताया आप क्या चाहते हो मैक्सिमाइज करना चाहते हो नंबर ऑफ कन्वर्सेशन या क्या चीजें करना चाहते हो तो दैट यू हैव टू सेलेक्ट फ्रॉम हियर अगेन दिस दीस सेटिंग्स आर ऑलवेज बेस्ड ऑन द डटा कि आपके अकाउंट में अभी किस टाइप
की डाटा है आपके अकाउंट कितने मैच्योर है उसके हिसाब से अपना परफॉर्मेंस गोल या जो आपका ऑप्टिमाइजेशन का गोल है वो आप रखते हैं बट इसी तरीके से हम लोग हमारे क्लाइंट्स के लिए जो ऐड्स हैं उनको रन करते हैं अगर मैं नीचे आ जाऊं तो मैं यहां पर आपको दिखा सकता हूं जैसे फॉर एग्जांपल आपको कोई लोकेशन टारगेट करनी है तो मैं यहां पर जाऊंगा जैसे फॉर एग्जांपल अगर मेरे को लखनऊ में अपने एड्स दिखाने सो आई कैन डू दैट मैं यहां पर इंक्लूड करूंगा लखनऊ सेलेक्ट कर लूंगा लखनऊ में भी अगर मेरे को
करंट सिटी टारगेट करनी तो लखनऊ सिटी ओनली वो कर सकता हूं लखनऊ के अराउंड का रेडियस करना चाहूं वो कर सकता हूं इवन अगर मैं थोड़े से माइक्रो लेवल पर भी जाना चाहूं जैसे फॉर एग्जांपल मैं यहां पर सेलेक्ट करता हूं लखनऊ यूनिवर्सिटी राइट अगर मैं लखनऊ यूनिवर्सिटी सेलेक्ट करता हूं यहां पर ओके सो आप देख सकते हो लखनऊ यूनिवर्सिटी के राउंड का मैं कुछ स्पेसिफिक एरिया टारगेट कर सकता हूं सो वी हैव वेरी ब्यूटीफुल टारगेटिंग ऑप्शंस और अपॉर्चुनिटी प्रेजेंट ओवर हियर राइट एज के बेसिस पे मैं कर सकता हूं जेंडर के बेसिस पे कर
सकता हूं एंड अगेन यहां पर अगर आप देखेंगे तो आपको पता चलेगा हाउ पावरफुल आ सके अगर आप डेमोग्राफिक्स में जाकर भी देखना चाहते हैं सो यू कैन टारगेट पीपल जिनकी एनिवर्सरी अगले 30 दिन के अंदर आने वाली है राइट जिनकी जो डेट ऑफ बर्थ का मंथ होता है वो आप यहां से उनको टारगेट कर सकते हैं सो इन्हीं सब चीजों के लिए तो टारगेटिंग ओवर हियर लेट्स से यू वांट टू टारगेट समथिंग अ मोटिवेशनल रिलेटेड सो आप सिंपल मोटिवेशन डालेंगे यू कैन टारगेट पीपल हु आर हैविंग इंटरेस्ट इन मोटिवेशन यू कैन टारगेट पीपल हु
आर वर्किंग एज मोटिवेशनल स्पीकर बिकॉज़ यहां पर देखो जॉब टाइटल लिखा हुआ है सो यू हैव द टारगेटिंग का ऑप्शन सो दिस इज हाउ स्पेंड कर सकते हो और किसी प्रोफेशनल की मदद लेना चाहते हैं तो प्रोफेशनल की मदद लें अगेन अगर मैं प्राइसिंग की भी थोड़ी सी गाइडेंस आप लोगों को देना चाहूं तो आप ये मान के चले कि अगर कोई फ्रीलांसर होगा तो हो सकता है वो ₹1000000 के हिसाब से भी जो है आपके लिए ऐड्स रन कर दे इसमें चीजें होती हैं जैसे ऐड क्रिएटिव्स बनाना होता है अब ड क्रिएटिव में अगर
उसे आपका सपोर्ट चाहिए तो आपको करना पड़ेगा राइट तो इन सब चीजों में थोड़ा सा इन्वेस्ट करने की जरूरत है अगर आप किसी एजेंसी के पास जाएंगे प्रॉपर तो हो सकता है 205000 प्लस जीएसटी कुछ इस चीज के अराउंड उनका पर मंथ का चार्ज हो मान के चलता हूं अगर आप ऑन एन एवरेज ₹ लाख स्पेंड कर रहे हैं पर मंथ राइट फ्रीलांसर्स का तो कुछ भी रेट कम भी हो सकता है अगर कोई ऐसा बिगनर है जो सीख रहा है या उसके पास कम पहले से प्रोजेक्ट्स हैं उसको भी सीखने की इच्छा है तो
हो सकता है और भी कम आपसे पैसे ले ले बट अगर आप बिल्कुल बिगनर हैं और आप बहुत सारी चीजों को नहीं समझ रहे हैं फिर मैं आपको यही रिकमेंड करूंगा कि आप प्रोफेशनल से ही मदद ले खुद चलाने में बहुत टाइम लग जाएगा आपको पहले प्रोफेशनल से मदद ले ले अगर प्रोफेशनली रन करना है खुद चला के सीखना चाहते हैं तो वो ऑप्शन तो है ही है बट मैं थोड़ा सा चीजों को ना परफेक्शन की तरफ ज्यादा देखता हूं और मैंने ये चीज कई बार देखिए बहुत सारे बिजनेस ओनर्स ना बहुत ज्यादा टाइम ऐड
अकाउंट्स और इन सब चीजों के ऊपर देने लगते हैं अगर आप उतना ही टाइम उस चीज के ऊपर देंगे तो फिर आप ऑपरेशंस वगैरह को मैनेज नहीं कर पाएंगे हां अगर आप सारी चीजें कर ले रहे हैं देन कोई बात नहीं बट अगर आप नहीं कर पा रहे सही यही रहता है कि आप अपने ऑपरेशंस पे बिजनेसेस पे ध्यान दें और किसी प्रोफेशनल को हायर कर ले फॉर द पर्पस ऑफ रनिंग एड्स गाइस बिल्कुल आसान भाषा में समझने की कोशिश करेंगे कि आखिर ईमेल मार्केटिंग क्या होती है तो बेसिक डेफिनेशन कहती है सेंडिंग कमर्शियल ईमेल्स
टू प्रोस्पेक्ट टू कन्वर्ट उनको कन्वर्ट करने के लिए उनको कस्टमर बनाने के लिए या फिर उनको नर्चर करने के लिए सो दैट भविष्य में हम उनको कस्टमर या कन्वर्ट कर सकें सो सबसे पहला जो सवाल ये आता है कि ठीक है हमें ईमेल मार्केटिंग करनी है और इसके लिए हमें ईमेल चाहिए होंगे बहुत सारे ईमेल चाहिए होंगे जैसे फॉर एग्जांपल अगर आपको एसएमएस मार्केटिंग करनी होती है तो बहुत सारे आपको फोन नंबर चाहिए होते हैं उसी तरीके से यहां पर बहुत सारे हमें ईमेल चाहिए होंगे तो वो ईमेल्स कहां से आएंगे सबसे पहले उसके सोर्स
को समझने की कोशिश करते हैं कि हमें ईमेल्स कहां मिलते हैं एज मार्केटर तो देखिए आपको ईमेल्स डिफरेंट डिफरेंट सोर्सेस से कलेक्ट करने होते हैं सो पहला जो ऑप्शन है दैट इज बेसिकली न्यूज़ लेटर्स आप देखते होंगे बहुत सारी वेबसाइट्स के ऊपर न्यूज़लेटर साइन अप करने का ऑप्शन मिलता है और जब आप अपना ईमेल वहां पर ड्रॉप करते हैं तो आपका ईमेल जो है उनकी ईमेल लिस्ट में चला जाता है एडवर्टाइज कर की ईमेल लिस्ट में चला जाता है और फिर फर्द उस ईमेल के ऊपर वो डिफरेंट डिफरेंट टाइप से जो ऑटोमेशंस वगैरह हैं ईमेल
मार्केटिंग टूल्स की मदद से वो रन करते हैं कभी जो है वो डायरेक्ट एडवर्टाइजमेंट करते हैं कभी जो है वो आपको नर्चर करने की कोशिश करते हैं सो एक तरीका जो होता है हम मार्केटर्स के पास वो होता है की न्यूज़ लेटर्स की मदद से हम लोग ईमेल्स को कैप्चर करते हैं कलेक्ट करते हैं दूसरा तरीका हो गया वेबीनार या फिर हो गया ऑनलाइन वेबीनार जो हमारे होते हैं उनके थ्रू हम लोग जो है वो ईमेल्स को कलेक्ट करने की कोशिश करते हैं ब्लॉग्स के थ्रू हम लोग ईमेल्स को कलेक्ट करने की कोशिश करते हैं
आप बहुत सारे ब्लॉग्स पढ़ते होंगे वहीं पर कुछ जो है कॉल टू एक्शन टाइप से दिया होता है और वहां पर आपको ईमेल्स मेंशन करने के ऑप्शन दिए होते हैं या फिर हम आपको ब्लॉगस के तहत ही या थ्रू ही कोई लीड मैग्नेट देते हैं कि भाई ठीक है आपने ये ब्लॉग पढ़ा अगर आपको ये चेकलिस्ट डाउनलोड करनी है तो यू कैन गो अहेड और आपको छोटी सी इंफॉर्मेशन मेंशन करनी पड़ेगी नाम ईमेल फोन नंबर और उससे जो चेकलिस्ट है वो आपके पास हम ईमेल के थ्रू जो है वो सेंड कर देंगे तो उस चेकलिस्ट
को आपको सेंड करने के लिए हम ईमेल मार्केटिंग टूल्स के अंदर प्रॉपर ऑटोमेशंस बना करर रखते हैं अभी मैं उसके ऊपर भी आऊंगा ऑटोमेशंस बनाकर रखते हैं जिससे कि वो फिर लीड मैग्नेट आप तक पहुंच जाता है बट उस लीड मैग्नेट की वजह से हमारे पास ईमेल्स जो है वो आ जाते हैं अब इस टाइप की ईमेल्स ना काफी पावरफुल होते हैं क्योंकि इनमें ना कंसेंट रहती है इसमें जिसका भी ईमेल होता है ना उसकी कंसेंट रहती है वो एक तरीके से अलाउ करता है आपको प्रमोशनल और कमर्शियल ईमेल्स भेजने के लिए राइट दूसरा जो
तरीका होता है कि आप आप ईमेल्स को खरीद सकते हैं बट इन ईमेल्स की बहुत ज्यादा क्वालिटी रहती नहीं और यहां से कोई आपको बहुत ही बेहतर रिजल्ट नहीं मिलते फॉर एग्जांपल आप ये मान के चले कि अगर मुझे मेरी डिजिटल मार्केटिंग सर्विसेस जो है वो सेल करनी है तो मैं कहीं से भी कोई भी ईमेल लिस्ट उठाकर ले आऊ और उन पे ईमेल्स फायर करना शुरू कर दूं वहां से मुझे कन्वर्जन ज्यादा मिलेगा या फिर मैंने अपनी जो लीड मैग्नेट्स के थ्रू या वेबिनार्स के थ्रू या न्यूजलेटर्स के थ्रू जो मैंने अपनी ईमेल लिस्ट
बनाई होगी जब मैं उनके ऊपर काम करूंगा क्योंकि मैं समझता हूं ना कि ये वाली जो ईमेल लिस्ट है ये किस तरीके से मैंने बनाई है ये जो एक सेकंड ईमेल लिस्ट है किस तरीके से मैंने बनाई है मैं टैग्स बहुत सारे जो है डिफरेंट डिफरेंट ईमेल्स के ऊपर कांटेक्ट के ऊपर डिफरेंट डिफरेंट टैग्स हम लोग अलॉट कर सकते हैं ये सारी चीजें हमें ईमेल मार्केटिंग टूल के अंदर देखने को मिलती है सेगमेंटेशन का बेसिकली ये पार्ट है जिससे कि मैं अलग-अलग तरीके से जो सेगमेंटेशन है वो कर सकता हूं सेगमेंट्स कर सकता हूं ईमेल
लिस्ट को और फिर उसके अकॉर्डिंग मैं फ्लोज बना सकता हूं ईमेल्स बना सकता हूं ईमेल्स कैंपेन्स बना सकता हूं और वो मैं फायर कर सकता हूं तो आप ईमेल बाय जरूर कर सकते हैं बट इसका ना तो डिलीवरी रेट बहुत अच्छा होता है और यहां पर आपको कोई बहुत ही ज्यादा खास सक्सेस मिलती नहीं इसी तरीके से स्क्रेपिंग वगैरह भी लोग करते हैं स्क्रैप कर लेते हैं ईमेल बट उनसे भी कोई बहुत ज्यादा अगर आप बात करें सक्सेस की तो वो वहां पर नहीं मिलती है सो एक कंसर्न भी हमारा ईमेल मार्केटिंग में रहता है
दैट इज बेसिकली वार्म अप करना देखिए जिस ईमेल एड्रेस से आप ईमेल्स भेज रहे हो तो उनकी हाई चांसेस होते हैं कि वो स्पैम फोल्डर में लैंड करें तो वहां पर हमें बहुत सारे डिफरेंट डिफरेंट चीजों का ध्यान रखने की जरूरत होती है जिसको बोलते हैं बेसिकली ईमेल वार्मिंग अप सो उसकी अपनी स्ट्रेटजीजर उसके अपने टेक्निकल चीजें होती है जिसके थ्रू स्टार्टिंग में जो ईमेल्स हैं उनको वार्म अप किया जाता है सो दैट उनका जो डिली री रेट है वो इंप्रूव हो सके वो स्पैम में ना जाए अगेन इट्स अ कंप्लीट टॉपिक बट दिस इज
अगेन अ वेरी इंपॉर्टेंट फैक्टर विद रिगार्ड्स टू ईमेल मार्केटिंग फाइन सो आई बिलीव ये चीज क्लियर हो गई होगी नाउ व्हेन वी कम टू द ऑब्जेक्टिव्स कि क्या-क्या चीजें हम लोग कर सकते हैं ईमेल मार्केटिंग के थ्रू आप ब्रांड अवेयरनेस बिल्ड कर सकते हैं न्यू कस्टमर्स को एक्वायर कर सकते हैं पुराने कस्टमर्स को रिटेन कर सकते हैं सेल्स अपनी इंक्रीज कर सकते हैं लीड जनरेट कर सकते हैं नर्चर कर सकते हैं लीड्स को कस्टमर इंगेजमेंट को और ज्यादा इंप्रूव कर सकते हैं आप प्रोडक्ट्स और सर्विसेस को प्रमोट कर सक सते हैं कस्टमर को एजुकेट कर
सकते हैं वेबसाइट पर ट्रैफिक ला सकते हैं अपना सोशल मीडिया प्रेजेंस भी बढ़ा सकते हैं क्योंकि वहां पर भी आप जो है वह ट्रैफिक डाइवर्ट कर सकते हैं ईमेल्स के थ्रू कस्टमर लॉयल्टी को एनहांस कर सकते हैं फीडबैक ले सकते हैं सर्वेस करा सकते हैं इवेंट्स अगर आपके होने वाले हैं उनको आप अनाउंस कर सकते हैं कोई नई न्यूज़ और अपडेट्स आप अनाउंस कर सकते हैं डिस्काउंट्स प्रमोशंस ये सारी चीजें प्रोवाइड कर सकते हैं क्रॉस सेल कर सकते हैं अप सेल कर सकते हैं ई-कॉमर्स अगर वेबसाइट तो उससे रिलेटेड बहुत सारे ऑटोमेशन बिल्ड कर सकते
हैं जैसे एबंडेंट कार्ड्स रिकवरी के बेसिस पे बहुत सारी ईमेल सा फायर कर सकते हैं आपने ऐसा भी देखा होगा फॉर एग्जांपल आज के दिन आपका बर्थडे तो आप देखते हो बैंक से भी आपको बर्थडे के मैसेजेस आ रहे हैं वो इसलिए आ रहे हैं क्योंकि उन्होंने डेटा पॉइंट्स बना के रखे आपके ईमेल आईडी के अगेंस्ट एक मैपिंग करके रखी है कि भाई इस ईमेल आईडी वाले पर्सन का बर्थडे ना इस दिन होता है तो वो सारी इंफॉर्मेशन तो आप पहले ही उनको दे आते हो ऑफलाइन फॉर्म में या किसी भी तरीके से ऑनलाइन आप
इंफॉर्मेशन दे देते हो तो उस डेट को आज की डेट से मैप करके एक ऑटोमेशन जो है वो ईमेल मार्केटिंग सॉफ्टवेयर्स फायर करते हैं जिससे कि हर किसी को ना उनके बर्थडे के दिन जो है वो ऑटोमेटिक मेल जाता रहता है है तो ये सारी चीजें हैं राइट कस्टमर को फील गुड कराने के लिए उनके एक्सपीरियंस को और ज्यादा एनरिच करने के लिए भी ईमेल मार्केटिंग का इस्तेमाल होता है इट्स नॉट ओनली अबाउट कि आप हमेशा बस सेल्स करते हैं राइट सो इन सब चीजों का प्रॉपर एक टेक्निकल सेटअप होता है विद इन ईमेल मार्केटिंग
टूल्स अब देखिए आप ईमेल मार्केटिंग ना मार्केटिंग के टूल्स जो हैं वो अवेलेबल जैसे मैं कुछ का नाम लेना चाहूं तो एक मेल चिंप हो गया एक एक्टिव कैंपेन हो गया एक्टिव कैंपेन को हम लोग सालों से यूज कर रहे और भी बहुत सारे टूल्स जो है वो बिटवीन आते रहे सो अगर मैं इन टूल्स की प्राइसिंग की आप लोगों से बात करूं तो इनकी जो प्राइसिंग है वो या तो नंबर ऑफ ईमेल्स के ऊपर बेस्ड होती है कि पर मंथ लेट्स से आप 5000 जो ईमेल्स है वो आप भेज सकते हैं और इसके लिए
आपको कुछ ये एक्स अमाउंट जो है वो आपको पे करना पड़ेगा या फिर क्या होता है कि आप इतने सब्सक्राइबर जो है वो होल्ड कर सकते हैं सब्सक्राइबर इज बेसिकली द कांटेक्ट दैट यू आर हैविंग विद इन दैट टूल सो फॉर एग्जांपल आपके टूल के अंदर 500 ईमेल हैं दैट इज बेसिकली आपका जो सब्सक्राइबर बेस हो गया वो 500 का सब्सक्राइबर बेस हो गया तो जिस तरीके से आपके सब्सक्राइबर्स इंक्रीज होते जाते हैं उस तरीके से जो आपकी प्राइसिंग है वो भी बढ़ती जाती है सो मैं प्राइसिंग के पॉइंट ऑफ व्यू से आपको मेल चिम
का ऑफिशियल डॉक्यूमेंटेशन दिखा सकता हूं जैसे आप देख सकते हो हाउ मेनी कॉन्टेक्स्ट डू यू हैव दैट इज बेसिकली द सब्सक्राइबर तो जैसे-जैसे आप अपने सब्सक्राइबर्स को चेंज करेंगे वैसे-वैसे आप देखेंगे कि यहां पर जो प्राइसिंग है वो भी चेंज होती चली जाती है इसी तरीके से गेट रिस्पांस का मैंने प्राइसिंग पेज ओपन कर रखा है यहां पर भी आप देखेंगे तो जो ईमेल मार्केटिंग की प्राइसिंग है वो चेंज होती है विद रिगार्ड्स टू द कॉन्टेक्ट्स राइट सो प्राइसिंग में ज्यादातर आपको इसी चीज के ऊपर फोकस रखना है कि आपके कॉन्टेक्ट्स कितने ज्यादा हैं यू
कैन सेंड मल्टीपल ईमेल्स टू अ सेम कांटेक्ट बट आपकी जो प्राइसिंग है जो पैसा आपसे चार्ज करते हैं टूल्स वो चार्ज करते हैं ऑन द बेसिस ऑफ सब्सक्राइबर्स ओनली सो आई बिलीव प्राइसिंग आपको समझ में आ गई होगी बट क्या ये ईमेल मार्केटिंग टूल्स का इस्तेमाल केवल ईमेल सेंड करने के लिए होता है नहीं ईमेल मार्केटिंग टूल्स का जो असली इस्तेमाल है वो तब होता है जब आप ऑटोमेशंस को बिल्ड करते हैं जब आप सिनेरियो के अकॉर्डिंग एक फ्लो बनाना चाहते हैं ऑटोमेशन बनाना चाहते हैं जैसे फॉर एग्जांपल मेरे पास कोई लैंडिंग पेज है उस
लैंडिंग पेज के ऊपर अगर कोई पर्सन जो है वो लीड सबमिट करता है तो वो जो ईमेल है वो विद द इंफॉर्मेशन ऑफ दैट पर्सन वो ईमेल जो है वो हमारे एज अ कांटेक्ट ऐड हो जाए हमारे ईमेल मार्केटिंग टूल के अंदर और जैसे ही वो ऐड है उसको एक वेलकम मेल चला जाए उसके बाद दो दिन बाद एक और मेल चला जाए उसके बाद बेस्ड ऑन जो मेल गया था पहले उसमें कोई लिंक था उसके ऊपर कोई क्लिक आया है या नहीं आया है तो उसके बेसिस पर एक सेगमेंटेशन हो जाए अगर क्लिक आया
है तो ये वाला ईमेल ऑटोमेशन ट्रिगर हो जाएगा अगर क्लिक नहीं आया तो ये वाला ऑटोमेशन ट्रिगर हो जाए और उसी के साथ-साथ हमें ये भी डिफाइन करना होता है कुछ कंडीशंस कि भाई इन सिनेरियो में ये ऑटोमेशन जो है वो बंद हो जाए एक ऑटोमेशन एक दूसरे ऑटोमेशन को भी ट्रिगर कर सकता है सो आई बिलीव बहुत सारी चीजें आपको समझ में आ रही होंगी कि इन टूल्स का एक्चुअल जो है वो यूज़ क्या है अगर मैं मेजर सर्विसेस की बात करूं कि किस टाइप की सर्विसेस मार्केट में अवेलेबल है विद रिगार्ड्स टू ईमेल
मार्केटिंग तो जनरली ईमेल मार्केटिंग का कंप्लीट सेटअप जो मैंने आपको बताया ऑटोमेशन का कंप्लीट सेटअप कि अगर ये सारी चीजें होती है तो किस टाइप से जो ईमेल सीक्वेंसेस हैं वो फयर होनी चाहिए अलोंग विद दैट ईमेल कॉपी का लिखना भी इज अ वेरी इंपॉर्टेंट सर्विस व्हिच इज अवेलेबल राइट नाउ इन द मार्केट सो ईमेल कॉपी राइटिंग मैं यहां पर लिख देता हूं ईमेल कॉपी राइटिंग इज अगेन अ वेरी इंपॉर्टेंट थिंग क्योंकि किस टाइप के सीक्वेंस के ऊपर किस टाइप के इंटेंशन के ऊपर इंटेंट के ऊपर हमें कौन सा ईमेल जो है फायर करना है
किस टाइप से फायर करना है दैट इज अगेन अ वेरी इंपोर्टेंट थिंग एंड देन वी हैव कोल्ड ईमेल आउटरीच कैंपस की भी सर्विसेस मार्केट में अवेलेबल होती हैं वेयर यू आर बेसिकली लुकिंग फॉर सम अ क्लाइंट्स या फिर आप चाहते हो कि कोई ईमेल मार्केटिंग एजेंसी आपके बेसिस पर प्रोस्पेक्ट्स को आउटरीच करें और उनको कन्वर्ट करने की कोशिश करें सो इफ यू वांट टू हैव कस्टमर्स फॉर योर बिजनेस तो इस टाइप की भी सर्विसेस देने वाली बहुत सारी मार्केटिंग एजेंसीज आज के टाइम में अवेलेबल है मार्केट के अंदर सो जो मैं ऑटोमेशन की बात आपसे
कर रहा था अगर मैं एक्टिव कैंपेन के ऊपर आ जाऊं और यहां पर केवल ऑटोमेशंस के अंदर जाए वैसे बहुत सारे डिफरेंट डिफरेंट फीचर्स हैं बट मैं केवल अगर ऑटोमेशंस के अंदर जाऊं तो यहां पर आप देख सकते हो कुछ एग्जांपल्स भी है और हम लोग यहां से सीधे ना एक बार के लिए क्रिएट एन ऑटोमेशन के ऊपर जाते हैं और यहां से जो पहले से बनी हुई हमारी कुछ टेंपलेट्स हैं ऑटोमेशन की उनको एक्सप्लोर करने की कोशिश कर सो यहां पर आप देख सकते हैं इंडस्ट्री वाइज डिफरेंट डिफरेंट टेंपलेट्स हैं मैं यहां पर एक
बार के लिए कोई इंडस्ट्री लेट्स से ई-कॉमर्स हम लोग सेलेक्ट कर लेते हैं अब आप यहां पर देख सकते हो एसेसरी अप सेल आफ्टर परचेज इसका एक ईमेल ऑटोमेशन ऑलरेडी बना हुआ है एबंडेंट कार्ड रिमाइंडर इसका बना हुआ है तो एबंडेंट कार्ड रिमाइंडर आप लोग अच्छे तरह समझते हैं कि भैया कोई पर्सन अगर है जिसने ड टू कार्ट ऑलरेडी करके छोड़ रखा है तो उनको हम ईमेल भेजना चाहते हैं अलोंग विद दैट ईमेल हम उनको कुछ कूपन वगैरह भी भेज सकते हैं कि भाई ठीक है आपने कार्ट में जो है अपना प्रोडक्ट डाल के छोड़
रखा है इन केस अगर आप इसको बाय करना चाहते हैं अभी देन वी आर सेंडिंग यू अ कस्टमाइज्ड स्पेशल कूपन वो 5 पर का एडिशनल डिस्काउंट आपको मिल जाएगा तो यू कैन क्रिएट स्ट्रेटजीजर उंड योर ईमेल मार्केटिंग ऑटोमेशन ईमेल मार्केटिंग ऑटोमेशन का मतलब ये बिल्कुल नहीं होता है कि बस ऑटोमेट कर रहे है इसलिए नहीं आपके पास जो एजिस्टिफाई इंटीग्रेट करना पड़ता है ईमेल मार्केटिंग ऑटोमेशंस के साथ देन ओनली यू विल बी एबल टू गेट मैक्सिमम आउट ऑफ इट सो यहां पर आप देख सकते हो जब भी कोई ऑटोमेशन स्टार्ट होता है तो उसका हमेशा
एक ट्रिगर पॉइंट होता है कि यह चीज होगी तो ऑटोमेशन स्टार्ट होगा और अगर यह चीज होगी तो यह एक्शन होगा राइट सो व्हेन एवर देयर इज एन ऑटोमेशन किसी भी टाइप का ऑटोमेशन होगा देयर विल बी अ ट्रिगर एंड देयर विल बी एन एक्शन सो यहां पर आप देख सकते हो कांटेक्ट एंडेंजर्ड फ्रॉम अ डीप डाटा इंटीग्रेशन विल वेट वन डे डज द कांटेक्ट मैच द फॉलोइंग कंडीशन तो हम एंड कर देंगे अगर नहीं होगा तो फिर हम अमडेंट काट कर देंगे एंड द कंडीशन इज बेसिकली कि उन्होंने परचेज अगर नहीं किया है भाई
किसी ने अगर ड टू कार्ट किया हुआ है और एक दिन तक उसने परचेज नहीं किया हुआ है तब हम ऑटोमेशन फायर करेंगे ना ऐसा थोड़ी ना है कि किसी ने ऐड टू काट कर लिया और हमने तुरंत के तुरंत ना उसको एक ऑफर दे दिया ऐसा तो नहीं होगा ड टू काट किया उसके बाद वेट करेंगे ना कि हां हो सकता है एक दिन के अंदर खुद ही खरीद ले कार्ड वाड अरेंज कर रहा हो क्रेडिट कार्ड वगैरह एक दिन के अंदर खुद ही खरीद ले एक एक दिन भी कर सकते हैं आप दो
दिन भी कर सकते हैं अगर दो दिन तक वो खरीदता नहीं है जैसे यहां पर जो आपने देखा हुआ है ना वेट अंट्स ऑर्डर डेट इज करंट डेट एगजैक्टली अगर लास्ट ऑर्डर डेट उसकी आज की डेट है इसका मतलब उसने ऑर्डर कर दिया है तो हमें तब जो है वो अपना ईमेल फायर करना है जब उसने ऑर्डर नहीं किया है अगर कर दिया ऑर्डर देन वी विल एंड दिस ऑटोमेशन अब ये एक ऑटोमेशन है एक सिनेरियो देयर कैन बी मल्टीपल सिनेरियो लाइक दिस राइट और जितना आप क्रिएटिविटी सोच सकते हैं जितने तरी से आप ऑटोमेशन
बना सकते हैं वो आपके ऊपर है दैट्ची यूज ले पाते हैं ईमेल मार्केटिंग का आई बिलीव बहुत सारी चीजें विद रिगार्ड्स टू फंडामेंटल्स ऑफ ईमेल मार्केटिंग आपको क्लियर हो गई होंगी अगर कोई बिजनेस ओनर हमसे परफॉर्मेंस मार्केटिंग की या लीड जनरेशन की एसओ की सर्विसेस लेना चाहता है तो हम आपको जो फॉर्म्स है हमारे वो डिस्क्रिप्शन में हम आपको दे देंगे वहां पर फिल कर सक सते हैं आप सो हमारी सेल्स टीम विल गेट इन टच विद यू बेसिक तरीके से हम लोग समझने की कोशिश करेंगे कि एफिलिएट मार्केटिंग क्या है और किस तरीके से
लोग एफिलिएट मार्केटिंग करते हैं और इससे पैसे जो है वो किस तरीके से बनाते हैं सबसे पहले हम लोग बेसिक डेफिनेशन समझने की कोशिश करेंगे कि एफिलिएट मार्केटिंग का मतलब क्या होता है जैसे फॉर एग्जांपल आप ये एक रिमोट देख रहे हो मान के चलता हूं कि मैं इस रिमोट का मैन्युफैक्चरर हूं मेरी एक ऑफिशियल वेबसाइट है मैं आपके पास आता हूं आपके पास मैं इसलिए आया क्योंकि आपके पास एक ऑडियंस का सेट है आपके पास एक ऑडियंस का सोर्स है लेट्स से आपके पास एक youtube1 ब्लॉग है जिसके ऊपर बहुत ज्यादा ट्रैफिक आ रहा
है अब मैं आपके पास आता हूं और मैं आपसे बोलता हूं कि देखो भैया यह मेरे पास एक रिमोट है जिसको मैं ₹10 में जो है वो अपनी ऑफिशियल वेबसाइट से बेचता हूं आप बहुत सारी बातें जो है वो रिमोट बहुत सारी बातें जो है वो एसी रिमोट बहुत सारी बातें जो इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स है उसके अराउंड करते हैं उसी से मिलता-जुलता आपके पास बहुत ज्यादा ट्रैफिक है और अगर यह जो लिंक मैंने आपको प्रोवाइड किया है इस लिंक के थ्रू अगर कोई ट्रैफिक जो आप भेज रहे हो हमारी वेबसाइट के ऊपर अगर वो हमारे प्रोडक्ट
को खरीदता है यह प्रोडक्ट के लिए भी हो सकता है और सर्विस के लिए भी हो सकता है अगर वो हमारे प्रोडक्ट को खरीदता है या हमारी सर्विस को लेता है तो हम कुछ एक्स परसेंटेज ऑफ अमाउंट जो है वो आपको देंगे वो हो सकता है कि इस ₹10 का जो ये रिमोट था इसका 20 पर हो सकता है 30 पर हो सकता है 15 पर हो सकता है डिपेंडिंग ऑन कि उसका अपना जो प्रोडक्ट मार्जिन वगैरह है वो क्या है और वो प्रोडक्ट किस टाइप का उसकी अपनी कॉस्ट वगैरह कितनी आ रही है उसके
हिसाब से ये जो मार्जिन है ये घटता या बढ़ता रहता है और इसको हम लोग बोलते हैं पेआउट राइट तो जो भी आपको अफिट कमीशन जो आपको मिलता है या जब आप किसी भी प्रोडक्ट की या सर्विस की अफिट मार्केटिंग करते हैं और उससे जो आप अर्न करते हैं दैट इज बेसिकली अ काइंड ऑफ कमीशन तो उसको हम लोग एफिलिएट कमीशन जो है वो बोलते हैं और उसी को हम लोग पेआउटस भी बोलते हैं अब ये पेआउटस का जो तरीका है ना ये अलग-अलग इंडस्ट्री में अलग-अलग तरीकों से हो सकता है जैसे फॉर एग्जांपल अगर
आप किसी की कोई ईबुक सेल करने में मदद कर रहे हैं तो हो सकता है वो आपको एक फिक्स्ड अमाउंट दे दे ये भी हो सकता है कि वो आपसे बोले कि देखो भैया जितना आप हमारी वेबसाइट के ऊपर ट्रैफिक भेजोगे ना सेलवेल से मतलब नहीं है जितना भी आप हमारी वेबसाइट के ऊपर ट्रैफिक भेजोगे उसके हिसाब से जो है वो हम आपको पैसा दे देंगे कि अगर आप इतना ट्रैफिक भेज रहे हो तो उसके हिसाब से इतना पैसा या इतने डॉलर्स हम आपको दे देंगे ये चीज इस तरीके से भी हो सकती है कि
फॉर एग्जांपल हमारी वेबसाइट के ऊपर कुछ लोग आए और उन्होंने इंक्वायरी सबमिट करी लीड सबमिट करी तो लीड के हिसाब से हम आपको पैसा दे देंगे या किसी ने सेल करा तो सेल के हिसाब से हम लोग आपको पैसा जो है वो दे देंगे तो ये म्यूचुअल होता है और ये मड मॉडल्स अलग-अलग तरीकों से अलग-अलग जगहों पर जो है वो अप्लाई होते हैं बट जो सबसे कॉमन मॉडल है एफिलिएट मार्केटिंग के अंदर वह यही मॉडल है कि अगर आप किसी के प्रोडक्ट को बिकवा हैं कोई किसी का भी प्रोडक्ट अगर बिक जाता है आपके
लिंक की वजह से उस लिंक को हम टेक्निकल टर्म्स में बोलते हैं रेफरल लिंक ठीक है या फिर उसी को एफिलिएट लिंक जो है वो बोला जाता है जनरली आप लोगों ने भी देखा होगा कि बहुत सारे यूट्यू बर्स के जो डिस्क्रिप्शन का सेक्शन होता है उसके अंदर आप देखते होगे कुछ लिंक्स लगे होते हैं दोर बेसिकली एफिलिएट लिंक्स कुछ लोग उस चीज को मेंशन कर देते हैं कि ये हमारे एफिलिएट लिंक्स हैं कुछ लोग उस चीज को मेंशन नहीं करते हैं कि ये हमारे एफिलिएट लिंक्स नहीं है बट बहुत सारे जो कंटेंट क्रिएटर्स हैं
बहुत सारे ऐसे लोग जिनके पास एक ऑडियंस सेट है एक डिफाइंड ऑडियंस सेट है एक स्पेसिफिक निश को वो लोग टारगेट कर रहे हैं वो बहुत सारी अपनी अर्निंग का जो एक परसेंटेज है वो एफिलिएट मार्केटिंग के थ्रू जरूर अर्न करते हैं अब क्योंकि बहुत सारे लोग एज अ वेंडर एक्ट कर रहे हैं मतलब बहुत सारे लोगों के पास प्रोडक्ट है और हर किसी को अपनी सेल चाहिए और उस सेल का कुछ परसेंटेज किसी को भी देने में कोई प्रॉब्लम नहीं है इसी वजह से एफिलिएट मार्केटिंग आज के टाइम में बहुत ज्यादा पॉपुलर है बट
एक बहुत इंपॉर्टेंट चीज जब लोग यह कहते हैं कि आप एफिलिएट मार्केटिंग से हजारों कमा सकते हैं पर डे के हिसाब से लाखों महीने में आप कमा सकते हैं बिल्कुल सच है बट वो चीज हर किसी के ऊपर एप्लीकेबल नहीं होती इस बात को आप थोड़ा सा समझने की कोशिश करें जैसे फॉर एग्जांपल अगर हमारा एक अगर कोई डिजिटल मार्केटिंग से रिलेटेड प्रोडक्ट है टूल है कोर्स है सर्विस है उसका मैं अगर एफिलिएट करता हूं तो हां हो सकता है कि मेरे इन्फ्लुएंस से लोग जो है उस प्रोडक्ट को या उस सर्विस को ले लें
और उसका मुझे एफिलिएट कमीशन मिल जाए बट एज अ एफिलिएट मार्केटर या एज अ प्रमोटर ऑफ दैट सर्विस और प्रोडक्ट ये मुझे समझना बहुत जरूरी है कि क्या मुझे उस प्रोडक्ट को एडवर्टाइज करना चाहिए या उस प्रोडक्ट को प्रमोट करना चाहिए क्या वो प्रोडक्ट है सही या नहीं है ऐसे ही किसी भी प्रोडक्ट का अगर आप एफिलिएट करना शुरू कर देंगे तो फिर आपको प्रॉब्लम होगी अगर वह प्रोडक्ट अच्छा नहीं है तो फॉर एग्जांपल अगर मेरा कोई कुछ और है आप हाईयर कमीशन के लालच में किसी और टाइप का जो प्रोडक्ट है वो उनको पिच
कर रहे हैं तो वहां पर गड़बड़ी हो जाएगी अगर इसको एज अ बिजनेस लिया जाए एफिलिएट मार्केटिंग को और उसको ठीक तरीके से किया जाए तो उसमें भी अर्निंग के डिफरेंट डिफरेंट सोर्सेस बनते हैं और अच्छी खासी अर्निंग उससे भी करी जा सकती है बट आप इस बात को समझने की कोशिश करें कि एफिलिएट मार्केटिंग की जब मैं बात कर रहा हूं सर एक चीज बहुत इंपॉर्टेंट है इसमें वो है ऑडियंस मतलब सर जब तक किसी के पास पास ऑडियंस नहीं होगी जब तक किसी के पास लोग नहीं होंगे मैं वो लिंक किसको दूंगा मैं
किससे बोलूंगा कि आप जाओ उस वाली वेबसाइट के ऊपर जाओ वो वेबसाइट अच्छी है वो प्रोडक्ट अच्छा है या वो सर्विस अच्छी है और आप वहां से जो है वो ये प्रोडक्ट अगर आप हमारे एफिलिएट लिंक से बाय करेंगे तो आपको तो कुछ एक्स्ट्रा नहीं पे करना पड़ेगा आपको उतना ही अमाउंट देना पड़ेगा बट मुझे कुछ सम ऑफ अमाउंट जो है वो एज अ कमीशन मिल जाएगा रिकमेंडेशन के पॉइंट ऑफ व्यू से तो एक बहुत इंपॉर्टेंट एलिमेंट इस पूरे एफिलिएट मार्केटिंग के इकोसिस्टम में आपको समझ में आ रहा हो होगा दैट इज बेसिकली ऑडियंस चैलेंज
वहां आता है जब आपके पास ऑडियंस नहीं होती है और आपको जो ऑडियंस है वो पेड मीडिया की थ्रू जो है उन प्लेटफॉर्म्स के ऊपर जो है वो सेंड करना होता है तब चैलेंज आता है जैसे फॉर एग्जांपल आप google's की मदद ले रहे हैं आपने अपनी कोई वेबसाइट बनाई कोई आपने लैंडिंग पेज बनाया उस लैंडिंग पेज में आपने अपना एफिलिएट लिंक जो है वो मेंशन किया और आप पेड ट्रैफिक के थ्रू जो है वो आप ट्रैफिक जो है वो अपने लैंडिंग पेज के ऊपर लेकर जा रहे हैं वहां से ट्रैफिक फिर वो एफिलिएट पेज
के ऊपर जा रहा है और फिर वहां पर अगर वो सेल करता है या जो आपका प्रोडक्ट है वो सेल होता है या प्रोडक्ट को खरीदता है तो उस पर्टिकुलर केस में आपको जो कमीशन है वो मिलता है तो आप इस बार कुछ एडिशनल इन्वेस्ट कर रहे हैं एफिलिएट मार्केटिंग के अंदर जस्ट टू बाय दैट ट्रैफिक यहां पर थोड़ी सी प्रॉब्लम आती है क्योंकि जरूरी नहीं है कि जिस जो भी पर्सन जिसको भी आपका ऐड दिखा उसने क्लिक किया और वो जाकर वहां पर ले ले तो यहां पर थोड़े से चांसेस इस ची के भी
हो जाते हैं कि भाई आपको लॉस हो सकता है बट वहां पर जहां पर आपको ऑडियंस की लेवरेज पहले से मिली हुई है ऑलरेडी मिली हुई है वहां पर जो एफिलिएट मार्केटिंग है वहां पर आपके प्लस प्लस के ही चांसेस हैं माइनस माइनस के चांसेस नहीं है अब बिजनेस के पॉइंट ऑफ व्यू से अगर बात करें तो भाई हर किसी के पास कोई ना कोई प्रोडक्ट है हर किसी के पास कोई ना कोई सर्विस है हर कोई चाहता है कि भाई हमारे प्रोडक्ट और सर्विस बिके और उसके प्रति हमें एक छोटा सा अगर कमीशन देना
पड़ रहा है तो कोई बड़ी बात नहीं है तो आप अगर किसी भी वेबसाइट के ऊपर जाएंगे अगर आप amazononline.in एलिएट कमीशन है वो कम मिले तो amazon's होते हैं मोबाइल फोन के उन पे आपको एफिलिएट कमीशन जो है वो कम मिलता है बट बात यही आती है कि ठीक है हमें जो एफिलिएट मार्केटिंग करनी उसके लिए हमारे पास ऑडियंस कहां से आएगी अगर आपके पास ऑडियंस का लेवरेज है तो आप एफिलिएट मार्केटिंग को बहुत अच्छे तरीके से यूज़ कर सकते हैं आई बिलीव आपको मोटी ममो चीजें यह समझ में आ गई होंगी कि एफिलिएट
मार्केटिंग का मतलब क्या होता है और हां एफिलिएट मार्केटिंग एक जेनुइन अर्निंग का सोर्स है ऐसा नहीं कि एफिलिएट मार्केटिंग कोई स्कैम है ऐसा बिल्कुल नहीं है बट कई बार आप गलत प्रोडक्ट की एफिलिएट मार्केटिंग करने लगते हैं या आप अपने पोटेंशियल को नहीं समझते हैं कि भाई मैं क्या इस प्रोडक्ट की एफिलिएट मार्केटिंग कर सकता हूं या नहीं कर सकता हूं आपको बस यह लगता है कि कोई भी प्रोडक्ट उठाया गया और ऑडियंस कहीं पर भी है बस हमें उनको मिला देना है अगर हमने उनको मिला दिया तो हमारा चांस बन जाएगा ऐसे में
क्योंकि जब आप उनको मिलाने की बात करते हैं तो वहां आपको पेड जो ट्रैफिक है उसको खरीदना पड़ता है और वहीं पर जो सबसे बड़ी प्रॉब्लम है वो क्रिएट होती है तो यह है फंडामेंटल्स ऑफ एफिलिएट मार्केटिंग अब लोग अलग-अलग तरीकों से किस तरीके से एफिलिएट मार्केटिंग करते हैं और आज के टाइम में अफिट के पॉइंट ऑफ व्यू से सर स्कोप कौन-कौन से ओपन है जैसे अगर मैं आपको बताना चाहूं अगर आप किसी भी होस्टिंग वेबसाइट के ऊपर जाएं तो जैसे अगर मैं नाम लूं यहां पर जैसे होस्टिंगर है ग डैडी है ये सारी जो
बड़ी-बड़ी ब्रांड्स हैं जैसे से ब्लू होस्ट है ये सारी बड़ी-बड़ी ब्रांड्स अपने एफिलिएट प्रोग्राम्स लेकर आई हुई हैं और खास बात क्या है इनकी जो सर्विसेस होती हैं वो रेकरिंग होती हैं तो आपको यह अच्छा कमीशन जो है वो दे सकते हैं अपने एफिलिएट एसोसिएशन पर अच्छा कमीशन क्यों दे सकते हैं क्योंकि इनकी सर्विस हर पर्सन जो है वो मंथली वाइज या ईयरली वाइज लेता है तो फॉर एग्जांपल कि इनका जो प्रोडक्ट लेट्स से अगर $10 का प्रोडक्ट है तो ये आपको $6 $70 $5 भी दे सकते हैं 50 पर 60 पर 70 पर भी
कमीशन दे दे सकते हैं क्योंकि ये मान लेंगे कि भाई ठीक है कस्टमर को एक्वायर करने की जो कॉस्ट थी वो मैंने पूरी की पूरी दे दी अपने एफिलिएट वाले बंदे को लेकिन अगली बार जब वो रिकरिंग अ जब वो मेरी सर्विसेस लेगा तो उसका पैसा तो हमें किसी को देना नहीं तो वहां से फिर वो प्रॉफिट बनाना जो है वो शुरू करते हैं अगेन इट टोटली डिपेंड्स ऑन कि उनका अपना जो रेवेन्यू मॉडल है वो कैसा उनके अपने मार्जिंस कैसे हैं उसके ऊपर ये डिपेंड करता है कि वो किस टाइप से जो आपको एफिलिएट
कमीशन है वो दे रहे हैं बट जैसे मैंने एक एग्जांपल बताया आपको कि होस्टिंग के जो एफिलिएट ऑप्शन है वो बहुत कॉमन है इसी तरीके से amazonflex.in जो है एफिलिएट बन सकता है आपके ही कोर्स का और दूसरे लोगों को प्रमोट कर सकता है तो जब दूसरे लोगों को वो जो है वोह आपका प्रोडक्ट को प्रमोट करेगा या आपके कोर्स को बेसिकली प्रमोट करेगा तो उसको भी कोर्स से कुछ अर्निंग जो है वो होगी तो इस तरीके से ऑनलाइन कोर्सेस के भी एफिलिएट प्रोग्राम्स है इसी तरीके से लैंडिंग पेज बिल्डर्स के मतलब डिजिटल प्रोडक्ट्स की
अगर मैं बात करूं डिजिटल टूल्स की बात करूं डिजिटल सॉफ्टवेयर्स की बात करूं तो ऑलमोस्ट हर जैसे फॉर एग्जांपल अगर कोई ऑटोमेशन का टूल है अ राइट कोई ईमेल मार्केटिंग का टूल है तो इन सब की अपनी एक रिकरिंग कॉस्ट होती है लेट्स से कोई ईमेल मार्केटिंग का टूल है जिसकी $100 पर मंथ के हिसाब से जो है वो रिकरिंग कॉस्ट आ रही है मैं केवल एग्जांपल ले रहा हूं 25000 सब्सक्राइबर्स के आसपास तो अगर आपके एफिलिएट लिंक से कोई सब्सक्रिप्शन लेता है तो आपको इसका अच्छा खासा जो कमीशन है वो मिलता है बट आपके
लिंक से कोई इस ईमेल मार्केटिंग टूल का सब्सक्रिप्शन क्यों लेगा मान के चलते हैं कि चलिए आप एक ईमेल मार्केटिंग एक्सपर्ट हैं आप इसकी बात कर रहे हैं ईमेल मार्केटिंग एक्सपर्ट है आप इसकी बात करें तो आपके जो अ लिंक है उससे लोग खरीद लेंगे अदर वाइज जब तक आप वैल्यू नहीं प्रोवाइड करेंगे जिस भी ऑडियंस को आप टारगेट कर रहे हैं जब तक आप उसको वैल्यू नहीं प्रोवाइड करेंगे तब तक आपके लिंक से कोई कैसे ही लेगा और तब तक आपको कमीशन कैसे ही बनेगा एक और बहुत इंपॉर्टेंट चीज होती है कि जैसे मैंने
आपको बताया कि यहां पर ये वाले जो सॉफ्टवेयर्स होते हैं या जो सास प्रोडक्ट्स होते हैं जहां पर रिकरिंग जो सर्विसेस होती है वो होती हैं ऐसे में बहुत सारे जगहों पर आप देखोगे कि जो वेंडर्स हैं या जो सात प्रोडक्ट ओनर्स हैं ये आपको उनके रिकरिंग सब्सक्रिप्शन पे भी कमीशन देते हैं जैसे फॉर एग्जांपल पहली बार कस्टमर एक्विजिशन के पॉइंट ऑफ व्यू से उन्होंने आपको 50 पर कमीशन दे दिया उसके बाद अगर उनका कस्टमर जो है वो नेक्स्ट ईयर के लिए रिन्यू करता है तो जितने भी अमाउंट का रिन्यूअल करेगा उसका आपको 20 देंगे
उसके बाद सेकंड ईयर भी अगर कोई रिन्यू करता है तो उसका 10 पर देंगे अगेन ये परसेंटेज वैरी करता है बट इस टाइप का जो क्राइटेरिया है वो हमारे जो बहुत सारे लैंडिंग पेज बिल्डर्स होते हैं या बहुत सारे जो हमारे फनल बिल्डर्स होते हैं बहुत सारे मार्केट में आज के टाइम में आप देखोगे फनल बिल्डर्स वगैरह अवेलेबल है वो सब इस टाइप का जो कमीशन परसेंटेज है उसको वो लोग सेलेक्ट करते हैं सो इस तरीके से आपके पास बहुत सारे जो एफिलिएट ऑप्शन है वो अवेलेबल है आपको अपनी अगर कभी शुरू भी करना है
तो आपको अपनी निश जो है वो पकड़नी है और अपनी निश के अकॉर्डिंग जो अफिट प्रोग्राम्स हैं वो आपको सेलेक्ट करने अब जैसे अफिट मार्केटिंग की पॉपुलर हुई ऐसे में ना एफिलिएट नेटवर्क भी बीच में आ गए अब अभी तक हम लोग क्या समझ रहे थे कि सर एक प्रोडक्ट ओनर है जिसके प्रोडक्ट को बेचना है एक जो है वो अफिट वाला बंदा है जो इस प्रोडक्ट का एफिलिएट करेगा जब प्रोडक्ट बिकेगा की भी कुछ कमाई वग वगैरह होगी जब प्रोडक्ट बिकेगा तो वो भी कुछ अर्न करेगा लेकिन बीच में बहुत सारे ऐसे प्लेटफॉर्म्स आ
गए जिनको हम लोग बोलते हैं अफिट नेटवर्क जैसे उनमें से एक प्लेटफॉर्म है कमीशन जंक्शन ऐसे बहुत सारे जो प्लेटफॉर्म्स हैं एफिलिएट नेटवर्क्स के वो प्लेटफॉर्म्स आज के टाइम में मार्केट में अवेलेबल है अब इन प्लेटफॉर्म्स का क्या काम होता है यह एक तरीके से मेडिएटर की तरीके से एक्ट करते हैं बिटवीन वेंडर्स एंड बिटवीन एफिलिएट्स जैसे फॉर एग्जांपल कि यह वाला जो रिमोट का मैन्युफैक्चर वह चला गया इस वेबसाइट के ऊपर और अपने आप को रजिस्टर कर दिया यह भाई फलां फलां हमारा प्रोडक्ट है इसका यह यह हम आपको चीजें दे रहे हैं देखिए
प्रोडक्ट से रिलेटेड आपको कोई इंफॉर्मेशन चाहिए व ले लीजिए प्रोडक्ट से रिलेटेड कोई वीडियो चाहिए व ले लीजिए आपको हमारे किसी पर्सन से बात करना है उससे बात कर लीजिए और जो आपके अफिट वाले लोग हैं वह भी उसी प्लेटफॉर्म के ऊपर आते हैं और वो वहां पर जो बहुत सारे वेंडर्स लिस्ट होते हैं अपनी निश के अकॉर्डिंग या अपने चॉइस के अकॉर्डिंग वहां पर प्रोडक्ट सेलेक्ट करते हैं और उस प्रोडक्ट का फिर एफिलिएट जो है वो करना शुरू कर देते हैं तो बीच का जो टेक्निकल पार्ट है क्योंकि एफिलिएट मार्केटिंग हो रही है और
कितने लिंक्स के ऊपर क्लिक आए कितना कमीशन बना ये सारी जो चीजें हैं ये जो टेक पार्ट है इसको हैंडल करने के लिए भी तो कोई होना चाहिए या तो भाई यह वाला जो रिमोट वाला पर्सन था ये अपना पूरा एफिलिएट मार्केटिंग का टेक पार्ट हैंडल करें क्योंकि बहुत बत सारे एफिलिएट्स अगर आपसे जुड़े हुए हैं तो एक एफिलिएट का डैशबोर्ड चाहिए ना जिसमें उस एफिलिएट को सारी चीजें दिखाई देंगी तो चलो बड़ी जो वेबसाइट्स है amazonaws.com एफिलिएट रीच भी होती एक नेटवर्क भी होती इसलिए भी जाते हैं कि भाई वहां पर बहुत सारे एफिलिएट्स
ना ऑलरेडी आते हैं वरना अगर वो पर्सन आइसोलेटेड रहे ये पर्सन कहता है ठीक है भैया मैं एफिलिएट नेटवर्क के पास नहीं जाऊंगा मैं अपना खुद का ना एफिलिएट डैशबोर्ड बनाऊंगा सारी चीजें मैं खुद करूंगा हमारे नियम कानून शर्तें सारी अलग होंगी लोग हमारे पास आएंगे एफिलिएट के लिए साइन अप करेंगे और साइन अप करने के बाद हम जो है उनको अप्रूव करेंगे और हम अपने डैशबोर्ड्स के ऊपर उसको डाटा देंगे वहीं से हम लोग कमीशन वगैरह जो है वो प्रोसेस करके उनको सारा देंगे वह बात भी ठीक है बट आप बना सको तब राइट
तो इसके लिए एक और चीज जरूरी है ना कि फिर आपके एफिलिएट प्रोग्राम को प्रमोट कौन करेगा या तो आप पहले से इतने बड़े हो इतने पॉपुलर हो कि आपके पास ऑलरेडी ट्रैफिक आ रहा है वहां पर तो बात ठीक है बट जो नया बंदा है जिसके पास इतना ट्रैफिक नहीं आ रहा है वह तो कहेगा हमको तो भैया मार्केट में जाना है ऐसी मार्केट में जाना है जहां पर मैं सेलर हूं कोई बायर है तो मेरे को मार्केट चाहिए दैट मार्केट इज बेसिकली एफिलिएट नेटवर्क ये सारी चीजों का टेक केयर करती हैं इन बिटवीन
तो बहुत सारे जो एफिलिएट नेटवर्क्स हैं वो इंडिया में आउटसाइड इंडिया बहुत सारे एफिलिएट नेटवर्क्स इस तरीके से मौजूद हैं एफिलिएट का कमीशन जनरली आपको तुरंत नहीं मिलता है उसकी भी कुछ कंडीशंस होती हैं जैसे फॉर एग्जांपल ये वाला प्रोडक्ट आपने सेल किया और इस प्रोडक्ट को सेल करके आपको $ का जो कमीशन है वो अर्न हुआ इसका मतलब ये नहीं है कि वो $ डॉल का कमीशन तुरंत जो है वो आपके खाते में बैंक अकाउंट में आ जाएगा ऐसा नहीं होता है तो कुछ नियम शर्तें होती कि भाई ठीक है मिनिमम ना आपका जब
तक $100 नहीं हो हो जाएगा तब तक कमीशन नहीं होगा आपको जो है वो पेआउट नहीं मिलेगा तो आप अपना करते रहे और जब आपका $100 या $50 अगेन ये डिपेंडिंग ऑन डिफरेंट डिफरेंट कंपनीज डिफरेंट डिफरेंट एफिलिएट नेटवर्क ये होता है कि भाई इतना हो जाएगा और उसके बाद फिर हर 30 दिन बाद आपको जो है वो आपका कमीशन आपकी इस फलां फला बैंक में वो वो सारी चीजें आप पोर्टल में डाल दो उसमें आपका कमीशन जो है वो ट्रांसफर हो जाएगा तो ये भी एक चीज है अच्छा इसमें क्या होता है यहीं पर कुछ
कंफ्यूजन भी लोगों को आते हैं बिकॉज़ अलग-अलग अ एफिलिएट नेटवर्क के अलग-अलग रूल्स एंड रेगुलेशंस होते हैं तो जनरली लोग जो फॉरेन के एफिलिएट नेटवर्क है अगर मैं इंडिया पर्सपेक्टिव से बात करूं तो उनमें ज्यादातर लोग जो है वो काम करना पसंद करते हैं या फिर डायरेक्टली जो अगर कोई ब्रांड का अपना खुद का एफिलिएट का प्लेटफॉर्म है और वहां से सारी चीजें मैनेज हो रही हैं तो वहां पर भी वो प्रेफर करते हैं बट कोई अगर नया प्रोडक्ट लॉन्च हो रहा हो तो जरूरी नहीं है कि वो अपना पूरा अलग से जो एफिलिएट डैशबोर्ड
है या एफिलिएट के रिलेटेड जो टेक की जरूरत है मैनेजमेंट की जरूरत है वो पूरा हैंडल कर पाए तो नहीं कर पाते तो ऐसे में जो अफिट नेटवर्क है इन बिटवीन व अपना जो काम है वह चलाता है और अर्निंग करता है अब हमें मोटी मोटी सारी चीजें समझ में आने लगी हैं कि एफिलिएट मार्केटिंग क्या है एफिलिएट मार्केटिंग कैसे काम करती है कुछ एफिलिएट नेटवर्क्स होते हैं ये एक पूरा इकोसिस्टम है अब बेसिकली अगर हमें एफिलिएट मार्केटिंग करनी है सो हमारे पास क्या ऑप्शंस होते हैं हम लोग जनरली कैसे एफिलिएट मार्केटिंग करते हैं या
बहुत सारे जो दूसरे लोग हैं वो कैसे कर रहे हैं राइट सो जनरली देयर इज वेरी पॉपुलर थिंग व्हिच इज निश स्पेसिफिक एफिलिएट मार्केटिंग बहुत सारे लोग एक ही निश में ऑपरेट करते हैं कि भाई ठीक है हम लोग ना ये सास प्रोडक्ट इस इंडस्ट्री के सास प्रोडक्ट को टारगेट करेंगे तो उसी इंडस्ट्री के सास प्रोडक्ट को टारगेट करेंगे सो कहावत है ना कि रिशज आर इन द निशस तो निशस इंपॉर्टेंट होती है एफिलिएट मार्केटिंग में इट इज वेरी वेरी वेरी इंपॉर्टेंट टू आइडेंटिफिकेशन प्रमोट करना में निश सिलेक्शन आ जाता है देन इनफ्लुएंसर बेस्ड मार्केटिंग
एफिलिएट मार्केटिंग बेसिकली जो मैंने अभी आपको बताई कि फॉर एग्जांपल अगर हमारे 5 लाख 10 लाख 1 लाख सब्सक्राइबर बेस कुछ भी है youtube0 ऑडियंस को कुछ सजेस्ट कर सकते हैं एंड वी कैन डू एफिलिएट मार्केटिंग अराउंड दैट पार्टनरिंग विद इनफ्लुएंसर्स टू प्रमोट प्रोडक्ट्स टू द फॉलोअर्स राइट कंटेंट बेस्ड एफिलिएट मार्केटिंग अगेन अ वेरी वेरी वेरी इंपोर्टेंट थिंग बहुत सारे आपने देखे होंगे आप कुछ सर्च करते हैं लेट्स से आप कंफ्यूज हैं दो चीजों के बीच में आप क्यूज हो कि मेरे को एपी का लैपटॉप लेना है या मेरे को अ डेल का लैपटॉप लेना
है इस तरीके से आप कंफ्यूज तो आप क्या करोगे सर्च करोगे डेल लैपटॉप वर्सेस एपी लैपटॉप इस टाइप से आप चीजों को सर्च करो आप देखोगे कि आपको एक ब्लॉग दिख रहा है जब आप ब्लॉग को प्रॉपर्ली रीड करते हो तो बड़ी वैल्युएबल इंफॉर्मेशन भी आपको वहां पर मिलती है वहां पर प्रॉपर जो है वो स्पेसिफिकेशंस मिलती है प्रॉपर डिफरेंस मिलते हैं आपको भी लगता है मेरे को वलब चीज मिल रही है और नीचे ही जाकर आप देखते हो कि वहां पर भी वो अपना एक ऑप्शन दे देते हैं कि देखो भैया ये एपी लैपटॉप
को बाय करने का लिंक है ये जो है है वो डेल लैपटॉप को बाय करने का लिंक है जो भी आपको लैपटॉप समझ में आया मेरे डिफरेंशिएबल पटॉप आप खरीद सकते हो अगर कोई भी पर्सन उस लिंक से खरीदता है तो उसको जो कमीशन है वो मिल जाता है एफिलिएट मार्केटिंग में एक और चीज आती है कि कुकी बेस चीजें होती है जैसे फॉर एग्जांपल आप लिंक पे क्लिक करते हैं उसमें एक यूआरएल बेस्ड ट्रैकिंग होती है जिसके थ्रू पोर्टल को पता रहता है कि भाई इस लिंक के ऊपर कितने क्लिक्स आए आपका जो एफिलिएट
लिंक है उसके ऊपर कितने क्लिक्स आए हुए हैं तो आपके एफिलिएट लिंक के ऊपर फॉर एग्जांपल एक क्लिक आया और वो पर्सन जो है वह अ वेबसाइट के ऊपर जाता है बट परचेज नहीं करता एक दिन के बाद जाकर परचेज करता है तो वह चीज़ भी आपको एटिबल हो जाती है वह सेल भी आपको एटिबल जाती है दैट इज़ टोटली डिपेंडेंट ऑन द कुकी बेस्ड सिस्टम तो इस पर्सपेक्टिव से कि कुकी का जो लाइफ स्पैन है वह उस पर्टिकुलर लिंक के लिए कितना है उसके बेसिस पर कि हो सकता है 7 दिन का हो सकता
है 30 दिन का उसके ऊपर डिपेंड करता है कि आपका कमीशन कब तक का जो है वह एट्रिल होगा आई बिलीव यह चीज़ भी समझ में आ गई होगी सो ब्लॉग वीडियोस पॉडकास्ट इन सब के थ्रू इवन आज के टाइम में तो रील्स बहुत सारी चल रही है रील्स के थ्रू जो है वो एफिलिएट लिंक्स जो है वो प्रमोट किए जाते हैं अब जैसे एक बहुत ही अच्छा मैं आपको एग्जांपल बता सकता हूं कि एफिलिएट मार्केटिंग करने का लेट्स से आपका कोई instagram2 से रिलेटेड पोस्ट वगैरह डाल रहा है तो आप क्या कर सकते हैं
आप कुछ टाइम के बाद जो है वो अगर आपकी फॉलोइंग अच्छी है तो आप कुछ बुक्स को जो मोटिवेशनल बुक्स होती हैं कुछ अच्छे राइटर्स की जो बुक्स हैं उनको आप रिकमेंड कर सकते हैं उनके आप लिंक्स लगा सकते हैं उनके लिंक आप बायो में अपनी जो है वो लगा सकते हैं वहां से लोग अगर खरीदेंगे बिकॉज़ व्हेन यू आर प्रोड्यूस कंटेंट अराउंड मोटिवेशन ऑन बहुत सारे हेल्थ रिलेटेड जो प्रोडक्ट्स हैं वो आपको देखने को मिलेंगे अब हेल्थ रिलेटेड प्रोडक्ट्स में कमीशन तो बहुत होता है बट वो प्रोडक्ट्स आप इस तरीके से भी मान के
चलें कि वो प्रोडक्ट इस तरीके से भी है कि हो सकता है कि वो प्रोडक्ट बहुत ज्यादा वैल्युएबल ना हो और वैसे भी हेल्थ वगैरह के प्रोडक्ट्स को मतलब ये मेरा अपना पर्सनल ओपिनियन है अलग लोगों का अलग ओपिनियन हो सकता है हम लोग क्योंकि अगर आप डॉक्टर हैं तब तो ठीक है किसी को हेल्थ प्रोडक्ट सजेस्ट करें या फिर वो प्रोडक्ट इतना पावरफुल हो इतना सही हो उसके रिव्यूज अच्छे हो तब आप किसी को सजेस्ट करें अदर वाइज बिना मतलब अगर आप किसी प्रोडक्ट को ऐसे ही क्योंकि उसपे कमीशन ज्यादा है और हेल्थ रिलेटेड
प्रोडक्ट है उसको आप सजेस्ट कर दे रहे हो दैट इज नॉट अ गुड थिंग अगर आप स्पेशलाइज्ड नहीं हो तो आप ऐसी ही निशस को अगर आप उस फील्ड में स्पेशलाइज्ड है देन इट्स इट्स एब्सलूट फाइन उसमें कोई दिक्कत की बात नहीं है अगर आप स्पेशलाइज्ड हैं एंड यू आर द ऑथराइज्ड पर्सन आप डॉक्टर हैं कोई जो चीजों को समझते हैं उसकी देन इट्स फाइन अगर आप वो नहीं है तो फिर वो चीजें आप अवॉइड करें द पॉइंट इज कि जिस चीज में आप स्पेशलाइज्ड है उसी चीज इस को करें क्योंकि अगर आपने गड़बड़ चीजें
करनी शुरू कर दी ना तो आप बहुत ही जल्दी जो है ना आपको लगेगा थोड़ा बहुत तो आप एफिलिएट से कुछ छोटा-मोटा आप अर्न कर सकते हो बट आपकी जो क्रेडिबिलिटी है वो बहुत ही ज्यादा हैपर होती है तो ये छोटी-छोटी चीजें हैं इनका आपको ध्यान रखना है अच्छा एक और बहुत ही पॉपुलर तरीका है एफिलिएट मार्केटिंग को करने का दैट इज बेसिकली ईमेल लिस्ट को बिल्ड करने का अब जैसे फॉर एग्जांपल मैं आपको कोई google's की चेकलिस्ट दूं और वो चेकलिस्ट हो फ्री और उस चेकलिस्ट को जब आप डाउनलोड कर करने जाओ तो मैं
आपसे ईमेल ले लूं तो इस चीज को कैप्चर करने के लिए बनाने के लिए एफिलिएट इस टाइप के एफिलिएट फनल बनाने के लिए बहुत सारे आज के टाइम में मार्केट में टूल्स अवेलेबल है या सिंपल वर्डप्रेस के ऊपर भी बन जाएगी तो जब मैं आपको google's की चेकलिस्ट फ्री में दे रहा हूं या ऐड चलाकर भी मैं आपको google's की चेकलिस्ट दे रहा हूं तो आपको चेकलिस्ट डाउनलोड करने के लिए अपना जो ईमेल है उसको मेंशन करने की जरूरत है जैसे ही आप अपना ईमेल जो है उस चेकलिस्ट को डाउनलोड करने के लिए मेंशन करोगे
वो ईमेल हमारे पास आ जाएगा और हमारे ईमेल रिस्पांडर या हमारे ईमेल मार्केटिंग टूल के अंदर जो है है वो आ जाएगा एक टैग लगकर एक लेबल लगकर कि ये फला बंदे ने तो आई नो एगजैक्टली हु आर द पीपल जिन्होंने google's वाले हैं और google's में इंटरेस्ट रखते हैं इसीलिए चेकलिस्ट डाउनलोड की थी इसीलिए मेरा google's का जो कंटेंट था जो नर्चरिंग के लिए थाय जो वैल्युएबल कंटेंट था वो ये कंज्यूम कर रहे थे अब मैं कोई एक फेक क्लिक आइडेंटिफिकेशन दिस इज अगेन अ वे ऑफ डूइंग दैट बट किसी भी तरीके में आप
ऐसा आपको नहीं लगेगा कि आपको ऑडियंस की जरूरत नहीं है हर तरीके में आपको ऑडियंस की जरूरत होती है आई बिलीव ये चीज समझ में आ गई आप कूपन कोड बेस्ड एफिलिएट मार्क बहुत सारी जगहों पर देखा होगा आपने कि बहुत सारे लोग इस तरीके से भी करते हैं कि ठीक है भाई मेरे लिंक से बाय कर लो और ये फला फला कूपन भी यूज़ कर लो इससे आपको 10 पर का एडिशनल डिस्काउंट मिल जाएगा ये कंपनीज इसलिए करती हैं क्योंकि अगर किसी का इन्फ्लुएंस अच्छा है और उसकी ऑडियंस को कैप्चर करना है तो कुछ
एडिशनल एडवांटेज देना होगा कंपैरिजन साइट जैसे फॉर एग्जांपल कोई पर्सन कंफ्यूज है कि उसे ओ जनरल की एसी लेनी चाहिए उसको एलजी की एसी लेनी चाहिए तो एक कंपैरिजन का ब्लॉक बना दिया वेबसाइट बना दी वहां करते हैं बहुत सारे लोग ना निश स्पेसिफिक अपना ब्लॉग ही बना देते हैं जैसे फॉर एग्जांपल अगर मुझे youtube4 वो ये इस तरीके की ग्रीन स्क्रीन होती है इसको इस तरीके से हटाया जाता है और उसके बाद मैं बताऊं अगर आपको ग्रीन स्क्रीन लेनी है तो उसके ये तरीके होते हैं ये चीजें आप ध्यान रखिएगा ऐसे आपको ग्रीन स्क्रीन
लेनी है उसके नीचे अगर मैं ग्रीन स्क्रीन का लिंक लगा दूं तो जाहिर सी बात है कि लोग जो है ग्रीन स्क्रीन अगर मेरे लिंक से खरीदेंगे जो amazonbusiness.in करी जा सकती है बहुत ही कॉमन है ये तो आपने अक्सर नहीं है कि कोई फायदा ही नहीं होगा होगा बट भाई ठीक है आप एक एडिशनल पैसा खर्च कर रहे हैं ऑडियंस को लाने के लिए तो जो आपका एफिलिएट कमीशन है वो डेफिनेटली वो कुछ माइनस होने वाला है और वहां पर हमेशा यह भी रहता है कि अगर आपको डिजायर्ड कन्वर्जन रेट नहीं मिला तो दिक्कत
भी हो जाएगी तो दैट्ची बट इफ समवन इज टेलिंग यू द राइट वे टू बिल्ड द ऑडियंस एंड देन डू द एफिलिएट मार्केटिंग दैट इज द फाइन थिंग राइट अब जैसे मैं मैंने ब्लॉक की बात करी बोलोगे सर ब्लॉग में तो एफिलिएट मार्केटिंग होती है बट ब्लॉग में तो कोई ऐसा नहीं होता कि हमें ऑडियंस नहीं बिल्ड करनी होती है एसओ करते हैं ना हम लोग ऑडियंस को हम लेकर आते हैं ना वेबसाइट के ऊपर सो आइर यू हैव द सोर्स ऑफ ऑडियंस आइर यू हैव द सोर्स ऑफ ऑडियंस और यू हैव लाइक ऑडियंस हो
आपके पास जैसे youtube3 वीडियो है ये बिल्कुल बेसिक है बातचीत की भाषा में मैंने समझाने की कोशिश करी है कि एफिलिएट मार्केटिंग क्या है टेक्निकल एस्पेक्ट से देखा जाए तो बहुत सारी चीजें निकल के आती हैं जैसे फॉर एग्जांपल बहुत सारे एफिलिएट नेटवर्क पे हो सकता है आप जो है वो अप्लाई ही ना कर पाएं एज एन एफिलिएट कुछ प्रॉब्लम्स क्रिएट हो जाए बहुत सारी टेक्निकल चीजें होती हैं कई बार बहुत सारे लोगों का जैसे फॉर एग्जांपल एफिलिएट नेटवर्क के ऊपर काम कर रहे हैं और उन्होंने काम किया लेट्स से ट्रैफिक के बेसिस पे अब
सामने वाला कह रहा है कि भैया ट्रैफिक आया ही नहीं या ट्रैफिक कम आया यह ये ट्रैफिक की क्वालिटी नहीं थी तो ऐसे वेरिएबल चीजों के अराउंड जब आप एफिलिएट मार्केटिंग करते हैं तो एक वहां पर हमेशा ना एक डिस्प्यूट का भी ऑप्शन जो है वो खुला रहता है वरना अगर हम सेल की बात करें तो सेल तो मतलब सेल हो गया ना इसीलिए जो सेल वाली एफिलिएट मार्केटिंग होती कि भाई हम आपके इस प्रोडक्ट को बिकवा जाएंगे ठीक है और इस पे जो भी होगा कमीशन वो एक्स वाईजी जो भी अमाउंट होगा वो हम
उतना परसेंटेज लेंगे तो अब सेल से तो कोई नहीं मुक सकता ना सेल हुई है तो हुई है बट लीड आई है तो ये सामने वाला कह सकता है कि भैया लीड तो 5000 आई बट उससे बिजनेस कुछ नहीं बना तो हम आप को इतना कमीशन मतलब डिस्प्यूट के एक ऑप्शंस तो खुली ही गए ना वहां पर क्योंकि वहां पर चीजें फिक्स्ड नहीं आई बिलीव बहुत सारी चीजें क्लियर हुई होंगी आपको ऐसा डिफरेंस जिसके बारे में बहुत सारे लोगों को नहीं पता है दैट इज एसएमओ और एसएमएम इन दोनों में क्या फर्क है इसको समझने
की कोशिश करेंगे हम लोग आज के इस पर्टिकुलर वीडियो के अंदर तो गाइस एसएमओ और एसएमएम की अगर बेसिक डिफरेंसेस की बात करी जाए तो बहुत सारे लोग ये समझते हैं कि एसएमओ यानी कि सोशल मीडिया ऑप्टिमाइजेशन का मतलब ये होता है कि जब भी हम हमारे सोशल मीडिया पेजेस के ऊपर ऑर्गेनिक वर्क करते हैं और केवल ऑर्गेनिक वर्क करते हैं तो उसको हम लोग सोशल मीडिया ऑप्टिमाइजेशन बोलते हैं और जब कभी भी हम लोग केवल पेड वर्क करते हैं केवल एड्स रन करते हैं सोशल मीडिया पेजेस के थ्रू लेट्स से हैं वो सारे के
सारे पेड ही होंगे ऑर्गेनिक टास्क के थ्रू भी आप सोशल मीडिया मार्केटिंग करते हैं वो ऑर्गेनिक मार्केटिंग हो गई बट इसका मतलब ये नहीं है कि सोशल मीडिया ऑप्टिमाइजेशन का मतलब होता है सारे के सारे ऑर्गेनिक टास्क और सोशल मीडिया मार्केटिंग का मतलब होता है सारे के सारे पेड टास्क ऐसा बिल्कुल नहीं है सोशल मीडिया मार्केटिंग में दोनों चीजें आती हैं हां बट ऑप्टिमाइजेशन की अगर हम बात करें तो केवल उसके अंदर ऑर्गेनिक टास्क ही आते हैं अब सोशल मीडिया ऑप्टिमाइजेशन में क्या होता है यहां पर जितने भी आपके एफर्ट्स होते हैं जितने भी टास्क
होते हैं जो भी आप काम करते हैं उसका जो मेन फोकस होता है ना वो ब्रांड बिल्ड बिल्डिंग के ऊपर होता है आपका हर टास्क इस चीज के लिए अलाइन होता है कि आपकी ब्रांड जो है वो बिल्ड हो सके क्या-क्या एक्टिविटीज होती है अगर हम थोड़ा से स्पेसिफिक होकर समझना चाहे तो एसएमओ फोकस ऑन ऑप्टिमाइजेशन ऑफ प्रोफाइल या फिर पेजेस जैसे फॉर एग्जांपल आपका कोई हमारी प्राइमरी सेटिंग्स हैं वो सारी होनी चाहिए जो भी प्राइमरी इंफॉर्मेशन पेज के ऊपर होनी चाहिए जैसे फोन नंबर है ईमेल है एड्रेस है ये सारी इंफॉर्मेशन वेबसाइट है ये
अगर होनी चाहिए तो इन सभी चीजों को अगर आप सही जगह पर सही तरीके से मेंशन कर रहे हैं दैट इज बेसिकली ऑप्टिमाइजेशन ऑफ योर प्रोफाइल या फिर पेजेस यही मैंने लिखा हुआ है प्रॉपर इमेज कवर इमेज क्लियर मैसेज फ्रॉम प्रोफाइल कोई आपकी प्रोफाइल के ऊपर आता है तो उसको क्लीयरली समझ में आना चाहिए कि प्रोफाइल किस पर्पस के लिए बनाई गई है आपके जो कॉल टू एक्शन बटंस वगैरह होते हैं वो काफी स्पेसिफिक होने चाहिए जिस भी टाइप का आप कॉल टू एक्शन डिफाइन करना चाहते हैं जिस भी चीज के लिए आपने वो प्रोफाइल
बनाई हुई है वो स्पेसिफिक सामने वाले विजिटर को समझ में आना चाहिए कि आखिर ये प्रोफाइल किस चीज के लिए है दिस इज द बेसिक पर्पस ऑफ सोशल मीडिया ऑप्टिमाइजेशन वहीं सोशल मीडिया ऑप्टिमाइजेशन के अंदर हम लोग एबी टेस्टिंग वगैरह भी करते हैं कि आप अपने कवर इमेज को चेंज कर रहे हैं कभी-कभी प्रोफाइल इमेज को चेंज कर रहे हैं तो ये सारी टास्क जब आप करते हैं दीज ऑल टास्क कम्स अंडर द सोशल मीडिया ऑप्टिमाइजेशन अगर मैं मार्केटिंग की बात करूं जैसे मैंने आपको बताया मार्केटिंग के अंदर दोनों ही चीजें होती हैं ऑर्गेनिक भी
होता है और पेड भी होता है जैसे कंटेंट की स् स्टेजी बनाना कंटेंट गैलेंडर बनाना कब कौन सा कंटेंट जाएगा किस तरीके से हमें हमारे जो कंटेंट की थीम है उसको मेंटेन रखना है एक जो कंटेंट जाएगा उसके लिए किन-किन चीजों की हमें जरूरत पड़ेगी जैसे कंटेंट में हमें पोस्ट की जरूरत पड़ेगी राइट पोस्ट की जरूरत पड़ सकती है हमें हमें इमेज की जरूरत पड़ सकती है हमें कैप्शन एक चाहिए होगा हमें जो है वो हैशटैग रिसर्च जो है वो सारी चीजें करनी है ये सारी जो चीजें आप करते हैं ये सारी आपकी कंटेंट स्ट्रेटजी
कंटेंट बनाने में कंटेंट कैलेंडर को क्राफ्ट करने में सारी चीजें जो है वो आपकी यूज होती है ये सारीज हमारी आती है सोशल मीडिया मार्केटिंग के अंदर एंड देन उसके बाद उसका डिस्ट्रीब्यूशन अब अगेन डिस्ट्रीब्यूशन भी दो तरीकों से हो सकता है या तो आप नॉर्मली उस पेज के ऊपर जो है अपनी पोस्ट कर देते हैं और क्योंकि आपने हैशटैग वगैरह ठीक तरीके से डाले होते हैं पोस्ट का जो मैसेज है वो काफी क्लियर होता है तो बेसिकली आपका जो पर्पस होता है वो यही होता है कि इसको ऑर्गेनिक ज्यादा से ज्यादा रीच मिले उसके
बाद आप उसकी एनालिटिक आप देखते हैं और एनालिटिक्स के बेसिस प फर्द जो नेक्स्ट आप पोस्ट की प्लानिंग करते हैं उन्हीं के अकॉर्डिंग करते हैं तो ये सारी जो आप एक्टिविटीज कर रहे हैं दीज ऑल एक्टिविटीज कम्स अंडर सोशल मीडिया मार्केटिंग आप सोशल प्लेटफॉर्म्स के ऊपर आप मार्केटिंग ही तो कर रहे हैं भले वो ऑर्गेनिक हो बट मार्केटिंग तो है ही है भाई अगर हम एसईओ कर रहे हैं तो एसईओ का मतलब ये थोड़ी ना कि हम मार्केटिंग नहीं कर रहे हैं मार्केटिंग तो हम कर ही रहे हैं ना बट वो ऑर्गेनिक तरीके से है
राइट अब जब भी हम बात करते हैं सोशल मीडिया मार्केटिंग की जहां भी शब्द मार्केटिंग आ जाता है उसको इवेलुएट करने के लिए उसको जस्टिफाई करने के लिए उसको क्वांटिटेशन टर्म्स में मेजर करने के लिए आपके अराउंड कुछ केपीआर होती है भले अगर आप ऑर्गेनिक भी कर रहे हैं तो वहां पर जो आपकी केपीआर से होंगी मुझे कितने रीच मिली मुझे कितने इंप्रेशंस हुए मुझे कितने शेयर्स मिले मुझे कितने लाइक्स मिले यह सारी आपकी जो केपीआर वह हो सकती है अगर आप पेड कैंपस रन कर रहे हैं वहां पर जो आपकी केपीआर सी स्पेसिफिक हो
सकती है जैसे आपको कितनी परचेसेस आई हुई है आपको कितनी लीड्स आई हुई कितने लैंडिंग पेज व्यूज आपके हुए हैं या कितनी आपकी फाइल डाउनलोड्स हुई या कितने आपका कोई अगर लीड मैग्नेट आप प्रमोट कर रहे हैं तो लीड मैग्नेट कितना आपका डाउनलोड हुआ ये सारे जो डिफरेंट डिफरेंट केपीआर ये जनरली पेड के सिनेरियो में रहते हैं तो आपको डिफरेंस बहुत ना क्लियर पता होना चाहिए कि एसएमओ के अंदर और एसएमएम के अंदर क्या डिफरेंस है जब आप एसएमएम करते हैं ना तो आपको अच्छी खासी स्किल्स जो है वो आनी चाहिए जैसे आपको पेड कैंपस
डिफरेंट डिफरेंट प्लेटफॉर्म्स के अक्रॉस रन करने आने चाहिए मटा के अक्रॉस linked-list में जरूरत होती है पर जब स्पेसिफिक मार्केटिंग करते हैं तो यहां पर आपको कुछ स्किल्स की जरूरत पड़ेगी जैसे आप देख सकते हैं कैलेंडर वगैरह बनाने के पॉइंट ऑफ व्यू से इसी तरीके से पेड ऐड के अक्रॉस आपको जो है वो स्किल्स की जरूरत पड़ेंगी राइट इसी तरीके से सोशल मीडिया मार्केटिंग के अंदर इन्फ्लुएंस कलेब शंस वगैरह भी आते हैं अब इनकी भी केपीआरएस के थ्रू हम कितने डाउनलोड्स वगैरह करवाना चाह रहे हैं कितनी लीड्स जो है वो जनरेट करना चाह रहे हैं
तो ये बेसिक डिफरेंस होता है सोशल मीडिया ऑप्टिमाइजेशन के अंदर और सोशल मीडिया मार्केटिंग के अंदर अगर मैं सर्विस के पॉइंट ऑफ व्यू से करूं अगर कोई बिजनेस ओनर इसको देख रहा है और उसे जो है सोशल मीडिया मार्केटिंग की सर्विसेस लेनी है तो बेसिकली सोशल मीडिया मार्केटिंग के अंदर ही ना सोशल मीडिया ऑप्टिमाइजेशन आ जाता है बिना सोशल मीडिया ऑप्टिमाइजेशन की है कोई सोशल मीडिया मार्केटिंग थोड़ी ना करने लगेगा तो सोशल मीडिया ऑप्टिमाइजेशन इज वेरी नेसेसरी इट्स बेसिकली द फाउंडेशन ऑफ योर सोशल मीडिया मार्केटिंग अप्रोच राइट तो आई बिलीव बहुत सारी चीजें आप लोगों
को क्लियर हो गई होंगी मेजर्ली जो डिफरेंस बहुत सारे लोगों को लगता है वो क्लियर हो गया होगा कि यह दोनों चीजें क्या है और इनमें किस टाइप से एक्टिविटीज जो है वो करी जाती है [संगीत] हम लोग बात करने वाले हैं अबाउट ओ आरएम दैट इज ऑनलाइन रेपुटेशन मैनेजमेंट तो बेसिक से समझने की कोशिश करेंगे कि ओ आरएम की डेफिनेशन क्या है इसके अंदर कौन-कौन से डिफरेंट कंपोनेंट्स होते हैं क्या डिफरेंट स्ट्रेटजी को यूज किया जाता है ओ आरएम के अंदर और जो ओ आरएम सर्विसेस देने वाली बहुत सारी एजेंसीज या कंपनीज है वो
किस टाइप के टूल्स का इस्तेमाल करती है अगर आपको ओ आरएम करना है तो किस टाइप के टूल्स का आप इस्तेमाल कर सकते हैं गाइस आज के टाइम में ओ आरएम की सर्विस इतनी ज्यादा पॉपुलर इसलिए है क्योंकि हर किसी को ना जब भी कोई प्रोडक्ट या सर्विस लेना होता है उससे पहले वो बहुत सारे ओपिनियन लेता है और ऑपिनियंस का एक्सेस भी ना आज के टाइम में बहुत ही इजी हो गया जैसे फॉर एग्जांपल अगर आपको कोई सर्विस चाहिए आप है कि किसी भी ब्रांड या किसी भी कंपनी से अगर वह कोई सर्विस या
प्रोडक्ट लेना चाहे तो बड़ी आसानी से उसके बारे में उस उन लोगों को ऑनलाइन जो है वो चीजें पता चल जाती हैं तो एज अ बिजनेस ओनर एज अ ब्रांड पर्सन आप किस तरीके से अपनी ब्रांड को अपनी कंपनी को ऑनलाइन मैनेज करें सो दैट उसकी जो रेपुटेशन है वो पॉजिटिव बनी रहे इसी को हम लोग कहते हैं ऑनलाइन रेपुटेशन मैनेजमेंट अब ये पूरी एक प्रोसेस है इसके अराउंड बहुत सारी एजेंसीज मतलब बहुत सारी तो ऐसी स्पेसिफिक एजेंसीज है जो केवल आरएम के ऊपर ही काम करती हैं तो अगर मैं बेसिक एक लाइन की डेफिनेशन
की बात करूं तो इट्स अ प्रोसेस ऑफ मॉनिटरिंग एंड इंप्रूविंग द वे अ ब्रांड और कंपनी अपीयर्स ऑनलाइन अब देख रहे हैं आप दो चीजें हैं इसमें मॉनिटर भी करना है प्रॉपर्ली कि भाई हमारी ब्रांड का जो मेंशन है वो कहां पर हुआ इंटरनेट के ऊपर कौन हमारी ब्रांड के बारे में कहां पर रिव्यूज डाल रहा है किस टाइप्स की पोस्ट हो रही कोई हमारे ब्रांड को लेकर कोई ब्लॉग लिख रहा है क्या अपना ओपिनियन लिख रहा है क्या इस टाइप से आपको उसको मॉनिटर करना है और उसके बाद आपको मेक श्योर करना है कि
ओवरऑल जो आपकी ब्रांड की ऑनलाइन प्रेजेंस है वो पॉजिटिव ही ही रहे अब इसके अंदर कौन-कौन से कंपोनेंट्स इवॉल्व होते हैं तो तीन मेजर कंपोनेंट्स है एक तो मॉनिटर करना चीजों को दूसरा उसके अकॉर्डिंग रिस्पॉन्ड करना और तीसरा कंटेंट क्रिएशन बिकॉज़ जब भी आप ऑनलाइन अपनी ब्रांड को मैनेज करते हैं उसका ओ आरएमके लिए बहुत सारे आपको कंटेंट जो है वो क्रिएट करने पड़ेंगे जैसे बहुत सारी पीआर एक्टिविटीज करनी पड़ेंगी youtube0 होती हैं तो अगर मैं मैं बात करूं ओ आरएम मेजर्ली इन तीन चीजों में डिवाइडेड है इसीलिए थोड़ा सा कॉम्प्लेक्टेड करने वाली कंपनीज हैं
एजेंसीज हैं उनकी सर्विस लेनी पड़ती है अगर मैं मॉनिटरिंग की बात करूं तो मॉनिटरिंग का मतलब है कि सोशल मीडिया पर आपके ब्रांड के अराउंड लोग क्या पोस्ट कर रहे हैं सर्च इंजंस में अगर कोई आपके ब्रांड नाम डालता है तो किस टाइप का जो रिस्पांस है वो आ रहा है जैसे मैं यहां पर आता हूं राइट और यहां पर आने के बाद मैं एक ब्रांड का नेम डालता हूं लेट्स से पेज आ रहा है सोशल मीडिया मॉनिटरिंग फिर सर्च इंजंस की मैंने बात बताई रिव्यू साइट्स हैं आज के टाइम में बहुत सारी रिव्यू साइट्स
हैं बहुत सारे लोकल बिजनेसेस जो हैं वो लोकल डायरेक्टरीज के ऊपर लिस्टेड होते हैं वहां पर भी लोग बहुत सारे रिव्यूज डालते हैं तो इस टाइप से जितनी भी रिव्यूज वेबसाइट्स हैं जहां पर आपका ब्रांड का प्रेजेंस है वहां पर आपको किस टाइप का रिस्पांस देखने को मिल रहा है उसको मॉनिटर करना रेगुलरली बेसिस पर मॉनिटर करना जो है वह मॉनिटरिंग वाले फेज के अंदर आता है बड़ी ही इंटरेस्टिंग चीज आज के टाइम में बहुत सारे मार्केट में टूल्स ऐसे अवेलेबल हैं जो आपके सोशल मीडिया प्लेट फॉर्म से जो आपके ये रिव्यूज वाली वेबसाइट हैं
उनसे वो डायरेक्टली कनेक्ट हो जाते हैं और जब भी कोई पॉजिटिव या नेगेटिव रिव्यू या कोई भी चीज अगर उन प्लेटफॉर्म्स के ऊपर या उन वेबसाइट्स के ऊपर आती है तो उन टूल्स के अंदर आपको पता चल जाता है साथ ही साथ ये भी पता चल जाता है कि वो जो कमेंट आया हुआ है वो किस इंटेंट का या कोई रिव्यू आया हुआ है तो वो किस इंटेंट का है और आपको किस तरीके से उसको कंसीडरेशन में लेना है किस तरीके से उसपे फीडबैक आपको देना है तो ये सारी चीजें एक जगह सेंट्रलाइज्ड हो जाती
है इस मायने में बहुत सारे टूल्स जो है वो मार्केट में अवेलेबल हैं फाइन तो ये हो हमारी मॉनिटरिंग की बात उसके बाद अगर हम बात करें रिस्पॉन्ड की सो आपके पास बहुत सारे जो रिस्पांसस हैं रिव्यूज वगैरह वो आते हैं या तो पॉजिटिव फीडबैक होगा या नेगेटिव होगा उसके अकॉर्डिंग जो है फिर वो फर्द आप उसके ऊपर रिप्लाई करते हैं देन कंटेंट क्रिएशन जैसे ब्लॉग्स के थ्रू आप ओ आरएम करते हैं सोशल मीडिया पोस्ट के थ्रू प्रेस रिलीजस के थ्रू अब प्रेस रिलीजस से रिलेटेड या पब्लिक रिलेशंस मेंटेन करने की भी प्रॉपर ना एजेंसीज
जो है वो मार्केट में अवेलेबल है सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स का भी बहुत सारे लोग यूज़ करते हैं अपनी ब्रांड इमेज को और ज्यादा एनहांस करने के लिए बेसिकली अपने ओ आरएम को और ज्यादा ज्यादा स्ट्रेंथ करने के लिए ब्रांडिंग का यूज करते हैं सो ये सारे कंटेंट क्रिएशन के अंदर आ जाते हैं जब आप अपना ओआरएमएसबीवाई तैयार होके हम लोग काम कर रहे हैं बट रिएक्टिव का मतलब ये होता है कि जब आपके पास कोई रिव्यूज आने शुरू होते हैं जैसे कोई नेगेटिव रिव्यू आया है तब आप एक्शन में आते हो कि हां भाई इसका
हमें रिस्पांस करना है ऐसा नहीं है आप पहले से ही ना ये सारी चीजें पीआर वगैरह जो है य करके रखे ताकि पहले से ही ना आपकी जो पॉजिटिव इमेज है वो हो फाइन इसके अलावा अगर मैं टूल्स की बात करूं तो जैसे एक google's टूल यूज होता है इसका काम होता है कि आपकी ब्रांड का कहीं पर अगर मेंशन हो रहा है ना आपकी ब्रांड का नाम लेट से एक्स वाईजी है और वो कहीं भी मेंशन करी जा रही है तो आपको ना एक अलर्ट आ जाए कि आपका जो ब्रांड है वो यहां पर
मेंशन करी गई है ताकि मैनुअली जाकर आप वहां पर चेक कर सकते हैं कि किस तरीके से ब्रांड आपकी यहां पर मेंशन करी गई है पॉजिटिव वे में या नेगेटिव वे में और ऐसा भी होता है कि कई बार आपको नेगेटिव रिव्यूज मिल जाते हैं आपको टेंशन नहीं लेनी है अगर नेगेटिव रिव्यू है तो आप उसमें अगर कुछ सुधार कर सकते हैं तो वो भी आप कर सकते हैं जैसे फॉर एग्जांपल किसी ने कोई फीडबैक दे दिया नेगेटिव बट कई बार ऐसा भी होता है कि अगर आप उनसे बात करें और उनकी प्रॉब्लम को रिजॉल्व
करें तो वो जो नेगेटिव रिव्यू है वो भी वो लोग रिमूव कर देते हैं बट नेगेटिव रिव्यूज के पॉइंट ऑफ व्यू से ये इंपॉर्टेंट है कि आप एक्शन जरूर लें आप इग्नोर मत करें जैसे किसी ने नेगेटिव रिव्यू कर दिया आप और भी ज्यादा उसमें अग्रेसिव हो जाएं ये एक बेहतर चीज नहीं नहीं है फाइन और अगर कोई कंपीटीटर वगैरह जो है वो नेगेटिव रिव्यू कर रहा है तो आप नीचे प्रॉपर्ली मेंशन कर दें कि भाई ये वाला जो रिव्यू है ये हमारा किसी कस्टमर का रिव्यू नहीं है हमने अपना डेटाबेस वगैरह चेक कर लिया
आप चेक कर लें डेटाबेस वगैरह चेक कर लिया और वहां पर हमें किसी भी टाइप का ये कस्टमर नहीं मिला हुआ है इसका मतलब ये वाला जो रिव्यू है ये किसी कॉम्पीर एक्टिविटी का रिव्यू है और इन केस अगर किसी ने जेनुइन किया हुआ है तो वो इस नंबर पे कॉल करके कंफर्म कर सकता है फाइन इसी तरीके से ट सूट भी जो है वो एक टूल है वो एज अ सोशल लिसनिंग टूल यूज़ होता है जैसे मैंने बताया ना बहुत सारे आपके जो डिफरेंट डिफरेंट अकाउंट्स है सोशल मीडिया के अकाउंट्स वगैरह उनके साथ ये
कनेक्ट हो जाते हैं टूल्स और उनके ऊपर किस टाइप से जो पोस्ट हो रही है किस टाइप से अ जो लोग है उसके ऊपर रिस्पांस कर रहे हैं उसके अकॉर्डिंग आपको बहुत सारी जो एनालिटिक्स है सजेशंस है वो ये सारी चीजें ये टूल्स आपको प्रोवाइड करके दे देते हैं सिमिलर वे में एक टूल है जो मेंशन है वो भी मॉनिटर करता है और समझने की कोशिश करता है जो आप डिफरेंट डिफरेंट अपनी पोस्ट करते हैं डिफरेंट डिफरेंट सोशल मीडिया अकाउंट्स के ऊपर तो इस टाइप के बहुत सारे टूल्स हैं अभी जैसे अगर मैं बात करूं
बहुत सारे टूल जो है वो मार्केट में अवेलेबल हैं जो आपके google-my और यह सारी चीजें या बहुत सारे ब्रांड मेंशंस ये सारी चीजें अगर होती रहती हैं उनके ब्रांड को लेकर उनकी वेबसाइट को लेकर तब वो ओ आरएम को कंसीडर करते हैं अगर मैं बहुत ही छोटे बिजनेस ओनर्स की बात करूं तो कुछ बेसिक अपनी प्रोफाइल्स वगैरह बना ली [संगीत] google-my क्या है किस तरीके से काम करती है कौन-कौन से एलिमेंट्स इवॉल्व होते हैं ड्रॉप शिपिंग के अंदर कौन-कौन चीजें इवॉल्व होती है ड्रॉप शिपिंग के अंदर यह सारी चीजों की बात करेंगे हम लोग
बट उससे ज्यादा इंपॉर्टेंट है इस चीज को समझना कि आखिर ड्रॉप शिपिंग में क्या चैलेंज आते हैं क्योंकि बहुत सारे लोग आधी अधूरी नॉलेज लेकर ड्रॉप शिपिंग शुरू कर देते हैं बट उन्हें पता नहीं होता है कि आगे आने वाले टाइम में उनके सामने क्या चैलेंजेबल तो हमें ये समझना है कि ड्रॉप शिपिंग मॉडल का मतलब क्या होता है या ड्रॉप शिपिंग का क्या मतलब होता है देखिए इसके अंदर मेजर्ली तीन चीजें जो है वो इवॉल्व होती हैं एक रिटेलर हो गया रिटेलर को आप ये समझे ड्रॉप शिपर है या यह आप हो जिसके पास
एक ड्रॉप शिपिंग का स्टोर है अब ड्रॉप शिपिंग का जब मैं स्टोर की बात कर रहा हूं तो यहां मैं बात कर रहा हूं एक ड्रॉप शिपिंग के ऑनलाइन स्टोर के बारे में राइट जैसे आपने अपना एक वेबसाइट जो है वो बना के रखी हुई है जनरली यहां पर जो ड्रॉप शिपिंग स्टोर्स बनते हैं वो शफाई वेबसाइट्स पर बनते हैं ये भी मैं यहीं पर क्लियर कर देता हूं आपको राइट सो जो ये हमारे रिटेलर्स हैं दीज आर बेसिकली वो लोग जिनके पास अपना एक ड्रॉपशिपिंग स्टोर है यानी कि एक वेबसाइट है उसके बाद हमारे
पास होते हैं सप्लायर्स या फिर होते हैं हमारे पास वेंडर्स ये कौन है जिनके पास बहुत सारे जो प्रोडक्ट्स हैं वो होते हैं अब ये डिफरेंट डिफरेंट कंपनीज हो सकती हैं ये इस टाइप की भी कंपनीज होती हैं जो चाइना से प्रोडक्ट्स को जो है वो इंपोर्ट करके लाती हैं इंडिया के अंदर और इंडिया में इनके पास बहुत बड़े-बड़े जो है वो वेयर हाउसेस है बड़ी कंपनीज होती हैं वो और इंडिया में ही बहुत बड़े-बड़े वेयर हाउसेस हैं जो चाइना से ये लोग प्रोडक्ट्स लेकर आते हैं उनको यहां पर ये स्टोर करते हैं और उसके
बाद ये सारे प्रोडक्ट्स जो है वो रिटेलर के बेसिस पर ये शिप करते हैं जब भी कोई रिटेलर जो है वो कोई ऑर्डर ले लेकर आता है एक तो ये चीज हो गई दूसरी चीज ये है कि बहुत सारी ऐसी वेबसाइट्स हैं जो बड़े-बड़े सप्लायर्स की तरीके से एक्ट करती हैं वहां पर भी बहुत सारे जो प्रोडक्ट्स हैं वो लिस्टेड रहते हैं और आप उन वेबसाइट्स के ऊपर जाकर वहां से भी जो डिफरेंट डिफरेंट प्रोडक्ट्स हैं उनको आप वहां से भी सेलेक्ट कर सकते हैं और उन प्रोडक्ट्स की भी आप ड्रॉप शिपिंग कर सकते हैं
तो यहां पर सप्लायर होता है जो बेसिकली आपके बिहाव पे प्रोडक्ट्स को सप्लाई करेगा कस्टमर को अब ये है वो कस्टमर ये है वो एंड यूजर जो बेसिकली आपकी वेबसाइट के ऊपर या आपके ड्रॉपशिपिंग स्टोर के ऊपर आकर ऑर्डर जो है वह देता है तो यह कस्टमर है आप डिफरेंट डिफरेंट जुगाड़ लगाकर डिफरेंट डिफरेंट सोर्सेस ऑफ ट्रैफिक को यूज़ करके चाहे वह आपके पेड एड्स हो सकते हैं अब यहां पर जो सोर्सेस यूज़ होते हैं वो पेड ड जनरली यूज़ होते हैं आसानी से बन जाता है आज के टाइम में शफाई वगैरह के ऊपर आप
लोग बड़ी आसानी से इसको बना लेते हैं अब यहां पर आप क्या करते हैं कि जो सप्लायर्स है डिफरेंट डिफरेंट प्रोडक्ट्स आपको मिले उन प्रोडक्ट्स को आप यहां पर जो है वो लिस्ट करा देते हैं जब भी ये कस्टमर जो है वो आपकी वेबसाइट के ऊपर आता है और यहां पर जो है वो आर्डर प्लेस करता है लेट्स से कोई एक प्रोडक्ट है जिसकी कीमत $ है यहां पर आपने उसको $ लर में सप्लायर से खरीदा हुआ था बट जब आप लिस्ट करते हैं इसको तो आप यहां पर उसको लिस्ट करेंगे कुछ प्राइस बढ़ाकर जैसे
आपने $ में उसको लिस्ट कर दिया यहां पर अब कस्टमर जो है वो यहां पर आता है आपके प्रोडक्ट को देखता है अब उसको लगता है यह $2 का प्रोडक्ट है ठीक है अच्छी बात है वो आपकी वेबसाइट से जो है वो आर्डर कर देता है आपको क्या करना है आपका जो $ डॉलर का प्रोडक्ट जो आपने सप्लायर से खरीदा था वो आप पैसे सप्लायर को ट्रांसफर कर देते हैं और सप्लायर से ही बोलते हैं कि देखो भैया मेरे पास ये एक ऑर्डर आया हुआ है एक कस्टमर का ऑर्डर आया हुआ है ये रही कस्टमर
की डिटेल्स क्योंकि उसने आपकी वेबसाइट के ऊपर जो है वो ऑर्डर प्लेस किया ना तो कस्टमर की डिटेल्स आप आगे सप्लायर को फॉरवर्ड कर देते हो और सप्लायर जो है वो उस कस्टमर के एड्रेस के ऊपर शिप कर देता है आपके प्रोडक्ट को अब ये मॉडल देखने में तो बहुत जबरदस्त लग रहा है कि भैया इसमें तो कुछ करने की जरूरत ही नहीं है कोई इन्वेस्टमेंट ही नहीं है जहां पर ज्यादा से ज्यादा इन्वेस्टमेंट है वो क्या है वो एड्स है भाई ट्रैफिक लाने के लिए हमें थोड़ा बहुत जो है वो इन्वेस्ट करना पड़ेगा बाकी
हमारे पास ना इन्वेस्टमेंट कुछ करना ही नहीं है ना प्रोडक्ट्स खरीदना है ना वेयर हाउस का हेडेक लेना है ना इन्वेंटरी की हेडेक लेना है कोई हेडेक नहीं है बस एक जो है वो स्टोर बनाना है तो दिक्कत क्या है चलो ट्राई करके देख लेते हैं चल गया तो बहुत अच्छी बात है नहीं चला तो कोई दिक्कत की बात नहीं है इसी माइंडसेट के साथ बहुत सारे लोग जो है वो ड्रॉप शिपिंग को स्टार्ट कर देते हैं बट एक्चुअली चैलेंजेबल चैलेंजेबल है यहां पर भी चैलेंज है यहां पर भी चैलेंज है यहां पर भी चैलेंज
है और यहां पर भी चैलेंज है हर जगह पर चैलेंज है अब इसको थोड़ा सा ध्यान से समझने की कोशिश करते हैं सबसे पहला पॉइंट ये सबसे बड़ा जो चैलेंज है दैट इज बेसिकली ट्रैफिक अब ट्रैफिक अपने स्टोर के ऊपर कैसे लेकर आएंगे भाई शफाई स्टोर बनाना कोई बड़ी बात नहीं आपने बना दिया परट ट्रैफिक कैसे लेकर आएंगे और हाई क्वालिटी ट्रैफिक कैसे लेकर आएंगे और ऐसा ट्रैफिक कैसे लेकर आएंगे जो कन्वर्ट हो क्योंकि आपके प्रोडक्ट में उतनी ज्यादा मार्जिन नहीं है क्योंकि यह कस्टमर ना अब स्मार्ट हो गया है यह आपकी वेबसाइट के ऊपर
जाएगा प्रोडक्ट देखेगा और उसके बाद जो है वो दूसरी वेबसाइट्स के ऊपर भी जाएगा वहां भी कंपेयर करेगा तो आप जैसे बहुत सारे ड्रॉपशिपर्स हैं आप जैसे बहुत सारी वेबसाइट्स हैं जो उसी टाइप का प्रोडक्ट बेच रही होंगी तो प्रॉब्लम होगी तो हो सकता है कि बहुत सारा ट्रैफिक आपकी वेबसाइट के ऊपर आए बट कन्वर्ट ना हो अगर वो ट्रैफिक कन्वर्ट नहीं हो रहा है तो आप दिन पर दिन हर घंटे आप माइनस में जा रहे हैं क्योंकि यहां पर आप ऐड स्पेंड कर रहे हैं बहुत सारे लोग क्या करते हैं कि वो जो प्रोडक्ट्स
जो यहां से उनको सप्लायर से प्रोडक्ट्स मिलते हैं उनको अपनी वेबसाइट के ऊपर नहीं लिस्ट करते हैं वो कोई देखा जाए बट स्ट्रिक्टली ज्यादातर केसेस में जो ड्रॉप शिपिंग है वो वेबसाइट के पॉइंट ऑफ व्यू से टर्म जो है वो यूज किया जाता है तो एक तो चैलेंज आपके पास आया ट्रैफिक का और ट्रैफिक की कॉस्ट भी ना दिन पर दिन बढ़ती जा रही है जैसे facebook's ऑफ एक्विजिशन महंगी होती जा रही है नाना तो प्रोडक्ट के प्राइस के ऊपर आपका कंट्रोल है ना तो प्रोडक्ट की क्वालिटी के ऊपर आपका कंट्रोल है ना मैन्युफैक्चरिंग के
ऊपर है ना सप्लाई चेन के ऊपर है किसी चीज के ऊपर तो आपका कंट्रोल है नहीं जिससे कि उसको बैलेंस आप कर सको भाई कोई प्रोडक्ट की या किसी भी चीज की अगर कॉस्ट बढ़ती जसे फॉर एग्जांपल मैं ये पेन आगे से खरीद के ला रहा हूं फाइन अब इसको बेचने में पहले मुझे ₹1 खर्च करने पड़ रहे थे अब इसको बेचने में मेरे को ₹ खर्च करने पड़ रहे हैं तो मैं क्या करूंगा कि अगर मेरे पास इसकी प्राइसिंग का कंट्रोल है तो मैं इसके प्राइस बढ़ा दूंगा पहले मैं इसको ₹10 में बेच रहा
था अब मैं ₹1 में बेचने लगूंगा ताकि मेरे जो मार्जिंस है वो इंटैक्ट रहे ऐसा ना हो कि मेरे मार्जिंस जो है वो खत्म हो जाए तो वो सारा कंट्रोल ना होने की वजह से ये जो ट्रैफिक की कॉस्ट है ना ये आपको कभी-कभी भारी पड़ जाती है ठीक है दूसरा जो चैलेंज है जो आप यहां पर देख सकते हो दैट इज बेसिकली सप्लाई चेन का इशू कोई कंट्रोल नहीं है सप्लायर दो दिन में शिप करेगा ती दिन में शिप करेगा चार दिन में शिप करेगा आपके पास कोई कंट्रोल नहीं है आपके पास क्योंकि आपके
पास इन्वेंटरी नहीं है ना इसलिए आपके पास कोई कंट्रोल है नहीं कई बार क्या वो हो सकता है आउट ऑफ स्टॉक हो जाए क्योंकि ऐसा होता है कि कोई प्रोडक्ट जो है वो बहुत ज्यादा मार्केट में चल रहा है और वो बहुत ज्यादा जो है वो बिक रहा है ऐसे में क्या होता है कि सप्लायर के पास भी कभी-कभी वो प्रोडक्ट अवेलेबल नहीं होता होता है अगर वो प्रोडक्ट अवेलेबल नहीं होगा तो टाइम पे आप कस्टमर को शिपमेंट प्रोवाइड नहीं कर पाएंगे कस्टमर को टाइम पे चीज मिलेगी नहीं तो वहां प्रॉब्लम क्रिएट होगी बात समझ
में आई कि क्या प्रॉब्लम क्रिएट होती है सप्लाई चेन का कोई कंट्रोल आपके पास नहीं होता है क्वालिटी का कोई कंट्रोल नहीं आपके पास होता है भाई आपके तक तो प्रोडक्ट आया ही नहीं ना सप्लायर से सीधे चला गया कस्टमर के पास तो अगर वो प्रोडक्ट ठीक-ठाक नहीं है तो कस्टमर जो है वो सेटिस्फाई नहीं होगा फिर रिटर्न होगा और रिटर्न मैनेज करना ड्रॉप शिपिंग के अंदर बहुत ही एक हेडेक का काम है तो रिटर्न्स वगैरह होंगे उससे आपकी रेपुटेशन भी डाउन होगी और वैसे भी जब आप ड्रॉप शिपिंग करते हो तो बहुत ज्यादा आपके
पास जो है वो रिटर्निंग कस्टमर नहीं होते क्योंकि आपकी एस सच कोई ब्रांड वगैरह नहीं बनती है बस ठीक है किसी को आपका प्रोडक्ट पसंद आया एक ऐड देखा उसने उस प्रोडक्ट को ऑर्डर कर दिया वहां तक तो बात ठीक है बट एज सच आपकी ब्रांडिंग नहीं बनती एज सच ऐसा नहीं होता है कि वो कस्टमर अगली बार फिर आएगा कि नहीं बड़ा शानदार प्रोडक्ट था चलो भाई उसी वेबसाइट से खरीदते हो रेगुलरली वो आप ही की वेबसाइट से खरीद रहा है तो जितने भी ई-कॉमर्स बिजनेसेस होते हैं जितने भी डी टूसी बिजनेसेस होते हैं
वहां पर ना जो रिटर्निंग कस्टमर है या जो रेवेन्यू रिटर्निंग कस्टमर्स बनता है जो एवरेज ऑर्डर वैल्यू जो हमारी धीरे-धीरे बढ़ती चली जाती है वो सारी चीजें बहुत ज्यादा मायने रखती है जो सारे के सारे कांसेप्ट ऑलमोस्ट फेल हो जाते हैं ड्रॉप शिपिंग के केस में क्वालिटी कंट्रोल नहीं है प्राइसिंग का मैंने आपको बताया प्राइसिंग का कोई कंट्रोल नहीं है लेट्स से आप आपको अपने मार्जिंस बढ़ाने हैं क्योंकि आपके एक्सपेंसेस बढ़ रहे हैं आपकी ऐड कॉस्ट बढ़ रही है तो आपको अपने मार्जिंस बढ़ाने हैं तो उसके केस में जनरली हम लोग क्या करते हैं जब
बहुत सारी ब्रांड्स के साथ काम कर रहे होते हैं तो कई बार उनकी प्राइसिंग को रिवैंप कर देते हैं एक बार फिर से उसके ऊपर बैठते हैं मेहनत करते हैं और प्राइसिंग को इंक्रीज और डिक्रीज करना है अगर हमें डिक्रीज तो नहीं करना होता है इंक्रीज ही करना होता है तो इंक्रीज कर देते हैं आपकी कोई ब्रांड नहीं बिल्ड हो रही होती है कोई कस्टमर सर्विस आपके एंड से प्रोवाइड नहीं हो रही होती और कंपटीशन बहुत तेजी से इस फील्ड के अंदर बढ़ रहा है तो जब आप यह वाला डायग्राम देखते हो ना तो आपको
लगता है चीजें बड़ी आसान है चीजें बहुत बेहतर हैं बट ऐसा नहीं है इस फील्ड में ही बहुत सारे डिफरेंट चैलेंजेबल तरीके से जो ड्रॉप शिपिंग है वो कर पाएंगे गाइज जब हम टूल है और जब हम एनालिटिक्स की बात करते हैं तो देखिए एनालिटिक्स एक बहुत ही वाइड टर्म है ऐसा नहीं है कि एनालिटिक्स शब्द का इस्तेमाल जो है वो केवल डिजिटल मार्केटिंग के ही पॉइंट ऑफ़ व्यू से किया जाता है जब भी आपको कुछ डेटा के अराउंड एनालिसिस करनी होती है दैट इज बेसिकली कॉल्ड एज एनालिटिक्स सीधा सा मतलब ये है पर जब
हम डिजिटल मार्केटिंग के रेफरेंस में बात करते हैं तो हमें पता है वहां पर जो हमारे लिए सबसे एक इंपॉर्टेंट चीज होती है वो हमारी वेबसाइट होती है हमारा जो वेब प्रेजेंस है वो होता है तो जब कभी भी आप वेबसाइट के अराउंड जो यूजर का बिहेवियर है उसको आप स्टडी करना चाहते हैं कि जो यूजर्स हमारी वेबसाइट पर आ रहे हैं वो किस तरीके का जो है वो बिहेवियर कर रहे हैं किन पेजेस के ऊपर जा रहे हैं किन सिटीज से आ रहे हैं जो लोग आ रहे हैं उनके डेमोग्राफिक्स क्या है किन डिफरेंट
डिफरेंट पेजेस के ऊपर जा रहे हैं कितनी देर रुक रहे हैं किन डिवाइसेज से आ रहे हैं ऐसी बहुत सारी इंसाइट्स जब आप स्टडी करना चाहते हैं उसकी एनालिसिस करना चाहते हैं तो इस फील्ड को बेसिकली वेब एनालिटिक्स कहा जाता है और वेब एनालिटिक्स करने के लिए या वेब एनालिटिक्स के लिए बहुत सारे डिफरेंट डिफरेंट मार्केट में टूल्स जो हैं वो अवेलेबल है बट क्योंकि जो लोग हैं वोह google's हैं उनके ऊपर इन्वेस्ट करते हैं तो एक बात तो क्लियर हो गई कि एनालिटिक्स इज नॉट इक्वल टू वेब एनालिटिक्स वेब एनालिटिक्स एक अलग चीज है
और वेब और ऐप की एनालिटिक्स को स्टडी करने के लिए हम लोग google3 उसका हम लोग इस्तेमाल करते हैं g4 के ऊपर टेक्निकल एक कंप्लीट सीरीज मैंने ऑलरेडी बनाकर रखी हुई इस चैनल के ऊपर टेक्निकल पॉइंट ऑफ व्यू से अगर आपको समझना है तो वो वाली सीरीज जो है वो आप फॉलो कर सकते हैं तो google-my 4 के ऊपर आपको अपना एक अकाउंट जो है वो बनाना होता है और वहां पर आपको एक कोड मिलता है और उस कोड को आपको अपनी वेबसाइट के ऊपर लगाना होता है जिस से आपकी जो वेबसाइट है और जो
सिफिक टाइम पीरियड के अंदर आए हुए हैं कितने कन्वर्जंस हुए कितने इवेंट्स हुए ये सारी चीजें आपको यहां पर पता चलती है हां वो बात एक अलग है कि आपको इवेंट्स जो होते हैं जो कन्वर्जंस आपको होते हैं उनको आपको डिफाइन करना पड़ता है जैसे किसी ने हमारे पेज को 50 पर स्क्रॉल किया वो एक इवेंट हो सकता है बट उसको आपको डिफाइन करना पड़ता है बट अगेन वो फिर एक टेक्निकल पार्ट हो जाता है इसी तरीके से कोई अगर आपकी वेबसाइट के ऊपर से कोई फॉर्म फिल करता है या कोई पीडीएफ आपने अपनी वेबसाइट
के ऊपर डाल रखी है उसको आपने डिफाइन कर रखा है कि ये मेरे लिए कन्वर्जन है तो उसको आपको यहां सेट करना पड़े देगा google2 पर आप देख सकते हैं कन्वर्जेंस के आपको ऑप्शन दिख रहे हैं और यहां से आप अपने जो कन्वर्जंस है वो आप बनाते हैं कई बार आप जीटीएम का भी सहारा लेते हैं g4 के अंदर कन्वर्जंस को बनाने के लिए तो बेसिकली जो कोड की मैं बात कर रहा था वो आपको यहां पर डटा स्ट्रीम्स के अंदर देखने को मिलेगा जैसे डटा स्ट्रीम्स में अगर आप जाएंगे सो यहां पर जब आप
व्यू टैग इंस्ट्रक्शंस के ऊपर जाएंगे और यहां पर जाएंगे आप अगर आपको नॉर्मल टैग चाहिए राइट सो यहां पर आप देख सकते हैं यह वह आपका टैग होता है जिसको हम लोग जी टैग बोलते हैं ये वाला टैग आप लेते हो और आप अपनी वेबसाइट के हेड सेक्शन में लगा देते हैं अब डिपेंडिंग ऑन कि वेबसाइट किस टाइप की है अगर कस्टम कोडेड वेबसाइट है आपके पास डेवलपर है तो आप डेवलपर को दे देते हैं अगर कोई एजेंसी आपके काम को मैनेज कर रही होती तो वो सारा काम वो एजेंसी जो है वो करके दे
देती तो ये वाला टैग आपकी वेबसाइट के ऊपर लग जाता है जिससे कि अगर आपकी वेबसाइट के ऊपर आता है तो उसकी जो इंफॉर्मेशन है वो आपको यहां पर अपने g4 के अंदर दिखाई देगी राइट जैसे मैं अगर होम सेक्शन पे जाऊं तो यहां पर आप देख सकते हो कि अब अभी अगर कोई लाइव यूजर भी पिछले 30 मिनट्स के अंदर आएगा तो यहां पर आपको पता चलेगा ये हमारी डमी वेबसाइट है तो मैं इसके ऊपर जाकर आपको दिखाता हूं जैसे अगर हम लोग यहां पर इस वेबसाइट के ऊपर आएंगे तो थोड़ी देर में अगर
आप देखेंगे यहां पर तो आपको दिखने लगेगा कि भाई यहां पर अभी जो है वो लाइव यूजर लास्ट 30 मिनट्स के पॉइंट ऑफ व्यू से एक यूजर अभी आपको दिखने लगेगा और यूजर कहां से आ रहा है किस लोकेशन से आ रहा है वो भी तो लाइव डाटा भी आपको थोड़ी सी देखने को यहां पर मिल जाती है और लाइव डाटा के साथ-साथ जो लोग आ चुके हैं ऑलरेडी वो भी दिख जाएंगे अब मैं यहां पर आता हूं रिपोर्ट्स वाले में और रिपोर्ट स्नैपशॉट में अगर आप देखो तो आपको दिख रहा है यूजर्स इन द
लास्ट 30 मिनट वन यूजर है कहां से आया हुआ है इंडिया से ये आपको दिख रहा है राइट तो इस टाइप से बेसिक इंफॉर्मेशन आपको मिल जाती है यहां पर रियल टाइम में अगर आप जाओगे तो भी यही इंफॉर्मेशन मिलेगी कि एगजैक्टली जो है वो यूजर कहां से आया हुआ है किस लोकेशन से आया तो इस टाइप की जो यूजर बे जो एनालिसिस होती है वेबसाइट के ऊपर उसको करने के लिए आपके पास g4 का जो ऑप्शन है वह आपके पास अवेलेबल है अब अगर जैसे आपको लगता है कि मेरे को थोड़ा सा g4 एक्सप्लोर
करना है मेरे पास वेबसाइट वगैरह है नहीं तो आप google3 का डेमो अकाउंट टाइप करिए इस टाइप से आप यहां पर आ जाएंगे और यहां पर आपके पास देखिए g4 में भी अलग-अलग चीजें होती हैं जैसे यह वाला जो g4 है ये एक ऐप और वेब डाटा के लिए यह वाला जो g4 है वो एक मर्चेंडाइज स्टोर स्टोर का एक google3 को जो है उसको स्टडी करना शुरू करें अगर सीखना चाह रहे हैं तो तो यहां पर जब आप क्लिक करेंगे तो आप यहां पर रीडायरेक्ट हो जाएंगे ठीक है और जो जिस भी आईडी से
होंगे जैसे जो भी मेरी gmail-id टेक कोई ऐप है उसकी एनालिटिक्स है यहां पर ये क्या है ये वेब का है ये google3 यूनिवर्सल एट्रिक्स है यूनिवर्सल एट्रिक्स से हमें मतलब नहीं है हम वेब वाले पे आ जाते हैं तो जब आप वेब वाले के ऊपर आएंगे तो आप देखेंगे कि वेबसाइट की जो एनालिसिस है वो आपको यहां पर दिखाई देगी जैसे आप देख सकते हो कितने सारे यूजर्स आए पिछले सेवन डेज में कितने इवेंट्स काउंट हुए कितने कन्वर्जंस हुए कितने नए यूजर्स आए पिछले 30 मिनट्स में कितने यूजर्स आए किन जगहों से यूजर्स आ
रहे हैं ये सारी की सारी इंफॉर्मेशन आपको दिखाई देगी कितने सेशंस कहां से बन रहे हैं किन सोर्सेस से बन रहे हैं किन कंट्री से यूजर्स आ रहे हैं किस टाइप के पेजेस के ऊपर जा रहे हैं ये सारी इंफॉर्मेशन आपको मिल जाती है ये तो थोड़ा सा चलिए एक ओवरव्यू टाइप का हो गया बट अगर आपको और डिटेल में इंफॉर्मेशन चाहिए तो google3 को लाइफ साइकिल में डिवाइड करके रखता है कि यूजर कहां से एक्वायर हुआ दैट इज बेसिकली एक्विजिशन यूजर क्या कर रहा है वो इंगेजमेंट में पता चलता है कि कन्वर्जेंस कर रहा
है कि इवेंट्स कर रहा है किन पेजेस के ऊपर जा रहा है वो इंगेजमेंट पता चलता है क्या बिहेवियर कर रहा है वेबसाइट या ऐप के ऊपर कुछ परचेसेस वगैरह कर रहा है तो मोनेटाइजेशन में पता चलता है और वापस वगैरह आ रहा है या नहीं आ रहा रिटेन आप कर पा रहे हो वो रिटेंशन के अंदर पता चलता है तो ये सारी जो बेसिक सी एनालिसिस है वो आपको g4 की मदद से मिल जाती तो बस यही काम है g4 का और इट इज रिकमेंडेटरी आपकी जो वेबसाइट है व बन जाए आपका जो जी
4 है वो वहां पर इंटीग्रेट हो जाए आना चाहिए आपकी वेबसाइट के ऊपर इंटीग्रेट होना चाहिए फ्रॉम डे वन सो दैट डे वन से ही जो इंफॉर्मेशन है वो आपके पास आने लगे अगर मैं दूसरे जो आज के टाइम में अल्टरनेटिव्स हैं उनकी अगर मैं बात करूं तो आप देख सकते हैं जैसे एडोब एनालिटिक्स बहुत महंगा है एडोब एनालिटिक्स इज वन अल्टरनेटिव पिविक इज अनदर क्लिक भी एक है मामो है एक मिक्स पैनल जो है वो एक है बट इनमें से जो सॉल्यूशंस है वो पेड हैं तो इसलिए लोग इन अल्टरनेटिव्स की तरफ जाते नहीं
अंट्स साइट से कुछ मोनेटाइजेशन का एस्पेक्ट ना जुड़ा हो कुछ अर्न कर रहे होंगे तो वहां स्पेंड करने में भी कोई दिक्कत नहीं है मोटे-मोटे अगर मैं बेनिफिट्स की बात करूं तो आपको कंप्लीट एनालिसिस हो जाती है कि किन डिवाइसेज से यूजर्स आ रहे हैं उनकी डेमोग्राफिक्स क्या है आप यूजर के एक्सपीरियंस को और ज्यादा एनहांस कर सकते हैं उनके बिहेवियर को एनालाइज करके आप जो है वो मार्केटिंग कैंपस को अपने और ज्यादा ऑप्टिमाइज कर सकते हैं अलाइन कर सकते आपको पता है ना यूजर हमारी वेबसाइट के ऊपर क्या कर रहा है तो उसके हिसाब
से आप अपने जो मार्केटिंग कैंपेन है मार्केटिंग एफर्ट्स है उनको और बेहतर कर सकते हैं और आप अपनी ऑडिएंसेस को और अच्छे से समझ सकते हैं और नई ऑडिएंसेस भी बना सकते हैं अब इस चीज इसके लिए जीए 4 का बहुत ज्यादा यूज होता है तो ऑडिएंसेस के लिए जैसे अगर आप एडमिन वाले सेक्शन में आएंगे और ऑडिएंसेस वाले सेक्शन में जाएंगे तो यू कैन क्रिएट ऑडियंस जैसे मैं गया और मैंने कहा कि मेरे को उन लोगों की ऑडियंस बनानी है कोई भी कंडीशन आप ले सकते हो जिन्होंने कोई इवेंट किया हो लेट्स से जिन्होंने
यहां पर कोई भी अगर मैं इवेंट मान लू लीड फॉर्म सबमिट एजेक्स किया हो तो ये वाली पिछले 30 दिनों में ये वाले यूजर्स की हम लोग को ऑडियंस बनानी है नाउ वंस वी हैव क्रिएटेड्रॉअर्नेविगेटर करना चाहते हैं कि यह वाली स्पेसिफिक ऑडियंस किस तरीके से इंटरेक्ट कर रही है हमारे वेबसाइट से या यह वाली स्पेसिफिक ऑडियंस का क्या बिहेवियर है हमारी वेबसाइट के ऊपर तो हम समझ जाएंगे कि जो लोग कन्वर्टर्स हैं मान लिया इन लोगों ने लीड फॉर्म सबमिट किया तो जो लोग लीड फॉर्म सबमिट करते हैं उनका इन जनरल बिहेवियर हमारी वेबसाइट
के ऊपर किस तरीके का रहता है तो ये सारी एनालिसिस हमें यहां से मिलती है ये जो हम लोग ने ऑडियंस बनाई हुई है इसी ऑडियंस को अगर हम दोबारा री मार्केट करना चाहे या google2 को और लेते हैं और g4 से भी ऑडिएंसेस हम लोग google's के अंदर भेज सकते हैं और फिर उन लोगों को जो है वो अपना ऐड दिखा सकते हैं तो ये सारी चीजें हम लोग g4 की मदद से करते हैं फाइन तो जिन लोगों के पास भी डेमो अकाउंट का एक्सेस ना हो इस तरीके से आसानी से डेमो अकाउंट्स का
एक्सेस ले लीजिएगा और जो लोग बिजनेस ओनर्स हैं उनकी वेबसाइट वगैरह चल रही है और अगर g4 इंस्टॉल नहीं है तो तुरंत तत्काल प्रभाव से g4 को इंस्टॉल कर दें जिससे कि बहुत सारी एनालिसिस जो है वो आपको होने लगेगी वरना आपको समझ में ही नहीं आएगा कितने यूजर्स आ रहे हैं कितने यूजर्स नहीं आ रहे आप को क्लेरिटी एक तरीके से नहीं होगी तो इट इज वेरी इंपॉर्टेंट टू अंडरस्टैंड द बिहेवियर ऑफ यूजर्स ऑन योर वेबसाइट अंडर द हेड वेब एनालिटिक्स तो आई बिलीव बहुत सारी चीज आप लोगों को क्लियर हो गई होगी और
जो टेक्निकल इंप्लीमेंटेशन है कि g4 को कैसे कनेक्ट करना है वो मैं इसमें नहीं बता रहा हूं क्योंकि उसके ऑलरेडी मैंने वीडियो बना रखे हैं तो मैं उसके थंबनेल्स वगैरह दे दूंगा [संगीत] google's अक्सर आपने सुना होगा कि हमें डिजिटल मार्केटिंग में ऑटोमेशन सेटअप करवाने या डिजिटल मार्केटिंग सर्विसेस के अंदर बहुत सारे लोग ऑटोमेशंस की सर्विसेस भी ऑफर करते हैं तो आज इसी चीज को हम लोग समझने की कोशिश करेंगे कि आखिर डिजिटल मार्केटिंग में डिजिटल मार्केटिंग ऑटोमेशंस के पॉइंट ऑफ व्यू से क्या-क्या सिनेरियो बनते हैं तो गाइज बहुत ही फंडामेंटल वे में समझने की
कोशिश करेंगे हम लोग देखिए जब भी हम ऑटोमेशन की बात करते हैं ऑटोमेशन का सीधा सा मतलब यह होता है कि जो बहुत सारे हमारे मोनोटोन अस काम हैं जो हम रिपिटेटिव टास्क जो बार-बार करते रहते हैं और जिसमें मेरे फर्ट्स या रिसोर्सेस जो है वो लगती हैं उन टास्क को अगर हम ऑटोमेट कर सकते हैं किन्हीं टूल्स की मदद से तो उन टास्क को हम लोग प्रायोरिटी के बेसिस पर ऑटोमेट करें ताकि हमारी जो एक्स्ट्रा रिसोर्सेस है वो वहां पर वेस्ट ना हो दिस इज द फंडामेंटल मीनिंग ऑफ ऑटोमेशन और अगर आप किसी भी
फील्ड में बेसिकली ऑटोमेशन की बात करेंगे तो उसका मतलब यही होता है जब हम डिजिटल मार्केटिंग ऑटोमेशंस की बात करते हैं और हमें कुछ एग्जांपल्स जो है वो पता चल जाते हैं कि भाई ये डिफरेंट डिफरेंट एग्जांपल्स हैं ऑटोमेशन के तो हमें और ज्यादा चीजें समझ में आने लगती है कि आखिर डिजिटल मार्केटिंग ऑटो फशन का क्या मतलब है तो देखिए मैंने यहां पर बहुत सारे एग्जांपल्स लिखे हुए हैं जिससे आपको और ज्यादा क्लेरिटी होती जाएगी सो अगर मैं फर्स्ट एग्जांपल की बात करूं दैट इज लीड्स टू शीट देखिए जब कभी भी आप एड्स रन
कर रहे होते हो चाहे आप facebooksignup.in वेबसाइट के ऊपर लगे होते हैं अब इन फॉर्म्स के ऊपर जब कोई भी पर्सन जो है वो अपनी इंफॉर्मेशन डालता है तो वो इंफॉर्मेशन एज अ लीड हमारे पास आती है बट क्योंकि ये रेगुलर जो है लोग आ रहे हैं और रेगुलरली जो है वो फॉर्म्स भर रहे हैं तो हम क्या चाहते हैं कि मैनुअली हमें इन इंफॉर्मेशन को किसी शीट के अंदर डालना ना पड़े google3 होती है जैसे ही कोई फॉर्म फिल करता है वैसे ही उसकी जो रिस्पेक्टिव इंफॉर्मेशन है वो जो भी हमने कॉलम्स डिफाइन किए
जो भी हमने हेडर्स डिफाइन किए अपनी शीट के अंदर उन हेडर्स के अंदर जो है वो इंफॉर्मेशन सेव हो जाए या अगर बेसिक सा जो ऑटोमेशन है इसको सेटअप करता है अब टेक्निकली ये किस तरीके से सेटअप होगा इसके ऊपर मैंने सेपरेट जो है वो वीडियो बना रखा है और इस टाइप के ऑटोमेशंस को सेटअप करने के लिए आपको इंटरमीडिएट टूल चाहिए जैसे पबली इज वन ऑफ देम वैसे बहुत सारे डिफरेंट डिफरेंट टूल्स हैं बट पबली इज वन ऑफ देम पबली का मैं यहां पर इसलिए मेंशन कर रहा हूं क्योंकि इसके ऊपर मैंने 810 वीडियोस
का एक कंप्लीट जो है वो कोर्स बनाया हुआ है उसकी प्लेलिस्ट का भी लिंक मैं आपको दे दूंगा तो इन केस अगर आपको टेक्निकली इन सभी चीजों को समझना है फिर वो वाले जो कोर्सेस हैं ट्यूटोरियल्स हैं वो आप को देखने पड़ेंगे तो सबसे बेसिक फॉर्म ऑफ ऑटोमेशन डिजिटल मार्केटिंग के अंदर यही वाला होता है पहले वाला सेकंड जो हमारा टाइप ऑफ ऑटोमेशन है वो भी काफी कॉमन ऑटोमेशन उसमें ये होता है कि जैसे फॉर एग्जांपल आप कोई कोर्स सेल कर रहे हैं या आप कोई प्रोडक्ट सेल कर रहे हैं या आप कोई ईबुक सेल
कर रहे हैं अपने लैंडिंग पेज की मदद से आप इस चीज को सेल कर र है अब कोई पर्सन आपके लैंडिंग पेज के ऊपर आता है वो उस चीज को वहां से परचेज करता है और उसके बाद वहां पर वो पेमेंट जो है वो फैसिलिटेट करता है जो आपका पेमेंट होगा वो किसी ना किसी पेमेंट गेटवे के थ्रू फैसिलिटेटेड होगा जैसे रेजर पे के थ्रू हो सकता है ा जो के थ्रू हो सकता है पे यू मनी के थ्रू हो सकता है paytm2 गेटवेज हैं किसी भी एक पेमेंट गेटवे के थ्रू ये प्रोसेस जो है
वो फैसिलिटेट हो सकती है अब अगर आप यह चाहते हैं कि किसी भी पर्सन ने जो है वो पेमेंट किया हुआ है एक तो उसकी इंफॉर्मेशन जो है वो मुझे अब आप चाहते हैं कि इस ईमेल की मदद से ना मेरे पास एक सीआरएम है उसके अंदर एक कांटेक्ट क्रिएट हो जाए मान के यहां पर यह चल रहे हैं कि ये कोई कोर्स था तो जो उसका यूजर नेम और पासवर्ड है उसको ईमेल के थ्रू मिल जाए तो दिस इज़ अनदर काइंड ऑफ ऑटोमेशन अब क्योंकि यह काम रेगुलरली हो रहा है तो आप मैनुअली ना
एक एक-एक बंदे को जाकर पासवर्ड्स नहीं दोगे तो यह सारी चीजें जो है वो ऑटोमेशन की मदद से सेटअप करी जाती हैं कुछ बेहतर एग्जांपल्स हैं यह ऑटोमेशन के इस्तेमाल के डिजिटल मार्केटिंग के फील्ड में कंप्लीट ईमेल मार्केटिंग आज के टाइम में जितनी भी ईमेल मार्केटिंग होती है ना वो सारी की सारी ऑटोमेशंस पे ही होती है तो ईमेल मार्केटिंग के ऊपर भी मैंने कुछ वीडियोस बनाए वो भी आप देख सकते हैं टेक्निकली नो हाउ समझने के लिए उसके बाद whatsapp2 कर दिया इसके ऊपर भी मैंने सेपरेट वीडियोस बनाया और प्लेलिस्ट भी प्रॉपर्ली मैं बनाई
है जहां पर आप देख सकते हैं कितने पावरफुल ऑटोमेशंस फ्लोज अ एक तरीके से चैट बॉट्स ये सारी चीजें क्रिएट करी जा सकती हैं विद द हेल्प ऑफ चाहिए तो यह सारी चीजें बहुत मायने रखती हैं आज के टाइम में तो ऐसे में बहुत सारे मार्केट में ऐसे टूल्स अवेलेबल हैं जो आपकी यह सारी पोस्ट वगैरह जो है इनको शेड्यूल कर देते तो एक तरीके से आप मंथ के एक हफ्ते थोड़ी सी मेहनत कर ले सारी चीजों को शेड्यूल कर लें और पूरे मंथ की जो आपकी पोस्ट है वो शेड्यूल है तो आपको इंतजार नहीं
करना पड़ेगा कि मैं आज क्या डालूं या कल मैं क्या पोस्ट करूं तो प्रॉपर्ली आप कंटेंट कैलेंडर बना सकते हैं और मार्केट में बहुत सारे ऐसे टूल्स अवेलेबल हैं जो आपकी इस चीज को प्रोसेस कर सकते हैं तो बहुत सारे टूल्स के अंदर ही जो है वो ऑप्शन आ गए जैसे अगर आप देखते होंगे कि मेरे जितने भी वीडियोस जो youtube0 पीएम पे अगर कोई वीडियो आता है तो हम 7 पीएम पे उसको लाइव नहीं करते हम उसको शेड्यूल करके पहले ही एडिट करके शेड्यूल करके रख लेते हैं तो फॉर एग्जांपल जो आज शाम को
700 पीएम पे वीडियो जा रहा है हो सकता है वो 5:00 बजे ही अपलोड हो चुका हो या 4:00 बजे ही अपलोड हो चुका हो या जो आप कम्युनिटी में मेरी पोस्ट देखते हो उनमें से कुछ पोस्ट रैंडम होती हैं बट कुछ पोस्ट ऐसी भी होती हैं जो पहले से शेड्यूल करी गई हो तो शेड्यूलिंग ऑफ पोस्ट और शेड्यूलिंग ऑफ कंटेंट इज अगेन अ वेरी पावरफुल ऑटोमेशन बट बात वही है कि आप कितने अच्छे तरीके से इसका इस्तेमाल कर पाते हैं कितने अच्छे तरीके से इसको लाइनअप जो है वो कर पाते हैं तो फिफ्थ ऑटोमेशन
यह हो गया सिक्स्थ इज़ अगेन अ वेरी पावरफुल ऑटोमेशन दैट इज़ सीआरएम बेस्ड ऑटोमेशन तो ये जितनी भी लीड्स वगैरह जो आ रही हैं इनको क्लासिफाई करके प्रॉपर्ली सीआरएम के अंदर जो है वो पुश करना और फर्द फिर सीआरएम के अंदर ऑटोमेटिक सेगमेंटेशन वगैरह हो जाना ऑटोमेटिक टैग वगैरह लग जाना सो दैट हमारे जो इंफॉर्मेशन ऑफ कैंडिडेट है ना वह काफी डिफाइंड रहे और जब भी जो भी टाइप के हमें फिल्टर्स लगाने की जरूरत है उन फिल्टर्स को लगाकर हम उस इंफॉर्मेशन को सेगी गट कर ले और जैसे हमें उस इंफॉर्मेशन को आगे इस्तेमाल करना
है यूज करना है हम उस तरीके से उस इंफॉर्मेशन को यूज कर ले तो सीआरएम का इंटीग्रेशन और उसका सेटअप आल्सो कम्स इन द प्रोसेस ऑफ ऑटोमेशन देन देयर इज अनदर एग्जांपल ऑफ ऑटोमेशन दैट इज बेसिकली कॉलिंग सॉल्यूशंस आज के टाइम में हमारे पास बहुत ही पावर फुल आईवीआरएस वगैरह के ऑप्शंस जो है वो अवेलेबल है ऐसे बिजनेसेस जिनमें सेल्स टीम काम करती है जिसमें बहुत सारी काउंसलिंग होती है एग्जांपल के तौर पे कोचिंग इंस्टीट्यूट्स तो वहां पर अच्छे आईवीआरएस की जरूरत होती है सो दैट आप कॉल्स को प्रॉपर मॉनिटर कर पाएं सो डिजिटल मार्केटिंग
के अंदर ये भी एक टाइप ऑफ ऑटोमेशन है जिसको जनरली सेटअप करना होता है लोगों को ये लोग करवाते हैं देन ऑटोमेटिक कमेंट्स रिप्लाई टू ऑटोमेशन का मतलब क्या है और क्या पॉसिबल उसके यूज केसेस हो सकते हैं मतलब यह जो मैंने आपको सिनेरियो बताए यह एंडलेस हो सकते हैं मैंने केवल कुछ सिनेरियो आपको बताए हैं बेसिक वीडियो के पॉइंट ऑफ व्यू से और जो जो प्लेलिस्ट को मैंने रिफर किया अगर आप टेक्निकली उस चीज को परफेक्ट तरीके से सीखना चाहते हैं तो फिर वो प्लेलिस्ट ही आपको फॉलो करनी पड़ेगी उसमें टेक्निकली डिटेल में सारी
चीजें एक्सप्लेन है गाइस जब भी आप दिया हुआ है आईआईटी कोचिंग नियर मी तो आप देखते हैं आपको बहुत सारे जो रिजल्ट्स हैं वो दिखाई देते हैं बहुत सारे बिजनेसेस की लिस्टिंग दिखाई देती हैं जो कि बेसिकली जनरेट हो रही है क्लासेस हो गई इस टाइप के जो बिजनेसेस हैं उनके लिए ये लिस्टिंग बहुत ही ज्यादा इंपॉर्टेंट हो जाती है अगर आप मोबाइल से इस लिस्टिंग को देख रहे होते हैं और डायरेक्शन पे क्लिक करते हैं तो सीधे-सीधे आप मैप्स के ऊपर रीडायरेक्ट हो जाते हैं और फिर वहां पर जो भी एड्रेस इस googleapis.com कर
सकते हैं बहुत सारे कॉल्स आप इंक्रीज कर सकते हैं और वो भी सब कुछ एब्सलूट फ्री क्योंकि ये जो है ना यह विद अ फ्री बिजनेस प्रोफाइल यहां पर मैनेज नाउ के ऊपर आप क्लिक करेंगे तो यह आपको क्रिएट करने को दे देगा नई प्रोफाइल को राइट सो ये इनका होम पेज है प्रॉपर्ली इन्होंने सारी चीजें मेंशन की हुई क्या-क्या चीजें आप डाल सकते हैं किस तरीके से आप इसको मैनेज कर सकते हैं आपको सिंपली आना है मैनेज नाउ के ऊपर और आपको अपनी जो प्रोफाइल है वो क्रिएट करनी है अब यहां पर आप देख
सकते हैं स्टार्ट बिल्डिंग योर बिजनेस प्रोफाइल सो मैं अपने बिजनेस का नाम रखता हूं जैसे एग्जांपल के तौर पे ए बी सी एक्स वाईजी यहां पर मैं लिख देता हूं ट्यूशन सेंटर यह मैंने केवल एक र सा जो नेम है वो दिया हुआ है यहां पर अब एक ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर इस नाम से पहले से कोई बिजनेस जो है वो एजिस्ट करता है तो यह आपको सजेशन दे देगा कि हां भाई बहुत सारे बिजनेसेस जो पहले से एजिस्ट करते हैं वो हैं अगर आपको उनका एक्सेस चाहिए तो वो एक्सेस भी
आप एक तरीके से क्लेम कर सकते हैं अगर आप पहली बार अपने बिजनेस को रजिस्टर करने जा रहे हैं और वो googlegroups.com ट्यूशन की बात कर रहा हूं तो मैं अगर यहां पर कोचिंग सेंटर जो है वो टाइप करने की कोशिश करूंगा तो आप देखोगे मुझे बहुत स्पेसिफिक जो है वो चीजें दिख रही है जैसे लाइफ कोच दिख रहा है ऐसा नहीं कि एक जनरल कैटेगरी दे दी गई है कोचिंग सेंटर के पॉइंट ऑफ व्यू से इन्होंने स्पेसिफिक भी कर रखा है अब आपको मेक श्यर करना है कि जो कैटेगरी आपके बिजनेस के सबसे क्लोजेस्ट
हो उसी कैटेगरी को आपको सेलेक्ट करना है जैसे अगर आपका कोई रेस्टोरेंट है तो रेस्टोरेंट ना सेलेक्ट करके अगर आपका वेज रेस्टोरेंट है तो अगर आप वेज रेस्टोरेंट सेलेक्ट करेंगे तो वो ज्यादा बेहतर होगा या अगर आपका नॉनवेज रेस्टोरेंट है तो अगर आप उसको नॉनवेज रेस्टोरेंट जो है वह सेलेक्ट करेंगे तो ज्यादा बेहतर रहेगा क्योंकि ये जो बिजनेस कैटेगरी होती है ना इसी के थ्रू google2 बिजनेस प्रोफाइल के ऑप्टिमाइजेशन की बात करेंगे एसओ के पॉइंट ऑफ़ व्यू से रैंकिंग के पॉइंट ऑफ व्यू से उस वक्त ये बिजनेस कैटेगरी बहुत ही ज्यादा मायने रखती है और
यह आपके बिजनेस की प्राइमरी कैटेगरी है तो कोशिश करें कि आप अपने बिजनेस की प्राइमरी कैटेगरी में सबसे जो क् क्लोजेस्ट या सबसे जो रिलेवेंट कैटेगरी होती है उसी को आप मेंशन करें तो एग्जांपल के तौर पे अगर मैंने यहां पर कोचिंग मेंशन किया हुआ है तो आई कैन सेलेक्ट डिफरेंट ऑप्शंस ओवर हियर लेट्स से अगर बैंकिंग एंट्रेंस एग्जाम्स से रिलेटेड हमारी कोचिंग है तो उसको हम सेलेक्ट कर सकते हैं बट यहां पर मैं केवल कोचिंग सेंटर जो है वो सेलेक्ट कर लेता हूं उसके बाद हम लोग नेक्स्ट करेंगे डू यू वांट टू ऐड अ
लोकेशन कस्टमर्स कैन विजिट एब्सलूट तभी आपकी मैप के ऊपर लिस्टिंग होगी लाइक अ स्टोर और ऑफिस यस पे हम लोग क्लिक करेंगे नेक्स्ट के ऊपर हम लोग आ जाएंगे यहां पर एंटर योर बिजनेस एड्रेस प्रॉपर्ली आपको जो आपका एड्रेस है वो एंटर करना है मैं यहां पर रैंडम सी चीजें मेंशन कर रहा हूं आप जो बिज़नेस का नेम था और सारी जो डिटेल्स है वो आपको परफेक्टली जो है वो मेंशन करनी बिकॉज़ वहीं से फिर आपकी जो बिजनेस की प्रोफाइल है उसका वेरिफिकेशन होगा सो मैं यहां पर डाल देता हूं जैसे एबीसी रोड लखनऊ एंड
यहां पर मैं सिटी भी डाल दूंगा लखनऊ पिन कोड भी मैं कुछ रैंडम सा मेंशन कर देता हूं स्टेट वी विल पुट उत्तर प्रदेश एंड देन वी विल क्लिक ऑन नेक्स्ट तो ये मैंने एड्रेस यहां पर डाल दिया तो अब देखिए ये मुझे सजेस्ट कर रहा है कि इस नाम से से पहले भी बहुत सारे इंस्टीट्यूट्स हैं तो ऐसा तो नहीं इनमें से कोई आपका इंस्टिट्यूट है जिसको आप नेक्स्ट करके फिर फर्द क्लेम कर सकते हैं बट नहीं हमारा यह कोई इंस्टीट्यूट नहीं है व्हाट वी वांट इज वी वांट टू स्टार्ट फ्रेश तो हम नन
ऑफ दीज के ऊपर क्लिक करके आगे बढ़ जाएंगे अब ये थोड़ी सी हमसे प्रेसा जो है वो लोकेशन मांगता है यहां पर जो आपने एड्रेस मेंशन किया है उसके हिसाब से पिक करने की कोशिश करता है या आपकी जो लोकेशन होती है उसके हिसाब से पिक करने की कोशिश करता है बट व्हाट यू कैन डू इज आप बहुत स्पेसिफिक अगर चाहे तो ज़ूम इन जूम आउट करके आप बहुत स्पेसिफिक अपनी जो लोकेशन है उसको सेलेक्ट कर सकते हैं मैं भी यहां पर एक रैंडम सी लोकेशन सेलेक्ट कर दे रहा हूं बट आपको बहुत ही स्पेसिफिक
तरीके से सेलेक्ट करनी है अब यहां पर अगर आप देखेंगे तो डू यू प्रोवाइड डिलीवरीज और होम एंड ऑफिस विजिट्स सो इफ यू विजिट और डिलीवर टू योर कस्टमर्स अगर आपका कोई बिजनेस ऐसा है जहां पर आप कस्टमर तक जाते हैं इन दैट केस आप इसको यस करेंगे हमारे सिनेरियो में अगर नो है तो वी विल से नो राइट एंड देन आपको यहां पर जो अपना फोन नंबर है वो मेंशन करना है और आपकी जो वेबसाइट है वो मेंशन करनी है अगर आपके पास वेबसाइट नहीं है तो आप एक वेबसाइट बना लें रिकमेंडेबल को ऑनलाइन
लेकर जाते हैं तो वेबसाइट इज़ वन ऑफ़ द मोस्ट इंपॉर्टेंट थिंग तो वह आप बना लें और अगर आप वहां पर नहीं इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो sites.com के ऊपर भी जाकर आप बहुत ही सिंपल सी एक बेसिक सी वेबसाइट जो है वो बना सकते हैं उसके बाद जो आपका फोन नंबर है वह आप मेंशन कर दें यहां पर मैं ये चीज़ें मेंशन नहीं कर रहा हूं उसके बाद आप इसको स्किप कर दें बट आप इन चीजों को मेंशन करने के बाद जो है वह नेक्स्ट करेंगे गेट अपडेट्स अबाउट योर बिज़नेस आपकी इस ईमेल के
ऊपर अपडेट्स आती रहेंगी ठीक है कोई दिक्कत की बात नहीं अपडेट्स अ को आप यस करते हैं उससे बहुत सारी चीजें आपको जो है वो पता चलती रहती है इन द फॉर्म ऑफ अलर्ट्स एंड नोटिफिकेशन सो नाउ जो प्रोफाइल के ऊपर बहुत सारी डिफरेंट डिफरेंट इंफॉर्मेशन होती है जो कि आप यहां पर देख रहे थे बहुत सारी इंफॉर्मेशन जो है वो प्रोफाइल के ऊपर मेंशन होती है तो उससे रिलेटेड यह आपसे चीजें मांगता है बट मैं अभी के लिए इसको स्किप कर देता हूं क्योंकि मुझे बाद में ये सारी जो चीजें हैं वो सेट करनी
है तो मैं इसको स्किप कर दूंगा जो आपका बिजनेस डिस्क्रिप्शन है उसको आपको प्रॉपर्ली यहां मेंशन करना है कि आपका बिज़नेस जो है वो क्या सर्विसेस ऑफर करता है मैं इसको भी यहां पर स्किप कर देता हूं बट आपको यह मेंशन करना है आपकी जो फोटोस हैं जो आपके बिजनेस से रिलेटेड फोटोज हैं आपके इंटीरियर की एक्सटीरियर की सर्विसेस की वो सारी की सारी फोटोज आप यहां पर मेंशन करते हैं कुछ एग्जांपल्स भी इन्होंने दिए हुए हैं कि किस टाइप से आप फोटोज को सेलेक्ट कर सकते हैं मैं इस पार्ट को भी स्किप कर दे
रहा हूं राइट एंड देन ये हमसे बोल रहा है कि आप अपने बिजनेस को एडवर्टाइज भी कर सकते हैं मतलब google's के बारे में बोल रहा है हमें उसे भी स्किप कर देना है फॉर नाउ एंड नाउ योर एडिट्स विल बी विजिबल वंस यू आर वेरीफाइड तो तब तक आपकी प्रोफाइल नहीं दिखाई देगी जब तक वो प्रोफाइल वेरीफाई नहीं होगी अगर मैं इसको कंटिन्यू करता हूं और यहां पर आ जाता हूं वापस सो नाउ जो हम लोगों ने सारी चीजें सेटअप करी है उसकी वजह से अभी आप देख सकते हो कि इस टाइप से अब
आपको इंटरफेस जो है वो दिखाई दे रहा है तो अब जब कभी भी आप अपनी बिजनेस का नेम बिजनेस की कैटेगरी और यहां पर आप और भी ज्यादा जो एडिशनल सेकेंडरी कैटेगरी हैं उनको आप ऐड कर सकते हैं तो कैटेगरी बहुत इंपॉर्टेंट रोल प्ले करती हैं आपकी प्रोफाइल को एक मीनिंग देने के लिए बिजनेस का डिस्क्रिप्शन उसकी ओपनिंग डेट यह सारी चीजें आपको जेनुइन तरीके से जो है वह सारी चीजें आपको मेंशन करनी है किस टाइम पे आप काम करते हैं क्या सर्विसेस आप प्रोवाइड करते हैं एमेनिटीज क्या है एवरीथिंग यू हैव टू मेंशन वेरी
वेरी वेरी प्रॉपर्ली राइट तो उसके बाद अगर आपको रिव्यूज का रिप्लाई करना है वो स चीजें करेंगे आप यहां से जो लोग आपको मैसेजेस भेजते हैं आपकी google's ऐड कर सकते हैं आप एनालिटिक्स जो है वो देख सकते हैं अगर आप एडवर्टाइज के ऊपर क्लिक करेंगे तो यह आपको google's के ऊपर रीडायरेक्ट कर देगा वहां से फिर आप पेड ऐड्स जो है वो रन कर सकते हैं आप अपने प्रोडक्ट्स बना सकते हैं आप अपनी सर्विसेस यहां पर बना सकते हैं डिफाइन कर सकते हैं आप अपनी बुकिंग्स को मेंशन कर सकते हैं क्वेश्चन आंसर्स डाल सकते
हैं फैकट टाइप के आप अपनी अपडेट ऐड कर सकते हैं रेगुलर बेसिस पे अगर आपको कुछ पोस्ट या आपने बिजनेस की कुछ इंफॉर्मेशन आपको देनी है तो वो सारी चीजें कर सकते हैं आप एक लिंक बना सकते हैं सो दैट यू कैन आस्क पीपल टू रिव्यू यू राइट अब यहां पर अगर आप देख रहे हो तो ये आपको एक बिजनेस प्रोफाइल जो है वो वेरीफाइड दिखाई दे रहा है पर जब आप नई प्रोफाइल बनाएंगे तो वो आपको वेरीफाइड नहीं दिखाएगा वो यहां पर आपको कुछ एरर टाइप का देगा एक तो यहां पर आपको एक नोटिफिकेशन
टाइप का भी दे सकता है कि आपको आपकी जो बिजनेस प्रोफाइल है उसको वेरीफाई करना है कुछ टाइम के बाद हो सकता है ये इस बिजनेस प्रोफाइल को भी वेरीफाई करने का जो ऑप्शन है वो दे कि आपको अब इस प्रोफाइल को वेरीफाई करने की ज जरूरत है ठीक है सो नाउ जब आप प्रोफाइल वगैरह बना लेंगे तो आपको जो है ना वो वेरिफिकेशन के लिए भी जो है वो कुछ इंफॉर्मेशन सबमिट करनी पड़ेगी तभी आपकी जो google-my बिजनेस प्रोफाइल बट अगर मैं स्टैंडर्ड वेरिफिकेशन मेथड्स की बात करूं तो फोन और टेक्स्ट एक वेरिफिकेशन मेथड
है ईमेल एक वेरिफिकेशन मेथड है और उसके अलावा वीडियो रिकॉर्डिंग एक वेरिफिकेशन मेथड है जो अभी बहुत ज्यादा यूज़ हो रहा है राइट सो यू हैव टू क्रिएट अ वीडियो एक 2 मिनट से कम का आपको एक वीडियो क्रिएट करना होता है जहां पर आपके जो बिजनेस प्रेमिसेस है या जो आपकी लोकेशन है वहां की जो है एक वीडियो आपको बनानी होती है और उस वीडियो को फिर आपको अपलोड करना होता है विद इन सेवन डेज आपका जो बिजनेस है मोस्टली वो वेरीफाई हो जाता है तो आपको क्या करना है वीडियो के अंदर दैट यू
कैन सी ओवर हियर आप करंट लोकेशन बिज़नेस या इक्विपमेंट्स यह आपको दिखाने हैं प्रूफ ऑफ मैनेजमेंट यह दिखाना है टू शो दैट यू आर एन ऑथराइज्ड टू रिप्रेजेंट योर बिजनेस कैप्चर योर एक्सेस टू एंप्लॉई ओनली आइटम्स और एरियाज एग्जांपल इंक्लूड अ कैश रजिस्टर किचन स्टोर रूम और नॉन सेंसिटिव बिज़नेस डॉक्यूमेंट यू कैन आल्सो यूज योर कीज टू ओपन योर फैसिलिटी तो मतलब शॉप खोलते हुए या दिखा सकते हो सो दैट यू कैन प्रूव कि हां भाई ये मेरा ही जो बिज़नेस है वो है तो प्रूफ ऑफ मैनेजमेंट आपको दिखाना होता है बिजनेस या इक्विपमेंट्स आपको
दिखाना होता है जो भी आपका स्ट एस्टेब्लिशमेंट है वो और आपको करंट लोकेशन मतलब थोड़ा सा अगर आपकी शॉप वगैरह है तो उसके आगे की जो लोकेशन है वो दिखा सकते हैं शॉप किस तरीके से एस्टेब्लिश है वो दिखा सकते हैं तो दिस यू कैन डू राइट सो जब आप वेरिफिकेशन करने जाएंगे वीडियो वेरिफिकेशन तो वो आपको एक क्यूआर कोड देगा उस क्यूआर कोड को आप मोबाइल से स्कैन करेंगे और उसके बाद आप अपना जो वीडियो है उसको प्रॉपर्ली रिकॉर्ड कर लेंगे सो दिस इज हाउ इट वर्क्स और अगर आप देखें यहां पर तो आफ्टर
यू अपलोड योर वीडियो वी रिव्यू इट रिव्यूज कैन टेक अप टू फाइव बिजनेस डेज इफ यू आर वेरीफाइड यू गेट अ नोटिफ फिकेशन इफ द वीडियो मेथड डजन वर्क देन अगेन क्लिक वेरीफाइड बटन शोज अप यू कैन ट्राई अ डिफरेंट वेरिफिकेशन ऑप्शन राइट एंड आफ्टर दैट आप अपना जो वीडियो है उसको डिलीट कर सकते हैं गो टू योर बिजनेस प्रोफाइल यहां पर आपको क्लिक करना है वीडियो डिलीट करने के लिए और यहां पर आपको एडवांस सेटिंग्स करके एक ऑप्शन दिखेगा और वहां से फिर आप अपनी जो वीडियोस हैं उनको डिलीट कर सकते हैं एंड इन
केस अगर आपको वेरिफिकेशन मेथड में कोई प्रॉब्लम आ रही है यू कैन कांटेक्ट देयर सपोर्ट टीम यहां पर उसका प्रॉपर ऑप्शन दिया हुआ है आप सपोर्ट टीम से जो है वो बात कर सकते हैं यहां पर प्रॉपर्ली एंड यू कैन कांटेक्ट टू देम राइट अब यहां पर एक बहुत इंपॉर्टेंट चीज़ लिखी हुई है वेरिफिकेशन मेथड्स आर ऑटोमेटिक डिटरमाइंड एंड कांट बी चेंज्ड इफ यू चूज टू कांटेक्ट अवर सपोर्ट टीम वी विल ट्राई टू वेरीफाई योर बिज़नेस बेस्ड ऑन द इंफॉर्मेशन प्रोवाइडेड वीी मे सजेस्ट अ लाइव वीडियो कॉल टू कंफर्म योर प्लेस ऑफ़ वर्क टूल्स एंड
प्रूफ ऑफ़ मैनेजमेंट तो एट द एंड ऑफ़ द डे योर प्रोफाइल विल ओनली बिकम एक्टिव या आप उसके ऊपर एगजैक्टली काम कर पाएंगे जब यह वेरीफाइड हो जाएगी तो वहां पर ही चैलेंज लोगों को आता है बट आपको अगर बहुत सारी चीजें नहीं समझ में आ रही है और चीजें स्मूथ नहीं इन दैट पर्टिकुलर केस आप सीधे सपोर्ट को बात करके वेरिफिकेशन मेथड जो है वो आप अपना फैसिलिटेट करा सकते हैं बट आप कोशिश करें कि आपकी प्रोफाइल जो है वो आप सबसे पहले जो है वो वेरीफाई करा लें अगर आप बिजनेस ओनर है और
डिजिटल मार्केटिंग कर रहे हैं या डिजिटल मार्केटिंग अपने बिजनेस के लिए करना चाहते हैं तो डिजिटल मार्केटिंग से आपको क्या एक्सपेक्ट करना चाहिए इसकी चर्चा करेंगे हम लोग आज के इस वीडियो में या फिर आप डिजिटल मार्केटिंग में काम कर रहे हैं आपके पास कुछ क्लाइंट्स हैं तो आपको मेक श्यर करना है कि जो आपका क्लाइंट है वो भी इस टाइप से चीजों को समझने की कोशिश करें कि एक्चुअली उसको डिजिटल मार्केटिंग से क्या मिलने वाला है चलिए शुरू करते हैं गाइ जो सबसे पहला पॉइंट है वो आप यहां पर देख सकते हैं यू नीड
टू टेस्ट योर प्रोडक्ट सर्विस फर्स्ट प्रोडक्ट मार्केट फिट इज इंपॉर्टेंट डिजिटल मार्केटिंग कैन नॉट सेल अप पुअर प्रोडक्ट या सर्विस देखिए जरूरी होता है ये बात समझनी कि भाई मैं कोई भी प्रोडक्ट या सर्विस मार्केट में लेकर आ रहा हूं तो उसकी डिमांड है या नहीं है वो प्रोडक्ट मार्केट फिट है या नहीं है आपको लगर कि मेरा प्रोडक्ट बहुत अच्छा है आपको लग रहा है मेरी सर्विस बहुत अच्छी है आपने डस चलाने शुरू कर दिया आपने डिजिटल मार्केटिंग करनी जो है वो शुरू कर दी उसके बाद आपको रिजल्ट्स नहीं मिलते तो आपको लगता है
कि डिजिटल मार्केटिंग काम नहीं कर रही है बट आप इस चीज को एनालाइज करने की कोशिश करें कि आपका जो प्रोडक्ट था या जो आपकी सर्विस थी वो प्रोडक्ट मार्केट फिट है भी या नहीं है आप जिस सर्विस को लेकर मार्केट में जा रहे हैं या प्रोडक्ट को लेकर मार्केट में जा रहे हैं उसकी डिमांड है लोगों को उस चीज की जरूरत है भी या नहीं है तो यह सारी चीजें समझनी भी काफी जरूरी होती है तो यह चीज का आपको ध्यान रखना है सेकंड इंपॉर्टेंट थिंग इज वेट फॉर द डाटा बिफोर मेकिंग टू मेनी
डिसीजंस मैंने देखा है जो लोग डिजिटल मार्केटिंग करवा रहे होते हैं मैं अगर बिजनेस ओनर्स को रिफर करके देखूं तो बहुत सारे केसेस में हमने देखा है बहुत ही फ्रीक्वेंसी बहुत सारे फ्रीक्वेंसी जंस है ना वो आपके डेटा बैकड होनी चाहिए बहुत फ्रीक्वेंसी ज्यादा चेंजेज नहीं करने हैं वेट फॉर द डेटा अगर डटा इस बात को सिग्नल कर रही है कि भाई ठीक है यहां पर इस चीज को चेंज करने की जरूरत है ट्राई टू आइडेंटिफिकेशन जो है वो रैंक कर रही है बहुत सारे इंप्रेशंस आ रहे हैं बट क्लिक्स नहीं आ रहे हैं सो
इस सिनेरियो में प्रॉब्लम कहां पर है कि भाई इंप्रेशंस तो हो रहे हैं बट क्लिक्स नहीं आ रहे इसका मतलब हम थोड़ा सा टाइटल डिस्क्रिप्शन को अपने ठीक कर सकते हैं या दूसरों के जो टाइटल डिस्क्रिप्शन है उसको एनालाइज करने की हम कोशिश कर सकते हैं अब पता ये चलता है कि आप एसओ कर हैं इंप्रेशंस आ रहे हैं और क्लिक्स नहीं आ रहे आपको लग रहा है मेरी पूरी की पूरी जो एसओ स्ट्रेटेजी है वो गड़बड़ है तो आपको एगजैक्टली समझने की कोशिश करनी है कि प्रॉब्लम कहां पर है फाइन थर्ड पॉइंट जो है
वो है नेवर चेंज एजेंसीज टू फ्रीक्वेंसी विद योर एजेंसी एंड ट्राई टू अंडरस्टैंड द प्रॉब्लम्स लुक बियोंड द टेक्निकल सेट्स ऑफ द कैंपेन आल्सो कई बार हम लोगों ने देखा है बहुत सारे बिजनेसेस हमें अप्रोच करते हैं और बोलते हैं कि सर ठीक है हम उस फलां फला एजेंसी के साथ काम कर रहे थे वहां पर जो आरओ है वो दो का आ रहा था या एक का आरओ आ रहा था हम आपके साथ काम करना चाहते हैं मे बी आपके साथ हमारा जो आरओ है वो इंप्रूव हो जाए देखिए जब इस टाइप के इंटरेक्शंस
होते हैं क्योंकि मैं बहुत सारी एजेंसीज से कनेक्टेड हूं तो कई बार ऐसी एजेंसीज के क्लाइंट्स भी हमको अप्रोच करते हैं जिनको हम लोग जानते हैं डायरेक्टली या इनडायरेक्टली जानते हैं उनकी टीम को जानते हैं फाउंडर को जानते हैं तो हमें पता है कि वो एजेंसीज टेक्निकली चीजों को गलत नहीं कर रही हैं टेक्निकली वो एजेंसी बिल्कुल सही कर रही है और उसके बाद भी रिजल्ट नहीं आ रहा है इसका मतलब कहीं ना कहीं ही जो प्रोडक्ट मार्केट फिट है वो नहीं है है ना तो वहां पर हम फाउंडर्स को भी समझाने की कोशिश करते
हैं कि भाई देखिए आपके कैंपस में टेक्निकली कोई प्रॉब्लम नहीं है और भी बहुत सारे रीजंस हो सकते हैं प्रोडक्ट मार्केट फिट नहीं हो सकता है तब पता चलता है कि भाई उन्होंने तीन-चार और एजेंसीज के साथ काम किया था वो एजेंसीज भी रिजल्ट नहीं लाकर दे पाई तो अगर आपको ऐसा लगता है कि मेरा प्रोडक्ट ये ऑफलाइन में बहुत अच्छा चल रहा है या मेरी ये सर्विस है या फलां फला जगह पर बहुत अच्छी चल रही है तो अगर मैं इसको ऑनलाइन लेकर भी आऊंगा तो भी लोग उतने ही अच्छे तरीके से रिस्पॉन्ड करेंगे
ऐसा जरूरी नहीं है ऑनलाइन का प्रोडक्ट मार्केट फिट अलग होता है ऑफलाइन का जो प्रोडक्ट मार्केट फिट है वो अलग होता है तो सबसे पहले आपको इसी चीज को टेस्ट करने की जरूरत है थोड़ा सा बजट आपको खर्च करने की जरूरत है थोड़े से एफर्ट्स आपको कर करने की जरूरत है जिससे आपको ये पता चले कि भैया मेरा प्रोडक्ट ऑनलाइन लोग पसंद करेंगे या नहीं लेंगे या नहीं लेंगे राइट उसके बाद आप जो है वो एजेंसीज को देखें क्योंकि मोस्ट ऑफ द केसेस में अगर कोई बेहतर एजेंसी एवरेज एजेंसी अबोव एवरेज एजेंसी है तो टेक्निकली
वो उतनी ज्यादा गलती करते नहीं है तो वहां पर बार-बार जो आप अगर एजेंसीज को स्विच करेंगे तो वो प्रॉब्लम क्रिएट होगी हां वहां पर स्विच करना बन जाता है कि भाई एजेंसी आपकी बात ही नहीं सुन रही है एजेंसी टेक्निकली चीजों को सही तरीके से सेटअप नहीं कर रही है या अकाउंट्स के ऊपर जो टाइम देने की जरूरत है वो एजेंसी नहीं दे रही है वहां पर हां ये चीज बनती है कि आप अपनी एजेंसी को स्विच कर सकते हैं बट बिना मतलब कि भाई दो एजेंसीज में हमने देखा कि रिस्पांस नहीं आ रहा
था दो का आओएस आ रहा था अभी भी हम देख रहे हैं और हम सोच रहे हैं कि किसी थर्ड एजेंसीज के पास हम जाएंगे तो हमारा आरओ एकदम से इंप्रूव हो जाएगा उससे ज्यादा जरूरी है कि जो आपकी एसिस्टिंग एजेंसी है उसके साथ आप बैठे फिगर आउट करने की कोशिश करें कि प्रॉब्लम कहां पर दिस इज वेरी वेरी इंपॉर्टेंट इसको लोग इग्नोर कर जाते हैं और अगर कोई मीडिया बायर या कोई छोटी एजेंसी या एक ऐसा पर्सन इस वीडियो को देख रहा है जो एजेंसी भविष्य में खोलना चाहता है तो उसके लिए ये भी
बहुत इंपॉर्टेंट पॉइंट है कि चीजों को समझने की कोशिश करें डोंट ओनली फोकस ऑन द टेक्निकल एस्पेक्ट्स ऑफ द कैंपस बिजनेस को भी थोड़ा सा समझने की कोशिश करें फोर्थ पॉइंट इज स्केलिंग कैन नॉट बी डन फ्रॉम डे वन अगर आप डिजिटल मार्केटिंग शुरुआत करते हैं और आपको लगता है पहले ही दिन से हमारे जो कैंपेन्स है वो बहुत जबरदस्त तरीके से चलने लगेंगे बहुत जबरदस्त आर ओएस आने लगेगा मैं 1 लाख लगाऊंगा और मेरे को चार के आर ओएस के हिसाब से से ₹ लाख मिल जाएंगे तो ऐसा नहीं होता है क्योंकि जो हमारा
एल्गोरिथम्स होते हैं राइट उनको टाइम लगता है डाटा को लर्न करने के लिए या डाटा के बेसिस पे लर्निंग करने के लिए अकाउंट्स को वार्म अप होने में टाइम लगता है तो ऐसा नहीं कि आप डे वन से स्केलिंग शुरू कर सकते हो यू कैन नॉट एक्सपेक्ट दिस फ्रॉम डिजिटल मार्केटिंग राइट फिफ्थ पॉइंट इज प्लेटफॉर्म कॉम्प्लीयंट चीज है कई बार आपको लगता होगा कि भाई मेरे facebooksignup.in ऐड्स को बंद कर देता है ऐसा नहीं होता है मोस्ट ऑफ द केसेस में आप देखते हैं कि facebooksignup.in या जिसकी जो सीपीसी है वो सम वेर अराउंड ₹1
रहती है अब आप मेरे से बोलो सर हमें तो 00 पर डे का बजट लगाना है तो 00 पर डे के बजट में आपको तीन से चार क्लिक्स आएंगे या पांच क्लिक्स आ जाएंगी आपको अब पांच क्लिक्स में आप क्या लीड्स एक्सपेक्ट करते हैं है ना अगर मैं 10 पर का भी कन्वर्जन की बात करूं तो आधी लीड है मतलब दो दिन के बाद आपको एक लीड आएगी तो आप एजेंसी को भी अच्छा खासा पैसा दे रहे होंगे क्योंकि एजेंसी आपके ड अकाउंट्स को मैनेज कर रही हो अगर आप छोटा बजट लेकर जाएंगे या जो
एजेंसी आपको रिकमेंड कर रही है कैलकुलेशंस करके कि एटलीस्ट हमें इतना बजट दीजिए सोट ट हम शुरुआत कर सके हमें प्रॉपर क्लिक्स मिल सके हमें प्रॉपर लीड्स मिल सके क्योंकि आप फनल को समझने की कोशिश करिए पहले क्लिक्स आएंगी आपकी फिर उसमें से लीड्स आएंगी फिर उसमें से क्वालिटी लीड्स जो है वो डिफाइन होंगी कि भाई कितनी क्वालिटी लीड्स आई है अब पता चला आपने स्टार्टिंग में जो बजट है वही नहीं दिया तो क्लिक्स ही नहीं आ रहे फिर आप फ्रस्ट्रेट हो जाएंगे कि क्लिक्स ही नहीं आ रहे हैं या जो लीड्स है वो नहीं
आ रही तो आप हर चीज को कंट्रोल नहीं कर सकते राइट अगर किसी की सीपीसी 100 के अराउंड रहती है तो वो आप 95 94 93 कर सकते हैं ऐसा नहीं है उसको आप 30 कर सकते हैं और ये चीज इसलिए नहीं कर सकते आप क्योंकि ये चीजें रिलेटिव रहती है रियल टाइम में ऑक्शन हो रहा होता है बिडिंग हो रही होती है तो आप उसको बहुत ज्यादा नीचे नहीं ला सकते सो इन सब चीजों को इन सब रियलिटीज को आपको एक्सेप्ट करना पड़ेगा और उसी के अकॉर्डिंग आपको जो है वो काम करना पड़ेगा अगर
लीड जनरेशन के लिए लैंडिंग पेज की जरूरत है तो आप नहीं कह सकते कि सीधे-सीधे हम वेबसाइट के ऊपर ट्रैफिक जो है वो भेजेंगे तो ये सारी बेसिक सी चीजें हैं अगर आप डिजिटल मार्केटिंग करने की सोच रहे हैं तो सिट विद योर एजेंसी और उसके अकॉर्डिंग जो है उनके एक्सपीरियंस के अकॉर्डिंग स्ट्रेटजीजर है एंड देन उसके अकॉर्डिंग जो है वो मूव करें कई बार ऐसा होता है कि बहुत सारे बिजनेसेस बहुत अच्छी स्ट्रेटेजी बनाने के बाद भी फेल हो जाते हैं द रीजन इज प्रोडक्ट मार्केट फिट आप जो सर्विस या जो प्रोडक्ट आप देना
चाह रहे हैं लोगों को नहीं चाहिए वो चीज तो इन सब चीजों को भी हमें समझने की जरूरत होती है हम लोग बात करने वाले हैं अबाउट इनफ्लुएंसर मार्केटिंग इन्फ्लुएंस मार्केटिंग क्या होती है इसको डिटेल में समझने से पहले हमें ये समझना होगा कि आखिर एक इन्फ्लुएंस कौन होता है गाइज जब भी हम लोग टीवी पे बॉलीवुड स्टार्स को देखते हैं कि वो किसी प्रोडक्ट या सर्विस को प्रमोट कर रहे तो बेसिकली वो एक तरीके से एक इन्फ्लुएंस ही है जो उस प्रोडक्ट को या सर्विस को या उस ब्रांड को जो है वो प्रमोट कर
रहे हैं हम लोग जब अपनी बातचीत की भाषा में या डिजिटल मार्केटिंग सब्जेक्ट के अंदर जब आप इन्फ्लुएंस मार्केटिंग को पढ़ते हैं या समझने की कोशिश करते हैं तो बेसिकली आप सोशल मीडिया इन्फ्लुएंस करस को रिफर कर रहे होते हैं बट वो जो बड़े-बड़े टीवी स्टार्स हैं बॉलीवुड एक्टर्स हैं वो भी एक तरीके से इन्फ्लुएंस ही हैं उनका इन्फ्लुएंस बहुत बड़ा है उनसे बहुत बड़ी ऑडियंस जो है वो इन्फ्लुएंस हो सकती है बट है तो वो इन्फ्लुएंस ही वही मैंने आपको बताया कि जब जब हम डिजिटल मार्केटिंग के रिस्पेक्ट में बात करते हैं तो इन्फ्लुएंस
करस केवल सोशल मीडिया इन्फ्लुएंस करस तक ही सीमित रह जाते हैं तो जब कभी कोई ब्रांड या कोई भी कंपनी जो है वो इन इन्फ्लुएंस करस की मदद लेकर अपनी मार्केटिंग को करती है दैट इज बेसिकली कॉल्ड एज इनफ्लुएंसर मार्केटिंग अब इस पूरे इकोसिस्टम के अंदर जब मैं इफ्लुएड्स आती हैं और उनका क्या-क्या रोल है एक इन्फ्लुएंस किस तरीके से अर्निंग करता है एक ब्रांड उससे किस तरीके से फायदा उठाती है इनफ्लुएंसर मार्केटिंग एजेंसीज का रोल क्या होता है इन सब चीजों को डिस्कस करेंगे हम लोग आज के इस पर्टिकुलर वीडियो के अंदर तो जब
मैं बात कर रहा हूं इन्फ्लुएंस की सोशल मीडिया इन्फ्लुएंस की तो बेसिकली उनके पास कुछ ऑडियंस होती है एंड बेस्ड ऑन द नंबर ऑफ ऑडियंस जो है ये डिसाइड होता है कि वो इन्फ्लुएंस नैनो है माइक्रो है मैक्रो है या मेगा इन्फ्लुएंस है अब ये अपने आप का एक क्लासिफिकेशन है जस्ट टू मेक यू अंडरस्टैंड कि हां भाई इन्फ्लुएंस ऑन द बेसिस ऑफ देयर फॉलोअर्स या ऑन द बेसिस ऑफ़ देयर सब्सक्राइबर्स डिवाइडेड हैं नैनो कैटेगरी वो कैटेगरी होती है जहां पर बहुत ही छोटे इन्फ्लुएंस होते हैं जि उन्होंने अभी जो है वो स्टार्ट किया है
गाइ जब मैं इनफ्लुएंसर की बात कर रहा हूं इसका सीधा सा मतलब यह है कि दे हैव सम फॉलोअर्स राइट या उनके कुछ सब्सक्राइबर्स हैं लोग उनको पहचानते हैं उनको जानते हैं राइट यहीं पर एक और चीज इंक्लूड हो जाती है जब हम इनफ्लुएंसर्स को बोलते हैं तो हम बेसिकली रिफर कर रहे होते हैं थोड़े से निश बेज जो इन्फ्लुएंस करस हैं उनको फाइन सो यहां पर जो मेंशन किया गया है कि नैनो इनफ्लुएंसर जिनकी जो फॉलोइंग होती है वो 1000 से कम है माइक्रो जिनकी 1000 से 1 लाख के बीच में फॉलोइंग है मैक्रो
जिनकी 1 लाख से 10 लाख के बीच में है और मेगा इनफ्लुएंसर जिनकी कि 1 मिलियन से ज्यादा है तो अगर मैं youtube0 ऑफ ऑडियंस अब क्या होता है देयर आर डिफरेंट ब्रांड्स जो इस चीज को ढूंढती रहती हैं कि भाई ठीक है हम बहुत बड़े जो टीवी स्टार्स हैं या फिल्म स्टार्स हैं उनको तो हम हायर कर नहीं सकते उनसे तो अपने प्रोडक्ट को प्रमोट करा नहीं सकते तो हम क्या करते हैं हम ढूंढते हैं ऐसे लोगों को जो हमारे बिजनेस टाइप का जो कंटेंट है वो प्रमोट कर रहे होते हैं फॉर एग्जांपल कोई
फाइनेंस से रिलेटेड कंपनी है वह किस टाइप के इन्फ्लुएंस को ढूंढने की कोशिश करेगी जो लोग फांस के अंदर जो है वह कंटेंट क्रिएट करते हैं उसमें जिसका इन्फ्लुएंस है उस टाइप की जो ऑडियंस लेकर बैठे हुए हैं उनको सर्च करने की कोशिश करेंगे और बेस्ड ऑन देयर फॉलोअर्स या उनकी अथॉरिटी क्या है उसके हिसाब से वो उनको पे करेंगे अगेन पेमेंट के अलग-अलग मॉडल हो सकते हैं इन्फ्लुएंस से ब्रांड्स की सर्विस लेने के भी अलग-अलग मॉडल हो सकते हैं और ये सारी चीजें बहुत सारी चीजों पे डिपेंड करती है केवल ऐसा नहीं कि अगर
आपके 1000 फॉलोअर्स है तो आपको इतना पैसा मिल जाएगा के 1500 फॉलोअर्स हैं तो इतना पैसा मिल जाएगा या आपके 2 लाख फॉलोअर्स हैं तो इतना पैसा आपको मिल जाएगा इट्स नॉट ओनली बेस्ड ऑन द नंबर्स ऑफ़ द फॉलोअर्स इट्स आल्सो अबाउट द अथॉरिटी ऑफ द इनफ्लुएंसर कि उसकी अथॉरिटी क्या है लोग कितना उसको पसंद करते हैं वो किस टाइप का कंटेंट बनाता है तो बहुत सारे वेरिएबल फैक्टर्स हैं सोय कैन एक्चुअली नॉट जज कि एक इन्फ्लुएंस कितना पैसा अर्न करता होगा बिकॉज़ एक सेम ब्रांड एक दूसरे इन्फ्लुएंस को बहुत कम पैसा दे सकती है
और उससे कहीं 10 गुना 15 गुना ज्यादा एक दूसरे इन्फ्लुएंस को पैसा दे सकती है जो उसको लगता है कि वो ज्यादा बेहतर तरीके से उनकी ब्रांड को रिप्रेजेंट कर पाएगा और ज्यादा वैल्युएबल होगा लॉन्ग टर्म में उनकी ब्रांड के लिए अगेन ऐसा नहीं होता है कि इनफ्लुएंसर्स हमेशा छोटे कांट्रैक्ट्स करते हैं या छोटी-मोटी डील करते हैं कई बार ऐसा होता है कि पूरे पूरे एक-एक साल के लिए कोई डील होती है या दो-दो साल के लिए होती है सो ये जो सारी चीजें जिनकी मैंने बात करी यही सारी चीजें जो है वो हमारी इनफ्लुएंसर
मार्केटिंग के अंदर आती है अब यहां पर एक बहुत ही इंपॉर्टेंट चीज अब जब हम इनफ्लुएंसर्स की बात करते हैं तो ज्यादातर केसेस में हमको लगता है कि इन्फ्लुएंस केवल पर अच्छी फैन फॉलोइंग है लेट्स से आप फांस निश में है मैं केवल एक आपको एग्जांपल बता रहा हूं आप फाइनेंस निश में है और twittersignin.com के ऊपर आपका इन्फ्लुएंस है linkedinsign.com को किसी इन्फ्लुएंस को 1 लाख सब्सक्राइबर्स के ऊपर एक्स अमाउंट मिल रहा है तो वो एक्स अमाउंट हो सकता है उसको instagram2 गुना चार गुना पांच गुना ज्यादा भी सब्सक्राइबर्स हैं फिर भी उसको हो
सकता है ना मिले राइट तो मेनी ऑफ द टाइम्स व्हाट हैपेंस इज कि ब्रांड जब आपके सोशल मीडिया अकाउंट्स वगैरह के ऊपर नजर रखते हैं उनकी अपनी इंटरनल टीम होती है जैसे मैंने यहां पर मेंशन किया दे हैव देयर इनहाउस मार्केटिंग टीम वो नजर रखती है वो इन्फ्लुएंस को ढूंढती रहती है कि भाई हमारे निश में किस टाइप का कंटेंट बन रहा है कौन बना रहा है कौन कितना स्पेसिफिक निश में है जिस टाइप का हमारा प्रोडक्ट या सर्विस है उसके हिसाब से दे हैव देयर इंटरनल मार्केटिंग टीम और उसके थ्रू दे विल सेंड यू
ईमेल्स और वो आपसे कांटेक्ट करने की कोशिश करेंगे एंड देन देयर विल बी बारगेनिंग एंड एवरीथिंग एंड उसके बाद यू कैन एग्री ऑन लेट्स से अगर आपका youtube0 ग्रेटेड वीडियो के लिए भी अग्री कर सकते हैं इंटीग्रेटेड जो बीच में 15-20 सेकंड का आप देखते हैं ना प्रमोशंस होता है बहुत सारे यूट्यूब आपको करते हुए दिखते होंगे डेडिकेटेड इज जब आप उसी स्पेसिफिक चीज के ऊपर एक कंप्लीट वीडियो बनाते हैं तो इस टाइप से आप टाई अप कर सकते हैं ज डेडिकेटेड का कॉस्ट कहीं हाई होता है इंटीग्रेटेड से बट जो लोग भी डेडिकेटेड करते
हैं उनको बहुत ज्यादा डेडिकेटेड वीडियोस नहीं करनी चाहिए क्योंकि अगर आप बहुत ज्यादा डेडिकेटेड वीडियोस करने लगते हैं बहुत ज्यादा प्रमोशंस करने लगते हैं स्पंस शिप्स करने लगते हैं वहां पर भी प्रॉब्लम होती है क्योंकि फिर आप अपने कंटेंट से थोड़ा बहुत भटक जाते वहीं पर अगर आप बहुत ही अच्छा कंटेंट दे रहे हो थोड़ा बहुत कहीं पर अगर आप स्पंस परशिप इंटीग्रेट कर देते हैं तो उतनी ज्यादा उसमें फिर प्रॉब्लम होती नहीं है सो ब्रांड आपको बहुत सारे पैरामीटर्स पे इवेलुएट करने की कोशिश करती है ऐसा नहीं है उन्होंने बस आपका चैनल देखा और
देखा भैया आप आप इस निश में रेगुलर कंटेंट डाल रहे हो और आप कितने सब्सक्राइबर हैं दैट्ची चीजों पे आपको इवेलुएट करने की कोशिश करते हैं कि आपका एंगेजमेंट कितना जा रहा है आपकी दूसरी सोशल मीडिया की प्रोफाइल जो है वो कैसा परफॉर्म कर रही है लोगों पे आपका कितना इन्फ्लुएंस है केवल आप वीडियोस ही बना रहे हो या फिर लोग आपको मानते भी हैं मतलब आपके रिकमेंडेशन पे लोग चीजों को खरीद भी सकते हैं या नहीं तो ऐसे बहुत सारे पैरामीटर्स होते हैं जिसके ऊपर ब्रांड बेसिकली जब रिसर्च करेगी तो आपको इवेलुएट करेगी ऑन
दैट बेसिस वो फिर प्रोजेक्ट देती है फाइन अब जो नई बंड्स होती वो ये सोचती कि भाई हमें नहीं जरूरत है कि हम इन्फ्लुएंस मार्केटिंग के पॉइंट ऑफ व्यू से भी अपनी एक इनहाउस टीम जो है वो बनाएं और फिर उसके थ्रू हम जो इन्फ्लुएंस करस हैं उनको रीच आउट करने की कोशिश करें ये हमें थोड़ा सा हेक्टिक काम लग रहा है तो ऐसे में ही जो है बहुत सारी जो इन्फ्लुएंस मार्केटिंग एजेंसीज हैं उनका जो रोल है वो गेम में आया और इनफ्लुएंसर्स को भी प्रॉब्लम होती थी इनफ्लुएंसर को लगता था कि नहीं मैं
सही तरीके से बारगेन नहीं कर पा रहा हूं मुझे कोई गाइड करने वाला नहीं मुझे कोई बताने वाला नहीं है मुझे कंटेंट के अराउंड कोई बताने वाला नहीं है बस ब्रांड आ जाती है कुछ भी बोल देती है मेरे से और मुझे वो चीज करनी होती है और उसका मुझे पैसा मिल जाता है तो बीच में एक मीडिएट की जरूरत थी बीच में एक ब्रिज की जरूरत थी जो दोनों की रिक्वायरमेंट्स को समझ सके और दोनों को एक तरीके से एक दूसरे के कंपैट बल बना सके भाई इनको जो जरूरत है वो इन्फ्लुएंस तक बात
पहुंचाई जा सके और इन्फ्लुएंस को जरूरत है वो ब्रांड तक पहुंचाई जा सके और ये लोग स्पेशलाइज्ड हो बेसिकली इस टाइप के रिलेशंस को मैनेज करने के लिए और इन्फ्लुएंस करस को खास कर और ज्यादा ग्रो करने में मदद करें इन्फ्लुएंस को गाइड करें उनकी प्राइसिंग सेट करें उनकी जो मीडिया किट होती है उसको सेट करें मीडिया किट इज बेसिकली अ डॉक्यूमेंट काइंड ऑफ थिंग जहां पर जो इनफ्लुएंसर है उनकी पूरी इंफॉर्मेशन होती है अलोंग विद दैट उनके अपनी प्राइसिंग वगैरह होती है कि अगर वो एक बर्स थे यू वर गेटिंग दिस मच अमाउंट ऑफ
मनी फ्रॉम ब्रांड्स नाउ आपके 3 लाख 4 लाख सब्सक्राइबर्स हो गए हैं यू विल बी गेटिंग दिस मच अमाउंट ऑफ़ मनी फ्रॉम द ब्रांड्स सो इस तरीके से जो बहुत सारी चीजें हैं जो इन्फ्लुएंस करस इंडिविजुअली मैनेज नहीं कर पाते थे उन्होंने अपना पूरा का पूरा काम जो है वो इन्फ्लुएंस मार्केटिंग एजेंसी को जो है वो दे दिया इसीलिए इनफ्लुएंसर मार्केटिंग एजेंसी को ही इन्फ्लुएंस मैनेजमेंट एजेंसीज भी कुछ लोग बोलते हैं क्योंकि ये वो काम भी करते हैं ये इन्फ्लुएंस को मैनेज भी करते हैं अब कोई इसी को क्रिएटर्स मैनेजमेंट एजेंसी बोल दे कोई इसी
को क्रिएटर्स मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म बोल दे कुछ भी है बोल सकते हैं राइट एंड इसी के साथ-साथ बहुत सारे ऐसे प्लेटफॉर्म्स भी डेवलप हुए जिनके ऊपर नॉर्मली अपना इनफ्लुएंसर जा सकता है अपनी प्रोफाइल बना सकता है अपने रेट्स मेंशन कर सकता है और ब्रांड वहां पर आ सकते हैं और डायरेक्टली इन्फ्लुएंस करस के साथ जो है वो अ कोऑर्डिनेट कर सकते हैं उनकी सर्विसेस जो है वो ले सकती है इट्स काइंड ऑफ अ मार्केट प्लेस बिल्कुल वैसे ही जैसे दूसरी जो मार्केट प्लेसेस हैं amazon2 है जहां पर लोग जाते हैं और कुछ ना कुछ खरीदते हैं
और उसके बदले जो इस टाइप के प्लेटफॉर्म्स जो है वो डेवलप हो गए टेक्नोलॉजी बेस्ड टू बी वेरी प्रेसा इज ऐसे प्लेटफॉर्म डेवलप हो गए जहां इनफ्लुएंसेस भी अपने आप को रजिस्टर कर रहे थे अपनी चीजें मेंशन कर रहे और ब्रांड्स भी वहां पर जाते थे अपने हिसाब का इनफ्लुएंसर सेलेक्ट करते थे पैसे देते थे और कुछ जो अमाउंट है वो इन द फॉर्म ऑफ कमीशन हो सकता है इन द फॉर्म ऑफ फीस हो सकता है इन द फॉर्म ऑफ मंथली सब्सक्रिप्शन फीस हो सकता है वो उन प्लेटफॉर्म्स को देते थे बट वहां पर भी
वन ऑन वन जो इंटरेक्शन है वो इतना ज्यादा पॉसिबल नहीं था इसीलिए इनफ्लुएंसर मार्केटिंग एजेंसीज की डिमांड बड़ी अब लोगों ने इनफ्लुएंसर मार्केटिंग एजेंसी जो है उसकी अप्रोच को अपनाया लोगों ने इनफ्लुएंसर मार्केटिंग एजेंसीज ओपन करी और उसके बाद वो खुद ब्रांड्स को रीच आउट करते थे कि भाई आपके लिए ना हमारे पास कुछ इन्फ्लुएंस करस हैं जो इस टाइप का कंटेंट बनाते हैं अगर आप अपना जो प्रोडक्ट है या सर्विस है वो इन इन्फ्लुएंस के साथ प्रमोट करेंगे तो यू विल बी बेनिफिटेड इसी तरीके से वो इनफ्लुएंसर्स के पास जाते थे उनको बताते थे
कि भाई अगर आपके पास ठीक तरीके से ब्रांड्स नहीं आ रही है निश ब्रांड्स नहीं आ रही है सो वी हैव कनेक्शंस विद मेनी ब्रांड्स हम आपको उन ब्रांड्स से मिलवा एंगे उन ब्रांड से आपको अलाइन कराएंगे और उसके अकॉर्डिंग फिर आपसे कुछ चार्ज लेंगे वो जो डील हो रही है बीच में उसका कुछ परसेंटेज दे कैन चार्ज दे कैन आल्सो चार्ज ऑन द बेसिस ऑफ सब्सक्रिप्शंस एंड एवरीथिंग अलोंग विद दैट क्योंकि ये इनफ्लुएंसर मार्केटिंग एजेंसी थी या इनफ्लुएंसर मैनेजमेंट एजेंसी थी तो इसके पास और भी बहुत सारी सर्विसेस देने का स्कोप खुल गया जैसे
फॉर एग्जांपल अगर मैं कोई इन्फ्लुएंस हूं तो मेरे वीडियो एडिटिंग की सर्विसेस दे सकते हैं ये अ मेरा और भी बाकी जो चीजें हैं पीआर वगैरह उसको मैनेज करने की सर्विसेस प्रोवाइड कर सकते हैं अगर कोई ब्रांड है तो उसको सोशल मीडिया को मैनेज करने की जो सर्विसेस है वो प्रोवाइड कर सकते हैं उनकी डिजिटल मार्केटिंग की सर्विसेस भी जो है उसको भी प्रोवाइड कर सकते हैं तो इनके पास और भी ज्यादा जो स्कोप है वो ओपन हो गया बिकॉज़ ऑफ ओनली यह जो इनफ्लुएंसर मार्केटिंग एजेंसी इन्होंने स्टार्ट करी थी राइट सो दे विल गो
टू इनफ्लुएंसर्स एंड दे विल गो टू ब्रांड्स और इन दोनों के बीच में कोलैब जो है वो कराने की कोशिश करेंगे और ये इस तरफ भी ज्यादा ध्यान देते हैं कि दोनों ही चीजें ग्रो होनी चाहिए इनफ्लुएंसर्स को भी फायदा होना चाहिए वो भी टाइम के साथ ग्रो होनी चाहिए उनका भी जो प्रेजेंस है वो और स्ट्रांग होना चाहिए तो उन सब चीजों में भी दे आल्सो कंसल्ट और उसके लिए हो सकता है वो कुछ अलग से भी चार्ज करें सो ब्रांड्स के पास भी जाते हैं तो ब्रांड्स को भी तो ग्रोथ दिखनी चाहिए कि
भाई ये सही इनफ्लुएंसर से हमको कनेक्ट करा रहा है तो सारी हेडेक जो है वो इनफ्लुएंसर मार्केटिंग एजेंसीज ले लेती हैं और ब्रांड्स और इनफ्लुएंसर्स के बीच में जो कनेक्ट है वो बड़ी आसानी से बन जाता है फाइन यही मैंने यहां पर भी लिखा हुआ है इनफ्लुएंसर एजेंसीज ऑफर मेनी अदर सर्विसेस टू फाइन सो अगर मैं अर्निंग पोटेंशियल की बात करूं तो इनफ्लुएंसर्स बहुत अच्छा पैसा कमा सकते हैं देयर आर मीडिया किट्स राइट तो इनफ्लुएंसर्स अपनी मीडिया किट क्रिएट करते हैं ये बिल्कुल वही चीज है कि भाई हमारी एक आएगी उसके बाद हमारा एक शॉर्ट
जाएगा उसके बाद हमारा एक लॉन्ग वीडियो जाएगा सो फॉर दिस ऑल वी आर गोइंग टू चार्ज दिस मच ऑफ अमाउंट दिस इज़ बेसिकली द मीडिया किट राइट सो बहुत सारे ट्यूबर्स को जो ब्रांड्स अप्रोच करती होंगी दे आल्सो आस्क कि आपकी जो मीडिया किट है वो कहां है आप अपनी मीडिया किट जो है वो सेंड करें हमें राइट देयर कैन बी फिक्स्ड चार्जेस आल्सो ऑन द बेसिस ऑफ वीडियो अब वीडियो में भी ऐसा हो सकता है डेडिकेटेड वीडियो का चार्ज अलग हो सकता है इंटीग्रेटेड वीडियो का चार्ज अलग हो सकता है सो ये सारी डील्स
डिफरेंट डिफरेंट तरीके से हो सकती हैं देयर कैन बी अ फिक्स चार्ज और उसके साथ कुछ कमीशन भी हो सकता है एफिलिएट लिंक भी वो आपको प्रोवाइड कर सकते हैं ये भी हो सकता है एग्जांपल के तौर पे एक फाइनेंस इन्फ्लुएंस एक मीडियम निश का मीडियम कैटेगरी का फाइनेंस इन्फ्लुएंस जिसकी अराउंड 1 लाख की फॉलोइंग है youtube2 से ₹1 लाख तक चार्ज कर सकता है अगेन ये नंबर बहुत ही ज्यादा फिक्स्ड नहीं है ये मैं आपको अपने एक्सपीरियंस के पॉइंट ऑफ व्यू से बता रहा हूं बट दिस टोटली डिपेंड्स ऑन कि उस पर्सन की ब्रांड
इमेज कैसी है उस इनफ्लुएंसर की ब्रांड इमेज कैसी है उसकी अथॉरिटी कितनी है राइट सो दिस कैन वेरी राइट हो सकता है इससे भी बहुत कम कुछ लोगों को पै से मिले तो इट टोटली डिपेंड्स ऑन कि आपका इन्फ्लुएंस कितना स्ट्रांग है अगेन ब्रांड्स आल्सो इवेलुएट ऑन डिफरेंट बेसिस बट जनरली अगर मैं केवल ब्रांड्स की बात करूं केवल बिज़नेस ओनर्स की बात करूं तो उनके लिए चैलेंज होता है इनफ्लुएंसर मार्केटिंग को स्टार्ट करना क्योंकि देखिए बड़ी आसानी से दो चार पांच उनको ्र मिल सकते हैं बट जब स्केल पे करना चाहते हैं तो प्रॉपर आरओ
आई आ सके प्रॉपर सारी चीजें हो सके उनको कैलकुलेट करना केवल ब्रांड के लिए उतना आसान नहीं होता है वहां पर उनको इनफ्लुएंसर मार्केटिंग एजेंसीज वगैरह की मदद की जरूरत पड़ती है बिकॉज़ जो एक्सपीरियंस इनफ्लुएंसर मार्केटिंग एजेंसीज के पास होता है बिकॉज़ दे हैव वर्क्ड विद डिफरेंट डिफरेंट अ ब्रांड्स दे हैव वर्क्ड विद डिफरेंट डिफरेंट इनफ्लुएंसर्स तो उनके पास बहुत ज्यादा डेटा होती है तो उस डेटा के बेसिस पर वो बहुत सारी चीजें आपको बता सकते हैं बहुत सारे रिकमेंडेशंस आपको दे सकते हैं दैट इज वेरी डिफिकल्ट फॉर अ नॉर्मल ब्रांड राइट कि वो इतनी
डाटा को कलेक्ट करें और उसके बेसिस पे फर कुछ डिसीजन ले तो जब भी ब्रांड्स को कुछ स्केल वगैरह करना होता है इनफ्लुएंसर मार्केटिंग के पॉइंट ऑफ़ व्यू से दे गो टू इनफ्लुएंसर मार्केटिंग एजेंसीज आई बिलीव मोटे-मोटे तौर पे आपको चीजें समझ में आने लगी होंगी कि इनफ्लुएंसर मार्केटिंग क्या होती है और इसमें क्या-क्या चीजें जो है वो इवॉल्व होती हैं अ ब्रांड्स सम टाइम्स आल्सो कम टू इनफ्लुएंसर एजेंसीज ऐसा नहीं हमेशा इनफ्लुएंसर एजेंसीज ही ब्रांड के पास जाएंगे यह मैंने यहां पर देखिए टू वे एरो बनाया हुआ है ब्रांड भी इनफ्लुएंसर एजेंसी के पास
आती हैं इफ्लुएड्स के पास जाते इसी तरीके से इन्फ्लुएंस करस भी इनफ्लुएंसर मार्केटिंग एजेंसी के पास जाते हैं और मार्केटिंग एजेंसी भी इन्फ्लुएंस के पास जाती है अकॉर्डिंग टू द रिक्वायरमेंट आई बिलीव बहुत सारी चीजें आपको क्लियर हो गई होंगी काफी बेसिक सा वीडियो था इस पर्टिकुलर वीडियो में इतना ही मिलते हैं नेक्स्ट वीडियो में टिल देन गुड बाय [संगीत]