Dr Swati Soni Podcast:--How to Study Effectively Without Distraction

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Nitin Soni: Chartered Accountant
In this video, discover effective tips and strategies for studying without distractions. Learn how t...
Video Transcript:
संघर्ष यह वर्ड आपने दो-तीन बार यूज किया संघर्ष संघर्ष मतलब दोबारा मोटिवेटेड होके फिर जीरो से स्टार्ट करना किसी एग्जाम के लिए किसी संघर्ष से कम नहीं है इसका मतलब आप किस्मत में बिलीव नहीं करती मैं हार्ड वर्क में ज्यादा बिलीव करती हूं और आपको पता है कि मुझे यह चाहिए एनी कॉस्ट चाहिए एनीहाउ चाहिए तो आप वो सब करेंगे जो उसको अचीव करने के लिए करना पड़ेगा क्या आप लॉ ऑफ अट्रैक्शन में बिलीव करते हैं बिल्कुल 100% क्या अंग्रेजी की वजह से अपने कॉन्फिडेंस को लो करना चाहिए तो ये बहुत बड़ा बैरियर कह दीजिए
या हर्डल कह जो कि अच्छे फ्रेंड्स होना आपकी लाइफ में आपकी बहुत बड़ी अर्निंग यू हैव टू यू नो स्टडी हार्ड एंड यू हैव टू स्टडी स्मार्ट इसका मतलब किसी भी स्टूडेंट की एकेडमिक सक्सेस या फेलियर में उसके टीचर का बहुत बड़ा रोल है बहुत बड़ा रोल है लेकिन 100% नहीं फेल होने के बाद किस बात का ज्यादा दुख होता था बहुत बड़ा चैलेंज फेस किया क्या ऑल ऑफ दिस एफर्ट ट यूर पुट इन इन योर लाइफ आज जब आप मुड़ के देखते हैं तो आपको कैसा लगता है इज इट वर्थ [संगीत] इट हाय एवरीबॉडी
एंड वेलकम टू दिस यट अनदर एपिसोड इन आवर पॉडकास्ट सीरीज मेरा नाम है सी नितिन सोनी और आज जो मेरे साथ गेस्ट हैं यह खास मेहमान है जो आज रोशनी डालने वाले हैं पढ़ाई के तरीकों पर हाउ यू स्टडी स्टडी हैक्स एग्जाम्स कैसे क्लियर करना है टॉपर कैसे बनना है शी इज नॉट अ सीए बट शी इ स्टिल अ पीएचडी मतलब आप यह समझिए कि आज की जो हमारी मेहमान है जो एक्सपर्ट इस पॉडकास्ट में है उनसे आपको उन सवालों के जवाब मिलेंगे जो आपके बर्निंग क्वेश्चंस हैं अबाउट स्टडी अबाउट हाउ टू स्टडी अबाउट हाउ
हा टू स्टे मोटिवेटेड व्हेन टू स्टडी हाउ टू स्टडी वयर टू स्टडी ऑल ऑफ दिस इज गोइंग बी कवर्ड इन डिटेल इन दिस पॉडकास्ट आई एम सुपर एक्साइटेड एंड आई एम श्यर आप भी एक्साइटेड हो जाएंगे जब आप इस मेहमान से मिलेंगे तो चलिए बिना देरी किए मैं आपको मिलवा हूं हमारी आज की मेहमान से जिनका नाम है डॉक्टर स्वाति स्वाति वेलकम टू द प्रोग्राम थैंक यू थैंक यू सो मच मैं बहुत खुश हूं स्वाति दोस्तों मैं स्वाति को पर्सनली जानता हूं और जब मुझे यह मौका मिला कि इनको पॉडकास्ट पर इनवाइट किया जाए तो
मैं इस मौके से चूका नहीं स्वाती पहले तो यह बताओ कि पॉडकास्ट में आकर आपको कैसा लग रहा है मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है मैं चाहती हूं अगर मेरी वजह से किसी की थोड़ी बहुत हेल्प हो सके स्टूडेंट की तो कुछ भी चेंज आए किसी की लाइफ में थोड़ा बहुत तो अच्छा लगेगा मुझे हमारी पूरी कोशिश ये रहने वाली है कि स्वाति से वो आपसे वो सारे हम जवाब और निचोड़ ले सके जो आपने अपनी लाइफ में एक्सपीरियंस किए तो स्वाति मुड़ के जब आप देखते हैं अपनी लाइफ में तो क्या आर यू
सेटिस्फाइड एंड हैप्पी विद वे यू आर आपने जब एज स्टूडेंट अपनी लाइफ बनाने की कोशिश की पढ़ाई करी मेहनत करी दिन रात एक किया आज जिस मुकाम पर आप हैं आप क्या करती हैं थोड़ा अपने बारे में बताइए और फिर यह बताइए कि क्या आप सेटिस्फाइड है वास ऑल ऑफ दिस वर्थ इट मैं असिस्टेंट प्रोफेसर हूं एक गवर्नमेंट कॉलेज में राजस्थान में मेरा सब्जेक्ट केमिस्ट्री है बच्चों को केमिस्ट्री पढ़ाती हूं मैं खुद भी पढ़ती हूं अगर मैं पीछे मुड़ के देखूं मेरी लाइफ में काफी स रहा है जैसे कि हर स्टूडेंट के उसमें रहता ही
है कंपट एग्जाम रहते हैं आपके स्टडी का प्रेशर रहता है थोड़ी बहुत फैमिली एक्सपेक्टेशन भी रहती हैं तो आज मैं पूरी तरीके से सेटिस्फाई हूं मेरी जॉब से या मेरी जो लाइफ चल रही है उससे तो मेरा यह मानना है जब तक आपकी लाइफ में संघर्ष नहीं होता है तब तक आपको आपकी मेहनत का फल अगर मिलता है तब तक मजा नहीं आता जब तक संघर्ष ना हो तो मैं सेटिस्फाई हूं बिल्कुल अपनी लाइफ में संघर्ष ये वर्ड आपने दो तीन बार यूज किया संघर्ष संघर्ष मतलब संघर्ष मतलब जैसे कि अ मेरी मेरा सपना था
गवर्नमेंट जॉब मुझे गवर्नमेंट जॉब ही चाहिए थी तो उसके लिए आपको काफी कंपीटेटिव एग्जाम देने पड़ते हैं काफी फेलर्स का भी सामना करना पड़ता है कभी एक नंबर से कभी पं फ से कभी दो नंबर से जब आपके सारे क्लासमेट्स से आपके फ्रेंड्स लगातार जॉब लगते जाते हैं और आप क्लियर नहीं कर पाते हैं अगर कोई इंटरव्यू या फिर कोई एग्जाम तो उस टाइम जो संघर्ष होता है क्योंकि आप सब सेम पेज प ही होते हैं सेम सबकी स्टडी होती है सेम क्वालिफिकेशन होती है लेकिन फिर भी अगर आप किसी वजह से रह जाते हैं
और आपका फ्रेंड या फिर आपके क्लासमेट्स अगर धीरे-धीरे सब जॉब लगते जा रहे हैं और आप नहीं लग पा रहे हैं तो वह जो संघर्ष या वो जो मेंटल प्रेशर होता है वो काफी स्ट्रेसफुल होता है तो उसको बीट करना उसको बीट करना या उस टाइम मतलब दोबारा मोटिवेटेड होके फिर जीरो से स्टार्ट करना किसी एग्जाम के लिए तो ये किसी संघर्ष से कम नहीं है तो इसको ओवरकम कैसे किया और आई एम श्यर जैसे आप कह रहे कि एक नंबर से रह जाना दो नंबर से रह जाना हुए होंगे ऐसे एक्सपीरियंस आपके साथ सबके
साथ होते हैं तो उसको ओवरकम कैसे किया आपने वो जो एक फेज होता है जिसमें हम शायद हमें लगता है कि हम तो अपने आसपास वालों से ज्यादा मेहनत कर रहे हैं दिन रात एक कर रहे हैं लेकिन उसके बावजूद फेल हो जाते हैं लेकिन वो पास हो जाता है जो हमें लगता है तैयारी शायद उतनी नहीं कर रहा खैर उस केस में आप अपने आप को कैसे मोटिवेटेड रखती थी कि कि कि नेक्स्ट टाइम फिर आपने तैयारी करी मतलब कैसे आप अपने आपको को मोटिवेटेड रखते थी मोटिवेशन तो मुझे लगता है एक अलग चीज
होती है मुझे लगता है डिसिप्लिन ज्यादा इंपॉर्टेंट है मोटिवेशन तो फिर भी अब अगर आप किसी से बात करते हैं या कोई क्लासेस जवाइन करते हैं मोटिवेशन की तो दो या तीन दिन बाद के बाद आप वापस उसी फेज पर आ जाते हैं जिस पर आप थे मोटिवेशन धीरे-धीरे कम होता रहता है लेकिन डिसिप्लिन जो चीज है जो कि आप शुरू से करते आ रहे हैं डिसिप्लिन अगर आपकी लाइफ में है तो वो कभी कम नहीं होता क्योंकि डिसिप्लिन हमेशा सेम फेस पर ही आपको रखता है जैसे अगर आप स्टडी के लिए देखिए अगर आप
12 घंटे 16 घंटे डेली पढ़ रहे हैं जिस दिन आप मोटिवेटेड हो जाएंगे उस दिन आप 18 घंटे भी पढ़ लेंगे लेकिन धीरे-धीरे आपकी वापस अगर मोटिवेशन कम होता जाता है तो आपका स्टडी टाइम भी कम होता जाए लेकिन अगर आपकी लाइफ में डिसिप्लिन है तो डिसिप्लिन लगातार आपको उसी फेस पर रखेगा और आप उतनी पढ़ाई करें डिसिप्लिन कैसे रहे एक स्टूडेंट अपनी लाइफ में डिसिप्लिन कैसे रह सकता है डिस्ट्रक्ट है 1000 एक्सपेक्टशंस का प्रेशर है फेल होने का डर है इतना कुछ लाइफ में चल रहा है उसके बावजूद आप कह रहे कि डिसिप्लिन रहना
इज द की आप खुद को एस स्टूडेंट डिसिप्लिन कैसे रखती थी मुझे लगता है कि वो जो कहानी है अर्जुन हमेशा मछली की आंख प उसकी उसका ध्यान रहता था भला ही आसपास आपके कुछ भी हो रहा हो तो अगर आपका गोल डिसाइडेड है आपको पता है आपको क्या चाहिए और आपको वो चाहिए ही तो फिर अगर आपके डिसिप्लिन आपकी लाइफ में अपने आप ही आ जाएगा मतलब वो आपका मोटिवेशन आपको अंदर से मिलेगा आपको कहीं बाहर से वो मोटिवेशन लेना नहीं पड़ेगा अंदर से जब मोटिवेशन आएगा तो डिसिप्लिन आपकी लाइफ में अपने आप ही
आ जाएगा तो क्या हम ये कहना चाहते हैं कि मोस्टली स्टूडेंट्स जो डिसिप्लिन नहीं है वो डिसिप्लिन इसलिए नहीं है डिसिप्लिन इसलिए नहीं है कि वो अपने उस गोल और अपने उस लक्ष्य के प्रति उतने ऑबसेस्ड नहीं है क्या मैं सही कह रहा हूं या फिर उनका गोल अभी तक क्लियर ही नहीं है उन्हें ये पता ही नहीं है कि उन्हें करना क्या है पहले आप यह डिसाइड करो आपको करना क्या है और आपको चाहिए क्या और आपको किस हद तक चाहिए अगर वह चीज आपको चाहिए तो फिर डिसिप्लिन रहना बहुत जरूरी है तो तो
यह मुझे बहुत समझ आई आपकी बात कि मोटिवेशन की जरूरत ही नहीं है अगर आपका गोल आपके माइंड में क्लियर है आपका लक्ष्य आपके माइंड में क्लियर है और आपको पता है कि मुझे यह चाहिए एनी कॉस्ट चाहिए एनी हाउ चाहिए तो आप वो सब करेंगे जो उसको अचीव करने के लिए करना पड़ेगा बिल्कुल सेल्फ मोटिवेशन ऐसी चीज है जो कभी खत्म नहीं होगी मोटिवेशन अगर आप किसी और प अगर आप डिपेंडेंट है मोटिवेशन के लिए तो मोटिवेशन तो आपको कभी मिलेगा कभी नहीं भी मिलेगा लेकिन अगर सेल्फ मोटिवेशन है आपको अंदर से मोटिवेशन आ
रहा है कि यह चीज मुझे चाहिए तो फिर आपको कोई भी नहीं रोक सकता है स्वाती जब आप पढ़ाई करते थे तो क्या पढ़ाई में आपका इंटरेस्ट था या अगेन वो इंटरेस्ट डेवलप हुआ बिकॉज ऑफ योर गोल मतलब क्या बचपन से ही आप एक स्टूडियस स्टूडेंट थे हां बिल्कुल बचपन से ही आपको पढ़ाई करना पसंद था बिल्कुल अच्छा तो आप किस वक्त जनरली पढ़ते थे अक्सर ये क्वेश्चन पूछा जाता है कि आप कब पढ़ाई करें कौन सा सबसे सही समय कौन सा है पढ़ाई करने का दिन में पढ़ाई करें कि रात में पढ़ाई करें दोपहर
में पढ़ाई करें कौन सा सही वक्त है पढ़ाई करने का वैसे तो पढ़ने का कोई भी समय नहीं है जब भी आपको टाइम मिले खैर आपको टाइम तो मिलना ही नहीं चाहिए आप इतने बिजी होने चाहिए अपने गोल के लिए या अपनी पढ़ाई के लिए कि आपको टाइम बिल्कुल भी नहीं मिलना चाहिए लेकिन मैं सुबह जल्दी उठ के पढ़ा करती थी सुबह 400 बजे 5:00 बजे या कभी-कभी तो 2:30 बजे 3:00 बजे जब भी यहां खुल जाए और उठते ही सीधा अपने जो भी कुछ करना है उसके बाद सीधा ये सुनते हैं कि लक्ष्य वो
है जो आपको सोने ना दे जो आपको सोने ना दे बिल्कुल बिल्कुल सही बात है तो इसका मतलब ये हुआ कि ऐसी भी कई दिन और रातें थी जब नींद नहीं आई नींद नहीं आई या नींद आई अगर ई बजे आंख खुल गई तो मुझे याद है सर्दियों के दिन और जहां से मैं हूं वहां पर 0 डिग्री माइनस डिग्री में टेंपरेचर रहता है सर्दियों के ऐसे दिन दिन होते थे अगर रात को 2:30 बजे 3:00 बजे भी आंख खुल गई ना तो मुझे ध्यान है मैं रजाई में बैठ के भी पढ़ती थी जनरली मेरी
आदत है सुबह जल्दी उठ के पढ़ने का और जैसे घर पे मैं छत पे जाके पढ़ा करती थी जैसे जब भी अंधेरा कम हो जाता था धीरे-धीरे रोशनी बढ़ती जाती थी कई बार तो ऐसे होता था अंधेरा ही होता था धीरे-धीरे रोशनी होगी तो मैं टॉर्च ले जाके क्योंकि उस टाइम मोबाइल फोस हम लोगों के टाइम में नहीं बचपन के टाइम में नहीं हुआ करते थे तो लाइट जल रही है या फिर टॉर्च वगैरह लेके तो धीरे-धीरे जैसे रोशनी बढ़ती गई बढ़ती गई तो उस तरीके से सुबह जल्दी उठ के पढ़ना मुझे पसंद है आज
भी जल जल्दी उठना मतलब 4 बजे आप कह रही है हां जल्दी उठना तो 4:00 बजे ही 4:00 बजे 5:00 बजे जितना भी जल्दी आप उठ सकते हैं ब्रह्म मूरत जिसे कहा जाता है और ब्रह्म मुरत में अगर आप उठते हैं तो आपकी एनर्जी इतनी हाई होती है पूरे दिन के लिए आप मोटिवेटेड रहते हैं आप डिसिप्लिन रहते हैं आप फोकस्ड रहते हैं जो भी चीज आप करना चाह रहे हैं सिर्फ पढ़ाई के लिए नहीं अगर पढ़ाई आपकी फिनिश भी हो गई है और भी जितनी भी चीजें अगर आप अपनी लाइफ में भ्रम मुहूर्त में
उठते हैं सुबह 4:00 से 5:00 के बीच तो आप ड्रास्ट्रिंग देखेंगे अपने पूरे दिन के अंदर तो क्या आप आज भी जल्दी उठती है वो मेरी हैबिट ही है वो बायोलॉजिकल क्लॉक ही इस तरीके से सेट हो गई है कि सुबह जल्दी ही उठती हूं तो सुबह जल्दी उठने का कोई मंत्र आप दे सकती हैं बहुत सारे लोग अगेन ये जानने में बड़े इंटरेस्टेड रहते हैं मुझे बड़ा इंटरेस्ट है कोशिश करते हैं एक एक दिन उठे दो दिन उठे पांच दिन 7त दिन 10 दिन उसके बाद पता नहीं क्या एक झट ऐसा होता है कि
यार बस फिर नहीं होता ये अब जल्दी उठने का क्या मंत्र है रात को जल्दी सोना मतलब सुबह जल्दी उठना है तो रात को जल्दी सो जल्दी सोना और सु रात को जल्दी सोने का क्या मंत्र है सुबह जल्दी उठना ठीक बात है तो इसका मतलब ये दोनों आपस में इंटर लिखने और आप कहना चाह रहे हैं कि अगर सुबह जल्दी उठना है तो दिमाग उठने पर ना लगाएं रात को सोने पर दिमाग लगाने पर दिमाग लगाए इट्स अमेजिंग ट्स रियली नाइस दोस्तों आई होप आपको यह बात समझ में आ रही है क्लेरिटी मिल रही
है कितनी ही किताबें आप छाने गे आप वीडियोस देखेंगे सुबह जल्दी कैसे उठना है स्वाती ने ये बिल्कुल सिंपल आंसर दे दिया है कि उस पर दिमाग मत लगाओ आप दिमाग लगाओ जल्दी सोना कैसे है आपकी नींद पूरी हुई तो आप उठ ही जाएंगे वेल वाज अमेजिंग स्वाति ये बताइए कि नोट्स बनाने का कितना इंपॉर्टेंस है किसी भी एग्जाम्स की जब हम तैयारी कर रहे हैं तो एक होती है हमारे पास किताबें जो हमारी एकेडमिक बुक्स है मेरा पसली ऐसा मानना है कि आपके खुद के नोट्स जो आप बनाते हैं वो भी बहुत इंपॉर्टेंस रखते
हैं उस पर आप क्या कहना चाहेंगे नोट्स बनाने का तो ऐसा है कि नोट बहुत इंपॉर्टेंट है और सेल्फ नोट्स जो होते हैं खुद के बनाए हुए नोट्स मेन वही इंपॉर्टेंट होते हैं किसी और के नोट्स लेके पढ़ना आप पढ़ सकते हैं उनको लेकिन उनसे आपकी ऐसी तैयारी नहीं हो पाती जितने आप खुद अपने हाथ से नोट्स बनाते हैं क्योंकि एक तो जो राइटिंग होती है जो आप लिखते हैं काफी चीजें ऐसी होती है जो आप लिखते हैं तभी आपको याद होती है तो नोट्स बनाना और शॉर्ट नोट्स बनाना मैं तो कहती हूं कि आप
जो भी बुक पढ़े उसके शॉर्ट नोट्स आपके पास होने चाहिए आपके खुद के हाथ से लिख आपके खुद के हाथ के लिखे हुए क्योंकि एग्जाम टाइम से जस्ट पहले आप पूरी बुक नहीं पढ़ सकते आप खुद भी जानते हैं तो आपके जो शॉर्ट नोट्स होते हैं वही मेन ऐसे कहे ब्रह्मास्त्र होता है और कंपीटेटिव एग्जाम में तो यही है शॉर्ट नोट्स ही आपके काम आते हैं एंड टाइम प ये मेरे अगले क्वेश्चन से जुड़ा हुआ है कि कि मान लीजिए कल एग्जाम है तो मुझे आज एक दिन पहले दिन में या रात को अगर मान
लीजिए बैक टू बैक एग्जाम है तो मुझे रात को किस तरीके से अपनी तैयारी या अपनी क्या करना है मुझे अगर आपने पूरे साल भर तैयारी की है और आपने अपने नोट्स प्रिपेयर किए हैं तो लास्ट मूमेंट पे सिर्फ आपको अपने नोट्स ही पढ़ने चाहिए तो तो बेसिकली अगेन दिस इज कनेक्टेड टू नोट्स तो अगर आपके नोट्स बने हुए हैं तो आप कॉन्फिडेंटली एग्जाम दे सकते हो आपको अगर मान लीजिए 400 पन्नों की किताब है तो अदर वाइज आप पन्ने ही पलटते रह जाएंगे आप सोचिए उसमें आपका कितना समय जा रहा है उस 400 पों
को आप 20 पेज में भी आप उसे समेट सकते हैं लेकिन सेल्फ मेड नोट्स होने चाहिए स्वाति आप आई एम श्यर फेल हुए होंगे अपने एकेडमिक करियर में नहीं एकेडमिक कॉम्पिटेटिव एग्जाम में बिल्कुल कॉम्पिटेटिव एग्जाम्स में फेल हुए तो फेल होने के बाद किस बात का ज्यादा दुख होता था कि यार घरवालों की एक्सपेक्टेशन है उनकी कुछ उम्मीदें हैं उस पर खरे नहीं उतर रहे या अच्छी तैयारी की थी फेल हो गए किस चीज का ज्यादा दर्द होता था दर्द तो ज्यादा होता था जब फ्रेंड्स का सिलेक्शन हो जाता था मेन दर्द तो यही होता
है जब आपका सिलेक्शन नहीं हो और आपके किसी फ्रेंड का सिलेक्शन हो जाए जी जी जी बाकी फैमिली एक्सपेक्टेशन बिल्कुल सही करेक्ट आपने एकदम बिलकुल सबके मन में यही होता है कोई बोले या ना बोले लेकिन मन में सबके यही चलता है अगर सभी फेल होते हैं तो बिल्कुल भी दुख नहीं होता लेकिन अगर कोई फ्रेंड पास हो जाए और आप खुद फेल है तो इससे बड़ा दुख और कुछ नहीं होता स्टूडेंट टाइम तो फिर ये बता दीजिए कि इस दुख को ओवरकम कैसे किया जाता है सेल्फ मोटिवेशन क्योंकि इसका कोई ऑप्शन नहीं है आपको
खुद दोबारा तैयारी करनी ही पड़ेगी क्योंकि थोड़े टाइम बाद तो आपको भी तो करना ही है एब्सलूट स्वाति दो हैक्स तो हमने नोट कर लिए आपसे एक है सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठना उससे आप कर कि आपकी एनर्जी हाई होगी आपकी ग्रास्पिंग पावर बढ़ेगी और ब्रह्म मुहूर्त में उठने का हैक आपने बता दिया कि जल्दी सोना है और उसके साथ एक और हैक आपने बता दिया कि अपने नोट्स बनाए क्या कोई और हैक्स भी आप देना चाहेंगे कि कोई जो बच्चे स्पेशली एग्जाम्स की तैयारी कर रहे हैं कॉम्पिटेटिव एग्जाम्स की तैयारी कर रहे हैं प्रोफेशनल
एग्जाम्स की तैयारी कर रहे हैं इसके अलावा कोई और हैक्स या कोई टिप्स आप देना चाहेंगे अराउंड स्टडीज एंड क्रैकिंग एग्जाम्स अ देखिए दो चीजें होती है एक तो हार्ड वर्क और एक स्मार्ट वर्क जी तो मैं तो कहूंगी दोनों ही जरूरी है आजकल की जैसे जनरेशन मानती है कि स्मार्ट वर्क ज्यादा जरूरी है लेकिन मैं कहूंगी हार्ड वर्क का कोई भी अल्टरनेटिव नहीं होता है जब तक आप हार्ड वर्क नहीं करोगे तब तक आप स्मार्ट वर्क भी नहीं कर सकते हो हार्ड वर्क मतलब आपको पूरे साल पढ़ना है और स्मार्ट वर्क हुआ आपको एंड
टाइम पर क्या पढ़ना है यह आपको पता होना चाहिए क्योंकि एंड टाइम पर आप पूरी बुक्स नहीं पढ़ सकते तो हार्ड वर्क आपको पूरे साल करना है और स्मार्ट वर्क आपको बिल्कुल एंड टाइम पर करना है इसका मतलब एक और हैक यह हैट यू हैव टू यूनो स्टडी हार्ड एंड यू हैव टू स्टडी स्मार्ट करेक्ट जैसे मान लेते हम किसी एग्जाम्स की तैयारी कर रहे हैं उस एग्जाम्स की तैयारी के दौरान हो सकता है कि हमारा कोर्स थोड़ा मुश्किल हो और हमारे कजन का या हमारे और फ्रेंड्स का कोर्स रिलेटिवली उतना टफ ना हो उसमें
उतनी डिमांड ना हो तो होता यह कि वो कर रहे हैं मजे मस्ती मौज और हम दिन रात एक कर रहे हैं और एक बढ़ते बच्चे कच्ची उम्र में मैं कहूंगा कि यह जो एक कंपैरिजन है कि यार वो मजे कर रहा है वो मस्ती कर रहा है देखो वो एंजॉय कर रहा है लाइफ को और हम एंजॉय नहीं कर रहे ऐसा फील हुआ लाइफ में कभी हां हर वेकेशन से मुझे फील होता था क्योंकि जैसे हम लोग नानी जी के घर जाते थे छुट्टियों में जैसे कि सभी जाते हैं तब कोई भी अपनी बुक
साथ में लेकर नहीं जाता था सब फुल मजे के मूड में रहते थे और आप अपनी बुक्स कैरी कर और मैं मेरी बुक्स कैरी करती थी मुझे आज भी ध्यान है हम लोग छोटे थे जितने भी कजंस नानी जी के घर पर इकट्ठे होते थे सब सुबह-सुबह गार्डन जाते थे खेलने के लिए और वो लोग खेलते थे और मैं गार्डन में बैठ के मेरी बुक्स पढ़ रही होती थी मुझे आज भी ध्यान है ये चीज लेकिन मुझे पता था कि मेरे लिए उस टाइम वो चीज ज्यादा जरूरी है वो चीज आगे जाके मेरे ही काम
आएगी उनका कोर्स अलग है उनकी लाइफ अलग है उनके गोल्स अलग हैं लेकिन मेरे गोल के लिए मुझे क्या करना है यह मुझे पता था तो किसी के फन से मतलब वो मेरे लिए वो फन था कि अगर मैं पढ़ूंगी तो ये मेरे ही काम आएगा आगे जाके मेरे लिए फन था हां मुझे लगता था कि मैं वेकेशंस भी वेस्ट नहीं कर रही हूं उसमें भी मैं पढ़ रही हूं मुझे ध्यान है जब हमारे कॉलेजेस स्टार्ट होते थे जैसे मैं सेकंड ईयर में हूं तो फर्स्ट ईयर की जैसे वेकेशंस है तो मैं सेकंड ईयर की
बुक्स फर्स्ट ईयर की वेकेशंस में ही पढ़ के खत्म कर दिया करती थी और सेकंड ईयर में जब पढ़ाई स्टार्ट होती थी तो वह मेरा न स्टार्ट होता था एक तरीके से तो क्या मैं फिर आपसे पूछता हूं मैं एक बार यह सवाल कि क्या ल ऑफ दिस एफर्ट ट यू पुट इन योर लाइफ आज जब आप मुड़ के देखते हैं तो आपको कैसा लगता है इज इट वर्थ इट वो सैक्रिफाइस वो सब कुछ वर्थ इट है 100% आज आप खुद पर प्राउड महसूस करती हैं कि मैंने वह सब किया और उसका मुझे रिजल्ट मिला
तो रिजल्ट मिलता है लाइफ में हार्ड वर्क हार्ड वर्क का रिजल्ट मिलेगा ही मिलेगा अभी नहीं तो थोड़े टाइम बाद अक्सर ये सुनने में आता है कि ऐसा नहीं है किस्मत का बहुत बड़ा रोल है नहीं मुझे नहीं लगता कि किस्मत जैसी कोई चीज होती है जब तक हार्ड वर्क नहीं करोगे तो कई बार ऐसे एग्जांपल देखने को मिलते हैं कि तैयारी की बहुत मेहनत की लेकिन एग्जाम्स में पास नहीं हुआ या जॉब नहीं लगी और दूसरी तरफ उसने कोई मेहनत नहीं करी और उसकी एग्जाम्स पास हो गई और वो जॉब लग गया ये हमें
सिर्फ लगता है कि उसने तैयारी नहीं की उसने अपने हिसाब से पूरा हार्ड वर्क किया होगा तभी उसको वो चीज मिली है इसका मतलब आप किस्मत में बिलीव नहीं करती मैं हार्ड वर्क में ज्यादा बिलीव करती हूं क्या आप लॉ ऑफ अट्रैक्शन में बिलीव करती हैं बिल्कुल 100% के लिए लॉ ऑफ अट्रैक्शन क्या है और एक स्टूडेंट के लिए उसकी क्या इंपॉर्टेंस है लॉ ऑफ अट्रैक्शन जैसा कि आप सब जानते हैं लॉ ऑफ अट्रैक्शन होता है कि किसी चीज को जैसे कि शाहरुख खान का डायलॉग है किसी चीज को इतनी शिद्दत से चा हो कि
पूरी कायनात उसको आपसे मिलाने में लग जाए तो ये बात बिल्कुल सही है और ये बात मैंने आजमा रखी है मुझे किसी ने बताया था मेरे रिलेटिव में कि लॉ ऑफ अट्रैक्शन एक्चुअली है क्या जैसे मुझे पीएचडी करनी थी लेकिन मैंने पीएचडी उस टाइम पीएचडी में एंटर हुई नहीं थी मैं मेरी एमएससी चल रही थी मैंने उसी टाइम से कार्ड बना रखा था जिस पर मैंने लिख रखा था मेरा नाम डॉक्टर स्वाती नाम लिख रखा था मैंने अच्छा और उस कार्ड को हमेशा मैं अपने पर्स में रखती थी हालांकि उस टाइम पीएचडी का कोई प्लान
नहीं था बस मुझे करनी थी पीएचडी और ना ही मैंने कोई आपका मन था कि मैं डॉक्टर मेरे नाम के आगे लगे डॉक्टर मेरे नाम के आगे लगे क्योंकि मैंने 12थ के बाद जो पीएमटी वाला एग्जाम दिया था डॉक्टर के एंट्रेंस के लिए वो मेरा क्लियर नहीं हुआ था तो तब से दिमाग में एक चीज थी कि डॉक्टर नाम तो नाम के आगे डॉक्टर तो लगा होना चाहिए तो वो एक चीज कहीं ना कहीं हालांकि इतनी मेरे दिमाग में प्रेशर नहीं था लेकिन कहीं ना कहीं सबकॉन्शियस माइंड में था कि नाम के आगे डॉक्टर लगा
होना चाहिए तो मैंने एमएससी के टाइम से एक कार्ड बना रखा था उसपे वो कार्ड आज भी मेरे पास है उसपे नाम लिखा था डॉक्टर स्वाती और वो हमेशा मेरे पास रहता था मेरे पर्स में रहता था जी और मेरे एक रिलेटिव ने जैसे कि मेरे जिया जी हैं उन्होंने मुझे बताया था कि लॉ ऑफ अट्रैक्शन एक्चुअली होता क्या है कि आप उस चीज को फील करो कि वो चीज आपके साथ हो गई है जी जब मैं जीआरएफ का एग्जाम नेट का एग्जाम देने जा रही थी तब जैसे काफी आप प्रेशर में होते हैं जैसे
मैंने जयपुर जाकर पढ़ाई की हॉस्टल में रहकर पढ़ाई की तो काफी चीजें आपकी लाइफ में एक साथ हो रही होती है आप घर से दूर होते हैं फैमिली सिकनेस भी थोड़ा रहता है तो पढ़ाई का प्रेशर भी था और वहां जब आप ऐसे कंपीटेटिव एग्जाम देने के लिए आप किसी यूनिवर्सिटी के अंदर होते हैं तब आप देखते हैं कि जितने भी स्टूडेंट है वो सब आपके ही लेवल के हैं भले आप अपने यूजी टाइम में आप टॉपर होंगे अपने टाइम के लेकिन जब आप किसी बड़ी यूनिवर्सिटी में पढ़ने जाते हैं तो जितने भी स्टूडेंट होते
हैं वो सब आपके ही लेवल के होते हैं बचपन से आप टॉपर थे अपने यूजी टाइम तक स्कूल टाइम से लेके कॉलेज टाइम तक आप अपने टॉपर थे लेकिन जब आप किसी यूनिवर्सिटी में जाते हैं हायर स्टडीज के लिए तो वहां पर आपको सभी टॉपर मिलते हैं सभी क्रीम आती है अपनी जगह से तो वहां पर आप एक एवरेज स्टूडेंट हो जाते हो तो एक तो ये चीज आपके दिमाग में रहती है कि हम तो टॉपर थे और अचानक आप एवरेज स्टूडेंट बन गए हो तो पहले तो आपका दिमाग ये चीज एक्सेप्ट नहीं कर पाता
तो जब मैंने ये एग्जाम दिया जेआरएफ का जूनियर रिसर्च फेलोशिप जब आप पीएचडी में एंटरल लेते हैं तो आपको स्कॉलरशिप मिलती है इसके लिए तब मेरे जिया जी ने मुझे यह बताया कि लॉ ऑफ अट्रैक्शन ऐसी चीज होती है कि आप उस चीज को महसूस कीजिए यानी कि मुझे यह महसूस कराया गया कि जब मेरी जेआरएफ क्लियर हो गई है या मेरा रिजल्ट आ गया है तब मुझे क्या फील हो रहा है मेरे पापा को कैसा फील हो रहा है मेरी मम्मा को कैसा फील हो रहा है मेरी फैमिली का क्या रिएक्शन है और जब
मैं वो चीज पसू कर रही हूं यानी पीएचडी कर रही हूं तब मेरी लाइफ कैसे चेंज हो गई है तो लॉ ऑफ अट्रैक्शन ऐसी चीज है और ये रियल है अगर आप किसी चीज को दिमाग में इतना ज्यादा उसको हिट कर लो अपने दिमाग में कि ये चीज मेरे को लेनी ही लेनी है ये चीज मेरे साथ हो रही है होनी चाहिए तो वो चीज आपके साथ जरूर होगी क्योंकि आपका माइंड इतनी स्ट्रांग मशीन है ना कि वो चीजें अपने आप इस तरीके से सेट कर देता है कि वो चीज आपको मिल जाती है तो
फाइनली फिर जो आपने उस कार्ड पे लिखा डॉक्टर स्वाती बिल्कुल वो क्या सच हो गया वो आज भी मेरे पास है और आज आप डॉक्टर स्वाती हैं आज मैं डॉक्टर स्वाती हूं बिल्कुल ट्स रिली अमेजिंग ब्रिलियंट तो लॉ ऑफ अट्रैक्शन में आप बिलीव करते हैं स्मार्ट वर्क में आप बिलीव करते हैं हार्ड वर्क हार्ड वर्क में आप ऑफकोर्स बिलीव करती है स्वाति दोस्तों की क्या इंपॉर्टेंस है मैं यह समझना चाहता हूं कि आपके दोस्त स्टूडेंट लाइफ में आपके दोस्त रहे कॉलेज हॉस्टल क्या रोल है दोस्तों का दोस्तों का सबसे बड़ा रोल है मुझे लगता है
कि एक तरीके से अभिन्न अंग है आपकी लाइफ के दोस्त क्योंकि अगर दोस्त नहीं होंगे तो बहुत सी चीजें होती है कि जब आपको दोस्तों की जरूरत होती है जब आप ऐसी चीज होती है जब आप फैमिली से शेयर नहीं कर सकते या फैमिली हमेशा अवेलेबल नहीं होती है आपके आसपास खासकर जब आप हॉस्टल में रहते हैं तो आपके दोस्त ही एक तरीके से आपकी फैमिली बन जाते हैं तो एक इंसिडेंट मुझे आज भी याद है कि रिजल्ट आया था एक कंपट एग्जाम का जिसमें मेरा नहीं हुआ था ऑफकोर्स मेरे कई सारे फ्रेंड्स का हुआ
था और भी ज्यादा बुरा लग रहा था बिल्कुल तो मुझे ध्यान है मैं लाइब्रेरी में बैठ के पढ़ रही थी और रिजल्ट आया था तो मेरा मूड ऑफ हो हो गया और मैं बाहर जैसे चाय पीने के लिए चले जाते हैं थड़ी पे तो मैं वहां बैठी थी अकेली बैठी थी और जस्ट मतलब उसको सोच सोच के मैं रोने ही वाली थी मुझे अच्छे से ध्यान है इतने में सामने से मेरी एक फ्रेंड आ रही थी हालांकि वो दूसरे सब्जेक्ट की थी मेरे से एक दो साल जूनियर भी थी लेकिन हॉस्टल में हम लोग साथ
थे तो वो मेरे पास आई उसने मेरे से पूछा शकल देख के उसने मेरे से पूछा क्या हुआ तो मैंने कहा रिजल्ट आया और नेगेटिव और मैं जस्ट रोने वाली थी तो उसने सीधा य बोला क्या मोट्स क्या रोना बिना बात के चलना चाय पीते हैं बता नहीं सकती उसका एक डायलॉग था और मेरा रोना धोना सब बंद हो गया मैंने उसको यही कहा कि मुझे शांति से बैठ के रोने तो देती कम से कम और मुझे रोने नहीं दिया और मुझे अपने साथ ले गई और वो दुख मेरा ऐसे फुर हो गया कि मुझे
खुद को भी पता नहीं चला कि ठीक है नेगेटिव रिजल्ट आया इट्स ओके लेकिन फ्रेंड्स ऐसी चीज है जो कि अच्छे फ्रेंड्स होना आपकी लाइफ में आपकी बहुत बड़ी अर्निंग है ठीक बात है ये मैं एग्री करता हूं आपकी बात से कि अगर आपके पास अच्छे दोस्त हैं जो आपके आपकी लाइफ में आपके परिवार की तरह आपके साथ है तो तो आपकी लाइफ बहुत ज्यादा खूबसूरत हो जाती है आप उनके साथ वह सब कुछ शेयर कर सकते हैं जो आप वैसे नहीं कर सकते लेकिन स्वाती दोस्त ही जिंदगी खराब भी कर देते हैं ऐसा भी
सुनने को मिलता है कि अगर दोस्तों का सिलेक्शन सही नहीं हुआ गलत संगत या गलत दोस्ती में आप चले गए तो भी आपकी लाइफ खराब है इस पर आप क्या कहना चाहेंगे यह तो फिर आपको देखना पड़ेगा कि आपके दोस्त कैसे होने चाहिए अगर आपको लगता है कोई इस तरीके का दोस्त है तो उसे बहुत ही जल्द जितनी जल्दी हो सके दूर हो जाना चाहिए फिर वो आपका दोस्त नहीं है ये तो आपको इतना तो आपकी सिक्स सेंस आपको बता ही देती है कि कौन आपका दोस्त है और कौन नहीं जेनन जो दोस्ती है वही
रखनी चाहिए आप स्पिरिचुअलिटी में बिलीव करते हैं भगवान में विश्वास रखते हैं आप हां भगवान में विश्वास रखती हूं लेकिन मैं इतनी पूजा पाठ नहीं करती या फिर कोई मंत्र वगैरह नहीं पढ़ती इन सब में आप नहीं करते स्वाति आपकी पढ़ाई में या आपके पूरे करियर में हिंदी और इंग्लिश को लेकर के क्योंकि जनरली ऐसा देखा जाता है कि राजस्थान या कुछ ऐसी स्टेट्स है जहां पर स्टूडेंट्स जो हैं उनकी इंग्लिश पर उतनी अच्छी कमांड नहीं होती तो क्या करियर में आपको इसकी वजह से कोई चैलेंज कभी फेस करना पड़ा या कोई कोई प्रॉब्लम आई
इंग्लिश को लेकर बिल्कुल बहुत बड़ा चैलेंज फेस किया जैसे आप बीएससी तक होते हैं तो आपकी सारी बुक्स हिंदी में होती है मैं हिंदी मीडियम से हूं बीएससी तक आपकी सारी बुक्स हिंदी मीडियम में होती है और अचानक जैसे आप में जाते हैं तो मीडियम आपका ऑटोमेटिक इंग्लिश हो जाता है आप हिंदी मीडियम एडेप्ट ही नहीं कर सकते तो एक तो वो बुक्स इतनी मोटी मोटी बुक्स ठीक है ऊपर से जब आप एग्जाम दे रहे हैं तो आपने इंग्लिश में लिखना है आपको तो आपने आंसर स्टार्ट तो कर दिया लेकिन आपको समझ में नहीं आ
रहा कि इसका एंड कैसे होगा क्योंकि हिंदी में तो अगर आपको एक शब्द भी पता है तो आप पूरा उस परे एक पेज भर सकते हैं खीच सकते उस पर आप पांच लाइने 10 लाइने लिख सकते लेकिन आप इंग्लिश में उस सिर्फ एक एक ही लाइन लिख सकते हो अगर आपका मीडियम हमेशा से हिंदी मीडियम रहा है तो तो ये बहुत बड़ा बैरियर कह दीजिए या हर्डल कह दीजिए जो कि आया लेकिन कंपीटेटिव एग्जाम में इसका कोई भी रोल नहीं है मीडियम का क्योंकि हिंदी मीडियम इंग्लिश मीडियम दोनों के अंदर क्वेश्चंस आते हैं और मल्टीपल
चॉइस क्वेश्चन आते हैं आपको सिर्फ एक वर्ड पता होना चाहिए तो राजस्थान वाले स्टूडेंट्स के साथ या फिर राजस्थान के लोगों के साथ ये प्रॉब्लम हमेशा आती है और वो चीज मैंने भी फेस की है लेकिन धीरे-धीरे आप उससे ओवरकम हो सकते हैं आप मेहनत कर सकते हैं अपनी इस कमी पर भी लेकिन बहुत सारे स्टूडेंट्स अपनी अंग्रेजी पर कमांड ना होने की वजह से इनफीरियर कॉम्प्लेक्शन की बात कर ले लाइफ इन जनरल की बात कर ले तो आप क्या कहना चाहती हैं जिनकी अंग्रेजी कमजोर है अंग्रेजी पर उतनी कमांड नहीं है क्या अंग्रेजी की
वजह से अपने कॉन्फिडेंस को लो करना चाहिए बिल्कुल नहीं क्योंकि कोई भी लैंग्वेज आपकी क्वालिफिकेशन अ या आपकी पर्सनालिटी को डिफाइन नहीं करती है कोई भी ल आप जो हो वो किसी लैंग्वेज की वजह से नहीं हो वो आप अपनी वजह से हो या अपने हार्ड वर्क की वजह से हो तो लैंग्वेज हो सकता है कि कोई हर्डल हो मतलब कोई आपके रास्ते का रोड़ा हो लेकिन वो आपका रास्ता ब्लॉक नहीं कर सकता आप उसे हटा सकते हैं अब्सोल्युटली स्वाति एक और क्वेश्चन मेरे माइंड में आ रहा है जो आपसे पूछना चाहता हूं वो क्वेश्चन
है कि लाइब्रेरी में पढ़ाई करें या घर में पढ़ाई करें अगर आपके पास लाइब्रेरी की सुविधा है तो नो डाउट आपको लाइब्रेरी में ही पढ़ाई करनी चाहिए क्योंकि लाइब्रेरी का जो एनवायरमेंट होता है जो मैंने देखा है लाइब्रेरी का एनवायरमेंट जैसे राजस्थान यूनिवर्सिटी है उसकी लाइब्रेरी सेंट्रल लाइब्रेरी बहुत बड़ी लाइब्रेरी है बहुत बड़े रीडिंग हॉल्स बने हैं तो अगर आप उसमें पढ़ते हैं तो एक अलग ही माहौल बनता है पढ़ने के लिए आपको क्या चाहिए बुक्स चाहिए आपका इंटरेस्ट चाहिए और सबसे बड़ी बात आपको माहौल चाहिए तो माहौल आपको और अगर आपको रोना आए तो
वो दोस्त आसपास होने चाहिए चल खड़ी और चाय पीने चल चल खड़ी और चाय पीने चल बिल्कुल तो मेरा ये मानना अगर आप घर पे हो तो आप बिल्कुल पढ़ते पढ़ते बोर हो जाओगे और अगर आप नप लेना चाहते हो तो आप बिल्कुल सो जाओगे और आपको नींद आ जाएगी और आप अच्छे से एक घंटा दो घंटा वहां पे सो जाओगे जो कि आपका बिल्कुल टाइम किलिंग है करेक्ट करेक्ट लेकिन अगर आप लाइब्रेरी में हो तो अगर आपको नींद भी आ रही है तो आप हेड डाउन करके कितने पाच मिनट 10 मिनट आधा घंटा इससे
ज्यादा आप खुद भी नहीं सो पाओगे अपनी लाइफ में सक्सेस के लिए आप अपने टीचर्स को कितना थैंक्स बोलती है कितना महसूस करती है अपने टीचर्स के लिए टीचर्स का तो ऐसा है कि मुझ मेरा ऐसा मानना है जैसे कि केमिस्ट्री सब्जेक्ट में मेरा इंटरेस्ट रहा है तो मुझे टीचर्स ही हमेशा ऐसे मिले हैं केमिस्ट्री में जिनकी वजह से मेरा इंटरेस्ट डेवलप हुआ है पहला पहले मेरा दूसरे सब्जेक्ट में इंटरेस्ट था बॉटनी में क्योंकि बॉटनी के सर हमारे बहुत अच्छे थे उन्होंने बिल्कुल ऑन टिप्स पूरी बुक्स हमें रटा दी थी जिसे कहेंगे एग्जाम से पहले
कोई 10 बार 15 बार रिवीजन उन्होंने करा दिया तो मुझे बटनी पसंद थी लेकिन उसके बाद जैसे आगे जाक हमें बटनी के सर थोड़े कम अच्छे मिले या फिर केमिस्ट्री के उनसे ज्यादा अच्छे मिल गए तो इंटरेस्ट डेवलप हो गया मेरा केमिस्ट्री में राइट तो मैं क्या कहना चाहूंगी किसी स्टूडेंट का इंटरेस्ट डेवलप होता है अगर आपका टीचर कैसा है आपको टीचर उस सब्जेक्ट को कैसे डिलीवर कर रहा है करेक्ट तो यह डिपेंड करेगा टीचर पे 100% टीचर पर डिपेंड करता है अगर आपका टीचर अच्छा है वह अच्छे से अपनी बात या अपना सब्जेक्ट आपको
समझा पा रहा है तो आपका ऑटोमेटिक ही आपका इंटरेस्ट डेवलप हो जाएगा इसका मतलब किसी भी स्टूडेंट की एकेडमिक सक्सेस या फेलियर में उसके टीचर का बहुत बड़ा रोल है बहुत बड़ा रोल है लेकिन 100% नहीं क्योंकि उस स्टूडेंट की मेहनत उसका डेडिकेशन वो भी डिपेंड करता है क्योंकि एक टीचर अगर 40 स्टूडेंट्स को सेम चीज बता रहा है तो 40 स्टूडेंट्स अलग-अलग तरीके से उसे ग्रस्प करते हैं उसे गेन करते हैं किस तरीके से तो डिपेंड करता है उस स्टूडेंट पे तो मुझे हमेशा से ही केमिस्ट्री के टीचर्स ऐसे मिले कि मुझे केमिस्ट्री में
इंटरेस्ट बढ़ता ही गया एक तरीके से क्या आप खुद को लकी मानते हैं टीचर्स जनरली लाइफ इन जनरल नहीं मुझे ऐसा लगता है मुझे कोई भी चीज ना बिना बिना संघर्ष के नहीं मिलती है मेरा ऐसा मानना है छोटी से छोटी चीज हो या बड़ी से बड़ी चीज हो जब तक उसमें संघर्ष नहीं लगेगा या जब तक मुझे उसके लिए डेडिकेशन या जब तक मैं उसके पीछे नहीं पड़ जाऊंगी तब तक वो चीज मुझे नहीं मिलती वेल स्वाति आज मजा आया आपके साथ बातचीत करके आपने बहुत ही बेबाकी और बिंदास अंदाज में अनफिल्टर्ड करेक्ट और
अपने एक्सपीरियंस से बहुत सारे ऐसे सवालों के जवाब दिए जो मैं जानना चाह था किसी ऐसे शख्स से जो आपकी तरह एक्सपीरियंस्ड हो और एकेडमिकली ब्रिलियंट रहा हो आप अपनी स्कूलिंग में टॉप रहे आप आपने हमेशा टॉपर्स में अपना स्थान बनाए रखा आपको स्कॉलरशिप्स मिली आज आप पीएचडी हैं तो उन सबको माइंड में रखते हुए जो सवाल मैं आपसे पूछना चाहता था वह आपने मुझे उनके जवाब आपने मुझे दिए कैसा रहा आपका एक्सपीरियंस आज इस पॉडकास्ट का इस बातचीत का सबसे पहली बात मुझे बहुत मजा आया आपसे बातें करके जी और मैं वापस उस जोन
में चली गई अपने स्टूडेंट लाइफ के जोन में चली गई ये सारी बातें करते हुए वो सारी चीजें बिल्कुल एक फिल्म की तरह मेरी आंखों के आगे आ गई कि क्या-क्या हुआ मेरे साथ क्या-क्या चीजें चली उस टाइम पे तो बहुत अच्छा एक्सपीरियंस रहा कोई स्वाति जो राजस्थान के किसी किसी जिले किसी प्रांत में इस सेशन को सुनेगी या सुन रही होगी और आपके अंदर खुद को देख रही होगी वो यंग स्वाती उसको आप क्या मैसेज देना चाहेंगी आप आप क्या कहना चाहेंगी जो डिमोटिवेटेड महसूस कर रही है जिसके दोस्त पास हो रहे हैं वो
पास नहीं हो रही है जो जो मेहनत करके अपनी लाइफ बनाना चाहती है बाहर निकलना चाहती है दुनिया के लेवल पर खुद को चमकाना चाहती है उसको आप क्या कहना चाहेंगे ऐसी ही किसी स्वाती से मैं यही कहना चाहूंगी कि मेहनत करो मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता जितनी मेहनत करोगे वो आपके हमेशा काम आएगी हो सकता है कि जैसे बोला जाता है भगवान के घर में देर है लेकिन अंधेर नहीं तो वह उसकी मेहन आपकी मेहनत का फल आपको जरूर मिलेगा सिर्फ आपको फोकस रखना है अपने गोल पर आपको क्लियर होना चाहिए आपको क्या
चाहिए आपकी फैमिली का सपोर्ट आपके साथ होना चाहिए और मेहनत कीजिए आप जो चाहते हैं आपको वो मिल जाएगा मेहनत कीजिए आपको आप जो चाहते हैं वह आपको मिल जाएगा इसका मतलब ही सफलता की कुंजी है हम बचपन से पढ़ते आ रहे हैं और आज फिर इस बात को रिइटरेट किया गया तो स्वाति थैंक यू वेरी मच आपने अपना समय निकाला और आप इस मई जून की भरी गर्मी में आप आए और आपने इस इस इस पॉडकास्ट की शुभा बढ़ाई आपने चार चान लगाए अपने एक्सपीरियंस शेयर किए बहुत मजा आया आपसे बात करके थैंक यू
सो वेरी मच थैंक यू स्वाती थैंक यू थैंक य तो दोस्तों यह था सेशन डॉक्टर स्वाती के साथ आई एम प्रिटी श्यर कि आपको बहुत सारे वैल्युएबल नगेट्स मिले होंगे आपने नोट्स बनाए होंगे आपने उनके आंसर्स को ध्यान से सुना होगा बहुत सारी ऐसी चीजें हैं जो इन एक्सपर्ट से आप सीख सकते हैं उनकी रियल लाइफ एक्सपीरियंस से आप सीख सकते हैं और यही कोशिश रहती है कि ऐसे एक्सपर्ट्स को इन पॉडकास्ट में लाया जाए और आपको उन सवालों के जवाब दिए जाएं जो सवाल आपके जहन में घूमते रहते हैं वेल दैट वाज अनदर एपिसोड
इन सी नितिन सोनी पॉडकास्ट आपसे फिर मिलूंगा अगली बार एक नए गेस के साथ थैंक यू फॉर वाचिंग
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