10 किमी दूर तक धमाके की आवाज सुनाई दी और 400 मीटर दूर तक टुकड़े गए जिस भी सोल्जर ने उस टाइम रात में मोबाइल यूज किया गोली उसी पर चली क्योंकि स्नाइपर लाइट देख के गोली मार रहा था कठुआ और सामा डिस्ट्रिक्ट के पूरे एरिया के नीचे सुरंग बना रखी थी लेकिन सत्यपाल मलिक ने वहां पर बात फसा दी कि नहीं मैंने तो कहा था वहां से एयरलिफ्ट कराओ पुलिस को मैसेज करके कह रहा हाय जानू पाकिस्तान के दो अकाउंट यूज करके ₹ लाख वहीं पर ट्रांसफर कर दिए ये जितने भी बॉर्डर क्रॉस करके आए
सब के सब 20 केजी से ज्यादा आरडीएक्स पीठ पर रख के लाए आदिल वाली वीडियो में तो आदिल सिर्फ मुंह चला रहा था बाद में पता चला कि पीछे से कोई और बोल रहा था मोबाइल के अंदर से जब इंशा और उमर की इंटीमेट फोटो दिखाई गई तो शाकिर शॉक्ड हो गया और सारी चीजें उगल गई सैनिक अपने घर की जमीन के लिए नहीं बॉर्डर प बंदूक लेके खड़ा है देखिए फिजिकल हेल्थ के साथ-साथ ओरल हेल्थ का ध्यान रखना भी आज के टाइम में जरूरी है और ओरल हेल्थ में सबसे पहले आते हैं आपके दांत
अगर आपके दांत टेढ़े मेढ़े हैं या उनके बीच में गैप्स हैं तो उनमें खाना फंस जाता है और यह आसानी से साफ भी नहीं होता जिससे कि बैक्टीरिया बढ़ने से कैविटीज और गम डिजीज का रिस्क बढ़ जाता है और कई बार आढ़ी टेढ़े दांत होने पर आपका कॉन्फिडेंस भी लो रहता है अब इस प्रॉब्लम का बेस्ट सॉल्यूशन है टसी के टीथ अलाइन ये लाइनर्स 6 से 12 महीनों में आपके मिस अलाइन टीथ को फिक्स करते हैं पहनने में काफी ज्यादा कंफर्टेबल और बिल्कुल इनविजिबल है और बेस्ट पार्ट ये है कि ये लाइनर्स रिमूवेबल है तो
नो फूड रिस्ट्रिक्शंस लाइनर्स उतारो जो मर्जी खाओ और वापस पहन लो इन एलाइनर्स को मंगवाने का प्रोसेस भी काफी सिंपल है आपको बस टूथसी के वेबसाइट पे जाना है और एक टीथ स्कैन बुक करनी है स्कैन आप घर पे या तुर्सी के पैन इंडिया एक्सपीरियंस सेंटर्स में जाके करवा सकते हैं स्कैन के कुछ दिनों बाद आपके एलाइनर्स आपके घर डिलीवर कर दिए जाते हैं 3 लाख से ज्यादा लोगों ने टूथ की हेल्प से अपनी ड्रीम स्माइल पाई है अगला नंबर आपका है अपनी टीथ स्ट्रेटनिंग जर्नी की शुरुआत करें एक फ्री टीथ स्कैन और डॉक्टर कंसल्टेशन
के साथ लिंक इज इन द डिस्क्रिप्शन तो टॉपिक पे वापस आते हैं देखिए 31 ऑफ दिसंबर 1999 को कांधल हाईजैक वाली इंसीडेंट की वजह से इंडिया को मसूद अजर को अफगानिस्तान के अंदर छोड़ना पड़ा था अब मसूद अजर को अफगानिस्तान में तो छोड़ दिया गया था लेकिन छूटने के दो महीने बाद यानी कि मार्च ईयर 2000 में यह पहुंचता है पाकिस्तान के बहावलपुर में और यहां पहुंचने के बाद पाकिस्तान की आईएसआई मसूद अजर का ग्रैंड वेलकम करती है एक रैली भी निकाली गई और इसी रैली के अंदर खड़े होकर मसूद अजर ने ऑफिशियल जयश मोहम्मद
को लांच किया था और कहा कि जयश मोहम्मद के जो लोग हैं यही कश्मीर को इंडिया से अलग करके दिखाएंगे अब जयश मोहम्मद लॉच तो हो गई थी और लॉन्च होने के अगले पांच साल तक जयश मोहम्मद ने कश्मीर को रिक्रूट करा आईएसआई वगैरह से ट्रेनिंग वगैरह दिलवाई कई सारे हमले किए और ये जो पार्लियामेंट अटैक वगैरह हुए थे सब इसी 5 साल के अंदर हुए थे और आगे के जो आने वाले साल थे उसके अंदर भी जयश मोहम्मद ने कश्मीर के अंदर टाइम टू टाइम अपने जो मॉडल था जो काम करने का तरीका था
उसको चेंज किया लेकिन जयश मोहम्मद की प्रायोरिटी पे एक ही चीज रहती थी कि यंग कश्मीरियों को हायर करके ट्रेनिंग करवा के इंडिया में हमला करवाया जाए क्योंकि उससे मैसेज जाता था कि कश्मीरी जो हैं वही इंडिया के अगेंस्ट में खड़े हुए हैं और पाकिस्तान का इससे कोई लेना देना नहीं है तो आने वाले सालों में जैशे मोहम्मद जो था उसने अपने पैर जो है कश्मीर के अंदर जमा लिए थे लेकिन इसके बाद ईयर 2015 आते-आते एक अलग सी चीज हुई इससे पहले जो कमांडर वगैरह बनते थे कश्मीर के अंदर वो छुप के रहते थे
लो प्रोफाइल रहते थे लेकिन इसी टाइम पे बुरहान वानी ने एक नए स्टाइल से अपनी मिलिटेंसी दिखाई यह पहला ऐसा मिलिटेंट था जो छुपने की बजाय सोशल मीडिया पे खुलेआम पोस्ट करता था इंडियन फोर्सेस को चैलेंज करता था हमला करने से पहले पोस्ट कर देता था और इसी की वजह से बहुत ही कम टाइम में यह कश्मीर के अंदर बहुत फेमस होने लगा था और इसने बहुत ही कम टाइम में यंग कश्मीर को मिलिटेंसी की तरफ धकेला अब जयश मोहम्मद को यह बुरहान वानी का जो काम करने का तरीका था ये बहुत ज्यादा सूट किया
लेकिन इससे पहले कि जयश मोहम्मद कुछ सोच पाता 8थ ऑफ जुलाई 2016 को इंडियन फोर्सेस ने बुरहान वानी को मार दिया और इसकी वजह से कश्मीर के अंदर माहौल बहुत खराब हो गया और यही वो टाइम था जब मसूद अजहर ने डिसाइड किया था कि ये सबसे बेस्ट टाइम है कश्मीर के अंदर और हमले करने की अब मसूद अजहर जो था वो पाकिस्तान में था और पाकिस्तान के अंदर मसूद अजहर के पास पांच सबसे ट्रस्टी लोग थे उमर फारूक उस्मान मान हैदर तलह मसूद इस्माइल अलवी जिसको लंबू भाई भी कहते हैं और अब्दुल राशिद गाजी
तो ये पांच बंदे मसूद अजर के बहुत ही ट्रस्टी थे और इन पांच के अंदर से भी तलहातू अजहर की फैमिली से ही थे भतीजे थे इसके तो जब बुरहान वानी की डेथ हुई तो मसूद अजहर ने इनमें से तलहातू जन का कमांडर बना दिया तलह को काम दिया गया था कि इस एरिया में ज्यादा से ज्यादा यंग कश्मीरियों को जैसे मोहम्मद जन करवाओ और ओजी डब् का जो नेटवर्क है उसको बड़ा करो देखिए ओजी डब् मतलब ओवरग्राउंड वर्कर जैश मोहम्मद ने कश्मीर के अंदर लोकल लोगों का एक नेटवर्क बनाया था इनमें उन कश्मीरियों को
रखा गया था जो सामने से इंडियन फोर्सेस के खिलाफ हथियार नहीं उठाना चाहते थे लेकिन कश्मीर के अंदर जो बाकी आतंकी होते थे जो इंडियन फोर्सेस से लड़ते थे उनको शेल्टर देना इंडियन फोर्सेस की लोकेशन और छोटे-छोटे इंटेल देना लॉजिस्टिक संभालना सेफ हाउस अरेंज करना ये सारा काम जो था वो ओजी डब् करते थे तो इस नेटवर्क को जैशे मोहम्मद अंदर और बढ़ाना चाहता था ये बहुत इंपॉर्टेंट रोल प्ले करते थे जब-जब ओड का नेटवर्क स्ट्रांग रहता है हमला करना उतना ही आसान रहता है और जैश मोहम्मद की प्रेफरेंस होती थी कि ओड में लोकल
ड्राइवर लोकल मार्केट की शॉप चलाने वाले ऐसे ही लोगों को हायर किया जाए क्योंकि ऐसे लोगों से ओडल की टास्क कराने बहुत ही आसान हो जाते हैं और इनके ऊपर शक भी कम होता है अब देखिए सेम ईयर यानी कि ईयर 2017 में एंट्री होती है आदिल दार की जो इस पूरे पुलवामा अटैक की जड़ है तो देखिए जम्मू एंड कश्मीर की पुलवामा डिस्ट्रिक्ट के काकापोरा एरिया में एक गांव पड़ता है गुंडी बाग यहां पे एक स्कूल है गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल और इसी स्कूल में आदिल दार जो था वह 12थ क्लास में पढ़ता था
उस टाइम पे किसी ने नहीं सोचा था कि यह 12थ में पढ़ने वाला लड़का आगे चलके कितना बड़ा हमला करने वाला है दिस इ पुलवामा लेपरा वेर रम हिज कार् ऑन 14th ऑफ फेबरी वच इज आल्सो सीन एज अ वैलेंटाइंस डे बट फॉर मेनी सोल्जर्स दे लॉस्ट र फैमिली दे लॉस्ट दे लव ये जो स्कूल था यहां पे आदिल के साथ-साथ इसके दो दोस्त और थे तोही और वसीम इनमें से तौसीफ जो था यह पूरी तरीके से ब्रेन वॉश था इसका जो बड़ा भाई भी था वो भी मिलिटेंसी जॉइन कर ली थी उसने थोड़े दिन
पहले ही उसको भी इंडियन फोर्सेस ने गोली मार दी थी तो तौसीफ जो है उसका काफी इंपॉर्टेंट रोल रहा है आदिल और वसीम को इन्फ्लुएंस करने में कि इंडियन आर्मी कितना गलत कर रही है तो देखिए ये तीनों इस स्कूल में अपना पढ़ रहे थे और एक दिन क्या होता है कि आदिल जो था वो स्कूल से आ रहा था और गलती से स्टोन पेंटिंग के केस में इंडियन फोर्सेस आदिल को उठा के ले जाती है कुछ दिन तक रखती है और फिर छोड़ देती है अब इसको उठाने के पीछे कई रीजन और भी थे
क्योंकि जब बुरहान वानी को मारा गया था तो आदिल और इसके ये जो दो दोस्त थे ये तीनों डेली प्रोटेस्ट करने जाते थे और काकापोरा और लेतपोरा तक पत्थरबाजी करके आते थे तो इन्हीं सब चक्कर में कई बार इनको स्टोन पेल्टिंग के लिए पकड़ा भी गया है फिर जेल में रखा गया है और फिर उसके बाद कुछ टाइम बाद छोड़ दिया गया तो ऐसे ही एक दिन आदिल के पैर में गोली भी मार दी गई थी और गोली लगने के चक्कर में कई महीनों तक इसको बेड रेस्ट हो गया था हॉस्पिटल चला गया था ये
और इसी की वजह से इसका स्कूल भी छूट गया था अब कुछ महीने बाद आदिल ठीक तो हो जाता है लेकिन ठीक होने के बाद ये दो चीजें करता है एक तो स्कूल पूरी तरीके से छोड़ देता है दूसरा अंसर गजवा उल हिंद के टच में आ जाता है और इसको जवाइन कर लेता है ये भी इंडियन गवर्नमेंट के खिलाफ लड़ती है और साथ में घर भी चलाना था तो आदिल क्या करता उसका एक पड़ोसी था उसकी वुड कटिंग की मील थी जिसके अंदर लकड़ी के बॉक्स बनते थे तो आदिल यहां पे काम करने लगा
तो जब से इसने अंसर गजवा उल हिंद के लोगों के टच में आया था इसका पूरा माइंड वॉश हो चुका था अब कुछ दिन तक तो ये वुड मिल में काम करता है और फिर एक दिन आदिल जो था जब इस वुड मिल के अंदर काम कर रहा था तो एक इलेक्ट्रिशियन था मुदा सिर खान नाम से आदिल इसके टच में आता है यह एक्चुअल में जय शय मोहम्मद का ओजी डब्लू था और यही आदिल को इन्फ्लुएंस करके जयश मोहम्मद जवाइन करने के लिए कन्विंसिंग भी कमी थी रिसोर्सेस की भी कमी थी तो आदिल ने
इसकी वजह से जयश मोहम्मद जवाइन कर ली लेकिन जब आदिल ने जयश मोहम्मद जॉइन किया था तो सेम डे मुदा सिर ने जयश मोहम्मद के कमांडर जो थे उनको बता दिया था कि आदिल हमारे मिशन के लिए बहुत काम आ सकता है बहुत ही जानूनी लड़का है और बहुत गुस्सा भरा हुआ है इसके अंदर इंडियन फोर्सेस के लिए अब इधर ये सारी चीजें चल रही थी और इसके कुछ दिन बाद यानी के सिक्स्थ ऑफ नवंबर 2017 को इंडियन फोर्सेस तलह जो था जिसको मसूद अजर ने भेजा था कमांडर बना के इसका एंकाउंटर कर देती हैं
अब यह जो चीज हुई थी यह मसूद का भतीजा था और मसूद को इसको लेक बहुत ज्यादा फ्रस्ट्रेशन हो गई थी यह इंसीडेंट जब हुआ था तो इस इंसिडेंट के बीच में ही मसूद अजर ने पाकिस्तान के अंदर रैली वगैरह भी निकाली थी जिसमें सबके सामने ने कहा था कि वो इंडियन फोर्सेस से बदला लेके दिखाएगा और मुंह तोड़ जवाब देगा और तलह का बदला लेने के लिए मसूद जो था वो अपने जो बाकी उसके चार ट्रस्टी लोग थे उसमें से उस्मान और उमर जो था इनको बुला के कहता है कि अब तलह के बाद
तुम दोनों को कश्मीर में जाके इस लड़ाई को आगे बढ़ाना है और बदला लेना है ये उस्मान और उमर जो थे ये जो कानन हाईजैक का जो मास्टरमाइंड था इब्राहिम अतर उसी के बेटे थे ये और ये दोनों भी मसूद के भतीजे थे तो इस समय इन्होंने ये डिसाइड किया था कि पहले उस्मान जाएगा बॉर्डर क्रॉस करके और उसके बाद फिर उमर जाएगा और बॉर्डर जब भी लोग क्रॉस करते थे तो अमावस की रात को ही करते थे तो 11 जनवरी 2018 को सबसे पहले उस्मान हीरानगर सेक्टर से एलओसी क्रॉस करके कश्मीर पहुंच जाता है
और कश्मीर में जाके साउथ कश्मीर वाला जो एरिया था वहां का कमांडर बन जाता है ये जो उस्मान पहुंचा था इसकी एक खासियत थी यह बहुत ही अच्छा स्नाइपर था यह रात में मोबाइल की लाइट के बेसिस पे अपना टारगेट लोकेट कर लेता था और उस्मान के कश्मीर पहुंचते ही इंडियन फोर्सेस ने एक पैटर्न नोटिस किया था कि जो जो ऑफिसर उस टाइम पे मोबाइल यूज़ कर रहे थे उन्हीं के ऊपर गोली च तो उस्मान के आने के 3 महीने बाद 13th ऑफ अप्रैल 2018 को उमर जो था इसको भी मसूद अजर भेज देता है
उमर यह जो नाम है इसको आप याद रखिएगा यही इस पूरे पुलवामा अटैक का मास्टरमाइंड है उस टाइम पे डार्क कलर पहन के ये लोग बॉर्डर क्रॉस करते थे तो उमर क्या करता है एक ग्रे कैल्विन क्लाइन की टीशर्ट पहन के पाकिस्तान के सुखमल की तरफ से एक टनल का यूज करके कश्मीर पहुंच जाता है अब देखिए आपका क्वेश्चन यह होगा कि ऐसे कैसे इतने आराम से ये लोग एलओसी क्रॉस कर कर के कश्मीर पहुंच जा रहे हैं कोई रोकने वाला नहीं है क्या इन्हें तो देखिए एलओसी का जो पूरा एरिया है वो बहुत ही
कॉम्प्लिकेटेड है और जयश मोहम्मद ने इस पार से उस पर जाने के लिए एलओसी के नीचे ही ऊपर आप कितनी भी बॉर्डर वगैरह बना लो फेंसिंग कर लो लेकिन एलओसी के नीचे कई सारे 3 मीटर वाइड और 25 मीटर गहरे मल्टीपल टनल्स बना रखे थे बीच-बीच में हल्का सीमेंट का यूज करके ये लोग बनाते थे ताकि वो दबे नाना और एंट्री और एग्जिट पॉइंट पे ये लोग पेड़ वगैरह लगा देते तो इन टनल्स को पकड़ना बहुत ही मुश्किल हो जाता ये जो कथुवा और संबा डिस्ट्रिक्ट का जो बॉर्डर है इस पूरे एरिया के अंदर जयश
मोहम्मद ने बहुत ज्यादा टनल बना दिए थे इसको रोकना भी बहुत मुश्किल था और ये जो टनल थे जब पकड़े भी जाते थे इस टनल के अंदर पाकिस्तान के प्रोडक्ट्स भी मिलते थे जब आतंकी इसका यूज करते थे एक बार पाकिस्तान के गुजरान वाला की फेंटा की बोतल भी मिली थी तो इन्हीं टनल्स का यूज करके उमर जो था कश्मीर के बैन नुला पहुंच जाता है और जैसे ही उमर पहुंचता है वहां पे एक ओजी डब् था अशक अहमद नैन गुरु ये पहले से एक ट्रक लेकर वहां पे इसका वेट कर रहा था इस ट्रक
के अंदर आटे की बोरियां थी उसको लेके ये वेट कर रहा था ताकि उन बोरियों के बीच में ये छुप जाए महाजन फ्लोर मिल थी एक वहां से इसने ये सारे आटे की बोरियां भरवाई थी तो इस तरीके से उमर और उस्मान जो थे ये दोनों कश्मीर पहुंच जाते हैं उस टाइम पे कश्मीर के अंदर अब्बास रदर नाम का एक ओड था इसका कश्मीर के अंदर आतंकियों के लिए जो सेफ हाउस अरेंज करना होता है इसका बहुत बड़ा नेटवर्क था और जैश मोहम्मद जब भी कोई पीओके से किसी आतंकवादी को भेजता था तो अब्बास ही
था उनको रुकवाने का और टाइम टू टाइम उनके सेफ हाउस चेंज कराने का जितना भी अरेंजमेंट होता था सभी अब्बास देखता था तो उस्मान और उमर जो थे उनका भी अरेंजमेंट इसी ने ही कराया था उमर जो था वो दो-तीन सेफ हाउस तो चेंज करता है कुछ दिनों के बाद लेकिन उसके बाद शाकिर बसर नाम का एक कश्मीरी था उसके घर को ये सेफ हाउस बना के रहने लगता है और यहां पे काफी टाइम तक रुकता है पूरी प्लानिंग यहीं पे होती है ब वगैरह सब यहीं पे इकट्ठा होता है अभी आएगा आगे वो अब
उमर जब सेफ हाउस चेंज कर रहा था तो एक बार ये पीड़ तारिक अहमद नाम का एक आदमी था उसके घर को जब सेफ हाउस बना के रुका था तो रूल के हिसाब से यह है कि सेफ हाउस हर थोड़े टाइम के बाद चेंज करना होता है लेकिन हुआ ये कि उमर को पीड़ तारीख की जो बेटी थी इंशा उससे प्यार हो जाता है तो यहां पे ज्यादा रुकने लगता है उमर ने इंशा को redmi5.tk आदिल और उसके साथ 70 और यंग कश्मीरी थे उनको पीओके में ट्रेनिंग कराने के लिए बुला लेता है और इन
सबकी ट्रेनिंग बालाकोट और बहावलपुर में रखी जाती [संगीत] है अब जैसे ही ये चीज होती है तो इसके बाद 19 मार्च 2018 को आदिल और उसके स्कूल फ्रेंड जो थे ये सब के सब अपने घर से गायब हो जाते हैं आदिल के घर वाले कई दिनों तक इसको ढूंढते हैं लेकिन जब नहीं मिलता है तो पुलवामा डिस्ट्रिक्ट के काकापोरा पुलिस स्टेशन में एक रिपोर्ट करवा देते हैं और करीब 10-15 दिन तक सारे लोग इसको ढूंढ रहे थे और फिर अप्रैल फर्स्ट वीक में सोशल मीडिया पे अचानक से आदिल की फोटो आती है जिसमें आदिल एके
47 लेके खड़ा है और इसमें उसने अनाउंस किया कि अब उसने जयश मोहम्मद जवाइन कर लिया और अपना कोड नेम भी बताता है वकास कमांडो ऑफ गुंडी बाग अब जब ये इमेज आई तो इंडियन फोर्सेस ने इसको उतना सीरियसली नहीं लिया और इसको आतंकियों की सी कैटेगरी की लिस्ट में डाल दिया था ए कैटेगरी वाले ज्यादा डेंजरस होते हैं सी कैटेगरी वाले उससे कम डेंजरस होते हैं लेकिन ये सी कैटेगरी का जो आदिल था आगे चलके बहुत बड़ा का करने वाला था अब इसके बाद आदिल और उसके दोस्त जो थे वो पीओके में पहुंच जाते
हैं और पीओके में पहुंचने के बाद इनकी स्पेशलाइज ट्रेनिंग स्टार्ट होती है और जब ये पूरी ट्रेनिंग हो रही थी तो उस टाइम पे इनका जो ट्रेनर था वो था अब्दुल राशिद गाज और जब भी ट्रेनिंग स्टार्ट होती थी तो इनकी मर्जी होती थी कि आपको कौन सी कैटेगरी सेलेक्ट करनी है दो कैटेगरी होती है इत शादी और दूसरी होती है इंगी मासी इत शादी में आत्मघाती बबर की ट्रेनिंग मिलती है और इंग मासी में आत्मघाती फाइटर वगैरह जो होते हैं वो सारा काम होता है आदिल जो था इसने इस शादी वाली कैटेगरी सेलेक्ट की
थी यहां पे इसको वगैरह बनाना सिखाया गया लोडेड आरडीएक्स के साथ गाड़ी चलाना सिखाया गया और पूरी ट्रेनिंग इसकी कंप्लीट यहां पे कराई जाती है और ये जब पूरी ट्रेनिंग चल रही थी तो अब्दुल राशिद गाजी था जो इनका ट्रेनर था उसको आदिल सबसे ज्यादा पसंद आता है क्योंकि एक तो इसके अंदर बाकियों से ज्यादा नफरत थी इंडियन फोर्सेस के लिए दूसरा ये अपनी जान तक देने को रेडी था और जहां पे जैश मोहम्मद की लीडरशिप अटैक करने की सोच रही थी आदिल वहीं का लोकल था तो इसको चप्पा चप्पा पता था तो जब आदिल
की भी ट्रेनिंग पूरी हो जाती है तो आदिल भी जम्मू तंबा सेक्टर वाला जो बॉर्डर था उसको क्रॉस करके वापस कश्मीर के अंदर आ जाता है अब यहां से उस्मान उमर आदिल सारे लोग कश्मीर पहुंच चुके थे और अब इसके बाद हमला होने वाला था अच्छा इसमें एक चीज और थी जितने भी लोग बॉर्डर क्रॉस करके आ रहे थे एनआईए ने अपनी चार्ट शट में भी ये चीज मेंशन की है कि ये लोग अपने साथ बैग के अंदर थोड़ा-थोड़ा मिलिट्री ग्रेड का जो ओपन मार्केट में नहीं मिलता है उसको लेके आ रहे थे 20 से
25 किलो के करीब जैसे उमर भी जब आया था तो अपने साथ 255 किलो आ लेके आया था और ये सारा आ कश्मीर के अंदर अलग-अलग लोकेशन पे था जो ओजी ड थे वो संभालते थे इसको और ये जो सारी चीजें मैं आपको बता रहा हूं डिस्क्रिप्शन में आपको इसका लिंक मिल जाएगा कुछ भी मैं अपने मन से नहीं बता रहा हूं देखिए अब इसके बाद डेट आती है 30th ऑफ अक्टूबर 2018 और इस दिन उस्मान जो स्नाइपर था जो मोबाइल की लाइट देख के अटैक करता था इसको इंडियन फोर्सेस मार देती है अब जब
इसको इंडियन फोर्सेस ने मार दिया तो ये बहुत बड़ा टर्निंग पॉइंट था जिसकी वजह से पुलवामा अटैक की जो प्लानिंग थी वो और ट्रिगर होती है मसूद अजहर के दो सबसे इंपॉर्टेंट फैमिली मेंबर पहला तलह और दूसरा उस्मान ये दोनों मार दिए गए थे और जैसे ही मसूद अजर को ये चीज पता चलती है तो मसूद बहुत ही गुस्से में था उस दिन और वो 3 मिनट 49 सेकंड का रिकॉर्डेड मैसेज भी भेजता है उमर को इस वॉइस नोट में बेसिकली यही कहता है कि अब वेट नहीं करना है बदला लेना होगा जल्द से जल्द
और वॉइस नोट के ऊपर ही इन्होंने इस पूरे ऑपरेशन को नाम दिया था कि सास ऑपरेशन मतलब बदला लेने वाला ऑपरेशन और फिर इसके बाद मसूद अजर जो था वो उमर से बात करने के बाद अपने क्लोज ट्रस्टेड बॉडीगार्ड मोहम्मद इस्माइल जो लंबू भाई भी जिसको कहते थे इसको भी कश्मीर में भेज देता है ये भी 11 से 12 किलो आरडीएक्स लेता है अपनी पीठ पे और कश्मीर में पहुंच जाता है और मसूद अजहर एक वीबी आईईडी व्हीकल बर्न इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस बेस्ड फिदान का अप्रूवल ले लेता है देखिए कश्मीर में जितने भी मिलिटेंट वगैरह
घुसते हैं इनके हाथ में जैसे गोला फेंकना हो इंडियन एजेंसी का कोई इनफॉर्मर है तो उसको मारना हो तो उसके लिए अप्रूवल की जरूरत नहीं होती है ये खुद ऑन द स्पॉट डिसीजन ले सकते हैं लेकिन जब भी किसी बड़े कन्वोय पे या बड़ा मिलिट्री अटैक करना होता है तो जयश मोहम्मद की जो लीडरशिप है और पाकिस्तान की आईएसआई इससे भी अप्रूवल चाहिए होता है तो फिर जैसे ही इस प्लान का अप्रूवल मिलता है तो यह जितने भी लोग कश्मीर में पहुंचे थे तो यह लोग वीबी आईईडी बेस्ड फिदाई की प्लानिंग में लग जाते हैं
और आदिल डार जो था इसी को सेलेक्ट किया जाता है इस पूरे हमले को एग्जीक्यूट करने के लिए और इस पूरे हमले के लिए जो पैसे की जरूरत होती है वह मसूद अजर दो बैंक अकाउंट एलीट बैंक और मजन बैंक से 10 लाख डिपॉजिट करता है जो हवाला के थ्रू उम्र तक पहुंच जाते हैं इन्वेस्टिगेशन के अंदर कुछ ट्रांजैक्शंस और हुई थी यह जो चेक बुक पकड़ी गई थी यह उसकी कॉपी है और यह जो पैसे इन्होंने चैट के थ्रू इधर से उधर करे थे और घुमाए थे ये उस whatsapp-web अवंतीपुरा लेत पुरा यहां पे
सीमेंट माइंस थी जहां पे जेलेट स्टिक्स यूज होती थी यह बेसिकली एक कमर्शियल एक्सप्लोसिव होते हैं ये भी जब धमाका करना होता है तो उसमें काफी कम आते हैं तो ये लोग क्या करते हैं लोकल ओज डब् से हेल्प लेते हैं और 5 से 10 केजी के बैच में 500 जेलेट स्टिक्स को स्मगल करके इकट्ठी कर लेते हैं ये जो स्टिक्स इन्होंने इकट्ठी करी थी इनके ऊपर लिखा था सुपर पावर 90 और इसके साथ-साथ और भी चीजें इन्होंने इकट्ठी करी जैसे 30 केजी सिल्वर एलुमिनियम पाउडर वेइंग मशीन 80 केजी अमोनियम नाइट्रेट काकापोरा मार्केट से एक
ब्लू कलर का प्लास्टिक ड्रम लेके आए amazon-in मंगवाया और जब ये सारी चीजें आ गई थी तो इन लोगों को डिसाइड करना था कि जो है वो असेंबल कहां होगा तो उमर जो था वो मेनली शाकिर के घर पे ही रहता था या फिर इंशा के घर पे जाता था तो उमर ने शाकिर के घर पे बनाने का डिसाइड किया और उसके लिए जितना भी सामान लेके आए थे शाकिर का घर जो था उसकी छत के ऊपर एक स्टोर था वहीं पे इकट्ठा करवाना शुरू कर दिया और इसके साथ-साथ शाकिर जो था जिसकी छत पे
सारी चीज इकट्ठा कर रहे थे इसकी हाईवे के ऊपर एक फर्नीचर की दुकान भी थी थी तो उमर ने शाकिर को फर्नीचर की शॉप पे बैठा दिया और उसको टास्क दिया गया कि हाईवे पे जितने भी आर्मी के कन्वोय आएंगे उनकी मूवमेंट जितनी भी होगी सारा कुछ नोटबुक में डेली नोट करना है और हर चीज की इंफॉर्मेशन आगे देनी [संगीत] है तो शाकिर डेली यही करता था हर एक चीज वो नोट करता था और बीच-बीच में स्कूटर लेके आसपास के एरिया में जाता था वहां पे वीडियो बनाता था और बहुत ही कम टाइम के अंदर
शाकिर जो था उसको सब कुछ याद हो गया था उसको पता चल गया था कि ब्लू ू ट्रक जिस पर खाकी टैपलिन होती हैं उनमें लगेज होता है ऑफिसर्स वाइट जिप्सी में होते हैं ब्लू बसेस में सोल्जर्स ट्रेवल करते हैं और इसके साथ-साथ जब कन्वोय आने वाला होता है तो आर ओपी की टीम आती है सब कुछ इसने नोट कर लिया था और एक-एक डिटेल ये उमर को भेजता था तो ऐसे ही एक दिन 27th ऑफ जनवरी 2019 को शाकिर एक nh44 हाईवे की लोकेशन की वीडियो भेजता है उमर को और उमर को ये लोकेशन
बहुत पसंद आती है क्योंकि इसके आसपास खाली सर्विस लेन भी थी बैरिकेडिंग कम थी तो यहां पे किसी भी अननोन कार को हाईवे प ले जाना बहुत आसान था तो इस लोकेशन को ये लोग फिक्स कर देते हैं कि इस जगह प जब कनव आएगा तो ये लोग हमला करेंगे अच्छा जब ये इधर ये सारी चीजें कर रहे थे तो दूसरी तरफ इंडियन इंटेलिजेंस एजेंसीज जो थी उनके पास बैक टू बैक इटल्स आ रहे थे सबसे पहला इनपुट 2 जनवरी 2019 को आया था कि जैशे मोहम्मद कोई किसासियन सेम डे जम्मू एंड कश्मीर डायरेक्टर जनरल
ऑफ पुलिस और इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस के पास भेज दी गई थी लेकिन उस दिन कुछ हुआ नहीं इसके नेक्स्ट डे दोबारा से इंडियन एजेंसीज ने पूरी एक रिपोर्ट बनाई जिसका नाम था इपें डेंजर इसमें इन्होंने यह मेंशन किया था कि सीआरपीएफ कैंप में कुछ बड़ा हमला हो सकता है फिर 4 दिन बाद इनपुट आया कि लोकल यूथ कुछ आईईडी का यूज करके हमला करने वाले हैं ऐसे करके 18 जनवरी को इनपुट आया कि 20 आतंकी अवंतीपुरा पहुंच गए हैं और हमला करने वाले हैं ऐसे ही फिर 21 जनवरी 24 जनवरी यहां तक कि जिस
दिन हमला होने वाला था उससे एक दिन पहले भी एक इनपुट आया था ऐसे करके टोटल 11 इंटेल रिपोर्ट्स आई थी कि कोई बड़ा हमला होने वाला है ये आप स्क्रीन पे पॉज करके पढ़ सकते हैं कि एगजैक्टली लिखा क्या था उन इंटेलिजेंस रिपोर्ट में लेकिन कोई भी एक्शन हो नहीं पाता है अब इसके बाद ये सारा का मटेरियल तो इकट्ठा कर लिया था लेकिन एक कार भी चाहिए थी हमले के लिए तो जनवरी के लास्ट वीक में उमर जो था वो सज्जाद नाम का एक ओज डब् था उसको यह टास्क देता है कि एक
ऐसी कार खरीद के ले आओ जिसमें दो बड़े कंटेनर फिट हो सके सज्जाद क्या करता है ₹1 85000 में एक 2011 मॉडल की पर्ल ब्लू e कार जिसका नंबर था j के 03 स 1 886 इसको खरीद लेता है और खरीदने के तुरंत बाद ये इस कार का जो चेसी नंबर होता है उसको मिटा देता है शाकिर के घर जहां सारा असेंबल होना था वहां ले जाकर इसको खड़ी कर देता अब इसके बाद क्या होता है कि उमर को अपने एक सोर्स से पता चलता है कि सिक्स्थ ऑफ फरवरी 2019 को सीआरपीएफ का एक बड़ा
कन्वॉयज भी बना रहे थे इसके पूरे प्रोसेस को बहुत तेज कर देते हैं उमर जो था इस पूरे को बना रहा था क्योंकि उमर ने अफगानिस्तान के संगीन में वीबी आईडी बनाने की ट्रेनिंग ली थी तो उमर ने ही ये पूरा का पूरा ब असेंबल किया बाकी जितने भी थे वो सब हेल्प कर रहे थे तो इसके बाद इन्होंने एक ब्लू कंटेनर और एक ऑरेंज कंटेनर में लेयर बाय लेयर अमोनियम नाइट्रेट जेलेट स्टिक्स को अमोनियम पाउडर से कोट करके लेयर बाय लेयर कंटेनर में ऐड करना शुरू कर दिया टोटल 200 केज का एक्सप्लोसिव जो था
उसको रेडी करके 40 केज ऑरेंज कंटेनर में डाला और 160 केज ब्लू कंटेनर में डाल के कार की जो मिडिल सीट होती है उसमें फिट कर दिया और इसका जो मेन स्विच था जिससे फस्ट होता वो कार की स्टेयरिंग व्हील के पास में लगा दिया अब पूरी कार रेडी हो चुकी थी अब ये लोग बस सीआरपीएफ के कन्वोय की एग्जैक्ट डेट का वेट कर रहे थे कि जिस दिन पता चलेगा उसी दिन करेंगे जितने टाइम ये लोग बना रहे थे इनको कोई भी रिग्रेट नहीं था ये बिल्कुल डरे नहीं थे बल्कि बनाते टाइम मजाक मस्ती
भी करते थे जो बनाते टाइम सिल्वर एलुमिनियम पाउडर था उसको अपने बाल मुंह और कपड़े प लगा के फोटो वगैरह भी खिंचवाते थे ये उसकी ओरिजिनल फोटो है जब ये सारा प्रोसेस चल रहा था तो आदिल को भी ये लोग मेंटली प्रिपेयर कर रहे थे ताकि कहीं आदिल लास्ट मूमेंट पे बैक आउट ना हो जाए और इन केस आदिल बैक आउट हो जाता तो एज अ बैकअप इन्होंने यवा अहमद नजर नाम का एक आदमी था उसको रेडी कर रखा था इस पूरे को इनको ऐसे दिखाना था कि कश्मीर का जो यूथ है वो इंडियन गवर्नमेंट
से परेशान होकर ऐसा कर रहा है इसमें पाकिस्तान का कोई रोल नहीं है और इसी रीजन से इन्होंने पहले ही डिसाइड कर लिया था कि आदिल से एक वीडियो पहले से ही बनवा के रख लेंगे और हमले के बाद रिलीज करेंगे तो इसके लिए ये लोग क्या करते हैं कि 27 जनवरी 2019 को उमर जो था वो आदिल को इंशा के घर पे ले जाता है आदिल को एक स्क्रिप्ट देता है कि वीडियो बनानी है और इसी स्क्रिप्ट को पढ़ के ऐसे बोल दो आदिल को रेडी किया जाता है m4 राइफल पकड़ा दी जाती है
पीछे जैश मोहम्मद का बैनर लगा दिया जाता है और उसके बाद फिर वीडियो बनाना स्टार्ट किया जाता है ये वो इमेज है पूरी वीडियो भी आपको हो रहा था कि जब सोल्जर्स जो होते हैं वो जब हॉलिडे पे जाते हैं तो वापस आने के बाद वो जो ट्रांजिट कैंप्स होते हैं वहां पे इकट्ठा होते हैं और उसके बाद जो कन्वोय होता है उसके थ्रू अपनी-अपनी पोस्टिंग पे जाते हैं तो ऐसे ही ये जो जम्मू ट्रांजिट कैंप था ये जम्मू रेलवे स्टेशन के पीछे ही पड़ता है यहां से जो सीआरपीएफ के जवान थे जो हॉलीडे से
वापस आ रहे थे वो इकट्ठा हो रहे थे और डिसाइड यह हुआ था कि यहां पे आने के बाद फरवरी के फर्स्ट वीक में इनके कन्वॉयज की तरफ भेज दिया जाएगा एनए 44 हाईवे से जम्मू ट्रांजिट कैंप से इनको श्रीनगर की तरफ जाना था ये जो ट्रांजिट कैंप था जहां सोल्जर इकट्ठे हो रहे थे इसकी कैपेसिटी 1000 सोल्जर्स की थी लेकिन इनको यहां पे रोका हुआ था उसके कई सारे रीजन थे एक तो इंटेलिजेंस रिपोर्ट आ रही थी कि कन्वोय पे हमला हो सकता है दूसरा इस टाइम पे कुछ सेंसिटिव डेट्स भी थी जैसे फिफ्थ
ऑफ फरवरी इस दिन कश्मीर सॉलिड टी डे मनाया जाता है और फिर नाइंथ और 11th फरवरी को मकबूल भट्ट और अफजल गुरु की डेथ एनिवर्सरी आ रही थी ये ऐसी डेट्स थी जो बहुत ही सेंसिटिव थी तो इस टाइम पे हमले का चांस जो है बहुत ज्यादा बढ़ जाता है तो इस इस वजह से इनको रोक के डिसाइड किया जा रहा था कि कौन सी डेट पे भेजा जाए लेकिन दिक्कत ये थी कि डिले की वजह से जम्मू ट्रांजिट कैंप पे जो सोल्जर्स थे वो कैपेसिटी से ज्यादा इकट्ठे होते जा रहे थे तो मल्टीपल मीटिंग
के बाद ये डिसाइड होता है कि सिक्स्थ ऑफ फरवरी 2019 को सीआरपीएफ के कन्वोय को भेज दिया जाएगा ज्यादा वेट नहीं किया जाएगा और फिर जैसे ही ये डेट डिसाइड होती है फर्थ ऑफ फरवरी 2019 को इसी दिन हैवी स्नो फॉल शुरू हो जाता है और अगले दिन यानी कि फिफ्थ ऑफ फरवरी को भी स्नोफॉल रुकता नहीं है और इसकी वजह से nh44 जो हाईवे था वो ब्लॉक हो जाता है दूसरा सेम डे यानी कि फथ ऑफ फरवरी 2019 को पाकिस्तान के पेशावर में मसूद अजर ने एक रैली की उसमें भी पुलवामा के अंदर एक
हमले की बात करी उसने इस कन्वॉयज से होके जाना था तो यह सारी चीजें देख के कन्वोय जो था वो रुका हुआ था और जम्मू ट्रांजिट कैंप पे सोल्जर्स बढ़ते जा रहे थे अब जब ये सिचुएशन हो रही थी तो जम्मू एंड कश्मीर के उस टाइम के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने एक इंटरव्यू में आगे चलकर कहा भी था कि इन्होंने इस टाइम पे गवर्नमेंट को बोला था कि एयरलिफ्ट करा लेते हैं लेकिन इन्होंने कहा कि गवर्नमेंट ने कि सुनी नहीं अब इसके बाद स्नो फॉल बंद होती है और 13th ऑफ फरवरी तक nh44 हाईवे को
क्लियर करा लिया जाता है और फिर जब कोई ऑप्शन नहीं बचता है तो डेट फिक्स कर दी जाती है कि 14th ऑफ फरवरी 2019 को सीआरपीएफ का जो कन्वॉयज मू ट्रांजिट कैंप से निकल जाएगा और जब यह सब फाइनल हो जाता है तो सेम डे 13th ऑफ फरवरी 2019 को सीआरपीएफ यूनिट को भी इंफॉर्मेशन में 2547 सीआरपीएफ के सोल्जर्स थे जिनको nh44 के हाईवे के थ्रू 271 किमी की जर्नी पूरी करनी थी नॉर्मली जो कन्वॉयज के चक्कर में भीड़ बहुत ज्यादा हो गई थी तो इसलिए इस बड़े कन्वोय के लिए परमिशन मिल गई थी अब
इसके अगले दिन यानी कि 14th ऑफ फरवरी 2019 को 3:30 मॉर्निंग में सीआरपीएफ की बसेस 15 ट्रक आईटीबीपी की दो बस एक स्पेयर बस रिकवरी वैन एंबुलेंस और सबसे पीछे कन्वोय के हेड असिस्टेंट कमांडेंट अपनी वाइट जिप्सी में रेडी होने लगते हैं जाने के लिए और इस कन्वोय के निकलने से जस्ट पहले दो चीजें हुई इस कन्वोय में जो बस नंबर फाइव जो ब्लू कलर की थी जिसका नंबर h49 f 0637 था जिस पे आगे चलके हमला होने वाला था इसको हेड कांस्टेबल कृपाल सिंह को चलाना था और इनकी बेटी की शादी थी तो इन्होंने
लीव के लिए अप्लाई कर रखा था तो सब लोग डिस्कस कर रहे थे कि अगर गलती से भी दोबारा स्नोफॉल हुआ तो ये कहीं अपनी बेटी की शादी ना मिस कर दें तो ऐसे टाइम पे जयमाल सिंह ने खुद से ही बोला कि इनकी जगह पर मैं बस को चला लेता हूं तुम रिस्क मत लो बेटी की शादी का दूसरी चीज सेम बस नंबर फाइव में अहमदनगर महाराष्ट्र के सीआरपीएफ कांस्टेबल थाका बेलकर की भी 10 दिन बाद शादी होने वाली थी तो इन्होंने लीव डाल रखी थी तो यह कन्वोय चलने से थोड़ी देर पहले ही
इनकी लीव अप्रूव हो जाती है तो लास्ट मोमेंट पे ये बस नंबर फाइव से उतर गए और यह कोइंसिडेंस ऐसा हुआ कि आगे चलके दोनों की जान बच गई अब यहां से सीआरपीएफ के कन्वॉयज में निकलना था जब भी कन्वोय निकलता है तो उसके निकलने से पहले रूल के हिसाब आप से पहले एंटी सोटा आज चेक्स होते हैं जो कि रोड ओपनिंग पार्टीज यानी कि आरोपी करती हैं इसमें होता क्या है कि कन्वोय का जो रूट होता है उसपे सोल्जर्स को भेजा जाता है पहले आरोपी पूरा रूट को चेक करके सिक्योर करती है कि कोई
इशू वगैरह नहीं है जब ये आरोपी ओके करती है उसके बाद कन्वोय निकलता है तो जब इस कन्वोय को भी निकलना था तो आरोपी की टीम nh44 हाईवे को चेक करने के लिए निकल जाती है ये जो आरोपी की टीम थी इसको एनए 44 जो हाईवे है इसमें बर्सों से हाथी वारा मोड़ तक का जो एरिया है 10 किमी का 22.2 माइल स्टोन से 272 प2 माइल स्टोन तक इसको चेक करना था तो आरोपी की टीम इस रूट को चेक करके टोटल 10 पॉइंट पे जाके पोजीशन ले लेती है और एक पॉइंट जो कि लाडू
मोड़ के पास 272 माइल स्टोन पे था यहां पे असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर मोहन लाल को उनकी टीम के साथ 7:1 पे बैठा दिया गया था ताकि कोई सस्पिशंस ले सके अब इधर तो यह चल रहा था दूसरी तरफ उमर जो था व को रेडी करके इंतजार कर रहा था कि कब सीआरपीएफ का कनव एन 44 पे आएगा तभी क्या होता है कि शाकिर बसर जो अपनी फर्नीचर की दुकान से रैकी वगैरह कर रहा था एनए 44 पे इसकी नजर पड़ती है तो यह देखता है कि आरोपी का डेप्लॉयमेंट हो रहा है यह समझ जाता है
आरोपी को देख के कि आज कन्वॉयज को फोन करके बता देता है कि रेडी हो जाओ और तुरंत उमर और इनके सारे लोग रेडी हो जाते हैं अब इधर से कन्वोय निकलना स्टार्ट करता है और थोड़ी देर बाद कन्वोय श्यामा प्रसाद मुखर्जी टनल को क्रॉस करके पीरा पहुंच जाता है अभी तक कोई दिक्कत नहीं थी इससे पहले पीरा जो एरिया था यहां पे कन्वोय रुक के लंच वगैरह करता था लेकिन इतने इंटेलिजेंस इनपुट आ रखे थे तो इसको प्रोन एरिया कंसीडर करके यहां पे जो लंच के लिए रुकते थे वो नहीं रुके अब जब यह
कन्वोय चल रहा था तो इसके आसपास लोकल ट्रैफिक जो था वो भी साथ में चल रहा था इससे काफी पहले यह था कि कन्वोय जब चलते थे तो लोकल ट्रैफिक अलाउड नहीं थे सिक्योरिटी की वजह से लेकिन 2003 में जम्मू एंड कश्मीर गवर्नमेंट ने बहुत अपोज किया कि ये कन्वोय के चक्कर में पूरी रोड का ट्रैफिक सफर करता है तो उसी टाइम पे ये रूल हटा दिया गया था तो इसलिए लोकल ट्रैफिक भी कन्वोय की बसेस के आसपास चल रहा था क्योंकि सोल्जर्स की जान से ज्यादा बड़ी चीज उस समय ये थी कि लोग लेट
ना हो जाएं अब इसके बाद 2:2 पे हाईवे से लेफ्ट मोड़कर कन्वॉयज गुंड ट्रांजिट कैंप पहुंच जाता है यहां तक भी कोई दिक्कत नहीं हुई काजीगुंड ट्रांजिट कैंप पे पहुंचने के बाद जिन सीआरपीएफ सोल्जर्स की पोस्टिंग अनंतनाग कुलगांव और शोपियन एरिया में थी वो वहां पे उतर जाते हैं अब इसके बाद बाकी का जो कॉन था उसको आगे जाना था और आगे का जो एरिया था वो बहुत ज्यादा सेंसिटिव था इस एरिया की हिस्ट्री रही है कि यहां पे सबसे ज्यादा हमले हुए हैं कन्वोय के ऊपर इसलिए एक रूल पहले ही बना दिया गया था
कि जब भी इस एरिया से कन्वोय निकलेगा तो सेमी बुलेट प्रूफ बस में ही जाएगा वरना नहीं जाएगा लेकिन दिक्कत ये थी कि सिर्फ 15 सेमी बुलेट प्रूफ बस ही थी और भीड़ बहुत ज्यादा थी तो इसके लिए नॉर्मल बसेस भी आगे जाने अलाउ कर दी गई बस नंबर फाइव जो थी वो बुलेट प्रूफ नहीं थी और जब इस काजीगुंड ट्रांजिट कैंप से निकल रहे थे तो एक और चीज हुई यहां से कन्वोय आगे जब बढ़ने लगा तो बस नंबर फाइव में बैठे सीआरपीएफ कांस्टेबल जो थे सुरेंद्र यादव इनके दोस्त जबरदस्ती इनको आवाज पीछे से
मार रहे थे और अपने पास बुला रहे थे और यह भी परेशान होक उतर के अपने दोस्त के पास चले जाते हैं उनको उस टाइम प बिल्कुल आईडिया नहीं था कि उनकी जान बचने वाली है इस एक चीज से क्योंकि कुछ ही देर में इस बस नंबर फाइव में सब कुछ तबाह होने वाला था और सुरेंद्र यादव के उतरने के बाद इस बस के अंदर 39 सोल्जर्स थे अब 2:4 पे कन्वॉयज गुं ट्रांजिट कैंप से निकल चुका था कोई गाना सुन रहा था एक सोल्जर वीडियो कॉल पे थे और कुछ लोग आपस में बात कर
रहे थे और सेम टाइम पे आरोपी की टीम पूरे कन्वोय को अलग-अलग स्ट्रेटेजिक पॉइंट पे सपोर्ट कर रही थी और हाईवे के दोनों साइड अलर्ट खड़ी थी और कन्वोय अपना आगे बढ़ रहा था अब दूसरी तरफ इधर से उमर जो था वो आदिल को शाकिर के साथ वाली जो कार थी उसमें बिठा के भेज देता है और थोड़ी दूर चलने के बाद ही जब हाजी बल ब्रिज आता है यहां पे शाकिर आदिल से गले मिलता है और आदिल शाकिर को को अपनी घड़ी उतार के देता है एज अ निशानी कि जब मैं मर जाऊंगा तो
यह तुम्हें मेरी याद दिलाएगी और फिर इसके बाद हाज बिल ब्रिज से आदिल अकेले ड्राइव करके निकल जाता है हमला करने के लिए एक बार मैं आपको पूरा मैप समझा देता हूं ये वो पूरा एरिया है पुलवामा डिस्ट्रिक्ट के अंदर यहां पे ये है पूरा एन 44 हाईवे ये इस तरफ से जम्मू ट्रांजिट से श्रीनगर की तरफ इस तरफ सीआरपीएफ का जो कन्वोय था वो चल रहा था इसके बगल में ये एक रोड है जो एन 44 में यहां से कनेक्टेड थी ये लाडू मोड कहते हैं इस पॉइंट को यहीं पे ए एसआई थे और
दूसरी रोड इधर हाजी बल ब्रिज की तरफ से आ रही थी अब आदिल य इधर ब्रिज से बढ़ता है दूसरी तरफ सीआरपीएफ का कन्वोय nh44 से आगे बढ़ रहा था अब ये यहां से आदिल इस रोड पे आगे बढ़ता है लेकिन आगे इसको पुलिस की जो बैरिकेडिंग वगैरह होती है वो देखती है तो ये यूटन लेता है और इधर लाडू मोड से एंट्री जो है वो एन 44 की तरफ ले लेता है तब तक एक दो बस जो थी सीआरपीएफ की वो निकल चुकी थी मैंने शुरू में ही बताया था कि एएसआई मोहनलाल अपनी लाडू
मोड़ वाले जो पॉइंट था उनका वहां पे बैठ के निगरा नहीं कर रहे थे तो जैसे ही एक कार देखते हैं तो एकदम से चौकन्ना हो जाते हैं और वो नोटिस करते हैं कि ये जो आदिल की कार है यह बहुत ही एनॉय के बीच में घुसने की कोशिश कर रही है और जिस स्टाइल से कार चल रही थी उनको इस कार पे शक हो जाता है 250 मिनट पर कार को देख के वायरलेस फ्रीक्वेंसी और सीआरपीएफ के वॉकी टॉकी पर एक कोडेड मैसेज 444 फ्लैश होने लगता है यह एक हाई अलर्ट का सिग्नल होता
है सब चौकन हो जाते हैं एएसआई मोहनलाल तुरंत सीटी बजा के इसको रोकते हैं लेकिन आदिल कार रोकता नहीं है बल्कि और तेज स्पीड कर देता है एएसआई मोहनलाल इसका पीछा करते करते इस कार के ऊपर फायरिंग भी स्टार्ट कर देते हैं और जैसे ही फायरिंग स्टार्ट होती है यह कार तीन बस को छोड़ के बस नंबर फाइव जो थी उस परे जाके टक्कर मारता है फिर लेफ्ट राइट करने लगता है और 315 पे 272 माइलस्टोन अगर मैं एग्जैक्ट लोकेशन की बात करूं तो जम्मू एंड कश्मीर के पुलवामा डिस्ट्रिक्ट की पंपो तहसील में लेतपोरा यह
हमला इतना बड़ा था कि बस नंबर फाइव पूरी तरीके से खत्म हो जाती है आगे पीछे की बस भी डैमेज होती हैं जब धमाका हुआ तो 10 किमी दूर तक धमाके की आवाज सुनाई दी 500 से 600 मीटर दूर तक बस के टुकड़े और सोल्जर्स के जो बॉडी पार्ट थे वो जाके गिरे ज्यादा मैं बता नहीं पाऊंगा बस की फोटो से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अंदर बैठे सोल्जर्स के साथ क्या हुआ होगा 39 सीआरपीएफ के जवान और एक एएसआई मोहन लाल जो पीछा कर रहे थे टोटल 40 सोल्जर्स शहीद हो गए और और
20 से ज्यादा घायल हुए ये नॉर्मल बात नहीं थी ये बहुत बड़ा हमला था अब जैसे ही पुलवामा में य होता है तो रेस्क्यू टीम काउंटर टेररिज्म टैक्टिक्स सीटीटी लोकल सीआरपीएफ चंडीगढ़ एंड दिल्ली से सीएफएसएल सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी ये सारी टीम लोकेशन प पहुंच जाती है ताकि पता चल सके कि हुआ कैसे और करा किसने ये कुछ भी बचा नहीं था हर चीज छोटे-छोटे टुकड़ों में बदल गई थी अब जब सर्च ऑपरेशन स्टार्ट हुआ तो उस टाइम सीएफएसएल की जो टीम थी उसको एक कार का क्रैंक शाफ्ट मिलता है इन्होंने तुरंत यस राकेश पलवाल
लीड कर रहे थे उन्होंने आदिल की इस वीडियो को मल्टीपल टाइम चला के देखा तो इनको एक डाउट हुआ कि वीडियो को वॉइस ओवर किया गया है वीडियो जो थी वो सिंक नहीं हो पा रही थी और इसकी वजह से इनको डाउट हो रहा था कि कहीं ऐसा तो नहीं है कि पाकिस्तान की तरफ से हमला किसी और ने किया हो और सिर्फ कश्मीर का जो आदिल था इससे वीडियो बनवा ली हो ताकि ये लगे कि हमला किसी कश्मीरी यूथ ने किया है तो फिर इसके बाद इस वीडियो को सेम डे अमेरिका की एफबीआई को
भेजा गया और एफबीआई ने इसमें हेल्प की और बताया कि जिस whatsapp-web कि इसमें पाकिस्तान का भी इवॉल्वमेंट है अब जैसे ही पाकिस्तान का नाम आया तो पाकिस्तानी एक्टर सिंगर मैन हुए इंडिया ने ट्रेड रोका g7 नेशंस की फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोरस एफएटीएफ ये जो ऑर्गेनाइजेशन है इसने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला और इंडिया की अलग-अलग पॉलिटिकल पार्टियों के जो नेता थे उन्होंने अपना ब्रह्मास्त्र यूज़ किया जिससे सबसे ज्यादा डैमेज हुआ इन्होंने कड़े शब्दों में निंदा करी अब इधर जब ये सारी चीजें पता लगाई जा रही थी तो उसके बाद भी वो लोग पता
लगा लेते हैं और इंजन नंबर का भी पता चल जाता है स्क्रीन पे आप देख सकते हैं ये जो कार हमले में यूज हुई थी इसको सात बार खरीदा और बेचा गया था और इंडियन एजेंसीज क्या करती हैं लाइन से साथ के साथ जो कार के बायर्स थे उनको पकड़ना स्टार्ट करती है और ऐसे करके जब लास्ट बायर तक पहुंची तो पता चला कि दानिश राशिद ने इस कार को सज्जाद मकबूल भट्ट के थ्रू बिकवा या था और ₹1500000 47 के साथ सोशल मीडिया पे फोटो डाल रखी थी और पीओके की तरफ चला गया था
अब जब सज्जाद का भी नहीं पता चला तो इन्वेस्टिगेशन फिर से रुक जाती है पूरे इंडिया में बहुत ज्यादा गुस्सा था बहुत ही कम टाइम में पकड़ना था एजेंसीज को और सिर्फ पाकिस्तान का नाम लेने से नहीं होता सॉलिड प्रूफ भी इकट्ठे करने थे अब इसके बाद एआईए के राकेश बलवा जो थे वो सोचते हैं कि जिस जगह ये इंसीडेंट हुआ था उसके आसपास के एरिया में भी एक बार सर्च ऑपरेशन स्टार्ट कर लेना चाहिए शायद कुछ मिल जाए उसमें लेकिन दिक्कत यहां पे ये थी कि ये एरिया थोड़ा सेंसिटिव था यहां पे जब भी
ऐसे सर्च ऑपरेशन किए जाते हैं तो स्टोन पेल्टिंग वगैरह पत्थरबाजी वगैरह शुरू हो जाती है लेकिन राकेश बलवार दिल्ली से स्पेशल परमिशन ले लेते हैं और फिर 20 जनवरी 2019 को 100 एनआईए ऑफिसर 400 सीआरपीएफ के जवान इनको अपने साथ लेके सर्च ऑपरेशन स्टार्ट करते हैं और ये चीज काम करती है जहां ये इंसीडेंट हुआ था उससे 250 मीटर आगे झेलम रिवर के बगल में बर्फ में एक कार की की मिलती है उस पर 10 261 लिखा हुआ था और उसी के आगे कुछ हड्डी के टुकड़े मिलते हैं राकेश बलवा तुरंत उन हड्डी के टुकड़ों
को आदिल के फादर के डीएनए से मैच करवाए और वो मैच कर जाता है तो इससे ये चीज कंफर्म हो जाती है कि ये जो हमला है यह आदिल नहीं ही किया है और जिस कार के थ्रू किया है उसकी डिटेल्स ऑलरेडी निकली गई थी लेकिन पाकिस्तान की तरफ से कौन सा मास्टरमाइंड इसमें इवॉल्व था उसका नहीं पता चल पा रहा था क्योंकि आरडीएक्स कहां से आया यह बिल्कुल पता नहीं चल पा रहा था क्योंकि आरडीएक्स कोई ऐसी खेतों में नहीं मिल जाता है कि किसी लोकल कश्मीरी ने लिया और कार उड़ा दी तो इसके
पीछे पाकिस्तान के कौन-कौन लोग थे उनको ढूंढना सबसे इंपॉर्टेंट टास्क था उमर जिसने यह सब किया था वो लोकेशन चेंज करके गायब हो गया था बाकी इधर ये सारा सर्च ऑपरेशन और इन्वेस्टिगेशन चल रही थी वहीं इसी टाइम पर एयरफोर्स ने पाकिस्तान के अंदर घुस के बालाकोट के खाबर पखत के एरिया में जहां जयश मोहम्मद के टेरर कैंप वगैरह चल रहे थे वहां पे एर स्ट्राइक वगैरह भीर ए प्ले पल रोल इन इंडिया पाकिस्तान ट पुलवामा पुलवामा अटक न फरी 149 तो इसके बाद क्या होता है कि कश्मीर के अंदर इंडियन फोर्सेस एक के बाद
एक जय मोहम्मद के जो हैंडलर्स थे उनका एनकाउंटर कर रही थी इसी बीच में 18 जून 2019 को इको कार जिसने अरेंज कराई थी सज्जाद भट्ट वो भी मिल गया था उसको भी मरहमा बीज बिहारा एरिया में मार दिया जाता है लेकिन जैसे आपको ऑलरेडी पता है कि इसके पीछे जो मेन बंदा था वो उमर था वो अभी बचा हुआ था और उमर किस तरीके से मारा गया यह अपने आप में बहुत बड़ा कोइंसिडेंस है एक्चुअली हुआ क्या था कि उमर जो था वो इस हमले से पहले कई बार पुलिस वालों को धमकियां देता था
रैंडम नंबर से उमर ने बहुत पहले एक बार पुलवामा का एक पुलिस ऑफिसर था उसको whatsapp-web कि 27 मार्च 2019 को उमर अपने इसी हाय जानू वाले नंबर को खोल लेता है और जैसे ही नंबर खुलता है साइबर सेल के मॉनिटरिंग सिस्टम में हाय जानू का मैसेज रिफ्लेक्ट हो जाता है और उमर की लोकेशन जो कि थी सुत्सु कलान नौगाम के साउथ वेस्ट में बडगाम की तरफ डिटेक्ट हुई और फिर इस लोकेशन पे जाके उमर को मार दिया जाता है अब उमर को मार तो दिया था लेकिन इंडियन फोर्सेस को बिल्कुल पता नहीं था कि
उन्होंने गलती से पुलवामा के मास्टर माइंड को मार दिया था क्योंकि उमर का जो नाम था वो इंडियन रिकॉर्ड के अंदर इदरीज भाई था और आईडी भी इसने फेक बना रखी थी इसी नाम से जब इसका एनकाउंटर हुआ तो इसके पास से m4 राइफल i टाइम पे उस बंदे को ढूंढ रही थी जो ऑलरेडी मारा जा चुका था कई महीनों तक इसको ढूंढती हैं लेकिन जब कुछ हाथ नहीं लगता है तो थक हार के जुलाई 2019 में एनआईए के हेड राकेश बलवा कहते हैं कि ऐसे तो कुछ हाथ नहीं लग रहा है पुराने केस खोलते
हैं उसमें से शायद कोई लीड मिल सकती है अब इसके बाद सारे पुराने केस जो है व खोलने स्टार्ट किए जाते हैं लेकिन राकेश बलवा का ध्यान जो है वह इस हाय जानू वाले जो इदरीश वाला जो केस था इसकी तरफ जाता है उनको लगता है कि जो इदरीश भाई है यह कोई बड़ी मछली हो सकता है और ऐसा वो इसलिए कहते हैं क्योंकि जब इसका एनकाउंटर हुआ था तो इसके पास से m4 राइफल मिली थी जो जनरली जयश मोहम्मद की जो लीडरशिप होती है वो यूज करती है बाकी जितने होते हैं वो एक 47
रखते हैं और इसने कपड़े वगैरह भी एडिडास की टीशर्ट वगैरह पहनी थी तो उनको लगता है कि जरूर यह कोई बड़ा कमांडर हो सकता है अब जब इस केस को रिओपन किया गया तो उमर के एनकाउंटर के टाइम पर जो फोन मिले थे उसको राकेश बलवा एनालिसिस के लिए इंडिया की टॉप कंप्यूटर फॉरेंसिक एंड साइबर सिक्योरिटी एजेंसी सर्ट इन इसको भेज देते हैं सर्टन की जो टीम थी ये कई दिनों तक मेहनत करके फोन की एक-एक डिटेल निकालती है और जब ये डिटेल निकाल रही थी इनके हाथ में बहुत बड़ा जैकपॉट लगता इन मोबाइल को
तोड़ने से पहले उमर ने सारा डाटा डिलीट तो कर दिया था लेकिन जैसे ही हम लोग नया मोबाइल लेते हैं तो क्लाउड से पुराना मोबाइल का जो डाटा होता है वो फेच कर लेता है तो इस केस में भी यही हुआ सर्टेन की टीम को ऐसे करके 2014 से लेक अब तक का 100gb से ज्यादा का डाटा मिला पुलवामा की प्लानिंग से रिलेटेड 16 घंटे के वॉइस नोट्स टेक्स्ट मैसेजेस जो रैकी हुई थी लोकेशन की उसके वीडियोस सब कुछ मिल गया और जैसे ये चीज पता चलती है एनआईए की टीम पहुंच के अगले 14 घंटे
तक इस पूरे डाटा को एनालाइज करती है तो इनको पता चलता है कि जो इदरीश भाई है यह कोई और नहीं बल्कि पुलवामा का मास्टर माइंड मसूद अजहर का भतीजा और जिसने कानदुका जो मास्टर माइंड था उसका लड़का उमर है जिसने बनाया और फिर आदिल से हमला करवाया यह उसका पाकिस्तान का आईडी कार्ड है और ये इसके चेकबुक की फोटोकॉपी है क्या आरडीएक्स यूज हुआ किस रास्ते से आरडीएक्स इकट्ठा हुआ पूरे हम लोगों का कोऑर्डिनेशन किस तरीके से हुआ इस हमले के टाइम पे 100 कॉल्स भी आई थी एनआईए ने ट्रेस की तो ये नंबर
पाकिस्तान के अलग-अलग सिटीज में यूज हो रहे थे और के टाइम पे भी सेम नंबर से कोऑर्डिनेशन चल रहा था एक वॉइस नोट भी मिला था जिसमें हमले के टाइम पे उमर से कोई कोऑर्डिनेट कर रहा था और साथ में ही मोबाइल को डिस्ट्रॉय करके वीडियो बनाने को बोल रहा था एनआईए को लगा कि यह पाकिस्तान का रॉफ अजगर चाचा है तो एनआईए ने इस वॉइस सैंपल को ओपन सोर्स में अवेलेबल रॉफ चाचा के वॉइस सैंपल से मैच किया तो एग्जैक्ट मैच हो गया और ये एक बहुत बड़ा सबूत बना पाकिस्तान के इवॉल्व होने का
इसके साथ-साथ इस मोबाइल के अंदर से उमर जो मास्टरमाइंड था उसकी कश्मीर के अंदर जो इंशा के साथ इंटीमेट फोटोज थी वो मोबाइल के अंदर मिली जब ये बना रहे थे तो ये मुंह पे सिल्वर वगैरह लगा के फोटो खिंचवाते थे वो फोटोज मिली एक और फोटो मिली जिसमें जिस कार से हमला हुआ था वो एक घर के सामने खड़ी थी वो शाकिर बसीर का घर था जहां मना था तो एनआईए की टीम इसके घर पहुंचती है इसके घर की लोकेशन थी द कौसर कॉलोनी बहावलपुर और 7 दिसंबर 2019 को शाकिर बसीर को अरेस्ट कर
लेती है और मोबाइल में उमर और इंशा की भी बहुत सारी फोटो थी तो एनआईए की टीम इंशा के भी घर पहुंचती है और इंशा के घर जब वो पहुंचती है तो एनआईए को रेड ब्लैक कलर की लकड़ी की अलमीरा मिलती है सेम वही अलमीरा जो आदिल दार की वीडियो में जयश मोहम्मद के बैनर के नीचे दिख रही थी तो एनआईए इंशा और इसके फादर पीर तारिक शाह को भी 3 मार्च 2020 को अरेस्ट कर लेती है ऐसे ही की जो प्रिपरेशन कर रहा था 19 साल का लड़का वैज उल इस्लाम उसको भी 7 मार्च
2020 को पकड़ा गया जो सारा सामान amazon2 हाउस का बहुत बड़ा नेटवर्क था वो पकड़ा गया गुलशन मोबाइल शॉप के थ्रू बिलाल कुचे पकड़ा गया यह जो आदिल के साथ मिलके काम करता था पीओके भी गया था ऐसे करके जितने लोग इवॉल्व थे कश्मीर के अंदर सब पकड़े गए और फिर इनसे एक-एक चीज उगलवाने इंशा जो थी वो उमर को अपना भाई बोल रही थी और मना कर रही थी लेकिन एनआईए ने जब फ और वॉइस नोट दिखाए तो इंशा को भी सारी चीजें माननी पड़ी और उसने एक-एक चीज बता दी शाकिर जो था इन
सारे जितने भी थे उनमें से सबसे टफ था वो कुछ भी नहीं बता रहा था लेकिन कुछ टाइम बाद राकेश बलवा क्या करते हैं शाकिर को उमर और इंशा की इंटीमेट फोटो दिखा देते हैं तो शाकिर इस चीज को लेकर बहुत ज्यादा शॉक्ड हो गया था क्योंकि वो उमर को बहुत अच्छा मानता था उमर जो था वो शादीशुदा था तो इस चीज से शाकिर इतना हर्ट हुआ कि कुछ टाइम बाद उसने एनआईओ को सारी प्लानिंग बता दी और फिर 25th ऑफ अगस्ट 20 20 को एनआईए इस पूरे केस को डिकोड करके 13800 पेजेस की चार्ज
शीट एनआईए कोर्ट में फाइल करती है और पूरे कश्मीर में क्रैक डाउन होता है और जो जो इसमें इवॉल्व था सबको सजा मिलती है और लास्ट में एक बार फिर से बता दूं आड़े टेढ़े दांत हो या दांतों के बीच में गैप्स टूथ सी अलाइन की मदद से आप हर एक टीथ मिस अलाइन मेंट इशू को फिक्स कर सकते हैं वो भी बस छ से 12 महीनों में अपना फ्री टीथ स्कैन बुक करने के लिए डिस्क्रिप्शन में दिए गए लिंक पर क्लिक करना ना भूले थैंक यू ग [संगीत]