What Happens to Your Brain When You Sleep?

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Him-eesh Madaan
🧠 What Happens to Your Brain When You Sleep? - 14-Days Sleep Challenge Join my Life transformation...
Video Transcript:
माइकल जैक्सन ने खुद की ही जान ले ली अदर बिग स्टोज द किंग ऑफ पॉप है डाड 39 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स हाईएस्ट अर्निंग एंटरटेनर आधी दुनिया से ज्यादा की फैन फॉलोइंग ऐसी डेथ कि ग क्रैश हो गया जिसका फ्यूनरल दुनिया में सबसे ज्यादा देखे जाने वाला लाइव इवेंट बन गया वो इंसान सिर्फ चैन से ना सो पाने की वजह से दुनिया छोड़ गया सोने के लिए माइकल मेडिसिंस लेते थे जिसकी ओवरडोज से उनकी डेथ हुई लेकिन नासा के एक स्लीप कंसल्टेंट ने बताया कि अगर उस दिन वह मेडिसिन ना भी लेते तब भी शायद वह
नहीं बचते क्योंकि नींद का काम होता है ब्रेन के अफेक्टेड सेल्स को रिकवर करना और नए सेल्स बनाना पिछले 60 दिनों से मेडिसिंस उनको स्लीप रिलैक्सेशन तो दे रही थी लेकिन सेल रिकवरी नहीं यह बात और सीरियस तब लगती है जब साइंटिस्ट की एक शॉकिंग डिस्कवरी सामने आई इटली के मार्श पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी के रिसर्चस ने बताया कि अगर हम अपनी नींद पूरी नहीं करते तो हमारा ब्रेन लिटरली अपने आप को खाना शुरू कर देता है यह नींद सिर्फ माइकल जैक्सन की प्रॉब्लम नहीं थी आज यह ग्लोबल पेंडम है आधे से ज्यादा इंडिया को स्लीप रिलेटेड
प्रॉब्लम्स है हर चार में से एक इंडियन इनसोम्नियक है मतलब नींद नहीं आती सिर्फ एक घंटा कम सोने से हार्ट अटैक का रिस्क 24 पर बढ़ सकता है जब नींद पूरी नहीं होती तो आपकी गट हेल्थ खराब होती है डिप्रेशन डायबिटीज ब्लड प्रेशर कैंसर सबका रिस्क बढ़ जाता है जरा सोचो हम लोग अपनी लाइफ का 1 थर्ड टाइम सिर्फ सोने में लगा देते हैं मतलब अगर हम 75 साल जीते हैं तो 25 साल सिर्फ नींद में चले जाते हैं तो जिस चीज में हमारा 30 पर टाइम बीतता है उस चीज को अगर आज कुछ मिनट
लगाकर आप हैक कर लोगे तो सोचो आपका हर दिन आपका मूड आपकी कंसंट्रेशन आपकी एनर्जी कैसी होगी आपके रिलेशंस आपकी हेल्थ आपकी ग्रोथ कैसे होगी मैंने देखा कि इंडिया सेकंड मोस्ट स्लीप डिप्राइव्ड कंट्री है और अगर इस पेंडम को ठीक नहीं किया ना तो हमारा हाल भी जापान वाला होगा जहां पे गवर्नमेंट लोगों की लाइफ बचाने के लिए स्लीप गाइडलाइंस इशू कर रही है इसीलिए मैंने और मेरी टीम ने इस सब्जेक्ट पे डिटेल रिसर्च करी हमने बुक्स पढ़ी स्लीप साइंटिस्ट के पॉडकास्ट देखे इंटरव्यूज देखे और हर क्वेश्चन का आंसर ढूंढा सो दैट आज रात को
जब आप सोने जाओ ना तो आपकी लाइफ का एक मोस्ट इंपॉर्टेंट पार्ट आपके लिए मिस्ट्री ना हो आपकी एनर्जी और खुशी का कारण हो ये वीडियो तीन पार्ट्स में डिवाइडेड है पहले पार्ट में हम जानेंगे सोने पे और ना सोने पे हमारे दिमाग के अंदर होता क्या है हमारी नींद की चार स्टेजेस क्या होती हैं और ये डीप स्लीप क्या होती है दूसरे पार्ट में हम समझेंगे कि क्या चीजें हैं जो नींद की क्वालिटी को अफेक्ट करती है आपके लिए कितना देर सोना सही है आप अपनी नींद की क्वालिटी को चेक कैसे कर सकते हैं
और थर्ड पार्ट में आप जानोगे कि कैसे ब्रेन के दो केमिकल्स को समझकर आप टाइम पे सो सकते हो एक ऐसी डीप स्लीपलेस सकते हो जो नेक्स्ट डे आपको फ्रेश रखेगी कुछ ऐसे हैक्स आपको मिलेंगे जो विराट कोहली बिल गेट्स कई स्लीप साइंटिस्ट और कई एथलीट्स फॉलो करते हैं और इन तीनों पार्ट्स के बाद एक 14 डेज चैलेंज कैसे 14 दिन में आप नींद को अपनी सुपर पावर बना सकते हो कॉमन सिचुएशन से शुरू करते हैं रात के 2 बजे और अंकित उस मोड में है कि एक और एपिसोड एक और एपिसोड उसको पता है
कि सुबह इंपॉर्टेंट काम पर जाना है फिर भी नींद का कोई प्लान नहीं अब ये समझते हैं कि उसके दिमाग के अंदर क्या हो रहा है जब हम सो रहे होते हैं ना तो हमारा ब्रेन कई इंपॉर्टेंट काम कर रहा होता है हमारी नींद के दौरान ब्रेन अपने आप को रिपेयर भी करता है और टॉक्सिक वेस्ट को क्लियर भी करता है इस प्रोसेस को हम न्यूरल हाउसकीपिंग बोलते हैं इसे ऐसा समझो के ब्रेन में ना एक क्लीनिंग स्टाफ है क्याल सेल्स वो नाइट शिफ्ट लगाता है मतलब ये रात में एक्टिव होता है जब आप सो
रहे होते हो और इनका काम है डैमेज सेल्स और टॉक्सिंस को साफ करना ओवरऑल हाउसकीपिंग को मैनेज करना सो दैट नेक्स्ट डे हर चीज आपको फ्रेश और रेडी मिले पर जब हम प्रॉपर्ली सोते नहीं है तो ये जो स्टाफ है ना ये ओवर एक्टिव हो जाता है ये सेल्स अग्रेसिव होकर डैमेज सेल को ई नहीं नॉर्मल हेल्दी सेल्स नॉर्मल कनेक्शंस को भी क्लियर करना शुरू कर देते हैं मतलब ब्रेन लिटरली खुद को खाना शुरू कर देता है साइंटिस्ट ने देखा कि नींद की कमी से रफले 13 पर न्यूरॉन्स ब्रेन से वाइप आउट हो जाते हैं
अगर यही रेट चलता रहे तो लाइफ में 13 बिलियन न्यूरॉन्स डिस्ट्रॉय हो सकते हैं इसीलिए क्रॉनिक स्लीप डेप्रिसिएशन में उनको अल्जाइमर और दूसरे कई न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर्स के चांसेस बढ़ जाते हैं सिंपल वर्ड्स में जब हम अपनी नींद पूरी नहीं करते तो हम अपने ब्रेन का कुछ हिस्सा डिलीट कर देते हैं आपको पता है गिस वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में ना सोने का रिकॉर्ड डिलीट कर दिया गया था 1986 में रॉबर्ट मैकडोनाल्ड ने एक शॉकिंग रिकॉर्ड बनाया जब उन्होंने लगातार 19 दिन तक जागकर दुनिया को हैरान कर दिया मतलब 453 आवर्स एंड 40 मिनट्स बिना सोए रहे और
यह रिकॉर्ड गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में रजिस्टर भी हुआ लेकिन इस रिकॉर्ड ड के बाद गिनीज ने ऐसे रिकॉर्ड्स को मॉनिटर करना बंद कर दिया क्योंकि वह समझ गए कि ना सोने के हेल्थ रिस्क बहुत डेंजरस हो सकते हैं एक और इंटरेस्टिंग स्टोरी है गार्डनर की जो 17 साल का था वो और उसका दोस्त ब्रूस दोनों ने साइंस प्रोजेक्ट के लिए 11 दिन तक जागने का एक्सपेरिमेंट किया ने बास्केटबॉल और आर्गेट गेम्स के साथ खुद को बिजी रखा पर धीरे-धीरे उसके ब्रेन और बॉडी पे इफेक्ट्स दिखने लगे उसकी मेमोरी वीक होने लगी फोकस करना मुश्किल हो
गया और उसको हेलस होने लगे डॉक्टर ड्रेर के अकॉर्डिंग अगर आप 24 घंटे तक जागते हो तो आपका दिमाग ऐसे काम करता है जैसे आप नशे में हो जब हम 24 घंटे तक जागते हैं तो हमारा रिएक्शन टाइम स्लो हो जाता है स्पीच थोड़ी स्लरी हो जाती है आ सुन तेरा अरे सुन रहा हूं मैं डिसीजन मेकिंग प्रॉपर होती नहीं है टेंशन वीक हो जाती है इरिटेशन बढ़ जाती है और हैंड आई कोऑर्डिनेशन भी इंपैक्ट होती है अगर हम 36 आवर्स बिना सुए रहते हैं तो ब्लड में इंफ्लेमेटरी मार्कर्स बढ़ने लगते हैं हार्मोस का बैलेंस
बिगड़ सकता है मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है 48 आवर्स बिना स्लीप के निकालने पे आपका ब्रेन कभी-कभी माइक्रो स्लीप लेने लगता है मतलब थोड़े-थोड़े सेकंड्स के लिए बिना किसी अवेयरनेस के आप सो जाते हो और 72 आवर्स अगर आप बिना सोए रहते हो ये भी टेक्निकल पॉसिबल है लेकिन डेंजरस है आपको लसिन शंस होने लग पड़ती हैं इमोशंस और लोगों की बातें आप समझ ही नहीं पाते तो जिन लोगों की नींद की क्वालिटी प्रॉपर नहीं होती या फिर नींद इनकंप्लीट रहती है तीन मेजर नुकसान उनको होते हैं पहला उनकी मेंटल क्लेरिटी उनकी लर्निंग और मेमोरी
रिड्यूस होती है जब हम सोते हैं ना तो हमारा ब्रेन इंफॉर्मेशन मेमोरी और लर्निंग्स को ऑर्गेनाइज करता है जब नींद पूरी नहीं होती तो दिन भर जो भी आपने सीखा एक्सपीरियंस किया वो प्रॉपर्ली स्टोर नहीं होता और अगले दिन आपका दिमाग कंफ्यूज मोड में चला जाता है दूसरा नुकसान आपकी इमोशनल स्टेबिलिटी पे होता है जब नींद पूरी नहीं होती तो आपके ब्रेन का जो इमोशनल पार्ट है वो डायरेक्टली इंपैक्ट होता है जिसको एमिक डाला कहते हैं मतलब हम छोटी-छोटी चीजों पे इरिटेट होने लगते हैं हमारा इमोशनल कंट्रोल कम हो जाता है और तीसरा बहुत ही
इंपॉर्टेंट इंपैक्ट इसका होता है आपकी इम्युनिटी पे मेटाबॉलिज्म पे आपकी बॉडी पे अब आप ये देखो कि हजारों सालों से नींद जो है ना वो लोगों के लिए बायोलॉजिकल मिस्ट्री थी होता क्या है नींद में मतलब डॉक्टर्स ने कई चीजें समझ ली लेकिन नींद को कैसे समझे जो ज्यादा सोते हैं उनको हमेशा ताने मिलते थे और जो कम सोते हैं उनको हमेशा सलूट मिलती थी यार बहुत कम सोता है क्योंकि लोग हमेशा यह सोचते थे कि स्लीप ना बस एक पैसिव एक्टिविटी है जिसमें बस हम रिलैक्स करते हैं फिर 1980 में एडवांस्ड इमेजिंग टेक्निक्स आई
जेनेटिक टू आए तो कई शॉकिंग स्टडीज सामने आई नींद की स्टेजेस को समझा गया यह समझा गया कि बेड पर सोने से लेकर उठने तक हमारे ब्रेन में क्या होता है हमारे ब्रेन में चार स्टेजेस होती है नींद की सबसे पहले आता है एन आर ईएम नॉन रैपिड आई मूवमेंट स्टेज वन ये वो फेज है जब आप बेड पर लेटे हो दोस्तों के मैसेज स्क्रॉल करते करते आपका फोन ही आपके मुंह पर गिर जाता है आप समझ गए ना कि बैठे-बैठे जब नींद आ जाती है ब्रेन स्लो हो जाता है आपकी बॉडी रिलैक्स करना स्टार्ट
कर देती है है हार्ट बीट और ब्रीदिंग धीरे-धीरे कम होने लगती है मतलब चेक इन हो गया बोर्डिंग हो गई अब आपकी फ्लाइट उड़ने को तैयार है ये वो टाइम है जब आप नींद में जाना शुरू कर देते हो ये फेज 5 से 10 मिनट चलता है इसमें अगर आपको कोई उठा दे ना तो आप क्या कहते हो मैं तो अभी सोया ही नहीं मैं तो जाग रहा था अब बारी है टेक ऑफ की अब आप एंटर करते हो एनआरएम स्टेज टू ये आपकी नींद का ऑलमोस्ट 50 पर टाइम कवर करता है मतलब अगर आप
8 घंटे सोते हो ना तो ऑलमोस्ट 4 घंटे आप इस स्टेज में होते हो इस स्टेज में आपका ब्रेन स्लीप स्पाइनल्स बनाता है एक एक ब्रेन वेव जो आपकी ओल्ड मेमोरीज को ऑर्गेनाइज करती है आपकी बॉडी और टेंपरेचर इस टाइम रिलैक्स हो जाता है बेसिकली आपका सिस्टम स्लीप मोड में चला जाता है ये एकदम वार्म अप की तरह है ताकि इसके बाद आप डीप स्लीप की तरफ जा पाओ अब स्टेज थ्री जब आप आसमान की ऊंचाइयों प पहुंच जाते हो ये है डीप स्लीप वो स्टेज जहां पे एक्चुअल मैजिक होता है एनआरएम स्टेज थ्री यानी
डेल्टा स्लीप ये सबसे इंपॉर्टेंट है इस टाइम पे आपकी बॉडी रिपेयर का काम शुरू करती है एक साइलेंट मैकेनिक की तरह आपके मसल्स बिल्कुल रिलैक्स हो जाते हैं ब्लड प्रेशर और हार्ट बीट स्लो हो जाती है और आपका ब्रेन डेल्टा वेव्स प्रोड्यूस करता है मतलब एकदम स्लो और स्टेडी सिग्नल्स जैसे कोई मेडिटेशन कर रहा हो राइट इस स्टेज में अगर आपको कोई उठा दे ना तो आपका रिएक्शन होगा हैं कौन का किस प्लेनेट पे हूं मैं कौन एकदम से झटका दे रहा है अब लैंडिंग की बारी स्टेज फोर नींद की रोलर कोस्टर राइड यानी कि
आर ईएम स्लीप ये नींद का सबसे मजेदार और क्रेजी पार्ट होता है जहां पे सपने शुरू होते हैं आरएम मतलब रैपिड आई मूवमेंट आपकी आंखें बंद है आपके पलकों के नीचे आपकी आंखें फास्ट मूव करती है जैसे कोई थ्रिलर मूवी देख रहे हो इस स्टेज में ब्रेन एकदम एक्टिव हो जाता है बॉडी टेंपरली पैरालाइज्ड हो जाती है ताकि आप सपनों में ना खुद को अंबानी देख सको दोस्त भिखारी नहीं है अपुन बहुत पैसा है अपने पास ये स्टेज आपकी इमोशनल मेमोरी और लर्निंग के लिए जरूरी है इसके बाद आप वापस जाते हो स्टेज वन पे
हर स्लीप साइकिल ऑलमोस्ट एवरेज 90 मिनट्स का होता है और पूरी रात में आप चार से पांच बार ये साइकिल कंप्लीट करते हो अब आते हैं पार्ट टू पे कुछ लोग तो लेटते ही सो जाते हैं और कुछ लंबा इंतजार करते हैं कुछ सोते तो पूरा लेकिन अगले दिन फ्रेश फील नहीं करते एक अच्छी नींद के लिए चाहिए ड्यूरेशन कंसिस्टेंसी और क्वालिटी पर यह सब हमें क्यों नहीं मिलता उसके पीछे कुछ कारण है 10000 इंडियंस पे एक सर्वे किया गया तो पता चला कौन से कारण है जिनकी वजह से हम कम सो रहे हैं या
प्रॉपर नहीं सो रहे और लेट सोने का सबसे बड़ा कारण आज की डेट में डिजिटल एक्सपोजर 88 पर लोग सोने से पहले फोन चलाते हैं ऑनेस्टली आप नीचे कमेंट्स में बताओ क्या आप सोने से पहले फोन यूज करते हो जो लोग सोने वक्त फोन स्क्रॉल करते हैं ना उनका दिमाग जो है वो कांस्टेंटली स्टिम्युलेटेड रहता है एक्टिविटी में रहता है क्योंकि हमारे फोन की स्क्रीन से ब्लू लाइट निकलती है और वो हमारे पेनियल ग्लैंड को कंफ्यूज कर देती है पेनल ग्लैंड वो पार्ट है जो स्लीप हार्मोस प्रोड्यूस करता है जिससे नींद आती है पर ब्लू
लाइट से उसको क्या लगता है उसको लगता है जगने का टाइम है और आपका स्लीप साइकिल डिस्टर्ब होता जाता है इसके अलावा जब हम रील्स देखते हैं नोटिफिकेशन चेक करते हैं तो क्या होता है डोपामिन हिट मिलता है डोपामिन तो एक फील गुड केमिकल है जो हमें और स्क्रोल करने को मजबूर करता है अब जब आपका दिमाग और डोपामिन लेने में बिजी होगा तो नींद कहां से आएगी दूसरा कारण है हमारे तूफानी दिमाग में चल रही चटर पटर 33 पर लोगों का कहना है कि रात को दिमाग में काम का प्रेशर चल रहा होता है
जिसकी वजह से वह सो नहीं पाते अब देखो अगर हम को ओवरथिंक कर रहे हैं कि कल मेरी प्रेजेंटेशन कैसी होगी उसने मेरे को रिप्लाई क्यों नहीं किया था वोह मेरे बारे में क्या सोचता होगा यह सबकी वजह से हम अपने ब्रेन को एक्टिव रखते हैं और रिजल्ट नींद डिलेड तीसरा कारण बॉडी क्लॉक महेंद्र सिंह धोनी से जब उनका रूटीन पूछा तो उन्होंने बताया कि जब आईपीएल मैच चल रहे होते हैं ना तो वो रात को 3:00 बजे सोते हैं और दोपहर को 111 उठते हैं माय शेड्यूल इज नॉट ग्रेट ड्यूरिंग आईपीएल आई स्लीप बाय
3 ए आई गेट अप बाय 11 11:30 12 व्हाट एवर अब ऐसा क्यों उन्होंने देखा कि के आईएल मैचेस लेट तक चलेंगे किसी दिन मैच है तो रात के 3:00 बजेंगे जब मैच नहीं है तो 12:00 बजे सोऊंगा इससे मैं इनकंसिस्टेंट रहूंगा और मेरी बॉडी बेस्ट फंक्शन नहीं करेगी अब धोनी काम माइंड वाले हैं उनको पता है माइंड की स्ट्रेंथ इंपॉर्टेंट है उनको पता है एनर्जी इंपॉर्टेंट है तो कंसिस्टेंट स्लीप इंपॉर्टेंट है तो उन्होंने डिसाइड किया कि चाहे 3:00 बजे सोऊंगा पर हर दिन सेम टाइम पे सोऊंगा इसके पीछे रीजन यह है कि हमारा दिमाग
एक नेचुरल अलार्म क्लॉक के साथ काम करता है जिसको हम सरके यन रिदम कहते हैं ये सरकन रिदम हमें बताता है कब उठना है कब सोना है नेचर के हिसाब से लाइट और डार्कनेस के हिसाब से अब जब हमारी स्लीप इरेगुलर होती है किसी दिन 12:00 बजे सो रहे हैं किसी दिन 3:00 बजे सो रहे हैं तो ये रिदम डिस्टर्ब हो जाती है और जब सर्काडियन रिदम डिस्टर्ब होती है मतलब आपकी बॉडी आपका माइंड कन्फ्यूज्ड हो जाता है कि कब रिलैक्सेशन में जाना है कब एक्टिव होना है जिसकी वजह से आपकी स्लीप की क्वालिटी भी
इफेक्ट होती है और नेक्स्ट डे आपकी परफॉर्मेंस भी इफेक्ट होती है हमारी कंसंट हैबिट्स भी हमारी नींद को अफेक्ट करती है अब यह जो कॉफ है चाय एनर्जी ड्रिंक्स है इन सब में एक हीरो है कौन कैफीन अब कैफीन क्या करता है इसको समझना लाइफ लॉन्ग काम आएगी ये बात हमारे ब्रेन में ना केमिकल होता है एडिनोसिन जो हमें सिग्नल देता है कि भाई अब थक गया बस लेकिन कैफीन का काम है इसको ब्लॉक करना राइट हमें अलर्ट रखना अब हमारी बॉडी को कैफीन को मेटाबोलाइज्ड लेता है या लेट तक लेता है तो उसकी नींद
की क्वालिटी और नींद का आना अफेक्ट होगा एक और चीज है कैफीन के अलावा बहुत लोगों को ना ये गलतफहमी है कि एक ड्रिंक ले लो दो तीन ड्रिंक ले लो अच्छी नींद आएगी अब ये सबने सुना होगा ना शराब पियो दारू पियो सो जाओ बट क्या सच में अल्कोहल हेल्प करती है मैं आपको बताता हूं अल्कोहल ना इनिशियली आपको रिलैक्स्ड फील कराती है एकदम आपको आपके नर्वस सिस्टम को स्लो कर देती है और आपको नींद आ जाती है मतलब आप स्टेज वन में तो बहुत जल्दी चले जाते हो लेकिन बाकी की स्टेजेस सप्रे हो
जाती है आपको डीप स्लीप नहीं मिलती ब्रेन की प्रॉपर रिस्टो मेशन नहीं होती और इसीलिए जब पी होती है अगले दिन आलस होता है और अगले दिन लो फील होता है अब कितने घंटों की नींद आपके लिए बेस्ट है आपको कितनी नींद चाहिए अब देखो एक तो ये चार्ट है जिसमें लिखा हुआ है किस एज में कितनी नींद चाहिए अब ये एक जनरल नंबर है इंपॉर्टेंट बात यह है कि हम सबकी बॉडी अलग है इसलिए हमारी नींद की रिक्वायरमेंट अलग है उसको समझना होगा और कभी भी नींद के पे ना खुद को या दूसरों को
जज मत करो अगर नींद आपकी ज्यादा है ना तो बुरा मत फील करो और अगर आप कम सोते हो ना तो ऐसे प्राउड भी मत फील करो देखो मैं तो कम सोता हूं ये केस टू केस वेरी करता है आप जिम जाते हो आपकी डाइट बहुत हैवी है आपकी बॉडी को ज्यादा नींद चाहिए आपकी लाइट डाइट है आप बहुत मेडिटेशन करते हो आपकी बॉडी को कम नींद चाहिए हो सकती है आपकी एज क्या है मेडिकल कंडीशन क्या है आपका बॉडी वेट अगर ज्यादा है तो हो सकता है आपको नींद ज्यादा चाहिए अपनी नींद की क्वालिटी
और ड्यूरेशन को समझने के लिए चार सवाल मैं आपको दे रहा हूं ये चारों सवाल खुद को पूछो और उसके बाद जब हम सलूशन में जाएंगे तो आपको यह भी पता चलेगा कैसे इस क्वालिटी को इंक्रीज करना है कैसे ड्यूरेशन को ठीक करना है पहला सवाल के क्या आप दिन भर फ्रेश फील करते हो या फिर लेजनेवा तीसरा रात भर उठते रहते हो करवट बदलते रहते हो या फिर एक आधी बार उठते हो बाकी थ्रू आउट नाइट आप सोते हो एंड चौथा आपकी अलार्म के ऊपर डिपेंडेंसी कितनी है आप बिना अलार्म के उठते हो आप
एक अलार्म पे उठते हो या आपको कई बार स्नूज़ दबाना पड़ता है अब आते हैं सबसे फेवरेट पार्ट पे हाउ टू फिक्स योर स्लीप बिल गेट्स ने कहा था कि उनकी स्लीप को इंप्रूव करने से उनकी परफॉर्मेंस उनकी लाइफ में बहुत फर्क पड़ा और उनकी स्लीप इंप्रूव करने में उनको हेल्प करी मैथ्यू वॉकर की बुक वाईवी स्लीप ने हमने इस बुक को डिटेल में रेफर किया इसके अलावा कुछ और बुक्स को भी रेफर किया कई लोगों से बात करी और इस सबके बेस पे कुछ प्रैक्टिकल टिप्स हैं जो मैं आपके साथ शेयर कर रहा हूं
और इनमें से कुछ टिप्स मेरी लाइफ का पार्ट ऑलरेडी है जिनकी वजह से मैं क्विकली सो पाता हूं टाइम पे सो पाता हूं तो ये टिप्स मैं आपके साथ शेयर करूंगा और उसके बाद हम शुरू करेंगे 14 डेज चैलेंज आपको याद होगा मैंने सर्काडियन रिदम की बात करी थी हमारी बॉडी का इंटरनल क्लॉक जो हमारे उठने और सोने को कंट्रोल करता है मतलब कब सोना है कब उठना है ये हमारी बॉडी को पता है अब इस क्लॉक को रेगुलेट करते हैं कुछ नेचुरल हार्मोंस जो हमारी बॉडी ही प्रोड्यूस करती है और इसमें दो बहुत इंपोर्टेंट
हार्मोन है जिनको आपको समझना है फिर आप हैक्स को अच्छे से इंप्लीमेंट कर पाओगे और वो है कॉर्टिसोल और मेलाटोनिन कॉर्टिसोल जो है वो है हमारा स्ट्रेस हार्मोन इसका काम है हमें एक्टिव रखना अवेक रखना एनर्जेटिक रखना एक नॉर्मल इंसान में कॉर्टिसोल लेवल्स और सुबह के टाइम पे वो स्पाइक करते हैं और दिन भर धीरे-धीरे धीरे कम होते जाते हैं दूसरा है मिलोट जो है स्लीप हार्मोन इसका काम है हमें रिलैक्स्ड और स्लीपीजी सोने के लिए और सोते रहने के लिए ये शाम के आसपास हमारी बॉडी इसका प्रोडक्शन शुरू करती है और यह रात भर
प्रोड्यूस होता है आप ये देखो कि इन दोनों हार्मोस का काम एक दूसरे के ऑपोजिट है जब कॉर्टिसोल ऊपर जाता है मेलाटोनिन नीचे आता है और जब मेलाटोनिन ऊपर जाता है कॉर्टिसोल नीचे आता है तो मतलब सुबह कॉर्टिसोल अप रात को मिलोट निन अप तो ये दोनों हार्मोंस मिलकर हमारा स्लीप वेक साइकिल को बैलेंस करते हैं इन दो केमिकल्स की फंक्शनिंग को समझते हुए अगले पांच पॉइंट्स के साथ आप इजली अपनी नींद की क्वालिटी क्वांटिटी और कंसिस्टेंसी को हैक कर पाओ अब यहां पे एक इंपॉर्टेंट डिस्क्लेमर है इन पांच पॉइंट को समझने से पहले मैं
कुछ आपको जरूर बताना चाहता हूं कि एक चीज आपको बिल्कुल फील नहीं करनी वो है स्लीप एंजाइटी क्या होता है एक तो हम वैसे कई बार परेशान होते हैं नींद नहीं आ रही होती फिर इस तरह की कोई वीडियो देखने के बाद हम ये परेशानी भी ले लेते हैं कि नींद की क्वांटिटी क्वालिटी और कंसिस्टेंसी मैच नहीं हो रही और मतलब ऑलरेडी परेशान है जिस वजह से नींद नहीं आ रही अब क्योंकि नींद नहीं आ रही तो ये परेशानी है तो ये परेशानियों का साइकिल बन जाता है जिसको स्लीप एंजाइटी कहते हैं तो मैं आपको
सजेस्ट करूंगा कि आप पांचों पॉइंट्स को सुनो और सोचो कि आप क्या कर सकते हो हर चीज जरूरी नहीं है आप कर सकते हो आपकी लाइफस्टाइल आपकी स्टेज आपकी एज आपके करियर पे डिपेंड करेगा धोनी को पता है सुबह जल्दी उठना चाहिए रात को टाइम पे सोना चाहिए पर आईपीएल लेट खत्म होता है तो क्या करें तो उन्होंने देखा कि टाइमिंग मेरे हाथ में नहीं है मैं कंसिस्टेंसी और क्वालिटी पे फोकस कर सकता हूं इसी तरह से आपको स्लीप एंजाइटी फील नहीं करनी आपको इन पांचों पॉइंट में से देखना है क्या आपकी लाइफ के साथ
मैच करता है क्या आपके कंट्रोल में है किस पे आपको काम करना है पहला पॉइंट डिजिटल कर्फ्यू एक स्टडी कहती है कि रात को जब हम स्क्रीन यूज करते हैं तो हमारी मेलन प्रोडक्शन 50 पर कम हो जाती है स्क्रीन का एक्सपोजर जितना कम होगा आपकी बॉडी की मेलाटोनिन प्रोडक्शन उतनी बेटर होगी नेचुरल होगी तो ट्राई करो मैं खुद यह करता हूं सोने से एक डेढ़ घंटे पहले मैं कोई भी तरह का डिजिटल डिवाइस नहीं देखता इलेक्ट्रॉनिक्स नहीं देखता तो आप भी इस चीज को ट्राई करो मैं बताता हूं क्या होगा अब अगर तो आदत
है रोज फोन देखने की आदत है रोज टीवी देखते हुए सोने की तो शुरू में क्या होगा समझ नहीं आएगा क्या करूं लेटे हो नींद आ नहीं रही मन करेगा फोन पकड़ना है लेकिन सोच लो डिजिटल कर्फ्यू लगा दिया फोन दूर रख दिया एक रात बोर हो जाओगे दो रात बोर हो जाओगे तड़प लोगे यार नहीं नहीं हो रहा नहीं हो रहा फाइनली नींद आएगी अगले दिन थोड़ी जल्दी आएगी अगले दिन थोड़े और टाइम पे आएगी हो जाओ बोर तड़प लो कब तक उसके बाद किसकी लाइफ बेटर होगी कौन टाइम पे सोएगा किसका स्लीप साइकल
अच्छा होगा किसकी नींद ज्यादा अच्छी क्वालिटी की होगी नेक्स्ट पॉइंट है मूमेंट 2014 में एल चन स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर फेयरब्रदर ने एक स्टडी करी उन्होंने पार्टिसिपेंट्स को तीन ग्रुप्स में डिवाइड किया और उनको बोला 30 मिनट ट्रेड मिल पर रनिंग करनी है एक ग्रुप को बोला मॉर्निंग 7 एम एक को दोपहर को 1:00 बजे और एक को शाम को 7:00 बजे रिजल्ट यह था कि सुबह 7:00 बजे जो लोग वर्कआउट कर रहे थे वो जल्दी सो रहे थे लंबा सो रहे थे और उनका स्लीप साइकिल ज्यादा डीप था उनकी जो डीप स्लीप वाली स्टेज
थी वो 75 पर ज्यादा टाइम तक चली और वो ज्यादा फ्रेश और रिफ्रेश फील कर रहे थे अब होता क्या है ना सुबह ऑलरेडी बॉडी जो है वो नेचुरली कॉर्टिसोल प्रोड्यूस कर रही होती है और मेलाटोनिन रिड्यूस कर रही होती है तो सुबह के टाइम जब हम एक्सरसाइज करते हैं तो हमारी बॉडी नेचुरल साइकिल के साथ मैच करती है इस वजह से शाम को इन टाइम कॉर्टिसोल अपनी दुकान बढ़ाता है और मेलाटोनिन ड्यूटी पे आता है नेक्स्ट पॉइंट है टेंपरेचर आपको पता है टेंपरेचर का और आपकी डीप स्लीप का कनेक्शन है कभी सोचा कि जब
गर्मी लग रही होती है तो नींद नहीं आ रही होती लेकिन सर्दी में रजाई के अंदर घुस के क्या प्यारी नींद आ रही होती है उठना ही कई बार मुश्किल होता है एक एक्सपेरिमेंट में देखा गया कि अगर टेंपरेचर बढ़ता है गर्मी होती है तो मेलाटोनिन पर कुछ खास असर नहीं होता लेकिन जब टेंपरेचर [संगीत] ग्रेजुएट परेचर वर्क करता है आपको पता होना चाहिए जिसमें थोड़ा सा आपकी बॉडी के लिए जब कूल होगा तो आपको नींद अच्छी आएगी नेक्स्ट पॉइंट योर लास्ट विराट कोहली कहते हैं कि उनकी अच्छी स्लीप क्वालिटी का जो सीक्रेट है वो
है कि वो अपना डिनर 5:30 तक खत्म कर लेते हैं अब होता क्या है कि जब हम अपना लास्ट मील लेते हैं उसका सीधा असर हमारी नींद पर पड़ता है जब हम हैवी डिनर करते हैं तो बॉडी को डाइजेशन के लिए ज्यादा एनर्जी चाहिए तो बॉडी रिलैक्स करने की जगह डाइजेशन में बिजी हो जाती है जो आपकी नींद को अफेक्ट करता है एक स्टडी हुई थी 2016 में उसमें एक ग्रुप को कंट्रोल डाइट दी गई जिसमें एडेड शुगर और फैट्स को लिमिट कर दिया गया और फाइबर पर फोकस किया गया और दूसरे ग्रुप को कहा
जो खा सकते हो खाओ कोई रिस्ट्रिक्शन नहीं है अब ओबवियस सी बात है क्या हुआ दूसरे ग्रुप ने अच्छा सा शुगर और फैट कंज्यूम किया और इसका सीधा इंपैक्ट उनकी नींद पर पड़ा जिन्होंने ज्यादा शुगर कंज्यूम की थी उनको सोने में ज्यादा टाइम लगा और उनकी डीप स्लीप का साइकिल काफी कम था देखो जब डिनर में शुगर फूड होता है ना तो प्रॉब्लम और बढ़ जाती है क्योंकि शुगर का इंटेक ब्लड शुगर को स्पाइक करता है फिर इंसुलिन रिलीज होता है और ये फ्लकचुएशंस मेलाटोनिन को डिसर पट कर है अब विराट कोहली 5:30 खाते हैं
तो जरूरी नहीं आपको भी 5:30 खाना है आप कितने बजे सोते हो उस हिसाब से देखो सजेस्टेड यह है कि डिनर और बेड टाइम के बीच में दो से तीन घंटे का गैप हो ताकि आपका फूड जो है वो प्रॉपर्ली डाइजेस्ट हो और आपकी बॉडी रिलैक्स्ड हो और जो डिनर है वो लाइट हो इजी टू डाइजेस्ट हो तो बेस्ट है कुछ ऐसे फूड्स है जैसे मिल्क बनाना नट्स ये टपट फिन रिच होते हैं मतलब ये सेरोटोनिन बनाते हैं और यह सेरोटोनिन मेलाटोनिन में कन्वर्ट होता है जिससे नींद इंप्रूव होती है लास्ट पॉइंट जो मुझे भी
हेल्प करता है पाच मिनट में सोने में वो है एक नाइट रूटीन होना चाहिए एक बेड टाइम रूटीन होना चाहिए देखो नाइट टाइम रूटीन क्या है जो सोने से पहले आप करते हो एक तरह का एक सिग्नल है ब्रेन को कि अब सोने का टाइम हो गया है एक तरह का स्लो डाउन कह सकते हो क्योंकि अगर हमें डीप स्टेजेस एक्सपीरियंस करनी है स्लीप की तो हम एकदम से एक्टिव माइंड से नहीं सो सकते एक स्लो डाउन जरूरी है और इसके कई तरीके हो सकते हैं मैं आपको बता देता हूं इसमें से जो आपको बेस्ट
लगे आप यूज करो एक चीज है कि सोने से पहले शु करना ग्रेटफुल फील करना ग्रेट ूडल करना कि मेरी लाइफ में क्या-क्या अच्छा है इस बारे में सोचना इससे आप रिलैक्स फील करते हो आप प्रेयर कर सकते हो ऊपर वाले का शुक्रिया कर सकते हो दूसरा है मेडिटेशन करना मेडिटेशन करके भी आप एक तरह का रिलैक्स स्टेट में आ जाते हो काम डाउन हो जाते हो स्लो हो जाते हो कुछ लोग जर्नलिंग करते हैं सोने से पहले अपने थॉट्स को लिखना राइट जो माइंड में चल रहा है जो सब है निकाल दो नोटपैड प
लिख दो ताकि कोई टेंशन लेके कोई स्ट्रेस लेके नेगेटिव चीज लेके बेड पे मत जाओ उसी उसी के अंदर ग्रेट अच्छा है वो सब भी लिख दो ताकि एक पॉजिटिव स्टेट के साथ नींद में जाओ इसके अलावा डीप ब्रीदिंग बहुत हेल्प कर सकती है एक बहुत पावरफुल टेक्नीक है 478 यानी कि फर सेकंड्स के लिए आप इन्हेल करो सेन सेकंड्स के लिए उसको होल्ड करो और फिर ठ सेकंड लगाओ एक्सल करने में ये आपकी बॉडी को रिलैक्स करता है आपके हार्ट रेट को स्लो डाउन करता है जिसकी वजह से आपकी नींद जल्दी आती है मेरा
पर्सनली एक नाइट रूटीन है जो मैंने कई वीडियोस में शेयर किया लेकिन ग्रेटू उसका एक बहुत इंपॉर्टेंट पार्ट है मैं सोने वक्त शुक्र करके सोता हूं और लेटने के बाद मैं अपनी ब्रीदिंग पे फोकस करता हूं यह एक तरह की मेडिटेशन भी है और ब्रीदिंग टेक्नीक भी है ब्रीदिंग प फोकस करते हुए चार पांच मिनट में स्विच ऑफ तो आप भी एक्सपेरिमेंट कर सकते हो देख सकते हो आपके लिए क्या बेस्ट काम करता है अपनी चॉइस के हिसाब से एक चीज दो चीज इसमें से उठाओ अपना नाइट टाइम रूटीन बनाओ यह आपको हेल्प करेगा अच्छी
नींद में और अगले दिन प्रोडक्टिव और फोकस्ड रहने में अब स्लीप आपके लिए एक बायोलॉजिकल मिस्ट्री नहीं है आपको पता है स्लीप के बारे में आपको उसकी स्टेजेस पता है क्यों नहीं आती पता है कैसे आती पता है क्या केमिकल्स काम करते हैं ये सारी नॉलेज जो आपने गेन करी है ये वेस्ट ना हो ये एक्शन में बदले तो ये एक राइट टाइम है राइट स्टेज है अपने आप को एक चैलेंज देने का एक एक्शन प्लान बनाने का इसलिए इस वीडियो को मैं बिना उसके क्लोज नहीं करूंगा 14 डेज का एक चैलेंज लो क्योंकि अब
आप रेडी हो तैयार हो तो 14 डेज बेस्ट तरीका है एक पेज पकड़ो 14 कॉलम्स बनाओ 14 बार उसमें एक से 14 नंबर लिख दो और वो पेज बेडरूम में सामने लगा लो राइट अब इसमें पहले सात दिन क्या करना है कोई तीन चीजें आप पकड़ो मैं सजेस्ट करता हूं कि अभी गोल यह नहीं है कि 2 बजे सोते हो और आपका गोल हो जाए मुझे 10 बजे सोना ये बहुत ओवर एंबिशियस प्लानिंग हो जाएगी राइट रेगुलर टाइम पे सोए लेकिन सेम टाइम पे सोए ये इंपॉर्टेंट हो सकता है जैसे धोनी ने डिसाइड किया कि
मैं 10:00 बजे नहीं सो सकता लेकिन जिस जितने बजे सो रहा हूं रोज सेम टाइम सो तो आप भी एक एक ऐसा गोल बनाओ जो अची वेबल हो कि जो मेरा रेगुलर टाइम है उससे थोड़ा पहले ट्राई कर लूं और मेन चीजें क्या है जो आपको चैलेंज लेना है इलेक्ट्रॉनिक्स का रूल लेना है कि मैं कोई भी डिजिटल एक्सपोजर नहीं लूंगा एक घंटा डेढ़ घंटा पहले मैं डिजिटल एक्सपोजर बंद कर दूंगा कोई एक नाइट टाइम रूटीन उठा लो कि ये चीज मैं सोने से पहले करूंगा फॉर एग्जांपल मेडिटेशन करूंगा या ग्रेट ूडी एंड जर्नलिंग और
तीसरी चीज जो मैं सजेस्ट करूंगा वो है डिनर करते ही मत सो एक गैप आपका डिनर और स्लीप में होना चाहिए तीन चीजें पकड़ो पहले और पहले सात दिन यही गोला है कि ये तीन चीजें करके मैंने अपनी शीट प टिक मारना है वन टू थ्री ये शीट से क्या होगा ना आपकी अकाउंटेबिलिटी बनती है आप मोटिवेटेड रहते हो आप आपने करा आपको आपके पास रीजन है कि मुझे वो टिक मारना है मुझे अपने आप को लेट डाउन नहीं करना मुझे अपने आप को निराश नहीं करना राइट तो मिस नहीं होता सामने रहता है रिमाइंडर
रहता है अब सात दिन हो गए अब आपको ना काफी क्लेरिटी होगी क्या काम किया नहीं किया अब थोड़ा डीप जाओ अब नेक्स्ट लेवल की चीज पकड़ो कि मुझे टेंपरेचर पे काम करना है मुझे बॉडी टायर्ड फील नहीं हो रही तो वर्कआउट करना है कैफीन इंटेक कम करनी है और रिड्यूस करनी है और पहले करनी है जीरो करनी है बट गिव अप नहीं करना पहले सात दिन की एक्शंस के बेस पे अगले सात दिन प्लानिंग होगी मैंने सारे आइडियाज आपके साथ शेयर कर दिए हैं होंगे आपके हिसाब से आपकी बॉडी आपकी लाइफ आपका स्टेज आपकी
एज आपका करियर लेकिन इस तरह का एक 14 डेज का चैलेंज सामने लिख के लगा लो सो दैट ये जो इंटेंशन थी इस वीडियो के पीछे ये वीडियो आपने पूरी करी इट मींस आप खुद पे काम करना चाहते हो ये इंटेंशन वेस्ट ना हो ये नॉलेज वेस्ट ना हो ये आपका टाइम और मेरी एफर्ट वेस्ट ना हो सो इस 14 डे चैलेंज के लिए अगर आप रेडी हो तो नीचे कमेंट्स में अटेंडेंस लगा देना कि यस आई एम गोइंग ऑन अ 14 डेज चैलेंज और मेरी तरफ से ऑल द बेस्ट एक दूसरे को हम कमेंट्स
में सपोर्ट कर सकते हैं बेस्ट विशेस दे सकते हैं और अगर आप मेरी नेक्स्ट लाइव लाइफ ट्रांसफॉर्मेशन वर्कशॉप का पार्ट बनना चाहते हैं तो नीचे डिस्क्रिप्शन में दिए हुए लिंक पे आप क्लिक करके उसकी डिटेल्स जान सकते हैं और उसमें एनरोल कर सकते हैं हमेशा की तरह आपकी मेंटल और फाइनेंशियल ग्रोथ के लिए वीडियोस बनाता रहूंगा साथ निभाता रहूंगा स्टे ब्लेस्ड स्टे इंस्पायर्ड आई लव यू ऑल
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