21 Days Challenge - How to reprogram your Mind for Success | by Him eesh Madaan

4.58M views4803 WordsCopy TextShare
Him-eesh Madaan
It will only take 21 days, Welcome to the Powerful Journey of Life Transformation !! Join Life Chan...
Video Transcript:
निकोला टेस्ला वह मास्टरमाइंड जो अपने टाइम से कहीं आगे था रिमोट कंट्रोल एसी पावर इंडक्शन मोटर हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट कॉइल रेडियो कंट्रोल टरबाइन एक ही बंदे ने अकेले इतनी सारी इन्वेंशन कैसे कर दी टेस्ला का बिलीफ था कि हर एक इन्वेंशन या डिस्कवरी पहले सबकॉन्शियस माइंड में ही बनती है मतलब किसी भी चीज को वह क्रिएट करने से पहले उस आइडिया को अपने दिमाग में देख लेते थे और वह सबकॉन्शियस माइंड की पावर से इंपॉसिबल चीजों को प ल करते थे टेस्ला अपने सबकॉन्शियस माइंड को यूज करके वह सब कुछ अचीव कर पाए जो लोग
उस टाइम पर सोच भी नहीं सकते थे मैंने रिसेंटली अपनी एक वीडियो में बताया था कि कैसे मैं सबकॉन्शियस माइंड की पावर को यूज करके 100 एकस रिजल्ट्स तक पहुंच पाया और यही चीज मैं अपनी वीडियोस में भी सिखाता हूं और अपने ट्रेनिंग प्रोग्राम्स में भी सिखाता हूं और लोग अपने सपनों को सच में बदल पा रहे हैं हम अपने 95 पर डिसीजन सबकॉन्शियस माइंड से लेते हैं मतलब जो आप समझते हो कि आपकी चॉइस है वो एक्चुअली में आपका सबकॉन्शियस माइंड ही आपसे करवा रहा होता है हमें लगता है कि हमारा मन नहीं है
हम डीमिनसे है जो आपके खिलाफ हो जाता है जब यह हिस्सा हमारे खिलाफ होने की जगह हमारी तरफ हो जाता है फिर आपके बड़े से बड़े डर खत्म हो जाते हैं आपकी झिझक खत्म हो जाती है आप एनर्जी और जोश से भरे रहते हो आप भी अपने सपनों को एक-एक करके टिक कर कर पाते हो अब इतनी वीडियोस है सबकॉन्शियस माइंड पे तो यह वीडियो में क्या अलग है दो चीजें बाकी वीडियोस में क्या होता है स्टेप्स बताए जाते हैं लेकिन फैक्ट यह है कि हम सब अलग हैं तो एक ही स्टेप सबके लिए कॉमन
कैसे हो सकते हैं तो अपने सालों के ट्रेनिंग एक्सपीरियंस के बेस प मैं आपको बताऊंगा कि कौन से स्टेप्स आपकी नेचर आपकी पर्सनालिटी के हिसाब से बेस्ट है दूसरी प्रॉब्लम कि ये कैसे पता करें कि हमारा जो माइंड है वो रिप्रोग्राम हो भी रहा है या फिर नहीं इस वीडियो को देखने के बाद आप खुद को टेस्ट भी कर पाओगे अपने प्रोग्रामिंग के प्रोग्रेस को समझ पाओगे और आप इनकी तरह सबकॉन्शियस माइंड को ट्रेन करते हुए वो लाइफ जी पाओगे जो आप जीना चाहते हो वह सब कर पाओगे जो आप करना चाहते हो सबसे पहले
यह समझते हैं कि यह सबकॉन्शियस माइंड क्या होता है जैसे एक आइसबर्ग का ज्यादातर हिस्सा पानी के नीचे छुपा होता है वैसे ही हमारा सबकॉन्शियस माइंड हमारे कॉन्शियस माइंड से कई गुना बड़ा और पावरफुल होता है इसकी पावर का आईडिया तीन चीजों से होता है पहली चीज कि एक बड़ा मेमोरी बैग जैसा है जो हर चीज को परमानेंटली स्टोर करता है और इसकी कैपेसिटी जो है वो वर्चुअली अनलिमिटेड है ह्यूमन ब्रेन एक सेकंड में लगभग 11 मिलियन बिट्स इंफॉर्मेशन ले सकता है लेकिन जो हमारा कॉन्शियस माइंड है ना वो सिर्फ 40 बिट्स को ही प्रोसेस
कर पाता है स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के डॉक्टर ब्रूस लिप्टन के अकॉर्डिंग ज्यादातर लोग यह मानने को तैयार ही नहीं होते कि उनका सबकॉन्शियस माइंड ऑलरेडी वर्क कर रहा होता है जबकि एक्चुअल बात यह है कि ये कॉन्शियस माइंड से 1 मिलियन टाइम ज्यादा पावरफुल होता होता है एक एग्जांपल देता हूं कि जब तक आप 21 साल के हो जाते हो तब तक आप ऑलरेडी 100 टाइम्स ब्रिटानिका इंसाइक्लोपीडिया का पूरा कंटेंट परमानेंटली स्टोर कर चुके होते हो दूसरी चीज जब लोगों को नॉर्मल बिना मेडिसिन वाले पिल्स दिए गए और उन्हें बोला गया कि उनको पावरफुल मेडिसिन दी
जा रही है तो बहुत बार लोग बेहतर महसूस करने लगे रिकवर होने लगे ऐसा इसलिए क्योंकि हमारा सबकॉन्शियस माइंड बिलीव कर लेता है और हमारी बॉडी रिस्पॉन्ड कर लेती है इसको प्लबो कहते हैं तीसरा हिप्नोसिस एक ऐसी एक्टिविटी जिसके थ्रू लोग अपनी जिंदगी के पुराने इवेंट्स को जो कई साल पहले हुए हैं क्लीयरली याद कर पाते हैं तो इन तीनों चीज से आपको ये क्लियर है कि हमारा सबकॉन्शियस माइंड डाटा से भरा हुआ है ये हमें कंट्रोल करता है और ये रीकलेक्ट कर सकता है तो आपका सबकॉन्शियस माइंड एक सुपर पावर है जिसको हमें अपनी
तरफ करना है अपने खिलाफ नहीं आप ये इमेज देखो और बताओ क्या लिखा है आपके माइंड में जो सबसे पहले आया वो नीचे कमेंट्स में लिखो अब किसी को तो पहले गुड नजर आया होगा और किसी को पहले इविल इसका मतलब यह नहीं है कि आप अच्छे हो या बुरे हो आपका आंसर इस चीज पर डिपेंड करता है कि किस तरह के पैटर्स आपके सबकॉन्शियस माइंड में है पैटर्न को मैं एक बेसिक से एग्जांपल के साथ एक्सप्लेन करता हूं दो लड़के हैं टीटू और सोनू टीटू जब बचपन में था बड़ा हो रहा था तो उसके
घर में ना ये लाइंस बहुत कॉमन थी कि बेटा पैसा पेड़ पे नहीं उगता अरे तुम्हारा बाप एटीएम की मशीन है क्या अक्सर उसको को उसके चाचा जो है ना वो भी आके कह देते पैसा कमाना बहुत मुश्किल है भाई और सोनू के पापा कहते थे जहां चाह वहां रह मेहनत करते जाओ पैसा आता रहेगा अब टीटू जब बड़ा हुआ तो वो पैसे को लेके हमेशा स्ट्रेस में रहता था अगर उसके दिमाग में कोई आईडिया आता भी था तो उसको लगता था नहीं लाइफ में ना स्टेबिलिटी चाहिए रिस्क सोचते ही उसके माइंड में डर आता
था अब इससे क्या हुआ उसका पैसे में पर्सनल लाइफ में कॉन्फिडेंस में सब एरियाज में वो पीछे रह गया और सोनू ने हमेशा सोचा कि कैसे ग्रो किया जाए माइंड में रिस्क उसके भी आता था पर वह डरता नहीं था दिमाग लगाता था कि कैसे कैलकुलेटेड रिस्क लेना है प्रॉब्लम आती थी वह सता नहीं था उससे सीखता था डर लगता था लेकिन डर की वजह से रुकता नहीं था यह है बिलीफ पैटर्न जो हमारा बचपन हमारे आसपास के लोग हमारे एक्सपीरियंस बनाते हैं सो टीटू और सोनू का जैसा बचपन था जैसे आसपास के लोग थे
और जैसे एक्सपीरियंस थे वैसे ही उनके बिलीफ पैटर्न बनी अपने आसपास देखो ना किसी को स्टेज से डर लगता है और कोई स्टेज पे कंफर्टेबल बोल लेता है कोई बिजनेस से घबराता है और कोई बिजनेस से प्यार करता है कोई आराम से बात कर लेता है और कोई झिझक रहता है हम आज जो भी हैं जहां भी है कितने काबिल है कितने ना काबिल है यह सब हमारे बिलीफ पैटर्स है इफ यू कांट कंट्रोल योर ब्रेन इट विल स्टार्ट कंट्रोलिंग यू अगर आप अपने ब्रेन को कंट्रोल नहीं करोगे तो आपका ब्रेन आपको कंट्रोल करता है
जैसे जब फोन आउटडेटेड हो जाता है ना फीचर पुराने हो जाते हैं तो हम क्या करते हैं हम उसको अपडेट करते हैं ऐसे ही जो पैटर्स और बिलीफ आपके काम के नहीं है उनको चेंज करने की जरूरत होती है सो दैट हम हर वह चीज कर पाए जो हम करना चाहते हैं अब हम कुछ ऐसी चीजों की बात करेंगे जो सीधा हमारे सबकॉन्शियस माइंड से लिंक्ड है और उसके बाद बनाएंगे आपका प्लान सबसे पहली चीज है अपने आइसबर्ग को समझना अपने बिलीफ को समझना और अपने लिमिटिंग बिलीव्स को आइडेंटिफिकेशन ग्रोथ को लिमिट करते हैं ये
एक्चुअली में सिर्फ आप की सोच है जो आपके लिए सच बनी हुई है जैसे सोनू ने पैसे को लेकर लिमिटिंग बिलीफ बनाए थे वैसे कुछ हमारे भी लिमिटिंग बिलीफ है जब हम अपनी लिमिटेशंस को पहचान कर उन्हें एक्सेप्ट करते हैं तभी असली प्रोग्रेस की शुरुआत होती है एल्बर्ट आइंस्टन ने भी तो यही बात कही थी वंस वी एक्सेप्ट आवर लिमिट्स वीी गो बियोंड देम स्टडीज बताती है कि जब हम अपने एक्सपीरियंस और इमोशंस को लिखकर एक्सप्रेस करते हैं तो हम अपने आप को अपने पैटर्स को बेटर समझ पाते हैं तो आप क्या करो अपने फोन
में नोट बनाओ उसको लिखो थॉट जनरल जब भी कोई नेगेटिव थॉट खुद के बारे में आए उसमें लिखो या फिर कुछ कुछ मिनट निकाल कर ये सोचो कि मैं जो करना चाह रहा हूं वह क्यों नहीं कर पा रहा हूं और जवाब में आपको आपके बारे में कई बिलीफ मिल जाएंगे जो आपको रोक रहे हैं फॉर एग्जांपल मैं कंटेंट क्रिएटर्स के लिए एक बड़ा फ्री इवेंट करना चाह रहा था जहां पर मैं अपनी नॉलेज उनको दे पाऊं लेकिन मेरे माइंड में आता था नहीं ये मैं नहीं कर सकता और जब मैंने इस थॉट को लिखा
तो कई लिमिटिंग बिलीफ मेरे सामने आए मैंने उनसे डील किया एक् लिया और एक सक्सेसफुल इवेंट कर पाया तो अगर आपको भी लगता है कि कुछ भी कि मैं वीडियोस नहीं बना सकता बनाना तो चाहता हूं तो लिखो ना क्यों अगर आपको लगता है मैं स्टेज प बोलना चाहता हूं पर बोल नहीं सकता अपने थॉट जर्नल में लिखो क्यों जब तुम अपने नेगेटिव बिलीव्स के बारे में गहराई से सोचते हो ना तो आपको पता चलता है कि शायद उनका कोई बेस ही नहीं है इसीलिए ब्रेन की रिप्रोग्रामिंग का यह फर्स्ट स्टेप है अपने बिलीफ को
समझना दूसरी चीज अपने डोपामिन को समझो कुछ ना हाई स्टिमुलेटिंग एक्टिविटीज होती हैं जैसे कि सोशल मीडिया स्क्रोल करना बिंज वच करना वेब सीरीज को मास्टरबेशन गेम्स और कुछ लो स्टिमुलेटिंग एक्टिविटीज होती है जैसे कि कुछ सीखना ट्रेनिंग लेना मीनिंगफुल बातें करना पेशेंटली अपने गोल्स के लिए काम करना कुछ बिल्ड करना इनसे जल्दी डोपामिन हिट मिलता है और इनसे स्लो तो नेचुरल सी बात है कि हमारा ब्रेन वही चीजें करना चाहेगा जो हमें जल्दी प्लेजर देती है इसीलिए इन चीजों का मन करता है और इन चीजों का नहीं किबोट मेरिस अपनी बुक डोपामाइन डिटॉक्स में
कहती है कि अगर आप जानबूझ के उन चीजों को कम करते हो जो आपको शॉर्ट टर्म प्लेजर देती है तो आपकी जो स्पेस है जो आपका फोकस है वो लॉन्ग टर्म गोल्स के लिए आपकी लाइफ के लिए आपके फ्यूचर के बेटर डिसीजंस के लिए जाता है कारण साफ है क्योंकि आपका माइंड जब स्टेबल होता है तो आप अपनी थॉट्स फीलिंग्लेस चीज अभी आप सिर्फ सुनते जाओ इसके बाद कस्टमाइज स्ट्रेटेजी इसी वीडियो में हम बनाएंगे तो तीसरी चीज है माइंडफुल आप बाइक चला रहे हो सामने से अचानक कोई कट मार दे आपका इंस्टेंट रिएक्शन क्या होगा
गुस्सा आएगा स्ट्रेस होगा ये सब ऑटोमेटिक रिस्पांसस होते हैं जो हमारे सबकॉन्शियस माइंड से आते हैं और माइंडफुल का एम होता है कि इन ऑटोमेटिक रिस्पांसस को रिकॉग्नाइज करा जाए उनको चेंज किया जाए अपने इमोशंस का रिएक्शंस का थॉट्स का फ्लो समझा जाए जब हम माइंडफुल प्रैक्टिस करते हैं ना तो हम अपने थॉट्स और फीलिंग्लेस कॉन्शियस माइंड के पैटर्स और बिलीव्स को पहचानने में हेल्प करता है फिर हम कॉन्शियसली चूज कर सकते हैं कि कौन से थॉट्स और बिलीव्स को हमें नर्चर करना है और कौन सों को नहीं कई तरीके हैं इसको करने के लेकिन
सिंपल टिप है फोकस्ड मेडिटेशन इट मींस कि कुछ टाइम निकालकर अपनी ब्रीदिंग प फोकस करना है जब आप करोगे आपका ध्यान इधर-उधर भटके कोई प्रॉब्लम नहीं है जब रियलाइफ हो जाए जब वापस आ जाए चलेगा 5 मिनट में हो सकता है आप सिर्फ 10-2 सेकंड ही फोकस कर पा रहे हो शुरू में वो भी चलेगा क्योंकि करते रहोगे तो धीरे-धीरे यह बढ़ेगा ही बढ़ेगा हॉवर्ड गेजेट की एक स्टडी के हिसाब से माइंडफुल स मेडिटेशन को रेगुलरली करने से आपके दिमाग के उन हिस्सों में चेंजेज आते हैं जो आपकी इमोशंस को कंट्रोल करते हैं चौथी चीज
चैट जीपीटी ये वो वाला चैट जीपीटी नहीं है यहां पे मेरा मतलब है खुद के साथ चैट जो ग्रेट ट्यूड पॉजिटिविटी और थैंकफूलनेस से भरी हो यह क्यों जरूरी है आपके सबकॉन्शियस माइंड को रिप्रोग्राम करने में अब देखो एक खराब जमीन जो पथरों और रेत से भरी है क्या आप उसमें फूल उगा सकते हो हम भी ना जनरली नेगेटिव लूप में होते हैं ने टिव न्यूज सुन रहे होते हैं आसपास लोग कंप्लेनिंग होते हैं ऐसे में हम कुछ बड़ा कुछ नेक्स्ट लेवल कुछ बढ़िया सोचते हैं पर उसके लिए कॉन्फिडेंस नहीं आता क्योंकि अपने नेगेटिव लूप
में ना कुछ पॉजिटिव फिट कर रहे होते हैं तो अंदर से वह बिलीफ बिल्ड ही नहीं हो पाता ऐसे में बड़े सपने उगाने हैं ना तो पहले जमीन को फर्टाइल बनाना होगा तो यह जमीन फर्टाइल कैसे बनती है हर धर्म हर सभ्यता में एक चीज कॉमन है ये सब कहते हैं कि शुक्र करना बहुत जरूरी है हम सबना रोते रहते हैं ये नहीं है वो नहीं है और यह सब कंप्लेन से क्या हो रहा है हम दुखी आत्मा बन रहे हैं और दुखी आत्माएं एक अच्छी लाइफ नहीं जी सकती इसलिए कुछ टाइम निकालकर दिन में
यह सोचना बहुत जरूरी है कि हमें मिला क्या है अगर फादर नहीं है उनकी डेथ हो गई शुक्र है मदर तो है सर पे छत तो है बहुत से लोग तो अनाथ होते हैं बहुत से लोग तो बेघर होते हैं अगर घर भी नहीं है छत भी नहीं है अनाथ भी है शुक्र है पूरी बॉडी तो है बहुत से लोगों के तो कुछ इंपॉर्टेंट बॉडी पार्ट ही नहीं होते आईआईटी जाना था नहीं जा पाए तो पढ़ाई तो कर रहे हैं एजुकेटेड तो हो रहे हैं पैशन तो है अंदर सीखने के लिए [संगीत] [संगीत] [संगीत] youtube1
पॉइंट है विजुलाइजेशन आपने कई बार सुना सुना होगा कि किसी ने अपने ड्रीम्स को सामने दीवार पर लगा लिया रोज देखा और वह सच हो गए कोई हर रोज आंखें बंद करके अपने ड्रीम्स को विजुलाइज करता है और वो सब कुछ उसकी जिंदगी में सच में हुआ यह कोई जादू नहीं है यह सबकॉन्शियस माइंड की पावर है जब आप अपने ड्रीम्स को विजुलाइज करते हो तो आप अपने सबकॉन्शियस माइंड में रजिस्टर करते हो और आपको पता है कि आपका सबकॉन्शियस माइंड कितना स्ट्रांग है अगर यह सारी ताकत आपके गोल्स की तरफ लगे होता क्या है
जब आप बार-बार अपने गोल्स को देखते हो तो आपका सबकॉन्शियस माइंड एक्टिवेट होता है वो उस तरफ थॉट्स सोचता है उस तरफ क्रिएटिव होता है उस तरफ आइडियाज सोचता है आपके जो न्यूरॉन्स हैं ब्रेन के अंदर वो एक्टिवेट होते हैं आपके न्यूरल पाथवेज रजिस्टर होते हैं मतलब आपका सबकॉन्शियस माइंड आपकी करंट स्टेट से आपकी डिजायर्ड स्टेट तक आपको पहुंचाने में लग जाता है जिसकी वजह से आप और डिसिप्लिन हो जाते हो और फोकस्ड हो जाते हो आपको डिस्ट्रैक्टर आप मोटिवेटेड रहते हो और एक्शंस लेते हो और सपने सच में बदलते हैं एंड स्पेशली मेडिटेशन और
ग्रेट ूडल करते हो तो आपका सबकॉन्शियस माइंड एक प्राइम स्टेट पे होता है और वह एक राइट स्टेज है विजुलाइज करने के लिए अब आते हैं सिक्सथ चीज पे आलिया भट्ट ने ना एक वीडियो में बताया था इफ आई वांट समथिंग रियली बैडल एंड इट्स लाइक समथिंग दैट आई वांट आई जस्ट एक्ट आउट दैट पर्टिकुलर सिचुएशन बाय माय सेल्फ इन माय बाथरूम इन फ्रंट ऑफ़ माय मिरर और यही चीज आनंद महिंद्र भी करते हैं रोज सुबह उठ के मिरर में खुद से बात करते हैं लेडी गागा बचपन से मिरर में खुद को वैसे देखती थी
जैसे वह बनना चाहती थी स्टीव जॉब्स हर रोज मिरर को देख के खुद से सवाल करते थे विराट कोहली की ये मिरर के साथ सेल्फ टॉकी थी जिसके बाद उन्होंने अपनी फिटनेस और माइंडसेट पे काम किया और कम बैक किया लुई है अपनी बुक मिरर वर्क में बताती है कि मिरर में आप सिर्फ बोल नहीं रहे सिर्फ सोच नहीं रहे आप खुद को देख भी रहे होते हो और इस हाइट सेल्फ अवेयरनेस की वजह से आप जो बोलते हो उसका इंपैक्ट आपके माइंड में डीप होता है ये टेक्नीक कई लोगों के काम आती है अपने
सेल्फ कॉन्फिडेंस को बढ़ाने के लिए अपनी खुशी को बढ़ाने के लिए अपने दिन को एनर्जी से भरने के लिए ये अफर मेंे शंस का एक तरीका है आप किसी भी तरीके से अफर मेे कर सकते हो मिरर को देख के कर सकते हो खुद के साथ बोल के कर सकते हो म्यूजिक के साथ कर सकते हो शाहरुख खान हमेशा कहते आए हैं कि उन्होंने खुद को कभी छोटा नहीं समझा इसलिए वो हमेशा पॉजिटिव अरमेस्टेड को याद कराते आए हैं कि आई एम द बेस्ट आई एम द बेस्ट आई एम द बेस्ट आई एम द बेस्ट
आई एम द बेस्ट अब आपने सारे इंपॉर्टेंट पार्ट्स समझ लिए अब आपको करना क्या है देखो बहुत क्लियर मेरा बिलीफ है कि अगर किसी एक का बनाया हुआ फार्मूला सबके काम आ जाए तो सारे बिलिनियर बन जाए है ना एक बिलिनियर ने कहा यह मेरा तरीका है सबकॉन्शियस माइंड को रिप्रोग्राम करने का सब यूज़ कर लो ऐसा नहीं होगा हर किसी को देखना होगा आपको अपनी नेचर अपने माइंडसेट अपने एनवायरमेंट अपने पास्ट के हिसाब से अपने लिए फार्मूला बनाना होगा जैसे मैंने बनाया और मैं आपकी हेल्प करूंगा कैसे कुछ एक्सपेरिमेंट करने होंगे कुछ टेस्ट करने
होंगे ये एक स्ट्रेस का काम नहीं है ये खुशी का काम है आप अपने ऊपर काम कर रहे हो कुछ कहीं अपने आप को नेक्स्ट लेवल पर लेके जा रहे हो और मैं आपके साथ हूं तो आइए अपना फार्मूला कैसे बनाना है उसको समझते हैं पहला सवाल मेरा आपको यह होगा कि कितना काम आपने खुद पे अब तक किया है अगर आप इस तरह की वीडियोस देखते आए हो इस तरह की ट्रेनिंग लेते आए हो आप समझते हो कि आपके कौन से लिमिटिंग बिलीफ है तो उस केस में आपका बिलीफ वाला पार्ट क्लियर होगा तो
आप सिंपल एक थॉट जनरल अपने फोन में बना सकते हो जब भी कुछ नेगेटिव थॉट आए उसको लिख सकते हो लेकिन अगर आप नए हो आप अभी शुरू कर रहे हो खुद पर काम करना अभी बहुत सारे बिलीफ अंदर भरे पड़े हैं अभी खुद को समझना है तो आप प्रॉपर रिफ्लेक्टिंग जनरल बनाओ मतलब रोज की ये हैबिट बनाओ कि कुछ टाइम निकाल के अपनी जिंदगी में रिफ्लेक्ट करना है क्या था जो मैं कर सकता था और नहीं किया क्या कारण थे कि मैं रह गया कौन सी अपॉर्चुनिटी मैंने मिस करी कौन से बिलीव्स की वजह
से करी तो मे बी 5 मिनट 10 मिनट ही रोज निकालो कुछ दिन यह रोज करो अपना रिफ्लेक्टिंग जननल बनाओ कि एक टाइम प बैठ के मैंने अपने पास्ट पे रिफ्लेक्ट करना है और अपने बिलीव्स को निकालना है दूसरी चीज हमने माइंडफुल की बात करी थी अगर तो आप शांत स्वभाव के हो आप फोकस्ड रहते हो आप बहुत ज्यादा ओवरथिंकर नहीं हो तो मेडिटेशन आपके लिए एक चॉइस है करो तो फायदा जरूर होगा लेकिन नहीं भी करो तो बाकी चीजें करना भी एक तरह का मेडिटेशन है ग्रेट ट्यूड अफर मेे विजुलाइजेशन ये भी एक मेडिटेशन
है अपने आप में लेकिन अगर आप वैसे हो जैसा मैं पहले था ओवरथिंकिंग है हाइपर एक्टिव हो माइंड फोकस नहीं कर पाता एक जगह पे अशांत सा रहता है बहुत बहुत सारे थॉट्स चलते हैं तो यह कंपलसरी है आपके लिए कि आप कुछ टाइम निकाल के फोकस्ड ब्रीदिंग करो मेडिटेटर जितना एंसिस माइंड है उतना ज्यादा ड्यूरेशन ऑफ मेडिटेशन आपको चाहिए जितना शांत माइंड है उतना आप इसको कम रख सकते हो अगेन करो तो फायदा है लेकिन कंपलसरी है उनके लिए जिनका माइंड फोकस नहीं रहता ओवरथिंकर है तीसरी चीज जो हमने जीपीटी की बात करी थी
ग्रेट ूडल रहा हूं शुकराने की बात कर रहा हूं यह भी हर किसी के लिए है लेकिन फर्क क्या है अगर आप ओवरऑल लाइफ में खुश रहते हो आप आप अगेन आप ने खुद पे इतना काम किया हुआ है तो छोटी सी एक्टिविटी जरूर करो हर रोज करो वो है कि सुबह उठके या रात को मैं टाइम डिस्कस करता हूं आपके साथ लेकिन जब य एक्टिविटी चले तो पिछले दिन की कोई तीन अच्छी चीजें याद करनी है कल मेरे साथ क्या अच्छा हुआ था वो ऑफिस का कुछ हो सकता है वह घर का कुछ हो
सकता है आपने कुछ अच्छा किया होगा अपने आपको कोई शाबाशी दी होगी कुछ नहीं तो मेरे को खाना नसीब हुआ कुछ नहीं तो मैं परिवार के साथ बैठ पाया कुछ नहीं तो मैं कल कल भी जिंदा रहा कोई तीन चीजें पिछले दिन की करो इतना सफिशिएंट है लेकिन अगर आप इमोशनली वीक हो जल्दी दुखी होते हो जल्दी परेशान होते हो उस केस में आप इस एक्टिविटी को भी प्रॉपर करो ग्रेट ट्यूड प्रॉपर कैसे किया जाता है आप बैठते हो और अपनी लाइफ के पास से बचपन से शुरू करते हो कि क्या-क्या मेरे साथ अच्छा हुआ
क्या-क्या मुझे मिला क्या-क्या मैंने पाया मेरी स्कूलिंग कंप्लीट हुई मेरे को क्या फ्रेंड्स मिले जो अच्छा हुआ है उस सबको आप याद करते जाते हो कहां मैंने सही डिसीजंस लिए मैं यहां तक पहुंच पाया अब विजुलाइजेशन की बात करते हैं आपने कई टेक्निक सुनी होगी जिस जिसके लिए जो टेक्नीक काम करती है वो बताता है और बिल्कुल सही है अपना एक्सपीरियंस शेयर करते हैं आपके लिए कौन सी टेक्नीक काम करेगी यह आपकी पर्सनालिटी पर डिपेंड करता है अलग-अलग टेक्निक्स है तो अलग-अलग पर्सनेलिटीज है फॉर एग्जांपल आप वर्बल लर्नर हो आपको चीजें लिख के याद होती
है आपको पढ़ के याद होती हैं उस केस में आपके लिए अपने गोल्स को लिखना अपने फ्यूचर को लिखना उनको रिपीटेडली लिखना उनको देखना अपनी राइटिंग को पढ़ना ये आपके ज्यादा काम आएगा ऐसे मेनिफेस्ट करना अगर आप ऑडिटरी लर्नर हो आप सुनने से ज्यादा कनेक्ट करते हो आपको सॉन्ग ज्यादा याद रहते हैं आप म्यूजिक ज्यादा सुनते हो तो आप अपनी विजुलाइजेशंस को रिकॉर्ड कर सकते हो अपने फ्यूचर को रिकॉर्ड कर सकते हो मेरे साथ यह हो रहा है मैंने यह पा लिया मैंने यह कर लिया यहां पे हूं उन सारी रिकॉर्डिंग्स को कानों में लगाकर
रोज सुन सकते हो अगर आप मेरी तरह विजुअल लर्नर हो आपको इमेजेस से ज्यादा कनेक्ट होता है आप विजुअली वीडियो से ज्यादा कनेक्ट करते हो तो जैसे मैंने अपने साथ एक ल के रख सकते हो और उनको रोज देख सकते हो या फिर आंखें बंद करके अगर आप इमेजिनेशन में अच्छे हो तो आंखें बंद करके उन विजुअल्स को इमेजिन कर सकते हो उन फोटोस को इमेजिन कर सकते हो उन सींस को इमेजिन कर सकते हो जो आप जैसा फ्यूचर आप चाहते हो जो गोल्स आप अचीव करना चाहते हो अब अरम की बात करते हैं इसमें
भी आपको देखना है किस चीज से आपको ज्यादा किक मिलती है सिंपल मेरा फंडा है अगर आप कॉन्फिडेंस से भरे हो आप डिमोटिवेट नहीं होते फुल ऑफ पावर रहते हो तो राइट आप ऑलरेडी उस लीग में आ चुके हो आपने खुद पे उतना काम कर लिया फिर भी अफर मेंेें करते हो अच्छा है लेकिन अगर कॉन्फिडेंस की कमी है डिमोटिवेट रहते हो तो एक-एक लाइन को टाइम दो इंपॉर्टेंस दो फील करो तरीके अलग-अलग हैं मिरर में देख के कर सकते हो जैसे हमने बात करी कुछ लोगों की आप अगेन आंखें बंद करके खुद को रिमाइंडर
दे सकते हो अपने बारे में अच्छा बोल सकते हो या फिर कुछ अफर मेंे शंस अपने बारे में रिकॉर्ड करके हर रोज उनको सुन सकते हो और खुद को चार्ज कर सकते हो मैं पर्सनली ये पूरा रूटीन हर रोज मनिंग में करता हूं और कुछ चीजें मैं रात को भी करता हूं आप भी टेस्ट करो अगर आपके पास दोनों टाइम है मॉर्निंग एंड इवनिंग में कर सकते हो तो बेस्ट है आप टेस्ट भी कर सकते हो कुछ चीजें हैं जो मॉर्निंग में करनी है कुछ चीजें हैं जो इवनिंग में करनी है बार-बार कह रहा हूं
आपके लिए क्या काम करेगा आपको देखना है किस चीज के बाद आपका दिन पावर से भरा रहा किस चीज के बाद आप ज्यादा फोकस्ड रहे ज्यादा डिसिप्लिन रहे आपके एक्शन ज्यादा फोकस्ड रहे आप रिजल्ट्स की तरफ कुछ कदम चाहे 1 पर 1 पर रोज बढ़ते गए एक एक पर रोज बढ़ने से ही 100% ल्ट आते हैं लेकिन ये टेस्ट आपको एक्सपेरिमेंटेशन और एग्जीक्यूशन के साथ करना है कई सारी बुक्स और कई सारे ट्रेनिंग प्रोग्राम जो सजेस्ट करते हैं मैं आपको भी वो करूंगा कि दो दिन चार दिन छ दिन करके मत सोचना काम किया कि
नहीं किया 21 डेज मिनिमम जरूर आप करो और अगर आपको रिजल्ट मिल रहे होंगे तो फिर मुझे नहीं कहना पड़ेगा फिर आप इसको करते रहो अगर 21 दिन में आपने रिप्रोग्रामिंग फील करी उसके बाद आप इसको लाइफ का पार्ट बनाओ लाइफ एलीवेट होगी क्यों कहते हैं 21 दिन 21 क्यों सगन थोड़ी ना डाल रहे हैं कि 21 का सगन डालना इसका रीजन है डॉक्टर मैक्सवेल माल्ट्स जो कि एक प्लास्टिक सर्जन थे उन्होंने नोटिस किया कि उनके पेशेंट्स को कोई नया चेहरा या नए बॉडी पार्ट की आदत डालने में तकरीबन 21 दिन लगते हैं इस ऑब्जर्वेशन
को उन्होंने अपनी बुक साइको साइबरनेटिक्स में शेयर किया और तब से यह 21 दिन वाला कांसेप्ट कई रिसर्चस ने कई ट्रेनर्स ने ट्राई किया और सबको पॉजिटिव रिजल्ट मिलते गए उसके बाद बहुत सी स्टडीज में यह सामने आया कि 21 दिन में हम नई हैबिट्स बना सकते हैं अपने माइंड को रिप्रोग्राम कर सकते हैं सो कुछ दिन अपने हिसाब से इन चीजों के कॉमिनेशन को ट्राई करो जो चीज आपके लिए काम करती जाए उसको लाइफ का पार्ट बनाते जाओ मिनिमम 21 डेज ये भी ध्यान रखो कि कोई हाई स्टिमुलेटिंग चीजें हाई डोपामिन वाली चीजें आप
ना करो सो दैट माइंड को वो स्पेस मिले कि इन चीजों के ऊपर वो फोकस कर पाए एक लॉन्ग टर्म प्रॉपर माइंड के लिए रिप्रोग्रामिंग हो पाए अब कैसे जाने कि हमारे अंदर चेंजेज आ रहे हैं या नहीं उससे पहले मैं क्विकली आपका एक मिनट लूंगा और अपने ट्रेनिंग प्रोग्राम और अपनी कम्युनिटी के बारे में आपको बताना चाहूंगा हमने कम्युनिटी क्रिएट करी है आई एम सक्सेस जिसमें जो भी लोग अपनी लाइफ को बदलना चाहते हैं ग्रोथ माइंड ड्रीम्स पूरा करना चाहते हैं वो सब उसमें जुड़ रहे हैं इसके अंदर आपको एक लाइफ चेंजिंग वर्कशॉप मिलती
है जिसमें हम आपके फियर को कॉन्फिडेंस में बदलते हैं आपकी कंफ्यूजन को क्लेरिटी में बदलते हैं प्रोक्रेस्टिनेशन को हम एक्शन में बदलते हैं इस वर्कशॉप के अलावा आपको उस कम्युनिटी का एक्सेस मिलता है और कई लाइव सेशंस मिलते हैं अगर आप मेरी फैमिली का पार्ट बनना चाहते हैं तो नीचे डिस्क्रिप्शन में आपको लिंक मिल जाएगा अब हम जानते हैं कैसे जाने कि हमारा सबकॉन्शियस माइंड ी प्रोग्राम हो रहा है या नहीं देखो सबकॉन्शियस मा माइंड को समझना वैसे तो बहुत ट्रिकी है क्योंकि कोई ऐसा मीटर तो है नहीं यहां पे कि हां भा धीरे-धीरे यस
तेरे में चेंज आ रहा है आपको पता चलेगा बट कुछ हिंट्स हैं जो हम कैच कर सकते हैं पहला कि अगर आप खुद को थोड़ा सा ज्यादा समझना शुरू हो गए आपकी सेल्फ अवेयरनेस अब बढ़ रही है अभी भी अगर नेगेटिव टॉक है कंप्लेंट आ रही है लेकिन आप समझ पा रहे हो कि नहीं ये तूने एक नेगेटिव टॉक करी है ये तेरा लिमिटिंग बिलीफ है यहां पे तूने इमोशंस को लूज कर दिया सेल्फ अवेयरनेस अगर थोड़ी-थोड़ी बढ़ती जा रही है इट मींस आप सही ट्रैक पे हो करते रहो ये और इंक्रीज होती जाएगी दूसरी
चीज अगर आप छोटे-छोटे रिस्क ले रहे हो या फिर धीरे-धीरे कंफर्ट जन से बाहर खुद को निकाल रहे हो एकदम से बड़ा चेंज नहीं आएगा जैसे जब मैंने अपने माइंड प काम करना शुरू किया तो मैंने देखा कि मैं थोड़ा सा हाथ जल्दी खड़ा कर रहा हूं कोई अपॉर्चुनिटी है बहुत बार शाय हूं बहुत बार सोच रहा हूं लेकिन बहुत बार अपॉर्चुनिटी के पास जाने की कोशिश कर रहा हूं पकड़ने की कोशिश कर रहा हूं हल्के हल्के चेंज सबके रिस्क अलग है सबके बिलीफ अलग है लेकिन कुछ ना कुछ एक्शन आपने ऐसा लिया जो आप
पहले नहीं लेते थे कोई एक चीज ऐसी करी जो आप पहले नहीं करते थे तीसरी चीज आपकी पॉजिटिविटी आपकी खुशी या आपका जॉय पहले से बेहतर होता जा रहा है जब रोज ग्रेटफुल फील करोगे अपने आप को इंस्पायर करोगे तो देखो कि क्या आपके दिन में खुशी का परसेंटेज कुछ इंक्रीज हुआ हर रोज हल्का-हल्का खुशी का परसेंट अगर इंक्रीज हो रहा है तो ये बहुत बड़ी बात है क्योंकि पॉजिटिव रिजल्ट्स पॉजिटिव माइंड से ही आते हैं नेगेटिव माइंड से नहीं आई होप कि जो भी एक्सपीरियंस नॉलेज और ट्रेनिंग मैंने इस वीडियो में आपके साथ शेयर
करी वो आपके काम आएगी पिछले 11 साल से इसी कोशिश में हूं कि अपनी वीडियोस बुक्स और ट्रेनिंग प्रोग्राम्स के थ्रू आप आपकी लाइफ चेंज कर पाऊं आपकी लाइफ में खुशी बढ़ पाए आपकी फाइनेंशियल और मेंटल ग्रोथ हो पाए और इसी कोशिश में लगा रहूंगा हर माइंड को इंस्पायर करते हुए एंपावर करते हुए मुझे इस देश को हर रोज बदलना है और आप सब इसमें मेरे पार्टनर्स हो वो पार्टनर कैसे बनेंगे अगर हम हर रोज खुद में चेंज लाएंगे खुद को ग्रो करेंगे और इस देश को बेहतर बनाएंगे वीडियो कैसी लगी कमेंट्स में जरूर बताना
i लयू ल
Related Videos
7 Days Challenge - This will completely change your Life | by Him eesh Madaan
25:49
7 Days Challenge - This will completely ch...
Him-eesh Madaan
878,238 views
21 Days Challenge - The Science of Getting Rich
26:09
21 Days Challenge - The Science of Getting...
Him-eesh Madaan
1,171,532 views
Deepseek | China's New AI Model Destroys American ChatGPT | Dhruv Rathee
19:39
Deepseek | China's New AI Model Destroys A...
Dhruv Rathee
7,550,872 views
जानिए मन क्या है कैसे करे इसको अपने काबू में | Shri Hit Premanand Ji Maharaj
20:22
जानिए मन क्या है कैसे करे इसको अपने काबू म...
Sadhan Path
1,305,655 views
FORCE YOURSELF TO BE CONSISTENT" (Audiobook Speech) Consistency is the key to success! 🔥
27:57
FORCE YOURSELF TO BE CONSISTENT" (Audioboo...
Audiobook Adventures
2,617 views
10 Tips to Boost your Communication Skills | by Him eesh Madaan
20:30
10 Tips to Boost your Communication Skills...
Him-eesh Madaan
1,575,847 views
The Science Of Building Extreme Discipline - Andrew Huberman
16:37
The Science Of Building Extreme Discipline...
Chris Williamson
2,796,260 views
Become the Mentally TOUGHEST Version of Yourself
18:40
Become the Mentally TOUGHEST Version of Yo...
Him-eesh Madaan
1,044,230 views
Stop Wasting your Time! | The Scientific Way | Dhruv Rathee
20:51
Stop Wasting your Time! | The Scientific W...
Dhruv Rathee
15,162,535 views
खुद को discipline मे रखो || Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj
27:21
खुद को discipline मे रखो || Shri Hit Prema...
Sadhan Path
3,041,471 views
Your BRAIN is at RISK
27:14
Your BRAIN is at RISK
Him-eesh Madaan
709,057 views
How Phones Are Silently Killing Your Brain Cells
25:45
How Phones Are Silently Killing Your Brain...
Him-eesh Madaan
405,118 views
How To Force Your Brain To DO Hard Things (Lotus Method)
13:44
How To Force Your Brain To DO Hard Things ...
Statue of Wisdom
1,369,811 views
No Excuses The Power of Self-Discipline by Brian Tracy Audiobook | Book Summary in Hindi
51:55
No Excuses The Power of Self-Discipline by...
Readers Books Club
2,467,462 views
6 Easy Tips to Stop Overthinking Forever | by Him eesh Madaan
20:27
6 Easy Tips to Stop Overthinking Forever |...
Him-eesh Madaan
1,009,258 views
How to become 37.78 times better at anything | Atomic Habits summary (by James Clear)
28:11
How to become 37.78 times better at anythi...
Escaping Ordinary (B.C Marx)
19,780,262 views
One of the Greatest Speeches Ever | Steve Jobs
10:31
One of the Greatest Speeches Ever | Steve ...
Motivation Ark
37,563,404 views
RESTART YOUR LIFE : Quit any Addiction + Achieve anything in Life
15:30
RESTART YOUR LIFE : Quit any Addiction + A...
Swaroop Singh Rajput
2,852,937 views
Ignore करना सीखें और आगे बढ़ें | SONU SHARMA | Contact us : 7678481813
14:32
Ignore करना सीखें और आगे बढ़ें | SONU SHAR...
SONU SHARMA
11,328,873 views
How Krishna saved my life | Krishna Janmashtami special motivation | Abhi and Niyu
12:25
How Krishna saved my life | Krishna Janmas...
Abhi and Niyu
2,724,260 views
Copyright © 2025. Made with ♥ in London by YTScribe.com