दुनिया का सबसे बड़ा सीरियल किलर शायद कभी भी पकड़ा नहीं जाता अगर उसको कंप्यूटर चलाने आता सोच कि एक ऐसा शख्स सीरियल किलिंग कर रहा हो जो अपने ही शिकार का दोस्त भी हो शहर का जानामाना नाम भी हो और ऊपर से एक डॉक्टर भी यह हैरत अंगेज कहानी है डॉक्टर हेरोल्ड शिफमैन की जिसने अपनी क्लीनिक को जान बचाने के लिए नहीं बल्कि जान लेने के लिए इस्तेमाल किया इंग्लैंड के हाइड नामी एक छोटे टाउन में जहां सिर्फ 30 लोग बसते हैं वहां पर 23 सालों तक वह सबकी नाक के नीचे सीरियल किलिंग करता रहा
250 से भी ज्यादा लोगों को मौत की नींद सुलाने के बाद भी किसी को भी डॉक्टर हेरोल्ड शिफमैन पर शक ना हुआ और शायद कभी होता भी नहीं अगर वो एक छोटी सी गलती ना करता लोगों को मारने की वजह क्या थी क्यों वह इतने अरसे तक पकड़ा नहीं गया और पुलिस को कौन सा सुराग मिला जिसने बरसों से होने वाली कत्ल गारत को एक ही पल में बेनकाब कर के रख दिया जम टीवी की वीडियोस में एक बार फिर से खुशामदीद नाजरीन डॉक्टर हेरोल्ड शिपमैनेजमेंट शिपमेट थे डॉक्टर ज्यादातर ऐसे पेशेंट्स को टारगेट करता जो
अकेले रहते थे और काफी बूढ़े होते थे जिनकी मौत पर किसी को शक भी ना हो सके डॉक्टर शपम उन पेशेंट को ज्यादा से ज्यादा टाइम देता व भी उनके घर जाकर वह उनके दिल का बोझ हल्का करने के लिए उनकी बातें सुनता उनको यह एहसास दिलाता कि बेशक ही वह अकेले हैं लेकिन डॉक्टर शपम उनकी हर बात सुनने को बैठा है यहां तक के कुछ पेशेंट्स डॉक्टर शपम पर इतना भरोसा करते कि उन्होंने अपने घर की चाबियां भी उसको दे रखी थी अपने इसी रवैए की वजह से वो हाइड में काफी मशहूर हो चुका
था क्योंकि लोगों को लगता था कि डॉक्टर शिप मैन सिर्फ बा के जरिए बूढ़ों का इलाज कर देता है पर इस सब की आड़ में डॉक्टर शिपमंट्स निकलवा आता था कि कौन किस वक्त अकेला होता है किसके पास कितनी दौलत और कितनी जायदाद है घर में कौन-कौन आता है और रिश्तेदार कहां रहते हैं जब डॉक्टर शपम को तसल्ली हो जाती तो वह अपने पेशेंट को मेडिसन का ओवरडोज देकर मार देता था अब क्योंकि वो पेशेंट्स पहले ही 80 साल से ज्यादा के होते तो उनकी मौत पर किसी को शक भी नहीं होता कई सालों तक
यह सिलसिला चलता रहा पकड़ा जाना तो दूर की बात उन पर किसी को शक भी नहीं हुआ सिर्फ तब तक जब तक वह खुद गलती नहीं कर बैठा डॉक्टर शपम ने अपने करियर की शुरुआत हाइड से 70 किमी दूर पंट फ्रेक्ट नामी टाउन से की थी जहां वह एक हॉस्पिटल में जॉब करता फिर 1974 में वोह पंट फ्रेक्ट छोड़कर टॉड मॉर्डन चला गया जहां वह अब्राहम और मरोड मेडिकल सेंटर में जनरल प्रैक्टिशनर की पोजीशन पर लग गया यहां जॉब के दौरान वह कुछ पेशेंट्स को पथीनू की ज्यादा क्वांटिटी प्रिस्क्रुटनी है तो असल में एक पेन
किलर लेकिन यह काफी नशा आवर मेडिसिन है डॉक्टर शिफमैन को पैथीन के नशे की आदत थी और वह जानबूझकर अपने पेशेंट्स को यह मेडिसिन प्रिस्क्रुटनी थोड़ी मेडिसिन की जरूरत भी नहीं होती होती इससे होता यह था कि पेशेंट्स यह मेडिसिन लेने के बाद बहुत अच्छा महसूस करते जबकि असल में उनको मालूम नहीं था कि वह नशा कर रहे हैं यही वजह थी कि शिपमेंट के पेशेंट्स ना चाहते हुए भी उसकी तरफ अट्रैक्ट होते थे पकड़े जाने के बाद हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ने डॉक्टर शपम को निकाल दिया और बात उसके लाइसेंस कैंसिल होने तक पहुंच गई लेकिन
शिपमैनेजमेंट उसका लाइसेंस कैंसल होने से बच गया रिहैब सेंटर में थोड़ा वक्त ही गुजारने के बाद जब सारे उसको भूल गए तो वह 1977 में हाइड आ गया जहां वो डॉनी ब्रुक मेडिकल सेंटर में जर्नल प्रैक्टिशनर लग गया 1980 में वो जीपी की पोजीशन पर प्रैक्टिस करता रहा और इस बीच ना उसने नशा छोड़ा और ना मौका ढूंढकर बूढ़े पेशेंट्स का कत्ल लेकिन इन मर्डर की फ्रीक्वेंसी 1993 से काफी बढ़ गई जब उसने हाइड में ही अपनी खुद की क्लिन खोली और शहर में एक अच्छा नाम बना लिया अगले कई सालों तक मामला ऐसे ही
चलता रहा और किसी को भी डॉक्टर की इन हरकतों पर शक नहीं हुआ पहली बार मार्च 1998 में डॉक्टर लिंडा रेनॉल्ड जो कि शपम के क्लीनिक के अपोजिट ही दूसरे हॉस्पिटल ब्रोक सर्जरी में जॉब करती थी उन्होंने शिपमेंट के पेशेंट्स के बीच ज्यादा मरने के रेशो पर तश्वी का इजहार किया उनका कहना था कि शपम जो सिर्फ एक छोटी सी क्लीनिक चलाता है पिछले तीन महीनों में उसके 16 पेशेंट्स मरे हैं जबकि इसी पीरियड के दौरान ब्रुक सर्जरी जिनके पास शिपमेंट की क्लीनिक से तीन गुना ज्यादा पेशेंट्स हैं उनके पास सिर्फ 14 पेशेंट्स की मौत
हुई है यह शक तब मजीद बढ़ गया जब यह मालूम पड़ा कि डॉक्टर शिपमेट के 16 के 16 पेशेंट्स की मौत के बाद उनको दफनाया नहीं बल्कि जला दिया गया था आपको यहां बताते चलें कि ज्यादातर क्रिश्चन लोग मरने के बाद अपने प्यारों को दफनाते हैं सिर्फ कुछ लोग जलाने का फैसला करते हैं डॉक्टर लिंडा ने अपने शक का इजहार एक रिपोर्ट की सूरत में मैनचेस्टर के कोरोनर से किया जिसमें इन तमाम डिटेल्स के साथ यह भी लिखा था कि डॉक्टर शपम के इन 16 पेशेंट्स में ज्यादातर बूढ़ी खवातीन थी जो अपने घर में ही
मरी हुई पाई गई और हर बार यह इत्तेफाक नहीं हो सकता कि इनमें से ज्यादातर पेशेंट्स की मौत के वक्त डॉक्टर शिपमैनेजमेंट पर होती है लेकिन डॉक्टर शपम के पेशेंट्स की मौत अजीब तरीके से कुर्सी पर बैठे-बैठे अच्छे पहने हुए कपड़ों में हुई और दूसरा उस वक्त या तो डॉक्टर शपम उनके घर प ही था या फिर पहली बार वही घर में गया और पेशेंट को मुर्दा हालत में पाया जो कि किसी भी तरह से नॉर्मल नहीं हो सकता इस रिपोर्ट की बेसिस पर एक इन्वेस्टिगेशन भी हुई लेकिन पुलिस को डॉक्टर शपम के खिलाफ कोई
ठोस एविडेंस नहीं मिला और एक महीने के बाद यह इन्वेस्टिगेशन बंद कर दी गई जब डॉक्टर हेरोल्ड शिपमेंट के पेशेंट्स मर जाया करते थे तो वह खुद ही फॉर्म बी साइन करता था फॉर्म बी वो फॉर्म है जो मरीज का इलाज करने वाले डॉक्टर को साइन करना होता है जिसमें वह मरीज की डेथ का कॉज लिखता है लेकिन मसला यह था कि फॉर्म सी जो दूसरे डॉक्टर को साइन करना होता है वह भी ज्यादातर केसेस में शिपमेंट के दोस्त डॉक्टर्स या उन लोगों से साइन करवाया जाता जो उस पर शक नहीं करते थे इस तरह
शपम अपने पेशेंट्स के डेथ सर्टिफिकेट में फर्जी इंफॉर्मेशन लिखकर उन्हें आराम से क्रीमेशन के लिए भेज देता था और किसी को कुछ शक नहीं होता था इस प्रोसेस की वजह से कई डेथ्स अन इन्वेस्टिगेटेड रह गई और यही वजह थी कि शपम अपनी कत्ल गारत को आसानी से छुपा पाया इन्वेस्टिगेशन बंद होने के बाद शिपमेट ने तीन और लोगों को भी मौत की नींद सुला दिया लेकिन पकड़े जाने का वक्त दूर नहीं था शपम का आखिरी शिकार हाइड की फॉर्मर मेयर 81 इयर्स की कैथलीन थी जो 24 जून 1998 को अपने घर में ही मर
गई और यहां पर भी डॉक्टर शपम ही वह आखिरी शख्स था जिसने कैथलीन को आखिरी बार जिंदा देखा था उसने बाद में डेथ सर्टिफिकेट पर साइन किया और उसमें मौत की वजह ओल्ड एज लिखी कैथलीन की बेटी एंजला वुड्रफ खुद एक वकील थी जिनको अपनी मां की पुर इसरार मौत पर तब शक हुआ जब उनको अपनी मां की एक वसीयत मिली जिसमें उन्होंने अपना घर डॉक्टर शि मैन के नाम लिखा था डॉक्टर शपम उस फैमिली के काफी क्लोज थे और वसीयत में उनको घर मिल जाना शक की बुनियाद नहीं बना बल्कि एंजला को शक तो
इस बात पर था कि उनकी मां के दो घर थे जबकि वसीयत में सिर्फ एक घर का जिक्र है इससे जाहिर होता है कि यह वसीयत किसी ऐसे शख्स ने लिखी है जिसको दूसरे घर के बारे में इल्म नहीं था और वह डॉक्टर शिप मैन ही था एंजला वुड्रफ पुलिस के पास गई जिन्होंने दोबारा से इन्वेस्टिगेशन शुरू कर दी कैथलीन ग्रंडी की बॉडी को कबर खोद कर निकाला गया और ऑटोप्सी के लिए भेजा गया मालूम पड़ा कि उनकी बॉडी में डाया मॉर्फिन यानी कि हीरोइन के काफी ज्यादा ट्रेसेस पाए गए हैं पुलिस ने जब डॉक्टर
शपम से पूछा तो उसका कहना था कि ग्रंडी हीरोइन का नशा करती थी और यह बात उसने उनका इलाज करने से पहले अपने कंप्यूटर में भी लिखी थी डॉक्टर शपम ने हाल ही में कंप्यूटराइज्ड मेडिकल जर्नल में एंट्रीज करना शुरू की थी लेकिन उनको यह मालूम नहीं था कि उस एंट्री में उन्होंने मौत से पहले की डेट तो डाल दी है लेकिन कंप्यूटर में उस फाइल की लास्ट एडिट डेट ऑटोमेटिक सेव हो जाती है पुलिस ने जब उस कंप्यूटर में एंट्रीज की जांच की तो मालूम पड़ा कि शिपमैनेजमेंट को अरेस्ट करने के लिए काफी नहीं
था बल्कि पुलिस को वो टाइपराइटर भी मिला जिसको इस्तेमाल कर के झूठी वसीयत लिखी गई थी इसका मालूम ऐसे पड़ा कि शपम के टाइपराइटर में कुछ करैक्टर खराब थे और ठीक वही कैरेक्टर्स ग्रंडी की वसीयत में भी मिसिंग थे 7थ सितंबर 1998 को पुलिस ने हाइड के जानेमाने डॉक्टर हेरोल्ड शपम को अरेस्ट कर लिया जब यह बात खुली तो वह लोग भी सामने आ गए जिनके प्यारों को शिपमेट ने पहले मारा था उनको शक तो था लेकिन वह शहर के जानेमाने डॉक्टर के सामने आवाज नहीं उठा सके पुलिस ने 15 दूसरे पेशेंट्स को भी इन्वेस्टिगेट
किया जो कुछ अरसा पहले ही शिपमेंट के हाथों मरे थे इन सारे केसेस में एक खास पैटर्न देखा गया जिसमें पेशेंट को डाया मॉर्फिन का जानलेवा डोज दिया जाता उनके डेथ सर्टिफिकेट में वह खुद साइन करता और मौत की वजह में ओल्ड एज लिखता था क्रीमेशन की सलाह भी शिपमेंट खुद ही देता था ताकि जलने के बाद सारे सबूत मिट जाएं शिपमेट इंक्वायरी के दौरान उन सब पेशेंट्स के केसेस को दोबारा देखा गया जो शपम के केयर में मर गए थे इंक्वायरी टीम ने उन सब डॉक्यूमेंट डेथ सर्टिफिकेट्स और मेडिकल रिकॉर्ड्स को इन्वेस्टिगेट किया जो
शिपमेट नेने हैंडल किए थे इसके अलावा उन लोगों की फैमिली से भी इंटरव्यू किया गया जिनके रिलेटिव्स शिपमेट थे और कुछ बॉडीज को वापस निकालकर उनका फॉरेंसिक पोस्टमॉर्टम भी किया गया यह प्रोसेस बहुत डिटेल था और इस दौरान यह मालूम हुआ कि शपम ने 1975 से लेकर पकड़े जाने तक टोटल 218 पेशेंट्स को कत्ल किया है यह तो कंफर्म नंबर है लेकिन कई केसेस में सबूत की कमी की वजह से उनको कंफर्म नहीं किया गया एक अंदाजा है कि यह नंबर 260 तक भी हो सकता है कोर्ट ने 15 मौत के जुर्म में शिपमैनेजमेंट की
सलाखों से बेडशीट बांधकर खुद को फांसी दे दी उसकी मौत के बाद उसके जेल के एक साथी ने हैरत अंगेज इंकफिश या 260 नहीं बल्कि 508 लोगों का कत्ल किया था और यह बात शिपमेट नेने खुद उसको बताई थी पर शपम के इतने ज्यादा कत्ल करने की असल वजह आज तक सामने नहीं आ सकी कुछ लोग इसको साइको कहते हैं कुछ पैसा कमाने का तरीका और कुछ लोग शिपमेंट की मां की मौत का असर भी समझ रहे हैं क्योंकि उसकी मां जो कि कैंसर पेशेंट थी उनको पेन किलर के तौर पे मॉर्फिन दिया जाता था
एक्सपर्ट्स का मानना है कि शायद शपम अपने पेशेंट्स को भी ऐसे ही मॉर्फिन देकर मरता हुआ देखना चाहता था उम्मीद है जम टीवी की यह वीडियो भी आप लोग भरपूर लाइक और शेयर करेंगे आप लोगों के प्यार भरे कमेंट्स का बेहद शुक्रिया मिलते हैं अगली शानदार वीडियो में