[संगीत] अपनी सोच से अपने रियलिटी को चेंज कर पाना इसी का नाम लॉ ऑफ अट्रैक्शन रख दिया गया है नेपोलियन हिल ने कहा था व्हाट एवर द माइंड कैन कंसीव एंड बिलीव इट कैन अचीव यही शाहरुख खान का भी कहना है कहते हैं अगर किसी चीज को दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की कोशिश में लग जाती है पहले यह माना जाता था कि 4 मिनट से कम टाइम में एक मील तक भागना ह्यूमैनली पॉसिबल ही नहीं है लेकिन साल 1954 में रॉजर बनिस्टर ने 3 मिनट 59 सेकंड्स में इस रिकॉर्ड को
बना के एक इंपॉसिबल टास्क को भी पॉसिबल कर दिया रॉजर बनिस्टर आगे जाकर एक न्यूरोसाइंटिस्ट बन गए जिन्होंने बताया कि इस रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए उन्होंने अपनी बॉडी से ज्यादा अपने माइंड को स्ट्रांग बनाया था यह जो 4 मिनट का टारगेट था यह उनके दिमाग में था वो दिन रात इस रेस को विजुलाइज करते थे अपने आप को हर एक स्टेप लेते हुए सोचते रहते थे उन्होंने यह सब करके दिखाया क्योंकि वो ऑलरेडी इस रेस को अपने माइंड में हजार से भी ज्यादा बार जीत चुके थे आपका दिमाग एक मसल की तरह है अगर
आप उसे सही तरीके से ट्रेन करोगे तो आप अपनी रियलिटी को ट्रांसफॉर्म कर सकते हो जैसे रॉजर ने अपनी रेस को दिमाग में जीत के रियलिटी में कन्वर्ट किया वैसे ही आप भी अपने गोल्स को विजुलाइज करके अचीव कर सकते हो और सिर्फ विजुलाइज ही नहीं करना है अपने गोल्स को इस तरीके से सीरियसली लेना है जिससे आपकी अपनी जिंदगी इस पर ही डिपेंड करती हो एग्जांपल के लिए इस वीडियो को ध्यान से देखो दोस्तों क्या आप इस आदमी को जानते हो यह है एडी हॉल जिन्होंने 500 किलो का वेट लिफ्ट करने का सबसे पहला
वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया आपने सही सुना 500 किलो जस्ट फॉर एग्जांपल 500 किलो एक घोड़े का वेट होता है एक भालू का वेट 500 किलो होता है एक ट्रक का इंजन 500 किलो का होता है 10 एवरेज इंडियंस का वेट 500 किलो का होता है एक छोटी कार का वेट 500 किलो का होता है यह वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने से पहले सभी डॉक्टर्स और साइंटिस्ट ने आडी को समझाया था कि 500 किलो का वेट उठाना इंसानों के लिए पॉसिबल ही नहीं है आज तक कभी किसी ने यह रिकॉर्ड नहीं बनाया आज तक का मैक्सिमम डेड लिफ्ट का
रिकॉर्ड 465 केजी है इस पर सीधा 35 किलो बढ़ाना बिल्कुल हो ही नहीं सकता पर एडी हॉल ने यह कर दिखाया और यह सब हुआ कैसे इसका जवाब एडी से खुद सुनो वालि 500 आई वाज लिफ्टिंग अ कार ऑफ फ मा किड्स एंड द् द ओनली वे आई वाज एबल टू डू द लिफ्ट आई टू ट्रेन माय ब्रेन टू पुट मासेफ इन दि सनारिया इट वा सच अ हार्ड थिंग टू ड एडी हल ने विजुलाइज किया कि वो वेट प्लेट्स नहीं उठा रहे वो अपने बच्चों के ऊपर चढ़ी हुई कार को उठा रहे हैं आप
जैसा सोचोगे जैसा विजुलाइज करोगे आपके थॉट्स और एक्शंस उसी डायरेक्शन में अलाइन हो जाएंगे साइंस भी मानता है कि आपका माइंडसेट डिसाइड करता है कि आप किसी चीज को पॉसिबल मानते हो या इंपॉसिबल और यह दो माइंडसेट्स होते हैं जो आपकी लाइफ की पूरी स्टोरी को शेप करते हैं फि माइंडसेट और ग्रोथ माइंडसेट आइए देखते हैं फिक्स्ड माइंडसेट साइकोलॉजिस्ट कैरल डक के अकॉर्डिंग ज्यादातर लोगों का एक कोर बिलीफ होता है वो ये कि एवरीवन हैज अ सेट अमाउंट ऑफ इंटेलिजेंस मतलब जो भी आपके पास दिमाग और टैलेंट है वो एक फिक्स्ड लेवल तक ही लिमिटेड
है तभी आप किसी 10 12 हज कमाने वाले इंसान को जाके कहो कि वह महीने का 1 करोड़ भी कमा सकता है तो व कभी इस बात पर यकीन ही नहीं कर पाएगा उसके अकॉर्डिंग उसकी इंटेलिजेंस और कैपेबिलिटी की लिमिट 40 50000 तक की ही है अब जो इंसान अपने दिमाग में ही मैक्सिमम कैपेसिटी 50000 की बना के बैठा है उसे कभी 1 करोड़ के के सपने भी नहीं आएंगे केरल डक सोचने के इस तरीके को फिक्स्ड माइंडसेट कहती हैं अगर आपका फिक्स्ड माइंडसेट है और आपको लगता है कि लाइफ एक पोकर गेम की तरह
है जहां पर आपको फिक्स्ड कार्ड्स ही मिलते हैं जिन्हें चेंज नहीं किया जा सकता और आप उनके साथ फंसे हुए हो अगर स्कूल में आपके मार्क्स अच्छा आए और पेरेंट्स ने आपको तारीफ की तो आपको लगने लगता है कि आपके हाथों दो इक्के लग गए हैं मतलब आप स्मार्ट और टैलेंटेड हो लेकिन जैसे-जैसे आप बड़े होते हो स्कूल में कंपटीशन फेस करते हो टेस्ट में मिस्टेक्स करते हो और चैलेंजिंग सिचुएशन का सामना करते हो आपको लगता है कि शायद आपके कार्ड्स उतने अच्छे नहीं है जितने पहले ल ता था स्मार्ट और टैलेंटेड होने का इल्यूजन
बनाए रखने के लिए आप उन चीजों को अवॉइड करने लगते हो जहां आप फेल हो सकते हो जब काम मुश्किल लगता है आप इंटरेस्ट लूज करते हो और दिखावा करते हो कि आपको फर्क नहीं पड़ता आप सिर्फ इजी टास्क करते हो ताकि लोग आपकी फुल एबिलिटी को जज ना कर सके कैरल डक ने अपनी रिसर्च में यही पैटर्न बार-बार देखा एक स्टडी में उन्होंने फिफ्थ ग्रेडर्स को पजल सॉल्व करने के लिए दिए पहले पजल उनके लेवल के थे और सभी बच्चे एंजॉय कर रहे थे लेकिन जैसे ही पजल्स डिफिकल्ट हुए वो बच्चे जिन्होंने पहले अपनी
पजल सॉल्विंग एबिलिटी के लिए गिफ्टेड और टैलेंटेड होने का बिलीफ डे किया था उनका इंटरेस्ट और एफर्ट गिर गया करल ने जब यह फिक्स माइंडसेट वाले बच्चों से पूछा कि क्या तुम यह चैलेंजिंग पजल घर ले जाओगे और प्रैक्टिस करोगे बच्चों ने बहाना बनाया इट्स ओके आप रख लो हमारे पास ऑलरेडी ये पजल्स हैं लेकिन कैरल ने एक दूसरे ग्रुप के बच्चों का डिफरेंट बिहेवियर नोटिस किया वो बच्चे चैलेंज से नहीं डरे इनफैक्ट उन्होंने पजल्स को अपनी इंटेलिजेंस ग्रो करने की एक अपॉर्चुनिटी समझा गलतियां होने के बावजूद भी उन्होंने इंटरेस्ट और एफर्ट मेंटेन किया एक
बच्चा इतना एक्साइटेड था कि उसने कैरल से पजल्स के नेम्स लिखने की रिक्वेस्ट की ताकि मैं घर जाकर और पजल्स खरीद सकू ये वो बच्चे थे जिन्होंने ग्रोथ माइंडसेट डेवलप किया था ग्रोथ माइंडसेट वाले लोग ये जानते हैं कि अगर लाइफ में उनके हाथों अगर ज्यादा अच्छे कार्ड्स नहीं लगे मतलब लो इंटेलिजेंस या लेस स्किल्स तब भी वो इन्हीं कार्ड से जैसे-तैसे जीत सकते हैं एफर्ट और बेटर स्ट्रेटेजी के साथ कोई भी गेम जीतना पॉसिबल है सिंपल वर्ड्स में कोई भी स्किल नेचुरल टैलेंट से नहीं बल्कि डेडिकेशन और इंप्रूवमेंट के प्रोसेस से आती है आज
ये कांसेप्ट इंस्पायरिंग लगता है कि आप अपने इंटेलिजेंस को ग्रो कर सकते हो लेकिन 40 साल पहले साइंटिस्ट का जवाब यह नहीं था 1980 से पहले साइंटिस्ट को लगता था कि आप अपने पोटेंशियल तक तो पहुंच सकते हो लेकिन आपके दिमाग की वायरिंग फिक्स्ड होती है मतलब जो भी दिमाग को मिला है वही फाइनल है लेकिन आज की रिसर्च कुछ और कहती है साइंस ने प्रूव किया है कि आपका ब्रेन फिजिकली चेंज और ग्रो कर सकता है अगर आप एफर्ट और राइट स्ट्रेटेजी से काम करो अब यह बुक पढ़ के मुझे तीन ऐसे तरीके मिले
जिनसे आप अपने माइंडसेट को हमेशा के लिए बदल सकते हो नंबर वन फिजिकली ग्रो योर ब्रेन कुछ साल पहले जब टैक्सी ड्राइवर्स जीपीएस का यूज़ नहीं करते थे ब्रेन रिसर्चस ने लंडन के एक्सपीरियंस टैक्सी ड्राइवर्स के ब्रेन स्कैन किए उन्होंने नोटिस किया कि जितना ज्यादा टाइम टक्सी ड्राइवर ने लंडन के रोड्स पर ड्राइव किया उनके ब्रेन का एक स्पेसिफिक रीजन जो कि स्पेटियम अवेयरनेस और मेमोरी के लिए रिस्पांसिबल है वो बड़ा होने लगा ब्रेन स्केंस ने यह रिवील किया कि जितनी ज्यादा डिमांड टैक्सी ड्राइवर्स ने अपने ब्रेन पर डाली यानी जितना कॉम्प्लेक्शन का रोड सिस्टम
उन्हें नेविगेट करना पड़ा उतना ज्यादा उनका ब्रेन एक्सपें हुआ और उनका काम और इफेक्टिव होने लगा नंबर टू स्पीड अप योर ब्रेन लेकिन हर ब्रेन रीजन फिजिकली एक्सपें नहीं कर सकता इसलिए कुछ ब्रेन रीजंस को फास्टर काम करना पड़ता है यह प्रोसेस कहलाती है माइली नेशन जब आप इंटेंसली फोकस करते हो और एकपे स्पेसिफिक स्किल को कंसिस्टेंटली प्रैक्टिस करते हो आपके ब्रेन सेल्स पर एक वाइट कोटिंग यानी कि माइलिन बनने लगता है यह इंसुलेशन की तरह काम करता है बिल्कुल कॉपर वायर्स की प्लास्टिक कोटिंग के जैसे जो इलेक्ट्रिक सिग्नल्स को फास्ट और क्लियर बनाती है
एक ब्रेन सर्किट जो माइलिन से कवर है वो 10x फास्टर इंफॉर्मेशन ट्रांसमिट करता है कंपेयर्ड टू एक ब्रेन सर्किट जो माइलिन के बिना है नंबर थ्री रिवायर योर ब्रेन जब आपके ब्रेन सर्किट्स माइलिन से कवर हो जाते हैं तब आपका ब्रेन नए न्यूरल कनेक्शन क्रिएट करना शुरू करता है इस प्रोसेस को रिवायरिंग कहते हैं सोच आपके घर का एक लाइट स्विच पहले सिर्फ एक लैप को ऑन करता था अब आप वायरिंग चेंज करते हो और एक ही स्विच से दो-तीन लैंप्स ऑन होने लगते हैं बिल्कुल वैसे ही आपका ब्रेन भी नए टास्क के लिए मल्टीपल
एरियाज एक्टिवेट करना सीख जाता है एक पीयर रिव्यूड स्टडी ने प्रूव किया है कि जब गिटार प्लेयर्स हजारों घंटे प्रैक्टिस करते हैं तब उनका ब्रेन बिगिनर्स के कंपैरिजन में बहुत ज्यादा एक्सपेंड हो जाता है जब बिगिनर्स गिटार बजाते हैं तो उनका ब्रेन का सिर्फ एक रीजन एक्टिवेट होता है जो उनके लेफ्ट हैंड की फिंगर को कंट्रोल करता है जो नोट्स बजाते हैं जब एक्सपीरियंस प्लेयर गिटार बजाते हैं तो उनका ब्रेन मल्टीपल रीजंस एक्टिवेट करता है इंक्लूडिंग फिंगर पाम और लेफ्ट और राइट हैंड का पूरा एरिया रीजन हजारों घंटों की प्रैक्टिस और स्ट्रगल ने उनके ब्रेन
को रिवायर कर दिया जिससे उनका परफॉर्मेंस काफी बढ़ गया आपका ब्रेन ग्रो स्पीड अप और रिवायर कर सकता है चाहे आपके जींस जो भी हो इंटेलिजेंस का पोटेंशियल लिमिटलेस है अगर आप प्रैक्टिस और राइट स्ट्रेटेजी लगाते हो जब आप ब्रेन की यह रियलिटी समझ जाते हो आपका चैलेंज को देखने का तरीका भी चेंज होने लगता है द आईक्यू टेस्ट आईक्यू टेस्ट का पर्पस होता है हमारे जनरल इंटेलिजेंस को मेजर करना लोग अक्सर यह मानते हैं कि अगर किसी का आईक्यू स्कोर हाई है तो वह लाइफ में बड़ी सक्सेस पाएगा लेकिन रियलिटी कुछ और है आईक्यू
टेस्ट के दो बड़े प्रॉब्लम्स हैं पहली यह जनरल इंटेलिजेंस को एक्युरेटली मेजर नहीं करता दूसरी यह लाइफ लोंग अचीवमेंट्स के साथ डायरेक्टली लिंक्ड भी नहीं है अब सुनो जब अल्फ्रेड बिनेट ने आईक्यू टेस्ट इन्वेंट किया उनका मकसद लाइफ की सक्सेस प्रिडिक्ट करना नहीं था वो तो बस यह देखना चाहते थे कि पेरिस के स्कूल सिस्टम में स्टूडेंट्स का परफॉर्मेंस कैसा है अगर किसी बच्चे का आईक्यू स्कोर लो आता है इसका मतलब यह था कि स्कूल को अपने टीचिंग मेथड को चेंज करना चाहिए बच्चे को नहीं सिंपल शब्दों में एक बच्चा का आइक्यू टेस्ट सिर्फ स्कूल
के सिस्टम का रिफ्लेक्शन था उसके फ्यूचर सक्सेस का नहीं एक लांगेस्ट रनिंग स्टडी जिसे टर्मन स्टडी कहते हैं उसमें हाई आईक्यू बच्चों को ट्रैक किया गया रिजल्ट ज्यादातर हाई आईक्यू वाले बच्चे सिंपल जॉब्स करते दिखाई दिए जैसे कि पुलिसमैन टाइपिस्ट या फिर क्लर्क तो यह बात समझो कि इंटेलिजेंस और अचीवमेंट का आपस में इतना खास कनेक्शन नहीं है जितना आपको लगता है क्योंकि बाद की रिसर्च ये प्रूव करती है कि लाइफ में सक्सेस का असली फॉर्मूला है क्लियर गोलस सेट करना और उन पर टिके रहना सेल्फ कॉन्फिडेंस बिल्ड करना और पर्सिन रहना अब सबसे अच्छी
बात ये स्किल्स सीखी जा सकती है जब भी आप किसी को अपने हाई आईक्यू का दिखावा करते हुए देखो तो खुद को कम मत समझना हो सकता है कि उनका स्कूल सिस्टम अपर हैंड हो लेकिन अगर आप गोल ओरिएंटेड हो सेल्फ कॉन्फिडेंट हो पर्सिन हो तो आप लॉन्ग रन में उनसे बहुत आगे निकल जाओगे द रियल स्टोरी क्या आपको पता है कि दुनिया के ग्रेटेस्ट आर्टिस्ट जैक्सन पुलक को आर्ट एक्सपर्ट्स ने कभी टैलेंटलेस और अनइंप्रेसिव बोला था उन्होंने कहा था कि पुलक में नेचुरल टैलेंट की कमी है और वो सक्सेसफुल आर्टिस्ट कभी नहीं बन सकते
लेकिन फिर भी प्लॉक आगे चलकर 20th सेंचुरी के बेस्ट पेंटर्स में से एक कैसे बन गए जवाब है पर्सिस जब लोग उनके आर्ट का मजाक उड़ा रहे थे तब भी वह पेंटिंग करते रहे इतने परसिस्टेंट कि उन्होंने ग्रेड आर्ट टीचर्स का अटेंशन पाया और सीखने का डेडिकेशन दिखाया सालों तक स्ट्रगल और प्रैक्टिस के बाद ब्लॉग वर्ल्ड फेमस आर्टिस्ट बन गए लोग अक्सर सोचते हैं कि मोजार एक नेचुरली गिफ्टेड पियानो प्लेयर थे लेकिन क्या आपको पता है कि 4 साल की उम्र तक मोजार ने इतना पियानो बजाया कि उनके हाथ डिफॉर्म होने लगे थे उनके फादर
एक एक्सपर्ट पियानो को डिसिप्लिन और डेडिकेशन के साथ प्रैक्टिस करवाई तो जब भी आप किसी को नेचुरली गिफ्टेड बोलते सुनो तो उनकी रियल स्टोरी की पीछे का स्ट्रगल समझने की कोशिश करो हर गिफ्टेड इंसान के पीछे हजारों घंटों की प्रैक्टिस और स्ट्रगल होती है सक्सेस कभी भी एक मैजिक ट्रिक नहीं होती वो हार्ड वर्क और परसिस्टेंस का एक रिजल्ट होती है पास्ट ग्रोथ एक ग्रोथ माइंडसेट अडॉप्ट करने के लिए सबसे पावरफुल टेक्निक है अपने पास्ट स्ट्रगल्स पर रिफ्लेक्ट करना सोचिए अपनी लाइफ का कोई ऐसा मोमेंट जब आपको लगा कि आप कभी इंप्रूव नहीं कर सकोगे
लेकिन आपने किसी तरह सीख लिया शायद स्कूल में कोई सब्जेक्ट या स्पोर्ट था जहां आप इनिशियली स्ट्रगल करते थे लेकिन धीरे-धीरे आप समझने लगे और टैलेंटेड लगने लगे या फिर अपने अर्ली स्कूल एक्सपीरियंस को याद करो जब आप सोशली ऑकवर्ड फील करते थे सोचिए कि कैसे आपने करेज और स्किल्स डेवलप की और दोस्ती करना सीख ली एक पर्सनल एग्जांपल की बात करूं तो स्कूल के दिनों में मैं मैथ्स में बहुत वीक था अलजेब्रा और ज्योमेट्री मुझे कभी समझ नहीं आते थे और टेस्ट के टाइम मेरा कॉन्फिडेंस बिल्कुल जीरो हो जाता था लेकिन यह रातों-रात जादू
से चेंज नहीं हुआ मैं डेली प्रैक्टिस करने लगा और जब तक सॉल्व नहीं होता था तब तक मैं उसे छोड़ता नहीं था मैं अपने टीचर से एक्स्ट्रा हेल्प लेता और मिस्टेक्स को एनालाइज करता शुरुआत में गलतियां बहुत होती थी लेकिन धीरे-धीरे कांसेप्ट क्लियर होने लगे आज मैं उस फेस को याद करता हूं तो मैं यह समझता हूं कि कोई भी स्किल इंपॉसिबल नहीं होती चाहे स्टार्टिंग में कितनी भी टफ क्यों ना लगे रेगुलर प्रैक्टिस और कंसिस्टेंसी से सब कुछ अचीव किया जा सकता है तो 5 मिनट निकालो अपनी लाइफ के दो-तीन ऐसे मोमेंट्स लिखो जब
आपको लगा कि आप सक्सेसफुल नहीं हो सकोगे लेकिन आपने किसी तरह इंप्रूव किया नेक्स्ट टाइम जब आप न्यू चैलेंज अवॉइड करने लगो और फिक्स माइंडसेट का साइन दिखाओ तो अपनी लिस्ट को देखो और अपने ग्रोथ माइंडसेट को रिन्यू करो द प्रॉपर वे टू प्रेज कुछ साल पहले एक स्ट्रगलिंग मां ने कैरल डक से अपने 10 साल के बेटे के बिहेवियर के बारे में बात की का बेटा स्कूल टेस्ट में कंसिस्टेंटली 99 पर स्कोर करता था लेकिन फिर भी उसे लगता था कि उसकी कोई वर्थ नहीं है उसने कहा कि मेरे हस्बैंड हमेशा उसे स्मार्ट होने
की तारीफ करते हैं लेकिन मैं नोटिस कर रही हूं कि यह उसके लिए प्रॉब्लम बन गया है मेरा बेटा स्कूल में इजली टॉप करता है लेकिन जब भी कोई डिफिकल्ट प्रोजेक्ट या चैलेंजिंग टास्क सामने आता है तो वो उसे करना नहीं चाहता उसे लगता है कि अगर उसने डिफिकल्ट टास्क में ट्राई किया और फेल हो गया तो लोग उसे स्मार्ट नहीं समझेंगे वो अपने एबिलिटी को ओवर एस्टीमेट करता है और प्रिटेंड करता है कि वो सबसे बेटर परफॉर्म कर सकता है लेकिन एक्चुअल में कभी अटैक ही नहीं करता क्योंकि उसे डर लगता है कि अगर
फेल हुआ तो उसका कॉन्फिडेंस टूट जाएगा तो कैरल डक ने रिसर्च से यह प्रूफ किया है कि पेरेंट्स का स्मार्ट और टैलेंटेड होने की तारीफ करना बच्चों के सेल्फ एस्टीम को डैमेज कर सकता है वो कहती हैं कि बच्चों को तारीफ पसंद है स्पेशली जब उन्हें इंटेलिजेंट और टैलेंटेड बोला जाए यह उन्हें एक स्पेशल फीलिंग देता है लेकिन बहुत ही कम टाइम के लिए जैसे ही उनको कोई मुश्किल काम फेस करना पड़ता है उनका कॉन्फिडेंस इंस्टेंट गिर जाता है और उनकी मोटिवेशन जीरो हो जाती है लेकिन रिसर्च यह भी कहती है कि अगर बच्चों को
उनकी मेहनत और डेडिकेशन के लिए तारीफ की जाए तो उनका फेलियर का डर कम हो जाता है नए चैलेंज फेस करते वक्त भी उनका इंटरेस्ट और एफर्ट हाई बना रहता है जिससे उनका कॉन्फिडेंस और सेल्फ एस्टीम नेचुरली इंप्रूव होता है तो बच्चों को उनके अचीवमेंट के लिए तारीफ करते वक्त कभी भी स्मार्ट टैलेंटेड और गिफ्टेड जैसे लेबल्स का यूज़ मत करो यह बद्दुआ की तरह काम करते हैं जो बच्चों के दिमाग पर नेगेटिव इंपैक्ट डालते हैं उसके बदले उनकी मेहनत और डेडिकेशन को अप्रिशिएट करो कि मुझे तुम्हारा डेडिकेशन और मेहनत बहुत पसंद आई तुमने अपना
होमवर्क कितने फोकस के साथ कंप्लीट किया यह मुझे बहुत पसंद है मेहनत पर बेस्ड तारीफ उन्हें कंसिस्टेंट बनाती है और नए चैलेंज फेस करने के लिए मेंटली स्ट्रांग करती है अब आप शायद सोच रहे होंगे कि अगर मैं ग्रोथ माइंडसेट को अडॉप्ट कर लूं तो क्या मैं अपनी एबिलिटीज को ओवर एस्टीमेट करने लगूंगा कहीं मैं अपनी लिमिट्स भूलकर अनरियलिस्टिक एक्सपेक्टशंस तो नहीं रखूंगा बिल्कुल नहीं रिसर्च ये कहती है कि ग्रोथ माइंडसेट अडॉप्ट करने वाले लोग अपनी करंट एबिलिटीज को फिक्स्ड माइंडसेट वाले लोगों के कंपैरिजन में बेटर समझते हैं कैरल डक कहती हैं कि अगर आपके
पास ग्रोथ माइंडसेट है तो आप अपनी करंट एबिलिटीज को ऑनेस्टली देखने के लिए ओपन रहते हो इवन अगर वो अनकंफर्ट बल या नेगेटिव भी हो लेकिन अगर आप फिक्स्ड माइंडसेट वाले हो तो आपको सिर्फ दो चीजें दिखाई देती हैं या तो पॉजिटिव फीडबैक जो आपको अच्छा लगता है या फिर नेगेटिव फीडबैक जो आप अवॉइड करते हो ऐसे में आपकी रियलिटी धुली होने लगती है कभी आप अपने स्ट्रेंथ को ओवर हाइव करते हो तो कभी फेलर्स का ब्लेम किसी और चीज पर डाल देते हो धीरे-धीरे आप खुद को प्रॉपर्ली समझना बंद कर देते हो तो अगर
कोई फिक्स्ड माइंडसेट वाला इंसान आपसे कहे कि तुम ओवर स्मार्ट बन रहे हो या तुम अनरियलिस्टिक सोच रहे हो तो खुद पर डाउट मत करना यह याद रखना कि ग्रोथ माइंडसेट के साथ ह्यूमिडिटी और लर्निंग एटीट्यूड आपको रिलिटी पहचानना सिखाता है ज फिक्स्ड माइंडसेट वाले लोगों के लिए समझ पाना ऑलमोस्ट इंपॉसिबल है तो दोस्तों यह बातें मैंने आपको बताई हैं कैरल ड्वे की बुक माइंडसेट से आप ये याद रखिए कि आपका माइंडसेट आपकी रियलिटी को शेप करता है रॉजर बनिस्टर और एडी हॉल जैसे एग्जांपल्स दिखाते हैं कि इंपॉसिबल को पॉसिबल कैसे बनाते हैं विजुलाइजेशन और
परसिस्टेंट एफर्ट के जरिए कैरल डक की रिसर्च कहती है कि फिक्स्ड माइंडसेट वाले लोग लिमिट्स एक्सेप्ट करते हैं जबकि ग्रोथ माइंडसेट अडॉप्ट करने वाले लोग अपने एफर्ट्स और स्ट्रेटेजी के जरिए अपने पोटेंशियल को एक्सपेंड करते हैं सक्सेस का राज है कंसिस्टेंट प्रैक्टिस डेडिकेशन और एक पॉजिटिव माइंडसेट जो चैलेंज को ग्रोथ का मौका समझता है माइंडसेट एक पावरफुल टूल है जो आपकी लाइफ को ट्रांसफॉर्म कर सकता है अब यह आप पर डिपेंड करता है कि आप अपने थॉट्स और एक्शंस को कैसे अलाइन करते हो सक्सेस का फार्मूला सिंपल है विजुलाइज करो मेहनत करो और कंसिस्टेंटली अपने
गोल्स के पीछे लगे रहो आपके रियलिटी बदलने का कंट्रोल सिर्फ आपके हाथ में है अगर यह बातें आपको मोटिवेट कर रही हैं तो इस वीडियो को लाइक जरूर करो और इसे सभी के साथ शेयर जरूर करना इस किताब की डिटेल समरी सुनने के लिए यह बुक ऐप डाउनलोड कर लो जहां पर आप फ्री में इस किताब की समरी सुन सकते हो फाइनली यू गाइज अमेजिंग कीप रीडिंग कीप लर्निंग कीप गोइंग थैंक यू फॉर वाचिंग