पेंगे जो के रिस्क को बेहद कम कर दिया आपको पता है इनकी गाड़ियां इतनी रिलायबल है कि [संगीत] प्लांस [संगीत] [संगीत] में जानकारी इकट्ठा करने लगे और फैसला किए कि फुल टाइम एक मोटराइज्ड टेक्सटाइल मशीन बनाने पर काम करेंगे हालांकि उनके पिता इसके फेवर में नहीं थे फिर भी साकची ने लकड़ी के कई लूम बनाए लेकिन कोई भी लूम काम नहीं किया फिर साल 1890 में साकची को टोक्यो में हो रहे एक मशीन एग्जिबिशन में जाने का मौका मिला वहां देश-विदेश की तमाम मशीनें देखकर वह हैरान हो गए और उन्हीं मशीनों के फंक्शंस को बारीकी
से समझकर एक वुडन हैंडलूम बनाए और उस समय उनकी उम्र सिर्फ 24 साल की थी यह हैंडलूम काम तो कर गई लेकिन इसमें काफी कमियां थी जिन्हें दूर करने के लिए साकची ने सिक्स हैंडलूम के साथ एक छोटी सी टेक्सटाइल फैक्ट्री की शुरुआत की ताकि आगे के रिसर्च के लिए पैसों का इंतजाम किया जा सके साथ ही अपने हैंडलूम के प्रमोशन और सेल्स के लिए टो शोन नाम से एक कंपनी भी शुरू किए कुछ पैसे कमाए और अपने हैंडलूम को इंप्रूव करते गए फिर साल आया काफी कम कीमत में बेहतरीन कपड़े बनाने वाली इस मशीन
ने mits.ac.in पर फंसने पर प्रिंटर का रुकना भी इसी का एक एग्जांपल है हैंडलूम की दूसरी बड़ी प्रॉब्लम थी कि उसमें धागा खत्म होने पर मशीन रोककर शटल चेंज करना पड़ता था ऑटोमेटिक शटल चेंजिंग मैकेनिज्म लाकर साकची ने इस प्रॉब्लम को भी दूर कर दिया उसके बाद वह सर्कुलर पावर लूम के साथ कई और मशीनस का भी इन्वेंशन किए लेकिन साल 1910 में जापान में आई इकोनॉमिक मंदी ने उन्हें नौकरी छोड़ने पर मजबूर कर दिया साकची के पास टाइम था कुछ नया एक्सप्लोर करने का इसलिए उन्होंने यूनाइटेड स्टेट्स और यूरोप का एक टूर प्लान किया
वहां की बड़ी-बड़ी फैक्ट्रीज और प्रोडक्शन का स्केल देखकर वह हैरान हो गए लेकिन सबसे ज्यादा इंप्रेस हुए वहां की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री से खैर वह जापान वापस लौटकर अपने बेटे की चरो के साथ मिलकर दिया और बेटे किही चिरो से बोले कि इस पैसे का इस्तेमाल जापान की अपनी ऑटोमोबाइल कंपनी बनाने में करना और दोस्तों अब शुरुआत होने वाली थी जापान में ऑटोमोबाइल के एक नए युग की कि चरो की उम्र लगभग 36 साल की थी वह ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के फ्यूचर को अच्छी तरह समझते थे लेकिन एक नए सेक्टर में एंटर करने से पहले वह अमेरिका
गए और गाड़ियों के प्रोडक्शन को देखकर उन्हें थोड़ा कॉन्फिडेंस आया वापस आकर वह अपनी टेक्सटाइल कंपनी के अंडर ही एक ऑटोमोटिव डिवीजन की शुरुआत किए और 5 साल की बड़ी मेहनत के बाद साल 1935 में अपनी एक ट्रक जीवन और 1936 में अपनी फर्स्ट पैसेंजर कार मॉडल एए को मार्केट में उतार दिए इन गाड़ियों को से काफी सस्ती थी दोस्तों जापान एक छोटा सा देश है लेकिन कई वार्स और नेचुरल डिजास्टर्स को झेलने के बाद भी आज जिस मुकाम पर है वह दुनिया के लिए एक इंस्पिरेशन है अगले 10 सालों तक सिक्योर करना चाहते हैं
तो जरूरत होगी एक डी मैट अकाउंट की जो आमतौर पर हम ऐसे ब्रोकर के साथ ओपन करना पसंद करेंगे जहां पर अकाउंट ओपनिंग बिल्कुल फ्री होता है बट इस केस में हम अपने इन्वेस्टमेंट या फिर ट्रेड्स पर बहुत सारा ब्रोकरेज पे कर रहे होंगे लेकिन अगर हम एम स्टॉक बाय मेराई एसेट के साथ अपना डीमेट अकाउंट ओपन करते हैं तो डिलीवरी इंट्राडे फ्यूचर एंड ऑप्शन म्यूचुअल फंड्स और आईपीओ जैसे सभी सेगमेंट के अंदर जीरो ब्रोकरेज का फायदा उठा सकते हैं और इस रो ब्रोकरेज फॉर लाइफ अक्रॉस ऑल प्रोडक्ट्स का फायदा मिलता है सिर्फ 999 के
प्लान में और इसके अलावा एडिशनल 999 का पेमेंट करके आप लाइफ टाइम एएमसी चार्जेस से भी छुटकारा पा सकते हैं एम स्टॉक के साथ आपको वन ऑफ द लोवेस्ट डेली इंटरेस्ट रेट यानी सिर्फ 6.99 पर मार्जिन ट्रेडिंग फैसिलिटी भी मिलती है साथ ही वन क्लिक ऑर्डर एग्जीक्यूशन वन क्लिक ऑर्डर प्लेसमेंट और वॉइस सर्च से अपने फेवरेट स्टॉक को खोजने जैसे कई और बेहतरीन फीचर्स तो यहां आपको मिली जाते हैं मेराई एसेट 25 इयर्स ओल्ड एक फाइनेंस कंपनी है जो 16 कंट्रीज में अपनी बेहतर न सर्विसेस के लिए जानी जाती है और एम स्टॉक पर हर
रोज 49 करोड़ ट्रेड्स 1300 करोड़ का एमटीएफ बुक और 1 मिलियन से भी ज्यादा यूजर्स इसके रिलायबिलिटी को दिखाते हैं तो फिर देर किस बात की एम स्टॉक के साथ अभी अपना डीमेट अकाउंट ओपन करिए और अपने ट्रेडिंग एंड इन्वेस्टमेंट जर्नी की शुरुआत करिए अधिक जानकारी आपको डिस्क्रिप्शन में दिए लिंक से मिल जाएगा चलिए कहानी पर वापस लौटते हैं उनके ज्यादातर प्रोडक्शन यूनिट्स बंद करके वर्कर्स को भी निकाल दिया गया था लेकिन उसी दौरान 1950 में कोरियन वॉर शुरू हो गया और बैटल ग्राउंड से नजदीक होने की वजह से अमेरिका ने को क्राउन के नाम
से मार्केट में उतार दिए लेकिन प्रॉब्लम यह थी कि बर्बाद हो चुके जापान में ना तो लोगों के पास पैसे थे और ना ही रोड की कंडीशन अच्छी थी इसलिए में बुरी तरह से फ्लॉप हो गई क्योंकि अमेरिकंस को यह कार ओवर प्राइड और अंडर पावर लगी [संगीत] [संगीत] थी तमाम कंपनीज को एक्वायर करना शुरू कर दिया सबसे पहले उसने दो जैपनीज कंपनी हा मोटर्स और डाई हसू में स्टेक लिए जो आज [संगीत] [संगीत] करने लगे लेकिन जब भी लग्जरी कार्स की बात होती थी तो लोग है और दोस्तों अगर आप स्पोर्ट्स कार में दिलचस्पी
रखते हैं तो सुप्र के बारे में आप जरूर जानते होंगे दरअसल सुप्र भी 1978 में ही लॉन्च हो गई थी और आज इसकी फिफ्थ जनरेशन मार्केट में है इस तरह अगर देखा जाए तो 90 आते-आते के भीतर ही [संगीत] को टक्कर दे सके और उस गैप को फिल करने के लिए साल 2010 में toyota's को लॉन्च किया गया लेकिन वह भी कुछ कमाल नहीं कर पाई उसी दौरान 2017 में है उसके हिसाब से इंडिया में उनकी सेल्स काफी कम है और वजह यह है कि fortune9 की मशीन को परफेक्ट बनाने में अपनी पूरी जिंदगी लगा
दी वह छोटे से छोटे इश्यूज के रूट कॉज को जानने के लिए 5w का कांसेप्ट इस्तेमाल करते थे साकची अमेरिका के टूर से वापस आए तब वह समझ गए थे कि अमेरिका अपने पैसे और स्किल्ड मैन पावर की वजह से इतने लार्ज स्केल पर प्रोडक्शन कर पाता है लेकिन वर्ल्ड वार से बर्बाद जापान के पास ना तो पैसा था और ना ही मैन पावर लेकिन फिर भी आज toyota's ने इसी प्रोसेस को फॉलो करती है दरअसल पहले कंपनीज फ्यूचर डिमांड के प्रेडिक्शन के हिसाब से कार्स का प्रोडक्शन करके स्टॉक मेंटेन करती थी जिसमें एक्स्ट्रा स्टोरेज
स्पेस पार्ट्स रिसोर्सेस और फंड की जरूरत होती थी लेकिन अगर वह गाड़ी मार्केट में नहीं चली तो उनका सारा स्टॉक बर्बाद हो जाता था लेकिन जस्ट इन टाइम मॉडल में ऑर्डर मिलने के बाद सिर्फ उतनी ही गाड़ियों का प्रोडक्शन किया जाता है लेकिन सप्लाई चेन का पूरा सिस्टम इतना एफिशिएंट होता है कि डिलीवरी टाइम काफी कम हो जाता है कहने का मतलब यह है कि वाली कंपनी नहीं है उनका अपना एक प्रोसेस है और वह अपने क्वालिटी स्टैंडर्ड को फॉलो करते हैं लेकिन कोविड के बाद सोचकर न कार्स पर ज्यादा है पिछले कई सालों से
वह हर साल 1 करोड़ गाड़ियां बेचकर सेल्स के मामले में पूरी दुनिया में नंबर वन पर है अभी toyota.in lex526 [संगीत] माके सबजेट टू मार्केट रि रीड ल द रिलेटेड डॉक्यूमेंट केयरफुली बिफोर इन्वेस्टिंग थैंक्स फॉर वाचिंग [संगीत]