MEN are DYING! Scientists Reveal Men's Y-CHROMOSOME is in DANGER

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GetsetflySCIENCE by Gaurav Thakur
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Video Transcript:
इंसानी प्रजाति को एक बहुत ही बड़ा खतरा है मर्द बहुत ही जल्दी विलुप्त होने वाले लेटेस्ट साइंटिफिक रिसर्च के अनुसार और इसका बुरा असर फीमेल्स में भी होने वाला है हाल ही में आपने ऐसी कई खबरें सुनी होगी जो कई सारी न्यूज़ मीडिया में वायरल भी हुई कि साइंटिस्ट ने कुछ ऐसी गंभीर बीमारी ढूंढ निकाली है जो अंदर ही अंदर से एंड आई एम टॉकिंग अबाउट डीएनए लेवल में मर्दों की प्रजाति को खा रही है जिस वजह से हम जल्द ही विलुप्त हो जाएंगे और अगर हम मर्द ही नहीं रहे तो लड़कियां क्या करेगी सो
साइंटिस्ट आखिर क्यों कह रहे हैं ऐसा वेल आप सभी ने स्कूल लेवल में यह पढ़ा होगा कि फीमेल्स जो होते हैं वह बायोलॉजिकली x एक् क्रोमोजोम के साथ पैदा होते हैं और मेल्स एक x और एक y यानी कि x वा क्रोमोजोम के साथ पैदा होते हैं अब हो क्या रहा है ना यूएसए की कैंसर स्टेट यूनिवर्सिटी की लेटेस्ट स्टडी में यह ऑब्जर्व किया गया कि वाय क्रोमोजोम जो कि सिर्फ मेल्स में ही पाया जाता है उसका जेनेटिक डाटा यानी जो इंफॉर्मेशन उस क्रोमोजोम में स्टोर्ड है वो हर पासिंग जनरेशन के साथ कम होते जा
रही है व्हिच इज अलर्टिंग क्योंकि अब तक हम मर्दों के इसी वाय क्रोमोजोम ने अपना 97 पर डीएनए कोड ऑलरेडी खो दिया है और अब बस 3 पर ही बाकी रह गया है मतलब बात साफ है अगर ऐसा ही सिलसिला चलता रहा तो आगे मर्द बचेंगे ही नहीं और पूरी इंसानी प्रजाति कोलप्पन के साथ ही क्यों हो रहा है व्हाई नॉट फीमेल्स क्या उनके जींस में ऐसा कोई घातक बदलाव नहीं आ रहा क्या वेल पैराडॉक्सिकली उनका डीएनए तो जनरेशन आफ्टर जनरेशन और स्ट्रांग फिट और हेल्दी होते जा रहा है उसी रिसर्च में यह भी पाया
गया कि एक्स क्रोमोजोम जो कि फीमेल्स में एक्सक्लूसिवली पाया जाता है ने हार्डली अपने कोई जींस या डीएनए इंफॉर्मेशन को खोया है इनफैक्ट टाइम के साथ एक्स क्रोमोजोम कुछ बेहतर फीचर्स डिवेलप कर चुका है यानी कि आसान भाषा में फीमेल्स के एक्स क्रोमोजोम का ऑलरेडी सॉफ्टवेयर अपडेट हो चुका है और होते रहता है आई मीन जरा अपने आसपास ही देख लो ये एक वेल नोन फैक्ट है कि औरतें हम मर्दों से ज्यादा लंबी जिंदगी जीती है लेकिन इसी लंबे जीवन का राज फीमेल्स के एक्स क्रोमोजोम में ही छुपा है जो कि इतना अपडेटेड है कि
वो उन्हें तरह-तरह की बीमारियां और एजिंग रिलेटेड डिसऑर्डर से प्रोटेक्ट करता है एक सिंपल सा एडवांटेज आपको बताता हूं जो कि फीमेल्स के पास है अपने इस हेल्दी क्रोमोजोम की वजह से फीमेल्स का कलर परसेप्शन यानी कि रंगों को परखने की एबिलिटी मेल्स से बेहतर होती है ये इसीलिए क्योंकि क्रोमोजोम x में रेड और ग्रीन कलर रिसेप्टर्स के जींस होते हैं जिसकी वजह से फीमेल्स का कलर परसेप्शन जनरली मेलस से बेहतर होता है ऐसे बहुत से हेल्दी फीचर्स आज फीमेल्स के पास है जो कि मेल्स के पास नहीं है अच्छा अब एक और एक बॉम
जो साइंटिस्ट ने फोड़ा है वो यह है कि बचपन में जो हमने जेंडर या सेक्स क्लासिफिकेशन सिस्टम के बारे में पढ़ा था ना एक्सवा क्रोमोजोम का सिस्टम टर्न्स आउट ये सिर्फ हम ह्यूमंस के लिए स्पेसिफिकली नहीं बनाया गया है ये सारे मैमल स्पीशीज के लिए भी एप्लीकेबल है यानी कि आप मेरे मेल व्यूवर्स मैं मेरा बिल्ला आपका कुत्ता वो जिस चूहे के पीछे भागता है वह चूहा यह सारे मैमल्स में एक्वा क्रोमोजोम ही प्रेजेंट है और सभी का वा क्रोमोजोम जो कि मेल वाला क्रोमोजोम और उसमें स्टोर डीएनए इंफॉर्मेशन खतरे में है यानी सारे मे
मेेलिन प्रजातियों के मर्दों का अस्तित्व खतरे में है अब प्रकृति हमारी मदर नेचर को मेल्स से ऐसी क्या प्रॉब्लम है कि सिर्फ मेल्स को ही टारगेट किया जा रहा है एक तरफ फीमेल्स का सॉफ्टवेयर अपडेट हो रहा है तो वही दूसरी तरफ मेल्स का सॉफ्टवेयर करप्ट हो रहा है और किसी भी प्रजाति को आगे बढ़ने के लिए तो दोनों ही सेक्सेस का सही सलामत रहना जरूरी है तो क्या पृथ्वी में लाइफ का अंत इसी वजह से होने वाला है क्या लाइफ अपने जन्म से ही फंडामेंटली एक घातक बीमारी लेकर जन्मी थी क्या व बीमारी मौत
है वेल आज का ये वीडियो बहुत ही इंटरेस्टिंग होने वाला है क्योंकि हम सिर्फ न्यूज़ मीडिया के हेडलाइंस में नहीं जाएंगे बल्कि हम इस मामले के एकदम डीएनए तक जाएंगे और वो भी एकदम सिंपल लैंग्वेज में ताकि इस कॉम्प्लिकेट दुनिया के सारे राजों से पर्दाफाश हो सके और साथ में हमें बहुत कुछ नई बातें हमारे ही बारे में सीखने को भी मिले हम इंसानों का भविष्य आखिर क्या होने वाला है लेट्स [संगीत] बिगिन बट बिफोर अंडरस्टैंडिंग दैट मैं आप सभी को एक बड़ा थैंक्स कहना चाहता हूं जो भी मुझसे मिलने उडू कम्युनिटी डेज अटेंड करने
आया मैंने पर्सनली ये इवेंट काफी एंजॉय किया क्योंकि मुझे इसमें काफी लाइक माइंडेड एंटरप्रेन्योर्स और आप लोग मेरे सब्सक्राइब से इंटरेक्ट करने का मौका मिला मेरे सेशन में और इवन सेशन के बाद आप में से कई लोगों ने मुझसे बिजनेस साइंस टेक्नोलॉजी पर क्वेश्चंस पूछे एंड आई होप मैं आपके डाउट्स अच्छे से सॉल्व भी कर पाया बट कमिंग टू उडू आई जेनुइनली थिंक एक काफी अच्छा प्लेटफार्म है जिसे आप यूज करके अपने बिजनेस को स्क्रैच से खड़ा कर सकते हो मतलब मान लो आपको सेल्स के लिए एक ई-कॉमर्स वेबसाइट ओपन करना है तो मैंने अपनी
पुरानी वीडियो में आपको डेमो देके बताया था कि कैसे आप सिर्फ 5 मिनट में अपने लिए एक ऑनलाइन स्टोर ओपन कर सकते हो अगर एंप्लॉयज को हायर करना है तो इनके रिक्रूटमेंट पप से आप कैंडिडेट्स के इंटरव्यू से लेकर ऑन बोर्डिंग तक के सारे स्टेजेस को ट्रैक कर सकते हो इनवॉइस इशू करना है तो आप एक ही जगह से प्रोफेशनल इनवॉइस अपने हिसाब से कस्टमाइज करके क्रिएट कर सकते हो जिससे आप अपने क्लाइंट से इजली फास्ट पेमेंट्स रिसीव कर सकते हो फिर रोज हजारों कांट्रैक्ट्स और डॉक्यूमेंट करना भी किसी बिजनेस के लिए एक नाइटमेयर जैसा
होता है बट उडू के साइन पप से आप यह सब कुछ सिर्फ डिजिटली साइन ही नहीं बल्कि मैनेज भी कर सकते हो बेसिकली अब तक अगर आपने अपने बिजनेस के मेजॉरिटी ऑपरेशंस को मैनुअली हैंडल किया है तो विथ डज टेक्नोलॉजी आपकी ऑलमोस्ट सारे वर्टिकल्स ऑटोमेट हो जाएंगे वो भी एक ही प्लेटफॉर्म से आपको फर्स्ट पप यहां पर कंप्लीट फ्री मिलता है फॉर अनलिमिटेड यूजर्स उसमें भी होस्टिंग एंड सपोर्ट भी फ्री है सो डेफिनेटली चेक आउट उडू लिंक मैंने डिस्क्रिप्शन में डाल दिया है अब नाउ लेट्स जंप बैक टू आ टॉपिक सो फ्रेंड्स शुरुआत करते हैं
एकदम बेसिक लेवल से कि ये क्रोमोजोम्स ही आखिर क्या होते हैं जो कि खतरे में है सो हम इंसान सैकड़ों सेल्स यानी कि कोशिकाओं के बने होते हैं आओ इनमें से किसी भी एक सेल के अंदर जरा जूम करके देखते हैं हमें क्या मिलता है ये है सेल न्यूक्लियस और इसके आसपास है बाकी के सेल ऑर्गेनल्स यानी कि पार्ट्स जैसे कि माइटोकांड्रिया गोलगा बॉडी लाइसोसोम एसेट अब इस न्यूक्लियस जो कि सेल का मेन गढ़ होता है उसके अंदर अगर जूम करेंगे तो हम देख सकते हैं कि यहां पर क्रोमोजोम्स पेयर्स यानी कि जोड़ियों में मौजूद
है क्रोमोजोम्स बने होते हैं डीएनए की लंबी चेन से जो कि हिस्टोन प्रोटींस नाम के एक स्पेशल बॉन्डिंग प्रोटीन के ऊपर कॉइल हो होकर एक टाइट और कंडेंस्ड स्ट्रक्चर बनाते हैं बेसिकली क्रोमोजोम्स एक स्ट्रक्चर है जो कि डीएनए के चेनस को बांध के रखता है और उसे प्रोटेक्ट करता है किसी भी तरह के एक्सटर्नल इंटरफेरेंस से अच्छा अब ज्यादातर लोग ना डीएनए जींस और क्रोमोजोम्स इन तीन टर्म्स को लेकर काफी कंफ्यूज होते हैं या उन्हें आपस में अदला-बदली करके यूज़ कर लेते हैं पर इनमें डिफरेंसेस है जो अभी जान लेते हैं सो इसे ऐसे समझो
डीएनए ना सबसे बेसिक स्ट्रक्चर है इसे आप ईट यानी कि ब्रिक जैसा समझ सकते हो जो घर बनाने के लिए बिल्कुल जरूरी है अब इन डीएनए की लंबी चेनस को अगर मैं स्पेसिफिक जगहों पर कट कर दूं तो इन स्पेशल टुकड़ों को जींस कहते हैं ये जींस उन ईंट से बने स्पेशल दीवारों के जैसे होते हैं कि ईटों को साथ में ले लिया और बेडरूम की एक दीवार बन गई या फिर बाथरूम की एक दीवार बन गई या किचन की दीवार डीएनए की दीवारें या गुच्छे जींस क कहलाए जाते हैं इन्हीं जींस में हमारे फिजिकल
फीचर्स की इंफॉर्मेशन कोडेड होती है अब इन सबको आपस में जोड़ के और संभाल के रखने वाला स्ट्रक्चर क्रोमोजोम होता है ये वही घर है जिसमें वो सारी दीवारें समाई हुई है डीएनए और जींस दोनों समाए हुए हैं अच्छा ये क्रोमोजोम्स हमेशा पेयर्स यानी कि जोड़ियों में ही पाए जाते हैं हमारे हर एक सेल में क्रोमोजोम्स के 23 डिफरेंट पेयर्स पाए जाते हैं मगर आपके दिमाग में मे भी सवाल आ रहा होगा कि हमेशा जोड़ियों में ही क्यों जैसे फॉर एग्जांपल ह्यूमंस के क्रोमोजोम नंबर वन का केस ले लेते हैं जो कि साइज में सबसे
बड़ा है और उसमें करीब 3000 जींस प्रेजेंट है अब ह्यूमन रिप्रोडक्शन के दौरान मदर के साइड से 23 यूनिक क्रोमोजोम्स आते हैं और फादर के साइड से भी सिमिलर 23 क्रोमोजोम्स आते हैं अब जब स्पर्म और एग फर्टिलाइज होता है तो मदर साइड का क्रोमोजोम वन जाकर फादर साइड से आने वाले क्रोमोजोम वन के साथ जुड़ जाता है क्योंकि दोनों में सेम तरह का ही जेनेटिक डाटा मौजूद है सिमिलरली क्रोमोजोम टू भी एक मदर साइड से आता है और एक फादर साइड से और साथ में पैर बनाएगा एंड सो ऑन एंड सो फोर्थ इससे होता
क्या है कि क्रोमोजोम में सिमिलर जेनेटिक डाटा कैरी करने वाले जींस एक दूसरे के साथ जुड़ जाते हैं लिंक हो जाते हैं फ्यूज हो जाते हैं अब मान लो कि हाइट डिसाइड करने वाले जींस भी एक दूसरे से लिंक हो गए मदर साइड से जो जो जीन आया वो टॉल जीन है और फादर साइड से शॉर्ट अब इसमें से अगर मदर साइड वाला हो पाने के लिए इन क्रोमोजोम्स का जोड़ियों में होना जरूरी है और इसीलिए ये जोड़ियों में पाए जाते हैं अब यह सिलसिला सिमिलर पेयरिंग का फर्स्ट से लेकर 22 क्रोमोजोम तक चलता रहता
है एक दूसरे के साथ ये क्रोमोजोम्स जुड़ते रहते हैं एंड डोंट फॉरगेट वही दो क्रोमोजोम्स आपस में जुड़कर पैर बनाएंगे जिनका जेनेटिक डाटा सेम होता है और सेम ही सीक्वेंस में ये कोडेड होते हैं इन्हें इसीलिए ऑटोजोम्स भी कहते हैं अच्छा अब आपने सोचा है कि ऐसा क्यों है कि कोई भी बच्चा अपने मां और बाप का एग्जैक्ट कार्बन कॉपी नहीं होता बल्कि उनकी विशेषताओं का एक मिक्स प्रोडक्ट होता है वेल दैट इज बिकॉज जैसे हमने जाना ये ऑटोजोम्स हमेशा पेयर्स में पाए जाते हैं एक मदर साइड का और एक फादर साइड का तो कई
बार ये एक दूसरे के साथ डीएनए एक्सचेंज करते हैं यानी कि एक क्रोमोजोम का एक छोटा हिस्सा दूसरे के साथ रिप्लेस हो जाता है इस प्रोसेस को री कॉमिनेशन कहते हैं जनरली ये हर स्पीशीज के लिए फायदेमंद ही होता है इन नए कॉमिनेशन के जरिए आने वाले जनरेशन की डाइवर्सिटी और बाहर के एनवायरनमेंट में ढलने की क्षमता बढ़ जाती है यानी कि उनका सर्वाइवल रेट उनकी सर्वाइवल एबिलिटी भी बढ़ जाती है यू नो एज इट इज सेड इन बायोलॉजी वेरिएशन का ही दूसरा नाम है एवोल्यूशन डीएनए री कॉमिनेशन की वजह से ही बच्चा मां-बाप की
विशेषताओं का एक हाइब्रिड बन जाता है तो जेनेटिक री कॉमिनेशन किसी भी स्पीशीज के सर्वाइवल और फंक्शनल एवोल्यूशन का एक अहम हिस्सा है लेकिन अब तक हमने सिर्फ वन से लेकर 22 पेर वाले क्रोमोजोम्स जिसे ऑटोजोम्स कहते हैं उनकी बात की ह्यूमंस में 23 पेयर भी होता है और वो बाकी के ऑटोजोम्स से बिल्कुल अलग होता है इनफैक्ट क्योंकि ये सिमिलर पेयर्स में नहीं आता है तो इन्हें ऑटोजोम्स भी नहीं कहते हैं इन्हें सेक्स क्रोमोजोम कहते हैं ये सेक्स क्रोमोजोम्स दो यूनिक कॉमिनेशन में आते हैं एक्स एंड एक्स जो कि फीमेल बच्ची को जन्म देता
है और x एंड y जो कि मेल बच्चे को जन्म देता है क्योंकि वा क्रोमोजोम सिर्फ और सिर्फ सर्फ मेल्स में ही मौजूद होता है इसीलिए रिप्रोडक्शन के दौरान फादर साइड से अगर वा क्रोमोजोम पास होता है सिर्फ और सिर्फ तभी एक मेल बच्चा ही पैदा होगा वरना फादर साइड से एक्स क्रोमोसोम जाने पर नेचुरली फीमेल पैदा होगी और इसीलिए फादर की तरफ से जो क्रोमोजोम जाता है वही होने वाले बच्चे का सेक्स डिसाइड करता है अच्छा इस बात पे थोड़ा फोकस करना कि वाय क्रोमोजोम का कोई जुड़वा नहीं होता मतलब ये किसी के साथ
भी लिंक या अटैच या जुड़कर अपने आप को री कंबाइन अपना सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं कर सकता जैसे बाकी के दूसरे क्रोमोजोम्स कर पाते हैं व्हिच बेसिकली मींस ये एज इट इज हमारे दादाजी से पिताजी में पास हुआ और पिताजी से हम में और इसीलिए जेनेटिक्स या फॉरन सिक्स में किसी भी इंसान की पैटरनल लिनिस यानी कि मेल आंसेस्टर को ट्रेस कर पाना ज्यादा आसान होता है और बस यही है एक्स वा सेक्स डिटरमाइंड सिस्टम इंटरेस्टिंग राइट अच्छा बहुत लोग ऐसा सोचते होंगे कि एक्सवा सिस्टम सिर्फ ह्यूमंस में ही पाया जाता है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी
नहीं है यह एक्चुअली में एक बहुत ही कॉमन सेक्स क्लासिफाइड सम है जो कि ऑलमोस्ट सारे मैमल्स और इवन कुछ दूसरे जानवरों में भी देखने को मिलता है अच्छा अब इसी के जैसा एक ऑपोजिट सिस्टम भी है जड सिस्टम जहां पर मदर साइड से आने वाला डब्लू क्रोमोजोम बच्चे का सेक्स डिटरमाइंड करता है ये हमारे सिस्टम का बिल्कुल उल्टा है क्योंकि हम में फादर साइड से आने वाला वा क्रोमोजोम बच्चे का जेंडर डिसाइड करता है बट यहां पर मदर साइड वाला डब्लू क्रोमोजोम डिसाइड करता है यह जड सिस्टम ज्यादातर बर्ड्स और रेप्टाइल्स में देखने को
मिलता है यानी कि यहां पर मैटरनल लिनिस फॉलो होती है सो ऑल इन ऑल नेचर में यह दोनों भी सिस्टम्स एजिस्ट करते हैं सो अब आपके दिमाग में नेचुरली ये सवाल आएगा कि इसे जानने का क्या मतलब जड सिस्टम हमारे लिए क्यों इंपॉर्टेंट है वेल क्योंकि ओवर द इयर्स डब्लू क्रोमोजोम भी एगजैक्टली वही संकट से ऑलरेडी गुजर चुका है जिस संकट से आज हम मेल्स का बाय क्रोमोजोम गुजर रहा है डब्लू क्रोमोजोम के भी जींस ओवर द इयर्स सिग्निफिकेंट कम होते गए हैं जो मेरे हिसाब से नेचर में एक काफी कॉमन पैटर्न की तरफ इशारा
कर रहा है वा और डब्लू क्रोमोजोम दोनों ही अपने रीप्रोड्यूस चेनस में अकेले हैं इनका कोई भी जुड़वा नहीं है बिना जुड़वा के यह री कंबाइन होकर अपने डीएनए को अपडेट नहीं कर सकते जिस वजह से प्रजाति में डिस्ट्रक्टिव फीचर्स पैदा होने लगते हैं और इतिहास भरा पड़ा ऐसे एग्जांपल से एं इजिप्ट में जो राजा हुआ करते थे जिन्हें फेरोस कहा जाता था उन्हें एक्चुअली में ना भगवान जैसा माना जाता था और इसीलिए इन्हें अपना ब्लड लाइन यानी कि अपना खून प्योर रखना होता था जिस वजह से ये अपने ही खानदान में भाई बहन या
उनके कजंस में ही शादी किया करते थे ताकि रॉयल ब्लड लाइन वाला ही बच्चा पैदा हो इसे बेसिकली इनब्रीडिंग कहते हैं बट यहां पर इनब्रीडिंग तो छोड़ो ये इंसेस्ट के लेवल तक भी पहुंच चुके थे 18th डायनेस्टी में यानी कि आज से करीब 3000 साल पहले अखन नाम के एक राजा ने एक समय में अपनी ही बेटी मेरी टैटन के साथ शादी कर ली थी और उसे रानी बना लिया था इन दोनों के इनब्रीडिंग से पैदा हुए टूटा खमन सीवियरली वीक और कई जेनेटिक बीमारियों के साथ पैदा हुए थे हिस्टोरियंस यह भी कहते हैं कि
खुद आखे नाट के फिजिकल फीचर्स भी नॉर्मल नहीं थे खींचा हुआ जबड़ा एक एक्सट्रीमली पतले शरीर के ऊपर फूला हुआ पेट और एसिमिट्रिक चेहरे जैसे कई फिजिकल एब नॉर्मेलिटी उनमें थी और उस ब्लड लाइन में भी मौजूद थी और टूटा खमन के बारे में तो आपने सुना ही होगा जिन्हें फेमस किंग तूट भी कहा जाता था उनका केस तो और भी ज्यादा सीवियर था 9 साल की उम्र में ही उन्हें किंग बना दिया गया था और वो एक स्पेशल बोन डिसऑर्डर के साथ पैदा हुए थे इसीलिए चलने तक के लिए उन्हें लकड़ी का सहारा लेना
पड़ता था इतनी नाजुक उम्र में बहुत ही ज्यादा कमजोर और बीमार रहने की वजह से उनकी 19 साल में ही मौत हो गई और ऐसा ही सेम अंजाम 18th डायनेस्टी के मोस्ट ऑफ द फैरोज को भी देखने मिला सिमिलर केस पुराने यूरोप की हैब्सबर्ग फैमिली के साथ भी हुआ था वो भी एक रॉयल फैमिली थी जिन्होंने भी हर जनरेशन में इनब्रीडिंग किया जिस वजह से पूरे खानदान में एक यूनिक जेनेटिक डिसऑर्डर वाला फीचर पैदा हो गया उनकी पूरी फैमिली में सभी का जबड़ा टेढ़ा ही रहा यह जेनेटिक डिसऑर्डर वाला फीचर उनके खानदान में इतना फ्रीक्वेंसी
स्पेशली फिर हैब्सबर्ग जॉ ही नाम दे दिया गया इसी के साथ ही इसी फैमिली में और भी जेनेटिक डिजीज जैसे कि ग्रोथ डिसऑर्डर्स एपिलेप्सी इंपोर्टेंस और अन्य किस्म के मेंटल डिसऑर्डर्स भी देखे गए इवन इंडिया में पारसी जब पहली बार आए थे तो अपने क्लोज रिलेटिव्स और कजंस में ही इनब्रीडिंग के कारण पार्सी कम्युनिटी में भी बहुत सारे जेनेटिक और न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर्स पैदा होने लगे थे तो ग्लोबली अगर देखा जाए ना तो अलग-अलग टाइम स्केल्स पर कई सारे रेसेस या स्पीशीज में एनोर्म टीज देखी गई है इसका मेन रीजन यही रहा है कि जब भी
इनब्रीडिंग या इंसेस्ट से कोई बच्चा पैदा होता है तो दोनों भी पेरेंट्स के तरफ से ऑलमोस्ट सेम ही जींस आते हैं इससे यह होता है कि री कॉमिनेशन के दौरान जो वीकर जींस है और जो जेनेटिक डिफेक्ट्स है वो अपडेट ही नहीं हो पाते और वो नेक्स्ट जनरेशन में भी कैरी फॉरवर्ड हो जाते हैं और फिर यही जेनेटिक एब नॉर्मेलिटी आगे के भी जनरेशन में पास ऑन होते चले जाते हैं और सिचुएशन बद से बदतर होती जाती है और अंत में ऐसे कॉम्प्लिकेटेड और डिस्ट्रक्टिव डीएनए कोड्स पैदा हो जाते हैं जो कि डिस्ट्रक्टिव फीचर्स पैदा
करते हैं जो कि पूरी लिनिस को ही खत्म कर स सकते हैं और यही कारण था कि इजिप्शियन फैरोज जिन्हें एक समय पर भगवान माना जाता था व भगवान खुद ही अपनी जान भी नहीं बचा पाए और अपने राज्यों को अंत में खो बैठे सो इतिहास से भी हमें यही सीखने को मिलता है कि जींस को री कंबाइन होकर अपने एरर्स को अपडेट करते रहना आवश्यक है और अगर ऐसा नहीं होता तो वो डिग्रेड होना शुरू हो जाते हैं प्रकृति की भाषा में सिंपल फंडा है या तो आप ग्रो कर रहे हो या फिर आप
मर रहे हो और साइंटिस्ट इसीलिए यही चिंता जता रहे हैं कि अब मेल्स का वा क्रोमोजोम भी एगजैक्टली ऐसे ही डिग्रेड होते जा रहा है तो क्या हमारा अंत भी पहले बताए गए कुछ केसेस की तरह ही होगा क्या स्पेशल होने की कीमत हम मर्दों के वाई क्रोमोजोम को मौत के तोहफे के रूप में चुकानी पड़ेगी वेल चलिए समझते हैं कि हम मर्दों का फ्यूचर आखिर क्या हो सकता है सो क्या हमारे पास कोई सबूत है आज के तारीख में कि वा क्रोमोजोम सच में विलुप्त भी हो रहे हैं क्या साइंटिस्ट एगजैक्टली किस आधार पर
इतना बड़ा दावा कर रहे हैं वेल हमारे पास सबूत है करीब 30 करोड़ साल पहले जब धरती पर पहली बार मैमल्स का जन्म हुआ था तब एक्सवा क्रोमोजोम पैर में एक्स और वा क्रोमोजोम्स दोनों ही सेम साइज के थे लेकिन आज वा क्रोमोजोम अपने जोड़ीदार एक से साइज में तीन गुना छोटा हो चुका है तब से लेकर आज तक वा क्रोमोजोम ने ओरिजनली 1438 जींस में से 1393 जींस खो दिए हैं या यानी कि लगभग तीन से 4 पर ही जींस आज के तारीख में वाय क्रोमोजोम में बाकी रह गए बाकी के सारे विलुप्त हो
गए वाय क्रोमोजोम में आज सिर्फ और सिर्फ मेल रिप्रोडक्शन और मेल फर्टिलिटी से ही लिंक्ड जींस बचे हैं बाकी सारे जींस विलुप्त सो यही सेम चीज आखिर एक्स क्रोमोजोम के साथ क्यों नहीं हुई उनके साथ भी तो होना चाहिए था ना क्योंकि आखिर वो भी तो सेक्स क्रोमोजोम है फीमेल सेक्स क्रोमोजोम तो फिर ये भेदभाव का को वेल मेजर्ली इसके दो रीजंस है पहला ये कि एक्स क्रोमोजोम सिर्फ फीमेल सेक्स स्पेसिफिक क्रोमोजोम है ही नहीं और ये एक बड़ा मिसकंस्ट्रूड ह्यूमंस में फीमेल डेवलपमेंट ये एक डिफॉल्ट सेटिंग होती है हर कोई बच्चा इवन मेल्स भी
सबसे पहले फीमेल्स के रूप में ही जन्म लेता है बस सिर्फ मेल सेक्स डेवलपमेंट के लिए एक अलग से ट्रिगर ऐड हो जाता है टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के रूप में जो कि y क्रोमोजोम ऐड करता है और दूसरा इंपॉर्टेंट रीजन ये है कि वमन में एक्स सेस क्रोमोजोम्स जब साथ में होते हैं तो वो आपस में री कंबाइन होकर अपनी जेनेटिक डाइवर्सिटी को बढ़ाते हैं और इसीलिए एक्स क्रोमोजोम एवोल्यूशन के साथ अपने आप को बेहतर करते जाता है अपडेट होते जाता है बट y के केस में जैसे हमने जाना म्यूटेशंस की वजह से जब भी कोई
जेनेटिक डिफेक्ट पैदा होता है या डीएनए का टुकड़ा टूट जाता है तो री कॉमिनेशन की मदद से वो कभी रिपेयर ही नहीं हो पाता इस वजह से इसमें जो भी डिफेक्ट्स पैदा होते हैं उसको वा क्रोमोजोम सिंपली डिलीट कर देता है इरेस कर देता है और नतीजा आज वा क्रोमोजोम में सिर्फ और सिर्फ 45 एक्टिव जींस ही रह गए हैं और अब साइंटिस्ट का यह मानना है कि जिस गलती से वा क्रोमोजोम अपने जींस को खो रहा है वो अगले सैकड़ों सालों में पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा सो वाई क्रोमोसोम जो कि अकेले सिर्फ
इंसानों में नहीं है जैसे हमने जाना वो कि दुनिया भर के मैमल्स में और साथ में कुछ इंसेक्ट्स में भी यहां तक कि कुछ स्नेक्स और फिशेज में भी ये सब भी विलुप्त हो जाएंगे सो अगर देखा जाए तो इसे इंसानों के लिए नहीं बल्कि इस पृथ्वी के ऑलमोस्ट सभी जानवरों के लिए एक खतरे की घंटी है है ना बट जस्ट थिंक अबाउट इट क्या प्रकृति इतने आसानी से लाइफ को खत्म होने दे देगी या फिर इन्हीं जानवरों में से कुछ स्पीशीज इस मौत के मंजर कु चकमा देकर बाहर निकलने का कोई रास्ता खोज निकालेगी
रिसर्चस ने दो ऐसी चूहों की प्रजातियां ढूंढ निकाली है जापान के स्पाइनी रट्टनलॉटरी मेल और फीमेल रट्ज के साथ पैदा होते हैं दे डू नॉट हैव अ वा क्रोमोजोम एट ऑल बट एक इंटरेस्टिंग एवोल्यूशन यहां पर ये हुआ कि इनके वाई क्रोमोजोम्स का सारा जेनेटिक डाटा दूसरे किसी क्रोमोजोम में ट्रांसफर हो गया और स्पीशीज बिना किसी रुकावट के आगे बढ़ते चली गई विदाउट हैविंग अ वा क्रोमोजोम सो अब ये सुनकर थोड़ा सा मन हल्का हुआ टेंशन थकान स्ट्रेस बोट जिंदगी से थोड़ा सा हल्का हो गया वेल ये स्टडी अपने आप में ही उम्मीद की एक
बड़ी किरण जरूर पर कोई भी एक्सपर्ट यह दावे के साथ नहीं कह सकता है कि हम इंसानों के केस में भी यही सेम एवोल्यूशन देखने को मिलेगा इनफैक्ट यहां पर आकर साइंटिस्ट अलग-अलग टीम्स में बढ जाते हैं कुछ साइंटिस्ट यह मानते हैं कि वाय क्रोमोसोम का जो डिग्रेडेशन है वो एक पॉइंट के बाद रुक जाएगा क्योंकि इतने सालों से जिन जींस को वाई ने बचा के रखा है उसे वाय अपने आप गायब या नष्ट होने नहीं देगा एक सेक्शन साइंटिस्ट हो का यह भी बिलीव करता है कि इन चूहों की तरह ही इंसानों में भी
सारा इंपॉर्टेंट जेनेटिक डाटा दूसरे क्रोमोजोम्स में ट्रांसफर हो जाएगा और सेक्स डिटरमिनेशन का एक नया मैकेनिज्म ही डिवेलप हो जाएगा लेकिन एक्सपर्ट्स ने यह भी चेतावनी दी है कि ऐसा होने पर हमें नहीं पता कि ये नया मैकेनिज्म एगजैक्टली कैसे काम करेगा हो सकता है कि इसके चलते नई इंसानी स्पीशीज का ही जन्म हो जाए जिसमें मेल्स जैसे आज दिखते हैं उससे टोटली अलग ही दिखने लगे क्या ऐसी सोसाइटी में मैस्क्युलिनिटी और मर्दा गी का एक नया कांसेप्ट ही जन्म ले लेगा हु नोज अब एनीवे इसका जो भी आउटकम हो लेकिन ये रिसेंट न्यूज़ और
डिस्कवरीज जो है वो एक आई ओपनर की तरह सबके सामने आई है और इसीलिए दुनिया भर के न्यूज़ मीडिया आउटलेट्स में इसके चर्चे हो रहे हैं बट बीइंग अ साइंस एंथियास मेरा यह काम था कि आपके सामने पूरी सच्चाई लाकर आपको रख देना और साथ में आपको इस कांसेप्ट की डेप्थ और डिटेल के बारे में भी समझाना इस वीडियो से हमें प्रकृति की एक बहुत ही फंडामेंटल सच्चाई सीखने मिलती है इस ब्रह्मांड में या तो आप इवॉल्व हो रहे हो या तो आप मर रहे हो ये एक सबसे फंडामेंटल प्रिंसिपल है सिद्धांत है ब्रह्मांड का
और हमारी लाइफ में भी यह 100% एप्लीकेबल है अगर हम नॉलेज नई विशेषताएं और नए स्किल्स सीखकर खुद को बदलती परिस्थितियों के साथ अपडेट और इवॉल्व नहीं कर रहे हैं तो हम कहीं ना कहीं मर रहे हैं और आज आपने इस वीडियो को देखकर एगजैक्टली यही किया साइन समझकर अपने नॉलेज को अपडेट किया और थोड़ा सा और ग्रो हो गए सो फ्रेंड्स आपको क्या लगता है हम मेल्स का भविष्य क्या होने वाला है प्रिडिक्ट किए गए दो-तीन आउटकम्स में से कौन सा आउटकम हमारा भविष्य होगा आपके हिसाब से कमेंट्स में जरूर बताना एंड एज ऑलवेज
कीप ग्रोइंग एंड कीप इवॉल्विंग जय हिंद वंदे मातरम
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