नफरत वह चीज है जिसे लम्हे में महसूस किया जाता है और मोहब्बत वह चीज है जिसको साबित करने में जिंदगी गुर्जर जाति है अच्छे इंसान की सबसे पहले और सबसे आखिरी निशानी यह है की उन लोगों की भी इज्जत करता है जींस उसे किसी किम के फायदे या मफत की कोई दवा कोई नहीं होती अल्लाह को पसंद है वह दिन जिसमें मखलूक का दर्द हो और वह आंसू जो खौफ ए खुदा से गियर इबादत जरूर कीजिए मगर मामला पर खसताव बच्चे दीजिए काबे के चक्कर लगाने से इंसानों को दिए चक्कर माफ नहीं जाते [संगीत] जिंदगी
उसे सांस से भी ज्यादा सख्त होती है उस्ताद पहले सबक देता है फिर इम्तिहान लेट है लेकिन जिंदगी पहले इंतिहान लेती है फिर सबक देती हैं एक बुजुर्ग ने कहा बेटा अल्फाज जो भी हो जैसे भी हो लोग मतलब हमेशा अपनी मर्जी इंसान की इतनी औकात नहीं की अल्लाह का कुर्बासिल करें अल्लाह जिसे पसंद कर लेट है उसे उसके जबरदस्ती अपनी जैब खींच लेट है [संगीत] अपने वालिद से हम कलाम रखो बुध जवान राहत है जरा जो समझ आने लगती है किताबें हयात जिंदगी अक्सर नया वक्त पलट देती हैं खुश कोना है तो तारीफ सनी
और बेहतर होना है तो टंकी सनी सच्चाई और अच्छाई की तलाश में पुरी दुनिया घूम ले अगर वो आप में नहीं तो कहानी भी नहीं तन्हा होना यह नहीं होता की आपके पास कोई नहीं है तन्हा होना डर असलियत होता है की सब आपके पास है लेकिन आपका कोई नहीं जी दरवाजे से शक अंदर आता है मोहब्बत और एतमाद उसे दरवाजे से बाहर निकाल जाति हैं जब कभी वफा की बात आई है तो अशरफुल मखलों का कुत्तों की मिसल देते हैं किसी के जज्बात को इतनी चोट ना पहुंचाओ की आपका ख्याल जब भी उसे आए
तो उसे तकलीफ ही हो उबलते पानी में चेहरा नजर नहीं आता तुम्हारा गुस्सा जब उतारे तो फैसला करना उसे की हालात में लफ्जों पर खाबो रखा करें यह नन्हे नन्हे अल्फाज बड़े-बड़े गाव लगाने की ताकत रखते हैं एक चिराग से कई चिराग रोशन किया जा सकते हैं रोशनी कम नहीं होती और बाढ़ जाति है इसी तरह खुशियां बांटने से बढ़नी हैं घटती नहीं कुछ लोगों के पास कुछ नहीं होता वह फिर भी मुस्कुरा रहे होते हैं जानते हो क्यों क्योंकि वह अल्लाह लाल से अच्छे की उम्मीद रखते हैं हमारा हर दिन एक सबक लेकर आता
है और हर शाम एक तजुर्बा देकर ढलती है समझदार इंसान वो नहीं जो बड़ी बड़ी बातें करने लगे छोटी-छोटी बातें समझना लगे मुश्किल वक्त दुनिया का ऐसा जादूगर है जो एक पाल में आपकी चाहत के दावेदारों का चेहरा बेनकाब कर देता है तकलीफ में सब्र से कम लो क्योंकि सोनी को आज से और मन को तकलीफ से आजमाया जाता है जो अल्लाह के दिए हुए ऋक को काफी समझे वो जिंदगी में कभी भी किसी का मोहताज नहीं हो सकता खूबसूरत होना हम नहीं हम होना खूबसूरती हैं झुको सिर्फ वहां पर जहां तुम्हें झुकना ज़िद ना
हो तन्हाई वो शहर जो करता है और इंसान शैतान से जान क्यों एक ख्याल सा आया हम ना होंगे तो क्या कमी होगी को नमाज मोहब्बत समझ के अदा करोगे तो अल्लाह तुम्हें दूसरी नमाज के लिए खुद खड़ा कर देगा मुनाफिक लोगों से वो कुत्ता बेहतर है जो सामने भोक्ता है पीठ पीछे नहीं जिंदगी की साड़ी बुलंदियां अल्लाह के आगे झुकना से मिलती हैं सजदे टेबिल कर दें मुश्किल खलील हो जाएगी बेहतरीन दोनों के लिए बुरे दोनों से लड़ना पड़ता है मुस्कुराए और आगे बाढ़ जैन इससे अच्छा इंतिखाम और क्या बुरे लोगों से नहीं अच्छे
लोगों के चुप रहने से फैलती हैं बेहतरीन आंख वो है जिससे इंसान अपने अंदर झांक सके इंसान मिट्टी का भूल तू है जो खून फिर कर वापस बनाने वाले के पास ए जाता है अगर अपना घर अपने सुकून का 22 ना बने तो समझ लो की तौबा का वक्त ए गया है जिंदगी की ठोकर बहुत निराली है जब भी लगती है किसी की असलियत दिखा जाति हैं या फिर कुछ ना कुछ शिखा जाति है जो गलती नहीं करता वह फरिश्ता है जो गलती करके दत जैन वह शैतान पैदा उसने सारे समुद्र की ये मगर मोहब्बत
वो सिर्फ एक आंसू के खतरे से करता है तुम सब्र की इंतहा कर दो अल्लाह मौजूद देगा जब वह तुम्हारी दुआओं पर राजी हो जाता है तो यह नहीं देखा की दुनिया इस चीज पर मुतमईन है या नहीं और ना उसको इस बार से कोई फर्क पड़ता है की इस दुआ की काबिलियत में कितनी रुकावट है तो नामुमकिन की साड़ी गियर अपने आप खुला जाति हैं देखना अल्लाह तुम्हारी ऐसी मदद करेगा की तुम खुद भी हैरान र जाओगे अल्लाह उनको आजमाता है जिनको करीब लाना चाहता है जिंदगी उसे जान से शुरू होती है जिसकी नमाज
नहीं होती और उसे नमाज पर खत्म होती हैं जिसकी जान नहीं होती लोग दुनिया को हकीकत समझ बैठे [संगीत] की कुछ नहीं जो लोग कहते हैं की सच्चा इंसान जबान का कड़वा होता है उनको बताओ की मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वल्लम से ज्यादा सजा और मीठे अखलाक वाला कोई एन था तुम पानी जैसा बानो जो अपना रास्ता खुद बना लेट है पत्थर जैसा मत बानो जो दूसरों का रास्ता भी रॉक लेट है इंसान मायूस और परेशान उसे वक्त होता है जब वह अपने रब को राजी करने के बजे लोगों को राजी करने में ग जाता है
आप सब्र करते [संगीत] रहे नहीं करता [संगीत] अगर अल्लाह की मदद चाहते हो तो उसकी मखालो की मदद किया करो दूसरों को सुकून देने वाला कभी बेशकुन नहीं राहत इंसान किस कहते हैं इंसान उसे कहते हैं जिसके दिल में इंसानियत आंख में एहतराम अल्फाज में नमी अखलाक में रम दिल्ली और मकान परेशानियां की दवा सजदा है अगर फिर भी शिफा ना मिले तो दवा की मुख्तार बड़ा दो [संगीत] दिल में कोट हो तो दुआ आता और मोहब्बत रास्ता बादल लेती हैं रिश्तो के बदलने का क्या रोना वक्त तो आपकी अपनी शक्ल तक बादल देता है
उम्मीद रब से रखो सबसे नहीं यकीन रखें सबल रखें वक्त भी बदलेगा खुशियां भी और नसीब भी जी वक्त अल्लाह का हुकुम आएगा ठीक फैसला हो जाएगा और अल्लाह तुम्हें यूं खुश कर देगा जैसे तुमने कोई गम देखा ही ना हो अपने अल्फाज के गुलाम बने से बेहतर है की अपनी खामोशी के हुक्मरान बन जैन नाकामी कामयाबी का मुताजाद नहीं ये उसका एक हिस्सा है वक्त की तेज रफ्तारी सिखाती हैं बताती हैं और दिखाई हैं मंजिल भी मुसाफिर भी अपने भी और पराई भी कुछ बातें समझने से नहीं खुद पर बीट जान पर समझ आई
हैं कहां अब दुआओं की बरकतें वह नसीहत दे वो हिदायत वो कहुलूज हैं यह जरूर का सलाम है माहौल की कड़वाहट जब खून का हिस्सा बंटी है तो खुद बी खुद लहजो से मिठास कम हो जाति हैं देना शुरू कर दें आना खुद ही शुरू हो जाएगा इज्जत भी और रिस्क भी [संगीत] हम लोग भी कितने अजीब हैं निशानियां महफूज रखते हैं और लोगों को को देते हैं आपकी हजार मुखालसाना कोशिशें के बावजूद भी अगर जान वाला जाना चाहे तो उसे सबसे कीमती तोहफा आप जो दे सकते हैं वह रास्ता जिंदगी में हम जबरदस्ती किसी
को अपने लिए मुखलिस नहीं कर सकते और ना ही किसी को यह यकीन दिल सकते हैं की हम उनके साथ दुरुस्त हो लेकिन उसके बड़े में बताने वाले शख्स की नित तुरना हो लिहाजा हरसुनी सुने बात पर यकीन ना किया करें लोग समझते हैं की वह सिर्फ पत्थर की मूर्ति का नाम है लेकिन हर वो चीज जो आपके दिल में अल्लाह से ज्यादा अहमियत इख्तियार कर जाए वही आपका बट है अक्सर मर्तबा अनुभूमवत बकरियां चराने वालों को मिली है और मर्तबे विलायक गुलाम और फकीरों को आता किया [संगीत] इंसान एक ऐसा महफिल मंसूब एहसास है
की अपनी साड़ी प्लानिंग में कभी अपनी मौत को शामिल ही नहीं करता जिंदगी के बेहतरीन दूर के बड़े में लोगों से पूछें तो जवाब मिलेगा की अच्छा जमाना गुर्जर चुका [संगीत] हो तो उसका हाथ कैट दिया जाना चाहिए और अगर चोरी मजबूर होकर की हो तो वक्त के हकीम की गार्डन उदा देनी चाहिए रिश्ते तो खुदा पाक की बहुत बड़ी नेमत है इंसानों के दरमियां रिश्ते नहीं रवैया फासले पैदा करते हुए परिंदों को नींद में गिरने नहीं देती वह जाट इंसान को कैसे बी यार और मददगार छोड़ शक्ति हैं दुनिया की हर चीज से फायदा
उठाएं पर कभी किसी की कमजोरी और मजबूरी का फायदा ना उठाएं ताल्लुक भी रिस्क की तरह होता है तो बरकत खत्म हो जाति हैं बड़ा चने वालों को बताओ इज्जत है अल्लाह के साथ देती है अल्लाह के दोस्तों की अंधेरी रात भी रोज रोशन की तरह चमकते हैं [संगीत] हशीले जिंदगी हसरत किसीवा कुछ भी नहीं यह किया नहीं वो हुआ नहीं यह मिला नहीं वो रहा नहीं तूफान आना भी जरूरी है जिंदगी में ताकि पता चले कौन हाथ पकड़ कर भाग रहा है और कौन हाथ छोड़कर तीन लोग कभी ना भूलना जिसने मुश्किल में साथ
दिया जिसने मुश्किल में साथ छोड़ जिसने मुश्किल में डाला उसे जगह मत जो जहां लोग तुम्हें बर्दाश्त करते हो वहां जो जहां लोग तुम्हारा इंतजार करते हो दोस्त वह है की जब देखो तो आईना लगे और जब साथ चले तो सैया लगे क्योंकि आईना कभी झूठ नहीं बोलना पर सैया कभी नहीं छोड़ना अगर आपका जमीन साफ है तो इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता की कोई आपको अच्छा कहे या बड़ा आप अपनी नित पर जाते जाएंगे दूसरों की सोच पर नहीं कामयाब लोग अपने फसलों से दुनिया बादल देते हैं और कमजोर लोग दुनिया के
डर से अपने फैसला बादल देते हैं अल्लाह की पकड़ इंसान की अकड़ को एक झटका में निकाल देती हैं इससे पहले के टूट जो झुक जो [संगीत] आने लगी कोई मुखलिस होकर आपके सामने झुक जाए तो उसे झुका हुआ ही समझे गिरा हुआ नहीं इमाम शफी फॉर्मेट हैं अल्लाह ताला के रास्ते पर खुशकिस्मती से चल पड़े हो तो देश भागो तेज भगाना अगर किसी वजह से मुश्किल है तो आहिस्ता भाग लो तक गए हो तो चलो यह भी नहीं कर सकते हो तो गि ल मगर वापसी का कभी ना सोचना कुरान पाक में जालिम के
लिए तीर और मजलूम पर रखा हुआ मलहम है सुनने वाले ने पूछा वह कौन सी इमाम शफी ने फरमाया वो मां का ना रबू का नसीब खुलना वाला नहीं काबिले रम है वह कॉम जो जनाजो के हम के शिवा कहानी और अपनी आवाज बुलंद नहीं करती और मासी की यादों के शिवा उसके पास फक्र करने का कोई समाज नहीं होता अगर इंसान बड़े गुना छोड़ दें तो उसकी छोटी-छोटी बुरी आदत है अल्लाह खुद चुडा देता है नित कितनी भी अच्छी हो दुनिया तुमको तुम्हारे दिखावे से जानती हैं और दिखावा कितना भी अच्छा हो अल्लाह तुमको
तुम्हारी नित से जानता है किसी को जलील करने से पहले खुद जालिम होने के लिए तैयार रहे क्योंकि अल्लाह का तराजू सिर्फ इंसाफ बोलना है [संगीत] अल्लाह ताला को जबान पर दिल का सख्त होना पसंद नहीं इसलिए अल्लाह ने उन दोनों को बगैर हड्डी के बनाया है मत करना कभी गुरुर अपने आप पर इंसान रब ने तेरे जैसे एन जान कितने मिट्टी से बना कर मिट्टी में मिला दिए बेशक नमाज ही बेहतरीन साथी तक और हश्र से जन्नत तक खूबसूरती का ताल्लुक नजर से कम और दिल से ज्यादा होता है हमेशा शुक्र करें और याद
रखें की आपकी जिंदगी हजारों लोगों से बेहतर है जो कहानी अल्लाह के सुपुर्द की जाति है उसे कहानी उदास नहीं होता [संगीत] इंसान बुझल इतना है की ख्वाबों में भी डर जाता है और बेवकूफ इतना की जागते हुए भी अपने रब से नहीं डरता बेशक मेरा रब वो है जो इंसान की रू के अंदर की अजियतों को जानता है अल्लाह का कोई का लेना ऐसी मंजिल है जिसके बाद कोई मुश्किल नहीं अल्लाह की निगाह में तुम अब तक उसके लाडले हो दुनिया की नजर में तुम फिर कितने ही गुनहगार क्यों ना हो फिर एक रोज
तुम उन तमाम खौफनाक राहों के बैंड हो जान पर शुक्र करोगे जिन पर चलने के लिए तुम बजे थे और अल्लाह ने तुम्हें रॉक लिया अपने अंदर की सोच को साफ रखें क्योंकि कश्तियां बाहर के पानी से नहीं अंदर के पानी से डूबती हैं बुराई ढूंढने का इतना शौक है तो आईने का इस्तेमाल कीजिए दूरबीन का नहीं सियानी कहते हैं तो गरीबों की जिंदगी आसन हो शक्ति है बुजुर्ग कहते हैं पेट और गुरुर बाढ़ जाए तो अपनों को गले लगाना मुश्किल हो जाता है कोशिश आखिरी सांस तक करनी चाहिए मंजिल मिले या तजुर्बा चीज दोनों
ही नायाब हैं अपनी नेकी छिपाना आपकी सोच का इंतिहान है और दूसरों के गुना छुपाना आपकी किरदार का इम्तिहान है उम्मीदें इंसान से लगाकर शिकवा खुदा से करते हो तुम भी कमल करते हो [संगीत] तुम्हारे लिए चुनाव जाता है और मुक्तसर किस्सा है खुदा और बंदे की मोहब्बत का अगर सजदे के बगैर रू को सुकून मिल सकता गौरव उन्हें को देता है जो उसे पर यकीन रखते हैं जहां मायूसी हो वहां हाथ खाली र जाते हैं नजदीक से आने वाली आवाजों में करीब करीब होती है जो की बहुत कम लोगों को सुने देती है लोग
यह तो नहीं जानते हैं की दूसरों के साथ क्या होगा अल्लाह फरमाता है बेहतरीन से पहले डेरी करता हूं फरमाता है मैं उन्हें को अजमत हूं जिन्हें मैं पसंद कर लेट हूं वो राजी होने वालों से ही राजी राहत है तुम अपना दिल उसकी रिजर्व में मुतमईन कर लो फिर देखना वह भी अपने राजा को तुम्हारे दिल के मुताबिक कर देगा [संगीत] [संगीत] दो पैरों में कितना फर्क होता है एक आगे और दूसरा पीछे मगर एन आगे वाला गुरुर महसूस करता है एन पीछे वाले तोहीन क्योंकि दोनों जानते हैं की पाल भर में जगह बदलने
वाली हैं इसी को जिंदगी कहते हैं रुकावट और मुश्किलात के लिए परेशान ना हो उनके पीछे बहुत हिकमत होती हैं या आपका रास्ता नहीं रुकते बल्कि बेहतरीन रास्ते पहले जान के लिए आई हैं अगर तुम गुलामी की जंजीर काटने की ताकत नहीं रखते तो फिर बेड़ियां से बड़ा हुआ अपना पाओ ही कैट डालो क्योंकि लाख दर्ज बेहतर है अगर आप सोच रहे हैं की हर चीज आपके हाथों से निकाल रही है और हालात आपके मुहाफिक नहीं है तो एक दफा उसे तरफ के बड़े में जरूर सोचना जो एक-एक करके अपने तमाम पेट को देता है
लेकिन फिर भी खड़ा राहत है बात हमेशा तमीज से और एतराज दलील से करो क्योंकि जवान तो हाइवानों के मुंह में भी होती है मगर वो इल और सनी कैसे महरूम होते हैं जिंदगी की सबसे बड़ी अजमत कभी शिकस्त एन खाने में नहीं बल्कि हर बार गिर कर दोबारा उठने में है कामयाबी ज्यादातर उन लोगों के पास आई हैं जिनके पास उसे देखने का वक्त भी नहीं होता अगर हर हुआ इंसान हारने के बाद भी मुस्कुरा दे तो जितने वाला अपनी जीत की खुशी को देता है बुरे से लोग का बेहतरीन जवाब अच्छा सा लोग
और जहालत का बेहतरीन जवाब खामोशी है मोहब्बत को अल्फाज में नहीं लहजों में तलाश करें अल्फाज तुम मुनाफिकीन के भी बहुत मीठे होते हैं इंसान की फितरत है वो किसी भी चीज की दो बार कादर करता है मिलने से पहले और को देने के बाद कुछ बटन को कुछ चीजों को वक्त और अल्लाह पर छोड़कर मुतमईन हो जाना चाहिए यह है की आपको मालूम हो की क्या कहना है की आपको मालूम हो कब कहना है नहीं आता [संगीत] सर झुकना से नमाज अदा नहीं होती दिल भी झुकना पड़ता है इबादत के लिए [संगीत] हिसाब आपसे
आपकी नजरों का ही होगा जब कोई अपना मा जाता है तो कब्रिस्तान से भी डर नहीं लगता [संगीत] है और कोई घर बैठे रब को का लेट है [संगीत] इंसान इतना मजबूत है की पहाड़ों का सीन क्या कर रख दे और कमजोर इतना के लिए यूं ही नहीं होती हाथ की लकीरों के आगे उंगलियां रब ने भी किस्मत से पहले मेहनत लिखी है उम्र और जिंदगी में क्या फर्क है जो अपनों के बिना गुजरे वह उम्र और जो अपनों के साथ गुजरे वह जिंदगी [संगीत] पता नहीं यह बुराई क्यों इतनी वजनदार होती हैं हम इंसान
किसी की एक बुराई की वजह से उसकी लाख अच्छाइयों को भूल देते हैं फिर वही एक बुराई दिल में सदा जिंदा रहती हैं मगर अच्छाइयां जिंदगी भर के लिए मिट्टी जाति हैं रहे जमीन पर अक्सरियत में ऐसे लोग हैं जो दुख तकलीफ फरेब धोखा तो इंसान को देते हैं और माफी अल्लाह से मांगते हैं तकरीबन 18000 मखलोकात में सिर्फ इंसान ही पैसा कामता है कोई मखलूक कभी भूखी नहीं रहती और इंसान का कभी पेट नहीं भरत मुनाफिक दोस्तों से समझदार दुश्मन बेहतर है क्योंकि दुश्मन वार करता है तो पता होता है मगर मुनाफिक इंसान दोस्त
बनकर जलील करवाता है [संगीत] किसी की नमी को उसकी कमजोरी ना समझो अगर वह सर झुका कर चला है तो सिर्फ खुदा के खौफ से अपने हाथ से की हुई दूसरों से संजत होने वाले गुना का तसकीरा किसी से ना करो यह तुम्हारी किरदार का इम्तिहान है मंजिल पन तो बहुत दूर की बात है गुरुर में रहोगे तो रास्ते भी नहीं देख पाओगे जमाने का शिकवा ना करो बल्कि खुद को बदलो क्योंकि पाओ को गंदगी से बचाने का तरीका जूता पहनना है ना के सारे शहर में कालीन बिछाना लोग अच्छा पढ़ने और अच्छा लिखने वाले
को काबिल इंसान समझते हैं जबकि हकीकत में काबिल वह है जो अच्छा सोच और अच्छा बोले अल्लाह ने इंसान को दिल दिया है लेकिन उसका सुकून सिर्फ अपने पास रखा और फरमाया याद रखो दिल का सुकून सिर्फ अल्लाह की याद में है जी दिन हमें मालूम हो जाएगा अच्छे इंसान को धोखा देने से सिर्फ ये होगा की आपको जैसे धोखेबाज मिलेंगे हीरे मोती नहीं शक्तियां बाढ़ रही है आलम की हौसले मुस्कुराए जा रहे हैं अल्लाह ताला अपने बंदे की तरफ कभी जाए होने नहीं देता इस को महेश्वर होता है जो उसे पन चाहता है कहानी
को बादल भी तो सकता है [संगीत] दुनिया में अगर कोई काबिले भरोसा है तो आपकी अपनी जाट और आपका रब है वो अल्लाह ही तो है जिसने तुम्हारे लिए कान आंखें और दिल पैदा किया मगर तुम लोग बहुत कम शुक्र अदा करते हो अल्लाह ने यह कभी नहीं कहा की जिंदगी आसन होगी मगर यह वादा जरूर किया हमेशा लाख से बात करो क्योंकि इंसान पर सबसे आई है हजरत जुनैद बगदादी फॉर्मेट हैं जब मुझे इश्क की नमाज और फर्ज की नमाज में फर्क पता चला तो मैंने 40 वर्ष की नमाज काजा पी दोस्त है वह
अल्लाह की जाट को कब देख सकता है लोगों के दरमियां अल्लाह इस तरह रोशन है जैसे सितारों में चंद अगर तू नहीं देखा है तो यह दुनिया तो महरु नहीं है अपने नफ्स की उंगली को आंख पर से हटा लेने फिर तू जो कुछ चाहता है देख एक जुमला इंसान की तबीयत के लिए काफी अल्लाह देख रहा है तन्हाई में गुना करने से बचो क्योंकि उसे गुना का गवाह अल्लाह नहीं आता जिंदगी में तुम वहां सुकून चाहते हो जहां आदम को सजा के लिए भेजो गया था [संगीत] गिर जाना नाकामी नहीं गिरने के बाद वहीं
पड़े रहनाकामी है कोई भी शख्स अल्फाज का चुनाव अपने सर्फ के मुताबिक करता है जैसा जिंदगी का तजुर्बा तो नहीं पर इतना मालूम है छोटा आदमी बड़े मौके पर कम ए जाता है और बड़ा आदमी छोटी सी बात पर औकात दिखा देता है इंसान की फितरत भी अजीब है वतन के जैसी सच्चाई पर नाराज और खुशामद जैसे धोखे पर खुश होता है जिंदगी की मुनाफिक ज्यादा टोकरो में सबसे कीमती धक्का वो होता है जिसे आप गिरते हैं और उठाना सीखने हैं वो बुलंदी किस कम की जी पर इंसान चढ़े और फिर इंसानियत से गिर जाए
परेशानी हालात से नहीं खयालात से पैदा होती है दुनिया में इंसान को हर चीज मिल जाति है सिर्फ अपनी गलती नहीं मिलती मैंने अपनी औकात को बहुत करीब से देखा है वह भी रब की मोहताज हैं क्यों मैं उम्मीद का दमन छोड़ डन मौज मुश्किलों में होते हैं साजिदों के बदले भी बसर फिर दोस्त जाता है कितना नादान है इश्क में भी होश चाहता है तो खुद से ही नहीं आशना तेरी जाट तुझपे ही राज है तेरे कल में है छुपा हुआ तेरे रू को जिसकी तलाश है गम है जो तेरी आंख का मंजर तलाश
कर बाहर जो को गया है वह अंदर तलाश कर जो तुझको तेरी याद से बाहर निकलते जुनून में ऐसा कलंदर तलाश कर महबूब को चाहता करें या ना करें [संगीत] तालाब सच्ची हो कृपया [संगीत] बहुत प्रवास कर बैठे खुदा बने में मसरूफ यह तमाशा भी खुदा देख रहा है इंसान के खिलाफ [संगीत] [संगीत] ए खुदा तो रू को मकाम आता कर जहां बगैर रफ के कलाम जारी हो जाए वो मुझे काफिरों में गिनते हैं जो नहीं जानते खुदा क्या है बाबा फरीद गंज शक गजब किसी को दुआ देते तो फॉर्मेट हैं जा तुझे इश्क कुछ
अकल के मतवाले कुछ इश्क के दीवाने पर वास कहां तक है किसकी यह खुदा जान वो मर्ज ए इश्क ही क्या जिसमें जल्द शिफा मिले कौन मांगे खुशियों की दुआ जिसको दर्द में खुदा मिले एखाक के पुतले तुझे इतराके नहीं है कुछ और भी है तुझे फक्त खाऊं [संगीत] में बका का राज मुझमें पर है जिसे मरना नहीं आता उसे जीना नहीं आता तेरी दुआ दुल्हनती है रू तकलीफ से पहले का जहां मांगती हैं दिलों की इमारत में कहानी बंदगी नहीं पत्थर की मस्जिदों में खुदा ढूंढते हैं लोग अगर हकीकत है फरिश्ते आरजू करते की
हम बसर होते