DELHI पर शाशन करने वाले सुल्तानों का पूरा इतिहास Complete History of Delhi Sultanate

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Gaurav Thakur
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Video Transcript:
यह बात है सन् 1998 कि जब करीब 500 सालों से दिल्ली का तक राजपूतों और चौहानों के राज में फल-फूल रहा था पर हेगल किस राजा मोहम्मद घोरी की नजर इस साल बाद शहर पर पड़ती है और फिर वह से हासिल करना ही अपने जिंदगी का इकलौता मकसद बना लेता है वह अपनी लाखों की सेना लेकर दिल्ली पर आक्रमण कर देता है और हमारे राजा उसे पूरी तरीके से हराकर भगा देते हैं पर ना तो वह जानते थे और ना ही पूरा देश जानता था कि मोहम्मद घोरी योर इंसान बनने वाला है जो भारत के
इतिहास की रुख हमेशा हमेशा के लिए बदल के रख देगा वह फिर से एक और एक बार 1192 में दिल्ली में हमला करता है और इस बार चरण की लड़ाई में व पृथ्वीराज चौहान से जीतकर जल्दी को हासिल कर लेता है और फिर उसके बाद क्या होता है और यहां पर एक सवाल भी उठता है कि आखिर पांडवास से लेकर मुगलों और मुगलों से लेकर मंगोल्स तक हर कोई दिल्ली के तख्त के पीछे क्यों पड़े थे आखिर इतना जरूरी क्यों था जिसे पाने की चाह में एक बेटा अपने सगे बाप को मारने से भी नहीं
कर रहा था आह हेलो फ्रेंड्स मैं हूं गौरव और सातवीं सदी से लेकर बारहवीं सदी तक दिल्ली के तख्त पर पचास से भी ज्यादा अलग-अलग राजवंश के राजा बैठ चुके हैं कुछ ठोकर बाजी से कुछ अपनों का खून बहाकर और आखिर यह चूर्ण सिर्फ दिल्ली के लिए क्यों इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए आइए ढूंढते हमारे अतीत में जानते हैं दिल्ली सल्तनत के खुनी इतिहास के बारे में इंतजार जुड़े इस व्यवसाय़ जल्दी सेल्स Note 3 कंप्लीट हिस्ट्री आफ फ्रंट आगे बढ़ने से पहले मैं पास आपके लिए बहुत इंपोर्टेंट है शहर के डिस्ट्रिब्यूट कर
रहे हैं वह भी फ्री में ताकि हम बेहतर तरीके से इस साइड में के साथ चीन कर सकें इसमें मेडिसिन सॉन्ग यह वाइट मिल ही 12345 सिटी मॉल के विचार ऑलरेडी मेड बाय थे मिनिस्ट्री आफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर यह घटना से विनती बढ़ाने में हेल्प करता है बल्कि फीवर और बॉडी सेल्स को भी कम करता है और आप इस केस को धनिया आप यह तनी डॉट कॉम से खुद भी आर्डर कर सकते हो और आपको कोई डाउट है यह कोई प्रोफेशनल हेल्प की जरूरत है अब एक डॉक्टर को भी कैंसल कर सके और धनिया
आप ऑल फॉर फ्री वह भी अपने सहूलियत के हिसाब से दूसरों को बचाना हमारी रिस्पोंस बीती है पहले खुद को बचाकर अपने आपको डाउनलोड करिए को विच कैन हेल्प बैनर पर क्लिक करिए हिंदी ओल्ड सेक्शन एंड प्लेस योर ऑर्डर और प्लीज एक दूसरे की हेल्प करिए लाइक शेयरिंग दिस वीडियो आज मचा चुके हैं क्योंकि आपको क्या पता शायद किसी जरूरतमंद तक ये विडियो पहुंच सके और उसको मदद मिल सके गांव से हम बस टीवी चुके हैं इस टाइम टो स्टेप अप फ्रेंड्स एंड हेल्प की चादर और धनिया आप इस साइड में बिल्कुल हमारे साथ है
कि लिंक इस अंदर डिस्क्रिप्शन दिल्ली सल्तनत की शुरुआत किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं हुई थी यह एक ऐसी कहानी है दिल्ली का सबसे पहला सुल्तान असल में पहले गुलाम हुआ करता था और उसी ने बीज बोया एक ऐसी राजवंश का जिसने दिल्ली के तख्त पर पूरे 14 ईयर्स तक मत की ओर भारत का नक्शा बदल डाला इस राजवंश की शुरुआत 1206 में मोहम्मद घोरी के मौत के बाद हुई और उनके उत्तराधिकारी ने घोड़ी के सबसे वफादार गुलाम और लेफ्टिनेंट जनरल कुतुबुद्दीन ऐबक को दिल्ली का सबसे पहला सुल्तान घोषित कर दिया कुतुबुद्दीन एबक खोजे गुलाम
होने की वजह से वह दिल से बहुत ही नेक था और हमेशा अपनी प्रजा को युद्ध जीतने के बाद तो फिर दिया करता था जिस वजह से लोगों ने प्यार से लाभ कहते थे और वह हमारे लिए कुछ ऐसे ऐतिहासिक स्मारक यह छोड़ गया जिसे आज दुनिया भर से लोग देखने आते हैं जैसे कि विश्व प्रसिद्ध क़ुतुब मीनार कुवैतुल इस्लाम और ढाई दिन का झोपड़ा जैसे मस्जिद काफी खुशाली में उनका राज्य चल रहा था पर बस से 5 साल राज करने के बाद 1210 में एवं की पोलो खेलते हुए घोड़े से गिरकर मौत हो गई
इसके बाद 1211 में उनके दामाद शमशुद्दीन इल्तुतमिश ने गद्दी संभालने शिव शुक्रिया अब अगर देखा जाए ना तो सही मायने में दिल्ली सल्तनत की शुरुआत इल्तुतमिश नहीं की थी क्योंकि इन्होंने अपने राज्य के दौरान अपनी राजधानी लाहौर से हटाकर दिल्ली बना दिया जो कि काफी मेजर चेंज था और दूसरी दिल्ली सल्तनत कि हम बात कर रहे तो डेली तो आना यह पर इल्तुतमिश अपने ससुर की तरफ अपने राज्य को और बढ़ाने के बारे में नहीं सोचता बल्कि उनका ज्यादा ध्यान उनके राज्य में चल रहे समस्याओं को सुलझाने में रहता था एक्सप्रेशन नहीं बल्कि साइंस फिक्शन
और कंटेंटमेंट में फोकस करते पर भले उन्होंने दूसरे राज्यों पर हमला नहीं किया वह किसी और को अपने राज्य पर हमला करने का मौका भी नहीं देते थे इंवाइट इतिहास में सबसे ज्यादा उनको गैंग इस खान को इंडिया पर आक्रमण करने से रोकने के लिए जाना जाता है और गैंग्स खान कितना ही कि रूलर था यह तो आप जानते ही होंगे अगर नहीं जानते तो उसके ऊपर हमने डिटेल में वीडियो बनाया है इसे आप यह वीडियो खत्म होने के बाद ऊपर आई बटन दबाकर देख सकते हो पर्चे निवेश कमिंग बैक टू द प्वाइंट साथ ही
इल्तुतमिश अपनी प्रजा की भलाई के लिए बहुत सारे कंस्ट्रक्टिव बदलाव लाने के लिए भी जाना जाता है जैसे एक्सांपल दिशा या चावल गणित को बनाने के लिए जो उस समय आज के काउंसिल आफ मिनिस्टर्स की तरह काम करता था उसके कोर्ट में 40 मंत्रिमंडल बैठते थे जो राज्य के इंपोर्टेंट सीजंस लेने मैं सुल्तान को सलाम आशीर्वाद देते थे इतना ही नहीं साथ में अपनी फौज के लिए उन्होंने एकता सिस्टम भी बनाया था जहां हर सैनिक उनके पोजीशन के हिसाब से पगार मिलती थी उनकी मौत के बाद दिल्ली सल्तनत कि यदि उनकी सबसे बड़ी बेटी रजिया
सुल्ताना के हाथों में आए दिल्ली की सबसे पहली और आखिरी महिला सुल्तान मनी पर आज की तरह उस समय भी लोग औरतों की कामयाबी से जलते थे और हमेशा उसके अच्छे कामों को नजरअंदाज कर देते थे रजिया सुल्तान बनने पर कई लोगों ने विरोध किया और उसके 4 सालों के शासन के बाद ही 2014 में उसके भाई मुकेश को दिनभर आम सामने उसे मार दिया इसके बाद कई सुल्तान आए और कहीं गए पर कोई भी दिल्ली की गद्दी को संभाल नहीं पाया लेकिन फेस्टिवल 6 में मामलों राजवंश की गद्दी पर बैठा एक ऐसा खतरनाक सुल्तान
जिसने एक की सालों तक दिल्ली पर अपना हुकुम बनाए रखा और उसका नाम था ग्यासुद्दीन बलवान बलवा ने आते ही इल्तुतमिश के चालीसा सिस्टम को हटाकर हर राज्य में अपने जासूसों को तैनात कर दिया और एक बहुत ही ताकतवर सेना खड़ी कर दी बलवान खुद को बस सुल्तानी नहीं बल्कि जिल्लेइलाही या ने भगवान मानता था और जो भी उसके खिलाफ जाता मानो उसकी मौत निश्चित हो जाती थी पर फिर भी बलवान 2017 में मंगोलों बुखार आ जाने से नहीं रोक पाया और मंगोलों को जिनको बलवान के पूर्वजों ने इतने सालों से भारत के बाहर रोक
कर रखा था कुछ सालों बाद ही बल बार की मौत के बाद उनके 17 साल के पोते वह इस दिन कहेगा बाद को नया सुल्तान बनाया गया पर वह इतने कमजोर और कायर थे ट्यून दिल के दौरे से कमजोरी आने पर उनके चार किरदार जलालुद्दीन फिर उस फल जी ने उस मौके का फायदा उठाकर 2019 में उन्हें मार डाला उस दिन क्या का बात तो मर चुके थे और उनका बेटा बस सिर्फ तीन साल का था और ऐसे मैं फिर मुखर्जी ने तक को छीन लिया मामलों के राजवंश का अंत कर दिया और ज्वेलरी पर
अब लहराने लगा क्रेजी सल्तनत का परिणाम है हल्दी सल्तनत सबसे ताकतवर खौफनाक और तानाशाही सल्तनतों तो में से एक था जिसे 190 से लेकर 3010 तक भारत के कई राजा महाराजाओं को लूट कर पूरे देश में आतंक फैला रखा था पर खड़ी सल्तनत दिल्ली की एकलौती ऐसी सल्तनत इंचेस ने अपना परिणाम बस दिल्ली के तख्त पर बैठे बैठे ही देश के दक्षिणी भागों से लेकर पश्चिम बंगाल तक लहराया था मामलों सल्तनत का खात्मा करके फिर मुखर्जी ने अपना संतुलन 9826 तक चलाया वह हमेशा से अपनी प्रजा के लिए एक होनहार और विनम्र सुल्तान रहे पर
वह तकरीबन 70 साल के थे और सही वक्त देखकर 2016 में उनके दामाद अलाउद्दीन खिलजी ने उनको मारकर सुल्तान की गद्दी छीन ली टाइगर फ्लाइट कर्मा प्राइस पेट आपसे वही लिखेगा जो आप उसे जाएगा और अब इतिहासकारों के अनुसार हल्दी सल्तनत का असल विकास अलादीन के आने पर ही वहां पर अगर देखा जाए तो अलाउद्दीन सुल्तान गम और लुटेरा ज्यादा था क्योंकि उसने अशोका सम्राट जैसा बड़ा राज्य स्थापित कर लिया था पर उसके राज में अनुसार गुजरात रणथंभोर चित्तौड़गढ़ देवागिरी वारंगल मदुरई जैसे राज्य को लूट रहा था और इसी में उनके जनरल मलिक शकूर 1308
में वारंगल से विश्व प्रसिद्ध कोहिनूर हीरा लूटकर ले आए लूटपाट के साथ अपने 20 सालों के राज्य में अलाउद्दीन ने तकरीबन लाखों लोगों को जोर-जबरदस्ती से इस्लाम कबूल वाया और जो कबूलना करते उन्हें बड़े ही बेरहमी से चीयर्स का तो पता नहीं पर समझदारी शायद बहुत ही उसमें कि Bigg Boss ने अपने राज्य में फ्री पॉलिश यूज करके रोजमर्रा की चीजों का भाव कम करवाया मार्केट को डिवेलप किए और सबसे महत्वपूर्ण उसके मंगोल्स को भारत में आने से रोके रखा था उस आदमी उसे राजस्थान में अलाइव फोटो लगाई दरवाजा भी बनाया इसे देखने आज भी
कई टूरिस्ट आते रहते हैं इन सबके साथ जैसे आपने फिल्मों में देखा होगा कि अलाउद्दीन बाइसेक्सुअल था और उसे अपने जनरल मालिक का फिर से बेहद लगाव था और त्याग के हिसाब से लॉग इन के पास है खैर इन था जिसमें तकरीबन 70 हजार से भी ज्यादा मर्द औरतें और बच्चे थे जिसके साथ वह जब चाहे जो चाहे जहां चाहे सब कुछ कर सकता था फोन पर हर बुरे सपने की तरह अलाउद्दीन का भी खात्मा हो गया और उसका जाता है उसे मारा गया उसके ही जनरल मलिक काफूर ने उससे गद्दी हथियाने के चक्कर में
और दूसरी तरफ कुछ इतिहासकारों का यह भी कहना है कि इसे कोई छान लें वह बीमारी हो गई थी जिसके कारण उसकी मौत हुई और चैनल का कोई रोल नहीं था वह इस बात की सच्चाई उसके लाश की तरह लापता है उसकी मौत के बाद उसके छह साल के बेटे सिहाबुद्दीन उम्र को सुल्तान बनाया गया और बहुत छोटा होने के कारण सारी सियासती ताकत मालिक का पुल के पास ही थी अ फोन पर हेलो दिन के बेटे क़ुतुबुद्दीन मुबारक़ शाह और मंत्रियों को यह मंजूर नहीं था और इसीलिए उन्होंने एक षड्यंत्र रचा और मालिक का
फूल को मौत के घाट उतार डाला और अपने छोटे भाई को हटाकर मुबारक शाह खुद सुल्तान बन गया पर मुबारक शाह अपने पिताजी से एक कदम आगे निकला उस सुल्तान बनते ही पूरे समय दारू पी के या नशे में ही होता और पूरे समय लड़कियों की तरह तैयार होकर या तो पूरी तरीके से नंगे होकर ही महल में घूमा करता और हृदय सब देखकर सब को यह समझ आ गया था यह सुल्तान बनने के कोई लायक नहीं है और फिर पे्रषित इसमें वह अपने जनरल खुशाल खान के हाथों मारा गया पर मुबारक शाह ने अपने
राज्य में कुछ बदलाव किए थे उसने खांसी मलिक को पंजाब का जो किरदार बनाया था जिसने आगे चलकर खुशाल खान का कत्ल कर डाला और शेखर जी सल्तनत का नामोनिशान मिटा कर वह सुलूक सल्तनत का पहला शासक बन गया इस सल्तनत ने दिल्ली पर सबसे ज्यादा राज किया 1320 1414 तक पूरे 90 और इसी सल्तनत का हिस्सा थे इतिहास के सबसे मशहूर और हमेशा कंफ्यूज रहने वाले सुल्तान जिनका नाम था मुहम्मद बिन तुगलक और उन्हें यह खिताब देने के पीछे बहुत सारे कारण है तो इस आसन की शुरुआत घर से ही मलिक उर्फ किया जो
दिन तक ने की थी पर वह ज्यादा देर तक राज नहीं कर पाया क्योंकि 3025 में उनके बेटे मोहम्मद बिन तुगलक ने उन्हें मार दिया और फिर शुरू हो गया इस सनकी सुल्तान का तौर इसे संघ इसलिए माना जाता है क्योंकि हमेशा बिना सोचे फैसले लेता और फिर खुद ही उन फैसलों पर मुकुट जाता और वैसे ही इसने एक बहुत ही बड़ा फैसला ले लिया था और अपनी राजधानी दिल्ली से बदलकर दोलताबाद यानि देवगिरी बनाती थी इसके पीछे का कारण यह था कि मंगोल लगातार दिल्ली पर हमला कर रहे थे तो उनसे बचने के लिए
हमें थोड़ा और दूर चले जाना चाहिए और दोलताबाद तक वो नहीं पहुंच पाएंगे और इसी फैसले से उसने अपने सारे मंत्रियों को अपने प्रजा गांव दौलताबाद चलें क्या हुक्म दे दिया पर जैसे ही वह लोग वहां पर गए जल्दी पर ध्यान देने वाले कोई सुल्तान ना होने के कारण मंगोल्स लगभग दिल्ली पर कब्जा कर वाले थे और ऐसे ही मोहम्मद को अपनी गलती समझ में आए उनको उसको भगाने के लिए वह वापस दिल्ली लौट आया दौड़-दौड़कर पर इस चक्कर में उसके राज्य कब बहुत बड़ा नुकसान हो गया और माइग्रेशन के वक्त कई लोग बेमौत मारे
गए और जो दिल्ली कभी इतना संपन्न और अमीर हुआ करता था वह आप गरीबी में जी रहा था पर इनका सनकीपन आए यहां पर खत्म नहीं होता है कम पैसे खर्च हो इसीलिए उसने सोने-चांदी के सिक्कों के बजाय पिस्टल के सिक्के बनाने शुरू कर दिए और फिर तेल सस्ता होने के कारण लोग नकली सिक्के बनाने लग गए मोहम्मद ने फिर से सोने-चांदी के सिक्के बनाना शुरू कर दिया और इतना ही नहीं बल्कि मौत के वक्त भी उसने मुस्कुराते हुए अपनी प्रजा से यह कहा सुल्तान को अवाम से आजादी मिली और अवाम को सुल्तान से कि
इस की मौत के बाद दिल्ली के तक को फिर से एक काबिल सुल्तान मिला था फिरोज शाह तुगलक उसने सुप्रसिद्ध खिलाफ फिरोजशाह और कहीं शहर बांधे जैसे कि फिर और शाहपुर हिसार फिरोजाबाद फिरोजपुर जौनपुर जहन बनाए ट्रॉट ने दिल्ली में दारुलशफा अस्पताल बनाया जो मरीजों का मुफ्त में इलाज करता था और उन्होंने कई समाज सुधारक काम किए जैसे कि गरीब लड़कियों की शादी करवाने के लिए दीवाने रस का रोल बनाया लोगों को रोजगार देने के लिए दीवाने बना गन और बुजुर्गों को पेंशन देने के लिए दीवाने इस्तीफा का पर 3070 इयर्स राज करने के बाद
उनकी मौत हो गई और उसके बाद दिल्ली को संभालने के लिए कोई भी काबिल राजा नहीं था और इसी का फायदा उठाकर 3098 मिक्सचर के चीफ और मंगोल के शासक तैमूर ने दिल्ली पर हमला बोल कर दिया और समय गाज सुल्तान था वह तैमूर से डर के भाग गया और बस 5 दिनों में तैमूर ने दिल्ली में ऐसा हाहाकार मचा दिया कि 2 लाख जितने लोग मारे गए और दो बच्चों और तो का सरेआम शोषण किया कई लूटे गए तो कइयों को बंधक बनाकर ले जाया गया और इस सब से उबरने के लिए दिल्ली को
करीबन सौ साल लग गए इतना सब होने के बाद भी तैमूर को दिल्ली के तक में कोई दिलचस्पी नहीं थी वहां से निकल गया और दिल्ली का शासन अपने गवर्नर खेसरा खान को दे दिया और इसी के साथ अंत हुआ सुलूक सल्तनत का और पैदा हुआ दिल्ली का सबसे कमजोर सल्तनत सहित सल्तनत संकल्पना दिल्ली पर राज करने वाला सबसे कमजोर सल्तनत था जो अपने 37वें इयर्स के राज्य में राज्य को शिफ्ट किलोमीटर से ज्यादा बड़ा ही नहीं पाया था इस राजवंश के स्थापक खेत्र खान की मौत के बाद कोई सक्षम सुल्तान नहीं था वह ऊपर
से उनका आखिरी सुल्तान आलम शाहरुख खान लोदी से लड़ते वक्त करके भाग गया और पूरी सल्तनत बिना किसी लड़ाई के बलों के हाथों में आ गई और इसी के साथ सही सल्तनत का कमजोर राज भी खत्म हो गया और शुरुआत हुई लोधी सल्तनत की के लोगों की सल्तनत ना सिर्फ बिना लड़ाई के सियासी गति जीतने वाली पहली सल्तनत थी बल्कि सारे सल्तनत चलकर सोने के कारण यह दिल्ली पर राज करने वाली पहली अब खानी सल्तनत थी इसके पहले सुल्तान फलौदी के मौत के बाद इस राजवंश में एक ही काबिल सुल्तान था उनका बेटा सिकंदर लोदी
जिसने आगरा का सुंदर शहर बनाया और फिर उसे ही अपनी राजधानी भी बनाती सिकंदर लोदी ने काफी अच्छे बदलाव भी लाएं घर में प्रेम का बेटा इब्राहिम लोधी जो आखिरी सुल्तान बना उसके गुस्सैल और घमंडी स्वभाव के वजह से उसके सारे मंत्री उससे नफरत करते थे क्योंकि वह सिर्फ शक के आधार पर वह अपने मंत्रियों का कत्ल कर देता था उसके इसी स्वभाव के वजह से इब्राहिम के गवर्नर दौलत खान और चाचा अलाउद्दीन ने काबुल के शासक बाबर को भारत आने का न्योता दिया और कहा कि वह इब्राहिम को हराकर दिल्ली का तक उससे छीन
ले और फिर क्या बाबर 1526 में इब्राहिम के खिलाफ पानीपत की लड़ाई जीत गया और उसी के साथ योर भी साम्राज्य का भी सूरज टल गया और पूरे देश अच्छा गई एक ऐसे सूरज की रोशनी जो आने वाले कई सौ साल हम पर राज करेगी मैं बात कर रहा हूं जब मुगल सल्तनत की रेफ्रेंस इस पूरी कहानी में एक चीज साफ हो गई कि ताकत और यदि सगे-संबंधियों से भी बढ़कर होती है और से के चक्कर में न जाने कितने लोगों ने खुद के घर वालों को मौत के घाट उतार दिया विरोध सिर्फ और सिर्फ
दिल्ली की गद्दी पाने के जुनून में पर दिल्ली में आखिर इतना क्या खास था दरअसल बाद है ना कि राजपूतों के समय दिल्ली कोई बहुत ही जरूरी कमर्शल सेंटर माना जाता था जहां देश भर के साथ व्यापारी व्यापार करते थे और सारे सिक्के भी यहीं पर छापे जाते थे इस वजह से दिल्ली सबसे अमीर शहरों में से एक था और दिल्ली सल्तनत के समय उनके देश भर के सारे राज्यों को दिल्ली में बैठकर ही संभालते थे तो इसका मतलब यह होगा कि अगर दिल्ली पर कोई कपड़ा कर लें तो वह आसानी से उससे जुड़े हुए
बाकी के राज्यों को भी कंट्रोल कर सकता था Tubelight कोऑर्डिनेटिंग सेंटर और फ्रेंड्स यही वजह थी कि दिल्ली इतना इंपॉर्टेंट क्यों तरफ फ्रेंड्स मैंने यह वीडियो मुगल सल्तनत तक छोड़ दिया क्योंकि मैं सोच रहा हूं वृध्दि पर मैं अलग से एक वीडियो बनाऊं विकास का इतिहास अपने आप में एक काफी बड़ा और इंपोर्टेंट रोल प्ले करता है इंडियन हिस्ट्री में अगर आप उस टॉपिक पर एक विडियो देखना चाहते हो तो नीचे कमेंट में मुझे बताना और बहुत ही जल्दी इसका नेक्स्ट पार्ट मुग़ल एंपायर पर भी आपके लिए पेश करूंगा और अगर यह वीडियो सब कुछ
भी नया सीखने मिला तो एक लाइक रोकना काफी मेहनत तक यह सारे फ्लेक्स डाल कर निकालने में अरे लाइक से हमें मोटिवेशन मिलता है इस वीडियो को अपने फैमिली मेंबर्स और फ्रेंड्स के साथ शेयर करो ताकि वह भी इनके रिश्ते के बारे में कुछ जान सकते अगर मैं इस चैनल पर तो अभी सब्सक्राइब कर लो और नोटिफिकेशन पल ऑन कर लो यह ऐसे ही ज्ञान बढ़ाने वाले वीडियोस हम यहां पर रेगुलर डेली बेसिस पर अपलोड करते रहते हैं और आपको सबसे पहले नोटिफिकेशन मिलेगा उसका विदाउट शेड्यूल वेस्ट यूनिवर्स कीप लर्निंग एंड कीप ग्रोइंग जय हिंद
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