नमस्कार मैं रवीश कुमार आज मंत्री दुख दिवस है 22 फरवरी के दिन को मंत्री दुख दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए पूछिए क्यों मनाया जाना चाहिए क्योंकि आज के ही दिन मोदी सरकार के एक केंद्रीय मंत्री को परेशानी हुई दुख हुआ और उन्होंने अपने दुख की बात पब्लिक में कह दी तभी मेरा ध्यान मंत्री के दुख पर गया आमतौर पर ध्यान जनता के दुख पर जाता है पहली बार मंत्री के दुख पर गया अचानक नहीं गया मैं 900 पन्नों की इस किताब में लगा हुआ था और दुबला हुआ जा रहा था कि रुचिर जोशी
की इस किताब को मैं कितने दिनों में पढ़ूंगा इसी चक्कर में फंसा था तभी मेरी नजर शिवराज सिंह चौहान के ट्वीट पर पड़ गई और मंत्री दुख दिवस की कल्पना मैंने कर डाली शिवराज सिंह चौहान को क्या परेशानी हुई है बहुत बड़ी परेशानी सबसे बड़ी परेशानी यह है यानी इस परेशानी का सबसे बड़ा महत्व यह है कि मोदी राज के 10 साल में शिवराज सिंह चौहान शायद पहले मंत्री हैं जिन्होंने अपनी परेशानी को लेकर इस तरह से पब्लिक में बोला है वरना मंत्री अपना दुख पब्लिक में कहां जताते हैं जनता अपना दुख जताती है मंत्री
तो केवल प्रधानमंत्री का गाना गाते हैं मोदी के मंत्री का एक ही काम मोदी मोदी करते रहना बताते रहना कि विकसित भारत बन गया है हम लोग विश्व गुरु बन गए हैं अमृत काल आ गया है अब कोई चिंता की बात नहीं है आप कुछ भी कहते रहिए नौकरी नहीं है महंगाई बहुत ज्यादा है खर्चा नहीं चल रहा है सारा पैसा जीएसटी में जा रहा है लेकिन मंत्री कुछ सुनने को तैयार नहीं विदेशी साजिश है इसलिए आप सरकार को बदनाम कर रहे हैं आप परेशान नहीं लेकिन यहां तो शिवराज सिंह चौहान ने अपनी परेशानी पब्लिक
में बता दी है उम्मीद है उम्मीद कर सकता हूं इतनी उम्मीद कि बीजेपी के बाकी लोग एकजुट होकर शिवराज सिंह चौहान की इस परेशानी के पीछे यूएसएड का कोई रोल नहीं देखेंगे इसमें अमेरिका की किसी संस्था का रोल नहीं देखेंगे और भारत को बदनाम करने की साजिश की चीजें इसमें ढूंढकर नहीं लाएंगे मंत्री जी का एक ट्वीट शिवराज सिंह चौहान कृषि मंत्री हैं एक तरह से सरकार की आलोचना है और वैसे प्राइवेट एयरलाइन को भले लेकर उन्होंने शिकायत की है लेकिन केंद्रीय मंत्री की शिकायत तो सरकार की भी मानी जाएगी जब केंद्रीय मंत्री को तकलीफ
हो रही है टूटी कुर्सी पर बैठकर भोपाल से दिल्ली आना पड़ रहा है तो यह आलोचना सरकार की भी आलोचना है शिवराज सिंह चौहान के इस ट्वीट को देखकर लगा कि उन्होंने वाकई बहुत बड़ी हिम्मत दिखाई है मोदी सरकार के तमाम मंत्री भी आपस में फोन कर पूछ रहे होंगे शिवराज जी को क्या हो गया है कहीं किसी और पार्टी में तो नहीं जाने वाले हैं या कहीं सब्र का बांध तो नहीं टूट रहा है अचानक उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया किसी और को बना दिया गया और अब कृषि मंत्री बना दिया गया
अब जब कृषि मंत्री बन गए हैं कृषि मंत्रालय का काम करना चाहते हैं तो उन्हें भोपाल से दिल्ली आने के लिए एक टूटी कुर्सी पकड़ा दी जाती है किसी की साजिश नहीं होगी मगर टूटी कुर्सी पर मंत्री जी बैठकर आए अगर इसी तरह से सारे मंत्रियों में हिम्मत आ जाए और शिकायत करना शुरू कर दें तो गोदी मीडिया फंस जाएगा जनता की असली समस्याओं पर उसे रिपोर्टिंग करनी पड़ जाएगी लेकिन तब भी वह रिपोर्टिंग नहीं करेगा ऐसी उम्मीद बिल्कुल मत कीजिए कि मंत्री जी की शिकायत को लेकर शिवराज सिंह के इस ट्वीट के बाद गोदी
मीडिया के तमाम एंकर एयरपोर्ट जाने वाले हैं और जनता से पूछने वाले हैं बताइए कितने का टिकट लिया कब टिकट लिया 20000 का लिया 50000 का लिया किस तरह से शक्ल उतरी हुई है लोगों की कोई पूछने नहीं जाने वाला है यात्रियों की परेशानी उनकी अपनी निजी परेशानी है राष्ट्रीय परेशानी अब मीडिया के लिए नहीं है लेकिन शिवराज सिंह चौहान ने अपनी परेशानी बताकर फिर से यात्री की परेशानी को केंद्र में लाने का प्रयास किया है इसलिए उनका ट्वीट बहुत महत्त्वपूर्ण है इसमें कुछ भी सुधार भले ना हो लेकिन प्रस्थान बिंदु ब महत्त्वपूर्ण है बहुत
महत्त्वपूर्ण है मोदी सरकार के किसी मंत्री को आपने कब सुना कि वंदे भारत में खाना अच्छा नहीं था जितना प्रचार है उस हिसाब से तो ट्रेन नहीं थी ट्रेन के भीतर जाने पर इतनी सारे गंदगी शौचालय में नजर आती थी यह मैं अपना अनुभव भी बता रहा हूं ट्रेन बीच-बीच में रुक जाती थी कभी-कभी 100 पर चलती थी कभी-कभी 30 पर चल थी कभी-कभी 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती थी कभी-कभी आउटर लाइन पर खड़ी हो जाती थी तो बहुत सारी शिकायतें हैं रेलगाड़ियां अचानक रद्द कर दी जाती है यात्री परेशान है ट्विटर
पर जाकर लिख रहे हैं कोई किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता टिकट कैंसिल कराइए पैसे कट जाते हैं जनता की इन परेशानियों को लेकर रोज बात होनी चाहिए जनता करती है मगर कोई बात नहीं करता तो शिवराज सिंह को परेशानी हुई यह बहुत बड़ी घटना है इसलिए 22 फरवरी के दिन को मंत्री दुख दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए शिवराज सिंह चौहान ने बहुत विस्तार से ट्वीट लिखा है यानी उन्हें पीड़ा हुई है अगर पीड़ा बहुत ज्यादा नहीं हुई होती तो कृषि मंत्री इतना वक्त लेकर इतना लंबा नहीं लिखते लिखते हैं आज मुझे भोपाल
से दिल्ली आना था पूसा में किसान मेले का उद्घाटन कुरुक्षेत्र में प्राकृतिक खेती मिशन की बैठक और चंडीगढ़ में किसान संगठन के माननीय प्रतिनिधियों से चर्चा करनी है कितना काम बता रहे हैं और आगे लिखते हैं मैंने एयर इंडिया की फ्लाइट क्रमांक a1 436 में टिकट करवाया था मुझे सीट क्रमांक 8 सी आवंटित हुई मैं जाकर सीट पर बैठा सीट टूटी हुई और अंदर धसी हुई थी बैठना तकलीफ दय था जब मैंने विमान कर्मियों से पूछा कि खराब सीट थी तो आवंटन क्यों की उन्होंने बताया कि प्रबंधन को पहले सूचित कर दिया गया था कि
यह सीट ठीक नहीं है इसका टिकट नहीं बेचना चाहिए ऐसी एक नहीं और भी सीटें हैं सह यात्रियों ने मुझे बहुत आग्रह किया कि मैं उनसे सीट बदलकर अच्छी सीट पर बैठ जाऊं लेकिन मैं अपने लिए किसी और मित्र को तकलीफ क्यों दूं तो मैंने फैसला किया कि मैं इसी सीट पर बैठकर अपनी यात्रा पूरी करूंगा मेरी धारणा थी कि टाटा प्रबंधन के हाथ में लेने के बाद एयर इंडिया की सेवा बेहतर हुई होगी लेकिन यह मेरा भ्रम निकला मुझे बैठने में कष्ट की चिंता नहीं है लेकिन यात्रियों से पूरा पैसा वसूलने के बाद उन्हें
खराब और कष्टदायक सीट पर बैठाना अनैतिक है क्या यह यात्रियों के साथ धोखा नहीं है कितनी बड़ी बात है मंत्री इस पंक्ति में सिर्फ अपनी चिंता नहीं कर रहे हैं यात्रियों की चिंता कर रहे हैं यात्री लगातार अपनी चिंताओं को लेकर t पर लिख रहे हैं मगर कोई उनकी परवाह नहीं कर रहा एक के बाद एक शिकायतें आ रही हैं लेकिन इस ट्वीट में मंत्री जी अपने साथ-साथ यात्रियों की चिंता कर रहे हैं लिखते हैं आगे कि क्या आगे किसी यात्री को ऐसा कष्ट ना हो इसके लिए एयर इंडिया प्रबंधन कदम उठाएगा या यात्रियों की
जल्दी पहुंचने की मजबूरी का फायदा उठाता रहेगा यही एक पॉइंट है यात्रियों की जल्दी पहुंचने का फायदा उठाता रहेगा ज सेसे ही आप दो दिन पहले चार दिन पहले का टिकट कटाते हैं आपके टिकट का दाम आसमान छूने लगता है 100 हज 12000 15000 200 हज 3 हज कुछ भी हो जाता है ऐसे अनेक यात्री हर दिन टिकट कटाते हैं उनकी जेब कटती है और लुट जाते हैं लेकिन शिवराज सिंह चौहान ने जब अपनी परेशानी बताई और उस परेशानी पर लोगों की प्रतिक्रियाएं जिस तरह से आई उसे देखकर मुझे एक बात समझ में आई और
बात यह समझ में आई कि मंत्री के दुख का कोई मंत्री नहीं होता एक और बात समझ में आई इसी के साथ कि मंत्री के दुख का कोई मंत्री तो नहीं होता मंत्री के दुख का कोई संत्री भी नहीं होता कोई सहभागी भी नहीं होता कोई सहानुभूति भी नहीं रखता कि मंत्री जी आपको ज्यादा तकलीफ तो नहीं हुई मध्य प्रदेश में कुर्सी जाने के बाद भी आप कृषि मंत्री हैं आपको टूटी कुर्सी पर किसी सारिश के तहत तो नहीं बिठाया गया किसी ने सहानुभूति नहीं जिताई कुर्सी टूटी थी तो जहाज उड़ा कैसे सवाल तो यह
भी है लेकिन छोड़िए जहाज की बात यहां अभी हम मंत्री जी की परेशानी की बात कर रहे हैं हमने उनके ट्विटर हैंडल पर जाकर देखा तो लोग अभी भी ज्योतिरादित्य सिंधिया को सिविल एविएशन मंत्री समझ रहे हैं और उन्हें मंत्री समझकर लिख रहे हैं जबकि टीडीपी के राम मोहन नायडू उडियन मंत्री हैं मीडिया में रिपोर्ट है कि मंत्री जी ने शिवराज सिंह चौहान से बात कर ली है और कार्रवाई का भरोसा दिया है लेकिन मंत्री जी ने अपनी परेशानी पब्लिक को बताई है तो बात पब्लिक की होनी चाहिए हवाई यात्रियों से पूछिए उड़ान से तीन
चार दिन पहले टिकट लीजिए तो टिकट कितने हजार का मिलता है लोग लूट डकैती सब लिखकर बोलकर चुप हो जाते हैं टिकट कटाते हैं और यात्रा पूरी करते हैं उन्हें भी समझ में नहीं आ रहा है यह लूट है तो क्या करें दरवाजा खुला रखें या बंद कर दें क्यों लूट बोल रहे हैं हमने राम मोहन नायडू जी के हैंडल पर जाकर देखा वहां लोग क्या-क्या शिकायत कर रहे हैं शिकायत करने वालों को इतना तो पता होगा कि वही उडन मंत्री हैं तो लोग लिख रहे हैं अपने सबसे नए ट्वीट में मंत्री जी ने पूर्व
सांसद बुदे पल्ली राज गोपाला राव को श्रद्धांजलि अर्पित की है और इसके जवाब में कुछ लिखते हैं देखिए वो श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं मंत्री जी लेकिन यात्री कुछ लिखते हैं कि आपका मंत्रालय ग्राहक सेवा और उसके साथ एयरलाइंस द्वारा हुए दुर्व्यवहार के लिए कोई काम नहीं कर रहा है मैंने आपको ईमेल भी किया जिसमें एयर इंडिया के द्वारा किया हुआ अमानवीय कृत्य का परिचय दिया पर आपकी तरफ से अभी तक कोई उत्तर नहीं आया है माननीय आदरणीय पीएमओ इंडिया को आवेदन कर सकते हैं क्या एक अन्य ट्वीट में राम मोहन नायडू ने एविएशन से
जुड़े प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक की तस्वीर जारी की इसके जवाब में लोग सवाल कर रहे हैं कि वारंगल एयरपोर्ट की क्या अपडेट है क्या आप विजयवाड़ा एयरपोर्ट को लेकर कोई जानकारी दे सकते हैं अब इससे क्या पता चलता है इससे यह पता चलता है कि मंत्री लोग उन्हें दूर क्यों नहीं किया जाता तो मंत्री जी ऐसी शिकायतों पर जवाब नहीं देते हैं बल्कि अपनी बैठकों की तस्वीरें ट्वीट कर देते हैं यही कारण है कि कुछ को श्रद्धांजलि के ट्वीट पर लिखना पड़ता है कि उनके साथ अमानवीय कृत्य हुआ उन्होंने शिकायत की मगर कोई जवाब नहीं
आया शिकायत दूर करने की कोशिश नहीं हुई जब आम लोगों की परेशानी दूर नहीं की जा रही है तो कृषि मंत्री की कैसे दूर हो जाएगी तो बहुत अच्छा किया शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर दिया सबको बता दिया कि केंद्रीय मंत्री के साथ ऐसा हुआ है इसी बहाने कम से कम या आम यात्रियों की तकलीफ पर बात तो होगी आप भी याद कीजिए कि हवाई यात्रा के समय आपके साथ क्या-क्या हुआ हर जगह छप तो गया शिवराज सिंह चौहान के ट्वीट के कारण खबर छपी है कि उन्होंने अपनी यात्रा को लेकर शिकायत की है
और एयर इंडिया को लेकर बात हो रही है एक ट्वीट पढ़ता हूं विदुर नाम के ट्विटर हैंडल से ट्वीट हुआ है इसमें लिखा है कि मेरी भी धारणा यही थी कि टाटा अच्छा प्रबंधन करेगा परंतु यह भ्रम तब टूट गया जब पिछले 10 दिनांक को मेरी पत्नी ने कोलकाता से बेंगलुरु की यात्रा की उसने बताया कि फ्लाइट से इतनी दुर्गंध आ रही थी कि बैठना कठिन था पानी भी नहीं पिया जा रहा था आपको साधुवाद कि आपने खुलकर इस कु प्रबंधन के विरुद्ध अपना स्वर उठाया है एक और ट्वीट है विशाल बक्षी लिखते हैं अंग्रेजी
में उसे मैं हिंदी में पढ़ रहा हूं कि जब से टाटा ने एयर इंडिया का टेकओवर किया है तब से इसकी हालत बहुत खराब हो गई है मैं पिछले तीन महीने में दो बार इनके अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट पर बैठा हूं टूटा टेबल टूटी सीट और खराब टीवी स्क्रीन आम बात है इससे हमारे देश की छवि और गौरव को ठेस पहुंच रही है आकाश चोपड़ा एयर इंडिया को लेकर भी लिख चुके हैं आकाश चोपड़ा पूर्व में क्रिकेटर रहे हैं अब कमेंट्री करते हैं उन्होंने 18 फरवरी की रात 1 बजे ट्वीट किया है कि रात 8 बजे मेरी
फ्लाइट थी मैं एयरपोर्ट पर 8 घंटे से बैठा हूं 12 घंटे में मेरी ब्रॉडकास्टिंग की ड्यूटी शुरू होने वाली है किसी ने नहीं बताया कि क्या अपडेट है 8 घंटे की देरी से एयर इंडिया की फ्लाइट कहां चर्चा होती है इन बातों की बिल्कुल नहीं होती 22 फरवरी को आशीष ओसवाल ने ट्वीट किया है कि मैं कल दिल्ली से दुबई की फ्लाइट में था मैंने अपनी सीट के लिए काफी ज्यादा भाड़ा दिया लेकिन सीट पीछे की तरफ नहीं जा रही थी टीवी काम नहीं कर रहा था तीन बार सिस्टम रिसेट किया लेकिन चला नहीं क्या
ये चीटिंग है मुझे रिफंड चाहिए अब्राहम चाको ने लिखा है कि अगर एयर इंडिया में सामान गुम हो जाए तो उसका वापस मिल पाना असंभव है तेनजिन जीपा लिखते हैं कि मुझे अमेरिका से आए हुए 12 दिन हो गए लेकिन मेरा सामान अभी तक जॉन ऑफ केनेडी हवाई अड्डे पर ही पड़ा हुआ है तो ऐसा लगता है कि लोगों को इंतजार था कि कोई हवाई यात्रियों की इन तकलीफों को लेकर आवाज उठाए जैसे ही शिवराज सिंह चौहान ने यह टवी गया लोग उनके पीछे-पीछे महंगी चीजों को लेकर सवाल उठाए तब जाकर ध्यान आया इतने साल
गुजर जाने के बाद कि सस्ती दुकान भी एयरपोर्ट पर खोली जा सकती है सर वादा था कि हवाई चप्पल वालों को हवाई जहाज की सैर कराई जाएगी आलम यह है सर कि बाटा कंपनी का जूता पहनने वाला भी आज हवाई जहाज की टिकट नहीं खरीद पा रहा है इकॉनमी क्लास इज नो मोर इकोनॉमिकल सर मैं आज इस सदन में बहस पर आने से पहले अपने फोन पर फ्लाइट के रेट चेक कर रहा था सर अगर कल मुझे दिल्ली से बंबई जाना हो तो टिकट 000 की है वन वे की सबसे सस्ती टिकट दिल्ली से पटना
जाना हो तो 000 की टिकट दिल्ली से बेंगलोर जाना हो तो 000 की टिकट और सर वोह छोड़िए संडे के दिन यानी कि परसों मैं अपने क्षेत्र पंजाब से दिल्ली आया मोहाली एयरपोर्ट से चंडीगढ़ एयरपोर्ट से मैंने फ्लाइट ली और दिल्ली पहुंचा उस फ्लाइट की टिकट 00 की थी हम सांसदों को तो फ्लाइट की रि इंबर्समेंट मिल जाती है सर आप उस आम नागरिक का सोचिए जो इस स्काई रॉकेटिंग एयर प्राइसेस से जूझ रहा है सर आज एयरपोर्ट्स पर खाना इतना महंगा है बाजार के मुकाबले दो गुना तीन गुना दाम है एक साधारण सी पानी
की बोतल जो ₹ की बाजार में मिलती है व एयरपोर्ट के भीतर जाकर फूड आउटलेट पर ₹1 की मिलती है आज यात्री जो इंतजार कर रहे हैं अपनी फ्लाइट का वह पानी पीकर पेट भर रहा है कि कहीं 50 की चाय और 50 का समोसा ना खरीद ना पड़ जाए बताइए सर एक आम आदमी एयरपोर्ट पर अपने जहाज का इंतजार करते हुए क्या एक चाय नहीं पी सकता क्या इस पर कोई रेगुलेशन नहीं होना चाहिए क्या कोई अफोर्डेबल कैंटीन का मैकेनिज्म नहीं होना चाहिए इस देश में जहाज में उड़ना और जहाज में उड़क अपनी मंजिल
तक पहुंचना आज भी इस देश की बहुत बड़ी आबादी के लिए एक सपना है अगर ट्रैवल की रफ्तार बढ़ेगी तभी इस देश की रफ्तार बढ़ेगी सूचक पटेल ने लिखा है कि एक ही सांसद ने रेलवे के किराए को लेकर बात की है इसका मतलब क्या है इसका मतलब यह है कि हमारे सांसद जनता की तकलीफों से दूर होते जा रहे हैं हमारे मंत्रियों को जनता की तकलीफों से कोई मतलब नहीं बल्कि हमने नोट किया कि शिवराज सिंह चौहान की शिकायत के जवाब में बहुत सारे लोग ट्रेन को लेकर लिखने लगे बताने लगे कि कुंभ के
लिए जाने वाली ट्रेन में पैर रखने की जगह नहीं टिकट बहुत महंगी है शौचालय बहुत गंदा है भीड़ के कारण ट्रेन में एक किसी ने लिखा है कि चढ़ नहीं पाया तो टिकट का पैसा भी वापस नहीं हुआ तो इन बातों को पढ़ते हुए लगा कि कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का [संगीत] काम लोगों ने करोड़ों गवा दिए ट्रेन चलने वाली थी अचानक रद्द हो गई अखबार से निकालिए कि कितनी ट्रेनें अचानक रद्द कर दी जाती है आपको ऐसी अनेक खबरें किसी कोने में छपी मिल जाएंगी उनकी अब कहीं कोई आवाज नहीं हवाई यात्रियों की
भी बात कोई नहीं करता ठीक से बड़ी बात है कि एयर इंडिया ने जवाब दिया कमाल की बात है कि जवाब वही दिया जो आपको हमको आता है मंत्री को एयर इंडिया लिख रहा है कि हमें डीएम कीजिए कि हम कब आपसे बात कर सकते हैं तो शिवराज सिंह चौहान अपना पर्सनल नंबर देंगे एयर इंडिया वालों आओ मुझसे बात करो लोगों ने लिखा है सर यह तो जवाब उन्हें भी आता है ऐसा ही लेकिन इस जवाब से कुछ होता नहीं है तो इसीलिए मैंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान का यह ट्वीट करना और ट्वीट में
भोपाल से दिल्ली यात्रा के दौरान हुई परेशानी का उल्लेख करना वह भी विस्तार से बताना कि सीट टूटी हुई थी और क्यों यह अनैतिक है कि इस तरह की सीट का किराया लिया जाए और दूसरे यात्रियों को भी मजबूर किया जाए इस तरह का ट्वीट उन्होंने करके यह बता दिया कि हमारे मंत्री लोग काम कम बातें ज्यादा करते हैं और जब सुविधाएं व्यापक स्तर पर खराब होती हैं तो एक दिन उसमें मंत्री भी फंस जाते हैं जब चारों तरफ सुविधाएं इतनी खराब होगी तो मंत्री जी को कैसे अच्छी सुविधाएं मिल जाएंगी कब तक मिल जाएंगी
अगर एयर इंडिया को लेकर इतनी शिकायतें आ रही थी आज से तो नहीं आ रही हैं नागरिक उडन मंत्री ने शिवराज सिंह को फोन कर दिया कि हम इसे ठीक कर देंगे लेकिन बंद होगी कि दो दिन चार दिन पहले टिकट कटाने पर दिल्ली से पटना का जो टिकट है आती जाती का 34 34000 का टिकट है कभी जाइए तो 25000 का टिकट है कभी जाइए तो 00 का टिकट है ऐसा क्यों है क्या यह दूर होगा या ध्यान नहीं दिया जाता है तो यह बहुत दुख की बात है और यह 22 फरवरी है इस
दिन को मंत्री दुख दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए नमस्कार मैं रवीश कुमार