HIDDEN Cause of 60% DEATHS That Most People Ignore

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GetsetflySCIENCE by Gaurav Thakur
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एक गुप्त बीमारी अंदर ही अंदर से हर दो में से एक इंसान के मौत का कारण बन रही है लेकिन इसके बारे में 1 पर से भी कम लोग जानते हैं वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने इसे दुनिया का सबसे बड़ा कातिल बोल दिया है क्योंकि हार्ट अटैक्स हार्ट ब्लॉकेजेस अधिकतर किस्म के कैंसर्स डायबिटीज ओबेसिटी अल्जाइमर्स वो सारी बीमारियां जो भी एक इंसान के मरने का कारण बनती है वो सभी का बस सिर्फ एक ही रूट कॉज है यह गुप्त बीमारी जिसे हर कोई नजरअंदाज कर देता है और इसीलिए आपको अपना सब काम छोड़कर बस 20 मिनट
देकर अपने और अपने फैमिली के खातिर इसके बारे में अवेयरनेस लेनी ही चाहिए कुछ ही हफ्तों पहले न्यूज़ मीडिया में एक खबर एकदम से वायरल हो गई थी अनस्ट इन यंग कंपनी की एक 26 साल की इंडियन एंप्लॉई एना सेबेस्टियन पेरेल की इतनी जवान उम्र में अचानक से मौत हो गई रिपोर्ट्स ने हार्ट अटैक को कारण बताया बट हार्ट अटैक तो सिर्फ एक ट्रिगर था इवन स्ट्रेस भी बस सिर्फ एक ट्रिगर ही था बट रूट कॉज तो हमेशा की तरह उन 100 में से 75 पर केसेस की तरह सभी के नजरों से छुपा रह गया
क्यों छुपा रह गया क्योंकि यह बीमारी एक साइलेंट किलर है जो आपके शरीर में मौजूद होने के संकेत सालों तक तो देती है मगर लैक ऑफ अवेयरनेस की वजह से इस पर ध्यान कोई नहीं देता और फिर कुछ ही सालों में ये हार्ट अटैक्स कैंसर्स डायबिटीज दिमागी बीमारियां और अन्य कई संगीन बीमारियों का जड़ बनती है जो एक इंसान को समय से पहले ही मार सकते हैं क्या आपको दिन दोपहर में थकान या वीकनेस महसूस होती है या लैक ऑफ मोटिवेशन महसूस होता है या फिर शरीर में बार-बार एसिडिटी होती है या जीभ में छाले
पड़ते हैं चेस्ट में बर्निंग सेंसेशंस फील होते हैं क्या आपके स्किन पे आए दिन पिंपल्स या रशेस होते हैं वजन या तो बिना कोई रीजन के तेजी से बढ़ने लगता है या फिर घटने लगता है या फिर आप अपनी उम्र से ज्याद उम्र के दिखने लगे हो तो ये कुछ सिमटम्स है कि शायद वही साइलेंट किलर अंदर पनपना शुरू कर चुका है और आपको प्रायोरिटी में उसे सही तरह से डायग्नोज करके फैलने से डैमेज करने से रोकना चाहिए जो सिर्फ पॉसिबल है सही नॉलेज और अवेयरनेस के साथ ताकि एंड मोमेंट में देर ना हो जाए
रिमेंबर ये किलर साइलेंट है ही इसीलिए क्योंकि इसके बारे में अवेयरनेस ही इतनी नहीं है और इसीलिए आज हम एकदम सिंपल लैंग्वेज में समझेंगे कि ये रूट कॉज ये रूट बीमारी जो 75 मौतों का कारण बनती है इसके पीछे का मेडिकल साइंस क्या है कैसे इसे पहचानना है इसका सही ट्रीटमेंट और क्योर क्या है और अपनी जिंदगी में क्या-क्या लाइफ स्टाइल चेंजेज लाना है ताकि इस बीमारी से आप दूर रह सको सो लेट मी आस्क क्यू ना यह बीमारी यह रूट कॉज यह साइलेंट किलर आखिर है कौन वेल इसे एकदम बेस से ए बी सीडी
से समझने के लिए एक सिंपल सा एक्सपेरिमेंट परफॉर्म करते हैं मैं अपने एक हाथ को दूसरे हाथ से जोर का चाटा लगाऊंगा और देखते हैं क्या होता है वेल एज यू कैन सी यह रेड हो गया राइट अपनी बात करूं तो मुझे स्ट्रंग स्टिंग सेंसेशन और जलन जैसा महसूस हो रहा है कभी सोचा है कि स्किन के अंदर एगजैक्टली ऐसा क्या हो रहा होता है जो इसे बाहर से रेड अपीयरेंस देता है बाय द वे ये हर जखम के साथ होता है आपने देखा होगा मगर ऐसा जलन जैसा सेंसेशन क्यों क्रिएट होता है और इस
एक्सपेरिमेंट का वो साइलेंट किलर के साथ क्या संबंध हो सकता है वेल थोड़ा सा होल्ड ऑन आपको जल्द ही सब कुछ समझ में आ जाएगा सो जैसे ही मैंने खुद को जोर से मारा ऐसे में इंपैक्ट की वजह से मेरे टिशूज में माइक्रो डैमेजेस क्रिएट हुए अब इन रिस्पांस बॉडी ने सबसे पहले मेरे वहां के ब्लड वेसल्स को एक्सपेंड कर दिया ताकि ज्यादा से ज्यादा ब्लड उस एरिया में इफ्यूज हो सके रिपेयरिंग प्रोसेस को किक स्टार्ट करने के लिए और इस वजह से रेडनेस दिखाई देती है मगर फिर पेन और जलन क्यों महसूस होता है
सो जैसे ही उस रीजन के ब्लड वेसल्स एक्सपेंड होते हैं उनमें छोटे-छोटे माइक्रो गैप्स बन जाते हैं जिनके थ्रू उनके सेल्स के बीच दो अहम चीजें पास होती है जो किसी भी जख्म को हील होने में मदद करती है नंबर वन हमारे इम्यून सिस्टम के सोल्जर सेल्स यानी वाइट ब्लड सेल्स जिनमें न्यूट्रोफिल्स मोनोसाइट्स और लिंफोसाइट्स एक्सेट्रा हो जाते हैं जो इंफेक्शन कॉजिंग बैक्टीरिया और वायरस से फाइट करते हैं नंबर टू प्रोटींस जिन्हें साइटोकींस कहते हैं जो बेसिकली सिग्नल मॉलिक्यूल होते हैं कॉल्ड ब्रैडीकिनिन हिस्ट माइन प्रोेे ग्लैडिनर हमारे डैमेज सेल्स हमारे ब्रेन को पेन सेंसेशन क्रिएट
करने को कहते हैं ताकि हमारा उस डैमेज साइट पर ध्यान जाए और हम उसे ज्यादा यूज ना करें रिकवरी को फैसिलिटेट करने के लिए इस पूरे प्रोसेस को मेडिकल की भाषा में कहते हैं इंफ्लेमेशन और एगजैक्टली फंडामेंटली यही वो साइलेंट किलर है जो अलग-अलग रूपों में 60 पर गंभीर बीमारियां क्रिएट कर रहा है अब डेफिनेटली आपके मन में ये सवाल आ रहा होगा लेकिन इन्फ्लेमेशन ये तो जैसे हमने देखा वंड के हीलिंग में हेल्प करता है एक मेजर रोल प्ले करता है तो जो प्रक्रिया शरीर को हील करने के लिए बनी हो वही खुद हर
पांच में से तीन मौतों का कारण कैसे बन रही है वेल वेरी गुड क्वेश्चन तो देखो यह हाथ को चाटा मानने वाला जो एग्जांपल हमने लिया था ना उसमें जो इंफ्लेमेशन डिवेलप हुआ था वो सिर्फ कुछ ही मिनटों तक रहता है अगर कोई जख्म हो जाता है या लेट्स से आपको चेहरे पर कोई पिंपल आ गया तब इंफ्लेमेशन ज्यादा से ज्यादा कुछ डेज या कुछ वीक्स तक रहता है मैक्सिमम इस कम समय तक वंड हीलिंग को फैसिलिटेट करने वाले इन्फ्लेमेशन को हम कहते हैं एक्यूट इंफ्लेमेशन एंड यस ये शरीर की मदद ही करता है मगर
यह बहुत इंपॉर्टेंट है समझना कि इंफ्लेमेशन एक इमरजेंसी स्टेट है यानी कि एक टेंपररी स्टेट होता है और उे टेंपररी ही रहना चाहिए इंफ्लेमेशन वाले एरिया में वाइट ब्लड सेल्स बैक्टीरिया और वायरस को खत्म करके उस एरिया को सैनिटाइज कर देते हैं ब्लड फ्लो तेज हो जाता है ताकि हीलिंग फास्ट हो और पेन सेंसेशन मेक श्योर करता है कि आप उस एरिया को यूज ना करो और फिर जैसे ही वंड हील हो जाता है इंफेक्शन का खतरा खत्म हो जाता है नए सेल्स बन जाते हैं तो डब्ल्यूबीसी इनक्टो के अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग ऑर्गन्स में
फैलने लगती है और वही इंफ्लेम्ड यानी इमरजेंसी स्टेट क्रिएट करती चली जाती है महीनों तक सालों तक जो ही फिर जाके सारी टर्मिनल बीमारियों को जन्म देता है इस कंडीशन को मेडिकली कहा जाता है क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन और यही है इंफ्लेमेशन का वो सबसे टॉक्सिक वर्जन जिसे हमें हर हाल में रोकना चाहिए अगर लंबी उम्र जीनी हो तो क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन का एकदम आसान शब्दों में मतलब है क्रॉनिक यानी कि लंबे समय तक सालों तक चलने वाला इन्फ्लेमेशन क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन में हमारे खुद के ही सोल्जर सेल्स यानी कि वाइट ब्लड सेल्स हमारे शरीर के रक्षक बनने की
जगह पर टेररिस्ट बन जाते हैं और हमारे ही शरीर को अंदर से तबाह करने लगते हैं अब ऐसा क्यों क्योंकि सालों तक हमारा शरीर अंदर से साइलेंटली इमरजेंसी स्टेट में जल रहा होता है पर सोल्जर सेल्स को यह पता ही नहीं चलता कि प्रॉब्लम क्या है और इन रिस्पांस व हेल्दी सेल्स को भी मारने लगते हैं जिससे हमारे शरीर के नेचुरल प्रोसेसेस बुरी तरीके से इफेक्ट होने लगते हैं इसे एक सिंपल से एग्जांपल से समझते हैं समझो कि कुछ टेररिस्ट कॉमन सिविलियंस का भेस बदलकर शहर में उधम मचाने लगते हैं अगर यह स्थिति कई महीनों
तक चलती रही तो पुलिस खुद कंफ्यूज हो जाएगी कि कौन कॉमन सिविलियन है और कौन टेररिस्ट और नतीजा कोलेट डैमेज या क्रॉस फायरिंग या फिर मिसअंडरस्टैंडिंग में कई आम लोग आम सिविलियंस भी मारे जाएंगे बस क्रॉनिक इंफ्लेमेशन में भी कुछ ऐसा ही होता है क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन में इम्यून सिस्टम अपने ही हेल्दी सेल्स को अटैक करने लगता है क्योंकि उन्हें अब कौन से गुड सेल्स है और कौन से बैड सेल्स है इसमें फर्क ही नहीं पता चलता और इसीलिए एक हीलिंग प्रक्रिया ही मौत का कारण बनने लगती है अब आपके शरीर में क्रॉनिक इंफ्लेमेशन है या
नहीं इसका पता लगाने के कुछ टेस्ट्स होते हैं जिसके बारे में हम आगे थोड़ा डिटेल में बात करेंगे बट यू नो हर बीमारी को पनपने से पहले ही रोका जा सकता है अगर सही समय पर सही टेस्ट्स करवाए जाए तो बट आजकल जस्ट क्योंकि हम बिजी रहते हैं इसीलिए इसी चीज को और हमारी सेहत को हम लिटरली फॉर ग्रांटेड ही ले लेते हैं और यहीं पर फार्म इजी आपकी लाइफ को इजी बना देता है फार्म इजी लैब्स इंडिया के मोस्ट रिलायबल डायग्नोस्टिक सर्विस प्रोवाइडर्स में से एक है जहां पर आपको 400 से भी ज्यादा लैब
टेस्ट के पैकेजेस मिल जाएंगे जिनका सैंपल कलेक्शन आप सेफली अपने घर में बैठे-बैठे ही करवा सकते हो आपको सिर्फ अपने लिए एक सूटेबल टेस्ट सिलेक्ट करके अपने कन्वीनियंस के हिसाब से एक डेट और टाइम स्लॉट बुक करना होता है एंड दैट्ची पर भी एक्सट्रीमली हाइजीनिक होता है जिसमें सारे सेफ्टी प्रोटोकॉल्स का ध्यान दिया जाता है फाम e के सारे लैब्स एनएबीएल द्वारा सर्टिफाइड है और आपके सारे रिपोर्ट्स स्किल डॉक्टर्स द्वारा वेरीफाइड होते हैं सो आपको इन रिजल्ट्स की एक्यूरेसी की कोई टेंशन लेने की जरूरत नहीं है इसके अलावा आपका रिपोर्ट भी आपको डायरेक्टली डिजिटली ही
सेंड कर दिया जाता है जिसके लिए वैसे तो इन्होंने 15 घंटे का एक कमिटमेंट दिया है लेकिन मुझे तो मेरा रिपोर्ट सिर्फ 6 घंटों में ही मिल गया था और सबसे बड़ी बात है कि फाज अभी ऑफर कर रहे हैं फ्लैट ₹1 ऑफ ऑन ऑल टेस्ट पैकेजेस बस इसे अवेल करने के लिए आपको मेरा कूपन कोड फ्लाई 1000 यूज करना है सो यू शुड डेफिनेटली कंसीडर चेकिंग इट आउट मैंने नीचे डिस्क्रिप्शन में इसका लिंक डाल दिया है अब एक सिंपल से एनिमेशन की मदद से ना फ्रेंड्स मैं आपको क्रॉनिक इंफ्लेमेशन आपके शरीर के किन-किन अंगों
को किस-किस तरह से तबाह करता है इसकी एक झलक दिखाता हूं क्योंकि अगर 60 पर बीमारियों में इसका इवॉल्वमेंट है तो आपको पता होना चाहिए कि यह बीमारी जन्म कैसे लेती है और कैसे फैलती है ताकि खुद को इससे प्रोटेक्ट किया जा सके मुझे जब इस बीमारी के बारे में पहली बार पता चला था आई वाज लिटरली माइंड ब्लोन कि एक बीमारी इतने सारे क्रॉनिक बीमारियों का कैसे जड़ हो सकती है कैसे वह 100 बीमारी के इंटरसेक्शन में एकदम बीच में आ सकती है और बाय द वे यह सारे के सारे हार्मफुल इफेक्ट्स प्रूव्ड है
यहां साइंटिफिक पेपर्स में जिसके रेफरेंसेस आपको नीचे डिस्क्रिप्शन में मिल जाएंगे अब से हम रिसर्च रेफरेंसेस डिस्क्रिप्शन में भी देना स्टार्ट करेंगे अ मेरे दोनों चैनल्स में ताकि आप अपना खुद का भी रिसर्च कर सको इफ यू वांट टू हमारी टीम में कई पैशनेट रिसर्चस और क्रिएटिव एडिटर्स हैं जो इन डेप्थ रिसर्च को आर्टिस्टिक स्टोरी टेलिंग में कन्वर्ट करते हैं हमारा मिशन है हमारे दोनों चैनल्स गेटसेट फ्लाई साइंस और गौरव ठाकुर के थ्रू इंडियंस में एक साइंटिफिक माइंडसेट डिवेलप करके इंडिया के रूट लेवल पर बदलाव लाना और अब हम हमारी टीम को एक्सपेंड कर रहे
हैं और लाइक माइंडेड वरियर्स के साथ सो अगर आपको हमारा कंटेंट पसंद आता है और अगर आप हमारे इस मिशन में वैल्यू ऐड कर सकते हो तो आपके पैशन को एक थ्राइविंग प्रोफेशन बनाना हमारा काम होगा वी आर लुकिंग फॉर स्किल्ड रिसर्चस क्रिएटिव एडिटर्स एंड प्रोफेशनल सोशल मीडिया मैनेजर्स फॉर अ वर्क फ्रॉम ऑफिस अपॉर्चुनिटी इन मुंबई मोर डिटेल्स डाउन इन द डिस्क्रिप्शन बिलो लेट्स क्रिएट एन इंपैक्ट टुगेदर अब कंटिन्यू करते हैं हमारे वीडियो को सो मान लो एक इंसान रेगुलरली स्मोकिंग करता है अब सिगरेट्स में एटलीस्ट 7000 प्लस केमिकल्स होते हैं जिनमें से 69 केमिकल्स
प्रूव्ड है कि कैंसर कॉज करते हैं अब कैंसर कॉजिंग का एगजैक्टली मतलब क्या होता है कि वो सेल्स को माइक्रो लेवल पर डैमेज करते हैं उसके डीएनए को डैमेज करते हैं और अगर आप देखोगे ना तो इन्फ्लेमेशन भी वही चीजें कॉज करती है जो सेल्स को डैमेज करती है क्योंकि उसके बाद ही तो हीलिंग रिस्पांस क्रिएट होता है और इसीलिए क्रॉनिक इंफ्लेमेशन और कैंसर का इतना स्ट्रांग लिंक है सो लेट्स से आप रेगुलरली स्मोकिंग करते हो और इस वजह से आपके बॉडी में क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन क्रिएट हो रहा है अब एक बार आपके शरीर में क्रॉनिक
इन्फ्लेमेशन ने घर बना लिया ना तो यह बहुत ही जल्द शरीर के दूसरे जगहों में भी फैलने लगता है अगर यही इन्फ्लेमेशन आपके लंग्स के सेल्स में कंसंट्रेट होने लगा तो वो वहां पर इंफ्लेमेटरी बीमारियां जैसे कि अस्थमा या ब्रोंकाइटिस को जन्म देने लगेगा यही अगर बद से बदतर होते गया तो ये लंग कैंसर भी कॉज कर सकता है और इसीलिए इन्फ्लेमेशन का लेवल यहां पर एक संकेत का काम करेगा कि कौन से स्केल पर गड़बड़ी है अगर वही इंफ्लेमेशन आपके ब्लड के जरिए आपके हार्ट सेल्स तक पहुंच गया तो इसी इंफ्लेमेशन की वजह से
हार्ट में चर्बी यानी कि प्लक इकट्ठा होने लगता है जिससे एथेरो स्क्लेरोसिस या सीवीडी जैसी बीमारियां होती है जो हार्ट अटैक्स का सबसे मेजर कारण है और इसीलिए क्रॉनिक इंफ्लेमेशन का हार्ट अटैक्स के साथ भी डायरेक्ट लिंक है अब अगर लेट्स से यही क्रॉनिक इंफ्लेमेशन ब्लड के जरिए किडनीज में भी कंसंट्रेट होने लग गया तो ये वहां पर नेफ्राइटिस या किडनी फाइब्रोसिस कॉज कर सकता है अगर यही इंफ्लेमेशन स्टमक तक फैल गया तो ये गैस्ट्राइटिस कॉज करेगा इंटेस्टाइंस तक फैल गया तो ये अल्सरेटिव कोलेट या फिर क्रोनस डिजीज कॉज करेगा लिवर में फैल गया तो
ये लिवर फाइब्रोसिस या सिर होस कॉज करेगा पैंक्रियाज में ये फैल गया तो पैंक्रियास या फिर इंसुलिन प्रोडक्शन को डिसर पट करके डायबिटीज कॉज करेगा जोड़ों में कंसंट्रेट होने लगा तो ये रूमेटॉन आर्थराइटिस कॉज करेगा स्किन टिशूज को एक्सपोज हो गया तो जल्दी बूढ़ा करेगा इनफैक्ट कम उम्र में बूढ़ा दिखने के पीछे एक मेजर वजह क्रॉनिक इंफ्लेमेशन ही होती है क्योंकि ये स्किन सेल्स में कोलाजन को घटाता है इलास्टिसिटी को कम करके एक बूढ़े इंसान का अपीयरेंस देता है इवन डीएनए डैमेज भी करता है और अगर हमारा ब्रेन क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन के शिकंजे में आ गया
तो ये कई सारे न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर्स को जन्म देने लगेगा छोटी बीमारियां जैसे कि स्ट्रेस एंजाइटी कंफ्यूजन मेमोरी लॉस थकान से लेकर संगीन न्यूरोडीजेनरेटिव बीमारियां जैसे डिप्रेशन अल्जाइमर्स पार्किंसन डिजीज एटस सो अब आपको थोड़ा सा समझ में आ रहा होगा कि क्यों यह क्रॉनिक इंफ्लेमेशन इतना बड़ा साइलेंट किलर है बट चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि जैसे आपको पता है मैं गेटसेट फ्लाई साइंस चैनल में सिर्फ प्रॉब्लम्स ही हाईलाइट नहीं करता हूं बल्कि उनके बेस्ट सॉल्यूशंस भी प्रोवाइड करता हूं ताकि आप साइंस की नॉलेज को प्रैक्टिकली यूज करके एक कदम आगे रहे और अपनी जिंदगी
को बेहतर बनाएं सो आगे मैं आपको कुछ ऐसे सॉल्यूशंस देने वाला हूं जिससे फर्क नहीं पड़ता आपकी उम्र कितनी भी हो बट आपके शरीर का इंफ्लेमेशन एक हेल्दी 25 साल के इंसान जितना कम हो सकता है और आप यह सब बीमारियों से बच सकते हो अपनी उम्र को लंबी करते हुए बट उससे पहले एक इंटरेस्टिंग फैक्ट ये है कि मेडिकली आईस से एंड होने वाली जितनी भी बीमारियां होती है ना उन सबका मतलब एक ही होता है उस बॉडी पार्ट या ऑर्गन में इंफ्लेमेशन का होना जैसे पेट में इंफ्लेमेशन गैस्ट्राइटिस पैंक्रियास में पेंक्रियाटाइटिस जॉइंट्स में
आर्थराइटिस एटस अब ये सब बीमारियों के अलावा ना क्रॉनिक इंफ्लेमेशन कई किस्म के कैंसर्स भी कॉज करता है बट क्या आपको यह सवाल नहीं आया कि इंफ्लेमेशन चलो इवन अगर क्रॉनिक भी हो पर है तो इंफ्लेमेशन ही ना मतलब उससे थोड़ा बहुत दर्द स्वेलिंग और इरिटेशन भले ही हो जाए बट इससे कैंसर तक बात कैसे पहुंच गई वेल बिल्कुल जैसे बूंद-बूंद से सागर बनता है एकएक कुल्हाड़ी मार मर के पहाड़ कट जाता है ठीक उसी तरह कांस्टेंटली क्योंकि हमारे शरीर के किसी हिस्से में डब्ल्यूबीसी लगातार अटैक कर रहे होते हैं तो वो नए जन्म में
सेल्स जिससे सारे टिशूज और घाव रिपेयर होते हैं या उन्हीं सेल्स के डीएनए को डैमेज करने लगते हैं जिससे उनमें अनकंट्रोल्ड और फॉल्टी सेल रेप्ट केशन होने लगता है मतलब जो नए सेल्स जन्म ले रहे हैं उनमें फॉल्टी म्यूटेशंस आने लगते हैं यही अनकंट्रोल्ड ग्रोथ से कैंसर जन्म लेता है बेसिकली प्रकृति में आप इस चीज को देखना कोई भी चीज जो आपके बॉडी को लंबे समय तक इरिटेट करेगी वो कैंसर कॉज करती होगी जैसे एक्सरेज स्किन को चुपते हैं लंबे एक्सपोजर से कैंसर कॉज करते हैं आर्सेनिक हो गया या एस्बेस्टोसिस कॉज करते हैं लंबे समय
में ये भी कैंसर कॉज करते हैं वैसे ही सिगरेट्स हो गए अल्कोहल एसेट अच्छा इंफ्लेमेशन सिर्फ कैंसर के डेवलपमेंट में ही नहीं बल्कि प्रोग्रेशन यानी कि ग्रोथ और फैलने में भी एक मेजर रोल प्ले करता है और यह भी इसका एक बहुत ही डेंजरस साइड इफेक्ट है सो अब तक तो हम यह अच्छी तरीके से समझ चुके हैं कि क्रॉनिक इंफ्लेमेशन शरीर का सबसे बड़ा दुश्मन है बट भूलो मत यह एक साइलेंट किलर है यानी कि सभी के नजरों से छुपकर अंदर ही अंदर अपना काम कर जाता है सो ऐसे में इसे पहचाना कैसे जाए
कैसे पता चल सके कि क्रॉनिक इंफ्लेमेशन आपके शरीर में फैलना शुरू कर चुका है और आगे चलके यह बीमारियां कॉज कर सकता है वेल इसके लिए ना एक सिंपल सा टेस्ट आता है जो शरीर में कितना इंफ्लेमेशन मौजूद है के साथ-साथ यह तक प्रिडिक्ट कर सकता है कि अगले कुछ सालों में क्या आपकी मौत हार्ट अटैक या कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों से होगी कि नहीं इस टेस्ट का नाम है सी रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट या सीआरपी टेस्ट जब भी बॉडी में इंफ्लेमेशन हाई होता है ना तब हमारा लिवर साइटोकींस के रिस्पांस में सी रिएक्टिव प्रोटींस प्रोड्यूस
करता है और ब्लड में भेजता है इंफ्लेमेशन से लड़ने और उसे घटाने के लिए अगर ब्लड में सीआरपी की वैल्यू हाई है तो इसका मतलब हमारे बॉडी में इंफ्लेमेशन भी हाई है ये चार्ट आप देख सकते हो कैसे एक हेल्दी पर्सन में सी रिएक्टिव प्रोटींस का लेवल 0.3 मग्र पर डेलीर से कम होता है और जैसे-जैसे ये बढ़ने लगता है वैसे-वैसे चांसेस बढ़ने लगते हैं कि अंदर कोई ना कोई बीमारी जरूर पनप रही है अगर माइंडी एलिवेटेड है तो फीवर डिप्रेशन या यह सब कारण हो सकते हैं और अगर मॉडरेटली एलिवेटेड है तो हार्ट अटैक्स
का भी रिस्क हो सकता है और यह सब भी कारण हो सकते हैं उससे ज्यादा अगर वैल्यूज हो तो यह सब कारण हो सकते हैं सो बेसिकली इस सिंपल से टेस्ट के जरिए आप समझ सकते हो कि आपके शरीर के अंदर साइलेंटली कोई बीमारी ग्रो तो नहीं हो रही है अब ऐसा बिल्कुल हो सकता है कि आपको कोई मामूली सा सर्दी जुखाम है या फिर पेट दर्द है तो ऐसे में कुछ दो या तीन दिनों के लिए आपके सी रिएक्टिव प्रोटींस का वैल्यू बॉडी में बढ़ गया है लेकिन फिर वापस से वह अपने नॉर्मल बेसलाइन
में भी आ जाएगा और इसीलिए ऐसे में घबराने की कोई जरूरत नहीं है यह नेचुरल ही है बट अगर लेट्स से आप तीन महीनों से एवरी मंथ एक बार टेस्ट करवा रहे हो और हर बार वैल्यूज एलिवेटेड ही आते हैं तो यह एक सिग्नल हो सकता है कि शायद कोई अंडरलाइन बीमारी आपको है और इसीलिए अगर आपको थोड़ी भी चिंता या कंसर्न सताता है कि आपको शायद से कोई अंडरलाइन बीमारी हो सकती है तो एटलीस्ट एक महीने के गैप में दो बार टेस्ट जरूर करवा लीजिए ताकि शोर हो सको सो अब तक हम समझ चुके
हैं कि क्रॉनिक इंफ्लेमेशन क्या है कैसे यह साइलेंटली गंभीर से गंभीर बीमारियों के डेवलपमेंट और ग्रोथ का कारण बनता है और हम यह भी जान चुके हैं कि इस छुपी बीमारी को डायग्नोज कैसे करें अब आता है इस वीडियो का सबसे इंपॉर्टेंट पार्ट कैसे एक आम इंसान क्रॉनिक इंफ्लेमेशन होने से खुद को बचाए और सेफ रखें और अगर लेट्स से क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन के कुछ सिमटम्स आपके शरीर में दिख भी जाते हैं तो उसे रिवर्स कैसे किया जाए ऑल इन ऑल इन सारी बीमारियों के जड़ को जड़ से ही जन्म लेने और पनपने से कैसे बचा
जा सकता है सो देखो सबसे पहले तो इस बीमारी को सही से डायग्नोज ही कर देना आधा प्रॉब्लम सॉल्व कर देता है क्योंकि ये एक साइलेंट किलर है और दूसरी बात इसे जड़ से रोकने या उखाड़ फेंकने के बहुत सारे इफेक्टिव सलूशन जरूर है लेकिन बस सिर्फ एक ही शर्त है आपको समय रहते इन सॉल्यूशंस को इंप्लीमेंट करना होगा क्योंकि अगर आप लेट हो गए तो बहुत सी गंभीर बीमारियां ऑलरेडी डेवलप हो चुकी होगी जिन्हें वापस से रिवर्स नहीं किया जा सकता इन दैट केस आप सिर्फ उनके ग्रोथ को ही स्लो डाउन कर पाओगे सो
यह रहे कुछ सॉल्यूशंस मेरे रिसर्च के हिसाब से इन देयर ऑर्डर ऑफ इंपॉर्टेंस सलूशन नंबर वन एंड सलूशन नंबर टू इन दोनों सॉल्यूशंस को हम जॉर्डन रूबन जो कि एक अमेरिकन टीनेजर है उसके केस स्टडी से समझते हैं जिसे इंफ्लेमेटरी बावल डिजीज या आईबीडीसी किया गया था इस क्रॉन इंफ्लेमेशन वाली बीमारी की वजह से इसका वजन तेजी से गिरने लगा था और कुछ ही महीनों में इसने 35 किलोग्राम लूज कर दिया था जिसमें मसल मैस भी शामिल होने की वजह से यह ठीक तरीके से चल भी नहीं पाते थे दो सालों तक लगातार अलग-अलग डॉक्टर्स
और उनकी दवाइयां खा खा करर भी जॉर्डन की सेहत में कोई भी सुधार नहीं आ रहा था बट फिर अंत में इनकी बीमारी का राम बाण सलूशन बने बस दो चीजें नंबर वन प्रोबायोटिक डाट और डेली कार्डियो वैस्कुलर एक्सरसाइज जैसे ही उसने यह दो चीजें करना स्टार्ट किया बस तीन महीनों के अंदर उसका ट्रांसफॉर्मेशन आप खुद ही देख लो अनबिलीवर्स से खुश होते हैं एविडेंस से चमत्कारों से नहीं सो क्या इसके पीछे कोई साइंस है क्रॉनिक इंफ्लेमेशन इतनी आसानी से रिवर्स हो सकता है क्या वेल फ्रेंड्स हिप्पोक्रेट्स जिन्हें फादर ऑफ मेडिसिन कहा जाता है ने
2000 साल पहले एक बहुत इंटरेस्टिंग बात बोल दी थी उन्होंने कहा था कि सारी बीमारियां ना हमारे गट यानी कि हमारे आंतों में ही जन्म लेती है एंड लुक टुडे इसमें कितनी सच्चाई है बहुत कम लोग यह जानते हैं कि हमारा 70 टू 80 पर इम्यून सिस्टम हमारे गट यानी हमारे आतो में ही होता है अब इसे ध्यान से सुनना हमारे पूरे लार्ज इंटेस्टाइन के अराउंड ना एक पतली सी सिंगल लेयर होती है सेल्स की जिसे गट बैरियर कहते हैं इस गट बैरियर के एक तरफ यानी कि आंतों के अंदर रहते हैं 50 से 100
ट्रिलियन माइक्रो ऑर्गेनिस्ट मस जिन्हें गट माइक्रोब्स कहते हैं और दूसरे तरफ यानी कि ब्लड स्ट्रीम में तैर रहे होते हैं हमारे शरीर के 70 से 80 पर इम्यून सेल्स यानी कि सोल्जर सेल्स आप इसे इंडिया पाकिस्तान के बॉर्डर की तरह इमेजिन कर सकते हो बॉर्डर का एरिया है आपका गट बैरियर बॉर्डर के एक तरफ है पाकिस्तानी आर्मी यानी कि गट माइक्रो ऑर्गेनिस्ट मस और दूसरी तरफ है इंडियन आर्मी यानी कि इम्यून सेल्स या सोल्जर सेल्स अब यहां पर ना बहुत ही गौर करने वाली बात यह है कि बस वो बॉर्डर यानी बस वो गट बैरियर
ने ही दोनों को भिड़ने से रोक रखा हुआ है अगर बॉर्डर कमजोर हो गया और पाकिस्तानी आर्मी इंडिया में घुसने लगी तो इंडियन सोल्जर्स एक्टिवेट हो जाएंगे और एक-एक करके उन घुस बैठ हों पर अटैक करने लगेंगे और इसीलिए उस बॉर्डर का उस कट बैरियर का इतना बड़ा रोल होता है अब पता है यह गट बैरियर बनाता कौन है हमारे गट गट माइक्रोब्स गट माइक्रो ऑर्गेनिस्ट मस इनके वजह से ही लिटरली गट बैरियर बनता है और अगर माइक्रोब्स हेल्दी रहे तो हेल्दी बैरियर बनेगा और अगर अनहेल्दी रहे तो वीक बैरियर बनेगा देखो गट माइक्रोब्स बेसिकली
सूक्ष्म माइक्रो ऑर्गेनिस्ट मस होते हैं जिनमें कई किस्म के बैक्टीरिया पैरासाइट्स फंगा और कुछ वायरस भी शामिल होते हैं जितने ह्यूमन सेल्स हमारे बॉडी में मौजूद है ना उसके जितने ही या उससे भी ज्यादा इन माइक्रोब्स के सेल्स हमारे बॉडी में मजूद होते हैं ये लिटरली हमारे गट में छोटे-छोटे केमिकल फैक्ट्रीज की तरह होते हैं जो डिसाइड करते हैं कि पॉजिटिव केमिकल्स प्रोड्यूस होंगे या फिर डेंजरस इंफ्लेमेटरी केमिकल्स प्रोड्यूस होंगे और क्योंकि यह हमारे ना होके भी हमारे ही अंश होते हैं यह लिटरली डिसाइड करते हैं एक इंसान कितना जिएगा और कब मरेगा और इसीलिए
हमें इनके साथ अपने शरीर का रिश्ता म्यूचुअल बेनिफिशियल बनाए रखना होता है कि इनका भी फायदा हो और हमारा भी और इसीलिए यहीं पर हमारे डाट का सबसे बड़ा रोल आ जाता है यू सी बेनिफिशियल गट माइक्रोब्स को हमसे कुछ स्पेसिफिक चीजें चाहिए होती है खुद को जिंदा रखने के लिए और हेल्दी बनाए रखने के लिए और अगर हम इन्हें वो देकर खुश रखें तो यह हमें इन रिटर्न खुश रखते हैं हेल्दी गट माइक्रोब्स यूजुअली फाइबर्स और कॉम्प्लेक्शन खाते हैं क्योंकि ये कई किस्म के एंजाइम्स क्रिएट करते हैं जो इन कॉम्प्लेक्शन करके के इनका खाना
बनाते हैं इसी प्रोसेस में शॉर्ट चेंड फैटी एसिड्स जैसे केमिकल्स रिलीज होते हैं जो सुपर एंटीइन्फ्लेमेटरी होते हैं यानी कि यह इन्फ्लेमेशन को कम करने का सिग्नल देते हैं और यह तो मैंने बस सिर्फ एक एंटीइन्फ्लेमेटरी केमिकल की बात की है विभिन्न किस्म के हेल्दी माइक्रोब्स विभिन्न किस्म के हेल्दी केमिकल सक्रेट करते हैं जो सैकड़ों केमिकल्स मिलकर फिर शरीर में इन्फ्लेमेशन की आग को बुझाते हैं जिससे फिर हमारा इम्यून सिस्टम सप्रे होता है और कई सारी बीमारियां टल जाती है अब इसका उल्टा भी होता है अगर हम सैचुरेटेड फैट्स वाले हाई शुगर वाले फूड्स कंज्यूम
करते हैं ना तो सैचुरेटेड फैट्स बैड माइक्रो ऑर्गेनिस्ट मस का खाना होता है और जैसे ही ये उसे अनहेल्दी फैट्स में ब्रेक डाउन करते हैं वैसे ही ये अनहेल्दी फैट्स हमारे बॉडी के सेल्स में इधर-उधर जाकर चिपकने लगते हैं जिस पर हमारे इम्यून सेल्स टूट पड़ते हैं और इन्फ्लेमेशन बढ़ने लगता है अब दूसरी तरफ हेल्दी गट माइक्रोब्स गट बैरियर को भी स्ट्रांग रखते हैं और अनहेल्दी गट माइक्रोब्स बैरियर को कमजोर बनाते हैं जैसे हमने पहले देखा और इससे क्या होता है पता है कमजोर गट बैरियर की वजह से हमारे आंतों के माइक्रो ऑर्गेनिस्ट मस इजली
उस बैरियर को क्रॉस करके हमारे ब्लड स्ट्रीम में घुसने लगते हैं जिसे मेडिकली फिर लीकी गट सिंड्रोम कहा जाता है लीकी गट क्रॉनिक इंफ्लेमेशन का वन ऑफ दी मोस्ट कॉमन कारण है क्योंकि अब माइक्रोब्स जो ब्लड में आ गए हैं तो इम्यून सेल्स उन पर टूट पड़ेंगे और क्रॉनिक इंफ्लेमेशन क्रिएट होगा सो अब आप समझ गए होंगे कि आपके गट माइक्रोब्स और डाइट का कितना बड़ा रोल होता है द मोस्ट इंपॉर्टेंट रोल अब समझते हैं कि कौन सा डाइट बेस्ट है गट माइक्रोब्स और इंफ्लेमेशन के लिए वेल सबसे पहले तो हैंड्स डाउन प्रोबायोटिक्स और फर्मेंटेड
फूड्स जितना हो सके इनके सेवन को बढ़ाएं फूड्स जैसे कि दही हो गया डोसा इडली ढोकला अचार छास किमची कोंबूचा ये सारे फूड्स फर्मेंटेड कैटेगरी में आते हैं जो बेसिकली प्रोबायोटिक होते हैं यानी कि इनमें जिंदा माइक्रो ऑर्गेनिस्ट मस होते हैं यह जैसे ही हमारे बॉडी में इंजेस्ट होते हैं ना इनका हमारे शरीर के माइक्रोबिट एनवायरमेंट में पॉजिटिव असर पड़ता है कई रिसर्चस में ये प्रूव हुआ है कि जैसे ही लोग फर्मेंटेड फूड्स खाना स्टार्ट करते हैं उनके इंफ्लेमेटरी बायो मार्कर्स में एकदम से इंप्रूवमेंट दिखाई देने लगता है और इसीलिए अगर आपको अपने डाइट और
गट बैक्टीरिया के जरिए शरीर में इंफ्लेमेशन की मात्रा को कम करना है तो ईट फर्मेंटेड एंड प्रोबायोटिक फूड्स इज वन ऑफ द बेस्ट सलूशन अच्छा दूसरी तरफ जितना हो सके एंटीबायोटिक्स को अवॉइड करना चाहिए एंटीबायोटिक्स का मतलब ही होता है एंटीबायोटिक यानी कि माइक्रो ऑर्गेनिस्ट म को खत्म करने वाली दवा जो बहुत ही सीरियस इनफेक्शंस में ही लेना चाहिए मगर आजकल तो मामूली से सर्दी जुखाम में भी कुछ डॉक्टर्स कोल्ड मेडिसिन के साथ एक एंटीबायोटिक पकड़ा देते हैं एंटीबायोटिक से हमारे गट के गुड बैक्टीरिया भी लिटरली डिस्ट्रॉय हो जाते हैं बिना मतलब का गुड बैक्टीरिया
भी ने पड़ जाते हैं बैड बैक्टीरिया के साथ और पूरा जो हमारा माइक्रोबायोम्स का इकोसिस्टम है वो कोलप्पन में 6 महीने तक लग जाते हैं अच्छा अब सेकंड बेस्ट चीज जो आप कर सकते हो ना वो है अपने डाइट में जितना हो सके विभिन्न किस्म के फाइबर्स खाना स्टार्ट करो और वो भी फ्रॉम डिफरेंट कलर्ड वेजिटेबल्स और फ्रूट्स जितने ज्यादा रंगों के फ्रूट्स और वेजस आप खाओगे उतना ज्यादा अच्छा है क्योंकि इनमें अलग-अलग किस्म के पॉलिफिनॉल्स होते हैं जो एंटी इंफ्लेमेटरी केमिकल्स होते हैं और साथ में फाइबर्स भी होता है जो कि जैसे मैंने आपको
बताया गुड माइक्रोब्स का खाना होता है जिसे खाकर वो और ज्यादा एंटी इन्फ्लेमेटरी केमिकल्स रिलीज करते हैं अच्छा एक सीक्रेट इंग्रेडिएंट्स है और हमारा गट बैरियर 30 पर इस इंग्रेडिएंट्स करना चाहोगे वेल जिन-जिन के दिमाग में ग्लूटामाइन आया यू आर करेक्ट ये प्रोटीन नॉन वेजीटेरियंस को मीट में मिल जाएगा और वेजीटेरियंस को कैबेज और वे प्रोटीन सप्लीमेंट्स में इसी के साथ जनरली भी एक हाई प्रोटीन लो शुगर और लो सैचुरेटेड फैट्स वाला डाइट बेस्ट है क्योंकि ब्लड शुगर स्पाइक्स का इन्फ्लेमेशन के साथ एक बहुत ही स्ट्रांग लिंक है अब इसे ध्यान से सुनना ये बहुत
इंपॉर्टेंट है सो अगर आप फूड्स खाते हो जो हाई इन सैचुरेटेड फैट्स हैं जैसे बर्गर्स हो गए पिज्जाज फ्राइड आइटम एट्स तो ये सब खाने से सबसे पहले तो 30 मिनट में ही आपका ब्लड शुगर स्पाइक हो जाता है और फिर फ कुछ चार से छ घंटों के अंदर ब्लड फैट्स के लेवल्स भी स्पाइक होने लगते हैं अब यह ब्लड शुगर और ब्लड फैट्स का स्पाइक एक्चुअली में काफी इंफ्लेमेटरी होता है बेसिकली हमारे इम्यून सेल्स इनकी संख्या ब्लड में बढ़ते हुए देख सचेत हो जाते हैं और इन्फ्लेमेशन को ट्रिगर करने लगते हैं इसे ऐसे इमेजिन
करो कि जैसे ही आपके शरीर का इम्यून सिस्टम यह देखता है कि ब्लड में बहुत ही स्ट्रांग शुगर स्पाइक्स और फैट स्पाइक्स आ रहे हैं तो वो उसे पूरे शरीर में लगे छो छोटे-छोटे फायर्स की तरह देखता है जिससे वोह फायर अलार्म बजाकर फिर इम्यून सेल्स को ट्रिगर कर देता है और नती जन आपके शरीर में जगह-जगह इंफ्लेमेशन क्रिएट होने लगता है और इसीलिए जितना सैचुरेटेड फैट्स ट्रांस फैट्स प्रोसेस्ड शुगर जैसे कि मल्ट डिक्सन हो गया उतना खाओगे उतना ही ज्यादा इन्फ्लेमेशन क्रिएट होगा क्योंकि ये इवन गट बैरियर को भी कमजोर करके बैक्टीरिया को ब्लड
में लीक भी करवाते हैं अब गट माइक्रोब्स और डाइट के अलावा बात करते हैं क्रॉन इंफ्लेमेशन के तीसरे बहुत ही इंपॉर्टेंट सलूशन की जो है फ्रीक्वेंसी याद है मैंने थोड़ी देर पहले ही आपको बताया था एक ऐसे रिसर्च के बारे में जिसमें 75 इयर्स के बूढ़े लोगों में भी एक 25 साल के हेल्दी इंसान के बराबर इन्फ्लेमेशन लेवल्स देखने को मिले थे और यह सिर्फ इसीलिए हो पाया था जस्ट बिकॉज उस ग्रुप के लोगों ने पूरी लाइफ टाइम एक्सरसाइज जारी रखी थी कैन यू बिलीव दिस इतना इंपॉर्टेंट एक्सरसाइज इन इ फैक्ट इसी स्टडी में यह
भी कंक्लूजन लेवल की एक्सरसाइज करने की कोई जरूरत नहीं है बस एक नॉर्मल सा रूटीन एंड लो इंटेंसिटी एक्सरसाइजस भी आपके इन्फ्लेमेशन लेवल्स को कम करते हैं क्योंकि एक्सरसाइज से हमारा गट बैक्टीरिया भी हेल्दी रहता है और बहुत सारे एंटी इंफ्लेमेटरी हॉर्मोंस जैसे एंडोर्फिंस और सेरोटोनिन भी प्रोड्यूस होते हैं अगर आप हफ्ते में चार से पांच बार 20 से 25 मिनट भी कार्डियो और 15 मिनट वेट ट्रेनिंग भी करोगे तो भी ये इनफ होगा रेगुलर एक्सरसाइजस से बॉडी फैट लेवल्स भी कम होते हैं और फैट सेल्स शरीर के सबसे बड़े दुश्मन होते हैं जैसे आपको
पता होगा क्योंकि ये इन्फ्लेमेशन के सबसे बड़े दोस्त होते हैं बॉडी फैट सेल्स या एडिपोसस को प्रॉब्लम की तरह देखती है और साइटोकीन रिलीज करने लगती है जो इंफ्लेमेशन कॉज करते हैं और आगे चलके इंसुलिन रेजिस्टेंस क्रिएट करते हैं जिससे डायबिटीज होता है और इसीलिए ओबेसिटी और डायबिटीज इंफ्लेमेटरी बीमारियां है अब फाइनली बात करते हैं एक और एक बहुत ही इंपॉर्टेंट सलूशन के बारे में प्रॉपर स्लीप स्केड्यूल प्रॉपर स्लीप स्केड्यूल के बारे में मैं जितना भी बोलूं ना उतना कम है इस पर तो मैंने एक पूरा डिटेल वीडियो बना रखा है 25 मिनट का नींद
के महत्व के ऊपर कि हमारे हेल्थ पर इसके क्या इफेक्ट्स होते हैं उसे एक्सप्लेन किया है बेसिकली स्लीप हमारे शरीर के लिए एक रिसेट स्विच की तरह होता है जो सारे फंक्शंस राइट फ्रॉम हमारे हॉर्मोंस हमारे इमोशंस हमारे ब्रेन हार्ट हमारे गट माइक्रोब्स हमारा डाइजेशन और अन्य ऑर्गन्स की फंक्शनिंग सब कुछ कुछ रेगुलेट करता है ये लिटरली रात को हमारे शरीर को प्रिपेयर कर रहा होता है अगले दिन के नॉर्मल फंक्शनिंग के लिए और आज के मॉडर्न और स्ट्रेसफुल लाइफस्टाइल की वजह से हम इसे ही सबसे ज्यादा कॉम्प्रोमाइज करते हैं पर्सनली मेरे लेवल पर मैंने
एक सिंपल सा प्रिंसिपल ही बना दिया है कि चाहे जो कुछ भी हो अगर मुझे अपनी लाइफ को वापस से अपने कंट्रोल में लाना है तो सबसे पहले मुझे अपने स्लीप स्केड्यूल को कंट्रोल में लाना होगा और इसीलिए मैं शार्प 11:30 को हमेशा सोने चले जाता हूं क्योंकि मैंने नोटिस किया है कि सारे प्रॉब्लम्स चाहे वो प्रोडक्टिविटी से रिलेटेड हो चाहे मूड से रिलेटेड हो या इवन हेल्थ को लेकर तभी शुरू होते हैं जब मेरा स्लीप स्केड्यूल बिगड़ता है बैड स्लीप का इंफ्लेमेशन के साथ डायरेक्ट लिंक है स्ट्रेस के साथ हाई ब्लड प्रेशर डायबिटीज हार्ट
डिजीज एंड इवन कैंसर्स के साथ भी और ये सारे कनेक्शंस पूरे साइंस के साथ इन डिटेल सॉल्यूशंस के साथ भी कि आप अपने स्लीप को कैसे फिक्स कर सकते हो मैंने इन डेप्थ कवर किया है मेरे एक वीडियो में जिसे आप यहां पर आई बटन पर क्लिक करके चेक आउट कर सकते हो इस वीडियो को देखने के बाद आई हाईली सजेस्ट उस वीडियो को देखना अब इसके अलावा फ्रेंड्स दुनिया में ना आज 130 करोड़ लोग स्मोकिंग या टोबैको प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं तंबाकू वन ऑफ दी मोस्ट इंफ्लेमेटरी ड्रग्स है जिनका लोग रोज सेवन करते
हैं एडिक्टेड हो जाते हैं और इसी से ही कई किस्म के कैंसर्स भी जन्म लेते हैं इसे हर हाल में हमें रोकना होगा अल्कोहल को लेकर भी बहुत डिबेट है कि कितनी मात्रा में यह प्रो इन्फ्लेमेटरी या एंटी एटी इंफ्लेमेटरी हो सकता है मगर सेफेस्ट साइड में रहने के लिए ना डूओ के रिपोर्ट के अनुसार जाना बेस्ट होगा जो यह कहता है कि नो अमाउंट ऑफ अल्कोहल इज सेफ और आधे लोगों को जो कैंसर अल्कोहल की वजह से हुए हैं अब तक वो सभी लोग लाइट या मॉडरेट अमाउंट्स में ही अल्कोहल को कंज्यूम किया करते
थे सो यू सी फ्रेंड्स क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन को पनपने से रोकना टोटली आपके हाथ में आपको बस थोड़ा रिस्पांसिबल बनना पड़ेगा विद रिगार्ड्स टू योर डाट एंड योर लाइफस्टाइल बट इस इस वीडियो से उम्मीद है आपको एटलीस्ट यह समझ आ गया होगा कि इंफ्लेमेशन एक कितना बड़ा साइलेंट किलर है और समय रहते इसे ट्रैक करके सही लाइफस्टाइल और डाइटरी चॉइसेज से रोकना हर एक इंसान की अपने सेहत के प्रति एक बड़ी रिस्पांसिबिलिटी है और इसीलिए इस वीडियो को जितना हो सके अपने फैमिली मेंबर्स और फ्रेंड्स के साथ जरूर शेयर करना क्योंकि ऐसे साइलेंट किलर्स का पता
है एक ही सबसे बड़ा इलाज है और वो है मैसिव लेवल पर अवेयरनेस फैलाना ताकि हर एक भारतीय सचेत होकर अपनी जिंदगी को बेहतर दिशा दे सके और अगर ऐसा करके हम एक इंसान की भी जान बचा पाए ना तो उससे बड़ा योगदान इस दुनिया में और कुछ नहीं हो सकता जय हिंद जय विज्ञान और ऑफकोर्स प्रिवेंशन इज ऑलवेज बेटर देन क्यर इसीलिए आप फार्म इजी लैब्स के थ्रू अपना रेगुलर बॉडी चेक अपस करवा सकते हो इसमें अगर आप मेरा कूपन कोड फ्लाई 1000 यूज करोगे तो आपको फ्लैट 000 ऑफ मिल जाएगा लिंक डिस्क्रिप्शन में
है
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