Acharya Prashant on Love, Beauty and Joy | AK Talk Show

255.47k views17205 WordsCopy TextShare
Anmol Kwatra
https://www.youtube.com/playlist?list=PLI-A2n7EEiAuYrQOQm290D1SHRxsjiFiv Welcome to the AK Talk Sho...
Video Transcript:
बात यह है कि यहां ऐसा कुछ है नहीं जो बहुत पसंद आने लायक और जो कुछ भी आपको पसंद आता है वह कभी ना कभी आपको धोखा ही देके जाता है फिर ज्ञानियों ने क्या कंक्लूजन निकाल दिया पूरी दुनिया जिस प्रिंसिपल पर चल रही है व प्रिंसिपल है डिजायर का ही और जब उस डिजायर के प्रिंसिपल को समझ करके हम उससे फ्री हो जाते हैं तो वो कहलाती है मुक्ति उस मुक्ति का ही दूसरा नाम भगवान है शादी करना इतना मैंडेटरी क्यों है हमारी सोसाइटी में क्योंकि सेक्स एक बायोलॉजिकल नीड है इतनी अच्छी एजुकेशन हम
अपने लड़के लड़ को दे नहीं पाते कि वो अपनी बॉडी को साफ-साफ समझ ले और सेक्स के साथ मर्यादित तरीके से डिसिप्लिन तरीके से रह पाए और जो आप नॉर्मल सोसाइटी है उसमें देखोगे तो सिंगल लोग 5 पर मिलेंगे लेकिन आप आर्टिस्ट्स में देखोगे तो आपको सिंगल लोग हो सकता है 25 पर मिले और अगर आप स्पिरिचुअल लोगों में देखोगे तो वहां पे आपको सिंगल लोग 50 पर मिलेंगे जो यूथ आजकल एस्ट्रोलॉजी के चक्कर में वो एप्स आ गई हैं ऑनलाइन कि आपको गाड़ी कब मिलेगी शादी क्या होगी उसपे आपका क्या ओपिनियन है र यूथ
चाहिए ना हमको अभी भगत सिंह की बात करी थी आजाद ये यूथ चाहिए एस्ट्रोलॉजी तो मजबूरी का नाम है अच्छा सर ऐसे भी होता है कई बारी जैसे बोलते हैं कि ये सब कुछ लिखा हुआ है पहले ही तो आपका इस पे क्या ओपिनियन है सब कुछ तो जो कैदी होते हैं उनका लिखा होता है पहले इतने बजे उठेगा इतने बजे सोएगा इस दिन जेल में जाएगा और इस दिन रिहा होगा ये तो कैदियों का होता है इंसान तो वो है जो आजाद शय है जिसका सब कुछ लिखा हुआ है पहले से वो इंसान के
नाम पर धब्बा है सत श्री अकाल जी एक बार फिर स्वागत है आपका अपने एक के टॉक शो में आज जो मेरे साथ मेहमान है मैं सिर्फ सोशल मीडिया प हो ग इतनी जल्दी सुन लेते हैं तो आज हम पहुंचे उनसे मिलने भी और मौका मिला उनसे बातचीत करने का जिंदगी के बारे में समझने का और आप सुनिए और हिंदी मेरी थोड़ी सी हाथ टाइट है उसमें तो कोशिश कीजिएगा कि आप कंप्रोमाइज करें और स्वागत है सर आपका एक टॉक शो बहुत-बहुत स्वागत है आपका भी आप कैसे हो आप कैसे हैं आपके दर्शन करने का
बस मैंने मन में सोचा था कि एक बार मैंने आपको मिलना है देखना है रियल में क्योंकि मेरे को लगता है कि जो भी इंसान मेरे को अच्छे लगते हैं जिनके विचार अच्छे लगते हैं मैं एक बार लाइफ में उनके छूना चाहता हूं बस ये मेरा सुपना है चाहे फोटो हो चाहे ना हो मैं बहुत साधारण इंसान हूं हमसे दोस्त की तरह बात हो जैसे दो फ्रेंड्स आपस में गुफ्तगू करते हैं वैसे बातचीत करेंगे जी आप कैसे हो बहुत बढ़िया जैसा आज हूं वैसे ही कल था यही साधारण रोज का काम है चलता रहता है
पंजाब में आपका स्वागत है और आज हमारे एकही टॉक शो में आपका स्वागत है आपके हिसाब से सर जीवन क्या है फिर कैसे जीना चाहिए जीवन इंसान आज आपको सुन रहा है तो मैं भी जानना चाहता हूं कि आज मेरी उम्र 28 साल है तो मैं समझने की कोशिश कर रहा हूं कि मुझे जो जीवन मिला है किसलिए मिला है मुझे क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए यह तो चलो हमारे जो भगवत गीता है गुरु ग्रंथ साहिब जी में से में से टीचिंग्स ले रहे हैं हम कि यह बुरी चीज है ये अच्छी चीज
है आपके हिसाब से जीवन क्या करना चाहिए फिर सारी देखो अभी आप बैठे हो फिर पूछता हूं आपको वापस ला रहा हूं अभी आप यहां बैठे हो आपके लिए जीवन क्या है अभी आप वापस जाओगे आपकी फ्लाइट होगी ट्रेन होगी वो जीवन है क्या मेरे लिए जीवन खुश रहना अभी आप मुझसे बात कर रहे हो ठीक है कांसेप्ट में नहीं बिल्कुल एकदम प्रैक्टिकल रियलिटी में बात करेंगे सिद्धांत की बात नहीं कर रहे अभी आप मेरे साथ यहां बात कर रहे हो आपको अपनी ट्रेन का फ्लाइट का ख्याल आ रहा है क्या अभी फिलहाल नहीं आ
रहा नहीं आ रहा ना आपके लिए बहुत मैटर करता है कि आपने 10थ में कितने मार्क्स अर्जित किए थे नहीं नहीं मैटर करता ना तो जीवन क्या है फिर जीवन यही तो है यही तो है अभी जो सामने चल रहा है यही जिंदगी है आज में अभी अभी जो हो रहा है और अभी जो हो रहा है उसमें साहब हमारी हालत अच्छी तो है नहीं अभी जो चल रहा है उसमें हमारी हालत अच्छी नहीं है ना अभी आपका सर दर्द कर रहा हो अगर तगड़ा सर दर्द कर रहा हो तो जीवन क्या है आप बताओ
दर्द ही है दर्द है कल परसों नरसो क्या होगा अरे पता नहीं क्या होगा बात अभी है खोपड़ा फट रहा है हम तो जो अभी हो रहा है यही जीवन है और नहीं कुछ जीवन होता बात इतनी सीधी है और अभी हर इंसान के लिए दुख है बेचैनी है व दुख और बेचैनी अलग-अलग नामों के साथ आते हैं एक आदमी कह रहा है साहब मेरे को अपना बिजनेस ना पा साल में पाच गुना करना है यह भी दुखी है भीतर लगातार एक आग जल रही है एंबिशन की यह भी दुखी है यह दुख का दूसरा
नाम है एंबिशन लोग मानेंगे नहीं और अगर ईमानदारी से देखेंगे तो बात तो साहब यही है ठीक है तो अभी इस समय हर आदमी किसी ना किसी तरह की बॉन्डेज में है बंधन में है वह दुख है हम एक तरह से जेल के कैदी हैं और एक ही काम होना चाहिए फिर जेल के कैदी के लिए किस तरीके से बाहर निकल सकता हूं बिल्कुल तो जीवन का यही उद्देश्य है इस समय पर दुख है मैं गौर से देखूं अपनी स्थिति को अपने आप को धोखा नहीं दूं अब हालत मेरी खराब है आप मुझे बहुत सर
दर्द हो रहा है पर मैं आपको खुश करने के लिए हसने की कोशिश कर रहा हूं अपने आप को ही झूठ बोल रहा हूं कि मेरा सब कुछ ठीक चल रहा है यह सेल्फ डिसेप्शन है यह नहीं करना है जीवन का पर्पस क्या है जो भी तुम्हारी हालत है उसको एक्नॉलेज करो जो भी तुम्हारी जिंदगी में चल रहा है उसको गौर से देखो स्वीकार करो कि यह चल रहा है और फिर पूछो कि ऐसे ही चले क्या ऐसे चलने देना है भाई ऐसे चलने देना है और कभी मजबूरी का आर्गुमेंट मत दो कि मैं क्या
करूं मैं मजबूर हू इसलिए चल रहा है जब अपनी हालत को देखते हो तो यह भी पता चलता है कि जो चल रहा है तुम्हारे सपोर्ट से ही चल रहा है तुम मजबूर नहीं हो तुमने खुद ऐसा इंतजाम कर रखा है कि जो चल रहा है वो चलता रहे तो जो गड़बड़ चल रही है उससे अपना सपोर्ट वापस खींच लो तो जो गड़बड़ है वो रुक जाएगी यही पूरा स्पिरिचुअल प्रोसेस है स्पिरिचुअल प्रोसेस बड़ी बात हो गई पता नहीं दूर की बात हो गई बड़े लोगों की बात हो गई बड़े लोगों की बात नहीं है
कॉमन सेंस है एक तरीके की सारी विजडम को कॉमन सेंस ही माना जाना चाहिए आगे आगे से रिलेशनशिप्स बहुत कॉन्फ्लेट हो रहे हैं कॉन्फ्लेट आ रहे हैं डिवोर्स हो रहे हैं लोगों के प्यार भी बड़ी जल्दी करते हैं और अलग भी बड़ी जल्दी होते हैं इसका कारण क्या लगता है आपको इतनी जल्दी प्यार होगा तो इतनी जल्दी डाइवोर्स भी होगा डाइवोर्स पहले नहीं होते थे क्योंकि मनाही थी पहले भी अगर सोशल और लीगल और रिलीजियस सक्शन मिला होता अनुमति मिली होती अलाउड होता तो आज जितने ड हो रहे इससे ज्यादा पहले होते पहले ऐसा थोड़ी
है कोई कि पति पत्नी में बहुत ज्यादा प्रेम होता था इसलिए लोग डाइवोर्स नहीं लेते थे पहले बात यह थी कि डर होता था बहुत समाज में चीज एक्सेप्टेबल ही नहीं थी कि डाइवोर्स डाइवोर्स लेकर घूम रहे हो और जो महिला होती थी उसकी ताकत ही नहीं होती थी कि अगर पति से अलग हो गई तो उसका गुजारा चल जाएगा तो सपने में भी नहीं सोचती थी डाइवोर्स का भले ही उसको कितनी भी तकलीफ हो डाइवोर्स नहीं सोचती थी इसका मतलब यह नहीं है कि प्यार था प्यार प ना पहले था प्यार ना आज है
बिल्कुल लेकिन आज जो है थोड़ी सी सोशल जो स्थितियां बदली है इकोनॉमिक सिचुएशन बदली है महिलाओं के हाथ में थोड़ी ताकत आ गई है कमाने वगैरह लग गई है उनको लीगल प्रोटेक्शन भी मिल गया है तो अब डाइवोर्स ज्यादा हमें फ्रीक्वेंसी जगह जाकर बंध गए थे जहां आपको बंधना ही नहीं चाहिए था क्योंकि उस वक्त आप बेहोश हो रखे थे डिजायर प्यार में अंधे प्यार डिजायर में अंधे प्यार तो बहुत प्यारी चीज होता है प्यार क्या होता है गुरुओं ने कहा है ना कि जो तोहे प्रेम खेलन का चाओ अगर तुझे प्रेम खेलने का चाह
है तो आजा और यहां पर सर रख दे अपना वो होता है प्यार इसमें सर ऐसे पहले काट के यहां रखना पड़ता है सरेंडर करना मतलब सब कुछ ही प्यार का मतलब होता है जिंदगी में कोई इतनी ऊंची चीज आ गई कि उसके लिए मैं सर कटाने को तैयार हो गया वो प्यार है यह तो घर है प्रेम का खाला का घर नाई सर काटे भुई धरे तब बैठे घर माई कुछ इतना महान मिल गया ऐसा जबरदस्त मिल गया आंखें चधि आ गई मैं कह रहा हूं भाई इस चीज को पाने के लिए मेरे को
खुद बिक जाना पड़े ना तो भी स्वीकार है ले मेरा सर ले ले सर ले ले पर तू मिल जा मुझे यह प्यार है यह थोड़ी है कि आपको डिजर कोई चीज मिल गई किसी की अदाएं अच्छी लग गई या कोई पैसा अच्छा कमाता है हां किसी से आप इंप्रेस हो गए किसी का शरीर आपको सेक्सी लग गया आप कह ले आई एम इन लव आई एम इन लव ये थोड़ी होता है ये तो बहुत छोटी चीज के साथ आपने लव जोड़ दिया हम लव माने किसी बहुत बहुत बड़ी चीज के बिल्कुल दीवानगी में पड़
जाना दीवाने हुए हैं लेकिन ऐसे नहीं कि यहां पे कुछ छोटा मोटा था उसके दीवाने हो गए छोटे मोटे के दीवाने हो जाओगे तो तुम भी छोटे ही रह जाओगे छोटे रह नहीं सकते तो फिर डाइवोर्स होगा हम बिल्कुल डाइवोर्स का रीजन क्या है डाइवोर्स का रीजन मैरिज ही है हम आप जो है उल्टा पुल्टा ब्याह कर लाते हो 25 30 साल के होते हो चलो बहुत हुआ 32 35 साल के होते हो आपने जिंदगी को समझा नहीं होता खुद को कभी देखा नहीं होता हार्मोस हाई चल रहे होते हैं उस समय पर सोशल प्रेशर
और आ जाता है मां बाप रिश्तेदार चल बेटा शादी कर शादी कर या लड़की है तो और ज्यादा प्रेशर आता है उस परे शादी कर शादी कर लेते हो कुछ सोशल प्रेशर से कुछ हार्मोनल प्रेशर से डावर्स तो होगा ही और क्या होगा क्या है इसमें शादी करना इतना मैंडेटरी क्यों है हमारी सोसाइटी में क्योंकि सेक्स एक बायोलॉजिकल नीड है और इतनी अच्छी एजुकेशन हम अपने लड़के लड़कियों को दे नहीं पाते कि वो अपनी बॉडी को साफसाफ समझ ले और सेक्स के साथ मर्यादित तरीके से डिसिप्लिन तरीके से रह पाए हमारी एजुकेशन इतनी अच्छी नहीं
है कि हमारे 25 साल के एजुकेशन प्रोसेस है एजुकेशन परवरिश मैं इसमें दोनों जोडा एजुकेशन माने जो फॉर्मल एजुकेशन जो बाहर मिलती है स्कूल कॉलेज में और परवरिश माने वो एजुकेशन जो घर में मिलती है जी वो इतनी अच्छी नहीं है कि हमारा एक लड़का है व 25 साल का होकर के कॉलेज से निकल रहा है और उसके बाद वह अपोजिट जेंडर से एक हेल्दी रिलेशनशिप रख सके एक रिस्पेक्टफुल रिलेशनशिप रख सके गरिमा डिग्निटी का रिश्ता रख सके हमारी एजुकेशन ही ऐसी नहीं है आप उसकी शादी नहीं करोगे तो एक बड़ा खतरा यह रहता है
कि बिल्कुल आवारा सांड बन जाना है और वह इधर-उधर जाकर समाज में केस फैलाए ह दो लड़के हैं बिलकुल जवान हो रखे हैं 25-30 साल के दोनों का ही बयान नहीं हुआ है एक लड़की है दोनों ने ही उसपे नजर डाल दी है अब यह दोनों एक दूसरे का खून कर देंगे हम बिल्कुल तो इसलिए शादी चल रही है क्योंकि हम एकदम आप कह लो कि गंवार बदतमीज लोग हैं शादी की प्रैक्टिकल यूटिलिटी है हम ह कई बार मुझसे लोग कहते हैं कि क्या यह शादी का जो इंस्टीट्यूशन है यह एकदम ही खराब है आउटडेटेड
है बेकार है हम मैं कहता हूं बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि हम ऐसे लोग हैं नहीं कि शादी ना करी हो और तब भी तमीज की जिंदगी जी पाए हम हमारे पास जिंदगी में करने को कोई अच्छा काम है नहीं ना समझो आप बिल्कुल तो हमारे हमारे लिए ये मैंडेटरी हो जाता है कि मैं बंदी हूं तो मेरे को बंदा चाहिए बंदा है तो बंदी चाहिए क्योंकि और कुछ है ही नहीं उसको और कुछ नहीं दोगे तो पागल हो जाएगा वो इधर-उधर वो बहुत फसाद करेगा कस करेगा वो बहुत ज्यादा बिल्कुल या तो आप उसको
इस तरह से एजुकेट करो कि उसको लाइफ में एक हाई पर्पस मिल जाए हाई पर्पस जरूरी नहीं है कि आउट राइटली स्पिरिचुअल हो साइंटिफिक हो सकता है खेलों का हो सकता है कोई भी चीज हो सकती है भाई दुनिया इतनी बड़ी है इंसान के करने के इतने सारे काम हैं हम ऐसे तो लोग होते नहीं ना कि किसी ऊंचे मकसद को अपनी जिंदगी डेडिकेट कर पाए अब आप 25 30 साल के हो गए तो आप क्या करोगे तो फिर आप यही करते हो कि चलो बच्चे हो जाए शादी कर लो एंटरटेनमेंट मिल जाएगा जोड़ लो
उनके लिए जोड़ लो उनके लिए पैसे घर वालो ने हमारे लिए जोड़े पैसे जोड़ो पैसे खर्च करो साहब एक बहाना मिल जाता है समय काटने का और फिजिकल प्लेजर मिलना शुरू हो जाता है तो ये सब है कई लोग बोलते हैं घर आते हैं साहब थक गए रोटी मिलनी शुरू हो जाती है लड़कियां बोलती है अरे हम तो अबला है घर में रहते हम सिक्योरिटी मिल जाती है हस्बैंड मिल गया तो तो यह सब नाटक शुरू हो जाते हैं यह सारे नाटक इसलिए शुरू हो रहे हैं क्योंकि हमारे पास जीने की कोई माकूल वजह नहीं
है कोई राइट पर्पस नहीं है और जब तक हमारी एजुकेशन ऐसी नहीं होगी कि बंदे को बंदी को जीने का सही अर्थ और उद्देश्य समझा पाए तब तक शादी एक मैंडेटरी चीज होनी चाहिए हम नाक उसके पास कुछ करने को नहीं दोबारा दोहरा रहा हूं उसके पास या तो वो ऐसा हो जाए कि कलाम साहब थे हमारे एपीजे वो उन्होंने शादी तो नहीं कर रखी बिल्कुल इतने बड़े-बड़े लोग हुए हैं उनमें सिंगल लोगों की परसेंटेज बहुत ज्यादा होती है आप साइंटिस्ट्स को देखो आप किसी भी फील्ड के जो एकदम हाई अचीवर्स होते हैं उनको देखो
उसमें आप पाओगे कि जो सिंगल लोग होते हैं उन्होंने शादी नहीं की उनका परसेंटेज बहुत बढ़ जाता है हम और जो आप नॉर्मल सोसाइटी है उसमें देखोगे तो सिंगल लोग 1 पर 2 पर 5 पर मिलेंगे बिल्कुल लेकिन आप आर्टिस्ट्स में देखोगे तो आपको सिंगल लोग हो सकता है 25 पर मिले और अगर आप स्पिरिचुअल लोगों में देखोगे तो वहां पे आपको सिंगल लोग 50 पर मिलेंगे बिल्कुल ठीक दिख रहा है वो क्यों होता है दिख रहा है माने आप मुझे देख रहे हो मेरा सवाल बन नहीं रहा था आपसे आपने बना दिया मैं महान
लोगों की आप बात कर रहे ना तो उसमें से मैं आपको भी सोच रहा था कि आप भी सिंगल हैं सिंगल होना कोई पॉलिसी नहीं हो सकती सिंगल होना एक रिजल्ट होता है मेरे पास करने को इतना कुछ है आप मेरे से बोल दो कि आपकी जिंदगी में यह आ गई है अब इसका ख्याल रखो मैं रख ही नहीं सकता आप बोल दो साहब यह आपका बच्चा पैदा हो गया है इसका ख्याल रखो मैं रख ही नहीं सकता क्योंकि मेरे पास करोड़ों बच्चे हैं पहले से हम मैं उनका ख्याल रख रहा हूं एक और आ
गया आप बोलो यह तो आपका अपना है इसका ख्याल रखो मैं रख ही नहीं सकता आप बोलोगे साहब इसको पर्सनल टाइम देना जरूरी है ये अब आपकी हो गई मैं उसको दे ही नहीं पाऊंगा मेरे पास पर्सनल टाइम बचा ही नहीं है तो या तो आपके पास कोई ऐसा हाई पर्पस हो लाइफ में तब तो आप करो मत शादी हा नहीं तो अगर आप एक साधारण सोसाइटी के साधारण एजुकेशन सिस्टम और साधारण वैल्यू सिस्टम के एक साधारण प्रोडक्ट हो तो कर ही लो शादी नहीं तो फिर आप तो यही करोगे इधर उधर गोलियां चलाओगे आधे
अभी भी तो कहीं पर हुआ है कि एक लेडी है यूपी में उसके उसके हस्बैंड को उसके दो बच्चों को कल परसों ही जाके किसी ने गोली मार दी और अब वो पता चल रहा है कि वो वही था एक रिलेशनशिप केस था तो जानवर ही है ना हम जानवर के लिए बहुत बड़ी बात होती है सेक्स जंगल से ताजा ताजा निकला जानवर है हम उसके लिए बहुत बड़ी बात होती है सेक्स सेक्स सेक्स फिर इंसान उसके लिए मर्डर करेगा तो इसलिए नियम बनाया हुआ है कि शादी कर लो लेकिन इस नियम में एक्सेप्शन है
जिनके पास कुछ और है बहुत बढ़िया करने के लिए किसी भी फील्ड में उन परे यह नियम लागू नहीं होता या कंपलसरी नहीं होता उन्हें करनी है तो करें नहीं करनी तो ना करें मैं मतलब ये जानने की कोशिश कर रहा हूं जैसे आपने बड़ी सरल भाषा में समझा दिया कि जो महान लोग हैं वो नहीं करते नहीं वो कर भी सकते हैं नहीं करना हो नहीं कर अपनी मतलब वो नहीं करेंगे तो उ कोई नुकसान नहीं हो जाएगा करने का भी कोई नुकसान नहीं भगत सिंह थे आप पंजाब से से कहा था शादी कर
ले क्या बोले मेरी हो चुकी है उनकी मोहब्बत ही जब वतन था ना मोहब्बत नहीं बोले मेरी दुल्हन आजादी है दुल्हन आदी मेरी दुल्हन आजादी तो भगत सिंह हो जाओ कि मेरी दुल्हन आजादी है तब शादी करने की कोई जरूरत नहीं है तब आपको अनुमति मिल जाती है कि मस्त रहो जैसे रहो सिंगल हो सकते हो हम इतने ज्ञानी साधु संत महात्मा हुए हैं उनमें से बहुत सारे ऐसे थे जो शादी नहीं करते थे कुछ कर भी लेते थे वहां पे कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन आम आदमी तो पर्पसलेस होता है ह वैल्यूलेस होता है
उसके लिए यही सबसे बड़ी वैल्यू होती है कि सेक्स बिल्कुल तो फिर वो यही सब करता रहता है आपका पर्पस क्या है जिंदगी में यही जो हम कर रहे हैं अभी लोगों को गाइड करना ये कहां से आपके म मन में आया कि मेरे मन में कुछ नहीं है आप यहां बैठे हो वो मेरे मन में थोड़ी आया था ब तो आपके मन में आया था ना मैं तो आपको दर्शन करने ही आया था क्योंकि मैं जब भी किसी को सुनता ऐसे ही सब लोगों का मन रहता है वो सबका जो मन है मैं रख
रहा हूं सब यहां आ जाते हैं बैठ जाते हैं और फिर मैं उन तक अपनी जो बात है वो पहुंचा देता हूं असल में अपनी बात भी नहीं पहुंचाता मेरी बात भी कोई मेरे मन की नहीं है लोगों के सवाल होते हैं मैं उनका जवाब दे देता हूं इनमें से एक भी किताब मेरी लिखी हुई नहीं है ये सब मेरी किताबें हैं एक भी मैंने नहीं लिखी है यह सब मेरी ऑडियंस ने लिखी है क्योंकि मैं तो बस आगे बैठ जाता हूं हां जी मैं बैठ गया फिर लोग सवाल पूछते हैं वही जो सवाल है
वो किताब बन जाते हैं पर आपके भी थॉट्स कहीं ना कहीं से तो पढ़ के आए ही हैं वो थॉट्स काटने के लिए पढ़ा जाता है और थॉट्स लाने के लिए नहीं पढ़ा जाता आप बच्चे होते हो आप थॉटलेस होते हो क्या छोटा सा दो साल का बच्चा होता है उसके पास भी ओपिनियन होता है पा साल के होते हो फिर ओपिनियन होता है 15 साल के होते हो फिर ओपिनियन होता है और य जो सारे ओपिनियन माने थॉट्स होते हैं यह सब बकवास होते हैं क्योंकि ये सब कंडीशन होते हैं ये सब आपके परिवेश
की और कल्चर की पैदाइश होते हैं तो पढ़ा इसलिए जाता है ताकि पहले से ही ये जो कल्चर थॉट कचरा दिमाग में घुस गया उसकी सफाई हो सके पढ़ा इसलिए नहीं जाता कि और थॉट्स आ जाए कुछ डाउट्स क्लियर करने हैं अपने क्लियर क्लियर माने साफ साफ माने क्लीन रिक्त खाली एमटी एमटी होने के लिए पढ़ा जाता है और अगर आप एमटी होही तो फिर उसके बाद पढ़ने की भी कोई जरूरत बचती नहीं है वैसे जिंदगी में मेरे सवाल खत्म हो चुके हैं पीछे आपने बात की ना सवालों की क्योंकि भगवान ने मेरे से 10
साल पहले एक एनजीओ शुरू करवा ली तो दुनिया की पहली कैशलेस एनजीओ इन्वेंट कर दी तो सवाल सूल तो मेरे खत्म हो चुके हैं लाइफ में बट बीइंग अ पॉडकास्ट मुझे जो लोगों के सवाल होते हैं वो खुद बनकर पूछने पड़ते हैं कि कोशिश करते हैं जान नहीं बहुत अच्छा काम कर रहे हो आप यही जो सवाल है अगर इनको वाजिब जवाब मिल जाए जो लोगों के सवाल आपके माध्यम से आप पूछते हो तो इस दुनिया की बहुत सारी तकलीफें कम हो जाएंगी और आपका जो कैशलेस एंजी है उसके बारे में भी उदित से मुझे
पता चला बहुत अच्छा काम कर रहे हो मैंने ना ग्राउंड प सर महसूस किया है कि जैसे रोज पर्सनली 10 सालों से लोगों को मिल रहा हूं चलो भगवान की कृपा उन्होंने मुझे इस सिचुएशन बनाई क्योंकि मैं बातें कर रहा था पहले डेढ़ दो घंटा कि मतलब थॉट्स भी वही डालता है उसने मेरा थॉट डाला ना कि आपकी रील सामने आ गई आपको मैसेज डाल दिया ना तो सारा कुछ वो प्रोसेस था पर लोग परेशान बहुत है जैसे अभी कल मेरे पास केस आया डिप्रेस्ड है 35 36 साल का वो बंदा है वो डिप्रेस्ड क्यों
है उसे यही नहीं पता और मेरे को लगता है डिप्रेशन वर्ड आजकल कॉमन ही बहुत हो गया हर बंदा कह देता मैं डिप्रेशन में हूं पर जो लोग सच में डिप्रेशन में उनको खुद मालूम नहीं है कि वो डिप्रेशन में तो वो इन चीजों से आजाद होना चाहते हैं तो उसके लिए आपके क्या ओपिनियन आप एक बात बताना जो डिप्रेस्ड भी है जब वो सो रहा होता तब भी डिप्रेस्ड होता है क्या शायद नहीं गहरी नींद में है बढ़िया क्या वो उस वक्त भी दुखी है उदास है है क्या नहीं नहीं ना आपको कभी चोट
लगी होगी फ्रैक्चर हुआ होगा हुआ होगा दर्द हो रहा है तगड़ा आप सो जाते हो दर्द हो रहा होता है क्या गहरी नींद में चले गए दर्द हो रहा है क्या तो ये जैसे ही बंदा जगता है दर्द वापस कैसे आ जाता है बॉडी एक्टिव हो जाती है शायद बॉडी तो जब सो रहे थे तब भी एक्टिव थी सांस भी ले रहे थे खाना खाया था उ पच रहा था सब कुछ हो रहा था ब्लड सर्कुलेट कर रहा था तो जगते समय ऐसा क्या खास होता है कि हमारी सारी तकलीफें वापस आ जाती हैं क्या
होता है माइंड मेरे ख्याल से एक्टिव हो जाता है थॉट थॉट और थॉट माने डिजायर थॉट माने डिजायर थॉट माने एक्सपेक्टशंस वाह वेरी डीप आंसर यही है डिप्रेशन उस पे कंट्रोल कैसे करना है फिर नहीं कंट्रोल नहीं करना है समझना है कि ये जो कुछ भी है मेरा ये मेरा थॉट है बस इसमें कोई ऑब्जेक्टिव रियलिटी नहीं है ये बहुत सब्जेक्टिव बात है और समझना है कि मेरी सारी जो बीमारी है क्योंकि वो डिजायर की है तो मैं पा ही लेता हूं ना मुझे जिस चीज की डिजायर है चलो पा लेते हैं और पाने जाओ
बोलो अभी तो पाना मुश्किल है तो बोलो पास्ट में भी तो बहुत कुछ चाहा था वो पाया था ना उसमें से कुछ तो पाया था जिस चीज की डिजायर करी होगी आपने आज तक हज चीजों की डिजायर करी होगी उसमें से 50 तो पा ली होंगी 100% पा ली बिल्कुल उनको पाने से डिजायर मिट गई क्या नहीं और और बढ़ गई तो अभी तुम जिन चीजों की डिजायर को लेकर डिप्रेस्ड हो उनको पा के भी क्या तुम शांत हो जाओगे तो फिर आदमी डिजायर को जरा हल्के में लेता है डिजायर फिर हल्के में लेता है
देखिए मैं नहीं कह रहा हूं कि जो सारी मेंटल प्रॉब्लम्स होती हैं वो डिजायर की ही होती है क्योंकि ये ब्रेन भी हाथ कान नाक हार्ट लिवर की तरह एक बॉडी का ऑर्गन है और जैसे सारे ऑर्गन खराब होते हैं वैसे ही ब्रेन भी खराब हो सकता है तो कुछ मेंटल प्रॉब्लम्स ब्रेन की होती हैं उनका तो जो इलाज है वो कोई साइकेट्रिस्ट ही करेगा या न्यूरो में आपको जाना पड़ेगा लेकिन जो माइंड की प्रॉब्लम होती है ब्रेन की नहीं माइंड की वो वास्तव में डिजायर की ही प्रॉब्लम होती है आपको कोई डिजायर है वो
पूरी नहीं हो रही हो सकता है वो डिजायर एक अनकॉन्शियस डिजायर हो ये भी हो सकता है आप जैसे आपने कहा ना लोगों को पता ही नहीं होता उ डिप्रेशन क बिल्कुल वैसे ही आपकी अनकॉन्शियस डिजायर्स होती हैं और आपको पता ही नहीं होता कि आपको डिजायर है लेकिन आपको ये उदासी एंजाइटी यह सब बहुत छा नहीं सकती अगर आपने कोई ना कोई तमन्ना ना पकड़ रखी हो तो वो कैसे छोड़ी जाए मैं कहता हूं छोड़ो ही मत मैं कहता हूं उसे पूरा करने का देख लो ना और पूछो कि यह पूरी हो भी गई
तो क्या मैं सचमुच खुश हो जाऊंगा और वह खुशी अगर आ भी जाएगी तो कितने दिन चल जानी है मुझे दोबारा फिर इसी रेस में जाना पड़ेगा आज के समय में डिजर बढ़ इसलिए गई है क्योंकि इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन बहुत बढ़ गया है 50 साल पहले इतने विज्ञापन तो नहीं आते थे ना 50 साल पहले कंज्यूम करने को इतनी चीजें भी नहीं थी ना दो गाड़ियां चलती थी हिंदुस्तान में पीट और एंबेसडर गाड़ियों के इतने मॉडल नहीं थे ना हर साल कोई नया मॉडल नहीं लच होता था ना आज आपने गाड़ी खरीदी है दो साल बाद
उस गाड़ी का प्रोडक्शन बंद हो जाता है आप अपनी गाड़ी में बैठ रहे हो आपको बेवकूफ जैसा लग रहा है यह गाड़ी तो बनती ही नहीं मैं क्या चला बाबा आदम का मैं तांगा चला रहा हूं मैं क्या कर रहा हूं आपकी सेल्फ वर्थ पर बात आ जाती है है ना पहले य नहीं होता था पहले जो एंबेसडर का मॉडल है वही 20 साल तक चला सूत नहीं थी हमारे पास इतनी आज इतने ऑब्जेक्ट्स है कि हर ऑब्जेक्ट के लिए डिजायर आ गई है और जो वो ऑब्जेक्ट पैदा कर रहा है बाजार वाला बंदा वो
चाहता है ना उसका ऑब्जेक्ट बिके तो जानबूझ के आप में डिजायर पैदा करता है 100% वो आप में डिजायर नहीं पैदा करेगा तो उसका माल नहीं बिकेगा हर चीज की आप में डिजायर पैदा की जाती है हर चीज खरीद सकते हो नहीं डिप्रेशन आ गया ऐड इतनी चीजों का आ रहा है आप खरीद तो पाओगे नहीं उनको आ गया डिप्रेशन और जो चीज मैं एक इंडस्ट्रियल गुड के लिए कह रहा हूं एक मार्केट गुड के लिए कह रहा हूं बाजार के सामान के लिए वही चीज रिश्तों पर भी लागू होती है यह मिल जाए वह
मिल जाए रिश्ता माने सिर्फ मेल फीमेल का नहीं हर तरीके का मेरी कंपनी अच्छी नहीं है मेरे दोस्त अच्छे नहीं है मेरा बॉस अच्छा नहीं है मुझे य मिल जाए मुझे वो मिल जाए आपको यह भ्रम है इल्यूजन है कि कुछ मिल जाएगा तो आपको चैन मिल जाएगा इस इल्यूजन को अगर आप समझ सको तो डिजायर का जो जोर है ना वो कम पड़ जाता है उसके बाद आप सही काम करते हो उसके बाद आप दूसरों के नचाए अंधे हो के डिजायर में नहीं नाचते तो जो इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन है और जो डिप्रेशन का एपिडेमिक है
यह दोनों बिल्कुल प्रोपोर्शनल चल रहे हैं बिल्कुल प्रोपोर्शनल जो पैदा कर रहा है वो बेचेगा भी वो बेचेगा तो आपको डिप्रेशन आएगा और उसको प्रॉफिट चाहिए उसको प्रॉफिट उनको प्रॉफिट मिलके भी डिप्रेशन हैप है 100% दोनों डिप्रेशन में है लेने वाला भी बेचने वाला भी डिजायर वाला भी भाई एक बात बताओ किसी भी चीज की पूरी सप्लाई चेन होती है ना आप एक चीज के अगर कंज्यूमर हो तो दूसरी चीज के प्रोड्यूसर भी तो हो 100% आपको डिप्रेशन हो रहा है क्योंकि कोई किसी का माल आप नहीं खरीद सकते बहुत महंगा आपके लिए तो आप
नहीं खरीद सकते और अगले बंदे को डिप्रेशन हो रहा है क्योंकि आपका माल वो नहीं खरीद सकता बिल्कुल ऐसे पूरी चेंज चल रही पूरी चेंज चल रही है हर आदमी डिप्रेशन में है डिप्रेशन में कौन नहीं है बस कुछ लोगों में ईमानदारी होती है बता देते हैं बाकी अपने डिप्रेशन को एंटरटेनमेंट के नीचे अलग-अलग तरीके के नशों के नीचे छुपा लेते हैं आपका किस चीज को लेकर डिजायर है अभी आपसे बात कर रहा हूं मेरे को बताओ वक्त कहां है डिजायर करने का डिजायर टाइम मांगती है हमने कहा था ना थॉट इ डिजायर क्या आपके
पास एकदम वक्त ना हो तो थॉट हो सकता है सोचने के लिए भी समय चाहिए ना पर 24 घंटे में कोई तो समय होगा जिसमें आपको भी सोचते होगर 24 है ही नहीं 28 है घंटे 28 कैसे हो गए येय भी बता ही दो ताक आप समझ पाओ कि समय नहीं है 2 घंटे में समय कहां से निकालू मेरे को 28 दे दोगे तो भी नहीं निकलता डिजायर करने के लिए समय चाहिए वो जो सारा समय है वो आपको दे दिया है और इनको दे दिया है पहले भी दे दिया इसके बाद भी बिजी है
तो तो डिजायर करने का समय कहां है मकसद समझ लिया आपने जिंदगी का कि क्यों मिली है लाइफ क्या करना है ठीक कर रहे हैं कि बुरा कर रहे हैं मेरे पास तो कोई मकसद नहीं है लेकिन जो गलत मकसद के साथ जी रहे हैं वो बेचारे दुखी हैं उनको उनके मकसद से आजाद करना आप कह सकते हो मेरा मकसद है आप वैसे आम लोगों को हमारे जैसे जिनके पास टाइम है दिन में सोचने के लिए हमारे पास 28 घंटे नहीं हमारे पास 22 है दो घंटे हम अकेले भी बैठते हैं फ्यूचर के बारे में
सोचते जैसे हमने बोला मैं आपसे पूछता हूं आप एक जेल में हो वहां अंदर बैठ के क्या सोच रहे हो बाहर कैसे निकलना ये तो सोच ही नहीं रहे ना बाहर आ गए होते वरना आप वहां अंदर बैठ के सोच रहे हो मैं यहां डेकोरेशन कैसे कर दूं जेल में यह जो यह सलाखे हैं हां इन सलाखों पे पेंटिंग बनानी है है ना और ये नीचे जमीन है मैं जरा इसको समतल कर दूं और किसी से आप कह रहे हो भैया बढ़िया वाला बेड लग सकते है क्या यहां पे यह सोच रहे हो आप अपनी
सेल में अपनी कैद में बैठ कर के यही तो है सारा थॉट थॉट की कोई गुंजाइश ही नहीं है एक बार समझ लो अंडरस्टैंडिंग हो गई कि आई एम इन बॉन्डेज मैं कैद में हूं उसके बाद अथक टायरस काम करोगे यह अपनी सलाखे काटने के लिए बाहर आने के लिए थॉट की जरूरत तो प्रॉब्लम को समझने के लिए होती है प्रॉब्लम समझ में आ गई फिर तो एक्शन होता है ना स्पॉन्टेनियस एक्शन होता है हमारा थॉट पहली बात तो प्रॉब्लम को समझने के लिए है ही नहीं वो ऐसे ऐसे सर्कुलर घूमता है राइट प्रॉब्लम से
तो हमें डर लगता है फेस करते हुए क्योंकि फेस करेंगे तो एफर्ट करना पड़ेगा आजादी का वो एफर्ट हम करना नहीं चाहते तो हम बैठ कर के बहुत बेकार चीजों के बारे में सोच रहे होते हैं वो वहां बैठा हुआ है कैद में और सोच रहा है कल यहां जेल के मेन्यू में पूड़ी मिलेगी कि छोले मिलेंगे भटूरे मिलेंगे क्या मिलेगा यह शोभा देता है कैदी को यह सोचना नहीं जो कैद में है वह सोच रहा है कि कल यह जेलर मेरे को छोला भटूरा खिलाएगा कि डोसा खिलाएगा ये कोई ये सोचने की बात है
और आदमी यही तो सोच रहा है ना लगातार बिल्कुल तेरी पूरी जिंदगी सलाखों में है बेड़ियों में है और तू सोच क्या रहा है छोले भटूरे और पिंकी की शादी और यह और वो तू आजादी नहीं सोच रहा तू पिंकी की शादी सोच रहा है बिल्कुल है ना तो ये जो सारा थॉट है ये डिसेप्शन है आपको एक्शन चाहिए साफसाफ समझो कि आपकी हालत क्या है समझने में जितना थॉट लगता है लगाओ लेकिन एक बार बात समझ में आ गई तो अब खड़े हो जाओ और इंसान की तरह अपनी चुनौतियों से जूझ जाओ बाहर आओ
आजाद होक जियो अब भगवत गीता के बारे में बहुत बात करते हैं यूथ के साथ उनको जोड़ते हैं कि आप अपने ग्रंथों से जुड़ बहुत अच्छी बात है जो यूथ आजकल एस्ट्रोलॉजी के चक्कर में वो एप्स आ गई ऑनलाइन कि आपको गाड़ी कब मिलेगी शादी क्या होगी उस परे आपका क्या ओपिनियन र यूथ चाहिए ना हमको अभी भगत सिंह की बात करी थी आजाद यह यूथ चाहिए एस्ट्रोलॉजी तो मजबूरी का नाम है आप भगत सिंह की तस्वीर देखते हो 21 22 साल का लड़का उसकी आन बान आख देखो मुछे देखो तेवर देखो मजबूरी दिखाई दे
रही है व एस्ट्रोलॉजर से पूछने गए थे बम कप फेंकना असेंबली में पूछने गए थे क्या एस्ट्रोलॉजी तो मजबूरी का नाम है मेरे करे कुछ नहीं होगा बता दो मेरे स्टार्स कब अलाइन होंगे मैं तो मजबूर हूं मेरी सारी जो किस्मत है वह किसी और के हाथ में है वो वो करेगा यह नक्षत्र होगा ऐसा होगा वैसा होगा अरे किसी करे नहीं होगा तेरे हाथ में है तू करके दिखा मैं कितने पजे शादी करूंगा तो मेरी शादी खुशहाल रहेगी तू भी गलत तेरी बीवी भी गलत तेरी शादी खुशहाल कैसे हो जाएगी तू दिन के 2
बजे कर तू रात के 2 बजे कर तेरी शादी बर्बाद ही रहनी है उसे मुहूर्त निकाल के क्या होना है तुम दोनों बंदे ही गलत हो महूरत से क्या हो जाएगा आपकी गाड़ी खराब है आप उसमें दोपहर को 2 बजे चलोगे तो भी क्या होगा खराब ही रहनी हैब र शाम को चलोगे तो क्या होना है खराब रहेगी रात में खराब ही रहनी गाड़ी ठीक कर ना महूरत क्या देख रहा है यह सब जो है ना इंसान के खोखले पन की बातें हैं कि मैं यह देख लू मैं इससे पूछ लू मैं उससे पूछ लू
अपनी सारी समस्या अपनी सारी प्रॉब्लम को हम किसी दूसरे पर डाल देना चाहते हैं मैं एक एक चीज जो कर रहा हूं उसे मुझे फेलियर मिल रही है तो मैं क्या बोलना चाहता हूं टाइम खराब है टाइम खराब है टाइम नहीं खराब है तू बंदा खराब है टाइम क्या खराब है दुनिया में इतने बड़े-बड़े जिन्होंने काम किए उन्होने टाइम देख के किए बिल्कुल तो यह सब जो है खुद को बेवकूफ बनाने के तरीके होते हैं कि यह काम इस टाइम पर कर लो इससे पूछ के कर लो घर में वहां जाके जी लोटा रख दो
लोटे से क्या हो जाएगा यार तू खुद लोटा है बहुत बड़ा बिल्कुल फलानी चीज कहीं जाके टांग दो फलानी पेंटिंग लगा दो वह पानी का वो लग दो एक टैंक रख दो वहां पर उससे मछली तहरा दो घर की टॉयलेट तोड़वा के इस तरफ नहीं उस तरफ बनवा दो इससे आपके घर में खुशहाली आ जाएगी और बहुत बड़ा मास चल रहा है इसकी तरफ मास चल रहा है ये भारत में ही ये बिलियन रुपीज इकोनॉमी बन चुकी है 100% ऑनलाइन ही आजकल हर दूसरी रील नजर आ रही इसके आईपीओ आने वाले हैं इसमें बड़े-बड़े इन्वेस्टमेंट्स
हो रहे हैं हो रहे हैं बिल्कुल हो रहे हैं ये इनकी लिस्टिंग हो जाएगी स्टॉक एक्सचेंज पे इन कंपनियों की क्योंकि हम बेवकूफ लोग हैं ना हम इन चीजों में पैसा खर्च करने को तैयार हैं बिल्कुल मैंने आपकी ना एक बुक देखी अभी यहां पर कर्मा के ऊपर तो कर्मा पढ़ के मेरे को अच्छा लगा पर जब दूसरी लाइन पढ़ी कि व्हाट एवर यू आर थिंकिंग अबाउट इट इज टोटली रंग तो उसके बारे में मैं चर्चा करना चाहता हूं क्योंकि मेरे को लगता था आज तक आपसे मिलने के पहले अभी आप जो ओपिनियन देंगे कि
मेरी लाइफ में कर्मा ही सब कुछ है वही भगवान है वही कुछ है जो बीजो वो पाओगे अच्छा कर लो अच्छा पाओगे बुरा बीजो बुरा पाओगे सिद्धांत पर मैं लाइफ जी रहा हूं अपनी बस मेरे लिए कर्मा ही भगवान है कर्मा से अलावा कुछ भी नहीं तो आपका इस चीज प क्या ओपिनियन है मेरा फेवरेट वही है जो आपने वहा किताब में पढ़ा व्ट यू थिंक अबाउट इट इ टोटली रंग तो मेरे को ये नहीं मालूम कि जो मैं सोच रहा हूं उलट है उलट नहीं है आप थोड़ा सा जिस लेवल पर सोच रहे हो
ना वहां नहीं है मामला आप जिस कमरे में खोज रहे हो आपकी कोई चीज खोई है आपका खोजना ठीक है कमरा गलत है उस कमरे में नहीं मिलेगी व चीज आप गलत जगह पर खोज रहे हो बात कर्म की नहीं होती बात कर्ता की होती है समझो आप आपके हिसाब से आप बढ़िया आदमी हो बिल्कुल ठीक है आपके हिसाब से रिलीजन के लिए जानवर मारना क्या है गलत है गलत है रिलीजन को अलावा रिलीजन साइड प रख के भी मेरे लिए गलत है आपके लिए गलत है जानवर को मार मैं रिलीजियस नहीं हूं उसके अलावा
भी मेरे को लगता है किसी को दुख देना गलत हैने स्वाल के लिए गलत ठीक है ना आप बिल्कुल कैटेगरी कली साफसाफ बोल रहे हो साहब रिलीजन क्या किसी भी पर्पस के लिए जानवर को दुख देना गलत है गलत है आपने अभी थोड़ी देर पहले बोला था कि मेरे लिए तो यही है कि जो काम सही है जो कर्म सही है मैं वो करूंगा यही खत्म तो आपके लिए सही क्रम ये है कि जानवर को दुख नहीं देना है देना ठीक है ना ये मेरे यहां पे बैठे हुए हैं वो वो क्रिश्चियन हो सकते हैं
यह मुस्लिम हो सकते हैं और यह दुनिया के ऐसे हिस्सों से आ सकते हैं जहां पर यह बात सही मानी जाती है जानवर खाना जानवर खाना और रिलीजन के लिए भी जानवर को काट देना ठीक है ईस्टर पे हो गया बकरीद प हो गया वो भी बोल रहे हैं कि साहब मैं भी बिल्कुल ऐसे ही बंदा हूं कि जो काम सही होता है मैं वही करता हूं आप में उनमें क्या अंतर है पहले तो मुझे यही सवाल आ रहा है कि सही गलत क्या है वो कौन बताएगा ये ना बात कर्म की बात तो नहीं
है ना फिर आप भी अपने हिसाब से क्या कर रहे हो सही कर्म वो बंदा भी अपने हिसाब से क्या कर रहा है लेकिन आप जानवर को बचा रहे हो जानवर को काट रहा है और दोनों एक दूसरे के सामने खड़े हो जाओ तो दोनों ऐसे छाती करके कहोगे मैं भी सही कर रहा हूं वो बंदा बोलेगा बराबर की बात यह है कि मैं भी सही कर रहा हूं और दोनों लड़ जाओगे 100% दुनिया की सारी लड़ाई ऐसे ही है दो लड़ रहे होते दोनों को लग रहा होता है हम ही सही है तभी लड़ाई
है तभी लड़ाई है तो माने कर्म के लेवल प तो सही हो नहीं सकता क्योंकि आपका जो कर्म है उसके कर्म के विपरीत है और उसका मेरे विपरीत विपरीत है लेकिन दोनों अपने जगह सही हो तो बात कर्म की नहीं होती बात करता की होती है डूर की होती है आपको कैसे पता कि जो कर्म आप सही मान रहे हो सही है आपको सही गलत की परिभाषा डेफिनेशन किसने दे दी जिसने दे दी इसलिए मैं कहता हूं कि आप कर्म को लेकर जो कांसेप्ट बनाए हो ना गड़बड़ है क्योंकि आपने कर्मों में राइट और रंग
बांट दिया है डू एंड डोट बांट दिए हैं एकदम कंडीशन तरीके से आपको पता भी नहीं है कि आपको जो चीज सही लग रही है कर्म में में जो चीज सही लग रही है क्यों लग रही है उसको यह नहीं पता उसको जो चीज गलत लग रही है क्यों लग रही है 100% और एक ही जगह पर यह भी नहीं कि बात दो अलग-अलग धर्मों की हो गई एक ही जगह पर एक ही धर्म में जो बात आज से ही मानी जाती है वो 200 साल पहले गलत मानी जाती थी सती प्रथा जैसे बहुत बढ़िया
उदाहरण दे दिया आपने यही इसी जमीन पर बिल्कुल हो सकता है कि आज से 150 साल पहले यहां पर सती वाला काम चल रहा हो और वहां पर 300 लोग इकट्ठा है और वो सब कह रहे हैं बहुत सही काम हो रहा है बहुत सही काम हो रहा है और आज वही चीज गलत मानी जाती है और आज जो महाभारत में युधिष्ठिर जुआ खेल रहे हैं और तब भी धर्मराज कहला रहे हैं हम और वो सही माना जा रहा है बिल्कुल और जुएं में वह अपनी पत्नी को भी दांव पे लगा दे रहे हैं और
कोई नहीं बोल रहा यह महा धर्म है वो सही माना जा रहा है आज आप ऐसा करोगे आपको जेल में डाल देंगे ठीक है ना तो ये भी नहीं कि अलग-अलग धर्मों की बात है भारतीय धर्मों में ही एक ही धर्म की बात एक ही धर्म की बात है आपके ही पुरखे जो करते थे वो आज गलत माना जाएगा तो एक्शन के लेवल पर सही गलत तो नहीं हो सकता क्योंकि एक एक्शन आज सही है कल गलत है एक एक्शन इंडिया में सही है अमेरिका में गलत है डूर एक्टर एक्शन नहीं एक्टर एक्टर को कैसे
पता क्या सही क्या गलत है यह है कर्म का असली सिद्धांत यह है गीता का सिद्धांत हम गीता का मतलब य समझ देते हैं अच्छा करोगे अच्छा मिलेगा बुरा करोगे बुरा मिलेगा तुझे पता क्या है अच्छा क्या है बुरा क्या है उसकी नजर में तो जानवर मारना ही अच्छा है ना सही है वो अपनी जगह हर आदमी सोच रहा है जो कर रहा है वही सही है जो हत्यारे होते हैं अपराधी होते हैं आप उनसे आगे पूछो कई बार उनको सजा मिल भी चुकी होती है जेल में आप उनसे बात करो वो कहेंगे सजा वगैरह
तो ठीक है लेकिन मैंने जो किया ना बिल्कुल सही किया हम सजा गलत मिली सजा दी तो दी और मेरे को य वापस छोड़ेंगे ना मैं बाहर जाके फिर करूंगा फिर करूंगा अपनी नजर में तो हर बंदा सही है ना तो कर्म का सिद्धांत है पहले पूछो अपने आप से कि तुझे जो चीज सही लगती है कैसे सही लगती है वो कौन सा मूमेंट था जब तुझे ये चीज सही लगनी शुरू हुई क्योंकि आज तो तुझे सही लग रहा हो तुझे कल सही नहीं लगता था तू किसके इन्फ्लुएंस में आया तूने कौन सी बात सुनी
तुझे याद नहीं है क्योंकि ये सब बहुत कुछ सबकॉन्शियसली होता है हमको पता भी नहीं होता और हम बाहर से वैल्यूज कल्चर कंडीशनिंग एब्जॉर्ब कर लेते हैं हमें नहीं पता चलता और हम यहां से ले लेते हैं और जो चीज हमने बाहर से ली फिर हम उसको क्या कहने लग जाते हैं ये चीज तो मेरी है मैंने सोचा है मैंने सोचा तूने नहीं सोचा तूने नहीं सोचा ऐसे चल रहा था और तुझे वो थॉट आ गया कई बार वो थॉट बाहर से तेरे भीतर आया होता है और कई बार अपनी बॉडी से उठता है उदाहरण
के लिए मेल बॉडी में थॉट उठेगा कि मेरे को फीमेल चाहिए कोई नहीं भी सिखाए तो भी मेल बॉडी में यह थॉट आ जाएगा कि मेरे को फीमेल चाहिए फीमेल में आ जाएगा मेल तो ये तो सोसाइटी की और बॉडी की बात हो गई ना जो तुझे सही लग रहा है वो तो सोसाइटी ने तुझे तेरे अंदर ठोस दिया है या कि बॉडी ने तेरे अंदर वो हार्मोनल एक अर्ज पैदा कर दी है तो कर्म का सिद्धांत वास्तव में य है कि कर्म करने वाला इस कर्म को क्यों करना चाहता है इसको समझो कर्म के
पीछे मत भागो डू एंड डोंट्स नहीं यह नहीं किय अच्छे काम करूंगा बुरे काम नहीं करूंगा पहले बताओ व अच्छा काम अच्छा काम है कैसे तुम्हारे मन में उस काम को लेके अच्छी भावना कैसे आ गई क्या तुमने कभी सवाल किया इंक्वायरी की जांच पड़ताल की ईमानदारी से तुमने आईने का सामना करा पूछा कि भाई मेरे देखे यह काम बहुत अच्छा है पर क्या स अच्छा है या मैं इसको इसलिए अच्छा मान रहा हूं क्योंकि मेरे बाप दादे भी करते थे तो अच्छाई बुराई की एकदम सही गलत की एकदम ओरिजिनल डेफिनेशन ले आना यह हो
गया कर्म का सिद्धांत फोकसिंग ऑन द डूर राद देन द डीड आपके हिसाब से फिर गलत और सही क्या है खरगोश सही है या चाय सही है जो कुछ भी बेहोशी में किया जाए व गलत है जो कुछ भी होश में किया जाए वो सही है जै तो इसीलिए कोई भी एक्शन ना तो अन कंडीशनली सही हो सकता है ना यूनिवर्सलीस हो सकता है फॉर एग्जांपल जैसे कोई हमारी एनजीओ बेसिकली मेडिकल में काम करती है जी तो मेडिसिंस लेके देते हैं लोगों को जी कोई अकाउंट नंबर नहीं तो लोग आते हैं डोनेट करने सीधा जिसको
जरूरत है वो दे जाते हैं हम इंक्वायरी करते हैं पहले तो वो ठीक है आपके हिसाब से क्या गलत है किसी सिचुएशन में बिल्कुल ठीक हो सकता है लेकिन आपको अलर्ट रहना होगा कि किसी सिचुएशन में इस काम को जो करने वाला है आप हो ना इस काम को करने वाले आप बोलते हो ना मैं एनजीओ हूं किसी सिचुएशन में कहीं यह काम आपके लिए गलत तो नहीं हो रहा मैं उदाहरण दे देता हूं जी आप उस काम को लेकर के इतने अहंकारी हो गए कि आप कहने लग गए कि मुझे मत बता दुनिया का
सबसे ऊंचा और अच्छा और शुद्ध काम तो मैं ही कर रहा हूं तो काम गलत हो गया हम हो गया गलत काम तो आपको मतलब नीवे रह के पंजाबी में कहते हैं कि नीवे रह के करना अपने आप को देखते हुए करना है कोई भी काम आप नहीं कह सकते कि हमेशा सही है कोई भी काम आप नहीं कह सकते कि हमेशा गलत है सिचुएशन पर डिपेंड करता है आप पे डिपेंड करता है आपका उस काम से रिश्ता क्या है वो काम अगर आपकी ईगो को बढ़ाने के लिए हो रहा है तो गलत है वही
काम अगर आपकी सच्चाई से बोध से अंडरस्टैंडिंग से हो रहा है तो बिल्कुल सही है कर्म का सिद्धांत यही है कि कर्म को देखो ही मत करता को देखो डूर को देखो उस काम से मेरा रिश्ता क्या है मैं उस काम में कैसे जा रहा हूं क्यों जा रहा हूं मैंने आपके यहां पर आकर देखा कि यहां पर मतलब ये बोलते हैं कि आप चाय ले लो वेगन है तो मैं इससे समझ गया था कि मतलब आप अगर वेगन हो तो आप दूध भी नहीं यहां पर यूज करते ये बात सही है तो आपके हिसाब
से क्या नॉनवेज खाने वाले गलत है देखो बेहोशी में ही आप किसी का कत्ल कर सकते हो अरे ये इनको कौन सिखाएगा जैसे अभी कई बार बच्चा हो जाता है घर किसी के मेरे दोस्त ही हैं नॉन वेजिटेरियन है मेरा बेस्ट फ्रेंड है तो मेरे को लगता है कि चल तेरा पर्सनल ओपिनियन है वो मेरे से लड़ता है इस बात पे कि तुम भी लोग तो गाय का दूध पीते हो वो दूध तुम्हारे लिए थोड़ी बच्चे के लिए तो मैं बोलता हूं तुम तो काट के खा रहे हो मुर्गी को ये वो अब वो जो
बच्चे को खिला रहे हैं नॉनवेज वो गलत कर रहे हैं बच्चे को तो मालूम ही नहीं कि मेरे साथ क्या हो रहा है देखो बिल्कुल सही बात है आप एक बच्चे को इंडोक्ट्रिनेट नहीं करो आप उसको एक सेब दे दो और आप उसके पास एक रैबिट छोड़ दो वो नॉनवेज नहीं खाएगा वो ये नहीं करेगा कि रैबिट को पकड़ के मार के खा गया बच्चा तो वैसे ही प्यार करता है भले ही छोटा रैबिट हो भले ही इतना छोटा हो कि आप उसको पकड़ के चाहो तो खा जाओ लेकिन बच्चा कभी रैबिट प अटैक नहीं
करेगा बच्चा सेब को खाएगा रैबिट के साथ खेलेगा तो ये गुनाह तो है ही कि आप बच्चे को जबरदस्ती रैबिट एक हिंसा सिखा रहे हो और वो हिंसा फिर उसकी जिंदगी का हिस्सा बन जाएगी वो फिर सिर्फ खरगोश के लिए या चिकन के लिए थोड़ी ही वायलेंट रहेगा वो जिन मां-बाप ने फिर उसको वायलेंस सिखाया है उन मां-बाप प भी वायलेंस करेगा अच्छा आप ये तो नहीं सोच रहे ना दूध वाली चाय है नहीं य दूधली नहीं है हां ये दूध वाली नहीं है ये कब छोड़ा आपने दूध ये छूट गया था कर्म प नहीं
यकीन करते हैं ना अपने आप हो जाता है तो ये थॉट कैसे आया था कि गाय का दूध नहीं पीना देख करके कि गाय प जुल्म कितना होता है देख के और यह देख कर के कि मुझे सचमुच इसकी जरूरत तो है नहीं साहब मुझे जरूरत है नहीं और इसके बिना अल्टरनेटिव पे भी सर रहा है आपका चाहे आप भी पी रहे हो आपका बंदा जो मुझे मिला वो प्रोटीन की मुझे बड़ी अच्छी एग्जांपल दी कि प्रोटीन तो मैं पूरा इंटेक कर रहा हूं पर मैं किसी को दुख दे के नहीं कर रहा तो सबसे
पहली बात जो मुझे अट्रैक्ट ये उद ये पहलवान हुआ पड़ा है पूरा देखो वीगन पहलवान है प्लांट प्रोटीन ले इसकी तो आप इस वीडियो में ना आप लगा दे ना फोटो वीगन हो कर के ये मतलब ऐसा हो रखा है कि चार को एक साथ उठा ले हम तो मुझे जरूरत है नहीं मुझे पहलवानी भी करनी है अगर तो मैं वीगन पहलवान हो सकता हूं दुनिया का आज तक का ग्रेटेस्ट ऑफ ऑल टाइम टेनिस प्लेयर अब जो कुको बोलते हैं ठीक है ना सब कुछ जीत लिया उसने अब कुछ नहीं बचा 25वां ग्रैंड स्लैम है
बस वीगन है वोह कितने सालों से वीगन है और 38 साल का हो रहा है और आज भी ये जो नए-नए छोकरे आते हैं कार्लोस जैसे 22 साल वाले इनको हरा देता है तो ऐसा तो मुझे तो जरूरत ही नहीं है इसके बिना मेरा काम चल जाएगा लेकिन कितना आप गाय भैंस पर जुल्म करते हो और तो एक बार य बात समझ में आ जाती है ना अपने आप छूट जाता है कोई डिसीजन नहीं लेना पड़ता यह फ्यूचर सोच के तो नहीं करते कि अगर मैं नॉनवेज नहीं खा रहा तो मैं ठीक कर रहा हूं
वो मेरे को यह बात का जवाब लेना है कि मेरा उल्टा है मेरा उल्टा है गलत की डेफिनेशन कौन देगा मैं कह रहा हूं मेरा उल्टा है मैं नहीं खा रहा इससे मेरा फ्यूचर बर्बाद भी होता हो तो हो जाए बीच-बीच में कुछ स्थितियों में डॉक्टर ने मेरे से बोला कि साब दूध ले लीजिए नहीं तो आगे उसके यह मैंने कहा मेरा जो होगा सो होगा मैं अपनी बेहतरी के लिए किसी की जान तो नहीं लूंगा मेरा फ्यूचर बर्बाद होता हो तो हो उसके लिए मैं किसी के साथ नाइंसाफी तो नहीं कर सकता सही काम
आप सिर्फ तब कर सकते हो जब आप फ्यूचर की नहीं सोच रहे हो यही भगवत गीता का निष्काम कर्म है कि मुझे परिणाम की कोई आशा नहीं है मैं सही काम करूंगा उससे जो अंजाम आता ऐसे हाथ जोड़ ड़ के स्वीकार करूंगा और आपको यह किसने बताया कि जो आप कर रहे हो वो सही कर रहे हो गलत नहीं कर रहे खुद देख कर के ऑब्जर्वेशन पुराने टाइम में जैसे सिर्फ सोर्स ी हमारे पास प्रोटीन का गाय होती थी जैसे हम पुरानी बात करें जंगल शुरू हुए होंगे तो जंगल में तो फसलें खराब हो जाती
थी कई बार नहीं मिलता था खाने को तो दूध ही स रहा था तभी मेरे ख्याल से मां बो जो आप सचमुच एकदम जंगल में रहते थे तो आपको लगता है कि आप इतने बड़े-बड़े जो मैमल्स हैं जानवर हैं आप इनको पकड़ के दूध निकाल सकते थे इंसान कैसा था इंसान के पास ना साइंस थी ना टेक्नोलॉजी थी ना नॉलेज था ना पावर था एनर्जी नहीं थी फॉसिल फ्यूल नहीं था गाड़ी नहीं थी लाइट सोर्स नहीं था इलेक्ट्रिसिटी नहीं थी आप कैसे इतने बड़े-बड़े मैमल्स को पकड़ करके उनकी मिल्किंग कर लोगे तो प्रोटीन के लिए
मिल्क जरूरी नहीं था और ना मिल्क आता था कैटल से हम प्रोटीन हमें लेगू से मिल जाता है प्रोटीन ना जाने कितनी और चीजों से मिल जाता है प्रोटीन के लिए मिल्क की बिल्कुल भी कोई जरूरत नहीं है यह मिल्क इंडस्ट्री का बहुत गंदा प्रोपेगेंडा है कि अगर तुम दूध नहीं पियोगे तो कैल्शियम विटामिन डी और b12 और प्रोटीन यह सब तुमको नहीं मिलेगा इन सब चीजों के अल्टरनेट सोर्स होते हैं और हमारे पुरखे इन्हीं अल्टरनेट सोर्स पर जीते भी थे और अगर नहीं यकीन हो रहा हो तो मैंने कहा तो इसकी लगा दीजिए फोटो
अरे वो तो मैं इस इंटरव्यू से पहले ही सोच रहा था कि बहुत ज्यादा मतलब मैं थोड़ा हंबल हो रहा हूं नहीं मैं ये भी कह सकता था मेरी लगा दो इस उम्र में भी आधा पहलवान तो भी मैं भी हूं टेनिस भी खेलता हूं जिमिंग भी करता हूं और अच्छे अच्छों को हरा भी देता हूं और मजाल है कि मा स्वास तो छोड़ी है कि दूध या दूध का कोई प्रोडक्ट भी अब डिकेड से ऊपर हो रहा है छुआ नहीं कोई फर्क नहीं पड़ता पूरी ताकत है बल्कि मुझे लगता है कि दूध तो बॉडी
पर टैक्स की तरह होता है हमारा सिस्टम बना तो है नहीं इसको पचाने के लिए भैंस का दूध है साहब भैंस के बच्चे के लिए मैं भैंस थोड़ी हूं ना मैं बच्चा हूं तो मैं तो पचा भी ना पाऊ इसको तो इससे फ्री हो गया तो टैक्स से फ्री हो गया मैं बेहतर हूं बल्कि जैसे आपने बताया कि एक्टर से पता लगता है कि आप क्या काम कर रहे हो तो जैसे आप इतनी मतलब लोग आपसे जुड़ रहे हैं हजारों यूथ जुड़ रही है तो आपके मन में भी कभी आया कि मैं और विशाल हूं
और बड़ा हूं और जनता जुड़े मेरे साथ मैं भी बड़ा हूं मिशन तो देखिए यही है कि जो फायदा एक को हो रहा है वह बहुतों को होना चाहिए यह कैसे पता लगेगा कि फायदा हो रहा है कि नुकसान हो रहा है जो सामने खुद बोलेगा सामने खुद ही बोलेगा ना वो बोलेगा जिन चीजों से मुझे सफरिंग होती थी आज मैं उनसे आजाद हूं कैसे पता चलता है कि किसी पेशेंट की चली गई पेशेंट खुद आके बोलता है ना और बहुत सारे उसके लक्षण होते हैं जो पता चलते हैं कि साहब इस तरीके से कमजोर
था इस चीज से डरा करता था इस चीज का बहुत लालच करता था आज आजाद घूमता है तो हेल्थ आ गई है इसमें साहब हेल्थ आ गई है पहले बिस्तर से बंधा रहता था आज य आजाद उड़ा करता है हेल्थ आ गई है इससे पता चलता है कि लोगों में हेल्थ आ रही है इनर हेल्थ आ रही है वो इनर हेल्थ और लोगों तक पहुंचे सब तक पहुंचे यही मिशन है निस्वार्थ किसी की सेवा करना बिना फ्यूचर को सोच क्या यह दिल से सेवा है सेवा की तो परिभाषा ही यही है स्वार्थ आ गया तो
कौन सी सेवा है मलब कोई नाम नहीं कोई कुछ नहीं कोई फ्यूचर में एक्सपेक्टेशन नहीं आप भला करना अच्छी बात है ये ठीक काम है एकमात्र काम है आप उसके अलावा जो करोगे वो आपको भारी पड़ेगा वाह सुकून आ गया ऐसा तो कुछ होता ही नहीं है कि आप दूसरे के लिए अच्छा कर रहे हो परोपकार कुछ नहीं होता दूसरे के लिए अच्छा कर रहे हो अपने लिए अच्छा कर रहे हो एक बात बताओ अभी आप बात कर रहे हो आपको मौज आ रही है मुझे भी आ रही है मैं तो आपके दर्शन करके खुश
अरे दर्शन हो जा मैंने कहा हम दोस्त हैं नहीं नहीं दर्शन इन द सेंस ऑफ जैसे मेरी पंजाबी भाषा है ना तो मैंने बताया पाजी को पहले कि जितने लोगों को मैं मोहब्बत करता हूं वो अलग-अलग धर्मों में से हैं ये प्यारा शब्द है मोहब्बत हां मैं मोहब्बत दिन से करता हूं बत अच्छा शब्द मैं जब लुधियाना से चला था आज सुबह तो मैं यही सोच के चला था मुझे देखना है और आपको देख के आ जाना कोई फोटो नहीं पॉडकास्ट का मैंने इतना सोचा नहीं था पर मौका मिल गया आपसे बैठ के बातें करने
का तो अच्छा लग मस्त बात है मेरी मतलब शाम बहुत अच्छी बीत रही है अभी हम इतनी सही बातें कर रहे हैं मैं आपसे मिलावटी बात करूं आप पर जो असर पड़ेगा तो पड़ेगा मेरा क्या होगा मेरी मेरी सुकून का मेरे मौज का क्या होगा इसी तरह से आप भी मेरे से कोई मिलावटी बात करो तो आप पर क्या असर पड़ेगा ठीक हो जाए तो आपसे सही बात करना परोपकार नहीं हो गया मैं आपके साथ अच्छा ही नहीं कर रहा मैं अपने साथ अच्छा ही कर रहा हूं ऐही बस हो गया यह चीज ना कि
निस्वार्थ हो गए तो अपना घाटा हो जाता है नहीं स्वार्थ में अपना घाटा हो जाता है बिल्कुल अगर दूसरे की अच्छाई कर रहे हो तो उस परे आप एहसान नहीं कर रहे बल्कि ज्ञानियों ने तो उल्टी बात बोली है उन्होंने कहा है कि अगर आप किसी के साथ अच्छाई कर पा रहे हो तो आप हाथ जोड़ के कहो थैंक यू हम तूने मुझे मौका दिया कि मैं तेरे साथ अच्छाई कर पाया मैंने तेरे साथ अच्छाई की तो मेरा भला हुआ हम बिल्कुल 100% यही कुछ ही है अच्छा सर ऐसे भी होता है कई बारी जैसे
बोलते हैं कि ये सब कुछ लिखा हुआ है पहले ही तो आपका इस पे क्या ओपिनियन है सब कुछ तो जो कैदी होते हैं उनका लिखा होता है पहले इतने बजे उठेगा इतने बजे सोएगा यह खाएगा इतनी मेहनत करेगा इस दिन जेल में जाएगा और इस दिन रिहा होगा य तो कैदियों का होता है इंसान तो वह है जो आजाद शय है वरना इंसान कहलाने लायक नहीं है जिसका सब कुछ लिखा हुआ है पहले से वह इंसान के नाम पर धब्बा है इंसान का मतलब ही है आजादी बड़ा सवाल आ रहा है आपसे बात करके
स्टार्टिंग में थोड़ा था पर अब समझ पा रहा हूं डीली जा क ज्यादा तो हम पैदा होते हैं इन सब चीजों में छोटा बच्चा होता है वो कैद में होता है हम उसको पालना बोल द भले ही जो उसका झूला पालना होता है वो तो कैद है ना लेकिन उसकी वो उससे खुद के उ उठ के खुद निकल सकता है क्या नहीं निकल सकता मां आके उसको दूध ना दे तो खुद दूध कहीं से ला सकता है क्या नहीं ला सकता मां आके उसका पतला ना बदले तो गीले ही बिस्तरे पर अपने पड़े रहेगा यह
होती है कैब जहां मेरी जिंदगी बिल्कुल भी मेरे हाथ में नहीं है जहां मैं दूसरों पर आश्रित हूं हर तरीके से तो जीवन का उद्देश्य है कि जो डिपेंडेंस है इनर डिपेंडेंस आउटर डिपेंडेंस तो हमेशा रहेगी लेकिन जो इनर डिपेंडेंस है दूसरों पर उसको खत्म कर देना यही लिबरेशन है यही पर्पस ऑफ लाइफ है अच्छा सर ये जो लोग ब्रह्मचारी बन जाते हैं घर छोड़ के जवान लड़के मैं आजकल बहुत देख रहा हूं कि मां-बाप बुजुर्ग हुए जब उनको संभालने का टाइम आया उन्होंने सारी जिंदगी बच्चे को संभाला ना तो जब मां-बाप गए बुढ़ापे में
और बच्चे के संभालने का वक्त आया तो बच्चा चला गया कि मैं जी अब भगवान को पाने में चला गया या मैं नाम कर रहा हूं उस पर आपका क्या ओपिनियन है मैं बड़े लड़के देखता हूं वीडियोस भी आती है कि मां-बाप का जवान लड़का चला गया मां-बाप पीछे बुढ़े बैठे हैं अकेले देखो कोई दूसरी दुनिया नहीं है जिसको पाना धर्म का पर्पस हो रिलीजन ब्रह्मचर्य उसी में आता है रिलीजन के ही फील्ड में ब्रह्मचर्य एक चीज होती है संन्यास ब्रह्मचर्य त्याग गृह त्याग रिलीजन का किसी दूसरी जगह पहुंचना नहीं होता और यह बहुत बड़ा
मिसकनसेप्शन है रिलीजन का पर्पस होता है आप जहां हो जैसे जी रहे हो अपने बंधन और बेईमानी खत्म करो अपने बंधन और बेईमानी खत्म करो उठ के कहीं चले जाना इसी का एक्सटेंशन बन जाती है वह बात कि मैं मरूंगा ना तो मेरी ऐसे यहां से रूह सोल जीवात्मा निकलेगी और वह किसी दूसरी दुनिया में जाएगी वह जन्ना स्वर्ग हेवन और समझ रहे हो वहां पर फिर ऐश काटे गी ये सारी बातें कहीं और की बात का नाम धर्म नहीं होता धर्म का मतलब होता है आप यहां प बैठे हो साहब आप यहां प बेमानी
मत करना आप यहां प बैठे हो साहब आप खुल के बहो किसी से डरना मत ये धर्म है आप दुकान में बैठे हो क्यों आप मुनाफे के लिए बेमा नियां कर रहे हो आप दुकान में बैठे हो आप क्यों अगल बगल वालों से अपने ग्राहकों से डर रहे हो आप अपने घर में हो अब अपने मां-बाप के साथ एक साफ सुथरा सच्चा रिश्ता क्यों नहीं रख सकते मां-बाप को छोड़ने की क्या जरूरत हो अगर मां-बाप से मोहब्बत का रिश्ता हो मां-बाप से अगर मोहब्बत का रिश्ता है तो उहे छोड़ना पड़ेगा क्या तो वो रिश्ता ठीक
करो ना छोड़ के भाग क्यों रहे हो और अगर तुम में सही रिश्ते रखने की काबिलियत नहीं है तो मां-बाप को छोड़ के भागोगे किसी आश्रम में चले जाओगे वहां तुम आश्रम में भी गलत रिश्ते ही रखोगे जो इंसान अपने मां-बाप से सही रिश्ते नहीं रख पाया वो दुनिया में जाएगा तो वहां क्या सही रिश्ते रख पाएगा बिल्कुल तो जहां हो पहले वहां सफाई करने की कोशिश करो मैं यहां बैठा हूं यहां मैंने गंदगी फैला दी है क्योंकि मैं आदमी गंदा हूं मैं जहां बैठता हूं वहां गंदगी कर देता हूं मैं यहां गंदगी कर दूं
फिर उठ के मैं कहूं अ ये बहुत गंदा हो गया मैं कहीं और जा रहा हूं वहां भी गंदगी करेगा यार उससे अच्छा झाड़ू उठा सफाई कर ये जो सफाई करने का काम है ये स्पिरिचुअलिटी होता है वाह मेरे को बस एक लास्ट सवाल जानना आपसे उसका जवाब चाहिए अगर आप दे सको कि ये जो गलत और ठीक का डिफरेंस है जो इंसान समझना चाहता है एक फ्रेशर बच्चा समझना चाहता है फॉर एग्जांपल मैं ही समझना चाहता हूं कि यह जो काम चल रहा है ये ठीक है कि गलत है मंशा मेरी बिल्कुल क्लियर है
वो कैसे पता लगे फियर ग्रीड यह दो चीजें देख लो कि कहीं मैं इन चीजों में फियर से तो नहीं जा रहा या ग्रीड से तो नहीं जा रहा बस दोनों ही चीजें नहीं है अगर नहीं है तो फिर पूछ लो कि क्या मैं समझ रहा हूं ये अगला सवाल है पियर और ग्रीड अगर एब्सेंट दिख रहे हैं तो फिर क्वेश्चन आना चाहिए अंडरस्टैंडिंग पर यह जो हो रहा है मैं जिस काम में जा रहा हूं जिस दिशा जा रहा हूं क्या मैं उसको समझ रहा हूं और अगर यह दोनों ही सवालों का आंसर ठीक
आया है और बेखौफ होकर जोक कर रहे हो मौज में करो वाह अगर आपको किसी की मदद करके खुशी मिल रही है इससे ज्यादा कोई सवाल जवाब नहीं है बस यह देख लेना कि मदद भी कहीं किसी लालच में तो नहीं हो रही फियर ग्रीड कहीं मदद भी और यह भी देख लेना कि क्या मदद का मतलब समझते हो अंडरस्टैंडिंग क्या मतलब मदद का मतलब क्या है दिलचस्प हो रहे आपके साथ सवाल चंगू की एक कविता है चंगू एक चाइनीज सेंट थे तो एक जबरदस्त चिड़िया मिली वहां के एक राजा को जबरदस्त चिड़िया ऐसी चिड़िया
जो राज्य में देखी नहीं गई चीन में कभी तो राजा ने कहा यह चिड़िया नहीं है शाही चिड़िया है इसको लेकर आओ वो रहा करती थी साब अपने जंगल में और जंगल में एक सरोवर था बढ़िया पंड वहां पर व रहा करती थी अपना मस्त रहती थी तो राजा ने कहा मैं इसको इत बूंगा ऐसी चिड़िया शाही राजा ने उसको बुलवा लिया अपने यहां पर बोले इतनी शाही चिड़िया है इसके लिए गाजा बाजा होना चाहिए मैं इसको इज्जत दे रहा हूं इसको गाजा बाजा होना चाहिए और यह खाना वही खाएगी जो राजा के महल में
बनता है जो मैं खाता हूं वह सब इसको खिलाओ जैसे बिस्तर मैं सोता हूं बिस्तर बिछाओ और हर तरीके के जो भी चाइनीज म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट होते होंगे उ सब बिल्कुल बजाओ इसके लिए ठीक है चिड़िया मर गई किसी की मदद करने से पहले मुझे पता तो हो कि उसके लिए सही चीज क्या है वो कैसे पता लगेगा अपना अहंकार छोड़ के हमको लगता है जो मेरे लिए सही है वही उसके लिए सही है हमको लगता है जो मेरी नजर में सही है वह उसके लिए सही है और मेरे लिए क्या सही है यही मुझे नहीं
आज तक पता चला एक एक मां-बाप लगा रहता है कि मैं अपने बच्चे के लिए कुछ सही कर दूं मां-बाप को जिंदगी में अपनी पता चला उनके लिए क्या सही है मां-बाप यह तो कभी जान नहीं पाए उनके लिए क्या सही है तो बच्चे के लिए क्या सही उन्हें कैसे पता ये जो राजा था चीन वाला इसे कभी ये नहीं पता चला उसके लिए क्या सही है हम तो वो जो कुछ कर रहा था उसको लगा बतक के लिए भी वही से उसने चिड़िया के लिए कर दिया चिड़िया मर गई बेचारी अपने डिजायर के लिए
कर रहा था अपने कांसेप्ट को आप दूसरों प डाल रहे हो और आप खुद नहीं जानते हो कि आपका कांसेप्ट आपके लिए भी राइट है क्या तो फिर समझाने वाले इसको ऐसे बोलते हैं कि बिफोर हेल्पिंग अदर्स हेल्प योरसेल्फ हम जो यह जान गया कि उसके लिए क्या ठीक है सिर्फ वही यह जान सकता है कि दूसरे के लिए क्या ठीक है और इसके आगे की मजेदार बात सुनो क्योंकि हम सब एक ही है इसलिए जो मेरे लिए ठीक है ना भाई वही तेरे लिए ठीक है लेकिन उस अर्थ में नहीं जैसे राजा ने करा
था कि मैं अगर चिकन खाता हूं तो चिड़िया को भी चिकन खिला दूंगा उस अर्थ में नहीं मेरे लिए भी यही ठीक है कि मुझे मेरे बंधनों से आजादी मिले और तेरे लिए भी यही ठीक है तुझे आजादी मिले मुक्ति लिबरेशन मुक्ति यही पूरे स्पिरिचुअल प्रोसेस का गोल होता है तो जब तक मैं यह नहीं देखूंगा कि मैं किस तरीके से बंधनों में फंसा रहा मैं हेल्प के नाम पर भी उसको बंधन ही दूंगा हम जिसकी मदद करते हैं ना उसकी जान ले लेते हैं और ऊपर से हमें ये मोरल सुपीरियोर रहती है कि हम
तो हेल्प कर रहे हैं बकुल हमने मदद की है हमने मदद की है और मदद के नाम पर तबाह कर देते हैं हम हम कहते हैं दुनिया इतनी बुरी है यंगस्टर्स इतने बुरे हैं क्यों भाई सारे यंगस्टर्स घरों से तो निकल के आ रहे हैं तो उनके मां-बाप कैसे हैं फिर मां-बाप तो य बोलते हैं अपने बच्चे की मदद कर मदद कर रहे हैं क्या मदद कर रहे हो अगर बच्चा तबाह हो गया तुम्हारी मदद तबाह कर रही है क्योंकि तुम्हारी मदद एक अनकॉन्शियस हेल्प है तुम समझ भी नहीं रहे कि मदद का अर्थ क्या
होता है क्योंकि तुमने कभी खुद को नहीं समझा तो वहां से एक नया शब्द हमारे सामने आता है सेल्फ नॉलेज आत्मज्ञान तुम खुद को समझो तब जाकर के दूसरे के लिए कुछ अच्छा कर पाओगे वह बहुत खतरनाक आदमी होता है जिसने खुद को समझा नहीं और दुनिया की मदद करने निकल पड़ा दुनिया की मदद करने में बड़ा अहंकार होता है मैं यह हूं मैं अच्छा आदमी हूं मैं इसके लिए करता हूं मैं उसके लिए वो करता हूं अपने अहंकार को जीते बिना दुनिया की मदद करने निकलोगे तो दुनिया को तबाह कर दोगे तो खासतौर वो
लोग जो दुनिया में कोई अच्छा काम करना चाहते हो उनके लिए बहुत जरूरी हो जाता है कि वो अपने पर कड़ी नजर रखें कि साहब मेरी इनर लाइफ कैसी है कहीं ऐसा तो नहीं कि मैं भीतर ही भीतर गड़बड़ हो रहा हूं अगर आप भीतर से सही हो तभी आप दुनिया की बहुत अच्छी वास्तविक रियल मदद कर पाओगे आप खुद एक अच्छा काम करने निकले हो तो आपके लिए बहुत जरूरी है कि आप अपने आप को लेकर के विजिलेंट रहो ऑब्जर्वेंट रहो सेल्फ ऑब्जर्वेशन आपका लगातार चलता रहे चलता रहेगा तो जिंदगी बहुत मौज में बीतेगी
और वो जो मौज है साहब हमारा बर्थ राइट है हम यहां पर कोई सोने सु बकने को थोड़ी पैदा हुए हैं जीने तो हम यहां मौज से जीने को आए हैं जब जीना है तो रो रो के मरमर के काहे को जिए जितनी भी जिंदगी है वो लिबरेशन में जीने आए हैं लेकिन लिबरेशन बिना ने खुद को देखते रहना कि चल क्या रहा है वो है तो फिर मौज है मदद क्या है आपके लिए फिर मैं अगर बॉन्डेज में हूं तो मुझे बड़ी तकलीफ रहेगी मैं तो एक ही मदद मांगता हूं चाहे वो मुझे खुद
से मिलती हो चाहे उन सब महान लोगों से मिलती हो जिनकी मुझे संगत मिल पाई जिनकी किताबों में से मैं कुछ सीख पाया मुझे मेरी बॉन्डेज से आजाद कर दो क्योंकि वही मेरे लिए मदद की परिभाषा है तो मैं दूसरों को भी बस एक ही मदद दे सकता हूं कि तुम जिन भी कैद में हो जिन भी बेड़ियों में हो मैं तुम्हारी वो बेड़ियां काट सकता हूं आपने राजे वाली एग्जांपल बहुत अच्छी थी मुझे उससे एक बात याद आ गई जैसे रोड पर कोई इंसान भटक रहा है मेंटली अपसेट है और उसके कीड़े पड़ गए
पैरों में मैंने देखा उसको उठा के ले आया और उसके कीड़े कूड़े साफ कि उसकी सेवा की तो ठीक किया गलत किया नहीं ठीक किया लेकिन उसके फिर पढ़ने वाले हैं ऐसे ही थोड़ी पड़ गए थे नहीं उसको अगर संभाल के अपने घर रखा जाए और उसकी सेवा की जाए जब तक उसके स्वार से है तो आपके जो बाकी काम है वो रुक जाएंगे आप कोई अनलिमिटेड आदमी थोड़ी ही हो मैंने 500 इंसान रख लिए बात यह जो 500 इंसान है दुनिया में ना जाने क्या-क्या कर सकते थे और इनका पूरा समय गया बस आपसे
सेवा पाने में यह क्या उनकी जिंदगी का ऑप्टिमम यूटिलाइजेशन है 500 लोग हैं ठीक है मैं नहीं कह रहा 100 100 साल के हैं कोई 20 का कोई 50 का ये अभी वर्किंग लाइफ के हैं ए एवरेज ये बहुत कुछ कर सकते थे दुनिया में कर सकते थे कि नहीं क्रांति ला सकते थे बहुत कुछ अच्छा काम कर सकते थे उसकी जगह ये क्या कर रहे हैं आपसे सेवा ले रहे हैं बैठ के वो खुश है कि वो सेवा ले रहे हैं आप खुश हो कि आप उन्हें सेवा दे रहे हो मैं अच्छा आदमी हूं
मैं सेवा करता हूं उनको मौज आ रही है कि हम सड़क पर पड़े थे कीड़े पड़े हुए थे हमें सेवा मिल रही है यह कोई अच्छा काम हो रहा है आपका टाइम भी खराब हो रहा है आप भी ना जाने क्या कर सकते थे आपका सारा टाइम इन लोगों ने चूस लिया और यह लोग भी ना जाने क्या कर सकते थे उसकी जगह अब मौत से बैठे हुए हैं बस दूसरे सेवा ले रहे हैं तो कोई अच्छा काम तो नहीं हुआ ना इससे बेहतर यह है कि किस कारण से उनमें कीड़े पड़े उनके भीतर से
वह कारण ही हटा दो जेम्स लन का एक बहुत अच्छा वक्तव्य उनकी किताब है छोटी सी एस अ मैन थिंक इट वो कहते हैं किसी की हालत देख देखो ना भिखारी की उसके भीतर भिखारी बैठा है इसलिए बाहर से भिखारी है एज अ मैन थिंकेथ तुम्हारे भीतर कोई है जिसने तुम्ह बाहर से भिखारी बनाया भीतर के भिखारी को हटा दो यह मदद हुई यह मदद की डेफिनेशन है बाहर से आप उसको पैसा दे दोगे व दोबारा भिखारी बनेगा क्योंकि इन द फर्स्ट प्लेस कोई रीजन था कि वो भिखारी बना वो रीजन तो नहीं हटा ना
वो दोबारा भिखारी बन जाएगा जैसे स्पेशली ब्लेस्ड बच्चे होते हैं तो जन्म से ही मतलब मेंटली अपसेट होते हैं ठीक नहीं हो सकते मेडिसन से तो उन बच्चों की तो सेवा करनी चाहिए जैसे बिल्कुल सेवा करनी चाहिए लेकिन फिर भी उनकी जिंदगी में बहुत पोटेंशियल है वो बेटर कैसे होंगे फॉर एग्जांपल जैसे कीड़े पड़े हैं अगर आप उसको नहीं उठाओगे वो तो हफ्ते में मर जाएगा नहीं बिल्कुल उसको लेके आना है कीड़े हटाने नहीं नहीं नहीं ये मैंने बिल्कुल भी नहीं कहा है कि आपको कोई बीमार आदमी मिले तो उसको दवाई मत दो या सड़क
किनारे किसी का एक्सीडेंट हो गया है तो उसको अस्पताल नहीं पहुंचाओ ये नहीं बोल रहा हूं मैं बिल्कुल नहीं पर साहब कोई सड़क किनारे इसलिए पड़ा हुआ है क्योंकि उसको नशे की लत लगी हुई है तो सिर्फ अस्पताल पहुंचाना काफी नहीं होगा क आप अस्पताल पहुंचा दोगे अपने खर्चे पे आप उसका इलाज करा दोगे सब कुछ कर दो आपने बड़ा अच्छा करा दो महीने बाद आप क्या पाओगे वो दोबारा वहीं पड़ा हुआ है जब तक उसके भीतर से वह चीज नहीं हटाओ ग ना जो उसको वहां सड़क किनारे गिरा रही है तब तक आप उसकी
असली मदद नहीं कर पाए जब वो दो महीने अपने पास रहेगा जो आप काम सोशल मीडिया प कर रहे हो वो वहां पे फिजिकली होगा जैसे हमारे पंजाब में बहुत संस्थाएं हैं जैसे वो लोगों को उठाते हैं तो हमने वो भी केस देखे जो 1010 साल से लोगों घर से निकले हुए थे मेंटली अपसेट थे उन्होंने उठाया सेवा की उनके घर भी मिल गए सोशल मीडिया के ये बिल्कुल अच्छा करा वो अपने जीवन में अच्छा एकदम अच्छा करा कि उनको उठा लिया लेकिन यह सफिशिएंट नहीं है दिस इज ऑलराइट बट नॉट सफिशिएंट क्योंकि अब आप
उनको अपने पास रखे हुए हो और मैं पूछ रहा हूं आपकी कैपेसिटी अनलिमिटेड है क्या दुनिया में दुनिया में इतने लोग हैं जो ऐसे होते जाएंगे आप उनको परमानेंट अगर अपने पास रख रहे हो तो ये आपकी भी एनर्जी का ऑप्टिमम यूटिलाइजेशन नहीं है न यूटिलाइजेशन क्या होता हेल्प की डेफिनेशन है अ पर्सन है बीन इ ही नो मोर नीड योर हेल्प बिल्कुल किसी की मदद आपने सचमुच तब करी है जब उसे आपकी अब मदद की जरूरत नहीं 100% पूरी मदद करो करनी है तो यही पूरी मदद है कि आप उसको ले आओ और फिर
उसको ऐसा बना दो कि उसे आपकी मदद की जरूरत ना बचे आप अब तुम जाओ यही पॉइंट था बस तुम आए मेरे पास रहे मैं तुम्हारे लिए जो कर सकता था मैंने किया और अब मैंने तुमको ऐसा कर दिया है कि तुमको दोबारा मेरे पास वापस नहीं आना पड़ ये मदद हुई यही मदद मेरी स्टार्टिंग कन्फ्यूजन थी क्योंकि मेरे को लगता है कि आपका हजारों लोग फैंस है ना करोड़ों लोग आपको जानते हैं देखते हैं आपको एडमायरीन के बाद कुछ लोग होंगे जो फिर हाथ दिखाएंगे कि मेरे कर्म मतलब स्टार ठीक कर दो ना तो
मतलब आप तो अपना कर्म बेस्ट कर ही रहे हो ना अगर आपकी 26 27 मिलियन की 50 मिलियन की रीच है तो इसका मतलब ये नहीं है ना वो 50 मिलियन आप अपना बेस्ट दे रहे हो बड़ा अच्छा लगा आपसे बात करके थंक य मुझे बहुत अच्छा लगा और आपका बहुत-बहुत आभार आप दूर से आए थैंक यू आई विश यू ऑल द बेस्ट थैंक यू थैंक यू सर मैं सिर्फ दर्शन करना चाहता था एक लाइफ है मैं आपसे बहुत छोटा हूं विचारों में भी और उम्र में भी अरे कुछ नहीं तो मेरे को तो बस
यही लगता है कि मेले में आए हैं ड्रामा चल रहा है हम इस ड्रामे का पार्ट है तो अच्छा ड्रामा करें आई रियली एंजॉयड दिस कन्वर्सेशन थैंक यू और मैं चाहूंगा कया पंजाब आए तो जरूर हमें दर्शन द और जितनी भी ऑडियंस है आपकी उनके लिए भी बहुत-बहुत मैं आया करता था एक समय था जब साल में दोदो चक्कर भी लगे हैं पर पिछले चार पांच साल से नहीं आया हूं क्यों इधर ही काम बहुत बढ़ गया तो मैं यही पूछना चाहता हूं जो मैं हर किसी से पूछता हूं कि ये जीवन क्यों शुरू हुआ
किसने शुरू किया जैसे एक एग्जांपल मैंने समझी थी कि एक एक रुमाल के दो सिरे हैं एक जन्म है एक मरण है जन्म भी हमारे हाथ नहीं है मरण भी हमारे हाथ नहीं है तो बीच में रुमाल रह गया वो जिंदगी है तो फिर हाथ में क्या है बहुत आपने खूबसूरत बात कही रुमाल का यह सिरा भी हमारे हाथ में नहीं है यह सिरा भी हाथ में नहीं है हमारे जो बीच की सारी चीज है वो अपने आप ही गिर गई जब इधर से भी नहीं पकड़ रखा इधर से भी नहीं पकड़ रखा तो गिरा
ही हुआ है लेकिन हमारे भीतर कोई होता है ना अहंकार वह मानता नहीं कि चीजें उसके हिसाब से नहीं चल रही है तो व अपने आप को क्या बोलता है कि मैं करता हूं मैं डूर हूं मैं ही बादशाह हूं सब कुछ मेरे हिसाब से चल रहा है उसके हिसाब से चल कुछ नहीं रहा होता पर वो एक मिथ लेकर बैठा होता है एक इलज भ्रम मैं ही ऐसा कर रहा हूं मैं ही वैसा कर रहा हूं मैं समझाता हूं शुरू में ही थोड़ा हैवी ना हो जाए जी देखिए आपने अभी कहा आपका हिंदी में
हाथ टाइट है ठीक है मैं कहूंगा मेरा पंजाबी में थोड़ा हाथ टाइट है किस वजह से है इसलिए थोड़ी कि आपने चूज करा था कि हिंदी आपकी उतनी अच्छी ना हो ना मैंने चूज करा कि मेरी पंजाबी उतनी अच्छी ना हो आपका जहां जन्म हुआ मेरा जहां जन्म हुआ उसने यह डिसाइड कर दिया ना कि आपकी कौन सी लैंग्वेज बढ़िया होगी और मेरी कौन सी भाषा बढ़िया होगी है ना बिल्कुल लेकिन हम यह नहीं मानेंगे कि यह हमारे करे से नहीं हुआ आप पंजाबी अच्छी बोलते हैं मैं हिंदी अच्छी बोलता हूं यह बात सिर्फ एक
संयोग है कोइंसिडेंस है है ना एक रैंडम बात है पर हम ही नहीं मानते तोय बिल्कुल हो सकता है आप हिंदुस्तान को देखो य भाषा को लेक कितने झगड़े होते रहे हैं बिल्कुल है ना कि साहब इस आदमी की भाषा मुझसे नहीं चलती तो पाकिस्तान का तो बटवारा ही भाषा के आधार पर हो गया था बांग्लादेश पूरा बना ही इसी पर था पाकिस्तानी लोग बांगला को मानने को नहीं तैयार थे तो हम ऐसी चीजों को बहुत सीरियसली ले लेते हैं जो वास्तव में है क्या बस संयोग कोइंसिडेंस रैंडम है उसमें कुछ ऐसा है नहीं बाय
चांस है लेकिन हम उसको मानते हैं मैंने करा अब ये हमारा जन्म आपने कहा कि बाय चांस है यह तो सभी मान लेते हैं हां भाई जन्म तो कोई एप्लीकेशन देके तो पैदा होता नहीं है लेकिन हम ये भी भूल जाते हैं कि हमारा जेंडर भी तो फिर बाय चांस ही है ना 100% अगर जन्म बाय चांस है तो लिंग जेंडर वो भी तो बाय चांस है अब आप और मैं हम दोनों नॉर्थ इंडिया से ही हैं और नॉर्थ इंडिया में इतना ज्यादा सेक्स सिलेक्टिव अबॉर्शन होता है बिल्कुल होता है ना पंजाब में बहुत होता
है हरियाणा में बहुत होता है राजस्थान में होता है वेस्टर्न यूपी में होता है बहुत होता है पहले भी होता था अभी भी हो रहा है क्यों क्योंकि हम को लगता है एक जेंडर दूसरे जेंडर से बड़ी बात है हम जब ना बॉडी हमारी ना जेंडर हमारा तो हम होते कौन है इस बात प प्राइड करने वाले कि मैं तो साहब मर्द हूं पर हमारे एरिया में मर्दानगी मैस्कुलर है जबकि वो चीज ही आपकी नहीं है एक्स वाई क्रोमोसोम की बात थी जिसमें आपने कुछ नहीं करा लेकिन फिर भी इंसान कहता है कि देखो मैं
तो यह हूं इसी तरीके से साहब मेरा रंग ज्यादा साफ है मैं शरीर से ज्यादा तगड़ा हूं मेरा कद बहुत ऊंचा है और बहुत बातें महिलाएं भी बोलती है मैं सुंदर ज्यादा हूं अब उसमें आपने तो कुछ करा नहीं आपका शरीर जैसा भी है वो तो एक कोइंसिडेंस की बात है ना एक रैंडम घटना है इसी तरीके से आपको हॉकी या क्रिकेट पसंद होगा जी आपको आइस हॉकी तो नहीं पसंद है बिल्कुल पंजाब में फुटबॉल नहीं उतनी खेली जाती हॉकी खूब चलती है अभी क्यों हो रहा है आप कहोगे आपको हॉकी पसंद है आपको तो
नहीं पसंद है वो तो उस जगह की बात है जहां आप संयोग से पैदा हो गए लेकिन जो चीजें संयोग की हम उनको कितना सीरियली ले लेते हैं इतना सीरियसली ले लेते हैं समझाने वाले बड़े लोगों ने गुरुओं ने कहा है यही जो तुम सीरियसली ले लेते हो ना यही जिंदगी की सफरिंग है तुम समझ ही नहीं रहे कि यह सब प्रकृति का एक रैंडम खेल है जिसमें चीजें अकारण हो रही है जहां कोई कारण माने रीजन नहीं है तुम वहां भी रीजन निकालने चल पड़ते हो बिल्कुल और जो यह अहंकार होता है वो अपनी
सब चीजों का रीजन खुद को बनाता है मैंने ऐसा किया मैंने ऐसा हुआ और उसी में फिर खूब सफर करता है वो यह नहीं देखता कि तुम्हारी लाइक्स डिसलाइक्स तुम्हारे ओपिनियन तुम्हारी सिचुएशंस सब कुछ तो बस यूं ही चल रहा है और जोय चीज देखने लग जाता है कि मैं तो एक कंडीशनिंग का पुतला जैसा हूं बस बॉडी से भी कंडीशन हूं और सोसाइटी ने मुझे माइंड से भी कंडीशन कर रखा है वहीं से मेरा सारा कारोबार चल रहा है वह अपने आप को बहुत लाइटली लेने लग जाता है वह फिर अपने ऊपर हंसना शुरू
कर देता है वो अपने लिए ही एक चुटकुला बन जाता है और फिर जिंदगी मौज हो जाती है बिल्कुल सर आपने बहुत बुक्स पढ़ी भी है आप आपके ऊपर बहुत बुक्स लिखी भी गई है मेरा जो सबसे ज्यादा जरूरी सवाल मैं सबसे पूछता हूं कि भगवान की डेफिनेशन सबकी जिंदगी में अलग-अलग है आपकी जिंदगी में भगवान की डेफिनेशन क्या है यह जो मेरे भीतर बैठा है जो सारी गड़बड़ करता रहता है सारी गड़बड़ उसको हटा दो अगर उ अहंकार है ना ईगो उसको हटा दो अगर तो भीतर जो एक बोध बिंद बचता है द पॉइंट
ऑफ अंडरस्टैंडिंग वही भीतर का भगवान है उसके बहुत अलग-अलग तरीके के नाम होते हैं जो एक अच्छा नाम है जो मुझे पसंद है आप कोई भी नाम दे सकते हो वह है आत्मा तो वही है भीतर वाला भगवान और सब ज्ञानियों ने उपदेश भी यही दिया है कि मिलेगा तो अपने भीतर ही मिलेगा व अपने भीतर मिलने की बात यही होती है कि अपने भीतर हमने बहुत सारा कचड़ा भर रखा है उस कचड़े को हटा दो वही सारी स्पिरिचुअल साधना स्पिरिचुअल साधना इधर उधर दौड़ लगाने की और दुनिया भर का काम करना यह तो नहीं
होती असली चीज य है कि भीतर कितने तरीके के विकार भरे हुए हैं है ना भगवत गीता बोलती है रिप काम क्रोध मद मोह लोभ यह सब अपना भीतर भरा रहता है एंगर ग्रीड जेलेसी है ये सब लस्ट ये सब भीतर भरा रहता है उसको हटाने के बाद जो चीज बचती है उसको आप बोल सकते हो वही भगवान है वही आत्मा है आपने बड़ी अच्छी बात बोली कि इंसान ज्यादा सीरियसली ले रहा है जेंडर पर भी मान कर रहे हैं मैन डोमिनेटिंग सोसाइटी चाहे वो वुमन है चाहे वो मेनस है फिर जिस बात पे चर्चा
होनी चाहिए जो सीरियसली लेनी चाहिए वो आपके हिसाब से क्या है सीरियसली तो यही लेना चाहिए कि तुम चीजों को सीरियसली क्यों लेते हो क्योंकि मैं एडिशनल क्या और सीरियस लूं जब मैं पहले ही बहुत सीरियस हूं हम दुनिया भर में लड़ाइयां हो रही है जाने जा रही है ये सीरियस लोग ही तो हैं कोई ठान करके बैठा हुआ है कि जब तक बगल वाले से आगे नहीं निकल जाता मेरी जिंदगी किसी काम की नहीं है मां-बाप बच्चों को कह रहे हैं कि तूने इतने नंबर लाने हैं सीरियसली पढ़ाई कर ह आदमी पहले से ही
बहुत ज्यादा सीरियस है तो मैं क्या बताऊं कि हमें एडिशनल किस बात पर सीरियस होना है हम तो पहले ही जिन चीजों पर सीरियस हैं क्या हम उन पर पुनर्विचार माने रिकंसीडरेशन कर सकते हैं हम दोबारा पूछ सकते हैं कि ये चीज इतनी सीरियसली लेने की है क्या एक आदमी है मुझे उम्मीद रहती है उससे कि साहब ये मुझे इज्जत देगा आज सुबह मुझको मिला हां और सत श्री अकाल नमस्ते करे बिना वो निकल गया और पूरे दिन मेरा मूड ऑफ है य बुलाया नहीं उसने और ये बिल्कुल हो सकता है कि वो आदमी खुद
बेचारा परेशान हो जी हो नहीं सकता बकुल वो अपनी आफतों में डूबा हुआ है उसे ख्याल नहीं रहा कि आप सामने से हो तो वो अपना ऐसे ही गाफिल था वो निकल गया लेकिन आप बहुत सीरियसली लोगे इस बात को हम तो हमें और ज्यादा कुछ नहीं सीरियसली लेना है देखिए जो पूरा विजडम का फील्ड है जो समझदारी की बात है पूरी वो यह नहीं है कि सीरियस हो जाओ और ज्यादा गुरु लोग संत लोग ज्ञानी यह तो हंसते हैं यह सीरियस थोड़ी हो जाते हैं जो ये दुनियादारी होता है ना संसारी द वर्ल्डली मैन
यह होता है बहुत ज्यादा सीरियस और ये ऐसी ऐसी बातों प सीरियस होता है कि दुनिया की मौत की एक बड़ी सी बड़ी वजह आप जानते हो ना क्या है सुसाइड लोग अपनी जान ले लेते हैं हम इतने सीरियस हो जाते हैं जो सब ज्ञानी लोग होते हैं व तो समझाते हैं कि भाई तुम जिन बातों को बहुत गंभीरता से ले रहे हो ना वह बातें किसी महत्व की नहीं है अपने बारे में हल्के हो जाओ निर्ब तो ये यह चीज जानने की है कि मैं बेकारी किसी चीज के बारे में सीरियस हूं देखिए हमारे
पास एक बच्चा होता है छोटा उसका खिलौना टूट गया वो कितनी जोर जोर से रोता है जब वो जोर से रोता है तो आप हंसते हो बिल्कुल आप हंसते बोलते हो यार ये दो पैसे की चीज के लिए इतना सीरियस हो रहा है हम नया आ जाएगा खिलौना नया आ जाएगा नहीं तो खिलौना ही तो है उसमें ऐसी कौन सी जिंदगी मौत की बात हो गई वैसे ही जो समझदार लोग हुए हैं वो जब हमें देखते हैं ना तो हम पे हंसते हैं वो कहते हैं यार तुम कभी सुबह के लिए लड़ रहे हो कभी
पानी के लिए लड़ रहे हो कभी ऑनर के लिए लड़ रहे हो कभी किसी बात के लिए लड़ रहे हो तुम भी तो खिलौनों के लिए ही लड़ रहे हो हम और छोटे बच्चे छोटे खिलौनों से खेलते हैं उनके छोटे टैंक कक भी तो आते हैं ना वोन बड़े बच्चे होते हैं वो देखो ना इजराइल में और वहां पर अभी ईरान में क्या हो रहा है वो बड़े खिलौनों से खेल रहे हैं वो बड़ी-बड़ी मिसाइलें फायर कर रहे हैं पर ज्ञानियों गुरुओं को देखे वो जो बड़ी मिसाइलें भी है वो खिलौने ही हैं जिस भी
चीज से एक बच्चा खेल रहा हो उसको तो खिलौना ही कहेंगे ना और हम सब भीतर से बच्चे ही रह गए हम हम डेवलप नहीं हो पाते जो आदमी छोटी-छोटी चीजों को सीरियसली ले रहा है वो भीतर से भी डेवलप हो नहीं पाया मैच्योर नहीं हो पाया है आपने जिंदगी का क्रक्स क्या निकाला जैसे जो गुरु संतो की आप बात करते हो मैं बड़ा क्यूरियस रहता हूं जानने के लिए कि क्यों मिला हमें ये जीवन क्या करने आए हैं मतलब ही नहीं समझ आ रहा अभी तक कोई कहता है ये करो व कोई कहता है
ये करो पर ऊपर से तो कभी कोई आवाज नहीं आ रही कि मैंने दुनिया भाई इसलिए बनाई है आपने ये ये करना है देखिए ये जो सारे सवाल आते हैं ये किसको आते हैं और क्यों आते हैं मैं आपसे पूछ रहा हूं हमारी अभी बातचीत चल रही है यह बातचीत अगर एकदम गहरी होती जाए थोड़ी गहराई तो उसने पकड़ ही ली है आपको कुछ थोड़ा आनंद हो रहा होगा जी जी जी जी यह बातचीत और अगर गहराई पकड़ ले तो क्या आपको यह सवाल बचेगा यह दुनिया किसने बनाई मैं हुई क्यों मैं कल क्या करूं
मैं परसों रात को क्या कर रहा थाय बचेंगे सवाल नहीं नहीं अभी आपने पिछले पाच मिनट में कितनी बार यह सोचा कि आपको कल क्या करना है नहीं सोचा नहीं सोचा आपने क्या यह भी सोचा पिछले पा मिनट में कि यह है क्या क्यों यह सब नहीं रह जाता ना तो ध्यान देने वालों ने एक बड़ी जबरदस्त बात बोली बहुत खास बात वो बोले ये जो तुम्हारे सारे सवाल है ना ये दुख से आते हैं जब तुम दुखी नहीं रहते तो ये सवाल भी नहीं रहते जब तुम मौज में होते हो आनंदित होते हो जॉय
फुल होते हो तो ये जितने तुम्हारे सवाल हैं यह सब उसमें मिट जाते हैं सवाल चाहे छोटे किसम काओ चाहे बड़े किसम का हो सारे सवाल हट जाते हैं तो फिर उन्होने कहा यानी कि भीतर कोई है जो लगातार दुखी बैठा हुआ है और इसीलिए उसके पास 100 तरह के प्रॉब्लम्स है और क्वेश्चंस है और ल योर क्वेश्चंस दे अराइज फ्रॉम योर इनर सफरिंग माने भीतर कोई सफरर बैठा हुआ है वही ईगो है वही अहंकार है और चूंकि वह सफर कर रहा है इसीलिए वह एक क्वेश्चन की तरह देखता है दुनिया को उसके लिए जो
पूरी दुनिया एक सवाल है वो सवाल बस ये नहीं पूछता दुनिया बनाई किसने वो सवाल ये भी पूछता है इस दुनिया में मैं ऐसा क्या पा लू जिससे मुझे चैन मिल जाएगा यह दुनिया बनाई किसने इस सवाल का भी अगर जवाब पा लू तो मुझे चैन मिलेगा तो वो ये सारे सवाल भी बस चैन पाने के लिए पूछता है क्योंकि वह दुखी है बेचैन है क्योंकि वह बेचैन है इसलिए वह चैन पाने के लिए तरह-तरह के प्रश्न करता है तो मूल बात यह होती है कि फिर उसी पर आओ ना जिसको क्वेश्चन है जो क्वेश्चन
है वो तो बाद की बात है जो क्वेश्चनर है वो ज्यादा इंपॉर्टेंट है ना तो क्वेश्चनर कौन है वो यहां भीतर बैठा हुआ है मैं हूं वो उसी का नाम मैं है आई अहम वो है तो उस तक आना है और उससे पूछना है े तकलीफ क्या है तू क्या है तू दुनिया को क्यों ऐसे देख रहा है जब आप यह पूछते हो उदाहरण के लिए य दुनिया बनाई किसने तब भी तो आप दुनिया को बहुत सीरियसली ले रहे हो ना अगर आप दुनिया को सीरियसली नहीं लो तो क्या आपके पास यह प्रश्न बचेगा कि
यह सब बनाया किसने आप यहां बैठे हुए हो क्या आपको य सवाल आ रहा है कि यह किसने बनाया यह किसने बनाया यह किसने बनाया नहीं आ रहा ना ठीक है लेकिन अभी अगर आपको यहां पर किसी चीज का स्वाद बहुत पसंद आ जाए तो आप पूछोगे यह चाय बनाई किसने बात यह है कि यहां ऐसा कुछ है नहीं जो जो बहुत पसंद आने लायक हो और जो कुछ भी आपको पसंद आता है वो कभी ना कभी आपको धोखा ही देक जाता है पसंद नहीं आएगा तो सवाल भी नहीं आएगा कि बनाया किसने दुनिया को
अगर बहुत महत्व नहीं दोगे तो दुनिया के बारे में यह प्रश्न भी मिट जाएगा मेरे भीतर कौन है जो दुनिया को इतनी सीरियसली ले रहा है दुनिया मेरे लिए एक एक साधारण सी बात क्यों नहीं हो सकती है दुनिया को मैं इतनी सीरियसली क्यों ले रहा हूं मैं बहुत तेज तो नहीं हूं नहीं नहीं नहीं नहीं दुनिया को मैं बहुत सीरियसली क्यों ले रहा हूं क्योंकि मेरा दुनिया से डिजायर का रिश्ता है ये बड़ा जबरदस्त शब्द है जिस पर हम आ गए डिजायर डिजायर क्योंकि मैं दुनिया से डिजायर का रिश्ता रखता हूं तो फिर मैं
पूछता हूं कि साहब बनाया किसने आप जाते हो एक शॉपिंग मॉल में आपको एक शर्ट की डिजायर हो जाएगी तो आप पूछोगे ना बनाई किसने माल कितने का है बिल्कुल आपको उसकी डिजायर नहीं हुई तो क्या आप य सवाल पूछोगे नहीं तो फिर ज्ञानियों ने क्या कंक्लूजन निकाल दिया वह बोलते हैं दुनिया है ही नहीं दुनिया डिजायर है और जिसके पास डिजायर नहीं है उसके पास वर्ल्ड भी नहीं है बिल्कुल बोले दुनिया यह नहीं है कि यह पेड़ खड़ा है ये खंबा खड़ा ये कुर्सी है ये य पर साहब बैठे हुए हैं यह स्टूडियो का
इक्विपमेंट रखा बो दुनिया यह नहीं है तुम्हारी दुनिया तो वही है जिसकी तुम्हें डिजायर है आप अपनी दुनिया बताओ मेरी दुनिया में यह सवाल मेरे इसलिए मन में आया क्योंकि ना मैंने आपसे पहले भी पाजी से बात की कि जब भी हम इस दिल के साथ किसी को देखते हैं ना जैसे कोई डॉग को कोई मार रहा है कोई इंसान के साथ धक्का चल रहा है तो भगवान ने दो तरह के दिल बनाए एक होता है मतलब उस परे रहम करने वाला एक होता है उस परे अत्याचार करने वाला दोनों किसने बनाए ना अब आपके
दिल में किसी के लिए दया आ रही है ये दिल आपका कैसा है क्यों बना ये आपकी अपब्रिंगिंग है कि भगवान की तरफ से आपको मालूम है पर जिसने यह दिल बनाया वो भी तो रहम वाला होगा ना जैसे इस दुनिया में कई बार रेप भी हो जाता है तो मेरे को लगता है कि पूरी दुनिया को दुख लगता है वो रेप देखकर पर जिसने यह दिल बनाया उसमें कितना रहम होगा तो वो दुनिया किसने बनाई इसलिए सवाल आता है पूरी दुनिया जिस प्रिंसिपल पर चल रही है जिस प्रिंसिपल पर चल रही है वह प्रिंसिपल
है डिजायर का ही समझिए और जब उस डिजायर के प्रिंसिपल को समझ करके हम उससे फ्री हो जाते हैं तो वो कहलाती है मुक्ति उस मुक्ति का ही दूसरा नाम भगवान है तो भगवान ने आपको यह नहीं बोला है कि तुम रहम करो भगवान ने आपको यह भी नहीं बोला है कि तुम कत्ल करो वो आपके की बात है वहां से कोई फरमान नहीं आया है बिल्कुल ठीक है ना उसको करतार भी कहा जाता है और उसको अकता भी कहा जाता है कितनी गजब बात है वह ग्रेटेस्ट डूर भी है और व नॉन डूर भी
है तो जो नॉर्मल डूर है वह कौन है नॉर्मल डूर ईगो है रेप करने वाला कौन है वह ईगो है और यह उसका फैसला होता है कि मैं रेप करना है कंज्यूम करने वाला कौन है वो भी ईगो है पनिश करने वाला कौन है वो भी ो और फॉरगिव करने वाला कौन है वह भी ईगो है सारी बात यह है कि इन सब चीजों में ईगो अपने लिए चैन खोज रही है एक आदमी होता है व कहता है मैं यह काम करूंगा एक आदमी कहता है मैं वो काम करूंगा यह काम हमारी नजर में अच्छा
है वो काम हमारी नजर में बुरा है पर दोनों ही आदमी यह काम इसलिए कर रहे होते हैं किसी तरीके से उनको कंप्लीशन मिल जाए पीस मिल जाए जब तक हम ये समझेंगे नहीं कि हमें पीस की जरूरत है भी क्या उसके माध्यम से तब तक हम उधर कुछ ना कुछ हाथ चलाते ही रहेंगे यह स्पीड हो सकता है ज्यादा हो रही हो मैं थोड़ा एग्जांपल्स दूंगा और आप को भी एक बेचैनी का एक्सपीरियंस हो रहा है और मुझको भी हो रहा है लेकिन स हमारी बॉडीज अलग-अलग है हमारे एक्सपीरियंस अलग-अलग हैं तो हमारे विचार
अलग-अलग हैं जी तो आप बोलते हो कि मुझे पीस मिल जाएगी अगर इसमें जो है देखिए कितना मजेदार है यहां पे केतली है इससे मैं चार बार चाय पी लू तो मुझे पीस मिल जाएगी लोग होते हैं ना दिन में छछ बार चाय पी रहे और मेरे अनुभव थोड़ा अलग तरीके के हैं मैं कहता हूं मुझे पीस मिल जाएगी अगर वहां वो खरगोश बैठा हुआ है पीछे मैं उस खरगोश का कत्ल करके आज रात में उसे खाऊंगा तो मुझे पीस मिल जाएगी बताइए हम दोनों में पीस किसको मिलेगी पीस तो दोनों को ही मिलेगी अपना
अपना डिजायर पूरा हो जाएगा और अगर पीस मिल गई होगी तो फिर कल क्या आप चाय नहीं पियोगे फिर पिएंगे पीस मिली थी क्या टेंपररी पीस मिली थी वो तो पीस है ही नहीं वो तो पीस है ही नहीं वो तो एक धोखा है आप बोलो मैंने कार खरीद ली और कार मिल गई कल सुबह उठकर गए तो आपके गैराज में थी नहीं तो तो धोखा मिला था आप ठगे गए थे बक अब यह आप चाय पीसे पीस खोज रहे हो तो आप अच्छे आदमी कहलाओगे बड़े नॉन वायलेंट तरीके से पीस मिल गई इसको इसने
चार बार चाय पी इसको पीस मिल गई मैं कह रहा हूं मैं वो खरगोश मार के खाऊंगा उससे मुझे पीस मिलेगी मैं गंदा आदमी कहला उंग कि देखो ये खरगोश को मार के पीस पाना चाहता है लेकिन हम दोनों में कॉमन बात क्या है हम दोनों ही भ्रम में है पीस ना आपको मिली अच्छे तरीकों से पीस ना मुझे मिली गंदे तरीकों से चाय तो अच्छा तरीका कहलाता है ना हिंदुस्तान में हर आदमी चाय सड़क रहा है बिल्कुल बिल्कुल लेकिन इस अच्छे तरीके से आपको पीस मिली क्या परमानेंट तो मिली नहीं और उस घटिया तरीके
से मुझे पीस मिली क्या थोड़ी देर के लिए मैं कहूंगा वाह क्या बढ़िया मैंने मास खाया है तर हो गया डकार रकार मार दी लेकिन क्या पीस मिली कुछ नहीं मि कुछ नहीं मिला ना लेकिन सोशल से यह आपका जो काम है कैसा है एक्सेप्टेबल है और जो मेरा काम है वो कैसा है वो अन एक्सेप्टेबल है मैं गलत काम कर रहा हूं यही मैंने खरगोश को मारा मैं इंसान को मार दूं तो तो मैं कानून की नजर में भी गुनहगार हो जाऊंगा मुझे जेल हो जाएगी लेकिन बात यह है कि अच्छा आदमी जो कर
रहा था वो भी किस लिए कर रहा था अपने डिजायर पूरी करने के लिए है ना और डिजायर यही कहती मुझे पीस चाहिए सारी डिजायर अंतत अल्टीमेट मांग र तो अच्छा आदमी भी जो कर रहा है वो पीस के लिए कर रहा है बुरा आदमी भी जो कर रहा है वो पीस के लिए कर रहा है सक्ड दोनों ही नहीं कर पा रहे हैं ना आपको चाय से मिल रहा है ना मुझे कत्ल करके मिलने वाला है ठीक है तो वो कौन है भीतर जो लगातार डिजायर करता रहता है वर्ल्ड से रिलेटेड और लगातार धोखा
खाता रहता है जब आप इसको समझने लग जाते हो तो भीतर का कचड़ा साफ हो जाता है उस कचड़े के बाद अगर कुछ बचता है तो उसको फिर कहते हैं प्योर सेल्फ प्योर सेल्फ ठीक है उसको ही सिर्फ हाईएस्ट माना जा सकता है वही है वो एक ओंकार वही है जो मल्टीपलीसिटी है ना दुनिया की बहुत सारी चीजें जब इनसे आप आजाद हो जाते हो कि नहीं साहब उससे मुझे चयन मिलेगा उससे चैन मिलेगा उससे चैन मिलेगा यह सारा कुछ जब हट जाता है तो जो एक बचता है एक वही भगवान है वह कहीं बाहर
नहीं है वह कहीं आसमानों में बैठ के हमको नहीं बना रहा वह हमारे भीतर बैठ के हमको बनाता है वह हमारे भीतर आठ हमको बनाता है लेकिन हमें उसका पता नहीं चलता क्योंकि वो बैठा कहां है भीतर भीतर हम कहां को देख रहे हैं बाहर आपकी आंखें कितना भी घूम ले कभी आपके भीतर नहीं आ सकती ना और भीतर माने ये नहीं कि आपके हार्ट को या लंग्स को या किडनी को देख रही है भीतर का मतलब होता है मन के भीतर तो मन के सेंटर पर जो बैठा है पर जिसको मन कभी देख नहीं
सकता उसको भगवान बोलते हैं आंखों के पीछे जो आंखों की जोत है लेकिन आंखें जिसको कभी देख नहीं सकती उसको भगवान बोलते हैं कानों के पीछे जो बैठा हुआ है जो सब सुनी हुई बातों को जानता है लेकिन किसी बात में जिसको सुना नहीं जा सकता उसको भगवान बोलते हैं मन चारों दिशाओं में जिसको खोजने के लिए दौड़ रहा है पर जो खुद मन के भीतर ही छुपा हुआ है इसीलिए मन उसको कभी पाता नहीं उसको भगवान बोलते हैं तो व है भगवान अब इसमें थोड़ा सा कॉम्प्लिकेशन हो रहा होगा शायद हो रहा है मेरे
को अच्छा लग रहा है सुनके [हंसी] आपको कॉम्प्लिकेशन इसलिए हो जा क्योंकि हमारा कांसेप्ट बना हुआ है कि भगवान कहां है उधर पहाड़ पर बैठा हुआ है बिल्कुल हा जी बाहर ढूंढ रहे हैं भगवान बाहर ढूंढ रहे यहां ये बाहर ढूंढने का काम कहलाता है डिजायर और डिजायर भगवान के साथ नहीं चलती डिजायर ईगो के साथ चलती है बाहर ढूंढने का काम ईगो का है और ईगो अगर बाहर ढूंढे गी उसे कुछ मिल भी गया तो किसको मिल गया बॉडी को मिल गया ईगो को ही तो मिल गया ना और ईगो को जो कुछ भी
मिलेगा वो ईगो को क्लीन नहीं करता ईगो बाहर ढूंढ रही है ईगो तो खाने पीने के लिए ढूंढ रही है आपने बाहर क्या ढूंढी थी चाय बिल्कुल मैंने बाहर क्या ढूंढा था खरगोश खरगोश खाने पीने के लिए तो ढूंढा था आप शर्ट ढूंढ लो बाहर मैं शादी के लिए बीवी ढूंढ लू बाहर सब खाने पीने का ही मामला है तो यह बाहर की ढूंढा में कभी भी वो नहीं मिलता जो ईगो को क्लीन अप कर दे और भगवान वो चीज है जो ईगो की क्लीनिंग के बाद बचती है वो भीतर है डिजायर बाहर को रहती
है इसीलिए बंदे को भगवान कभी मिलता नहीं है पंजाब के बारे में क्या ओपिनियन है आपका अच्छी जगह है प्यारे लोग हैं बाकी देखिए साहब आप पास्ट से कंपेयर करो और परफेक्शन से कंपेयर करो तो हमेशा हर चीज में खोटी खोट दिखाई देगी यह दो चीजें जो है ना ये गड़बड़ होती है परफेक्शन और पास्ट पर चकि भारत में बहुत घूमा हूं हर प्रांत को तो नहीं कह सकता पर ज्यादातर सब देखा हुआ है प्यारे लोग हैं बढ़िया लोग हैं और बेबाक लोग हैं क्योंकि आप प्यारे हो अरे स्ट्रेट फॉरवर्ड बात हो पाती है दो
टूक बात हो पाती है अच्छ बात बोल रहा था मेरे को आपकी टीम ने बताया कि वो बड़ा अच्छा है मैं वहां गया बड़ा अच्छा मैंने कहा वो कुछ अच्छा नहीं है आप खुद अच्छे हो कई बार क्या होता है बंदा कहता है यार नहीं यार बंदे ऐसे हैं मर्द जात ऐसी है औरत जात ऐसी है मेरे को लगता है कि जो आप अंदर हो वही आप सामने में देखते हो कि क्या हो यथा दृष्टि तथा सृष्टि बड़ा शुक्रिया आपने हमें इतना कीमती टाइम दिया और मुझे इतना कंफर्टेबल किया थैंक यू सो मच मिलते रहेंगे
और बहुत-बहुत शुक्रिया थैंक यू
Related Videos
Acharya Prashant Podcast | Acharya Prashant on Life, Spirituality, and Beyond
1:53:07
Acharya Prashant Podcast | Acharya Prashan...
Vijender Masijeevi
1,027,097 views
Acharya Prashant left me Speechless with these Gita Insights @ShriPrashant
1:19:02
Acharya Prashant left me Speechless with t...
Prakhar ke Pravachan
1,396,767 views
Coding | Stand-Up Comedy by Mohd Suhel
39:42
Coding | Stand-Up Comedy by Mohd Suhel
Mohd Suhel
103,668 views
Does God Exist? | Hinduism, Religion and Spirituality with Acharya Prashant x Dhruv Rathee
1:07:10
Does God Exist? | Hinduism, Religion and S...
Dhruv Rathee
9,342,845 views
What is high thinking? Know from Acharya Prashant
1:40
What is high thinking? Know from Acharya P...
Madhu Nepal
2,376 views
ਹੁਣ ਤਾਂ ਨੀਂਦ ਉੱਡੀ ਪਈ VISA ਵਲਿਆ ਦੀ | 😂Hassa + Knowledge 😇| Jaskirat Singh Sohal | Aman Aujla
1:43:14
ਹੁਣ ਤਾਂ ਨੀਂਦ ਉੱਡੀ ਪਈ VISA ਵਲਿਆ ਦੀ | 😂Hass...
Aman Aujla
12,865 views
Parenting, Marriage & More With Acharya Prashant Ji @ShriPrashant
53:57
Parenting, Marriage & More With Acharya Pr...
BHARTI TV
1,179,146 views
Magic ਦੀ ਖ਼ਤਰਨਾਕ ਦੁਨੀਆ,  Mind Reading, Partner ਦੇ ਭੇਤ ਜਾਣੋਂ | AK Talk Show
1:40:11
Magic ਦੀ ਖ਼ਤਰਨਾਕ ਦੁਨੀਆ, Mind Reading, Par...
Anmol Kwatra
189,524 views
Unlock Your Future with Kundli Insights | AK Talk Show
56:46
Unlock Your Future with Kundli Insights | ...
Anmol Kwatra
69,849 views
Yuval Noah Harari Interview with Saurabh Dwivedi। AI के खतरे,Ramayana से Narendra Modi तक। Kitabwala
57:02
Yuval Noah Harari Interview with Saurabh D...
The Lallantop
691,951 views
Acharya Prashant on Love, Sex, Bhagavad Gita and more... | Untriggered w/ AminJaz #169
2:29:52
Acharya Prashant on Love, Sex, Bhagavad Gi...
Untriggered with AminJaz
121,604 views
Acharya Prashant on True Religion vs Organized Belief: A Thought-Provoking Perspective
29:03
Acharya Prashant on True Religion vs Organ...
Vijender Masijeevi
147,051 views
संवाद # 221: Top Private Detective reveals dark secrets of Indian families | Baldev Puri
1:06:12
संवाद # 221: Top Private Detective reveals...
Vaad
458,951 views
The Tantrik Who Was A Ghost Hunter | Shishir Kumar | Bhoot Vs Bhairav | TRS
2:10:13
The Tantrik Who Was A Ghost Hunter | Shish...
Ranveer Allahbadia
1,370,796 views
Abhishek Kar EXPOSES Dark Secrets of the Rich! | @AbhishekKar On Zeeshan's Podcast
1:53:24
Abhishek Kar EXPOSES Dark Secrets of the R...
Zeeshan Shaikh
403,955 views
Acharya Prashant ने बताया IIT और IIM से पढ़ने के बाद Adhyatma ही क्यों चुना? Guest in the Newsroom
1:31:25
Acharya Prashant ने बताया IIT और IIM से पढ...
The Lallantop
4,920,412 views
How to find Happiness: Little Secrets Ft. @ShriPrashant
1:23:06
How to find Happiness: Little Secrets Ft. ...
The Shakti Arora Show
111,810 views
Gaur Gopal Das in Aap Ki Adalat: Rajat Sharma के सवालों से खुद को बचा पाएगें Gaur Gopal Das ?
1:08:15
Gaur Gopal Das in Aap Ki Adalat: Rajat Sha...
India TV Aap Ki Adalat
536,541 views
Acharya Prashant Podcast: FEMINISM & WOMANHOOD |Jagran Manthan
48:48
Acharya Prashant Podcast: FEMINISM & WOMAN...
Dainik Jagran - दैनिक जागरण
210,566 views
TOP Brain Doctor - Sleep Hacks, Neuroscience, Yoga Nidra & Dreams | Dr. Alok Sharma On TRS
1:20:36
TOP Brain Doctor - Sleep Hacks, Neuroscien...
Ranveer Allahbadia
1,649,400 views
Copyright © 2025. Made with ♥ in London by YTScribe.com