जब भी कोई व्यक्ति गौतम बुद्ध के संघ में शामिल होता था तो बुद्ध उसे सबसे पहले शांत रहने के लिए कहते थे ध्यान की अवस्था में जाने से पहले उस भिक्षु को शांत रहना सिखाया जाता था आज के दौर में हर तरफ सॉरी शोर है इसकी वजह से दिमाग में तनाव पैदा होना लाजमी है ऐसे में अगर आप हर रोज कुछ देर मौन रहने का अभ्यास करते हैं तो इससे आपके तनाव पैदा होने वाले हार्मोन के लेवल में कमी आती है इससे आपका दिमाग शांत होता है गुस्सा नियंत्रित रहता है और तनाव बढ़ाने वाले हार्मोंस
का लेवल घटता है आज के इस वीडियो में हम जानेंगे कि किन मौकों पर हमें शांत रहना है और किन मौकों पर हमें बोलना है और शांत रहने से हमारे अंदर क्या बदलाव आ सकता है दोस्तों संध्याकाल का समय था गुरु अपने सभी शिष्यों को बुलाते हैं और कहते हैं कल सुबह सब लोग नदी में स्नान करने के बाद तुरंत हमारी कुटिया के सामने उपस्थित हो जाना सभी इसी से हैरान रह जाते हैं कि हम लोगों ने कुछ गलती की है क्या लेकिन गुस्से से से यह कहते हैं कि हो सकता है कि गुरुजी कल
सुबह कुछ अच्छी बात बताने वाले हैं सब लोग रात को सही समय पर सो जाते हैं और सुबह उठकर सभी लोग नदी में स्नान करने के बाद वापस गुरु जी के सामने उपस्थित हो जाते हैं गुरु कहते हैं आज हम तुम सबको चुप रहने के फायदे के बारे में बताऊंगा गुरु कहते हैं 10 मौके जहां पर चुप रहने से होता है लाभ और बोलने से नुकसान गुरु कहते हैं अगर आप इन 10 मौकों पर शांत हो गए यानी मौन हो गए तो आप जो चाहेंगे वही मिल जाए आपकी जिंदगी में चमत्कारिक बदलाव शुरू हो जाएंगे
जरूरत से ज्यादा बोलना या चुप रहना दोनों ही अच्छी बात नहीं है जैसे जरूरत से ज्यादा बारिश हो जाना या फिर धूप दोनों ही दिक्कत देती है उसी तरह अनावश्यक बोलने से भी काफी नुकसान होता है गुरु कहते हैं कि पहला ऐसा मौका जहां पर व्यक्ति को चुप रहना चाहिए बिना तथ्य के ना बोले गुरु ने कहा अगर आपके पास कोई तथ्य नहीं है तो वहां चुप रहने में ही भलाई है चुप बैठने से दिमाग में नई कोशिकाओं का निर्माण होता है और इससे ज्ञान की वृद्धि होती है बोलने में भलाई वही है जहां आपको
किसी चीज के बारे में पूरा ज्ञान हो अगर आप बिना तथ्य के कहीं बोलते हैं या फिर बेवजह बोलते हैं तो आपका वहां मजाक भी बन सकता है अगर आपके पास पर्याप्त जानकारी नहीं है ऐसी जगह पर बोलने से आपका मजाक तो बनी रहेगी साथ ही साथ लोगों का भरोसा भी आपसे उठने लगेगा इसलिए ऐसी जगह पर शांत रहो जहां तुम्हें पता ना हो कि क्या बोलना है क्या नहीं कई बार कुछ लोग ऐसे होते हैं जो हर जग अपनी उपस्थिति बताने लगते हैं उन्हें पता नहीं होता है कि हमें क्या बोलना है लेकिन फिर
भी बोलते जाते हैं और फिर बाद में दूसरे लोग उनके जाने के बाद उनका मजाक उड़ाते हैं जब तक आपको उस तथ्य के बारे में अच्छा ज्ञान नहीं है उसके बारे में पता नहीं है तो वहां चुप रहना ही ज्यादा समझदारी है गुरु ने कहा दूसरा ऐसा मौका जहां पर व्यक्ति को चुप रहना चाहिए शब्दों से ना पहुंचे ठेस अगर आपके शब्द किसी को मानसिक ठेस पहुंचा रहे हैं तो वहां चुप हो जाना चाहिए कमजोर व्यक्ति के बा बारे में कुछ भी बोलकर आप महान नहीं बन सकते हैं महान आप किसी कमजोर का साथ देने
में बनेंगे कई बार होता है कुछ लोग अपने से छोटे व्यक्ति को भला बुरा कहते रहते हैं सामने वाला इंसान तो कद से आपसे छोटा है वह आपको कुछ नहीं बोलेगा लेकिन आप उसकी नजरों में गिरते चले जाएंगे हो सकता है कि कल वह भी आपसे पद में बड़ा हो जाए पद में आपसे जब वह बड़ा हो जाएगा तो आज जो रवैया आपका उसके साथ है आने वाले समय में वह भी आपके साथ वही करेगा आप किसी को नीचा दिखाकर बड़ा नहीं बन सकते हैं बड़ा बनना है तो अपने से छोटे लोगों का इज्जत भी
करना सीखें और साथ ही साथ बड़े लोगों का भी सम्मान करना चाहिए लोगों को लगता है कि अगर वह अकड़ करर बोलेंगे और सामने वाले को नीचा गिराने की कोशिश करेंगे तो वह बड़े बन जाएंगे तो यह उन सब की भूल है बड़े होने की बजाय आप उनकी नजरों में गिरते चले जाएंगे गुरु ने आगे कहा इसलिए शिष्यों तुम सब जब भी बोलना आदर भाव से बोलना ताकि तुम्हारी बात लोगों को अच्छी लगे बोलने में भाई बहन माता-पिता मित्र इत्यादि संबोधन शब्दों का इस्तेमाल जरूर करना इससे तुम्हारी मान प्रतिष्ठा तो बढ़ेगी ही साथ ही साथ
लोगों की नजरों में तुम समझदार व्यक्ति बनते जाओगे गुरु ने आगे कहा तीसरा मौका जहां पर व्यक्ति को चुप रहने में ही भलाई है क्रोध या घृणा करने वाले लोग जब कोई अपना या सगा संबंधी आप पर क्रोध कर रहा हो आपका अपमान कर रहा हो तो आपको उस वक्त चुप रहना चाहिए ताकि सामने वाले का गुब्बारा पूरी तरह से फट जाए आप यदि सही हैं तो उसे कतई माफी नामा गए और चुप रहकर ही सही समय का इंतजार करें वह खुद आपसे माफी मांग लेगा जब उसे अपनी गलती का एहसास हो जाएगा गुरु आगे
कहते हैं कि अगर आपका कोई सगा संबंधी आप पर क्रोध कर रहा हो और आप उस समय शांत हैं तो यह आदर सम्मान देने की निशानी होती है इससे ना कोई छोटा होता है और ना ही बड़ा अगर आपको क्रोध आ रहा है तो आप या तो वहां से किसी का अनादर किए बिना चले जाएं या फिर चुप रहे क्रोध करने से आपके रिश्ते खराब होंगे क्रोध करने से हमेशा क्रोध करने वाले व्यक्ति का ही बुरा होता है गुरु आगे कहते हैं कि एक बार की बात है एक सांप जंगल से भागते हुए किसी राजा
के घर में पहुंच गया लोगों ने छेड़खानी की तो वह बहुत ही गुस्सा हो गया जिससे घर में जो तलवार पड़ी हुई थी उसी को लपेट कर कसने लगा और धीरे-धीरे उसका पूरा शरीर कट गया ठीक उसी प्रकार हमारा गुस्सा भी हमारे शरीर को तलवार की भांति काटता रहता गुस्सा ध्यान से खत्म होता है प्रतिदिन अगर आप ध्यान की मुद्रा में बैठे हैं तो आपका गुस्सा आपके नियंत्रण में रहेगा गुरु आगे कहते हैं कि यह तो यह तरीका है कि आप प्रतिदिन ध्यान का अभ्यास करें इससे आपके शरीर में जो हार्मोस गुस्से को बढ़ावा देते
हैं वह सब तुम्हारे नियंत्रण में रहेंगे जिससे शरीर गुस्से पर आसानी तुम्हारा से काबू पा लेगा लेकिन एक तरीका यह भी है कि जब भी आपको गुस्सा आए तो आप यह समझने का प्रयास कर करो कि क्या मेरा गुस्सा जायज है या नहीं हमें वहां पर बोलना चाहिए कि नहीं जब आप खुद इस बात का आकलन लगा पाएंगे तो आपको खुद पता चल जाएगा कि हमें गुस्सा करना चाहिए या नहीं फिर भी आपको गुस्सा आ रहा है तो आप वहां से हटने का प्रयास करें वहां से दूर चले जाएं धीरे-धीरे समय के साथ आपका दिमाग
शांत हो जाएगा गुरु ने कहा चौथा ऐसा मौका जहां पर इंसान को बहुत ही समझदारी के साथ काम लेना चाहिए वहां पर आपको चुप रहना ही चाहिए जहां पर उस मुद्दे से आपका कोई संबंध ना हो अगर आपका किसी मुद्दे से कोई संबंध ना हो तो वहां आपका चुप रहना बनता है बिना किसी वजह अगर आप दूसरे के मुद्दे पर बोलेंगे तो यह आपके लिए अनिष्ट कारी होगा इसमें केवल और केवल आपका ही नुकसान है जल्द ही आप किसी भी किसी दो लोगों के बीच हो रहे विवाद में जल्दी अपनी टांग नडाले अगर सामने वाला
आपको बुला रहा है अपना झगड़ा शांत करवाने के लिए तो ही आप वहां पर पर जाएं किसी की व्यक्तिगत जिंदगी में दखल अंदाजी नहीं देनी चाहिए जब तक कि वह व्यक्ति आपको नहीं बुलाता है अपने झगड़े को शांत करवाने के लिए कुछ लोग फालतू में दूसरे के विवाद में कूद पड़ते हैं इससे उनके मान सम्मान मर्यादा पर लोग उंगली उठाने लगते हैं गुरु कहते हैं कि 10 मौकों में पांचवा ऐसा मौका जहां पर व्यक्ति को बहुत ही समझदारी के साथ चुप रहना चाहिए आपके शब्दों से किसी मित्र को हानि ना पहुंचे अगर आपके शब्द सामने
वाले के परिवार या मित्रों की प्रतिष्ठा के बारे में बुरी झलक दिखा रहे हैं तो आपको चुप रहना चाहिए किसी के परिवार या फिर मित्र के बारे में बुरा बोलने से केवल आप ही बुरे बनेंगे जो चीज आसानी से खत्म की जा सकती है उसे अपने शब्दों से बड़ा ना करें बिना चिल्लाए बात करने का प्रयास करते रहना चाहिए अगर आप बिना चिल्लाए कोई बात नहीं कह सकते तो आपका चुप रहने में ही भलाई है किसी पर चिल्लाने से आपके व्यवहार के बारे में पता चलता है ज्यादा बोलने से चीजें हमेशा खराब ही हो होती
हैं कई बार कुछ रिश्ते ज्यादा तेज बोलने की वजह से टूट जाते हैं इसलिए अपनी आवाज में मीठापुर ना हो मजाक को भी हमेशा शब्दों के मायने में ही रखें जहां किसी को शब्दों से चोट लगे वहां चुप हो जाएं ज्यादा बोलने से हमेशा नुकसान ही होता है किसी और की प्रतिष्ठा को अपने शब्दों के माध्यम से उसे हानि नहीं पहुंचा चाहिए यदि आपके शब्दों से किसी और की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंच रही है तो वहां आपको चुप हो जाना चाहिए जब कोई व्यक्ति आपके सामने नहीं है तो आप उस व्यक्ति के बारे में बुरे
शब्द किसी तीसरे व्यक्ति के सामने ना बोले गुरु कहते हैं छठा मौका जहां पर व्यक्ति को चुप रहना चाहिए जब कोई कर रहा हो किसी की बुराई जब कोई आदमी आपके सामने किसी तीसरे आदमी की बुराई कर रहा हो तब तुम्हें चुप रहकर बस सुनना चाहिए अपनी व्यक्त नहीं करना चाहिए क्योंकि जो आज आपके सामने किसी तीसरे की बुराई कर रहा है वह कल किसी और के सामने आपकी बुराई भी कर सकता है यदि आपने कुछ कहा है तो नीति शास्त्र के अनुसार जो अपने मुंह को बंद रखता है और बुद्धि से काम करता है
वही इंसान समझदार होता है बिना जरूरत के बोलना किसी के बारे में किसी के बीच में बोलना या गलत बात है कभी-कभी हमारे लिए बुद्धिमानी इसी में होती है कि हमें अपना मुंह ऐसी जगह पर नहीं खोलना चाहिए गुरु आगे कह हैं कि 10 मौकों में सातवां ऐसा मौका जहां पर व्यक्ति को चुप रहना चाहिए जब कोई नहीं समझे आपकी भावना यदि आपको लग रहा है कि कोई व्यक्ति आपकी भावना दुख या परेशानी को शब्दों में नहीं समझ रहा है यदि आपको लग रहा है कि सामने वाला व्यक्ति आपकी भावना या दुख को या आपकी
जो परेशानी है उसको वह समझ नहीं पा रहा है या समझने का प्रयास ही नहीं कर रहा है या वह आपको ध्यान से सुन ही नहीं पा रहा है तो ऐसे व्यक्ति के सामने आप चुप ही रहे क्योंकि ऐसे लोगों को आपकी भावना या दुख से कोई मतलब नहीं होता है ऐसे लोगों को अपना राज बताकर आप पछताएंगे ही बाद में इसलिए हर किसी को अपने मन की बात नहीं बतानी चाहिए अगर आपको लग रहा है कि सामने वाला आपकी बात को नहीं समझ पा रहा है आपकी भावनाओं को नहीं समझ पा रहा है तो
वहां पर आपको नहीं बोलना चाहिए क्योंकि आज में आपका मजाक ही बन जाएगा जब आपको लगने लगे कि सामने वाला आपकी भावनाओं को ठीक तरीके से समझ रहा है आप जो कह रहे हैं वह ठीक से सुन रहा है तभी आप उसे अपने बात कहे गुरु कहते हैं कि आठवां मौका जहां पर आपको चुप रहना चाहिए जब कोई इंसान अपना दुख व्यक्त करे यदि कोई इंसान अपने दुख या परेशानी को आपको बता रहा है तो इसका मतलब यह है कि वह आपको अपना समझ रहा है ऐसे में तुरंत ही उसे समाधान बताने के बजाय चुप
रहकर उसके दुख या समस्या को सुने उसके दुख या समस्या को किसी और को ना बताएं वह इसलिए नहीं बता रहा है कि उसकी समस्याओं का समाधान कर देंगे बल्कि वह इसलिए भी बता रहा है कि सामने वाला उसकी बात को समझ रहा है कई बार बताने से दुख कम हो जाते हैं आपको अपना दुख इसलिए बता रहा होगा कि उसे लग रहा है कि आप उसकी बात को समझ रहे हैं दुख बांटने से कम हो जाता है इसलिए जब कोई व्यक्ति अपना दुख आपसे व्यक्त करें तो आप चुप मारकर उसकी बात को बहुत ही
ध्यान से सुने ताकि उसके दुख कम हो जाए उसके मन का बोझ हल्का हो जाए क्योंकि उसके मन में जो भी बातें थी वह आपको सब बता दिया गुरु आगे कहते हैं कि 10 जगहों में नौ ही ऐसी जगह जहां पर आपको चुप रहना चाहिए जहां पर दुष्ट प्रकृति के लोग रह रहे हो और गाली गलौज कर रहे हो तो आप वहां पर मत जाइए ऐसी जगहों से आप चुपचाप निकल जाएं अर्थात अपनी प्रतिक्रिया दिए बिना आप वहां से चले जाएं क्योंकि जिसकी जुबान खराब होती है जो दुष्ट प्रकृति के लोग होते हैं उनको आप
ऐसे समय में नहीं समझा सकते हैं जब उनका दिमाग पूरी तरह से शांत हो जाए तभी वह आपकी बात सुनेंगे इसलिए जहां पर दुष्ट प्रकृति के लोगों आपकी की बात को ना मानते हो और ना ही सुनते हो तो आपको वहां पर नहीं बोलना चाहिए गुरु कहते हैं कि 10 माह ऐसा मौका जहां पर आपको शांत हो जाना चाहिए अपनी सफलता का राज हर किसी को ना बताएं कई बार होता है कि कुछ लोग जो सफलता को बहुत ही जल्दी अर्जित कर लेते हैं वे हर जगह अपनी सफलता का ढिंढोरा पीटने लगते हैं ऐसे में
क्या होता है कि कई लोग आपकी सफलता से खुश नहीं होते हैं अगर आप अपनी सफलता का जबरदस्ती लोगों में ढिंढोरा पिटवा रहे हैं तो लोगों की नकारात्मक ऊर्जा आपको प्रभावित कर सकती है जब आप सफल होंगे तो सबको पता चल जाएगा कि आप सफल हो गए हैं ढिंढोरा पीटने से नुकसान आपका ही होगा इतना कहकर गुरु ने कहा शिष्यों आज के लिए बस इतना ही अगर तुम सब मेरी इन 10 बातों को अपने जीवन में अपना लेते हो तो तुम सब काफी हद तक परेशानियों से बचे रहोगे यहां से जाने के बाद मेरी यह
बातें आपके जीवन किसी वरदान से कम साबित नहीं होंगी दोस्तों मुझे उम्मीद है इस वीडियो से आपको बहुत कुछ सीखने को मि अगर आपन हो तो हम जुड़ने के लिए इस चैनल को सब्सक्राइब करना मत भूलिए