HIDDEN Cause of HEART ATTACK Nobody Knows About

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GetsetflySCIENCE by Gaurav Thakur
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Video Transcript:
एक बहुत ही गुप्त रीजन की वजह से हर साल कई लोगों की अचानक से मौत हो रही है और यह सीक्रेट कॉज इतना अनजाना है कि कई लोग आज भी इससे अफेक्टेड है लेकिन इसकी सीरियसनेस का उन्हें कोई अंदाजा भी नहीं होगा और इसीलिए यही छुपी गलती आज करोड़ों इंडियंस अपने रोजाना की जिंदगियों में दोहरा रहे हैं और अपनी जान के साथ खेल रहे हैं आप लोगों को तो यह पता ही होगा पिछले कुछ सालों से रोजाना बहुत से यंग लोगों में हार्ट अटैक्स आने के केसेस सामने आ रहे हैं इनफैक्ट आज हार्ट अटैक्स ही
इंडिया का सबसे बड़ा किलर बन चुका है है और तीन में से एक इंसान कि आज मौत हार्ट अटैक्स की वजह से ही हो रही है हैव यू नोटिसड हाउ सो मेनी यंग पीपल आर डाइंग ऑफ हार्ट अटैक्स यंग मेन एंड वमन इन देर 20 एंड 30 डाइंग 50 पर ऑफ हार्ट अटैक्स इन इंडिया अकर इन पीपल बिलो द एज ऑफ़ 50 वई हार्ट अटैक्स आर सडन क्लेम यंग लाइव्स अब इंटरेस्टिंग बात यहां पर यह है कि डॉक्टर्स ना अभी तक मोस्टली हार्ट अटैक्स के लिए सिर्फ कोलेस्ट्रॉल को ही जिम्मेदार माना करते थे और इसीलिए
इनके सारे सॉल्यूशंस मोस्टली सिर्फ बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने तक ही सीमित हुआ करते थे ताकि आपके हार्ट की नसे ब्लॉक ना हो और आपको हार्ट अटैक ना हो बट हाल ही में जो रिसर्च कंडक्ट किया गया उसमें हार्ट अटैक्स के एक ऐसे गुप्त कारण का पता चला जो कोलेस्ट्रॉल से भी ज्यादा खतरनाक और जानलेवा हो सकता है अगर सही समय पर इसका ट्रीटमेंट नहीं हो पाए तो इस नए रिसर्च में वैज्ञानिकों ने टोटल 101 हार्ट पेशेंट्स के ब्लॉक्ड नसों से सैंपल्स इकट्ठा किए जब इन सैंपल्स को उन्होंने अपने लैब
में टेस्ट किया तो पता चला उन 101 पेशेंट्स में से करीब 78 पर पेशेंट्स की नसें कुछ ऐसे बैक्टीरिया ने ब्लॉक करके रखी थी अब इंटरेस्टिंग बात यहां पर यह है कि एगजैक्टली वही बैक्टीरिया था जो उन पेशेंट्स के दांतों में भी इंफेक्शन फैला रहा था यानी कि उन 78 पर हार्ट अटैक पेशेंट्स जिन्हें हार्ट अटैक्स आए थे उनमें ये एक बहुत ही बड़ा कॉमन फैक्टर था और शायद उन्हें हार्ट अटैक्स मेजर्ली इसीलिए नहीं आए थे कि वो ऑयली खाना खा रहे थे या बैड लाइफस्टाइल या स्ट्रेस की वजह से कोलेस्ट्रॉल बिल्ड अप हो गया
था बल्कि शायद इसका वास्ता उनके दांतों की हेल्थ के साथ ज्यादा था सो क्या इसका मतलब यह है कि दांत के कीटाणु जो है वो किसी तरीके से दिल तक पहुंच जा रहे हैं और हार्ट अटैक्स कॉज कर रहे हैं वेल जो बैक्टीरिया आपके दांतों को इफेक्ट करते हैं आखिर वो आपके हार्ट को कैसे इफेक्ट कर सकते हैं आई मीन उन बैक्टीरिया को तो हमारे पेट से होकर गुजरना पड़ेगा और पेट में तो बहुत ही पावरफुल हाइड्रोक्लोरिक एसिड होता है जो सारे बैक्टीरिया को मोस्टली खत्म कर देता है तो फिर आखिर यह कैसे पॉसिबल है
अब जब इन न्यू फाइंडिंग से डॉक्टर्स अपना सर खुजा रहे थे एक और एक माइंड ब्लोइंग ऑब्जर्वेशन एक रिनाउंड हेल्थ केयर कंपनी मायो क्लीनिक के तरफ से आए जब उन्होंने 2005 हार्ट सर्जरीज को असेस किया तब पता चला कि रफल हर 10 में से एक हार्ट पेशेंट जो सर्जरी के वक्त मरा था या जिसके सर्जरी में सैकड़ों सीवियर कॉम्प्लिकेशंस आ गए थे उन पेशेंट्स ने अपने सर्जरी के जस्ट पहले अपनी डेंटल सर्जरी करवाई थी स्पेशली टूथ एक्सट्रैक्शन सर्जरी यानी कि दांत निकलवाना वी नो द पेशेंट्स दैट हैव डेंटल प्रबल्म्स दे मे बी एट हायर रिस्क
फर हैविंग मर बटेरिया इन द ब्लड स्ट्रीम एंड देरर मे है हायर रिस्क ऑफ हैविंग ए इंफेक्शन ऑन द न्यू हार्ट बल्व इंफेक्शन ऑन न्यू ए आर्टिफिशियल हार्ट बल्स इ एक्चुअली क्वाइट सीरियस अब हम दांत तो यूजुअली तब निकलवा हैं जब इंफेक्शन बढ़ जाता है और वो मुंह में फैलने लगता है राइट और इसीलिए इस रिपोर्ट के बाद हार्ट डॉक्टर्स बिल्कुल श्योर हो गए कि ये कोई संयोग या कोइंसिडेंस बिल्कुल नहीं हो सकता एक बहुत ही बड़ा गैप है मेडिकल साइंस के नॉलेज में जिस वजह से कई लोगों की जाने जा रही है क्योंकि जैसे
ही डेंटल ट्रीटमेंट्स के बाद हार्ट के ट्रीटमेंट को किया जा रहा है सीवियर कॉम्प्लिकेशंस क्रिएट हो रहे हैं इन फैक्ट 78 पर हार्ट अटैक विक्टिम्स के हार्ट में वही सेम बैक्टीरिया मिल रहा है जो उनके दांतों में भी है और डेंटिस्ट और हार्ट सर्जन के बीच में कोई प्रॉपर कोऑर्डिनेशन और कम्युनिकेशन नहीं है इस वीडियो के जरिए आज हमारी यही कोशिश रहेगी कि हम इसके पीछ के पूरे साइंस और कॉज एंड इफेक्ट को समझे खुद को एजुकेट करें और डेंटल हेल्थ और हार्ट हेल्थ के बीच में क्या रिलेशन है इसकी अवेयरनेस सभी तक पहुंचाए क्योंकि
यही हमारा मकसद है इस चैनल गेटस इट फ्लाई साइंस के जरिए साइंस के थ्रू पर्सनल एंपावरमेंट लाना सो शुरुआत करते हैं थोड़े से हार्ट एजुकेशन से क्योंकि कॉमन इंसान के लिए हार्ट अटैक एक ही शब्द होता है सारी दिल की बीमारियों के लिए बट असल में हार्ट अटैक्स अलग-अलग किस्म के होते हैं इस सिंपल से एनीमेशन की मदद से समझते हैं कि अलग-अलग किस्म के हा हार्ट अटैक्स या मेडिकली कॉल्ड कार्डियोवैस्कुलर डिजीज पैदा ही आखिर क्यों होते हैं सो देखो ये है हमारा दिल और उसके आसपास की नसें अब कई सारे रीजंस की वजह से
जिनमें से कुछ ये है आपकी नसों में प्लैक या क्लॉट फॉर्म हो जाता है जिससे आपकी नसें ब्लॉक हो जाती है और हार्ट तक ब्लड सप्लाई रुकने लग जाता है इस कंडीशन को हम एथेरो स्क्लेरोसिस कहते हैं अब अगर लेट्स से ये एथेरो स्क्लेरोसिस उन नसों में हुआ जो आपके हार्ट के मसल्स तक खून और ऑक्सीजन पहुंचाते हैं तो उससे क्या होगा वेल ऑक्सीजन मिलने की वजह से आपके हार्ट के मसल्स अचानक से सुन्न पड़ जाएंगे और धीरे-धीरे ब्लड और ऑक्सीजन की कमी की वजह से मरने लग जाएंगे अब जैसे ही कुछ अमाउंट ऑफ हार्ट
सेल्स मरने लग गए स्पेशली हार्ट के मेन पंपिंग चेंबर लेफ्ट वेंट्रिकुलर में मायोकार्डिया इफक्स कहते हैं इस कंडीशन में अगर डॉक्टर्स ने समय रहते आपके उस ब्लॉकेज को निकाल दिया और आपके हार्ट मसल्स का ऑक्सीजन फिर से रिस्टोर हो गया तो शायद आपकी जान बच सकती है पर अगर लेट्स से पेशेंट हॉस्पिटल देर से पहुंचता और ऑक्सीजन की कमी की वजह से ज्यादा मात्रा में हार्ट के सेल्स परमानेंटली मर जाते हैं तो यह हार्ट फिर से रिपेयर नहीं हो पाएगा और उसकी पंपिंग एबिलिटी या तो सीवियरली इफेक्ट हो जाएगी या तो वो पूरी तरीके से
रुक जाएगी जिस कंडीशन को हार्ट फेलियर कहा जाता है और फिर इसके बाद ट्रिगर हो जाएगा चेन रिएक्शन क्योंकि बॉडी के दूसरे ऑर्गन्स को भी ब्लड और ऑक्सीजन नहीं मिलेगा जिससे फिर पेशेंट के दूसरे ऑर्गन्स के सेल्स भी तेजी से मरने लगेंगे और वो ऑर्गन्स स्ट्रोक एक्सपीरियंस करेंगे जैसे ब्रेन स्ट्रोक हो गया फॉर एग्जांपल अच्छा हार्ट अटैक यानी मायोकार्डिया इंफेक्शन को भी हार्ट स्ट्रोक कहा जा सकता है सो अब इस पूरे प्रोसेस में हमारे दांतों का हार्ट अटैक्स में कहां से रोल आता है वो कैसे हार्ट अटैक से कनेक्टेड हो सकते हैं तो वेल अगर
याद हो तो हमने पहले 78 पर हार्ट अटैक पेशेंट्स के क्लॉट्स में दांतों के बैक्टीरिया के मिलने की बात की थी अब समझते हैं कि ये बैक्टीरिया आखिर इतनी दूर तक कैसे आ पाया और हार्ट को अपने शिकंजा पाया लेकिन फ्रेंड्स वो समझने से पहले अगर आप मेरे वीडियोस रेगुलरली देखते हो तो याद होगा मैंने आपको उडू के बारे में बताया था जो कि एक ऑल इन वन मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर है जिसमें कई सारे एप्लीकेशंस है जो आपके बिजनेस को डे टू डे मैनेज करने में आपकी मदद करते हैं लेकिन अगर आप डिटेल में समझना चाहते
हो कि उडू आपके बिजनेस को और सिंपलीफाई कैसे कर सकता है तो वो 23 और 24th अगस्त को अपना कम्युनिटी डेज ऑर्गेनाइज कर रहे हैं जो इंडिया का सबसे बड़ा टेक एंड बिजनेस इवेंट होगा ये इवेंट गांधीनगर के महात्मा मंदिर कन्वेंशन सेंटर में हो रहा है जो मेरे हिसाब से अगर आप एक बिजनेसमैन हो या एस्पायरिंग एंटरप्रेन्योर स्टूडेंट या इवन टेक लवर तो आपको ये इवेंट डेफिनेटली अटेंड करना चाहिए क्योंकि यहां पर आपको सारे लाइक माइंडेड एंटरप्रेन्योर्स उडू के सारे पार्टनर्स बिजनेस ओनर्स डेवलपर्स और तो और एक्सपर्ट्स से नेटवर्क करने का मौका मिलेगा इनफैक्ट कई
सारे इनफ्लुएंसर्स इंक्लूडिंग मी ये इवेंट अटेंड करने वाले हैं इस इवेंट में 100 प्लस एक्सबिडॉस और 150 से ज्यादा एस्पायरिंग सेशंस होने वाले हैं जहां पर आप अपने बिजनेस को लेकर क्वेश्चंस पूछ सकते हो और इंडस्ट्री लीडर्स से गाइडेंस ले सकते हो और सबसे बड़ी बात ये पूरा इवेंट एब्सलूट फ्री होने वाला है लेकिन हां लिमिटेड स्लॉट्स ही अवेलेबल है सो अगर आप इंटरेस्टेड हो एक लाइवली फन इवनिंग वाइप के साथ-साथ अपने बिजनेस ग्रोथ के लिए टिप्स एंड स्ट्रेटेजी समझने में तो डेफिनेटली डिस्क्रिप्शन में दिए गए लिंक से इस इवेंट के लिए रजिस्टर कर लो
सी यू ओवर देयर तो देखो जूम इन इन टू आवर माउथ आप चाहे कितना भी ब्रश कर लो लेकिन एट एनी गिवन टाइम हमारे मुंह में एटलीस्ट 200 अलग बैक्टीरियल स्पीशीज रह रहे होते हैं कुछ गुड बैक्टीरिया होते हैं तो कुछ बैड बैक्टीरिया और हमारा सलाइवा कांस्टेंटली उन्हें हमारे दांतों को डैमेज करने और शरीर में घुसने से रोक रहा होता है एक हेल्दी इंसान के मुंह में गुड बैक्टीरिया यानी कि वो बैक्टीरिया जो डैमेज कॉज नहीं करते उनकी मात्रा ज्याद रहती है और बैड बैक्टीरिया कम होते हैं और हमारे पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड भी होता
है रखवाली करने के लिए जिस वजह से वो हमारे वाइटल ऑर्गन्स यानी कि महत्त्वपूर्ण अंगों तक कभी पहुंच नहीं पाते लेकिन फिर अगर ओरल हेल्थ को काफी समय के लिए आपने नेगलेक्ट किया और कुछ स्पेसिफिक प्रकार के फूड्स को ज्यादा कंज्यूम कर लिया तो ये गुड और बैड बैक्टीरिया का बैलेंस बिगड़ने लग जाता है और दांत सड़ने लगते हैं गम प्रॉब्लम्स होने लगते हैं अब ऐसे में इस दांत सड़ने के प्रोसेस को जल्दी अगर रिवर्स नहीं किया जाए तो दो बहुत ही घातक चीजें होती है एक बैक्टीरिया और तेजी से मल्टीप्लाई होने लग जाता है
और पूरे मुंह को इफेक्ट करने लगता है और दूसरा वो दांतों में खड्डा करके आपके मसूड़ों के थ्रू आपके मुंह के ब्लड वेसल्स में इफिल्टर करने लगता है अब मामला यहां पर और वर्स तब हो जाता है जब अगर लेट्स से आप डेंटिस्ट के पास इंफेक्शन को रोकने के लिए जाते हो तो मोस्ट केसेस में डेंटिस्ट आपका टूथ एक्सट्रैक्शन करवाएंगे और टूथ एक्सट्रैक्शन करवाते ही इन कीटाणुओं को सीधा वन शॉट में शरीर के हाईवेज यानी कि हमारे नसों का एक्सेस मिल जाता है और वो हमारे वाइटल ऑर्गन्स तक आसानी से पहुंच पाते हैं बट आखिर
ये प्रॉब्लम शुरू कहां से हुई इसका मेन रूट कॉज क्या है तो वेल देखो ये है दांतों की ऊपरी सरफेस जिसे नामल कहते हैं और ये है उसके अंदर वाला लेयर जिसे डेंटिन कहते हैं ये मेजर्ली हाइड्रोक्सी एपेटाइट नाम के कैल्शियम फास्फोरस क्रिस्टल से बने होते हैं और डेंट में स्पेसिफिकली एक प्रोटीन भी होता है कॉल्ड कोलाजन अब जब भी हम खानों में सिंपल कार्बोहाइड्रेट्स कंज्यूम करते हैं जैसे कि शुगर फूड्स हो गए इन फूड्स को हमारे मुंह के बैक्टीरिया ग्लाइकोलाइट पैथ वे के जरिए पचाक लैक्टिक एसिड रिलीज करने लगते हैं एज अ बायप्रोडक्ट यही
लैक्टिक एसिड की मात्रा आपके मुंह में डिसाइड करती है कि आपका दांत सड़ेगा कि नहीं और आपका हार्ट इफेक्ट होगा कि नहीं लेट मी एक्सप्लेन यू हाउ हमारे दांत के बिल्डिंग ब्लॉक्स जो होते हैं हाइड्रोक्सी एपेटाइट और कोलाजन कि दोनों ही एसिड्स की मौजूदगी में तेजी से इरोड यानी मेल्ट होने लगते हैं और यह प्रोसेस किक इन तब होता है जब आपके मुंह में ये शुगर जैसे सिंपल कार्बोहाइड्रेट्स फर्मेंट होने लगते हैं जैसे फॉर एग्जांपल और ये काफी कॉमन केस है लेट्स से आपने रात को एक बोतल कोक पिया और बिना मुंह धोए आप सोने
चले गए अब रात भर कोक के अंदर के जो शुगर है वो आपके मुंह में फर्मेंट होते रहेंगे जो लैक्टिक एसिड प्रोड्यूस करेगा अब ऐसा बस कुछ ही दिन ट्राई करके देखना दांत नहीं दुखे तो नाम बदल देना और जैसे मैंने कहा ये बहुत ही कॉमन केस है बेसिकली लैक्टिक एसिड आपके मुंह में ज्याद मात्रा में प्रोड्यूस होने से आपके पूरे मुंह का बैक्टीरियल इकोसिस्टम ही खराब हो जाता है क्योंकि ये एसिडिक एनवायरमेंट गुड बैक्टीरिया को किल करता है और एस म्यूट्स जैसे बैड बैक्टीरिया को पनपने और मल्टीप्लाई होने में मदद करता है और फिर
ये सारे बैड बैक्टीरिया मिलकर दांतों को सड़ाक कैविटीज बनाकर हमारे दांतों की नसें और न्यूरॉन्स जहां पर होते हैं उस पल्प रीजन का डायरेक्ट एक्सेस हाईजैक कर लेते हैं जिस पल्प रीजन से अगर अगर वो नसों में पेनिट्रेट कर गए तो बस समझ लो उन्हें आपके हार्ट तक पहुंचने का एक हाईवे या एक्सप्रेसवे मिल गया यही वजह है कि इतने सारे हार्ट अटैक पेशेंट्स के क्लॉट्स में वैज्ञानिकों को दांत के बैक्टीरिया मिले अब ये बैक्टीरिया इससे पहले कि आपके हार्ट तक पहुंचे पहले से ही ऐसे केमिकल्स रिलीज करने लगते हैं जिससे हमारा इम्यून सिस्टम गड़बड़ा
जाता है और हमारे खुद के ही टिशूज को अटैक करने लगता है जो डिस्फंक्शन ब्लॉकेजेस क्रिएट करने लगता है दरअसल जैसे ही हमारे मुंह के बैक्टीरिया को हमारे नसों का एक्सेस मिल जाता है ऑस हमारी बॉडी का इम्यून सिस्टम एक्टिवेट हो जाएगा और उनके अगेंस्ट एक इम्यून रिस्पांस शुरू कर देगा लेकिन कुछ स्पेसिफिक माउथ बैक्टीरिया जिसके नारेला फस्थ और पोरफायरोमोनास जिंजिवालिस ये हमारे ब्लड स्ट्रीम में पहुंचते ही एक हीट शॉक प्रोटीन एएसपी 60 रिलीज करने लगते हैं जो कि ह्यूमन हीट शॉक प्रोटींस से ऑलमोस्ट 60 पर आइडेंट होता है अब हीट शॉक प्रोटींस ऐसे प्रोटींस
होते हैं जो बेसिकली हमारा बॉडी किसी भी प्रकार के स्ट्रेस में रिलीज करता है ये बेसिकली शरीर में डैमेज कंट्रोलिंग स्ट्रेस रिड्यूस और डैमेज फिक्सिंग का काम करते हैं यानी कि आसान शब्दों में यह हमारी बॉडी को किसी भी प्रकार के इंटरनल या एक्सटर्नल स्ट्रेस से हो रहे डैमेज और डिस्ट्रक्शन से बचाते हैं बट ये बैक्टीरिया हमारे इन्हीं प्रॉब्लम फिक्सर्स हीट शॉक प्रोटीन की सुपारी ले लेते हैं कैसे इनसे मिलता झुल होता बहरूपिया हीट शॉक प्रोटीन एएसपी 60 बनाकर जिन्हें फिर किल करने के लिए हमारी बॉडी एंटीबॉडीज बनाने लगती है जो एंटीबॉडीज धड़ाधड़ करके हमारे
ही खुद के हीट शॉक प्रोटींस पर भी अटैक करने लगते हैं क्योंकि हमारे कार्डियोवैस्कुलर एरिया में स्पेशली हार्ट पेशेंट्स में कई सारे एचएस पीस प्रोटेक्शन और रिपेयर का काम कर रहे होते हैं वो सभी एक एक करके मरने लगते हैं हमारे हार्ट और नसों की हेल्दी टिशूज के साथ और इसीलिए पहले के केसेस में भी ये बैक्टीरिया पेशेंट के हार्ट में मिले क्योंकि इन्होंने लिटरली हमारे ही बॉडी के सोल्जर्स इम्यून सेल्स को हमारे ही शरीर के प्रॉब्लम फिक्सर्स हीट शॉक प्रोटींस की सुपारी दे दी और हमारा बॉडी एक ऑटो इम्यून रिस्पांस से खुद के ही
हार्ट सेल्स को किल करने लग गया यही वजह है कि डेंटिस्ट को समझना होगा एटलीस्ट हार्ट पेशेंट्स के केस में कि वह सिर्फ दांतों पर फोकस नहीं कर सकते उन्हें उस पेशेंट के केस को टोटलिटी में देखना होगा अगर पेशेंट को किसी भी प्रकार की हार्ट प्रॉब्लम है या इवन उनके कोलेस्ट्रॉल वैल्यूज गड़बड़ा हुए हैं तो उन्हें एज अ प्रिकॉशनरी मेजर एक प्रॉपर ट्रीटमेंट प्लान बनाना होगा जिससे रूट कैनल्ले क्शन जैसे प्रोसीजर से पेशेंट की हार्ट हेल्थ इफेक्ट ना हो और किसी भी पेशेंट को वो ओवर द एज पुश ना कर दे बट इन दी
एंड फ्रेंड्स हमारे हेल्थ की रिस्पांसिबिलिटी हमारे खुद के हाथों में भी इक्वली आती है क्यों इंडिया एक ऐसा देश है जहां पर साइंस को बस एक सब्जेक्ट की तरह देखा जाता है बस एक करियर ऑप्शन की तरह क्यों साइंस को एक वे ऑफ लाइफ एक माइंडसेट या फिर एक चीट कोड की तरह नहीं देखा जाता जो आपकी लाइफ को कई कई कई गुना ज्यादा एंपावर कर सकता है वेल जिस दिन मैंने पर्सनली ये बात रियलाइफ की थी इसने मेरी लिटरली लाइफ ही बदल दी क्योंकि मैं अपने लाइफ के प्रॉब्लम्स के लिए साइंस को एज अ
सलूशन की तरह देखने लग गया इवन दो मैं साइंस करियर स्क्रीम से आता भी नहीं हूं हमें यह बात समझना होगा साइंस इज नॉट जस्ट फॉर डॉक्टर्स या इंजीनियर्स और साइंटिस्ट इट्स फॉर एवरीवन सो अब देखते हैं कि हम अपने लेवल पर इस प्रॉब्लम को सॉल्व कैसे कर सकते हैं सीधा प्रॉब्लम की जड़ से शुरुआत करते हैं जहां से यह बैक्टीरिया आपके शरीर में एंटर ही कर पाते हैं और वो है आपके मुंह से बट यहां पर भी एगजैक्टली गलती कहां पर हो रही है वेल नॉलेज नहीं होने की वजह से अनजाने में हम हमारे
मुंह में रेगुलरली एक एससीडी के एनवायरमेंट क्रिएट कर रहे हैं जो ये बैक्टीरिया का ब्रीडिंग ग्राउंड बन रहा है देखो जैसे ही आपके दांतों पर ऐसे दाग दिखने लग जाते हैं ना तो समझ जाओ आपके दांतों पर स्ट्रेटो कोकस म्यूट्स इस खतरनाक बैक्टीरिया ने अपने पैर पसार लिए येस म्यूट्स बैक्टीरिया बाकी के बैक्टीरिया से अलग है और एक एसिडिक पीएच में मजे में सरवाइव कर लेता है और एक स्पेशल एबिलिटी से ये तेजी से स्प्रेड होकर डोमिनेट करने लग जाता है इसकी ये स्पेशल एबिलिटी है एक चिपचिपा ग्लूकोज पॉलीमर म्यूट्स बना पाने की की जिससे
ये नंबर वन दांतों में लंबे समय के लिए चिपक जाता है और नंबर टू यही म्यूट्स यानी कि उसका खाना उसे लंबे समय के लिए न्यूट्रिशन प्रोवाइड करता है इवन अगर आप शुगर को खाना बंद भी कर दो अपने डाइट में तो और इसीलिए ये आपके दांतों में चिपक कर वहीं पर अपनी बस्ती बसाकर दांतों में खड्डा करना शुरू कर देता है जिसके थ्रू फिर आपके शरीर के अंदर दूसरे भी अन्य किस्म के बैक्टीरिया घुसने लगते हैं सो इसे बीट करने के लिए सबसे पहला और इंपॉर्टेंट सलूशन है जितना हो सके शुगर या हाई सिंपल
कार्बोहाइड्रेट्स वाले फूड्स को मील्स के साथ खाओ अकेले सिटिंग में नहीं कई स्टडीज यह बताती है कि अगर आप लेट्स से 2 सालों तक लगातार करीब 200 ग्रा भी सुक्रोज यानी कि टेबल शुगर भी खाते हो तो वो ठीक है मगर खाने के साथ खाना है क्योंकि आपका सलाइवा खाने को डाइजेस्ट करने के साथ-साथ सुक्रोज से बनने वाले एसिड को भी न्यूट्रलाइज कर देता है और दांतों को सड़ने से बचाता है लेकिन वहीं पर अगर आप यह सूक रोस अपने मील्स के बीच में अकेले खाते हो या फिर लेट्स से रात को अकेले खाकर सो
गए तो सलाइवा पर्याप्त मात्रा में नहीं बन पाता जिससे दांतों का सड़ना तीन से चार गुना तेज हो जाता है सो बेसिकली ऑड टाइम पे मीठा खाना अवॉइड करो और अगर गलती से खा भी लिया तो अपने मुंह को अच्छे से रिंस करो या ब्रश कर लो नंबर टू जितना हो सके सॉफ्ट ड्रिंक्स इसकी कोक पेप्सी या एनर्जी ड्रिंक्स को अवॉइड करो क्योंकि इनमें हाई शुगर तो होता ही है बट साथ ही ये बैक्टीरिया का काम और आसान कर देते हैं क्योंकि ये खुद ही बहुत ही एसिडिक होते हैं और माउथ में भी एसिडिक एनवायरमेंट
क्रिएट कर देते हैं यह पीएच चार्ट है जो इन ड्रिंक्स की एसिडिटी का प्रोफाइल बताता है इस चार्ट में जितना कम पीएच उस ड्रिंक का उतना ज्यादा एसिडिक वो ड्रिंक है और कंपैरिजन के लिए हमारे माउथ के सलाइवा का पीएच होता है 6.7 से 7 और आइडियल हमारे पूरे मुंह का पीएच वैल्यू 6.3 से नीचे नहीं जाना चाहिए वरना एसिडिक एनवायरमेंट क्रिएट होना स्टार्ट हो जाएगा नंबर थ्री खाने में जितना हो सके खाओगे उतना ही आसान हो जाता है इन बैक्टीरिया के लिए उसे ब्रेक करके अपना खाना बनाना बट कॉम्प्लेक्शन जिसकी ओट्स हो गए ब्रोकली
इवन जवार बाजरा वीट और प्रोटींस हो गए इन्हें ये बैक्टीरिया आसानी से ब्रेक नहीं कर पाता और इसी के साथ आपने नोटिस भी किया होगा कि हार्ड और कॉम्प्लेक्टेड को न्यूट्रलाइज कर देता है नंबर फोर शायद चबाने में ही कुछ तो जादू है रिसेंटली एक्सपेरिमेंट के तहत जब कुछ एडल्ट्स को 6 से 7 ग्राम जाइलिटोल चूइंग गम हर दिन चबाने को दिया गया था तो देखा गया कि उनके दांतों में इन डेंटल कैरीज का फैलना करीब 80 पर से घट गया और उन सब्जेक्ट्स के पूरे मुंह में एस म्यूट्स की मात्रा ड्रेस्ट नीचे चली गई
सो यस चूइंग गम्स खाना स्पेशली द वंस विथ जाइलिटोल इन इट जैसे ये हैप्पीडेंट वाला हो गया एंटीबैक्टीरियल है और इवन आप जाइलिटोल बेस स्वीटनर्स को यूज कर सकते हो एक कंट्रोल्ड मैनर में एज अ रिप्लेसमेंट फॉर शुगर क्योंकि इससे पहले तो आप आपको मीठा स्वाद भी मिल जाएगा दूसरी चीज आपको एक्स्ट्रा कैलोरीज नहीं मिलेगी और तीसरी चीज आपका माउथ का एनवायरमेंट भी हेल्दी रहेगा क्योंकि इसमें जैसे हमने जाना एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज है नंबर फाइव आप 5 पर फ्लोराइड वाले टूथपेस्ट या माउथ वॉश यूज करना स्टार्ट कर सकते हो सो ये फ्लोराइड वाले टूथपेस्ट क्या करते
हैं वेल दो बड़े बेनिफिट्स पहला तो ये बैक्टीरियोस्टैटिक होते हैं यानी कि हर तरह के बैक्टीरिया की ग्रोथ को ये स्लो कर देते हैं इंक्लूडिंग एस म्यूट्स और दूसरा ये रिमिनिरलाइजेशन एजेंट भी है हमारे सलाइवा की तरफ यानी कि अगर कैविटीज हो गए हैं या एनेमल इरोड हो चुका है दांत डैमेज हो चुका है यह उस प्रोसेस को रिवर्स करते हैं मिनरल्स को वापस से टीथ में डिपॉजिट करके और इसीलिए फ्लोराइड वाले टूथपेस्ट भी एक पावरफुल टूल है माउथ हेल्थ के आर्सनल में अब यह तो कुछ इंपॉर्टेंट टिप्स थे बट आपको बेसिकली गेम समझ में
आ गया है इतना कि आप अपना दिमाग लगाकर अपने सॉल्यूशंस भी खुद निकाल सकते हो गाइस इस वीडियो में जितना मेरा मकसद आपको वो राइट नॉलेज और सलूशन देना था उससे ही ज्यादा आप में वोह क्यूरियोसिटी क्रिएट करना था कि आप साइंस के और हमारे शरीर के फंडामेंटल्स को समझे ताकि आप अपनी क्रिएटिविटी से कई ऐसे सोलूशंस निकाल सके जो आपकी लाइफ और आपके हेल्थ को बेनिफिट करें साइंस इज ऑल अबाउट क्रिएटिविटी एंड क्रिएटिव प्रॉब्लम सॉल्विंग बट इट ऑल स्टार्टस फ्रॉम हैविंग द राइट नॉलेज ऑफ द फंडामेंटल्स व्हिच ऑलवेज स्टार्टस फ्रॉम डेवलपिंग एन एबिलिटी टू
आस्क अ क्वेश्चन अब आई नो हार्ट अटैक्स एक बहुत ही सेंसिटिव इशू है और एक बड़ा किलर भी है और उे ट्रिगर करने के पीछे एक नहीं बल्कि एटलीस्ट 14 फैक्टर्स इवॉल्वड है जो कि आपको फंडामेंटली समझना ही चाहिए ताकि आप अपने फ्रेंड्स और फैमिली में इसे सही नॉलेज के थ्रू प्रिवेंट कर सको और इसीलिए मैंने इंडिया के वन ऑफ द लीडिंग हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर बिमल छाजेर जी को एक दो घंटे के पॉडकास्ट में बुलाया था जिसमें हमने इनका पूरा नॉलेज और एक्सपीरियंस निचोड़ के लिए क्वेश्चंस पूछे जिसे देखकर आपको भी बहुत कुछ सीखने मिलेगा
तेल को लेके बहुत सारे जर्गन चलते हैं सैचुरेटेड मोनो अनसैचुरेटेड पॉली अनसैचुरेटेड ये सारे बकवास है इंडियंस आर जेनेटिकली प्रोन टू डेवलप मोर कोलेस्ट्रॉल मोर ट्राइग्लिसराइड ब्लड प्रेशर शुगर और इसको मेटाबॉलिक सिंड्रोम बोलते हैं अगर आपके 40 ब्लॉकेज है तो भी रोक सकते हो अगर 70 ब्लॉकेज है तो भी रोक सकते हो और 90 ब्लॉकेज है तो भी रोक सकते हो आपका एक जादू डाइट है जिससे वेट जादू से कम हो जाता है तो डाइट क्या है जरा बताना सो यहां पर स्क्रीन पर क्लिक करके वो पॉडकास्ट जरूर देखना स्टे फिट एवरीवन कीप क्वेश्चनिंग एंड
कीप लर्निंग जय हिंद
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