[संगीत] ई गिरि नंदिनी नंदित मेदिनी विश्व मधि नंदन गिरिवर विंद शिरो निवासिनी विष्णु विलासिनी जुनते भगवती हे शति कंठ कुटुंब भूरी कुटुंब भूरी कृते जय जय हे महिषासुर मदरम पनी शैल [संगीत] सुते [संगीत] सरवर वर्षिनी दुर्धरा दर्शनी दुर्मुख मर्ष हर्ष रते त्रिभुवन पोषिनी शंकर तोशनी कील विष मोशनी गोरते धनु जनि रोशिनी ति सुत रोशिनी दुम शोषिण सिंधु सुते जय जय हे महिषासुर मति नि रम्य क पर दिनी शैल [संगीत] सुते आई जगदम मदं कदम भवन प्रिय वासिनी हा सरते शिखर शिरोमणि तुंग हिमालय श्रृंग नि जालय मध्य गते मधु मधुरे मधु कैत भ गंज नि कैटव
भंजनी रा सरते जय जय हे महिषासुर मर्द नि रम्य पदिनी शैल [संगीत] सुते [संगीत] ई शत खंड विखंडित रुंड वि तुं शुं गजाधर पु गज गं विदारण चं पराक्रम शुं [संगीत] मगादिवोय जय जय हे महिषासुर मदिनी रम्य क पदिनी शैल [संगीत] सुते ऐरण [संगीत] दुर्मुख निर्जर शक्ति वृते चतुर विचार धुरी नम महा शिव दूत कृत प्र मधि पते धुरत धुरी ह धुरा शय दुरमति दानव दूत कृतांत मते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्य क पदिनी शैल [संगीत] सुते [प्रशंसा] आई शरणागत वैरी वधुवर वीर वरा भय दय करे त्रिभुवन मस्तक शूल विरोधी शि रोधी कृता मल शूल
करे धूमि धूमि ता मरंधु बनाद म हो मुखरी कृत तिम करे जय जय हे महिषासुर प्रम दिनी रम्य क पदिनी शैल [संगीत] सुखे आई निज होम कृति मात्र निराकृत धूम्र विलोचन धूम्र शते समर वि शोषित सोनित बीज समुद भव सोनित जलते शिव शिव शुंभ नि शुंभ महा हव तर्पित भूत पिशाच रते जय जय हे महिषासुर मर्द निरम पनी शैल [संगीत] सुते धनुर संग रक्षण संग परस्पर दंग नट कटके कनक प संग पिटक नि संग र सद भट श्रृंग हता व टुके ित चतुरंग बल तिरंग गट बहु रंग रट बटुके जय जय हे महिषासुर मति नि
रम्य कप शैल [संगीत] सुते जय जय जप जय जय शब्द पर स्तुति तत् पर विश्व नते भण भण भिन भिन कृतन पुर सिंचित मोहित भूत पते नट नथ नटी नट नायक नाट नाट्य सुन रते जय जय हे महिषासुर मर्द नि रमत पदिनी शैल [संगीत] सुते आई सु मन सु मन सु मनसु मनसु मनोहर कांति यते शित रजनी रजनी रजनी रजनी रजनी कर वत्र वृते सुनय विभ्रम र ब्रमर भ्रमर भ्रमर भ्रम राध पते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्य क पदिनी शैल सुते [संगीत] सहित महा हव मल्ल मतल्ली क मलित ल्ल क मल्ल रते विरचित वल्लिका पल्लिका
मल्लिक भिल्ल क भिल्ल का वर्ग वृते सीकृत फुल्ल समल सितार ण सलज पल्लव सल्ल जय जय हे महिषासुर मर्दिनी रम्य क पदिनी शैल [संगीत] सुते अविरल गंड गलन मध मेदुर मत्त मतंग गजराज त्रिभुवन भूषण भूत कला निधि रूप पयो निधि राज सुते धती जन लालस मानस मोहन मनमत राज सुते जय जय हे महिष सुर मनि रम्य पनि शैल [संगीत] सुते [संगीत] कमल जला मल कोमल कांति कला कलिता मल ललते सकल विलास कला निलय क्रम केली चलत कलहंस कुले अलि कुल संकुल कु वलय मंडल मौली मिल भक लाल कुले जय जय हे महिषासुर मर्द नि रम्य
क पदिनी शैल [संगीत] सुते कर मुरली रव विजित पूजित लज्जित कोकिल मंजु मते मिलित पुलि मनोहर गुंजित रंजित शैल निकुंज गते निज गुण भूत महा शवरी गण सदगुण समृत केलि तले जय जय हे महिषासुर मदिनी रम्य क पदिनी शैल [संगीत] सुते [प्रशंसा] तट तट पत दुकल विचित्र मयुख तिरस्कृत चंद्र रुचे प्रण सुरा सुर मौली मण स्थर दं शुल सख चंद्र रुचे जित कनका चल मौली पदो जित निर्भर कुजर कुंभ कुटे जय जय हे महिषासुर मर्दिनी रम्य क पदिनी शैल [संगीत] सुते विजित सहस्त्र करक सहस्त्र करक सहस्त्र करै कते कृत सुर तारक संगर तारक स र
तारक सुनु सुते सुरत समाधि समान समाधि समाधि समाधि सुजा तरते जय जय हे महिषासुर मद निरम कपनी शैल [संगीत] सुते पद कमलम करुणा निलय वरि वस्य धियो नु दिन श शिवे आई कमले कमला निलय कमला निलय कथम न भवे तव पदमे व परम पद मित्य अनु श लयतो मम किम शिवे जय जय हे महिषासुर मर्द निरम यत पदिनी शैल [संगीत] सुते अन कलस कल सिंधु जल रनु सिं जिनु ते गुण रंग भुव भज सकिन सची कुच कुंभ कटी परि रंभ सुखा भव तव चरण शरणम करवानी नता मरवानी निवासी शिवम जय जय हे महिषासुर मनि रम्य
क पनि शैल [संगीत] सुते तव विमले कुलम वदन मलम सकलम नुकूल यते किम पुरु भूत पुरी मुखी सुमुखी भरस वि मुखी कयते मम तु मतम शिव नाम धने भवती कृपया कि मुत कयते जय जय हे महिषासुर मर्दिनी रम्य क पदिनी शैल सुते [संगीत] अ महि दीन दयालु दया कपय वया भवितव्य मुमे जगतो जननी कृपया स यथा स तनु मिता सरते यदु चित मत्र भव ुर कुरता दुरता पम पा कुरते जय जय हे महिषा सुर मति नि रम्य क पनी शैल [संगीत] सुते और