गाइस, आप में से ऐसे कई लोग होंगे जो अक्सर सुबह में उठने की आदत रखते होंगे। बहुत सारे लोग इसे ब्रह्म मुहूर्त भी कहते हैं। सुबह-सुबह उठना बहुत ज्यादा लोगों को अच्छा लगता है। सुबह-सुबह उठना। ब्रह्म मुहूर्त वो होता है सुबह के 3:30 बजे। बहुत बचपन में सुना था मैंने कि आत्माएं जो होती है वह दोपहर के 3:30 बजे सबसे ज्यादा कमजोर होती है और रात के 3:30 बजे सबसे ज्यादा ताकतवर होती है। आप उनसे जीत नहीं सकते। जब आधी रात में 3:30 बजे अगर आपका उनके साथ सामना हो जाए तो। ऐसे ही रात को
3:30 बजे के आसपास सुबह-सुबह एक आत्मा भटकती है हमारे देश में। जो कि हमारे देश के कोलकाता के काफी फेमस ब्रिज है हावड़ा ब्रिज। वो उसके पास में है। ये वाली बात ना लोग मानते तो है लेकिन वहां पर एक इंसान रहा करता था अनीश नाम का। वो इस बारे में बिल्कुल भी नहीं मानता था। हालांकि अब उसकी असलियत थोड़ी अलग है। एक रात को उसको भी ऐसा महसूस हुआ कि नहीं ये चीज मुझे जाननी है और वो उस रात को वहां पे गया। उसको लगा कि मैं इतिहास बदल के रख दूंगा। लेकिन यह बात
थोड़ी अलग थी। वो खुद एक इतिहास बन के रह गया वहां पे। रातोंरात वो शहर उसको वहां से छोड़ के जाना पड़ा। क्या हुआ रहेगा एक इंसान के साथ कि वह बचपन से जिस जगह पे रह रहा है उस जगह को उसको आधी रात में छोड़ के चले जाना पड़ा। मतलब किस लेवल का ह्ट होगा यह? उसको भी डर लगा इन चीजों से भूतों की दुनिया से। उसकी भी रातों की नींद खराब हुई लेकिन अब बारी आपकी है। हेलो गाइस, गेम खेलना तो सबको पसंद है, लेकिन क्या आपने कॉइन 10 के बारे में सुना है?
यह गेम एक गेम चेंजर है। एंड गाइस, यह वाला गेम अभी-अभी लॉन्च हुआ है। इसलिए इसके विनिंग रेट्स आसमान छू रहे हैं। परफेक्ट टाइम है यह वाला गेम खेलने के लिए। तो, अभी के अभी जॉइ करो। सबसे अलग क्या है इसमें? सेफ ज़ोन। जैसे ही सेफ ज़ोन एक्टिवेट होता है, तुरंत मैक्सिमम मल्टीप्लायर दिखता है। जहां तक आप बेफिक्र हो। मतलब ज्यादा सेफ और ज्यादा अर्न। कितना आसान है ना? और हां, इसके अंदर एक्सपर्ट होने की कोई भी जरूरत नहीं है। बस बोर्ड पर चढ़ जाओ और आप खुद देखोगे कि कैसे नंबर्स रोल हो रहे हैं।
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के थ्रू है कि वो इतना ज्यादा फेमस है। लाइक कोलकाता का हावड़ा ब्रिज अपने प्राइम टाइम पे 1.5 लाख लोगों को जो कि पैदल चलते हैं उनको अपनी मंजिल तक पहुंचाता था। 1 लाख गाड़ियों को अपनी मंजिल तक पहुंचाता था। यह सब चीजें तो सही है। सुबह तक, दोपहर तक, शाम तक। रात को यहां की कहानी थोड़ी सी अलग है। आधी रात को 12:00 बजे के बाद इस ब्रिज से वही जाना पसंद करता है जिसको अपने मंजिल पर जल्दी पहुंचना हो या फिर उसके पास कोई और ऑप्शन ना हो। तो क्योंकि हर किसी को शायद
चीज की कहानी पता है। गाइज़ जो यहां पे मेन कैरेक्टर है अनीश उसको हमेशा से ऐसा लगता था कि ये सब जो बातें ये सब कुछ झूठ है। ये जो भूत प्रेत की ये जो घटनाएं होती है जो भूत प्रेत की ये जो अफवाह उड़ाई जाती है ये वो लोग उड़ाते हैं जो कि नशेड़ी होते हैं। जिनको नशा करना होता है किसी गुप्त जगह पर बैठ के कि ताकि उस जगह पे कोई आए ही ना डर के मारे और हम लोग यहां पे बैठ के ड्रग्स वगैरह कर सके। ये अनीश को लगता था। इसलिए वो
भरोसा ही नहीं कर पाता था इन चीजों पे। अनीश और उसका परिवार कई सालों से कोलकाता में रह रहा है। अनीश के साथ-साथ लाइक बहुत सारे लोगों को तो इसके बारे में पता ही था ये कि कोलकाता का हॉरर ब्रिज बहुत ज्यादा डेंजरस है। हॉरर है, ह्टेड है वगैरह-वगैरह ये सारी अफवाह है। लेकिन अनीश को पता था लेकिन वो मानता बिल्कुल भी नहीं था। हमेशा से उसका यही कहना रहता था कि ये सब चीजों पे मैं नहीं मानता हूं। पक्का वहां पे कोई ना कोई नशेड़ी होंगे। वो सब कुछ ये सारे अफवाह वगैरह फैला के
रहेंगे। और मैं कभी ना कभी तो यह प्रूफ करके ही रहूंगा। मैं खुद जाऊंगा आधी रात में वहां पे और यह प्रूफ करके दिखाऊंगा कि वो वाली जगह बिल्कुल भी ह्टेड नहीं है और आम इंसान वहां पे जा सकता है। यह सब कुछ उसके दिमाग में चलता रहता था। उस वक्त उसका एक दोस्त था संजू करके और वो हर चीज में अनीश के साथ ही रहता था। लाइक दे वर लाइक बेस्ट फ्रेंड्स। अभी ऐसा हुआ कि एक दिन संजू ने उसको कॉल किया और बोले कि अनीश तुझे बहुत बहुत टाइम से तुझे कुश्ती देखना भी
था और तुझे सीखना भी था। राइट? तो मैंने ना पूरा जुगाड़ कर लिया। तेरे भाई ने फुल जुगाड़ कर लिया है तो तू अभी शुरू करेगा ये जो कुश्ती वाली चीजें तू इतने सालों से मुझे बोल रहा है कि मुझे कुश्ती करना है तो अभी यू हैव टू स्टार्ट इट। फिर अनीश ने बोला मनीष बहुत ज्यादा एक्साइटेड हो गया। खुश हो गया। उसने बोला हां यार मुझे तो करना है लेकिन है किधर ये? फिर संजू ने कहा कि दोस्त ये हावरा ब्रिज तुझे पता है। उसके ठीक नीचे होता है ये चीज। पानी है वहां पे
मुझे पता है। उसके ठीक साइड में ही होता है ये जो कुश्ती थी और तुझे वहीं पे जाना पड़ेगा। फिर अनीश ने बोला ठीक है। कितने बजे? फिर संजू ने कहा भाई ठीक 3:30 शोबिता मैडम तेरे को वहां पे कुश्ती सिखाएगी। फिर अनीश ने कहा दोस्त 3:30 कुछ ज्यादा धूप नहीं रहेगी। फिर संजू ने कहा कि भाई मैं दोपहर की तो बात ही नहीं कर रहा हूं। 3:30 सुबह की बात कर रहा हूं। फिर संजू ने कहा अरे भाई एक्चुअली यही इसका पैटर्न है। यही ट्रेडिशन है कि अगर कुश्ती को सीखा जाता है, उसको शुरू
किया जाता है तो वो ब्रह्म मुहूर्त से ही शुरू किया जाता है। अनीश अभी थोड़ा सा परेशान था क्योंकि उसको ऐसा कुछ सुबह में उठने की आदत नहीं थी और यह सुबह भी नहीं थी। ब्रह्म मुहूर्त 3:30 नॉर्मल लोगों के लिए सुबह होती है 6:00 बजे 7 8 9 ऐसा। लेकिन ये 3:30 बजे था। लेकिन वो फिर भी थोड़ा बहुत एक्साइटेड तो था क्योंकि उसको सालों साल से यह उसकी इच्छा थी कि मुझे कुश्ती सीखना है। मुझे ऐसा थोड़ा पावरफुल महसूस करना है। तो उसने बोला चलेगा ठीक है कोई दिक्कत नहीं मैं चला जाऊंगा। जो
संजू था उसने उस इंस्ट्रक्टर का नंबर भी दे दिया था जो शोबिता मैम है उनका नंबर दे दिया था। फिर अनीश ने कहा ठीक है। फिर वो सुबह-सुबह उठ गया 3:30 बजे। बाइक पे बैठा और वो निकल रहा था वहां से। लेकिन ये सुबह अनीश के लिए थी। लोगों के लिए तो आधी रात हो रही है। सारे लोग सो रहे हैं। रास्ते पे ज्यादा लोग दिख नहीं रहे हैं। ना के बराबर हैं यहां पे लोग। एकदम ना के बराबर। ड्राइव करते-करते वो पहुंचता है सीधा हावड़ा ब्रिज के पास। यानी वो देख सकता था कि एक
सीढ़ियां है जो नीचे की तरफ जा रहा है और सीढ़ियों के ठीक बाजू में एक बूढ़ा आदमी बैठकर शराब पी रहा था। ठीक है? उसको इग्नोर किया उसने और वह उस सीढ़ियों से नीचे की तरफ जा रहा था। तभी उस बूढ़े आदमी ने कहा, कुछ भी हो जाए। सीधा उसकी आंखों पर कभी मत देखना। फिर जो अनीश था वो पीछे मुड़ा। उसने देखा कि पीछे कोई भी नहीं है। सिर्फ एक दारू की बोतल रखी हुई है। वो आदमी दिख ही नहीं रहा था जो उसे अभी बस दो-ती सेकंड पहले दिख रहा था। अनीष को लगा
कि शायद से मैं अभी-अभी सोके उठा हूं। तो हो सकता है मुझे यह सारी चीजें सुनाई दे रही है। कुछ चीजें दिखाई दे रही है। चलो ठीक है कोई बात नहीं। उसने सब कुछ इग्नोर किया और वो सीढ़ियों से नीचे उतर गया। नीचे उतरने के बाद अभी उसने देखा कि उसने कहा कि कुश्ती का अखाड़ा है। ये एक औरत रहेगी यहां पे जो मुझे सिखाएगी वगैरह-वगैरह कोई भी नहीं दिख रहा है। मुझे संजू ने जो जो चीजें बोली उसमें से यहां पे कोई चीज एक्सिस्ट ही नहीं करती है। कोई भी नहीं है यहां पे। सुबह
के 3:30 बजे ना ब्रह्म मुहूर्त हो चुका है। तो लोग किधर है? उसने पक्का मुझे प्रैंक किया है। फिर उसने तुरंत संजू को कॉल लगाया। कॉल लगाने के बाद उसने देखा कि अब यह कॉल उठा ही नहीं रहा है। शायद से सो रहा होगा। लेकिन मुझे तो इसने प्रैंक कर दिया। उसने अच्छा कोई बात नहीं यार मेरा ही दोस्त है। वहां से निकलने लगा। तभी उसको ना दूर से पानी से आवाज आई। जैसे कि किसी ने पत्थर फेंका हो। जस्ट अभी-अभी वो पीछे मुड़ा और देखा कि वहां पे एक औरत खड़ी है थोड़े डिस्टेंस पे
और वो पानी के अंदर पत्थर फेंके जा रही है जोर-जोर का। उसको लगा कि शायद से एक और एक औरत होगी जिसको इसने ही कॉल किया रहेगा संजू ने प्रैंक करने के लिए। हो सकता है। वो थोड़ा सा भी उस औरत के करीब गए। उसको बोला कि आपको भी संजू ने कॉल किया था क्या? फिर उस औरत ने कहा संजू हां हां संजू संजू उसने मुझे भी कॉल किया था बिल्कुल बिल्कुल बहुत शरारती लड़का है वो बहुत शरारती लड़का है फिर अनीष को थोड़ा अजीब लगा फिर उसने एक और एक क्वेश्चन पूछा आपको भी यहां
पे कुश्ती सीखनी है फिर उस औरत ने कहा कुश्ती हां हां कुश्ती ना हां मुझे सीखनी नहीं है मुझे सिखानी है कुश्ती बस उसने इतना कहा और फिर वो वो जो था वहां पे तालाब या तो जो भी वहां पे पानी उसकी तरफ वो देखने लग गई बस अनीश ने कहा मुझे आपके पास ही तो भेजा गया था आपका आपका नाम शोबिता है। उसने बोला शोबिता हां हां मेरा नाम शोबिता है। फिर अनीश ने कहा कि अगर आप ही मुझे कुश्ती सिखाने वाले हो तो फिर शुरू करते हैं। फिर उसने बोला हां हां शुरू करते
हैं। फिर वो लोग फिर स्ट्रेचिंग वैचिंग करने लग गए थे। एंड अनीश को ना अभी बहुत ज्यादा अजीब लग रहा था कि आसपास कोई भी नहीं है। लाइक अगर संजू ने कोई जगह चूज़ करी है मेरे लिए। कोई अखाड़ा चूज़ किया है तो ऑफ कोर्स वहां पे बहुत सारे लोग हो गए। ब्रह्म मुहूर्त भी अभी निकल चुका है यहां से। हम लोग स्ट्रेचिंग कर रहे हैं और यह वाली औरत भी थोड़ी अजीब है। मैं इससे जो जो सवाल कर रहा हूं उसका जवाब यह वही दे रही है जो शायद से मैं सुनना चाहता हूं। या
फिर जो उसी सवाल के अंदर जो जवाब छुपा हुआ है ये उसी चीज का जवाब दे रही है मुझे। बड़ा अजीब लग रहा है मुझे यहां पे। कसम में मुझे यहां पे होना ही नहीं चाहिए। बहुत इरिटेट हो गया हूं मैं। और वो औरत कुछ बात ही नहीं कर रही है। फिर अनिश ने कहा कि मेरा स्ट्रेचिंग हो गया है। अभी हम क्या करें? फिर उस औरत ने कहा अभी यह जो पानी दिख रहा है इसमें चले जाओ। फिर अनीश ने कहा लेकिन इसका कुश्ती से क्या लेना देना? फिर उसके बाद उस औरत ने कहा
कि अगर पानी में नहीं जाओगे तो बचाओगे कैसे? फिर अनीश ने कहा तुम क्या बात करूं? मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा। मैं जब से आया हूं तुम अजीबोगरीब हरकत कर रहे हो। पहले तो बात नहीं कर रहे हो। फिर ये सारी चीजें बोल रहे हो। मुझे यहां पे नहीं होना चाहिए। बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए। मुझे यहां से निकल जाना है। फिर उसके बाद अनीश ने कहा कि अभी मैं जा रहा हूं यहां से। अनीश को तभी कॉल आता है। वो अपना फोन चेक करता है। तो यह संजू का कॉल था। अनीश ने
एकदम गुस्से में अभी उसका फोन उठाया। बोला कि संजू ये सब कुछ क्या है यार? ये औरत जो यहां पे जिस जिसको तूने यहां पे भेजा है इंस्ट्रक्ट करने के लिए कुछ भी कुछ भी सिखा रही है। कुछ भी कुछ भी बोल रही है। पहले तो बात ही नहीं कर रही है। अजीबोगरीब इसकी हरकतें हैं। मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा है। यह तूने बहुत गंदा मजाक किया है मेरे साथ। थोड़ी देर के लिए संजू ने कुछ कहा ही नहीं। संजू ने कहा यह क्या बकवास कर रहा है? मुझे नहीं पता। लेकिन मुझे जस्ट
अभी इंस्ट्रक्टर का कॉल आया था। मैं तुझे बताना भूल गया। इंस्ट्रक्टर ने कहा कि सारे सेशंस आज नहीं कल हो गए। कल ब्रह्म मुहूर्त से शुरू करेंगे। लेकिन तू अभी है किसके साथ यार? कौन इंस्ट्रक्टर किसके बारे में बात कर रहा है? कौन क्या सिखा रही है तुझे? उस वक्त मनीष एकदम शांत पड़ गया। पर उसने पीछे अपना सर किया और देखा वो औरत वहीं पे खड़ी है। पानी की तरफ मुंह करके खड़ी थी वो। थोड़ी मायूस सी लग रही थी। चुप हो गई थी। अंधेरा भी काफी था। वो धीरे-धीरे हल्के-हल्के कदमों को रखकर उसके
करीब गया। उसके कंधे के ऊपर उसने हाथ रखा और कहा आप हो कौन? यहां पे क्या कर रहे हो? उस औरत ने अपनी शक्ल को दिखाया पीछे मुड़ के। उसकी शक्ल पर शक्ल तो थी लेकिन आंखें नहीं थी। आंखों से खून बह रहा था। आंसुओं की तरह अनीश कांप उठा था। उसको लग रहा था कि आधी रात में मैं यहां पे किसके साथ खड़ा हूं। और फिर उस औरत ने उस पानी की तरफ इशारा किया। उंगली करी उस पानी की तरफ। और उस औरत ने कहा कि जाओ पानी में जाओ। अभी के अभी और मुझे
जाकर बचाओ। अनीश ने अभी पानी की तरफ देखा तो पानी के अंदर से एक हाथ बाहर आ रहा था। ऐसा लग रहा था कि वो हाथ अंदर से या तो हाथों के नीचे जो बदन है वो उसको पुकार रहा है कि पानी के अंदर आ जाओ और मेरे साथ मिल जाओ। और अनीश पता नहीं अभी उसकी आंखों में देखने के बाद थोड़ा सा हिप्नोटाइज जैसा अभी उसको महसूस होने लग रहा था जैसे कि वो खो गया है किसी चीज में। अब वो धीरे-धीरे चल-चल के उस पानी के अंदर जा रहा था उस हाथ के करीब।
वादा पानी के अंदर था। अब ऑल ऑफ अ सडन उसको रियलाइज हुआ कि पीछे से कोई तो मेरा नाम पुकार रहा है और उसने उसे याद आया कि यह उस बूढ़े आदमी की आवाज है जो उसे एकदम शुरुआत में मिला था। अब अनीश को यह रियलाइज हो चुका था कि वो आधा पूरा पानी में है। वो थोड़ा सा एकदम हिम्मत करके उसने पीछे देखा तो देखा कि वहां पे कोई औरत खड़ी ही नहीं है। जो इतने समय से उसके साथ थी वो वहां पे खड़ी ही नहीं है। 10 सेकंड पहले वो उसके सामने थी। अब
वो वहां पे नहीं है। बस एक बूढ़ा आदमी है जो भागते हुए उसकी तरफ आ रहा है। और यह वही बूढ़ा आदमी है जो पहले आया था। जो अनिश था वह अभी होश में आ चुका था। वह पानी से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था। लेकिन ऐसा लग रहा था कि पानी के अंदर किसी ने उसका पैर एकदम कस के पकड़ा हुआ है। एकदम कस के जो उसे निकलने नहीं दे रहा है। कैसे-कैसे करके उस बूढ़े आदमी ने उसको बाहर निकाला और उसको पहले होश में लाकर कहा मैंने तुम्हें कहा था ना उसकी आंखों
में मत देखना। फिर उस बूढ़े आदमी ने कहा कि बेटा जो मैंने तुमको कहा था ना उस पे थोड़ा गौर फरमाओ। जो मैंने कहा था क्योंकि कई लोग आते हैं यहां पर कुश्ती सीखने के लिए इसी ब्रह्म मुहूर्त नाम की चीज के दौरान 3:30 बजे आते हैं यहां पे कुछ सीखने के लिए बहुत सारे लोग सीख भी जाते हैं लेकिन कुछ-कुछ लोगों को ऐसे समय पे बुलाया जाता है जिस समय कोई यहां पे होता नहीं है और वो समय आत्माओं का होता है। एक औरत दिखती है यहां पे लोगों को जिसकी आंखों में नहीं देखना
चाहिए। वो लोगों को जानबूझ के उस पानी की तरफ फेंकना चाहती है उसकी खुद की जान बचाने के लिए। लेकिन वो तो औरत अभी जिंदा ही नहीं है। सिर्फ उसकी लाश तैरती रहती है उस पानी के अंदर। और लोग कभी कबभार खरस आके उस पानी के अंदर डुबकी मारने की कोशिश करते हैं। लेकिन वो भी अंदर सिर्फ एक लाश बनकर ही रह जाते हैं। अगली बार के लिए वाली बात वापस से सुनना। उस औरत की आंखों में मत देखना। ये एक ऐसा घटना हो गया था अनीश के साथ कि उसको लग रहा था कि यह
पूरे मेरी जान पे आ जाएगी ये वाली बात। जान पे ही आ रही है ये वाली बात। मैं शहर में ही नहीं रहूंगा। क्या पता कि यह जो आत्मा है यह मेरे पीछे पीछे कहां तक आए और एकद हफ्ते तक उसके साथ यह सारी चीजें हुई थी अनीश के साथ कि घर पे जाने के बाद भी उसको वही चीजें दिखने लग गई थी। ऐसा हो रहा था वैसा हो रहा था। फिर उसको लगा कि यहां पे रह के मेरा कोई मतलब नहीं है और मैं अब यह वाला शहर छोड़ के जा रहा हूं। तो उसने
अपने परिवार को लिया और वो शहर छोड़ के वो निकल गया। इस वीडियो के अंत पे मैं आपसे बस यही कहना चाहूंगा कि हो सकता है कि आज भी हावड़ा ब्रिज के नीचे वही औरत वहां पर भटकती हो। आज भी वह किसी नए इंसान को शिकार बनाती हो, उस पानी की तरह फेंकती हो और उसको एक लाश बनाती हो। लेकिन मैं आपको एक चीज के लिए आगाह करना चाहता हूं कि कभी भी किसी सुनसान जगह पे अगर आप अपने आप को मौजूद महसूस करते हो कि मैं यहां पे सुनसान जगह पे हूं। किसी भी इंसान
पर भरोसा मत करना। क्योंकि जो भूत प्रेत होते हैं, वह भी इंसानों की तरह ही दिखते हैं। बस जिंदा नहीं होते हैं वो। आपको अपनी दुनिया में बस वो शामिल करना चाहते हैं। इस चीज को याद रखना। चौकन्ने रहिए इन चीजों को लेकर। शुक्रिया।