TOP Brain Doctor - Sleep Hacks, Neuroscience, Yoga Nidra & Dreams | Dr. Alok Sharma On TRS

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Ranveer Allahbadia
Check out Dr. Alok Sharma's English Podcast Here - https://youtu.be/Y4eC-qblPHU Check out BeerBicep...
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हमारे देश के एक टॉप ब्रेन सर्जन और टॉप फ्यूचरिस्टिक डॉक्टर का स्वागत है थैंक यू रणवीर सर आज के पॉडकास्ट में हम नींद के बारे में सब कुछ जानेंगे तो सपनों में नेगेटिव इमोशन ज्यादा आते हैं पॉजिटिव इमोशन कम होते हैं और इसका एक पर्पस है एक यह थोरी है कि आरडीएम स्लीप की वजह से हमारी क्रिएटिविटी आई हमारे शो पर एआर रहमान सर आया अमित त्रिवेदी सर आए करण औजला आए तीनों ने यह कहा कि उन्हें ट्यूनस अपने सपनों में सुनाई देते हैं जो ट्यूनस उन्हें सपनों में सुनाई दिए वो बहुत बड़े ब्लॉकबस्टर गाने
बने हैं नींद का सबसे बड़ा कल्प्रिट्स करते हैं एक्चुअली स्लीपिंग ड्राइविंग इज वर्स देन ड्रंक ड्राइविंग और खासकर जो लॉन्ग जो हाईवेज है उसमें जब हम ड्राइविंग करते हैं तो हमारी ब्रेन वेव जो है वो एक पैटर्न में चले जाती है थीटा पैटर्न दिस इज द सेम एज जब हम सोने वाले होते हैं नी में ये सेम पैटर्न होता है इसलिए हाईवे पे एक्सीडेंट्स होते है यस ट्स वई मतलब अगर आपने अच्छे से छ आठ घंटे सोए हु है तो भी एक्सीडेंट के चांसेस है वाह लोग पूछते हैं भाई कितना टाइम सोना चाहिए कितने टाइम
सोने से ज्यादा इंपॉर्टेंट है आप कितने कंप्लीट साइकिल सो रहे हो जैसे कि रोटी है क्वेश्चन ये नहीं है कि आप कितनी रोटी खाओ आप कितनी प्रॉपर पकी हुई रोटी खाओ कुछ चीजें है जो पुराने जमाने से आ रही है कि भा सुबह उठना अच्छा होता है पर साइंस कुछ और बता रही है साइंस बता रही है कि कोई इंसान जिसको को करियर में फाड़ना है शायद अल्कोहल भी नहीं पिया है स्मोक भी नहीं किया है पर स्लीप कम है क्या हो सकता है जिंदगी में सबसे डेंजरस बीमारी कैंसर क्रिस्टियानो रोनाल्डो लेब्रोन जेम्स विराट कोहली
दुनिया के जितने भी सबसे आइकॉनिक खिलाड़ी हैं सारे यह कहते हैं कि उनकी जिंदगी में सबसे इंपॉर्टेंट रिकवरी फैक्टर स्लीप है अभी चाहे आप एथलीट हो या आप एक आम इंसान हो हर किसी को जिंदगी में करियर में सफलता चाहिए आपके सफलता के पीछे कौन से फैक्टर्स होते हैं एनर्जी लेवल्स क्रिएटिविटी कंपोजर यानी कि कामने यह तीन आपको मिलेंगे गहरी नींद से पर गहरी नींद खुद एक स्किल होती है आज के एपिसोड में हमारे देश के एक लीडिंग न्यूरोसाइंटिस्ट और ब्रेन सर्जन डॉक्टर आलोक शर्मा आपको सिखाएंगे नींद के बारे में एक बायोलॉजिकल पर्सपेक्टिव से भी
और एक लाइफस्टाइल पर्सपेक्टिव से भी कि कुछ आसान चीजें करके आप अपनी स्लीप क्वालिटी को कैसे बढ़ा सकते हो सीखिए हमारे देश के एक टॉप ब्रेन सर्जन से एक टॉप न्यूरोसाइंटिस्ट से डॉक्टर आलोक शर्मा एक टीआरएस ऑल स्टार है इनके साथ बहुत सारे एपिसोड्स हम क्रिएट करेंगे पर आज के एपिसोड में द मेन थीम इज स्लीप [संगीत] हमारे देश के एक टॉप ब्रेन सर्जन और टॉप फ्यूचरिस्टिक डॉक्टर का स्वागत है मैं बहुत एक्साइटेड हूं क्योंकि आपसे इंग्लिश में बातें हो चुकी है पर आज देश के लिए और हमारे पीएम मोदी के लिए ये पॉडकास्ट हम
रिकॉर्ड कर रहे हैं थैंक यू रणवीर आपका स्वागत है फिर से टीआरएस में ये पॉडकास्ट हम क्यों रिकॉर्ड कर रहे हैं सर पहले यह बताइए आप एक तो हिंदी में है तो हमारे सब देशवासियों को मिलेगा और दूसरा मैंने देखा था एक वीडियो प्राइम मिनिस्टर मोदी जी ने आपको अवार्ड दिया था शायद बेस्ट डिसर अपटर्स अवार्ड जी और वहां उन्होंने आपको खास बोला था कि आप स्लीप पे एक पॉडकास्ट कीजिए क्या नींद के संबंध में आपको कोई कार्यक्रम करते हैं मैं इसलिए कह रहा हूं कि सचमुच में नींद की बहुत उपेक्षा हो रही है नींद
के संबंध में हम ज्यादा उतने जागृत नहीं है कभी उस पर सोचिए ना तो मुझे लगता है शायद आपने इसलिए बुलाया हमें क्योंकि आई एम अ ब्रेन सर्जन न्यूरोसर्जन और न्यूरोसाइंटिस्ट तो सोने का नींद का पूरा जो बेस है वह ब्रेन में होता है तो एक बार हम यह समझ ले तो उसके उससे हमारी जो हेल्थ है बोथ मेंटल हेल्थ और फिजिकल हेल्थ उस परे बहुत असर पड़ता है पता है सर जिम की दुनिया में ना अलग-अलग सप्लीमेंट होते हैं पर जिम की दुनिया में एक कहावत है कि अगर आप स्लीप को एज अ सप्लीमेंट
ले यानी कि जो फायदे आपको सोने की वजह से मिलते हैं अगर उन सारे फायदों को एक सप्लीमेंट में डाल दे वो दुनिया की सबसे ग्रेट सप्लीमेंट होगी बहुत सही कहा आपने बहुत सही कहा और इस पर बहुत साइंस है यू नो देयर आर प्रेजेंटली 15000 से ज्यादा साइंटिफिक पेपर्स है 15000 जो दिखाते हैं जो आप बोल रहे हो कि सोने के और सही सोने के क्या-क्या मेडिकल फायदे होते हैं सर आज के पॉडकास्ट में हम नींद के बारे में सब कुछ जानेंगे एक साइंटिफिक पर्सपेक्टिव से भी और एक गाइडलाइंस पर्सपेक्टिव से भी कि इस
पॉडकास्ट को देखने के बाद लिसन को नींद के बारे में सब कुछ जानना चाहिए क्योंकि यह शायद एक लाइफ की सबसे बड़ी स्किल होती है फ्रॉम करियर पर्सपेक्टिव फ्रॉम मेंटल हेल्थ पर्सपेक्टिव रिलेशनशिप पर्सपेक्टिव अगर आपने अपनी नींद का ख्याल रखा तो लाइफ आपका ख्याल रखेगी तो नींद को लेकर कहां से शुरुआत करनी चाहिए तो सोने का जो साइंस है वो पहले हमको समझना पड़ेगा मैं बहुत सिंपल वे में समझाता हूं जी जो हमारी नींद होती है वह दो हिस्सों में बटी होती है ओके तो जो सेकंड हिस्सा है उसमें हमारी आंखें हिलती है इसलिए उसको
मेडिकली कहा जाता है आरएम स्लीप रैपिड आई मूवमेंट और उसके जो पहला हिस्सा होता है उसमें हमारी आंखें हिलती नहीं है अगर आप आ घंटे के लिए सो रहे हो तो पहले चार घंटे में नहीं पहले चार घंटे इट इज 8040 वो मैं समझाता हूं तो स्लीप के दो हिस्से होते हैं पहला जो नॉन एपिड मूवमेंट जो 80 पर होता है उसमें आंखें हिलती नहीं और जो लास्ट का 20 होता है उसमें आंखें हिलती है और उसमें हमको सपने आते हैं तो मैं यदि एक सिंपल वे में समझाऊं जैसे हम रोटी बनाते हैं हम आटा
लेते हैं आटा गंते हैं पहले वो तो वो पहला हिस्सा हो गया जो ठंडा है कोल्ड है फिर हम वो जो रोटी बनी है उसको तवे पर डाल वो हीट होती है वो सेकंड हिस्सा है तो नींद के भी ऐसे दो है एक आटा गंदना और एक तवे पर डालना वाह तो एक ठंडा है एक गर्म है तो पहले हम जो ठंडे हिस्से की है उसकी बात करते हैं इसको कहा जाता है नॉन रैपिड आय मूवमेंट तो यह जो पहला हिस्सा है इसमें भी तीन पार्ट होते हैं पहले होता है जो सात से 10 मिनट
तक आप अवेक हो उठे हुए हो पर धीरे-धीरे नींद में जा रहे हो यह पहला फेज होता है फिर एक दूसरा फेज होता है जो 30 मिनट के लिए होता है 30 मिनट्स जिसमें जब हम टेस्ट करते हैं तो जैसे फूलझड़ी में कैसे फूलझड़ी कैसे होती है फट पट पटपट होता है वैसे ब्रेन में स्लीप स्पिंडल होते हैं ऐसे खट खट खटखट ब्रेन में स्पिंडल आ रहे है मतलब क्या हो रहा है एक्चुअली बड़ी इंटरेस्टिंग चीज होती है जो कि खासकर यंगस्टर स्टूडेंट्स के लिए बहुत इंपॉर्टेंट है देखिए ऐसा है हम जो हम जो देख
हमको इंफॉर्मेशन आती है नॉलेज आती है वह पहले हमारे एक ब्रेन का हिस्सा है हिप्पो कैंपस यह जो कंप्यूटर में मम होता है जो मतलब ये जो हिस्सा है जो हिप्पो कैंपस है ये हिप्पो कैंपस में मेमोरी टेंपरेरी स्टोर होती है कुछ टाइम के लिए ओके पर ये यदि सेव नहीं हो तो ये डिसअपीयर्ड प जाओ आप चेक इन करो तो आपको बढ़ते भाई आपका गेट नंबर 22 है अभी आपको जब तक आप उधर पहुंचो नहीं आपको माइंड में रखना है कि आपका गेट नंबर 22 है पर एक बार आपकी फ्लाइट निकल के चली गई
अभी आपको उसको याद रखने की जरूरत नहीं तो ब्रेन क्या करता है अननेसेसरी थिंग्स निकाल देते हैं तो ये जो हिप्पोकेंपस है ये बिल्कुल पेन ड्राइव जैसे है पर इसकी एक लिमिटेड कैपेसिटी है यदि एक पॉइंट आता है कि स्टोरेज के बाद वो फुल हो जाता है अब या तो ब्रेन उसको निकाल देता है डिलीट कर देता है और या इसको हार्ड डिस्क में सेव करना पड़ता है जो तो ये जो हिप्पोकैंप है यहां है मिडल अंदर अंदर की तरफ और जो ऊपर हमारा ब्रेन है जिसको हम फ्रंटल लोप कहते हैं ये एक तरह से
हार्ड ड्राइव है एक बार चीज वहां चली गई वो अभी परमानेंटली रह गई तो स्टूडेंट्स के लिए खास इंपॉर्टेंट है क्योंकि आप जब पढ़ते हो वो चीज आपको याद रखनी पड़ती है ओके तो जब तक हिप्पोकैंप में है जब आप पढ़ते हो पहले हिप्पोकैंप में है आप जब उसको जब वह शिफ्ट हो जाती है फ्रंटल लोब में अभी वो परमानेंटली आपके दिमाग में है अब आप आप एग्जाम में उसको आंसर कर सकते हो तो यह जो काम है हिप्पोकेंपस से फ्रंट लोब में डालना यह ये 30 मिनट्स में होता है ओके तो यदि आपकी स्लीप
ठीक नहीं है तो फिर यह मेमोरी ट्रांसफर इट लाइक कुरियर सर्विस आप समझो और ये चेक किया गया मतलब स्लीप में कि ये जो दो ये जो स्पिंडल होते हैं ना ये दोनों के बीच ये सिर्फ इस एरिया में होते हैं टेंपररी मेमोरी और परमानेंट मेमोरी में ठक ठक ठक ठक आपकी जो चीज ब्रेन डिसाइड कर रहा है क्या जरूरी है और क्या जरूरी नहीं है क्यों क्योंकि एक बार उसने ट्रांसफर कर दिया तो वह उधर जगह खाली हो गई नई चीजों के लिए ओके और ट्रांसफर नहीं किया तो डिलीट हो जाएगा आपके माइंड चला
गया वो अभी नाउ ए आपने इट इज एज गुड एज कि आपने कभी वो सीखा ही नहीं पर ब्रेन को कैसे पता चलता है कि ये डाटा ट्रांसफर करनी है ये डटा हां तो तो वही वो ब्रेन का यही काम है ब्रेन डिसाइड करता है कि क्या जैसे मैंने बोला कुछ चीज ब्रेन को पता है कि भाई ये चीज इंपोर्टेंट नहीं है तो डिलीट कर देते हैं आप मॉल में जाते हैं गाड़ी पार्क करते हैं आपको याद रखनी है आपकी गाड़ी कहां पार्क की है जब आप वापस आओगे पर एक बार मॉल से निकल गए
अभी उसको जरूरत नहीं है तो ये जो काम है यह जो सेकंड फेज है इसमें होता है हम और फिर उसके बाद थर्ड फेज आता है अभी मैं पहले मैं ठंडे फेज की बात कर रहा हूं उसमें टू थ पहला था आप सोने लग गए दूसरा था जिसमें स्पिंडल आते हैं आपकी मेमोरी ट्रांसफर हो रही है जो तीसरा है वह सबसे बड़ा है ऑलमोस्ट एक घंटे का यह जो है डीप स्लीप है और इसमें जो ब्रेन वेव्स है हमारे एकदम स्लो हो जाते हैं और इसमें प्रॉपर जो जिसको हम नींद कहते हैं वह आती है
मैं इस पर वापस आऊंगा तो यह हो गया ठंडा फेस हमने आटा गूं दिया ओके अब इसको तवे पर डालना है यह नेक्स्ट फेज हो गया यह 20 20 पर जो हमारी नींद है रात की ओके ऑलमोस्ट 20 मिनट के करीब क्योंकि यह जो पूरा साइकिल है ये 90 मिनट्स का होता है 90 मिनट का यह जो स्टेज है इसमें ब्रेन जो अवेक स्टेट है ना उससे भी ज्यादा एक्टिव होता है क्योंकि इस फेज में हम सपने देखते हैं अवेक स्टेट यानी कि अब हम जग हु अभी जैसे मैं सपोज आपका अभी मैं ब्रेन वेव
करू ओके ब्रेन वेव चेकिंग करू और जो सेकंड फेज है आरएम में करो इट इज द सेम एंड कुछ एरिया है जो इमोशनल एरिया है उसमें 30 पर ज्यादा है एक्चुअली तो यानी कि जो सेकंड फेज है उसमें हम सोए तो हुए हैं पर ब्रेन अंदर से बहुत एक्टिव है तो यह हो क्या रहा है इसमें तो जो इसको बोलते हैं आरडीएम स्लीप जो सपने वाली स्लीप होती है अब सपनों में होता क्या है अभी ये जो मैं थोड़ी साइंस की बात करूंगा जब हम चेक करते हैं कि ये आरडीएम स्लीप में क्या हो रहा
है तो ब्रेन के चार एरिया एक्टिव होते हैं सबसे पहले तो विजुअल एरिया जो हमारे ब्रेन के पीछे रहता है विजुअल एरिया इसलिए आप देखोगे जो सपने हैं वो विजुअल होते हैं ज्यादा साउंड कम होता है विजुअल विजन ज्यादा होती है ऋतिक रोशन ड्रैगन के ऊपर उड़ रहे हैं शाहरुख खान स्पेसशिप में आए हैं तो वो हां ये सब एगजैक्टली तो ये विजुअल एरिया दूसरा जो एरिया बहुत एक्टिव होता है वो होता है अपना मोटर एरिया जो हिलने वाला इसलिए विजंस में मूवमेंट होता है हमेशा जैसे आपने बताया फ्लाइंग मूवमेंट मूवमेंट आप देखोगे ड्रीम्स में
तीसरा एरिया जो एक्टिव होता है वो ये सेम जो हिप्पोकेंपस है जो टेंपररी एरिया वो एक्टिव होता होता है बट सबसे ज्यादा एक्टिव होता है एक एरिया जिसको हम कहते हैं एमग डेला जो इमोशंस और फियर से रिलेटेड है य जब आप कभी कॉकरोज चिपकली देखो क्या होता है क्या होता है वो एमग डेल है जो जभी भी कोई डर हो जाए या आप पिक्चर देख हो सने कोई डाय चीज जो फियर का एरिया है उसको कहते हैं एमग डला मतलब आपका दिमाग आपसे कह रहा है कि भाई भाग यहां से हां एगजैक्टली तो तो
अभी आप थोड़ा हम समझे सपनों में विजुअल एरिया ब क्योंकि आजकल एमआरआई में डाल के हम देख सकते हैं कौन से ब्रेन एक्टिव है विजुअल एरिया मोटर एरिया मेमोरी एरिया और इमोशंस इसलिए जो सपन हमारे होते हैं उस सपने दे आर ऑल अबाउट इमोशंस बिकॉज द इमोशन एरिया इज 30 पर मोर एक्टिव सपनों के टाइम में 30 पर मोर एक्टिव देन अवेक स्टेट वाह पर इसमें हो क्या रहा है यह सपनों का पर्पस क्या है ये बेसिकली हमारी बॉडी का इंटरनल एआई है या इंटरनल google2 एक्सपीरियंस हुए हैं उसको इकट्ठा करके इससे जोड़ती है ओके
तो जो क्रिएटिविटी होती है हमारी जो ओरिजनलिटी होती है यह आरएम स्लीप में आती है अच्छा इस हिस्से में मैंने चार चीजें तो बता दी जो एक्टिव है पर एक एरिया जो है टोटली शट डाउन हो जाता है और वो है हमारा सामने का फ्रंटल एरिया जो रिस्पांसिबल है लॉजिकल थॉट के लिए जो हम लॉजिकल सोचते हैं ना यह सही है यह गलत वो शट ऑफ हो जाता है इसलिए इन सबतो में कोई सिर पैर लॉजिक नहीं होता आप कुछ भी कर रहे होते हो ओके तो एक तरह से यह जो आरडीएम स्टीप है यह
इंटरनल हाउसकीपिंग है पूरी इंटरनल हाउसकीपिंग होती है जो माइंड में जो भी प्रीवियस डे में हुआ है कचरा कचरा वो सारा क्लींजिंग होता है कचरा क्लींजिंग होती है और इसका साइंटिफिक प्रूफ भी है क्योंकि जब हमारा ब्रेन दिन में एक्टिव होता है तो कुछ टॉ से केमिकल्स बनते हैं ब्रेन में देखा है कि रात के तो हमारे ब्रेन सेल्स होते हैं जिसको न्यूरॉन कहते हैं उसके बगल में एक सेल होता है ग्लाइज सपोर्टिंग सेल सो ब्रेन सेल होता है और एक सपोर्टिंग सेल होता है ग्लायरम तो रात के टाइम और और जो ब्रेन है इट
इज सॉर्ट ऑफ बेद मतलब इट इज सराउंडेड बाय अ फ्लूइड सेरेब्रो स्पाइनल फ्लूइड एक पानी उसको धोता रहता है तो ये नर्व सेल है ये ग्लाइड सेल है नींद में ये ग्लाइड सेल छोटा हो जाता है श्रिंक हो जाता है तो अभी जगह ज्यादा बचती है फ्लूइड मूवमेंट के लिए तो इसको लिंफेटिक सिस्टम कहते हैं इसमें जो जितना जो कचरा है वो वश आउट हो जाता है प्रॉपर नींद के टाइम मतलब ये कम हो गया तो पानी ज्यादा हो गया तो इट्स कॉल्ड लिंफेटिक सिस्टम जिसमें की जो टॉक्सिन है ब्रेन में वो वश आउट हो
जाती है इस वश आउट की वजह से सपने दिखते है नहीं ये वश आउट की वजह नहीं सपने तो अलग होते हैं ये वश आउट इज अ जनरल वश आउट मतलब अपनी अपनी जो ब्रेन में जो भी हुआ है तो टॉक्सिन निकालना तो ब्रीफ मैं फिर से कहता हूं कि एक ठंडा ब्रेन और एक गर्म नॉन आ आएम आरडीएम अच्छा जो आरडीएम है उसमें एक और चीज होती है हमारी बॉडी टोटली पैरालाइज हो जाती है बिल्कुल पैरालाइज क्यों इसलिए नहीं तो आप जो सपने देख रहे हो ना आप उसको करने लग जाओगे आपके हाथ पैर
आप उठ के भागने लग जाओगे इसलिए बड़ी इंटरेस्टिंग चीज होती है जो आरडीएम स्लीप है जो सेकंड वाली उसमें एक तो आपकी आंखें मूव हो रही है आंखें क्यों मूव हो रही है जो आप सपने में देख रहे हो आंखें उसको ट्रैक कर रही है ओके तो आपकी आंखें मूव हो रही है आप सांस ले सक रहे हो पर आपके हाथ पैर पैरालाइज्ड है टोटली पैरालाइज कि भई आप उठके मतलब कुछ करने नहीं लग जाओ जो पहला जो स्लीप हिस्सा जो फर्स्ट वाला होता है उसमें बॉडी पैरालाइज नहीं होती मैं बचपन में खुद मुझे स्लीप
में नींद में इंटरेस्ट इसलिए है क्योंकि बचपन में मैं स्लीप वकिंग करता था मतलब मैं सडली उठ के चला और कई बार मैं उठके मैं मतलब दरवाजे के पास खड़ा हो जाता था और दरवाजा खोलने की कोशिश करता था और सडी मम्मी मम्मी आती थी और ो मुझे ले जाती थी और सो मुझे याद है एक बार तो हम दिल्ली में हमने जी के यहां रहते तो वहां टेरेस में इंश गर्मी के मौसम में हम टेरेस प सब सोते थे तो एक बार जो टेरेस की पैरा पिट है मैं रात को उस पर चल रहा
था मुझे वहां से मुझे याद है वहां से पकड़ा गया तो इसलिए मुझे थोड़ा खास इंटरेस्ट है कि स्लीप वकिंग क्या तो स्लीप वकिंग पहले फेज में होती है नॉन आरडीएम में क्योंकि वहां आपके मसल्स चल रहे हैं आपकी बॉडी हिल रही है वहां इतने सपने नहीं आते थोड़े सपने आते हैं पहले हिस्से में पर वो जो सपने आते हैं वो लिटिक सपने होते हैं मतलब जो आपके आपके घर में होते हैं आप जो काम कर रहे हो मतलब जो नॉर्मल ऐसा लगता है कि वो नॉर्मल एक्टिविटी है आरएम स्लीप में कुछ भी होता है
मतलब एकदम स्ट्रेंज चीजें होती है तो पहले वाले में सपने कम होते हैं पर जो होते हैं वो थोड़े रियलिस्टिक होते हैं आरएम में टोटली अनरियलिस्टिक होते हैं फुटबॉल मैच से लौटने के बाद उस रात जब मैं सोता हूं ना कभी-कभी जब मैं लेटा हुआ होता हूं बेड पे मैं एक लात मारता हूं ऐसा लगता है कि बॉल बॉल आ रहा है उसे पास करना है ये उस पहले पहले फेज में क्योंकि आपकी ब्रेन एक्चुअली सोने को ट्राई कर रही है सोने की कोशिश कर रही है करेक्ट और कुछ कुछ लोग स्पेशली टीनेज में ये
स्कूल में बहुत होता था लड़कों के साथ बहुत होता है कि आप सो रहे हो आप सोने की कोशिश करो और सडली आपकी बॉडी ऐसे कक करके हिलेगी ये उसी फेज की वजह से ये फर्स्ट फेज में होता है ओके सेकंड फेज में आपकी बॉडी कंपलीटली पैरालाइज है बिल्कुल हिल ही नहीं सकती ओके तो ये दो फेज है स्लीप का एक बड़ा इंटरेस्टिंग हमको लर्निंग मिला है जानवरों से तो आपको यह इंटरेस्ट हो सुनने में कि हर जानवर चाहे इंसेक्ट हो कॉकरोज हो रेप्टाइल हो फिश है सब सोते हैं पर सबका सोने का तरीका अलग
होता है ओके तो जो बेसिक छोटे एनिमल होते हैं इंसेक्ट ये वो वगैरह तो उनमें सिर्फ जो पहला स्लीप था नॉन आरएम स्लीप वही होता है उनमें आरएम स्लीप नहीं होती आरएम स्लीप सिर्फ बर्ड्स और मैमल्स में होती है समुंदर में डॉल्फिंस और वेल्स होते हैं ओके अब आपको पता है डॉल्फिंस एंड वेल्स को ना वो हालांकि पानी में होते हैं उनको बाहर आना पड़ता है ब्रीद करने यू नो दे हैव टू कम आउट बिकॉज दे वो मैमल्स है तो इनमें बड़ा इंटरेस्टिंग होता है यदि वो सो जाए तो वो तो डूब जाएंगे डॉल्फिंस में
और वेल्स में एक हाफ ब्रेन सोता है ओके दूसरा नहीं सोता तो एक सो जाता है दूसरा अवेक रहता है और उससे वो ऊपर आके ब्रीद करते हैं वाह दूसरा इनमें आरडीएम स्लीप नहीं होती जो अ बिल्कुल नहीं होती क्यों क्योंकि यदि आरडीएम स्लीप होगी तो आरडीएम स्लीप में बॉडी पैरालाइज हो जाती है ओके तो वो पैरालाइज हो जाएगी तो वो डूब जाएंगे तो इनमें यह बड़ा इंटरेस्टिंग है कि इनमें वन हाफ ब्रेन सोती है दूसरी हाफ नहीं सोती और इनमें आरडीएम स्लीप नहीं होती बर्ड्स भी बड़ा इंटरेस्टिंग है बर्ड्स जो होती है वो भी
ऐसा कर सक बर्ड्स जो कुछ बर्ड्स होती है जो कि वो जो माइग्रेट होती है ना फॉर एक शायद येलो कुछ स्पैरो है जो कि कई हफ्ते महीने विदाउट स्लीप चलती है पर वो सोते सोते दे स्लीप फॉर माइक्रो सेकंड्स मतलब वो सोते हैं कुछ टाइम के लिए एज दे स देन दे वेक अप अगेन तो स्लीप उनके लिए भी इंपोर्टेंट होती है बर्ड्स में एक इंटरेस्टिंग चीज होती है वो पता है कैसे सोते हैं हाफ ब्रेन जब वो जब वो अकेले होते हैं या उनको डेंजर फील होता है तो उनका हाफ ब्रेन सोता है
और उसके अपोजिट साइड की हाफ आग बंद होती है दूसरा साइड अवेक होता है और यह आग खुली होती है तो उनका भी आधा-आधा होता है पर जब वो सेफ होते हैं फ्लॉक में होते हैं उनके दोनों दोनों ब्रेन एक साथ सो जाते हैं मतलब वो दोनों ब्रेन सो सकते हैं पर जब वो अकेले होते हैं डेंजर में होते हैं तो बर्ड्स जो होती हैं एक हाफ सोता है और एक हाफ खुली रहती है हम तो नेचर ने बड़ा इंटरेस्टिंग ये बनाया है आल्सो जो प्राइमरी जो मंकीज एब्स वगैरह है जो ऊपर झाड़ों पे सोते
सोते हैं उनमें आरडीएम स्लीप नहीं होती है बहुत कम होती है क्यों क्योंकि आरडीएम स्लीप में आपकी बॉडी पैरालाइज हो जाएगी तो आप गिर जाओगे ओके तो दिस इज वेरी इंपॉर्टेंट कि जो हर एनिमल में भी स्लीप और आरएम स्लीप हर में थोड़ी अलग होती है पर मैं ये सोच रहा हूं कि ये जो बंदर लोग होते हैं वो मोस्टली तो वेल रेस्टेड रहेंगे राइट उनके लाइफ में फोन वन नहीं है हां तो आई एम अजूम कि हम भी बंदर से इवॉल्व होके बने हैं हां तो जैसे-जैसे ह्यूमंस बने वैसे-वैसे हमारे ब्रेंस को आरएम स्लीप
की जरूरत लगी एगजैक्टली इनफैक्ट ये कहा जाता है कि आरडीएम स्लीप क्योंकि हम जब ह्यूमंस बने तो हम जमीन पर सोने लग गए ऊपर सोने का फायदा क्या था कि भाई आपको कोई अटैक नहीं करता है तो ह्यूमंस नीचे सोने लग गए और पहले उनका प्रोटेक्शन था फायर जब फायर करते थे तो यू नो नोबडी यूज टू कम फिर जैसे ही वो सोने लग गए बिकॉज ऑफ आरडीएम स्लीप ओके उनका ब्रेन इवॉल्व होने लग गया तो एक ये थोरी है कि आरडीएम स्लीप की वजह से हमारी क्रिएटिविटी आई मैं आपको बड़ा इंटरेस्टिंग एग्जांपल दे थॉमस
एड का आपने नाम सुना होगा जिसने इलेक्ट्रिक बल्ब इल्व किया वो पता कैसे बड़ी इंटरेस्टिंग है वो क्या करते उनके बड़े इन्वेंशन है उन्होने इतने क्रिएटिव इन्वेंशन की हैं वो पता है चेयर पे बैठ के सोते थे सामने कागज और पेंसिल रखते थे ओके और हाथ में बॉल बेरिंग रखते थे और नीचे बॉल बेरिंग के नीचे एक फ्राइंग पैन इनवर्ट करके सो जाते थे तो फिर जब वो सो जाते थे तो उनका जो पहला ड्रीम का पहला जो सोने का टाइम है नॉन आरडीएम वो सो गए जैसे ही वो आरडीएम में शिफ्ट हुए ओके मतलब
ड्रीमिंग में जहां मैक्सिमम क्रिएटिविटी होती है तो बॉडी पैरालाइज हो जाती है तो क्या हुआ यह गिर जाता है और वो खट करके आवाज आती है फिर इमीडिएट उठते थे कि उस वक्त क्या ख्याल आया और लिख देते थे क्योंकि वैसे हमको सपने याद नहीं आते तो उन्होंने इस तरह से कई ऐसी इंवेंशंस किए जो कि म आप समझ गए उनका ट्रिक जी सपने में उठ के आप लिख दो हमारे शो पर एआर रहमान सर आया अमित त्रिवेदी सर आए करण ओजला आए तीनों ने ये कहा कि उन्हें ट्यूनस अपने सपनों में सुनाई देते हैं
जो ट्यूनस उन्हें सपनों में सुनाई दिए हैं वो बहुत बड़े ब्लॉकबस्टर गाने बने हैं अ आई आल्सो बिलीव अ एक आप इसका साइंटिफिक लॉजिक समझाइए एक लॉजिकल पार्ट ऑफ द ब्रेन होता है और इमोशनल पार्ट ऑफ द ब्रेन होता है और सोते वक्त डेटा ट्रांसफर हो जाती है हम जब सोते हैं तो मैंने बोला पहला एक नॉन आरडीएम स्लीप और आरडीएम स्लीप तो नॉन आरडीएम स्लीप जो पहला जो असली नींद होती है जब हमारा ब्रेन भी शांत होता है उस वक्त जो टेंपररी मेमोरी है वो परमानेंट में चली जाती है पर जब हम सपने में
होते हैं आरडीएम स्लीप जब सपने आते हैं तभी जो लॉजिकल ब्रेन है है वो शट होती है एकदम आप स्कैन में जाओ आपका जो लॉजिकल ब्रेन है बिल्कुल नहीं काम कर रहा समझाओ कि लॉजिकल ब्रेन होती क्या है सर लॉजिकल हमारे जो सामने ये जो हिस्सा है ये जो ब्रेन है जो सोचती है डिसाइड करती है एग्जीक्यूटिव डिसीजन लेती है ये करना है वो करना है जैसे आपको डिसाइड करना है किसको पॉडकास्ट के लिए बुलाना है क्या करना है ये आप ये एक इंटेलिजेंट एक्टिविटी है मतलब जो ब्रेन जिंदगी जी रही है जी जी हां
वो सपनों के टाइम में शट ऑफ हो जाती है बंद हो जाती है और आपकी जो इमोशनल ब्रेन है इमोशनल ब्रेन क्या है तो इमोशनल ब्रेन हमारा ब्रेन यह जो हिस्सा है यह थोड़ा बाहर का सामने वाला हिस्सा है हमारा मिडिल में और सेंटर में एक इमोशनल ब्रेन सिस्टम है इसमें दो तीन पार्ट होते हैं जो मेन होता है वोह है एक एमग डला जिसका जिससे जिसमें सब फियर होता है नेगेटिव इमोशन होते हैं और एक लिंब सिस्टम नाम का एरिया होता है तो हमने देखा है कि जो सपनों में नेगेटिव इमोशन ज्यादा आते हैं
पॉजिटिव इमोशन कम होते हैं और इसका एक पर्पस है क्या होता है कि जो भी हमारे लाइफ में अच्छी चीजें नहीं है जैसे कुछ बुरा हुआ है हमारे साथ तो आप देखोगे कि जब आप उसके बारे में सोचो उस इवेंट के बारे में आपको वो इवेंट याद आएगा पर उस इवेंट में उस वक्त जो इमोशनल पेन होगा ना वो ब्लंटेड होता है आपको वो एगजैक्टली वो इमोशन फील नहीं होता बिकॉज सपनों में क्या होता है यह जो अनप्लेज्ड हमको खत्म कर देंगे तो इसलिए आरडीएम स्लीप बहुत इंपॉर्टेंट है कि जो भी हमारी लाइफ में अच्छा
नहीं हुआ मेमोरी नहीं जाती उसका इमोशनल कंटेंट हट जाता है और इस टाइम में क्योंकि जो लॉजिकल ब्रेन है वोह कट ऑफ होता है और इसमें सिर्फ इमोशनल ब्रेन विजुअल ब्रेन मोटर ब्रेन और मेमोरी सिर्फ यह एक्टिव होते हैं तो इसकी वजह से क्रिएटिविटी आती है तो बहुत रिसर्च किया गया है कि मतलब इसम बहुत स्टडीज की गई है कि आप किसी को आठ घंटे सलाओ किसी को चार घंटे सलाओ उसमें दिखेगा कि जो आठ घंटे सो होता है यदि आप उनको जैसे पजल्स क्विज दो ये वगैरह तो उनका परफॉर्मेंस बेटर होता है जिसने कम
सोए हैं उनका कम होता है ये स्टूडेंट्स में भी स्टडी किया गया है कि जो पूरा आठ घंटा सोते हैं उनका एग्जाम परफॉर्मेंस बेटर होता है जो कम सोए हैं उनका एग्जाम परफॉर्मेंस कम होता है अब देखो इंपॉर्टेंट चीज क्या है लोग पूछते हैं भाई कितना टाइम सोना चाहिए ओके कितने टाइम सोने से ज्यादा इंपॉर्टेंट है आप कितने कंप्लीट साइकिल सो रहे हो क्योंकि एक 90 मिनट का साइकिल होता है ओके आपको पूरी साइकिल कंपलीट करनी है जैसे कि रोटी है तो इतनी क्वेश्चन यह नहीं है कि आप कितनी रोटी खाओ आप कितनी प्रॉपर पकी
हुई रोटी खाओ एक एग्जांपल देता हूं सपोज आपने तीन अच्छे से पकी हुई रोटी खाई या आपने तीन पकी हुई रोटी और जो चौथी है वह कच्ची है आधी मतलब खाई नहीं ठीक से तो आपको इंजेशन हो जाएगा तो नींद का सबसे बड़ा जो कल्प्रिट्स में उठाती है आप देखोगे आप जब भी अलार्म क्लॉक से उठो ना तो पूरे बॉडी एकदम अजीब सा लगता है झटक के उठते हैं आपका एक्चुअली ब्लड प्रेशर थोड़ा हाई हो जाता है हार्ट बीट करने लगता है और थोड़ा अजीब सा लगता है ओके तो नींद के बारे में बेस्ट चीज
यह है कि आपको अपने आप उठना चाहिए बिकॉज अपने जब बॉडी का एक साइकिल कंप्लीट होता है तो बॉडी अपने आप आपको उठाती है जब आप फर्स फोर्सफुली ये तो ऐसा हुआ कि भ आपने रोटी तवे पे रखी और पूरी सीकी नहीं है आपने उसको आधी कच्ची खा ली ओके एक प्रैक्टिकल पर्सपेक्टिव से भी अप्रोच करते हैं सर क्योंकि बहुत सारे ऑफिस जाने वाले लोग यह पॉडकास्ट सुन रहे हैं अलार्म क्लॉक शायद नहीं हट पाएगी लोगों के लाइफ से बट अलार्म क्लॉक का इस्तेमाल हो सकता है टू क्रिएट अ नेचुरल स्लीप साइकिल इनिशियली मान लो
कोई एक हफ्ते के लिए अलार्म क्लॉक यूज करो मैं उल्टा कहता हूं मैं कहता हूं कि उठने के लिए अलार्म क्लॉक नहीं रखने चाहिए सोने का अलार्म क्लॉक लगाना चाहिए आपको आपको एक अलार्म लगाना चाहिए 1100 बज गए हैं अभी मुझे सोना है मैं तो उल्टा एडवाइस करता हूं क्यों क्योंकि यदि आपको 9:00 बजे निकलना है ऑफिस के लिए ओके तो आपको यदि 8 बजे उठना है तो यदि आपकी रिक्वायरमेंट 8 घंटे है तो आप 12:00 बजे का अलार्म लगाओ कि 12:00 बजे सोना है मब 12:00 बजे सब काम बंद पार्टी बंद सब कुछ बंद
मैं ये भी मानता हूं कि 12:00 बजे से दो घंटे पहले फोन का अलार्म क्लॉक रखना चाहिए कि फोन अभी रखो विराट कोहली लेब्रोन जेम्स टॉम रेडी जितने भी सबसे बड़े एथलीट्स है ये रूल फॉलो करते है अब उनका कोई पॉडकास्ट हो ना हमेशा ये कहते हैं कि 10 पीएम ऑल लाइट्स आउट बहुत सही और मतलब ये विराट और लेब्रोन कह रहे हैं तो कुछ तो लॉजिक होगा मैंने ये जाना कि वो नाइट रूटीन बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट है कि सोने से पहले आप क्या करते हो फोनस को अवॉइड करना स्क्रीन को अवॉइड करना क्योंकि ब्लू
लाइट निकल के आती है ये आप शॉर्ट में समझा सकते हो कि ब्लू लाइट होती क्या है हमारे जो एक होती है नेचुरल लाइट जो सूरत से आती है दूसरी जो हमारे जो इलेक्ट्रिक बल्ब्स की जो लाइट्स है और ब्लू लाइट एक अलग लाइट है जो कि डायरेक्टली हमारे जो विजुअल जो हमारा ब्रेन का एक हिस्सा है वहां जाके उसको स्टिमुलेटिंग रिलीज होना चाहिए पायनियल ग्लैंड से जब आप ब्लू लाइट देखो तो वो नहीं होता मतलब मेलाटोनिन की वजह से आपको नींद फील होती है मेलाटोनिन नींद को ट्रिगर करती है मतलब वो आपको सोने एक
सिग्नल होता है अभी आप सो जाओ तो जब आप ब्लू लाइट देखते हो तो ये जो हमारा जो पेस में एक तरह से बायोलॉजिकल क्लॉक है वो पायनियल ग्लैंड को सिग्नल नहीं देता और जब वो सिग्नल नहीं देता मेलाटोनिन रिलीज नहीं होती तो ब्लू लाइट ब्रेन को ट्रिक करती है कि अभी भी अ अंधेरा नहीं हुआ ओके तो इसकी वजह से नींद जो है हमारी डिस्टर्ब हो जाती है मेरे हिसाब से ये सबसे मेन प्रॉब्लम है आज के जमाने में कि सोने से पहले फोन को देखना टीवी को देखना कंप्यूटर को देखना एज अ डॉक्टर
आप सहमत हो 100% ये आज सबसे बड़ा प्रॉब्लम है खासकर जो हम सोने के पहले मोबाइल फोस देखते हैं अच्छे सोने के गाइडलाइंस एस फॉलोइंग है सबसे पहले मैं कहता हूं कि हमारा जो सोने का टाइम है वह फिक्स होना चाहिए और यह टाइम एवरी डे फिक्स होना चाहिए ऐसा नहीं है कि आज आप 8 बजे सोए कल 10 बजे सोए ऐसा क्यों क्योंकि आपकी बॉडी फिर उसको यूज टू हो जाती है और फिर आप उसी वक्त रोज आपको अपने आप नींद आएगी आपको फोर्स नहीं करना पड़ेगा और आप अपने आप नेचुरली उठोगे यह पहली
बात दूसरा कि हमको जो है कुछ चीजें हैं जो सोने के पहले नहीं करनी वो क्या-क्या है सबसे पहले बहुत हैवी खाना नहीं खाना खाना जो है डिनर कम से कम तीन से चार घंटे पहले करना है दूसरा निकोटीन और कैफीन यानी कि कॉफी चाय चॉकलेट्स यह सारी चीजें जो है यह सोने के कम से कम तीन घंटे पहले नहीं लेनी है क्योंकि आप कोई भी कैफीन की चीज लोगे तो आपको नींद रात को ठीक से नहीं आएगी चाय कॉफी ग्रीन टी या कोई कोई भी चाय कॉफी चॉकलेट सब कई बार चॉकलेट खाते हैं रात
को तो उसमें भी जो होते हैं केमिकल्स व हमको वेक रखते हैं तो यह हमको अवॉइड करना है अल्कोहल इन एनी फॉर्म तो अल्कोहल हम लेते हैं हमको लगता है कि हमको जल्दी नींद आती है पर एक्चुअली जो नींद होती है उसकी क्वालिटी खराब होती है और हमारी आजकल जो रिसेंट रिसर्च है स्लीप के ऊपर वो बहुत बदल गई है पहले स्लीपिंग पिल्स दी जाती थी आजकल एडवाइस किया जाता है कि स्लीपिंग पिल्स नहीं लेना एक्सेप्ट फॉर एब्सलूट नेसेसिटी क्योंकि स्लीपिंग पिल से भी क्वालिटी ऑफ स्लीप खराब हो जाती है फिर मोस्ट इंपोर्टेंट आज कल
जो हो गया है हम जो स्क्रीन टाइम करते हैं पहले हम मोबाइल फोन प रहते हैं और इसमें पहले जमाने में तो एडवाइस किया जाता था कि बुक्स पढ़ना है पर आजकल अभी पॉडकास्ट भी सुन सकते हैं जिससे कि विजुअल नहीं होता बट आपका जो माइंड है वो पर पॉडकास्ट अच्छे वाले पॉडकास्ट जो कि आपको स्पम मतलब जो आपको काम डाउन करें जी फिर इसके अलावा ऐसा सजेस्ट किया जो आपका बेडरूम है यह बहुत इंपॉर्टेंट है तो बेडरूम शुड बी कूल एंबिएंट टेंपरेचर अबाउट 18 डिग्री के आसपास इट शुड बी डार्क मतलब कोई लाइट वाइट
आजकल ना लाइट्स होती है य तो सारी लाइट्स बंद कर देनी चाहिए बिकॉज थोड़ी सी भी लाइट आई वह आपका जो ब्रेन को है वह सिग्नल करती है कि अभी अंधेरा नहीं हुआ और ये कंप्लीट अंधेरा का फायदा ना आपको सिर्फ एक्सपीरियंस करने के बाद पता चलेगा पूरा पूरे अंधेरे में जब आप सोते हो वो स्लीप की क्वालिटी अलग होती है और अगर आपके पूरे रूम में पूरा अंधेरा नहीं है मैं सजेस्ट करता हूं कि एक आईपैच ले लो वो जो आप आंखों पे डालते हो वो बहुत इफेक्टिव होता है सही सही कहा आपने और
रूम एज अ रूल शुड बी गैजेट फ्री ना टीवी होना चाहिए और आप यह रख लो कि भा आजकल मोबाइल तो बगल में रखना पड़ता है बिकॉज कॉल्स वगैरा आते हैं बट ट्राई टू अदर वाइज लैपटॉप आईपैड ये बिल्कुल रूम में आने ही नहीं चाहिए ऐसा रूल ही बना लो तो फिर वो एक माहौल हो जाता है कि जैसे ही आप आप गए बेड पे तो नींद आ जाती है फिर नेक्स्ट चीज यह है कि हमको जब तक नींद नहीं आती हमको बेड पे नहीं जाना चाहिए कई बार हम बेड पे जाके सोने की कोशिश
करते हैं उसमें ना वोह बहुत स्ट्रेच हो जाता है तो बेड पर तब जाना है जब हमको स्पन अस एक नींद जैसे आने लग जाए तब हमको बेड पर जाना है कि वी श इट इज इंपोर्टेंट कि जैसे ही आप बेड प जाओ आप तुरंत विदन फ्यू मिनट्स आपको नींद आ जानी चाहिए पर अगर कोई स्लीप साइकिल फिक्स करने की कोशिश कर रहा है मैं खुद की लाइफ से एक प्रैक्टिकल टिप देना चाहूंगा मतलब जब मैंने मेरी स्लीप साइकिल फिक्स करी थी यही प्रॉब्लम था कि अक्सर मैं 4:00 बजे 5:00 बजे सोता था और मुझे
1 बजे 12 बजे सोना था तो उस एक दो हते के ट्रांजिशन पीरियड में मैंने बहुत ज्यादा कार्डियो करना स्टार्ट किया बट शाम के 4:00 बजे 5:00 बजे फुटबॉल खेलता था ज्यादा डांसिंग करता था ज्यादा एकदम थक जाता था फिर ऑटोमेटिक ना आपको रात को नींद फील हो जाती है पर ये कार्डियो का 6 घंटे का गैप रहना चाहिए तो जो एक्सरसाइज है ऐसा रिकमेंड किया गया है साइंटिफिकली कम से कम तीन घंटे का मिनिमम गैप होना चाहिए बिफोर यू डू एनी एक्सरसाइज बिकॉज़ यदि आप एक्सरसाइज करो तो आपकी बॉडी में ना हीट हो जा
मेटाबॉलिक एक्टिविटी इंक्रीज हो जाती है और बॉडी को सोने के लिए जो इंटरनल कोर टेंपरेचर वो टेंपरेचर कम होना चाहिए तो इसलिए जब एक्सरसाइज करो तो टेंपरेचर थोड़ा हाई होता है तो एक्सरसाइज कम और जो और एक और मैं रिकमेंड करता हूं कि सोने के पहले थोड़ा आप जो पूरा आपके दिन में हुआ है उसको बस रिकॉल कीजिए जैसे कैटलॉग कीजिए और जो नेक्स्ट डे आपको करना है उसकी भी एक प्लानिंग कीजिए तो इसमें जो रात को आपका जो ब्रेन है वह जो ऑलरेडी हुआ है उसको उसकी साफ सफाई करके उसको ठीक कर देता है
और जो नेक्स्ट डे है उसकी तैयारी करता है तो ये जो हम बेसिक प्रिंसिपल यदि फॉलो करें तो इससे नींद हमको अच्छी आएगी मोस्ट इंपॉर्टेंट जो क्वालिटी कि जो क्वालिटी ऑफ स्लीप है उसका डायरेक्ट इफेक्ट हमारे माइंड प होता है उसका डायरेक्ट इफेक्ट जो स्टूडेंट्स है जो एग्जाम परफॉर्मेंस प होता है उसका डायरेक्ट इफेक्ट जो स्पोर्ट्समैन है उनकी परफॉर्मेंस पे होता है उसका डायरेक्ट इफेक्ट क्रिएटिविटी पे होता है सो यह जो हमारी लाइफ की जो सब इंपॉर्टेंट चीजें हैं इसका स्लीप से सब जुड़ा हुआ है प्लस एक और चीज होती है सर कि अगर आप
अच्छे से सो रहे नहीं हो रात को लगातार तो फिर आप इरिटेबल हो जाते हो यानी कि तुरंत से गुस्सा आ जाता है फैमिली पर अपने गर्लफ्रेंड पर वाइफ पर अ इट्स नॉट अ हेल्दी प्रैक्टिस फॉर योर इंटरपर्सनल रिलेशनशिप्स आल्सो बहुत सही काम अगर आपकी नींद अच्छी है लाइफ भी अच्छी हो जाएगी क्योंकि हैप्पी वाइफ इज हैप्पी लाइफ एब्सलूट गो न स और कुछ और छोटी-छोटी चीजें ऐसे कहा जाता है कि यदि सोने के पहले आप एक हॉट वाटर बात ले तो तो उससे बड़ी अच्छी नींद आती है तो यह छोटी सी टिप्स है आपकी
क्लोथ्स कंफर्टेबल होने चाहिए आई डेफिनेटली आल्सो वांट टू टॉक अबाउट स्ट्रेचिंग प्राणायाम मेडिटेशन ये भी मैंने खुद एक्सपीरियंस किया ये बहुत बड़ा गेम चेंजर था मेरे लिए बहुत लाइट स्ट्रेचिंग सेशंस जो भी इंसान एक फिट लाइफ स्टाइल फॉलो करता है वेट ट्रेनिंग को लेकर या स्पोर्ट्स खेलता है स्ट्रेचिंग की जरूरत वैसे भी होती है क्योंकि आपकी बॉडी एकदम टाइट बन रही है उस एक्टिविटी की वजह से तोय हर रात 1015 मिनट की स्ट्रेचिंग सेशन अगर कर ली वो ऐसी स्ट्रेच कर ली अपने लेग्स को स्ट्रेच कर दिया बम को स् स् कर दिया और ये
स्ट्रेचिंग सेशन आपको कहीं भी मिल जाएंगे मैंने खुद एक प बनाई है ये सब के लिए उसकी मार्केटिंग नहीं कर रहा हूं बट कर भी रहा हूं इटस कॉल्ड लेवल सुपर पर माय पॉइंट इज ये स्ट्रेचिंग सेशन होनी चाहिए स्पेशली अगर आपका दिमाग बहुत ज्यादा काम कर रहा है तो एक स्ट्रेचिंग सेशन के बाद दिमाग बहुत शांत हो जाता है आई बिलीव इसका साइंस ये है कि पैरासिटिक नर्वस सिस्टम ट्रिगर हो जाता है स्ट्रेचिंग सेशन से करेक्ट सही है पैरा सिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम क्या है तो हमारी बॉडी में दो नर्वस सिस्टम है एक है जो
कॉन्शियस नर्वस सिस्टम हम जो सोचते हैं डिसाइड करते हैं और एक है एक सब अनकॉन्शियस सिस्टम जो कि हमारी बॉडी को कंट्रोल करता है इसको बोला जाता है ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम अच्छा इसके दो हिस्से होते हैं एक होता है सिंपैथेटिक एक होता है पैरा सिंपैथेटिक थोड़ टेक्निकल वर्ड्स है सिंपैथेटिक वो सिस्टम होता है जो जब यदि हमको अपनी जान बचानी होती है जैसे अभी शेर एक डियर के पीछे भाग रहा है तो उसको फास्ट रन करना पड़ता है तो उसमें क्या होता है कि ब्लड प्रेशर हाई होता है हार्ट रेट हाई होता है मसल टाइट
हो जाते हैं अ तो तो ये जो होता है ये हमारी बॉडी में स्ट्रेस हार्मोन होता है कॉर्टिजोन एड तो ये सारे रिलीज होते हैं जिससे कि हमारी बॉडी रेडी होती है खतरे के लिए जी सिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम मतलब बना गया था टू फाइट इमरजेंसीज ओनली पर जब हम स्ट्रेस्ड आउट होते हैं हम वो सिस्टम हमेशा यूज करते हैं और जो सारी मॉडर्न बीमारियों का जड़ है जो हाइपरटेंशन है कार्डियक डिजीज है डायबिटीज है ये सबका एक बेस है कि हम सिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम को ओवर यूज करते हैं हम हम अभी जो पैरासिटिक नर्वस सिस्टम
है उसका बिल्कुल अपोजिट इफेक्ट है उससे ब्लड प्रेशर कम होता है हार्ट रेट कम होता है आपके बबल मूवमेंट अच्छे हो जाते हैं बहुत सार जो ग्लूकोज लेवल है वो कम हो जाता है मतलब वो जो पैरासिप नर्वस सिस्टम है वो हीलिंग सिस्टम है वो बॉडी को रिपेयर करता है जो भी स्ट्रेस हुआ है वह बॉडी को रिपेयर करता है और हमने एक जब हम साइन हॉस्पिटल में 1990 में एक बहुत अच्छा रिसर्च प्रोजेक्ट किया था हमारे फिजियोलॉजी डिपार्टमेंट में जिसने हमने अपने स्टाफ के ऊपर योगा किया था और दे था कि जो योगा के
इफेक्ट होते हैं वो सारे के सारे पैरासिटिक नर्वस सिस्टम को ही स्टिमुलेटिंग हम ज्यादा यूज करते हैं उसको बैलेंस करने के लिए जो पैरासिटिक है वो यूज नहीं होता तो योगा जो है और योगा इ इन अ फॉर्म स्ट्रेचेज एंड प्रणाम वो पैरा सिंथेटिक को स्टिमुलेटिंग गया है मेरे नर्वस सिस्टम के तू चच पार्ट ऑफ द ऑटो ऑटोनोमी ऑटोनोमी नहीं ऑटोनोमी के नीचे सिंथेटिक और पैरा सिंथेटिक है ऑटोनोमिक इ कॉमन उसके नीचे दो है ऑटोनोमिक के साइड में क्या है मतलब ये कैसे मूव हो रहा है नहीं ये कॉन्शियस ब्रेन है हमारा मतलब एक जो
हम बोलते हैं कॉन्शियस ब्रेन जिससे हम सोचते एक्टिविटी करते हैं वो पूरा मेन ब्रेन व्हाट इज द नर्वस सिस्टम ऑन दैट इट जस्ट कॉल्ड द सेंट्रल नर्वस सैट्स द नर्वस सिस्टम कैन यू से इट्स डिवाइडेड इन टू सेंट्रल नर्वस सिस्टम एंड ऑटोनोमिक ऑटोनॉमिक यस परफेक्ट तो बेसिकली अगर मुझे मेरा हाथ ऐसे मूव करना है तो सेंट्रल नर्वस सिस्टम की वजह से हो रहा है अगर मैं स्पोर्ट्स खेल रहा हूं वो भी सेंट्रल नर्वस सिस्टम की वजह से हो रहा है कोई भी मूवमेंट कोई भी सोच विचार डिसीजंस पर बॉडी में एक छुपा हुआ भी नर्वस
सिस्टम होता है जो है ऑटोनोमिक ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम ऑटोनोमिक के दो हिस्से होते हैं हम स्ट्रेस वाला हिस्सा सिंथेटिक होता है और शांति वाला हिस्सा प परे तो अगर शांति वाले हिस्से को ट्रिगर करना है जो बहुत जरूरी है आपके खुद के हेल्थ के लिए हर दिन वो ट्रिगर होना चाहिए क्योंकि वैसे भी शहर में रहकर हर दिन सिंपैथेटिक नर्व सिस्टम ट्रिगर हो रहा है बहुत सही कहा आपने तो पैरासिटिक नर्वस सिस्टम को अगर ट्रिगर करना है योगा करो स्ट्रेचिंग करो प्राणायाम करो मेडिटेशन करो ये होता है इन सारी चीजों का लॉजिक साइंटिफिक लज सही
कहाने बिल्कुल एट और यह हमारे संस्कृति में लोगों को पता था पहले पहले से पहले से पता था एट ये नाम नहीं दिए गए थे शायद ओके एनीवे अ कैन वी मूव ऑन नेक्स्ट गाइडलाइन अ तो दो तीन पॉजिटिव गाइडलाइंस ये है कि स्ट्रेचेज प्राणायाम मेडिटेशन अ और कडलिंग वेरी इंपोर्टेंट बिकॉज ये जो रिलीज करता है केमिकल्स खासकर डोपामिन ऑक्सीटोसिन वगैरह वो आपको बहुत अच्छे से नींद देता है रात को सेक्स और कडलिंग की वजह से आपको नींद फील हो सकती है बहुत अच्छी नी आती है ओके अ इसलिए शायद शादी करने के बाद लाइफ
शांत हो जाती है और उसमें ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम काफी उसमें पैरासिप पेटिक की काफी एक्टिविटी होती है सो एक ऑटोमेटिक इंटरनल रिलैक्सेशन हो जाता है ओके अ और कोई पॉजिटिव गाइडलाइंस देना चाहोगे बस येय स्लीप के लिए यही है स्लीप और हेल्थ और और जो हमारी हेल्थ है वो हर चीज से कनेक्टेड है तो ऐसा कहा जाता है कि हेल्थ के फोर पिलर्स हैं जी एक है प्रॉपर ऑक्सीजन को हमारा गला दबा दे तो आप 10 मिनट से ज्यादा जी नहीं पाओगे जी ऑक्सीजन इ फर्स्ट लाइफ सेविंग उसके लिए प्राणायाम इ अमंग द बेस्ट थिंग
दूसरा है पानी लोग इसको रिलाइज नहीं करते कि हमारी बॉडी मैक्सिमम पानी से बनी हुई है और जब हम पानी ठीक से नहीं पीते हमारी बॉडी हाइड्रेटेड नहीं रहती एक तो जैसे आप एक प्लांट देखो अब ये प्लांट है आप इसको पानी दो या दूसरा प्लांट दो उसको पानी नहीं दो कई टाइम वो कैसे मुरझा जाएगा वैसे ही हमारी बॉडी के सेल्स भी उसी तरह ये हो जाते हैं तो प्रॉपर ऑक्सीजन सेकंड इ प्रॉपर वाटर दो से तीन लीटर पानी पीना बहुत जरू जरूरी है इट वन बेसिक प्रिंसिपल ऑफ हेल्थ ओके कि आप रेगुलर पानी
पियो तो यू विल रिमन हेल्दी थर्ड इज ऑफ डाइट तो इसमें ऑफकोर्स हेल्दी डाइट जो नेचुरल डाइट है वो बेटर है एंड फोर्थ स्लीप तो यदि आप ठीक से आपका ऑक्सीजन ठीक है आप पानी ठीक से पी रहे हो आपकी डाइट हेल्दी है नेचुरल है और आप आठ घंटे के आसपास अपनी बॉडी के रिक्वायरमेंट से स्लीप कर रहे हो मेजोरिटी ऑफ जो बीमारिया आपको कभी होंगी नहीं जी ओके अब सर थोड़े पॉइंट्स जो पॉजिटिव पॉइंट्स है फॉर गुड स्लीप ये मैंने डॉक्टर हबमन से सीखा है कि सुबह उठते ही आपको सूरज को देखना चाहिए उन्होंने
यह भी कहा कि सूर्योदय के टाइम सनसेट के टाइम आसमान की तरफ देखना चाहिए सूरज की तरफ नहीं पर आसमान की तरफ और लाइट अंदर लेनी चाहिए और अगर आपने सनसेट को देखा बीच प जाके पहाड़ प जाके तो इट विल अफेक्ट योर क्वालिटी ऑफ स्लीप एट नाइट क्योंकि फिर से आपका सर्के यन रिदम ट्रिगर हो रहा है तो पहले सर आप सर्के यन रिदम का लॉजिक समझाइए अ इन डिटेल बहुत इसके ऊपर रिसर्च हुआ है दे से एवरेज अमाउंट ऑफ टाइम दैट एवरी बडी रिक्वायर्स इज 8 आवर्स ठ घंटे ओके रफ कोई 7 घंटे
कोई 9 घंटे पर जो एवरेज टाइम है वो 8 घंटे 8 घंटे में पांच से छ इसकी 90 मिनट की साइकल्स हो जाती है तो आप देखोगे जब भी आप और हर एक का थोड़ा अलग होता है आप आप नोटिस करना जब आप अपने आप उठो विदाउट अलार्म और जब आप अलार्म से या फोर्सेबल उठो क्योंकि आपको कहीं जाना है तो दोनों में बहुत फर्क होता है अब अब इसमें ना कोई ऐसी कुछ चीजें है जो पुराने जमाने से आ रही है कि भाई सुबह उठना अच्छा होता है पर साइंस कुछ और बता रही है
पहले जमाने में बिफोर इलेक्ट्रिसिटी जब सन सूरज आता था तो हम उठते थे तो एक बड़ा इंटरेस्टिंग हमारी बॉडी में बायोलॉजिकल क्लॉक है ओके तो हमारी जो आंखें हैं दो आंखें हैं तो आंखों के पीछे दो नस है वो नसे ऐसे जाती है और एक दूसरे को क्रॉस करती है जी तो इसके ऊपर एक न्यूक्लियस है उसको हम कहते हैं सुप्रा कामेट न्यूक्लियस जो कि पूरी बॉडी को स्लीप रिदम कंट्रोल करता है यह किधर है दोनों नसों के ऊपर यानी कि जो रोशनी आ रही है वो इसको मॉनिटर कर र है ठीक है तो सारा
स्लीप का रिदम यहां से शुरू होता है और हम सब में हम जब सुबह उठते हैं तो यह ऐसा हमको अवेक करता है ऊपर जाता है दिन के टाइम में मैक्सिमम होता है और रात के 11 बजे यह डाउन हो जाता है ओके रफ पर अभी रिसेंट रिसर्च दिखा रही है कि 40 पर लोग हैं जो अर्ली मॉर्निंग राइजर्स होते हैं 30 पर है मतलब जिनका दिन में आता है ओके वो सुबह उठते हैं 78 बजे अर्ली स्टार्टर्स 30 पर ऐसे हैं जो एक्चुअली लेट स्टार्टर्स है मतलब उनका जो पीक आता है वोह दोपहर को
या शाम को आता है जी और 30 पर जो है वो एक्चुअली मिक्सड है इन बिटवीन अब होता क्या है कि हमारा यह है कि सबको जल्दी उठना है सुबह अच्छा जो 40 पर मॉर्निंग वाले हैं उनकी एफिशिएंसी बड़ी अच्छी होती है पर जो 30 30 पर जिनका दोपहर या शाम को पीक होता है उन उनके साथ बहुत नाइंसाफी हो रही है क्योंकि जब वोह आप उनको सुबह उठाओ तो जो ब्रेन का हेड क्वार्टर्स है हमारा ब्रेन का हेड क्वार्टर्स यहां है फ्रंटल लोप ये बेसिकली ऑलमोस्ट स्विच ऑफ होते है तो वो काम प आएंगे
पर उनकी क्रिएटिविटी इतनी नहीं होगी तो इसलिए आजकल सोर्स थोड़ी बदल गई है कि हर जो हम हर जो बच्चा होता है एडल्ट होता है उसका स्लीप ये जो इसको बोलते हैं सर्के रिदम ये ऊपर जाता है नीचे आता है ऊपर जाता है नीचे आता है और ये बैकग्राउंड में कंटीन्यूअसली चलता रहता है ए इन दिन भर दिन भर में क्या चल रहा है जो कि हमारी नींद को डिटरमिन करता है तो दिन भर में दो चीजें हो रही है एक तो होता है जिसको हम कहते हैं सर्के रिदम जो कि सुबह जब रोशनी आती
है वह इंक्रीज होती जाती है और जब नींद रात को जब लाइट कम हो जाती है वह डिक्रीज होती है यह नेचुरल वे में होता है अब आज की जिंदगी में कैसा बदला है मैं समझाता हूं दूसरी एक और चीज होती है हम जितना अवेक रहते हैं हमारी बॉडी में एक केमिकल होता है उसका नाम नाम होता है एडिनो साइन यह केमिकल बढ़ता जाता है बढ़ता जाता है बढ़ता जाता है और यह जो है यह एक स्लीप प्रेशर देता है मतलब तो आप जब 10 घंटे हो गए 15 घंटे हो गए जैसे आपको नींद आती
है तो वो नींद आती है एडिनो साइन की वजह से तो यह बढ़ता जाता है जब तक आप सो नहीं ओके जो सर्के रिदम है वह सोने पर डिपेंडेंट नहीं है वोह बैकग्राउंड में चलती रहती है आप सो या नहीं सो जैसे ही रोशनी आती है जैसे डेलाइट होती है वैसे ही हमारे ब्रेन बेन में एक हिस्सा होता है जो एक जैसे ट्रिगर करते है बटन ऑन प्रेस करता है और वो हमको हमको जैसे अवेक करती है अलर्ट करती है और जैसे ही वो मतलब डाउन हो जाता है मतलब जैसे अंधेरा आता है तो यह
जो जगह है यह क्या करती है हमारे ब्रेन के पीछे एक ग्लैंड है पायनियल ग्लैंड उसको सिग्नल करती है कि अभी लाइट खत्म हो गई तो जो पायनियल ग्लैंड है वो एक केमिकल रिलीज करता है मेलाटोनिन ओके और यह मेलाटोनिन हमको सोने का ट्रिगर होता है मेलाटोनिन हम स्लीप सस्टेन नहीं करती वो प्रे ट्रिगर करती है कि भ आप सो जाओ एक एक मिनट सर सुबह जब रोशनी हम देखते हैं तो एक क्लॉक ऑन हो जाती है टाइमर ऑन हो जाता है कि अच्छा रोशनी दिख गई अभी 9 घंटे के लिए ये ले भाई एनर्जी
ले ले ठीक है आपकी बॉडी ऐसे काम कर फिर शाम को जब सनसेट होता है सूर्यास्त जब सूर्यास्त होता है एक और क्लॉक ऑन हो जाती है कि अभी सोने की तैयारी स्टार्ट कर लो भाई यस ठीक है ठीक यही करेट लॉजिक है बिल्कुल परफेक्ट बोला अब बताइए पर आजकल ये सब बदल गया है क्यों क्योंकि हमारे रात को अंधेरा नहीं होता रोशनी होती है ओके और दो चीज एक तो लाइट की हमारी रोशनी होती है दूसरा सबसे बड़ा जो हम कहते हैं क्रिमिनल है वो है लाइट ब्लू लाइट जो आती है हमको स्क्रीन से
जी तो यह जो चीजें हैं यह जो नॉर्मल जो हमारा जो बायोलॉजिकल क्लॉक पा को कहता है अभी अंधेरा हो गया है सो जाओ मेलेन रिलीज करो यह अभी होता नहीं मतलब फनस के आने से पहले सर्के रिदम ठीक था अभी स्क्रीन ल स्क्रीन कंप्यूटर लैपटॉप आ टॉप फोन मेनली फस टीवी तो इससे अभी वो सिग्नल नहीं जाता क्योंकि अभी रोशनी आ रही है तो इसलिए आजकल स्लीप डिसर होती है लोग लेट सोते हैं बिकॉज आप सो नहीं पाते तो इसका डायरेक्ट कनेक्शन लाइट से है तो यदि हम ब्रॉडली यह समझे कि एक रिदम है
जो बैकग्राउंड में चल रही है और यह रिदम मैंने बोला नॉट कनेक्टेड टू स्लीप इसलिए हम जेट लाक होते हैं जेट लाक क्यों होते हैं क्योंकि आप जा रहे हो इस टाइम जोन से उस टाइम जोन में पर आपका सर्केरिया रिदम वही है वो चलता रहता है जिन लोगों ने जेटलग एक्सपीरियंस नहीं किया है उनको ये कहना चाहूंगा बेसिकली जब आप हमारे देश से दूर चले जाते हो जापान चले ग अमेरिका चले गए तो क्या होता है आप रैंडम वहां सुबह के 8 बजे पहुंचो ग बट वहां के सुबह के 8:00 बजे इंडिया के रात
के 8:00 बजे होते हैं तो आपको वहां दोपहर के 2:00 बजे बहुत गहरी नींद आएगी आपको लगेगा यार मुझे अब भी सोना है अब भी सोना है फिर आप सो भी जाओगे और आप उठोगे वहां के रात के 11:00 बजे जहां वहां की दुनिया सोने जा रही है और फिर दो-तीन दिन लगते हैं आपकी बॉडी को एडजस्ट होने में बहुत थकान फील होती है आपका आपके दिमाग को अजीब फील होता है बहुत स्ट्रेंज फीलिंग होती है अब बताइए स बहुत सही तो आप जाते बाहर हो पर आपका ब्रेन का जो सर्केरिए रिदम है वो सेम
इंडिया वाला है जी तो इसलिए मिसमैच हो जाता है कुछ लोग होते हैं जो कि कम स्लीप से गुजारा कर लेते हैं मैंने बोला आइडियल आठ घंटा स्लीप इज मैंडेटरी पर कुछ लोग हैं जो कम सोते हैं शाहरुख खान शाहरुख खान सदगुरु मोदी जी इलन मस्क एल्बर्ट आइंस्टाइन लिरा द विंची सम ऑफ द ग्रेटेस्ट माइंड्स इन द वर्ल्ड थॉमस एडिसन ओके ये तीन से चार पांच घंटे नींद में मैनेज कर लेते हैं ओके अभी इसके दो तीन कारण हो सकते हैं एक तो कारण हो सकता है कि इन लोगों की जो लाइफ है वह अलग
है क्योंकि स्लीप का काम है डिटॉक्सिफाई करना क्लेंस करना री कैलिब्रेन करना जैसे कि आप घर में हो अभी आपने मतलब कपड़े निकाले फेंक दिए खाना खाया आपने बर्तन ऐसे ही छोड़ दिए बुक्स निकाली उधर ही पड़ी है तो यदि आपने ऐसे ही आपकी लाइफ यदि ऐसी है तो जो हाउसकीपिंग वाला आएगा उसको काम ज्यादा करना पड़ेगा मतलब सब वापस रखना पड़ेगा पर यदि आप ऐसे हो कि भाई आपने यदि कोई चीज निकाली उसको वापस र कपड़े निकाले तो आपका घर जो है वैसे ही क्लीन है तो आपको हाउसकीपिंग की कम जरूरत पड़ेगी और जो
लोग जो योगा मेडिटेशन दिन में ज्यादा करते हैं तो उनकी भी स्लीप रिक्वायरमेंट थोड़ी कभी-कभी कम होती है तो इंपॉर्टेंट यह नहीं है कि टाइम इंपॉर्टेंट यह है क्या वह अपने आप नेचुरली सोते हैं यदि कोई भी नेचुरली सोता है और नेचुरली उठता है तो उसके लिए वह जो है दैट इज नॉर्मल अब इसके लिए रिसर्च किया गया है कि एक जीन है हमारी बॉडी में थोड़ा टेक्निकल टर्म है उसका नाम है डेक टू डी सीटू ये पर्टिकुलर जीन है जो कि हमारी बॉडी में एक और केमिकल है रेक्सीन जो कि हमको अवेक रखता है
ओके तो यह जीन इसको कंट्रोल में रखती है जो रेक्सीन है केमिकल कि भाई उसको मेंटेन करती है भाई कंट्रोल में तो कुछ लोगों का यह जीन डिफेक्ट होता है और जब ये डीन डिफेक्टिव होता है तो इसका कंट्रोल नहीं रहता है और ओरेक्सीन बहुत हाई होता है कंटीन्यूअस तो इन लोगों को नेचुरली स्लीप कम आती है पर टेस्ट ऑफ दिस यदि आपका डेक टू इफेक्टिव है कि ये लोग नेचुरली अपने आप सोते हैं मतलब 11 12 बजे इनको नींद आ जाती है पर ये अपने आप 45 बजे उठ जाते हैं ओके तो इसमें कोई
गलत नहीं है देयर इज नथिंग रॉन्ग विद दैट इट इज अ नेचुरल बट अगेन इंपॉर्टेंट नेचुरल स्लीपिंग नेचुरल वेकअप आप अपने आप जैसे ही आप बिस्तर पे जाते हो आप यदि सो जाते हो और अपने आप उठते हो दैट इज हेल्दी स्लीपिंग दिस इज पर ये हर एक के लिए नहीं है हर एक नहीं कर सकता यदि आपकी लाइफ इतनी डिसिप्लिन नहीं है यदि आपके मतलब एक अल आप अपने आपको को आप योगा नहीं कर रहे आपकी डाइट ठीक नहीं है आपके बॉडी में टॉक्सिन ज्यादा है तो आपको इसकी रिक्वायरमेंट अ नींद की थोड़ी ज्यादा
होती है और कुछ कहना चाहोगे सकेन रिदम के बारे में नहीं बस यही स सकेन रिदम के साथ एक और चीज च चल रही है जैसे मैंने बताया एक केमिकल होता है हमारी बॉडी में एडिनो साइन करके जो कि जितना आप अवेक रहते हो वो बढ़ता जाता है जी और जब वो 12 या 15 घंटे में एकदम पीक हो जाता है अब क्या होता है हमको समझना ये दोनों चीजें एक साथ हो रही है सर्कन रिदम आप 100 या नहीं सो वो तो चलता रहेगा ऐसे वेव पर ये जो एडन साइन है ये आप नहीं
सो तो बढ़ता है आप सो तो कम हो जाता है अब इसका इंपोर्टेंस यह है कि यदि आपका एडन साइन बहुत हाई है और उस वक्त आपका सर्कन रिदम लो है जैसे 11 बजे आप 12 घंटे सोए नहीं हो तो आपका एडन साइन पीक पे है एडन साइन स्लीप प्रेशर देता है जो आपको आती है ना कभी सोना ही पड़ता है वो इस केमिकल से आती है तो जब आप समझो सर्के बंदम डाउन एडरो साइन हाई उस वक्त आपका जो स्लीप है वह अनकंट्रोलेबल हो जाता है और इसका इफेक्ट एक बहुत इंपॉर्टेंट चीज प होता
है जो हमने बिल्कुल नेगलेक्ट किया है वो है कार एक्सीडेंट्स ओके तो दे हैव सीन दैट द एक सिंपल एक एक्सपेरिमेंट बताता हूं बड़ा इंटरेस्टिंग एक्सपेरिमेंट है ये उन्होंने सिमुलेटर पे किया चार चार सेट ऑफ पेशेंट लिए दो को आठ आठ घंटे स्लीप दो को चार-चार घंटे स्लीप अच्छा ठ घंटे में एक सिर्फ ठ घंटे सोया दूसरे में ठ घंटे सोक उसको अल्कोहल दिया गया लीगल लिमिट से ज्यादा ठीक है दूसरा चार घंटे सोया ओके विदाउट अल्कोहल और चौथा 4 घंटे सोया विद अल्कोहल हम समझ गए जी अभी जो आठ घंटे सोया विदाउट अल्कोहल उसमें
देर वर ऑलमोस्ट नो एक्सीडेंट्स जी जो आठ घंटे सोया विद एल्कोहल देर वाज सिक्स टाइम्स द नंबर ऑफ एक्सीडेंट्स सिक्स टाइम्स ओके पर जो चार घंटे सोया विदाउट अल्कोहल उसमें भी सिक्स टाइम था यानी कि चार घंटा सोना इज द सेम एज आठ घंटा सोना विद अल्कोहल एक्सीडेंट इंसीडेंस पर सबसे इंटरेस्टिंग बात यह है जो चार घंटे सोया और उसने अल्कोहल लिया उसमें 30 टाइम्स इंक्रीज था एक्सीडेंट का ओके सो दिस शोज यू कि भाई जो यह लोग समझते हैं हम ड्रंक ड्राइविंग को पनिश करते हैं पर साइंस दिखाता है कि आप आप आप सोए
हो आपके एक्सीडेंट के चांसेस ज्यादा है और एक्चुअली स्लीपिंग ड्राइविंग इज वर्स देन ड्रंक ड्राइविंग क्यों ड्रंक ड्राइविंग में क्या होता है आपके रिफ्लेक्सेस स्लो हो जाते हैं मतलब आपका जो ब्रेक लगाने का टाइम है मतलब एक मिनट की बजाय दो मिनट हो जाता है पर आप स्टिल कंट्रोल में हो जब आप नींद में होते हो तो आपको क्या होता है यू गेट समथिंग कॉल्ड माइक्रो स्लीप आप कुछ टाइम के लिए सो जाते हो आपका कोई रिफ्लेक्स ही नहीं है ड्रंक ड्राइविंग में फिर भी रिफ्लेक्स है पर जब आप सो जाते हो तो आपका बिल्कुल
रिफ्लेक्स नहीं है तो आप समझो आपकी दो-तीन टन की कार एक लाक इट्स लाइक अ मिसाइल जो अनकंट्रोल्ड है ओके तो इसका बहुत इंपॉर्टेंट है कि लेस स्लीप के साथ ड्राइविंग करना सेफ नहीं होता क्योंकि खासकर जो लॉन्ग जो हाईवेज है जैसे अपना अतल सेतु है या एक्सप्रेसवेज है उसमें जब हम ड्राइविंग करते हैं तो हमारी ब्रेन वेव जो है वो एक पैटर्न में चले जाती है थीटा पैटर्न दिस इज द सेम एज जब हम सोने वाले होते हैं नींद में यह सेम पैटर्न होता है हमारी कुछ ब्रेन वेव्स होती है तो ब्रेन वेव के
अलग-अलग काम होते हैं जैसे अभी हम बात कर रहे हैं तो हमारी बीटा वेव्स मैक्सिमम है ये जो हम काम कर रहे हैं ना इसमें मैं आपका इलेक्ट्रोड लगा हू आपकी बीटा वेव्स काम कर रही होंगी इसके पहले आप सपोज किसी चीज पर कंसंट्रेट कर रहे थे तो आपकी गामा वेव्स हाई होती है ओके अभी सपोज हमने एक कॉफी ब्रेक लिया तो आपकी अल्फा वेव्स एक्टिवेट हो जाएंगी ब्रेक ब्रेक टाइम में ब्रेक टाइम में अभी कॉफी लिया तो आप अभी अभी बीट है अभी हम दोनों की मेजर करेंगे बिकॉज वी आर एंगेज इन एक्टिविटी दिस
बीटा आप कंसंट्रेट करो आप कोई चीज एक चीज प वो हो गई गामा ब्रेक टाइम इज अल्फा पर नींद का जो टाइम है जब हम सोने वाले होते हैं व हो जाती है थीटा पर जब हम लॉन्ग ड्राइव प जा मतलब एक हाईवे पर जाते हैं हम थीटा वेव में चले जाते हैं हां जब आप ट्रैफिक में हो तो थीटा वे में नहीं होते पर आप लॉन्ग ड्राइव में मतलब वो जो ब्रेन वेव है अतल सेतु पर जो ब्रेन वेव है और बिल्कुल सोने के पहले जो वेव दे आइडेंट कल और जब आप एकदम डीप
स्लीप में जाते हो तो वो डेल्टा वेव हो जाती है मतलब अगर थीटा वेज निकल रहे हैं तो नींद भी फील होती है यू आर फीलिंग स्लीप नो यू फीलिंग मतलब आपको जैसे जैसे नींद के पहले कैसा लगता है आप अवेक हो पर थोड़ा सुस्ती आ रही है इसलिए हाईवे पे एक्सीडेंट्स होते है यस दैट वई बिकॉज आपका ब्रेन वेव पैटर्न इज लाइक दैट ऑफ जस्ट अबाउट टू स्लीप मतलब अगर आपने अच्छे से छ आठ घंटे सोए हु है तो भी एक्सीडेंट के चांसेस है थीटा वेव एमिशन की वजह से वाह थीटा वेव एमिशन नहीं
आपका ब्रेन एमिशन नहीं आपका ब्रेन थीटा वेव में बीट करता है हां ओ अंडरस्टूड तो लेस स्लीप एंड ड्राइविंग इज वन ऑफ द मोस्ट डेंजरस थिंग्स ये अनरक गनाइज है ये बहुत ही इंपॉर्टेंट है कि यदि आपने रात को नींद नहीं ली है तो प्लीज और और यदि अल्कोहल लिया है दैट इज द वर्स्ट कॉमिनेशन मतलब 30 पर इंक्रीज इन एक्सेंट एडन सन के बारे में मैंने पढ़ा है वीडियोस के लिए हम बेसिकली लॉजिक ये है कि अगर हमने ये कप ले लिया हम और एक इस कप को एक दिन के लिए बाहर रख दिया
तो धूल जमा हो जाएगी ह उसी तरह दिन भर रोजमर्रा की जिंदगी जीकर आपके दिमाग में भी धूल जम जाती हैली दिस उस धूल को कहते हैं एडिनोसिन वेरी गुड परफेक्ट परफेक्ट पर आपके बॉडी में उस एडिनोसिन का इफेक्ट सिर्फ तब दिखेगा जब एडिनोसिन की हार्मोन एडिनोसिन रिसेप्टर्स से मिलेगी और आपके ब्रेन में ऑटोमेटिक पहले से एडिनोसिन रिसेप्टर्स हैं तो बॉडी का रिस्पांस रोजमर्रा की जिंदगी की वजह से यह रहता है कि ब्रेन में एडिनोसिन भर दो भाई भर दो भर दो हमारे भाई रणवीर को कहो कि अभी नींद फील हो रही है तो फिर
वो एडिनोसिन जाकर रिसेप्टर्स के साथ कंबाइन करती है और वो कॉमिनेशन की वजह से नींद फील होती है वो एक सिग्नल जाता है एंड बाय द वे कैफीन जो है वो इसको ब्लॉक करती है जी कैफीन का मॉलिक्यूल एडिनोसिन की मॉलिक्यूल की तरह है या बिल्कुल वो उसको ब्लॉक करता है कैफीन का मॉलिक्यूल जाकर रिसेप्टर में बैठ जाता है और रिसेप्टर को कहता है मैं ही एडसन हूं भाई हां तो फिर इसलिए आप कैफीन से इसलिए हमको अवेक अवेक फील होती है पर अ हां तो ये है कॉफी का लॉजिक कि कॉफी पीने के बाद
आपको इतना जी इतनी जागरूकता क्यों फील होती है ये हो रहा है पर इसके साथ-साथ एक और चीज हो रही है जब आप कॉफी पीते हो तो वो कैफीन का मॉलिक्यूल जाकर रिसेप्टर में कंबाइन हो जाता है उसके साथ-साथ ब्रेन की दुनिया में एडिनोसिन भी भर जाता है क्योंकि एडेन सन कहीं भी जाकर चिपक नहीं सकता नो तो एक पॉइंट के बाद वो कैफीन उस रिसेप्टर से छूट जाएगा और फिर ब्रेन में इतना ज्यादा एडिनोसिन भरा है कि बहुत ज्यादा भर जाएगा आपके ब्रेन में और आपको बहुत ज्यादा स्लीपलेस फील होगा उसमें एकदम स्लीप आती
है और दैट इज द कॉज ऑफ ऑ एक्सीडेंट उस आप बिल्कुल आउट ऑफ कंट्रोल होते हो यनो मतलब मान लो एक घंटे के लिए दो घंटे के लिए आपको एनर्जी फील हो गई एनर्जी ड्रिंक की वजह से कॉफी की वजह से जब डाउन होता है वो सडली डाउन होता है खट करके डाउन होता है सो सनली देन इसलिए ये जो चीज है दे श हमको य अवेक रहने के लिए यूज नहीं करनी चाहिए देर नाइस टू हैव इन द मॉर्निंग विद ब्रेकफास्ट वो ऐसा सजेस्ट होता है कि शाम के बाद हमको लिए क्योंकि नीन को
अफेक्ट करती है मतलब ब्रेन को ट्रिक कर देती है जी एस अ ब्रेन डॉक्टर आप न्यूरो न्यूरो सर्जन हो अ क्या लगता है आपको जनरली चाय और कॉफी के बारे में मतलब एक एक पर्सपेक्टिव है कि चाय और कॉफी दोनों बहुत टेस्टी होते हैं डेफिनेटली एडिक्टिव भी होते हैं उसकी आदत लग जाती है एंड हमारे कल्चर का भी एक पार्ट बन चुके अब मैं कुछ सालों के लिए कॉफी से दूर रहा चाय और कॉफी से दूर रहा स्लीप क्वालिटी अच्छी हो गई थी पर इवेंचर की जिंदगी की वजह से करियर की वजह से कॉफी की
आदत अब लग चुकी है आई होप कि एट सम पॉइंट मैं े छोड़ सकूंगा ब कॉफी पीकर मजा आता है सर तो एज अ न्यूरोसाइंटिस्ट क्या कहना चाहोगे आप चाय कॉफी के बारे में देखिए यह अभी एक लाइफ की एक नेसेसिटी हो गई है ओके तो कुछ चीजें लाइफ की नेसेसिटी हो गई अभी मोबाइल फोन नेसेसरी आप यह नहीं कह सकते उसको यूज मत करो तो मेरा यह सजेशन है कि हमको कोई भी कैफीन रिलेटेड प्रोडक्ट सुबह और शाम तक लेना चाहिए उसके बाद नहीं लेना चाहिए बिकॉज आप जब दिन में हम लेते हैं तो
हम एक्टिव रहते हैं हमारी परफॉर्मेंस थोड़ी शायद बेटर होती है अच्छा लगता है अ पर शाम के बाद आपकी जो शाम की जो चाय होती है उसके कॉफी के बाद आपको उसके बाद नहीं लेना चाहिए बिकॉज उसका इफेक्ट फिर उल्टा हो जाता है गलत हो जाता है क्वालिटी ऑफ स्लीप पे इफेक्ट होता है मतलब अपर लिमिट इज 6 ओ क्लक 6:00 बजे तक जितनी चाय कॉफी पीनी है पी लो एक्चुअली ये भी बात करनी चाहिए हमें कितनी चाय कॉफी पीनी चाहिए नहीं ये इसका कोई आई थिंक कोई हार्ड एंड फास्ट रूल नहीं है तो इतना
देखो एक होता है मैं मैं इसको मैं इसको डिवाइड करता हूं एक होता है माइंडसुमो हो चाहे बिलाते रहो कुछ नहीं है तो बिलाते रहो बुलाते रहो माइंडफुल होता है आप प्री डिसाइड करो ओके कि भई आपको कितनी चाय पीनी है तो जैसे ब्रेकफास्ट के साथ भा सुबह पीना ही है शायद शाम को पीना है तो उसको बोलते हैं माइंडफुल जब आप कोई चीज माइंडफुली करो ना आप उसको एंजॉय करते हो जब आप माइंडसुमो एडिक्शन बन जाता है जी जी अच्छा चाय में भी अलग-अलग टाइप की एक तो हम जो रेगुलर इंडियन चाय पीते हैं
अपनी मसाला चाय ब्लैक चाय मैंने एक इंटरेस्टिंग चीज देखी है मैं अभी कुछ टाइम पहले कंबोडिया में था और वहां चाइना में तो उधर वो क्या करते हैं हमारे जो वो एक फ्लास्क रखते हैं वो ग्रीन टी रखते हैं हर एक घंटे में वो ग्रीन टी पीते हैं फ्लास रखते अपने पास तो वो उसका ब ग्रीन टी होती है मतलब ग्रीन टी या उनकी जो अलग टी हमारी वाली चायनी और उनका यह है कि इसमें इस इसकी वजह से हर घंटे आप थोड़ा पानी पी रहे हो और दूसरा जो ग्रीन टी है जो उनकी रेड
टी वगैरह है उससे डिटॉक्सिफिकेशन हो रहा है तो मैंने देखा वहां लोग कुछ इतना खा लेते हैं मतलब अलग अलग-अलग नॉनवेज की बहुत लाज चीजें खाते हैं पर उनकी बॉडी में इतना कोलेस्ट्रॉल वगर नहीं बनता क्योंकि वो हर घंटे उनका हर घंटे साफ सफाई हो रही है ओके जब हर घंटे साफ सफाई होती है बॉडी क्लीन रहती है जैसे कि पब्लिक टॉलर होते हैं कुछ होते हैं भ आप हर घंटे में साफ होते हैं तो वो क्लीन होते हैं अभी जो मतलब जो छ सात घंटे बाद होगा उसमें स्मेल आईग ओके तो सेम यह एक
जो हैबिट है यह चाइनीज और यह जो हमारे साउथईस्ट की अच्छी है कि हर घंटे व जो भी एक फ्लास्क रखते हैं वो फ्लास्क में हर घंटे में पीते रहते हैं इट्स अ गुड आईडिया हमारे शो पर एक शालिन मंक आए थे जिन्होंने शालिन टेंपल में टाइम गुजारा है उन्हें कहा था कि उन सारों के लिए कंपलसरी रूल ये है कि हर घंटे गर्म पानी पीना चाहिए तो आई डोंट नो अगर चाय से ये ज्यादा रिलेटेड है या गरम पानी से नहीं गरम पानी बट क्योंकि सिर्फ गर्म पानी पीना कई बार पी नहीं जाता तो
आप थोड़ा सा उसमें हल्का सा डाल दो तो उसमें वो एक फ्लेवर हो जाता है दूसरा उसकी भी डिटॉक्सिफिकेशन इफेक्ट होते हैं मतलब जो हमारी चाय नहीं जो ग्रीन टी जो अलग होती है दे हैव अ डिटॉक्स इफेक्ट तो चाहे से क्या कुछ अंदर जाता है अभी आपको हर पानी पियो तो आदमी हमारा साइकोलॉजिकल पता है क्या हो गया पानी तब पीना है जब प्यास लगे ओके तो ये जो है ये दिस इ बिकम लाइक वी हैव टू मेक इट इनटू हैबिट अ मैं थोड़ा सा योग निद्रा के बारे में बात करना चाहूंगा और जनरली
मेडिटेशन का रोल विथ रिस्पेक्ट टू स्लीप क्योंकि ये बहुत बड़ा गेम चेंजर रहा है मेरी लाइफ में पहले भी हमने बात करी पैरासिप हैट सिस्टम के बारे में पर दोनों मेडिटेशन और योग निद्रा के बारे में मैं कुछ कहना चाहूंगा अ दे से कि जब आप सो रहे होते हो अक्सर आपकी बॉडी ऑफ हो चुकी है हम पर अक्सर आपका दिमाग ऑन रहता है ऑन रहता है ज्यादा ऑन रहता है पर जब आप मेडिटेटर दो हो अक्सर आपकी बॉडी ऑन है पर दिमाग पूरी तरह से ऑफ हो जाता है यस और यह होती है मेडिटेशन
की असली इंपैक्ट आपकी लाइफ में क्यों खुद के एक्सपीरियंस है अभी मैं 9 साल से मेडिटेशन कर रहा हूं ऑलमोस्ट बहुत ऐसे दिन रहे हैं जहां मैं अलग-अलग रीजंस की वजह से रात को सोया नहीं हूं ज्यादा मतलब 5च घंटे की नींद 6 घंटे की नींद जो मेरे लिए काफी नहीं है मान लो कोई बड़ी मीटिंग थी किसी के ऑफिस में जाना था और बम्बे में अगर आप गाड़ी में बैठ रहे हो तो ट्रैफिक में एक घंटे के लिए तो अटको ग ही हम तो उस एक घंटे में मैं हमेशा मेडिटेटर हूं और उस एक
घंटे की मेडिटेशन के बाद ऐसा लगता है कि हां अब मैं फ्रेश हो चुका हूं हम कॉफी से ज्यादा फ्रेशनेस मुझे मेडिटेशन से होता है बहुत सही अ पर ये ना लोग जानते नहीं और ये बहुत प्रैक्टिकल ट्रिक है कि यार अ एक आईपैच ले लो गाड़ी में बैठो एक घंटा वैसे भी लगेगा पहुंचने में स्पेशली शहरों में वहां मेडिटेशन करो ब्रीदिंग करो बेसिक ब्रेथ वर्क फोकस ऑन अ मंत्र फोकस ऑन योर ब्रेथ वो वाली मेडिटेशन करो जैसे ब्रेथ अंदर जा रही है आप बस अपने ब्रेथ पर फोकस करो आपका दिमाग यहां वहां भागेगा वापस
ब्रेथ पर लेके आओ और चां करते रहो इस से भी इजर यह है कि अगर आप कोई मंत्र चाट कर ले जैसे कि सीखी में अ वाहेगुरु एक मंत्र होता है हिंदुइज्म में ओम नमः शिवाय या ओम या हरे कृष्णा मंत्र या आई एम श्यर कि आई डोंट नो द एग्जैक्ट वनस बट आई एम शर इस्लाम और क्रिश्चियनिटी में भी मंत्र होंगे बुद्धिज्म में ओबवियसली मंत्र है आप अपने खुद के रिलीजन का कोई भी मंत्र ढूंढ लो और उस पर फोकस करो दिमाग यहां वहां भागेगा जस्ट कीप ब्रिंगिंग इट बैक टू द मंत्र ये एक
बहुत बेसिक मेडिटेशन मैंने शेयर की है दुनिया के साथ अगेन हमने खुद वो पप इसी वजह से बनाई है क्योंकि आई रियली फील कि एक मेडिटेशन की अगर आदत रही आपके डेली लाइफ में करियर को बहुत फायदे मिलते हैं सर आप कुछ कहना चाहोगे मेडिटेशन विथ रिस्पेक्ट टू की यह फ्रेशनेस क्यों फील होता है बिकॉज जैसे आपने कहा जब हम मेडिटेटर हैं तो हमारे जो ब्रेन वेव्स है दे गो इन टू द रिलैक्सेशन फेज मतलब आप एक तरह से जो डीप स्लीप का जो फायदा पदा होता है जो मतलब कई घंटे करना पड़ता है वह
आपको कुछ टाइम मेडिटेशन से उसी तरह का बेनिफिट मिलता है मोस्ट इंपॉर्टेंट मेडिटेशन पैरा सिंपैथेटिक सिस्टम को स्टिमुलेटिंग को बैलेंस आउट करता है तो ये और ये प्रूवन है यह मतलब ब्रेन वेव्स एमआरआई स्टडी से ये प्रूवन है कि यह दो फायदे होते हैं तो मेडिटेशन और जो हमारी योगा है जो हमारे मतलब इतने हंड्रेड्स ऑफ सेंचरी से हमारे देश में हो रहा है इसके हेल्थ के प्रीवेंटिव हेल्थ के ऊपर बहुत फायदा होता है प्रॉब्लम इज आजकल जो मेडिकल वर्ल्ड है इट इज फोकस्ड ऑन डिजीज आपको बीमारी हो तो आप इलाज करो पर हम यदि
मेडिटेशन और योगा करें और हेल्दी प्रैक्टिस करें तो आपको बीमारी होगी ही नहीं जब हम वो प बना रहे थे ये हमारा मेन फोकस था कि यार लोगों को योग निद्रा सिखानी है क्योंकि 15 मिनट की योग निद्रा दो घंटे की नींद जितनी होती है बट उसे करना एकदम आसान नहीं है बहुत अलग-अलग स्टेप्स है यू नीड गाइडेंस टू डू इट बट बेसिक लॉजिक है कि ब्रीदिंग टेक्निक कंबाइंड विथ मेडिटेशन तो आप लेटे हुए हो एक ब्रीदिंग टेक्निक रहता है जहां बॉडी को टाइट कर देते हो और ये विजुलाइज करते हो कि जितने भी आपके
लाइफ के टेंशन है वो उस बॉडी के टेंशन में मिक्स हो र है और फिर आप एक आउट ब्रेथ करते हो ऐसे तो ब्रीद इन डबल ये वाली ब्रीदिंग टेक्नीक होती है फिर आप लेटे हुए रहते हो खुद की बॉडी को ऑब्जर्व करना होता है बॉडी में कोई टेंशन है अच्छा यहां पैर में टेंशन है तो उस टेंशन को थोड़ा सा लूज कर दो विजुलाइज करो कि टेंशन भी ब बॉडी से निकल के जा रही है फिर आपका आपकी बॉडी शांत हो जाती है फिर एक और बार ब्रीद इन टाइट टेंशन मिक्स कर दो और
हम फिर से आप रिलीज हो जाता हो हम फिर लेटे रहो हम हम और लेटते वक्त उसमें एक मंत्र मिक्स कर दो ओके बस यही रहता है हो सके तो अपने टेंपल पर फोकस करो यहां आइब्रोज के बीच आंखों को ऊपर करके कंफर्टेबल वहां फोकस करो थोड़े ही टाइम आपको एक सर्कल दिखाई देगा सर्कल जैसी चीज उस सर्कल पर फोकस करो ओके आई डोंट नो नाउ बायोलॉजिकली स्पीकिंग वो सर्कल क्या है मुझे लगता है पीनियल ग्लैंड पीनियल ग्लैंड है मैं वही बोलने वाला था दिस इज द पीनियल ग्लैंड अ पर सर ये करने के बाद
थर्ड आय जो शिवा की थर्ड आई कहते हैं ना दिस इज द ग्लैंड हां सर वो सर्कल को देखते दे मतलब मान लो आपने एक दो मिनट के लिए भी वो सर्कल को देखा है योगनिद्रा करते वक्त 15 मिनट की योगनिद्रा में आपको इतना ज्यादा पावर मिल सकता है सर हम हर दिन पॉडकास्ट शूट करते हैं हफ्ते में छह बार पॉडकास्ट शूट करते हैं अक्सर उन छह दिनों में अ सेकंड स्लॉटेड पॉडकास्ट भी होते हैं यानी कि सुबह को एक शाम को एक और अक्सर मैं थक जाता हूं पर पॉडकास्ट के बीच एक योगनिद्रा करता
हूं और पावर फील होता है अ आई जेनुइनली फील कि एज अ पॉडकास्ट हमारी स्ट्रेंथ यह है कि हम क्वांटिटी बहुत ज्यादा डालते हैं हम एंड एक्चुअली उस क्वांटिटी की वजह स्लीप टीन और योगनिद्रा है बट आई जस्ट होप मोर पीपल अंडरस्टैंड द पावर ऑफ दिस अब सर बताइए यहां जो भी मैंने योग निद्रा के बारे में बताया और वो पीनियल ग्लैंड के बारे में जो बात हुई अब इसे साइंटिफिकली थोड़ा सा ब्रेक डाउन कीजिए तो इसका साइंस यह है कि हमारी बॉडी के तीन स्टेट है एक है अवेक स्टेट ज हम कॉन्शियस है इधर
हम रिसीव करते हैं इंफॉर्मेशन ओके दूसरा है जो स्लीप के दो हिस्से हैं पहला जो हिस्सा है नॉन आरएम वहां रिफ्लेक्शन होता है ओके और जो मतलब जो चीजें हैं उसको देखी जाती है और जो डीप स्लीप है वहां यह जो सारा इंफॉर्मेशन है यह रीऑर्गेनाइज होता है कि आप उसको यूज कर सको तो इसका एक बड़ा इंटरेस्टिंग कनेक्शन है जब आप जो आप बात बता रहे हो ना कि सर्कल दिखता है तो हमारे आइज के नर्व के ऊपर जो न्यूक्लियस है सुप्रा कसमेटिक न्यूक्लियस वो डायरेक्टली पायनियल ग्लैंड से कनेक्टेड है तो जैसे ही आप
योग निंद्रा करते हो सो देर इज एन एक्टिवेशन ऑफ दैट चच डायरेक्टली स्टिमुलेटिंग होता है जो कि हमारा डे नाइट जो जो रिदम है वो उसको मेंटेन करता है वो कुछ केमिकल्स और हार्मोन रिलीज करता है जिससे कुछ पॉजिटिव होती है कुछ नेगेटिव होती है कुछ चीजें होती है जो हम जो स्ली अवेक प्रमोट करती है और कुछ है जो उसको कम करती है तो जो पायनियल ग्लैंड है इसका एक बड़ा इंटरेस्टिंग रोल है और उसका जो मेन काम वह करता है इट इज थ्रू मेलाटोनिन मतलब वो उसका मेन काम होता है सो देयर इज
अ डायरेक्ट जो आप बोल रहे हो इट इज अ डायरेक्ट कनेक्शन कि जो जो सुप्रा कसमेटिक न्यूक्लियस जो नसों के ऊपर हमारी आंख की जो नस है उसके ऊपर है वहां से टू पाइ नियल और जो पाइ नियल ग्लैंड है वो मैसेज देता है हमारा जो नीचे ब्रेन स्टेम है जहां मेडुला पॉन्स होता है वो डायरेक्टली उसको मैसेज देता है ओके और जब वहां से मैसेज जाती है फिर यह जो है यह हमारे ब्रेन को एक्ट या तो इसको अवेक करता है या उसको स्लीप करता है इट इज लाइक द चार्जिंग पॉइंट ऑन ऑफ बटन
ऑन ऑफ बटन हां तो ये इंटली कनेक्टेड है और और दूसरा जो हमारा कॉन्शियस ब्रेन है ओके तो जो हम जो लोग अल्कोहल से निकोटीन से साइकोटिक ड्रग से जो स्लीपिंग पिल से जो सारा काम हम जो वी ट्राई टू गेट यह सारा का सारा योग से हो सकता है मेडिटेशन से हो सकता है हम जो दवाइया लेते हैं जो आर्टिफिशियल लेते हैं यह सब काम एक्चुअली कैन बी डन बाय दिस मतलब आपने जो अल्कोहल साइकोटोमीमेटिक कि कुछ कुछ लोग पीते हैं या फकते हैं क्रिएटिविटी के लिए ऐ कटी नहीं टू नॉक ऑफ मतलब आपको
आपको तकलीफ है लाइफ का वो निकालने के लिए अओ आप कह रहे हो कि लोग अल्कोहल ये सब करते हैं ताकि जिंदगी से दूर भागना है हा मतलब जो पेनफुल एक्सपीरियंस है उससे दूर भागना है और योगा मेडिटेशन एंड योग नेत्रा वो नेचुरली करती है आपको आर्टिफिशियल करने की कोई जरूरत नहीं वो बॉडी का जो नेचुरल सिस्टम है उसको एक्टिवेट करती है अल्कोहल निकोटीन ऑल दैट यह सप्रे करती है मतलब जो पेनफुल है चलो उसको दबा दो वो सलूशन नहीं होता वो कहीं ना कहीं वापस फिर आएगा पर यहां एक इंटरनल क्लींजिंग होती है सो
देर इ अ फुल साइंस च एक्चुअली एक्सप्लेंस ऑल ऑफ दिस थोड़ा कॉम्प्लिकेटेड है वो ब्रेन वेव वगैरह आ जाते हैं उसमें तो मैं कुछ ब्रेन वेफ तो समझाया आपको बट नहीं सीक्वल एपिसोड बनेगा हमारा सर क्योंकि वो उसमें केमिकल्स होते हैं जैसे सेरोटोनिन होता है डोपामिन होता है तो कुछ केमिकल्स है जैसे केमिकल होता है ओरेक्सीन जो कि हमको अवेक र जी जी और फिर कुछ केमिकल एक केमिकल होता है गाबा जो हमको स्लीप कराता है ओके और जो एडन साइन है तो ये एक वंडरफुल इंटरप्ले है ऑफ ब्रेन पार्ट्स एंड मतलब नशे आपके बॉडी
के अंदर ही छिपे हुए हैंस बट उन्हें अनलॉक करना आपको आना चाहिए योगा के थ्रू एटली परफेक्ट आपने एकदम परफेक्ट डिस्क्राइब किया गहरी नींद के थ्रू ऑलमोस्ट पॉडकास्ट सब खत्म हो चुका है सर एंड में ना आई देखो यह बहुत शांतिपूर्वक पॉडकास्ट था पर अब लोगों को थोड़ा सा डराना भी है और डर जरूरी होता है डर की वजह से एक इंसान को मोटिवेशन मिल जाती है हेल्थ को ना तब महत्व दिया जाता है जब आपकी हेल्थ खराब होने को आती है तो सर यह बताइए कि कोई इंसान जिसको करियर में फाड़ना है जो कम
सो है अ जिंदगी भर 102 सालों के लिए शायद लाइफ स्टाइल मेंटेन करके रखी है शायद अल्कोहल भी नहीं पिया है स्मोक भी नहीं कर किया है पर स्लीप कम है पाछ घंटे की स्लीप रही है मोस्टली ऑन एन एवरेज क्या हो सकता है जिंदगी में बहुत सारे साइंटिफिक स्टडीज है अभी मैं जो अभी बताऊंगा ये प्योर साइंस बेस्ड है प्योर डेटा बेस्ड है ये जर्नल्स में पब्लिश हुआ है तो ऐसी कई बीमारियां है रेगुलरली जिसका स्लीप से डायरेक्ट कनेक्शन है मैं स्टार्ट करता हूं सबसे डेंजरस बीमारी कैंसर तो ऐसा दिखाया गया है कि कम
सोने वालों को कैंसर के इंसीडेंस नॉट ओनली ज्यादा होता है पर वो स्प्रेड भी होता है तो एक बड़ा इंटरेस्टिंग एक्सपेरिमेंट किया गया था रेट्स में तो दो ग्रुप ऑफ रैट्ट के ट्यूमर इंजेक्ट कर दिया एक ग्रुप ऑफ रैट्ट सोए मतलब जो एज अ और दूसरे ग्रुप ऑफ रटस को सोना कब किया या अवॉइड किया वो जो जर्नल है वो आप उसमें पिक्चर देखोगे यू विल बी सरप्राइज्ड जो रैट सोए नहीं थे उनमें 200 टाइम्स ज्यादा कैंसर ग्रोथ हुआ 200 टाइम्स ग्रोथ इसमें भी हुआ पर ना सोने से कैंसर वाज 200 टाइम्स वो जो पिक्चर्स
है वो दिखाते हैं यू कैन नॉट बिलीव आल्सो कि इतना फर्क हो सकता है सिर्फ सोने की नहीं वजह से तो पहली बात सो जो हमारा इनफैक्ट आजकल एक एक स्टडी की थी यूरोप में ऑन 25000 पेशेंट 25000 पीपल एंड दे फाउंड कि जो कम सोते हैं चार घंटे से कम सोते हैं दे वास अ 40 पर इनक्रीस इन इन कैंसर इनफैक्ट एक कंट्री ए डेनमार्क उन्होंने जो नाइट जो नर्सेसलैब्स होता है उनको वर्कमैन पे कंपनसेशन मिलता है कि दिस इज वर्क रिलेटेड डेनमार्क इज द फर्स्ट कंट्री जिसने बोला है कि आपकी नींद नहीं हो
रही यदि आपको कैंसर हुआ है तो यू विल गेट कंपनसेशन लाइक दैट आल्सो इसमें साइंस ये है कि हमारे जो कैब यदि किसी को कैंसर होता है तो वी हैव समथिंग कॉल्ड नेचुरल किलर सेल्स एनके सेल्स तो बहुत रिसर्च पेपर दिखाते हैं कि यदि आप कम सो हो तो आपके एनके सेल्स 70 पर कम हो जाते हैं आपकी बॉडी की फॉज होती है हां वो फ प्रोटेक्ट करती है आपको खासकर कैंसर में तो ये 70 पर कम हो जाती है ओके चार चार घंटे कम सोने से तो इतना फर्क हो जाता है सो दिस इज
अबाउट कैंसर दूसरा है हमारी बॉडी की इम्युनिटी तो ऐसा देखा गया है कि जब हम कम सोते हैं तो ब हमारे इंफेक्शन के चांसेस ज्यादा होते हैं इधर मैं एक आपको स्टडी के बारे में बताता हूं जहां उन्होंने दो ग्रुप ऑफ पेशेंट्स को रखा दोनों में नाक में जो फ्लू का वायरस डाल दिया एक ग्रुप नॉर्मल सोया 8 घंटे एक ग्रुप को कम सुलाया गया 5 घंटे से कम जो नहीं सोए 50 पर गट द कोल्ड एंड फ्लू जो ठीक से सोए इट वाज ओनली 18 पर तो यानी कि हम जब कम सोते हैं हमारे
इंफेक्शन होने के चांसेस ज्यादा होते हैं तीसरा मोस्ट इंपोर्टेंट आजकल के टाइम में डायबिटीज देर इज अ डायरेक्ट को रिलेशन दे हंड्रेड्स ऑफ पेपर्स ट शो कि आप जब कम सोते हो आपको इंसुलिन रेजिस्टेंस हो जाती है आपके डायबिटीज के चांसेस ज्यादा होते हैं क्योंकि इंसुलिन कैसे काम करता है हम जो हमारी बॉडी में शुगर होता है वो शुगर हैज टू गो इनसाइड फ्रॉम द ब्लड इनटू द सेल्स तो वहां एक रिसेप्टर होता है इंसुलिन रिसेप्टर तो इंसुलिन गेट खोलता है भाई शुगर अंदर चले जाओ जब हम सोते नहीं है यह इफेक्ट हो जाता है
इट स्टार्टस विद इंसुलिन रेजिस्टेंस एंड इट बिकम फुल फ्लेज डायबिटीज इसमें बहुत सारे पेपर है देस अ डायरेक्ट वन टू वन कोलेशन ऑलमोस्ट दुनिया की हर डिजीज आपके सोने से लिंक्ड है हा इंक्लूडिंग इंक्लूडिंग कार्डियक देर आर स्टडीज टू शो कि भई हार्ट हार्ट इसका जो इंसीडेंस है दैट इज वेरी मच हायर इफ यू स्लीप लेस इनफैक्ट एक इंटरेस्टिंग स्टडी हावर्ड यूनिवर्सिटी में की थी ग्रीस में ग्रीस में क्या था पहले एक सिस्टम था कि लोग सुबह काम करते थे आफ्टरनून एक से पाच यू नो दे वुड रिलैक्स टेक अ सिस्टा एंड देन फिर शाम
को काम करते थे तो फिर कुछ पार्ट्स ऑफ ग्रीस में उन्होने लॉ चेंज कर दिया बोला भा आपको पूरा दिन काम करना पड़ेगा उनकी लाइफ चेंज कर दी कुछ पार्ट्स में दे वर दे कंटिन्यू द ओल्ड यह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने स्टडी की थी सात साल उन्होंने देखा कि जिनकी जो स्लीप पैटर्न चेंज किया था ओके देर वास 30 पर रीज इन मोर्टालिटी बिकॉज ऑफ हार्ट अटैक्स मतलब हार्ट अटैक से 30 पर ज्यादा लोग मरे एस कंपेयर टू दोस जो अपनी शांति की जिंदगी सुबह आओ दोपहर को सो आराम से काम करो तो यह बड़ी इंटरेस्टिंग
स्टडी थी हार्वर्ड से एक बहुत इंटरेस्टिंग चीज जो जानना चाहिए कि इस कम स्लीप से हार्मोस प डायरेक्ट इफेक्ट होता है तो कम स्लीप से जो टेस्टोस्टेरोन है हमारा वो बॉडी में कम हो जाता है कम स्लीप से जो हमारा स्पर्म काउंट है 23 पर कम हो जाता है इन मेल्स सो यदि आप ये सब साइंटिफिक पेपर जो लोग आ घंटे सोते हैं उनका एक स्पर्म काउंट एवरेज जो कम सोते हैं 23 पर लेस स्पर्म काउंट 20 लेस टेस्टोस्टेरोन और मेमन में एक हार्मोन होता है फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन एफएस वो भी कम हो जाता है
सो इसका डायरेक्ट इफेक्ट से भी होता है एक स्टडी थी जहां सिर्फ उन्होंने जैसे अपीयरेंस आजकल लोग वेरी कॉशस अबाउट अपीयरेंस तो एक स्टडी की गई थी स्वीडन से वहा उन्होंने क्या किया कुछ लोग जो पूरा आ घंटे सोए कुछ लोग कम फिर इन सबको बुला के फिर कोई बाहर वाले लोग जिनको पता नहीं था क्या हो रहा है उनको पूछा कौन ज्यादा अट्रैक्टिव लगता है कौन ज्यादा अवेक लगता है कौन कम टायर्ड लगता है एंड दे फाउंड कि जो आठ घंटे सोए थे दे वर लुकिंग मोर अट्रैक्टिव मतलब लुकिंग मी मतलब किसी और ऑब्जर्वर
ने आके बोला उन्होंने सबको देखा उनको पता नहीं क्या हो रहा है उनको बोला गया था ये अट्रैक्टिव है नहीं है और जो आठ घंटे सोए थे उनमें अट्रैक्टिव ज्यादा डिटेक्ट हुई एस अ अन बायड ऑब्जर्वर मैं क्यों आजकल अट्रैक्टिव इज इंपोर्टेंट यू नो पीपल वांट टू तो आप आठ घंटे सो ट्स व्हाई इट्स कॉल्ड ब्यूटी स्लीप एक नाम था पहले ब्यूटी स्लीप कि आप जब आठ घंटे सो सो यू विल हैव गुड स्लीप तो ऐसा तो मैं एक एंडलेस लिस्ट ऑफ बीमारियां है जिसके ऊपर साइंस ने दिखाया है मैं डायबिटीज कैंसर इंफेक्शन की सिर्फ
बात कर रहा हूं बट हार्ट की बट ऐसी बहुत सारी बीमारियां हैं मैं तो मैंने तो उस परे गया ही नहीं जो साइकेट्रिक बीमारिया वो तो एक अलग टॉपिक है तो साइकेट्रिक बीमारियों का इससे डायरेक्ट कनेक्शन है डिमेंशिया एज जैसे हम ओल्ड हो जाते हैं तो हमारा माइंड स् खराब हो जा मतलब मेमोरी कम हो जाती है दिस इज कॉल्ड डिमेंशिया इसमें क्या होता है कि जो माइंड ब्रेन है हमारा एज के हिसाब से श्रिंक होने लगता है और जो श्रंक पार्ट होता है वह सामने वाला फ्रंटल एरिया ज्यादा होता है तो इनकी जो मेमोरी
है रिसेंट मेमरी लॉस हो जाती है वो भूल जाते हैं तो कम स्लीप का इससे डायरेक्ट कनेक्शन है जो लोग कम सोते हैं उनमें डिमेंशिया इट शोन इन साइंटिफिक पेपर्स उनको ज्यादा इंस्टेंस होता है तो ऐसे तो मैं पूरा एक घं लग जाएगा सिर्फ बीमारी को लिस्ट करना पर पॉइंट यह है कि यदि हम अपने आठ घंटे सोए तो जो मेजर बीमारियां हैं जिसका हमको डर है फ्रॉम फिजिकल थिंग्स टू मेंटल इमोशनल डिप्रेशन एंजाइटी बाइपोलर डिसऑर्डर सबका जो इंसीडेंस है वो ऑटोमेटिक कम हो जाएगा एक पॉजिटिव ट्विस्ट लाना चाहूंगा एंड में अगर आप नींद पर
फोकस नहीं कर रहे हो तो बीमारियां तो होंगी ही पर अगर आप नींद पे फोकस कर रहे हो तो आपका करियर आपके रिलेशनशिप हम आप ु आपकी हेल्थ सारे बेनिफिट कर स्कूल में हमें हिस्ट्री जियोग्राफी मैथ्स फिजिक्स सिखाया जाता है कैसे सोते हैं यह नहीं सिखाया जाता और उसके लिए है आपके लिए द रणवीर शो थैंक यू डॉक्टर आलोक अ हैड फन टुडे आईड फन इट वाज ग्रेट अभी मोदी जी की एक ड्रीम भी हमने संपूर्ण कर दी कि एक स्लीप रिलेटेड कंटेंट पीस होना चाहिए डॉक्टर मजा आ गया होपिटल थैंक यू डियर सो दोस्तों
यही था आज का एपिसोड डॉक्टर आलोक मेरे एक ऑफ कैमरा फ्रेंड भी है इनके साथ मैं बहुत सारे डीप कन्वर्सेशन करता हूं जिंदगी के बारे में स्पिरिचुअलिटी के बारे में ब्रेन के बारे में कमेंट सेक्शन में बस यह बताओ कि इनके साथ हमें और कैसे एपिसोड क्रिएट करने चाहिए इनके साथ आने वाले हफ्तों में आप कुछ इंग्लिश एपिसोड्स भी देखोगे जहां हमने एवोल्यूशन ऑफ द ह्यूमन माइंड के बारे में बात करी है पर अभी के लिए हम नीचे लिंक कर देंगे उनका एक पुराना इंग्लिश एपिसोड ही इज वन ऑफ माय फेवरेट गेस्ट्स दैट वी हैड
ऑन टीआरएस एवर डॉ आलोक शर्मा लौट कर आएंगे आप भी लौट कर आ जाना एक नए टीआरएस एपिसोड के लिए आपके नॉलेज लेवल्स बढ़ते जाएंगे जैसे-जैसे हमारे व्यूज बढ़े तो प्लीज व्यूज बढ़ाना इस एपिसोड को दोस्तों के साथ फैमिली के साथ शेयर करना एंड नवीर एन द टीम विल बी बैक वेरी वेरी [संगीत] सून h [संगीत]
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